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Incest माँ के साथ छुपम छुपाई या चुदाई।

Himalaya rahel

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ABHISHEK TRIPATHI

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Update. 4

फिर से स्वागत है दोस्तों।

अब आगे।
सुबह के 7बज रहे थे मै उठा और फ्रेस होने चला गया उसके बाद मे माँ को ढूंढने लगा पर कही नज़र न आई पर तभी बाथरूम से गाने की आवाज सुनाई दी मै समझ गया कि माँ नहा रही है।

मैं भी बाथरूम की ओर चल पड़ा और दरवाजे पर दस्तक दी तो अंदर आवाज आई।
माँ- उठ गया मेरे लाल।
मै- हा माँ तुम नाहा रही हो क्या।
माँ- नही बेटे अभी कपड़े धो रही हूं बाद में नाहउँगी।
मै- माँ।
माँ- हा मेरे लाल।
मै- कुछ मदद चाहिए क्या।
माँ- है मेरे बेटे काफी कपड़े है तो खाली है तो आजा तोड़ी मदद हो जायेगी।
मै- माँ दरवाजा तो खोलो।
माँ- अच्छा रुक।
फिर माँ ने बाथरूम का दरवाजा खोला और अंदर गया तो मेरा लन्ड फिर अकड़ गया क्योंकि माँ उस वक़्त सिर्फ एक पेटिकोट में थी जो उन्होंने अपनी छाती पे बाँध रखा था।

में अंदर गया तो बिल्कुल नंगा था माँ ने मुझे एक तोलिया दिया और मे और माँ कपड़े धोने लगे माँ टट्टी करने की अवस्था मे बैठी थी जिसके कारण उनकी बुर के बाल मुझे नज़र आ रहे थे फिर हम काम करते करते बातें करने लगे।
मै- माँ आपको पापा की याद नहीं आती क्या।
माँ- थोड़ी उदास होकर) आती तो मेरे लाल पर नौकरी भी तो जरूरी है ना।
मै- हा माँ ये बात तो है।
माँ- पर इन आने वाली छुटियों में तेरे पापा और दीदी आने के बाद हम खूब मज़े करेंगे।
मै- हा माँ क्यों नहीं।
माँ- एक बात पूछू।
मै- हा माँ पूछो ना।
माँ- तुझे कंचन कैसी लगती है।
मै- अछि लगती है।
माँ- मेरा मतलब किसी नज़र से है।
मै- माँ अब तुमसे क्या छुपाना में कंचन दीदी को पसंद करता हु।
माँ- मतलब कंचन के साथ भी।
मै- हा माँ अगर दीदी मेरी बहन होती में उनसे शादी कर लेता।
माँ- सच में मेरे लाल इतना प्यार करता है कंचन से।
मै- हा माँ मै औऱ दीदी एक दूसरे के बहुत करीब है।
माँ- तुम दोनों के बीच को है तो नही।
मैं- नही माँ अभी तक तो कुछ नही है।

कपड़े धूल चुके थे और अब बारी थी नहाने की फिर माँ ने कहा कि बेटा बाहर जा मुझे नहाना है पर उनके पास गया और उनसे कहा माँ चलो ना आज मिलके नहाते है जैसे पहले नहाते थे फिर मुस्कुरा पड़ी और कहा तू नही मानेगा फिर मैंने कहा आखिर बेटा किसका हु इतना कहते हुए मैंने उनके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उनका पेटिकोट जमीन पर गिर गया और फिर मैंने भी अपना तोलिया उतार दिया अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे।

और फिर माँ ने मेरा लन्ड थाम लिया और कहा कि बोल आज कैसे नहाए मैं भी उनकी बुर कुरेदने लगा और बाथरूम में सिसकारियां गूंजने लगी मैंने माँ से कहा माँ मुँह में लेलो ना फिर माँ बोली ठीक है मेरे लाल ओर फिर माँ मेरा लन्ड को को खूब चुसने ओर चाटने लगी फिर 10 मिनट के बाद माँ ने मुझसे कहा कि मेरे मेरी मुनिया चाट ले पी ले मेरी बुर का अमृत मेरे लाल और मे जमीन पर लेट गया और माँ मेरे मुँह पर अपनी बुर लेकर बैठ गई और उनकी मुनिया का अनमोल अमृत पिता गया फिर माँ से रहा नही गया और माँ भी जमीन पर लेट गयी और अपनी टाँगे फैलाकर मुझे चढ़ने के बुला रही थी।

