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Incest "मांगलिक बहन " (Completed)

Sanju@

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सभी के पूजा के लिए जाने के बाद शादाब और कमला दोनो घर के अंदर अा गए और कमला की अजीब सी स्थिति थी। जहां एक ओर वो खुश थी कि आज से उसकी बेटी के कष्ट निवारण के लिए उपाय आरंभ हो गए हैं वहीं दूसरी ओर क्या ये पूजा और उसकी सभी विधियां ठीक से संपन्न हो पाएगी ये सभी सोच कर वो अंदर ही अंदर परेशान थी। शादाब से उसकी ये हालत छुपी नहीं थी इसलिए शादाब बोला:"

" आंटी क्या हुआ आप कुछ दुखी नजर सा रही हो ?

कमला:" बस बेटा ये ही सोचकर परेशान हूं कि क्या पूजा की सभी विधियां ठीक से पूरी हो जाएगी।

शादाब आत्म विश्वास से भरे हुए शब्दो में बोला:"

" बिल्कुल होगी। आप उसकी कोई चिंता मत कीजिए। मुझे अजय पर पूरा भरोसा है। और फिर मेरी अम्मी शहनाज भी तो गई है सौंदर्या दीदी की मदद करने के लिए। वो किसी भी बाधा को पर कर देगी।

कमला थोड़ी भावुक हो गईं और बोली:" भगवान करे तेरी बात सच हो जाए बेटा। मुझे अजय और शहनाज़ बहन पर पूरा भरोसा है। तुम लोग तो मेरे लिए देवता बनकर आए हो बेटा।

इतना कहकर कमला ने शादाब के सामने हाथ जोड़ दिए तो शादाब ने उसके हाथो को अपने हाथो से थाम लिया और बोला:"

" ना आंटी ना, बेटा भी कह रही हो और हाथ भी जोड़ रही हो। ये तो बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं है। अजय मेरे सगे भाई जैसा हैं और आपकी हर परेशानी मेरी अपनी हैं एक दम।

कमला:" बेटा सच में आज कल तेरे जैसे दोस्त मिलने मुश्किल हैं। भगवान से प्रार्थना है कि तुम्हे लंबी आयु प्रदान करे।

शादाब:" जी आपका शुक्रिया आंटी जी। वैसे एक बात तो बताओ मुझे काम क्या क्या करना होगा ? घर के काम, खेत के काम वो सब आप बता दीजिए।

कमला:" बस बेटा घर के सारे काम तो मैं खुद ही कर लूंगी। तुम बस खेत से घास ला देना और बाहर बाजार से किसी सामान की जरुरत हुई तो वो लेते आना।

शादाब:" अच्छा ठीक है, मैं सब कुछ बड़े आराम से कर लूंगा। आप बेफिक्र रहिए। अब आप आराम कर लीजिए।

कमला:" अच्छा ठीक है बेटा, तुम भी थोड़ी देर आराम कर लो। फिर सुबह होने में भी ज्यादा समय नहीं बचा हुआ हैं।

इतना कहकर कमला बाहर ही बरामदे में पड़े हुए बेड पर लेट गई और शादाब अंदर बने हुए कमरे में लेट गया। कमला की आंखो से नींद कोसो दूर थी और उसे अभी भी सौंदर्या के बारे में सोचकर चिंता हो रही थी। पता नही पूजा में कोई अपशकुन मा हो जाए। कहीं मेरी बेटी फिर से मांगलिक ही ना रह जाए। बड़ी मुश्किल से एक मौका मिला उपाय करने का तो ये हाथ से नहीं जाना चाहिए। ये सब सोचते सोचते कब उसकी आंख लग रही उसे पता ही नहीं चला।

सौंदर्या और शहनाज़ के साथ साथ अजय भी पूजा के बाद घर वापिस लौट आए और सभी के चेहरे पर उदासी छाई हुई थी। ये सब देखकर कमला का दिल डर के मारे बैठ गया और घबराते हुए बोली'"

" क्या हुआ ? तुम सब इतनी जल्दी कैसे अा गए?

अजय ने अपना चेहरा नीचे किया और उदासी से बोला'"

" मम्मी वो पूजा ठीक से संपन्न नहीं हो पाई क्योंकि शहनाज़ आंटी ने बीच में ही पूजा की कुछ विधि करने से मना कर दिया।

अजय की बात सुनते ही कमला जोर से चींखं पड़ी और उसकी आंख खुल गई। ये भगवान मैं तो ये सपना देख रही थी। कमला डर के मारे कांप रही थी और उसके माथे पर पसीना आया हुआ था।

कमला की आवाज सुनकर शादाब नींद से जाग गया और उसकी तरफ दौड़ा तो देखा कि कमला लंबी लंबी सांस ले रही थी और पसीने पसीने हो गई थी। कमला बेहोश हो गई शादाब ने जल्दी से अपने बैग में किट निकाली और उसका ब्लड प्रेशर चेक किया जो 260 के आस पास था।

शादाब थोड़ी देर के लिए डर गया लेकिन अगले ही पल उसने एक इंजेक्शन उसे लगाया और कुछ ब्लड प्रेशर की दवा दी। शादाब इसके पास ही बैठ गया और उसका ध्यान रखने लगा।

करीब एक घंटे के बाद कमला का ब्लड प्रेशर कम और उसने अपनी आंखे खोल दी। शादाब ने चैन की सांस ली और बोला:"

" आपको क्या हुआ था आंटी ? आप घबरा क्यों गई थी ?

कमला थोड़ी देर छत को देखती रही और शादाब ने फिर से सवाल किया तो बोली:"

" बेटा वो मैंने एक सपना देखा कि पूजा विधि ठीक से नहीं हुई और मेरी बेटी फिर से मांगलिक ही रह गई। बस इसलिए डर गई थी।

शादाब:' ओह आंटी आप भी ना, सपने तो सपने होते हैं। वो सच थोड़े ही होते हैं।

कमला थोड़ी घबराई हुई आवाज में बोली:" नहीं बेटा, मेरे सपने सच ही होते हैं, और सुबह का देखा हुआ सपना तो कभी झूठ नहीं होता।

शादाब:" ऐसा क्या देख लिया आपने ? क्यों पूजा सफल नहीं हुई ये बताओ ?

शादाब का सवाल सुनते ही कमला बोली:" बेटा हुआ ये कि शहनाज ने पूजा की विधि...


इतना कहकर कमला चुप हो गई क्योंकि उसे समझ नहीं आ रहा था कि किस तरह से शादाब को कहे कि उसकी अम्मी ने पूजा विधि ठीक से नहीं करी। शादाब थोड़ा परेशान होते हुए बोला:"

" हान आंटी बोलो आप, मेरी अम्मी शहनाज ने पूजा विधि क्या ? आगे भी बोलो कुछ अब

कमला ने अपना मुंह नीचे किया और धीरे से बोली:" बेटा मैंने देखा कि शहनाज़ ने पूजा की विधि ठीक से नहीं करी जिससे पूजा सफल नहीं हुई ।

शादाब के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आए। शहनाज़ की वजह से नहीं बल्कि कमला के अंदर का डर देखकर। उसे अपनी अम्मी पर पूरा भरोसा था लेकिन जिस तरह को मनोदशा से कमला गुजर रही है ये उसके लिए घातक हो सकता था। इसलिए शादाब थोड़ा सोचते हुए बोला'"

"आप बेफिक्र रहे। मेरी अम्मी पूजा में कोई बाधा नहीं आने देगी। मुझे उन पर पूरा भरोसा है।

कमला:" भगवान करे ऐसा ही हो। क्या मैं एक बार शहनाज़ से बात कर लू ? मेरा दिल नहीं मान रहा है बेटा।

शादाब ने अपना मोबाइल निकाला और शहनाज का नंबर मिलाया तो शहनाज़ जो कि अजय के बराबर में आगे बैठी हुई थी अपने बेटे का फोन देखकर खुश हुई और घर से निकलने के बाद उसे पहली बार याद अाया की उसका बेटा नहीं उसका शौहर भी हैं तो उसे अपने द्वारा की गई अब तक की हरकतों पर दुख महसूस हुआ और उसने फोन उठा लिया:"

" शादाब कैसे हो बेटा ? अा गई क्या अपनी अम्मी की याद तुम्हे ?

शादाब शहनाज की आवाज सुनकर झूम उठा और बोला:"

" अम्मी आपको भुला ही नहीं हूं तो याद कैसे नहीं नहीं आएगी। लेकिन आपने भी तो फोन नहीं किया अभी तक।

शहनाज़:" वो मैं पूजा की विधि करने में ध्यान पूर्वक लगी हुई थी बस इसलिए नहीं कर पाई।

ये कहते हुए शहनाज़ का चेहरा शर्म से लाल हो गया। शादाब ने चैन की सांस ली और बोला:"

" बिल्कुल सही किया आपने अम्मी, आप चाहे तो जब तक पूजा खत्म नहीं हो जाती मुझसे बात भी ना करे लेकिन पूजा में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।

तभी कमला ने शादाब को इशारा किया तो शादाब ने फोन उसकी तरफ बढ़ा दिया और बोला:"

" लो अम्मी पहले आप कमला आंटी से बात कर लीजिए।

कमला ने फोन लिया और बोली:"

" शहनाज कैसी हो तुम ? सब ठीक हैं ना वहां, अजय और सौंदर्या।

शहनाज़:" हान जी सब बिल्कुल ठीक हैं, आप फिक्र मत कीजिए। हम जल्दी ही सब काम खत्म करके वापिस आएंगे।

कमला थोड़ी भावुक आवाज में बोली:" मेरी बेटी की ज़िन्दगी अब तुम्हारे हाथ में हैं शहनाज। उसे बर्बाद होने से बचा लेना।

शहनाज़ आत्म विश्वास से भरे हुए शब्दो से बोली:"

" आप बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए। सौंदर्या अब सिर्फ आपकी बेटी ही नहीं बल्कि मेरी छोटी बहन भी बन गई हैं। मैं उसके लिए कठिन से कठिन पूजा विधि भी करने से पीछे नहीं हटने वाली। बस आप शादाब का ध्यान रखना।

