यह संयोग हमारे लिए बहुत अच्छा रहा कि जब संजय ने घंटी बजाई तब मैं और मौसी चुदाई से निपट चुके थे और मैंने संजय को बाहर आँगन में ही बातों में लगा लिया और मौसी को कपड़े पहनने का समय मिल गया !!
नहीं तो, अचानक संजय के अंदर जाने पर नंग-धडंग मौसी को देखकर किस तरह का झटका लगता यह मेरी समझ से परे है या तो संजय अपनी मां को मेरे साथ नंगा देखकर भड़क जाता और मेरे से संबंध तोड़ देता या फिर हमारे चुदाई के संबंधों की मिलीभगत देखते हुए अपने मन की दबी हुई कामेच्छा को पूरा करने के लिए संजय तुरंत मां को ब्लैक्मेल करके माँ को चोदने की जुगाड़ में लग जाता
वैसे संजय द्वारा अपनी बहन की लगातार चूत चुदाई करने और उसको यह पता होने से कि मुझे यह सब अच्छे से मालूम है कि संजय अपनी बहन को मौका मिलते ही चोद देता है से दूसरी बात की संभावना ज्यादा लगती थी पर इस तरह से अगर गुस्से में संजय और मौसी की चुदाई शुरू होती तो उतना मजा नहीं आता जैसा मौसी अपने बेटे से प्रथम चुदाई को बहुत यादगार बनाकर संजय से अपने चुदाई संबंध की शुरुआत करना चाहती थी
संजय के आने को हमने बहुत सामान्य ढंग ले लिया बल्कि खुशी जाहिर की और ये खुशी काफी कुछ वास्तविक भी थी क्योंकि मौसी बहुत बेकरारी से बिना किसी देरी किए संजय से उन्हें के लंड से अपनी चूत को पिलवाना चाहती थी और मैं भी चाहता था कि मौसी की चूत की संतुष्टि के लिए संजय का लंड मौसी की चूत में ठोकने के समय मेरी सक्रिय भूमिका रहे
हम कमरे में बैठकर बात करने लगे और मौसी संजय के लिए चाय नाश्ता बनाने के लिए रसोई में चली गई और मैं संजय से बात करने लगा मैंने पूछा कि संजय तेरे को एकदम मां की याद आ गई या कोई और काम उसे यहां खींच लाया है साथ ही मैंने शरारत से संजय से आंख मारते हुए कहा कि मां का दूध पिए बिना 1 दिन भी रहना मुश्किल था जो मां के पीछे - पीछे आ गया है
मेरी इस बात से संजय हंसा और बोला मां का दूध अब तो पीने को नहीं मिलता परंतु मां की चूचियां और जांघे से देखने से मन नहीं भरता इसलिए आया हूं
मैंने उसकी पीठ पर धोल मारते हुए कहां की है यह तो तेरे मन की बात हो गई पर ऐसा क्या कारण बना कि यहाँ आने का मौका मिल गया तब संजय ने बताया कि उसके दोस्त की बहन अमेरिका से दिल्ली आई है और उसका दोस्त कार में अपनी बहन को लेने आया तो मुझे साथ ले आया कि रास्ते में बात करते चलेंगे फिर दिल्ली में अपनी बहन को रिसीव करते ही पता नहीं उन दोनों भाई बहन में क्या सेटिंग हुई कि मेरा दोस्त मुझसे बोल कि दिल्ली में उनको किसी रिश्तेदार के घर जाकर 2 दिन रुकन पड़ेगा जबकि शुरू में ऐसा कोई प्रोग्राम नहीं था और ना ही मेरी जानकारी में उनका कोई रिश्तेदार दिल्ली में है
मुझे लगता है कि मेरा दोस्त अपनी बहन को जाने से पहले भी चोदता था और अब शायद इतने दिनों बाद बहन को देखते ही उसका मन बहन को पेलने के लिए बहुत बैचेन हो गया और उसकी बहन भी अपने भाई का कसरती लौड़ा अपनी चूत में डलवाने के लिए बेकरार हो गई लगती थी इसलिये घर जाने से पहले दोनों भाई बहन कई सालों की आपसी लौड़े और चूत भूख मिटाने के लिए मन भरकर अकेले में होटल में रहकर चुदाई करना चाहते है तो दोनों बहाना बनाकर 2 दिन के लिए दिल्ली में रुक गए
मैं उनके कार्यक्रम में बाधा नहीं बनना चाहता था इसलिए मैंने कहा कि मैं मेरठ में अपनी मौसी के घर चला जाता हूं और वह दिल्ली से वापिस घर जाते समय मुझे मेरठ से ले लें यह सुनकर उन्होंने मुझे दिल्ली बस अड्डे पर छोड़ दिया और मैं बस में यहाँ चला आया मुझे पूरा यकीन है कि मुझे छोड़ते ही दोनों भाई बहन आपस में मस्ती करते हुए किसी होटल में घुस गए होंगे और पति पत्नी की तरह 2 दिन तक भरपूर चुदाई करेंगे फिर अपने घर जाने की सोचेगें
मैंने पूछा पर दोनों दिल्ली में रुकने के लिए अपने घर पर क्या बहाना बनाएंगे ?
