Roy monik
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अजय, सादाब, सहनाज और अजय की मां को एक साथ लो मित्र। मजा आयेगा। लास्ट में अजय और उसकी बहन की शादी करा देना।
Bohot badiya update mitrसभी लोग घर पहुंच गए और अभी मुश्किल से 10 ही बजे थे। सपना ने खाना बनाया और तब तक शादाब ने कमला का पैर चैक किया हड्डी नहीं टूटी थी जो एक बहुत अच्छी बात थी। कमला आराम से बेड पर लेती हुई आराम कर रही थी और सपना ने तब तक खाना टेबल पर लगा दिया तो सभी लोग खाना खाने लगे। खाना खाकर सपना अपने घर की तरफ चली गई और कमला और शादाब दोनो टीवी देखते रहे।
दोपहर होते होते उन्हें नींद अा गई और कमला जब शाम को सोकर उठी तो उसे अपने पिछवाड़े में दर्द का एहसास हुआ। शादाब भी उठ गया तो कमला बोली:"
" शादाब मुझे पीछे कूल्हे पर दर्द महसूस हो रहा है । कहीं ज्यादा चोट तो नहीं लग गई।
शादाब ने एक बार कमला के पिछवाड़े पर हाथ रखा और चैक करते हुए बोला:"
" चोट तो अंदरूनी लगी हैं और आपका हल्का सा मांस फट गया है। आपको अब गर्म पानी से सिकाई और मालिश करनी होगी।
कमला ने एक आह भरी और बोली:"
" सपना को ही बुलाना पड़ेगा फिर तो। वहीं मेरी मदद कर सकती हैं बेचारी।
शादाब खुश होते हुए:" हान बिल्कुल बुला लीजिए। उसके आने से घर के काम में भी हाथ बंट जाएगा।
कमला:" मुझसे तो इस हाल में चला नहीं जाएगा। एक काम करो, तुम ही जाकर उसे बुला लाओ, मैं उसके घर का रास्ता बता देती हूं।
कमला ने शादाब को रास्ता बता दिया और शादाब थोड़ी देर बाद ही वापिस लौट आया तो कमला बोली:"
" क्या हुआ ? सपना नहीं मिली क्या घर पर ?
अजय:" वो तो नहीं मिली। वो अपनी मा के साथ अपने मामा के यहां चली गई और और शायद कुछ दिन के बाद ही वापिस आए।
कमला के माथे पर परेशानी के भाव साफ़ छलक पड़े और बोली:"
" इस कमीनी सपना को भी आज ही जाना था और उसके साथ ही उसकी मम्मी भी चली गई।
शादाब:" हान अभी दिक्कत तो होगी। मैं एक काम करता हूं आपके लिए पानी गर्म कर देता हूं और आप अपने आप ही करने की कोशिश कीजिए।
कमला:" हान ये भी ठीक रहेगा। तुम जल्दी से पानी गर्म करके एक भिगोने में ले आओ।
शादाब किचेन में चला गया और उसने एक भिगोने में पानी गर्म किया और कमला के पास लेकर अा गया और बोला:"
" लीजिए आंटी कर लीजिए आप सिकाई। मैं बाहर बैठ जाता हूं कोई जरूरत हो तो बुला लीजिए।
कमला:" ठीक है शादाब। मैं कोशिश करती हूं।
शादाब बाहर अा गया और कमला ने अपना लहंगा निकाल दिया और नीचे से पूरी तरह से नंगी हो गई और वहीं फर्श पर एक चादर पर लेट गई और एक हाथ से गर्म पानी लेकर अपनी सिकाई करने लगी। कमला अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन ठीक तरह से अपने पिछवाड़े की मालिश नहीं कर पा रही थी। उसे समझ नहीं अा रहा था कि क्या करे क्योंकि शादाब को बोलने की हिम्मत उसमे नहीं थी और ना ही शादाब ने अपनी तरफ से कमला को मालिश के लिए बोला था।
कमला ने भीगे कपडे को फिर से गर्म पानी में डुबोने के लिए हाथ आगे बढाया और दर्द के कारण उसका हाथ ठीक से संभल नहीं पाया और उसका हाथ सीधे भिगोने पर गिरा और भिगोना उल्टा हो गया जिससे सारा हल्का गर्म गर्म पानी बिखर गया और जैसे ही कमला के पैरो से टकरा गया तो कमला दर्द से कराह उठी और शादाब तेजी से अंदर की तरफ दौड़ा तो उसने पहली बार कमला की मोटी मोटी नंगी पूरी तरह से फूली हुई गांड़ देखी तो कमला ने शर्म के मारे चादर को अपने पिछवाड़े पर डाल लिया और बोली:"
" आह शादाब, पानी गिर गया बेटा गर्म गर्म।
शादाब ने वाइपर से जल्दी से पानी हटाया और बोला:
" आप ज्यादा तो नहीं जली ? आप ठीक तो हैं ना ?
कमला:" हान पानी ज्यादा गर्म नहीं था। जली तो नहीं हूं लेकिन पानी सब बिखर गया। मालिश भी नहीं हो पाई अभी तो।
शादाब:" कोई बात नहीं मैं फिर से पानी गर्म कर देता हूं।
इतना कहकर शादाब नीचे को झुका और उसने फिर से एक नजर कमला की भीगी चादर से लिपटी हुई गांड़ पर डाली और किचेन की तरफ चला गया। कमला ये सब देखकर हैरान हो गई कि शादाब उसकी गान्ड को हसरत भरी निगाहों से देख रहा था। हाय भगवान ये आज कल के लड़के भी ना बस इनकी नजर कोई मौका नहीं छोड़ती। कैसे मेरे पिछवाड़े को घूर रहा था ये, अब तो इसे मैं मालिश के लिए भी नहीं बोल सकती। क्यों नहीं बोल सकती, वो तेरे बेटे जैसा हैं, बेटा तो नहीं है लेकिन और उसका क्या पता कहीं बहक गया तो। ऐसे कैसे बहक जाएगा तो उसे बहकने मत देना।
लेकिन फिर भी क्या करू, मैं खुद तो मालिश नहीं कर सकती। अब उसके सिवा और कोई हैं भी नहीं मेरी मदद करने वाला। बोलकर देखती हूं अगर लगा कुछ गलत होगा तो खुद ही मना कर दूंगी। आखिरकार कमला ने फैसला कर ही लिया।
उधर शादाब पिछले दो दिन से परेशान था और कमला की नंगी गांड़ देखकर उसे अच्छा लगा था और पानी गर्म करते हुए भी वो कमला की गांड़ के बारे में ही सोच रहा था जिससे उसके लंड में तनाव अा गया और शादाब ने पानी गर्म किया और फिर से भिगोने में लेकर बाहर की तरफ अा गया और कमला के पास रखते हुए बोला:"
" लो आंटी, थोड़ा ज्यादा गर्म हैं पानी, इस बार ध्यान से करना सिकाई, कहीं गिर गया तो आप बुरी तरह से जक जाओगी।
इतना कहकर शादाब ने एक नजर फिर से उसकी गांड़ पर डाली और सीधा खड़ा हो गया कमला की नजर पायजामा में बने हुए तम्बू पर पड़ी और मन ही मन मुस्कुरा उठी कि कितना शैतान हैं ये लड़का। क्या ऐसे हालत में इसे सिकाई के लिए बोलना ठीक रहेगा। लेकिन पानी गर्म हैं इस बार गिर गया तो जल जाऊंगी। कमला को कुछ समझ नहीं आ रहा था और शादाब बाहर की तरफ चल पडा तो कमला ने हिम्मत करके उसे आवाज लगाई
" शादाब क्या तुम मेरी मालिश कर सकते हो ? मुझसे ठीक से हो नहीं पा रही है।
शादाब वापिस आया और बोला:"
" हान हान आंटी क्यों नहीं ? मैं कर देता हूं। ।
इतना कहकर वो वहीं उसके पैरो के पास बैठ गया। कमला की धड़कने तेज हो गई क्योंकि उसने शादाब को मालिश के लिए बोल तो दिया था लेकिन अंदर ही अंदर उसे अजीब सा एहसास हो रहा था। शादाब ने गीला कपड़ा लिया और उसे फिर से पानी में भिगोया और चादर के उपर से जैसे ही उसने कमला की गांड़ को छुआ तो कमला को एक तेज अजीब सी सनसनाहट अपने बदन में महसूस हुई और उसकी अपनी सांसे तेज होती महसूस हुई। शादाब ने कपडे को धीरे धीरे हल्के हाथ से उसकी गांड़ के दोनो हिस्सो पर फिराया तो कमला का बदन कांप उठा। शादाब ने फिर से कपड़ा पानी से भिगोया और उसने उस बार पहले के मुकाबले थोड़ा सख्त हाथ से कमला की गांड़ के उभार को कपडे से रगड़ा तो कमला को अपने पूरे बदन में चीटियां सी दौड़ती हुई महसूस हुई और उसने अपनी जांघो को कस लिया। शादाब कपडे को हाथ में लिए हुए उसकी गांड़ के दोनो उभार के बीच में जैसे ही उसकी गांड़ के छेद के आस पास कपड़ा फिराया तो कमला के मुंह से ना चाहते हुए भी आह निकल पड़ी।
कमला के मुंह से आह सुनते ही शादाब समझ गया कि उसके छूने से कमला उत्तेजित हो रही हैं तो उसने थोड़ा खुल कर उसकी गांड़ को कपडे से रगड़ना शुरू कर दिया और कमला की गांड़ पहली बार ज़िन्दगी में कोई ऐसे सहला रहा था जिससे उसे बेहद अच्छा लग रहा था।
शादाब ने फिर से कपडे को पूरी तरह से गीला किया और सीधे उसकी गांड़ के बीच में रख दिया तो हल्के गुनगुने पानी की एक धार बारीक सी चादर को पर करते हुए उसकी गांड़ के छेद को छूते हुए बह गई तो कमला ने अपनी गांड़ को कस लिया। थोड़ी देर और शादाब ने चादर के उपर से ही उसकी गांड़ की गर्म पानी से सिकाई करी और कमला को काफी सुकून मिल रहा था। कमला के जिस्म में मस्ती भरी हलचल मच गई थी जैसे उसने काफी सालों के बाद महसूस किया था।
शादाब:" आंटी सिकाई तो हो गई, अब मालिश करनी होगी ताकि आपको जल्दी आराम मिल जाए।
कमला:" अच्छा तो फिर मालिश भी तुम ही कर दो। तुम्हारे हाथ में जादू सा है शादाब। तुम एक अच्छे डॉक्टर बन जाओगे।
शादाब अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गया वो किचेन में गया और एक कटोरी में सरसो का तेल गरम करने लगा। कमला ने मालिश के लिए बोल तो दिया था लेकिन अब वो समस्या में पड़ गई थी क्योंकि सिकाई तो चादर के उपर से हो गई थी लेकिन मालिश के लिए तो उसे चादर उतारनी ही पड़ेगी मतलब उसकी गांड़ पूरी तरह से नंगी होकर शादाब को हाथो में रहेगी। ये सब सोचते ही कमला की सांसे बहुत ज्यादा तेज हो गई और उसे अपनी चूत में आज सालो के बाद पहली बार गीलापन महसूस हुआ तो कमला को जैसे यकीन ही नहीं हुआ कि उसके जिस्म उसके काबू से बाहर जा रहा है। ये भगवान ये मुझे क्या हो रहा है, ऐसा तो आज तक कभी नहीं हुआ। मुझे खुद पर काबू क्यों नहीं हो पा रहा है, क्यों मेरा बदन अपने आप ही मचल रहा है।
कमला सोच ही रही थी कि तभी शादाब कटोरी में तेल लेकर अा गया और बोला:"
" आंटी चलिए आप मालिश के लिए तैयार हो जाइए।
कमला को कुछ समझ नहीं आया कि क्या कहे। कहीं शादाब उसे चादर उतारने में लिए तो नहीं कह रहा। अब क्या करू, अजीब मुसीबत में फंस गई। कमला की तरफ से कोई प्रतिक्रिया ना मिलती देख शादाब बोला:"
" आंटी तेल ठंडा हो गया तो फिर से गर्म करना पड़ेगा। आप कहे तो मालिश शुरू कर दू ?
कमला;" हान लेकिन क्या मालिश भी चादर के उपर से ही होगी या मैं चादर..
कमला चुप हो गई क्योंकि उसके अंदर हिम्मत नहीं बची थी कि चादर उतारने के लिए बोल सके। शादाब हालत समझते हुए बोला;"
" आंटी चादर के उपर से तो ठीक से मालिश ही नहीं हो सकती, उल्टा चादर और खराब हो जाएगी।
कमला:" लेकिन चादर उतारने से तो नीचे से मेरी गा...
उफ्फ कमला बोलते बोलते रुक गई और शर्म से लाल हो गई कि वो क्या बोलने जा रही थी। शादाब बोला:"
" तो फिर मालिश रहने दू ? आप खुद ही कर लीजिए अपने हाथ से।
कमला:" मुझसे नहीं हो पाएगी, तुम समझो मुझे शर्म आएगी बहुत ऐसे। तुम लाइट बंद कर लो पहले शादाब।
शादाब जल्दी से आगे बढ़ा और उसने लाइट को बंद कर दिया और कमरे में पूरी तरह से घुप अंधेरा हो गया। कमला की हालत खराब हो गई थी और चूत में सिरहन सी दौड़ गई थी और गांड़ की माशपेशियां अपने आप सिकुड़ रही थी। शादाब एक बार फिर से कमला की गांड़ के पास बैठ गया और उसने एक हाथ कमला की गांड़ पर टिका दिया तो कमला कांप उठी।
शादाब ने चादर को पकड़ लिया और बोला:" उतार दूं क्या चादर ?
कमला उसके हाथ अपनी गांड़ पर महसूस करते ही मदहोश सी होकर बोली;"
" उतार दो शादाब।
शादाब ने चादर के सिरे को पकड़ते हुए खींचना शुरु कर दिया और कमला की गांड़ पूरी तरह से नंगी होती चली गई। शादाब भी अब पूरी तरह से बेचैन हो गया और उसके लंड में भी तनाव अा गया और उसने अपने एक हाथ में तेल लिया और जैसे ही कमला की नंगी गांड़ को छुआ तो कमला के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने अपनी गांड़ को जोर से कस लिया तो शादाब ने धीरे से उसकी गांड़ के उभार पर हाथ फिराया और कमला की गांड़ के दोनो उभार तेल से भीगते चले गए। शादाब ने फिर से तेल लिया और फिर से कमला की गांड़ पर पूरी तरह से चुपड़ दिया।
शादाब ने अब अपने हाथो से कमला की गांड़ को पकड़ लिया और हल्के हल्के मालिश करने लगा तो कमला ने मस्ती में आकर खुद ही अपनी टांगो को खोल दिया जिससे शादाब का हाथ अपने आप थोड़ा नीचे की तरफ बढ़ने लगा तो कमला ने डर के मारे फिर से अपनी जांघो को कस लिया।
शादाब ने फिर से तेल लिया और उस बार थोड़ा जोर से कमला की गांड़ को पकड़ लिया और जोर जोर से मालिश करने लगा। कमला की चूत में से रस की कुछ बूंदे टपक पड़ी और कमला ने अपने एक हाथ को नीचे करते हुए अपनी चूत के नीचे रख दिया जिससे उसकी चूत उसके अपने ही हाथ पर रगड़ खाने लगी। कमला पूरी तरह से बेचैन हो गई और तेजी से अपनी चूत को अपने हाथ पर रगड़ने लगी। उसकी तेज तेज सांसे कमरे में गूंज रही थी। शादाब ने मस्ती ने आकर उसकी गांड़ को अपने दोनो हाथो से दबोच लिया और मालिश के बहाने से सहलाने लगी तो कमला पूरी तरह से बहकती चली गई। शादाब के सख्त हाथो को अपनी गांड़ पर महसूस करके कमला बेताब हो रही थी और उसने अपनी गांड़ को खोल दिया। शादाब ने जैसे ही नीचे की तरफ हाथ बढ़ाया तो उसकी उंगलियां गांड़ के दोनो उभारों के बीच में घुस गई और कमला के मुंह से फिर से एक आह निकल पड़ी और उसने अपनी गांड़ को शादाब की उंगलियों सहित कस लिया। शादाब ने जैसे ही कमला की गांड़ के छेद के आस पास उंगली घुमाई तो कमला से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने खुद ही अपनी जांघो को खोल दिया और सिसक उठी। शादाब ने अपनी उंगली को कमला की गांड़ के छेद पर घुमाया तो कमला तड़प उठी और उसने जोर से सिसकते हुई अपनी एक अंगुली को अपनी चूत में घुसा दिया। कमला की गांड़ उछल उछल पड़ रही थी और शादाब ने अपनी एक अंगुली को उसकी गांड़ के छेद पर टिका दिया और कमला की गांड़ का छेद सहलाने लगा। कमला पागल सी हो गई और जोर जोर से सिसक रही थी।
शादाब ने अंधेरे का फायदा उठाते हुए धीरे से अपने पायजामा को खोल दिया तो उसका नंगा लंड उछलते हुए बाहर अा गया और शादाब उसे अपने तेल लगे हाथ से सहलाने लगा।
कमला अपनी चूत में तेजी से उंगली अंदर बाहर कर रही थी जिससे उसकी गांड़ का छेद जोर जोर से शादाब की उंगली से टकरा रहा था और शादाब ने अपनी उंगली को तेल से पूरी तरह से भिगोया और जैसे ही कमला की गांड़ के छेद पर उंगली का दबाव बढ़ाया तो कमला को उसकी गान्ड खुलती हुई महसूस हुई और उसने जोर से अपने दांतो को भींच लिया और शादाब ने जैसे ही दबाव दिया तो एक इंच उंगली कमला की गांड़ में घुस गई और उसके मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी। शादाब की उंगली कमला की गांड़ में पूरी तरह से फंस गई थी और कमला ने अपनी उंगली को चूत में जड़ तक घुसा दिया था। शादाब का दूसरा हाथ उसके लंड पर था और तेल में भीगा हुआ उसका हाथ उसके चिकने हो गए लंड पर सरपट दौड़ रहा था। शादाब ने अपनी उंगली का जोर बढ़ाया और उसकी पूरी उंगली कमला की गांड़ में घुस गई। कमला ने दर्द के मारे अपनी गांड़ को कस लिया और तड़प उठी।
शादाब ने धीरे से अपनी उंगली से उसकी गांड़ के अंदर सहलाया तो कमला को सुकून महसूस हुआ और गांड़ खुल गया तो शादाब ने थोड़ा सा उंगली को बाहर खींचा और फिर से अंदर घुसा दिया तो कमला फिर से सिसक उठी।
शादाब अब कमला की टांगो के बीच में बैठ गया तो उसका लंड कमला की जांघ से टकराया तो कमला को जैसे यकीन ही नहीं हुआ। हाय राम ये तो नंगा हो गया है पूरा। उफ्फ अब क्या होगा। इसका लंड तो बहुत मोटा है उफ्फ मेरी चूत फट जायेगी।
शादाब की उंगली अब आराम से कमला की गांड़ में अंदर बाहर हो रही थी और शादाब बोला"
" आंटी मालिश कैसी लग रही है आपको ? आराम मिल रहा है ना ?
