अब ये बोरी में कौन बंद है??3 दिन बीत चुके थे। जेल का सिस्टम रोज की तरह काम कर रहा था। इस जेल में भी मिलने के लिए लोग आते थे। लेकिन यहां मर्दों की जेल की तरह उतनी भीड़ नहीं होती थी। जब कभी कोई किसी कैदी को मिलने आता था तो उसे बुलावा आता था। मिलने के बाद वापस आते समय किसी की आंखों में खुशी किसी की आंखों में आंसू और कई गुस्से से भरे होते थे। पर इतने दिन में किंजल को मिलने वाला कोई नहीं आया। आज एक गार्ड ने किंजल को बोला "तुझसे मिलने कोई आया है।"
पास खड़ी शिफा बोली,"तेरा वकील होगा मैंने अपने का आदमी को बोला था जा मिलकर आ।"
किंजल गार्ड के पीछे पीछे चल दी। मीटिंग एरिया में एक बड़े कमरे में बड़ी सी जाली लगी थी जिसमें एक तरफ मिलने वाला खड़ा होता था और दूसरी तरफ कैदी। किंजल गार्ड के पीछे-पीछे मीटिंग एरिया से भी आगे निकल गई। वह और कैदी भी कुछ घूम रहे थे। दिखाओ वहां काले कोट में एक आदमी अकेला बैठा था। गार्ड ने किंजल को उस आदमी की तरफ इशारा किया और वहां से वापस चली गई। उसके हाथ में एक फाइल थी। किंजल उसके पास जाकर खड़ी हो गई। "आओ बैठो।" पिंटू की एक 45 साल का आदमी था उसने किंजल को इशारे से अपने पास बैठने को बोला। चश्मा पहन रखा था । दिखने में ही काफी अनुभवी लग रहा था। "यह कागज पर साइन कर दो। अब से मैं तुम्हारा वकील हूं। एक बार तुम्हारा केस स्टडी कर लू फिर मिलता हूं।"
"जी ठीक है।" किंजल ने सर हिलाया।
"ये जेल के कपड़े क्यों पहने है?" पिंटू ने पूछा।
"और कोई थे नही। तो इन्होंने यही दे दिए।" किंजल ने जवाब दिया।
"शिफा को बोलो दूसरे कपड़े दिलवाएगी। इनकी अभी जरूरत नहीं है। अब तुम जाओ।" वकील कागजों को देखता हुआ बोला। किंजल उठी और वापिस जाने लगी। पिंटू किंजल को जाता हुआ देख रहा था। ढीले कपड़ो में भी उसके बदन को xray निकाल रहा था। "शिफा बहुत कमिनी है तू। अपने मतलब का माल छोड़ती नही है। साला बाहर से ज्यादा तो तू अंदर कमा रही है।" पिंटू उठता हुआ अपने आप से बोला। और बाहर की तरफ चल दिया।
"क्या बोला वकील?" अंदर आते ही सोनिया ने किंजल को पूछा। "कुछ नही। बोला कैस स्टडी करके बताएगा।" किंजल ने जवाब दिया।
"ये बड़ा छुपा रुस्तम है। केस को केसे निकालते है अच्छे से जानता है। एक नंबर जुगाड़ी है। कुछ न कुछ जरूर करेगा।" शिफा हौंसला देते हुए बोली।
किंजल बाहर घूम रही थी। शिफा भी किंजल के साथ चलने लगी। "सुन तू जाके आराम कर। आज शाम को काम करना है तुझे।" किंजल ने शिफा की तरफ देखा। आंखों में घबराहट थी। शिफा बोल कर आगे बढ़ गई।
रोज की तरह दिन निकल गया। शाम को किंजल और सब अपने बैरक में बैठे थे। शिफा बैरक में आई। उसके पास एक पैकेट था। उसने पैकेट किंजल की तरफ फेंका। "चल जल्दी से पहन।"
किंजल ने पैकेट खोला। उसमे एक स्कर्ट और टी शर्ट था। किंजल शिफा की तरफ देखने लगी। "जल्दी कर देख क्या रही है।" शिफा आंखे दिखा कर बोली। "ऐ सोनिया, चल तुझे भी साथ जाना है।"
"क्या? मुझे क्यों? किसी और को भेजो ना।" सोनिया हड़बड़ा गई। वो इसके लिए तैयार नहीं थी।
"तेरे लिए ही बोला है। जल्दी कर।" शिफा जल्दी में थी।
"पर है कौन?"