संजय ने कहा कि मेरे सामने तो रिश्तेदारों के रुकने की बात कर रहे थे पर साथ ही आपस में यह भी बोल रहे थे कि घर पर कह देंगे कि उसका का समान इस फ्लाइट में नहीं आया था वही अमेरिका में छूट गया इसलिये उनको दिल्ली में रुकना पड़ा, इस तरह से दोनों एक-दो दिन चुदाई के लिए निकाल लेंगे
देख भाई मेरी समझ में आया कि उसकी बहन शादी के तुरंत बाद अपने पति के पास अमेरिका चली गई थी और इन दोनों भाई बहन का चुदाई का रिश्ते में रुकावट आ गई और दोनों भाई बहन आप से चुदाई के लिए तरस रहे थे और घर पर जाते ही चुदाई का मौका मिलने वाला नहीं है इसलिए पहले दिल्ली में रुककर वो अपनी बहन को मन भर के खुल्लम खुल्ला पूरा नंगा होकर बिना किसी डर के कभी सीधा लिटा कर और कभी घोड़ी बनाकर चोद लेगा और अच्छे से अपनी बहन के बड़े बड़े मम्मों का दूध पिएगा और अपने लोड़े की रसमालाई खिलाएगा, वाह सेल की किस्मत तो देखो साली उसकी बहन भी क्या पूजा भट्ट जैसी लगती है मोठे मोठे मम्मे और फैली हुई गाण्ड !!! क्या किस्मत पाई है कि दोनों भाई बहन ने !!! अकेले में चुदाई का इतना अच्छा मौका मिल गया है !!
मैंने कहा उसकी बहन पूजा भट्ट जैसी लगती है तो हमारी बहन भी तो काजोल से ज्यादा सुन्दर है,
संजय की इन बातों से मुझे संजय के मन में जमी हुई ठरक का पता चला और मैं यह जानकर बहुत खुश हुआ कि संजय भी अकेले में खुल्लम खुल्ला नंगा होकर अपनी बहन को चोदने का ख्वाब रखता है और अपने मन की बात मेरे से बिना किसी छुपाव के कर रहा है तो मैंने कहा कि अपनी-अपनी किस्मत है भाई हर किसी को आपकी बहन को खुल्लम-खुल्ला चोदने का मौका नहीं मिलता बल्कि ज्यादातर लड़के सिर्फ रात में बिना कोई शोर किए ही चुपचाप से अपनी बहन को चोद पाते हैं, पर सच में पूछो तो अगर उनके मां-बाप दोनों नौकरी करते हैं तो जरूर दिन में आराम से चुदाई कर लेते होंगे या भाई-बहन हैं अपनी पढ़ाई या नौकरी के लिए बाहर दूसरे शहर में इकठठे रहते हैं तो उनके फुल्ल मजे हैं पति-पत्नी की तरह खुल्लम खुल्ला दिन रात पिलाई करते होंगे
मेरी इन बातों से संजय और मेरे दोनों के लंड खड़े होने लगे थे
मैं तो गोवा में लगातार मां और रचना को चोद कर आया था और यहां आते ही मुझे मौसी की चूत बिना इंतजार किए लगातार चोदने का मौका मिल रहा था पर अपने घर पर संजय को संजना को चुदाई का मौका बहुत लुकछुप कर ही मिलता था, मौसी तो हमेशा घर में ही रहती थी तो कॉलेज की छुट्टी के दिन भी संजय और संजना को आपस में चुदाई का मौका नहीं मिलता था बल्कि रात में ही दोनों जब मौसा मौसी चुदाई के बाद गहरी नींद में सो रहे होते थे तब एक दूसरे के कमरे में घुसकर बिना कोई आवाज किए जल्दी से चुदाई करते होंगे ऐसा मौका शायद ही मिलता होगा कि मौसी मोंसा उन दोनों को अकेले छोड़ कर छोड़ कर कहीं गए हो