आजा मेरे लाल और क्या था मैं उनपर चढ़ गया और अपना लन्ड उनकी बुर में डालने की कोशिश की तो माँ ने मना कर दिया और फिरसे मै उपर से धक्के मारने लगा जिसके कारण हमारी सिसकी फुट पड़ी माँ मेरी अपने नाखूनों के नोच रही थी पर इस तड़प का भी एक अलग ही मज़ा था मैंने माँ आँखों मे देखकर धक्के मारने लगा ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी आँखें पूछ रही हो कि कब माँ आखिर कब तुम मुझे चोदने दोगी कब मुझे अपनी बुर में बीज डालने दोगी कब माँ।

माँ मेरे दिल की बात जानती थी कि उनका बेटा क्या चाहता है पर सविता भी यही चाहती थी उसका बेटा उसे चोद कर गड गड कर दे मगर सविता उसे अपनी बुर के साथ एक और तोफा देना चाहती थी।

मै- माँ मेरा होने वाला है।
माँ- पिला दें मुझे अपना बीज मेरे लाल।
मैं- ये ले मेरी रानी।
मैं माँ के मुँह में झड़ गया और हम साथ में नाहा कर बाहर आ गए उसके बाद हमने साथ मे खाना खाया और अपने कमरो में चले गए क्योंकि बाहर बारिश हो रही इसलिए घूमने भी नहीं जा सकता था।

और फिर मेरे दरवाजे पर दस्तक़ हुई तो मैंने दरवाजा खोला और सामने माँ खड़ी थी फिर माँ बोली।
माँ- क्या कर रहा मेरे लाल।
मै- कुछ नही माँ बस खाली बैठा हूँ।
माँ- चलो न कोई खेल खेलते है।
मै- पर माँ अभी तो दोपहर है।
पर तभी अचानक बिजली चली गयी और पूरी घर मे अंधेरा हो गया क्योंकि बाहर बारिश बहुत तेज़ हो रही थी फिर माँ बोली।
माँ- अब तो खेल सकते ह ना अब तो बिजली भी नहीं है।
मै- ठीक है माँ पर क्या खेले।
माँ- क्यों ना हम सच और साहस(Truth and Dare) खेले।
मै- है माँ ये ठीक है।
माँ- चलो फिर।
मै- कहाँ माँ।
माँ- मेरे कमरे में।

हम माँ के कमरे में आ गए फिर माँ ने लालटेन जलाई ओर खेल शुरू हुआ माँ ने बोतल घुमाई और बोतल और मेरी ओर रुकी फिर माँ ने पूछा सच या साहस मैंने सच चुना तो माँ ने पूछा कि क्या तूने कभी किसी को चोदा है तो मैंने ना में जवाब दिया फिर माँ ने बोतल घुमाई और इस बार बोतल माँ पर रुकी फर मैंने पूछा सच या साहस माँ ने साहस चुना तो मैंने कहा कि आप अपनी साड़ी और ब्लॉस उतार दो फिर माँ खड़ी हुई और अपना साड़ी का पल्लु उतार दिया और अपनी साड़ी खोलने लगी साड़ी उतारने के बाद वो अपनी ब्लॉस के हुक खोलने लगी ऐसा करते हुए वो मेरी आँखों में देख रही थी जैसे वो मुझे ओर तड़पना चाहती हो।

एक बार फिर माँ ने बोतल घुमाई इस बोतल मुझ पर रुकी इस बार मैंने साहस चुना तो माँ ने की तुम अपने सारे कपङे उतार दो चड्डी भी फिर मैंने सारे कपड़े उतार दिए और मेरा लन्ड देखकर माँ मुस्कुरा कर अपनी मुनिया खुजलाने लगी।