कमला:" तुमने दिल जीत लिया शहनाज़। शादाब की चिंता मत करो यहां मैं हूं ना उसका ध्यान रखने के लिए।

शहनाज: मुझे आप पर पूरा यकीन है। आप सौंदर्या की तरफ से बेफिक्र रहिए। हम जल्दी ही दोष मुक्त सौंदर्या के साथ घर वापिस आएंगे।

कमला:" भगवान करे तुम्हारे मुंह में घी शक्कर। तुम आओ तो एक बार कामयाब होकर ऐसा स्वागत करूंगी कि तुम मुझे हमेशा याद करोगे।

शादाब सारी बात ध्यान से सुन रहा था और कमला की हालत में सुधार होते देख रहा था। एक डॉक्टर होने के नाते वो बहुत खुश था और उसने कमला को मानसिक रूप से सपोर्ट करने के लिए कमला से फोन लिया और उसका स्पीकर खोल कर बोला:"

" अम्मी मैं यहां बिल्कुल ठीक हूं। कमला आंटी बहुत अच्छी हैं। आप अपना पूरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ पूजा पर लगाए। पूजा किसी भी हालत में विधिपूर्वक पूरी होनी चाहिए।

शहनाज़:" हान शादाब बेटा, तुम उसकी चिंता मत करो, मेरा नाम शहनाज़ है और पूजा विधि इतने अच्छे से करूंगी कि तुम्हे अपनी अम्मी पर नाज होगा। अब मैं सौंदर्या को दोष मुक्त करके ही घर वापिस आऊंगी बेटा।

शहनाज़ की बात सुनकर कमला खुश हो गई। शादाब ने उसके चहेरे पर स्माइल देखी तो उसे लगा कि उसकी योजना काम कर रही है।

शादाब:" मुझे बहुत ख़ुशी है कि मैं आपका बेटा हूं। मुझे अपनी अम्मी पर पूरा यकीन है कि आप पूजा खत्म करके ही वापिस आएंगी। चाहे कितनी भी कठिन विधि हो और आपको कुछ भी करना पड़े लेकिन सौंदर्या दीदी बिल्कुल पूरी तरह से दोषमुक्त
होनी चाहिए।

शहनाज़ ने अपने बेटे की बात सुनी और इसके होठो पर स्माइल अा गई और बोली:"

" तुम बेफिक्र रहो और खुश रहो। मैं सौंदर्या के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दूंगी।

शादाब:" थैंक्स अम्मी, आप आइए फिर आपका बेटा आपक ऐसा स्वागत करेगा कि आप भी याद रखेगी।

शहनाज कुछ बोल रही थी कि लेकिन उसे आवाज नहीं अा रही थी। उसने देखा कि उसके फोन के नेटवर्क नहीं थे तो उसने फोन काट दिया और अजय की तरफ देखा जो उसकी ही बात सुन रहा रहा था।

पीछे बैठी सौंदर्या शहनाज़ की बाते सुनकर भावुक हो गई और उसकी आंखे भर आई थी कि शहनाज़ उसके लिए कितना कुछ कर रही हैं और आगे भी किसी भी हद से गुजर जाने के लिए तैयार है।

वहीं दूसरी तरफ कमला अब पूरी तरह से सुकून महसूस कर रही थी और बोली:"

" बेटा शहनाज़ बहन की बाते सुनकर तो मुझे लग रहा है कि सपने सिर्फ सपने ही होते हैं और सपने देखकर डरना नहीं चाहिए।

" सपना देखकर डरने की कोई जरुरत भी नहीं हैं आंटी क्योंकि सपना कोई चुड़ैल नहीं बल्कि आपकी बेटी की....


सपना बोलते हुए घर के (सौंदर्या की सहेली) अंदर दाखिल हुई। शादाब को देखते ही उसके बाकी के शब्द उसके मुंह में ही रह गए और उसे देखते हुए बोली:"

" ये कौन हैं आंटी जी ?

कमला:" अरे बेटी ये शादाब हैं अजय का दोस्त। इसकी अम्मी अजय और शहनाज़ के साथ पूजा के लिए हरिद्वार गई है इसलिए ये मेरे साथ ही घर में रहेगा कुछ दिन।

सपना ने एक नजर शादाब को उपर से नीचे तक देखा और फिर बोली:" अजय भाई का दोस्त हैं फिर तो ठीक है आंटी जी। आज कल जमाना खराब हैं चोर उचक्के घूमते रहते हैं सुंदर सी सूरत किए। मैं इधर से अा रही थी तो सोचा सौंदर्या से मिलती जाऊ। लेकिन वो तो हैं ही नहीं यहां।

कमला:" अरे तुम सिर्फ सौंदर्या की सहेली ही नहीं बल्कि मेरी बेटी भी हो। सौंदर्या नहीं तो क्या हुआ मैं तो हूं घर पर। और तूने अच्छा किया जो अा गई, अब घर के काम में मेरी मदद करना। मैं तेरे बाप को बोल दूंगी कि तुझे मेरे पास ही छोड़ दिया काम के लिए दिन में तब तक अजय और सौंदर्या नहीं अा जाते।

सपना:" ठीक है आंटी मैं भला किस दिन काम आऊंगी आपके। मुझे बता दीजिए घर के काम क्या क्या हैं ? मैं खुद कर लूंगी।

कमला:" बस भैंस के कुछ काम हैं और हमारे साथ खेत पर चलना घास लेने के लिए। आज के लिए इतना बहुत हैं।

सपना:" हमारे साथ मतलब ये साहब भी खेत पर जाएंगे क्या ?

कमला:" हान बेटी शादाब भी मदद के लिए साथ में जाएगा हम दोनों के साथ।

सपना:" बस जी बस ये शहरी लोग बड़े नाजुक होते हैं। कहीं तबियत ही खराब ना हो जाए जंगल की हवा में इनकी।

शादाब कुछ बोल नहीं रहा रहा बस वो आराम से सपना को देख रहा था जो बिना रुके बकबक किए जा रही थी।

कमला:" बेटा तुम भी ना कुछ भी बोल देती हो। थोड़ा सोच समझ कर बोला करो। किसी के नाजुक होने से गांव या शहर का क्या मतलब समझी तुम।

सपना:" मुझे ज्यादा नहीं समझना, जो सही लगा बोल दिया। मै एक बार घर जाके आती हूं और अपने बापू को बोल भी आती हूं कि मैं आपके पास रहूंगी।

इतना कहकर सपना शादाब को देखती हूं घर के बाहर चली गई। उसके जाते ही शादाब के कुछ बोलने से पहले कमला खुद ही बोल पड़ी:"

" बेटा ये सौंदर्या की सहेली हैं, थोड़ी बकबक ज्यादा करती हैं, इसकी किसी बात का बुरा मत मानना। दिल की बहुत अच्छी हैं ये लड़की।

शादाब:" जी आंटी, मैं किसी बात का बुरा नहीं मान रहा, हर इंसान की अपनी सोच होती है।

कमला: अच्छा तुम नहा धोकर फ्रेश हो जाओ। फिर खेत में चलते हैं घास लेने के लिए।

शादाब:"ठीक है। मैं आता हूं।


इतना कहकर शादाब बाथरूम के अंदर चला गया और सपना फिर से घर के अंदर अा गई। कमला दूध गर्म कर रही थी और सपना ने उसकी साथ मिलकर जल्दी से परांठे बना दिए।

थोड़ी देर बाद सभी लोग नाश्ता कर रहे थे। शादाब ने दूध का ग्लास खाली किया और कमला ने इसे फिर फिर से भर दिया तो सपना हंस पड़ी और बोली:"

" क्या आंटी एक गल्लास पी लिया वहीं बहुत हैं। इससे ज्यादा कहां पीते है शहर वाले ?

शादाब के होंठो पर उसकी बात सुनकर स्माइल अा गई और बिना कुछ बोले दूध का ग्लास फिर से उठाया और एक ही सांस में पूरा ग्लास खाकी कर दिया।

सपना:" वैसे मुझे लगता है कि तुम्हे दूध पसंद हैं। अच्छी बात है दूध पीना सेहत के लिए अच्छा होता है बहुत।

शादाब:" मुझे दूध बहुत पसंद है सपना मैडम।

सपना शादाब की खूबसूरती से काफी प्रभावित थी और उसके दूध पीने से उसे अच्छा लगा था इसलिए बोली:"

" सपना ही ठीक है मैडम मत बोलो तुम। और हान एक बात और मेरी किसी बात का बुरा मत मान लेना। जुबान थोड़ा ज्यादा ही चलती हैं मेरी।

उसकी बात सुनकर शादाब मुस्कुरा दिया और कमला हंसने लगी। नाश्ता करने के बाद सभी लोग खेत पर जाने के लिए तैयार हो गए तभी कमला की एक सहेली बिमला आ गई तो वो उससे बाते करने लगी। बाहर मौसम भी थोड़ा खराब हो गया था और काले काले बदल आसमान में उमड़ रहे थे।

कमला:" अरे सपना बिमला इतने सालो के बाद अाई हैं मैं उससे बात कर लेती हूं। तुम शादाब के साथ खेत में चली जाओ और घास लेती आओ।

सपना;" हान हान, जी भर कर बात करो। जाती हूं मैं।

इतना कहकर सपना बाहर अा गई और शादाब भी उसके पीछे पीछे चल पड़ा। सपना शादाब को देखते हुए बोली:" अच्छा तुम खेत पर कैसे जाओगे ? ट्रैक्टर चलाना आता है क्या तुम्हे?

शादाब:" नहीं वो तो नहीं आता मुझे।

सपना:" लो जी कर को बात, फिर क्या पैदल जाओगे खेत पर। एक काम करती हूं मैं अपना भैंसा बुग्गी के आती हूं।

इतना कहकर वो अपने पैर पटकती हुई चली गई और थोड़ी देर बाद ही भैंसा बुग्गी लेकर अा गई और बोली:"

" अब खड़े खड़े मेरा मुंह क्या देख रहे हो, आओ बैठो, जाना नहीं है क्या तुम्हे !!