संजय के इस खुली चुदाई के ठरक को मैंने उसकी मां की तरफ मोड़ने का प्रयास किया मैंने कहा कि बहन ही नहीं कुछ भाग्यवान लड़के होते हैं जिनको उनकी मां की चुदाई का भी पूरा मौका मिलता है
संजय बेमन ने बोला नहीं मुझे नहीं लगता कि मां बेटे की चुदाई करते होंगे
मैंने कहा क्यों तुम्हें कहानियां नहीं पड़ी जिसमें लड़के अपनी माँ मामी चाची को पूरे मन से चोदते हैं
संजय वह ने कहा कि तो मैंने भी कई कहानियों मां को चोदने वाली की पड़ी है पर मुझे नहीं लगता की सच में लड़के अपनी माँ को पेलते होंगे
मैंने बोला की जब हर एक लड़का अपनी मां के मम्मे चूत और जांघे देखकर मुठ मारता है मां के नंगे मम्मों को देखने का कोई मौका नहीं छोड़ता तब ऐसा क्या कारण होगा कि लड़का लड़की अपनी बहन को तो चोद दे और मां को छोड़ दें
संजय ने बात जारी रखी हो बोला कि नहीं बहन तो बराबर उम्र की होती है इतनी बड़ी बूढ़ी होती माँ पर कोी कैसे चढ़ सकता है, साथ ही मां के ऊपर तो बाप का कब्जा होता है और मां अपने बेटे को कितने लाड प्यार से रखती है मुझे नहीं लगता की कोई माँ बेटे से सेक्स के लिए राजी हो सकती है, मां को तो वैसे भी बहुत श्रद्धा की निगाह से देखा जाता है
मैं बोला श्रद्धा की निगाह से तो बहन को भी देखा जाता है पर जब वहां पर वर्जित चुदाई में इतना मजा आता है की लगातार चुदाई हो सकती है तो मां के साथ क्यों नहीं दोनों ही जगह पर घर की इज्जत घर में रहती है और इतने करीबी रिश्ते में किसी भी तरह का डर नहीं होता
इस पर संजय ने मुझसे कहा कि तू सच कह रहा है, हम सब अपनी मां के मम्मे जितने भी देख रहे हैं और ज्यादा देखने की इच्छा रहती है और गाहे-बगाहे मां की चूत तक भी निगाह जाती है। मां भी हमेशा हमसे बहनों के मुकाबले ज्यादा खुलकर पेश आती है बहने तो कुश्ती जैसी धींगा मस्ती करते समय भी पूरे कपड़ों में रहती है और उनकी क्लीवेज ही दिख पाती है और ज्यादा से ज्यादा घुटनों तक पैर जबकि मां के तो लगभग पूरे मम्मे निप्पल सहित दिख जाते हैं और माँ अपने कपड़ों को कितनी ही बार जांघों तक उठाकर अपनी जांघे पूरी की पूरी दिखा देती है!!! इसका क्या कारण होगा ???
