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Incest मां और मैं

Sangya

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Sahi baat kiya hai
Agreed, I wanted to fill in more details but somehow got delayed n instead of waiting for a day I decided to post with main theam only, will provide more moans n action in next post
 

Sangya

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अरे भैया
एकदम से झाड़कर मां बेटे को शांत कर दिया कुछ धक्कमपेल को लंबा खींचते तो ज्यादा मजा आता
वैसे बहुत सैक्सी अपडेट रहा
मेरी भाभी को कहानी में मज़ा आ रहा था बताने के लिए धन्यवाद
सारा मज़ा एक झटके में रूक गया इसके लिए खेद व्यक्त करता हूं समय मिलने पर अपडेट में आपके मनभावन अनुसार विस्तारित करने का प्रयास रहेगा

आइंदा ध्यान रखूंगा कि कहानी का शीघ्रपतन ना हो
आप अपना शाब्दिक प्रेम-भाव बनाएं रखें
 
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Sangya

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अरे भैया
एकदम से झाड़कर मां बेटे को शांत कर दिया कुछ धक्कमपेल को लंबा खींचते तो ज्यादा मजा आता
वैसे बहुत सैक्सी अपडेट रहा
Abhi update ko revise kiya hai, kripya dubara padkar Anand le aur apni pritikirya de
apki milne ke partiksha mai
 

Sangya

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गोवा में आकर मां की मस्ती बहुत बढ़ी हुई थी मां गोवा के में बिताए हर एक क्षण को जीना चाहती थी आसपास का माहौल देखकर मां कुछ दिन बिल्कुल नवविवाहित जोड़ों की तरह ही बिताना चाहती थी
शायद मां के जवानी की एक अनबुझी प्यास हो जिससे मां घूमने के दौरान हर तरह से मस्ती लेना चाहती हो अभी तक पापा के साथ जितने भी ट्रीप हुए थे उसमें मां को ग्रहणीयों की तरह साड़ियां सूट पहनकर रहना होता था और स्टैंडर्ड टूरिस्ट की तरह होटल में रुकना लोकप्रिय स्थानों पर घूमना और कुछ शॉपिंग करके वापस आना ही शामिल रहता था
घूमने के दौरान पापा मम्मी के अंतरंग क्षणों की कमी अक्सर दिखाई देती थी जिससे मम्मी को की अभिलाषा नित बिल्कुल बेफिक्र होकर मस्त मलंग घूमने की इच्छा दबकर रह जाती थी
बच्चों के साथ ट्रिप में तो माता-पिता को रात में संभोग का मौका भी नहीं मिलता था मां मन में सोचती होगी ऐसा भी क्या घूमना जहां पति पत्नी एकांत को भी तरसे
यहां मेरे साथ घूमते हुए मां को ना तो कोई कपड़ों का बंधन मनचाहे न्यूनतम कपड़े,
जब चाहे अपने शरीर को शांत करने का मौका और मां की चाह को पूरा करने की मेरी चाहत
तालाब के किनारे हुए तुरंत फुरत संभोग के दौरान मां मुझसे बोली मुझे मां मत बोल
मैंने बोला मां कहां हो तुम तो मेरी डार्लिंग हो मेरी प्रेमिका हो जिसे तुम्हें घर से भगा कर यहां हनीमून के लिए लाया हूं मैंने मां के मन की बात बोल दी तो मां ने कसकर मुझे अपने से जकड़ लिया और दमादम हुए संभोग के बाद जब हम कमरे में आए तो उस दौरान मां ने मेरा हाथ अपने हाथों में जकड़े रखा और चलते चलते अपने कंधे कुल्हे मेरे कंधे से टकरा रही थी और हमारे कसे हुए हाथों को अपनी जांघों से रगड़ रही थी मां के हर स्पर्श से मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी मैंने चलते-चलते मां के गालों पर किस किया और बोला मेरी प्यारी रश्मि तुझे तो मैं अपने साथ दिन रात जोड़ कर रखना चाहता हूं तेरी योनि में अपना लिंग डालकर तब तक हिलाना चाहता हूं जब तक तू मुझे पूरी तरह से निचोड़ ना ले
तेरी योनि का कसाव मेरे डंडे को पूरी तरह से उधेड़ ना दे और तेरी मोटी मोटी दूध की थैलियां मेरी छाती पर दूध की मालिश ना कर दें तब तक मैं तुझे चिपका कर अपने शरीर से रखना चाहता हूं
मां ने हमारे हमारे हाथ अपनी जांघों के बीच में रगड़े और बोली मेरे राजा तेरी रानी अपना सब कुछ तुझे सौंप चुकी है अपनी रानी को जैसे भी चाहे उपयोग कर ले तेरी रानी तेरे प्यार की भूखी है इस खुली हवा में मेरी प्यास बहुत ज्यादा बढ़ा दी है तू अपनी प्यारी रानी की प्यास बुझा दे यह कहकर चलते चलते मुझसे किस कर लिया
मैंने भी अपने हाथ से मां की दुधियों को मसला और बोला मेरी प्यारी रानी कमरे में चल वहां तुझे जन्नत दिखाऊंगा आपने मोटे डंडे को तेरे कुएं में डाल कर खूब पानी चूस लूंगा खूब बिलोऊंगा ताकि तेरे कुंए मैं से मक्खन निकलना शुरू हो जाए
मां ने दोबारा अपनी योनि को मेरे हाथ पकड़ा पर रगड़ा और बोली मेरे नन्हे राजकुमार मेरे राजा तेरी छमिया तो तेरे प्यार के इंतजार में तड़प रही है जल्दी से चलकर कमरे में चलकर अपनी ताकत दिखा बात करते-करते हम अपने कमरे में पहुंच गए
 

