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"जिग्नेश! बस, अब और नहीं। कॉलेज का टाइम होने वाला है। मुझे घर जाना है। नहीं तो मम्मी को फिर शक हो जाएगा और फिर से परेशानी हो जाएगी।" किंजल जिग्नेश को दूर करते हुए बोली।
"बस 5 मिनट।" जिग्नेश उसे वापस खींचता हुआ बोला।
"कोई 5 मिनट नहीं। दो बार हो चुका है मेरे अंदर और जान नहीं है।" किंजल फिर कसमसाई। पर अंदर से उसका और मन कर रहा था। उसे अब तक वह शांति नहीं मिली थी जो इस नई नई जवानी में मिलनी चाहिए। वह घर पर कोई क्लेश नहीं चाहती थी इसलिए उसमें फटाफट उठना ही सही समझा। दोनों एक सस्ते ओयो रूम में आए थे। किंजल और उसकी सहेली ने आज कॉलेज बंक किया था। वह दूसरे कमरे में अपने बॉयफ्रेंड के साथ थी।
किंजल उठकर कपड़े पहनने लगी।
"सुन तुझसे कुछ कहना था।" जिग्नेश वैसे ही नंगा लेटा लेटा बोला।
"हां बोल।"
"अगले महीने मेरे एक दोस्त की शादी है। मैंने रेमंड के शोरूम के बाहर एक बहुत बढ़िया सूट देखा था। पर था बहुत महंगा। मेरी इतनी कैपेसिटी नहीं है। तू कुछ हेल्प कर देगी?।" जिग्नेश बोला।
"जानू यह भी कोई पूछने की बात है। तु बस एक बार बोल मैं तो हमेशा तेरे साथ हूं।" किंजल मैं जिग्नेश की तरफ प्यार से देख कर बोला।
"अभी 6 महीने पहले ही तुमने मुझे फोन गिफ्ट किया था, तुम मुझे ऐसे पूछना अच्छा नहीं लग रहा था।" जिग्नेश धीरे से बोला।
"क्यों तू मुझे अपना नहीं समझता क्या?"
"अच्छा ठीक है मैं बहस नहीं करता तुझे जैसे ठीक लगे मुझे बता देना।"जिग्नेश अंदर ही अंदर खुश होते हुए बेड से उठा और कपड़े पहनने लगा।
किंजल ने अपनी सहेली को मैसेज डाला कि वह निकल रही है। उसने रिप्लाई किया कि वह भी बाहर आ रही है। चारों एक साथ होटल से बाहर निकले। किंजल और निधि किंजल की एक्टिवा पर बैठकर घर के लिए निकल गए।
"और फिर कितने रन मारे" निधि ने पीछे बैठे पूछा।
"अच्छा जी! अपने रन गिन। मुझे तो प्यार करता है रन की कोई चिंता नहीं करती।" किंजल की तरह से हुए बोली।
निधि ने मस्ती से उसकी कमर में चिकोटी काटी।
"आह!!!" अचानक कमर के नीचे हुए तेज दर्द से किंजल की आंख खुली। उसने अपनेआपको डिस्पेंसरी के वार्ड में पाया। उसने चारों और देखा। वार्ड में 6 बेड लगे थे। उसके अलावा सिर्फ एक मरीज और थी। दर्द और नींद की वजह से किंजल को साफ दिखाई नहीं दे रहा था। उसके पूरे शरीर में दर्द हो रहा था। हाथ में ग्लूकोस की ड्रिप लगी थी। उसने सोचा भी नहीं था जेल में उसके साथ यह सलूक होने वाला है। उसने पास रखे गिलास से पानी उठाकर पिया और फिर से नींद के आगोश में चली गई।
सुबह एक औरत ने हिला कर किंजल को जगाया। किंजल के शरीर में अभी भी उठते वक्त दर्द हो रहा था। उसने देखा वह औरत कैदी ही थी लेकिन शायद वार्ड नर्स का काम कर रही थी। करीब 35 40 साल की साफ-सुथरी औरत थी। उसने किंजल को खाने की थाली दी और साथ में दवाई दी। किंजल ने खाना खाना शुरू किया उसने देखा उसके सामने बैठी औरत को भी नर्स ने खाना दे दिया था। यह वही काली औरत थी जिसकी लॉन्ड्री में ठुकाई हुई थी। बिचारी ठीक से बैठ भी नहीं पा रही थी बाजू पर चोटों के निशान पड़े हुए थे। किंजल को उसे देख कर बहुत दया आ रही थी। पर तभी उसे याद आया कि यह तो बच्चे किडनैप करने वाली है। तभी डॉक्टर भी अंदर आई। गोरी चिट्टी 33 साल की महिला थी। सूट पहना हुआ था ऊपर से डॉक्टर का कोट। उसने किंजल को चेक किया और कहा, "बचाव हो गया कोई अंदरूनी चोट नहीं लगी। थोड़ी देर में तुझे डिस्चार्ज कर दूंगी अपनी दवाई लेती रहना।" किंजल को सुनकर सुकून मिला।
डॉक्टर दोनों को चेक करके चली गई।
वह काली औरत किंजल की तरफ ही देख रही थी। किंजल ने उसकी ओर देखा और पूछा "आपका क्या नाम है?"
