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Incest मां और मैं

Guri006

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Nice
 
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Sangya

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Just now I read
जिंदगी मां जैसी होनी चाहिए
दूसरे के पास कैसी भी हो फर्क नहीं पड़ता

अपनी वाली अच्छी लगती है
मैंने सोचा कि नहीं
दोस्तो की मां भी अच्छी लगती है अगर लाइन दें रही हो तो.....
 
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Sanju@

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मैंने फिर से मौसी को चोदने का कार्यक्रम बनाया और उससे पहले जल्दी से किचन में जाकर जल्दी से दो गिलास गर्म दूध ले आया और साथ में ब्रेड टोस्ट रखे थे वह डुबोकर मौसी को खिलाने लगा मासी में कुछ ताकत आई और उठ कर बैठी फिर मौसी ने मुझे भी दूध टोस्ट खिलाए
खाली पेट में दौड़ते चूहों को राशन मिला तो वह चुप कर बैठ गए और हम दोनों मौसी बेटे ने मिलकर एक नींद की झपकी ले ली
नींद से उठते ही मैंने रसोई में जाकर फटाफट आधे बने हुए पराठें सेक कर मक्खन के साथ प्लेट में रख लाया और मौसी को उठा दिया और छोटे-छोटे कोर तोड़कर मौसी को खिलाने लगा
मौसी बोली मेरा राजा मेरी चूत को अपना लंड खिलाने के बाद मेरे पेट में भी अपने प्यारे हाथों से बने हुए पराठे खिला रहा है शाबाश मेरे बेटा
मैंने मौसी को बहुत प्यार से खाना खिलाते हुए कहा कि मेरी प्यारी मौसी मां जैसी मौसी मुझे इतनी प्यार से अपनी चूत में डुबकियां लगवा रही है उसको ताकत देने का तो मेरा फर्ज है ही
मौसी बोली बेटा ताकत तो तू अपने लौड़े से सारा प्रोटीन मेरी चूत में भरकर दे ही रहा है बल्कि सुबह से तूने अपने शरीर में से निचोड़कर सारा प्रोटीन मेरे में भर दिया है।

मैंने मौसी को चूमते हुए कहा कि तुम्हारे को प्रोटीन देने से मेरे शरीर में कम नहीं हुआ
"बांटने से प्यार ही नहीं प्रोटीन भी बढ़ता है"
देखो ना जितना प्रोटीन तुम्हें दे रहा हूं उससे ज्यादा प्रोटीन हर बार मेरे लौड़े में भरता जा रहा है
मौसी ने मेरे टट्टों को सहलाते हुए पुचकारा और बोली यह सारा प्रोटीन तो इन गोलियों के कारण आ रहा है मुझे इनकी सेवा करनी चाहिए,
साथ ही मौसी ने परांठे का एक कौर तोड़कर अपनी चूत में रगड़ा और मेरे मुंह में भर दिया मौसी की चूत की रबड़ी पराठे पर लगकर और स्वाद हो गई थी
मैंने एक पराठे का रोल बनाया और उसे मौसी की चूत में डालने लगा तो वह टूटकर मौसी की चूत के आसपास बिखर गया
फिर मैंने नीचे झुकते हुए मौसी की चूत पर लगा हुआ पराठा अपने दांतो और होठों से खाने लगा
मौसी मेरी जीभ के छूने से उत्तेजित होने लगी थी तो बोली अरे बावले लड़के अब थोड़ी देर सब्र कर ले अभी खाना खा रहे है जीभ से मेरी चूत को चाटेगा तो मुझे लंड घुसाने की ठरक चढ़ जाएगी जिससे पराठे मेरी चूत के ऊपर चटनी बन जाएंगे इसलिए पहले आराम से परांठा खा ले
इस तरह चुम्मा चाटी करते हुए खाना खाने के बाद हम मौसी बेटा आराम से पलंग पर लेटे रहे तो मौसी ने फिर से संजय की बात शुरू की
मैंने मौसी का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखा और अपनी उंगलियों से मौसी की चूत कुरेदने लगा फिर बोला मौसी जब मैं तुम्हारे घर आया था तो संजय को मैंने तुम्हारी और मौसा जी की चुदाई देखते हुए पकड़ा था
अगले दिन मैंने बातों बातों में संजय से पूछा कि मां बाप की चुदाई देखने से क्या महसूस होता है तो उसने बताया कि काफी पहले से संजय तुम्हें चोदना चाहता है
मौसी बोली कब से? मैंने तो ध्यान ही नहीं दिया!!
मैंने बोला कि मौसी तुम मौसा जी के लंड से इतनी संतुष्ट थी कि तुमने घर के जवान लौड़े पर ध्यान ही नहीं दिया
हर एक लड़के का लंड पहली बार अपनी मां की मचलती जवानी और उत्तेजना को देखकर ही खड़ा होता है
हर मां शायद जानबूझ कर अपने सुंदर को प्रदर्शित करने की खातिर या जब तक मां नहीं समझती कि उसका बेटा उसको सेक्स का सुख देना चाहता है और मां के शरीर से अपनी चोदने की पहली ललक पूरी करना चाहता है तब तक मां बड़ी लापरवाही से अपने बेटे के सामने कपड़े बदलती है बिना पल्लू लिए अपने खुले ब्लाउज में से छलकते मम्मों पर पड़ी बेटे की निगाह भी मां को नहीं पता चलती ना ही मां ख्याल करती है कि मां की जांघों तक चढ़ी मैक्सी या पेटिकोट उसके बेटे के लंड खड़ा करके मुठ मारने पर मजबूर कर देती है
यह मेरे साथ भी हुआ था और आज भी मां को देखकर मेरी कामवासना काबू में नहीं रहती इसीलिए जब मैंने संजय से पूछना शुरू किया तो संजय ने एकदम खुलकर मुझे कहानी सुना दी
जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही उसे तुम्हारी छलकती हुई गांड और कसमसाते हुए मम्मे और मांसल जांघों के बीच में से कभी-कभी दिखती हुई तुम्हारी झांटें या चूत कितना उत्तेजित कर देती हैं कि मौका मिलते ही संजय तुम से लिपट-लिपट कर अपना लंड मां की गांड पर रगड़ता है और कभी तकिए पर लंड रगड़ कर अपना माल निकाल देता है
मौसी तुमने ख्याल नहीं किया होगा कि जब तुम कपड़े धोती थी तो कैसे संजय तुम्हारी मदद करने के बहाने से तुम्हारे सामने ही खड़ा रहता था और हर एक मां मौसी की तरह तुम भी पेटीकोट को जांघों तक चढ़ा पेटीकोट और लो कट वाले ब्लाउज पहनकर उसके लन्ड पर अपनी अदाओं से ठरक चढ़ा देती थी
जब कपड़े खंगालने के लिए तुम झुकती थी तो कैसे तुम्हारी सारी सेक्सी जायदाद बेटे को दिख जाती है ऊपर से पानी के छींटे पड़ने से ब्लाउज में ढके हुए निप्पल भी साफ-साफ दिखने लगते हैं संजय ही नहीं, मैं भी, बल्कि सारे ही लड़के अपनी मां को इस तरह देखने के लिए सारे जतन करते हैं और उसके अलावा आटा गूंधने के टाइम रसोई में या दुछत्ती में समान रख्ते उतारते समय भी मां और बेटे का एक दूसरे को छूना, बेटे को बहुत उत्तेजित कर देता है इसके बाद जो सबसे बड़ा मां की चूत मारने का कारण बनता है वह होता है बच्चों द्वारा मां बाप की चुदाई देखना मां बाप अपने बच्चों को अबोध समझ कर रात को या कभी-कभी दिन में भी अपने चुदाई की प्यास के चक्कर में जल्दबाजी कर लेते हैं उसी समय बच्चों को पहली बार लंड और चूत का असली प्रयोग पता चलता है कामुक आवाजें और सिसकारियां तथा अश्लील बातें बच्चे को इतना उत्तेजित कर देती हैं कि उस समय तो वह अपना माल निकाल ही देता है पर बाद में भी मां को चोदने के सपने बुनता रहता है और हद तो तब होती है जब घर में दोनों भाई बहन किसी खुशकिस्मती से इकट्ठे ही मां-बाप की चुदाई देख सुन लेते हैं तो उनकी जिज्ञासा उनके अंगों यौन अंगों को एक दूसरे के सामने खुलवा देती है
मौसी के सामने मैंने संजय और संजना के आपसी चुदाई संबंध को जाहिर ना करना उचित समझा और कहा कि मैंने संजय से पूछा था कि क्या कभी संजना ने भी मौसी मौसा की चुदाई देखी है
तो संजय ने बोला कि शायद उसे नहीं पता होगा वह तो अपने कमरे में घोड़े बेच कर सोती है तब मेरे मन में आया था कि संजना घोड़े बेचकर नहीं घोड़े का लंड जैसा कुछ लंबा बैंगन खीरा या लौकी अपनी चूत में लेकर सोती होगी
मौसी ने बहुत डरे हुए स्वर में पूछा तुझे यकीन है कि संजय और संजना ने कभी भी इकट्ठे हमारी चुदाई नहीं देखी होगी
अब मैं मौसी को क्या बताता थी संजय संजना ने ना केवल मौसी मौसी चुदाई इकट्ठे देखी है बल्कि नंगे होकर एक दूसरे की से चिपक कर खिड़की में से देखते हुए जब मौसा मौसी की चूत में अपना लंड पेल रहे थे तब बाहर उनके बेटा-बेटी आपस में वही खेल, खेल रहे थे
यह बताने से मौसी निराश हो जाती इसलिए मैंने यह बात छिपाना ठीक समझा और मौसी को दिलासा दिया कि संजना ने शायद कभी अलग से तुम्हारी चुदाई की आवाजें सुनी होंगी पर मुझे नहीं लगता कि उसने संजय से इस बात का जिक्र भी किया होगा क्योंकि संजना बहुत ही शरीफ लड़की लगती है
अब मौसी को क्या बताता की उस दिन संजय से चुदवाने के बाद संजना ने भी मेरा लौड़ा घपा घप करके अपने मुंह और चूत में पिलवाया था
मेरे आश्वासन से मौसी को कुछ आराम मिला और मौसी ने अपनी टांगे फैलाकर मेरे को अपनी जांघों के बीच में एडजस्ट किया मैंने भी मौसी के होठों का चुंबन लिया और बात आगे बढ़ाई मौसी संजय कोई अपवाद नहीं है सारे ही लड़के अपनी मां को चोदने का सपना देखते हैं और कुछ खुश किस्मत मां होती हैं जो अपने बेटे का सपना पूरा करके अपनी चूत की प्यास भी बुझा लेती हैं इसमें कुछ भी गलत नहीं होता
मां बेटे का आपसी प्यार चूत के लेने देने से और बढ़ता है और मां को भी पति के बूढ़े होने पर बाहर कहीं भी अपनी इज्जत को खतरे में नहीं डालना पड़ता बेटा बचपन से ही मां की अदाओं और खूबसूरती का दीवाना होता है
तभी तो सारे बच्चे बचपन में कहते हैं कि मैं मम्मी से शादी करूंगा
माँ भी खुशी से बेटे के बड़े होने पर उसकी बातें याद करके अपनी चूत में उंगली करती है
मौसी मुस्कुराई और बोली सच में मैं तो ध्यान नहीं दिया था कि संजय का लौड़ा मेरी चूत की प्यास बुझा सकता है और संजय भी मेरी चुत चोदना चाहता है नहीं तो मैंने कई बार संजय के कच्छे धोते हुए उसमें लगे वीर्य के निशान चूमे और चाटे हैं और बहुत बार बहाने से संजय से लिपट लिपट कर अपनी चुत के कस बल निकालने की कोशिश भी की थी
मैंने कहा मौसी आग तो दोनों तरफ बराबर लगी हुई थी पर तुम दोनों में ही हिम्मत नहीं की
मौसी ने मुझे उलाहना दिया कि जब तुझे संजय की इच्छा पता चली थी तो तूने मुझे पहले क्यों नहीं बताई और संजय को भी क्यों हिम्मत नहीं दी कि वह आगे बढ़कर मेरी तैयार चूत में लंड का झंडा गाड़ दे

