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Incest मां और मैं

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मैंने मां की बात को समझाते हुए कहा कि जब मैं मां के पास लेटा तो मां को चोदने की है सहमति मिलने के बाद मेरे मन में कोई कन्ट्रोल नहीं रहा और मैं मां को छूने से ही झड़ने लगा
मां बातों का सुत्र हाथ में लेकर बोली:
झड़ने से आकाश अकबका गया था पर मैं अपने अनुभव से समझ गई थी कि बच्चे के लंड को पहली बार किसी औरत ने छुआ है तो यह अपने एक बार काबू नहीं कर सका
कोई बात नहीं मैंने इसको तसलली देते हुए कहा कि ज्यादा भूख लगी हो तो एक ग्रास खाना खाने से पेट में अफारा आ जाता है , खाली पेट हमेशा ही सहज से खाना खान चाहिए , चल अब दूसरी बार थाली परोसती हूं यहाँ थाली से मेरा मतलब अपनी चूत परोसने से था

अब आगे
इस पर आकाश ने बड़ा सुंदर जवाब दिया था ना अभी तो तुम बीमार हो तुम ऐसे ही लेटी रहो मैं अपना खाना खुद गरम करके थाली परोस लेता हूं और अभी खुद खाने के साथ-साथ आपको भी खिलाऊंगा
वाह मेरे बेटे, एक बार वैसे ही झड़ने के बाद, अब तू खुद भी गरम होगा और माँ को भी गर्म करके अच्छे से चुदाई करेगा
आकाश ने साइड से कपड़ा उठाकर अपने लंड और मेरी चुत को अच्छे से पौंछा और मेरी मैक्सी का किनारा पकड़कर गर्दन से उतारकर मुझे बिल्कुल नंगा कर दिया
आकाश खुद तो पहले से ही पूरा नंगा हो चुका था अब मेरे बेटे ने साइड में से क्रीम की डिब्बी उठाई और धीरे-धीरे मेरे पैरों और जांघों पर मलने लगा इसके हाथों के जादू से मेरे शरीर में करंट दौड़ने लगा था
जांघों पर क्रीम लगाते-लगाते आकाश मेरे मम्मी पीने लग गया था मैंने अपने हाथ से छुहारा बने हुए इसके छोटे से नोनू लौड़े को सहलाना शुरू किया अपने अंगूठे से देश के इस की लुल्ली के छिद्र को दबाती खोलती लौड़े की त्वचा को आगे पीछे करती रही जिससे इसके लौड़े में तनाव आने लगा और यह भी तेज तेज सिसकारियां लेने लगा इसमें मेरे मम्मों पर जोर बढ़ा दिया था और अपने हाथों से मेरी चूत को मसलते हुए अपनी उंगली मेरी योनि में पेल दी
इसकी हरकत से मैंने के जवाब में मैंने इसके लंड को अच्छे से मरोड़ दिया और आगे मुंह करके इसके छोटे से निप्पल पर जीभ रगड़ने लगी थी
ऐसा करने से इसकी लुल्ली फनफनाकर लोड़ा बन गई और दोबारा से मेरी चूत में घुसने को आतुर हो गई थी
अब हम दुबारा से आलिंगन में लेट गए
मेरे साथ चिपक कर लेटे हुए आकाश के हाथ मेरे पीठ पेट और ब्लाउज के ऊपर से मेरे को मालिश कर रहे थे और पीछे मेरे साथ चम्मच की तरह चिपटने के कारण आकाश का आप बिल्कुल तन चुका लोड़ा मेरे नितंबों की दरार में दस्तक दे रहा था
मैं भी थकावट के कारण अलमस्त पड़ी हुई थी आकाश के मुझे कामुक तरीके को से छूने के कारण मेरे अंदर वासना हिलोरे मारने लगी मैंने थोड़ा सा पीठ को थोड़ा सा बल देते हुए अपने नितंबों का दबाव आकाश के लंड पर बढ़ा दिया तो आकाश में अपने हाथ का जवाब मेरे बलाउज पर सख्त दिया कर दिया
मेरे निप्पल सख्त होने लगे थे जिसका एहसास आकाश को भी हुआ जो आकाश में ब्लाउज के ऊपर से ही मेरे निप्पल पहले तो अपनी मुट्ठी में भरे फिर धीरे से उंगली और अंगूठे के बीच में दबाकर छुआरा बने अंगूरों को दबाने लगा इतने भर से ही मेरी वासना के संयम पर रखा ताला खुलने लगा था मैंने अपना एक हाथ आकाश के हाथ पर रखा और उसके हाथ को आपने पेटीकोट में नाड़ा बांधने की खुली जगह के कट पर रख दिया आकाश चुपचाप मेरे इशारों पर चलता रहा और मेरे पेट के सबसे निचले हिस्से जहां पर पेटिकोट खुला होने के कारण उसका हाथ जा रहा था अपनी उंगलियों से मेरी चुत के आसपास सहलाने लगा
कर आकाश दूसरा हाथ ब्लाउज के ऊपर रख दिया और मेरे गोल गोल मम्मों को दबाने लगा
उस दिन पहली बार आकाश ने मेरे नंगे मम्मों को मेरे को चोदने से पहले रागड़ रहा था और मेरी पेट के निचले हिस्से को दूसरे हाथ दे सहला रहा था इससे मुझे और मजा आने लगा और मैंने अपने नितंब की दरार को एडजस्ट करके आकाश के लौड़े के अपनी दरार को सेट कर दिया
आकाश का लौड़ा भी जगह मिलते ही मेरी दरार पर खूब आसानी से फिट हो गया आकाश मेरे से ज्यादा से ज्यादा चिपकने की कोशिश कर रहा था आकाश बेटे को मालूम नहीं था कि आज मां की चूत उसको सच में बहुत मजे देगी, माँ की चूत पूरे पूरे मजे देगी
आकाश बोला कि मां पहले सो जाते उसके बाद मालिश करते तो ज्यादा अच्छा लगता ,मैंने उसका हौसला बढ़ाते हुए कुछ लालच दिया और बोला कि बोली कि बेटा सोने से पहले मालिश करेंगे फिर मन बन गया तो पहलवानों वाली कुश्ती भी कर लेंगे उसके बाद सोने का अलग ही मजा आएगा
कुश्ती की बात सुनकर आकाश का मुंह खुला का खुला रह गया था और बोल ला मम्मी तुम थकी हुई हो तुम्हारी नंगे शरीर पर अच्छे से मालिश कर देता हूं आराम मिलेगा तो कुश्ती भी कर लेंगे वैसे हम दोनों कपड़े पहनकर तो रोज ही कुश्ती करते हैं आज तुम मालिश के बाद आराम कर लेना
मैं मन में हंस रही थी कि आकाश को एक बार जल्दी झड़ जाने से डर लग रहा है कि दुबारा चुदाई को टाल रहा है फिर भी कितनी भक्ति भाव से मां की सेवा के भाव से मालिश करने को तैयार हो गया है
मालिश का सिलसिला शुरू करने के लिए आकाश को मैंने बोला कि पहले मेरे बाजू पर मालिश कर दे मैं बिस्तर पर आकाश के बिल्कुल सामने बैठ गई आपका और अपने हाथ आकाश के कंधों पर रख दिए आकाश में दोनों हाथों में तेल लगाया और पूरी ताकत से मेरे बाजुओं पर तेल मालिश करने लगा मेरे दोनों हाथ आकाश के कंधों पर थे तो आकाश का सिर मेरी बाजू में बीच में से मेरे मम्मों की गहरी घाटी को टटोल रहा था