"सरिता"
"वह मौसी ने आपके साथ ऐसा क्यों किया?" किंजल ने पूछा।
"तुझे क्या लेना अपने काम से काम रखना।" सरिता ने तीखा सा जवाब दिया।
इतने में शिफा और सोनिया अंदर आई। दोनों किनजल के पास आकर खड़ी हो गई। "तुझे बोला था ना दूर रहना सबसे। समझ नहीं आई थी क्या?" सोनिया ने पूछा
"मैंने कुछ नहीं किया उन सब ने ही अचानक से पकड़ कर मुझे मारना शुरू कर दिया। यह जरूर उस मौसी ने करवाया होगा।" किंजल रोवासी होती हुई बोली।
"अगर मौसी ने करना होता ना तो वह सामने देख उसकी क्या हालत की है। ऐसे भी तुझे टाइम दिया है। ये बाकी लोगों को वैसे ही खुजली होती है।" सोनिया ने जवाब दिया।
"आंटी में आपके साथ काम करूंगी। बस मुझे उस बैरक में नही जाना और मौसी से बचा लो।" कीजल को फिर घबराहट होने लगी।
"टेंशन मत ले मैं देखती हूं कुछ।" शिफा ने उसका हाथ पकड़ के बोला। शिफा और सोनिया उठ के बाहर जाने लगी। बाहर आके सोनिया बोली।" ये अच्छा माल कमा के देगी।"
"आपको मौसी ने कोई ऑफर नहीं दिया था क्या?" किंजल ने फिर सरिता को पूछा।
"नहीं जिस बच्चे को मैंने और मेरे पति ने किडनैप किया था उसके बाप ने मौसी को शायद ज्यादा माल खिलाया है इसीलिए उसने मेरी यह हालत की।" सरिता बोली। "बहुत बड़ी गलती हो गई। यहां तो मेरा जीना नर्क हो गया है। तेरे बारे में भी सुना मैंने। तुझे क्या पड़ी थी अपने मां-बाप को मारने की?" किंजल ने शर्म से सर दूसरी तरफ कर लिया और कोई जवाब नही दिया।
"तुमने बताया नही किसी को कि किसने किया तुम्हारे साथ ये सब।" किंजल ने पूछा।
"अभी जिंदा हूं, बताऊंगी तो जान भी नहीं बचेगी।"
किंजल चुपचाप इधर उधर देखने लगी।
उधर शिफा वार्डन के ऑफिस में।
"मैडम वह डबल मर्डर वाली किंजल को मेरे बैरक में शिफ्ट कर दो। वो मेरे साथ काम करने को राजी है।" शिफा ने बोला।
"तूने कैसे मनाया उस बड़े घर की औलाद को?" वार्डन ने आराम से कुर्सी पे पीछे पीठ सीधी करते हुए पूछा।
"डर अच्छे अच्छों का दिमाग खोल देता है, यह तो फिर कल की छोकरी है" शिफा ने मुस्कुराते हुए कहा।
"ठीक है मैं आर्डर भेज दूंगी। पर माल टाइम पर आ जाना चाहिए।" वार्डन ने बोला।
"वह मेरी जिम्मेदारी"शिफा ने निकलते हुए बोला।
उधर किंजल को दोपहर का खाना आ गया। नर्स ने सरिता से पूछा। "अब हालत कैसी है।"
"हगते मूटते बहुत दर्द होता है।" सरिता ने लाचारी से जवाब दिया।
"कोई न। क्रीम लगाती रह और दावा लेती रह। आगे से इन लोगों से दूर ही रह।" नर्स ने समझाया।
सरिता बेचारी क्या बताती। वो तो दूर ही थी। वो खुद उसे घसीट ले गए।
तभी शिफा आई। "तेरा काम कर दिया है आज तू हमारे बैरक में सोएगी। मौसी से भी मैंने बात कर ली है। जल्दी से ठीक हो कर काम पर लग जा ताकी मौसी को पहली किस्त भेज दू।"
"थैंक यू। पर मुझे काम क्या करना होगा?" किंजल ने पूछा।
"बता दूंगी
पहले ठीक हो कर बाहर आ जा आराम कर ले।" शिफा निकल गई।
"बस 5 मिनट।" जिग्नेश उसे वापस खींचता हुआ बोला।