शादाब:" हान हान बैठता हूं रोको तो पहले इसे।

शादाब चलती हुई बुग्गी में बैठ गया लेकिन हल्का सा लड़खड़ा गया और सपना बोली:"

" अरे आप तो गिर ही गए होते। थोड़ा संभाल कर बैठो आप।

इतना कहकर उसने बुग्गी को चला गया और शादाब उसके पास ही बैठ गया। सपना बीच बीच में उसे ही देख रही थी और सोच रही थी कि ये सच में बेहद सीधा और खूबसूरत है। सपना काफी रंगीन मिजाज लड़की थी और गांव के काफी सारे लडको के साथ मस्ती कर चुकी थी। उसे शादाब अच्छा लगा और उसने उस पर डोरे डालने का सोच लिया।

सपना:" क्या करते हो आप शादाब जी ?

शादाब:" मैं डॉक्टर हूं और अमरीका से अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा हूं। इंडिया वापिस अाया तो अजय से मिलने अा गया था बस।

सपना अमेरिका का नाम सुनते ही खुश हो गई और बोली:"

" अच्छा मैंने सुना हैं कि वहां काफी गोरी गोरी मेम होती है।

शादाब:" जी बिल्कुल आपने ठीक सुना हैं। ऐसा हो होता है।

सपना:" अच्छा जी। फिर तो आपने काफी सारी मस्ती की होगी वहां। मौसम थोड़ा खराब ही लग रहा है मुझे आज, देखो कितने काले काले बाद उमड़ रहे हैं उपर।


सपना आसमान की तरफ देखते हुए कहा और जैसे ही शादाब ने आसमान में देखा तो अपना ने जान बूझकर शादाब की नजर बचा कर अपनी नीचे रंग की ब्रा का स्ट्रैप सूट से बाहर निकाल कर अपने कंधे पर कर दिया।

शादाब ने जैसे ही उसकी तरफ देखा तो उसे उसके कंधे पर ब्रा का स्ट्रिप नज़र आया और शादाब को थोड़ी सी हैरानी हुई कि ये कैसे बाहर निकल अाया। खैर शादाब ने उसे देखा तो ये सपना के लिए बड़ी बात थी।

सपना:" अच्छा तो मैं पूछ रही थी कि गोरी गोरी मेम तो तुम्हारे उपर फिदा हो गई होगी।

शादाब:" नहीं ऐसा तो कुछ नहीं हुआ। मैं तो वहां अपनी अम्मी के साथ ना।

सपना:" ओहो अब क्या कॉलेज में भी तुम्हारी अम्मी साथ जाती थी। इतने सुन्दर हो तुम, तुम्हारे लिए तो लाइन लग जाएगी लड़कियो की।

इतना कहते हुए सपना ने अपनी एक कोहनी का दबाव अपनी छाती पर दिया तो उसकी चूचियां थोड़ी सी नजर आने लगी और शादाब फैसला नहीं कर पाया कि क्या करे। उन्हें देखे या नहीं। लेकिन मर्द कोई भी हों उसकी जान औरत की गोलाईयों में बसती है और शादाब भी कोई देवता तो था नहीं इसलिए ना चाहते हुए भी उसकी नजर एक पल के लिए सपना की गोलाईयों पर चली गई और बोला:"

शादाब:" मैं इतना भी सुंदर नहीं हूं। वैसे मुझे कोई शोक नहीं कि मेरे पीछे लाइन लगे।

सपना:" अजी तुम्हे क्या पता। मुझसे पूछो तो पता चले।

शादाब:" अच्छा क्या सच में मैं इतना सुन्दर हूं? तुम भी बताओ।

सपना:" और नहीं तो क्या, तुम तो एक बहुत ही खूबसूरत नौजवान हो।

तभी आसमान से बारिश पड़ने लगी और देखते ही देखते दोनो पूरी तरह से भीगते चले गए।सपना का सफेद रंग का सूट उसके बदन से भीग कर पूरी तरह से चिपक गया और उसकी ब्रा तक साफ दिख रही जिसमे कैद उसकी मध्यम आकार की चूचियां अपना वजूद दर्शा रही थी। शादाब उसे बार बार तिरछी नजरो से देख रहा था और सपना बार बार उसकी तरफ ही देख रही थी। भीग जाने के कारण पीछे से उसकी कमर बिल्कुल साफ नजर आ रही थी। शादाब ना चाहते हुए भी ये सब देखकर उत्तेजित हो गया और उसके लंड अपनी औकात दिखाते हुए खड़ा हो गया।

खेत अा गया था और शादाब बुग्गी से उतर गया और सपना ने बुग्गी को खेत के बाहर ही खड़ा कर दिया और खेत में घुस गई और घास काटने लगीं। शादाब का खड़ा हुआ पेंट में बहुत बड़ा उभार बना रहा था और ये देखते ही सपना की आंखे चमक उठी और योजना बनाने लगी। शादाब खेत में अा गया और उसकी मदद करने लगा तो सपना सोच समझ कर बोली:"

" मैं कर लुंगी। आप एक काम कीजिए भैंसे को थोड़ा घास डाल दीजिए। पेट भरकर खा लेगा बेचारा।

शादाब ने थोड़ा सा घास उठाया और भैंसे की तरफ लेकर चल दिया। सपना की आंखे चमक उठी क्योंकि शादाब एक कच्ची सड़क पर था जिस पर पानी भर गया था। सपना ने धीरे से अपना हाथ पीछे ले जाकर अपनी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी चूचियां उसके सूट के अंदर आजाद हो गई।

शादाब ध्यान से आगे बढ़ता रहा और उसने भैंसे को घास दिया और फिर वापिस सपना की तरफ बढ़ गया। रास्ते में हुई कीचड़ से इस बार वो बच नहीं पाया और फिसल कर उसमें गिर गया। शादाब के गिरते ही सपना खुश होती हुई उसकी तरफ दौड़ी जिससे उसकी चूचियां सूट में उछलती हुई नजर आईं और सादाब ये देखकर हैरान हो गया कि इसकी ब्रा कहां चली गई।

सपना ने उसका हाथ पकड़ा और उठाते हुए बोली;"

" उफ्फ तुम भी गिर ही गए, सारे कपड़ो पर कीचड़ लग गया।

उसे उठाने का बहाना करते हुए वो खुद भी उसके उपर गिर पड़ी। दोनो के कीचड से भीगे हुए बदन टकरा गए तो सपना के मुंह से आह निकल पड़ी। शादाब ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे साथ साथ उसे भी खड़ा कर दिया।

सपना:" तुम्हारे चक्कर में मैं भी गिर गई। अब नदी में नहाना होगा तभी ये कीचड़ साफ होगी। आओ मेरे साथ।

इतना कहकर उसने अपना छुडाया और नदी की तरफ बढ़ गई।नदी के पास जाकर शादाब ने अपनी गंदी पेंट को उतार दिया तो सपना समझ गई कि उसकी चाल कामयाब हो गई हैं। दोनो एक साथ उतर गए और साफ पानी में दोनो के शरीर का कीचड़ बिल्कुल साफ हो गया।

सपना:" अरे शादाब देखो मेरी कमर साफ कर दो ठीक से हाथ नहीं जा रहा है।


इतना कहकर वो उसके पास अा गई और शादाब ने अपने दोनो हाथ उसकी कमर पर टिका दिए और साफ करने लगा। कीचड़ तो कहीं नाम के लिए भी नहीं लगी हुई थी और शादाब बस उसकी कमर सहला रहा था। सपना उसकी तरह धीरे धीरे खिसक रही थी और जल्दी ही उसकी गांड़ शादाब के अंडर वियर के उभार से जा टकराई तो सपना की आंखे मस्ती से बंद हो गई। सपना नीचे पेंटी नहीं पहनती थी इसलिए शादाब के लंड का उभार उसकी गांड़ पर अच्छे से रगड़ दे रहा था और सपना खुद ही अपनी गांड़ आगे पीछे कर रही थी।

शादाब उसकी हरकत से जोश में भर गया और उसने अपना हाथ नीचे ले जाकर अपने अंडर वियर को नीचे सरका दिया और जैसे ही सपना की गांड़ पर नंगा लंड का सुपाड़ा छुआ तो उसके मुंह से आह निकल पड़ी। सपना ने अपना हाथ नीचे किया और अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी सलवार उसकी टांगो में ही सरक गई। जैसे ही शादाब के लंड का नंगा सुपाड़ा उसकी नंगी गांड़ से छुआ तो शादाब ने उसके कंधों को थाम लिया और जोर से मसल दिया। सपना पूरी तरह से बहक गई और उसने अपनी गांड़ को हल्का सा झुकाया जिससे उसकी चूत उपर की तरफ उभर गई। लंड का सुपाड़ा सीधे उसकी चूत पर अा लगा और उसकी चूत लंड के मोटे तगड़े सुपाड़े से पूरी तरह से ढक गई। सपना सुपाड़े की मोटाई महसूस करके सिसक उठी और अपने दोनो हाथ अपनी चुचियों पर रख दिए। शादाब ने अपने एक हाथ से सपना की टांग को उपर की तरफ उठा दिया और दूसरे हाथ को उसकी गर्दन में कसते हुए लंड का जोरदार धक्का उसकी चूत में जड़ दिया और जैसे ही सुपाड़ा अन्दर घुसा तो सपना के मुंह से आह निकल पड़ी। शादाब ने बिना रुके तेज तेज धक्के लगाए और पूरा लंड उसकी चूत को फैलाते हुए जड़ तक घुस गया। सपना दर्द से कराह रही थी क्योंकि उसकी चूत लंड से फट सी गई थी।