आकाश फिर हाथ तेल में भिगोकर मेरी गर्दन के नीचे से मालिश करते हुए अपने दोनों हाथ मेरे दाएं और बाएं मम्मों को रगड़ने लगा और फिर अपने अंगूठे और अंगुली से मेरे चूचक मरोड़ने लगा जिससे मेरी तेज तेज सिसकारियाँ निकलने लगी मैंने हाथ बढ़ाकर आकाश के लोडे को जकड़ लिया और सीधी होकर लेट गई
आकाश मेरी टांगों के बीच में लेटकर मेरे मम्मों पर तेल मलता रहा इस तरह लेटने से उसका लंड मेरी चूत पर दस्तक देने लगा फिर धीरे से आकाश ने उठकर मेरे होंठों को अपने होंठों से जोड़ लिया और मेरे मुँह में अपनी जुबान सरका दि
मैं उसके मुखरस को चूसने लगी और हाथ नीचे करके अपने बेटे के नितंबों पर थप देने लगी जिससे आकाश थोड़ा सा और ऊपर होकर मेरे ऊपर सीधा लेट गया अब उसका लोडा मेरी चूत को पूरी तरह से मसल रहा था
आकाश को मेरे ऊपर लेटे होते हुए उसका लोडा मेरी चूत पर पूरी तरह से सटा होने के बावजूद भी अनुभव ना होने के कारण मेरे बेटे को मेरी चूत में लंड डालने में कुछ दिक्कत लग रही थी आकाश मेरी योनि का छेद ढूँढने की कोशिश कर रहा था पर उसे मेरी चूत का मुहाना ही नहीं मिल रहा था
बेटे की परेशानी भांपकर मैंने उसके लिंग को अपनी उंगलियों में पकड़ा और अपनी योनि के मुहाने पर टिका दिया
चूत की चिकनाई से आकाश के लिंग का सुपाडा मेरी योनि में घुसता चला गया तो मैंने अपनी कमर उचका कर आकाश के लिंग को अपनी योनि में समेट लिया फिर एक ही झटका मारकर आकाश बेटे ने रही सही कसर पूरी करके अपना मूसल जैसा लंड अपनी मां की चूत में डाल दिया और धमाधम कमर उठा कर खट खट से मां की चूत का बाजा बजाने लगा
मेरे को भी बहुत मजा आ रहा था पिछले साल से हर बार अपने प्यारे बेटे से सुखी चुदाई करवा कर मेरा मन नहीं भर रहा था और आज आकाश का मोटा ताजा लंड मेरे बेटे का जवान भरपूर ताकत से भरा हुआ मेरी प्यासी चूत में रगड़ मार रहा था जिससे मेरे आनंद की कोई सीमा नहीं की
मैंने अपने पैर खोले तो मेरा बेटा ठीक से पोज़िशन लेकर अपने दोनों हाथ मेरी बगलों के पास रखकर पूरी ताकत से लंड़ अंदर घुसाता और बाहर निकालता 1 मिनट में ही कितनी बार लंड़ अंदर घुसाता और बाहर निकालता
जब मेरे बेटे का लोड़ा मेरी चूत के अंदर होता तो मेरा मन करता है कि चूत को कसकर उसे अपने अंदर ही सजोंए रखो पर लंड और चूत के अंदर बाहर जाने का घर्षण ही तो असली चुदाई का मजा है इस तरह से आकाश अपनी मां को चोदने का पूरा मजा ले रहा था
फिर आकाश ने अपने हाथ मेरे चूतड़ों के नीचे रखे वह पूरी ताकत से मुझे मेरे चूतड़ों को अपनी कमर पर दबाकर अपने लंड को मेरी चूत की जड़ तक पहुंचाता रहा
आकाश बेटा अपनी मां की ओखली में अपना मोटा मुसल डालकर मां के सारे मसाले कूट रहा था और माँ भटकते धड़कते अपनी प्यासी चूत को आराम देने के लिए मोटे मुसल की मार अपनी चूत की गहराइयों में महसूस कर रही थी मेरा बेटा, मेरा ताकतवर बेटा, मेरा प्यारा बेटा, आपनी प्यासी माँ की चूत की आग को बुझाने के लिए आपने पाइप जैसे लंबे लंड से को लेकर बारिश करने आ गया था
इस तरह से मैं भी अपने बेटे के भूखे लंड को तरावत देने के लिए अपनी मखमली थैली उसके लंड के आसपास लपेटकर उसको एक सुखद गर्मी और नरमी का एहसास दे रही थी
मुझे चोदते हुए आकाश बार-बार बोल रहा था : बहुत अच्छा मम्मी मेरी प्यारी मां मजे करा दिए, ऐसी जन्नत !!!! तो मुझे नहीं पता थी कि तुम्हारी टांगों के बीच में जन्नत है मैं तो तुम्हारे नितंबों को ही जन्नत समझकर अपना डंडा उनपर रगड़ता रहता था मेरी प्यारी मां
मेरे को भी बहुत आनंद आ रहा था: मेरे प्यारे बेटे, मेरे राजा बेटे, तेरी मां तेरे लिए अपनी इस गुफा को झाड़ पोंछकर तेरी लंड़ को लेने के लिए बैठी है
आजा पहले मेरे बेटे अंदर तक इसकी गहराई नाप ले और मजे ले ले बेटा तेरी मां ने यह खजाना तेरे लिए रखा है, पेल दे ले ले बेटा, बहुत अच्छे से पेल मेरे बेटा,
मुझे लगा कि आकाश दोबारा जल्दी से ना झड़ जाए तो मैंने उसे रोकते हुए पीठ के बल लेटने का इशारा किया ओर आकाश के लेटते ही मैंने अपने दोनों पैरों उसकी कमर के दाएं बाएं रखकर अपनी चूत का निशाना उसके लंड़ के मुहाने पर रखकर सरकते हुए धीरे धीरे आकाश के लंड पर बैठती चली गई मेरी तंग चूत आकाश के मोटे लंड को रगड़ती हुई लंड को ढक रही थी और मेरे चीखें निकल रही थी
हां मेरे बेटा जियो मेरे बेटे और आकाश ने अब नीचे से कमर उठा कर अपना लंड मेरी चूत में ऊपर चढ़ा दिया एक बार लंड चूत में फँसने के बाद आकाश को नीचे सीधा लेटाकर मैं धमाधम करके उसके लंड पर कूदने लगी जोर डालते हुए पूरी तरह से लंड को बाहर नहीं निकलने देती थी थोड़ा सा बाहर आते ही फिर से धाम करके लंड पर बैठ जाती थी
इस तरह से हम दोनों मां बेटा मस्ती से चुदाई कर रहे थे हम दोनों अपने हाथों से एक दूसरे के नितंबों को दबाते हुए लंड और चूत को अपने अंदर समझने का प्रयास कर रहे थे कुछ देर में मैं भी सीधी होकर आकाश के ऊपर लेट गई और आकाश ने करवट लेकर फिर से मुझे नीचे किया और मेरे ऊपर चढ़कर अब पूरे एक्सपोर्ट की तरह मेरी चूत मैं अपना लंड घुसाने लगा
काफी देर बाद आकाश में मुझे कस कर पकड़ा मैंने भी अपने पैरों की कैंची आकाश के जांघों के आसपास बनाई और हम दोनों मां बेटा एक साथ झड़ गए काफी देर हम ऐसे ही सुस्त पड़े रहे
थोड़ी देर बाद मुझे अपनी चूत में आकाश के लंड अपने बेटे के लंड के सख्ल होने का एहसास हुआ तो मैंने आकाश के होठों को चूस कर उसे और ज्यादा उत्तेजित करने की प्रयास किया आकाश भी अपने हाथों से मेरे मम्मे पूटने लगा और जब उसका लंड पुरा सख्त हो गया तो दोबारा से उसने मेरे ऊपर अपने लंड का पूरा जोर डालते हुए मेरी चूत में दोबारा से चुदाई का खेल शुरू कर दिया हम दोनों मां बेटा एक दूसरे को चोदते-चोदते पसीना-पसीना हो गए और पूरे मजे लेते हुए दुबारा एक दूसरे की बाहों में पड़े-पड़े सो गए