कमला अपनी गांड़ की दीवार पर उंगली महसूस करते हुए सिसकी
" आह शादाब, अच्छा लग रहा है कुछ कुछ।
शादाब का लंड अब पूरी तरह से कमला की जांघो से टकरा रहा था और कमला की हालत खराब होती जा रही थी और उसकी गांड़ मस्ती से शादाब की उंगली पर उछल रही थी। शादाब थोड़ा सा आगे को झुका तो उसका लन्ड कमला की गांड़ के उभार से टकरा गया तो कमला बेकाबू हो गई और खुद ही अपने शरीर को पीछे सरका दिया तो लंड उसकी गांड़ में अंदर बाहर हो रही शादाब की उंगली से टकरा गया तो दोनो एक साथ सिसक उठे।
तभी शादाब का पैर फिसला और वो कमला के उपर गिर पड़ा और उंगली उसकी गांड़ से बाहर निकल गई और लंड गांड़ पर जा लगा। अपनी गांड़ पर लंड का मोटा तगड़ा सुपाड़ा महसूस करके कमला मस्ती से सिसक उठी और शादाब ने अपने सुपाड़े से उसकी गांड़ को सहलाना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ को उसने नीचे की तरफ सरका दिया तो उसके हाथ में कमला का हाथ अा गया जिसकी एक उंगली चूत में घुसी हुई थी। शादाब ने कमला की चूत में घुसी हुई उंगली को महसूस किया तो वो पागल सा हो गया और उसकी चूत को मुट्ठी में भर लिया तो कमला से बर्दाश्त नहीं हुआ और कमला ने अपनी टांगे खोलते हुए शादाब की उंगली को अपनी चूत पर रगड़ दिया।
शादाब से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने एक हाथ दो उंगली कमला की चूत में घुसाते लंड का जोरदार धक्का लगाया जिससे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड़ को फाड़ते हुए अंदर घुस गया है कमला दर्द से कराह उठी
" आह शादाब मार डाला, उफ्फ
शादाब गांड़ में सुपाड़ा घुसते ही कमला की गांड़ की गर्मी महसूस करके जोश में अा गया और एक जोरदार धक्का उसकी गांड़ में मारा तो लंड एक ही धक्के में कमला की गांड़ में घुस गया और कमला दर्द के मारे जोर जोर से सिसक उठी, कराह उठी, मचल उठी
" आह तेरी मा की चूत, मेरी गांड़ फाड़ दी जालिम।
शादाब ने बिना देरी किए कमला की गांड़ में धक्के लगाने शुरू कर दिए तो लंड कसा कसा उसकी गांड़ में धीरे धीरे अन्दर बाहर होने लगा। कमला अभी भी दर्द से कराह रही थी और धीरे धीरे लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा तो कमला का दर्द कम होता चला गया और उसके मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। शादाब अब थोड़ा जोर जोर से धक्के लगाने लगा तो कमला की सिसकियां तेज होती चली गई। कमला की गांड़ पूरी तरह से खुल गई तो लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा और कमला खुद ही अपनी गांड़ हिलाने लगी और सिसक उठी
" आह शादाब, कितना अच्छा हैं तू, आह मार मेरी गांड़।
शादाब तेजी से कमला की गांड़ मारने लगा और कमला हर धक्के पर सिसक रही थी और शादाब की उंगलियां पूरी तेजी से उसकी चूत में अंदर बाहर हो रही थी। तभी शादाब तेजी से धक्के मारने लगा और कमला की चूत एक झटके के साथ झड़ती चली गई और शादाब से कमला लिपटती चली गई और शादाब ने एक आखिरी धक्का उसकी गांड़ में मारा और कमला एक बार फिर से दर्द से कराह उठी। शादाब ने अपनी वीर्य की पिचकारी उसकी गांड़ में मारनी शुरू कर दी और उससे लिपट गया।
Betreen updateअगले दिन सुबह सौंदर्या सुबह जल्दी ही उठ गई जबकि अजय और शहनाज़ देर तक सोते रहे। सौंदर्या ने एक दो बार दोनो को उठाने की कोशिश करी लेकिन कामयाब नहीं हुई। सौंदर्या नहाने चली गई और जल्दी ही नहाकर अा गई और शहनाज़ की तरफ देखते आराम से सोचने लगी कि से उसके मांगलिक होने की वजह से सभी को कितनी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। खास तौर से शहनाज बेचारी उसके लिए कितनी मुश्किल उठा रही है। उसने शहनाज़ के चेहरे को देखा और प्यार से उसके माथे को चूम लिया। सौंदर्या फिर उठी और अजय को उठाने लगी तो अजय हिम्मत करके करीब 10 बजे उठ गया जबकि शहनाज़ सोती रही।
सौंदर्या:" भाई देखो ना आज शहनाज़ कितनी देर से सो रही है मानो सारी रात सो नहीं पाई हो।
अजय उसकी बात सुनकर रात हुई शहनाज़ के साथ जबरदस्त चुदाई के बारे में सोचने लगा और फिर अगले ही पल बोला:"
" वो बेचारी शहनाज कई दिन से ठीक से सो नहीं पाई ना इसलिए आज आराम से सो रही हैं।
सौंदर्या:" हान भाई, ये बात तो हैं, सभी लोगो को मेरी वजह से काफी दिक्कत हो रही है।
इतना कहकर सौंदर्या थोड़ा सा उदास हो गई तो अजय बोला:"
" बस तुम परेशान मत हो, अब सब ठीक हो जाएगा। बस दो दिन और उसके बाद तुम्हे इस दोष से मुक्ति मिल जाएगी।
अजय की बात सुनकर सौंदर्या के चेहरे पर एक सुखद मुस्कान फैल गई और तभी शहनाज़ ने भी एक अंगड़ाई लेते हुए अपनी आंखे खोल दी। अजय और सौंदर्या को उसने अपने कमरे में देखा तो एक पल के लिए चौंक गई और फिर उन्हें स्माइल दी।
सौंदर्या:" ओह उठ गई आप, मुझे तो लग रहा था कि आज आप शाम से पहले नहीं उठने वाली। देखो हम दोनों ने अभी तक कुछ नहीं खाया है।
शहनाज़ जल्दी से उठ कर बैठ गई और स्माइल करते हुए बोली:"
" मैं बस अभी नहाकर अाई
इतना कहकर वो बेड से उठी और जैसे ही चलने लगी तो उसे अपनी टांगो के बीच दर्द महसूस हुआ। उफ्फ शहनाज़ की आंखे के आगे रात भर हुई चुदाई का दृश्य घूम गया और उसके चेहरे पर मुस्कान अा गईं। धीरे धीरे हल्के हल्के क़दमों से लंगड़ाते हुए वो बाथरूम की तरफ जाने लगी तो सौंदर्या बोली:"
" क्या हुआ आप ऐसे लंगड़ा कर क्यों चल रही है ? पैरो में दर्द हैं क्या आपको ?
सौंदर्या की बात सुनकर शहनाज़ की सांसे रुकी की रुकी रह गई। वो मन ही मन सोचने लगी कि तुम्हे कैसे बताऊं कि मेरे पैरो में नहीं बल्कि चूत में दर्द हो रहा है तेरे सांड जैसे भाई की वजह से। शहनाज़ ने अपने आपको संभालते हुए कहा:"
" वो रात बाथरूम जाने के लिए अंधेरे में मेज से टकरा गई थी बस इसलिए हल्का हल्का टांगे दर्द कर रही है।
अजय:" अरे अपना ध्यान रखा करो शहनाज़, ऐसे चोट मत खाया करो, ज्यादा लग गई तो दिक्कत हो जाएगी।
शहनाज़ ने सौंदर्या से नजरे बचा कर अजय को घूरा और बोली:"
" अच्छा जी, तुम्हे भी थोड़ा ध्यान रखना चाहिए, इतनी बड़ी मेज उठाकर अलग रख देते। इतनी तुम सही जगह कहां अपनी ताकत लगाते हो।
शहनाज़ इतना कहकर बाथरूम में घुस गई और अपने सभी कपड़े निकाल कर पूरी तरह से नंगी हो गई। अगले दिन सुबह सौंदर्या सुबह जल्दी ही उठ गई जबकि अजय और शहनाज़ देर तक सोते रहे। सौंदर्या ने एक दो बार दोनो को उठाने की कोशिश करी लेकिन कामयाब नहीं हुई। सौंदर्या नहाने चली गई और जल्दी ही नहाकर अा गई और शहनाज़ की तरफ देखते आराम से सोचने लगी कि से उसके मांगलिक होने की वजह से सभी को कितनी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। खास तौर से शहनाज बेचारी उसके लिए कितनी मुश्किल उठा रही है। उसने शहनाज़ के चेहरे को देखा और प्यार से उसके माथे को चूम लिया। सौंदर्या फिर उठी और अजय को उठाने लगी तो अजय हिम्मत करके करीब 10 बजे उठ गया जबकि शहनाज़ सोती रही।
सौंदर्या:" भाई देखो ना आज शहनाज़ कितनी देर से सो रही है मानो सारी रात सो नहीं पाई हो।
अजय उसकी बात सुनकर रात हुई शहनाज़ के साथ जबरदस्त चुदाई के बारे में सोचने लगा और फिर अगले ही पल बोला:"
" वो बेचारी शहनाज कई दिन से ठीक से सो नहीं पाई ना इसलिए आज आराम से सो रही हैं।
सौंदर्या:" हान भाई, ये बात तो हैं, सभी लोगो को मेरी वजह से काफी दिक्कत हो रही है।
इतना कहकर सौंदर्या थोड़ा सा उदास हो गई तो अजय बोला:"
" बस तुम परेशान मत हो, अब सब ठीक हो जाएगा। बस दो दिन और उसके बाद तुम्हे इस दोष से मुक्ति मिल जाएगी।
अजय की बात सुनकर सौंदर्या के चेहरे पर एक सुखद मुस्कान फैल गई और तभी शहनाज़ ने भी एक अंगड़ाई लेते हुए अपनी आंखे खोल दी। अजय और सौंदर्या को उसने अपने कमरे में देखा तो एक पल के लिए चौंक गई और फिर उन्हें स्माइल दी।
सौंदर्या:" ओह उठ गई आप, मुझे तो लग रहा था कि आज आप शाम से पहले नहीं उठने वाली। देखो हम दोनों ने अभी तक कुछ नहीं खाया है।
शहनाज़ जल्दी से उठ कर बैठ गई और स्माइल करते हुए बोली:"
" मैं बस अभी नहाकर अाई
इतना कहकर वो बेड से उठी और जैसे ही चलने लगी तो उसे अपनी टांगो के बीच दर्द महसूस हुआ। उफ्फ शहनाज़ की आंखे के आगे रात भर हुई चुदाई का दृश्य घूम गया और उसके चेहरे पर मुस्कान अा गईं। धीरे धीरे हल्के हल्के क़दमों से लंगड़ाते हुए वो बाथरूम की तरफ जाने लगी तो सौंदर्या बोली:"
" क्या हुआ आप ऐसे लंगड़ा कर क्यों चल रही है ? पैरो में दर्द हैं क्या आपको ?
