• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest "मांगलिक बहन " (Completed)

Sanju@

Well-Known Member
4,812
19,403
158
इस दमदार चुदाई के बाद दोनो एक दूसरे से लिपटे हुए पड़े रहे और शहनाज़ की आंखे पूरी तरह से बंद थी। उसके चेहरे पर असीम शांति फैली हुई थी और फैले भी क्यों नहीं क्योंकि उसकी एक हफ्ते से टपक रही चूत की जो दमदार चुदाई हुई थी उससे ना सिर्फ शहनाज़ की चूत बल्कि उसकी आत्मा तक को तृप्ति मिल गई थी। शहनाज़ अपनी आंखे बंद किए हुए ही अजय के बालो में अपनी नाजुक उंगलियां घुमा रही थी और अजय ने उसे अपनी बाहों में पूरी तरह से समेत रखा था। दोनो के दिलो की धड़कन अभी तक शांत नहीं हुई थी क्योंकि अजय का साथ देने में शहनाज़ ने भी अपने जिस्म की पूरी ताकत झोंक दी थी।

बाहर चल रही ठंडी ठंडी हवा का असर दोनो पर हो रहा था ठंडी हवाओं से उनके गर्म शरीर ठंडे होने शुरू हो गए और आखिरकार करीब 15 मिनट के बाद दोनो की सांसे दुरुस्त हो गई। अब दोनो के जिस्म बिल्कुल शांत थे लेकिन पसीने से भीगे हुए थे।

अजय धीरे से शहनाज़ के चेहरे को उपर उठाया और उसकी आंखो में देखते हुए उसकी चूत के ऊपर हाथ फेरते हुए बोला:"

" शहनाज़, कैसा महसूस हो रहा है अब तुम्हे। सुकून मिला या नहीं


शहनाज़ उसकी बात सुनकर शर्मा ने और उसके होंठो पर स्माइल अा गई तो अजय सब कुछ समझ गया और उसने फिर से शहनाज़ की ठोड़ी पकड़कर उसका चेहरा उपर उठाया और उसे स्माइल दी तो शहनाज़ भी इस बार हल्की सी मुस्कुरा उठी।

अजय:" बताओ ना शहनाज़ कैसा लगा तुम्हे ?

इतना कहकर अजय ने उसकी चूत के होंठो को अपनी उंगलियों से हल्का सा मसल दिया तो शहनाज़ के मुंह से आह निकल पड़ी और शहनाज़ का मुंह मस्ती से खुल पड़ा

" आह, उफ्फ मत छुओ उसे, आह अम्मी, शैतान दर्द कर रही है वो बहुत ज्यादा। उसकी हालत खराब कर दी तुमने पूरे जानवर हो तुम। एक दम जंगली जानवर।

अपनी तारीफ सुनकर अजय अजय खुश हो गया और उसने एक झटके के साथ शहनाज़ को किसी गुड़िया की तरह अपनी गोद में उठा लिया तो शहनाज़ उसकी ताकत पर मर मिटी और उसे हैरानी से देखा और बोली:"

" अब क्या हुआ, तुमने तो मुझे किसी नाजुक गुड़िया की तरह उठा लिया जैसे मेरे अंदर वजन ही ना हो।

अजय ने अपनी तारीफ सुनकर शहनाज़ का मुंह चूम लिया और उसे गोद में लिए हुए गंगा की तरफ चल पड़ा और बोला:"

:" अपना जिस्म देखो कितना पसीने से भीग गया है। चलो तुम्हे आज अपने हाथो से नहला देता हूं शहनाज़। तुम किसी गुड़िया को तरह की हो शहनाज़।

इतना कहकर अजय ने एक हाथ में भर कर उसकी गांड़ को जोर से मसल दिया तो शहनाज़ के मुंह से दर्द भरी सिसकी निकल पड़ी और बोली:"

" आऊच पूरे पागल हो तुम। तुम्हे कुछ प्यार से करना नहीं आता क्या, सब कुछ इतनी जोर से करते हो तुम बस जान ही निकाल देते हो।

अजय:" मुझे प्यार से कुछ भी करना आता, बचपन से ही बस लड़ाई झगड़ा पसंद था। अब शरीर में ताकत ही इतनी ज्यादा है कि अपने हाथ बाहर निकल जाती है तुम्हे देखकर।

शहनाज़:" बस बस, हर एक काम के लिए ताकत की जरूरत नहीं होती। समझे मिस्टर पहलवान।

अजय ने फिर से उसकी आंखो में देखते हुए उसकी मोटी गांड़ के एक हिस्से को अपनी मुट्ठी में भर लिया और पूरी ताकत से मसल दिया और बोला

:" हर काम का तो पता नहीं लेकिन चुदाई के लिए तो ताकत ही ताकत चाहिए मेरी जान शहनाज़।


शहनाज़ दर्द से कराह उठी और उसकी छाती में घुस्से मारते हुए बोली:"

" आह मर गई, उफ्फ कितने ज़ालिम हो तुम। थोड़ा सा भी रहम नहीं करते।

अजय:" हाय मेरी जान शहनाज़, वो मर्द ही क्या जिसके हाथो में रहम हो, जब तक औरत चींखें ना मारे तो लंड का क्या फायदा। ऐसा मैंने पढ़ा है।

शहनाज़ उसकी बात सुनकर शर्मा ने और बोली:"

:" उफ्फ बस बस ये ही सब कुछ पढ़ते हो तुम। अच्छा एक बात बताओ तुम्हारा अपनी पढ़ाई में कुछ ध्यान लगता भी है या नहीं ?

अजय शहनाज़ की बात सुनकर खामोश हो गया लेकिन उसके कदम अभी भी गंगा की तरफ बढ़ रहे थे। उसकी खामोशी देखकर शहनाज़ बोली;


:" अरे चुप क्यों हो गए तुम? बताओ ना ?

अजय ने एक बार शहनाज़ की तरफ देखा और फिर अपनी नजरे झुका कर बोला:"

:" सच कहूं तो पढ़ाई में मेरा बिल्कुल भी मन नहीं लगता है। बस मम्मी का दिल रखने के लिए शहर में रहता हूं। पढ़ाई में मेरा बिल्कुल भी मन नहीं लगता है।

शहनाज़ उसकी बात सुनकर हंस पड़ी और बोली:"

:" हान हान पढ़ाई में समझ नहीं आता तो क्या हुआ चुदाई में तो बड़ा मन लगता है।

इतना कहकर शहनाज़ ने उसके होंठो को चूम लिया। गंगा नदी की लहरे अब अजय के पांव से टकरा रही थी और वो शहनाज़ को गोद में लिए हुए आगे बढ़ गया और जल्दी ही उसके पेट तक पानी अा गया तो उसने शहनाज़ को अपनी गोद से नीचे उतार दिया।

ठंडे ठंडे पानी अपनी चूत को छूने के एहसास से शहनाज़ कांप उठी और बोली:"


" सी ईईई कितना ठंडा पानी हैं अजय। मुझे तो कंपकपी सी अा रही है इसमें।

अजय;" हान शहनाज़, सचमुच बहुत ही ठंडा पानी हैं। चलो जल्दी से मैं तुम्हारे शरीर को साफ कर देता हूं। कहीं ऐसा न हो तुम्हारी तबियत बिगड़ जाए। तुम जल्दी से एक डुबकी लगा लो।

शहनाज़ उसकी बात सुनकर पानी में डुबकी लगाने लगी और उसने डुबकी लगाकर अपना सिर्फ सिर बाहर निकाल लिया जबकि गर्दन के नीचे का बाकी हिस्सा अभी भी पानी के अंदर ही था। अजय ने पानी से झांक रही उसकी चूचियों पर नजर डाली तो शहनाज़ एक कातिल मुस्कान फेंकती हुई सीधी खड़ी हो गई और उसकी ठोस गोल गोल चूचियां बाहर की तरफ उछल पड़ी।


6aed80b1-0ecf-44f2-941e-dbe78a7d2d57

शहनाज़ की चूचियों से गिरती हुई पानी की बूंदे उसकी जांघो के बीच उसकी चूत पर गिर रही थी और अजय ये सब देखकर पागल सा हो गया और अजय ने हाथो में पानी लेकर उसके जिस्म को साफ करना शुरू कर दिया। शहनाज़ के नंगे जिस्म पर पानी की बूंदे क़यामत ही ढा रही थी। अजय ने दोनो हाथो में पानी लिया और शहनाज़ की चूचियों को पूरी तरह से भिगो दिया तो शहनाज़ ठंड से कांप उठी। अजय ने उसकी तरफ स्माइल करते हुए उसकी दोनो चूचियों को हाथो में भर लिया और धोने के बहाने धीरे धीरे मसलने लगा। कभी पूरी चूचियों को मसलता तो कभी निप्पल को उंगली और अंगूठे के बीच में लेकर प्यार से सहला देता। शहनाज़ अपनी चूचियां मसली जाने से फिर से गर्म हो गई थी और उसकी चूत में गंगा नदी का ठंडा ठंडा पानी एक अलग ही आग पैदा कर रहा था। अजय ने अपने हाथ नीचे पानी में घुसाते हुए शहनाज़ की मोटी मोटी गोल मटोल गांड़ को अपने हाथो में भर लिया और हल्का सा सहलाते हुए बोला:"

" आह शहनाज़, तेरी गांड़ कितनी मोटी और गद्देदार हैं। उफ्फ तू मुझे पहले क्यों नहीं मिली।

इतना कहकर अजय ने उसकी गांड़ को जोर से मसल दिया तो शहनाज़ दर्द से तड़प उठी और बोली:"

:" आह आह , आह इतनी जोर से मत मसलों निशान पड़ जाएंगे। तुम सुधर नहीं सकते क्या।

अजय ने अपनी अंगुलियों को उसकी गांड़ को चौड़ा करते हुए उसके छेद पर फिराया और बोला:"

:" आह शहनाज़, गांड़ ही क्या मैं तो तेरे सारे जिस्म पर निशान पड़ा दूंगा। तेरे गोरे गोरे जिस्म पर लाल निशान उफ्फ क़यामत लगोगी तुम।

शहनाज़ उसकी बात सुनकर शर्मा गई और थोड़ा सा आगे को हुई तो अजय ने उसकी जांघो के बीच में ने हाथ घुसा दिया और उसकी चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया तो शहनाज़ पलट कर उससे लिपट गई और सिसकी

:" आह अजय, दर्द करती हैं मेरी, उफ्फ क्या हाल कर दिया तुमने इसका, थोड़ा प्यार से साफ करो।

अजय शहनाज़ की बात सुनकर मस्ती में अा गया और उसने शहनाज़ की चूत के दोनों मखमली नाजुक मुलायम लिप्स को उंगली से सहला दिया और बोला:'

:" उफ्फ शहनाज़, कितनी मुलायम हैं ये, हाय बता ना क्या हैं ये जो दर्द करती हैं।

इतना कहकर उसने शहनाज़ की चूत की कलिट को मसल दिया तो शहनाज़ पूरी तरह से बहक गई और सिसकी लेते हुए बोली:"

:" आह चूत हैं ये अजय। उफ्फ अम्मी चूत।

अजय शहनाज़ के मुंह से चूत सुनकर पागल हो गया और उसने शहनाज़ का हाथ पकड़ कर अपने सख्त मोटे तगड़े लंड पर टिका दिया और बोला:"

:" आह चूत, उफ्फ किसकी चूत हैं ये मेरी जान ?

शहनाज़ लंड पर हाथ में लेते ही उसकी गोलाई और मोटाई महसूस करके पागल सी हो गईं और उसे सहलाते हुए सिसक उठी:"

;" आह, मेरी चूत में ये अजय, उफ्फ शहनाज़ की चूत।

अजय ने अपनी एक उंगली को आधा उसकी चूत में घुसा दिया और बोला:"

" हाय शहनाज़ तेरी चूत लाल क्यों हो गई है? क्यों दर्द कर रही है ये

शहनाज़ ने जोर से उसके लंड को मुट्ठी में भींच दिया और बोली:"

" अहहग चुद गई है मेरी चूत, उफ्फ इस मोटे तगड़े लंड से एसआइआई ऊऊऊ इसलिए दर्द कर रही है छूने से ही।

अजय ने जोश में आकर अपनी पूरी उंगली को उसकी चूत में घुसा दिया और बोला:"

" आह शहनाज़ तेरी चूत कितनी गर्म है अब भी, किसके लंड से चुद गई है शहनाज़ की चूत ?

शहनाज़ अपनी सुखी चूत में उंगली घुसते ही दर्द से कराह रही और सिसकते हुई बोली:"

" आह तेरे लंड से, अजय के लन्ड से चुद गई मेरी चूत, उफ्फ ज़ालिम सूखी चूत में ही घुसा डाली उंगली।

अजय ने उंगली को चूत से बाहर निकाला और शहनाज़ को एक झटके के साथ अपनी गोद में उठा लिया और देखते ही देखते शहनाज़ को इतने ऊपर उठा दिया कि उसकी दोनो टांगे अजय के गले में लिपट गई जिससे उसकी चूत अजय के मुंह के सामने अा गई और अजय ने बिना देरी किए उसकी चूत पर अपने होंठ टिका दिए तो शहनाज़ के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसने अपनी चूत को पूरी तरह से खोल दिया और जिससे अजय के होंठ उसकी चूत के होंठो को रगड़ गए और शहनाज़ सिसक उठी।


pussy-licking-pussy-eating-006
अजय ने अपनी लपलपाती हुई जीभ को बाहर निकाला और शहनाज़ की आंखो में देखते हुए उसकी चूत पर चिपका दिया तो शहनाज़ के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी

" आह अजय, आऊच मेरी चूत, चूस लो शहनाज़ की चूत, उफ्फ

अजय ने उसकी चूत के जीभ अंदर घुसा दी तो शहनाज़ की आंखे बंद हो गई और उसने अजय के सिर को थाम लिया और अपनी चूत में घुसा दिया। अजय अपनी खुरदरी जीभ से उसकी चूत की दीवारों को रगड़ रगड़ कर चाट रहा था और शहनाज़ के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी। शहनाज़ की सिसकियां तेज होती चली गई और अजय ने अपनी जीभ बाहर निकाली और देखते ही देखते शहनाज़ की गांड़ को नीचे किया तो उसकी चूत अजय के लन्ड पर अा टिकी और दोनो एक साथ सिसक उठे। शहनाज़ की दोनो टांगे उसकी कमर में और उसके हाथ अजय की गर्दन में लिपटे हुए थे। अजय शहनाज़ की गांड़ को मसलते हुए चूत को अपने लंड पर रगड़ रहा था जिससे शहनाज़ पूरी तरह से मदहोश हो गई क्योंकि आज पहली बार वो इस पोजिशन में चुदने जा रही थी। जैसे ही लंड उसकी चूत के छेद से टकराया तो शहनाज़ ने अजय के होंठो को अपने मुंह में भर लिया और अजय ने नीचे से एक ज़ोरदार धक्का लगाया तो आधे से ज्यादा लंड शहनाज़ की टाइट चूत में घुसता चला गया और शहनाज़ दर्द और मस्ती से सिसक उठी। अजय ने पूरी ताकत से दूसरा धक्का लगाया और पूरा लंड उसकी चूत को रगड़ते हुए जड़ तक अन्दर घुस गया और शहनाज़ दर्द से बिलबिला उठी और अजय से कसकर लिपट गई। अजय ने उसकी गांड़ को उपर उठा दिया और लंड को बाहर निकाला और फिर से उसकी गांड़ को ढीला छोड़ दिया तो तीर की तरह सर्ररर करता हुआ लंड जड़ तक उसकी चूत में घुस गया और शहनाज़ एक बार फिर दर्द से कराह उठी।


download-20211022-152404

" आह अजय, उफ्फ दुखती है मेरी चूत, थोड़ा प्यार से चोद ना इसे तू।

अजय ने उसकी गांड़ को थाम लिया और पूरी ताकत से उसे चोदने लगा तो शहनाज़ की सूज चुकी चूत में दर्द होने लगा और शहनाज़ दर्द से कराह उठी और उसने अपने दांत उसके कंधे में गडा दिए तो अजय दर्द से तड़प उठा और उसका धैर्य जवाब दे गया और उसने दोनो हाथो में शहनाज़ की जांघो को कसकर पकड़ लिया और जोर जोर से उसकी गांड़ को अपने लंड पर उछालते हुए पूरी ताकत से नीचे से तगड़े धक्के लगाने लगा।

शहनाज़ की चूत में आग सी लग रही थी और शहनाज़ दर्द के मारे मचल रही थी, सिसक रही थी और अजय बिना उसके दर्द की परवाह किए हुए पूरी ताकत से उसे चोद रहा था। धीरे धीरे शहनाज़ की चूत में मजा आने लगा और वो फिर से मस्ती में आकर अजय के होंठ चूसने लगी तो अजय ने उसकी दोनो टांगो को हाथो में थाम कर पूरा फैला दिया और गपागप चोदने लगा। शहनाज़ की चूत में अजय का कसा हुआ लंड उसे स्वर्ग दिखा रहा था और शहनाज़ खुद ही अपनी गांड़ उछाल रही थी और जोर जोर से सिसकियां ले रही थी

" आह अजय कितनी ताकत है तेरे अंदर, उफ्फ गोद में उठा कर चोद दिया मुझे, और चोद मुझे उफ्फ हाय।

अजय ने अब शहनाज़ की जांघो को थाम लिया और जोर जोर से चोदता हुआ बोला"

" आह शहनाज़, सब तेरे लिए ही है मेरी जान, तेरी चूत में कैसे फंस रहा है मेरा लन्ड।

अजय उसकी गांड़ उठाता और शहनाज़ खुद ही लंड अंदर ले लेती। शहनाज़ की चूत में हलचल शुरू हो गई और उसकी सिसकियां तेज होती चली गई।

download-20211022-152348

शहनाज़ की जैसे ही गांड़ उपर होती तो उसकी चूचियां अजय के खुले मुंह में घुस जाती और इस बार अजय ने उसके निप्पल को जोर से काट लिया तो शहनाज़ पागल सी हो गईं और उसकी चूत से सैलाब सा टूट पड़ा और सिसक उठी

" आह अजय मेरी चूत झड़ रही है, घुसा दे पूरा लंड हायय्य जड़ तक।

अजय ने एक जोरदार धक्का लगाया और उसका लंड शहनाज़ की चूत में जड़ तक घुस गया और शहनाज़ की चूत से बांध सा टूट पड़ा और शहनाज़ जोर जोर से सिसकते हुए झड़ गई। शहनाज़ के झड़ते ही अजय ने तेजी से उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया तो शहनाज़ की गीली चूत में लंड तेजी से घुसने लगा और शहनाज़ दर्द से कराह रही थी और अपने नाखून उसकी कमर में घुसा रही थी।

अजय ने शहनाज़ की कमर को अपने हाथो लपेट दिए और जोर जोर से उसकी गांड़ अपने लंड पर पटकने लगा तो शहनाज़ के चूत में आग सी लग गई और वो दर्द से कराहते हुए सिसक उठी

" आह छोड़ दे मुझे, उफ्फ मर जाऊंगी सांड।

अजय पूरी ताकत से उसकी चूत पेलने लगा और बोला:"

" आह शहनाज़ चुदाई से कोई नहीं मरता, आह तेरी मस्त टाइट चूत देख कैसे पूरा लंड ले रही है।

इतना कहकर अजय ने पूरे लंड को बाहर निकाल लिया तो शहनाज़ ने सुकून की सांस ली लेकिन अगले ही पल एक झटके में पुरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया तो शहनाज़ दर्द से बिलबिला उठी और बोली;'

" आह क्या दुश्मनी है तेरी मेरी चूत से, आह उफ्फ।

अजय ने बिना कुछ बोले उसकी चूत में तगड़े धक्के लगाने शुरू कर दिए और शहनाज़ की दर्द से भरी हुई घुटी घुटी चींखें निकलने लगी।

334-1000

अजय के लंड में भी उफान आने लगा और उसने शहनाज़ की चूत में एक आखिरी धक्का मारा और उसके साथ ही उसने भी अपने लंड की पिचकारी उसकी चूत में छोड़नी शुरू कर दी। शहनाज़ ने राहत की सांस ली और उसने अजय के गले में अपनी बांहे डाल दी और उससे लिपट गई।

इस दमदार चुदाई के बाद दोनो पूरी तरह से थक गए थे और अजय शहनाज़ को गोद में लिए हुए ही उसके कमरे में आ गया और उसे बेड पर लिटा दिया तो शहनाज़ ने एक बार अजय के होंठ चूम लिए और उसके बाद अजय अपने कमरे में घुस गया। बिस्तर पर पड़ते ही दोनो गहरी नींद में चले गए।


अगले दिन सुबह कमला की आंखे खुली और घर के काम में लग गई। उसे उम्मीद थी कि सपना आएगी और घर के काम में उसका हाथ बंटाएगी लेकिन आठ बजे तक भी सपना वापिस नहीं अाई तो कमला समझ गई कि शायद रात शादाब के साथ हुए सेक्स की वजह से वो डर गई है। शादाब का ख्याल आते ही वो उसे उठाने के लिए चली गई जो कि अभी तक सो रहा था।

शादाब के उपर से चादर हटी हुई थी और उसके पायजामे में एक बड़ा सा तम्बू बना हुआ था। कमला की आंखो फिर से हैरानी से फैल गई कि ये आज कल का छोटी सी उम्र का लड़का इतना बड़ा लंड लिए घूम रहा हैं। उसने शादाब को आवाज लगाई और शादाब जल्दी से हड़बड़ा कर उठ गया तो उसकी नजर अपने तम्बू पर पड़ी तो वो शर्मा गया और उठकर बाथरूम की तरफ भाग गया जबकि कमला उसकी इस हरकत पर मुस्कुरा दी और खाना बनाने के लिए काम में जुट गई।

शादाब नहा धोकर अा गया और कमला से बोला:"

" आंटी आज सपना नहीं अाई क्या काम करने के लिए ?

शादाब की बात सुनकर कमला मन ही मन मुस्कुरा दी और फिर बोली:" नहीं बेटा, शायद कोई काम होगा उसे आज अपने ही घर में इसलिए नहीं अाई होगी।

शादाब समझ गया कि रात उसने जो सपना के साथ किया वो उससे डर गई है और अब वापिस नहीं आने वाली। खाना बन गया था और दोनो नाश्ता करने लगे। नाश्ता करने के बाद कमला बोली:"

" शादाब जंगल में घास लेने जाना होगा, सपना है नहीं तो मैं ही तुम्हारे साथ चलती हूं।

शादाब:" ठीक हैं आंटी जैसे आपको सही लगे। वैसे मैं तो यहां बिल्कुल नया हूं तो ज्यादा कुछ जानता भी नहीं हु।

कमला:" तुम मुझे बाहर मिलो, मैं बुग्गी झोत्ता लेकर आती हूं( एक गाड़ी जिसमे भैंसा जोड़ते हैं)।

शादाब बाहर निकल गया और थोड़ी देर बाद ही कमला बुग्गी झोत्ता लेकर अा गई और दोनो जंगल की तरफ चल पड़े। रास्ते में जैसे ही वो मुडे तो कमला की नजर सपना पर पड़ी जो सामने से अा रही थी। सपना ने जैस ही शादाब को देखा तो वो अंदर तक कांप उठी और अपना मुंह नीचे करके चुपचाप निकलने लगी तो कमला बोली:"

" क्या हुआ सपना, तेरी तबियत तो ठीक है ना बेटी ? ऐसे क्यों नजरे चुरा रही हैं तू ? आज घर भी नहीं अाई सुबह से।

सपना:" नहीं आंटी ऐसी कोई बात नहीं है। मैं भूल ही गई थी बस इसलिए नहीं अाई।

कमला:" अच्छा तो अब तो मिल ही गई है एक काम कर अब हमारे साथ खेत पर चल।

सपना बहाना करते हुए बोली:"

" वो मैंने घर नहीं बोला हैं तो कहीं बाद में मम्मी पापा परेशान ना हो जाए।

कमला:" अरे तो बुग्गी में बैठ तो सही, तेरा घर तक रास्ते में ही पड़ता है तो मैं तेरे मम्मी पापा को भी बोल दूंगी।

सपना ना चाहते हुए भी बुग्गी में बैठ गई और जैसे ही वो सपना के घर से सामने से गुजरे तो कमला ने जोर से आवाज लगाई और बोली:"

" अरे मोहन भाई सपना मेरे साथ जंगल में जा रही है। परेशान मत होना थोड़ी देर बाद ही वापिस लौट आएंगे।

मोहन" अच्छा कमला बहन, कोई बात नहीं हैं, लेकिन थोड़ा जल्दी वापिस अा जाना।

कमला ने बुग्गी आगे बढ़ा दी और सपना बिल्कुल चुपचाप बुग्गी में बैठी रही। थोड़ी देर बाद बुग्गी खेत में पहुंच गई और सभी लोग मिलकर घास काटने लगीं। कमला ने कुछ सोचा और बोली:"

" मेरा बड़ी तेज बाथरूम अा गई है मैं अभी आती हूं। तब तक आप दोनो घास काट लीजिए।

इतना कहकर कमला चली गई और पेड़ के पीछे छुप कर देखनी लगी। शादाब और सपना दोनो चुपचाप घास काट रहे थे लेकिन शादाब से घास काटना नहीं आता था तो सपना हंसने लगी तो शादाब बात को बदलते हुए बोला:"

" आज सुबह भी नहीं अाई तुम ? नाराज हो क्या मुझसे ?

सपना ने उसकी तरफ गुस्से से देखा और बोली:"

" मेरे घर में भी काम होते हैं। बस घर के काम में लगी थी। तुम होते कौन हो जो मैं तुमसे नाराज हो जाऊ ?

शादाब समझ गया कि सपना उससे बहुत ज्यादा नाराज हैं और इतनी आसानी से उसकी अब दाल गलने वाली नहीं है तो बोला:"

" नहीं मैं तो बस ऐसे ही पूछ रहा था। वैसे नाराज होना अच्छी बात नहीं होती।

सपना ने उसकी तरफ आंखे निकाली और बोली:"

" और हो तुमने किया क्या वो अच्छी बात थी ? ऐसे कौन करता है शादाब।

कमला पीछे खड़ी हुई इनकी सारी बाते सुन रही थी और उसे उम्मीद थी कि शायद दोनो थोड़ा सा मस्ती करे लेकिन सपना ज्यादा ही भाव खा रही थी जिससे शादाब को आगे बढ़ने का मौका ही नहीं मिल रहा था।

शादाब:" अरे वो कभी कभी हो जाता है इसमें मेरी कोई गलती नहीं तुम हो ही इतनी खूबसूरत।

सपना अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई और बोली:"

" बस बस इतनी ज्यादा मक्खन लगाने की जरूरत नहीं। मैं अब हाथ आने वाली नहीं।

कमला अा गई तो दोनो उसे देखते ही चुप हो गए। कमला घास काटने बैठ गई और थोड़ी देर में ही उन्होंने काफी सारा घास काट लिया और अब सपना गठरी बांधने लगी। सपना ने जान बूझकर एक मोटी बड़ी भारी गठरी बांध दी ताकि शादाब को उठाने में दिक्कत आए और सपना उसके मजे ले सके।

जैसे जैसे ही शादाब भारी गठरी उठाने लगा तो कमला बोली:"

" अरे शादाब बेटा तुम रहने दो, तुमने कहां वजन उठाया होगा ऐसे सिर पर ? खेत की छोटी छोटी मेढ़ है जिन पर चलना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है।

शादाब" अरे नहीं आंटी मै कर लूंगा आप फिक्र मत कीजिए।

कमला:" नहीं एक बार बोल दिया तो बस बोल दिया। कुछ ऊंच नीच हो गई तो मैं शहनाज़ को मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगी। लाओ चलो इस गठरी को मेरे सिर पर रख दो तुम।

शादाब चुप हो गया और उसने सपना के साथ मिलकर घास की गठरी को उठाकर कमला के सिर पर रख दिया। सपना का बना बनाया प्लान खराब हो गया और शादाब की तरफ देख कर बुरा सा मुंह बनाया। कमला सावधानीपर्वक मेढ़ पर बढ़ रही थी कि तभी उसका पैर फिसला और वो खेत में अपने पिछवाड़े के बल गिर पड़ी और घास की भारी गठरी उसके पिछवाड़े पर गिरी। कमला के मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी जिसे सुनकर शादाब और सपना तेजी से उसकी तरफ दौड़े और शादाब ने घास की भारी गठरी को इसके ऊपर से हटाया और बोला:"

" ओह आंटी आप ठीक तो हो ? ज्यादा चोट तो नहीं लग गई आपको ?

कमला दर्द से कराह उठी और बोली:" आह पिछ्वाड़ा लग गया नीचे, दर्द हो रहा है बहुत।

सपना का चेहरा उतर गया क्योंकि ये सब उसका ही किया धरा था। बस शादाब की जगह कमला गिर गई थी। सपना तेजी से उसके पास अाई और बोली:"

" आंटी आपको दिक्कत होगी अब चलने में , है भगवान ये क्या हो गया ?

