• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest माँ-बेटा:-एक सच्ची घटना

Baribrar

Member
284
364
63
Super update
 

Esac

Maa ka diwana
238
1,175
124
Update 31



पहले से डिसाइड किए हुए प्लान के अनुसार, नाना-नानी अहमदाबाद चले जाएंगे, जबकि मैं माँ को लेकर एमपी चला जाऊंगा। मैंने इसी के मुताबिक टिकट भी बुक की थी। माँ और मेरी शादी के बाद हम सबने लंच किया और फिर अपने-अपने कॉटेज में पहुँच गए। हमें शादी के जोड़े आदि खोलकर तैयार होना था। माँ नानीजी के कमरे में चली गईं, जहाँ उनका सारा सामान रखा हुआ था, जबकि मैं नानाजी के कमरे में गया।

मैंने अपनी शेरवानी उतारकर बाथरूम में जाकर मुँह, हाथ और पैर धोने लगा। सिर पर लगी हुई घी, चंदन और गुलाल की तिलक को साबुन से साफ करते हुए खुद को तरोताजा करने लगा।
फिर मैंने अपने सूटकेस से एक जीन्स और पोलो टी-शर्ट निकालकर पहन ली।


Picsart-24-09-22-02-31-19-979

हालांकि मैंने सोचा कि सूटकेस में रखा नया कुरता और पाजामा पहन लूं, लेकिन मुझे लगा कि ऐसा करने पर मैं एकदम नए दूल्हे की तरह दिखूँगा, जो मुझे थोड़ा शर्मिंदगी का एहसास कराने लगा। इसलिए मैंने जीन्स पहनकर क्यूज़ल रहने की कोशिश की।

माँ और मेरी शादी हो चुकी है, फिर भी दोनों के अंदर नाना-नानी के सामने एक शर्म का भाव अभी भी बना हुआ था। मैंने अपने बाकी कपड़े और सामान पैक करना शुरू किया। तभी नानाजी कमरे में आए और उन्होंने भी अपने कपड़े बदलने के लिए बाथरूम में जाने का फैसला किया। हम दोनों जल्दी में तैयार हो गए, जबकि दूसरे कॉटेज में वे दोनों अभी भी नॉर्मल कपड़ों में आने में समय ले रहे थे।
नानीजी तो बस अपनी साड़ी बदल लेंगी, लेकिन माँ को दुल्हन के लेहेंगा-चोली को बदलने में समय लगेगा। वे अपने चेहरे से मेकअप साफ़ करेंगी और फिर मांग में भरा सिन्दूर ठीक से लगाएंगी, जिससे काफी समय लगेगा। इस सब में करीब दो घंटे बीत गए।

जब हम अपने-अपने कॉटेज से सामान लेकर निकले, तब मैंने माँ को इस ड्रेस और इस रूप में पहली बार देखा।



1000332796

उनके हाथों की मेहंदी और कंगन देखकर सब समझ जाएंगे कि उनकी नई शादी हुई है। उन्हें इस रूप में देखकर मेरे अंदर उनके प्रति एक गहरी चाहत उठी, और मैं बहुत होर्नी महसूस करने लगा।

मेरे शरीर में एक अद्भुत अनुभूति हो रही है। मैं माँ की तरफ जब भी देख रहा हूं, तभी उनके शरीर के हर कोने को मेरे प्यार भरे गरम होठो का स्पर्श देकर उनको प्यार करने के लिए मेरा मन पागल हो रहा था, वह मेरी माँ है।
मैं अपनी माँ से, जो अब मेरी पत्नी है, गहरे प्यार से बंधा हुआ महसूस कर रहा हूँ। उनके साथ हर पल जीने की, हर सांस उनके संग बिताने की इच्छा मेरे अंदर उमड़ रही है। मैं चाहूँगा कि उनके जीवन का सारा ग़म, सारे कष्ट, और जो भी अभाव उन्होंने झेले हैं, उन्हें भुला दूँ।

मैं उन्हें अपनी बाहों में भरकर, जीवनभर ख़ुशी और आनंद के साथ संभालकर रखना चाहता हूँ। यह संकल्प, यह भावनाएँ मेरे दिल के हर कोने में गहराई से बसी हुई हैं, और मैं इस नए रिश्ते में उन्हें हर सुख प्रदान करना चाहता हूँ।

माँ ने कॉटेज से बाहर निकलने के बाद से मुझे एक बार भी नहीं देखा। मैं बार-बार कोशिश कर रहा था, पर हमारी नज़रें कभी नहीं मिलीं। वह और नानी, एक-दूसरे को थामे, पूरे रास्ते टैक्सी में बैठी रहीं। आज सभी थोड़े गुमसुम थे, अपने-अपने विचारों में खोए हुए।

नाना-नानी को अपनी बेटी को, जो अब तक उनके साथ रही, जाने देना पड़ रहा था। इसी ग़म में सबकी बातें कम थीं, लेकिन कभी-कभी कुछ मज़ेदार लम्हों पर हंसी भी गूंज रही थी। फिर भी, माहौल पहले दिन की खुशियों जैसा नहीं रहा।

शाम
ढलने को है और हम चारों बांद्रा टर्मिनस के प्लेटफार्म पर एक बेंच पर शांत बैठे हैं। नानाजी बेंच के एक किनारे पर बैठे हैं, उनके साथ नानीजी, फिर माँ और आखिर में मैं, बेंच के दूसरे सिरे पर। नानीजी ने माँ को अपने पास सटाकर पकड़ा हुआ है, मानो उन्हें थामे रखना चाहती हों। आसपास की दुनिया अपनी रफ्तार में भाग रही है, जबकि हम चारों अपनी-अपनी गहरी भावनाओं के साथ इस चुप्पी में डूबे हैं।


q2W23w

मुंबई की व्यस्तता के बीच, हर कोई अपनी-अपनी जद्दोजहद में लगा है, हमारे अंदर की हलचल इस भीड़ में भी अलग-थलग महसूस हो रही है।

हमारे मनों में इस समय भावनाओं का अजीब संगम चल रहा है, एक बूढ़ी माँ अपनी एकलौती बेटी को अपने ही नाती के हाथों में सौंप चुकी है। आज उसने अपनी इकलौती बेटी के लिए अपने ही नाती को दामाद के नए रिश्ते में स्वीकारा है, और मन ही मन वह इस नए रिश्ते की सफलता के लिए ऊपर वाले से प्रार्थना कर रही है। उसकी दुआओं में केवल उनके खुशहाल जीवन की उम्मीद है।



images-8

वहीं एक बूढ़े पिता, जिन्होंने अपने परिवार के सभी सदस्यों की भलाई के लिए आज यह अनूठा कदम उठाया है, अपने ही नाती को अब दामाद के रूप में स्वीकार कर चुके हैं। उनकी आँखों में एक अजीब संतोष है, जैसे वह इस नए रिश्ते को पूरी ईमानदारी और दिल से निभाने का इरादा कर चुके हैं।

IMG-20240922-035151

और माँ... माँ, जिसने अब तक अपने जीवन का सारा प्यार और ममता देकर उस बेटे को पाल-पोसकर बड़ा किया, अपने आँचल की छांव देकर उसे आदमी बनाया, आज खुद को उसकी पत्नी बन चुकी है। एक अनकहा रिश्ता बनाकर उसने उसे अपने तन-मन पर अधिकार दे दिया है।

images-10

एक बेटा, जिसने अपने बचपन से ही नाना-नानी के स्नेह और ममता के साये में जीवन बिताया, उनके प्यार और देखभाल में पला-बढ़ा, आज अपने दिल की गहराइयों से उन्हीं नाना-नानी को अपने सांस और ससुर मान चुका है। और उस औरत, जिसकी ममता ने उसे बचपन से संवारा, जिसे उसने अपने जीवन में सबसे अधिक प्यार किया, जिसकी तस्वीर हर पल उसकी सोच में बसी रही, आज वही औरत शास्त्रों के अनुसार उसकी धर्मपत्नी, उसकी जीवनसंगिनी, उसकी प्यारी बीवी बन गई है। इस शादी के साथ उसने सभी रिश्तों को एक नए रूप में गढ़ दिया है।


Picsart-24-09-22-03-58-57-641

इतने नए और उलझे हुए रिश्ते बन गए हैं, फिर भी बाहरी दुनिया को इसकी कोई भनक नहीं। समाज, जो इन गहरे भावनात्मक बदलावों से अंजान है, बस अपने सम्मान और आदर की नज़र से हम चारों को देख रहा है।

हम सबके मन में आने वाले कल की उलझनों का साया मंडरा रहा है। अब हमें इस नये रिश्ते को अपनी सच्चाई बनाकर, पुराने रिश्तों और पहचान को भुलाकर आगे बढ़ना है। शायद हमारे लिए यही सही होगा कि हम अपनी पुरानी पहचान, अपनी जगह और पुराने रिश्तों से दूरी बना लें, इसमें सबकी भलाई है। वक्त जैसे-जैसे गुजरता जा रहा है, नानी की आँखें और ज़्यादा गीली होती जा रही हैं। माँ, जो नानी के स्पर्श में है, उनके साथ उदास होती जा रही है, जैसे उनका मन भी भारी हो गया हो।

कुछ ही पलों में अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन आने वाली है। नाना-नानी अपनी एकलौती बेटी को पहली बार घर से दूर भेज रहे हैं, अपने पति के साथ, एक नयी ज़िन्दगी की शुरुआत करने के लिए। उनका दिल जैसे बोझिल हो रहा है, और मैं उस दर्द को गहराई से महसूस कर पा रहा हूँ। नाना-नानी का यह विश्वास भी है कि उनकी बेटी को अब दुनिया का सारा प्यार, सारी खुशियाँ मिलेंगी। लेकिन अपनी बेटी को विदा करने का यह दर्द उनके मन में कहीं गहरा है, और वह दर्द मैं भी अपनी दिल के किसी कोने में महसूस कर रहा हूँ।

माँ नानी के पास चिपककर बैठी हैं, उनके हाथ में नानी का एक हाथ थामे हुए। माँ और नानी के बीच का प्यार साफ रूप से दिख रहा है। माँ के मन में नाना-नानी से दूर जाने का दर्द तो है, पर उससे कहीं अधिक ख़ुशी का अहसास भी है। वह अपने बेटे के साथ, जो अब उनका पति है, एक नई ज़िन्दगी की ओर बढ़ रही हैं। उन्हें यह विश्वास है कि दुनिया में चाहे कुछ भी हो जाए, उनका पति कभी भी उनका हाथ नहीं छोड़ेगा, और न ही उन्हें किसी भी प्रकार का कष्ट भोगने देगा। यह विश्वास उनकी आँखों में एक नई चमक और सुकून भर रहा है, जो इस पल को और भी खास बना रहा है।


tumblr-7777f06773531b58e17284d88f68ab9c-045016d6-500

वह अपने पति के प्यार को अब धीरे-धीरे महसूस कर पा रही हैं। उनकी आँखों में गीलापन है, फिर भी होठों पर ख़ुशी की एक आभा झिलमिला रही है। माँ को देखकर नाना-नानी भी चैन की सांस ले पा रहे हैं। माँ के गले में मंगलसूत्र, मांग में सिन्दूर, माथे पर एक लाल बिन्दी, और हाथ-पैर में मेहँदी की रौनक है। दोनों हाथों में कंगन और कुछ साधारण गहनों के साथ, वह एक नयी दुल्हन के रूप में निखर उठी हैं। वह एक जवान कुंवारी लड़की जैसी आभा लिए खड़ी हैं। उनकी स्लिम बॉडी में आज एक अलग सा आकर्षण नजर आ रहा है, जो उन्हें और भी सेक्सी बना रहा है।