सौंदर्या की बात सुनकर शहनाज़ की सांसे रुकी की रुकी रह गई। वो मन ही मन सोचने लगी कि तुम्हे कैसे बताऊं कि मेरे पैरो में नहीं बल्कि चूत में दर्द हो रहा है तेरे सांड जैसे भाई की वजह से। शहनाज़ ने अपने आपको संभालते हुए कहा:"
" वो रात बाथरूम जाने के लिए अंधेरे में मेज से टकरा गई थी बस इसलिए हल्का हल्का टांगे दर्द कर रही है।
अजय:" अरे अपना ध्यान रखा करो शहनाज़, ऐसे चोट मत खाया करो, ज्यादा लग गई तो दिक्कत हो जाएगी।
शहनाज़ ने सौंदर्या से नजरे बचा कर अजय को घूरा और बोली:"
" अच्छा जी, तुम्हे भी थोड़ा ध्यान रखना चाहिए, इतनी बड़ी मेज उठाकर अलग रख देते। इतनी तुम सही जगह कहां अपनी ताकत लगाते हो।
शहनाज़ इतना कहकर बाथरूम में घुस गई और अपने सभी कपड़े निकाल कर पूरी तरह से नंगी हो गई। शहनाज़ ने अपने पूरे जिस्म को शीशे में देखा तो उसकी आंखे खुली की खुली रह गई। उसके पूरे जिस्म पर जगह जगह लाल निशान पड़ गए थे। अजय ने बड़ी बेरहमी से उसके जिम्स को मसला था अपने हाथो से। उसके दोनो कंधो पर अजय के दांतो के निशान साफ दिखाई पड़ रहे थे, शहनाज़ ने अपनी चूचियों को छुआ तो उसकी चूचियों में हल्की सी टीस सी उठ गई। उसके दोनो निप्पल पर लाल सुर्ख निशान पड़ गए थे और आगे से हल्के से सूज गए थे। अजय ने पूरी बेदर्दी से उसके निप्पलों को अपनी उंगली से खींचा था और दांतो में भर भर कर जोर जोर से काट लिया था। शहनाज़ ने हिम्मत करके अपनी पूरी दोनो चूचियों को अपने हाथो में थाम लिया और उन्हें प्यार से सहलाने लगी मानो रात भर उनके साथ हुई जबरदस्त चुदाई, रगड़ाई के लिए उन्हें तसल्ली दे रही हो। शहनाज़ ने पलट कर अपनी गांड़ को देखा तो उसकी गांड़ की हालात भी कम खराब नहीं थी। शहनाज़ का एक हाथ नीचे उसकी चूत से टकराया तो उसके मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी।
उसने अपनी एक टांग को टेबल पर रखा और अपनी चूत को शीशे में देखा तो उसकी आंखे उत्तेजना से लाल हो गई। उसकी चूत पूरी तरह से लाल होकर सूज गई थी जिससे उसे दर्द का एहसास हो रहा था। शहनाज़ ने धीरे से अपनी चूत के होंठ को सहलाया फिर हल्के गुनगुने पानी से नहाने लगी। शहनाज़ के बदन में हो रहा चुदाई का दर्द काफी हद तक कम हो गया और वो अपने कपड़े पहनते हुए अजय के बारे में सोचने लगी। कमीना कहीं का, कोई भला ऐसे करता है क्या ? मेरी जगह कोई ए क कुंवारी लड़की होती तो उसका क्या हाल होगा।
ये ही सब सोचते सोचते वो बाहर अा गई और फिर सबने साथ में नाश्ता किया। नाश्ता करने के बाद अजय उन्हें आज रात होने वाली पूजा के बारे में समझाने लगा।
अजय:" बस आज रात शहनाज़ की आखिरी विधि होगी और उसके बाद कल आखिरी पूजा सिर्फ सौंदर्या के साथ होगी क्योंकि आज रात के बाद मंगल का प्रभाव कम हो जाएगा। आज पूर्णिमा की रात होगी और थोड़ी देर के लिए रात में इन्द्र धनुष दिखाई देगा जो इस बात का सबूत होगा कि हम कामयाब होने वाले है।
दोनो ने ध्यान से उसकी बाते सुनी और देखते ही देखते शाम के छह बज गए तो सभी ने हल्का सा खाना किया और फिर पूजा की आगे की विधि करने के लिए गंगा के किनारे अा गए।
बाहर अंधेरा हो गया था और तीनो के बदन पर अभी सिर्फ काली चादर लिपटी हुई थी।
अजय एक स्थान पर बैठ गया हवन के पास बैठ गया और मंत्र पढ़ने लगा। देखते ही देखते चारो ओर से जोर जोर से हवाएं चलने लगी और अजय के चेहरे पर मुस्कान फैल गई तो सौंदर्या और शहनाज़ दोनो स्माइल करने लगी।
अजय ने दोनो को उठने का इशारा किया और शहनाज़ के उठते ही उसके जिस्म पर लिपटी हुई चादर हवा के झोंके के साथ उड़ती चली गई और वो पूरी तरह से नंगी हो गई। शहनाज़ शर्म से लाल हो गई क्यूंकि सौंदर्या और अजय के सामने उसे बेहद शर्म अा रही थी।
अजय ने हवन कुंड के पास से एक लालटेन उठाई और शहनाज़ को अपने पास आने का इशारा किया। शहनाज़ मुंह नीचे किए धीरे धीरे चलती हुई उसके पास अाई और अजय ने उसे लालटेन थमा दी और कुछ मंत्र पढ़ने लगा और फिर बोला:"
" शहनाज़ अब ये लालटेन जलती रहेगी चाहे कितनी भी तेज हवाएं चले। तुम इसे लेकर आगे आगे चलो और पीछे पीछे सौंदर्या आएगी। जैसे ही सामने इन्द्र धनुष दिख जाए तो आज की आधी पूजा कामयाब समझी जाएगी।
शहनाज़ का जिस्म लालटेन की रोशनी में बेहद खूबसूरत लग रहा था और उसकी चूत के आश पास मंगल यंत्र अभी भी हिल रहा था जिससे शहनाज़ बेचैन हो गई थी। उसने लालटेन को हाथ में लिया और आगे बढ़ने लगी।
शहनाज़ के चलने के उसकी नंगी गांड़ पूरी तरह से कामुक अंदाज में हिल रही थी जिसका असर अजय के साथ साथ सौंदर्या पर भी हो रहा था। सौंदर्या को शहनाज़ के जिस्म पर पड़े हुए लाल निशान देखकर हैरानी हो रही थी कि इसे क्या हो गया है, कहीं ये सब पूजा का असर तो नहीं है या फिर अजय ने ही शहनाज़ को चोद....
सौंदर्या अगले ही पल सोचने लगी कि नहीं ऐसा नहीं हो सकता, जरूर पूजा की वजह से ही ये सब हुआ है। वो शहनाज़ के पीछे पीछे चल रही थी और अजय उसके ठीक पीछे। तभी हवाएं बहुत तेजी से चलने लगी और लालटेन की बत्ती इधर उधर हिल रही थी लेकिन बुझ नहीं रही थी। हवाओं से सौंदर्या के जिस्म पर पड़ी हुई चादर भी हिल रही थी और उसकी गांड़ हल्की हल्की खुल कर दिख रही थी। अजय ने देखा कि उसकी बहन की गांड़ के दोनो हिस्से किसी भी तरह से शहनाज़ से बहुत ज्यादा कम कम नहीं थे। शायद एक या दो ही इंच कम लेकिन उसके मुकाबले काफी ठोस लग रहे थे।
तभी सामने आकाश में जोर जोर से बिजलियां कड़कने लगी और तेज हवाओं के साथ सौंदर्या की गांड़ पूरी तरह से नंगी हो गई। तभी सामने आकाश में इन्द्र धनुष बना हुआ दिखाई दिया और सौंदर्या उसे देखते ही खुशी से अजय की तरफ देखते हुए बोली:"
" भैया वो देखो इन्द्र धनुष।
अजय ने एक बार इन्द्र धनुष की तरफ देखा और फिर उसने अपनी नजरे सौंदर्या की मोटी मोटी गांड़ पर टिका दी। उफ्फ क्या माल है उसकी बहन,सच में किसी भी तरह से शहनाज़ से कम नहीं, दोनो की गांड़ एक से बढ़कर एक। अजय इन्द्र धनुष कम और अपनी बहन की गांड़ ज्यादा देख रहा था।
इन्द्र धनुष के निकलते ही हवाएं रुक गई और शहनाज़ ने लालटेन को एक तरफ रख दिया और अपनी चादर को उठाकर अपने जिस्म पर लपेट लिया।
सौंदर्या खुशी से दौड़ती हुई अजय के गले लग गई और बोली:"
" भाई इन्द्र धनुष निकल गया इसका मतलब हमारी पूजा कामयाब हो रही हैं।
अजय ने सौंदर्या को अपनी बांहों में भर लिया और उसकी गांड़ पर दोनो हाथ टिका कर बोला:"
" हान मेरी प्यारी दीदी, अब तुम दोष मुक्त होकर दुल्हन बन जाओगी।
इतना कहकर उसने सौंदर्या की गांड़ को हल्का सा सहला दिया तो सौंदर्या मचल गई और फिर उससे छूटकर शहनाज़ के गले लग गई।
अजय:" अच्छा अब देर मत करो क्योंकि अभी कुछ और विधियां आज के लिए बाकी है। उन्हें पूरा करना होगा।
खुशी से झूमती हुई अलग हो गई और बोली:"
" हान भैया बताओ ना क्या करना होगा अब मुझे
अजय:" देखो आचार्य जी ने बताया था कि मैं बहुत ही शुभ योग में पैदा हुआ हूं। इसलिए मेरे सारे शरीर की छाया तुम्हारे शरीर पर पड़नी चाहिए। वैसे तो रात में पूरा अंधेरा है लेकिन अभी इन्द्र धनुष की रोशनी में छाया बन ही जाएगी। एक बार इन्द्र धनुष गायब हो गया तो फिर सब व्यर्थ चला जाएगा।
सौंदर्य:" ओह भाई जल्दी बताओ ना कैसे और क्या करना होगा ?
अजय:" तुम दोनो पूरी तरह से नंगी होकर लेट जाओ। मै सीधा खड़ा रहूंगा। पहले छाया शहनाज़ पर और फिर तुम पर भी पड़ेगी।
अजय की बात सुनकर दोनो शर्म से लाल हो गई। सौंदर्या का कहीं ज्यादा बुरा हाल था। उसे समझ नहीं अा रहा था कि क्या करे तभी अजय फिर से बोल उठा :"
" शरमाओ मत दीदी आप, अगर शर्म के कारण इन्द्र धनुष गायब हो गया तो आप ज़िन्दगी भर मांगलिक ही रह जाएगी।
सौंदर्या तड़प उठी और उसने बेबस नजरो से शहनाज़ की तरफ देखा जो अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गई थी। शहनाज़ अजय के इशारे पर तेजी से आगे बढ़ी और उसने सौंदर्या के जिस्म से चादर को खींच कर उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया और सौंदर्या ने शर्म के मारे अपने दोनो हाथ अपने चेहरे पर रख लिए। अजय ने पहली बार अपनी बहन की गोल गोल ठोस नारियल के आकार की चुचियों को देखा और उसकी आंखे चमक उठी।
शहनाज़ और सौंदर्या दोनो जमीन पर पड़ी हुई चादर पर लेट गई। अजय ने अपनी चादर को हटा दिया और नंगा हो गया। उसका मोटा तगड़ा लंड हवा में लहरा उठा जिसे देखते ही सौंदर्या के मुंह से डर के मारे चींखं निकल पड़ी और उसकी आंखे फिर से बंद हो गई। लंड को देखते ही शहनाज़ की आंखे चमक उठी और उसने अजय को एक कामुक इशारा किया।
अजय अब ठीक शहनाज़ के सामने खड़ा हुआ था और उसके जिस्म की परछाईं शहनाज़ के ऊपर पड़ रही थी। अजय शहनाज़ की तरह देखते हुए बोला:"
" ऐसे ही मेरी आंखो में देखती रहना, तभी जाकर ये विधि सही से पूर्ण होगी।
शहनाज़ ऐसे ही उसकी तरफ देखती रही और देखते ही देखते अजय उसके करीब अा गया और उसका लन्ड की परछाई अब शहनाज़ के होंठो के सामने पड़ रही थी और शहनाज़ ने अपनी जीभ निकाल कर अजय को इशारा किया तो अजय बोला:"
" बस शहनाज़ अब तुम्हारी बारी खत्म, अब परछाई सौंदर्या के उपर पड़नी चाहिए। दीदी जल्दी से आंखे खोल दो।
सौंदर्या ने बड़ी मुश्किल से अपनी आंखे खोली और उसने अजय की आंखो से मिला दी। अजय के जिस्म की परछाईं उसके जिस्म पर पड़ रही थी और लंड की परछाई ठीक सौंदर्या की चूत पर पड़ रही थी। सौंदर्या का शर्म के मारे बुरा हाल हो गया था।
अजय:" बस दीदी हो गया, आपका जिस्म अब काफी हद तक मंगल के प्रभाव से मुक्त हो गया है। कल एक अंतिम दिन पूजा होगी। ढलते हुए इन्द्र धनुष की लालिमा आप पर कहीं बुरा असर ना कर दे इसलिए आप अपनी आंखे फिर से बंद कर लीजिए।
सौंदर्या ने जैसे ही आंखे बंद करी तो अजय ने शहनाज़ को स्माइल दी और शहनाज़ ने आगे बढ़कर उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी। देखते ही देखते उसने लंड को एक झटके के साथ मुंह में भर लिया और चूसने लगी।
इन्द्र धनुष कभी का छुप गया हो और शहनाज़ बेसब्री सी लंड चूसे जा रही थी। अजय और शहनाज़ दोनो पूरी तरह से सौंदर्या से बेखबर हो गए थे और लंड चूसने से निकलती हुई आवाज से सौंदर्या बेचैन हो रही थी क्योंकि उसने कई बार सेक्सी मूवी में इस तरह की आवाज सुनी थी लेकिन उसे यकीन नहीं हो पा रहा था कि क्या सच में शहनाज़ उसके भाई का लंड चूस रही है।
शहनाज़ पूरी जोर जोर से लंड चूस रही थी और अजय के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसने शहनाज़ के मुंह में एक धक्का लगाया और उसके मुंह में वीर्य की पिचकारी मारते हुए जोर से सिसक पड़ा। सौंदर्या ने हिम्मत करके आंखे खोली तो उसे मानो यकीन नहीं हुआ। उसका भाई शहनाज़ की दोनो चूचियों को थामे हुए उसके मुंह में लंड से वीर्य की पिचकारी मार रहा था। अजय का लन्ड धीरे धीरे शहनाज़ के मुंह से बाहर निकल रहा था और सौंदर्या को यकीन नहीं हो रहा था कि इतना मोटा और तगड़ा लंड कैसे शहनाज़ के मुंह में घुस गया था।
जैसे ही शहनाज़ और अजय को होश आया तो उन्होंने सौंदर्या की तरफ देखा जिसकी आंखे फिर से बंद हो गई थी। अजय ने शहनाज़ के होंठो को चूम लिया और दोनो ने कपडे पहन लिए और शहनाज़ ने सौंदर्या को आवाज लगाई
" पूजा खत्म हो गई सौंदर्या, चलो जल्दी से अपने कपड़े पहन लो।
सौंदर्या में जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए और सभी वापिस कमरों की तरफ बढ़ गए। अंदर जाते ही फिर से सभी लोग गहरी नींद में चले गए।
Fantastic updateपूजा की विधि में दिखे इंद्र धनुष के प्रभाव का सौंदर्या के शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ रहा था और आते ही गहरी नींद में चली गई। अजय ने सोती हुई सौंदर्या को अपनी गोद में उठा लिया और दूसरे कमरे में बेड पर लिटा दिया और उसका माथा चूम कर वापिस शहनाज के पास आ गया। शहनाज भी थकी हुई थी और अजय ने कमरे में आते ही गेट को ठीक से बंद किया और शहनाज के उपर से चादर को हटा दिया जो कि करवट लेकर सोई हुई थी, शहनाज पूरी तरह से नंगी हो गई। अजय शहनाज के नंगे जिस्म को देखते ही जोश में आ गया और उसने ढेर सारा थूक अपने लंड पर लपेट लिया और शहनाज की चूत से अपने लंड को अड़ा दिया और एक जोरदार धक्का शाहनाज की चूत में जड़ दिया तो अजय का लन्ड एक बार फिर से उसकी कसी हुई चूत में घुसता चला गया और गहरी नींद में सो रही शहनाज इस अचानक हुए हमले से दर्द से तड़प उठी। जब तक उसे समझ आता अजय ने उसकी चूचियों को बेरहमी से मसलते हुए उसकी चूत पर फाड़ना शुरू कर दिया तो शहनाज दर्द से कराह उठी
" आह पागल हो गया है क्या ,!! सोते सोते ही घुसा दिया आह अम्मी, बता तो देता ज़ालिम।
अजय ने शहनाज की गर्दन को चाट लिया और तगड़े तगड़े धक्के लगाते हुए बोला:"
" आह मेरी जान, अच्छा नहीं लगा क्या ऐसे घुसाना ? हाय तेरी चूत कितनी टाइट है।
शहनाज तगड़े धक्कों से आगे को खिसकती हुई बेड के किनारे तक पहुंच गई थी और एक हाथ से अजय को थामते हुए सिसक उठी"
" आह कुछ कुछ अच्छा लगा, पर थोड़ा आराम से कर ना, नहीं तो नीचे गिर जाऊंगी।
अजय ने शहनाज को पकड़ कर बेड के बीच में खींच लिया और उसकी दोनो टांगो को मोड़ कर उसकी चूचियों से टिका दिए और उसकी आंखो में देखते हुए लंड को चूत पर टिका दिया और रगड़ने लगा तो शहनाज़ फिर से तड़प उठी और अपनी चूत को लंड पर उछाल दिया तो अजय ने एक जोरदार धक्का लगाया और लंड को फिर से अंदर घुसा दिया। शहनाज फिर से मस्ती से सिसक उठी और अजय ने उसे फिर से चोदना शुरू कर दिया। शहनाज अजय के नीचे पड़ी हुई जोर जोर से सिसकते हुए चुद रही थी।
शहनाज से लंड की मार बर्दाश्त नही हुई और उसकी चूत की दीवारों में तूफान सा उठने लगा तो शहनाज़ बावली सी हो गईं और अजय को जोर जोर से से अपने उपर खींचने लगी मानो उसे पूरी तरह से अपने अंदर घुसा लेना चाहती हो। अजय ने शहनाज की बेकरारी समझते हुए अपने लंड के धक्के पूरी बेरहमी से लगाए तो शहनाज का धैर्य जवाब दे गया और उसकी चूत और मुंह दोनो एक साथ मस्ती से खुल गए
" आह अजय, मर गई मेरी चूत, सीईई आईआईआई चोद दिया तूने शहनाज को।
इतना कहकर शहनाज़ दीवानी सी हुई उसका मुंह चूमने लगी तो अजय ने एक झटके के साथ उसे उल्टी बेड पर पटक कर उसकी चूत में फिर से अपना लंड ठोक दिया और तेजी से चोदने लगा। शहनाज इसके लिए तैयार नहीं थी इसलिए दर्द से कराहती हुई आगे को सरकी
" आह पागल है क्या, ऐसे कौन प्यार करता है, मार डालेगा क्या मुझे तू
अजय ने उसके दोनो हाथ पकड़ कर फिर से अपने लंड पर खींच लिया और जोर जोर से चोदते हुए गुर्राया
" आह प्यार नही चुदाई करता ऐसे, आह शहनाज तेरी चूत क्या मस्त हैं, लंड से आज तक कोई मरी, सिर्फ चूत मरती हैं।
इतना कहकर अजय जोर से उसकी चूत को ठोकने लगा। शहनाज का पूरा जिस्म लंड के धक्कों से हिल रहा था और उसके मुंह से निकलती दर्द और मस्ती भरी सिसकारियां अजय को और मदहोश कर रही थी।
अजय के लंड में भी तूफान सा उमड़ रहा था और शहनाज की चूत एक बार फिर से गीली हो गई जिससे धक्कों की स्पीड बढ़ गई थी और शहनाज अजय की आंखो में देखते हुए उसे तेज तेज चोदने का इशारा कर रही थी। अजय अपने लंड को बस सुपाड़े तक अंदर रहने देता और फिर से पूरा घुसा देता। शहनाज पागल सी हुई जोर जोर से सिसक रही थी और अजय तेज धक्के लगाने के लिए उसकी पीठ पर सवार होकर एक पागल सांड की तरह कस कस कर जोर जोर से पूरी बेरहमी से चोदने लगा तो शहनाज की चूत एक बार फिर से पिघल गई और वो एक बार फिर से जोर जोर से सिसकते हुए झड़ती चली गई जिससे उसकी चूत और चिकनी हो गईं और अजय को लगा जैसे उसके लंड में तूफान सा आ गया हैं तो उसने पूरे लंड को तेजी से बाहर निकाला और एक जोरदार धक्के के लिए जड़ तक उसकी चूत में घुसा दिया तो शहनाज जोर से दर्द से कराह उठी तो अजय ने उसके मुंह को अपने हाथ से बंद कर लिया और अगले की पल जोरदार धक्कों की बारिश शहनाज की चूत में करने लगा।
अजय ने अपनी लंड को पूरा बाहर निकाला और अगले ही पल एक धक्का पूरी ताकत से उसकी चूत में जड़ दिया और उसका लंड शाहनाज की चूत की गहराई में उतर का वीर्य की बारिश करने लगा और अजय शाहनाज की कमरे पर गिरकर उसकी गर्दन को चूमने लगा। शहनाज उसके नीचे पड़ी हुई अपने उखड़ी सांसों को काबू कर रही थी और अजय उसकी गर्दन को चूम रहा था। अजय का लंड सिकुड़ कर शहनाज की चूत से बाहर निकल गया तो शहनाज ने अपने बदन की पूरी हिम्मत समेटकर उसे अचानक से धक्का दिया तो अजय बेड पर गिर गया और शहनाज ये देखकर मुस्कुरा उठी तो अजय ने हल्की नाराजगी जताते हुए उसकी चूचियों को जोर से उमेठ दिया तो शहनाज ने उसका लंड जोर से मुट्ठी से भींच दिया तो अजय के चेहरे दर्द के भाव उभर आए तो शहनाज ने उसके लंड को ढीला छोड़ दिया और बोली:
" तुम सुधर नहीं सकते क्या ? क्यों बिल्कुल जंगली की तरह प्यार करते हो? थोड़ा सा भी रहम नहीं दिखाते।
अजय के चेहरे पर स्माइल आ गई और शहनाज के गाल चूम कर बोला:"
" क्यों तुम्हे पसंद नही आता क्या मेरा ये जंगलीपन ? मजे तो बहुत करती करते हो तुम जोर जोर से सिसकियां लेकर !!