कमला:" कुछ नहीं मेरी बेटी, बस तू फ़िक्र मत कर। हड्डी टूटने से बच गई मेरी इतना बहुत है।।


कमला शादाब का हाथ पकड़ कर खड़ी हुई और धीरे धीरे लंगड़ा कर चलने लगी। शादाब ने घास की गठरी को उठाकर बुग्गी में डाला और फिर सभी लोग घर की तरफ चल पड़े।
Bahut hi behtarin update hai
 
  • Like
Reactions: Tiger 786 and Luffy

Narsimha

New Member
32
75
18
कहानी बहुत अच्छा है। लेकिन थोड़ा कैरेक्टर गलत है यदि कैरेक्टर सही होता तो कहानी मस्त लगता । क्योंकि इसमें गलती ये है कि हीरो का रोल सिंगल होता तो अच्छा लगता । में ऐसे ही बोला ।भाईलोग गलती बोला हो तो माफी चाहूंगा ।
 

Sanju@

Well-Known Member
4,812
19,403
158
सभी लोग घर पहुंच गए और अभी मुश्किल से 10 ही बजे थे। सपना ने खाना बनाया और तब तक शादाब ने कमला का पैर चैक किया हड्डी नहीं टूटी थी जो एक बहुत अच्छी बात थी। कमला आराम से बेड पर लेती हुई आराम कर रही थी और सपना ने तब तक खाना टेबल पर लगा दिया तो सभी लोग खाना खाने लगे। खाना खाकर सपना अपने घर की तरफ चली गई और कमला और शादाब दोनो टीवी देखते रहे।

दोपहर होते होते उन्हें नींद अा गई और कमला जब शाम को सोकर उठी तो उसे अपने पिछवाड़े में दर्द का एहसास हुआ। शादाब भी उठ गया तो कमला बोली:"

" शादाब मुझे पीछे कूल्हे पर दर्द महसूस हो रहा है । कहीं ज्यादा चोट तो नहीं लग गई।

शादाब ने एक बार कमला के पिछवाड़े पर हाथ रखा और चैक करते हुए बोला:"

" चोट तो अंदरूनी लगी हैं और आपका हल्का सा मांस फट गया है। आपको अब गर्म पानी से सिकाई और मालिश करनी होगी।

कमला ने एक आह भरी और बोली:"

" सपना को ही बुलाना पड़ेगा फिर तो। वहीं मेरी मदद कर सकती हैं बेचारी।

शादाब खुश होते हुए:" हान बिल्कुल बुला लीजिए। उसके आने से घर के काम में भी हाथ बंट जाएगा।

कमला:" मुझसे तो इस हाल में चला नहीं जाएगा। एक काम करो, तुम ही जाकर उसे बुला लाओ, मैं उसके घर का रास्ता बता देती हूं।

कमला ने शादाब को रास्ता बता दिया और शादाब थोड़ी देर बाद ही वापिस लौट आया तो कमला बोली:"

" क्या हुआ ? सपना नहीं मिली क्या घर पर ?

अजय:" वो तो नहीं मिली। वो अपनी मा के साथ अपने मामा के यहां चली गई और और शायद कुछ दिन के बाद ही वापिस आए।

कमला के माथे पर परेशानी के भाव साफ़ छलक पड़े और बोली:"

" इस कमीनी सपना को भी आज ही जाना था और उसके साथ ही उसकी मम्मी भी चली गई।

शादाब:" हान अभी दिक्कत तो होगी। मैं एक काम करता हूं आपके लिए पानी गर्म कर देता हूं और आप अपने आप ही करने की कोशिश कीजिए।

कमला:" हान ये भी ठीक रहेगा। तुम जल्दी से पानी गर्म करके एक भिगोने में ले आओ।

शादाब किचेन में चला गया और उसने एक भिगोने में पानी गर्म किया और कमला के पास लेकर अा गया और बोला:"

" लीजिए आंटी कर लीजिए आप सिकाई। मैं बाहर बैठ जाता हूं कोई जरूरत हो तो बुला लीजिए।

कमला:" ठीक है शादाब। मैं कोशिश करती हूं।

शादाब बाहर अा गया और कमला ने अपना लहंगा निकाल दिया और नीचे से पूरी तरह से नंगी हो गई और वहीं फर्श पर एक चादर पर लेट गई और एक हाथ से गर्म पानी लेकर अपनी सिकाई करने लगी। कमला अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन ठीक तरह से अपने पिछवाड़े की मालिश नहीं कर पा रही थी। उसे समझ नहीं अा रहा था कि क्या करे क्योंकि शादाब को बोलने की हिम्मत उसमे नहीं थी और ना ही शादाब ने अपनी तरफ से कमला को मालिश के लिए बोला था।

कमला ने भीगे कपडे को फिर से गर्म पानी में डुबोने के लिए हाथ आगे बढाया और दर्द के कारण उसका हाथ ठीक से संभल नहीं पाया और उसका हाथ सीधे भिगोने पर गिरा और भिगोना उल्टा हो गया जिससे सारा हल्का गर्म गर्म पानी बिखर गया और जैसे ही कमला के पैरो से टकरा गया तो कमला दर्द से कराह उठी और शादाब तेजी से अंदर की तरफ दौड़ा तो उसने पहली बार कमला की मोटी मोटी नंगी पूरी तरह से फूली हुई गांड़ देखी तो कमला ने शर्म के मारे चादर को अपने पिछवाड़े पर डाल लिया और बोली:"

" आह शादाब, पानी गिर गया बेटा गर्म गर्म।

शादाब ने वाइपर से जल्दी से पानी हटाया और बोला:

" आप ज्यादा तो नहीं जली ? आप ठीक तो हैं ना ?

कमला:" हान पानी ज्यादा गर्म नहीं था। जली तो नहीं हूं लेकिन पानी सब बिखर गया। मालिश भी नहीं हो पाई अभी तो।

शादाब:" कोई बात नहीं मैं फिर से पानी गर्म कर देता हूं।

इतना कहकर शादाब नीचे को झुका और उसने फिर से एक नजर कमला की भीगी चादर से लिपटी हुई गांड़ पर डाली और किचेन की तरफ चला गया। कमला ये सब देखकर हैरान हो गई कि शादाब उसकी गान्ड को हसरत भरी निगाहों से देख रहा था। हाय भगवान ये आज कल के लड़के भी ना बस इनकी नजर कोई मौका नहीं छोड़ती। कैसे मेरे पिछवाड़े को घूर रहा था ये, अब तो इसे मैं मालिश के लिए भी नहीं बोल सकती। क्यों नहीं बोल सकती, वो तेरे बेटे जैसा हैं, बेटा तो नहीं है लेकिन और उसका क्या पता कहीं बहक गया तो। ऐसे कैसे बहक जाएगा तो उसे बहकने मत देना।

लेकिन फिर भी क्या करू, मैं खुद तो मालिश नहीं कर सकती। अब उसके सिवा और कोई हैं भी नहीं मेरी मदद करने वाला। बोलकर देखती हूं अगर लगा कुछ गलत होगा तो खुद ही मना कर दूंगी। आखिरकार कमला ने फैसला कर ही लिया।

उधर शादाब पिछले दो दिन से परेशान था और कमला की नंगी गांड़ देखकर उसे अच्छा लगा था और पानी गर्म करते हुए भी वो कमला की गांड़ के बारे में ही सोच रहा था जिससे उसके लंड में तनाव अा गया और शादाब ने पानी गर्म किया और फिर से भिगोने में लेकर बाहर की तरफ अा गया और कमला के पास रखते हुए बोला:"

" लो आंटी, थोड़ा ज्यादा गर्म हैं पानी, इस बार ध्यान से करना सिकाई, कहीं गिर गया तो आप बुरी तरह से जक जाओगी।

इतना कहकर शादाब ने एक नजर फिर से उसकी गांड़ पर डाली और सीधा खड़ा हो गया कमला की नजर पायजामा में बने हुए तम्बू पर पड़ी और मन ही मन मुस्कुरा उठी कि कितना शैतान हैं ये लड़का। क्या ऐसे हालत में इसे सिकाई के लिए बोलना ठीक रहेगा। लेकिन पानी गर्म हैं इस बार गिर गया तो जल जाऊंगी। कमला को कुछ समझ नहीं आ रहा था और शादाब बाहर की तरफ चल पडा तो कमला ने हिम्मत करके उसे आवाज लगाई

" शादाब क्या तुम मेरी मालिश कर सकते हो ? मुझसे ठीक से हो नहीं पा रही है।

शादाब वापिस आया और बोला:"

" हान हान आंटी क्यों नहीं ? मैं कर देता हूं। ।


इतना कहकर वो वहीं उसके पैरो के पास बैठ गया। कमला की धड़कने तेज हो गई क्योंकि उसने शादाब को मालिश के लिए बोल तो दिया था लेकिन अंदर ही अंदर उसे अजीब सा एहसास हो रहा था। शादाब ने गीला कपड़ा लिया और उसे फिर से पानी में भिगोया और चादर के उपर से जैसे ही उसने कमला की गांड़ को छुआ तो कमला को एक तेज अजीब सी सनसनाहट अपने बदन में महसूस हुई और उसकी अपनी सांसे तेज होती महसूस हुई। शादाब ने कपडे को धीरे धीरे हल्के हाथ से उसकी गांड़ के दोनो हिस्सो पर फिराया तो कमला का बदन कांप उठा। शादाब ने फिर से कपड़ा पानी से भिगोया और उसने उस बार पहले के मुकाबले थोड़ा सख्त हाथ से कमला की गांड़ के उभार को कपडे से रगड़ा तो कमला को अपने पूरे बदन में चीटियां सी दौड़ती हुई महसूस हुई और उसने अपनी जांघो को कस लिया। शादाब कपडे को हाथ में लिए हुए उसकी गांड़ के दोनो उभार के बीच में जैसे ही उसकी गांड़ के छेद के आस पास कपड़ा फिराया तो कमला के मुंह से ना चाहते हुए भी आह निकल पड़ी।

कमला के मुंह से आह सुनते ही शादाब समझ गया कि उसके छूने से कमला उत्तेजित हो रही हैं तो उसने थोड़ा खुल कर उसकी गांड़ को कपडे से रगड़ना शुरू कर दिया और कमला की गांड़ पहली बार ज़िन्दगी में कोई ऐसे सहला रहा था जिससे उसे बेहद अच्छा लग रहा था।

शादाब ने फिर से कपडे को पूरी तरह से गीला किया और सीधे उसकी गांड़ के बीच में रख दिया तो हल्के गुनगुने पानी की एक धार बारीक सी चादर को पर करते हुए उसकी गांड़ के छेद को छूते हुए बह गई तो कमला ने अपनी गांड़ को कस लिया। थोड़ी देर और शादाब ने चादर के उपर से ही उसकी गांड़ की गर्म पानी से सिकाई करी और कमला को काफी सुकून मिल रहा था। कमला के जिस्म में मस्ती भरी हलचल मच गई थी जैसे उसने काफी सालों के बाद महसूस किया था।

शादाब:" आंटी सिकाई तो हो गई, अब मालिश करनी होगी ताकि आपको जल्दी आराम मिल जाए।

कमला:" अच्छा तो फिर मालिश भी तुम ही कर दो। तुम्हारे हाथ में जादू सा है शादाब। तुम एक अच्छे डॉक्टर बन जाओगे।

शादाब अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गया वो किचेन में गया और एक कटोरी में सरसो का तेल गरम करने लगा। कमला ने मालिश के लिए बोल तो दिया था लेकिन अब वो समस्या में पड़ गई थी क्योंकि सिकाई तो चादर के उपर से हो गई थी लेकिन मालिश के लिए तो उसे चादर उतारनी ही पड़ेगी मतलब उसकी गांड़ पूरी तरह से नंगी होकर शादाब को हाथो में रहेगी। ये सब सोचते ही कमला की सांसे बहुत ज्यादा तेज हो गई और उसे अपनी चूत में आज सालो के बाद पहली बार गीलापन महसूस हुआ तो कमला को जैसे यकीन ही नहीं हुआ कि उसके जिस्म उसके काबू से बाहर जा रहा है। ये भगवान ये मुझे क्या हो रहा है, ऐसा तो आज तक कभी नहीं हुआ। मुझे खुद पर काबू क्यों नहीं हो पा रहा है, क्यों मेरा बदन अपने आप ही मचल रहा है।

कमला सोच ही रही थी कि तभी शादाब कटोरी में तेल लेकर अा गया और बोला:"

" आंटी चलिए आप मालिश के लिए तैयार हो जाइए।

कमला को कुछ समझ नहीं आया कि क्या कहे। कहीं शादाब उसे चादर उतारने में लिए तो नहीं कह रहा। अब क्या करू, अजीब मुसीबत में फंस गई। कमला की तरफ से कोई प्रतिक्रिया ना मिलती देख शादाब बोला:"

" आंटी तेल ठंडा हो गया तो फिर से गर्म करना पड़ेगा। आप कहे तो मालिश शुरू कर दू ?

कमला;" हान लेकिन क्या मालिश भी चादर के उपर से ही होगी या मैं चादर..

कमला चुप हो गई क्योंकि उसके अंदर हिम्मत नहीं बची थी कि चादर उतारने के लिए बोल सके। शादाब हालत समझते हुए बोला;"

" आंटी चादर के उपर से तो ठीक से मालिश ही नहीं हो सकती, उल्टा चादर और खराब हो जाएगी।

कमला:" लेकिन चादर उतारने से तो नीचे से मेरी गा...


उफ्फ कमला बोलते बोलते रुक गई और शर्म से लाल हो गई कि वो क्या बोलने जा रही थी। शादाब बोला:"

" तो फिर मालिश रहने दू ? आप खुद ही कर लीजिए अपने हाथ से।

कमला:" मुझसे नहीं हो पाएगी, तुम समझो मुझे शर्म आएगी बहुत ऐसे। तुम लाइट बंद कर लो पहले शादाब।

शादाब जल्दी से आगे बढ़ा और उसने लाइट को बंद कर दिया और कमरे में पूरी तरह से घुप अंधेरा हो गया। कमला की हालत खराब हो गई थी और चूत में सिरहन सी दौड़ गई थी और गांड़ की माशपेशियां अपने आप सिकुड़ रही थी। शादाब एक बार फिर से कमला की गांड़ के पास बैठ गया और उसने एक हाथ कमला की गांड़ पर टिका दिया तो कमला कांप उठी।

शादाब ने चादर को पकड़ लिया और बोला:" उतार दूं क्या चादर ?