Meenabhabhi

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अरे भैय्या
इतने छोटे छोटे अपडेट देते हो और सपने दिखाते हो लंबी चुदाई वाली कहानी के
जल्दी से कुछ लंबा गहरा अपडेट डालकर पाठकों को संतुष्ट करो
 

Rajizexy

Punjabi Doc, Raji, ❤️ & let ❤️
Supreme
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nice start
 

Sangya

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मेरी मां मेरे लिए सब कुछ है

मां सहेली और बहन का सारा रोल मां ही करती है और मेरी प्रेमिका के रूप में भी मां ने मुझे हर तरीके से सहारा दिया है

मेरा भी मां की के समर्पण और प्यार को पूरी तरह से संभालने का कर्तव्य रहा जिसे मैंने पूरी निष्ठा के साथ मां की बेटे भाई और प्रेमी के रूप में पूजा की पति का भी सारा दायित्व काफी सा दायित्व मैंने उठाया था मां को मेरे से कभी शिकायत का मौका नहीं मिला मैंने मां को कभी भी शिकायत का मौका नहीं दिया और मैं भी मेरे मन के भावनाओं को समझ कर स्तीथि अनुसार अपना सब कुछ मुझे देती रही है

मां के कारण ही मैंने एकाग्र होकर पढ़ाई की और सरकारी विभाग में बड़ा अफसर बन सकता हूं जब मेरे लिए रिश्ता देखने की बात हुई थी तो मेरे ध्यान में सबसे ज्यादा यही विचार था कि मेरी होने वाली पत्नी से मां को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए

मैंने बहुत सुंदर लड़कियों के प्रस्ताव भी इसीलिए अस्वीकार कर दिए की खूबसूरती के घमंड में मेरी पत्नी अपनी सास की अवहेलना ना करें बल्कि मां और मेरा संबंध स्वाभाविक रूप से मान ले

पत्नी और मेरी मां के संबंध के बारे में चर्चा फिर कभी अभी तो हम गोवा की मस्ती के बारे में लिख रहा हूं हमारा गोवा के लिए चलने से एक दिन पहले ही चुदाई का जो दौर हमारे बीच शुरू हुआ था धूम-धड़ाके से चल रहा था किंतु सारी चुदाई बिल्कुल साधारण तरीके से हो रही थी जोश बहुत ज्यादा था स्पीड भी ज्यादा थी किंतु चोदम-चोदी ज्यादातर मिशनरी पोजिशन ही होती थी

घूमने के बाद जब हम रात को कमरे में आए तो बहुत थके हुए थे थकावट के बावजूद हम दोनों मां बेटा गोवा की मस्ती का एक भी क्षण खोना नहीं चाहते थे