शहनाज ने अजय की चौड़ी छाती पर हाथ फिराया और बोली:"
" हान पसंद आता है लेकिन ये सही तरीका नहीं होता चुदाई का समझे तुम।
अजय ने शहनाज की गांड़ को हाथो में भर लिया और जोर से मसलते हुए बोला:"
" हाय मेरी जान शहनाज, जब तक औरत चींखें ना मारे तो चुदाई का क्या मतलब!!
शहनाज जोर से गांड़ दबाए जाने से फिर से दर्द से कराह उठी और बोली"
" आउच अजय, उफ्फ क्या करू तेरा, कैसे सुधारु तुझे? बस किसी तरह पूजा खत्म हो जाए तो मेरी चूत की जान बचे।
इतना बोलकर शहनाज मुस्कुरा उठी तो उसकी बात सुनकर अजय ने शहनाज के हाथो को पकड़ लिया और उसके उपर फिर से चढ़ गया और उसके माथे को चूम कर बोला:"
" आह शहनाज अब तो तू जिंदगी भर मेरा लंड तेरी चूत की पूजा करेगा।
शहनाज कुछ बोलती उससे पहले ही इतना कहकर अजय ने अपने होंठ उसके होंठों से चिपका दिए और चूसने लगा। शहनाज चाह कर कुछ नहीं बोल पाई और फिर से अजय के साथ मदहोश होती चली गई। अजय का लन्ड फिर से पूरी तरह से खड़ा होकर उसकी चूत में घुसता चला गया और बेड पर फिर से एक जंग छिड़ गई जिसमे शहनाज हार कर भी जीत रही थी। अजय ने पूरी बेदर्दी से शाहनाज को पूरी रात चोदा और शहनाज का बुरा हाल हो गया। उसकी चूत बुरी तरह से फट गई थी और शहनाज का गोरा चिट्टा जिस्म अजय के दबाए मसले जाने से जगह जगह से लाल पड़ गया था। आखिकार रात भर हुई चुदाई के बाद दोनों दो गए।
सुबह करीब आठ बजे के आस पास सौंदर्या की आंखे खुली और तैयार होकर दोनो को उठा दिया तो दोनो न चाहते हैं भी उठ गए और नाश्ता करने लगे।
अजय:" दीदी बस आज आखिरी पूजा होगी और कल से आपकी जिंदगी की एक नई सुबह शुरू हो जाएगी।
सौंदर्या के चेहरे पर स्माइल फैल गई और बोली:" भाई ये सब तो आप और शहनाज के कारण ही हो रहा है। आप नही होते तो शायद मैं कभी ठीक नहीं हो सकती।
अजय:" मेरे नही बल्कि शाहनाज के कारण कहो दीदी, इन्होंने आप पर आने वाली मुश्किल को अपने उपर झेला हैं।
सौंदर्या:हान शाहनाज ये तो बात बिलकुल सच है, ये नही होती तो पता क्या होता।
शाहनाज दोनो की बाते सुन रही थी और बोली:"
" बस बहुत हो गई तारीफ, अब आज रात होने वाली पूजा पर ध्यान दो क्योंकि उसके बाद ही तुम दोष मुक्त हो पाओगी।
सौंदर्या:" हान आपकी बात ठीक हैं, भाई किस तरह की पूजा विधि होगी आज ?
अजय:" मंगल आज आपकी कुंडली से निकल जायेगा लेकिन खुशी खुशी तभी जायेगा जब आप से खुश हो जाए। मंगल को खुश करने के लिए आपको पहले मंगल यंत्र को शुद्ध करके पहनना होगा और उसके बाद बिलकुल एक दुल्हन की तरह खुद को तैयार करना होगा ताकि मंगल आपके रूप सौंदर्य पर मोहित हो सके। बाकी तो सब पूजा की विधियां होगी जो समय आने पर मैं आपसे खुद ही करा लूंगा। एक बात और आज शाहनाज पूजा में नही होगी।
शहनाज:" कोई बात नही मैं यहीं अपने कमरे में रहूंगी, मेरी कोई भी मदद चाहिए तो मैं काम आ जाऊंगी।
सौंदर्या:" मेरा दिल तो बहुत घबरा रहा हैं, बस किसी तरह से आज को पूजा सफल हो जाए।
अजय ने सौंदर्या का हाथ पकड़ लिया और उसे तसल्ली देते हुए बोला:"
" आप चिंता मत करो दीदी, सब कुछ आराम से हो जायेगा। मेरे होते हुए आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं।
शाहनाज:" और फिर मैं भी तो यहीं रहूंगी। कोई भी समय मेरी जरूरत हो तो आ जाऊंगी।
सौंदर्या के चेहरे पर स्माइल आ गई और सभी ने अपना खाना खत्म किया और उसके बाद सभी लोग रात की पूजा की तैयारी में जुट गए। शाम के करीब सात बज गए थे और सूरज ढल गया था। पूजा का मुहूर्त 10:15 मिनट था और जैसे जैसे समय करीब आता जा रहा था वैसे वैसे सौंदर्या बेचैन हो रही थी।
शहनाज ने मंगल यंत्र को गंगा जल से शुद्ध कर दिया था जो कि बेहद खूबसूरत होकर चमक रहा था। मंगल यंत्र लेकर सौंदर्या नहाने के लिए घुस गई और ही अपने बदन को पूरी तरह से शुद्ध किया और मंगल ग्रह को हाथ में लेते ही उसका बदन कांपने लगा। उसने धीरे से मंगल यंत्र को अपनी नाभि के उपर टिकाया और नीचे से अपनी जांघो के बीच से निकालते हुए अपनी पीठ पर ले गई और पीठ पर लपटेकर फिर से अपनी नाभि पर बांध दिया।
मंगल यंत्र एक बार फिर से सौंदर्या की चिकनी चूत पर बंध गया था लेकिन इस बार पहले के मुकाबले काफी टाइट बंधा था और घुंघरू कुछ ढीले हो गए जो इधर उधर हिल रहे थे और सौंदर्या को अजीब से गुदगुदी महसूस हो रही थी। सौंदर्या ने अपने जिस्म पर एक चादर लपेट ली और बाहर निकल गई। शाहनाज को देखते ही वो हल्की सी शर्मा ने और फिर शाहनाज और सौंदर्या दोनो ने मिलकर सौंदर्या का मेकअप शुरू कर दिया। करीब 09:40 मिनट तक सौंदर्या पूरी तरह से तैयार हो गई और खुद को शीशे में देख कर शरमा गई।
शहनाज:" बहुत खूबसूरत लग रही हो सौंदर्या, जल्दी ही तुम अब दोष मुक्त होकर दुल्हन बन जाओगी और इसके बाद तुम्हारी सुहागरात होगी।
सौंदर्या शर्मा गई और तभी अजय भी अंदर आ गया और सौंदर्या के रूप सौंदर्य की तारीफ किए बिना ना रह सका। सभी ने हल्का भोजन किया और उसके बाद अजय और सौंदर्या दोनो पूजा के लिए घाट की तरफ निकल गए जबकि शहनाज़ ना चाहते हैं हुए भी अपने कमरे में आ गई और सोचने लगी कि बस आज पूजा होने के बाद कल वो वापिस अपने बेटे के पास चली जायेगी। सोचते सोचते ही दिन भर की थकी होने और रात भर हुई चुदाई के कारण उसे नींद आ गई।
अजय और सौंदर्या दोनो घाट की तरफ बढ़ते चले जा रहे थे और सौंदर्या के चलने से मंगल यंत्र के घुंघरू उसकी चूत के आस पास रगड़ रहे थे जिससे सौंदर्या बेचैनी महसूस कर रही थी।
Fantastic updateपूजा की विधि में दिखे इंद्र धनुष के प्रभाव का सौंदर्या के शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ रहा था और आते ही गहरी नींद में चली गई। अजय ने सोती हुई सौंदर्या को अपनी गोद में उठा लिया और दूसरे कमरे में बेड पर लिटा दिया और उसका माथा चूम कर वापिस शहनाज के पास आ गया। शहनाज भी थकी हुई थी और अजय ने कमरे में आते ही गेट को ठीक से बंद किया और शहनाज के उपर से चादर को हटा दिया जो कि करवट लेकर सोई हुई थी, शहनाज पूरी तरह से नंगी हो गई। अजय शहनाज के नंगे जिस्म को देखते ही जोश में आ गया और उसने ढेर सारा थूक अपने लंड पर लपेट लिया और शहनाज की चूत से अपने लंड को अड़ा दिया और एक जोरदार धक्का शाहनाज की चूत में जड़ दिया तो अजय का लन्ड एक बार फिर से उसकी कसी हुई चूत में घुसता चला गया और गहरी नींद में सो रही शहनाज इस अचानक हुए हमले से दर्द से तड़प उठी। जब तक उसे समझ आता अजय ने उसकी चूचियों को बेरहमी से मसलते हुए उसकी चूत पर फाड़ना शुरू कर दिया तो शहनाज दर्द से कराह उठी
" आह पागल हो गया है क्या ,!! सोते सोते ही घुसा दिया आह अम्मी, बता तो देता ज़ालिम।
अजय ने शहनाज की गर्दन को चाट लिया और तगड़े तगड़े धक्के लगाते हुए बोला:"
" आह मेरी जान, अच्छा नहीं लगा क्या ऐसे घुसाना ? हाय तेरी चूत कितनी टाइट है।
शहनाज तगड़े धक्कों से आगे को खिसकती हुई बेड के किनारे तक पहुंच गई थी और एक हाथ से अजय को थामते हुए सिसक उठी"
" आह कुछ कुछ अच्छा लगा, पर थोड़ा आराम से कर ना, नहीं तो नीचे गिर जाऊंगी।
अजय ने शहनाज को पकड़ कर बेड के बीच में खींच लिया और उसकी दोनो टांगो को मोड़ कर उसकी चूचियों से टिका दिए और उसकी आंखो में देखते हुए लंड को चूत पर टिका दिया और रगड़ने लगा तो शहनाज़ फिर से तड़प उठी और अपनी चूत को लंड पर उछाल दिया तो अजय ने एक जोरदार धक्का लगाया और लंड को फिर से अंदर घुसा दिया। शहनाज फिर से मस्ती से सिसक उठी और अजय ने उसे फिर से चोदना शुरू कर दिया। शहनाज अजय के नीचे पड़ी हुई जोर जोर से सिसकते हुए चुद रही थी।
शहनाज से लंड की मार बर्दाश्त नही हुई और उसकी चूत की दीवारों में तूफान सा उठने लगा तो शहनाज़ बावली सी हो गईं और अजय को जोर जोर से से अपने उपर खींचने लगी मानो उसे पूरी तरह से अपने अंदर घुसा लेना चाहती हो। अजय ने शहनाज की बेकरारी समझते हुए अपने लंड के धक्के पूरी बेरहमी से लगाए तो शहनाज का धैर्य जवाब दे गया और उसकी चूत और मुंह दोनो एक साथ मस्ती से खुल गए
" आह अजय, मर गई मेरी चूत, सीईई आईआईआई चोद दिया तूने शहनाज को।
इतना कहकर शहनाज़ दीवानी सी हुई उसका मुंह चूमने लगी तो अजय ने एक झटके के साथ उसे उल्टी बेड पर पटक कर उसकी चूत में फिर से अपना लंड ठोक दिया और तेजी से चोदने लगा। शहनाज इसके लिए तैयार नहीं थी इसलिए दर्द से कराहती हुई आगे को सरकी
" आह पागल है क्या, ऐसे कौन प्यार करता है, मार डालेगा क्या मुझे तू
अजय ने उसके दोनो हाथ पकड़ कर फिर से अपने लंड पर खींच लिया और जोर जोर से चोदते हुए गुर्राया
" आह प्यार नही चुदाई करता ऐसे, आह शहनाज तेरी चूत क्या मस्त हैं, लंड से आज तक कोई मरी, सिर्फ चूत मरती हैं।
इतना कहकर अजय जोर से उसकी चूत को ठोकने लगा। शहनाज का पूरा जिस्म लंड के धक्कों से हिल रहा था और उसके मुंह से निकलती दर्द और मस्ती भरी सिसकारियां अजय को और मदहोश कर रही थी।
अजय के लंड में भी तूफान सा उमड़ रहा था और शहनाज की चूत एक बार फिर से गीली हो गई जिससे धक्कों की स्पीड बढ़ गई थी और शहनाज अजय की आंखो में देखते हुए उसे तेज तेज चोदने का इशारा कर रही थी। अजय अपने लंड को बस सुपाड़े तक अंदर रहने देता और फिर से पूरा घुसा देता। शहनाज पागल सी हुई जोर जोर से सिसक रही थी और अजय तेज धक्के लगाने के लिए उसकी पीठ पर सवार होकर एक पागल सांड की तरह कस कस कर जोर जोर से पूरी बेरहमी से चोदने लगा तो शहनाज की चूत एक बार फिर से पिघल गई और वो एक बार फिर से जोर जोर से सिसकते हुए झड़ती चली गई जिससे उसकी चूत और चिकनी हो गईं और अजय को लगा जैसे उसके लंड में तूफान सा आ गया हैं तो उसने पूरे लंड को तेजी से बाहर निकाला और एक जोरदार धक्के के लिए जड़ तक उसकी चूत में घुसा दिया तो शहनाज जोर से दर्द से कराह उठी तो अजय ने उसके मुंह को अपने हाथ से बंद कर लिया और अगले की पल जोरदार धक्कों की बारिश शहनाज की चूत में करने लगा।
अजय ने अपनी लंड को पूरा बाहर निकाला और अगले ही पल एक धक्का पूरी ताकत से उसकी चूत में जड़ दिया और उसका लंड शाहनाज की चूत की गहराई में उतर का वीर्य की बारिश करने लगा और अजय शाहनाज की कमरे पर गिरकर उसकी गर्दन को चूमने लगा। शहनाज उसके नीचे पड़ी हुई अपने उखड़ी सांसों को काबू कर रही थी और अजय उसकी गर्दन को चूम रहा था। अजय का लंड सिकुड़ कर शहनाज की चूत से बाहर निकल गया तो शहनाज ने अपने बदन की पूरी हिम्मत समेटकर उसे अचानक से धक्का दिया तो अजय बेड पर गिर गया और शहनाज ये देखकर मुस्कुरा उठी तो अजय ने हल्की नाराजगी जताते हुए उसकी चूचियों को जोर से उमेठ दिया तो शहनाज ने उसका लंड जोर से मुट्ठी से भींच दिया तो अजय के चेहरे दर्द के भाव उभर आए तो शहनाज ने उसके लंड को ढीला छोड़ दिया और बोली:
" तुम सुधर नहीं सकते क्या ? क्यों बिल्कुल जंगली की तरह प्यार करते हो? थोड़ा सा भी रहम नहीं दिखाते।
अजय के चेहरे पर स्माइल आ गई और शहनाज के गाल चूम कर बोला:"
" क्यों तुम्हे पसंद नही आता क्या मेरा ये जंगलीपन ? मजे तो बहुत करती करते हो तुम जोर जोर से सिसकियां लेकर !!
