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Incest माँ के साथ छुपम छुपाई या चुदाई।

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Kitni tarrif kraro ge bhai. Bhout hi chatpatti kahani likhi hai. Majja aa rha hai.
 
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Xfan

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Sameer Kr
maine tumhi kal se 2-3 baar tumhe online aate huye dekha hai phir bhi tum update nahi kar rahe iska to yahi matalba nikalta hai tumhe review nahi mil rahe yaa jyada comments nhi aa rahe is liye update nhi kar rahe ho...
to dost pahlr story to aage badhao aur viewers apne aap judte jaayenge comment reviews aapne aap badhate jaayenge...
Yu aise 2-4 update dene se ekdam se thodi na log judne lagange tumse...
Unko lagega koi aaya aur chala gaya...
To story update karo log apane aap judenge...
Thank u...
Bura lage to sooryy
 

Sameer Kr

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Update.6

स्वागत है दोस्तों एक बार फिर से।

तो पिछली बार जैसा अपने पढ़ा कि आखिरकार सविता ने अपने लाडले बेटे को गांड मरवाई और अपने लाल को खुश किया।

अब आगे।
सुबह के 8बज चुके थे पर दोनों अभी तक नही उठे थे फिर कुछ देर बाद सविता की आँख खुली और वो तो उसका पूरा शरीर दर्द हो रहा था हो भी क्यों न आखिर 4बार जो गांड मारी थी समीर ने इसकी फिर वो उठी और नहाने लगी जिसके कारण समीर की आँख खुली और वो उठ गया क्योंकि दोनों बाथरूम में ही सो गए थे।

समीर उठा तो उठाने देखा कि उसकी माँ नाहा रही थी ओर उसका लन्द फिर अकड़ गया और फिरवो उठ कर सविता के करीब गया और बोला।
मैं- माँ तुम कब उठी।
माँ- बस अभी मेरे लाल।
फिर दोनों साथ नहाने लगे फिर मुझसे रहा ना गया और मैंने माँ को जकड़ लिया और उन्हें दीवार से लगा कर चूमने लगा ओर माँ भी मुझे चूमने लगी फिर बोली।

माँ- फिर गांड मारनी है।
मै- नही माँ।
माँ- तो फिर।
मै- आपकी बुर माँ।
माँ- मेरी बुर को भूल जा मेरे लाल।
मै- पर क्यों माँ।
माँ- क्योंकि मेरी बुर पर सिर्फ तेरे पापा का हक़ है।
मै- माँ बस एक बार।
माँ- पर मेरे लाल आज से मेरी महावारी शुरू हो गई हैं।
ये सुनकर मैं उदास हो गया और और फिर फिर गण्ड मारली औऱ फिर बाहर आगया फिर माँ ने खाना बनाया और खाना खाने के बाद में बाहर घूमने चला गया ओर कुछ देर बाद मुझे कंचन दीदी का कॉल आया।

दीदी- कैसा ह कुत्ते। दीदी ने प्यार से कहा।
मै- ठीक हु मेरी कुतिया। प्यार से।
दीदी- माँ कैसी है घर मे सब ठीक तो ना।
मै- है दीदी सब ठीक पर।
दीदी- पर क्या।
मै- अपकी बहुत याद आ रही है दीदी।
दीदी- सच्ची भाई।
मै- दीदी कुछ दिनों के लिए आ जाओ न।
दीदी- अरे यही तो बताने के कॉल किया ह तुझे मैं आ रही हु अगले हफ्ते।
मै- सच दीदी मज़ाक मत करो।
दीदी- तेरी कसम मेरे भाई।
मै- फिर तू मज़ा आ जायेगा दीदी।
दीदी- अच्छा जी आने दे मुझे अगले बताउंगी।
मे- क्या दीदी।
दीदी- मेरी मार ओर क्या।
मै- दीदी अब मुझे नही मार पाओगी।
दीदी- क्यों मेरे कुत्ते।
मै- क्योंकि मैं अब कुतिया पर चढ़ने लायक हु।
दीदी- अच्छा अब मुझे जाना ह अगले हफ्ते मिलते ह बाई।
मै- बाई दीदी।
में बहुत खुश था कि दीदी आ रही हैं पर थोड़ा उदास भी था क्योंकि दीदी के आने के बाद मै ओर माँ मज़े नही कर पाएंगे।