फिर बोतल घुमाई फिर से बोतल मुझ पर रुकी तो इस बार मैंने सच चुना तो माँ ने पूछा कि तुम सबसे पहले किसे चोदना चाहते हो तो बोल पड़ा कि मैं सबसे पहले तुम्हे चोदना चाहता हूँ ये सुनकर माँ हस पड़ी और उठ कर माँ पास गया और माँ की बाड़ी(bra) फाड़ दी और उनकी चूची मिसने लगा औऱ माँ भी मेरे बालो को सहला रही थी फिर माँ बोली।
माँ- दूध पीना है।
मै- हा माँ
माँ- तो पिले ना।
मै- पर इनमे दूध कहाँ हैं माँ।
माँ- बहुत जल्द होगा।

फिर मैं खड़ा हुआ और मुठ मारने लगा और मैंने माँ से कहा कि माँ अपना थोड़ा थूक दो ना फिर उन्होंने मेरे लन्ड पर ढेर सारा थूक दिया जिससे मेरा लन्ड चिकना हो गया और 10मिनट मुठ मारने के बाद मैंने सारा बीज उनकी चुचियो पर छोड़ दिया और माँ ने सारा बीज अपनी मोटी चुचियो पर मल लिया और मैंने माँ से कहा कि माँ अपनी चुचियो को धोना मत तो माँ बोल पड़ी ठीक है मेरे लाल फिर माँ ने दूसरी ब्रा पहन ली और में अपने कमरे मे थोड़ी देर सोने चला गया।

To be continued...........
Superb update
 
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Nice update
 

Sameer Kr

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Update.5

तो स्वागत है दोस्तों।

शाम के 7बज रहे थे मैं उठा और कमरे से बाहर निकला तो माँ कही नज़र नहीं आयी तो मैंने माँ को आवाज लगाई तो माँ बोली में रसोई घर मैं हु मेरे लाल यो रसोई में गया तो मेरा लन्ड एक बार फिर अकड़ गया क्योंकि माँ अभी भी ब्रा और पेटिकोट में थी एयर उनकी चुचिया चमक रही थी मेरे बीज के कारण में माँ के पास गया और उन्हें अपनी बाहों में भर कर बोला।
मे- माँ तुमने अपनी छाती धोई नही देखो न तुम्हारी चुचिया कितनी चमक रही है।
माँ- तूने ही बोला था कि मत धोना।
मै- वैसे माँ मेरा बीज तुम्हारी छातियों पर अच्छा लग रहा है।
और इतना कहते ही मे फिर से उनकी चुचिया दबाने लगा और ब्रा उनकी निपल से हटा कर उन्हें मिसने लगा जिससे माँ सिसकारियां लेने लगी।

माँ- छोड़ ना लाल क्या कर रहा है।
मै- करने दो ना माँ।
माँ- अभी नही बाद में कर लेना।
मैं- कब माँ।
माँ- रात में मेरे लाल।
और फिर मैंने माँ को छोड़ दिया और बाहर जाने लगा तो माँ बोली।
माँ- सुन बेटा।
मै- हा माँ बोलो।
माँ- एक काम कर दे।
मै- कैसा काम माँ।
और माँ ने मुझे एक छोटी सी सीसी दी और कहा ब मेरे लाल इसमे अपना बीज दाल दे।

फिर मैंने माँ से पूछा।
मै- क्यों माँ।
माँ- वो मैं तेरे बीज को दाल में डाल कर खाऊँगी बहुत अच्छा लगता हैं तेरे बीज का स्वाद मुझे।
फिर मैंने माँ से कहा।
मै- पर माँ मेरा बीज ऐसे नही निकलेगा तुम कुछ मदद कॅरोना।
माँ- अच्छा ठीक है ये ले।
इतना कहते हुए माँ ने अपनी ब्रा उतारी और अपनी बुर पर रगड़ कर मेरे करीब आयी और अपनी ब्रा मेरी चड्डी में डाल दी फिर मैंने उन्हें बाहो में जकड़ लिया और बोला माँ ब्रा तो ठीक है पर लन्द कैसे चिकना होगा तो ने मुँह खोला और उसमें ढेर सारा थूक दिया और बोली अब जा मेरे लाल मुझे खाना बनाने दे।