"बताती हू। तू तैयार हो।" शिफा बोली।
किंजल ने चुपचाप कपड़े उतार कर स्कर्ट और टी शर्ट पहन लिया। गजब की सेक्सी लग रही थी। सोनिया और शिफा उसकी खूबसूरती देखने लगे। सोनिया ने भी जेल का सलवार कुर्ता उतार के टीशर्ट पजामा पहन लिया। किंजल का दिल जोरो से धड़क रहा था। उसे पता था ये दिन आने वाला है।
"तुम दोनो को आज दूसरी जेल में जाना है। वही पर काम करना है।" शिफा ने बाहर निकलते हुए बोला। किंजल की आंखों के आगे कुसुम की हालत घूमने लगी जो उसकी जेल से आने के बाद थी। दोनो ने खुद को काली चादर में लपेट लिया। तीनो रसोई की तरफ बढ़ने लगे। रसोई में अंदर खाना तैयार होने वाली जगह से स्टोर को तरफ गए। जहा सारा राशन और सब्जियां थी। उसके पीछे के दरवाजे से तीनो बाहर निकले। वहा एक ड्राइवर और एक महिला गार्ड जेल की bolero गाड़ी खड़े थे। गार्ड ने शिफा को देखा और ड्राइवर और गार्ड दोनो आगे की सीट पर बैठ गए। शिफा ने सोनिया को साइड में ले जाके सब समझाया। सोनिया ने जाकर किंजल का हाथ पकड़ा और उसे लेकर पिछली सीट पर बैठ गई। गाड़ी चल पड़ी। पिछले कांच काले थे।
गाड़ी गेट पर पहुंची। गेट पर खड़े गार्ड ने गेट खोला और बोलेरो बाहर सड़क पर आ गई। किंजल ने इतने दिनो बाद बाहर देखा था। पर अंधेरे में कुछ नही दिख रहा था।
"गूं गूं गूं गूं गूं।।" किंजल और सोनिया ने आवाज की दिशा में पीछे दिखा। पीछे की सीट पर एक बोरी थी जो हिल रही थी। सोनिया ने किंजल का चेहरा आगे कर दिया। और ना में सर हिलाया। किंजल ये देख डर से कांप गई। तभी गाड़ी दूसरी जेल के गेट पे आ गई। गार्ड ने हाथ बाहर निकाल इशारा किया। गेट पर खड़े गार्ड ने
गेट खोल दिया।
Super update3 दिन बीत चुके थे। जेल का सिस्टम रोज की तरह काम कर रहा था। इस जेल में भी मिलने के लिए लोग आते थे। लेकिन यहां मर्दों की जेल की तरह उतनी भीड़ नहीं होती थी। जब कभी कोई किसी कैदी को मिलने आता था तो उसे बुलावा आता था। मिलने के बाद वापस आते समय किसी की आंखों में खुशी किसी की आंखों में आंसू और कई गुस्से से भरे होते थे। पर इतने दिन में किंजल को मिलने वाला कोई नहीं आया। आज एक गार्ड ने किंजल को बोला "तुझसे मिलने कोई आया है।"
पास खड़ी शिफा बोली,"तेरा वकील होगा मैंने अपने का आदमी को बोला था जा मिलकर आ।"