कमरे में आते ही मां ने स्कर्ट और टॉप उतार दिया और खींच कर मेरा बरमूडा भी नीचे कर दिया मां तो चुदने के लिए व्यग्र थी मेरा लौड़ा भी टनटन करता हुआ 90 डिग्री के अंश पर खड़ा था मेरी हर सांस के साथ-साथ लौड़ा ऊपर नीचे हो कर मां की योनि को सलामी दे रहा था

मां नीचे फर्श पर बैठ गई और जीभ निकालकर मेरे लोड़े को लॉलीपॉप की तरह चाटने लगी मां की नरम खुरदरी जीभ जब मेरे लोड़े के छिद्र को चुभलाती तब मैं सातवें आसमान पर पहुंच जाता है

मैंने भी थोड़ा झुकते हुए मां के मम्मो पर कब्जा किया और बेतहाशा मां के मम्मों को जोर-जोर से दबाने लगा अपनी उंगली और अंगूठे के बीच में मां के चूचक दबाकर मां के शरीर में मस्ती की लहर दौड़ा रहा था

मस्ती में सरोबर होती हुई मां मेरे लंड को और ज्यादा गहराई से अपने मुंह में खींच लेती थी लौड़े को निगलने छोड़ने की यह क्रिया प्रतिक्रिया बहुत तेजी से चल रही थी मैं उंगली और अंगूठे से मां के निप्पल दबाता है और मां अपनी जीभ से मेरे लोड़े को रगड़ कर मुझे मस्ती से कंपा देती थी

थोड़ी देर में मेरा लंड फुफकारने लगा तो मैंने अपने हाथ मां के सिर पर लगाए और झटके से अपना लौड़ा मां के मुंह में धकेल दिया लोड़ा तेजी से मां की गर्दन तक जा टकराया पर मां ने बड़ी सफाई से लोड़े को अपने मुंह में एडजस्ट करते हुए जीभ और तालू को गोल करते हुए मेरे लोड़े को के लिए अपने मुंह में टाइट जगह बनाई और मस्ती में मुझे मस्ती देने की क्रिया में कोई विराम नहीं आने दिया सिर्फ आंखें उठाकर मेरे को इशारा किया की आज अपना वीर्य मेरे मुंह में ही छोड़ दे मेरी उत्तेजना काबू में नहीं थी कुछ ही झटकों में मां के चूसने की मस्त अदाओं से मेरे लोड़े में मां के मुंह में मक्खन की बारिश कर दी और मां सटाक से सब निकल गई मैंने नीचे झुक कर मां की होठों से अपनी हॉट मिलाएं और वही फर्श पर हम आलिंगन बंद होकर लेट गए फिर मैंने धीरे से करवट लेते हुए मां की योनि के और अपना मुंह कर लिया मां तुरंत समझ गई और अपने अपनी जांघों को खोल कर अपनी योनि के गिर्द मेरे मुंह के लिए जगह बनाई और जब मेरा मुंह मां की योनि के पास सेट हो गया तो जांघों को मेरे कान के आसपास दबाकर मुझे अपनी चूत चटाई का पूरा मैदान सौंप दिया और इधर अपनी जीभ से मेरे अभी-अभी मुरझाए लोड़े को सहला कर मजे लेने लगी

मुरझाए हुए लोड़े पर मां की जीभ का स्पर्श बहुत ही गुलगुली वाला लग रहा था पर लोड़े ने स्थिति को समझा और आनंद का मौका दुबारा से क्रिएट करने के लिए अपने रंग में आने लगा

मां ने अपने दांतों को अंडकोष को सहलाया मेरी थैली के ऊपर अपने अंगूठे से थोड़ी मालिश की और आधे खड़े हुए लोड़े को घप्प से मुंह में भर लिया

वाह रे मेरी मां तेरा जवाब नहीं मां की सेक्सी अदाओं के जवाब में मैंने अपनी जीभ बाहर निकाल कर योनि के दोनों फांकों के ऊपर चाटने लगा और फिर थोड़ी सी जगह मिलते ही मैंने अपनी जीभ छिपकली की तरह से मां की योनि के होठों के बीच में घुसा दी

मां के शरीर में आनंद की तरंग दौड़ गई हाथ नीचे करते हुए मैंने मां के नितंबों को थपथपाया फिर गहरी सांस लेकर योनि के ऊपरी हिस्से को सूंघते हुए जीभ को कड़ा करते हुए योनि के अंदर पूरी तरह से खिसका दिया