"कोई 5 मिनट नहीं। दो बार हो चुका है मेरे अंदर और जान नहीं है।" किंजल फिर कसमसाई। पर अंदर से उसका और मन कर रहा था। उसे अब तक वह शांति नहीं मिली थी जो इस नई नई जवानी में मिलनी चाहिए। वह घर पर कोई क्लेश नहीं चाहती थी इसलिए उसमें फटाफट उठना ही सही समझा। दोनों एक सस्ते ओयो रूम में आए थे। किंजल और उसकी सहेली ने आज कॉलेज बंक किया था। वह दूसरे कमरे में अपने बॉयफ्रेंड के साथ थी।
किंजल उठकर कपड़े पहनने लगी।
"सुन तुझसे कुछ कहना था।" जिग्नेश वैसे ही नंगा लेटा लेटा बोला।
"हां बोल।"
"अगले महीने मेरे एक दोस्त की शादी है। मैंने रेमंड के शोरूम के बाहर एक बहुत बढ़िया सूट देखा था। पर था बहुत महंगा। मेरी इतनी कैपेसिटी नहीं है। तू कुछ हेल्प कर देगी?।" जिग्नेश बोला।
"जानू यह भी कोई पूछने की बात है। तु बस एक बार बोल मैं तो हमेशा तेरे साथ हूं।" किंजल मैं जिग्नेश की तरफ प्यार से देख कर बोला।
"अभी 6 महीने पहले ही तुमने मुझे फोन गिफ्ट किया था, तुम मुझे ऐसे पूछना अच्छा नहीं लग रहा था।" जिग्नेश धीरे से बोला।
"क्यों तू मुझे अपना नहीं समझता क्या?"
"अच्छा ठीक है मैं बहस नहीं करता तुझे जैसे ठीक लगे मुझे बता देना।"जिग्नेश अंदर ही अंदर खुश होते हुए बेड से उठा और कपड़े पहनने लगा।
किंजल ने अपनी सहेली को मैसेज डाला कि वह निकल रही है। उसने रिप्लाई किया कि वह भी बाहर आ रही है। चारों एक साथ होटल से बाहर निकले। किंजल और निधि किंजल की एक्टिवा पर बैठकर घर के लिए निकल गए।
"और फिर कितने रन मारे" निधि ने पीछे बैठे पूछा।
"अच्छा जी! अपने रन गिन। मुझे तो प्यार करता है रन की कोई चिंता नहीं करती।" किंजल की तरह से हुए बोली।
निधि ने मस्ती से उसकी कमर में चिकोटी काटी।
"आह!!!" अचानक कमर के नीचे हुए तेज दर्द से किंजल की आंख खुली। उसने अपनेआपको डिस्पेंसरी के वार्ड में पाया। उसने चारों और देखा। वार्ड में 6 बेड लगे थे। उसके अलावा सिर्फ एक मरीज और थी। दर्द और नींद की वजह से किंजल को साफ दिखाई नहीं दे रहा था। उसके पूरे शरीर में दर्द हो रहा था। हाथ में ग्लूकोस की ड्रिप लगी थी। उसने सोचा भी नहीं था जेल में उसके साथ यह सलूक होने वाला है। उसने पास रखे गिलास से पानी उठाकर पिया और फिर से नींद के आगोश में चली गई।
सुबह एक औरत ने हिला कर किंजल को जगाया। किंजल के शरीर में अभी भी उठते वक्त दर्द हो रहा था। उसने देखा वह औरत कैदी ही थी लेकिन शायद वार्ड नर्स का काम कर रही थी। करीब 35 40 साल की साफ-सुथरी औरत थी। उसने किंजल को खाने की थाली दी और साथ में दवाई दी। किंजल ने खाना खाना शुरू किया उसने देखा उसके सामने बैठी औरत को भी नर्स ने खाना दे दिया था। यह वही काली औरत थी जिसकी लॉन्ड्री में ठुकाई हुई थी। बिचारी ठीक से बैठ भी नहीं पा रही थी बाजू पर चोटों के निशान पड़े हुए थे। किंजल को उसे देख कर बहुत दया आ रही थी। पर तभी उसे याद आया कि यह तो बच्चे किडनैप करने वाली है। तभी डॉक्टर भी अंदर आई। गोरी चिट्टी 33 साल की महिला थी। सूट पहना हुआ था ऊपर से डॉक्टर का कोट। उसने किंजल को चेक किया और कहा, "बचाव हो गया कोई अंदरूनी चोट नहीं लगी। थोड़ी देर में तुझे डिस्चार्ज कर दूंगी अपनी दवाई लेती रहना।" किंजल को सुनकर सुकून मिला।
डॉक्टर दोनों को चेक करके चली गई।
वह काली औरत किंजल की तरफ ही देख रही थी। किंजल ने उसकी ओर देखा और पूछा "आपका क्या नाम है?"