फिर मे रसोई से बाहर आया और कमरे मे जाकर माँ का थूक अपने लन्द पर लगा दिया और माँ की ब्रा को चाटने लगा जिसमें उनकी बुर का पानी लगा था और मुठ मारने लगा औऱ 5मिनट बाद ही मेरे लन्द पानी फेक दिया और मैंने अपना पानी उस सीसी में दाल दिया जिसे सीसी पूरी भर गई और और थोड़ा पानी मैंने माँ की ब्रा में डाल दिया जिसे उनकी ब्रा भी पूरी गीली हो गई।

फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद मैं रसोई घर में गया तो माँ बोली।
माँ- आ गया मेरे लाल।
मे- हा माँ ये लो सिशी।
माँ- अरे वाह येतो पूरी भर दी तूने।
मे- और ये लो अपनी ब्रा।
माँ में अपनी ब्रा ले जो कि पूरी गीली थी तो माँ से रहा न गया और उसे सूंघ लिया और चाटने लगी और फिर माँ ने वो ब्रा पहन भी ली जो मेरे बीज से गीली थी फिर माँ ने मुझे एक चूमि दी और फिर हम खाना खाने लगे।

खाना खाने के कुछ ही देर बाद बिजली चली गयी रात के 9बज रहे थे फिर मे और माँ गप्पे मारने लगे माँ बोली मेरे लाल तेरे बीज ने खाना और स्वादिष्ट बना दिया।
मै- माँ आज कोनसा खेल खेले।
माँ- तू बता कोनसा खेल खेलना ह तुझे।
मै- माँ क्यों न आज लुका छुपी( चुपम छपाई) खेले।
माँ- अरे हा इस खेल में बहुत मज़ा आता है।
मै- तो चलो माँ चुपम छुपाई खेलते हैं।

फिर माँ ने सारी लालटेन बुझा दी फिर हमने टॉस किया तो पहली बारी मेरी थी खोजने की फिर छिप गए और गिनती शुरू की फिर की आवाज आई आ जाओ गिर मे माँ को खोजने लगा पहले मैंने माँ के कमरे में गया पर माँ वहाँ नही थी फिर अपने कमरे में गया लेकिन माँ वहाँ नही मिली उसके बाद में रसोई में गया माँ वहाँ भी नही मिली पर तभी अचानक मुझे कुछ दिख और मे समझ गया कि ये माँ ये क्योंकि उनकी चुचिया चमक रही थी मेरे बीज के कारण।

माँ मुझे बाथरूम में घुसते नज़र आई ओर मैं भी दबे पांव बाथरूम की ओर चल दिया और मैं बाथरूम के बगल में छुप गया तब बाथरूम का दरवाजा खोला और बाहर आई तो मै पीछे से गया और उनकी दोनों मोटी चुचिया दबाकर कहा कि माँ मैंने तुम्हें खोज लिया।

अब बारी थी माँ की खोजने की और मे छुप गया फिर माँ मुझे खोजने लगी फिर मैंने सोचा क्यों न घुसलखाने में छुप जाऊ पर फिर में बाथरूम में छिप गया और माँ मुझे खोजने लगी पहले माँ ने कमरो में देखा पर वहाँ नही था फिर माँ रसोई घर मे गयी मैं वहाँ भी नहीं था फिर माँ मुझे घुसलखाने में जाती नज़र आई और मे दबे पांव उनके पीछे गया और घुसलखाने में उन्हें धप्पा कर दिया और फिर माँ बोली।

माँ- अरे मैं तो फिर हार गई।
फिर माँ के इतना कहते ही मैंने गुसलखाने की कुंडी लगा दी और हम दोनों में थे और मैंने माँ जकड़ लिया और उनके होंठ चूमने लगा ओर फिर माँ भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने माँ की ब्रा उतार दी और गुसलखाने में खड़े खड़े उन्हें छेड़ने लगा और फिर उसके बाद उनका पेटिकोट उठाने लगा तो माँ बोली।