कमला उसके हाथ अपनी गांड़ पर महसूस करते ही मदहोश सी होकर बोली;"

" उतार दो शादाब।

शादाब ने चादर के सिरे को पकड़ते हुए खींचना शुरु कर दिया और कमला की गांड़ पूरी तरह से नंगी होती चली गई। शादाब भी अब पूरी तरह से बेचैन हो गया और उसके लंड में भी तनाव अा गया और उसने अपने एक हाथ में तेल लिया और जैसे ही कमला की नंगी गांड़ को छुआ तो कमला के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने अपनी गांड़ को जोर से कस लिया तो शादाब ने धीरे से उसकी गांड़ के उभार पर हाथ फिराया और कमला की गांड़ के दोनो उभार तेल से भीगते चले गए। शादाब ने फिर से तेल लिया और फिर से कमला की गांड़ पर पूरी तरह से चुपड़ दिया।

शादाब ने अब अपने हाथो से कमला की गांड़ को पकड़ लिया और हल्के हल्के मालिश करने लगा तो कमला ने मस्ती में आकर खुद ही अपनी टांगो को खोल दिया जिससे शादाब का हाथ अपने आप थोड़ा नीचे की तरफ बढ़ने लगा तो कमला ने डर के मारे फिर से अपनी जांघो को कस लिया।

शादाब ने फिर से तेल लिया और उस बार थोड़ा जोर से कमला की गांड़ को पकड़ लिया और जोर जोर से मालिश करने लगा। कमला की चूत में से रस की कुछ बूंदे टपक पड़ी और कमला ने अपने एक हाथ को नीचे करते हुए अपनी चूत के नीचे रख दिया जिससे उसकी चूत उसके अपने ही हाथ पर रगड़ खाने लगी। कमला पूरी तरह से बेचैन हो गई और तेजी से अपनी चूत को अपने हाथ पर रगड़ने लगी। उसकी तेज तेज सांसे कमरे में गूंज रही थी। शादाब ने मस्ती ने आकर उसकी गांड़ को अपने दोनो हाथो से दबोच लिया और मालिश के बहाने से सहलाने लगी तो कमला पूरी तरह से बहकती चली गई। शादाब के सख्त हाथो को अपनी गांड़ पर महसूस करके कमला बेताब हो रही थी और उसने अपनी गांड़ को खोल दिया। शादाब ने जैसे ही नीचे की तरफ हाथ बढ़ाया तो उसकी उंगलियां गांड़ के दोनो उभारों के बीच में घुस गई और कमला के मुंह से फिर से एक आह निकल पड़ी और उसने अपनी गांड़ को शादाब की उंगलियों सहित कस लिया। शादाब ने जैसे ही कमला की गांड़ के छेद के आस पास उंगली घुमाई तो कमला से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने खुद ही अपनी जांघो को खोल दिया और सिसक उठी। शादाब ने अपनी उंगली को कमला की गांड़ के छेद पर घुमाया तो कमला तड़प उठी और उसने जोर से सिसकते हुई अपनी एक अंगुली को अपनी चूत में घुसा दिया। कमला की गांड़ उछल उछल पड़ रही थी और शादाब ने अपनी एक अंगुली को उसकी गांड़ के छेद पर टिका दिया और कमला की गांड़ का छेद सहलाने लगा। कमला पागल सी हो गई और जोर जोर से सिसक रही थी।

शादाब ने अंधेरे का फायदा उठाते हुए धीरे से अपने पायजामा को खोल दिया तो उसका नंगा लंड उछलते हुए बाहर अा गया और शादाब उसे अपने तेल लगे हाथ से सहलाने लगा।

कमला अपनी चूत में तेजी से उंगली अंदर बाहर कर रही थी जिससे उसकी गांड़ का छेद जोर जोर से शादाब की उंगली से टकरा रहा था और शादाब ने अपनी उंगली को तेल से पूरी तरह से भिगोया और जैसे ही कमला की गांड़ के छेद पर उंगली का दबाव बढ़ाया तो कमला को उसकी गान्ड खुलती हुई महसूस हुई और उसने जोर से अपने दांतो को भींच लिया और शादाब ने जैसे ही दबाव दिया तो एक इंच उंगली कमला की गांड़ में घुस गई और उसके मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी। शादाब की उंगली कमला की गांड़ में पूरी तरह से फंस गई थी और कमला ने अपनी उंगली को चूत में जड़ तक घुसा दिया था। शादाब का दूसरा हाथ उसके लंड पर था और तेल में भीगा हुआ उसका हाथ उसके चिकने हो गए लंड पर सरपट दौड़ रहा था। शादाब ने अपनी उंगली का जोर बढ़ाया और उसकी पूरी उंगली कमला की गांड़ में घुस गई। कमला ने दर्द के मारे अपनी गांड़ को कस लिया और तड़प उठी।

शादाब ने धीरे से अपनी उंगली से उसकी गांड़ के अंदर सहलाया तो कमला को सुकून महसूस हुआ और गांड़ खुल गया तो शादाब ने थोड़ा सा उंगली को बाहर खींचा और फिर से अंदर घुसा दिया तो कमला फिर से सिसक उठी।

शादाब अब कमला की टांगो के बीच में बैठ गया तो उसका लंड कमला की जांघ से टकराया तो कमला को जैसे यकीन ही नहीं हुआ। हाय राम ये तो नंगा हो गया है पूरा। उफ्फ अब क्या होगा। इसका लंड तो बहुत मोटा है उफ्फ मेरी चूत फट जायेगी।

शादाब की उंगली अब आराम से कमला की गांड़ में अंदर बाहर हो रही थी और शादाब बोला"

" आंटी मालिश कैसी लग रही है आपको ? आराम मिल रहा है ना ?

कमला अपनी गांड़ की दीवार पर उंगली महसूस करते हुए सिसकी

" आह शादाब, अच्छा लग रहा है कुछ कुछ।

शादाब का लंड अब पूरी तरह से कमला की जांघो से टकरा रहा था और कमला की हालत खराब होती जा रही थी और उसकी गांड़ मस्ती से शादाब की उंगली पर उछल रही थी। शादाब थोड़ा सा आगे को झुका तो उसका लन्ड कमला की गांड़ के उभार से टकरा गया तो कमला बेकाबू हो गई और खुद ही अपने शरीर को पीछे सरका दिया तो लंड उसकी गांड़ में अंदर बाहर हो रही शादाब की उंगली से टकरा गया तो दोनो एक साथ सिसक उठे।

तभी शादाब का पैर फिसला और वो कमला के उपर गिर पड़ा और उंगली उसकी गांड़ से बाहर निकल गई और लंड गांड़ पर जा लगा। अपनी गांड़ पर लंड का मोटा तगड़ा सुपाड़ा महसूस करके कमला मस्ती से सिसक उठी और शादाब ने अपने सुपाड़े से उसकी गांड़ को सहलाना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ को उसने नीचे की तरफ सरका दिया तो उसके हाथ में कमला का हाथ अा गया जिसकी एक उंगली चूत में घुसी हुई थी। शादाब ने कमला की चूत में घुसी हुई उंगली को महसूस किया तो वो पागल सा हो गया और उसकी चूत को मुट्ठी में भर लिया तो कमला से बर्दाश्त नहीं हुआ और कमला ने अपनी टांगे खोलते हुए शादाब की उंगली को अपनी चूत पर रगड़ दिया।

शादाब से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने एक हाथ दो उंगली कमला की चूत में घुसाते लंड का जोरदार धक्का लगाया जिससे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड़ को फाड़ते हुए अंदर घुस गया है कमला दर्द से कराह उठी

" आह शादाब मार डाला, उफ्फ

शादाब गांड़ में सुपाड़ा घुसते ही कमला की गांड़ की गर्मी महसूस करके जोश में अा गया और एक जोरदार धक्का उसकी गांड़ में मारा तो लंड एक ही धक्के में कमला की गांड़ में घुस गया और कमला दर्द के मारे जोर जोर से सिसक उठी, कराह उठी, मचल उठी

" आह तेरी मा की चूत, मेरी गांड़ फाड़ दी जालिम।

शादाब ने बिना देरी किए कमला की गांड़ में धक्के लगाने शुरू कर दिए तो लंड कसा कसा उसकी गांड़ में धीरे धीरे अन्दर बाहर होने लगा। कमला अभी भी दर्द से कराह रही थी और धीरे धीरे लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा तो कमला का दर्द कम होता चला गया और उसके मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। शादाब अब थोड़ा जोर जोर से धक्के लगाने लगा तो कमला की सिसकियां तेज होती चली गई। कमला की गांड़ पूरी तरह से खुल गई तो लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा और कमला खुद ही अपनी गांड़ हिलाने लगी और सिसक उठी

" आह शादाब, कितना अच्छा हैं तू, आह मार मेरी गांड़।

शादाब तेजी से कमला की गांड़ मारने लगा और कमला हर धक्के पर सिसक रही थी और शादाब की उंगलियां पूरी तेजी से उसकी चूत में अंदर बाहर हो रही थी। तभी शादाब तेजी से धक्के मारने लगा और कमला की चूत एक झटके के साथ झड़ती चली गई और शादाब से कमला लिपटती चली गई और शादाब ने एक आखिरी धक्का उसकी गांड़ में मारा और कमला एक बार फिर से दर्द से कराह उठी। शादाब ने अपनी वीर्य की पिचकारी उसकी गांड़ में मारनी शुरू कर दी और उससे लिपट गया।
बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है
आखिर कमला भी चूद गई शादाब से कमला की चूदाई दमदार हुई शादाब ने तो सपना और कमला की चूदाई कर ली और अजय अभी तक शहनाज को ही चोद पाया है देखते हैं क्या होता है अगले अपडेट का इंतजार रहेगा
 

Sanju@

Well-Known Member
4,812
19,403
158
अगले दिन सुबह सौंदर्या सुबह जल्दी ही उठ गई जबकि अजय और शहनाज़ देर तक सोते रहे। सौंदर्या ने एक दो बार दोनो को उठाने की कोशिश करी लेकिन कामयाब नहीं हुई। सौंदर्या नहाने चली गई और जल्दी ही नहाकर अा गई और शहनाज़ की तरफ देखते आराम से सोचने लगी कि से उसके मांगलिक होने की वजह से सभी को कितनी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। खास तौर से शहनाज बेचारी उसके लिए कितनी मुश्किल उठा रही है। उसने शहनाज़ के चेहरे को देखा और प्यार से उसके माथे को चूम लिया। सौंदर्या फिर उठी और अजय को उठाने लगी तो अजय हिम्मत करके करीब 10 बजे उठ गया जबकि शहनाज़ सोती रही।

सौंदर्या:" भाई देखो ना आज शहनाज़ कितनी देर से सो रही है मानो सारी रात सो नहीं पाई हो।

अजय उसकी बात सुनकर रात हुई शहनाज़ के साथ जबरदस्त चुदाई के बारे में सोचने लगा और फिर अगले ही पल बोला:"

" वो बेचारी शहनाज कई दिन से ठीक से सो नहीं पाई ना इसलिए आज आराम से सो रही हैं।

सौंदर्या:" हान भाई, ये बात तो हैं, सभी लोगो को मेरी वजह से काफी दिक्कत हो रही है।

इतना कहकर सौंदर्या थोड़ा सा उदास हो गई तो अजय बोला:"

" बस तुम परेशान मत हो, अब सब ठीक हो जाएगा। बस दो दिन और उसके बाद तुम्हे इस दोष से मुक्ति मिल जाएगी।

अजय की बात सुनकर सौंदर्या के चेहरे पर एक सुखद मुस्कान फैल गई और तभी शहनाज़ ने भी एक अंगड़ाई लेते हुए अपनी आंखे खोल दी। अजय और सौंदर्या को उसने अपने कमरे में देखा तो एक पल के लिए चौंक गई और फिर उन्हें स्माइल दी।

सौंदर्या:" ओह उठ गई आप, मुझे तो लग रहा था कि आज आप शाम से पहले नहीं उठने वाली। देखो हम दोनों ने अभी तक कुछ नहीं खाया है।


शहनाज़ जल्दी से उठ कर बैठ गई और स्माइल करते हुए बोली:"

" मैं बस अभी नहाकर अाई

इतना कहकर वो बेड से उठी और जैसे ही चलने लगी तो उसे अपनी टांगो के बीच दर्द महसूस हुआ। उफ्फ शहनाज़ की आंखे के आगे रात भर हुई चुदाई का दृश्य घूम गया और उसके चेहरे पर मुस्कान अा गईं। धीरे धीरे हल्के हल्के क़दमों से लंगड़ाते हुए वो बाथरूम की तरफ जाने लगी तो सौंदर्या बोली:"

" क्या हुआ आप ऐसे लंगड़ा कर क्यों चल रही है ? पैरो में दर्द हैं क्या आपको ?

सौंदर्या की बात सुनकर शहनाज़ की सांसे रुकी की रुकी रह गई। वो मन ही मन सोचने लगी कि तुम्हे कैसे बताऊं कि मेरे पैरो में नहीं बल्कि चूत में दर्द हो रहा है तेरे सांड जैसे भाई की वजह से। शहनाज़ ने अपने आपको संभालते हुए कहा:"

" वो रात बाथरूम जाने के लिए अंधेरे में मेज से टकरा गई थी बस इसलिए हल्का हल्का टांगे दर्द कर रही है।

अजय:" अरे अपना ध्यान रखा करो शहनाज़, ऐसे चोट मत खाया करो, ज्यादा लग गई तो दिक्कत हो जाएगी।

शहनाज़ ने सौंदर्या से नजरे बचा कर अजय को घूरा और बोली:"

" अच्छा जी, तुम्हे भी थोड़ा ध्यान रखना चाहिए, इतनी बड़ी मेज उठाकर अलग रख देते। इतनी तुम सही जगह कहां अपनी ताकत लगाते हो।

शहनाज़ इतना कहकर बाथरूम में घुस गई और अपने सभी कपड़े निकाल कर पूरी तरह से नंगी हो गई। अगले दिन सुबह सौंदर्या सुबह जल्दी ही उठ गई जबकि अजय और शहनाज़ देर तक सोते रहे। सौंदर्या ने एक दो बार दोनो को उठाने की कोशिश करी लेकिन कामयाब नहीं हुई। सौंदर्या नहाने चली गई और जल्दी ही नहाकर अा गई और शहनाज़ की तरफ देखते आराम से सोचने लगी कि से उसके मांगलिक होने की वजह से सभी को कितनी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। खास तौर से शहनाज बेचारी उसके लिए कितनी मुश्किल उठा रही है। उसने शहनाज़ के चेहरे को देखा और प्यार से उसके माथे को चूम लिया। सौंदर्या फिर उठी और अजय को उठाने लगी तो अजय हिम्मत करके करीब 10 बजे उठ गया जबकि शहनाज़ सोती रही।

सौंदर्या:" भाई देखो ना आज शहनाज़ कितनी देर से सो रही है मानो सारी रात सो नहीं पाई हो।

अजय उसकी बात सुनकर रात हुई शहनाज़ के साथ जबरदस्त चुदाई के बारे में सोचने लगा और फिर अगले ही पल बोला:"

" वो बेचारी शहनाज कई दिन से ठीक से सो नहीं पाई ना इसलिए आज आराम से सो रही हैं।

सौंदर्या:" हान भाई, ये बात तो हैं, सभी लोगो को मेरी वजह से काफी दिक्कत हो रही है।

इतना कहकर सौंदर्या थोड़ा सा उदास हो गई तो अजय बोला:"

" बस तुम परेशान मत हो, अब सब ठीक हो जाएगा। बस दो दिन और उसके बाद तुम्हे इस दोष से मुक्ति मिल जाएगी।

अजय की बात सुनकर सौंदर्या के चेहरे पर एक सुखद मुस्कान फैल गई और तभी शहनाज़ ने भी एक अंगड़ाई लेते हुए अपनी आंखे खोल दी। अजय और सौंदर्या को उसने अपने कमरे में देखा तो एक पल के लिए चौंक गई और फिर उन्हें स्माइल दी।

सौंदर्या:" ओह उठ गई आप, मुझे तो लग रहा था कि आज आप शाम से पहले नहीं उठने वाली। देखो हम दोनों ने अभी तक कुछ नहीं खाया है।


शहनाज़ जल्दी से उठ कर बैठ गई और स्माइल करते हुए बोली:"

" मैं बस अभी नहाकर अाई

इतना कहकर वो बेड से उठी और जैसे ही चलने लगी तो उसे अपनी टांगो के बीच दर्द महसूस हुआ। उफ्फ शहनाज़ की आंखे के आगे रात भर हुई चुदाई का दृश्य घूम गया और उसके चेहरे पर मुस्कान अा गईं। धीरे धीरे हल्के हल्के क़दमों से लंगड़ाते हुए वो बाथरूम की तरफ जाने लगी तो सौंदर्या बोली:"

" क्या हुआ आप ऐसे लंगड़ा कर क्यों चल रही है ? पैरो में दर्द हैं क्या आपको ?