जीभ की छुअन से मां का भग्नासा रगड़ खाने लगा और मां ने ज्यादा कसकर अपनी जांघों को मेरे कानों पर दबा दिया

मैंने थोड़ा और आगे होते हुए अपने अंगूठे को मां की गांड में गुदाद्वार में घुसा दिया तो मां की आनंद लहर जोर-जोर से बजने लगी उसके मुंह से मेरा लौड़ा निकल गया और मां जोर-जोर से सीत्कार भरने लगी

शाबाश बेटा बहुत मजा आ रहा है कर दे बेटा मां को निहाल कर दे मां की ऐसी धुलाई कर की मां गोवा ट्रिप हमेशा याद रखे और पेल दे बेटा शाबाश मां ने टांगों को थोड़ा थोड़ा सा खोल दिया तो मैं ठीक से पोजीशन लेकर जीभ को योनि के अंदर अच्छे से ऊपर नीचे चलाने लगा

मां ने मेरे सिर को अपने हाथों से पकड़ कर दबा दिया और थोड़ा नीचे की तरफ जोर लगाते हुए योनि के होठों को मेरे होठों पर चिपका दिया

मेरी जीभ बच्चे के जैसे मां की चूत के अंदर मां की सेवा कर रही थी और मेरा सख्त तना हुआ लोड़ा मां के मुंह में मजा ले रहा था

शाबाश मेरे बेटा निकलने वाला है शाबाश शाबाश कहते कहते मां का शरीर एकदम सख्त हो गया और मां अमृत की वर्षा करने लगी अपने होठों को गोल करते हुए मां की योनि में से निकलते हुए अमृत की हर बूंद को चूसकर निगल गया मां का शरीर बहुत देर तक कंपकंपाता रहा और मेरे ऊपर अमृत की वर्षा करता रहा। मैं भी बिना सांस लिए सारा अमृत आपने अपने गले में निगल गया

हम दोनों झड़ चुके थे पर मन नहीं भरा था हम दोनों वैसे फर्श पर ही 69 में लेटे रहे और एक दूसरे को चूमते चाटते रहे मुझे लगा कि एक बार और मुखमैथुन कर लेते हैं परंतु मां ने दूसरा इशारा किया तो मैंने मां को गोदी में उठाया और फिर से मां को बिस्तर में पटक कर मां की टांगों के बीच में बैठ गया और मां की योनि चाटने लगा

मां दुबारा सीत्कार भरने लगी मां के आनंद को देखकर मेरा लोड़ा भी तनतनाने लगा था इसलिए मैंने मां की टांगों को फैलाया, अपनी कमर मां की जांघों के बीच में लाते हुए मां के ऊपर लेट गया थोड़ा सा कमर को मोड़ा और मां की चूचियां पीने लगा

मां के निप्पल सख्त होकर बदाम जैसे हो गए थे उनका रस पीकर मैं, मां और अपने आनंद को आगे बढ़ाता रहा

मेरा लिंग मां की योनि के आसपास रगड़ खा रहा था तो मैंने मां ने अपना हाथ नीचे करके मेरे लिंग को अपनी मुट्ठी में कर लिया और मुट्ठी को कसने और ढीला करने की आवृत्ति में मेरे लंड को मुठिया ने लगी मां की नरम मुठ्ठी भी चूत का एहसास दे रही थी

चूत जैसी गर्मी पाकर लंड फिर से चूत में घुसने के लिए आतुर हो रहा था मां ने अपनी टांगे उठाकर पैर छत की तरफ कर दिए तो मां की योनि की पुरी खुली स्थिति के कारण मेरा लंड झट से योनि में प्रवेश कर गया और उसके बाद हम दोनों मां बेटा रेल के धक्कों जैसे चुदाई करने लग जाए जैसे रैली के २ डिब्बे बम्पर पर टकरा रहे हों, झटके इतने तेज थे कि उनके जोर से पलंग चरमराने लगा था

मैं चिल्ला रहा था ले मेरी मां, मेरी प्यारी मां, अपने बेटे का मोटा मुसल अपनी ओखली में ले ले, अपने बेटे के मुसल से कुटवा ले, अपनी सारी गर्मी बेटे की कुल्फी से शांत करें