मैंने झूठ बोला की मौसी उस समय तक मेरे में भी हिम्मत नहीं थी और ना ही मैंने तब तक अपनी मां की चूत मारी थी तो मैं कैसे विशाल को उल्टी मति दे कर तुम्हारे से बलात्कार करने की सलाह देता वह तो गोवा में पापा के ना जाने से मम्मी बहुत निराश थी और मैं मां को अकेले में उदास और चुदासा देखकर मां की मदद करना चाहता था
आग तो हम दोनों में भी बराबर लगी हुई थी मुझे याद है कि जब मैं कपड़े धोने के समय मां की मदद करता था तो माँ पेटिकोट अपनी जांघों के जोड़ कर उठा लेती थी और ब्लाउज के भी बटन खोलकर अपनी चूची पूरी तरह मुझे दिखा देती थी और चादर निचोड़ने के समय माँ मेरे से चिपक कर मेरे गीले कच्छे के अंदर खड़े हुए लौड़े को अपनी जांघों पर रगड़ने का पूरा प्रयास करती थी
गोवा में हम बातों बातों में ही पता नहीं कैसे इतना खुल गए कि पता नहीं कब मां की मैक्सी कमर के ऊपर चढ़ गई मेरा कच्छा घुटनों तक सरक गया और मैं मां की जांघों के बीच में अपनी कमर फंसाकर मां की चूत में अपने लंड से मां की चूत के छेद को और गहरा करने में लगा हुआ था
जब मैं झड़ गया तू मां को मां और मेरे को लगा कि हमने अपने मां बेटे के रिश्ते में एक वह मंजिल पा ली है जिसके लिए हम दोनों मां बेटा कई बरस से सपने में देखते थे और वह रास्ता पार कर लिया है जिस रास्ते को हम दोनों मां बेटा बहुत लंबे समय से पार करना चाहते थे पर झिझक और अपने मन के डर के कारण उस रास्ते पर पैर रखने में डर रहे थे
जब बातें करते-करते हमें पता ही नहीं चला की हम मां बेटे के असली प्यार की असली मंजिल को छू चुके हैं उसके है पहले तक हम डरते ही रहते थे
एक बार मेरे लंड ने मां की चूत की गली देख ली तो वह बार-बार उसी रास्ते पर जाने की जिद करने लगा
गोवा में जाकर मेरी और मां की बरसों से दबी हुई इच्छा पूरी हो गई हमारे बीच में जो झिझक के कपड़े थे वह उतर गए और हम सेक्स के वर्जित लेकिन बहुत आनंददायक रास्ते पर दौड़ने लगे
मेरे लिए तो मेरी मौसी यानी तुम्हारी चूत मारने के अलावा यह दूसरा ही अवसर था और पहली बार भी मैंने जब तुम्हारी चूत में अपना लंड पेला था तब भी मैं काफी कुछ मां जैसा ही समझ कर तुम्हारे को पेल रहा था
यह सुनकर मौसी थोड़ा गुस्से हुई और बोली यानी कि तू मुझे जो उस दिन प्यार दिखा रहा था वह झूठा था
मैं बोला : अरे नहीं नहीं मां बेटे और मौसी बेटे के प्यार में कहीं कुछ फर्क होता है क्या?
तुम्हारा और मम्मी का स्वभाव और शरीर इतना ज्यादा एक जैसा है कि फिर गोवा में मैं मां को चोदते समय तुम्हारी चुदाई की बात सोच रहा कर तुम्हें चोदता हूँ तो मुझे मां की याद आती है और माँ को चोदते के समय तुम्हारी रसीली चुत की याद आती है

मेरी इस बात से मौसी तुनक कर बोली तेरी माँ हर जगह पर मेरे से आगे ही रहती है उसने हमेशा ही मेरे से ज्यादा चुदाई करवाने का भाग्य पाया है तेरे बाप से भी मैं चुद नहीं पाई और तेरी मां ने गोवा में अपने बेटे से भी खूब मजे लिए हैं
मैं बोला: मौसी, पर मेरे से तो मेरा लंड तो तुम्हें मां से पहले मिल गया था, इस मामले में तुमने मां से बाजी मार दी
मौसी बोली: बाजी नहीं मारी बल्कि चूत मरवाई!!! तेरी इस बात से मैं खुश हुई!!! तूने अपनी मां से पहले मुझे चोद कर मेरे लिए अपना ज्यादा प्यार दिखाया इस खुशी में मौसी तुझे आज एक बार और ज्यादा चुदाई का मौका देती है !!!
मैंने भी कमर अपना लंड मौसी की जांघों के बीच में रगड़ा और नारा लगाया “आकाश की मौसी जिंदाबाद” “मौसी जिंदाबाद”

मेरी इस बात पर मौसी चिल्लाई: मां के लौड़े नेताओं की तरह नारे ही लगाता रहेगा या कर्मभूमि में अपना झंडा भी गाढ़ेगा
मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए अपना लंड सीधा करके मौसी की चूत में पेल दिया और हुमक हुमक कर को चोदने लगा

चोदते चोदते ही मैं मौसी से बोला मौसी संजय से चुदवाने का क्या प्रोग्राम बना रही हो
मौसी बोली अब जो तू मेरी चूत मार रहा है मैं सोचकर तेरे लंड को खा रही हूं कि मेरा संजय पहली बार मेरी चूत मार रहा है मेरी भोसड़ी में अपना लंड डाल रहा है
इस पर मैंने मौसी की चुत को गहरे शाट से मस्त करते हुए बोला ले मेरी मां अपने संजय बेटे का लंड अपनी चूत में ले***
संजय का नाम सुनते ही मौसी ने भी नीचे से एक उछाल लेकर लंड को आधे रास्ते में ही अपनी चूत की गिरफ्त में लेकर गहराई तक उतार लिया और उछल उछल कर चुदवाने लगी
मैं भी संजय बनकर अपनी मौसी मां को चोदने लगा
मौसी बोली आजा मेरे संजय बेटा कितना प्यासा है तू तूने मां को बताया ही नहीं!!
कोई बात नहीं आज फाड़ दे अपनी मां की चूत, अपनी मां की चूत से निकला था अब लंड से शुरू करके दोबारा अपनी मां की चूत में घुस जा
मेरी मन की प्यारी चुत, मां की चूत, मेरी मां को पेलता हूँ , पहले मेरी मां अपने बेटे का करारा लंड !!! ** !! अपनी चूत में अंदर तक ले ले
चुदाई की गति धीरे करते हुए मैंने मौसी से पूछा मौसी कैसे बताओगी
मौसी बोली: मेरा मन तो कर रहा है कि किसी तरह से संजय यहां आ जाए और यहां पर ही मेरी चूत में अपने लंड का उद्घाटन कर दे पर अभी चिट्ठी भी डालेंगे तो टाईम लगेगा
मैं बोला मैं जाकर संजय को बुला लाता हूं!
मौसी बोली: मैं तेरी मां की बीमारी का बहाना करके आई हूं और सोचती थी कि यहां मौका देख कर तेरे लंड से अपना बाजा बजवाऊंगी और किस्मत से तू घर पर अकेला ही मिला और हम मनमर्जी से मन भर कर अपनी तसल्ली कर रहे हैं
अब तू जाएगा तो कहीं तेरे मौसा जी संजना को भी संजय के साथ ना भेज दें
वैसे भी तेरे आने जाने में 2 रात 1 दिन लग जाएगा तब तक मैं तेरी दमदार मस्त चुदाई के लिए भी तरसती रहूंगी फिर उसके बाद हमारे लिए एक ही दिन तो बचेगा
कुछ और रास्ता सोचेंगे अभी तो तू मेरा प्यार आकाश बेटा अपनी मौसी को लगातार चोदकर अपनी मां जैसी मौसी की चूत की कई महीनों की अनबुझी प्यास बुझा
यह कहकर मौसी मेरे से लिपट गई और मैंने भी धक्के तेज करते हुए दनादन मासी को चोद कर मौसी की चूत में उसका कामरस छुड़वा दिया
मौसी की चूत का रस छूटते ही हमारे धक्कों से फच फच की आवाज होने लगी और उससे मेरे लंड ने भी मौसी की चूत में पानी छोड़ दिया
इसके बाद में मौसी को आलिंगन में लेकर मैं मस्त लेट गया मौसी ने मेरे कंधे पर अपना सिर रखकर अपनी जांघें मेरी जांघों पर चढ़ाई और प्यार करते हुए बोली आकाश जिस तरह तूने बताया है उसी तरह से मैं और संजय भी प्लान बना कर तो चुदाई शुरू नहीं कर सकते बल्कि सब कुछ अचानक पर सहज से स्वाभाविक तरीके से होना चाहिए
जैसे बिना उस दिन कुछ प्लान किए बस छूटने के बाद, तेरे मम्मी पापा को बहुत दिनों बाद मिले चुदाई के मौके में बिघ्न बनने से बचने के लिए हम घर वापस ना आकर धर्मशाला में रात बिताने चले गए थे, सच में तब तक मेरे मन में उस दिन तेरे साथ चुदाई का खेल शुरू होने का विचार ही नहीं था पर किस्मत से बिना कुछ विशेष जतन किए ही मुझे तेरा लौड़ा और तुझे मेरी चूत मिल गई

मैं बोला: मौसी हर चीज मिलने की एक जगह और टाईम फिक्स होता है, हम मां बेटे को इस संबंध में आना था और हमारी बरसों की आपसी चुदाई की चाहत उस दिन पूरी हो सकी, देखना जल्दी ही किसी दिन संजय आपको पेलने के बाद आपको चूम रहा होगा और आपकी यह रसीली चूत संजय के वीर्य से भरकर छलक रही होगी।

मौसी मुझे चौंकाते हुए बोली : "तेरी मां की चूत में तेरा लंड"
मैं सकपकाया तो मौसी बोली "तेरे मुंह में घी शक्कर" कहने का सैक्सी अंदाज है!!!