Picsart-24-09-22-04-13-19-661

वह एक गुलाबी और सुन्हेर रंगों की खूबसूरत डिजाइन और मीनाकारी की हुई साड़ी पहने हुए हैं, जिसके साथ एक मैचिंग ब्लाउज़ है। उनकी गोरी रंगत और मख़मली बॉडी पर यह कपड़ा बेहद खूबसूरत लग रहा है। इस सब में उनकी उम्र जैसे 18 साल की लग रही है। मैं वहाँ से उठकर थोड़ा आगे जाकर साइड में खड़े हो गया, रिलेक्स करने के लिए। नानी माँ से कुछ बातें कर रही हैं, जबकि नाना जी भी नानी और माँ को कुछ कह रहे हैं। अब उनके चेहरे पर दुःख और मायूसी के भाव धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। मेरी नजरें सबसे ज़्यादा केवल माँ को ही देख रही है।

आज इस रूप में माँ को देखकर मुझे यह एहसास हुआ कि वास्तविकता कभी-कभी कल्पना को भी हरा देती है। पिछले दो हफ्तों से मैंने यह सोचा था कि मेरी पत्नी के रूप में माँ कितनी खूबसूरत लगेंगी, और मैंने एक तस्वीर अपने मन में बनाई थी कि नई दुल्हन बनने के बाद वह और भी सुंदर हो जाएंगी। लेकिन आज, जब वह मेरे सामने बैठी हैं, तब मैंने महसूस किया कि इस अनुपम सुंदरता का वास्तविक रूप किसी भी कल्पना से परे है। इस पल में उनका दीदार करके मेरे मन में एक अद्भुत खुशी और संतोष का भाव भर गया है। सचमुच, उन्हें बीवी के रूप में पाकर मैं एक संतुष्ट आदमी के रूप में महसूस कर रहा हूँ। उनकी यह सुंदरता, यह खूबसूरती, मैं ज़िंदगी भर अपने बांहों में रखूंगा।


Picsart-24-09-22-04-23-51-992

मैं माँ को मेरे दिल और शरीर में महसुस कर पा रहा था। मेरी इसी तरह की फीलिंग्स के कारण मेरा लन्ड भी बार बार सख्त हो रहा था।


images-12

अब केवल सुहागरात का इंतज़ार है। फिर भी मैं अभी भी माँ को ही देख रहा हूं, हर बार उनकी खुबसुरती और सुंदरता देख कर मैं खुद को भाग्यवान समझ रहा था। ऐसी एक प्यारी लड़की मेरी बीवी बनेगी मैने सोचा भी नहीं था, पर आज वैसे ही एक लड़की जो मेरी माँ है, आज मेरी पत्नी बन गयी है। जो अब मेरे नाम का सिन्दूर लगा कर मेरे सामने, उनके मम्मी पापा के साथ बैठि हुई है।
 

park

Well-Known Member
11,847
14,089
228
Update 31



पहले से डिसाइड किए हुए प्लान के अनुसार, नाना-नानी अहमदाबाद चले जाएंगे, जबकि मैं माँ को लेकर एमपी चला जाऊंगा। मैंने इसी के मुताबिक टिकट भी बुक की थी। माँ और मेरी शादी के बाद हम सबने लंच किया और फिर अपने-अपने कॉटेज में पहुँच गए। हमें शादी के जोड़े आदि खोलकर तैयार होना था। माँ नानीजी के कमरे में चली गईं, जहाँ उनका सारा सामान रखा हुआ था, जबकि मैं नानाजी के कमरे में गया।

मैंने अपनी शेरवानी उतारकर बाथरूम में जाकर मुँह, हाथ और पैर धोने लगा। सिर पर लगी हुई घी, चंदन और गुलाल की तिलक को साबुन से साफ करते हुए खुद को तरोताजा करने लगा।
फिर मैंने अपने सूटकेस से एक जीन्स और पोलो टी-शर्ट निकालकर पहन ली।


Picsart-24-09-22-02-31-19-979

हालांकि मैंने सोचा कि सूटकेस में रखा नया कुरता और पाजामा पहन लूं, लेकिन मुझे लगा कि ऐसा करने पर मैं एकदम नए दूल्हे की तरह दिखूँगा, जो मुझे थोड़ा शर्मिंदगी का एहसास कराने लगा। इसलिए मैंने जीन्स पहनकर क्यूज़ल रहने की कोशिश की।

माँ और मेरी शादी हो चुकी है, फिर भी दोनों के अंदर नाना-नानी के सामने एक शर्म का भाव अभी भी बना हुआ था। मैंने अपने बाकी कपड़े और सामान पैक करना शुरू किया। तभी नानाजी कमरे में आए और उन्होंने भी अपने कपड़े बदलने के लिए बाथरूम में जाने का फैसला किया। हम दोनों जल्दी में तैयार हो गए, जबकि दूसरे कॉटेज में वे दोनों अभी भी नॉर्मल कपड़ों में आने में समय ले रहे थे।
नानीजी तो बस अपनी साड़ी बदल लेंगी, लेकिन माँ को दुल्हन के लेहेंगा-चोली को बदलने में समय लगेगा। वे अपने चेहरे से मेकअप साफ़ करेंगी और फिर मांग में भरा सिन्दूर ठीक से लगाएंगी, जिससे काफी समय लगेगा। इस सब में करीब दो घंटे बीत गए।

जब हम अपने-अपने कॉटेज से सामान लेकर निकले, तब मैंने माँ को इस ड्रेस और इस रूप में पहली बार देखा।



1000332796

उनके हाथों की मेहंदी और कंगन देखकर सब समझ जाएंगे कि उनकी नई शादी हुई है। उन्हें इस रूप में देखकर मेरे अंदर उनके प्रति एक गहरी चाहत उठी, और मैं बहुत होर्नी महसूस करने लगा।

मेरे शरीर में एक अद्भुत अनुभूति हो रही है। मैं माँ की तरफ जब भी देख रहा हूं, तभी उनके शरीर के हर कोने को मेरे प्यार भरे गरम होठो का स्पर्श देकर उनको प्यार करने के लिए मेरा मन पागल हो रहा था, वह मेरी माँ है।
मैं अपनी माँ से, जो अब मेरी पत्नी है, गहरे प्यार से बंधा हुआ महसूस कर रहा हूँ। उनके साथ हर पल जीने की, हर सांस उनके संग बिताने की इच्छा मेरे अंदर उमड़ रही है। मैं चाहूँगा कि उनके जीवन का सारा ग़म, सारे कष्ट, और जो भी अभाव उन्होंने झेले हैं, उन्हें भुला दूँ।

मैं उन्हें अपनी बाहों में भरकर, जीवनभर ख़ुशी और आनंद के साथ संभालकर रखना चाहता हूँ। यह संकल्प, यह भावनाएँ मेरे दिल के हर कोने में गहराई से बसी हुई हैं, और मैं इस नए रिश्ते में उन्हें हर सुख प्रदान करना चाहता हूँ।

माँ ने कॉटेज से बाहर निकलने के बाद से मुझे एक बार भी नहीं देखा। मैं बार-बार कोशिश कर रहा था, पर हमारी नज़रें कभी नहीं मिलीं। वह और नानी, एक-दूसरे को थामे, पूरे रास्ते टैक्सी में बैठी रहीं। आज सभी थोड़े गुमसुम थे, अपने-अपने विचारों में खोए हुए।

नाना-नानी को अपनी बेटी को, जो अब तक उनके साथ रही, जाने देना पड़ रहा था। इसी ग़म में सबकी बातें कम थीं, लेकिन कभी-कभी कुछ मज़ेदार लम्हों पर हंसी भी गूंज रही थी। फिर भी, माहौल पहले दिन की खुशियों जैसा नहीं रहा।

शाम
ढलने को है और हम चारों बांद्रा टर्मिनस के प्लेटफार्म पर एक बेंच पर शांत बैठे हैं। नानाजी बेंच के एक किनारे पर बैठे हैं, उनके साथ नानीजी, फिर माँ और आखिर में मैं, बेंच के दूसरे सिरे पर। नानीजी ने माँ को अपने पास सटाकर पकड़ा हुआ है, मानो उन्हें थामे रखना चाहती हों। आसपास की दुनिया अपनी रफ्तार में भाग रही है, जबकि हम चारों अपनी-अपनी गहरी भावनाओं के साथ इस चुप्पी में डूबे हैं।


q2W23w

मुंबई की व्यस्तता के बीच, हर कोई अपनी-अपनी जद्दोजहद में लगा है, हमारे अंदर की हलचल इस भीड़ में भी अलग-थलग महसूस हो रही है।

हमारे मनों में इस समय भावनाओं का अजीब संगम चल रहा है, एक बूढ़ी माँ अपनी एकलौती बेटी को अपने ही नाती के हाथों में सौंप चुकी है। आज उसने अपनी इकलौती बेटी के लिए अपने ही नाती को दामाद के नए रिश्ते में स्वीकारा है, और मन ही मन वह इस नए रिश्ते की सफलता के लिए ऊपर वाले से प्रार्थना कर रही है। उसकी दुआओं में केवल उनके खुशहाल जीवन की उम्मीद है।



images-8

वहीं एक बूढ़े पिता, जिन्होंने अपने परिवार के सभी सदस्यों की भलाई के लिए आज यह अनूठा कदम उठाया है, अपने ही नाती को अब दामाद के रूप में स्वीकार कर चुके हैं। उनकी आँखों में एक अजीब संतोष है, जैसे वह इस नए रिश्ते को पूरी ईमानदारी और दिल से निभाने का इरादा कर चुके हैं।