शादाब ने लंड को बाहर की तरफ निकाला और पूरी तेजी से फिर से अंदर घुसा दिया। सपना फिर से तड़प उठी लेकिन इस बार दर्द पहले से कम था। शादाब बिना रुके चूत में धक्के लगाने लगा और सपना के मुंह से अब मस्ती भरी सिसकारियां निकल रहीं थीं। शादाब ने उसकी गर्दन छोड़कर उसकी चूची को पकड़ लिया तो सपना उसकी तरफ पलट गई लंड उसकी चूत से बाहर निकल गया। सपने ने तेजी से अपना सूट निकाला और अपनी एक टांग खुद ही उपर उठा दी और शादाब को लंड घुसाने का इशारा किया तो शादाब ने उसकी दोनो चुचियों को थाम लिया और लंड को एक ही धक्के में घुसा दिया और बिना रुके चोदना चालू कर दिया। शादाब पूरी ताकत से कस कस कर धक्के लगा रहा था और सपना अब मस्ती से सिसक रही थी। शादाब ने उसकी चूचियों को पूरी ताकत से मसला और लंड के धक्कों में पूरी तेजी अा गई तो सपना को अपनी चूत में तूफान सा मचलता हुआ महसूस हुआ और उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया तो सपना पागल सी होकर शादाब के होंठो को चूसने लगी। शादाब ने भी पूरी ताकत से कुछ धक्के मारे और एक आखिरी धक्का मारते हुए अपना लंड उसकी चूत में जड़ तक घुसा दिया और वीर्य की पिचकारी छोड़ दी। दोनो एक दूसरे से कस कर लिपट गए।

थोड़ी देर के बाद शादाब ने सपना को अपनी बांहों में लिया और खेत में ले आया। सपना चुदाई के बाद काफी अच्छा महसूस कर रही थी इसलिए बोली:"

" लेट हो जाएंगे। मैं पहले घास काट लेती हूं

इतना कहकर वो नंगी ही घास काटने लगीं। शादाब उसकी हिलती हुई गांड़ देख कर पागल सा हो रहा था। अपनी अम्मी अपनी जान शहनाज को वो पूरी तरह से भूल गया था।


सपना ने घास काट दिया और शादाब ने उसे बुग्गी में रख दिया। सपना ने पहली बार शादाब का लंड देखा और उसकी चूत फिर से भीग गई। सपना ने उसकी आंखो में देखते हुए अपने आपको बुग्गी पर झुका दिया और कुतिया सी बन गई। शादाब से बर्दास्त नहीं हुआ और वो उतरा और उसके पीछे आते हुए फिर से लंड को एक तगड़े धक्के के साथ उसकी चूत में घुसा दिया। सपना ने बुग्गी को कसकर पकड़ लिया और शादाब ने उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया। सपना के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी और उसकी चूचियां उछल उछल पड़ रही थी। शादाब जोर जोर से उसे चोद रहा था और शादाब के सुपाड़े की रगड़ सपना से बर्दाश्त नहीं हुई और फिर से उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया। शादाब ने उसकी चूत में कुछ धक्के कसकर मारे और अपना वीर्य छोड़ दिया।

उसके बाद दोनो ने कपडे पहने और घर की तरफ चल पड़े। सपना और शादाब ने घास को बुग्गी से उतारा और अंदर रख दिया। सपना अपने घर चली और शादाब नहाकर कर अाया और उसने कमला के साथ खाना खाया और थके होने के कारण सो गया।

रात को करीब आठ बजे उसकी आंख खुली तो देखा कि सपना भी अाई हुई हैं और कमला से बच बच कर उसे रात के लिए इशारे कर रही थी। सभी ने फिर से खाना खाया और कमला बोली:"

" अच्छी बेटी ठीक है रात बहुत ज्यादा हो गई है इसलिए तुम अपने घर चली जाओ अब।

सपना का मन जाने का था ही नहीं क्योंकि वो तो शादाब उसे पूरी रात अपनी चुदाई करवाना चाहती थी इसलिए बोली:"

" आंटी घर जाकर ही क्या करूंगी, सुबह तो फिर आना ही होगा इसलिए यहीं सो जाती हूं।

इससे पहले कि कमला कुछ बोलती सपना के पापा अंदर दाखिल हुए और बोला:"

" कोई बात नहीं बेटी। सुबह कल फिर से अा जाना। मुझे रात में खेत पर जाना और घर में तेरी मा अकेली होगी।

सपना अब चाह कर भी कुछ नहीं कर सकती थी इसलिए ना चाहते हुए अपने पापा के साथ चली गई। वहीं उसके जाने से शादाब भी उदास हुआ लेकिन कर ही क्या सकता था।

कमला ने उसका बिस्तर अंदर कमरे में लगा दिया और खुद बाहर ही सोने के लिए लेट गई लेकिन उसे नींद नहीं आ रही थी इसलिए पड़ी हुई अपनी बेटी के बारे में सोच रही थी। रात के करीब 11 बज गए थे और उसे अपने घर की दीवार पर एक साया नजर आया और वो साया दीवार कूद कर घर के अंदर जैसे ही दाखिल हुआ तो उस पर नजर पड़ते ही कमला हैरान हो गई कि ये सपना इतनी रात को चोरी छिपे क्यों घर के अंदर घुस रही हैं।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर रोमांचकारी अपडेट है भाई मजा आ गया
शादाब और सपना की तो दमदार चूदाई हो गई है
शादाब ने तो एक कांड कर दिया सपना तो रात में भी अपने घर से शादाब से चुदवाने के लिए अजय के घर आ गई है कमला को इसका पता लग गया है आगे क्या प्रतिक्रिया होती हैं देखते हैं अगले रोमांचकारी और धमाकेदार अपडेट में
प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

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Sirajali

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sabhi readers bhai..... se nivedan karta hoon ki kahani padhe aur maza karein ... aapas chik chik karna ladkiyon wale kaam hote hain ....... ..... ek lekhak kahani likhne ke liye apna keemti samye nikalta hai aur aapka manoranjan karta hai ....... isliye lekhak ka hamesha sammaan karna chahye .... agar kuch logon kuch galat lagta hai to kahani padhna chod sakte hain ........ .... main maanta hoon sabki soch ek jaisi nahi ho sakti......... bhai log ye sirf ek kahani hai ...... ...... jo log sawal utha rahe hain wo khud hi ek kahani likh lein tab pata chalega ki lekhak kahani likhne ke liye kitni mehnat karta hai ................................. dhannywaad..... shukriya
 

Alok

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sabhi readers bhai..... se nivedan karta hoon ki kahani padhe aur maza karein ... aapas chik chik karna ladkiyon wale kaam hote hain ....... ..... ek lekhak kahani likhne ke liye apna keemti samye nikalta hai aur aapka manoranjan karta hai ....... isliye lekhak ka hamesha sammaan karna chahye .... agar kuch logon kuch galat lagta hai to kahani padhna chod sakte hain ........ .... main maanta hoon sabki soch ek jaisi nahi ho sakti......... bhai log ye sirf ek kahani hai ...... ...... jo log sawal utha rahe hain wo khud hi ek kahani likh lein tab pata chalega ki lekhak kahani likhne ke liye kitni mehnat karta hai ................................. dhannywaad..... shukriya
I totally agree with you and that's 💯%true.....

'Dusro mein toh har koi kami nikal sakta hai par apni Kami koi nahi dekhta hai....'
 

Janu002

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Sanju@

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कमला ने जब सपना को अपने घर की दीवार कूदकर अंदर आते देखा तो वो पूरी तरह से हैरान हो गई कि ये ऐसा क्यों कर रही है। सपना इधर उधर देखती हुई अंदर अाई और वो कमला के पास अा गई। कमला ने उसे अपनी तरफ आते हुए देखकर अपनी आंखे बंद कर ली। सपना उसके पास पहुंच गई और देखा कि कमला गहरी नींद में सोई हुई है तो उसने चैन की सांस ली और उसके बाद अंदर कमरे की तरफ बढ़ गई।

कमला ने फिर से उसकी तरफ देखा। सपना धीरे धीरे दबे पांव अंदर कमरे में चली गई और उसने शादाब को सोते हुए देखा और उसके होंठो पर स्माइल अा गई। उसने गेट को बंद किया और उसने धीरे से एक एक करके अपने सारे कपड़े खुद ही उतार दिए और पूरी तरह से नंगी हो गई। बाहर कमला धीरे धीरे उठी और गेट के पास अा गई और देखा कि दरवाजा सिर्फ झुका हुआ है पूरी तरह से बंद नहीं क्योंकि सेक्स के उन्माद में डूबी हुई सपना ये भूल कर गई। उसने धीरे से अन्दर झांका तो उसे सपना पूरी नंगी नजर अाई तो वो समझ गई कि सपना इस तरह अंदर क्यों घुस अाई हैं।

सपना शादाब के पास लेट गई और उसकी छाती पर अपनी उंगलियां फिराने लगी तो उसकी आंखे खुल गई और सपना को अपने पास पूरी तरह से नंगी पाकर वो खुश हो गया और उसकी हवा में झूलती हुई चूचियों को देखने लगा।

सपना:" ऐसे क्या देख रहे हो तुम ?

शादाब ने अपना एक हाथ आगे बढाया और उसकी चूची को थाम लिया और मसलते हुए बोला:"

" तेरी चूचियां देख रहा हूं सपना।

सपना चूची मसले जाने से दर्द से कराह उठी और बोली:"

" शैतान थोड़ा प्यार से मसल, जान ही ले लेगा क्या मेरी तू ?