अच्छा!! जब कभी दिन में तेरे मौसा और संजना नहीं होंगे तभी मेरी चूत का रास्ता संजय के लिए खुल सकता है ??
मैंने कहा: मासी अगर संजना और मौसा जी की सुबह जाकर शाम को वापिस आने का समय होगा तो उनके आने की जल्दी में शायद तुम इतना ना खुल पाओ
मौसी बोली और तो कुछ चारा नहीं है ऐसा होना बहुत मुश्किल है कि संजना और तेरे मौसा जी वह दोनों बाप बेटी इकट्ठे कहीं जाए
मैंने कहा कि तो मौसी दूसरा यही रास्ता है कि किसी दिन आकाश को कॉलेज जाने से रोक लेना और संजना और मौसा जी के बाहर जाते ही तुम कपड़े धोने बैठ जाना, कपड़े धोने हमेशा की तरह तुम अपना पेटीकोट ऊंचा करके और ब्लाउज को ढीला करके संजय को मदद के लिए बुलाना और जब तुम्हारा मस्त सेक्सी शरीर देखकर संजय का लन्ड खड़ा होने लगे तो तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर संजय को का सहारा लेकर बेडरूम में आ जाना वहां संजय को तुम हाथ पैर मालिश करने के लिए कहना जिससे संजय को उस हालत में तुम्हें मसलने का मौका मिलेगा और धीरे-धीरे तुम अपने शरीर को संजय के हवाले करती रहना देखना एक सीमा पार करते ही मुझे तुमसे लिपट जाएगा और तुम्हें पता भी नहीं चलेगा कि कब संजय ने अपना हथियार अपनी जन्मभूमि में गाड़ देगा और अपनी मां की प्यास और अपनी चाहत शांत करेगा
मौसी बोली हां कुछ ऐसा ही करूंगी और मैं और मौसी ऐसे ही बहुत देर तक लेटे हुए एक दूसरे के शरीर की गर्मी का आनंद लेते रहे
थोड़ी देर में ही कमरे में अंधेरा छा गया मैंने उठकर लाइट जलाई घड़ी देखी तो शाम के 7:30 बज चुके हैं और मुझे ध्यान आया कि मैं और मौसी पिछले 10 घंटे से लगातार चुदाईही करते आ रहे हैं लाइट जलते मौसी मैक्सी ढूंढने लगी बेडरूम में नहीं मिली तो बैड की चादर ही अपने ऊपर ओढ़कर बाथरूम में चली गई
मैं अभी तक नंगा था मैंने भी अपना कच्छा ढूंढने की कोशिश की तो याद आया कि मौसी की मैक्सी और मेरा कच्छा किचन में ही रह गए थे
मैं मुस्कुराते हुए किचन में गया, मैक्सी और कच्छा उठा ले आया
मौसी बाथरूम से आकर फिर बिस्तर पर लेट गई और मैंने पेंट कमीज पहनकर बाहर ढाबे से कुछ खाने का सामान लेने निकल गया
ढाबे का खाना खाकर हम दोनों फिर से नंगे होकर बिस्तर पर एक दूसरे से लिपट कर सो गए लेट गए ना जाने उस दिन मौसी की खूबसूरती में क्या खुशबू आ रही थी कि बार-बार मेरा लंड मौसी को चोदने के लिए खड़ा हो रहा था और मौसी की चूत भी उतनी ही गर्मजोशी से मेरे लंड को अपनी गहराइयों में समाने के लिए तैयार हो रही थी
हमने एक बार फिर तूफानी चुदाई की और थक कर सो गए दोबारा फिर कुछ देर बाद नींद खुली तो देखा कि मौसी मेरे लंड को सहलाते हुए खड़ा करने की कोशिश कर रही थी
मौसी के हाथों का एहसास होते ही मेरा लंड से से पूरी ताकत से खड़ा हो गया और मैंने फिर एक बार मौसी को घोड़ी बनाकर चोद डाला घोड़ी बनी हुई मौसी जब झड़ गई तो मौसी बोली अब दूसरी सीधा नीचे लेट जा मैं तेरे ऊपर सवारी करूंगी
मैं पीठ के बल बिस्तर पर लेटा मौसी ने दोनों घुटने मेरी चूतड़ों के आसपास रखें और नीचे सरकते हुए अपनी रसीली चूत को मेरे तने हुए लौड़े के ऊपर टिका कर धम्म से बैठ गई और फिर तेजी से मेरे लंड के ऊपर दंड बैठक करने लगी
सुबह से लगातार इतनी बार चुदाई होने के बाद भी मौसी की चूत पूरी कसी हुई थी और मेरा लंड की पूरा तना हुआ था
मौसी की चूत में मेरा लंड बहुत फंस कर रगड़ खाकर जा रहा था जिससे मेरे और मौसी दोनों को बहुत मजा आ रहा था मौसी जब मेरे ऊपर सवारी कर रही थी तो उसके उछलते हुए मम्मे मेरे सामने बज रहे थे
मैंने अपने हाथ बढ़ाकर मौसी के मम्मों को अपनी हथेलियों में भरा और जोर जोर से मसलने लगा थोड़ी देर में मौसी दोहरी होकर मेरी छाती पर लेट गई और अपने मुड़े हुए पैर सीधे करके अपनी जांघें मेरी जांघों से रगड़ने लगी
इस समय मैं नीचे सीधा लेटा हुआ था और मौसी मेरे ऊपर लेट कर ही मेरे लंड को अपनी चूत में ऊपर की तरफ मुड़ कर मजे ले रही थी
लौड़े के लौड़े के उस एंगल से मौसी की चूत की अंदर तक की गहराइयों को रगड़ दिया और मौसी ने कसकर मेरे को पकड़ा और कांपते हुए झड़ने लगी हम पता नहीं वैसे ही झड़ते झड़ते दुबारा नींद के आगोश में चले गए
मौसी मेरे ऊपर ही लेटी रही जबकि लगने के बाद मेरी नींद खुली तो देखा की मौसी मेरे ऊपर बेसुद्ध सो रही है और मेरा लौड़ा मां मौसी की चूत के आसपास मुरझाया सा पड़ा है पर मेरे आंख खुलते खुलते ही लौड़े ने भी जाग कर मौसी की चूत को कुरेदना शुरू कर दिया
मेरे मन में फिर से मौसी को चोदने की इच्छा तेज हो गई मैंने मौसी को आलिंगन में लेकर नीचे पलट दिया और सोती हुई मौसी की ही टांगे खोल कर भक्क करके अपना लौड़ा मौसी के अंदर पेल दिया मौसी कसमसाई और मौसी की नींद खुल गई
मेरे लौड़े को अपनी चूत के अंदर महसूस करके मौसी फिर मजे से चुदने लगी
इस बार हमने बहुत ही धीमे धीमे पैसेंजर ट्रेन की तरह चुदाई का मजा लिया हम धक्के मारते एक दूसरे को चूमते मैं मौसी के निप्पल दबाता कभी झुक कर मौसी की नाभि चूमता,
कभी मौसी मेरे होठों से अपने होंठ जोड़ती और फिर से धक्के लेने लगती मैं भी कभी तेज कभी धीरे धीरे धक्के मारकर फिर से मौसी को चोदता रहा
इस चुदाई सैशन में हमें बहुत ही देर लगी और हम थके हुए पैदल यात्रियों की तरह जैसे थके हुए पैदल यात्री पैर घसीट कर चलते हैं वैसे ही हम मस्ती में अपनी चुदाई का मैराथन पूरा करते रहे
बहुत देर चुदाई के बाद मेरे लंड को झनझनाहट होने लगी और मैंने धक्के तेज कर दिए मौसी का शरीर भी सख्त होने लगा मौसी ने अपने पैरों की कैंची बनाकर मेरे पैरों पर लपेट दी और हम फिर से तेज तेज धक्के मार कर चुदाई करने लगे
कुछ ही समय में हम दोनों झड़कर फिर से एक दूसरे की बाहों में ही सो गए

मेरी नींद खुली तो पाया कि कमरे में डुबकी रोशनी के अलावा भी तेज रोशनी फैली हुई है खिड़की में से सुबह 10:00 बजे की धूप कमरे में फैली हुई थी
अलसाते हुए हम दोनों उठे एक दूसरे को चुम्मा और मौसी बोलीली तेरा क्या प्रोग्राम है
मैं बोला मौसी मुझे ऑफिस जाना था पर तुम मेरे पास हो इसलिए ऑफिस जाने का मतलब ही नहीं ऑफिस के काम से मौसी की चुदाई का काम ज्यादा जरूरी है
मौसी ने मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में लेकर जोर से दबाया और बोली मेरे इस पप्पू को अब थोड़ी देर आराम करने दें और मैं भी तेरी मुनिया को साफ करके कुछ नाश्ता बनाती हूं फिर आगे का काम करेंगे

अगले अपडेट में कि कैसे दोपहर को 12 बजे के आसपास अचानक ही मेरे घर की घंटी बजी और दरवाजा खोलने पर मैंने संजय को सामने खड़ा पाया
Jaberdast update
 