मैंने जवाब दिया अब तू लाइन पर आ रहा है : इसका कारण वह नहीं है जो तू समझ रहा है !!
एक तू मां को भरोसा और हक महसूस होता है कि उसका बेटा उसकी चूत से निकला है और इसलिए बेटे पर माँ का हक है और बेटे का मां की हर चीज पर उतना ही हक है। माँ ने अच्छे से नहलाया धुलाया होता है और उसका सब कुछ देखा हुआ है इसलिए माँ भी अपना पूरा बदन अपने बेटों को दिखने में कुछ शर्म नहीं महसूस करती
दूसरा जैसे हमारी इच्छा अपनी मां की मम्मे देखने की होती है वैसे ही मां भी हमारे लंड का तनाव देखकर खुश होती होगी तभी तो इतनी बेबाकी से कपड़े धोते समय या घर के बाकी काम करते हुए हमारे से लिपट पड़ती है कि मां को हमारे गठीले बदन की खुशबू मिल जाए सच में संजय मुझे तो कई बार लगता है कि मेरी मां मुझसे पिलवाना चाहती है तभी तो अपना सारा बदन उघाड़ कर मेरे सामने बड़े आराम से घूमती रहती है
जैसे-जैसे पिताजी की उम्र बढ़ती जा रही है और उनके लोड़े की ताकत कम हो रही है वैसे वैसे ही मां का अपना नंगा शरीर मुझे दिखाने की लिमिट ही बढ़ती जा रही है। पहले माँ मुझसे इतना नहीं लिपटती थी पर अब कुछ सालों से मां के मुझसे लिपटने की घटनाएं बढ़ती जा रही है इसलिए मैं अब कुछ महीनों से सोच रहा हूँ की किसी दिन हल्के से चांस ले ही लूँ।
मेरी इस हिम्मत बढ़ाने वाली बात से संजय ने बोला यह तो मैंने भी महसूस किया है शायद यही कारण होगा कि पिताजी का बुढ़ाता हुआ शरीर, कम होती ताकत और हमारा मजबूत होता हुआ गठीला शरीर मां को लुभावना लगता होगा और माँ हम जवान लड़कों से अपनी चूत के आग शांत करना चाहती होगी, पर ये बता तू कैसे शुरुआत करेगा, कनिं ऐसा ना हो की मौसी तेरी पिटाई भी करे और मौसा जी से शिकायत करके घर से निकलवा दे
सही पकड़े हो संजय बाबू!!! मैंने संजय की जांघ पर हाथ मारते हुए बोला, मैं बहुत दिनों से बिल्कुल सेफ ढंग से माँ पर लाइन मार रहा हूँ और किसी दिन मौका मिलते ही माँ के नंगे जिस्म से लिपट कर उसे गर्म कर दूंगा ताकि माँ खुद मेरे लोड़े को पकड़ कर अपनी चूत देने की इच्छा ना जाहीर कर दे
इतने में मौसी चाय और नाश्ता लेकर कमरे में आ गई और बोली दोनों भाइयों में घुट घुट कर क्या बातें हो रही है
मैंने मौसी को छेड़ते हुए कहा कि संजय बता रहा था यह तुम्हारे बिना संजय का मन नहीं लगा इसलिए यह तुम्हारे साथ रहने के लिए यहां चला आया है
मौसी बोली, सब ढोंग करता है!!! वहां घर में तो यह मुझसे मां रोटी बना दे मां मेरे कपड़े धो दे मां मेरे कपड़े कहां रखे हैं मां मुझे पिता जी से पैसे दिलवा दे के अलावा कोई बात नहीं करता और तू कहता है कि एक ही दिन में मेरी याद आने चाहिए यहां भागा आया है
मैंने बोला सच में मौसी अब देखो आया है तो और क्या कारण होगा
मौसी बोली मुझे नहीं पता और क्या कारण होगा या तो इसकी प्यारी बहन ने उसको इसे झगड़ा किया होगा या पिता जी ने इसको अच्छे से डांट दिया होगा तो बचने के लिए यहां चला आया। मेरे सामने तो दोनों भाई बहन इतना घी शक्कर हो कर रहते हैं कि मुझे कई बार लगता है कि जब संजय संजना को शादी के बाद विदाई में साथ जाने की जिद करेगा