शहनाज ने अजय की चौड़ी छाती पर हाथ फिराया और बोली:"
" हान पसंद आता है लेकिन ये सही तरीका नहीं होता चुदाई का समझे तुम।
अजय ने शहनाज की गांड़ को हाथो में भर लिया और जोर से मसलते हुए बोला:"
" हाय मेरी जान शहनाज, जब तक औरत चींखें ना मारे तो चुदाई का क्या मतलब!!
शहनाज जोर से गांड़ दबाए जाने से फिर से दर्द से कराह उठी और बोली"
" आउच अजय, उफ्फ क्या करू तेरा, कैसे सुधारु तुझे? बस किसी तरह पूजा खत्म हो जाए तो मेरी चूत की जान बचे।
इतना बोलकर शहनाज मुस्कुरा उठी तो उसकी बात सुनकर अजय ने शहनाज के हाथो को पकड़ लिया और उसके उपर फिर से चढ़ गया और उसके माथे को चूम कर बोला:"
" आह शहनाज अब तो तू जिंदगी भर मेरा लंड तेरी चूत की पूजा करेगा।
शहनाज कुछ बोलती उससे पहले ही इतना कहकर अजय ने अपने होंठ उसके होंठों से चिपका दिए और चूसने लगा। शहनाज चाह कर कुछ नहीं बोल पाई और फिर से अजय के साथ मदहोश होती चली गई। अजय का लन्ड फिर से पूरी तरह से खड़ा होकर उसकी चूत में घुसता चला गया और बेड पर फिर से एक जंग छिड़ गई जिसमे शहनाज हार कर भी जीत रही थी। अजय ने पूरी बेदर्दी से शाहनाज को पूरी रात चोदा और शहनाज का बुरा हाल हो गया। उसकी चूत बुरी तरह से फट गई थी और शहनाज का गोरा चिट्टा जिस्म अजय के दबाए मसले जाने से जगह जगह से लाल पड़ गया था। आखिकार रात भर हुई चुदाई के बाद दोनों दो गए।
सुबह करीब आठ बजे के आस पास सौंदर्या की आंखे खुली और तैयार होकर दोनो को उठा दिया तो दोनो न चाहते हैं भी उठ गए और नाश्ता करने लगे।
अजय:" दीदी बस आज आखिरी पूजा होगी और कल से आपकी जिंदगी की एक नई सुबह शुरू हो जाएगी।
सौंदर्या के चेहरे पर स्माइल फैल गई और बोली:" भाई ये सब तो आप और शहनाज के कारण ही हो रहा है। आप नही होते तो शायद मैं कभी ठीक नहीं हो सकती।
अजय:" मेरे नही बल्कि शाहनाज के कारण कहो दीदी, इन्होंने आप पर आने वाली मुश्किल को अपने उपर झेला हैं।
सौंदर्या:हान शाहनाज ये तो बात बिलकुल सच है, ये नही होती तो पता क्या होता।
शाहनाज दोनो की बाते सुन रही थी और बोली:"
" बस बहुत हो गई तारीफ, अब आज रात होने वाली पूजा पर ध्यान दो क्योंकि उसके बाद ही तुम दोष मुक्त हो पाओगी।
सौंदर्या:" हान आपकी बात ठीक हैं, भाई किस तरह की पूजा विधि होगी आज ?
अजय:" मंगल आज आपकी कुंडली से निकल जायेगा लेकिन खुशी खुशी तभी जायेगा जब आप से खुश हो जाए। मंगल को खुश करने के लिए आपको पहले मंगल यंत्र को शुद्ध करके पहनना होगा और उसके बाद बिलकुल एक दुल्हन की तरह खुद को तैयार करना होगा ताकि मंगल आपके रूप सौंदर्य पर मोहित हो सके। बाकी तो सब पूजा की विधियां होगी जो समय आने पर मैं आपसे खुद ही करा लूंगा। एक बात और आज शाहनाज पूजा में नही होगी।
शहनाज:" कोई बात नही मैं यहीं अपने कमरे में रहूंगी, मेरी कोई भी मदद चाहिए तो मैं काम आ जाऊंगी।
सौंदर्या:" मेरा दिल तो बहुत घबरा रहा हैं, बस किसी तरह से आज को पूजा सफल हो जाए।
अजय ने सौंदर्या का हाथ पकड़ लिया और उसे तसल्ली देते हुए बोला:"
" आप चिंता मत करो दीदी, सब कुछ आराम से हो जायेगा। मेरे होते हुए आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं।
शाहनाज:" और फिर मैं भी तो यहीं रहूंगी। कोई भी समय मेरी जरूरत हो तो आ जाऊंगी।
सौंदर्या के चेहरे पर स्माइल आ गई और सभी ने अपना खाना खत्म किया और उसके बाद सभी लोग रात की पूजा की तैयारी में जुट गए। शाम के करीब सात बज गए थे और सूरज ढल गया था। पूजा का मुहूर्त 10:15 मिनट था और जैसे जैसे समय करीब आता जा रहा था वैसे वैसे सौंदर्या बेचैन हो रही थी।
शहनाज ने मंगल यंत्र को गंगा जल से शुद्ध कर दिया था जो कि बेहद खूबसूरत होकर चमक रहा था। मंगल यंत्र लेकर सौंदर्या नहाने के लिए घुस गई और ही अपने बदन को पूरी तरह से शुद्ध किया और मंगल ग्रह को हाथ में लेते ही उसका बदन कांपने लगा। उसने धीरे से मंगल यंत्र को अपनी नाभि के उपर टिकाया और नीचे से अपनी जांघो के बीच से निकालते हुए अपनी पीठ पर ले गई और पीठ पर लपटेकर फिर से अपनी नाभि पर बांध दिया।
मंगल यंत्र एक बार फिर से सौंदर्या की चिकनी चूत पर बंध गया था लेकिन इस बार पहले के मुकाबले काफी टाइट बंधा था और घुंघरू कुछ ढीले हो गए जो इधर उधर हिल रहे थे और सौंदर्या को अजीब से गुदगुदी महसूस हो रही थी। सौंदर्या ने अपने जिस्म पर एक चादर लपेट ली और बाहर निकल गई। शाहनाज को देखते ही वो हल्की सी शर्मा ने और फिर शाहनाज और सौंदर्या दोनो ने मिलकर सौंदर्या का मेकअप शुरू कर दिया। करीब 09:40 मिनट तक सौंदर्या पूरी तरह से तैयार हो गई और खुद को शीशे में देख कर शरमा गई।
शहनाज:" बहुत खूबसूरत लग रही हो सौंदर्या, जल्दी ही तुम अब दोष मुक्त होकर दुल्हन बन जाओगी और इसके बाद तुम्हारी सुहागरात होगी।
सौंदर्या शर्मा गई और तभी अजय भी अंदर आ गया और सौंदर्या के रूप सौंदर्य की तारीफ किए बिना ना रह सका। सभी ने हल्का भोजन किया और उसके बाद अजय और सौंदर्या दोनो पूजा के लिए घाट की तरफ निकल गए जबकि शहनाज़ ना चाहते हैं हुए भी अपने कमरे में आ गई और सोचने लगी कि बस आज पूजा होने के बाद कल वो वापिस अपने बेटे के पास चली जायेगी। सोचते सोचते ही दिन भर की थकी होने और रात भर हुई चुदाई के कारण उसे नींद आ गई।
अजय और सौंदर्या दोनो घाट की तरफ बढ़ते चले जा रहे थे और सौंदर्या के चलने से मंगल यंत्र के घुंघरू उसकी चूत के आस पास रगड़ रहे थे जिससे सौंदर्या बेचैनी महसूस कर रही थी।
Bohot hi kamuk update mitrअजय और सौंदर्या दोनो घाट की तरफ धीरे धीरे बढ़ रहे थे और आसमान में अभी चांद अपने पूरे शबाब पर था जिससे चारो और मनमोहक चांदनी फैली हुई थी। आसमान में बीच बीच में काले बादल उमड़ रहे थे जिनके सामने आ जाने से अंधेरा हो जाता और फिर उनके हटते ही पूरा घाट चांदनी से नहा पड़ता। दोनो के बीच अभी तक कोई बात नही हुई थी और अजय के मुकबले सौंदर्या थोड़ा धीमे चल रही थी क्योंकि उसके पेट पर बंधे हुए मंगल यंत्र के घुंघरू उसकी चूत के आस पास छू कर उसे ना चाहते हुए उत्तेजित कर रहे थे। सौंदर्या जानती थी कि आज उसकी जिंदगी हमेशा के लिए बदलने वाली हैं क्योंकि आज पूजा का आखिरी दिन था और आज उसे इस मांगलिक दोष से हमेशा के लिए मुक्ति मिलने वाली थी।
दोनो भाई बहन घाट पर पहुंच गए और अजय के बताए अनुसार इस समय सौंदर्या के जिस्म पर सिर्फ एक लाल सुर्ख पवित्र साडी थी। सौंदर्या का पेट खुलकर अपनी छटा बिखेर रहा था और गहरी नाभि अपनी खूबसूरती दर्शा रही थी। सिर्फ पतली सी साड़ी में होने के कारण उसकी गोल गोल चुचियों का आकार साफ साफ महसूस हो रहा था और साडी के उपर से ही उसकी चूचियों का हल्का सा उभार भी साफ नजर आ रहा था।
अजय और सौंदर्या दोनो घाट पर ही बैठ गए और अजय उसे पूजा के बारे में समझाने लगा।
अजय:" दीदी आज की पूजा काफी महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि आज मंगल का सीधा सीधा प्रभाव आपके शरीर पर ही पड़ेगा क्योंकि नियमों के मुताबिक आज शाहनाज पूजा में शामिल नही हो सकती। इसलिए आपको ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ेगी।
सौंदर्या के चेहरे पर चिंता की लकीरें थोड़ी देर के लिए उभरी लेकिन फिर वो सामान्य हो गई और अजय ने उसे आगे बताना शुरू किया
"मेरे उपर राहु का प्रभाव और सिर्फ राहु ही मंगल के प्रभाव को कम कर सकता है इसलिए सभी विधियों के दौरान आपको मेरी गोद में बैठना होगा ताकि मंगल आपके उपर ज्यादा प्रभाव ना डाल सके। उसके साथ ही आपको मेरे द्वारा बनाई गई सभी विधियां ध्यानपूर्वक करनी होगी। कुछ विधियां मैं आपको पूजा के दौरान ही बता दूंगा। सबसे पहले आप गंगा को जल अर्पित कीजिए और मंगल का ध्यान कीजिए।
सौंदर्या ने हां में सिर हिलाया और उठकर गंगा में की तरफ बढ़ गई। सौंदर्या के चलने से उसके कंधे पर से साडी सरक और सौंदर्या की पीठ पीछे से पूरी नंगी हो गई।
चांद की रोशनी में सौंदर्या की पीठ बेहद खूबसूरत लग रही थी और अजय उसे बिना पलके झुकाए देखता रहा। सौंदर्या ने बिना पीछे की तरफ देखे ही हाथ से अपनी साड़ी के पल्लू को उठाया और फिर से अपनी पीठ को ढकते हुए आगे बढ़ गई। अजय को अपनी बहन की नंगी पीठ की झलक मिलते ही अपने शरीर के अंदर उत्तेजना महसूस हुई और उसके दिमाग में सबसे पहले एक ही सवाल आया कि आगे से उसकी बहन की चूचियां पूरी नंगी हो गई होगी। काश इस समय उसकी बहन की पीठ नही बल्कि चेहरा उसकी तरफ होता तो कयामत ही आ जाती। सौंदर्या धीरे से गंगा के घाट पर गई और दोनो हाथो से जल अर्पित किया और उसके बाद मंगल का ध्यान करने लगी। सौंदर्या के जिस्म में अजीब का रोमाच उठ रहा था और फिर वो पलटी और वापिस अपने भाई की तरफ चल पड़ी।
जल्दबाजी में सौंदर्या से साडी का पल्लू पहले के मुकाबले थोड़ा सा नीचे बंध गया था जिस पर उसका ध्यान ही नही था और उसकी चूचियां के बीच की गहरी रेखा साफ नजर आ रही थी। अजय ने अपनी बहन की चुचियों के उभार को देखा आज फिर सामने की एक हवन कुंड जला दिया।
हवन कुंड के जलते ही सौंदर्या थोड़ी सी बेचैन नजर आई क्योंकि वो जानती थी अब जल्दी ही विधियां शुरू हो जाएगी और उसे अपने भाई की गोद में बैठना पड़ेगा। सौंदर्या की आंखों के आगे वो दृश्य तैर गया जब वो अपने भाई की गोद में ट्रैक्टर पर बैठी हुई थी और कैसे उसके भाई का लंड उसकी जांघो के बीच में घुसा हुआ था। ये सब सोचते ही सौंदर्या की सांसे तेज हो गई कि ये भगवान अब क्या होगा ? कहीं विधियां करते करते उसके भाई का लंड फिर से खड़ा हो जाता तो क्या होगा क्योंकि वो पूजा खत्म होने तक चाह कर भी उसकी गोद से नही उतर सकती थी।
अजय ने देसी घी के साथ कुछ और सामग्री को कुंड में डाल दिया और देखते ही देखते कुंड में तेजी से आग जलने लगी।
अजय:" दीदी कुंड में अब सारी सामग्री आपके हाथ से डाली जायेगी और रात के करीब एक बजे तक पूजा चलेगी। बस अगले तीन घंटे आपकी आने वाली जिंदगी के लिए बेहद महत्तवूर्ण साबित होंगे। अब शुभ मुहूर्त निकल रहा रहा है इसलिए आप देरी ना करे।
इतना कहकर अजय ने उसे अपनी गोद में बैठने का इशारा किया तो सौंदर्या का मुंह शर्म से लाल हो गया और वो धीरे धीरे आगे बढ़ी और अपने भाई की गोद में बैठ गई। उसकी पीठ अजय की छाती से मिल गई और अजय ने धीरे धीरे मंत्र पढ़ना शुरू किया और सौंदर्या धीरे धीरे उसके पीछे ही मंत्र दोहरा रही थी। अजय ने सामग्री को उसके हाथ में दिया और और सौंदर्या ने थोड़ा सा आगे झुकते हुए कुंड में सामग्री को डाल दिया और फिर से पीछे होती हुई अपने भाई की गोद में बैठ गई। लेकिन उसके पीछे हटने से उसकी साड़ी हल्की सी ढीली हुई और पल्लू उसके गोरे चिकने कंधे पर अटक गया जिससे उसके कंधे आधे से ज्यादा नंगे हो गए और अजय की नजरे अपने बहन के कंधो और गर्दन पर टिक गई। अजय उसके कंधो को देखते हुए मंत्र पढ़ने लगा और उस बार उसने फिर से सौंदर्या के हाथो में सामग्री देते हुए उसके हाथो को अपने हाथो मे लिया और बोला:"
" अब आपके हाथ मेरे हाथो मे रहते हुए ही कुंड में सामग्री अर्पण करेंगे।
अजय उसके हाथो को पकड़े हुए थोड़ा सा आगे झुका तो चौड़ी छाती का दबाव सौंदर्या की कमर पर पड़ा और वो खुद ही आगे झुकती चली गई और अजय ने उसके कान के पास अपनी गर्म सांसे छोड़ते हुए अपने मुंह को उसके कंधे पर टिका दिया और फिर उसके हाथो से कुंड में सामग्री डाल दी। इसके बाद दोनो फिर से पीछे की तरफ हो गए लेकिन इस पर बार साडी का पल्लू पूरी तरह से उसकी कंधो से नीचे सरक गया और उसके दोनो कंधे पूरी तरह से नंगे हो गए। अजय अपनी बहन के नंगे चिकने मांसल कंधो को देखते ही मदहोश हो गया और उसका मन किया कि अपने हाथो में थाम ले लेकिन पूजा में कोई विघ्न नही चाहता था इसलिए अपने आप पर संयम बनाए रखा और फिर से मंत्र पढ़ने लगा। रेशमी साड़ी को सौंदर्या ने अपने दोनो बगलो में दबाते हुए b बड़ी मुश्किल से संभाल रखा था वरना कब की वो उसकी छातियों से सरक गई होती। लेकिन सौंदर्या समझ गई थी कि हवन कुंड में बार बार सामग्री डालने के चलते उसके हाथ खुल रहे थे और वो बहुत ज्यादा देर तक साड़ी को संभाल नही पाएगी। हाय भगवान ऐसे मेरी दोनो चूचियां नंगी हो जाएगी मेरे भाई के सामने। लेकिन उस दिन भी तू उसके सामने नंगी हुई थी जब उसके जिस्म की परछाई तुझ पर पड़ रही थी। लेकिन उस दिन मैं उसकी गोद में भी नहीं बैठी हुई थी। सौंदर्या के मन में विचारो की उथल पुथल मची हुई थी और अजय मंत्र पढ़ता जा रहा था। अजय ने मंत्र खत्म किया और फिर से कुंड में सामग्री डालने के लिए आगे को झुका और सौंदर्या भी आगे झुक गई और अपने दोनो हाथ खोलकर सामग्री डाली जिससे साड़ी उसके कंधो पर से सरक गई और उसने बड़ी मुश्किल से उसे पकड़ने की कोशिश करी लेकिन तब तक साड़ी काफी नीचे सरक गई थी जिससे उसकी आधे से ज्यादा चूचियां नंगी हो गई और सौंदर्या का पूरा बदन कांप उठा। अजय के बार बार आगे पीछे होने से उसके जिस्म पर पड़ी चादर सरक गई थी जिससे उसकी चौड़ी मजबूत छाती पूरी तरह से नंगी हो गई थी। लेकिन सौंदर्या भी बार बार सामंग्री डालने के कारण थोड़ी आगे सरक गई थी जिससे उसे अभी तक अपने भाई की नंगी छाती का एहसास नही हुआ था। अजय मंत्र पढ़ते हुए धीरे धीरे उसके हाथो को सहला रहा था और सौंदर्या की सांसे बहुत तेजी से चल रही थी क्योंकि वो जानती थी कि इस बार जैसे ही वो सामग्री डालने के लिए आगे झुकेगी तो उसकी साड़ी उसकी गोद में गिर जायेगी और उसकी दोनो चूचिया पूरी तरह से नंगी। हो जाएगी। सौंदर्या ये सब सोचते हुए उत्तेजना से भरी हुई थी और मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना करते हुए एक बार उपर की तरफ देखा। अजय काफी देर तक मंत्र पढ़ता रहा और ऊपर आसमान में बीच चांद को काले बदलो ने घेर लिया और चारो तरफ अंधेरा छा गया। सौंदर्या ने राहत की सांस ली मानो भगवान ने उसकी प्रार्थना सुन ली थी।काफी देर से सामग्री ना डालने के कारण हवन कुंड की आग भी काफी धीमी पड़ गई थी जिससे सौंदर्या अच्छा महसूस कर रही थी।