Sangya

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सुबह उठकर हम दोनों मौसी बेटा नहाए धोए और नाश्ता करके ड्राइंग रूम में बैठ गए नहाने के बाद मौसी ने पेटिकोट और ब्लाउज पहन लिया था और मैंने अपनी मां वाली कच्छी पहनी हुई थी
मौसी सोफे पर बैठी थी और मैं उसकी गोदी में सिर रखकर लेटा हुय था और हम सेक्स की बातें करने लगे मैंने मौसी से पूछा मौसी पहले तो तुम मेरी तरफ सेक्स की निगाह से नहीं देती थी अब क्या हुआ ?
मौसी बहुत ठसके से बोली बेटा जब तू बड़ा होगा और लौड़ा पेलने के लायक होगा तभी तो तेरे लोड़े की तरफ ध्यान दूंगी बाकी जब से तू पैदा हुआ है तेरे से मां वाला लाड प्यार तो मैं शुरू से करती आ रही है और तू भोंसड़ी वाला सिर्फ मौसी के चूत से मिलने वाले वाले प्यार को ही समझता है मां वाले प्यार की तरफ तेरा कोई ध्यान नहीं रहा
मैंने मौसी के हाथ को दबाते हुए कहा नहीं मौसी ऐसी कोई बात नहीं पर जब से मेरा लौड़ा खड़ा होना शुरू हुआ है तब से मेरा ध्यान सिर्फ चूत की तरफ ही रहता है चाहे उन कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियां हों या तुम और माँ, मैं तो सारा दिन मुझे तुम्हारे थिरकते हुए मांसल चूतड़ और जांघें तथा बड़े-बड़े पपीते जैसे उरोज ही दिखाई देते हैं और जब भी मेरे लंड को भूख लगती है तो मैं मुट्ठ मार कर गुजारा कर लेता हूं
अब तो तुम्हारी और मां की कृपा से मुझे चूत मिलनी शुरू हो गई है तो मेरे डांडे भाई को मेरी सख्त मुट्ठी की बजाए तुम्हारी और मां की रसीली नर्म गरम चूत मिलने लगी है तो मेरे लंड के मजे ही मजे हैं मौसी ने मेरे मुंह पर चपत मारते हुए कहा कि तू तो वीर्य निकालने की उम्र से पहले ही मां और मौसी के चूतड़ों में अपनी छोटी सी नोनी लगाकर सोने लगा था तुझे क्या लगता है मां और मौसी को तेरी अकड़ती दांडी जैसी नोनी और पेट पर तेरे जोरदार आलिंगन का पता नहीं चलता था क्या?
इस पर मैंने मौसी को जवाब दिया मौसी मेरी ठरक तो तुमने पढ़ ली थी पर संजय बेचारा अपना लंड अपनी मुट्ठी में दबा दबा कर गुजारा कर रहा है और तुमने उसकी तरफ ध्यान ही नहीं दिया, अब मैंने बोला है तो तुम्हें संजय की हरकतें महसूस हो रही हैं
मौसी खिसियाकर बोली, वह तो बेटा तूने अपनी अपना प्यार मेरे ऊपर पहले ही जाहिर कर दिया था और बड़ा होने पर भी जब तू अपना लौड़ा मेरे नितंबों में दबाता था और मेरे लो कट ब्लाउज में से छलकते हुए मेरे मम्मे देखता था तब से ही मुझे तेरी ठरक का एहसास हो गया था इसलिए मौका मिलते ही हम दोनों लंड चूत के खेल में शामिल हो गए अब तेरे प्यार में मैंने संजय की इन हरकतों पर ध्यान ही नहीं दिया था अब तूने बोला है तो मुझे संजय बेटे की भूख शांत करने की जिम्मेवारी महसूस होने लगी है
काश!!! कुछ ऐसा हो कि संजय यहां होता!!!! तो मैं अभी से उसके उसकी जवानी के हथियार को अपनी अनुभवी चूत में रखकर सुरक्षा दे देती !!!!!1 सच में संजय से पिलवाने में भी कितना मजा आएगा!!!!!
मुझे पूरा यकीन है कि संजय तेरी तरह ही मेरी भूखी प्यासी चूत को अपने लंड के मक्खन और वीर्य से शांत कर देगा.. .. काश!!! #$% मौसी खुली आंखों से संजय के लंड के सपने देखते हुए उत्तेजित होने लगी और अपने हाथ बढ़ा कर मेरी कच्छी के ऊपर से ही मेरे लंड को टटोलने लगी
मौसी की गोदी में लेते हुए मैं मौसी के पेट की नरमी को महसूस करते हुए उत्तेजित हो ही रहा था तभी मौसी के हाथों ने मेरे लंड पर जादू कर दिया
मैंने करवट लेते हुए अपने होंठ मौसी की नाभि से जोड़ दिए और अपने हाथों का घेरा बनाकर एक हाथ से मौसी के ब्लाउज के अंदर पीठ पर और दूसरे हाथ से पेटिकोट के ऊपर से ही मौसी के नितंबों के ऊपरी हिस्से को सहलाने लगा
मौसी के हाथ का जवाब मेरे लंड पर बढ़ा और कुछ देर में मौसी ने मेरी कच्छी के अंदर अपना हाथ डालकर मेरे खड़े हुए लंड को अपनी मुट्ठी के कब्जे में ले लिया और अपने हाथों ऊपर नीचे करते हुए मेरे लंड को मुठियाने लगी
मैंने अपनी जीभ मौसी की नाभि में डालकर कुरेदने लगा तो मौसी की सिसकारियां निकलने लगी फिर मैंने अपना मुंह ऊपर करते हुए ब्लाउज के ऊपर से ही मौसी के निप्पल को अपने होठों में लेकर चूसने लगा
मौसी दूसरे हाथ से मेरे नितंबों को सहलाने लगी मैंने अपने मुंह के जोर से ही मौसी के ब्लाउज ढीले ढाले ब्लाउज के ऊपर से चुमते हुए मौसी के क्लीवेज को घिसने लगा
मौसी के निप्पल छुआरे की तरह मेरे गालों में चुभने लगे थे मौसी के 38 नंबर के मम्मे मौसी के ब्लाउज से बाहर निकलने को आतुर हो रहे थे और मौसी ने अपने पैरों की हरकतों से अपने पेटीकोट को घुटनों के ऊपर तक चढ़ा लिया था मैंने अपने दोनों हाथ आगे करते हुए तुरंत ही मौसी के ब्लाउज के हुक खोल दिए और फिर हाथ नीचे करते हुए पेटीकोट को मौसी की कमर की तरफ उठाने लगा तो मौसी ने अपने नितंब उचका कर जगह बनाई और पेटीकोट को कमर के आस पास इकट्ठा होने दिया फिर मौसी ने हाथ ऊपर करके ब्लाउज को अपने हाथों से आजाद करके ऊपर से पूरी नंगी हो गई
मैंने अपना मुंह नीचे करते हुए मौसी की गोदी में होते हुए अपनी जीभ मौसी की चूत पर लगानी चाही तो मौसी ने मेरी इच्छा को भांपते हुए अपनी जांघे खोल दी फिर मौसी की खुली जांघों के बीच में अपना मुंह करते हुए मैंने अपनी जीभ मौसी की चूत के लबों पर फेरनी शुरू कर दी
मौसी कसमसा कर अपने पैर हिलाने लगी तो मैंने मौसी के दोनों पैरों को पकड़कर मौसी को घुमाते हुए सोफे पर लिटा दिया और खुद को मौसी की जांघों के बीच में ले आया मेरा मुंह मौसी की जांघों के बीच में से मौसी की चूत पर चटाई कर रहा था और मैंने अपने दोनों हाथ कंधों से ऊपर करते हुए मौसी के दोनों मम्मे पकड़ लिया और अंगूठे तथा उंगली से मौसी के निपल्स को निचोड़ने लगा
मेरी जीभ मौसी की चूत के होठों को खोलते हुए चूत में प्रविष्ट हो गई, मेरी खुरदरी की जीभ के प्रभाव से मौसी की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई और मौसी ने अपनी तलवे अपने नितंबों की तरफ खींचते हुए घुटनों को मेरे मुंह के आसपास खड़ा करके बच्चा पैदा करने वाली स्थिति में आकर जैसे मेरे को अपनी योनि में घुसाने का इंतजाम कर रही थी पर मां या मौसी की चूत में मुंह से कौन घुस सकता है
चूत के अंदर अपने होने का एहसास देने के लिए बेटे का लंड ही काफी होता है इसलिए मैंने ऊपर होते हुए अपनी कमर मौसी की जांघों के बीच में लगाई अपने लंड का निशाना मौसी की चूत पर टिकाकर अपने मुंह से मौसी के निप्पल चूसते हुए एक जोरदार झटका मारा
एक ही झटके में मेरा लंड टट्टों तक मौसी की चूत में घुस गया और मौसी को जैसे असीम आनंद आ गया हो वैसे ही मौसी ने अपने दोनों हाथ मेरी पीठ पर कस कर मुझे अपने से चिपकाने लगी!!!!॥
मौसी के जोर के कारण मैं मौसी के ऊपर सीधा होकर लेट गया मेरी छाती मौसी की छाती को दबाने लगी मैं कमर उचका-उचका कर मौसी की चूत पर धक्के मार रहा था और ऊपर मेरा मेरे होंठ मौसी के होठों पर कब्जा करके मौसी के ऊपर के होंठों को चूस रहे थे और नीचे मेरा लंड मौसी की चूत के होंठों के बीच में घुसकर धमाल मचा रहा था
शाबाश !! मेरे बेटे.. वाह # मेरे बेटे !! मौसी को तेरे लंड की ही जरूरत है ##$#@% पेल दे मेरे बेटे !!! सच में मौसी बहुत ज्यादा प्यासी है !!!!! अपनी मौसी की इस मुनिया की प्यास को अपने लोड़े की बारिश से बुझा दे !!!! शाबाश मेरे बेटे !!@!! कहते हुए मौसी कमर उचका उठाकर मेरे लंड को अपनी चूत की गिरफ्त में रखने के लिए मेरी ताल में ताल मिला रही थी
जिस तरह से इस तरह से हम दोनों मौसी बेटा धमाधम सुबह की चुदाई में लग गए उसी तरह से मौसी को चुदते देखकर सोफा अपने स्पिंगो को पूरी ताकत से उछाल ले रहा था जिससे हमारे धक्कों की गति और ताकत और ज्यादा बढ़ रही थी
तरोताजा होकर सुबह उठने के बाद यह हमारी चुदाई का पहला दौर का जिसके कारण मेरे और मौसी में ताकत और जोश पूरा भरा हुआ था
ले !! !! !! मेरी मौसी ! कहकर मैंने अपने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और फिर तेज झटके से मौसी की चूत में पेल दिया !! मौसी ने भी उसी तेजी से लंड को अपने कब्जे में लेते हुए अपनी कमर को उछाला और जवाब में कहा आजा !! मेरे बेटे !! दे दे मेरे बेटे !! अपना लंड मेरी चूत में दे दे !! मेरी चूत ले ले !!
हां मौसी मैं तेरी चूत मार मार कर इसमें धनिया बो दूंगा
मौसी बोली साले धनिया बोने के लिए इसको खाली छोड़ना पड़ेगा तभी तो धनिया बो पाएगा !!! रोज चूत में लंड कैसे पेलेगा साले धनिया अपनी माँ की चूत में बो ~~~~!!!, मेरी चूत में धनिया बोएगा तो चूत की प्यास कौन बुझाएगा !!!
ले मौसी मेरा लंड !! तेरी चूत मारूंगा!! रोज चूत भी मारूंगा और धनिया भी बो दूंगा
मौसी हंसते हुए बोली धनिया तो तेरे मौसा ने मेरी चूत में हल चलाकर 2 बार बो दिया था और तू देखता ही है कितनी लाजवाब फसल तैयार के है तेरी मौसी और मौसा ने
अब धनिया बुवाने की मेरी उम्र नहीं है !!!!!! तू बस अपने धक्कों से अपने इस मजबूत हल से मेरी चूत की निराई गुड़ाई करता रह
अच्छा मेरी मौसी ले !! मैंने मौसी को चुमते हुए एक जोरदार धक्का फिर से मौसी की चूत में मार दिया
अब मेरे लंड में कसमसाहट बढ़ने लगी थी मैंने दोनों हाथ नीचे करते हुए मौसी के नितंबों को कब्जे में लिया और मौसी के नितंबों का जोर अपनी कमर की तरफ बढ़ाते हुए फिर जोर-जोर से धक्के मारने लगा
मौसी ने भी अपने हाथ मेरे कंधों से नीचे करके मेरे नितंब अपने हाथों में पकड़े और अपना पूरा जोर मेरी कमर को अपनी चूत के ऊपर रखने के लिए लगाने लगी
हम दोनों मौसी बेटा धकाधक चुदाई करते हुए एक दूसरे को देख रहे थे पेल रहे थे !! कभी गाड़ी तेज करते कभी हल्की करते और पूरी लय और ताल में चुदाई के मजे लेते रहे
ना मौसी को अपनी चूत में वीर्य गिराने की लेने की जल्दी थी और ना ही मेरे लंड को बारिश करने की इतनी जल्दी लग रही थी हम दोनों धकाधक और कभी थपाथप चुदाई करते रहे
थोड़ी देर बाद मौसी बोली मुझे ऊपर आने दे सोफे पर चुदाई करने में गद्दे पर की हुई चुदाई से बहुत ज्यादा मजा आ रहा था चांस की बात है कि मौसी के साथ अचानक ही मूड बनने पर हम सोफे पर चुदाई कर रहे थे और सोफे पर स्प्रिंग होने के कारण हमारी चुदाई की स्पीड बहुत बढ़ गई थी
मैंने भी पीठ के बल लेटकर मौसी की चूत को महसूस करना चाहा तो कुछ सेकंड के लिए अलग होकर मैं पीठ के बाल सोफ़े पर लेट गया और मौसी अपने घुटने मेरी कमर के आस पास रखकर मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर अपनी चूत का निशाना मेरे लंड पर लगा कर धीरे-धीरे मेरे लंड पर बैठ कर चली गई और फिर अपने घुटने खोलते हुए सोफे पर उछलने लगी
मौसी के उछलने से सोफे के स्प्रिंग पूरी गति से हमें एक दूसरे की चुदाई करने में सहायता देने लगे इस तरह से कभी मौसी टेढ़ी होकर मेरे छोटे-छोटे निप्पल और कभी मेरा मुंह चूमती और मैं लगातार अपने दोनों हाथों से मौसी के मम्मे निचोड़ता रहा
काफी देर बाद मौसी के उछलने की गति बहुत बढ़ गई और मेरे शरीर का सारा खून मेरे लंड की तरफ होने लगा दोनों अपने को झड़ने के करीब पाते हुए बहुत तेज गति से चुदाई करते हुए हम दोनों बाद में कुछ सेकंड के लिए फिर तो थम गए गए और फिर झरझराते हुए मैं अपने रस की बारिश मौसी के चूत में करने लगा मेरे वीर्य की बारिश होते ही मौसी ने भी अपनी चूत में रोके हुए सैलाब को बहने दिया फिर अपने घुटने सीधे किए और मेरी जांघों पर अपनी जांघे में रखते हुए मेरे पेट से अपना पेट मिलाया छाती से छाती मिलाई और अपने होंठ मेरे होंठों से जोड़ दिए