मैंने बात जोड़ते हुए कहा सच में मौसी संजय संजना दोनों भाई बहन का आपसी प्यार तो बहुत रहा है। संजय अपनी बहन कों परदेस तो कभी नहीं भेजेगा और संजय को आंख मारते हुए मौसी को बोला देखना संजना की शादी होने तक संजय आपको अपनी बहन बना लेगा और बिल्कुल संजना के तरह ही आपसे प्यार करने लगेगा
संजय ने मेरी बात का मतलब समझते हुए मुस्कुराया कि जिस तरह से संजय अभी अपनी बहन को फैलता है और अपने लंड को बहन की चूत में डाल कर ठंडा करता है उसी तरह से कुछ समय बाद समझे आपकी मां को भी चोद चोद कर संतुष्ट कर देगा और अपने लोड़े की प्यास बुझा पाएगा
मौसी ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि नहीं रे!!! बहन से तो मां ही अच्छी हूं मैं!!
संजना की शादी के एकदम बाद मुझे इसकी भी तो शादी करनी है उस समय संजय की बीवी मुझे अपनी नंद के रूप में हमेशा कहां घर में देख पाएगी? सास के साथ तो बहु जैसे तैसे निभा ही लेती है पर अगर बीवी देखे की ननद हमेशा सिर पर सवार हो तो हमेशा ननद को हर औरत अपनी सौतन ही मानती है
इस बीच मौका देख कर संजय बातचीत में कूद गया और अपनी मां को आलिंगन करके बोला नहीं मां तू तुम हमेशा मेरी मा ही रहेगी और अपनी बीवी से भी तेरे पैर दबा लूंगा और तुझे पूरा आराम दूंगा
मौसी ने फिर कहा कि बीवी से मेरे पैर तो तू तब दबवाएगा जब वो आएगी और तू शादी से पहले मां की सेवा करता होगा। आज तक तो तूने कभी मेरे पैर नहीं दबाए तो संजय ने माँ से लिपटते हुए कहा कि ऐसे नहीं है मां!! आपने कभी बोला ही नहीं नहीं तो मैं आपकी सेवा करने से पीछे नहीं हटने वाला
मौसी ने भी संजय को कसकर अपने आलिंगन में लिया और बोली हां बेटा!! मुझे तेरे पर पूरा विश्वास है तू अच्छे से सब तेरा तरह से मां की सेवा करेगा और मां को खुश रखेगा
मां बेटे के प्यार की शुरुआत होते देख कर मैंने दोनों का ध्यान ठंडी होती चाय की तरफ दिलाया और कहा कि मां बेटे को प्यार करने के लिए तो पूरी जिंदगी है अभी पहले चाय तो पी लो। दोनों हंसकर आलिंगन से अलग हुए और मौसी अपने हाथ से संजय को गरम-गरम पकौड़ा खिलाने लगी
मौसी भी समझ रही थी कि संयोगवश संजय के आने से उसकी दिल की इच्छा पूरी होने का पूरा संजोग बन गया है और मौसी मौके का पूरा फायदा उठाना चाहती थी
चाय पीने के बाद मौसी ने कहा कि संजय बेटा तू कुछ आराम कर ले मैं खाना बनाती हूं और आकाश बेटा तू मुझे किचन में मदद कर दे
संजय ने कहा मां मैं थका हुआ नहीं हूं, मैं ही मदद करता हूं। आकाश भैया को आराम करने दो मेरी बातों से उत्तेजित हुआ संजय मां के करीब होने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता था
मौसी बोली ठीक है बेटा पर तू पहले नहा ले सफर से आया है
सजय माँ मैं कार से ही आया हूं सुबह नहा कर ही घर से निकला था पर फ्रेश होकर आता हूं तब हम मां बेटा मिलकर खाना बनाएंगे। आकाश भैया आप आराम कर लो