IMG-20240922-035151

और माँ... माँ, जिसने अब तक अपने जीवन का सारा प्यार और ममता देकर उस बेटे को पाल-पोसकर बड़ा किया, अपने आँचल की छांव देकर उसे आदमी बनाया, आज खुद को उसकी पत्नी बन चुकी है। एक अनकहा रिश्ता बनाकर उसने उसे अपने तन-मन पर अधिकार दे दिया है।

images-10

एक बेटा, जिसने अपने बचपन से ही नाना-नानी के स्नेह और ममता के साये में जीवन बिताया, उनके प्यार और देखभाल में पला-बढ़ा, आज अपने दिल की गहराइयों से उन्हीं नाना-नानी को अपने सांस और ससुर मान चुका है। और उस औरत, जिसकी ममता ने उसे बचपन से संवारा, जिसे उसने अपने जीवन में सबसे अधिक प्यार किया, जिसकी तस्वीर हर पल उसकी सोच में बसी रही, आज वही औरत शास्त्रों के अनुसार उसकी धर्मपत्नी, उसकी जीवनसंगिनी, उसकी प्यारी बीवी बन गई है। इस शादी के साथ उसने सभी रिश्तों को एक नए रूप में गढ़ दिया है।


Picsart-24-09-22-03-58-57-641

इतने नए और उलझे हुए रिश्ते बन गए हैं, फिर भी बाहरी दुनिया को इसकी कोई भनक नहीं। समाज, जो इन गहरे भावनात्मक बदलावों से अंजान है, बस अपने सम्मान और आदर की नज़र से हम चारों को देख रहा है।

हम सबके मन में आने वाले कल की उलझनों का साया मंडरा रहा है। अब हमें इस नये रिश्ते को अपनी सच्चाई बनाकर, पुराने रिश्तों और पहचान को भुलाकर आगे बढ़ना है। शायद हमारे लिए यही सही होगा कि हम अपनी पुरानी पहचान, अपनी जगह और पुराने रिश्तों से दूरी बना लें, इसमें सबकी भलाई है। वक्त जैसे-जैसे गुजरता जा रहा है, नानी की आँखें और ज़्यादा गीली होती जा रही हैं। माँ, जो नानी के स्पर्श में है, उनके साथ उदास होती जा रही है, जैसे उनका मन भी भारी हो गया हो।

कुछ ही पलों में अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन आने वाली है। नाना-नानी अपनी एकलौती बेटी को पहली बार घर से दूर भेज रहे हैं, अपने पति के साथ, एक नयी ज़िन्दगी की शुरुआत करने के लिए। उनका दिल जैसे बोझिल हो रहा है, और मैं उस दर्द को गहराई से महसूस कर पा रहा हूँ। नाना-नानी का यह विश्वास भी है कि उनकी बेटी को अब दुनिया का सारा प्यार, सारी खुशियाँ मिलेंगी। लेकिन अपनी बेटी को विदा करने का यह दर्द उनके मन में कहीं गहरा है, और वह दर्द मैं भी अपनी दिल के किसी कोने में महसूस कर रहा हूँ।

माँ नानी के पास चिपककर बैठी हैं, उनके हाथ में नानी का एक हाथ थामे हुए। माँ और नानी के बीच का प्यार साफ रूप से दिख रहा है। माँ के मन में नाना-नानी से दूर जाने का दर्द तो है, पर उससे कहीं अधिक ख़ुशी का अहसास भी है। वह अपने बेटे के साथ, जो अब उनका पति है, एक नई ज़िन्दगी की ओर बढ़ रही हैं। उन्हें यह विश्वास है कि दुनिया में चाहे कुछ भी हो जाए, उनका पति कभी भी उनका हाथ नहीं छोड़ेगा, और न ही उन्हें किसी भी प्रकार का कष्ट भोगने देगा। यह विश्वास उनकी आँखों में एक नई चमक और सुकून भर रहा है, जो इस पल को और भी खास बना रहा है।


tumblr-7777f06773531b58e17284d88f68ab9c-045016d6-500

वह अपने पति के प्यार को अब धीरे-धीरे महसूस कर पा रही हैं। उनकी आँखों में गीलापन है, फिर भी होठों पर ख़ुशी की एक आभा झिलमिला रही है। माँ को देखकर नाना-नानी भी चैन की सांस ले पा रहे हैं। माँ के गले में मंगलसूत्र, मांग में सिन्दूर, माथे पर एक लाल बिन्दी, और हाथ-पैर में मेहँदी की रौनक है। दोनों हाथों में कंगन और कुछ साधारण गहनों के साथ, वह एक नयी दुल्हन के रूप में निखर उठी हैं। वह एक जवान कुंवारी लड़की जैसी आभा लिए खड़ी हैं। उनकी स्लिम बॉडी में आज एक अलग सा आकर्षण नजर आ रहा है, जो उन्हें और भी सेक्सी बना रहा है।

Picsart-24-09-22-04-13-19-661

वह एक गुलाबी और सुन्हेर रंगों की खूबसूरत डिजाइन और मीनाकारी की हुई साड़ी पहने हुए हैं, जिसके साथ एक मैचिंग ब्लाउज़ है। उनकी गोरी रंगत और मख़मली बॉडी पर यह कपड़ा बेहद खूबसूरत लग रहा है। इस सब में उनकी उम्र जैसे 18 साल की लग रही है। मैं वहाँ से उठकर थोड़ा आगे जाकर साइड में खड़े हो गया, रिलेक्स करने के लिए। नानी माँ से कुछ बातें कर रही हैं, जबकि नाना जी भी नानी और माँ को कुछ कह रहे हैं। अब उनके चेहरे पर दुःख और मायूसी के भाव धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। मेरी नजरें सबसे ज़्यादा केवल माँ को ही देख रही है।

आज इस रूप में माँ को देखकर मुझे यह एहसास हुआ कि वास्तविकता कभी-कभी कल्पना को भी हरा देती है। पिछले दो हफ्तों से मैंने यह सोचा था कि मेरी पत्नी के रूप में माँ कितनी खूबसूरत लगेंगी, और मैंने एक तस्वीर अपने मन में बनाई थी कि नई दुल्हन बनने के बाद वह और भी सुंदर हो जाएंगी। लेकिन आज, जब वह मेरे सामने बैठी हैं, तब मैंने महसूस किया कि इस अनुपम सुंदरता का वास्तविक रूप किसी भी कल्पना से परे है। इस पल में उनका दीदार करके मेरे मन में एक अद्भुत खुशी और संतोष का भाव भर गया है। सचमुच, उन्हें बीवी के रूप में पाकर मैं एक संतुष्ट आदमी के रूप में महसूस कर रहा हूँ। उनकी यह सुंदरता, यह खूबसूरती, मैं ज़िंदगी भर अपने बांहों में रखूंगा।


Picsart-24-09-22-04-23-51-992

मैं माँ को मेरे दिल और शरीर में महसुस कर पा रहा था। मेरी इसी तरह की फीलिंग्स के कारण मेरा लन्ड भी बार बार सख्त हो रहा था।


images-12

अब केवल सुहागरात का इंतज़ार है। फिर भी मैं अभी भी माँ को ही देख रहा हूं, हर बार उनकी खुबसुरती और सुंदरता देख कर मैं खुद को भाग्यवान समझ रहा था। ऐसी एक प्यारी लड़की मेरी बीवी बनेगी मैने सोचा भी नहीं था, पर आज वैसे ही एक लड़की जो मेरी माँ है, आज मेरी पत्नी बन गयी है। जो अब मेरे नाम का सिन्दूर लगा कर मेरे सामने, उनके मम्मी पापा के साथ बैठि हुई है।
Nice and superb update....
 

Vikash007

हम तेरे दीवाने हैं
1,002
1,087
158
Super duper
 

kas1709

Well-Known Member
10,160
10,735
213
Update 31



पहले से डिसाइड किए हुए प्लान के अनुसार, नाना-नानी अहमदाबाद चले जाएंगे, जबकि मैं माँ को लेकर एमपी चला जाऊंगा। मैंने इसी के मुताबिक टिकट भी बुक की थी। माँ और मेरी शादी के बाद हम सबने लंच किया और फिर अपने-अपने कॉटेज में पहुँच गए। हमें शादी के जोड़े आदि खोलकर तैयार होना था। माँ नानीजी के कमरे में चली गईं, जहाँ उनका सारा सामान रखा हुआ था, जबकि मैं नानाजी के कमरे में गया।

मैंने अपनी शेरवानी उतारकर बाथरूम में जाकर मुँह, हाथ और पैर धोने लगा। सिर पर लगी हुई घी, चंदन और गुलाल की तिलक को साबुन से साफ करते हुए खुद को तरोताजा करने लगा।
फिर मैंने अपने सूटकेस से एक जीन्स और पोलो टी-शर्ट निकालकर पहन ली।


Picsart-24-09-22-02-31-19-979

हालांकि मैंने सोचा कि सूटकेस में रखा नया कुरता और पाजामा पहन लूं, लेकिन मुझे लगा कि ऐसा करने पर मैं एकदम नए दूल्हे की तरह दिखूँगा, जो मुझे थोड़ा शर्मिंदगी का एहसास कराने लगा। इसलिए मैंने जीन्स पहनकर क्यूज़ल रहने की कोशिश की।

माँ और मेरी शादी हो चुकी है, फिर भी दोनों के अंदर नाना-नानी के सामने एक शर्म का भाव अभी भी बना हुआ था। मैंने अपने बाकी कपड़े और सामान पैक करना शुरू किया। तभी नानाजी कमरे में आए और उन्होंने भी अपने कपड़े बदलने के लिए बाथरूम में जाने का फैसला किया। हम दोनों जल्दी में तैयार हो गए, जबकि दूसरे कॉटेज में वे दोनों अभी भी नॉर्मल कपड़ों में आने में समय ले रहे थे।
नानीजी तो बस अपनी साड़ी बदल लेंगी, लेकिन माँ को दुल्हन के लेहेंगा-चोली को बदलने में समय लगेगा। वे अपने चेहरे से मेकअप साफ़ करेंगी और फिर मांग में भरा सिन्दूर ठीक से लगाएंगी, जिससे काफी समय लगेगा। इस सब में करीब दो घंटे बीत गए।

जब हम अपने-अपने कॉटेज से सामान लेकर निकले, तब मैंने माँ को इस ड्रेस और इस रूप में पहली बार देखा।



1000332796

उनके हाथों की मेहंदी और कंगन देखकर सब समझ जाएंगे कि उनकी नई शादी हुई है। उन्हें इस रूप में देखकर मेरे अंदर उनके प्रति एक गहरी चाहत उठी, और मैं बहुत होर्नी महसूस करने लगा।

मेरे शरीर में एक अद्भुत अनुभूति हो रही है। मैं माँ की तरफ जब भी देख रहा हूं, तभी उनके शरीर के हर कोने को मेरे प्यार भरे गरम होठो का स्पर्श देकर उनको प्यार करने के लिए मेरा मन पागल हो रहा था, वह मेरी माँ है।
मैं अपनी माँ से, जो अब मेरी पत्नी है, गहरे प्यार से बंधा हुआ महसूस कर रहा हूँ। उनके साथ हर पल जीने की, हर सांस उनके संग बिताने की इच्छा मेरे अंदर उमड़ रही है। मैं चाहूँगा कि उनके जीवन का सारा ग़म, सारे कष्ट, और जो भी अभाव उन्होंने झेले हैं, उन्हें भुला दूँ।