सुना लिया रचना !!!! यह था मां बेटे की पहली चुदाई का किस्सा अब हुई ना तसल्ली !!!!
रचना बोली: हाँ मां !!!!!!! मुझे पता है आकाश लगातार तीन चार बार भी चोद सकता है इसीलिए मैं कहती हूं कि मुझे अपनी बहू बना लो, आकाश तुम्हें और मुझे दोनों को संतुष्ट कर देगा
माँ बोली : तुम मुझे पसंद तो है पर अभी आकाश की अभी पढ़ाई पूरी नहीं हुई है बीवी की चुत तो ठोक लेगा पर उसके खर्च उठा सके इसकी अवस्था नहीं है
हमने इतने दिन तक गोवा कर ली अब सुबह ही हमैं वापस जाना है तुम्हारा क्या प्रोग्राम है?
रचना बोली हम भी शाम को वापस जा रहे हैं
मां बोली चलो ठीक है अपने-अपने घर जाकर मां बेटे बहन भाई की चुदाई में हम सब व्यस्त हो जाएंगे और गोवा की यादों को अपने पास रखेंगे
रचना ने आगे कहा : धन्यवाद माँ जी आपके कारण मेरी झिझक दूर हुई नहीं तो अभी तक में भाई से चुदवाती तो जरूर थी पर मन में एक ग्लानि भरी रहती थी अब आपने मुझे बता दिया कि भाई बहन का प्यार इस तरह से भी बहुत अच्छा है इस तरह से से भाई बहन, मां बेटे की चुदाई बहुत आनंददायक होती है और इसमें कुछ भी गलत नहीं होता तो मेरे मन में जो गलत भावना थी वह निकल गई और मैंने बहुत ही खूबसूरती से खुलकर अपने भाई से चुदाई का आनंद लिया धन्यवाद मां कहकर रचना माँ से लिपट गई
रचना बोली अब हमें चलना चाहिए आपको पॅकिंग करनी हे फिर एयरपोर्ट के लिए निकलेंगे और हमें भी शाम को निकलना है
दिनेश बोला हम अपने कमरे में जाकर कुछ नींद लेंगे और तो साथ गोवा के अपने आखिर 6-7 घंटों को और यादगार बनाने की कोशिश करेंगे
मां बोली मानभर चुदाई करना साथ ही ध्यान रखना कि गोवा ही नहीं बल्कि आगे की पूरी जिंदगी में तुम दोनों एक दूसरे का ध्यान रखना और साथ ही तुम्हारे लाइफ-पार्टनर कभी भी तुम्हारे से असंतुष्ट ना हूं
दोनों अपने-अपने पति या पत्नी की पूरी तसल्ली करने के साथ साथी भाई बहन को चुदाई का आनंद देना तभी मजा आता है, जैसे मैं अपनी पति की सेवा में कोई भी कसर नहीं छोड़ते हुए अपने बेटे का पूरा ध्यान रखती हूं वैसे ही तुम दोनों अपने-अपने पति और पत्नी को पूरी तरह से संतुष्ट करते हुए एक दूसरे की चुदाई का पूरा आनंद लेना
इसके साथ ही हमारी गोवा यात्रा खत्म हुई और हम अगले दिन दोपहर को घर पहुंचे

घर पर पिताजी हमारा इंतजार कर रहे थे हमें हमारे चेहरे पर मस्ती की आभा देखकर पिताजी ने कुछ नोट किया होगा और बोले की चलो अच्छा हुआ तुम दोनों मां बेटा घूम आए अब मुझे छुट्टी मिली है तुम मेरे साथ मेरे साथ दुबारा गोवा चलो
मां का मन बल्लिया उछलने लगा और चूत रस बरसाने लगी कि अभी गोवा में बेटे के साथ मस्ती कर के घर पहुंची ही थी कि पति उसे वापिस चोदने के लिए गोवा ले जा रहा है
अगले दिन माँ बाप के गोवा जाते ही मौसी अकेली ही हमारे घर पर आ गई तो मेरी चांदी हो गई
घर पर अकेले में मौसी से सुहागरात मनाने का विवरण अगले अपडेट में.......
Shaandar update
 