माँ- रुक जा मेरे लाल।
मै- क्या हुआ माँ।
माँ- मेरी गण्ड मरेगा।
मै- क्या।
माँ- मेरी गण्ड मरेगा।
मै- सच माँ।
माँ- हा बिलकुल सच।
माँ के इतना कहते ही मेने अपनी चड्डी उतार दी माँ का पेटिकोट उतारने लगा तो माँ बोली पेटिकोट उठा कर करले फिर लन्द सहलाने लगा और फिर माँ ने मेरे लन्द पर थूक कर उसे चिकना कर दिया फिर माँ ने अपना पेटिकोट उठा कर उसे पकड़ लिया और मैंने उनकी एक टांग उठायी और अपना लन्द उनकी गण्ड के छेद पर लगाया और पहला धक्का मारा पर मेरा लन्द फिसल गया मैंने फिर दूसरा धक्का मारा इस बार लन्द का टोपी उनकी गण्ड में घुस गया और धक्के में मेरा पूरा लन्द उनकी गांड में समा गया और माँ की चीख निकल गयी और मैम धीरे धीरे धक्के मारने लगा अब माँ को भी मज़ा आने लगा और वो भी सिसकने लगी और हम एक दूसरे का थूक पीने लगे।

माँ को गण्ड मराने मैं इस इसलिए ज्याद तकलीफ नहीं हुई क्योंकि पापा भी माँ गण्ड चोदते थे।

उसके बाद मैं माँ की चोदता गया क्योंकि भले ही बुर न तो गण्ड ही तो मिली और चोदते हुए मैंने माँ से कहा कि माँ अपनी बुर कब दोगी तो उन्होंने कहा कि बस वक़्त और मेरे लाल उसके बाद जितना चाहे चोद लियो मेरी बुर और माँ की गण्ड घचा घच चोदता रहा 30मिनट बाद मुझे लगा कि मेरा होने वाला है तो मैंने इस बार माँ को नही बताया और उनकी गण्ड में ही झड़ने लगा और मेरे बीज की गर्मी से वो भी झड़ने लगी।

खड़े खड़े चुदाई के बाद हम घुसलखाने से निकले और माँ के कमरे में आ गए फिर हमने सारे कपड़े उतारकर पलंग पर लेट गये फिर 5 ही मिनट बाद मेरा लन्द फिर खड़ा हो गया और मैंने फिर माँ की 20 मिनट गण्ड मारी उसके बाद फिर थोड़ी देर बाद एक बार ओर 15 मिनट गण्ड मारी।

उसके बाद माँ उठ कर बाथरूम जाने लगी फिर मेरे उनका हाथ पकड़ लिया ओर पूछा कहा जा हो माँ।
माँ- मूतने।
मै- मुझे भी मूतना है।
माँ- चल फिर।
फिर माँ मेरा लंड पकड़कर बाथरूम में ले गयी और माँ को मूतता देख मुझे फिर चोदने का मन करने लगा और एक बार फिर मैंने माँ को पटक दिया और बाथरूम में ही उनकी गांड मारने लगा उस रात मैंने माँ की 4बार गांड मारी उसके बाद हम इतना थक गए कि हम बाथरूम में ही सो गए।

To be continued..............
 
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शाम के 7बज रहे थे मैं उठा और कमरे से बाहर निकला तो माँ कही नज़र नहीं आयी तो मैंने माँ को आवाज लगाई तो माँ बोली में रसोई घर मैं हु मेरे लाल यो रसोई में गया तो मेरा लन्ड एक बार फिर अकड़ गया क्योंकि माँ अभी भी ब्रा और पेटिकोट में थी एयर उनकी चुचिया चमक रही थी मेरे बीज के कारण में माँ के पास गया और उन्हें अपनी बाहों में भर कर बोला।
मे- माँ तुमने अपनी छाती धोई नही देखो न तुम्हारी चुचिया कितनी चमक रही है।
माँ- तूने ही बोला था कि मत धोना।
मै- वैसे माँ मेरा बीज तुम्हारी छातियों पर अच्छा लग रहा है।
और इतना कहते ही मे फिर से उनकी चुचिया दबाने लगा और ब्रा उनकी निपल से हटा कर उन्हें मिसने लगा जिससे माँ सिसकारियां लेने लगी।

माँ- छोड़ ना लाल क्या कर रहा है।
मै- करने दो ना माँ।
माँ- अभी नही बाद में कर लेना।
मैं- कब माँ।
माँ- रात में मेरे लाल।
और फिर मैंने माँ को छोड़ दिया और बाहर जाने लगा तो माँ बोली।
माँ- सुन बेटा।
मै- हा माँ बोलो।
माँ- एक काम कर दे।
मै- कैसा काम माँ।
और माँ ने मुझे एक छोटी सी सीसी दी और कहा ब मेरे लाल इसमे अपना बीज दाल दे।