शादाब ने उसकी दोनो चूचियों को पकड़ लिया और हल्का हल्का सहलाने लगा और उसकी चूत को प्यासी नजरो से देख कर बोला:"

" जान का क्या करूंगा। मैं तो वो लूंगा जो तुम देने अाई हो।

सपना ने अपने एक हाथ से अपनी ढक लिया और बोली:"

" मैं तो तेरे हाल चल पूछने अाई थी बस। मैं तुझे कुछ नहीं देने वाली।

शादाब ने उसे पकड़ कर बेड पर लिटा दिया और उसके होंठ चूसने लगा तो सपना भी उसका साथ देने लगी। बाहर खड़ी हुई कमला ज़िन्दगी में पहली बार किसी को ऐसे रास लीला करते हुए देख रही थी। उसे समझ नहीं अा रहा था कि क्या करें। एक काम करती हूं कि दोनो को समझा देती हूं कि ये गलत काम ना करे लेकिन फिर अगले ही पल उसे शादाब के अपने उपर किए एहसान नजर आए तो उसने अपना विचार त्याग दिया और शादाब को मस्ती कर लेने का फैसला किया।

किस करने के बाद शादाब उठा और अपने कपड़े उतार दिए। पूरी तरह से नंगा होकर वो सपना के उपर लेट गया। कमला को पीछे से उसकी गांड़ नजर आ रही थी और शादाब उसके बेटे की तरह मोटा तगड़ा तो नहीं लेकिन अच्छे जिस्म का मालिक था।

शादाब सपना की चूचियों को मसल रहा था और सपना ने नीचे हाथ ले जाकर उसके लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी। शादाब ने उसकी चूचियों को मुंह में भर लिया और चूसने लगा तो सपना के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी। कमला ये सब देख कर मुस्करा रही थी और उसे याद अा रहा था कि उसका पति भी ऐसे ही उसकी चूचियों को चूसता था।

शादाब नीचे आते हुए सपना की टांगो के बीच में झुक गया और कमला की आंखे फटी की फटी रह गई और सोचने लगी कि ये भगवान ये यहां कर रहा है। तभी शादाब ने अपने होंठ उसकी चूत पर टिका दिए और चूसने लगा।

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सपना के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थीं और वो पागलों की तरह अपनी चूत उठा उठा कर उसके मुंह में धकेल रही थी। सपना का पुर बदन मस्ती से उछल उछल पड़ रहा था और सिसकते हुए बोली:"

" आह शादाब तेरी जीभ उफ्फ मेरी चूत में हाय राम, मेरी जान मेरी चूत चूस रहा है तू।

शादाब ने अपनी जीभ जैसे ही उसकी चूत के अंदर घुसाई तो सपना के सब्र का बांध टूट गया और उसने शादाब के सिर को अपनी चूत पर दबा दिया और जोर जोर से सिसकने लगी। सपना के चेहरे पर असीम शांति छाई हुई थी और उसके चेहरे के बदल रहे भाव ये साफ दर्शा रहे थे कि कितना अद्भुत आनंद वो महसूस कर रही है। कमला ये सब देख कर हैरान थी क्योंकि उसे नहीं पता था कि चूत को चूसा भी जाता है। उफ्फ कितनी खुश दिख रही हैं सपना, कितना मजा अा रहा होगा उसे, ये सब देखकर कमला की चूत में चिकनाहट अा गई। कमला ने अपनी एक उंगली से अपनी चूत को छुआ तो उसके जिस्म में मीठा मीठा दर्द हुआ। आज 12 साल के बाद उसकी चूत गीली हुई थी और कमला को खुशी हो रही थी कि आज इतने सालो के बाद उसे अपने औरत होने का एहसास फिर से हो रहा था। शादाब ने सपना की चूत को अच्छे से चूसा और जैसे ही आपका स्खलन के करीब हुई तो उसने अपने होठ वापिस पीछे कर लिए तो सपना तड़प उठी और उसने शादाब को एक झटका दिया और उसकी छाती को चूमने लगी और एक हाथ से उसके लन्ड को थाम लिया और सहलाने लगी। शादाब का मोटा तगड़ा लंड अब पूरी तरह से तनकर खड़ा हुआ था और कमला की आंखो के आगे सामने था।

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कमला को यकीन नहीं हो रहा था
ऐसे भी लंड होते हैं। कितना लंबा मोटा और तगड़ा था, बिल्कुल गोरा गोरा लंड, आगे से पूरी तरह से चमकता हुआ। कमला ने तो अपनी पूरी जिंदगी में सिर्फ एक ही लंड लिया था अपने पति का वो भी इसकी तुलना में आधा था।

सपना धीरे धीरे नीचे की तरफ अाई और उसने देखते ही देखते शादाब के लंड पर अपने होंठ रख दिए और अपना मुंह खोलते हुए उसे अपने मुंह में आधे से ज्यादा भर लिया और चूसने लगी।कमला को यकीन नहीं हो रहा था
ऐसे भी लंड होते हैं। कितना लंबा मोटा और तगड़ा था, बिल्कुल गोरा गोरा लंड, आगे से पूरी तरह से चमकता हुआ। कमला ने तो अपनी पूरी जिंदगी में सिर्फ एक ही लंड लिया था अपने पति का वो भी इसकी तुलना में आधा था।

सपना धीरे धीरे नीचे की तरफ अाई और उसने देखते ही देखते शादाब के लंड पर अपने होंठ रख दिए और अपना मुंह खोलते हुए उसे अपने मुंह में आधे से ज्यादा भर लिया और चूसने लगी।


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कमला सपना को लंड चूसते देखकर मचल उठी। ये भगवान ये क्या कर रही है, उफ्फ लंड भी चूसा जाता है क्या , कमला की उंगलियां अपने आप उसकी चूत को सहलाने लगी।

उसकी नजरे सपना पर ही टिकी हुई थी और कमला पूरी तरह से मदहोश अब बस उन्हें ही देख रही थी। तभी सपना ने लंड को अपने मुंह से बाहर निकाला और उसकी टांगो के बीच में आते हुए अपनी चूत को उसके लंड के चिकने सुपाड़े पर टिका दिया और हल्का दबाव दिया तो लंड उसकी चूत में घुसा तो उसे दर्द का एहसास हुआ और उपर की तरफ उठ गई। कमला सोच रही थी कि दुबली पतली सी सपना इस भारी भरकम लंड को कैसे अपनी चूत में घुसा पाएगी। शादाब ने अपने दोनो हाथो को उसकी कमर पर टिका दिया और सपना की आंखे में देखते हुए नीचे से लंड का जोरदार धक्का उसका चूत में लगा दिया और लंड एक ही धक्के में जड़ तक उसकी चूत में घुसता चला गया।

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सपना दर्द से कराह उठी लेकिन शादाब ने उसे कसकर पकड़े रखा और नीचे से अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा तो सपना की दर्द भरी कराह अब मस्ती भरी सिसकारियां बन गई। सपना की चूत ने लंड के हिसाब से अपने आपको एडजस्ट किया और सपना खुद ही उसके लंड पर उछलने लगी और मस्ती से सिसकते हुए बोली:"

" आह शादाब तेरा लंड uffff कतिना बड़ा हैं, एसआईआई मम्मी आह।

शादाब ने हाथ बढ़ा कर उसकी दोनो चूचियों को पकड़ लिया और जोर जोर से रगड़ने लगा तो सपना जोर जोर से उसके लंड पर उछलने लगी। सपना की मस्ती भरी सिसकारियां अब कमरे के बाहर तक अा रही थी। कमला का पूरा जिस्म कांप रहा था और उसकी चूत सहला रही उसकी उंगलियां पूरी तरह से भीग गई थी। तभी शादाब के लंड पर कूद रही सपना पूरी गति से उपर नीचे होने लगी।

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तभी सपना का पूरा जिस्म कांप उठा और उसके जिस्म ने एक जोरदार झटका खाया और अपने शरीर को ढीला छोड़ते हुए वो लंड पर गिरती चली गई और लंड उसकी चूत की दीवारों को पूरी कठोरता से रगड़ता हुआ अंदर जड़ तक घुसता चला गया और सपना की चूत ने अपना रस बहा दिया। सपना एक जोरदार सिसकी लेती हुई शादाब की छाती पर गिर पड़ी। कमला का भी धैर्य जवाब दे गया और उसने उंगली को अपनी चूत में घुसा लिया और उसकी चूत से ही सालो बाद अपना रस छोड़ दिया।

जैसे ही सपना की चूत झड़ना बंद हुई तो शादाब ने उसे बेड पर ही पलट दिया और उसके ऊपर चढ़ गया। शादाब ने सपना की चूत में लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया तो चिकनी चूत से फ़ाच फ़ाच की आवाजे निकलने लगी। सपना की चूत अब फिर से गीली होने लगी और उसने अपनी गांड़ फिर से उपर उठानी शुरू कर दी और शादाब ने अपने दोनो हाथ उसके कंधो पर रख दिए और कसकर धक्के लगाने लगा। हर धक्के पर सपना का मुंह खुलता और उसकी सिसकी कमला के कानों में पड़ती। कमला का पति अपने छोटे से लंड से उसे दो मिनट चोदकर ढेर हो जाता था वहीं पूरी जोर जोर से सपना को चोद रहा था करीब 15 मिनट से, ये सब देख कर कमला हैरान हो गई।

शादाब के तेज तेज तगड़े धक्के सपना ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसकी चूत ने फिर से अपना रस छोड़ दिया और सपना ने कसकर अपनी बांहे उसकी कमर पर लपेट ली। शादाब बिना रुके उसकी चूत में पूरी गहराई तक धक्के मारता रहा तो सपना के मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी और शादाब को अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगी लेकिन शादाब ने अपने हाथ आगे करते हुए उसकी बगल से निकाल कर उसके कंधो को थाम लिया और पागल सांड की तरह उसकी चूत में अपना लंड ठोकने लगा

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सपना की चूत में लंड की मार उससे बर्दाश्त नहीं हो रही थी क्योंकि उसकी चूत की दीवारें लाल पड़ गई थी और अब रगड़े जाने से सपना को बेहद तकलीफ हो रही थी और सपना दर्द से कराह उठी और तड़पी:"

" आह शादाब छोड़ दें, हाय मम्मी मर जाऊंगी। तेरे आगे हाथ जोड़ती हूं।

लेकिन शादाब ने उसकी एक नहीं सुनी और पूरी ताकत से उसे चोदता रहा। लंड गोली की रफ्तार से अंदर बाहर हो रहा था और बाहर खड़ी हुई कमला फिर से अपनी चूत से खेल रही थी। उसे यकीन नहीं अा रहा था कि ये मासूम सा दिखने वाला शादाब एक आवारा सांड की तरह सपना की दमदार चुदाई कर रहा है।