मैं उन्हें अपनी बाहों में भरकर, जीवनभर ख़ुशी और आनंद के साथ संभालकर रखना चाहता हूँ। यह संकल्प, यह भावनाएँ मेरे दिल के हर कोने में गहराई से बसी हुई हैं, और मैं इस नए रिश्ते में उन्हें हर सुख प्रदान करना चाहता हूँ।

माँ ने कॉटेज से बाहर निकलने के बाद से मुझे एक बार भी नहीं देखा। मैं बार-बार कोशिश कर रहा था, पर हमारी नज़रें कभी नहीं मिलीं। वह और नानी, एक-दूसरे को थामे, पूरे रास्ते टैक्सी में बैठी रहीं। आज सभी थोड़े गुमसुम थे, अपने-अपने विचारों में खोए हुए।

नाना-नानी को अपनी बेटी को, जो अब तक उनके साथ रही, जाने देना पड़ रहा था। इसी ग़म में सबकी बातें कम थीं, लेकिन कभी-कभी कुछ मज़ेदार लम्हों पर हंसी भी गूंज रही थी। फिर भी, माहौल पहले दिन की खुशियों जैसा नहीं रहा।

शाम
ढलने को है और हम चारों बांद्रा टर्मिनस के प्लेटफार्म पर एक बेंच पर शांत बैठे हैं। नानाजी बेंच के एक किनारे पर बैठे हैं, उनके साथ नानीजी, फिर माँ और आखिर में मैं, बेंच के दूसरे सिरे पर। नानीजी ने माँ को अपने पास सटाकर पकड़ा हुआ है, मानो उन्हें थामे रखना चाहती हों। आसपास की दुनिया अपनी रफ्तार में भाग रही है, जबकि हम चारों अपनी-अपनी गहरी भावनाओं के साथ इस चुप्पी में डूबे हैं।


q2W23w

मुंबई की व्यस्तता के बीच, हर कोई अपनी-अपनी जद्दोजहद में लगा है, हमारे अंदर की हलचल इस भीड़ में भी अलग-थलग महसूस हो रही है।

हमारे मनों में इस समय भावनाओं का अजीब संगम चल रहा है, एक बूढ़ी माँ अपनी एकलौती बेटी को अपने ही नाती के हाथों में सौंप चुकी है। आज उसने अपनी इकलौती बेटी के लिए अपने ही नाती को दामाद के नए रिश्ते में स्वीकारा है, और मन ही मन वह इस नए रिश्ते की सफलता के लिए ऊपर वाले से प्रार्थना कर रही है। उसकी दुआओं में केवल उनके खुशहाल जीवन की उम्मीद है।



images-8

वहीं एक बूढ़े पिता, जिन्होंने अपने परिवार के सभी सदस्यों की भलाई के लिए आज यह अनूठा कदम उठाया है, अपने ही नाती को अब दामाद के रूप में स्वीकार कर चुके हैं। उनकी आँखों में एक अजीब संतोष है, जैसे वह इस नए रिश्ते को पूरी ईमानदारी और दिल से निभाने का इरादा कर चुके हैं।

IMG-20240922-035151

और माँ... माँ, जिसने अब तक अपने जीवन का सारा प्यार और ममता देकर उस बेटे को पाल-पोसकर बड़ा किया, अपने आँचल की छांव देकर उसे आदमी बनाया, आज खुद को उसकी पत्नी बन चुकी है। एक अनकहा रिश्ता बनाकर उसने उसे अपने तन-मन पर अधिकार दे दिया है।

images-10

एक बेटा, जिसने अपने बचपन से ही नाना-नानी के स्नेह और ममता के साये में जीवन बिताया, उनके प्यार और देखभाल में पला-बढ़ा, आज अपने दिल की गहराइयों से उन्हीं नाना-नानी को अपने सांस और ससुर मान चुका है। और उस औरत, जिसकी ममता ने उसे बचपन से संवारा, जिसे उसने अपने जीवन में सबसे अधिक प्यार किया, जिसकी तस्वीर हर पल उसकी सोच में बसी रही, आज वही औरत शास्त्रों के अनुसार उसकी धर्मपत्नी, उसकी जीवनसंगिनी, उसकी प्यारी बीवी बन गई है। इस शादी के साथ उसने सभी रिश्तों को एक नए रूप में गढ़ दिया है।


Picsart-24-09-22-03-58-57-641

इतने नए और उलझे हुए रिश्ते बन गए हैं, फिर भी बाहरी दुनिया को इसकी कोई भनक नहीं। समाज, जो इन गहरे भावनात्मक बदलावों से अंजान है, बस अपने सम्मान और आदर की नज़र से हम चारों को देख रहा है।

हम सबके मन में आने वाले कल की उलझनों का साया मंडरा रहा है। अब हमें इस नये रिश्ते को अपनी सच्चाई बनाकर, पुराने रिश्तों और पहचान को भुलाकर आगे बढ़ना है। शायद हमारे लिए यही सही होगा कि हम अपनी पुरानी पहचान, अपनी जगह और पुराने रिश्तों से दूरी बना लें, इसमें सबकी भलाई है। वक्त जैसे-जैसे गुजरता जा रहा है, नानी की आँखें और ज़्यादा गीली होती जा रही हैं। माँ, जो नानी के स्पर्श में है, उनके साथ उदास होती जा रही है, जैसे उनका मन भी भारी हो गया हो।

कुछ ही पलों में अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन आने वाली है। नाना-नानी अपनी एकलौती बेटी को पहली बार घर से दूर भेज रहे हैं, अपने पति के साथ, एक नयी ज़िन्दगी की शुरुआत करने के लिए। उनका दिल जैसे बोझिल हो रहा है, और मैं उस दर्द को गहराई से महसूस कर पा रहा हूँ। नाना-नानी का यह विश्वास भी है कि उनकी बेटी को अब दुनिया का सारा प्यार, सारी खुशियाँ मिलेंगी। लेकिन अपनी बेटी को विदा करने का यह दर्द उनके मन में कहीं गहरा है, और वह दर्द मैं भी अपनी दिल के किसी कोने में महसूस कर रहा हूँ।

माँ नानी के पास चिपककर बैठी हैं, उनके हाथ में नानी का एक हाथ थामे हुए। माँ और नानी के बीच का प्यार साफ रूप से दिख रहा है। माँ के मन में नाना-नानी से दूर जाने का दर्द तो है, पर उससे कहीं अधिक ख़ुशी का अहसास भी है। वह अपने बेटे के साथ, जो अब उनका पति है, एक नई ज़िन्दगी की ओर बढ़ रही हैं। उन्हें यह विश्वास है कि दुनिया में चाहे कुछ भी हो जाए, उनका पति कभी भी उनका हाथ नहीं छोड़ेगा, और न ही उन्हें किसी भी प्रकार का कष्ट भोगने देगा। यह विश्वास उनकी आँखों में एक नई चमक और सुकून भर रहा है, जो इस पल को और भी खास बना रहा है।


tumblr-7777f06773531b58e17284d88f68ab9c-045016d6-500

वह अपने पति के प्यार को अब धीरे-धीरे महसूस कर पा रही हैं। उनकी आँखों में गीलापन है, फिर भी होठों पर ख़ुशी की एक आभा झिलमिला रही है। माँ को देखकर नाना-नानी भी चैन की सांस ले पा रहे हैं। माँ के गले में मंगलसूत्र, मांग में सिन्दूर, माथे पर एक लाल बिन्दी, और हाथ-पैर में मेहँदी की रौनक है। दोनों हाथों में कंगन और कुछ साधारण गहनों के साथ, वह एक नयी दुल्हन के रूप में निखर उठी हैं। वह एक जवान कुंवारी लड़की जैसी आभा लिए खड़ी हैं। उनकी स्लिम बॉडी में आज एक अलग सा आकर्षण नजर आ रहा है, जो उन्हें और भी सेक्सी बना रहा है।

Picsart-24-09-22-04-13-19-661

वह एक गुलाबी और सुन्हेर रंगों की खूबसूरत डिजाइन और मीनाकारी की हुई साड़ी पहने हुए हैं, जिसके साथ एक मैचिंग ब्लाउज़ है। उनकी गोरी रंगत और मख़मली बॉडी पर यह कपड़ा बेहद खूबसूरत लग रहा है। इस सब में उनकी उम्र जैसे 18 साल की लग रही है। मैं वहाँ से उठकर थोड़ा आगे जाकर साइड में खड़े हो गया, रिलेक्स करने के लिए। नानी माँ से कुछ बातें कर रही हैं, जबकि नाना जी भी नानी और माँ को कुछ कह रहे हैं। अब उनके चेहरे पर दुःख और मायूसी के भाव धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। मेरी नजरें सबसे ज़्यादा केवल माँ को ही देख रही है।

आज इस रूप में माँ को देखकर मुझे यह एहसास हुआ कि वास्तविकता कभी-कभी कल्पना को भी हरा देती है। पिछले दो हफ्तों से मैंने यह सोचा था कि मेरी पत्नी के रूप में माँ कितनी खूबसूरत लगेंगी, और मैंने एक तस्वीर अपने मन में बनाई थी कि नई दुल्हन बनने के बाद वह और भी सुंदर हो जाएंगी। लेकिन आज, जब वह मेरे सामने बैठी हैं, तब मैंने महसूस किया कि इस अनुपम सुंदरता का वास्तविक रूप किसी भी कल्पना से परे है। इस पल में उनका दीदार करके मेरे मन में एक अद्भुत खुशी और संतोष का भाव भर गया है। सचमुच, उन्हें बीवी के रूप में पाकर मैं एक संतुष्ट आदमी के रूप में महसूस कर रहा हूँ। उनकी यह सुंदरता, यह खूबसूरती, मैं ज़िंदगी भर अपने बांहों में रखूंगा।


Picsart-24-09-22-04-23-51-992

मैं माँ को मेरे दिल और शरीर में महसुस कर पा रहा था। मेरी इसी तरह की फीलिंग्स के कारण मेरा लन्ड भी बार बार सख्त हो रहा था।


images-12

अब केवल सुहागरात का इंतज़ार है। फिर भी मैं अभी भी माँ को ही देख रहा हूं, हर बार उनकी खुबसुरती और सुंदरता देख कर मैं खुद को भाग्यवान समझ रहा था। ऐसी एक प्यारी लड़की मेरी बीवी बनेगी मैने सोचा भी नहीं था, पर आज वैसे ही एक लड़की जो मेरी माँ है, आज मेरी पत्नी बन गयी है। जो अब मेरे नाम का सिन्दूर लगा कर मेरे सामने, उनके मम्मी पापा के साथ बैठि हुई है।
Nice update....
 