फिर संजय उठकर बाथरूम में चला गया
संजय के बाहर जाते ही मैंने मौसी के कान में कहा कि मौसी देखो कितनी जल्दी तुम्हारे इच्छा पूरी करने का मौका बन गया है तुम उसी बोली हां शायद मेरी इस पनियाती चूत में संजय का लंड घुसने का समय आ गया है !! पर क्या तू संजय के सामने ही मुझे चोद कर संजय को उत्तेजित करेगा और प्रोत्साहित करेगा कि संजय मेरी चूत मार ले पर इससे तो संजय के सामने हमारी पोल खुल जाएगी
मैं बोला मौसी बेफिक्र रहो अभी थोड़ी देर में मैं तुम्हें और संजय को एकांत में रहने का लंबा मौका दूंगा जाने से पहले सेक्सी और माँ बेटे की चुदाई की बातें करके संजय के लंड को इतना खड़ा कर दूंगा कि मेरे बाहर जाते हैं संजय तुम पर चढ़ जाएगा
मौसी ने मेरा चुंबन लिया और बोली जीता रहे मेरा बेटा तु मेरी बरसों पुरानी इच्छा पूरी कर रहा है
संजय के बाथरूम से आने पर हम तीनों सोफे पर बैठ कर हंसी मजाक करते रहे और मैं बातों बातों में मौसी की खूबसूरती की तारीफ संजय के मुंह से करवा कर मौसी को गर्म कर रहा था और संजय की झिझक भी दूर करने की कोशिश कर रहा था
खुशी खुशी के माहौल में संजय को ना केवल झिझक दूर हो रही थी बल्कि संजय उत्तेजित भी हो रहा था और अब उसके मन में मां को चोदने की संभावना जागृत होती दिख रही थी। संजय को यह नहीं पता था कि मैं और मौसी, संजय को मौसी की चूत में उसी दिन घुसवाने की योजना बनाकर बैठे हैं
संजय तो अभी तक यही नहीं सोच पा रहा था कि मां को चोद भी सकते हैं और मेरी बातों से उसने मां की चूत अपनी बहन की तरह ही चोदने के बारे में सोचना ही शुरू किया था और मन में विचार कर रहा था कि कब पापा और संजना घर पर नहीं होंगे तब वो अपनी मां को किसी तरह से अपने नीचे लिटा पाएगा
बातचीत में हीं मैंने मौसी की तारीफ करते हुए मौसी के बड़े-बड़े मम्मों को रीना राय की चुचियों से के बराबर जाहिर किया कहां की मौसी संजय को तुमने बचपन में इतना दूर पिलाया है कि संजय अब देखो कसरत ही जवान बन गया है संजय ने भी मौसी को छोड़ते हुए कहा कि मैं तो संजना के पैदा के होने के बाद भी मां का दूध नहीं छोड़ना चाह रहा था और कई साल तक ऐसा हुआ कि मैं और संजना 1-1 चूची से दूध पीते थे
मौसी के चेहरे पर लाली दौड़ गई और बोली तुझे याद है संजय बोला हां वहां क्यों याद नहीं होगा मेरे स्कूल जाने तक तो मैं तुम्हारी चुचियों से दूध पीता रहा हूं ना केवल मुझे तुम्हारा दूध पीना अच्छा लगता था बल्कि सूचियों को पकड़कर अपने मुंह में चुभलाना और ज्यादा अच्छा लगता था
मौसी बोली बेशर्म मां से ऐसी बातें करता है तो मैंने बीच में कूदते हुए कहा अगर मां की चूचियां फिल्मों की बड़ी हीरोइनों की तरह हूं तो कौन बच्चा मां का दूध छोड़ना चाहेगा और शीशी में दूध पीने में क्या मजा जो मां के थनों से सीधा दूध पीने में आता है पर मेरी मां ने तो मुझे जल्दी ही दूर छुड़वा दिया था
मौसी बोली अगर तेरे मन में मां का दूध पीने की इच्छा है तो मैं तेरी मां से है तेरा दूध दोबारा शुरू करवा देती हूं !!