हम गहरी सांसे लेते हुए मौसी की चूत के अंदर ही मेरे लोड़े के ऊपर बहते हुए मेरे और मौसी के मिले-जुले कामरस और एक दूसरे की साँसों की गर्मी को महसूस करते रहे

जब हमारी सांसे दुरुस्त हुई तो मैंने देखा कि टीवी में एक पुरानी पिक्चर आ रही थी जिसमें बिन्दु और हैलेन कैबरे डांस कर रही थीं मैंने महसूस किया कि मेरी मौसी की जांघे और मम्मे बिल्कुल बिंदु के फड़कते हुए मम्मों और जांघों से बिल्कुल मिलते जुलते हैं इससे जागी उत्तेजना में मैं दुबारा से मौसी की जांघों पर हाथ फेरने लगा
मेरे स्पर्श से मौसी ने भी उत्तेजना महसूस करते हुए अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी हमारी छातियों तो पहले ही एक दूसरे पर दबाव डाल रही थी कुछ देर चुम्मा चाटी के बाद ही मेरा लंड दुबारा से खड़ा होकर मौसी की चूत को अंदर से कुरेदने लगा मौसी की चुदाई की इच्छा भी दुबारा जाग गई
मौसी बोली तुम्हारे इस सोफे पर चुदाई का मजा 4 गुना हो जाता है आ बेटा !! मजा आ गया !! चल एक बार और करते हैं यह कहकर मौसी मेरी कमर के इर्द-गिर्द दोबारा अपनी जांघे घेरकर घुटने मोड करके मेरे लंड पर बैठकर लंड सवारी करने लगी
मैंने भी अपने हाथों से मौसी के मम्मो की लगाम पकड़ी और मौसी ने अपने हाथ मेरे कंधे पर दबाकर जोर जोर से उछलने लगी सोफे के स्प्रिंग ने दोबारा से अपना खेल दिखाते हुए हमारी चुदाई के आनंद को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया और एक बार फिर से चुदाई का लंबा दौर होने के बाद हम मौसी बेटा झड़ने लगे और हम दोनों आलिंगन में ही सोफे पर लेट गए
कुछ देर बाद मौसी उठकर बाथरूम जाने लगी तो मैं भी मौसी के साथ बाथरूम में चला गया और मौसी से कहा कि मेरे अपने इस मूसल को अपने हाथों से धो दे मौसी ने मेरे लोड़े को प्यार से चूमा और कहती मेरे इस पप्पू को मैं साबुन से साफ करके देसी घी से मालिश कर दूँगी और तू भी अपनी कर्मभूमि को अच्छे से धोकर मालिश कर दे| मैंने कहा धो तो लेते हैं पर मालिश एक दूसरे के वीर्य से ही करेंगे मौसी हंसकर बोली जीता रह चुदड़क्कड़ मौसी का ठरकी बेटा हमने खूब अच्छे से एक दूसरे के योनांग साफ किए उन्हें चुमा चाटा और दुबारा साफ करके बाहर कमरे में आकर नंगे ही सोफ़े पर बैठ गए !! मौसी का पेटीकोट ब्लाउज और मेरी कच्छी कमरे में सोफ़े के नीचे पड़े थे
इतने में घर की घंटी बजी !! ये मौसी भांजे के हनीमून में बिघन डालने कौन आ मरा ?? मैं जल्दी से बिना कच्छी के पजामा पहन कर दरवाजे पर गया!! दरवाजा खोलने से पहले पूछा, कौन है??
जवाब सुनते ही मेरी सांस ऊपर की ऊपर और नीचे के नीचे रह गई दरवाजे के उस तरफ से आवाज आई!! संजय!!! अचानक ही संजय की आवाज सुनकर हैरान होते हुए मैंने बिना परवाह किए दरवाजे की सांकल खोल दी और संजय के अंदर आते ही उसे गले लगा लिया
संजय भी गर्मजोशी से मेरे से मिला और फिर बोला अरे तू आज घर में कैसे? ऑफिस नहीं गया और बाकी सब लोग कहां पर हैं?
मैंने पूछा बाकी कौन ?
संजय ने सामान्य ही पूछा मौसा जी तो ऑफिस गए होंगे मां और मौसी कहां पर हैं?
मेरे दिमाग की घंटी बजी कि मौसी तो अंदर बिना कपड़ों के नंगी होकर फिर से चुदने के लिए तैयार बैठी है संजय अंदर घुस गया तो क्या होगा!!
मौसी को सुनाने के लिए मैंने जोर से बोलते हुए कहां मौसी!! संजय आया है !! तुम याद कर रही थी ना !! आओ आकर बेटे से मिल लो !! अंदर मौसी समझ गई और समय लेने के लिए बोली तू झूठ बोल रहा है, संजय को हम याद तो कर रहे थे पर संजय एकदम कैसे आ सकता है ?? तू मुझे झूठ बोल रहा है !! मैंने इस बीच जैसे साधारणत दोस्त बहुत दिनों बाद एक दूसरे से मिलने पर आलिंगन में रखते है उसी तरह से मैंने संजय का हाथ पकड़कर रखा था की वो कमरे ना घुस जाए साथ ही। मौसी को बोला कि, नहीं ! मैं झूठ नहीं बोल रहा! सच में आकर देख लो !!
और मैंने संजय को इशारा किया कि जल्दी से मेरे कमरे में घुस कर छुप जाए ताकि मौसी को सरप्राइज लगे और जब मौसी को लगे कि मैंने झूठ बोला है तो संजय एकदम से मौसी के सामने आकर उसको हैरान कर दे
मौसी ने स्थिति समझते हुए पेटीकोट ब्लाउज पहना और ऊपर मैक्सी पहन कर बाहर आई
तब तक संजय मेरे कमरे में छुप गया था
संजय अंदर से मौसी को देख रहा था मौसी को भी सब पता था पर बाहर आकर मौसी ने इधर-उधर देखने के अच्छी ऐक्टिंग की और मुझे आंख मारते हुए मेरे मुंह पर हल्की सी चपत मारते हुए बोली: मौसी से मजाक करता है !! तुझे पता है मैं संजय को कितना याद कर रही हूं और तू मेरी उसी कमजोरी का फायदा उठाकर मुझे हैरान करता है
मैं बोला नहीं मौसी सच में घंटी संजय ने बजाई थी लेकिन मेरा दरवाजा खोलते ही संजय घंटी बजाकर कहां चला गया, आवाज संजय की ही थी और मैंने दरवाजा खोला तब तक संजय गायब हो गया था!!!
मौसी ऐक्टिंग जारी रखते हुए बोली तू झूठ बोल रहा है या तुझे भी धोखा हुआ होगा, मेरे को तो तेरी बात से खुशी चढ़ रही थी पर बाहर आकर तेरे धोखे से मेरा मन खराब हो गया है
मौसी की पीठ मेरे कमरे की तरफ थी, संजय ने चुपचाप से बाहर आकर मौसी को पीछे से जकड़ कर मौसी की आंखों पर हाथ रख दिया, मौसी एकदम पलट कर संजय को चूमने लगी और बोली : वाह मेरे बेटे!! मां के दिल की आवाज सुन ली,! कल शाम से ही मैं तेरे को बहुत ज्यादा याद कर रही थी और तूने आकर मेरे दिल को ठंडक पहुंचा दूं
संजय को ड्राइंग रूम में ले जाकर बिठाया और तुरंत मौसी किचन में जाकर चाय बनाने लगी इस बीच मैंने संजय को बताया कि कैसे जिस दिन मौसी आई थी उसी समय मम्मी पापा गोवा निकल गए थे और कैसे मौसी कल पुरा दिन घर में अकेली बोर हो रही थी तो आज मैंने मौसी को अकेले देखते हुए घर में रहने के लिए छुट्टी ले ली थी मेरी इस बात से संजय को यह नहीं लगा कि हम दोनों मासी भांजा कल से घर में अकेले हैं |
इस तरह से संजय के एकदम घर पर आने के पर मैंने स्थिति को संभाला और संजय को महसूस नहीं होने दिया कि मैं और मौसी अभी कमरे में चुदाई करके हटे हैं

अगले अपडेट में .. कैसे मैंने बातें बनाकर संजय की उत्तेजना जगाई और अगले दिन शाम तक वापिस आने का बहाना बनाकर घर से बाहर चला गया कि मौसी को संजय को अपने ऊपर लिटाने का खुल्ला मौका और समय मिल जाए
 
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Meenabhabhi

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Maja aa gaya
Sahi se chod rahe ho,
Lage raho....
 