उसके बाद मे घर पहुंचा तो शाम के 7बज रहे थें मै रसोई घर में गया तो तो माँ मुर्गा बना रही थी।
माँ- आ गया मेरे बच्चे।
मै- है माँ।
माँ- चल खाना खाते है।
मै- ठीक है माँ।
और फिर खाना खाने के बाद माँ बोली बेटा जरा बाजार चल मुझे कुछ सामान लेने है फिर बाजार के लिए निकल हए फिर ने सामान लिया और बोली बीटा तू रुक में अभी आयी फिर एक दवाई की दुकान पर चली गयी और कुछ लेने लगी मुझे लगा शायद पैड ले रही होंगी फिर उसके बाद हम घर आगये फिर माँ बोली।

आज क्या इरादा है।
माँ- आज क्या खेले मेरे लाल।
मै- आपही बताओ माँ।
माँ- बेटा जी आज घर घर खेले में पत्नी बनूँगी और तुम पति।
मै- सच माँ चलो फिर।
माँ- इतनी जल्दी क्या है जी अभी तोफा इंजतार तो करो में तो सजने।
मै- पर माँ सजने की क्या जरूरत है।
माँ- थोड़ी देर बाद पता चल जायेगा।
फिर माँ कमरे में चली गयी और मै माँ का इन्तज़ार करने लगा फिर पूरे 2घण्टे बाद माँ बाहर निकली और बोली तुम अब घर के अंदर वापस आओ में फिर थोड़ी देर बाद वापस आया और माँ ने दरवाजा खोला तो चौक गया माँ ने एक लाल रंग का पेटिकोट और लाल रंग की ब्रा पहन रखी थी और उसपे दुपट्टा दाल रखा था और माँ ने पैरो में पायल कमर के करधन पैरो बिछिया हाथो में चूड़ी उंगलियों में अंगूठी कान में झुमके नाक में नथुनी होठो पे लाली माथे पे बिंदी मांग में सिंदूर गले मे मंगलसूत्र माँ पत्नी और रांड का मिला जुला रूप लग रही थी।

दरवाजा खोलते हुए।
माँ- जी आप आ गए।
ये सुनकर मैं पागल से हो गया क्योंकि माँ बिलकुल मेरी पत्नी जैसी बातें कर रही थी।
में- हा सविता।
ये सुनकर माँ थोड़ा लाजा गयी और बोली।
माँ- अंदर चलिए न जी
मैं अंदर गया फिर माँ ने मेरे पैर छूने के झुकी मैंने माँ को।पकड़ लिया बोला।
मै- सविता उठो।
फिर माँ उठी और बोली चलिए खाना खा ली जिये और मै बोला मुझे भूक नही है इसपे माँ बोली तो फिर में आपके लिए दूध लाती हु माँ दूघ लेने चली गयी और मे माँ के कमरे में चला गया फिर दूध ले आयी फिर माँ मुझे दूध पिलाने लगी मैंने आधा दूध पी लिया और आधा दूध माँ को पिलाने लगा माँ बोली रुकिए और माँ उसमे मेरा बीज मिलने लगी और फिर दूध पी गयी दूघ पीने के बाद हम पंलग पर आ गए

और हम बाते करने लगे मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी सुहागरात है।
माँ- मै आपके पैर दबा दु जी।
मै- हा दबा दें सविता।
पैर दबाते हुए।
माँ- सुनिये जी।
मै- है बोलो।
माँ- मेरा महीना चल रहा है।
मै- तो क्या हुआ मेरी रानी।
इतना कहते हुए मैंने माँ को अपनी बाहों में खींच लिया और माँ बोली जी मुझे एक नन्हा मुन्ना चाहिए जी।
फिर में माँ को चूमने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी फिर मैं एक एक करके माँ के गहने उतारने लगा फिर मैंने माँ दुपट्टा हटा कर इनकी ब्रा उत्तर दी और चूची पीने लगा फिर माँ ने मेरे सरर कपड़े उतार दिए और मैंने भी माँ का पेटिकोट उत्तर दिया फिर माँ मेरा लंड चूसने लगी और मै माँ की मुनिया चाटने लगा 10 मिनट बाद हम हमारा पानी निकाल गया उसके बाद में माँ पर चढ़ गया और मेरा लन्ड फिर खड़ा हो गया था और फिर मे ऊपर से धक्के मारने लगा फिर माँ बोली रुक और माँ अपना मेरे लन्ड को पकड़ कर बुर में घुसा दिया मुझसे रहा न गया और मैंने एक धक्के में माँ की बच्चेदानी पे ठोकर मारा और चीख पड़ी और मै पुती ताकत से माँ को पेलने लगा ।

मै- मेरा होने वाला ह माँ।
माँ- भर दे मेरी कोख मेरे लाल अपने बीज से।
और में झड़ने लगा और माँ भी मेरे साथ झड़ने लगी उस रात मैंने माँ को 3बार चौदा और बीज डाला।

To be continued.......
 
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