सौंदर्या की बात सुनकर शहनाज़ की सांसे रुकी की रुकी रह गई। वो मन ही मन सोचने लगी कि तुम्हे कैसे बताऊं कि मेरे पैरो में नहीं बल्कि चूत में दर्द हो रहा है तेरे सांड जैसे भाई की वजह से। शहनाज़ ने अपने आपको संभालते हुए कहा:"

" वो रात बाथरूम जाने के लिए अंधेरे में मेज से टकरा गई थी बस इसलिए हल्का हल्का टांगे दर्द कर रही है।

अजय:" अरे अपना ध्यान रखा करो शहनाज़, ऐसे चोट मत खाया करो, ज्यादा लग गई तो दिक्कत हो जाएगी।

शहनाज़ ने सौंदर्या से नजरे बचा कर अजय को घूरा और बोली:"

" अच्छा जी, तुम्हे भी थोड़ा ध्यान रखना चाहिए, इतनी बड़ी मेज उठाकर अलग रख देते। इतनी तुम सही जगह कहां अपनी ताकत लगाते हो।

शहनाज़ इतना कहकर बाथरूम में घुस गई और अपने सभी कपड़े निकाल कर पूरी तरह से नंगी हो गई। शहनाज़ ने अपने पूरे जिस्म को शीशे में देखा तो उसकी आंखे खुली की खुली रह गई। उसके पूरे जिस्म पर जगह जगह लाल निशान पड़ गए थे। अजय ने बड़ी बेरहमी से उसके जिम्स को मसला था अपने हाथो से। उसके दोनो कंधो पर अजय के दांतो के निशान साफ दिखाई पड़ रहे थे, शहनाज़ ने अपनी चूचियों को छुआ तो उसकी चूचियों में हल्की सी टीस सी उठ गई। उसके दोनो निप्पल पर लाल सुर्ख निशान पड़ गए थे और आगे से हल्के से सूज गए थे। अजय ने पूरी बेदर्दी से उसके निप्पलों को अपनी उंगली से खींचा था और दांतो में भर भर कर जोर जोर से काट लिया था। शहनाज़ ने हिम्मत करके अपनी पूरी दोनो चूचियों को अपने हाथो में थाम लिया और उन्हें प्यार से सहलाने लगी मानो रात भर उनके साथ हुई जबरदस्त चुदाई, रगड़ाई के लिए उन्हें तसल्ली दे रही हो। शहनाज़ ने पलट कर अपनी गांड़ को देखा तो उसकी गांड़ की हालात भी कम खराब नहीं थी। शहनाज़ का एक हाथ नीचे उसकी चूत से टकराया तो उसके मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी।


उसने अपनी एक टांग को टेबल पर रखा और अपनी चूत को शीशे में देखा तो उसकी आंखे उत्तेजना से लाल हो गई। उसकी चूत पूरी तरह से लाल होकर सूज गई थी जिससे उसे दर्द का एहसास हो रहा था। शहनाज़ ने धीरे से अपनी चूत के होंठ को सहलाया फिर हल्के गुनगुने पानी से नहाने लगी। शहनाज़ के बदन में हो रहा चुदाई का दर्द काफी हद तक कम हो गया और वो अपने कपड़े पहनते हुए अजय के बारे में सोचने लगी। कमीना कहीं का, कोई भला ऐसे करता है क्या ? मेरी जगह कोई ए क कुंवारी लड़की होती तो उसका क्या हाल होगा।

ये ही सब सोचते सोचते वो बाहर अा गई और फिर सबने साथ में नाश्ता किया। नाश्ता करने के बाद अजय उन्हें आज रात होने वाली पूजा के बारे में समझाने लगा।

अजय:" बस आज रात शहनाज़ की आखिरी विधि होगी और उसके बाद कल आखिरी पूजा सिर्फ सौंदर्या के साथ होगी क्योंकि आज रात के बाद मंगल का प्रभाव कम हो जाएगा। आज पूर्णिमा की रात होगी और थोड़ी देर के लिए रात में इन्द्र धनुष दिखाई देगा जो इस बात का सबूत होगा कि हम कामयाब होने वाले है।

दोनो ने ध्यान से उसकी बाते सुनी और देखते ही देखते शाम के छह बज गए तो सभी ने हल्का सा खाना किया और फिर पूजा की आगे की विधि करने के लिए गंगा के किनारे अा गए।

बाहर अंधेरा हो गया था और तीनो के बदन पर अभी सिर्फ काली चादर लिपटी हुई थी।

अजय एक स्थान पर बैठ गया हवन के पास बैठ गया और मंत्र पढ़ने लगा। देखते ही देखते चारो ओर से जोर जोर से हवाएं चलने लगी और अजय के चेहरे पर मुस्कान फैल गई तो सौंदर्या और शहनाज़ दोनो स्माइल करने लगी।

अजय ने दोनो को उठने का इशारा किया और शहनाज़ के उठते ही उसके जिस्म पर लिपटी हुई चादर हवा के झोंके के साथ उड़ती चली गई और वो पूरी तरह से नंगी हो गई। शहनाज़ शर्म से लाल हो गई क्यूंकि सौंदर्या और अजय के सामने उसे बेहद शर्म अा रही थी।

अजय ने हवन कुंड के पास से एक लालटेन उठाई और शहनाज़ को अपने पास आने का इशारा किया। शहनाज़ मुंह नीचे किए धीरे धीरे चलती हुई उसके पास अाई और अजय ने उसे लालटेन थमा दी और कुछ मंत्र पढ़ने लगा और फिर बोला:"

" शहनाज़ अब ये लालटेन जलती रहेगी चाहे कितनी भी तेज हवाएं चले। तुम इसे लेकर आगे आगे चलो और पीछे पीछे सौंदर्या आएगी। जैसे ही सामने इन्द्र धनुष दिख जाए तो आज की आधी पूजा कामयाब समझी जाएगी।

शहनाज़ का जिस्म लालटेन की रोशनी में बेहद खूबसूरत लग रहा था और उसकी चूत के आश पास मंगल यंत्र अभी भी हिल रहा था जिससे शहनाज़ बेचैन हो गई थी। उसने लालटेन को हाथ में लिया और आगे बढ़ने लगी।


download-20211121-121803

शहनाज़ के चलने के उसकी नंगी गांड़ पूरी तरह से कामुक अंदाज में हिल रही थी जिसका असर अजय के साथ साथ सौंदर्या पर भी हो रहा था। सौंदर्या को शहनाज़ के जिस्म पर पड़े हुए लाल निशान देखकर हैरानी हो रही थी कि इसे क्या हो गया है, कहीं ये सब पूजा का असर तो नहीं है या फिर अजय ने ही शहनाज़ को चोद....

सौंदर्या अगले ही पल सोचने लगी कि नहीं ऐसा नहीं हो सकता, जरूर पूजा की वजह से ही ये सब हुआ है। वो शहनाज़ के पीछे पीछे चल रही थी और अजय उसके ठीक पीछे। तभी हवाएं बहुत तेजी से चलने लगी और लालटेन की बत्ती इधर उधर हिल रही थी लेकिन बुझ नहीं रही थी। हवाओं से सौंदर्या के जिस्म पर पड़ी हुई चादर भी हिल रही थी और उसकी गांड़ हल्की हल्की खुल कर दिख रही थी। अजय ने देखा कि उसकी बहन की गांड़ के दोनो हिस्से किसी भी तरह से शहनाज़ से बहुत ज्यादा कम कम नहीं थे। शायद एक या दो ही इंच कम लेकिन उसके मुकाबले काफी ठोस लग रहे थे।

तभी सामने आकाश में जोर जोर से बिजलियां कड़कने लगी और तेज हवाओं के साथ सौंदर्या की गांड़ पूरी तरह से नंगी हो गई। तभी सामने आकाश में इन्द्र धनुष बना हुआ दिखाई दिया और सौंदर्या उसे देखते ही खुशी से अजय की तरफ देखते हुए बोली:"

" भैया वो देखो इन्द्र धनुष।


IMG-20211120-230131

अजय ने एक बार इन्द्र धनुष की तरफ देखा और फिर उसने अपनी नजरे सौंदर्या की मोटी मोटी गांड़ पर टिका दी। उफ्फ क्या माल है उसकी बहन,सच में किसी भी तरह से शहनाज़ से कम नहीं, दोनो की गांड़ एक से बढ़कर एक। अजय इन्द्र धनुष कम और अपनी बहन की गांड़ ज्यादा देख रहा था।

इन्द्र धनुष के निकलते ही हवाएं रुक गई और शहनाज़ ने लालटेन को एक तरफ रख दिया और अपनी चादर को उठाकर अपने जिस्म पर लपेट लिया।

सौंदर्या खुशी से दौड़ती हुई अजय के गले लग गई और बोली:"

" भाई इन्द्र धनुष निकल गया इसका मतलब हमारी पूजा कामयाब हो रही हैं।


अजय ने सौंदर्या को अपनी बांहों में भर लिया और उसकी गांड़ पर दोनो हाथ टिका कर बोला:"

" हान मेरी प्यारी दीदी, अब तुम दोष मुक्त होकर दुल्हन बन जाओगी।

इतना कहकर उसने सौंदर्या की गांड़ को हल्का सा सहला दिया तो सौंदर्या मचल गई और फिर उससे छूटकर शहनाज़ के गले लग गई।

अजय:" अच्छा अब देर मत करो क्योंकि अभी कुछ और विधियां आज के लिए बाकी है। उन्हें पूरा करना होगा।

खुशी से झूमती हुई अलग हो गई और बोली:"

" हान भैया बताओ ना क्या करना होगा अब मुझे

अजय:" देखो आचार्य जी ने बताया था कि मैं बहुत ही शुभ योग में पैदा हुआ हूं। इसलिए मेरे सारे शरीर की छाया तुम्हारे शरीर पर पड़नी चाहिए। वैसे तो रात में पूरा अंधेरा है लेकिन अभी इन्द्र धनुष की रोशनी में छाया बन ही जाएगी। एक बार इन्द्र धनुष गायब हो गया तो फिर सब व्यर्थ चला जाएगा।

सौंदर्य:" ओह भाई जल्दी बताओ ना कैसे और क्या करना होगा ?

अजय:" तुम दोनो पूरी तरह से नंगी होकर लेट जाओ। मै सीधा खड़ा रहूंगा। पहले छाया शहनाज़ पर और फिर तुम पर भी पड़ेगी।

अजय की बात सुनकर दोनो शर्म से लाल हो गई। सौंदर्या का कहीं ज्यादा बुरा हाल था। उसे समझ नहीं अा रहा था कि क्या करे तभी अजय फिर से बोल उठा :"

" शरमाओ मत दीदी आप, अगर शर्म के कारण इन्द्र धनुष गायब हो गया तो आप ज़िन्दगी भर मांगलिक ही रह जाएगी।

सौंदर्या तड़प उठी और उसने बेबस नजरो से शहनाज़ की तरफ देखा जो अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गई थी। शहनाज़ अजय के इशारे पर तेजी से आगे बढ़ी और उसने सौंदर्या के जिस्म से चादर को खींच कर उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया और सौंदर्या ने शर्म के मारे अपने दोनो हाथ अपने चेहरे पर रख लिए। अजय ने पहली बार अपनी बहन की गोल गोल ठोस नारियल के आकार की चुचियों को देखा और उसकी आंखे चमक उठी।

शहनाज़ और सौंदर्या दोनो जमीन पर पड़ी हुई चादर पर लेट गई। अजय ने अपनी चादर को हटा दिया और नंगा हो गया। उसका मोटा तगड़ा लंड हवा में लहरा उठा जिसे देखते ही सौंदर्या के मुंह से डर के मारे चींखं निकल पड़ी और उसकी आंखे फिर से बंद हो गई। लंड को देखते ही शहनाज़ की आंखे चमक उठी और उसने अजय को एक कामुक इशारा किया।

अजय अब ठीक शहनाज़ के सामने खड़ा हुआ था और उसके जिस्म की परछाईं शहनाज़ के ऊपर पड़ रही थी। अजय शहनाज़ की तरह देखते हुए बोला:"

" ऐसे ही मेरी आंखो में देखती रहना, तभी जाकर ये विधि सही से पूर्ण होगी।

शहनाज़ ऐसे ही उसकी तरफ देखती रही और देखते ही देखते अजय उसके करीब अा गया और उसका लन्ड की परछाई अब शहनाज़ के होंठो के सामने पड़ रही थी और शहनाज़ ने अपनी जीभ निकाल कर अजय को इशारा किया तो अजय बोला:"

" बस शहनाज़ अब तुम्हारी बारी खत्म, अब परछाई सौंदर्या के उपर पड़नी चाहिए। दीदी जल्दी से आंखे खोल दो।

सौंदर्या ने बड़ी मुश्किल से अपनी आंखे खोली और उसने अजय की आंखो से मिला दी। अजय के जिस्म की परछाईं उसके जिस्म पर पड़ रही थी और लंड की परछाई ठीक सौंदर्या की चूत पर पड़ रही थी। सौंदर्या का शर्म के मारे बुरा हाल हो गया था।

अजय:" बस दीदी हो गया, आपका जिस्म अब काफी हद तक मंगल के प्रभाव से मुक्त हो गया है। कल एक अंतिम दिन पूजा होगी। ढलते हुए इन्द्र धनुष की लालिमा आप पर कहीं बुरा असर ना कर दे इसलिए आप अपनी आंखे फिर से बंद कर लीजिए।

सौंदर्या ने जैसे ही आंखे बंद करी तो अजय ने शहनाज़ को स्माइल दी और शहनाज़ ने आगे बढ़कर उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी। देखते ही देखते उसने लंड को एक झटके के साथ मुंह में भर लिया और चूसने लगी।