Sangya

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यह संयोग हमारे लिए बहुत अच्छा रहा कि जब संजय ने घंटी बजाई तब मैं और मौसी चुदाई से निपट चुके थे और मैंने संजय को बाहर आँगन में ही बातों में लगा लिया और मौसी को कपड़े पहनने का समय मिल गया !!
नहीं तो, अचानक संजय के अंदर जाने पर नंग-धडंग मौसी को देखकर किस तरह का झटका लगता यह मेरी समझ से परे है या तो संजय अपनी मां को मेरे साथ नंगा देखकर भड़क जाता और मेरे से संबंध तोड़ देता या फिर हमारे चुदाई के संबंधों की मिलीभगत देखते हुए अपने मन की दबी हुई कामेच्छा को पूरा करने के लिए संजय तुरंत मां को ब्लैक्मेल करके माँ को चोदने की जुगाड़ में लग जाता
वैसे संजय द्वारा अपनी बहन की लगातार चूत चुदाई करने और उसको यह पता होने से कि मुझे यह सब अच्छे से मालूम है कि संजय अपनी बहन को मौका मिलते ही चोद देता है से दूसरी बात की संभावना ज्यादा लगती थी पर इस तरह से अगर गुस्से में संजय और मौसी की चुदाई शुरू होती तो उतना मजा नहीं आता जैसा मौसी अपने बेटे से प्रथम चुदाई को बहुत यादगार बनाकर संजय से अपने चुदाई संबंध की शुरुआत करना चाहती थी
संजय के आने को हमने बहुत सामान्य ढंग ले लिया बल्कि खुशी जाहिर की और ये खुशी काफी कुछ वास्तविक भी थी क्योंकि मौसी बहुत बेकरारी से बिना किसी देरी किए संजय से उन्हें के लंड से अपनी चूत को पिलवाना चाहती थी और मैं भी चाहता था कि मौसी की चूत की संतुष्टि के लिए संजय का लंड मौसी की चूत में ठोकने के समय मेरी सक्रिय भूमिका रहे
हम कमरे में बैठकर बात करने लगे और मौसी संजय के लिए चाय नाश्ता बनाने के लिए रसोई में चली गई और मैं संजय से बात करने लगा मैंने पूछा कि संजय तेरे को एकदम मां की याद आ गई या कोई और काम उसे यहां खींच लाया है साथ ही मैंने शरारत से संजय से आंख मारते हुए कहा कि मां का दूध पिए बिना 1 दिन भी रहना मुश्किल था जो मां के पीछे - पीछे आ गया है
मेरी इस बात से संजय हंसा और बोला मां का दूध अब तो पीने को नहीं मिलता परंतु मां की चूचियां और जांघे से देखने से मन नहीं भरता इसलिए आया हूं
मैंने उसकी पीठ पर धोल मारते हुए कहां की है यह तो तेरे मन की बात हो गई पर ऐसा क्या कारण बना कि यहाँ आने का मौका मिल गया तब संजय ने बताया कि उसके दोस्त की बहन अमेरिका से दिल्ली आई है और उसका दोस्त कार में अपनी बहन को लेने आया तो मुझे साथ ले आया कि रास्ते में बात करते चलेंगे फिर दिल्ली में अपनी बहन को रिसीव करते ही पता नहीं उन दोनों भाई बहन में क्या सेटिंग हुई कि मेरा दोस्त मुझसे बोल कि दिल्ली में उनको किसी रिश्तेदार के घर जाकर 2 दिन रुकन पड़ेगा जबकि शुरू में ऐसा कोई प्रोग्राम नहीं था और ना ही मेरी जानकारी में उनका कोई रिश्तेदार दिल्ली में है
मुझे लगता है कि मेरा दोस्त अपनी बहन को जाने से पहले भी चोदता था और अब शायद इतने दिनों बाद बहन को देखते ही उसका मन बहन को पेलने के लिए बहुत बैचेन हो गया और उसकी बहन भी अपने भाई का कसरती लौड़ा अपनी चूत में डलवाने के लिए बेकरार हो गई लगती थी इसलिये घर जाने से पहले दोनों भाई बहन कई सालों की आपसी लौड़े और चूत भूख मिटाने के लिए मन भरकर अकेले में होटल में रहकर चुदाई करना चाहते है तो दोनों बहाना बनाकर 2 दिन के लिए दिल्ली में रुक गए
मैं उनके कार्यक्रम में बाधा नहीं बनना चाहता था इसलिए मैंने कहा कि मैं मेरठ में अपनी मौसी के घर चला जाता हूं और वह दिल्ली से वापिस घर जाते समय मुझे मेरठ से ले लें यह सुनकर उन्होंने मुझे दिल्ली बस अड्डे पर छोड़ दिया और मैं बस में यहाँ चला आया मुझे पूरा यकीन है कि मुझे छोड़ते ही दोनों भाई बहन आपस में मस्ती करते हुए किसी होटल में घुस गए होंगे और पति पत्नी की तरह 2 दिन तक भरपूर चुदाई करेंगे फिर अपने घर जाने की सोचेगें
मैंने पूछा पर दोनों दिल्ली में रुकने के लिए अपने घर पर क्या बहाना बनाएंगे ?
संजय ने कहा कि मेरे सामने तो रिश्तेदारों के रुकने की बात कर रहे थे पर साथ ही आपस में यह भी बोल रहे थे कि घर पर कह देंगे कि उसका का समान इस फ्लाइट में नहीं आया था वही अमेरिका में छूट गया इसलिये उनको दिल्ली में रुकना पड़ा, इस तरह से दोनों एक-दो दिन चुदाई के लिए निकाल लेंगे
देख भाई मेरी समझ में आया कि उसकी बहन शादी के तुरंत बाद अपने पति के पास अमेरिका चली गई थी और इन दोनों भाई बहन का चुदाई का रिश्ते में रुकावट आ गई और दोनों भाई बहन आप से चुदाई के लिए तरस रहे थे और घर पर जाते ही चुदाई का मौका मिलने वाला नहीं है इसलिए पहले दिल्ली में रुककर वो अपनी बहन को मन भर के खुल्लम खुल्ला पूरा नंगा होकर बिना किसी डर के कभी सीधा लिटा कर और कभी घोड़ी बनाकर चोद लेगा और अच्छे से अपनी बहन के बड़े बड़े मम्मों का दूध पिएगा और अपने लोड़े की रसमालाई खिलाएगा, वाह सेल की किस्मत तो देखो साली उसकी बहन भी क्या पूजा भट्ट जैसी लगती है मोठे मोठे मम्मे और फैली हुई गाण्ड !!! क्या किस्मत पाई है कि दोनों भाई बहन ने !!! अकेले में चुदाई का इतना अच्छा मौका मिल गया है !!
मैंने कहा उसकी बहन पूजा भट्ट जैसी लगती है तो हमारी बहन भी तो काजोल से ज्यादा सुन्दर है,
संजय की इन बातों से मुझे संजय के मन में जमी हुई ठरक का पता चला और मैं यह जानकर बहुत खुश हुआ कि संजय भी अकेले में खुल्लम खुल्ला नंगा होकर अपनी बहन को चोदने का ख्वाब रखता है और अपने मन की बात मेरे से बिना किसी छुपाव के कर रहा है तो मैंने कहा कि अपनी-अपनी किस्मत है भाई हर किसी को आपकी बहन को खुल्लम-खुल्ला चोदने का मौका नहीं मिलता बल्कि ज्यादातर लड़के सिर्फ रात में बिना कोई शोर किए ही चुपचाप से अपनी बहन को चोद पाते हैं, पर सच में पूछो तो अगर उनके मां-बाप दोनों नौकरी करते हैं तो जरूर दिन में आराम से चुदाई कर लेते होंगे या भाई-बहन हैं अपनी पढ़ाई या नौकरी के लिए बाहर दूसरे शहर में इकठठे रहते हैं तो उनके फुल्ल मजे हैं पति-पत्नी की तरह खुल्लम खुल्ला दिन रात पिलाई करते होंगे
मेरी इन बातों से संजय और मेरे दोनों के लंड खड़े होने लगे थे
मैं तो गोवा में लगातार मां और रचना को चोद कर आया था और यहां आते ही मुझे मौसी की चूत बिना इंतजार किए लगातार चोदने का मौका मिल रहा था पर अपने घर पर संजय को संजना को चुदाई का मौका बहुत लुकछुप कर ही मिलता था, मौसी तो हमेशा घर में ही रहती थी तो कॉलेज की छुट्टी के दिन भी संजय और संजना को आपस में चुदाई का मौका नहीं मिलता था बल्कि रात में ही दोनों जब मौसा मौसी चुदाई के बाद गहरी नींद में सो रहे होते थे तब एक दूसरे के कमरे में घुसकर बिना कोई आवाज किए जल्दी से चुदाई करते होंगे ऐसा मौका शायद ही मिलता होगा कि मौसी मोंसा उन दोनों को अकेले छोड़ कर छोड़ कर कहीं गए हो
संजय के इस खुली चुदाई के ठरक को मैंने उसकी मां की तरफ मोड़ने का प्रयास किया मैंने कहा कि बहन ही नहीं कुछ भाग्यवान लड़के होते हैं जिनको उनकी मां की चुदाई का भी पूरा मौका मिलता है
संजय बेमन ने बोला नहीं मुझे नहीं लगता कि मां बेटे की चुदाई करते होंगे
मैंने कहा क्यों तुम्हें कहानियां नहीं पड़ी जिसमें लड़के अपनी माँ मामी चाची को पूरे मन से चोदते हैं
संजय वह ने कहा कि तो मैंने भी कई कहानियों मां को चोदने वाली की पड़ी है पर मुझे नहीं लगता की सच में लड़के अपनी माँ को पेलते होंगे
मैंने बोला की जब हर एक लड़का अपनी मां के मम्मे चूत और जांघे देखकर मुठ मारता है मां के नंगे मम्मों को देखने का कोई मौका नहीं छोड़ता तब ऐसा क्या कारण होगा कि लड़का लड़की अपनी बहन को तो चोद दे और मां को छोड़ दें
संजय ने बात जारी रखी हो बोला कि नहीं बहन तो बराबर उम्र की होती है इतनी बड़ी बूढ़ी होती माँ पर कोी कैसे चढ़ सकता है, साथ ही मां के ऊपर तो बाप का कब्जा होता है और मां अपने बेटे को कितने लाड प्यार से रखती है मुझे नहीं लगता की कोई माँ बेटे से सेक्स के लिए राजी हो सकती है, मां को तो वैसे भी बहुत श्रद्धा की निगाह से देखा जाता है
मैं बोला श्रद्धा की निगाह से तो बहन को भी देखा जाता है पर जब वहां पर वर्जित चुदाई में इतना मजा आता है की लगातार चुदाई हो सकती है तो मां के साथ क्यों नहीं दोनों ही जगह पर घर की इज्जत घर में रहती है और इतने करीबी रिश्ते में किसी भी तरह का डर नहीं होता
इस पर संजय ने मुझसे कहा कि तू सच कह रहा है, हम सब अपनी मां के मम्मे जितने भी देख रहे हैं और ज्यादा देखने की इच्छा रहती है और गाहे-बगाहे मां की चूत तक भी निगाह जाती है। मां भी हमेशा हमसे बहनों के मुकाबले ज्यादा खुलकर पेश आती है बहने तो कुश्ती जैसी धींगा मस्ती करते समय भी पूरे कपड़ों में रहती है और उनकी क्लीवेज ही दिख पाती है और ज्यादा से ज्यादा घुटनों तक पैर जबकि मां के तो लगभग पूरे मम्मे निप्पल सहित दिख जाते हैं और माँ अपने कपड़ों को कितनी ही बार जांघों तक उठाकर अपनी जांघे पूरी की पूरी दिखा देती है!!! इसका क्या कारण होगा ???
मैंने जवाब दिया अब तू लाइन पर आ रहा है : इसका कारण वह नहीं है जो तू समझ रहा है !!
एक तू मां को भरोसा और हक महसूस होता है कि उसका बेटा उसकी चूत से निकला है और इसलिए बेटे पर माँ का हक है और बेटे का मां की हर चीज पर उतना ही हक है। माँ ने अच्छे से नहलाया धुलाया होता है और उसका सब कुछ देखा हुआ है इसलिए माँ भी अपना पूरा बदन अपने बेटों को दिखने में कुछ शर्म नहीं महसूस करती
दूसरा जैसे हमारी इच्छा अपनी मां की मम्मे देखने की होती है वैसे ही मां भी हमारे लंड का तनाव देखकर खुश होती होगी तभी तो इतनी बेबाकी से कपड़े धोते समय या घर के बाकी काम करते हुए हमारे से लिपट पड़ती है कि मां को हमारे गठीले बदन की खुशबू मिल जाए सच में संजय मुझे तो कई बार लगता है कि मेरी मां मुझसे पिलवाना चाहती है तभी तो अपना सारा बदन उघाड़ कर मेरे सामने बड़े आराम से घूमती रहती है
जैसे-जैसे पिताजी की उम्र बढ़ती जा रही है और उनके लोड़े की ताकत कम हो रही है वैसे वैसे ही मां का अपना नंगा शरीर मुझे दिखाने की लिमिट ही बढ़ती जा रही है। पहले माँ मुझसे इतना नहीं लिपटती थी पर अब कुछ सालों से मां के मुझसे लिपटने की घटनाएं बढ़ती जा रही है इसलिए मैं अब कुछ महीनों से सोच रहा हूँ की किसी दिन हल्के से चांस ले ही लूँ।
मेरी इस हिम्मत बढ़ाने वाली बात से संजय ने बोला यह तो मैंने भी महसूस किया है शायद यही कारण होगा कि पिताजी का बुढ़ाता हुआ शरीर, कम होती ताकत और हमारा मजबूत होता हुआ गठीला शरीर मां को लुभावना लगता होगा और माँ हम जवान लड़कों से अपनी चूत के आग शांत करना चाहती होगी, पर ये बता तू कैसे शुरुआत करेगा, कनिं ऐसा ना हो की मौसी तेरी पिटाई भी करे और मौसा जी से शिकायत करके घर से निकलवा दे
सही पकड़े हो संजय बाबू!!! मैंने संजय की जांघ पर हाथ मारते हुए बोला, मैं बहुत दिनों से बिल्कुल सेफ ढंग से माँ पर लाइन मार रहा हूँ और किसी दिन मौका मिलते ही माँ के नंगे जिस्म से लिपट कर उसे गर्म कर दूंगा ताकि माँ खुद मेरे लोड़े को पकड़ कर अपनी चूत देने की इच्छा ना जाहीर कर दे
इतने में मौसी चाय और नाश्ता लेकर कमरे में आ गई और बोली दोनों भाइयों में घुट घुट कर क्या बातें हो रही है
मैंने मौसी को छेड़ते हुए कहा कि संजय बता रहा था यह तुम्हारे बिना संजय का मन नहीं लगा इसलिए यह तुम्हारे साथ रहने के लिए यहां चला आया है
मौसी बोली, सब ढोंग करता है!!! वहां घर में तो यह मुझसे मां रोटी बना दे मां मेरे कपड़े धो दे मां मेरे कपड़े कहां रखे हैं मां मुझे पिता जी से पैसे दिलवा दे के अलावा कोई बात नहीं करता और तू कहता है कि एक ही दिन में मेरी याद आने चाहिए यहां भागा आया है
मैंने बोला सच में मौसी अब देखो आया है तो और क्या कारण होगा
मौसी बोली मुझे नहीं पता और क्या कारण होगा या तो इसकी प्यारी बहन ने उसको इसे झगड़ा किया होगा या पिता जी ने इसको अच्छे से डांट दिया होगा तो बचने के लिए यहां चला आया। मेरे सामने तो दोनों भाई बहन इतना घी शक्कर हो कर रहते हैं कि मुझे कई बार लगता है कि जब संजय संजना को शादी के बाद विदाई में साथ जाने की जिद करेगा
मैंने बात जोड़ते हुए कहा सच में मौसी संजय संजना दोनों भाई बहन का आपसी प्यार तो बहुत रहा है। संजय अपनी बहन कों परदेस तो कभी नहीं भेजेगा और संजय को आंख मारते हुए मौसी को बोला देखना संजना की शादी होने तक संजय आपको अपनी बहन बना लेगा और बिल्कुल संजना के तरह ही आपसे प्यार करने लगेगा
संजय ने मेरी बात का मतलब समझते हुए मुस्कुराया कि जिस तरह से संजय अभी अपनी बहन को फैलता है और अपने लंड को बहन की चूत में डाल कर ठंडा करता है उसी तरह से कुछ समय बाद समझे आपकी मां को भी चोद चोद कर संतुष्ट कर देगा और अपने लोड़े की प्यास बुझा पाएगा