किंजल गार्ड के पीछे पीछे चल दी। मीटिंग एरिया में एक बड़े कमरे में बड़ी सी जाली लगी थी जिसमें एक तरफ मिलने वाला खड़ा होता था और दूसरी तरफ कैदी। किंजल गार्ड के पीछे-पीछे मीटिंग एरिया से भी आगे निकल गई। वह और कैदी भी कुछ घूम रहे थे। दिखाओ वहां काले कोट में एक आदमी अकेला बैठा था। गार्ड ने किंजल को उस आदमी की तरफ इशारा किया और वहां से वापस चली गई। उसके हाथ में एक फाइल थी। किंजल उसके पास जाकर खड़ी हो गई। "आओ बैठो।" पिंटू की एक 45 साल का आदमी था उसने किंजल को इशारे से अपने पास बैठने को बोला। चश्मा पहन रखा था । दिखने में ही काफी अनुभवी लग रहा था। "यह कागज पर साइन कर दो। अब से मैं तुम्हारा वकील हूं। एक बार तुम्हारा केस स्टडी कर लू फिर मिलता हूं।"
"जी ठीक है।" किंजल ने सर हिलाया।
"ये जेल के कपड़े क्यों पहने है?" पिंटू ने पूछा।
"और कोई थे नही। तो इन्होंने यही दे दिए।" किंजल ने जवाब दिया।
"शिफा को बोलो दूसरे कपड़े दिलवाएगी। इनकी अभी जरूरत नहीं है। अब तुम जाओ।" वकील कागजों को देखता हुआ बोला। किंजल उठी और वापिस जाने लगी। पिंटू किंजल को जाता हुआ देख रहा था। ढीले कपड़ो में भी उसके बदन को xray निकाल रहा था। "शिफा बहुत कमिनी है तू। अपने मतलब का माल छोड़ती नही है। साला बाहर से ज्यादा तो तू अंदर कमा रही है।" पिंटू उठता हुआ अपने आप से बोला। और बाहर की तरफ चल दिया।
"क्या बोला वकील?" अंदर आते ही सोनिया ने किंजल को पूछा। "कुछ नही। बोला कैस स्टडी करके बताएगा।" किंजल ने जवाब दिया।
"ये बड़ा छुपा रुस्तम है। केस को केसे निकालते है अच्छे से जानता है। एक नंबर जुगाड़ी है। कुछ न कुछ जरूर करेगा।" शिफा हौंसला देते हुए बोली।
किंजल बाहर घूम रही थी। शिफा भी किंजल के साथ चलने लगी। "सुन तू जाके आराम कर। आज शाम को काम करना है तुझे।" किंजल ने शिफा की तरफ देखा। आंखों में घबराहट थी। शिफा बोल कर आगे बढ़ गई।
रोज की तरह दिन निकल गया। शाम को किंजल और सब अपने बैरक में बैठे थे। शिफा बैरक में आई। उसके पास एक पैकेट था। उसने पैकेट किंजल की तरफ फेंका। "चल जल्दी से पहन।"
किंजल ने पैकेट खोला। उसमे एक स्कर्ट और टी शर्ट था। किंजल शिफा की तरफ देखने लगी। "जल्दी कर देख क्या रही है।" शिफा आंखे दिखा कर बोली। "ऐ सोनिया, चल तुझे भी साथ जाना है।"
"क्या? मुझे क्यों? किसी और को भेजो ना।" सोनिया हड़बड़ा गई। वो इसके लिए तैयार नहीं थी।
"तेरे लिए ही बोला है। जल्दी कर।" शिफा जल्दी में थी।
"पर है कौन?"