parkas

Well-Known Member
28,571
62,964
303
Update 31



पहले से डिसाइड किए हुए प्लान के अनुसार, नाना-नानी अहमदाबाद चले जाएंगे, जबकि मैं माँ को लेकर एमपी चला जाऊंगा। मैंने इसी के मुताबिक टिकट भी बुक की थी। माँ और मेरी शादी के बाद हम सबने लंच किया और फिर अपने-अपने कॉटेज में पहुँच गए। हमें शादी के जोड़े आदि खोलकर तैयार होना था। माँ नानीजी के कमरे में चली गईं, जहाँ उनका सारा सामान रखा हुआ था, जबकि मैं नानाजी के कमरे में गया।

मैंने अपनी शेरवानी उतारकर बाथरूम में जाकर मुँह, हाथ और पैर धोने लगा। सिर पर लगी हुई घी, चंदन और गुलाल की तिलक को साबुन से साफ करते हुए खुद को तरोताजा करने लगा।
फिर मैंने अपने सूटकेस से एक जीन्स और पोलो टी-शर्ट निकालकर पहन ली।


Picsart-24-09-22-02-31-19-979

हालांकि मैंने सोचा कि सूटकेस में रखा नया कुरता और पाजामा पहन लूं, लेकिन मुझे लगा कि ऐसा करने पर मैं एकदम नए दूल्हे की तरह दिखूँगा, जो मुझे थोड़ा शर्मिंदगी का एहसास कराने लगा। इसलिए मैंने जीन्स पहनकर क्यूज़ल रहने की कोशिश की।

माँ और मेरी शादी हो चुकी है, फिर भी दोनों के अंदर नाना-नानी के सामने एक शर्म का भाव अभी भी बना हुआ था। मैंने अपने बाकी कपड़े और सामान पैक करना शुरू किया। तभी नानाजी कमरे में आए और उन्होंने भी अपने कपड़े बदलने के लिए बाथरूम में जाने का फैसला किया। हम दोनों जल्दी में तैयार हो गए, जबकि दूसरे कॉटेज में वे दोनों अभी भी नॉर्मल कपड़ों में आने में समय ले रहे थे।
नानीजी तो बस अपनी साड़ी बदल लेंगी, लेकिन माँ को दुल्हन के लेहेंगा-चोली को बदलने में समय लगेगा। वे अपने चेहरे से मेकअप साफ़ करेंगी और फिर मांग में भरा सिन्दूर ठीक से लगाएंगी, जिससे काफी समय लगेगा। इस सब में करीब दो घंटे बीत गए।

जब हम अपने-अपने कॉटेज से सामान लेकर निकले, तब मैंने माँ को इस ड्रेस और इस रूप में पहली बार देखा।



1000332796

उनके हाथों की मेहंदी और कंगन देखकर सब समझ जाएंगे कि उनकी नई शादी हुई है। उन्हें इस रूप में देखकर मेरे अंदर उनके प्रति एक गहरी चाहत उठी, और मैं बहुत होर्नी महसूस करने लगा।

मेरे शरीर में एक अद्भुत अनुभूति हो रही है। मैं माँ की तरफ जब भी देख रहा हूं, तभी उनके शरीर के हर कोने को मेरे प्यार भरे गरम होठो का स्पर्श देकर उनको प्यार करने के लिए मेरा मन पागल हो रहा था, वह मेरी माँ है।
मैं अपनी माँ से, जो अब मेरी पत्नी है, गहरे प्यार से बंधा हुआ महसूस कर रहा हूँ। उनके साथ हर पल जीने की, हर सांस उनके संग बिताने की इच्छा मेरे अंदर उमड़ रही है। मैं चाहूँगा कि उनके जीवन का सारा ग़म, सारे कष्ट, और जो भी अभाव उन्होंने झेले हैं, उन्हें भुला दूँ।

मैं उन्हें अपनी बाहों में भरकर, जीवनभर ख़ुशी और आनंद के साथ संभालकर रखना चाहता हूँ। यह संकल्प, यह भावनाएँ मेरे दिल के हर कोने में गहराई से बसी हुई हैं, और मैं इस नए रिश्ते में उन्हें हर सुख प्रदान करना चाहता हूँ।

माँ ने कॉटेज से बाहर निकलने के बाद से मुझे एक बार भी नहीं देखा। मैं बार-बार कोशिश कर रहा था, पर हमारी नज़रें कभी नहीं मिलीं। वह और नानी, एक-दूसरे को थामे, पूरे रास्ते टैक्सी में बैठी रहीं। आज सभी थोड़े गुमसुम थे, अपने-अपने विचारों में खोए हुए।

नाना-नानी को अपनी बेटी को, जो अब तक उनके साथ रही, जाने देना पड़ रहा था। इसी ग़म में सबकी बातें कम थीं, लेकिन कभी-कभी कुछ मज़ेदार लम्हों पर हंसी भी गूंज रही थी। फिर भी, माहौल पहले दिन की खुशियों जैसा नहीं रहा।

शाम
ढलने को है और हम चारों बांद्रा टर्मिनस के प्लेटफार्म पर एक बेंच पर शांत बैठे हैं। नानाजी बेंच के एक किनारे पर बैठे हैं, उनके साथ नानीजी, फिर माँ और आखिर में मैं, बेंच के दूसरे सिरे पर। नानीजी ने माँ को अपने पास सटाकर पकड़ा हुआ है, मानो उन्हें थामे रखना चाहती हों। आसपास की दुनिया अपनी रफ्तार में भाग रही है, जबकि हम चारों अपनी-अपनी गहरी भावनाओं के साथ इस चुप्पी में डूबे हैं।


q2W23w

मुंबई की व्यस्तता के बीच, हर कोई अपनी-अपनी जद्दोजहद में लगा है, हमारे अंदर की हलचल इस भीड़ में भी अलग-थलग महसूस हो रही है।

हमारे मनों में इस समय भावनाओं का अजीब संगम चल रहा है, एक बूढ़ी माँ अपनी एकलौती बेटी को अपने ही नाती के हाथों में सौंप चुकी है। आज उसने अपनी इकलौती बेटी के लिए अपने ही नाती को दामाद के नए रिश्ते में स्वीकारा है, और मन ही मन वह इस नए रिश्ते की सफलता के लिए ऊपर वाले से प्रार्थना कर रही है। उसकी दुआओं में केवल उनके खुशहाल जीवन की उम्मीद है।



images-8

वहीं एक बूढ़े पिता, जिन्होंने अपने परिवार के सभी सदस्यों की भलाई के लिए आज यह अनूठा कदम उठाया है, अपने ही नाती को अब दामाद के रूप में स्वीकार कर चुके हैं। उनकी आँखों में एक अजीब संतोष है, जैसे वह इस नए रिश्ते को पूरी ईमानदारी और दिल से निभाने का इरादा कर चुके हैं।

IMG-20240922-035151

और माँ... माँ, जिसने अब तक अपने जीवन का सारा प्यार और ममता देकर उस बेटे को पाल-पोसकर बड़ा किया, अपने आँचल की छांव देकर उसे आदमी बनाया, आज खुद को उसकी पत्नी बन चुकी है। एक अनकहा रिश्ता बनाकर उसने उसे अपने तन-मन पर अधिकार दे दिया है।

images-10

एक बेटा, जिसने अपने बचपन से ही नाना-नानी के स्नेह और ममता के साये में जीवन बिताया, उनके प्यार और देखभाल में पला-बढ़ा, आज अपने दिल की गहराइयों से उन्हीं नाना-नानी को अपने सांस और ससुर मान चुका है। और उस औरत, जिसकी ममता ने उसे बचपन से संवारा, जिसे उसने अपने जीवन में सबसे अधिक प्यार किया, जिसकी तस्वीर हर पल उसकी सोच में बसी रही, आज वही औरत शास्त्रों के अनुसार उसकी धर्मपत्नी, उसकी जीवनसंगिनी, उसकी प्यारी बीवी बन गई है। इस शादी के साथ उसने सभी रिश्तों को एक नए रूप में गढ़ दिया है।


Picsart-24-09-22-03-58-57-641

इतने नए और उलझे हुए रिश्ते बन गए हैं, फिर भी बाहरी दुनिया को इसकी कोई भनक नहीं। समाज, जो इन गहरे भावनात्मक बदलावों से अंजान है, बस अपने सम्मान और आदर की नज़र से हम चारों को देख रहा है।

हम सबके मन में आने वाले कल की उलझनों का साया मंडरा रहा है। अब हमें इस नये रिश्ते को अपनी सच्चाई बनाकर, पुराने रिश्तों और पहचान को भुलाकर आगे बढ़ना है। शायद हमारे लिए यही सही होगा कि हम अपनी पुरानी पहचान, अपनी जगह और पुराने रिश्तों से दूरी बना लें, इसमें सबकी भलाई है। वक्त जैसे-जैसे गुजरता जा रहा है, नानी की आँखें और ज़्यादा गीली होती जा रही हैं। माँ, जो नानी के स्पर्श में है, उनके साथ उदास होती जा रही है, जैसे उनका मन भी भारी हो गया हो।

कुछ ही पलों में अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन आने वाली है। नाना-नानी अपनी एकलौती बेटी को पहली बार घर से दूर भेज रहे हैं, अपने पति के साथ, एक नयी ज़िन्दगी की शुरुआत करने के लिए। उनका दिल जैसे बोझिल हो रहा है, और मैं उस दर्द को गहराई से महसूस कर पा रहा हूँ। नाना-नानी का यह विश्वास भी है कि उनकी बेटी को अब दुनिया का सारा प्यार, सारी खुशियाँ मिलेंगी। लेकिन अपनी बेटी को विदा करने का यह दर्द उनके मन में कहीं गहरा है, और वह दर्द मैं भी अपनी दिल के किसी कोने में महसूस कर रहा हूँ।

माँ नानी के पास चिपककर बैठी हैं, उनके हाथ में नानी का एक हाथ थामे हुए। माँ और नानी के बीच का प्यार साफ रूप से दिख रहा है। माँ के मन में नाना-नानी से दूर जाने का दर्द तो है, पर उससे कहीं अधिक ख़ुशी का अहसास भी है। वह अपने बेटे के साथ, जो अब उनका पति है, एक नई ज़िन्दगी की ओर बढ़ रही हैं। उन्हें यह विश्वास है कि दुनिया में चाहे कुछ भी हो जाए, उनका पति कभी भी उनका हाथ नहीं छोड़ेगा, और न ही उन्हें किसी भी प्रकार का कष्ट भोगने देगा। यह विश्वास उनकी आँखों में एक नई चमक और सुकून भर रहा है, जो इस पल को और भी खास बना रहा है।


tumblr-7777f06773531b58e17284d88f68ab9c-045016d6-500

वह अपने पति के प्यार को अब धीरे-धीरे महसूस कर पा रही हैं। उनकी आँखों में गीलापन है, फिर भी होठों पर ख़ुशी की एक आभा झिलमिला रही है। माँ को देखकर नाना-नानी भी चैन की सांस ले पा रहे हैं। माँ के गले में मंगलसूत्र, मांग में सिन्दूर, माथे पर एक लाल बिन्दी, और हाथ-पैर में मेहँदी की रौनक है। दोनों हाथों में कंगन और कुछ साधारण गहनों के साथ, वह एक नयी दुल्हन के रूप में निखर उठी हैं। वह एक जवान कुंवारी लड़की जैसी आभा लिए खड़ी हैं। उनकी स्लिम बॉडी में आज एक अलग सा आकर्षण नजर आ रहा है, जो उन्हें और भी सेक्सी बना रहा है।