फिर मैंने माँ से पूछा।
मै- क्यों माँ।
माँ- वो मैं तेरे बीज को दाल में डाल कर खाऊँगी बहुत अच्छा लगता हैं तेरे बीज का स्वाद मुझे।
फिर मैंने माँ से कहा।
मै- पर माँ मेरा बीज ऐसे नही निकलेगा तुम कुछ मदद कॅरोना।
माँ- अच्छा ठीक है ये ले।
इतना कहते हुए माँ ने अपनी ब्रा उतारी और अपनी बुर पर रगड़ कर मेरे करीब आयी और अपनी ब्रा मेरी चड्डी में डाल दी फिर मैंने उन्हें बाहो में जकड़ लिया और बोला माँ ब्रा तो ठीक है पर लन्द कैसे चिकना होगा तो ने मुँह खोला और उसमें ढेर सारा थूक दिया और बोली अब जा मेरे लाल मुझे खाना बनाने दे।

फिर मे रसोई से बाहर आया और कमरे मे जाकर माँ का थूक अपने लन्द पर लगा दिया और माँ की ब्रा को चाटने लगा जिसमें उनकी बुर का पानी लगा था और मुठ मारने लगा औऱ 5मिनट बाद ही मेरे लन्द पानी फेक दिया और मैंने अपना पानी उस सीसी में दाल दिया जिसे सीसी पूरी भर गई और और थोड़ा पानी मैंने माँ की ब्रा में डाल दिया जिसे उनकी ब्रा भी पूरी गीली हो गई।

फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद मैं रसोई घर में गया तो माँ बोली।
माँ- आ गया मेरे लाल।
मे- हा माँ ये लो सिशी।
माँ- अरे वाह येतो पूरी भर दी तूने।
मे- और ये लो अपनी ब्रा।
माँ में अपनी ब्रा ले जो कि पूरी गीली थी तो माँ से रहा न गया और उसे सूंघ लिया और चाटने लगी और फिर माँ ने वो ब्रा पहन भी ली जो मेरे बीज से गीली थी फिर माँ ने मुझे एक चूमि दी और फिर हम खाना खाने लगे।

खाना खाने के कुछ ही देर बाद बिजली चली गयी रात के 9बज रहे थे फिर मे और माँ गप्पे मारने लगे माँ बोली मेरे लाल तेरे बीज ने खाना और स्वादिष्ट बना दिया।
मै- माँ आज कोनसा खेल खेले।
माँ- तू बता कोनसा खेल खेलना ह तुझे।
मै- माँ क्यों न आज लुका छुपी( चुपम छपाई) खेले।
माँ- अरे हा इस खेल में बहुत मज़ा आता है।
मै- तो चलो माँ चुपम छुपाई खेलते हैं।

फिर माँ ने सारी लालटेन बुझा दी फिर हमने टॉस किया तो पहली बारी मेरी थी खोजने की फिर छिप गए और गिनती शुरू की फिर की आवाज आई आ जाओ गिर मे माँ को खोजने लगा पहले मैंने माँ के कमरे में गया पर माँ वहाँ नही थी फिर अपने कमरे में गया लेकिन माँ वहाँ नही मिली उसके बाद में रसोई में गया माँ वहाँ भी नही मिली पर तभी अचानक मुझे कुछ दिख और मे समझ गया कि ये माँ ये क्योंकि उनकी चुचिया चमक रही थी मेरे बीज के कारण।

माँ मुझे बाथरूम में घुसते नज़र आई ओर मैं भी दबे पांव बाथरूम की ओर चल दिया और मैं बाथरूम के बगल में छुप गया तब बाथरूम का दरवाजा खोला और बाहर आई तो मै पीछे से गया और उनकी दोनों मोटी चुचिया दबाकर कहा कि माँ मैंने तुम्हें खोज लिया।