"बताती हू। तू तैयार हो।" शिफा बोली।
किंजल ने चुपचाप कपड़े उतार कर स्कर्ट और टी शर्ट पहन लिया। गजब की सेक्सी लग रही थी। सोनिया और शिफा उसकी खूबसूरती देखने लगे। सोनिया ने भी जेल का सलवार कुर्ता उतार के टीशर्ट पजामा पहन लिया। किंजल का दिल जोरो से धड़क रहा था। उसे पता था ये दिन आने वाला है।
"तुम दोनो को आज दूसरी जेल में जाना है। वही पर काम करना है।" शिफा ने बाहर निकलते हुए बोला। किंजल की आंखों के आगे कुसुम की हालत घूमने लगी जो उसकी जेल से आने के बाद थी। दोनो ने खुद को काली चादर में लपेट लिया। तीनो रसोई की तरफ बढ़ने लगे। रसोई में अंदर खाना तैयार होने वाली जगह से स्टोर को तरफ गए। जहा सारा राशन और सब्जियां थी। उसके पीछे के दरवाजे से तीनो बाहर निकले। वहा एक ड्राइवर और एक महिला गार्ड जेल की bolero गाड़ी खड़े थे। गार्ड ने शिफा को देखा और ड्राइवर और गार्ड दोनो आगे की सीट पर बैठ गए। शिफा ने सोनिया को साइड में ले जाके सब समझाया। सोनिया ने जाकर किंजल का हाथ पकड़ा और उसे लेकर पिछली सीट पर बैठ गई। गाड़ी चल पड़ी। पिछले कांच काले थे।
गाड़ी गेट पर पहुंची। गेट पर खड़े गार्ड ने गेट खोला और बोलेरो बाहर सड़क पर आ गई। किंजल ने इतने दिनो बाद बाहर देखा था। पर अंधेरे में कुछ नही दिख रहा था।
"गूं गूं गूं गूं गूं।।" किंजल और सोनिया ने आवाज की दिशा में पीछे दिखा। पीछे की सीट पर एक बोरी थी जो हिल रही थी। सोनिया ने किंजल का चेहरा आगे कर दिया। और ना में सर हिलाया। किंजल ये देख डर से कांप गई। तभी गाड़ी दूसरी जेल के गेट पे आ गई। गार्ड ने हाथ बाहर निकाल इशारा किया। गेट पर खड़े गार्ड ने
गेट खोल दिया।
Nice update3 दिन बीत चुके थे। जेल का सिस्टम रोज की तरह काम कर रहा था। इस जेल में भी मिलने के लिए लोग आते थे। लेकिन यहां मर्दों की जेल की तरह उतनी भीड़ नहीं होती थी। जब कभी कोई किसी कैदी को मिलने आता था तो उसे बुलावा आता था। मिलने के बाद वापस आते समय किसी की आंखों में खुशी किसी की आंखों में आंसू और कई गुस्से से भरे होते थे। पर इतने दिन में किंजल को मिलने वाला कोई नहीं आया। आज एक गार्ड ने किंजल को बोला "तुझसे मिलने कोई आया है।"
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"क्या बोला वकील?" अंदर आते ही सोनिया ने किंजल को पूछा। "कुछ नही। बोला कैस स्टडी करके बताएगा।" किंजल ने जवाब दिया।
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किंजल बाहर घूम रही थी। शिफा भी किंजल के साथ चलने लगी। "सुन तू जाके आराम कर। आज शाम को काम करना है तुझे।" किंजल ने शिफा की तरफ देखा। आंखों में घबराहट थी। शिफा बोल कर आगे बढ़ गई।
रोज की तरह दिन निकल गया। शाम को किंजल और सब अपने बैरक में बैठे थे। शिफा बैरक में आई। उसके पास एक पैकेट था। उसने पैकेट किंजल की तरफ फेंका। "चल जल्दी से पहन।"
किंजल ने पैकेट खोला। उसमे एक स्कर्ट और टी शर्ट था। किंजल शिफा की तरफ देखने लगी। "जल्दी कर देख क्या रही है।" शिफा आंखे दिखा कर बोली। "ऐ सोनिया, चल तुझे भी साथ जाना है।"
"क्या? मुझे क्यों? किसी और को भेजो ना।" सोनिया हड़बड़ा गई। वो इसके लिए तैयार नहीं थी।
"तेरे लिए ही बोला है। जल्दी कर।" शिफा जल्दी में थी।
"पर है कौन?"