4175-blowjob

इन्द्र धनुष कभी का छुप गया हो और शहनाज़ बेसब्री सी लंड चूसे जा रही थी। अजय और शहनाज़ दोनो पूरी तरह से सौंदर्या से बेखबर हो गए थे और लंड चूसने से निकलती हुई आवाज से सौंदर्या बेचैन हो रही थी क्योंकि उसने कई बार सेक्सी मूवी में इस तरह की आवाज सुनी थी लेकिन उसे यकीन नहीं हो पा रहा था कि क्या सच में शहनाज़ उसके भाई का लंड चूस रही है।

शहनाज़ पूरी जोर जोर से लंड चूस रही थी और अजय के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसने शहनाज़ के मुंह में एक धक्का लगाया और उसके मुंह में वीर्य की पिचकारी मारते हुए जोर से सिसक पड़ा। सौंदर्या ने हिम्मत करके आंखे खोली तो उसे मानो यकीन नहीं हुआ। उसका भाई शहनाज़ की दोनो चूचियों को थामे हुए उसके मुंह में लंड से वीर्य की पिचकारी मार रहा था। अजय का लन्ड धीरे धीरे शहनाज़ के मुंह से बाहर निकल रहा था और सौंदर्या को यकीन नहीं हो रहा था कि इतना मोटा और तगड़ा लंड कैसे शहनाज़ के मुंह में घुस गया था।

जैसे ही शहनाज़ और अजय को होश आया तो उन्होंने सौंदर्या की तरफ देखा जिसकी आंखे फिर से बंद हो गई थी। अजय ने शहनाज़ के होंठो को चूम लिया और दोनो ने कपडे पहन लिए और शहनाज़ ने सौंदर्या को आवाज लगाई

" पूजा खत्म हो गई सौंदर्या, चलो जल्दी से अपने कपड़े पहन लो।

सौंदर्या में जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए और सभी वापिस कमरों की तरफ बढ़ गए। अंदर जाते ही फिर से सभी लोग गहरी नींद में चले गए।
बहुत ही सुंदर लाजवाब गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर रोमांचकारी कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
सौंदर्यांने अजय और शहनाज की लंड चुसाई देख ली साथ ही साथ अजय का मोटा लंबा और तगडे लंड को देख कर उसकी चुद मे से पाणी का रिसाव तो हो ही जाना चाहिए
तो अजय और सौंदर्या की एक तगडी और धमाकेदार चुदाई हो जानी चाहिए
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Sanju@

Well-Known Member
4,812
19,403
158
पूजा की विधि में दिखे इंद्र धनुष के प्रभाव का सौंदर्या के शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ रहा था और आते ही गहरी नींद में चली गई। अजय ने सोती हुई सौंदर्या को अपनी गोद में उठा लिया और दूसरे कमरे में बेड पर लिटा दिया और उसका माथा चूम कर वापिस शहनाज के पास आ गया। शहनाज भी थकी हुई थी और अजय ने कमरे में आते ही गेट को ठीक से बंद किया और शहनाज के उपर से चादर को हटा दिया जो कि करवट लेकर सोई हुई थी, शहनाज पूरी तरह से नंगी हो गई। अजय शहनाज के नंगे जिस्म को देखते ही जोश में आ गया और उसने ढेर सारा थूक अपने लंड पर लपेट लिया और शहनाज की चूत से अपने लंड को अड़ा दिया और एक जोरदार धक्का शाहनाज की चूत में जड़ दिया तो अजय का लन्ड एक बार फिर से उसकी कसी हुई चूत में घुसता चला गया और गहरी नींद में सो रही शहनाज इस अचानक हुए हमले से दर्द से तड़प उठी। जब तक उसे समझ आता अजय ने उसकी चूचियों को बेरहमी से मसलते हुए उसकी चूत पर फाड़ना शुरू कर दिया तो शहनाज दर्द से कराह उठी

" आह पागल हो गया है क्या ,!! सोते सोते ही घुसा दिया आह अम्मी, बता तो देता ज़ालिम।

अजय ने शहनाज की गर्दन को चाट लिया और तगड़े तगड़े धक्के लगाते हुए बोला:"

" आह मेरी जान, अच्छा नहीं लगा क्या ऐसे घुसाना ? हाय तेरी चूत कितनी टाइट है।

शहनाज तगड़े धक्कों से आगे को खिसकती हुई बेड के किनारे तक पहुंच गई थी और एक हाथ से अजय को थामते हुए सिसक उठी"

" आह कुछ कुछ अच्छा लगा, पर थोड़ा आराम से कर ना, नहीं तो नीचे गिर जाऊंगी।

अजय ने शहनाज को पकड़ कर बेड के बीच में खींच लिया और उसकी दोनो टांगो को मोड़ कर उसकी चूचियों से टिका दिए और उसकी आंखो में देखते हुए लंड को चूत पर टिका दिया और रगड़ने लगा तो शहनाज़ फिर से तड़प उठी और अपनी चूत को लंड पर उछाल दिया तो अजय ने एक जोरदार धक्का लगाया और लंड को फिर से अंदर घुसा दिया। शहनाज फिर से मस्ती से सिसक उठी और अजय ने उसे फिर से चोदना शुरू कर दिया। शहनाज अजय के नीचे पड़ी हुई जोर जोर से सिसकते हुए चुद रही थी।



400-1000
शहनाज से लंड की मार बर्दाश्त नही हुई और उसकी चूत की दीवारों में तूफान सा उठने लगा तो शहनाज़ बावली सी हो गईं और अजय को जोर जोर से से अपने उपर खींचने लगी मानो उसे पूरी तरह से अपने अंदर घुसा लेना चाहती हो। अजय ने शहनाज की बेकरारी समझते हुए अपने लंड के धक्के पूरी बेरहमी से लगाए तो शहनाज का धैर्य जवाब दे गया और उसकी चूत और मुंह दोनो एक साथ मस्ती से खुल गए

" आह अजय, मर गई मेरी चूत, सीईई आईआईआई चोद दिया तूने शहनाज को।

इतना कहकर शहनाज़ दीवानी सी हुई उसका मुंह चूमने लगी तो अजय ने एक झटके के साथ उसे उल्टी बेड पर पटक कर उसकी चूत में फिर से अपना लंड ठोक दिया और तेजी से चोदने लगा। शहनाज इसके लिए तैयार नहीं थी इसलिए दर्द से कराहती हुई आगे को सरकी

" आह पागल है क्या, ऐसे कौन प्यार करता है, मार डालेगा क्या मुझे तू

अजय ने उसके दोनो हाथ पकड़ कर फिर से अपने लंड पर खींच लिया और जोर जोर से चोदते हुए गुर्राया

" आह प्यार नही चुदाई करता ऐसे, आह शहनाज तेरी चूत क्या मस्त हैं, लंड से आज तक कोई मरी, सिर्फ चूत मरती हैं।

इतना कहकर अजय जोर से उसकी चूत को ठोकने लगा। शहनाज का पूरा जिस्म लंड के धक्कों से हिल रहा था और उसके मुंह से निकलती दर्द और मस्ती भरी सिसकारियां अजय को और मदहोश कर रही थी।

hard-fuck-3-700

अजय के लंड में भी तूफान सा उमड़ रहा था और शहनाज की चूत एक बार फिर से गीली हो गई जिससे धक्कों की स्पीड बढ़ गई थी और शहनाज अजय की आंखो में देखते हुए उसे तेज तेज चोदने का इशारा कर रही थी। अजय अपने लंड को बस सुपाड़े तक अंदर रहने देता और फिर से पूरा घुसा देता। शहनाज पागल सी हुई जोर जोर से सिसक रही थी और अजय तेज धक्के लगाने के लिए उसकी पीठ पर सवार होकर एक पागल सांड की तरह कस कस कर जोर जोर से पूरी बेरहमी से चोदने लगा तो शहनाज की चूत एक बार फिर से पिघल गई और वो एक बार फिर से जोर जोर से सिसकते हुए झड़ती चली गई जिससे उसकी चूत और चिकनी हो गईं और अजय को लगा जैसे उसके लंड में तूफान सा आ गया हैं तो उसने पूरे लंड को तेजी से बाहर निकाला और एक जोरदार धक्के के लिए जड़ तक उसकी चूत में घुसा दिया तो शहनाज जोर से दर्द से कराह उठी तो अजय ने उसके मुंह को अपने हाथ से बंद कर लिया और अगले की पल जोरदार धक्कों की बारिश शहनाज की चूत में करने लगा।

gif-hard-fuck-forcefully-5ee3beb762718

अजय ने अपनी लंड को पूरा बाहर निकाला और अगले ही पल एक धक्का पूरी ताकत से उसकी चूत में जड़ दिया और उसका लंड शाहनाज की चूत की गहराई में उतर का वीर्य की बारिश करने लगा और अजय शाहनाज की कमरे पर गिरकर उसकी गर्दन को चूमने लगा। शहनाज उसके नीचे पड़ी हुई अपने उखड़ी सांसों को काबू कर रही थी और अजय उसकी गर्दन को चूम रहा था। अजय का लंड सिकुड़ कर शहनाज की चूत से बाहर निकल गया तो शहनाज ने अपने बदन की पूरी हिम्मत समेटकर उसे अचानक से धक्का दिया तो अजय बेड पर गिर गया और शहनाज ये देखकर मुस्कुरा उठी तो अजय ने हल्की नाराजगी जताते हुए उसकी चूचियों को जोर से उमेठ दिया तो शहनाज ने उसका लंड जोर से मुट्ठी से भींच दिया तो अजय के चेहरे दर्द के भाव उभर आए तो शहनाज ने उसके लंड को ढीला छोड़ दिया और बोली:

" तुम सुधर नहीं सकते क्या ? क्यों बिल्कुल जंगली की तरह प्यार करते हो? थोड़ा सा भी रहम नहीं दिखाते।

अजय के चेहरे पर स्माइल आ गई और शहनाज के गाल चूम कर बोला:"

" क्यों तुम्हे पसंद नही आता क्या मेरा ये जंगलीपन ? मजे तो बहुत करती करते हो तुम जोर जोर से सिसकियां लेकर !!

शहनाज ने अजय की चौड़ी छाती पर हाथ फिराया और बोली:"

" हान पसंद आता है लेकिन ये सही तरीका नहीं होता चुदाई का समझे तुम।

अजय ने शहनाज की गांड़ को हाथो में भर लिया और जोर से मसलते हुए बोला:"

" हाय मेरी जान शहनाज, जब तक औरत चींखें ना मारे तो चुदाई का क्या मतलब!!

शहनाज जोर से गांड़ दबाए जाने से फिर से दर्द से कराह उठी और बोली"

" आउच अजय, उफ्फ क्या करू तेरा, कैसे सुधारु तुझे? बस किसी तरह पूजा खत्म हो जाए तो मेरी चूत की जान बचे।

इतना बोलकर शहनाज मुस्कुरा उठी तो उसकी बात सुनकर अजय ने शहनाज के हाथो को पकड़ लिया और उसके उपर फिर से चढ़ गया और उसके माथे को चूम कर बोला:"

" आह शहनाज अब तो तू जिंदगी भर मेरा लंड तेरी चूत की पूजा करेगा।

शहनाज कुछ बोलती उससे पहले ही इतना कहकर अजय ने अपने होंठ उसके होंठों से चिपका दिए और चूसने लगा। शहनाज चाह कर कुछ नहीं बोल पाई और फिर से अजय के साथ मदहोश होती चली गई। अजय का लन्ड फिर से पूरी तरह से खड़ा होकर उसकी चूत में घुसता चला गया और बेड पर फिर से एक जंग छिड़ गई जिसमे शहनाज हार कर भी जीत रही थी। अजय ने पूरी बेदर्दी से शाहनाज को पूरी रात चोदा और शहनाज का बुरा हाल हो गया। उसकी चूत बुरी तरह से फट गई थी और शहनाज का गोरा चिट्टा जिस्म अजय के दबाए मसले जाने से जगह जगह से लाल पड़ गया था। आखिकार रात भर हुई चुदाई के बाद दोनों दो गए।

सुबह करीब आठ बजे के आस पास सौंदर्या की आंखे खुली और तैयार होकर दोनो को उठा दिया तो दोनो न चाहते हैं भी उठ गए और नाश्ता करने लगे।

अजय:" दीदी बस आज आखिरी पूजा होगी और कल से आपकी जिंदगी की एक नई सुबह शुरू हो जाएगी।

सौंदर्या के चेहरे पर स्माइल फैल गई और बोली:" भाई ये सब तो आप और शहनाज के कारण ही हो रहा है। आप नही होते तो शायद मैं कभी ठीक नहीं हो सकती।

अजय:" मेरे नही बल्कि शाहनाज के कारण कहो दीदी, इन्होंने आप पर आने वाली मुश्किल को अपने उपर झेला हैं।

सौंदर्या:हान शाहनाज ये तो बात बिलकुल सच है, ये नही होती तो पता क्या होता।

शाहनाज दोनो की बाते सुन रही थी और बोली:"

" बस बहुत हो गई तारीफ, अब आज रात होने वाली पूजा पर ध्यान दो क्योंकि उसके बाद ही तुम दोष मुक्त हो पाओगी।

सौंदर्या:" हान आपकी बात ठीक हैं, भाई किस तरह की पूजा विधि होगी आज ?