तभी अजय ने मंत्र खत्म किए और सौंदर्य के हाथ में सामग्री देते हुए उसे कुंड में डालने का इशारा किया तो सौंदर्या जैसे ही आगे को झुकी साड़ी आजाद होकर पूरी तरह से उसकी गोद में आ गिरी और उसकी दोनो चूचिया पूरी तरह से नंगी हो गई और की चूत में हलचल सी मच गई। उत्तेजना के कारण सौंदर्या सामग्री नही डाल पा रही थी तो अजय उसकी मदद करने के लिए आगे को हुआ और उसकी नंगी छाती अपनी बहन की पीठ से मिल गई और जैसे ही दो नंगे बदन आपस में टकराए तो सौंदर्य के मुंह से आह निकल पड़ी। जैसे ही सामग्री कुंड में पड़ी तो आग तेज हो गई और चारो तरह हल्का सा प्रकाश हो गया जिससे सौंदर्या शर्म से पानी पानी हो गई। उसने पीछे हटने की कोशिश नही करी और ना ही अजय ने हटने का प्रयास किया। धीरे धीरे जैसे ही अग्नि धीमी हुई तो सौंदर्या ने राहत की सांस ली और पीछे को हुई तो उसकी चूचियां उपर को उछल पड़ी। उफ्फ उसकी नंगी चूचियां उछलने से अजय के हाथो से जा टकराई और दोनो बहन एक अनोखे अदभुत एहसास से भर उठे।
अजय ने पीछे होते हुए अपने हाथो का हल्का सा दबाव सौंदर्या पर दिया जिससे सौंदर्या ज्यादा पीछे हो गई और उसकी नंगी पीठ अभी तक अजय की छाती से चिपक हुई थी। अजय का मुंह अब सौंदर्या के कंधे पर टिका हुआ था और अजय मंत्र पढ़ते हुए हल्के से प्रकाश में अपनी बहन की गोल गोल चुचियों को हल्का हल्का देखते हुए उत्तेजित हो गया था जिससे उसके लंड में तनाव आ रहा था। सौंदर्या जानती थी कि उसका भाई उसकी चुचियों को घूर रहा होगा इसलिए उसकी चूत से रस टपकना शुरू हो गया था जिससे मंगल यंत्र के घुंघरू भीग कर इधर उधर फिसलते हुए उसकी चूत के होंठो को सहला रहे थे और सौंदर्या पूरी तरह से मदहोश होती जा रही थी। अजय ने फिर से सामग्री ली और आगे को होते हुए अपने टांगो को पूरा खोलते हुए कुंड में सामग्री डाल दी और आगे जलने से सौंदर्या फिर से पानी पानी हो गई। अजय की टांगे खुलने से सौंदर्या की रेशमी साड़ी और अजय की चादर दोनो एक साथ नीचे सरक गए। सामग्री डालने के बाद ही लालची अजय ने प्रकाश में उसकी चुचियों को देखने के लिए एक हाथ को सौंदर्या के पेट पर बांधते हुए उसे पीछे की तरफ खींच लिया और जैसे ही सौंदर्या झटके के साथ पीछे को हुई तो मंगल यंत्र का एक घुंघरू फिसल कर उसकी गीली चूत में घुस गया और सौंदर्या के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। अजय ने अपने मुंह को फिर से उसके कंधे पर रख दिया और पहली बार अपनी बहन की ठोस गोल गोल उन्नत चुचियों को देखने लगा। सौंदर्या की आंखे मदहोश में बंद हो गई और अजय ने जी भरकर अपनी बहन की चुचियों का जब तक दीदार किया जब तक कुंड की अग्नि धीमी नही हो गई। अंधेरा होते ही अजय ने फिर से मंत्र पढ़ने शुरू कर दिए और इस बार उसने एक हाथ में सौंदर्या के दोनो हाथो को पकड़ रखा था। सौंदर्या की सांसे बहुत तेज गति से चल रही थी और और चूचियां तेजी से उछल रही थी।
अजय ने फिर से सामग्री ली और अंधेरे में अपने एक हाथ को ठीक सौंदर्या की छाती के सामने करते हुए आगे को झुका और जैसे ही सौंदर्या ने आगे को झुक कर सामग्री डाली तो उसकी एक चूची पूरी की पूरी उसके भाई की चौड़ी मजबूत हथेली में समा गई। सौंदर्या पूरी तरह से बेकाबू हो गई और अजय जान बूझकर सामग्री को धीरे धीरे डाल रहा था और अपने हथेली में बहुत हल्के दबाव के साथ उसकी गुदाज चूची को महसूस कर रहा था। सौंदर्या से बर्दाश्त नहीं हुआ और वो अपनी जांघो को आपस में मसलने लगी जिससे मंगल यंत्र का एक और दूसरा घुंघरू उसकी चूत में घुस गया और सौंदर्या ने पूरी तरह से मदहोश होकर सिसकी लेते हुए अपने जिस्म को ढीला छोड़ दिया तो अजय ने उसकी चूची को हल्का सा उंगलियों से मसल दिया तो सौंदर्या पागल सी हो गई, उसके जिस्म में मस्ती भरी तरंगे उठ रही थी।
अजय पीछे की तरफ हुआ तो उसके साथ ही सौंदर्या भी पीछे होती चली गई। अजय ने अपने हाथ को उसकी चूची पर ही टिकाए रखा और दूसरे हाथ से अपनी चादर और सौंदर्या की साड़ी को मंत्र पढ़ते हुए उठा लिया और सौंदर्या के कान में धीरे से बोला:"
" आप अब आपकी साड़ी और अपनी चादर को कुंड में डाल देंगी और इसके साथ ही आपका जिस्म दोषमुक्त हो जायेगा। मंगल जाते समय आपके जिस्म पर प्रभाव दिखाएगा लेकिन मैं आपको कहीं नही जाने दूंगा।
सौंदर्या उसकी बात सुनते ही खुश हुई लेकिन अगले ही पल शर्मा गई क्योंकि वो जानती थी कि कपड़े कुंड में पड़ते ही चारो तरफ पूरी रोशनी फैल जायेगी जो घंटो तक फैली रहेगी।
अजय ने मंत्र पढ़े और सौंदर्या ने साड़ी और चादर को हाथ में पकड़ लिया। अजय ने जैसे ही इशारा किया तो सौंदर्या ने कपड़ो को कुंड में फेंक दिया और अजय ने जोर से सौंदर्या को अपनी बांहों में कस लिया। मंगल के प्रभाव के चलते सौंदर्या उससे छूटने का पूरा प्रयास कर रही थी लेकिन अजय ने उसे पूरी मजबूती से थामे रखा। जैसे जैसे कपड़े कपड़े जलते जा रहे थे सौंदर्या का जिस्म उछल उछल पड़ रहा था और अजय ने पूरी ताकत से उसे थामे रखा था।
कपड़े जल गए थे और चारो तरफ दिन की तरह उजाला हो गया। सौंदर्या भी अब ज्यादा नही उछल रही थी तो अजय ने राहत की सांस ली।
अजय:" बस सौंदर्या थोड़ी देर और फिर तुम हमेशा के लिए दोषमुक्त हो जाएगी। ये कपड़े नही जल रहे बल्कि मंगल का प्रभाव खत्म हो रहा है।
सौंदर्या काफी अच्छा महसूस कर रही थी और अजय ने फिर से मंत्र पढ़ने शुरू कर दिए और धीरे धीरे सारी सामग्री कुंड में डालने लगा। अजय के दोनो हाथ सौंदर्या की चुचियों पर बंधे हुए थे और वो धीरे धीरे आगे होने के बहाने उन्हे सहला रहा था जिससे उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और सौंदर्या की चूत के आस पास मंगल यंत्र से टकरा रहा था जिससे घुंघरू आगे पीछे होकर सौंदर्या की चूत की दीवारों को रगड़ रहे थे। सौंदर्या मस्ती से भरी हुई मदहोश हो गई थी और अपने आपको पूरी तरह से ढीला छोड़ दिया तो अजय ने अपनी जीभ से उसकी गर्दन को चाट लिया तो सौंदर्या ने आंखे बंद किए ही मदहोश होकर अपने हाथो को अजय के दोनो हाथो पर टिका दिया तो अजय मस्त होकर उसकी गर्दन को चाटते हुए उसकी चूचियों को थोड़ा जोर से मसलने लगा तो सौंदर्या उसकी गोद में बैठी बैठी उछलने लगी और अजय का लन्ड उसकी चूत पर जा लगा तो सौंदर्या के मुंह से आह निकल पड़ी और अजय के हाथो को जोर से अपनी छाती पर दबा दिया और सिसक उठी।
अजय ने उसकी चुचियों को ताकत से मसल दिया तो सौंदर्या के मुंह से हलकी दर्द भरी मस्ती भरी आह निकल पड़ी। अजय ने सौंदर्या के कान की लौ को जीभ से सहलते हुए कहा
" आह दीदी, अब मंगल यंत्र के खुलने का समय आ गया।
इतना कहकर अजय ने मंगल यंत्र को अपने एक हाथ में पकड़ लिया और उसके घुंघरू को पकड़ने के लिए आगे को झुका तो उसके हाथ सौंदर्या की चूत से छू गए।
सौंदर्या से बर्दाश्त नहीं हुआ और सिसकते हुए बोली:" आह खोल दो मंगल यंत्र, आह नही तो ये मेरी जान ले लेगा भाई।
तो सौंदर्या से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने पहली बार पहल करते अजय सेक्सी नजरो से अजय की आंखो में देखा। अजय के होंठ आगे बढ़े और सौंदर्य ने कांपते हुए अपनी आंखें बंद कर ली और अजय ने अपने होंठो को सौंदर्या के होंठो पर टिका दिया। दोनो भाई बहन ने एक दूसरे के होंठो को चूसना शुरू कर दिया और अजय नीचे उंगली से उसकी चूत के होंठो को सहलाने लगा।
अजय की जीभ सौंदर्या के मुंह में घुस गई और सौंदर्या ने बावली सी होकर अपनी चूत को उसकी हथेली में दबा दिया। दोनो एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे।
एक लंबे किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और अजय बोला:
" मंगल यंत्र को मुंह से ही खोलना पड़ेगा अब।
अजय ने सौंदर्या को वही घाट पर लिटा दिया और उसकी टांगो के बीच में झुक गया और दांतो से पकड़ कर मंगल यंत्र को खींचने लगा। लेकिन चूत में घुसे घुंघरू के कारण निकल नही रहा था तो अजय ने अपने होंठो को सौंदर्या की चूत पर टिका दिया और सौंदर्या जोर से सिसक उठी। जैसे ही अजय की जीभ उसकी चूत में अंदर दाखिल हुई तो सौंदर्या ने हाथ आगे बढाया और उसके लंड को थाम लिया और उसकी लंबाई मोटाई को महसूस करके कांप उठी। जैसे ही अजय ने अपनी जीभ से घुंघरू को बाहर की तरफ खींचा तो सौंदर्या की चूत की दीवारों रगड़ गई और सौंदर्या के मुंह से एक के बाद एक मस्ती भरी सिसकारियां निकल पड़ी और उसने अजय को अपने ऊपर खींच लिया। लंड सीधे जाकर मंगल यंत्र से टकराया और मंगल यंत्र टूट कर खुल गया और ने झुक कर उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया तो सौंदर्या नीचे से अपनी चूत को लंड पर उछालने लगी और अजय ने दोनो हाथो से उसके कंधे मजबूती से पकड़ कर उसकी चूत में पूरी ताकत से तगड़ा धक्का लगाया तो पूरा लंड सौंदर्या की चूत में घुस गया। सौंदर्या दर्द के मारे तड़प उठी और अजय ने उसकी चूची को चूसते हुए लंड को बाहर की तरफ खींचा और खून सौंदर्या की चूत से बह चला लेकिन अजय ने फिर से जोरदार धक्का लगाया तो सौंदर्या के मुंह से फिर से दर्द भरी आह निकल पड़ी। सौंदर्या तड़प रही थी और अजय उसकी चूचियों को चूसते हुए धक्के पर धक्का लगाए जा रहा था। धीरे धीरे सौंदर्य की टाइट चूत हल्की से खुल गई तो लंड थोड़ा आसानी से उसकी चूत में अंदर बाहर होने लगा और सौंदर्या के मुंह से अब दर्द के साथ मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसने अजय को अपनी ओर में कस किया और उसका हाथ चूमने लगी।
सौंदर्या को मस्ती में आते देखकर अजय को जोश आ गया और उसने तेजी से उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया तो सौंदर्या का मुंह मस्ती से खुल गया
" आह सीआई उफ्फ मम्मी, आह अजय हाय भाई आह दर्द होता हैं उफ्फ मम्मी।
सौंदर्या ने अजय की आंखो में देखते हुए उसके दोनो हाथो को अपनी चुचियों पर रख दिया और अजय अब पूरी ताकत से उसकी चुचियों को मसलते हुए तगड़े धक्के उसकी चूत में मारने लगा। सौंदर्या कभी सिसकती, कभी आन्हे भरती, मीठी मीठी आवाज में कोयल की तरह कूक रही थी
और अजय अपनी बहन की टाइट चूत में तेजी से लंड पेल रहा था। सौंदर्या का पूरा बदन कांपने लगा और उसने जोश में आकर अपनी गांड़ को उठाते हुए लंड को अपनी चूत में लेना शुरू कर दिया और जोर जोर से सिसक पड़ी
" आह भाई, कितना अच्छा लग रहा है, हाय मुझे क्या हो रहा हैं, उफ्फ मम्मी, हाय भाई।
अजय के धक्कों में भी तेजी आ गई और उसने पागल सा होकर तेज तेज तगड़े धक्के लगाने शुरू किए तभी सौंदर्या का जिस्म जोर जोर से कांपने लगा और उसकी चूत में तूफान सा उमड़ पड़ा और सौंदर्या ने अजय को पूरी जोर से कसते हुए ताकत से अपनी चूत को लंड पर उछाल दिया और अजय ने भी अपने लंड का एक आखिरी जोरदार धक्का अपनी बहन की चूत में जड़ दिया और इसके साथ ही उसका लंड सौंदर्या की बच्चेदानी से जा टकराया और दोनो बहन भाई के साथ सिसकते हुए झड़ते चले गए। दोनो पूरी ताकत से एक दूसरे से लिपट गए।
Very nice कहानी की शुरुआत बहुत ही सुन्दर और शानदार है"मांगलिक बहन " वरदान या अभिशाप
" बेटी मेरी बात तो सुन, तुझे मेरी कसम हैं मेरी प्यारी सी बेटी, प्लीज़ दरवाजा खोल दे।
अंदर से क़दमों की कोई आवाज नहीं आती बल्कि एक लड़की के जोर जोर से सिसकने की आवाज घर में गूंज रही थी जिसे सुनकर बाहर खड़ी हुई उसकी मा के दिल पर पहाड़ सा टूट रहा था और उसकी भी आंखे भीग गई थी। लेकिन आखिर कार मा तो मा होती हैं और अपनी औलाद का दुख दुनिया की कोई मा बर्दाश्त नहीं कर सकती इसलिए बाहर खड़ी हुई कमला की आंखो से आंसू टपक पड़े।
तभी उसके मस्तिष्क ने उसे कचोट दिया कि मैं तो अपनी बेटी को दिलासा देने अाई हूं और यहां उसके साथ खुद ही रोने लगी, नहीं नहीं मुझे अपने आपको संभालना होगा, मुझे हिम्मत रखनी होगी तभी तो मैं अपनी बेटी को समझा सकती हूं।
कमला ने फुर्ती से अपने आंसू साफ किए और अपने आपको पूरी तरह से नॉर्मल करते हुए बोली:"
" बेटी प्लीज़ मेरी बात तो सुन, भगवान की कसम तुझे, बस दरवाजा खोल दे बेटी। तेरा ये दुख मुझसे देखा नहीं जाता।
" मा आह जाओ आप, भगवान के लिए मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो, आपको तो सब पता ही हैं मा, फिर मुझसे क्यों पूछ रहे हो ?