Picsart-24-09-22-04-13-19-661

वह एक गुलाबी और सुन्हेर रंगों की खूबसूरत डिजाइन और मीनाकारी की हुई साड़ी पहने हुए हैं, जिसके साथ एक मैचिंग ब्लाउज़ है। उनकी गोरी रंगत और मख़मली बॉडी पर यह कपड़ा बेहद खूबसूरत लग रहा है। इस सब में उनकी उम्र जैसे 18 साल की लग रही है। मैं वहाँ से उठकर थोड़ा आगे जाकर साइड में खड़े हो गया, रिलेक्स करने के लिए। नानी माँ से कुछ बातें कर रही हैं, जबकि नाना जी भी नानी और माँ को कुछ कह रहे हैं। अब उनके चेहरे पर दुःख और मायूसी के भाव धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। मेरी नजरें सबसे ज़्यादा केवल माँ को ही देख रही है।

आज इस रूप में माँ को देखकर मुझे यह एहसास हुआ कि वास्तविकता कभी-कभी कल्पना को भी हरा देती है। पिछले दो हफ्तों से मैंने यह सोचा था कि मेरी पत्नी के रूप में माँ कितनी खूबसूरत लगेंगी, और मैंने एक तस्वीर अपने मन में बनाई थी कि नई दुल्हन बनने के बाद वह और भी सुंदर हो जाएंगी। लेकिन आज, जब वह मेरे सामने बैठी हैं, तब मैंने महसूस किया कि इस अनुपम सुंदरता का वास्तविक रूप किसी भी कल्पना से परे है। इस पल में उनका दीदार करके मेरे मन में एक अद्भुत खुशी और संतोष का भाव भर गया है। सचमुच, उन्हें बीवी के रूप में पाकर मैं एक संतुष्ट आदमी के रूप में महसूस कर रहा हूँ। उनकी यह सुंदरता, यह खूबसूरती, मैं ज़िंदगी भर अपने बांहों में रखूंगा।


Picsart-24-09-22-04-23-51-992

मैं माँ को मेरे दिल और शरीर में महसुस कर पा रहा था। मेरी इसी तरह की फीलिंग्स के कारण मेरा लन्ड भी बार बार सख्त हो रहा था।


images-12

अब केवल सुहागरात का इंतज़ार है। फिर भी मैं अभी भी माँ को ही देख रहा हूं, हर बार उनकी खुबसुरती और सुंदरता देख कर मैं खुद को भाग्यवान समझ रहा था। ऐसी एक प्यारी लड़की मेरी बीवी बनेगी मैने सोचा भी नहीं था, पर आज वैसे ही एक लड़की जो मेरी माँ है, आज मेरी पत्नी बन गयी है। जो अब मेरे नाम का सिन्दूर लगा कर मेरे सामने, उनके मम्मी पापा के साथ बैठि हुई है।
Bahut hi badhiya update diya hai Esac bhai....
Nice and beautiful update....
 

dhparikh

Well-Known Member
10,610
12,247
228
Update 31



पहले से डिसाइड किए हुए प्लान के अनुसार, नाना-नानी अहमदाबाद चले जाएंगे, जबकि मैं माँ को लेकर एमपी चला जाऊंगा। मैंने इसी के मुताबिक टिकट भी बुक की थी। माँ और मेरी शादी के बाद हम सबने लंच किया और फिर अपने-अपने कॉटेज में पहुँच गए। हमें शादी के जोड़े आदि खोलकर तैयार होना था। माँ नानीजी के कमरे में चली गईं, जहाँ उनका सारा सामान रखा हुआ था, जबकि मैं नानाजी के कमरे में गया।

मैंने अपनी शेरवानी उतारकर बाथरूम में जाकर मुँह, हाथ और पैर धोने लगा। सिर पर लगी हुई घी, चंदन और गुलाल की तिलक को साबुन से साफ करते हुए खुद को तरोताजा करने लगा।
फिर मैंने अपने सूटकेस से एक जीन्स और पोलो टी-शर्ट निकालकर पहन ली।


Picsart-24-09-22-02-31-19-979

हालांकि मैंने सोचा कि सूटकेस में रखा नया कुरता और पाजामा पहन लूं, लेकिन मुझे लगा कि ऐसा करने पर मैं एकदम नए दूल्हे की तरह दिखूँगा, जो मुझे थोड़ा शर्मिंदगी का एहसास कराने लगा। इसलिए मैंने जीन्स पहनकर क्यूज़ल रहने की कोशिश की।

माँ और मेरी शादी हो चुकी है, फिर भी दोनों के अंदर नाना-नानी के सामने एक शर्म का भाव अभी भी बना हुआ था। मैंने अपने बाकी कपड़े और सामान पैक करना शुरू किया। तभी नानाजी कमरे में आए और उन्होंने भी अपने कपड़े बदलने के लिए बाथरूम में जाने का फैसला किया। हम दोनों जल्दी में तैयार हो गए, जबकि दूसरे कॉटेज में वे दोनों अभी भी नॉर्मल कपड़ों में आने में समय ले रहे थे।
नानीजी तो बस अपनी साड़ी बदल लेंगी, लेकिन माँ को दुल्हन के लेहेंगा-चोली को बदलने में समय लगेगा। वे अपने चेहरे से मेकअप साफ़ करेंगी और फिर मांग में भरा सिन्दूर ठीक से लगाएंगी, जिससे काफी समय लगेगा। इस सब में करीब दो घंटे बीत गए।

जब हम अपने-अपने कॉटेज से सामान लेकर निकले, तब मैंने माँ को इस ड्रेस और इस रूप में पहली बार देखा।



1000332796

उनके हाथों की मेहंदी और कंगन देखकर सब समझ जाएंगे कि उनकी नई शादी हुई है। उन्हें इस रूप में देखकर मेरे अंदर उनके प्रति एक गहरी चाहत उठी, और मैं बहुत होर्नी महसूस करने लगा।

मेरे शरीर में एक अद्भुत अनुभूति हो रही है। मैं माँ की तरफ जब भी देख रहा हूं, तभी उनके शरीर के हर कोने को मेरे प्यार भरे गरम होठो का स्पर्श देकर उनको प्यार करने के लिए मेरा मन पागल हो रहा था, वह मेरी माँ है।
मैं अपनी माँ से, जो अब मेरी पत्नी है, गहरे प्यार से बंधा हुआ महसूस कर रहा हूँ। उनके साथ हर पल जीने की, हर सांस उनके संग बिताने की इच्छा मेरे अंदर उमड़ रही है। मैं चाहूँगा कि उनके जीवन का सारा ग़म, सारे कष्ट, और जो भी अभाव उन्होंने झेले हैं, उन्हें भुला दूँ।

मैं उन्हें अपनी बाहों में भरकर, जीवनभर ख़ुशी और आनंद के साथ संभालकर रखना चाहता हूँ। यह संकल्प, यह भावनाएँ मेरे दिल के हर कोने में गहराई से बसी हुई हैं, और मैं इस नए रिश्ते में उन्हें हर सुख प्रदान करना चाहता हूँ।

माँ ने कॉटेज से बाहर निकलने के बाद से मुझे एक बार भी नहीं देखा। मैं बार-बार कोशिश कर रहा था, पर हमारी नज़रें कभी नहीं मिलीं। वह और नानी, एक-दूसरे को थामे, पूरे रास्ते टैक्सी में बैठी रहीं। आज सभी थोड़े गुमसुम थे, अपने-अपने विचारों में खोए हुए।

नाना-नानी को अपनी बेटी को, जो अब तक उनके साथ रही, जाने देना पड़ रहा था। इसी ग़म में सबकी बातें कम थीं, लेकिन कभी-कभी कुछ मज़ेदार लम्हों पर हंसी भी गूंज रही थी। फिर भी, माहौल पहले दिन की खुशियों जैसा नहीं रहा।

शाम
ढलने को है और हम चारों बांद्रा टर्मिनस के प्लेटफार्म पर एक बेंच पर शांत बैठे हैं। नानाजी बेंच के एक किनारे पर बैठे हैं, उनके साथ नानीजी, फिर माँ और आखिर में मैं, बेंच के दूसरे सिरे पर। नानीजी ने माँ को अपने पास सटाकर पकड़ा हुआ है, मानो उन्हें थामे रखना चाहती हों। आसपास की दुनिया अपनी रफ्तार में भाग रही है, जबकि हम चारों अपनी-अपनी गहरी भावनाओं के साथ इस चुप्पी में डूबे हैं।


q2W23w

मुंबई की व्यस्तता के बीच, हर कोई अपनी-अपनी जद्दोजहद में लगा है, हमारे अंदर की हलचल इस भीड़ में भी अलग-थलग महसूस हो रही है।

हमारे मनों में इस समय भावनाओं का अजीब संगम चल रहा है, एक बूढ़ी माँ अपनी एकलौती बेटी को अपने ही नाती के हाथों में सौंप चुकी है। आज उसने अपनी इकलौती बेटी के लिए अपने ही नाती को दामाद के नए रिश्ते में स्वीकारा है, और मन ही मन वह इस नए रिश्ते की सफलता के लिए ऊपर वाले से प्रार्थना कर रही है। उसकी दुआओं में केवल उनके खुशहाल जीवन की उम्मीद है।



images-8

वहीं एक बूढ़े पिता, जिन्होंने अपने परिवार के सभी सदस्यों की भलाई के लिए आज यह अनूठा कदम उठाया है, अपने ही नाती को अब दामाद के रूप में स्वीकार कर चुके हैं। उनकी आँखों में एक अजीब संतोष है, जैसे वह इस नए रिश्ते को पूरी ईमानदारी और दिल से निभाने का इरादा कर चुके हैं।