"बताती हू। तू तैयार हो।" शिफा बोली।
किंजल ने चुपचाप कपड़े उतार कर स्कर्ट और टी शर्ट पहन लिया। गजब की सेक्सी लग रही थी। सोनिया और शिफा उसकी खूबसूरती देखने लगे। सोनिया ने भी जेल का सलवार कुर्ता उतार के टीशर्ट पजामा पहन लिया। किंजल का दिल जोरो से धड़क रहा था। उसे पता था ये दिन आने वाला है।
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गाड़ी गेट पर पहुंची। गेट पर खड़े गार्ड ने गेट खोला और बोलेरो बाहर सड़क पर आ गई। किंजल ने इतने दिनो बाद बाहर देखा था। पर अंधेरे में कुछ नही दिख रहा था।
"गूं गूं गूं गूं गूं।।" किंजल और सोनिया ने आवाज की दिशा में पीछे दिखा। पीछे की सीट पर एक बोरी थी जो हिल रही थी। सोनिया ने किंजल का चेहरा आगे कर दिया। और ना में सर हिलाया। किंजल ये देख डर से कांप गई। तभी गाड़ी दूसरी जेल के गेट पे आ गई। गार्ड ने हाथ बाहर निकाल इशारा किया। गेट पर खड़े गार्ड ने
गेट खोल दिया।
Bahut hi shaandar update diya hai niks1987 bhai....3 दिन बीत चुके थे। जेल का सिस्टम रोज की तरह काम कर रहा था। इस जेल में भी मिलने के लिए लोग आते थे। लेकिन यहां मर्दों की जेल की तरह उतनी भीड़ नहीं होती थी। जब कभी कोई किसी कैदी को मिलने आता था तो उसे बुलावा आता था। मिलने के बाद वापस आते समय किसी की आंखों में खुशी किसी की आंखों में आंसू और कई गुस्से से भरे होते थे। पर इतने दिन में किंजल को मिलने वाला कोई नहीं आया। आज एक गार्ड ने किंजल को बोला "तुझसे मिलने कोई आया है।"
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किंजल गार्ड के पीछे पीछे चल दी। मीटिंग एरिया में एक बड़े कमरे में बड़ी सी जाली लगी थी जिसमें एक तरफ मिलने वाला खड़ा होता था और दूसरी तरफ कैदी। किंजल गार्ड के पीछे-पीछे मीटिंग एरिया से भी आगे निकल गई। वह और कैदी भी कुछ घूम रहे थे। दिखाओ वहां काले कोट में एक आदमी अकेला बैठा था। गार्ड ने किंजल को उस आदमी की तरफ इशारा किया और वहां से वापस चली गई। उसके हाथ में एक फाइल थी। किंजल उसके पास जाकर खड़ी हो गई। "आओ बैठो।" पिंटू की एक 45 साल का आदमी था उसने किंजल को इशारे से अपने पास बैठने को बोला। चश्मा पहन रखा था । दिखने में ही काफी अनुभवी लग रहा था। "यह कागज पर साइन कर दो। अब से मैं तुम्हारा वकील हूं। एक बार तुम्हारा केस स्टडी कर लू फिर मिलता हूं।"
"जी ठीक है।" किंजल ने सर हिलाया।
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किंजल बाहर घूम रही थी। शिफा भी किंजल के साथ चलने लगी। "सुन तू जाके आराम कर। आज शाम को काम करना है तुझे।" किंजल ने शिफा की तरफ देखा। आंखों में घबराहट थी। शिफा बोल कर आगे बढ़ गई।
रोज की तरह दिन निकल गया। शाम को किंजल और सब अपने बैरक में बैठे थे। शिफा बैरक में आई। उसके पास एक पैकेट था। उसने पैकेट किंजल की तरफ फेंका। "चल जल्दी से पहन।"
किंजल ने पैकेट खोला। उसमे एक स्कर्ट और टी शर्ट था। किंजल शिफा की तरफ देखने लगी। "जल्दी कर देख क्या रही है।" शिफा आंखे दिखा कर बोली। "ऐ सोनिया, चल तुझे भी साथ जाना है।"
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"पर है कौन?"