सपना से बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने अपने नाखून उसकी कमर में गडा दिए और शादाब दर्द से बिलबिला उठा और सपना मौके का फायदा उठा कर बाहर की तरफ नंगी ही भागी। शादाब उसकी तरफ तेजी से दौड़ा और सीढ़ियों पर उसे पकड़ लिया और वहीं एक हाथ उसकी गर्दन में लपेट कर लोहे की रेलिंग पर झुका दिया और अपना लंड एक ही धक्के में उसकी चूत में घुसा दिया तो सपना फिर से कराह रही और छूटने की कोशिश करने लगी लेकिन शादाब पूरी ताकत से उसे चोदता रहा। कमला कमरे के बाहर खड़ी हुई थी और वो गेट के पीछे छिप गई और दोनो की चुदाई देखने लगी। शादाब का पूरा जिस्म कांपने लगा और उसके मुंह से शेर की तरह हुंकार सी निकल रही थी और उसने अपने पूरे लंड को बाहर निकाल कर एक जोरदार धक्का सपना की चूत में जड़ दिया और उसके लंड से वीर्य की पिचकारी उसकी चूत में पड़ने लगी। शादाब ने पूरी ताकत से सपना को कस लिया और सपना ने वीर्य की पिचकारी महसूस करके राहत की सांस ली। जैसे ही शादाब का स्खलन रुका तो उसने सपना के कंधो को चूम लिया और उसे बांहों में उठाकर फिर से बेड पर ले जाकर लिटा दिया तो सपना ने गुस्से से उसकी तरफ देखा और अपने कपड़े उठा कर पहनने लगीं।

शादाब:" इतनी जल्दी कपडे मत पहनो, अभी तो पूरी रात बाकी पड़ी हुई है।

सपना:" तुम इंसान नहीं जानवर हो जानवर। तुमसे चुदना मेरे बस की बात नहीं। किसी मोटी ताजी शादी शुदा को देख लो वहीं झेल पायेगी तुम्हे।

इतना कहकर सपना ने अपने कपड़े पहने और एक झटके के साथ बाहर की तरफ निकल गई और दीवार कूद कर अपने घर की तरफ चल पड़ी। शादाब उसे जाते हुए देखता रहा और फिर अपने कमरे में जाकर लेट गया।

कमला भी धीमे धीमे चलती हुई अपने बिस्तर पर अाई और सोने का प्रयास करने लगी लेकिन शादाब के लंड और सपना की चूत फाड़ चुदाई अभी तक उसकी आंखो के सामने घूम रही थी।

शादाब सपना की जोरदार चुदाई के बाद आराम से सो गया वहीं कमला की आंखो से नींद पूरी तरह से गायब थी। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि ऐसी भी चुदाई होती है जिनमे लड़की चुदाई से पीछे हट जाए। आमतौर पर को उसने अपनी सहेलियों से सुना और खुद भी अनुभव किया तो यही था कि लड़कियां या औरत बिस्तर पर प्यासी ही तड़पती रह जाती हैं और मर्द उन्हें बीच में ही अधूरा छोड़कर आराम से सो जाते है। कमला ने एक बार फिर से अपनी चूत को उंगलियों से छुआ तो उसकी उंगलियां फिर से भीग और कमला मन ही मन बुदबुदा उठी

" कमीनी कहीं के, इस उम्र में मुझे परेशान कर रही है। मान जा नहीं तो शादाब....

कमला ये सोचते ही घबरा गई और उसकी सांसे तेजी से चलने लगी। वो अपनी खाट से उठी और फ्रिज से एक बॉटल ठंडे पानी की निकाल कर गटागट पीती चली गई और फिर अपने बिस्तर पर लेट गई और थोड़ी देर बाद ही उसे नींद ने अपने आगोश में ले लिया।

वहीं दूसरी तरफ शहनाज़ और सौंदर्या के साथ साथ सौंदर्या गाड़ी में जा रही थी।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
सपना और शादाब की चुद फाड धुवांधार चुदाई देख कर कमला को असली चुदाई क्या होती हैं अब समझ में आया और कामवासना की लहर उछाल मारने लगी अब देखते हैं की ये कामलहर क्या रंग लाती हैं कमला की भी वासना की आग बुझती है या और तेज होती हैं
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Rajizexy

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अजय और सौंदर्या दोनो घाट की तरफ धीरे धीरे बढ़ रहे थे और आसमान में अभी चांद अपने पूरे शबाब पर था जिससे चारो और मनमोहक चांदनी फैली हुई थी। आसमान में बीच बीच में काले बादल उमड़ रहे थे जिनके सामने आ जाने से अंधेरा हो जाता और फिर उनके हटते ही पूरा घाट चांदनी से नहा पड़ता। दोनो के बीच अभी तक कोई बात नही हुई थी और अजय के मुकबले सौंदर्या थोड़ा धीमे चल रही थी क्योंकि उसके पेट पर बंधे हुए मंगल यंत्र के घुंघरू उसकी चूत के आस पास छू कर उसे ना चाहते हुए उत्तेजित कर रहे थे। सौंदर्या जानती थी कि आज उसकी जिंदगी हमेशा के लिए बदलने वाली हैं क्योंकि आज पूजा का आखिरी दिन था और आज उसे इस मांगलिक दोष से हमेशा के लिए मुक्ति मिलने वाली थी।

दोनो भाई बहन घाट पर पहुंच गए और अजय के बताए अनुसार इस समय सौंदर्या के जिस्म पर सिर्फ एक लाल सुर्ख पवित्र साडी थी। सौंदर्या का पेट खुलकर अपनी छटा बिखेर रहा था और गहरी नाभि अपनी खूबसूरती दर्शा रही थी। सिर्फ पतली सी साड़ी में होने के कारण उसकी गोल गोल चुचियों का आकार साफ साफ महसूस हो रहा था और साडी के उपर से ही उसकी चूचियों का हल्का सा उभार भी साफ नजर आ रहा था।



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अजय और सौंदर्या दोनो घाट पर ही बैठ गए और अजय उसे पूजा के बारे में समझाने लगा।

अजय:" दीदी आज की पूजा काफी महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि आज मंगल का सीधा सीधा प्रभाव आपके शरीर पर ही पड़ेगा क्योंकि नियमों के मुताबिक आज शाहनाज पूजा में शामिल नही हो सकती। इसलिए आपको ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ेगी।

सौंदर्या के चेहरे पर चिंता की लकीरें थोड़ी देर के लिए उभरी लेकिन फिर वो सामान्य हो गई और अजय ने उसे आगे बताना शुरू किया

"मेरे उपर राहु का प्रभाव और सिर्फ राहु ही मंगल के प्रभाव को कम कर सकता है इसलिए सभी विधियों के दौरान आपको मेरी गोद में बैठना होगा ताकि मंगल आपके उपर ज्यादा प्रभाव ना डाल सके। उसके साथ ही आपको मेरे द्वारा बनाई गई सभी विधियां ध्यानपूर्वक करनी होगी। कुछ विधियां मैं आपको पूजा के दौरान ही बता दूंगा। सबसे पहले आप गंगा को जल अर्पित कीजिए और मंगल का ध्यान कीजिए।

सौंदर्या ने हां में सिर हिलाया और उठकर गंगा में की तरफ बढ़ गई। सौंदर्या के चलने से उसके कंधे पर से साडी सरक और सौंदर्या की पीठ पीछे से पूरी नंगी हो गई।

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चांद की रोशनी में सौंदर्या की पीठ बेहद खूबसूरत लग रही थी और अजय उसे बिना पलके झुकाए देखता रहा। सौंदर्या ने बिना पीछे की तरफ देखे ही हाथ से अपनी साड़ी के पल्लू को उठाया और फिर से अपनी पीठ को ढकते हुए आगे बढ़ गई। अजय को अपनी बहन की नंगी पीठ की झलक मिलते ही अपने शरीर के अंदर उत्तेजना महसूस हुई और उसके दिमाग में सबसे पहले एक ही सवाल आया कि आगे से उसकी बहन की चूचियां पूरी नंगी हो गई होगी। काश इस समय उसकी बहन की पीठ नही बल्कि चेहरा उसकी तरफ होता तो कयामत ही आ जाती। सौंदर्या धीरे से गंगा के घाट पर गई और दोनो हाथो से जल अर्पित किया और उसके बाद मंगल का ध्यान करने लगी। सौंदर्या के जिस्म में अजीब का रोमाच उठ रहा था और फिर वो पलटी और वापिस अपने भाई की तरफ चल पड़ी।

जल्दबाजी में सौंदर्या से साडी का पल्लू पहले के मुकाबले थोड़ा सा नीचे बंध गया था जिस पर उसका ध्यान ही नही था और उसकी चूचियां के बीच की गहरी रेखा साफ नजर आ रही थी। अजय ने अपनी बहन की चुचियों के उभार को देखा आज फिर सामने की एक हवन कुंड जला दिया।

हवन कुंड के जलते ही सौंदर्या थोड़ी सी बेचैन नजर आई क्योंकि वो जानती थी अब जल्दी ही विधियां शुरू हो जाएगी और उसे अपने भाई की गोद में बैठना पड़ेगा। सौंदर्या की आंखों के आगे वो दृश्य तैर गया जब वो अपने भाई की गोद में ट्रैक्टर पर बैठी हुई थी और कैसे उसके भाई का लंड उसकी जांघो के बीच में घुसा हुआ था। ये सब सोचते ही सौंदर्या की सांसे तेज हो गई कि ये भगवान अब क्या होगा ? कहीं विधियां करते करते उसके भाई का लंड फिर से खड़ा हो जाता तो क्या होगा क्योंकि वो पूजा खत्म होने तक चाह कर भी उसकी गोद से नही उतर सकती थी।

अजय ने देसी घी के साथ कुछ और सामग्री को कुंड में डाल दिया और देखते ही देखते कुंड में तेजी से आग जलने लगी।


अजय:" दीदी कुंड में अब सारी सामग्री आपके हाथ से डाली जायेगी और रात के करीब एक बजे तक पूजा चलेगी। बस अगले तीन घंटे आपकी आने वाली जिंदगी के लिए बेहद महत्तवूर्ण साबित होंगे। अब शुभ मुहूर्त निकल रहा रहा है इसलिए आप देरी ना करे।