शाबाश मेरी मां ले ले बेटे का मूसल तेरी कुंडी में बेटे का सोटा मां की सारी नसों की चटनी बना देगा, ले ले मेरी मां, मेरी प्यारी मां,

मां तूने अपने बेटे का मूसल इतनी हिम्मत से डलवा रही है शाबाश मेरी मां तेरी ओखली बहुत टाइट है मेरे मुसल से कितना अच्छा मसाला कुटता है। शाबाश मेरी मां, ले ले मेरी मां



बहुत देर तक हमारा इंजन चलता रहा मेरी कमर थोड़ी दुखने लगी तो मैंने मां की चूत में अपना लंड डाले-डाले करवट ली और मां को अपने ऊपर ले लिया ऊपर होते ही मां ने घुटने पीछे की तरफ मोड़े और बैठकर मेरे लोड़े पर घुड़सवारी की स्थिति में बैठ गई

मां जबरदस्त तरीके से मेरे लंड* पर अपनी चूत फंसा कर मेरी मां घुड़सवारी करने लगी बेटे का लंड मां की चूत में बहुत टाइट होकर जा रहा था और मां अपने बेटे का लंड अपनी कसी हुई चूत में ले रही थी

मैं सातवें आसमान पर था बहुत ही मजेदार चुदाई चल रही थी हम दोनों थक गए थे बाहर समंदर की हवा खिड़की से अंदर आने के बावजूद चुदाई के धक्कों झटकों के कारण हम दोनों मां बेटा पसीना पसीना हो गए थे और जोर-जोर से अनाप-शनाप बोल रहे थे

मुझे पक्का यकीन है कि कोई अगर नीचे से जा रहा होता तो हमारी चुदाई की आवाज में सुनकर जरूर रुक जाता और अपने साथी की जुदाई में लग जाता

धकधक धक-छप छपा-छप पकपकाफक धम-धम मूसलाधार चुदाई में हम दोनों मां बेटा लगे रहे पलंग के स्प्रिंगदार गद्दे इतनी जोर से उछाल मार रहे थे कि मां की चूत का डबल मजा आ रहा था।

दुगना मजा ले रही मां भी मेरे लोड़े के ऊपर उछल उछल कर थक गई तो मैंने थोड़ा बैठते हुए मां की जांघों के बीच में हाथ फंसाया और मां को चुदाई वाली पोजीशन में ही उठाकर दीवार के पास ले गया और मां की पीठ को दीवार के साथ लगा कर जोर-जोर से धक्के मारने लगा सख्त दीवार होने के कारण धक्के बहुत ताकत के साथ लग रहे थे मां ने

अपने हाथ मेरी पीठ के गिर्द कस दिए और अपने होंठ मेरे होंठों से जोड़ दिए नीचे मेरा लिंग मां की योनि को ठोकता रहा और इतना पेल दिया जिससे मां झड़ने की सीमा पर आ गई और चिल्लाई शाबाश मेरे बेटा मां झंडने वाली है तू भी तैयार हो जा और मां ने हाथ नीचे करके मेरे अंडकोष में टट्टों को जोर से दबाया जिससे मेरे धक्के और तेज हो गए और फिर मैंने झर-झर करते हुए अपना वीर्य मां की योनि में बरसा दिया

मेरे वीर्य की धार मां की योनि की दीवारों तक पहुंची तो मां भी झड़ने लगी है और मां ने कस कर अपनी छातियां मेरी छाती से मिला दी अपने हाथ मेरी गर्दन पर कस कर अपने होंठ मेरे होंठों से जोड़ दिए और मैं घूम कर मां को लिए लिए ही बिस्तर पर लुढ़क गया और पसीने से तरबतर हम दोनों मां बेटा अपने लंड और चूत का यह मिलन करवाने के बाद गहरी सांसे ले रहे थे

सांस आते ही मां ने फिर से मेरे मुंह को चाटना शुरू कर दिया और अपने हाथ से मेरे लोड़े को फिर से सहलाने लगी तो मैंने बोला मां मेरा डंडा अभी तुम्हारी चूत की गर्मी नहीं बल्कि तुम्हारे गांड की गहराई को नापना चाहता है

आज पहली बार तुम्हारा बेटा तुम्हारी गांड मारने की फरमाइश कर रहा है, पूरी करोगी ना, मां अपने बेटे की इच्छा?