IMG-20240922-035151

और माँ... माँ, जिसने अब तक अपने जीवन का सारा प्यार और ममता देकर उस बेटे को पाल-पोसकर बड़ा किया, अपने आँचल की छांव देकर उसे आदमी बनाया, आज खुद को उसकी पत्नी बन चुकी है। एक अनकहा रिश्ता बनाकर उसने उसे अपने तन-मन पर अधिकार दे दिया है।

images-10

एक बेटा, जिसने अपने बचपन से ही नाना-नानी के स्नेह और ममता के साये में जीवन बिताया, उनके प्यार और देखभाल में पला-बढ़ा, आज अपने दिल की गहराइयों से उन्हीं नाना-नानी को अपने सांस और ससुर मान चुका है। और उस औरत, जिसकी ममता ने उसे बचपन से संवारा, जिसे उसने अपने जीवन में सबसे अधिक प्यार किया, जिसकी तस्वीर हर पल उसकी सोच में बसी रही, आज वही औरत शास्त्रों के अनुसार उसकी धर्मपत्नी, उसकी जीवनसंगिनी, उसकी प्यारी बीवी बन गई है। इस शादी के साथ उसने सभी रिश्तों को एक नए रूप में गढ़ दिया है।


Picsart-24-09-22-03-58-57-641

इतने नए और उलझे हुए रिश्ते बन गए हैं, फिर भी बाहरी दुनिया को इसकी कोई भनक नहीं। समाज, जो इन गहरे भावनात्मक बदलावों से अंजान है, बस अपने सम्मान और आदर की नज़र से हम चारों को देख रहा है।

हम सबके मन में आने वाले कल की उलझनों का साया मंडरा रहा है। अब हमें इस नये रिश्ते को अपनी सच्चाई बनाकर, पुराने रिश्तों और पहचान को भुलाकर आगे बढ़ना है। शायद हमारे लिए यही सही होगा कि हम अपनी पुरानी पहचान, अपनी जगह और पुराने रिश्तों से दूरी बना लें, इसमें सबकी भलाई है। वक्त जैसे-जैसे गुजरता जा रहा है, नानी की आँखें और ज़्यादा गीली होती जा रही हैं। माँ, जो नानी के स्पर्श में है, उनके साथ उदास होती जा रही है, जैसे उनका मन भी भारी हो गया हो।

कुछ ही पलों में अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन आने वाली है। नाना-नानी अपनी एकलौती बेटी को पहली बार घर से दूर भेज रहे हैं, अपने पति के साथ, एक नयी ज़िन्दगी की शुरुआत करने के लिए। उनका दिल जैसे बोझिल हो रहा है, और मैं उस दर्द को गहराई से महसूस कर पा रहा हूँ। नाना-नानी का यह विश्वास भी है कि उनकी बेटी को अब दुनिया का सारा प्यार, सारी खुशियाँ मिलेंगी। लेकिन अपनी बेटी को विदा करने का यह दर्द उनके मन में कहीं गहरा है, और वह दर्द मैं भी अपनी दिल के किसी कोने में महसूस कर रहा हूँ।

माँ नानी के पास चिपककर बैठी हैं, उनके हाथ में नानी का एक हाथ थामे हुए। माँ और नानी के बीच का प्यार साफ रूप से दिख रहा है। माँ के मन में नाना-नानी से दूर जाने का दर्द तो है, पर उससे कहीं अधिक ख़ुशी का अहसास भी है। वह अपने बेटे के साथ, जो अब उनका पति है, एक नई ज़िन्दगी की ओर बढ़ रही हैं। उन्हें यह विश्वास है कि दुनिया में चाहे कुछ भी हो जाए, उनका पति कभी भी उनका हाथ नहीं छोड़ेगा, और न ही उन्हें किसी भी प्रकार का कष्ट भोगने देगा। यह विश्वास उनकी आँखों में एक नई चमक और सुकून भर रहा है, जो इस पल को और भी खास बना रहा है।


tumblr-7777f06773531b58e17284d88f68ab9c-045016d6-500

वह अपने पति के प्यार को अब धीरे-धीरे महसूस कर पा रही हैं। उनकी आँखों में गीलापन है, फिर भी होठों पर ख़ुशी की एक आभा झिलमिला रही है। माँ को देखकर नाना-नानी भी चैन की सांस ले पा रहे हैं। माँ के गले में मंगलसूत्र, मांग में सिन्दूर, माथे पर एक लाल बिन्दी, और हाथ-पैर में मेहँदी की रौनक है। दोनों हाथों में कंगन और कुछ साधारण गहनों के साथ, वह एक नयी दुल्हन के रूप में निखर उठी हैं। वह एक जवान कुंवारी लड़की जैसी आभा लिए खड़ी हैं। उनकी स्लिम बॉडी में आज एक अलग सा आकर्षण नजर आ रहा है, जो उन्हें और भी सेक्सी बना रहा है।

Picsart-24-09-22-04-13-19-661

वह एक गुलाबी और सुन्हेर रंगों की खूबसूरत डिजाइन और मीनाकारी की हुई साड़ी पहने हुए हैं, जिसके साथ एक मैचिंग ब्लाउज़ है। उनकी गोरी रंगत और मख़मली बॉडी पर यह कपड़ा बेहद खूबसूरत लग रहा है। इस सब में उनकी उम्र जैसे 18 साल की लग रही है। मैं वहाँ से उठकर थोड़ा आगे जाकर साइड में खड़े हो गया, रिलेक्स करने के लिए। नानी माँ से कुछ बातें कर रही हैं, जबकि नाना जी भी नानी और माँ को कुछ कह रहे हैं। अब उनके चेहरे पर दुःख और मायूसी के भाव धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। मेरी नजरें सबसे ज़्यादा केवल माँ को ही देख रही है।

आज इस रूप में माँ को देखकर मुझे यह एहसास हुआ कि वास्तविकता कभी-कभी कल्पना को भी हरा देती है। पिछले दो हफ्तों से मैंने यह सोचा था कि मेरी पत्नी के रूप में माँ कितनी खूबसूरत लगेंगी, और मैंने एक तस्वीर अपने मन में बनाई थी कि नई दुल्हन बनने के बाद वह और भी सुंदर हो जाएंगी। लेकिन आज, जब वह मेरे सामने बैठी हैं, तब मैंने महसूस किया कि इस अनुपम सुंदरता का वास्तविक रूप किसी भी कल्पना से परे है। इस पल में उनका दीदार करके मेरे मन में एक अद्भुत खुशी और संतोष का भाव भर गया है। सचमुच, उन्हें बीवी के रूप में पाकर मैं एक संतुष्ट आदमी के रूप में महसूस कर रहा हूँ। उनकी यह सुंदरता, यह खूबसूरती, मैं ज़िंदगी भर अपने बांहों में रखूंगा।


Picsart-24-09-22-04-23-51-992

मैं माँ को मेरे दिल और शरीर में महसुस कर पा रहा था। मेरी इसी तरह की फीलिंग्स के कारण मेरा लन्ड भी बार बार सख्त हो रहा था।


images-12

अब केवल सुहागरात का इंतज़ार है। फिर भी मैं अभी भी माँ को ही देख रहा हूं, हर बार उनकी खुबसुरती और सुंदरता देख कर मैं खुद को भाग्यवान समझ रहा था। ऐसी एक प्यारी लड़की मेरी बीवी बनेगी मैने सोचा भी नहीं था, पर आज वैसे ही एक लड़की जो मेरी माँ है, आज मेरी पत्नी बन गयी है। जो अब मेरे नाम का सिन्दूर लगा कर मेरे सामने, उनके मम्मी पापा के साथ बैठि हुई है।
Nice update....
 

Ma ka chudi

Active Member
509
588
109
Nice update
 
  • Like
Reactions: abhimusan
157
485
64
Update 31



पहले से डिसाइड किए हुए प्लान के अनुसार, नाना-नानी अहमदाबाद चले जाएंगे, जबकि मैं माँ को लेकर एमपी चला जाऊंगा। मैंने इसी के मुताबिक टिकट भी बुक की थी। माँ और मेरी शादी के बाद हम सबने लंच किया और फिर अपने-अपने कॉटेज में पहुँच गए। हमें शादी के जोड़े आदि खोलकर तैयार होना था। माँ नानीजी के कमरे में चली गईं, जहाँ उनका सारा सामान रखा हुआ था, जबकि मैं नानाजी के कमरे में गया।

मैंने अपनी शेरवानी उतारकर बाथरूम में जाकर मुँह, हाथ और पैर धोने लगा। सिर पर लगी हुई घी, चंदन और गुलाल की तिलक को साबुन से साफ करते हुए खुद को तरोताजा करने लगा।
फिर मैंने अपने सूटकेस से एक जीन्स और पोलो टी-शर्ट निकालकर पहन ली।


Picsart-24-09-22-02-31-19-979

हालांकि मैंने सोचा कि सूटकेस में रखा नया कुरता और पाजामा पहन लूं, लेकिन मुझे लगा कि ऐसा करने पर मैं एकदम नए दूल्हे की तरह दिखूँगा, जो मुझे थोड़ा शर्मिंदगी का एहसास कराने लगा। इसलिए मैंने जीन्स पहनकर क्यूज़ल रहने की कोशिश की।

माँ और मेरी शादी हो चुकी है, फिर भी दोनों के अंदर नाना-नानी के सामने एक शर्म का भाव अभी भी बना हुआ था। मैंने अपने बाकी कपड़े और सामान पैक करना शुरू किया। तभी नानाजी कमरे में आए और उन्होंने भी अपने कपड़े बदलने के लिए बाथरूम में जाने का फैसला किया। हम दोनों जल्दी में तैयार हो गए, जबकि दूसरे कॉटेज में वे दोनों अभी भी नॉर्मल कपड़ों में आने में समय ले रहे थे।
नानीजी तो बस अपनी साड़ी बदल लेंगी, लेकिन माँ को दुल्हन के लेहेंगा-चोली को बदलने में समय लगेगा। वे अपने चेहरे से मेकअप साफ़ करेंगी और फिर मांग में भरा सिन्दूर ठीक से लगाएंगी, जिससे काफी समय लगेगा। इस सब में करीब दो घंटे बीत गए।

जब हम अपने-अपने कॉटेज से सामान लेकर निकले, तब मैंने माँ को इस ड्रेस और इस रूप में पहली बार देखा।



1000332796

उनके हाथों की मेहंदी और कंगन देखकर सब समझ जाएंगे कि उनकी नई शादी हुई है। उन्हें इस रूप में देखकर मेरे अंदर उनके प्रति एक गहरी चाहत उठी, और मैं बहुत होर्नी महसूस करने लगा।

मेरे शरीर में एक अद्भुत अनुभूति हो रही है। मैं माँ की तरफ जब भी देख रहा हूं, तभी उनके शरीर के हर कोने को मेरे प्यार भरे गरम होठो का स्पर्श देकर उनको प्यार करने के लिए मेरा मन पागल हो रहा था, वह मेरी माँ है।
मैं अपनी माँ से, जो अब मेरी पत्नी है, गहरे प्यार से बंधा हुआ महसूस कर रहा हूँ। उनके साथ हर पल जीने की, हर सांस उनके संग बिताने की इच्छा मेरे अंदर उमड़ रही है। मैं चाहूँगा कि उनके जीवन का सारा ग़म, सारे कष्ट, और जो भी अभाव उन्होंने झेले हैं, उन्हें भुला दूँ।