मैंने मचलते हुए कहा कि सच मौसी मेरी सिफारिश कर ही दो पर तुम भी तो मां जैसी हो मौका मिला है तुम मुझे और संजय मुझे अपना दूध पिला कर मां की कमी आज के लिए तो पूरी कर दो और संजय को भी अपना ताजा दूध पिलाकर उसकी यादों को ताजा करो
मौसी ने मेरे मुंह पर हल्की सी चपत मारते हुए कहा: मौसी से शैतानी करता है नालायक तेरी मां से शिकायत करनी पड़ेगी
मौसी तू माँ जैसी है मां से क्या शिकायत करोगी, शिकायत करनी है तो पापा से करो !! माँ से तो सिफारिश कर देना मेरा काम बन जाएगा
मौसी के मुंह से निकला की तेरे पापा से क्या शिकायत करूंगी वह तो खुद मेरी चूचियों को घूरते रहते हैं कहते ही मौसी को ध्यान आया कि उसने संजय के सामने क्या बोल दिया है पर माहौल पूरी तरह से वासनामय हो रहा था इसलिए तीनों हंस पड़े
मैंने कहा कि मौसी तुम्हारी चूचियां है ही इतनी आकर्षक की हर कोई तुम्हें मुड़-मुड़ कर देखता है और मन में पता नहीं क्या क्या सोचता है
मौसी फिर से मेरी आंखों में आंखें डाल कर बोली हर कोई का तो मुझे पता नहीं पर अब लगता है कि मेरे बच्चे भी मेरे को किस तरह से देख रहे हैं ..
मैंने बोला मौसी आपको तो खुश होना चाहिए कि आपके बच्चे सिर्फ अच्छी चीजों को ही पसंद करते हैं और उसमें इतनी तमीज आ गई है अच्छे- बुरे की पहचान कर सकें सुंदर आप हो ही इतनी सुंदर घर के सब बड़े और बच्चे आप पर फिदा है इससे इस तरह से हम तीनों बैठे हुए खुद की अर्थी बातें करते हुए मजाक करते रहे और संजय को इशारों - इशारों में उसकी मां को चोदने के लिए तैयार करते रहे
काफी देर बाद मौसी और संजय उठकर रसोई में जाकर खाने की तैयारी करने लगे मैं भी ड्राइंग रूम में ही बैठा टीवी देखता रहा था कि मां बेटे को इस शुरुआती बातचीत के बाद कुछ एक दूसरे को टटोलने का मौका मिल जाए अंदर से मुझे समझे और मौसी के हल्की-हल्की बातें करने और बोलने मसलने की आहटें मिल रही थी
खाना खाकर हम तीनों मम्मी पापा के बेडरूम में आ गए
मौसी: भाई मैं तो बस थक गई हूं आराम कर लूँ, तुम दोनों भाई बातें कर लो संजय ने मां से लिपटने का मौका देख कर कहा कि मैं भी कुछ देर लेट जाता हूं कहकर वह मां के साइड में लेट गया
मौसी बोली बेटा तू भी आजा मैंने मौसी से कहा कि मौसी हम दोनों बच्चे तुम्हारे साथ में सो रहे हैं अच्छा मौका है दोनों को ही दूध पिला दो
मौसी ने अपना एक पैर मेरे पैरों पर मारा और बोली मजाक मत करो चुपचाप सो जा। बार-बार माँ से ऐसा मजाक नहीं करते मैंने अपना एक हाथ मौसी के पेट पर रखा संजय ने भी करवट लेकर अपना हाथ अपनी मां के पेट पर रख् दिया और घुटना मुड़कर मां की जांघों के ऊपर रख दिया और हम दोनों भाई अपने बीच में पड़े मेरी मौसी और उसकी मां के पेट को सहला रहे थे और मासी अपने बेटे से चुदवाने के सपने देखते नींद के आगोश में समा गई