अजय:" मंगल आज आपकी कुंडली से निकल जायेगा लेकिन खुशी खुशी तभी जायेगा जब आप से खुश हो जाए। मंगल को खुश करने के लिए आपको पहले मंगल यंत्र को शुद्ध करके पहनना होगा और उसके बाद बिलकुल एक दुल्हन की तरह खुद को तैयार करना होगा ताकि मंगल आपके रूप सौंदर्य पर मोहित हो सके। बाकी तो सब पूजा की विधियां होगी जो समय आने पर मैं आपसे खुद ही करा लूंगा। एक बात और आज शाहनाज पूजा में नही होगी।

शहनाज:" कोई बात नही मैं यहीं अपने कमरे में रहूंगी, मेरी कोई भी मदद चाहिए तो मैं काम आ जाऊंगी।

सौंदर्या:" मेरा दिल तो बहुत घबरा रहा हैं, बस किसी तरह से आज को पूजा सफल हो जाए।

अजय ने सौंदर्या का हाथ पकड़ लिया और उसे तसल्ली देते हुए बोला:"

" आप चिंता मत करो दीदी, सब कुछ आराम से हो जायेगा। मेरे होते हुए आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं।

शाहनाज:" और फिर मैं भी तो यहीं रहूंगी। कोई भी समय मेरी जरूरत हो तो आ जाऊंगी।


सौंदर्या के चेहरे पर स्माइल आ गई और सभी ने अपना खाना खत्म किया और उसके बाद सभी लोग रात की पूजा की तैयारी में जुट गए। शाम के करीब सात बज गए थे और सूरज ढल गया था। पूजा का मुहूर्त 10:15 मिनट था और जैसे जैसे समय करीब आता जा रहा था वैसे वैसे सौंदर्या बेचैन हो रही थी।

शहनाज ने मंगल यंत्र को गंगा जल से शुद्ध कर दिया था जो कि बेहद खूबसूरत होकर चमक रहा था। मंगल यंत्र लेकर सौंदर्या नहाने के लिए घुस गई और ही अपने बदन को पूरी तरह से शुद्ध किया और मंगल ग्रह को हाथ में लेते ही उसका बदन कांपने लगा। उसने धीरे से मंगल यंत्र को अपनी नाभि के उपर टिकाया और नीचे से अपनी जांघो के बीच से निकालते हुए अपनी पीठ पर ले गई और पीठ पर लपटेकर फिर से अपनी नाभि पर बांध दिया।


nnn-GR-n-S12-Vg-UUIr-Og-Zauqx-Ey4cl-DGwk-Li-UT-CRf-M50


मंगल यंत्र एक बार फिर से सौंदर्या की चिकनी चूत पर बंध गया था लेकिन इस बार पहले के मुकाबले काफी टाइट बंधा था और घुंघरू कुछ ढीले हो गए जो इधर उधर हिल रहे थे और सौंदर्या को अजीब से गुदगुदी महसूस हो रही थी। सौंदर्या ने अपने जिस्म पर एक चादर लपेट ली और बाहर निकल गई। शाहनाज को देखते ही वो हल्की सी शर्मा ने और फिर शाहनाज और सौंदर्या दोनो ने मिलकर सौंदर्या का मेकअप शुरू कर दिया। करीब 09:40 मिनट तक सौंदर्या पूरी तरह से तैयार हो गई और खुद को शीशे में देख कर शरमा गई।

शहनाज:" बहुत खूबसूरत लग रही हो सौंदर्या, जल्दी ही तुम अब दोष मुक्त होकर दुल्हन बन जाओगी और इसके बाद तुम्हारी सुहागरात होगी।

सौंदर्या शर्मा गई और तभी अजय भी अंदर आ गया और सौंदर्या के रूप सौंदर्य की तारीफ किए बिना ना रह सका। सभी ने हल्का भोजन किया और उसके बाद अजय और सौंदर्या दोनो पूजा के लिए घाट की तरफ निकल गए जबकि शहनाज़ ना चाहते हैं हुए भी अपने कमरे में आ गई और सोचने लगी कि बस आज पूजा होने के बाद कल वो वापिस अपने बेटे के पास चली जायेगी। सोचते सोचते ही दिन भर की थकी होने और रात भर हुई चुदाई के कारण उसे नींद आ गई।

अजय और सौंदर्या दोनो घाट की तरफ बढ़ते चले जा रहे थे और सौंदर्या के चलने से मंगल यंत्र के घुंघरू उसकी चूत के आस पास रगड़ रहे थे जिससे सौंदर्या बेचैनी महसूस कर रही थी।
Bahot behtareen zaberdast
Shaandaar update bhai
Dekhte h Ajay Saundria ka iss puja m kuch hota h ya bas aise hi wapas chale jayega sukhe sukhe Ajay n tow daba ke maza lelia h bas saundria hi bachi h
Dekhte h yeh puja m kia hota h
 

Gul Ahmed

Naresh
Banned
832
1,814
144
Writer saab ek story to puri kro dono hatho me laddu liye baithe ho dusri story ke chkkar me is khani pe post nhi aa rhhe
 

Sanju@

Well-Known Member
4,812
19,403
158
अजय और सौंदर्या दोनो घाट की तरफ धीरे धीरे बढ़ रहे थे और आसमान में अभी चांद अपने पूरे शबाब पर था जिससे चारो और मनमोहक चांदनी फैली हुई थी। आसमान में बीच बीच में काले बादल उमड़ रहे थे जिनके सामने आ जाने से अंधेरा हो जाता और फिर उनके हटते ही पूरा घाट चांदनी से नहा पड़ता। दोनो के बीच अभी तक कोई बात नही हुई थी और अजय के मुकबले सौंदर्या थोड़ा धीमे चल रही थी क्योंकि उसके पेट पर बंधे हुए मंगल यंत्र के घुंघरू उसकी चूत के आस पास छू कर उसे ना चाहते हुए उत्तेजित कर रहे थे। सौंदर्या जानती थी कि आज उसकी जिंदगी हमेशा के लिए बदलने वाली हैं क्योंकि आज पूजा का आखिरी दिन था और आज उसे इस मांगलिक दोष से हमेशा के लिए मुक्ति मिलने वाली थी।

दोनो भाई बहन घाट पर पहुंच गए और अजय के बताए अनुसार इस समय सौंदर्या के जिस्म पर सिर्फ एक लाल सुर्ख पवित्र साडी थी। सौंदर्या का पेट खुलकर अपनी छटा बिखेर रहा था और गहरी नाभि अपनी खूबसूरती दर्शा रही थी। सिर्फ पतली सी साड़ी में होने के कारण उसकी गोल गोल चुचियों का आकार साफ साफ महसूस हो रहा था और साडी के उपर से ही उसकी चूचियों का हल्का सा उभार भी साफ नजर आ रहा था।



Sunny-Leone-in-the-still-from-Bollywood-movie-Jism-2

अजय और सौंदर्या दोनो घाट पर ही बैठ गए और अजय उसे पूजा के बारे में समझाने लगा।

अजय:" दीदी आज की पूजा काफी महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि आज मंगल का सीधा सीधा प्रभाव आपके शरीर पर ही पड़ेगा क्योंकि नियमों के मुताबिक आज शाहनाज पूजा में शामिल नही हो सकती। इसलिए आपको ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ेगी।

सौंदर्या के चेहरे पर चिंता की लकीरें थोड़ी देर के लिए उभरी लेकिन फिर वो सामान्य हो गई और अजय ने उसे आगे बताना शुरू किया

"मेरे उपर राहु का प्रभाव और सिर्फ राहु ही मंगल के प्रभाव को कम कर सकता है इसलिए सभी विधियों के दौरान आपको मेरी गोद में बैठना होगा ताकि मंगल आपके उपर ज्यादा प्रभाव ना डाल सके। उसके साथ ही आपको मेरे द्वारा बनाई गई सभी विधियां ध्यानपूर्वक करनी होगी। कुछ विधियां मैं आपको पूजा के दौरान ही बता दूंगा। सबसे पहले आप गंगा को जल अर्पित कीजिए और मंगल का ध्यान कीजिए।

सौंदर्या ने हां में सिर हिलाया और उठकर गंगा में की तरफ बढ़ गई। सौंदर्या के चलने से उसके कंधे पर से साडी सरक और सौंदर्या की पीठ पीछे से पूरी नंगी हो गई।

hot-sunny-leone-in-red-saree-showing-b-bs-3-812-pic3

चांद की रोशनी में सौंदर्या की पीठ बेहद खूबसूरत लग रही थी और अजय उसे बिना पलके झुकाए देखता रहा। सौंदर्या ने बिना पीछे की तरफ देखे ही हाथ से अपनी साड़ी के पल्लू को उठाया और फिर से अपनी पीठ को ढकते हुए आगे बढ़ गई। अजय को अपनी बहन की नंगी पीठ की झलक मिलते ही अपने शरीर के अंदर उत्तेजना महसूस हुई और उसके दिमाग में सबसे पहले एक ही सवाल आया कि आगे से उसकी बहन की चूचियां पूरी नंगी हो गई होगी। काश इस समय उसकी बहन की पीठ नही बल्कि चेहरा उसकी तरफ होता तो कयामत ही आ जाती। सौंदर्या धीरे से गंगा के घाट पर गई और दोनो हाथो से जल अर्पित किया और उसके बाद मंगल का ध्यान करने लगी। सौंदर्या के जिस्म में अजीब का रोमाच उठ रहा था और फिर वो पलटी और वापिस अपने भाई की तरफ चल पड़ी।

जल्दबाजी में सौंदर्या से साडी का पल्लू पहले के मुकाबले थोड़ा सा नीचे बंध गया था जिस पर उसका ध्यान ही नही था और उसकी चूचियां के बीच की गहरी रेखा साफ नजर आ रही थी। अजय ने अपनी बहन की चुचियों के उभार को देखा आज फिर सामने की एक हवन कुंड जला दिया।

हवन कुंड के जलते ही सौंदर्या थोड़ी सी बेचैन नजर आई क्योंकि वो जानती थी अब जल्दी ही विधियां शुरू हो जाएगी और उसे अपने भाई की गोद में बैठना पड़ेगा। सौंदर्या की आंखों के आगे वो दृश्य तैर गया जब वो अपने भाई की गोद में ट्रैक्टर पर बैठी हुई थी और कैसे उसके भाई का लंड उसकी जांघो के बीच में घुसा हुआ था। ये सब सोचते ही सौंदर्या की सांसे तेज हो गई कि ये भगवान अब क्या होगा ? कहीं विधियां करते करते उसके भाई का लंड फिर से खड़ा हो जाता तो क्या होगा क्योंकि वो पूजा खत्म होने तक चाह कर भी उसकी गोद से नही उतर सकती थी।

अजय ने देसी घी के साथ कुछ और सामग्री को कुंड में डाल दिया और देखते ही देखते कुंड में तेजी से आग जलने लगी।


अजय:" दीदी कुंड में अब सारी सामग्री आपके हाथ से डाली जायेगी और रात के करीब एक बजे तक पूजा चलेगी। बस अगले तीन घंटे आपकी आने वाली जिंदगी के लिए बेहद महत्तवूर्ण साबित होंगे। अब शुभ मुहूर्त निकल रहा रहा है इसलिए आप देरी ना करे।

इतना कहकर अजय ने उसे अपनी गोद में बैठने का इशारा किया तो सौंदर्या का मुंह शर्म से लाल हो गया और वो धीरे धीरे आगे बढ़ी और अपने भाई की गोद में बैठ गई। उसकी पीठ अजय की छाती से मिल गई और अजय ने धीरे धीरे मंत्र पढ़ना शुरू किया और सौंदर्या धीरे धीरे उसके पीछे ही मंत्र दोहरा रही थी। अजय ने सामग्री को उसके हाथ में दिया और और सौंदर्या ने थोड़ा सा आगे झुकते हुए कुंड में सामग्री को डाल दिया और फिर से पीछे होती हुई अपने भाई की गोद में बैठ गई। लेकिन उसके पीछे हटने से उसकी साड़ी हल्की सी ढीली हुई और पल्लू उसके गोरे चिकने कंधे पर अटक गया जिससे उसके कंधे आधे से ज्यादा नंगे हो गए और अजय की नजरे अपने बहन के कंधो और गर्दन पर टिक गई। अजय उसके कंधो को देखते हुए मंत्र पढ़ने लगा और उस बार उसने फिर से सौंदर्या के हाथो में सामग्री देते हुए उसके हाथो को अपने हाथो मे लिया और बोला:"

" अब आपके हाथ मेरे हाथो मे रहते हुए ही कुंड में सामग्री अर्पण करेंगे।

अजय उसके हाथो को पकड़े हुए थोड़ा सा आगे झुका तो चौड़ी छाती का दबाव सौंदर्या की कमर पर पड़ा और वो खुद ही आगे झुकती चली गई और अजय ने उसके कान के पास अपनी गर्म सांसे छोड़ते हुए अपने मुंह को उसके कंधे पर टिका दिया और फिर उसके हाथो से कुंड में सामग्री डाल दी। इसके बाद दोनो फिर से पीछे की तरफ हो गए लेकिन इस पर बार साडी का पल्लू पूरी तरह से उसकी कंधो से नीचे सरक गया और उसके दोनो कंधे पूरी तरह से नंगे हो गए। अजय अपनी बहन के नंगे चिकने मांसल कंधो को देखते ही मदहोश हो गया और उसका मन किया कि अपने हाथो में थाम ले लेकिन पूजा में कोई विघ्न नही चाहता था इसलिए अपने आप पर संयम बनाए रखा और फिर से मंत्र पढ़ने लगा। रेशमी साड़ी को सौंदर्या ने अपने दोनो बगलो में दबाते हुए b बड़ी मुश्किल से संभाल रखा था वरना कब की वो उसकी छातियों से सरक गई होती। लेकिन सौंदर्या समझ गई थी कि हवन कुंड में बार बार सामग्री डालने के चलते उसके हाथ खुल रहे थे और वो बहुत ज्यादा देर तक साड़ी को संभाल नही पाएगी। हाय भगवान ऐसे मेरी दोनो चूचियां नंगी हो जाएगी मेरे भाई के सामने। लेकिन उस दिन भी तू उसके सामने नंगी हुई थी जब उसके जिस्म की परछाई तुझ पर पड़ रही थी। लेकिन उस दिन मैं उसकी गोद में भी नहीं बैठी हुई थी। सौंदर्या के मन में विचारो की उथल पुथल मची हुई थी और अजय मंत्र पढ़ता जा रहा था। अजय ने मंत्र खत्म किया और फिर से कुंड में सामग्री डालने के लिए आगे को झुका और सौंदर्या भी आगे झुक गई और अपने दोनो हाथ खोलकर सामग्री डाली जिससे साड़ी उसके कंधो पर से सरक गई और उसने बड़ी मुश्किल से उसे पकड़ने की कोशिश करी लेकिन तब तक साड़ी काफी नीचे सरक गई थी जिससे उसकी आधे से ज्यादा चूचियां नंगी हो गई और सौंदर्या का पूरा बदन कांप उठा। अजय के बार बार आगे पीछे होने से उसके जिस्म पर पड़ी चादर सरक गई थी जिससे उसकी चौड़ी मजबूत छाती पूरी तरह से नंगी हो गई थी। लेकिन सौंदर्या भी बार बार सामंग्री डालने के कारण थोड़ी आगे सरक गई थी जिससे उसे अभी तक अपने भाई की नंगी छाती का एहसास नही हुआ था। अजय मंत्र पढ़ते हुए धीरे धीरे उसके हाथो को सहला रहा था और सौंदर्या की सांसे बहुत तेजी से चल रही थी क्योंकि वो जानती थी कि इस बार जैसे ही वो सामग्री डालने के लिए आगे झुकेगी तो उसकी साड़ी उसकी गोद में गिर जायेगी और उसकी दोनो चूचिया पूरी तरह से नंगी। हो जाएगी। सौंदर्या ये सब सोचते हुए उत्तेजना से भरी हुई थी और मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना करते हुए एक बार उपर की तरफ देखा। अजय काफी देर तक मंत्र पढ़ता रहा और ऊपर आसमान में बीच चांद को काले बदलो ने घेर लिया और चारो तरफ अंधेरा छा गया। सौंदर्या ने राहत की सांस ली मानो भगवान ने उसकी प्रार्थना सुन ली थी।काफी देर से सामग्री ना डालने के कारण हवन कुंड की आग भी काफी धीमी पड़ गई थी जिससे सौंदर्या अच्छा महसूस कर रही थी।