मौसी ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि नहीं रे!!! बहन से तो मां ही अच्छी हूं मैं!!
संजना की शादी के एकदम बाद मुझे इसकी भी तो शादी करनी है उस समय संजय की बीवी मुझे अपनी नंद के रूप में हमेशा कहां घर में देख पाएगी? सास के साथ तो बहु जैसे तैसे निभा ही लेती है पर अगर बीवी देखे की ननद हमेशा सिर पर सवार हो तो हमेशा ननद को हर औरत अपनी सौतन ही मानती है
इस बीच मौका देख कर संजय बातचीत में कूद गया और अपनी मां को आलिंगन करके बोला नहीं मां तू तुम हमेशा मेरी मा ही रहेगी और अपनी बीवी से भी तेरे पैर दबा लूंगा और तुझे पूरा आराम दूंगा
मौसी ने फिर कहा कि बीवी से मेरे पैर तो तू तब दबवाएगा जब वो आएगी और तू शादी से पहले मां की सेवा करता होगा। आज तक तो तूने कभी मेरे पैर नहीं दबाए तो संजय ने माँ से लिपटते हुए कहा कि ऐसे नहीं है मां!! आपने कभी बोला ही नहीं नहीं तो मैं आपकी सेवा करने से पीछे नहीं हटने वाला
मौसी ने भी संजय को कसकर अपने आलिंगन में लिया और बोली हां बेटा!! मुझे तेरे पर पूरा विश्वास है तू अच्छे से सब तेरा तरह से मां की सेवा करेगा और मां को खुश रखेगा
मां बेटे के प्यार की शुरुआत होते देख कर मैंने दोनों का ध्यान ठंडी होती चाय की तरफ दिलाया और कहा कि मां बेटे को प्यार करने के लिए तो पूरी जिंदगी है अभी पहले चाय तो पी लो। दोनों हंसकर आलिंगन से अलग हुए और मौसी अपने हाथ से संजय को गरम-गरम पकौड़ा खिलाने लगी
मौसी भी समझ रही थी कि संयोगवश संजय के आने से उसकी दिल की इच्छा पूरी होने का पूरा संजोग बन गया है और मौसी मौके का पूरा फायदा उठाना चाहती थी
चाय पीने के बाद मौसी ने कहा कि संजय बेटा तू कुछ आराम कर ले मैं खाना बनाती हूं और आकाश बेटा तू मुझे किचन में मदद कर दे
संजय ने कहा मां मैं थका हुआ नहीं हूं, मैं ही मदद करता हूं। आकाश भैया को आराम करने दो मेरी बातों से उत्तेजित हुआ संजय मां के करीब होने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता था
मौसी बोली ठीक है बेटा पर तू पहले नहा ले सफर से आया है
सजय माँ मैं कार से ही आया हूं सुबह नहा कर ही घर से निकला था पर फ्रेश होकर आता हूं तब हम मां बेटा मिलकर खाना बनाएंगे। आकाश भैया आप आराम कर लो
फिर संजय उठकर बाथरूम में चला गया
संजय के बाहर जाते ही मैंने मौसी के कान में कहा कि मौसी देखो कितनी जल्दी तुम्हारे इच्छा पूरी करने का मौका बन गया है तुम उसी बोली हां शायद मेरी इस पनियाती चूत में संजय का लंड घुसने का समय आ गया है !! पर क्या तू संजय के सामने ही मुझे चोद कर संजय को उत्तेजित करेगा और प्रोत्साहित करेगा कि संजय मेरी चूत मार ले पर इससे तो संजय के सामने हमारी पोल खुल जाएगी
मैं बोला मौसी बेफिक्र रहो अभी थोड़ी देर में मैं तुम्हें और संजय को एकांत में रहने का लंबा मौका दूंगा जाने से पहले सेक्सी और माँ बेटे की चुदाई की बातें करके संजय के लंड को इतना खड़ा कर दूंगा कि मेरे बाहर जाते हैं संजय तुम पर चढ़ जाएगा
मौसी ने मेरा चुंबन लिया और बोली जीता रहे मेरा बेटा तु मेरी बरसों पुरानी इच्छा पूरी कर रहा है
संजय के बाथरूम से आने पर हम तीनों सोफे पर बैठ कर हंसी मजाक करते रहे और मैं बातों बातों में मौसी की खूबसूरती की तारीफ संजय के मुंह से करवा कर मौसी को गर्म कर रहा था और संजय की झिझक भी दूर करने की कोशिश कर रहा था
खुशी खुशी के माहौल में संजय को ना केवल झिझक दूर हो रही थी बल्कि संजय उत्तेजित भी हो रहा था और अब उसके मन में मां को चोदने की संभावना जागृत होती दिख रही थी। संजय को यह नहीं पता था कि मैं और मौसी, संजय को मौसी की चूत में उसी दिन घुसवाने की योजना बनाकर बैठे हैं
संजय तो अभी तक यही नहीं सोच पा रहा था कि मां को चोद भी सकते हैं और मेरी बातों से उसने मां की चूत अपनी बहन की तरह ही चोदने के बारे में सोचना ही शुरू किया था और मन में विचार कर रहा था कि कब पापा और संजना घर पर नहीं होंगे तब वो अपनी मां को किसी तरह से अपने नीचे लिटा पाएगा
बातचीत में हीं मैंने मौसी की तारीफ करते हुए मौसी के बड़े-बड़े मम्मों को रीना राय की चुचियों से के बराबर जाहिर किया कहां की मौसी संजय को तुमने बचपन में इतना दूर पिलाया है कि संजय अब देखो कसरत ही जवान बन गया है संजय ने भी मौसी को छोड़ते हुए कहा कि मैं तो संजना के पैदा के होने के बाद भी मां का दूध नहीं छोड़ना चाह रहा था और कई साल तक ऐसा हुआ कि मैं और संजना 1-1 चूची से दूध पीते थे
मौसी के चेहरे पर लाली दौड़ गई और बोली तुझे याद है संजय बोला हां वहां क्यों याद नहीं होगा मेरे स्कूल जाने तक तो मैं तुम्हारी चुचियों से दूध पीता रहा हूं ना केवल मुझे तुम्हारा दूध पीना अच्छा लगता था बल्कि सूचियों को पकड़कर अपने मुंह में चुभलाना और ज्यादा अच्छा लगता था
मौसी बोली बेशर्म मां से ऐसी बातें करता है तो मैंने बीच में कूदते हुए कहा अगर मां की चूचियां फिल्मों की बड़ी हीरोइनों की तरह हूं तो कौन बच्चा मां का दूध छोड़ना चाहेगा और शीशी में दूध पीने में क्या मजा जो मां के थनों से सीधा दूध पीने में आता है पर मेरी मां ने तो मुझे जल्दी ही दूर छुड़वा दिया था
मौसी बोली अगर तेरे मन में मां का दूध पीने की इच्छा है तो मैं तेरी मां से है तेरा दूध दोबारा शुरू करवा देती हूं !!
मैंने मचलते हुए कहा कि सच मौसी मेरी सिफारिश कर ही दो पर तुम भी तो मां जैसी हो मौका मिला है तुम मुझे और संजय मुझे अपना दूध पिला कर मां की कमी आज के लिए तो पूरी कर दो और संजय को भी अपना ताजा दूध पिलाकर उसकी यादों को ताजा करो
मौसी ने मेरे मुंह पर हल्की सी चपत मारते हुए कहा: मौसी से शैतानी करता है नालायक तेरी मां से शिकायत करनी पड़ेगी
मौसी तू माँ जैसी है मां से क्या शिकायत करोगी, शिकायत करनी है तो पापा से करो !! माँ से तो सिफारिश कर देना मेरा काम बन जाएगा
मौसी के मुंह से निकला की तेरे पापा से क्या शिकायत करूंगी वह तो खुद मेरी चूचियों को घूरते रहते हैं कहते ही मौसी को ध्यान आया कि उसने संजय के सामने क्या बोल दिया है पर माहौल पूरी तरह से वासनामय हो रहा था इसलिए तीनों हंस पड़े
मैंने कहा कि मौसी तुम्हारी चूचियां है ही इतनी आकर्षक की हर कोई तुम्हें मुड़-मुड़ कर देखता है और मन में पता नहीं क्या क्या सोचता है
मौसी फिर से मेरी आंखों में आंखें डाल कर बोली हर कोई का तो मुझे पता नहीं पर अब लगता है कि मेरे बच्चे भी मेरे को किस तरह से देख रहे हैं ..
मैंने बोला मौसी आपको तो खुश होना चाहिए कि आपके बच्चे सिर्फ अच्छी चीजों को ही पसंद करते हैं और उसमें इतनी तमीज आ गई है अच्छे- बुरे की पहचान कर सकें सुंदर आप हो ही इतनी सुंदर घर के सब बड़े और बच्चे आप पर फिदा है इससे इस तरह से हम तीनों बैठे हुए खुद की अर्थी बातें करते हुए मजाक करते रहे और संजय को इशारों - इशारों में उसकी मां को चोदने के लिए तैयार करते रहे
काफी देर बाद मौसी और संजय उठकर रसोई में जाकर खाने की तैयारी करने लगे मैं भी ड्राइंग रूम में ही बैठा टीवी देखता रहा था कि मां बेटे को इस शुरुआती बातचीत के बाद कुछ एक दूसरे को टटोलने का मौका मिल जाए अंदर से मुझे समझे और मौसी के हल्की-हल्की बातें करने और बोलने मसलने की आहटें मिल रही थी
खाना खाकर हम तीनों मम्मी पापा के बेडरूम में आ गए
मौसी: भाई मैं तो बस थक गई हूं आराम कर लूँ, तुम दोनों भाई बातें कर लो संजय ने मां से लिपटने का मौका देख कर कहा कि मैं भी कुछ देर लेट जाता हूं कहकर वह मां के साइड में लेट गया
मौसी बोली बेटा तू भी आजा मैंने मौसी से कहा कि मौसी हम दोनों बच्चे तुम्हारे साथ में सो रहे हैं अच्छा मौका है दोनों को ही दूध पिला दो
मौसी ने अपना एक पैर मेरे पैरों पर मारा और बोली मजाक मत करो चुपचाप सो जा। बार-बार माँ से ऐसा मजाक नहीं करते मैंने अपना एक हाथ मौसी के पेट पर रखा संजय ने भी करवट लेकर अपना हाथ अपनी मां के पेट पर रख् दिया और घुटना मुड़कर मां की जांघों के ऊपर रख दिया और हम दोनों भाई अपने बीच में पड़े मेरी मौसी और उसकी मां के पेट को सहला रहे थे और मासी अपने बेटे से चुदवाने के सपने देखते नींद के आगोश में समा गई
मैं संजय को देखते हुए मुस्कुरा रहा था संजय को कोई आपत्ति नहीं थी कि मैं उसकी मां से चिपक कर लेटा हुआ हूं शायद संजय मेरी मौसी के अपनी मां के शरीर पर मेरा भी उतना ही हक समझता था जितना उसने अपना समझा था
हम दोनों भाई मां से चिपक कर लेटे रहे और अपने- अपने लोड़े को मौसी की जांघों से रगड़ते रहे पर मैंने इस समय आगे बढ़ने का खतरा नहीं उठाया और संजय पर यह जाहिर नहीं होने दिया कि मैं और मौसी चुदाई के बंधन में बंध चुके हैं बल्कि मैं तो संजय को इस तरह से प्रोत्साहित करना चाहता था कि वह डरते-डरते धीरे-धीरे मौसी को अपनी ओर आकर्षित करें और बहुत आराम से मौसी को पटाते हुए जब मौसी की चूत में अपना लंड डाले तो उसे अपनी जीत का एहसास हो ना कि उसे वो चुदाई मौसी की कामवासना शांत करने का दायित्व लगे
इसी तरह से मौसी को भी यह अच्छा लगेगा कि मौसी को उसके बेटे ने पटाया है और मौसी की खूबसूरती से मोहित होकर अपनी जवानी, ताकत और दिलेरी दिखाते हुए अपनी मां की चूत में अपना झंडा गाढ़ा है
यह सोचते सोचते मैंने अपना हाथ मौसी के सीट से उठाकर संजय के हाथ के ऊपर रखा और संजय के हाथ को दबाते हुए संजय को आंख मारी संजय मेरा इशारा समझ कर मौसी से और ज्यादा चिपक गया और मैं थोड़ा मौसी से दूर हट गया। मेरे दूर करने की बात को संजय ने नोट किया और आंखों ही आंखों में मुझे थैंक यू बोला
कुछ देर बाद में उठकर बिस्तर से उठकर बाथरूम में गया और फिर वहां से अपने कमरे में चला गया मम्मी पापा के बिस्तर पर अब संजय और उसकी मां ही लेटे हुए थे। अपने कमरे में बैठकर मैंने सोचा कि किस तरह से संजय और मौसी को एकांत दिया जाए यह दोनों बेफिक्री से एक दूसरे को हटाकर चुदाई का खेल शुरू कर सकें मुझे लगता था इस काम के लिए दोनों को कम से कम एक रात मिलनी चाहिए तो मैंने निश्चय किया कि मैं किसी बहाने से शाम को घर से बाहर चला जाऊंगा तब संजय और मेरी मौसी यानि उसकी मां को लगभग 20 घंटे अकेले में एक दूसरे को पटाने और उसके बाद चोदने के 4-5 राउन्ड करने के लिए मिल जाएंगे और जब एक बार उन्होंने चुदाई शुरू कर दी तो मेरे आने के बाद भी अलग कमरे में आपने संजय अपनी मां का बाजा बजाना जारी रख सकता है
मैं फिर वापस आकर ज्यादा संजय और मौसी के साथ बिस्तर पर लेट गया और मौसी से चिपक कर अपना लौड़ा मौसी की जांघों में रगड़ने लगा संजय भी मौसी के और ज्यादा करीब आ गया इस तरह मौसी की दोनों जांघें हम दोनों के लोड़े के बीच में सैंडविच हो गई थी । मौसी भी कच्ची नींद में थी मौसी ने हम दोनों के लोडों के तनाव को महसूस किया और करवट लेकर उसने अपना मुंह संजय की तरफ कर लिया और पीठ मेरी तरफ। अब मेरा लंड मौसी की गांड में चुभ रहा था और मौसी के मम्मे संजय की छाती में दब रहे थे और मौसी के जांघों के बीच के हिस्से में संजय का लोड़ा छू रहा था इससे हम दोनों भाइयों ने मौसी को सुखा ही हल्का सा रगड़ दिया पर एक सीमा से ज्यादा आगे नहीं बढ़े
....... आगे जारी है.....
 