मैं उन्हें अपनी बाहों में भरकर, जीवनभर ख़ुशी और आनंद के साथ संभालकर रखना चाहता हूँ। यह संकल्प, यह भावनाएँ मेरे दिल के हर कोने में गहराई से बसी हुई हैं, और मैं इस नए रिश्ते में उन्हें हर सुख प्रदान करना चाहता हूँ।

माँ ने कॉटेज से बाहर निकलने के बाद से मुझे एक बार भी नहीं देखा। मैं बार-बार कोशिश कर रहा था, पर हमारी नज़रें कभी नहीं मिलीं। वह और नानी, एक-दूसरे को थामे, पूरे रास्ते टैक्सी में बैठी रहीं। आज सभी थोड़े गुमसुम थे, अपने-अपने विचारों में खोए हुए।

नाना-नानी को अपनी बेटी को, जो अब तक उनके साथ रही, जाने देना पड़ रहा था। इसी ग़म में सबकी बातें कम थीं, लेकिन कभी-कभी कुछ मज़ेदार लम्हों पर हंसी भी गूंज रही थी। फिर भी, माहौल पहले दिन की खुशियों जैसा नहीं रहा।

शाम
ढलने को है और हम चारों बांद्रा टर्मिनस के प्लेटफार्म पर एक बेंच पर शांत बैठे हैं। नानाजी बेंच के एक किनारे पर बैठे हैं, उनके साथ नानीजी, फिर माँ और आखिर में मैं, बेंच के दूसरे सिरे पर। नानीजी ने माँ को अपने पास सटाकर पकड़ा हुआ है, मानो उन्हें थामे रखना चाहती हों। आसपास की दुनिया अपनी रफ्तार में भाग रही है, जबकि हम चारों अपनी-अपनी गहरी भावनाओं के साथ इस चुप्पी में डूबे हैं।


q2W23w

मुंबई की व्यस्तता के बीच, हर कोई अपनी-अपनी जद्दोजहद में लगा है, हमारे अंदर की हलचल इस भीड़ में भी अलग-थलग महसूस हो रही है।

हमारे मनों में इस समय भावनाओं का अजीब संगम चल रहा है, एक बूढ़ी माँ अपनी एकलौती बेटी को अपने ही नाती के हाथों में सौंप चुकी है। आज उसने अपनी इकलौती बेटी के लिए अपने ही नाती को दामाद के नए रिश्ते में स्वीकारा है, और मन ही मन वह इस नए रिश्ते की सफलता के लिए ऊपर वाले से प्रार्थना कर रही है। उसकी दुआओं में केवल उनके खुशहाल जीवन की उम्मीद है।



images-8

वहीं एक बूढ़े पिता, जिन्होंने अपने परिवार के सभी सदस्यों की भलाई के लिए आज यह अनूठा कदम उठाया है, अपने ही नाती को अब दामाद के रूप में स्वीकार कर चुके हैं। उनकी आँखों में एक अजीब संतोष है, जैसे वह इस नए रिश्ते को पूरी ईमानदारी और दिल से निभाने का इरादा कर चुके हैं।

IMG-20240922-035151

और माँ... माँ, जिसने अब तक अपने जीवन का सारा प्यार और ममता देकर उस बेटे को पाल-पोसकर बड़ा किया, अपने आँचल की छांव देकर उसे आदमी बनाया, आज खुद को उसकी पत्नी बन चुकी है। एक अनकहा रिश्ता बनाकर उसने उसे अपने तन-मन पर अधिकार दे दिया है।

images-10

एक बेटा, जिसने अपने बचपन से ही नाना-नानी के स्नेह और ममता के साये में जीवन बिताया, उनके प्यार और देखभाल में पला-बढ़ा, आज अपने दिल की गहराइयों से उन्हीं नाना-नानी को अपने सांस और ससुर मान चुका है। और उस औरत, जिसकी ममता ने उसे बचपन से संवारा, जिसे उसने अपने जीवन में सबसे अधिक प्यार किया, जिसकी तस्वीर हर पल उसकी सोच में बसी रही, आज वही औरत शास्त्रों के अनुसार उसकी धर्मपत्नी, उसकी जीवनसंगिनी, उसकी प्यारी बीवी बन गई है। इस शादी के साथ उसने सभी रिश्तों को एक नए रूप में गढ़ दिया है।


Picsart-24-09-22-03-58-57-641

इतने नए और उलझे हुए रिश्ते बन गए हैं, फिर भी बाहरी दुनिया को इसकी कोई भनक नहीं। समाज, जो इन गहरे भावनात्मक बदलावों से अंजान है, बस अपने सम्मान और आदर की नज़र से हम चारों को देख रहा है।

हम सबके मन में आने वाले कल की उलझनों का साया मंडरा रहा है। अब हमें इस नये रिश्ते को अपनी सच्चाई बनाकर, पुराने रिश्तों और पहचान को भुलाकर आगे बढ़ना है। शायद हमारे लिए यही सही होगा कि हम अपनी पुरानी पहचान, अपनी जगह और पुराने रिश्तों से दूरी बना लें, इसमें सबकी भलाई है। वक्त जैसे-जैसे गुजरता जा रहा है, नानी की आँखें और ज़्यादा गीली होती जा रही हैं। माँ, जो नानी के स्पर्श में है, उनके साथ उदास होती जा रही है, जैसे उनका मन भी भारी हो गया हो।

कुछ ही पलों में अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन आने वाली है। नाना-नानी अपनी एकलौती बेटी को पहली बार घर से दूर भेज रहे हैं, अपने पति के साथ, एक नयी ज़िन्दगी की शुरुआत करने के लिए। उनका दिल जैसे बोझिल हो रहा है, और मैं उस दर्द को गहराई से महसूस कर पा रहा हूँ। नाना-नानी का यह विश्वास भी है कि उनकी बेटी को अब दुनिया का सारा प्यार, सारी खुशियाँ मिलेंगी। लेकिन अपनी बेटी को विदा करने का यह दर्द उनके मन में कहीं गहरा है, और वह दर्द मैं भी अपनी दिल के किसी कोने में महसूस कर रहा हूँ।

माँ नानी के पास चिपककर बैठी हैं, उनके हाथ में नानी का एक हाथ थामे हुए। माँ और नानी के बीच का प्यार साफ रूप से दिख रहा है। माँ के मन में नाना-नानी से दूर जाने का दर्द तो है, पर उससे कहीं अधिक ख़ुशी का अहसास भी है। वह अपने बेटे के साथ, जो अब उनका पति है, एक नई ज़िन्दगी की ओर बढ़ रही हैं। उन्हें यह विश्वास है कि दुनिया में चाहे कुछ भी हो जाए, उनका पति कभी भी उनका हाथ नहीं छोड़ेगा, और न ही उन्हें किसी भी प्रकार का कष्ट भोगने देगा। यह विश्वास उनकी आँखों में एक नई चमक और सुकून भर रहा है, जो इस पल को और भी खास बना रहा है।


tumblr-7777f06773531b58e17284d88f68ab9c-045016d6-500

वह अपने पति के प्यार को अब धीरे-धीरे महसूस कर पा रही हैं। उनकी आँखों में गीलापन है, फिर भी होठों पर ख़ुशी की एक आभा झिलमिला रही है। माँ को देखकर नाना-नानी भी चैन की सांस ले पा रहे हैं। माँ के गले में मंगलसूत्र, मांग में सिन्दूर, माथे पर एक लाल बिन्दी, और हाथ-पैर में मेहँदी की रौनक है। दोनों हाथों में कंगन और कुछ साधारण गहनों के साथ, वह एक नयी दुल्हन के रूप में निखर उठी हैं। वह एक जवान कुंवारी लड़की जैसी आभा लिए खड़ी हैं। उनकी स्लिम बॉडी में आज एक अलग सा आकर्षण नजर आ रहा है, जो उन्हें और भी सेक्सी बना रहा है।

Picsart-24-09-22-04-13-19-661

वह एक गुलाबी और सुन्हेर रंगों की खूबसूरत डिजाइन और मीनाकारी की हुई साड़ी पहने हुए हैं, जिसके साथ एक मैचिंग ब्लाउज़ है। उनकी गोरी रंगत और मख़मली बॉडी पर यह कपड़ा बेहद खूबसूरत लग रहा है। इस सब में उनकी उम्र जैसे 18 साल की लग रही है। मैं वहाँ से उठकर थोड़ा आगे जाकर साइड में खड़े हो गया, रिलेक्स करने के लिए। नानी माँ से कुछ बातें कर रही हैं, जबकि नाना जी भी नानी और माँ को कुछ कह रहे हैं। अब उनके चेहरे पर दुःख और मायूसी के भाव धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। मेरी नजरें सबसे ज़्यादा केवल माँ को ही देख रही है।

आज इस रूप में माँ को देखकर मुझे यह एहसास हुआ कि वास्तविकता कभी-कभी कल्पना को भी हरा देती है। पिछले दो हफ्तों से मैंने यह सोचा था कि मेरी पत्नी के रूप में माँ कितनी खूबसूरत लगेंगी, और मैंने एक तस्वीर अपने मन में बनाई थी कि नई दुल्हन बनने के बाद वह और भी सुंदर हो जाएंगी। लेकिन आज, जब वह मेरे सामने बैठी हैं, तब मैंने महसूस किया कि इस अनुपम सुंदरता का वास्तविक रूप किसी भी कल्पना से परे है। इस पल में उनका दीदार करके मेरे मन में एक अद्भुत खुशी और संतोष का भाव भर गया है। सचमुच, उन्हें बीवी के रूप में पाकर मैं एक संतुष्ट आदमी के रूप में महसूस कर रहा हूँ। उनकी यह सुंदरता, यह खूबसूरती, मैं ज़िंदगी भर अपने बांहों में रखूंगा।


Picsart-24-09-22-04-23-51-992

मैं माँ को मेरे दिल और शरीर में महसुस कर पा रहा था। मेरी इसी तरह की फीलिंग्स के कारण मेरा लन्ड भी बार बार सख्त हो रहा था।


images-12

अब केवल सुहागरात का इंतज़ार है। फिर भी मैं अभी भी माँ को ही देख रहा हूं, हर बार उनकी खुबसुरती और सुंदरता देख कर मैं खुद को भाग्यवान समझ रहा था। ऐसी एक प्यारी लड़की मेरी बीवी बनेगी मैने सोचा भी नहीं था, पर आज वैसे ही एक लड़की जो मेरी माँ है, आज मेरी पत्नी बन गयी है। जो अब मेरे नाम का सिन्दूर लगा कर मेरे सामने, उनके मम्मी पापा के साथ बैठि हुई है।
Maa bete ab happy married life jiye aur unke Kai sare bachhe ho ❤️
 
Top