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किंजल ने चुपचाप कपड़े उतार कर स्कर्ट और टी शर्ट पहन लिया। गजब की सेक्सी लग रही थी। सोनिया और शिफा उसकी खूबसूरती देखने लगे। सोनिया ने भी जेल का सलवार कुर्ता उतार के टीशर्ट पजामा पहन लिया। किंजल का दिल जोरो से धड़क रहा था। उसे पता था ये दिन आने वाला है।
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गाड़ी गेट पर पहुंची। गेट पर खड़े गार्ड ने गेट खोला और बोलेरो बाहर सड़क पर आ गई। किंजल ने इतने दिनो बाद बाहर देखा था। पर अंधेरे में कुछ नही दिख रहा था।
"गूं गूं गूं गूं गूं।।" किंजल और सोनिया ने आवाज की दिशा में पीछे दिखा। पीछे की सीट पर एक बोरी थी जो हिल रही थी। सोनिया ने किंजल का चेहरा आगे कर दिया। और ना में सर हिलाया। किंजल ये देख डर से कांप गई। तभी गाड़ी दूसरी जेल के गेट पे आ गई। गार्ड ने हाथ बाहर निकाल इशारा किया। गेट पर खड़े गार्ड ने
गेट खोल दिया।
Nice and superb update.....3 दिन बीत चुके थे। जेल का सिस्टम रोज की तरह काम कर रहा था। इस जेल में भी मिलने के लिए लोग आते थे। लेकिन यहां मर्दों की जेल की तरह उतनी भीड़ नहीं होती थी। जब कभी कोई किसी कैदी को मिलने आता था तो उसे बुलावा आता था। मिलने के बाद वापस आते समय किसी की आंखों में खुशी किसी की आंखों में आंसू और कई गुस्से से भरे होते थे। पर इतने दिन में किंजल को मिलने वाला कोई नहीं आया। आज एक गार्ड ने किंजल को बोला "तुझसे मिलने कोई आया है।"
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"क्या? मुझे क्यों? किसी और को भेजो ना।" सोनिया हड़बड़ा गई। वो इसके लिए तैयार नहीं थी।
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किंजल ने चुपचाप कपड़े उतार कर स्कर्ट और टी शर्ट पहन लिया। गजब की सेक्सी लग रही थी। सोनिया और शिफा उसकी खूबसूरती देखने लगे। सोनिया ने भी जेल का सलवार कुर्ता उतार के टीशर्ट पजामा पहन लिया। किंजल का दिल जोरो से धड़क रहा था। उसे पता था ये दिन आने वाला है।
"तुम दोनो को आज दूसरी जेल में जाना है। वही पर काम करना है।" शिफा ने बाहर निकलते हुए बोला। किंजल की आंखों के आगे कुसुम की हालत घूमने लगी जो उसकी जेल से आने के बाद थी। दोनो ने खुद को काली चादर में लपेट लिया। तीनो रसोई की तरफ बढ़ने लगे। रसोई में अंदर खाना तैयार होने वाली जगह से स्टोर को तरफ गए। जहा सारा राशन और सब्जियां थी। उसके पीछे के दरवाजे से तीनो बाहर निकले। वहा एक ड्राइवर और एक महिला गार्ड जेल की bolero गाड़ी खड़े थे। गार्ड ने शिफा को देखा और ड्राइवर और गार्ड दोनो आगे की सीट पर बैठ गए। शिफा ने सोनिया को साइड में ले जाके सब समझाया। सोनिया ने जाकर किंजल का हाथ पकड़ा और उसे लेकर पिछली सीट पर बैठ गई। गाड़ी चल पड़ी। पिछले कांच काले थे।
गाड़ी गेट पर पहुंची। गेट पर खड़े गार्ड ने गेट खोला और बोलेरो बाहर सड़क पर आ गई। किंजल ने इतने दिनो बाद बाहर देखा था। पर अंधेरे में कुछ नही दिख रहा था।
"गूं गूं गूं गूं गूं।।" किंजल और सोनिया ने आवाज की दिशा में पीछे दिखा। पीछे की सीट पर एक बोरी थी जो हिल रही थी। सोनिया ने किंजल का चेहरा आगे कर दिया। और ना में सर हिलाया। किंजल ये देख डर से कांप गई। तभी गाड़ी दूसरी जेल के गेट पे आ गई। गार्ड ने हाथ बाहर निकाल इशारा किया। गेट पर खड़े गार्ड ने
गेट खोल दिया।
यही लगता हैअब ये बोरी में कौन बंद है??
सरिता