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2 घंटे बाद हमारी नींद खुली तो हम फिर से बैठ कर बातें करते हुए टीवी देखने लगे इस बीच मैंने जाकर किचन में चाय बनाई और चाय पीते पीते संजय को बोला कि संजय तू बहुत अच्छे समय से आया है !! मेरा एक दोस्त हॉस्पिटल में भर्ती है जो इस शहर में अकेला रहता है । इस लिए हम ऑफिस वाले बारी-बारी से हॉस्पिटल में उसके पास रुक रहे हैं।
मौसी अकेली थी तो मैं मैंने दूसरे से रिक्वेस्ट करके उसको हॉस्पिटल रुकने के लिए बोल दिया था पर अब तू आ गया है तो मैं हॉस्पिटल का अपना काम कर लेता हूं
संजय मेरी बात नहीं समझा और बोला कि भाई मैं तो तेरे से मिलने आया हूं और तू अपने दोस्तों से मिलने जा रहा है,
पर मौसी ने मेरी बात को समझ लिया कि अचानक मेरा दोस्त हॉस्पिटल में कैसे भर्ती हो गया है मौसी समझ गई कि मैं उनको मौका देना चाहता हूं तो मुझसे बोली हां बेटा तू तो कल से ही अपने दोस्त की फिक्र कर रहा था देख ले अगर जरूरी है तो चला जा अगर टल सकता है तो मेरे और संजय के साथ घर पर ही रह ।
मैं बोला मौसी अभी मम्मी पापा को आने में 2 दिन बाकी है और संजय शाम कल जाने की बात कर रहा है तो इसके जाने के बाद तुम्हें अकेला छोड़ कर जाना मेरे लिए मुश्किल होगा और मेरे दोस्त बुरा मान जाएंगे कि जरूरत के समय में मैं बहाना बनाकर गायब हो जाता हूं। फिक्र मत करो, मैं अभी जाऊंगा और 24 घंटे की ड्यूटी करके कल दोपहर के बाद लौट आऊंगा तब तक तुम दोनों एक दूसरे के साथ घर संभाल लेना
मेरी यह बात सुनकर मौसी मुझे बहुत खुशी हुई कि मैंने उनको पूरा दिन अकेले में बिताने का दे दिया पर संजय कुछ उदास सा था वो मेरे साथ तो हो आपने सेक्स की चाहत की बात करके और माँ को चोदने के तरीके पूछकर अपनी माँ की चूत लेने और बहन के साथ लिए हुए मजे की बात करना चाहता था इसलिए उसका मन उदास हो रहा था उसे नहीं पता था कि मैं और मौसी उसको स्वर्ग जितनी खुशी देने की कोशिश कर रहे हैं
जाने से पहले मैंने संजय को अकेले मुआक देखकर बोलया कि मैने अपनी माँ को पटाने के लिए उसकी मालिश करनी शुरू की है और मैं घर के कामों खासतोर पर कपड़े धोने के समय माँ के मदद करने लगा हूँ जिससे माँ मेरे से ज्यादा खुश हो राही है और साथ ही साथ मुझे माँ के गीले कपड़ों में माँ के मम्मे और चूतड़ साफ साफ दिखते हैं , माँ नोट करती है कि मैं माँ को ताड़ रहा हूँ फिर भी माँ ज्यादा झुककर अपने मम्मे दिखती है और मेरे से प्यार दिखते हुए मेरे को कस कर गीले कपड़ों में ही गले से लगा लेती है इसलिए मुझे लगता है की मैं जल्दी ही माँ की चूत मारने मैं सफल हो जाऊंगा
मेरी बात संजय ध्यान से सुन रहा था तो मैंने जोड़ा की तू भी अपनी माँ की सेवा करने का कोई भी मौका पकड़ कर माँ के करीब रह और माँ की रिएक्शन देखता रह, बहुत धीरे धीरे अपनी ठरक को माँ को दिखते हुय आगे बढ़, अगर मौसी तेरे को चूत देना चाहेगी या तेरा लंड लेना चाहेगी तो हल्का सा इशारा देगी मैं भी अपनी माँ से उसी इशारे का इंतजार कर रहा हूँ
संजय बोला समझ गया!!! तू और मैं माँ की सेवा करते हुए माँ के करीब रहूँगा और माँ की चाहत का पता चलते ही काम बना लूँगा
मैं बोला तू बहनचोद तो है ही माँ चोद भी बन जाएगा मेरी तो कोई सगी बहन नहीं है पर मैं कम से कम मादरचोद जल्दी ही बनने की उम्मीद रखता हूँ।
इसी तरह से मैंने मौसी को मौका देखकर बोला कि अब तुम्हारे पास 24 घंटे हैं और इन 24 घंटों में तुमने अपने बेटे की तसल्ली करनी है और अपनी चूत के लिए जवान घोड़े जैसा लंड़ पटाना है, मन मैं संजय भी तैयार है दोनों तरफ आग बराबर लगी हुई है मौसी मौके का फायदा उठा लेना बाद में मत कहना की बेटे मेरी चूत महीनों से प्यासी है

अगले अपडेट में आगे की चुदाई की कहानी मौसी के मुँह से सुनने को मिलेगी
Nice update
 

Sanju@

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जब हम गोवा से घर पहुंचे तो पिताजी घर पर इंतजार कर रहे थे, हम मां बेटे के चुदाई संबंध पर शक तो उन्हें पहले से ही था, गोवा में हमारा लंबा खींचा टूर और घर पहुंचने पर मां के चेहरे पर नवविवाहिता वाला संतुष्टि के भाव देख कर उन्हें यकीन हो गया कि मां बेटे ने गोवा में खुलकर हनीमून बनाया है पर उन्होंने पहले भी कभी एतराज नहीं किया था और ना ही ज्यादा मां बेटे के संबंध में ज्यादा उत्सुकता दिखाई थी और अब भी अपनी पत्नी यानि मेरी मां की खुशी देखकर उन्हें एक प्रकार से संतुष्टि ही हुई थी
थोड़ी देर तक पिताजी हमारे से गोवा ट्रिप की डिटेल पूछते रहे और जब उन्हें लगा कि सब अच्छे से हुआ है माँ बेटे ने बहुत मजे कीये है तो पिताजी ने मां को बोला कि अब मुझे 5 दिन की छुट्टी मिल गई है, तुम वहां गोवा में मुझे मिस कर रही थी तो हम अब गोवा घूमने चलते हैं, मां बेटे के मस्ती टूर के बाद हम पति-पत्नी एक हनीमून टूर मनाते हैं
मेरी मां की सेक्स की भूख बहुत ज्यादा है जितनी बार भी उसे पति या बेटे का लंड मिल जाए मां मस्ती में खा लेती है
पिताजी के इस प्रस्ताव से मां बहुत खुश हुई और बोली कब चलना है
पिताजी बोले कल ही चलते हैं
यह सुनकर मां की योनि में फिर से उत्तेजना की चीटींयां दौड़ने लगी और बोली कि मैं अपना अटैची नहीं खोलती आप अपने चार पांच कपड़े दूसरे बैग में डाल दो और सुबह ही हम चल पड़ेंगे
इस बात पर पिताजी बहुत खुश हुए कि मां उनके लौड़े की जरूरत अभी भी महसूस करती है तो वह खुशी खुशी गोवा जाने के लिए तैयारी करने लगे और अपने जानकार को टेलीफोन करके उन्होंने गोवा की टिकट बुक कराने को कह दिया।
रात में माता-पिता के बिस्तर में से संभोग की बहुत करारी आवाजें आ रही थी मैं अपने कमरे से निकलकर माता-पिता के कमरे की खिड़की के बाहर खड़ा होकर उनकी चुदाई की बातें सुनता रहा और मां की कामुक सिसकारियां और पिताजी के धक्के लगाने की आवाजों से उत्तेजित होकर मैंने दो बार मुठ मार ली
शायद मां-बाप रात सोए नहीं और लगातार चुदाई का कार्यक्रम करते रहे मां की चूत और पिताजी का लंड बहुत मजे से एक दूसरे को संतुष्टि देने में लगे हुए थे दोनों गोवा जाने के उत्साह में होमवर्क करके प्रैक्टिस कर रहे थे
सुबह उठकर मां ने मचलते हुए पिताजी के कपड़े पैक करने लगी और अपने अटेची मैं से भी मैले सेक्सी छोटी बिकनी जैसे कपड़े निकालकर दूसरे कम सेक्सी कपड़े पैक कर लिए और फिर से गोवा में अपने पति के साथ हनीमून मनाने की खुशी में उछलने लगी
मैं माता पिता को विदा करके घर बंद करके अंदर बैठकर रात को मां बाप की चुदाई और गोवा में उनके हनीमून के बारे में सोचकर खड़े हुए अपने लंड को निकाल कर मुट्ठ मार रहा था कि दरवाजे की घंटी बजी
मुझे बहुत गुस्सा आया कि शायद कोई पड़ोसी मेरे वीर्य उत्सर्जन की आनंदायक क्रिया में बिघ्न डालने आ गया है मैंने तुरंत निकर पहनी और भुनभुनाते हुए दरवाजा खोलने के लिए बाहर आया
दरवाजा खुलते ही मेरा जोश कई गुना बढ़ गया, मैं हैरान हो गया क्योंकि दरवाजे पर मेरी प्यारी मौसी खड़ी थी
मौसी ने मुझे आलिंगन में लिया और मैं मौसी को अपनी बाहों में लेकर अपने सीने से दबाने लगा और मेरे हाथ मौसी के नितंबों पर घूमने लगे कुछ देर मेंरा साथ लेकर मासी बोली अंदर भी आने देगा या यहां दरवाजे पर ही मौसी के शरीर का स्वागत या मजा ही लेता रहेगा