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Sangya

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2 घंटे बाद हमारी नींद खुली तो हम फिर से बैठ कर बातें करते हुए टीवी देखने लगे इस बीच मैंने जाकर किचन में चाय बनाई और चाय पीते पीते संजय को बोला कि संजय तू बहुत अच्छे समय से आया है !! मेरा एक दोस्त हॉस्पिटल में भर्ती है जो इस शहर में अकेला रहता है । इस लिए हम ऑफिस वाले बारी-बारी से हॉस्पिटल में उसके पास रुक रहे हैं।
मौसी अकेली थी तो मैं मैंने दूसरे से रिक्वेस्ट करके उसको हॉस्पिटल रुकने के लिए बोल दिया था पर अब तू आ गया है तो मैं हॉस्पिटल का अपना काम कर लेता हूं
संजय मेरी बात नहीं समझा और बोला कि भाई मैं तो तेरे से मिलने आया हूं और तू अपने दोस्तों से मिलने जा रहा है,
पर मौसी ने मेरी बात को समझ लिया कि अचानक मेरा दोस्त हॉस्पिटल में कैसे भर्ती हो गया है मौसी समझ गई कि मैं उनको मौका देना चाहता हूं तो मुझसे बोली हां बेटा तू तो कल से ही अपने दोस्त की फिक्र कर रहा था देख ले अगर जरूरी है तो चला जा अगर टल सकता है तो मेरे और संजय के साथ घर पर ही रह ।
मैं बोला मौसी अभी मम्मी पापा को आने में 2 दिन बाकी है और संजय शाम कल जाने की बात कर रहा है तो इसके जाने के बाद तुम्हें अकेला छोड़ कर जाना मेरे लिए मुश्किल होगा और मेरे दोस्त बुरा मान जाएंगे कि जरूरत के समय में मैं बहाना बनाकर गायब हो जाता हूं। फिक्र मत करो, मैं अभी जाऊंगा और 24 घंटे की ड्यूटी करके कल दोपहर के बाद लौट आऊंगा तब तक तुम दोनों एक दूसरे के साथ घर संभाल लेना
मेरी यह बात सुनकर मौसी मुझे बहुत खुशी हुई कि मैंने उनको पूरा दिन अकेले में बिताने का दे दिया पर संजय कुछ उदास सा था वो मेरे साथ तो हो आपने सेक्स की चाहत की बात करके और माँ को चोदने के तरीके पूछकर अपनी माँ की चूत लेने और बहन के साथ लिए हुए मजे की बात करना चाहता था इसलिए उसका मन उदास हो रहा था उसे नहीं पता था कि मैं और मौसी उसको स्वर्ग जितनी खुशी देने की कोशिश कर रहे हैं
जाने से पहले मैंने संजय को अकेले मुआक देखकर बोलया कि मैने अपनी माँ को पटाने के लिए उसकी मालिश करनी शुरू की है और मैं घर के कामों खासतोर पर कपड़े धोने के समय माँ के मदद करने लगा हूँ जिससे माँ मेरे से ज्यादा खुश हो राही है और साथ ही साथ मुझे माँ के गीले कपड़ों में माँ के मम्मे और चूतड़ साफ साफ दिखते हैं , माँ नोट करती है कि मैं माँ को ताड़ रहा हूँ फिर भी माँ ज्यादा झुककर अपने मम्मे दिखती है और मेरे से प्यार दिखते हुए मेरे को कस कर गीले कपड़ों में ही गले से लगा लेती है इसलिए मुझे लगता है की मैं जल्दी ही माँ की चूत मारने मैं सफल हो जाऊंगा
मेरी बात संजय ध्यान से सुन रहा था तो मैंने जोड़ा की तू भी अपनी माँ की सेवा करने का कोई भी मौका पकड़ कर माँ के करीब रह और माँ की रिएक्शन देखता रह, बहुत धीरे धीरे अपनी ठरक को माँ को दिखते हुय आगे बढ़, अगर मौसी तेरे को चूत देना चाहेगी या तेरा लंड लेना चाहेगी तो हल्का सा इशारा देगी मैं भी अपनी माँ से उसी इशारे का इंतजार कर रहा हूँ
संजय बोला समझ गया!!! तू और मैं माँ की सेवा करते हुए माँ के करीब रहूँगा और माँ की चाहत का पता चलते ही काम बना लूँगा
मैं बोला तू बहनचोद तो है ही माँ चोद भी बन जाएगा मेरी तो कोई सगी बहन नहीं है पर मैं कम से कम मादरचोद जल्दी ही बनने की उम्मीद रखता हूँ।
इसी तरह से मैंने मौसी को मौका देखकर बोला कि अब तुम्हारे पास 24 घंटे हैं और इन 24 घंटों में तुमने अपने बेटे की तसल्ली करनी है और अपनी चूत के लिए जवान घोड़े जैसा लंड़ पटाना है, मन मैं संजय भी तैयार है दोनों तरफ आग बराबर लगी हुई है मौसी मौके का फायदा उठा लेना बाद में मत कहना की बेटे मेरी चूत महीनों से प्यासी है

अगले अपडेट में आगे की चुदाई की कहानी मौसी के मुँह से सुनने को मिलेगी
 
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Meenabhabhi

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अपडेट

बहुत लंबा डाल दिया है भैयाजी🤗

मज़ा आ गया🥰


इसको पढ़कर अगले अपडेट का इन्तजार शुरू हो गया है🧐
 
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