इतना कहकर अजय ने उसे अपनी गोद में बैठने का इशारा किया तो सौंदर्या का मुंह शर्म से लाल हो गया और वो धीरे धीरे आगे बढ़ी और अपने भाई की गोद में बैठ गई। उसकी पीठ अजय की छाती से मिल गई और अजय ने धीरे धीरे मंत्र पढ़ना शुरू किया और सौंदर्या धीरे धीरे उसके पीछे ही मंत्र दोहरा रही थी। अजय ने सामग्री को उसके हाथ में दिया और और सौंदर्या ने थोड़ा सा आगे झुकते हुए कुंड में सामग्री को डाल दिया और फिर से पीछे होती हुई अपने भाई की गोद में बैठ गई। लेकिन उसके पीछे हटने से उसकी साड़ी हल्की सी ढीली हुई और पल्लू उसके गोरे चिकने कंधे पर अटक गया जिससे उसके कंधे आधे से ज्यादा नंगे हो गए और अजय की नजरे अपने बहन के कंधो और गर्दन पर टिक गई। अजय उसके कंधो को देखते हुए मंत्र पढ़ने लगा और उस बार उसने फिर से सौंदर्या के हाथो में सामग्री देते हुए उसके हाथो को अपने हाथो मे लिया और बोला:"

" अब आपके हाथ मेरे हाथो मे रहते हुए ही कुंड में सामग्री अर्पण करेंगे।

अजय उसके हाथो को पकड़े हुए थोड़ा सा आगे झुका तो चौड़ी छाती का दबाव सौंदर्या की कमर पर पड़ा और वो खुद ही आगे झुकती चली गई और अजय ने उसके कान के पास अपनी गर्म सांसे छोड़ते हुए अपने मुंह को उसके कंधे पर टिका दिया और फिर उसके हाथो से कुंड में सामग्री डाल दी। इसके बाद दोनो फिर से पीछे की तरफ हो गए लेकिन इस पर बार साडी का पल्लू पूरी तरह से उसकी कंधो से नीचे सरक गया और उसके दोनो कंधे पूरी तरह से नंगे हो गए। अजय अपनी बहन के नंगे चिकने मांसल कंधो को देखते ही मदहोश हो गया और उसका मन किया कि अपने हाथो में थाम ले लेकिन पूजा में कोई विघ्न नही चाहता था इसलिए अपने आप पर संयम बनाए रखा और फिर से मंत्र पढ़ने लगा। रेशमी साड़ी को सौंदर्या ने अपने दोनो बगलो में दबाते हुए b बड़ी मुश्किल से संभाल रखा था वरना कब की वो उसकी छातियों से सरक गई होती। लेकिन सौंदर्या समझ गई थी कि हवन कुंड में बार बार सामग्री डालने के चलते उसके हाथ खुल रहे थे और वो बहुत ज्यादा देर तक साड़ी को संभाल नही पाएगी। हाय भगवान ऐसे मेरी दोनो चूचियां नंगी हो जाएगी मेरे भाई के सामने। लेकिन उस दिन भी तू उसके सामने नंगी हुई थी जब उसके जिस्म की परछाई तुझ पर पड़ रही थी। लेकिन उस दिन मैं उसकी गोद में भी नहीं बैठी हुई थी। सौंदर्या के मन में विचारो की उथल पुथल मची हुई थी और अजय मंत्र पढ़ता जा रहा था। अजय ने मंत्र खत्म किया और फिर से कुंड में सामग्री डालने के लिए आगे को झुका और सौंदर्या भी आगे झुक गई और अपने दोनो हाथ खोलकर सामग्री डाली जिससे साड़ी उसके कंधो पर से सरक गई और उसने बड़ी मुश्किल से उसे पकड़ने की कोशिश करी लेकिन तब तक साड़ी काफी नीचे सरक गई थी जिससे उसकी आधे से ज्यादा चूचियां नंगी हो गई और सौंदर्या का पूरा बदन कांप उठा। अजय के बार बार आगे पीछे होने से उसके जिस्म पर पड़ी चादर सरक गई थी जिससे उसकी चौड़ी मजबूत छाती पूरी तरह से नंगी हो गई थी। लेकिन सौंदर्या भी बार बार सामंग्री डालने के कारण थोड़ी आगे सरक गई थी जिससे उसे अभी तक अपने भाई की नंगी छाती का एहसास नही हुआ था। अजय मंत्र पढ़ते हुए धीरे धीरे उसके हाथो को सहला रहा था और सौंदर्या की सांसे बहुत तेजी से चल रही थी क्योंकि वो जानती थी कि इस बार जैसे ही वो सामग्री डालने के लिए आगे झुकेगी तो उसकी साड़ी उसकी गोद में गिर जायेगी और उसकी दोनो चूचिया पूरी तरह से नंगी। हो जाएगी। सौंदर्या ये सब सोचते हुए उत्तेजना से भरी हुई थी और मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना करते हुए एक बार उपर की तरफ देखा। अजय काफी देर तक मंत्र पढ़ता रहा और ऊपर आसमान में बीच चांद को काले बदलो ने घेर लिया और चारो तरफ अंधेरा छा गया। सौंदर्या ने राहत की सांस ली मानो भगवान ने उसकी प्रार्थना सुन ली थी।काफी देर से सामग्री ना डालने के कारण हवन कुंड की आग भी काफी धीमी पड़ गई थी जिससे सौंदर्या अच्छा महसूस कर रही थी।

तभी अजय ने मंत्र खत्म किए और सौंदर्य के हाथ में सामग्री देते हुए उसे कुंड में डालने का इशारा किया तो सौंदर्या जैसे ही आगे को झुकी साड़ी आजाद होकर पूरी तरह से उसकी गोद में आ गिरी और उसकी दोनो चूचिया पूरी तरह से नंगी हो गई और की चूत में हलचल सी मच गई। उत्तेजना के कारण सौंदर्या सामग्री नही डाल पा रही थी तो अजय उसकी मदद करने के लिए आगे को हुआ और उसकी नंगी छाती अपनी बहन की पीठ से मिल गई और जैसे ही दो नंगे बदन आपस में टकराए तो सौंदर्य के मुंह से आह निकल पड़ी। जैसे ही सामग्री कुंड में पड़ी तो आग तेज हो गई और चारो तरह हल्का सा प्रकाश हो गया जिससे सौंदर्या शर्म से पानी पानी हो गई। उसने पीछे हटने की कोशिश नही करी और ना ही अजय ने हटने का प्रयास किया। धीरे धीरे जैसे ही अग्नि धीमी हुई तो सौंदर्या ने राहत की सांस ली और पीछे को हुई तो उसकी चूचियां उपर को उछल पड़ी। उफ्फ उसकी नंगी चूचियां उछलने से अजय के हाथो से जा टकराई और दोनो बहन एक अनोखे अदभुत एहसास से भर उठे।

अजय ने पीछे होते हुए अपने हाथो का हल्का सा दबाव सौंदर्या पर दिया जिससे सौंदर्या ज्यादा पीछे हो गई और उसकी नंगी पीठ अभी तक अजय की छाती से चिपक हुई थी। अजय का मुंह अब सौंदर्या के कंधे पर टिका हुआ था और अजय मंत्र पढ़ते हुए हल्के से प्रकाश में अपनी बहन की गोल गोल चुचियों को हल्का हल्का देखते हुए उत्तेजित हो गया था जिससे उसके लंड में तनाव आ रहा था। सौंदर्या जानती थी कि उसका भाई उसकी चुचियों को घूर रहा होगा इसलिए उसकी चूत से रस टपकना शुरू हो गया था जिससे मंगल यंत्र के घुंघरू भीग कर इधर उधर फिसलते हुए उसकी चूत के होंठो को सहला रहे थे और सौंदर्या पूरी तरह से मदहोश होती जा रही थी। अजय ने फिर से सामग्री ली और आगे को होते हुए अपने टांगो को पूरा खोलते हुए कुंड में सामग्री डाल दी और आगे जलने से सौंदर्या फिर से पानी पानी हो गई। अजय की टांगे खुलने से सौंदर्या की रेशमी साड़ी और अजय की चादर दोनो एक साथ नीचे सरक गए। सामग्री डालने के बाद ही लालची अजय ने प्रकाश में उसकी चुचियों को देखने के लिए एक हाथ को सौंदर्या के पेट पर बांधते हुए उसे पीछे की तरफ खींच लिया और जैसे ही सौंदर्या झटके के साथ पीछे को हुई तो मंगल यंत्र का एक घुंघरू फिसल कर उसकी गीली चूत में घुस गया और सौंदर्या के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। अजय ने अपने मुंह को फिर से उसके कंधे पर रख दिया और पहली बार अपनी बहन की ठोस गोल गोल उन्नत चुचियों को देखने लगा। सौंदर्या की आंखे मदहोश में बंद हो गई और अजय ने जी भरकर अपनी बहन की चुचियों का जब तक दीदार किया जब तक कुंड की अग्नि धीमी नही हो गई। अंधेरा होते ही अजय ने फिर से मंत्र पढ़ने शुरू कर दिए और इस बार उसने एक हाथ में सौंदर्या के दोनो हाथो को पकड़ रखा था। सौंदर्या की सांसे बहुत तेज गति से चल रही थी और और चूचियां तेजी से उछल रही थी।