मैंने मासी को थोड़ा अंदर आने दिया और दरवाजा बंद करके दोबारा वही मौसी से लिपट गया और मौसी का मुंह चूमने लगा मौसी ने भी तुरंत अपनी जीभ मेरे मुंह में दाग दी और मैं कसकर मासी को अपने शरीर पर दबाने लगा मेरे हाथ मासी की पीठ और चूतड़ों कर सैर करने लगे बहुत मजा आ रहा था फिर जैसे मौसी को होश आया वो बोली क्या कर रहा था
तेरी मां अभी तक नहीं आई! कहां है? सो रही है क्या? मैंने कहा नहीं मां अपने हनीमून पर गई है!!!
क्या तू घर पर अकेला है मैंने मासी को चूमा और बोला :मौसी आपका प्यारा बेटा आपका नन्हा लेकिन बड़े लंड वाला आपका सेवक बेटा आपकी तन मन से सेवा करने के लिए अकेला ही घर पर हाजिर है
मासी बोली मैंने चिट्ठी लिखी थी पर कोई जवाब नहीं आया !! क्या तेरी मां को चिट्ठी नहीं मिली
इसपर मैं मासी को चुमते हुए घर के कमरे के अंदर लेकर गया पलंग पर बिठाकर बोला कि हम घर पर नहीं थे इसलिए हो सकता है चिट्ठी किसी ने भी ना देखी हो
मौसी बोली : घर पर नहीं थे! क्या मतलब? तो मैंने पूरी कहानी बताई कि पिताजी को छुट्टी नहीं मिलने के कारण पहले मुझे और मां को घूमने जाना पड़ा और वापस आते ही पापा मां की खुलकर लेने के लिए माँ को लेकर अपनी ठरक मिटाने चल पड़े हैं और अभी एक हफ्ते बाद ही वापस आएंगे
मौसी बहुत खुश होकर मेरे को चूमने लगी और बोली बहुत अच्छा हुआ मेरे बेटे मैं भी तेरे साथ अकेले में कुछ समय बिताना चाहती थी
मैंने थोड़ा झुककर मौसी के सामने मौसी की दोनों टांगों के बीच में अपने घुटन फँसाकर मौसी के टांगे फैलाते हुए कहा कि मौसी तुम्हारा बेटा भी तुम्हारे साथ फुरसत के कुछ पल बिताना चाहता है हम सराय में जोश में मिले उसकी याद करके मेरा मन बहुत अच्छा महसूस करता है
मौसी ने मेरे को चिकोटि काटी और बोली हां बेटा मां जैसी मौसी की चुदाई करने को मिल गई वह समय तो बार-बार याद आएगा पर ये बात की गोवा में तू और तेरी माँ अकेले थे तेरी माँ भी बहुत ठरकी है ऊपर से वो भी लंड की प्यासी , जरूर तूने वणः मौका मिलते ही अपनी मदारचोदी वाली हरकत कर दी होगी और तेरी माँ टूटे पेड़ जैसे तेरे लंड पर अपना भोंसड़ा डालकर चुद गई होगी
मैंने बात बदलते हुए मासी के ऊपर लगभग लेटते हुए मौसी के शरीर को अपने शरीर से दबाया और बोला कि मौसी भी तो मेरे से मिलने को उतनी ही बेताब लगती है
मौसी ने मेरे होंठों को चूमा और बोली हां बेटा आग तो दोनों तरफ बराबर ही लगी हुई है और देखो आग बुझाने के लिए तुम्हारा पाइप और मेरी पानी की टंकी दोनों ही बड़े पूरी तैयारी के साथ मौजूद हैं
मौसी की बात सुनते-सुनते मैंने जल्दी में पहना हुआ अपना निक्कर उतार दिया और बिल्कुल नंगा हो गया मौसी ने मेरे नंगे दंड को पकड़ा और सहलाने लगी मैंने अपने हाथों से मौसी के ब्लाउज के बटन खोल दिए और ब्रा को थोड़ा ऊपर सरका दिया तो मौसी की सूचक मेरे मुंह में पानी भरने लगे मैंने घप से मौसी के चूचक को अपने मुंह में भर लिया नीचे मौसी की मुनिया भी कुनकुनाने लगी थी और मौसी की टांगे मेरी टांगों से रगड़ खाने लगी
इतना सुनते ही मैंने हाथ नीचे करके मौसी साड़ी पेटीकोट समेत ऊपर करनी शुरू की और मौसी ने अपने चूतड़ों को हल्का सा ऊपर उठाकर साड़ी पेटीकोट के घेरे को आपनी कमर के गिर्द चढ़ने दिया इस तरह से मौसी नीचे से पुरी नंगी हो गई
मैंने खुद को टेढा करते हुए मौसी के ब्लाउज के ऊपर के नंगे दिख रहे मम्मों को जीभ से चाटने लगा तो मौसी बोली कुछ सब्र कर ले सफर से आई हूं रास्ते की धूल मिट्टी लगी होगी
मैं बोला “ मेरी रसभरी पर चाट मसाला लगा हुआ है, मुझे तो और ज्यादा मजा आएगा
मौसी मैं मेरे डंडे को पकड़कर जोर-जोर से हिलाया और बोली तुझे चाट मसाले वाली रसभरी चूसनी है तो चूस ले पर मुझे तो अपना गन्ना बिल्कुल साफ सुथरा ही चाहिए, तूने अपना लंड धोया हुआ है कि नहीं?
मैं बोला मौसी जब तुम आई थी तो अपने लंड को धोकर तुम्हारी सेवा के लिए उसकी मालिश कर रहा था बिल्कुल चिकना किया हुआ है जीभ लगा कर देख लो!!!
मौसी ने मेरे लंड के डंड को जोर से दबाया और पजामे के ऊपर से उसे चुम कर बोली मेरे लल्ला मुझे कैसा भी मिल जाए उसे बुलाकर दुलार कर उसका जूस पी लूंगी
बातें करते करते मैंने मौसी को बिस्तर पर धकेला और दोनों हाथों से उसकी साड़ी और पेटीकोट को एक साथ मौसी की गदर आई देवी गदर आई हुई कमर के और ऊपर ले जाकर लपेट दिया जिससे मौसी की गहरी नाभि भी नंगी हो गई मुझे देख कर बहुत अच्छा लगा कि मौसी ने मां की तरह कच्छी पहन नहीं छोड़ दी थी और मेरे से चुदवाने की तैयारी करके मौसी माँ अपनी झांटे बिल्कुल सफाचट करके अपनी चूत को गोरा चिकना करके आई थी
मैंने झुककर मौसी की चूत की चुम्मी ली और जीभ से उसे सहलाकर बोला कि मौसी अपने भतीजे के लोड़े को अपनी चूत का मजा देने के लिए बिल्कुल तैयार होकर आई हो यह कहते हुए दोबारा झुककर मैंने अपनी जीभ मौसी की चूत की फांकों के बीच में रगडनी शुरू कर दी और अपने हाथ सिर के ऊपर से ले जाते हुए मौसी के मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा
मौसी उत्तेजना से कांपने लगी थी और अपने हाथों से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी तथा हाथ नीचे करके मौसी ने मेरे लंड को पकड़ना चाहा पर मेरा पोजीशन के कारण मेरा लंड मौसी की पकड़ से बहुत दूर था
मौसी ने दोबारा से हाथ ऊपर करके मेरे गालों और सिर को मसलना शुरू किया कुछ देर बाद मौसी ने अपनी जांघें कसकर में सिर के आसपास दबा दी मैंने अपनी जीभ को लंबा करके जितनी गहराई तक हो सकता था उतनी गहराई तक मौसी की चूत में उतार दी
मौसी की सिसकारियां बढ़ने लगी और मौसी माँ अपने नितंबों को मचल कर हिलाने लगी मौसी की कसमसाहट से पता चल रहा था कि मौसी बहुत दिनों से प्यासी है
मैंने मौसी की चुत को चूसते हुए थोड़ा मुंह उठाकर पूछा की मौसी पूरी तैयारी के साथ आई थी अगर मां घर पर होती हमारी ब्लू फिल्म कैसे बनती ?
मौसी बोली मादरचोद समय खराब मत कर!! मैं तो 2 महीने से अपनी प्यासी चूत के आंसू पोछने के लिए तेरे पास आई हूं और मेरी किस्मत देख कि मुझे तेरे साथ तनहाई में खुलकर चुदवाने का मौका मिला है
मौसी के मन की इच्छा जानकर मैंने अपने हाथों से मौसी के मम्मों को जोर से रगड़ा और अपने मुंह से मौसी के नीचे होठों को रगड़ कर गीला करने लगा मौसी बोली : अपने मुंह से तो मजा ले रहा है मेरे मुंह का भी कुछ ख्याल कर
मैं मौसी माँ की बात समझ कर पलट गया और मौसी के मुँह के सामने अपना मुसल जैसा लोड़ा लगा कर अपनी दोनों जांघों के बीच में मौसी का मूंह कर लिया और अपना मुंह मौसी की जांघों के बीच में दबाकर मौसी की मलाई चाटने लगा
मौसी ने भी तुरंत मेरे मुसल पर कब्जा कर किया एक हाथ से लोड़े को पकड़ा और अपना मुंह थोड़ा सा उठाते हुए मेरे लोड़े के सुपाड़े की चमड़ी पीछे करते हुए अपनी जीभ लोड़े के छिद्र पर चलाने लगी
मौसी की इस हरकत से मेरी भी सिसकारियां निकलने लगी
मेरी आतुरता देखकर मौसी ने मेरा पूरा लंड अपने मुंह में भर लिया और मैंने भी एक धक्का मार कर अपने लंड को मौसी की गर्दन तक उतार दिया
मौसी पूरी सहनशीलता से घोड़े को चूसने लगी धप धप करके हप धप करके मेरी लंबी कुल्फी को पिघलाकर लंड की मलाई को चाटने की कसरत में जुट गई