अब बारी थी माँ की खोजने की और मे छुप गया फिर माँ मुझे खोजने लगी फिर मैंने सोचा क्यों न घुसलखाने में छुप जाऊ पर फिर में बाथरूम में छिप गया और माँ मुझे खोजने लगी पहले माँ ने कमरो में देखा पर वहाँ नही था फिर माँ रसोई घर मे गयी मैं वहाँ भी नहीं था फिर माँ मुझे घुसलखाने में जाती नज़र आई और मे दबे पांव उनके पीछे गया और घुसलखाने में उन्हें धप्पा कर दिया और फिर माँ बोली।

माँ- अरे मैं तो फिर हार गई।
फिर माँ के इतना कहते ही मैंने गुसलखाने की कुंडी लगा दी और हम दोनों में थे और मैंने माँ जकड़ लिया और उनके होंठ चूमने लगा ओर फिर माँ भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने माँ की ब्रा उतार दी और गुसलखाने में खड़े खड़े उन्हें छेड़ने लगा और फिर उसके बाद उनका पेटिकोट उठाने लगा तो माँ बोली।

माँ- रुक जा मेरे लाल।
मै- क्या हुआ माँ।
माँ- मेरी गण्ड मरेगा।
मै- क्या।
माँ- मेरी गण्ड मरेगा।
मै- सच माँ।
माँ- हा बिलकुल सच।
माँ के इतना कहते ही मेने अपनी चड्डी उतार दी माँ का पेटिकोट उतारने लगा तो माँ बोली पेटिकोट उठा कर करले फिर लन्द सहलाने लगा और फिर माँ ने मेरे लन्द पर थूक कर उसे चिकना कर दिया फिर माँ ने अपना पेटिकोट उठा कर उसे पकड़ लिया और मैंने उनकी एक टांग उठायी और अपना लन्द उनकी गण्ड के छेद पर लगाया और पहला धक्का मारा पर मेरा लन्द फिसल गया मैंने फिर दूसरा धक्का मारा इस बार लन्द का टोपी उनकी गण्ड में घुस गया और धक्के में मेरा पूरा लन्द उनकी गांड में समा गया और माँ की चीख निकल गयी और मैम धीरे धीरे धक्के मारने लगा अब माँ को भी मज़ा आने लगा और वो भी सिसकने लगी और हम एक दूसरे का थूक पीने लगे।

माँ को गण्ड मराने मैं इस इसलिए ज्याद तकलीफ नहीं हुई क्योंकि पापा भी माँ गण्ड चोदते थे।

उसके बाद मैं माँ की चोदता गया क्योंकि भले ही बुर न तो गण्ड ही तो मिली और चोदते हुए मैंने माँ से कहा कि माँ अपनी बुर कब दोगी तो उन्होंने कहा कि बस वक़्त और मेरे लाल उसके बाद जितना चाहे चोद लियो मेरी बुर और माँ की गण्ड घचा घच चोदता रहा 30मिनट बाद मुझे लगा कि मेरा होने वाला है तो मैंने इस बार माँ को नही बताया और उनकी गण्ड में ही झड़ने लगा और मेरे बीज की गर्मी से वो भी झड़ने लगी।

खड़े खड़े चुदाई के बाद हम घुसलखाने से निकले और माँ के कमरे में आ गए फिर हमने सारे कपड़े उतारकर पलंग पर लेट गये फिर 5 ही मिनट बाद मेरा लन्द फिर खड़ा हो गया और मैंने फिर माँ की 20 मिनट गण्ड मारी उसके बाद फिर थोड़ी देर बाद एक बार ओर 15 मिनट गण्ड मारी।

उसके बाद माँ उठ कर बाथरूम जाने लगी फिर मेरे उनका हाथ पकड़ लिया ओर पूछा कहा जा हो माँ।
माँ- मूतने।
मै- मुझे भी मूतना है।
माँ- चल फिर।
फिर माँ मेरा लंड पकड़कर बाथरूम में ले गयी और माँ को मूतता देख मुझे फिर चोदने का मन करने लगा और एक बार फिर मैंने माँ को पटक दिया और बाथरूम में ही उनकी गांड मारने लगा उस रात मैंने माँ की 4बार गांड मारी उसके बाद हम इतना थक गए कि हम बाथरूम में ही सो गए।

To be continued..............
Nice update
 

Kapil Bajaj

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Very very very good hot and nice updated waiting for next update and your friend ???????????
 
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