"सरिता"
"वह मौसी ने आपके साथ ऐसा क्यों किया?" किंजल ने पूछा।
"तुझे क्या लेना अपने काम से काम रखना।" सरिता ने तीखा सा जवाब दिया।
इतने में शिफा और सोनिया अंदर आई। दोनों किनजल के पास आकर खड़ी हो गई। "तुझे बोला था ना दूर रहना सबसे। समझ नहीं आई थी क्या?" सोनिया ने पूछा
"मैंने कुछ नहीं किया उन सब ने ही अचानक से पकड़ कर मुझे मारना शुरू कर दिया। यह जरूर उस मौसी ने करवाया होगा।" किंजल रोवासी होती हुई बोली।
"अगर मौसी ने करना होता ना तो वह सामने देख उसकी क्या हालत की है। ऐसे भी तुझे टाइम दिया है। ये बाकी लोगों को वैसे ही खुजली होती है।" सोनिया ने जवाब दिया।
"आंटी में आपके साथ काम करूंगी। बस मुझे उस बैरक में नही जाना और मौसी से बचा लो।" कीजल को फिर घबराहट होने लगी।
"टेंशन मत ले मैं देखती हूं कुछ।" शिफा ने उसका हाथ पकड़ के बोला। शिफा और सोनिया उठ के बाहर जाने लगी। बाहर आके सोनिया बोली।" ये अच्छा माल कमा के देगी।"
"आपको मौसी ने कोई ऑफर नहीं दिया था क्या?" किंजल ने फिर सरिता को पूछा।
"नहीं जिस बच्चे को मैंने और मेरे पति ने किडनैप किया था उसके बाप ने मौसी को शायद ज्यादा माल खिलाया है इसीलिए उसने मेरी यह हालत की।" सरिता बोली। "बहुत बड़ी गलती हो गई। यहां तो मेरा जीना नर्क हो गया है। तेरे बारे में भी सुना मैंने। तुझे क्या पड़ी थी अपने मां-बाप को मारने की?" किंजल ने शर्म से सर दूसरी तरफ कर लिया और कोई जवाब नही दिया।
"तुमने बताया नही किसी को कि किसने किया तुम्हारे साथ ये सब।" किंजल ने पूछा।
"अभी जिंदा हूं, बताऊंगी तो जान भी नहीं बचेगी।"
किंजल चुपचाप इधर उधर देखने लगी।
उधर शिफा वार्डन के ऑफिस में।
"मैडम वह डबल मर्डर वाली किंजल को मेरे बैरक में शिफ्ट कर दो। वो मेरे साथ काम करने को राजी है।" शिफा ने बोला।
"तूने कैसे मनाया उस बड़े घर की औलाद को?" वार्डन ने आराम से कुर्सी पे पीछे पीठ सीधी करते हुए पूछा।
"डर अच्छे अच्छों का दिमाग खोल देता है, यह तो फिर कल की छोकरी है" शिफा ने मुस्कुराते हुए कहा।
"ठीक है मैं आर्डर भेज दूंगी। पर माल टाइम पर आ जाना चाहिए।" वार्डन ने बोला।
"वह मेरी जिम्मेदारी"शिफा ने निकलते हुए बोला।
उधर किंजल को दोपहर का खाना आ गया। नर्स ने सरिता से पूछा। "अब हालत कैसी है।"
"हगते मूटते बहुत दर्द होता है।" सरिता ने लाचारी से जवाब दिया।
"कोई न। क्रीम लगाती रह और दावा लेती रह। आगे से इन लोगों से दूर ही रह।" नर्स ने समझाया।
सरिता बेचारी क्या बताती। वो तो दूर ही थी। वो खुद उसे घसीट ले गए।
तभी शिफा आई। "तेरा काम कर दिया है आज तू हमारे बैरक में सोएगी। मौसी से भी मैंने बात कर ली है। जल्दी से ठीक हो कर काम पर लग जा ताकी मौसी को पहली किस्त भेज दू।"
"थैंक यू। पर मुझे काम क्या करना होगा?" किंजल ने पूछा।
"बता दूंगी
पहले ठीक हो कर बाहर आ जा आराम कर ले।" शिफा निकल गई।