तभी अजय ने मंत्र खत्म किए और सौंदर्य के हाथ में सामग्री देते हुए उसे कुंड में डालने का इशारा किया तो सौंदर्या जैसे ही आगे को झुकी साड़ी आजाद होकर पूरी तरह से उसकी गोद में आ गिरी और उसकी दोनो चूचिया पूरी तरह से नंगी हो गई और की चूत में हलचल सी मच गई। उत्तेजना के कारण सौंदर्या सामग्री नही डाल पा रही थी तो अजय उसकी मदद करने के लिए आगे को हुआ और उसकी नंगी छाती अपनी बहन की पीठ से मिल गई और जैसे ही दो नंगे बदन आपस में टकराए तो सौंदर्य के मुंह से आह निकल पड़ी। जैसे ही सामग्री कुंड में पड़ी तो आग तेज हो गई और चारो तरह हल्का सा प्रकाश हो गया जिससे सौंदर्या शर्म से पानी पानी हो गई। उसने पीछे हटने की कोशिश नही करी और ना ही अजय ने हटने का प्रयास किया। धीरे धीरे जैसे ही अग्नि धीमी हुई तो सौंदर्या ने राहत की सांस ली और पीछे को हुई तो उसकी चूचियां उपर को उछल पड़ी। उफ्फ उसकी नंगी चूचियां उछलने से अजय के हाथो से जा टकराई और दोनो बहन एक अनोखे अदभुत एहसास से भर उठे।

अजय ने पीछे होते हुए अपने हाथो का हल्का सा दबाव सौंदर्या पर दिया जिससे सौंदर्या ज्यादा पीछे हो गई और उसकी नंगी पीठ अभी तक अजय की छाती से चिपक हुई थी। अजय का मुंह अब सौंदर्या के कंधे पर टिका हुआ था और अजय मंत्र पढ़ते हुए हल्के से प्रकाश में अपनी बहन की गोल गोल चुचियों को हल्का हल्का देखते हुए उत्तेजित हो गया था जिससे उसके लंड में तनाव आ रहा था। सौंदर्या जानती थी कि उसका भाई उसकी चुचियों को घूर रहा होगा इसलिए उसकी चूत से रस टपकना शुरू हो गया था जिससे मंगल यंत्र के घुंघरू भीग कर इधर उधर फिसलते हुए उसकी चूत के होंठो को सहला रहे थे और सौंदर्या पूरी तरह से मदहोश होती जा रही थी। अजय ने फिर से सामग्री ली और आगे को होते हुए अपने टांगो को पूरा खोलते हुए कुंड में सामग्री डाल दी और आगे जलने से सौंदर्या फिर से पानी पानी हो गई। अजय की टांगे खुलने से सौंदर्या की रेशमी साड़ी और अजय की चादर दोनो एक साथ नीचे सरक गए। सामग्री डालने के बाद ही लालची अजय ने प्रकाश में उसकी चुचियों को देखने के लिए एक हाथ को सौंदर्या के पेट पर बांधते हुए उसे पीछे की तरफ खींच लिया और जैसे ही सौंदर्या झटके के साथ पीछे को हुई तो मंगल यंत्र का एक घुंघरू फिसल कर उसकी गीली चूत में घुस गया और सौंदर्या के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। अजय ने अपने मुंह को फिर से उसके कंधे पर रख दिया और पहली बार अपनी बहन की ठोस गोल गोल उन्नत चुचियों को देखने लगा। सौंदर्या की आंखे मदहोश में बंद हो गई और अजय ने जी भरकर अपनी बहन की चुचियों का जब तक दीदार किया जब तक कुंड की अग्नि धीमी नही हो गई। अंधेरा होते ही अजय ने फिर से मंत्र पढ़ने शुरू कर दिए और इस बार उसने एक हाथ में सौंदर्या के दोनो हाथो को पकड़ रखा था। सौंदर्या की सांसे बहुत तेज गति से चल रही थी और और चूचियां तेजी से उछल रही थी।

अजय ने फिर से सामग्री ली और अंधेरे में अपने एक हाथ को ठीक सौंदर्या की छाती के सामने करते हुए आगे को झुका और जैसे ही सौंदर्या ने आगे को झुक कर सामग्री डाली तो उसकी एक चूची पूरी की पूरी उसके भाई की चौड़ी मजबूत हथेली में समा गई। सौंदर्या पूरी तरह से बेकाबू हो गई और अजय जान बूझकर सामग्री को धीरे धीरे डाल रहा था और अपने हथेली में बहुत हल्के दबाव के साथ उसकी गुदाज चूची को महसूस कर रहा था। सौंदर्या से बर्दाश्त नहीं हुआ और वो अपनी जांघो को आपस में मसलने लगी जिससे मंगल यंत्र का एक और दूसरा घुंघरू उसकी चूत में घुस गया और सौंदर्या ने पूरी तरह से मदहोश होकर सिसकी लेते हुए अपने जिस्म को ढीला छोड़ दिया तो अजय ने उसकी चूची को हल्का सा उंगलियों से मसल दिया तो सौंदर्या पागल सी हो गई, उसके जिस्म में मस्ती भरी तरंगे उठ रही थी।

अजय पीछे की तरफ हुआ तो उसके साथ ही सौंदर्या भी पीछे होती चली गई। अजय ने अपने हाथ को उसकी चूची पर ही टिकाए रखा और दूसरे हाथ से अपनी चादर और सौंदर्या की साड़ी को मंत्र पढ़ते हुए उठा लिया और सौंदर्या के कान में धीरे से बोला:"

" आप अब आपकी साड़ी और अपनी चादर को कुंड में डाल देंगी और इसके साथ ही आपका जिस्म दोषमुक्त हो जायेगा। मंगल जाते समय आपके जिस्म पर प्रभाव दिखाएगा लेकिन मैं आपको कहीं नही जाने दूंगा।

सौंदर्या उसकी बात सुनते ही खुश हुई लेकिन अगले ही पल शर्मा गई क्योंकि वो जानती थी कि कपड़े कुंड में पड़ते ही चारो तरफ पूरी रोशनी फैल जायेगी जो घंटो तक फैली रहेगी।

अजय ने मंत्र पढ़े और सौंदर्या ने साड़ी और चादर को हाथ में पकड़ लिया। अजय ने जैसे ही इशारा किया तो सौंदर्या ने कपड़ो को कुंड में फेंक दिया और अजय ने जोर से सौंदर्या को अपनी बांहों में कस लिया। मंगल के प्रभाव के चलते सौंदर्या उससे छूटने का पूरा प्रयास कर रही थी लेकिन अजय ने उसे पूरी मजबूती से थामे रखा। जैसे जैसे कपड़े कपड़े जलते जा रहे थे सौंदर्या का जिस्म उछल उछल पड़ रहा था और अजय ने पूरी ताकत से उसे थामे रखा था।

कपड़े जल गए थे और चारो तरफ दिन की तरह उजाला हो गया। सौंदर्या भी अब ज्यादा नही उछल रही थी तो अजय ने राहत की सांस ली।

अजय:" बस सौंदर्या थोड़ी देर और फिर तुम हमेशा के लिए दोषमुक्त हो जाएगी। ये कपड़े नही जल रहे बल्कि मंगल का प्रभाव खत्म हो रहा है।

सौंदर्या काफी अच्छा महसूस कर रही थी और अजय ने फिर से मंत्र पढ़ने शुरू कर दिए और धीरे धीरे सारी सामग्री कुंड में डालने लगा। अजय के दोनो हाथ सौंदर्या की चुचियों पर बंधे हुए थे और वो धीरे धीरे आगे होने के बहाने उन्हे सहला रहा था जिससे उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और सौंदर्या की चूत के आस पास मंगल यंत्र से टकरा रहा था जिससे घुंघरू आगे पीछे होकर सौंदर्या की चूत की दीवारों को रगड़ रहे थे। सौंदर्या मस्ती से भरी हुई मदहोश हो गई थी और अपने आपको पूरी तरह से ढीला छोड़ दिया तो अजय ने अपनी जीभ से उसकी गर्दन को चाट लिया तो सौंदर्या ने आंखे बंद किए ही मदहोश होकर अपने हाथो को अजय के दोनो हाथो पर टिका दिया तो अजय मस्त होकर उसकी गर्दन को चाटते हुए उसकी चूचियों को थोड़ा जोर से मसलने लगा तो सौंदर्या उसकी गोद में बैठी बैठी उछलने लगी और अजय का लन्ड उसकी चूत पर जा लगा तो सौंदर्या के मुंह से आह निकल पड़ी और अजय के हाथो को जोर से अपनी छाती पर दबा दिया और सिसक उठी।

अजय ने उसकी चुचियों को ताकत से मसल दिया तो सौंदर्या के मुंह से हलकी दर्द भरी मस्ती भरी आह निकल पड़ी। अजय ने सौंदर्या के कान की लौ को जीभ से सहलते हुए कहा

" आह दीदी, अब मंगल यंत्र के खुलने का समय आ गया।

इतना कहकर अजय ने मंगल यंत्र को अपने एक हाथ में पकड़ लिया और उसके घुंघरू को पकड़ने के लिए आगे को झुका तो उसके हाथ सौंदर्या की चूत से छू गए।

सौंदर्या से बर्दाश्त नहीं हुआ और सिसकते हुए बोली:" आह खोल दो मंगल यंत्र, आह नही तो ये मेरी जान ले लेगा भाई।

तो सौंदर्या से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने पहली बार पहल करते अजय सेक्सी नजरो से अजय की आंखो में देखा। अजय के होंठ आगे बढ़े और सौंदर्य ने कांपते हुए अपनी आंखें बंद कर ली और अजय ने अपने होंठो को सौंदर्या के होंठो पर टिका दिया। दोनो भाई बहन ने एक दूसरे के होंठो को चूसना शुरू कर दिया और अजय नीचे उंगली से उसकी चूत के होंठो को सहलाने लगा।

अजय की जीभ सौंदर्या के मुंह में घुस गई और सौंदर्या ने बावली सी होकर अपनी चूत को उसकी हथेली में दबा दिया। दोनो एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे।

एक लंबे किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और अजय बोला:

" मंगल यंत्र को मुंह से ही खोलना पड़ेगा अब।


अजय ने सौंदर्या को वही घाट पर लिटा दिया और उसकी टांगो के बीच में झुक गया और दांतो से पकड़ कर मंगल यंत्र को खींचने लगा। लेकिन चूत में घुसे घुंघरू के कारण निकल नही रहा था तो अजय ने अपने होंठो को सौंदर्या की चूत पर टिका दिया और सौंदर्या जोर से सिसक उठी। जैसे ही अजय की जीभ उसकी चूत में अंदर दाखिल हुई तो सौंदर्या ने हाथ आगे बढाया और उसके लंड को थाम लिया और उसकी लंबाई मोटाई को महसूस करके कांप उठी। जैसे ही अजय ने अपनी जीभ से घुंघरू को बाहर की तरफ खींचा तो सौंदर्या की चूत की दीवारों रगड़ गई और सौंदर्या के मुंह से एक के बाद एक मस्ती भरी सिसकारियां निकल पड़ी और उसने अजय को अपने ऊपर खींच लिया। लंड सीधे जाकर मंगल यंत्र से टकराया और मंगल यंत्र टूट कर खुल गया और ने झुक कर उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया तो सौंदर्या नीचे से अपनी चूत को लंड पर उछालने लगी और अजय ने दोनो हाथो से उसके कंधे मजबूती से पकड़ कर उसकी चूत में पूरी ताकत से तगड़ा धक्का लगाया तो पूरा लंड सौंदर्या की चूत में घुस गया। सौंदर्या दर्द के मारे तड़प उठी और अजय ने उसकी चूची को चूसते हुए लंड को बाहर की तरफ खींचा और खून सौंदर्या की चूत से बह चला लेकिन अजय ने फिर से जोरदार धक्का लगाया तो सौंदर्या के मुंह से फिर से दर्द भरी आह निकल पड़ी। सौंदर्या तड़प रही थी और अजय उसकी चूचियों को चूसते हुए धक्के पर धक्का लगाए जा रहा था। धीरे धीरे सौंदर्य की टाइट चूत हल्की से खुल गई तो लंड थोड़ा आसानी से उसकी चूत में अंदर बाहर होने लगा और सौंदर्या के मुंह से अब दर्द के साथ मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसने अजय को अपनी ओर में कस किया और उसका हाथ चूमने लगी।

सौंदर्या को मस्ती में आते देखकर अजय को जोश आ गया और उसने तेजी से उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया तो सौंदर्या का मुंह मस्ती से खुल गया

" आह सीआई उफ्फ मम्मी, आह अजय हाय भाई आह दर्द होता हैं उफ्फ मम्मी।

सौंदर्या ने अजय की आंखो में देखते हुए उसके दोनो हाथो को अपनी चुचियों पर रख दिया और अजय अब पूरी ताकत से उसकी चुचियों को मसलते हुए तगड़े धक्के उसकी चूत में मारने लगा। सौंदर्या कभी सिसकती, कभी आन्हे भरती, मीठी मीठी आवाज में कोयल की तरह कूक रही थी
और अजय अपनी बहन की टाइट चूत में तेजी से लंड पेल रहा था। सौंदर्या का पूरा बदन कांपने लगा और उसने जोश में आकर अपनी गांड़ को उठाते हुए लंड को अपनी चूत में लेना शुरू कर दिया और जोर जोर से सिसक पड़ी

" आह भाई, कितना अच्छा लग रहा है, हाय मुझे क्या हो रहा हैं, उफ्फ मम्मी, हाय भाई।

अजय के धक्कों में भी तेजी आ गई और उसने पागल सा होकर तेज तेज तगड़े धक्के लगाने शुरू किए तभी सौंदर्या का जिस्म जोर जोर से कांपने लगा और उसकी चूत में तूफान सा उमड़ पड़ा और सौंदर्या ने अजय को पूरी जोर से कसते हुए ताकत से अपनी चूत को लंड पर उछाल दिया और अजय ने भी अपने लंड का एक आखिरी जोरदार धक्का अपनी बहन की चूत में जड़ दिया और इसके साथ ही उसका लंड सौंदर्या की बच्चेदानी से जा टकराया और दोनो बहन भाई के साथ सिसकते हुए झड़ते चले गए। दोनो पूरी ताकत से एक दूसरे से लिपट गए।
Bahut hi kamuk aur garmagarm update hai
Sondarya to Ajay ki ho gayi
Aaj Ajay ne sondarya ki damdar chudai kar hi di use Mangal ke dosh se mukt kar diya ab dekhte hai aage kya hota hai ye chudai aage bhi chlati h yahi kahani Hoti hai
Waiting for next update
 
  • Like
Reactions: Luffy and Tiger 786
Top