सौंदर्या ने बड़ी मुश्किल से रुंधे हुए गले से कहा और फिर से उसकी रुलाई फूट पड़ी। इस बार उसके सिसकने की आवाजे पहले के मुकाबले ज्यादा तेज थी और बाहर खड़ी कमला उसकी मा का दिल उसका करुण रुदन सुनकर तार तार हो रहा था। कमला की समझ में नहीं अा रहा था कि कैसे अपनी बेटी को समझाऊं??
सबसे पहले तो जरूरी था कि सौंदर्या दरवाजा खोले और तभी उसके मन में एक विचार अाया और वो भरे हुए गले से बोली:"
" बेटी तुझे मेरी कसम हैं सौंदर्या दरवाजा खोल दे नहीं तो तू अपनी मा का मरा हुआ मुंह देखेगी।
कमला ने आखिर कार मजबूर होकर अपना ब्रह्मास्त्र चला दिया और जिसका नतीजा ये हुआ कि सौंदर्या दौड़ती हुई और उसने दरवाजा खोल दिया और अपनी मा से लिपट गई और रोने लगी।
कमला की भी रुलाई छूट गई और वो भी अपनी बेटी के गले लगकर जोर जोर से रोने लगी। सौंदर्या किसी अमरबेल की तरह अपनी मा से लिपट गई और अपने आंसूओं से अपनी मा का आंचल भिगोने लगी।
बाहर मौसम तो पहले से ही खराब था और अब हल्की हल्की बारिश शुरू हो गई थी मानो आज आसमान भी उनके साथ उनकी बेबसी पर रो रहा था। शायद आज आसमान के भी सब्र का बांध टूट गया था और वो भी इन मा बेटी के दुख में शामिल हो गया था। बारिश जरूर धीरे धीरे हो रही थी कि लेकिन अंदर कमरे में दोनो मा बेटी के आंसुओ की रफ्तार उससे कहीं ज्यादा तेज थी।
कमरा उपर छत पर बना हुआ था और हर तरह की आधुनिक सुख सुविधा से सजा हुआ था। कमरे में फर्श पर पड़े हुए महंगे कार्पेट, थोड़ा सा फर्श का खुला हुआ हिस्सा जिससे फर्श पर हुआ एपॉक्सी साफ दिख रहा था और चींखं चींखं इस बात की गवाही दे रहा था कि कमरे अपने आप में अद्भुत हैं।
कमरे में लगी हुई एयर कंडीशनर, फ्रिज में भरे हुए सूखे मेवे, एक से बढ़कर एक अच्छे किस्म के तरल पदार्थ, जिनका सेवन करना आम आदमी के लिए सपने के सच होने जैसा हो। दो शानदार कुर्सियां और आगे एक छोटी सी कांच की टेबल, कमरे के बीच में सुसज्जित एक विशालकाय आकार का गोल बेड कमरे की सुंदरता में चार चांद लगा रहा था। बेड पर पड़े हुए रेशमी गद्दे अपनी एक अलग ही छटा बिखेर रहे थे। कमरे की खिड़कियों पर पड़े हुए महंगे विदेशी पर्दे कमरे की भव्यता को दर्शा रहे थे।
लेकिन इन सबसे बेखबर दोनो मा बेटी बस एक दूसरे से लिपटी हुई रोए जा रही थी। कमला ने बड़ी मुश्किल से अपने आंसू रोके और अपनी बेटी की पीठ सहलाते हुए बोली:"
" बस कर बेटी, और कितना रोएगी, बस चुप हो जा, मैं तेरा दुख समझती हूं।
सौंदर्या ने अपना आंसूओं से भीगा हुआ चेहरा उपर उठाया तो कमला को एहसास हुआ कि रोने के कारण उसकी बेटी की आंखे सूजकर लाल हो गई है। कमला ने अपनी बेटी के चांद से किए चेहरे को अपने हाथो से साफ किया और बोली:"
" बेटी आज ऐसा क्या हो गया जो तू इतनी ज्यादा रों रही हैं ?
सौंदर्या ने अपनी भीगी हुई पलके उपर उठाई और बोली:"
" मम्मी वो वो सीमा हैं ना जो एक पैर से लंगड़ी हैं और पहले से ही एक बच्चे की मा हैं आज उसकी फिर से सगाई हो गई है।
इतना कहकर सौंदर्या अपनी मा से कसकर लिपट गई। कमला को अब अपनी बेटी के दुख का असली कारण पता चला। कमला ने एक लम्बी सांस ली और अपनी बेटी के बालो में उंगलियां घुमाते हुए बोली:'
" बेटी उसकी अपनी किस्मत हैं, भगवान सबके साथ अच्छा ही करता हैं, देख तेरे लिए भी उसने जरूर कुछ अच्छा सोचा होगा। चिंता ना कर तेरा भाई घर कल घर अा जाएगा और हम दोनों मिलकर तेरे लिए कोई अच्छा लड़का देखेंगे।
अपनी मा की बात सुनकर सौंदर्या को झटका सा लगा और बोली:"
" मम्मी आप शायद गलत समझ रही हैं, मैं अपनी शादी ना होने की वजह से नहीं बल्कि समाज के बनाए गए कानूनों से दुखी हूं। क्या एक लड़की का मांगलिक होना इतना बड़ा अपराध हैं कि उसे कदम कदम पर सिर झुका कर चलना पड़े।
कमला:" बेटी देख अब बड़ों ने हो नियम कायदे कानून बनाए हैं वो कुछ सोच समझ कर ही बनाए होंगे। हमे भी इनका पालन करना चाहिए और इसमें ही हमारी भलाई होगी।
सौंदर्या:" लेकिन मा जरूरी नहीं कि जो नियम हजारों साल पहले बनाए थे वो आज के माहौल में भी ठीक हो। समय बदल रहा हैं तो काफी कुछ अब पहले जैसा नहीं हैं।
कमला:" मैं तेरी बात से सहमत हूं बेटी, लेकिन फिर भी हमे समाज के साथ ही चलना होगा। हम समाज का सिर्फ एक हिस्सा हैं अपने आप में पूरा समाज नहीं।
सौंदर्या:" लेकिन मा मैं नहीं मानती ऐसे नियम कानूनों को। बताओ मेरे मांगलिक होने में मेरा क्या कसूर, मुझे तो पता भी नहीं था कि गृह और नक्षत्र क्या होते हैं, उसकी गति और स्थिति क्या होती हैं।
कमला से आज भी अपनी बेटी के सवालों का जवाब नहीं बन रहा था इसलिए उसने अपने आपको बचाने के लिए कहा:"
" देख मैं तेरी तरह ज्यादा समझदार और पढ़ी लिखी नहीं हू, तेरा भाई अा रहा है उसे ही बताना ये ज्ञान की बाते तू।
कमला ने अपनी बेटी की तरफ देखते हुए अपने मुंह को हल्का सा गुस्से से फूला लिया तो सौंदर्या के होंठो पर पहली बार मुस्कान साफ दिखाई दी और उसने अपने मम्मी को कहा:"
" अच्छा मम्मी एक बात बताओ, चलो मैं तो बच्ची थी जब मेरा जन्म हो रहा था लेकिन आपको तो ग्रहों और नक्षत्रों के बारे में पूरी जानकारी थी, आपको फिर मुझे उस समय जन्म नहीं देना चाहिए था, कुछ घंटे या एक दिन बाद दे देती।
ये कहकर सौंदर्या की हंसी छूट गई और कमला को जैसे ही सारी बात समझ में अाई तो वो हंसती हुई मारने के लिए अपनी बेटी की तरफ बढ़ी और बोली:"
" रुक जा तू, अभी ठीक करती हूं, तेरी जुबान बहुत ज्यादा चलती है आज तुझे सबक सिखा देती हूं।
सौंदर्या फुर्ती से बचकर निकल गई और बेड के पास खड़ी हो गई। कमला तेजी से आगे बढ़ी और अपनी बेटी को पकड़ लिया और कान पकड़ कर खींचती हुई बोली:"
" कुछ ज्यादा ही बिगड़ गई है तू, आज तेरी अच्छे से खबर लेती हूं।
सौंदर्या ने अपने दोनो कान पकड़ लिए और मासूम सी सूरत बनाते हुए बोली:"
" मम्मी प्लीज़, माफ कर दो ना, छोटी बच्ची हूं। इतनी समझ नहीं हैं मुझे।
कमला उसकी इस हरकत पर मुस्कुरा उठी और दोनो मा बेटी हंसने लगीं। अब कमरे में दोनो मा बेटी की प्यारी सी हंसी गूंज रही थी और बाहर आसमान में छाए हुए काले बादल भी अब काफी हद तक छंट चुके थे और बारिश रुक गई थी। हल्की हल्की धूप निकल रही थीं और सूरज की किरणें अपनी अलग ही छटा बिखेरती हुई नजर आ रही थी मानो सौंदर्या की गूंजती हुए हंसी पर अपनी खुशी प्रदर्शित कर रही हो।
Nice introduction hai hपात्र परिचय:"
सौंदर्या:" करीब 34 साल की एक गोरी चित्ती लड़की, लंबाई लगभग 5 फीट 5 इंच, दूध सा गोरा चित्ता रंग, काले घने बाल, उसके जांघो तक लहराते हुए, चौड़ा लेकिन बहुत ही प्यारा सुंदर सा माथा, हिरनी जैसी दो गोल गोल झील सी गहरी आंखे, जिनके उपर कवि ना जाने कितनी ही कविता लिख दे, एक गज़ब का सम्मोहन जिसे देखे वो चुंबक की तरह खीच जाए, गोरे गोरे गाल बिल्कुल गुलाबी रंग की रंगत लिए हुए, बिल्कुल भरे भरे, होंठ ऐसे मानो दो गुलाब की पंखुड़ियों को आपस में जोड़ दिया गया हो, बिल्कुल कोमल, नाजुक, नर्म, पतले पतले, गालों से भी कही ज्यादा गुलाबी, उसके बाद उसकी सुंदर की ठोड़ी जिस पर एक काला तिल उसकी सुंदरता की आभा को और ज्यादा निखार देता, बहुत ही प्यारी सी सुंदर सी लंबी की गर्दन बिल्कुल किसी मोरनी की तरह।
फिगर:" 36: 28: 38
सौंदर्या एक डिग्री कालेज में अध्यापक हैं। वहां सभी लोग उसके दीवाने हैं जिसका कारण हैं उसका सभी के प्रति अच्छा व्यवहार, उसका मदमस्त शरीर, उसकी गोल पुष्ट, कठोर उभरी हुई चूचियां और पीछे की तरफ निकली हुई उसकी गांड़।
सौंदर्या की सबसे बड़ी समस्या उसका मांगलिक होना हैं जिसके चलते उसकी उमर 34 साल हो गई है लेकिन फिर भी उसे कोई उचित वर नहीं मिला है। उसके साथ की सभी लड़कियों की एक एक करके शादी हो गई और एक वो ही बची हैं बस। 34 साल की उम्र के कारण उसका जिस्म पूरी तरह से परिपक्व होकर अपनी अनोखी छटा बिखेर रहा है।
कमला:"
कमला:" अजय और सौंदर्या की मम्मी, उम्र 52 साल, एक उच्च विचार और संस्कारी महिला, अपने बच्चो से बहुत प्यार करने वाली जिसके लिए उसके बच्चे ही उसकी दुनिया हैं।
अजय:" उम्र करीब 22 साल, लंबाई 5 फीट 11 इंच, देखने में सुन्दर और सबसे बड़ी बात ये मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट भी हैं, लेकिन अपनी मा की जिद के चलते इसने वो सब छोड़ दिया और अभी सिर्फ पढ़ाई पर अपना ध्यान देता हैं। शादाब का दोस्त हैं
शादाब:" वही मा का दीवाना बेटा, अपनी मा शहनाज का आशिक, जिसके बारे में आप सभी पहले ही पढ़ चुके हैं।
शहनाज:" शादाब की अम्मी, अब उसकी बीवी बन चुकी हैं और अपने बेटे के साथ अमेरिका में जाकर बस गई है।
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Lazwaab update,सौंदर्या की चूत झड़ने के बाद मस्ती से उसकी आंखे बंद हो गई थी और अजय उसके उपर पड़ा हुआ था। दोनो भाई बहन अपनी एक पहली चुदाई को आंखे बंद करके महसूस कर रहे रहे थे।
सौंदर्या की चूत में वीर्य की बारिश करने के बाद अजय का लंड धीरे धीरे सिकुड़ कर बाहर की तरफ सरक रहा था और सौंदर्या इस अनोखे अदभुत एहसास से फिर से मस्त हो रही थी और उसने आंखे खोल कर एक बार फिर से अजय के होंठो को चूम लिया। अजय का लंड पूरी तरह से बेजान होकर उसकी चूत से बाहर निकल गया।
लंड बाहर निकलते ही अजय सौंदर्या के उपर से हटकर उसके साइड में आ गया और प्यार से उसके बालो में उंगली घुमाते हुए उसके चेहरे को देखने लगा तो सौंदर्या शर्मा गई और बोली:"
" ऐसे मत देखो ना भाई, मुझे शर्म आती है।
अजय:" अरे देख रहा था कि मेरी दीदी पूरी तरह से मंगल दोष से मुक्त होने के बाद पहले से भी कहीं ज्यादा खूबसूरत लग रही है।
सौंदर्या उसकी बात सुनकर खुशी से मारे उछल पड़ी और उसका जोर जोर से मुंह चूमते हुए बोली
" क्या भाई सच में मेरे मांगलिक दोष का निवारण हो गया हैं ?