हम दोनों पूरी तरह गरम हो चुके थे मुझे लग रहा था कि मौसी मेरे मुंह में ही झड़ जाएगी और मैं भी रात भर मां की चुदाई देखने के बाद जल्दी है अपना वीर्य एक कसी हुई चूत में छोड़ना चाहता था इसलिए मैंने आसन बदलते हुए पलटी खाई और अपनी कमर मौसी की जांघों के बीच में लाते हुए अपना मुसल मौसी की तंग मुंहाने वाली गुफा के ऊपर टिका दिया
मैं एक झटके से अपना लंड मौसी की चूत के अंदर करना चाहता था उससे पहले ही मौसी ने कमर उचका कर एक झटके हैं मैं अपनी मेरा लौड़ा आपनी चूत की गहराइयों में उतार दिया लिया मौसी की जल्दबाजी को देखकर मेरी उत्तेजना बढ़ गई और मैं घपा घप मौसी की चूत के ऊपर धक्के मारने लगा इस तरह से हमारे उस दिन की पहली चुदाई बहुत जल्दबाजी में और मजे से शुरू हुई
एक बार मेरा लड़ा मेरी मौसी मां की चूत में घुसा तो मौसी ने मुझमें उत्साह भरते हुए कहा बेटा अपनी प्यासी मौसी मां की प्यास बुझा दे !!! पूरे जोर से धक्के मार !!! शाबाश बेटा !!! पूरी ताकत से धक्के मार !!! प्यासी मौसी अपने बेटे के पास अपनी चूत की प्यास बुझाने आई मेरा राजा बेटा मार ली मेरी चूत !!! और जोर से !!! शाबाश बेटा !!! बहुत प्यारा बेटा है !!! लगा दे लगा दे मौसा की प्रॉपर्टी पर अपना झण्डा लगा दे !!! हा हा हा हा बेटा !!! बेटा शाबाश बेटा !!! शाबाश पेल दे मौसी को अच्छे से !!! कहकर मौसी जोर-जोर से आहें भरते हुए कामुक आवाज निकालने लगी
मौसी की कामुकता भरी आवाजों ने मेरे अंदर जोश भर दिया और मैं रेल गाड़ी की स्पीड से मौसी को चोदता रहा है | लो तुम्हारे बेटे का है चोदना जारी रखा
थोड़ी देर में मौसी का शरीर सख्त होने लगा और मेरे शरीर में भी करंट दौड़ने लगा मौसी ने अपने पैरों की कैंची बनाकर मेरी कमर के गिर्द लपेट भी और मैंने भी अपने हाथ मौसी की पीठ पर खींचते हुए मौसी को अपने से चिपका लिया इस तरह से मैं और मौसी इकट्ठे झड़ गए और झरने के बाद भी ऐसे ही मैं मौसी से लिपटा रहा और मौसी ने भी मुझे कसकर अपने ऊपर लिटाए रखा
मौसी की चूत में से मेरा लंड सिकुड़ते हुए बाहर निकला उसके साथ ही हम दोनों का वीर्य मां की चूत से निकलता हुआ नीचे चादर भिगोने लगा पर हम दोनों :मेरी रात भर की प्यास और मौसी की पता नहीं कितने दिनों की प्यास जाने के बाद संतुष्ट होकर पड़े रहे काफी देर बाद मैं थोड़ा हिल कर मुझे अपने से ऊपर से उठ गया हम दोनों नंदन बिस्तर पर बैठकर फिर से आलिंगनबंद्ध हो गए और दुबारा से एक दूसरे को चुमने लगे चूमते चूमते ही मेरा लंड दुबारा सख्त हो गया
सरकते सरकते मौसी का हाथ ने मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में जकड़ लिया
मौसी ने जैसे ही मेरे लोड़े की शक्ति को महसूस किया तो मौसी मेरे आगे आकर मेरी गोदी में चढ़ गई
मौसी और मैं बिस्तर के किनारे पर पैर नीचे लटका कर बैठे थे और मौसी ने अपने दोनों हाथ मेरे कंधे के नीचे से निकालते हुए अपनी छाती को मेरी छाती से जोड़ दिया और मेरे बड़े लंड का लक्ष्य लेते हुए अपनी चूत को मेरे लंड के सिरे पर दिखा कर टीका कर नीचे सरकने लगी और मौसी की चूत मेरे लंड पर एक दस्ताने की तरह चढ़ती चली गई मौसी की चूत की गर्मी का कर मेरा लंड अपने आप चूत के अंदर झटके खाने लगा और मैंने अपने हाथ नीचे करते हुए मौसी को नितंबों से मौसी के नितंबों को अपने हाथों पर समेट लिया और पूरी ताकत से मौसी के नितंबों को उठाते हुए मौसी की चूत को अपने लंड पर पोल डांस करवाने लगा बैटरी पोजीशन में बैठी हुई पोजीशन में मेरा लंड मौसी की चूत की गहराई को अलग ढंग से रगड़ रहा था जिससे मौसी की उत्तेजना सभी सीमाएं पार कर गई और मौसी बोलने लगी मादरचोद पेल अपनी मौसी को बहनचोद अपनी मौसी की चूत का हलवा बना दे रगड़ दे मौसी की चूत को मां की चूत की तरह मौसी की चूत के अंदर अपनी निशानी छोड़ दे पेल बेटा पेल मौसी की चूत मौसी के सारे कल निकाल दे और मैं मौसी तेरा बेटा बैंड बजाएगा पिलवाले अपने बेटे से अपनी चूत बेटे का लोड़ा मौसी की चूत के लिए ही तो है करते हुए मैं गद्दे पर और उछलते हुए मौसी की चूत की गहराइयों में अपना लैंड चढ़ाने लगा और मौसी जी जवाब में पूरी तरह से उछल उछल कर बहुत तालमेल के साथ अपनी चूत मेरे लोड़े पर कश्ती जा रही थी यह वासना का तूफान बहुत देर तक चलता रहा हम दोनों पसीना पसीना हो गए मेरे हाथ मौसी के नितंबों को मौसी का भार उसके नितंबों से उठाते हुए खत में लगे थे तो मैं बिस्तर पर पीठ के बल लुढ़क गया और मौसी ने थोड़ा आगे होते हुए मेरे लंड पर सवारी करनी शुरू कर दी हम दोनों की तरफ से मौसी कमर के आसपास अपने मेरे लोड़े पर अपनी टांगे मोड़ पर मेरे लोड़े पर वह चल रही थी और मैं भी कमर उसका कर मौसी की चूत में अपना हल चला रहा था काफी देर बाद मौसी नहीं निढाल होते हुए अपने को दोहरा करते हुए मेरी छाती पर लेट गई और मैंने भी मौसी को कसकर अपने से चिपका लिया और 24 गहरे दमदार झटके मार्केट अपना भी रे वीर्य मौसी की चूत में छोड़ दिया और हम दोबारा से निढाल होकर लेटे रहे एक दूसरे की बाहों में लिपटे हुए लेटे रहे