मैं संजय को देखते हुए मुस्कुरा रहा था संजय को कोई आपत्ति नहीं थी कि मैं उसकी मां से चिपक कर लेटा हुआ हूं शायद संजय मेरी मौसी के अपनी मां के शरीर पर मेरा भी उतना ही हक समझता था जितना उसने अपना समझा था
हम दोनों भाई मां से चिपक कर लेटे रहे और अपने- अपने लोड़े को मौसी की जांघों से रगड़ते रहे पर मैंने इस समय आगे बढ़ने का खतरा नहीं उठाया और संजय पर यह जाहिर नहीं होने दिया कि मैं और मौसी चुदाई के बंधन में बंध चुके हैं बल्कि मैं तो संजय को इस तरह से प्रोत्साहित करना चाहता था कि वह डरते-डरते धीरे-धीरे मौसी को अपनी ओर आकर्षित करें और बहुत आराम से मौसी को पटाते हुए जब मौसी की चूत में अपना लंड डाले तो उसे अपनी जीत का एहसास हो ना कि उसे वो चुदाई मौसी की कामवासना शांत करने का दायित्व लगे
इसी तरह से मौसी को भी यह अच्छा लगेगा कि मौसी को उसके बेटे ने पटाया है और मौसी की खूबसूरती से मोहित होकर अपनी जवानी, ताकत और दिलेरी दिखाते हुए अपनी मां की चूत में अपना झंडा गाढ़ा है
यह सोचते सोचते मैंने अपना हाथ मौसी के सीट से उठाकर संजय के हाथ के ऊपर रखा और संजय के हाथ को दबाते हुए संजय को आंख मारी संजय मेरा इशारा समझ कर मौसी से और ज्यादा चिपक गया और मैं थोड़ा मौसी से दूर हट गया। मेरे दूर करने की बात को संजय ने नोट किया और आंखों ही आंखों में मुझे थैंक यू बोला
कुछ देर बाद में उठकर बिस्तर से उठकर बाथरूम में गया और फिर वहां से अपने कमरे में चला गया मम्मी पापा के बिस्तर पर अब संजय और उसकी मां ही लेटे हुए थे। अपने कमरे में बैठकर मैंने सोचा कि किस तरह से संजय और मौसी को एकांत दिया जाए यह दोनों बेफिक्री से एक दूसरे को हटाकर चुदाई का खेल शुरू कर सकें मुझे लगता था इस काम के लिए दोनों को कम से कम एक रात मिलनी चाहिए तो मैंने निश्चय किया कि मैं किसी बहाने से शाम को घर से बाहर चला जाऊंगा तब संजय और मेरी मौसी यानि उसकी मां को लगभग 20 घंटे अकेले में एक दूसरे को पटाने और उसके बाद चोदने के 4-5 राउन्ड करने के लिए मिल जाएंगे और जब एक बार उन्होंने चुदाई शुरू कर दी तो मेरे आने के बाद भी अलग कमरे में आपने संजय अपनी मां का बाजा बजाना जारी रख सकता है
मैं फिर वापस आकर ज्यादा संजय और मौसी के साथ बिस्तर पर लेट गया और मौसी से चिपक कर अपना लौड़ा मौसी की जांघों में रगड़ने लगा संजय भी मौसी के और ज्यादा करीब आ गया इस तरह मौसी की दोनों जांघें हम दोनों के लोड़े के बीच में सैंडविच हो गई थी । मौसी भी कच्ची नींद में थी मौसी ने हम दोनों के लोडों के तनाव को महसूस किया और करवट लेकर उसने अपना मुंह संजय की तरफ कर लिया और पीठ मेरी तरफ। अब मेरा लंड मौसी की गांड में चुभ रहा था और मौसी के मम्मे संजय की छाती में दब रहे थे और मौसी के जांघों के बीच के हिस्से में संजय का लोड़ा छू रहा था इससे हम दोनों भाइयों ने मौसी को सुखा ही हल्का सा रगड़ दिया पर एक सीमा से ज्यादा आगे नहीं बढ़े
....... आगे जारी है.....