अजय: हान दीदी बस आपके बुरे दिन अब खत्म हो गए, अब आपके अच्छे दिन शुरू हो गए हैं।
सौंदर्या अपने भाई से लिपट गई और अजय ने भी उसे अपनी बाहों में समेट लिया।
सौंदर्या:" भाई क्यों न मां को हम अभी ये खुश खबरी दे।
अजय:" क्या पता दीदी मां सो गई होंगी। रात बहुत हो गई है।
सौंदर्या: अच्छा ठीक हैं तो कल फिर दिन में कॉल करेंगे। अच्छा भाई अब अंदर चलते हैं। बाहर मुझे ठंड लग रही है।
अजय ने नंगी सौंदर्या को गोद में उठा लिया और उसे लेकर कमरे की तरफ चल पड़ा। कमला दोनो की मा सोई नहीं थी बल्कि नंगी होकर बेड पर पड़ी हुई थी और शादाब उसके उपर चढ़ा हुआ उसकी गांड़ मार रहा था और कमला जोर जोर से सिसक रही थी।
अजय अपने भाई के बांहों में बांहे डाले हुए कमरे की तरफ चल पड़ी तो अजय को अपने हाथो पर चिपचिपा सा एहसास हुआ और अजय उसे बाथरूम के अंदर ले गया। सौंदर्या की दोनो जांघें खून से सनी हुई थी जिसे देखकर सौंदर्या डर सी गई तो अजय ने प्यार से उसका मुंह चूम लिया और बोला:"
" डरने की कोई बात नहीं दीदी, ये मंगल ग्रह आपका कुंवारापन अपने साथ ही ले गया।
सौंदर्या उसकी बात सुनकर शर्मा सी गई और मुंह नीचे करके बोली:"
" जाओ गंदे भाई, सब कुछ किया तुमने खुद हैं और दोष बेचारे मंगल को दे रहे हैं।
इतना कहकर सौंदर्या ने अपनी चूत को हाथ से छुआ तो उसके मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी और उसकी उंगली खून से सन गई थी तो अजय ने उसकी उंगली को साफ किया और हल्के गुनगुने पानी पानी से उसकी चूत को धोने लगा। देखते ही देखते सौंदर्या की सिर्फ एक बार चुदी हुई चूत शीशे की तरफ साफ होकर चमकने लगी तो अजय ने उसकी चूत को सहला दिया और फिर अजय ने सौंदर्या को नहलाया और अपनी गोद में उठा कर फिर से बेड पर लेकर आ गया। अजय का लंड एक बार फिर से पूरी तरह से अकड़ कर लोहे की रोड जैसा बन गया था मानो जंगली शेर के मुंह खून लग गया था। हां खून ही तो लग गया था अजय के लंड पर आज सौंदर्या की चूत का जिससे लंड आज पूरा बवाल मचाए हुए था अजय के अंदर।
दोनो भाई बहन अपनी तक पूरी तरह से नंगे ही थे। सौंदर्या को शर्म आ रही थी क्योंकि वो अपने साथ के पूरी तरह से नंगी थी बस सिर्फ पर गीले बालों को ढकने के लिए एक तौलिया बांधे हुए थी इसलिए वो अपने कपड़े लेने के लिए अलमारी की तरफ बढ़ी और अजय प्यासी आंखो से उसे देख रहा था। जैसे ही सौंदर्या कपड़े निकालने के लिए झुकी तो उसकी चूत और गांड़ दोनो बाहर की तरफ खुल गए थे
अजय ने पहली बार किसी औरत को इस पोजीशन में देखा और उससे बर्दाश्त नहीं हुआ और वो तेजी से अपनी दीदी के पास पहुंच गया और पीछे से उसकी चूत और गांड़ के दोनो छेद एक साथ देखने लगा। सौंदर्या थोड़ी सी और अंदर की तरफ झुकी और उसकी सिर्फ एक बार चुदी हुई चूत के दोनो लाल सुर्ख होंठ हल्के से खुल गए और अजय का धैर्य जवाब दे गया। उसने अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया और आगे को झुकते हुए अपनी दीदी की कमर को पकड़ते हुए एक जोरदार धक्का उसकी चूत में जड़ दिया। सौंदर्या उससे पहले कि कुछ समझती लंड जोरदार आवाज के आवाज के साथ उसकी चूत में घुसता चला गया और सौंदर्या दर्द के मारे चिल्ला पड़ी
" आह हम्ममम सीआई आह मर गई आह्ह्ह्ह।
अजय उसकी दर्द भरी चींख सुनकर पूरे जोश में आ गया और बिना देर किए तेजी से उसकी चोद को चोदना शुरू कर दिया। सौंदर्या दर्द के मारे तड़प रही थी और अजय उसकी टाइट चूत की दीवारों को महसूस करके पगला सा गया था और जोर जोर से धक्के मारने लगा। सौंदर्या को हल्का हल्का अच्छा लगने लगा और उसने अपना हाथ अपनी चूचियों पर रख दिया तो अजय ने चूत में लंड घुसे घुसे ही उसे अपनी गोद में उठा लिया और बेड पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़कर धक्के लगाने लगा तो सौंदर्या जोर जोर से सिसकियां लेते हुए मचलने लगी और उसकी चूत अपने भाई के तगड़े धक्के के आगे ज्यादा देर नहीं टिक सकी और उसने अजय को कसते हुए अपने रस की बुंदे उसके लंड पर टपका दी। अजय ने उसकी दोनो चुचियों को अपनी हथेलियों में कस लिया और जोर जोर से दबाने लगा सौंदर्या दर्द से कराहती हुई तड़प उठी और जोर लगाते हुए छूटने की कोशिश करते हुए साइड से हो गई तो अजय ने उसकी एक टांग को अपनी टांग के नीचे दबा दिया और एक हाथ को उसकी गर्दन में लपेट कर जोर जोर से धक्के मारने लगा। सौंदर्या की चूत अभी नई नई थी और उसकी चूत में दर्द हो रहा था और अजय को एहसास था कि थोड़ी देर चोदने के बाद सौंदर्या भी शहनाज की तरह उसकी दीवानी हो जायेगी इसलिए वो उसकी चूत को जोर जोर से कस कस कर मसलते हुए तेज तेज धक्के लगाने लगा।
सौंदर्या की चूत में लंड किसी हथौड़े की तरह लग रहा था और सौंदर्या दर्द के मारे जोर जोर से चिल्लाने लगी तो अजय ने उसका मुंह अपने हाथ से बंद कर दिया और पूरी ताकत से चोदने लगा तो सौंदर्या की आंखो मे आंसू आ गए और अजय से छूटने की कोशिश करने लगी। अजय उसकी एक चूची को हाथ से मसल रहा और और दूसरी को मुंह में जोर जोर से चूसते हुए उसकी चूत की धज्जियां उड़ा रहा था। सौंदर्या अपने भाई के इस वहशीपन को ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाई और पूरी ताकत से उसे अपने ऊपर से धकेल दिया और तेजी से कमरे से बाहर की तरफ भागी लेकिन अजय ने उसे तेज से पकड़ लिया और उसे कमरे में पड़ी एक टेबल पर पटक दिया और उसकी टांगो को खोल कर फिर से लंड से लंड घुसा दिया तो सौंदर्या दर्द से दोहरी होती चली गई और चिल्ला उठी
" आह्ह्ह्ह्ह भाई, उफ्फ सीईईईआई नाहिई छोड़ दे मुझे , आह मर जाऊंगी मैं। आह दर्द हो रहा है बहुत तेजजज्ज।
अजय ने उसके दोनो कंधो को थाम लिया और आवारा सांड की तरह पूरी ताकत से धक्के लगाते हुए सिसका
" आआआह्हह मेरी दीदी, देख न कितना मजा आयेगा अभी तुझे, तेरा भाई कैसे चोदता हैं तुझे !! बस थोड़ी देर में तेरा दर्द गायब, हाय तेरी चूत मेरा लौड़ा कैसे कस रही हैं आआआह्हह्ह
सौंदर्या चूत में लंड घुसने से फिर से दर्द से कराह उठी और उससे छूटने की कोशिश करने लगी। हर धक्के पर उसे लग रहा था मानो अजय का लंड नही बल्कि खंजर उसकी चूत में घुस रहा है। सौंदर्या टेबल पर थी और उसकी दोनो टांगो को खोले हुए तेजी से उसे चोद रहा था और सौंदर्या का मुंह हर धक्के पर दर्द से खुल रहा था और अजय बिना उसकी परवाह किए हुए इसे अपनी मर्दानगी मानकर उसे और ज्यादा जोर से चोद रहा था।
सौंदर्या की चूत की दीवारों में आग सी लग गई थी और उसकी चूत से खून आने लगा जबकि अजय को लग रहा था कि उसकी दीदी की चूत फिर से गीली हो रही हैं और देखते ही देखते कुछ धक्के के बाद सौंदर्या जोर जोर से सिसकियां लेते हुए बेहोश सी हो गई तो और अजय के लंड में भी उबाल आया तो उसने लंड को बाहर निकाला और फिर से पूरी ताकत से सौंदर्या की चूत में घुसा दिया तो सौंदर्या मुंह फाड़कर दर्द से चिल्ला उठी और बेहोश होती चली गई। अजय ने उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया और आंखे बंद किए उसके मुंह को चूमने लगा।
सौंदर्या की दर्द भरी चींख सुनकर शाहनाज तेजी से दौड़ती हुई आई और देखा कि सौंदर्या टेबल पर बेहोश पड़ी हुई हैं और अजय का लंड उसकी चूत से धीरे धीरे बाहर निकल रहा था, सौंदर्या की जांघें खून से सनी हुई थी। शाहनाज गुस्से से आगे बढ़ी और एक जोरदार थप्पड़ अजय के गाल पर जड़ दिया और तेजी से उसे सौंदर्या के उपर से हटा दिया और गुस्से से चिल्लाई
" अजय जानवर हो गया हैं क्या तू ? ये क्या कर दिया तूने अपनी बहन के साथ ?
अजय को काटो तो खून नहीं, अपने अपना सिर पकड़ लिया और सोचने लगा कि ये उसने क्या कर दिया। उसे अपने आप पर बड़ी शर्म आ रही थी और देखते ही देखते उसकी आंखो से आंसू निकल पड़े। शाहनाज ने गर्म पानी किया और अजय के लंड की मार से बिलकुल लाल सुर्ख होकर सूज जाने के कारण मोटी हो गई उसकी चूत को गर्म अपनी से झारने लगी ताकि सौंदर्या को थोड़ा आराम मिल सके। थोड़ी देर गर्म पानी से सिकाई करने के बाद उसने सौंदर्या के जिस्म को एक चादर से ढक दिया और उसके माथे को चूम लिया और उसके मुंह पर पानी के छींटे मारे तो सौंदर्या ने दर्द से कराहते हुए अपनी आंखों को खोल दिया और शाहनाज को देखते ही उसकी आंखो से आंसू निकल पड़े और शाहनाज की गोद में अपना सिर छुपाकर फफक फफक कर रो पड़ी। शाहनाज ने उसका हाथ पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उसकी माथे को सहला कर तसल्ली देते हुए बोली:"
" रोते नही सौंदर्या, चुप हो जाओ, अपने आपको संभालो।
सौंदर्या भरे हुए गले से सिसकते हुए बोली:"
" मैं किसी को मुंह दिखाने के लायक नही रही, मेरे अपने ही भाई ने मेरे साथ ये क्या कर दिया।
शाहनाज:" बस सौंदर्या, ये सब शायद उससे तुम्हारी मांगलिक पूजा विधि के चलते हुआ होगा। गलती इंसान से ही होती हैं। भाई हैं वो तुम्हारा छोटा।
सौंदर्या जैसे ही उपर को उठने को हुई तो उसे अपनी जांघो के बीच में तेज दर्द का एहसास हुआ और फिर से दर्द से कराह उठी। शाहनाज ने उसे लेटे रहने का इशारा किया और बोली:"
" अजय अगर पूजा की सब विधियां ठीक से पूरी हो गई हो तो गाड़ी निकाल लाओ ताकि घर चल सके।
अजय का चेहरा आंसुओ से भरा हुआ था और सौंदर्या की बाते सुनकर उसके अंदर उसकी तरफ देखने की हिम्मत नही हो रही थी इसलिए वो बिना कुछ बाहर निकल गया और गाड़ी लेने चला गया।
सौंदर्या:" क्या मेरा इस हाल में घर जाना सही होगा ? घर में सबको क्या बोलूंगी मैं ?
शाहनाज:" उसकी चिंता तुम मुझ पर छोड़ दो। मैं सब कुछ संभाल लूंगी, वैसे भी पूजा खत्म होने के बाद यहां रुकने का कोई मतलब ही नहीं बनता।
इतना कहकर शाहनाज ने जल्दी से सारा सामान पैक किया और बाहर गाड़ी में ले जाकर रख दिया। उसके बाद उसे अजय को इशारा किया तो अजय अंदर आ गया और सौंदर्या की तरफ देखा तो उसने मुंह अपना मुंह गुस्से से दूसरी तरफ घुमा लिया।
अजय:" दीदी मुझसे गलती हो गई हैं, आप जो चाहे सजा देना लेकिन मैं आपको गाड़ी में बिठा देता हु।
इतना कहकर अजय आगे बढ़ा तो सौंदर्या किसी घायल नागिन की तरफ फुंफकार उठी
" हाथ भी मत लगाना मुझे, खुद चली जाऊंगी मैं। मर गई आज के बाद तेरे लिए मैं।
इतना कहकर वो धीरे धीरे लंगड़ाती हुई आगे बढ़ने लगी तो अजय ने हिम्मत करके उसका एक हाथ पकड़ लिया तो सौंदर्या ने गुस्से से उसके हाथ को दूर फेंक दिया और आगे बढ़ने लगी। अजय ने उम्मीद भरी नजरो से शाहनाज की तरफ देखा तो शहनाज ने उसे शांत ही रहने का इशारा किया और आगे बढ़कर सौंदर्या को सहारा देते हुए गाड़ी के अंदर ले आई।
अजय ने आगे बैठ कर गाड़ी को स्टार्ट किया और गाड़ी उनके घर की तरफ चल पड़ी। सौंदर्या शाहनाज की गोद में सिर रखकर सो गई और अजय अपने आप में खोया हुआ सा गाड़ी चलाने लगा।
Bhai is storie ko jaise aap likhna chaho likho.bewkuuf log bohot hai is forum pe.अगले दो से तीन अपडेट मे ये कहानी समाप्त हो जाएगी और जैसा की मैं पहले ही कह चुका कि अंत हमेशा की तरह बेहद सुखद होगा। इसलिए सभी लोग संयम बनाए रखे। वैसे अगर सभी लोग साथ देते तो ये कहानी सच मे यादगार होती। आधे से ज्यादा लोगो ने इसमें किरदारों का धर्म देखा हैं जो बेहद सुखद हैं जबकि मैने इसमें कभी को कहानी को एक धर्म से जोड़ा ही नहीं। अंततः इस कहानी को खत्म करने का समय आ गया है।
अगली कहानी " टैटू गुदाई और चुदाई" पूरी तरह से परिवार पर आधारित होगी क्योंकि अधिकतर लोगो को ज्यादा कुछ नया पसंद नही आता है। साथ बने रहने के लिए सभी का धन्यवाद।