बहुत देर बाद मौसी को जगाते हुए मैंे कहा मौसी चाय पी लो नाश्ता कर लो
मौसी नाश्ता तो हो गया अब तो लंच करना है!!!!
मैंने भी हंसते हुए कहा कि मौसी बेटे का नंग धड़ंग लंच! किचन का कुछ नाश्ता करने के बाद ही कर पाएंगे, मौसी तुम लेटी रहो सफर से थक कर आई हो मैं तुम्हारे लिए चाय और टोस्ट बना देता हूं

मौसी सेक्स के खुमार में पलट कर बिस्तर पर लेट गई और मैं किचन में जाकर चाय बनाने लगा

अगले अपडेट में मेरा और मौसी का नंग धड़ंग लंच का किस्सा कोशिश करके कल ही दे दूंगा
Superb update
 

Sanju@

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मौसी के आते ही स्वागत में झटपट की चुदाई के बाद थोड़ी देर के लिए संतुष्ट होकर मौसी लेट गई थी और मैं मौसी के लिए चाय बनाने किचन में गया वापस लौटा तो देखा कि मौसी नहा धोकर साफ मैक्सी में बिस्तर पर पालथी मारकर बैठी हुई है
मैंने चाय बेड के साथ टेबल पर रखी और मासी के पास बैठने लगा तो मौसी बोली तू भी झटपट नहा कर आ जा साफ-सुथरे होंगे तो अच्छे से मिलेंगे
मैं मौसी का भाव नहीं समझा तो मौसी ने मेरे गाल पर चपत मारते हुए कहा कि तू इतना बड़ा मादरचोद हो गया है कि मौसी के आते ही मौसी की चूत और मम्मे सब रगड़ लिए पर पैर छूना भूल गया, तुझे तमीज सिखानी पड़ेगी

मैं मौसी की बात पर हंस पड़ा और मौसी के मम्मे छूने की कोशिश करता हुआ बोला कि पैर ही तो नहीं छूए बाकी तो कुछ नहीं छोड़ा, सब कुछ तो अपने मुँह जीभ और अपने पप्पू से छू दिया था
मैंने अपने मुंह से आपकी टांगों के ऊपरी हिस्से में बने तिकोने पार्क इतने अच्छे से छुआ था मेरी जीभ ने तो आपको टांगों के जोड़ पर आपकी गुफा को चूत समेत सब जगह छूकर आशीर्वाद लिया है
मासी बोली नहीं सबसे पहले अपने हाथ से मेरे पैर छू
मौसी की बात पर मैंने मौसी के पांव पर झुक कर अपना सिर रख दिया और मौसी जी प्रणाम बोला
मौसी ने मुझे मेरे सिर पर हाथ फेरते हुए मुझे आशीर्वाद दिया और फिर मुझे गले से लगा लिया मौसी के गले लगते ही मुझे अपने बचपन की याद आ गई जब मौसी मुझे कसकर गले लगाती थी और मैं मौसी के बड़ी बड़ी छातियों अपनी छाती में दबते हुए पाकर उत्तेजित तो होता था पर मुझे लंड चूत के खेल के बारे में नहीं पता था