मां बोली, तू मेरा बेटा ही नहीं मेरा प्रेमी भी है' तू जो बोलेगा, तेरी प्रेमिका हर लिहाज से पूरी करेगी
 

Sangya

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मां के साथ आलिंगनबद्ध लेटे हुए मैंने मां से कि मां तुम्हारा सबसे अच्छा टुअर कौन सा रहा है
मां ने थोड़ा नीचे सरककर मेरे निप्पल की एक पप्पी ली और उसे दांतो से चुभलाया, अपने हाथ से मेरे लिंग को जोर से दबा कर झुनझुने जैसा हिलाया और फिर ऊपर होकर दोबारा मेरे गाल को चूमा फिर बोली मेरा नौजवान प्रेमी बेटा मुझे जिस टूर पर लाया है वही मेरी जिंदगी का सबसे लुभावना मन भावना दूर है
मैंने मां से को अपने पास और ज्यादा चिपकाया और पूछा तुम्हारा हनीमून कहां हुआ था
मां बोली क्यों मजाक करता है हमारे जमाने में हनीमून नहीं तीरथ होता था हम लोग हरिद्वार गए और वहां से 2 दिन के लिए ऋषिकेश गए वहां पर भी एक आश्रम में रुके थे पूरी सती सावित्री बनकर मैं तेरे पापा के साथ एक हफ्ता आश्रम आश्रम घूमती रही
मैंने मां के नितंबों पर हल्की सी चपत मारी और कहा तो मुझे आश्रम में संभोग करने के बाद उत्पन्न किया है
मां ने मेरे घंटे को हिलाया और हंसते हुए बोली बाबाजी का ठुल्लू !!!!
आश्रम में कहां मन लगता था, मैं तो सारा दिन तेरे पापा के साथ घूमती हुई रात का इंतजार करती थी कि कब कमरे में जाकर धमाधम पिलाई हो और तेरे पापा भी दिन में तो शांत रहते थे पर रात और सुबह सुबह जरूर अपने डंडे की आग बुझा लेते थे
पापा अपने डंडे की सख्ती से तुम्हारी योनि के ऊपर भी तो अच्छे से वर्षा कर देते होंगे
मां हंसते हुए बोली तेरा यह डंडा बिल्कुल तेरे पापा के ऊपर गया है, तेरे पापा अपनी जवानी के दिनों में तेरे जैसे ही ठुकाई में लगे रहना चाहते थे पर सम्मिलित परिवार में मौका कहां मिलता था मैं बोला क्यों ताई भी तो उसी घर में रहते हुए ताऊ जी से दिन रात ठुकाई करवा लेती थी तो आपको क्या रोक टोक थी,
मां ने कहा मैं छोटी थी और तेरे पापा भी इतनी हिम्मत नहीं करते थे और जब हम दूसरे शहर में आकर अकेले रहने लगे तभी हमारे रात दिन मेरे मनमुताबिक रंगीन होने लगे लेकिन उसके बाद जब तुम पैदा हो गए तो तेरे पापा दूसरे शहर में नौकरी करने लग गए तो मुझे हफ्ते में एक बार ही डंडे का झूला मिलता था ।

मैंने मां को खींचकर आलिंगन में लिया और बोला मैं अपनी परियों जैसी मां की बचपन से जवानी तक की अनबुझी प्यास पूरी करूंगा
मेरा बेटा, मिटाएगा ना मां के शरीर की आग को, मां ने मुझे कस कर चूमा और बोली बेटे पिछले कुछ सालों से तेरे ही सहारे मेरा तन-मन चल रहा है।
आजा मेरे राजा बेटा
मां के कुंड में एक बार और डूबकी लगा ले ।
 
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Sangya

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अरे भैय्या
इतने छोटे छोटे अपडेट देते हो और सपने दिखाते हो लंबी चुदाई वाली कहानी के
जल्दी से कुछ लंबा गहरा अपडेट डालकर पाठकों को संतुष्ट करो
मेरी प्यारी मीना भाभी
आप मांग करें और आपको नाराज करें यह मजाल किसी लेखक में नहीं
एक लंबा-चौड़ा अपडेट और उसके बाद एक छोटा सा
कृपया पढ़ कर प्रतिक्रिया दें
आशा है आपको पसंद आएगा
 
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