अजय ने फिर से सामग्री ली और अंधेरे में अपने एक हाथ को ठीक सौंदर्या की छाती के सामने करते हुए आगे को झुका और जैसे ही सौंदर्या ने आगे को झुक कर सामग्री डाली तो उसकी एक चूची पूरी की पूरी उसके भाई की चौड़ी मजबूत हथेली में समा गई। सौंदर्या पूरी तरह से बेकाबू हो गई और अजय जान बूझकर सामग्री को धीरे धीरे डाल रहा था और अपने हथेली में बहुत हल्के दबाव के साथ उसकी गुदाज चूची को महसूस कर रहा था। सौंदर्या से बर्दाश्त नहीं हुआ और वो अपनी जांघो को आपस में मसलने लगी जिससे मंगल यंत्र का एक और दूसरा घुंघरू उसकी चूत में घुस गया और सौंदर्या ने पूरी तरह से मदहोश होकर सिसकी लेते हुए अपने जिस्म को ढीला छोड़ दिया तो अजय ने उसकी चूची को हल्का सा उंगलियों से मसल दिया तो सौंदर्या पागल सी हो गई, उसके जिस्म में मस्ती भरी तरंगे उठ रही थी।

अजय पीछे की तरफ हुआ तो उसके साथ ही सौंदर्या भी पीछे होती चली गई। अजय ने अपने हाथ को उसकी चूची पर ही टिकाए रखा और दूसरे हाथ से अपनी चादर और सौंदर्या की साड़ी को मंत्र पढ़ते हुए उठा लिया और सौंदर्या के कान में धीरे से बोला:"

" आप अब आपकी साड़ी और अपनी चादर को कुंड में डाल देंगी और इसके साथ ही आपका जिस्म दोषमुक्त हो जायेगा। मंगल जाते समय आपके जिस्म पर प्रभाव दिखाएगा लेकिन मैं आपको कहीं नही जाने दूंगा।

सौंदर्या उसकी बात सुनते ही खुश हुई लेकिन अगले ही पल शर्मा गई क्योंकि वो जानती थी कि कपड़े कुंड में पड़ते ही चारो तरफ पूरी रोशनी फैल जायेगी जो घंटो तक फैली रहेगी।

अजय ने मंत्र पढ़े और सौंदर्या ने साड़ी और चादर को हाथ में पकड़ लिया। अजय ने जैसे ही इशारा किया तो सौंदर्या ने कपड़ो को कुंड में फेंक दिया और अजय ने जोर से सौंदर्या को अपनी बांहों में कस लिया। मंगल के प्रभाव के चलते सौंदर्या उससे छूटने का पूरा प्रयास कर रही थी लेकिन अजय ने उसे पूरी मजबूती से थामे रखा। जैसे जैसे कपड़े कपड़े जलते जा रहे थे सौंदर्या का जिस्म उछल उछल पड़ रहा था और अजय ने पूरी ताकत से उसे थामे रखा था।

कपड़े जल गए थे और चारो तरफ दिन की तरह उजाला हो गया। सौंदर्या भी अब ज्यादा नही उछल रही थी तो अजय ने राहत की सांस ली।

अजय:" बस सौंदर्या थोड़ी देर और फिर तुम हमेशा के लिए दोषमुक्त हो जाएगी। ये कपड़े नही जल रहे बल्कि मंगल का प्रभाव खत्म हो रहा है।

सौंदर्या काफी अच्छा महसूस कर रही थी और अजय ने फिर से मंत्र पढ़ने शुरू कर दिए और धीरे धीरे सारी सामग्री कुंड में डालने लगा। अजय के दोनो हाथ सौंदर्या की चुचियों पर बंधे हुए थे और वो धीरे धीरे आगे होने के बहाने उन्हे सहला रहा था जिससे उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और सौंदर्या की चूत के आस पास मंगल यंत्र से टकरा रहा था जिससे घुंघरू आगे पीछे होकर सौंदर्या की चूत की दीवारों को रगड़ रहे थे। सौंदर्या मस्ती से भरी हुई मदहोश हो गई थी और अपने आपको पूरी तरह से ढीला छोड़ दिया तो अजय ने अपनी जीभ से उसकी गर्दन को चाट लिया तो सौंदर्या ने आंखे बंद किए ही मदहोश होकर अपने हाथो को अजय के दोनो हाथो पर टिका दिया तो अजय मस्त होकर उसकी गर्दन को चाटते हुए उसकी चूचियों को थोड़ा जोर से मसलने लगा तो सौंदर्या उसकी गोद में बैठी बैठी उछलने लगी और अजय का लन्ड उसकी चूत पर जा लगा तो सौंदर्या के मुंह से आह निकल पड़ी और अजय के हाथो को जोर से अपनी छाती पर दबा दिया और सिसक उठी।

अजय ने उसकी चुचियों को ताकत से मसल दिया तो सौंदर्या के मुंह से हलकी दर्द भरी मस्ती भरी आह निकल पड़ी। अजय ने सौंदर्या के कान की लौ को जीभ से सहलते हुए कहा

" आह दीदी, अब मंगल यंत्र के खुलने का समय आ गया।

इतना कहकर अजय ने मंगल यंत्र को अपने एक हाथ में पकड़ लिया और उसके घुंघरू को पकड़ने के लिए आगे को झुका तो उसके हाथ सौंदर्या की चूत से छू गए।

सौंदर्या से बर्दाश्त नहीं हुआ और सिसकते हुए बोली:" आह खोल दो मंगल यंत्र, आह नही तो ये मेरी जान ले लेगा भाई।

तो सौंदर्या से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने पहली बार पहल करते अजय सेक्सी नजरो से अजय की आंखो में देखा। अजय के होंठ आगे बढ़े और सौंदर्य ने कांपते हुए अपनी आंखें बंद कर ली और अजय ने अपने होंठो को सौंदर्या के होंठो पर टिका दिया। दोनो भाई बहन ने एक दूसरे के होंठो को चूसना शुरू कर दिया और अजय नीचे उंगली से उसकी चूत के होंठो को सहलाने लगा।

अजय की जीभ सौंदर्या के मुंह में घुस गई और सौंदर्या ने बावली सी होकर अपनी चूत को उसकी हथेली में दबा दिया। दोनो एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे।

एक लंबे किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और अजय बोला:

" मंगल यंत्र को मुंह से ही खोलना पड़ेगा अब।


अजय ने सौंदर्या को वही घाट पर लिटा दिया और उसकी टांगो के बीच में झुक गया और दांतो से पकड़ कर मंगल यंत्र को खींचने लगा। लेकिन चूत में घुसे घुंघरू के कारण निकल नही रहा था तो अजय ने अपने होंठो को सौंदर्या की चूत पर टिका दिया और सौंदर्या जोर से सिसक उठी। जैसे ही अजय की जीभ उसकी चूत में अंदर दाखिल हुई तो सौंदर्या ने हाथ आगे बढाया और उसके लंड को थाम लिया और उसकी लंबाई मोटाई को महसूस करके कांप उठी। जैसे ही अजय ने अपनी जीभ से घुंघरू को बाहर की तरफ खींचा तो सौंदर्या की चूत की दीवारों रगड़ गई और सौंदर्या के मुंह से एक के बाद एक मस्ती भरी सिसकारियां निकल पड़ी और उसने अजय को अपने ऊपर खींच लिया। लंड सीधे जाकर मंगल यंत्र से टकराया और मंगल यंत्र टूट कर खुल गया और ने झुक कर उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया तो सौंदर्या नीचे से अपनी चूत को लंड पर उछालने लगी और अजय ने दोनो हाथो से उसके कंधे मजबूती से पकड़ कर उसकी चूत में पूरी ताकत से तगड़ा धक्का लगाया तो पूरा लंड सौंदर्या की चूत में घुस गया। सौंदर्या दर्द के मारे तड़प उठी और अजय ने उसकी चूची को चूसते हुए लंड को बाहर की तरफ खींचा और खून सौंदर्या की चूत से बह चला लेकिन अजय ने फिर से जोरदार धक्का लगाया तो सौंदर्या के मुंह से फिर से दर्द भरी आह निकल पड़ी। सौंदर्या तड़प रही थी और अजय उसकी चूचियों को चूसते हुए धक्के पर धक्का लगाए जा रहा था। धीरे धीरे सौंदर्य की टाइट चूत हल्की से खुल गई तो लंड थोड़ा आसानी से उसकी चूत में अंदर बाहर होने लगा और सौंदर्या के मुंह से अब दर्द के साथ मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसने अजय को अपनी ओर में कस किया और उसका हाथ चूमने लगी।

सौंदर्या को मस्ती में आते देखकर अजय को जोश आ गया और उसने तेजी से उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया तो सौंदर्या का मुंह मस्ती से खुल गया

" आह सीआई उफ्फ मम्मी, आह अजय हाय भाई आह दर्द होता हैं उफ्फ मम्मी।

सौंदर्या ने अजय की आंखो में देखते हुए उसके दोनो हाथो को अपनी चुचियों पर रख दिया और अजय अब पूरी ताकत से उसकी चुचियों को मसलते हुए तगड़े धक्के उसकी चूत में मारने लगा। सौंदर्या कभी सिसकती, कभी आन्हे भरती, मीठी मीठी आवाज में कोयल की तरह कूक रही थी
और अजय अपनी बहन की टाइट चूत में तेजी से लंड पेल रहा था। सौंदर्या का पूरा बदन कांपने लगा और उसने जोश में आकर अपनी गांड़ को उठाते हुए लंड को अपनी चूत में लेना शुरू कर दिया और जोर जोर से सिसक पड़ी

" आह भाई, कितना अच्छा लग रहा है, हाय मुझे क्या हो रहा हैं, उफ्फ मम्मी, हाय भाई।

अजय के धक्कों में भी तेजी आ गई और उसने पागल सा होकर तेज तेज तगड़े धक्के लगाने शुरू किए तभी सौंदर्या का जिस्म जोर जोर से कांपने लगा और उसकी चूत में तूफान सा उमड़ पड़ा और सौंदर्या ने अजय को पूरी जोर से कसते हुए ताकत से अपनी चूत को लंड पर उछाल दिया और अजय ने भी अपने लंड का एक आखिरी जोरदार धक्का अपनी बहन की चूत में जड़ दिया और इसके साथ ही उसका लंड सौंदर्या की बच्चेदानी से जा टकराया और दोनो बहन भाई के साथ सिसकते हुए झड़ते चले गए। दोनो पूरी ताकत से एक दूसरे से लिपट गए।
Very erotic nd kamuk update dear Unique. Sooo nice
:applause:
 
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