बाद में धीरे-धीरे मैं मौसी की चूत मारने के सपने देखने लगा तभी मौसी मुझे वैसे ही गले लगाती थी और मैं भी मौसी को गले लगाने के बहाने ढूंढता रहता था
आज वही याद ताजा हो गई मैं काफी देर तक मौसी को सब जगह हाथ फ़ेरकर चेक कर रहा
फिर मौसी बोली जा बेटा नहा कर आ जा फ्रेश होगा तो हम अच्छे से लंच की तैयारी करते हैं
मैं बोला मौसी अभी नाश्ता भी नहीं हुआ है लंच कहां से ?
मासी बोली मादरचोद बहनचोद मौसीचोद दो बार नाश्ता करके भी बोलता है नाश्ता नहीं हुआ तो मैं मौसी के मम्मे उमेठता हुआ बोला मेरी समझ में अब आया कि मासी एडल्ट लंच की बात कर रही है और मैं बुद्धू की तरह खाने वाले लंच की तैयारी सोच रहा हूं
मौसी : ज्यादा मुठ मारने से बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है सारा दिन माँ मौसी और पड़ोसनों की चूत मारने के चक्कर में मुट्ठ मारकर तूने अपनी अक्ल खराब कर ली है मुझसे ज्यादा चुदाई किया कर
मैं बोला मौसी जब आप आती हो तभी तो चूत मिलती है वरना मैं तो मां और आपके सपने देखता हुआ ही मुट्ठ मार कर गुजारा करता हूं
कल रात को भी मेरे पापा मेरी मां की चूत बहुत अच्छे जोर शोर से ताकत लगाकर मार रहे थे और माँ भी जोरों से चिल्ला कर पूरे घर को सिर पर उठा रही थी
मां ने जरा भी नहीं सोचा कि उसका जवान बेटा आपने लंड को मुट्ठी में दबाए हुए अपनी मां को चोदने के सपने देखता है और मां की कामुक सिसकारियां सुनकर उसके दिल पर क्या बीत रही होगी
मासी बोली तू पगला है यह तो तेरी मां तुझे उत्तेजित करके अपनी ओर आकर्षित करने के लिए शोर मचाती है चिल्लाती है तुम मौका देखकर कभी भी अकेले में मां को पेल देगा तो तेरी मां तेरे को मना नहीं करेगी और खुशी खुशी से तेरे नीचे लेटकर तेरे से अपनी चूत का बाजा बजवा लेगी
फिर मौसी एकदम से बोली अरे हां गोवा में क्या तुम आराम से रहे होगे तेरे जैसा मादरचोद बहनचोद मौसीचोद और तेरी लंड की भूखी मां दोनों इतने करीब होकर एक कमरे में गोवा में रहते हुए चुदाई के सपने नहीं देख रहे होगे यह तो मैं मान ही नहीं सकती
गोवा में तुम बीच पर भी गए होगे और वहां नहाते हुए भी क्या तूने अपनी मां को नहीं छेड़ा होगा
मैं बोला मौसी वहां तो घूमने में ही थक जाते थे कमरे में आकर तो होश ही नहीं होती थी कि चुदाई बात भी सोचें
मासी बोले मैं खूब जानती हूं थकावट हुई होगी, नहीं भी हुई होगी तो तुमने मालिश करने के बहाने से मां की मैक्सी कमर तक उठाकर उसकी चूत में अपना लंड डालने की पूरी कोशिश की होगी और जब तुमने कोशिश की होगी तो तेरी मां ने मैक्सी को गले से उतारकर पूरी नंगी होकर तेरे नीचे लेटने में देर नहीं की होगी
मैं तेरे को अब अच्छी तरह से जानती हूं और तेरी मां को तो तब से जानती हूं जब से उसकी चूत पैदा हुई है इस तरह से मुझे बुद्धू बनाने की कोशिश मत कर सच-सच बता मां के साथ तूने कहां तक सेक्स किया है ?
मैं अपनी मौसी को क्या बताता की मैंने और मां ने ना केवल पिछले दिनों बल्कि पिछले कई सालों से धुआंधार सेक्स किया है हम मां बेटे की चुदाई तो पति पत्नी की चुदाई से भी ज्यादा बार हो चुकी होगी फिर मैं मौसी के सामने शर्माता हुआ बोला सच में मौसी मां की चूत मारने की हिम्मत नहीं हुई, सिर्फ माँ की चूतओर मम्मे देखता हूं वहां पर बीच पर मां हमेशा सलवार कमीज पहनकर ही जाती थी
मौसी तपाक से बोली तेरी मां तो सलवार कमीज के नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनती और गीले कपड़ों के नीचे तेरी मां की चूची और चूत तुझे साफ साफ दिखती होगी और तु जब बरमूडा में अपना तना हुआ लोड़ा दिखाता होगा तो तेरी मां उस पर लटक ही जाती होगी
मैंने मौसी को से कुछ खुलते हुए कहा हां मौसी यह तो सच है जब मेरा तना हुआ लोड़ा मौसी की मां की निगाहों में आता था तो मां बहाने से अपने चूतड़ मेरे लंड पर दबा देती थी और कभी सामने से आलिंगन करके मेरे लोड़े को अपनी दोनों जांघों के बीच में या पेट के ऊपर महसूस करती थी

मौसी ने मेरे को हल्की सी चपत मारी और बोली नीचे देख यह बात याद करते-करते ही तेरा लोड़ा तनने लगा है जरूर तुम मुझसे आगे की चुदाई वाली बात छुपा रहा है जल्दी बता जब मां तेरे लोड़े से चिपकती थी तो तू क्या करता था

मैंने शरमाते हुए जवाब दिया जब मैं आगे से मुझे आलिंगन करती थी तो मैं मां की पीठ और नितंबों को रगड़ कर मां को अपने से और ज्यादा चिपका लेता था और मां जब अपने चूतड़ मेरे लोड़े के इर्द-गिर्द करती थी तो मैं कपड़ों के ऊपर से ही धक्के मार कर मां की को चुदाई की फ़ील दे देता था

मौसी: वाह मेरे शेर, बेटा तो तूने मां को कपड़ों के ऊपर तो चोद ही दिया और कपड़ों के बिना कहां तक चोदा है यह बता !!! मालिश करने का तो तूने मौका छोड़ा ही नहीं होगा?

मैंने और ज्यादा शर्माने की एक्टिंग की और बोला मौसी तुम भी क्यों सब पूछ रही हो

मौसी बोली अब शर्मा मत मुझे साफ-साफ बता और जिस तरह तूने अपनी मां को चोदने की शुरुआत की थी उसी तरह मुझे भी आज अकेले में चोदना
मैं यह मानकर चल रही हूं कि तूने सच में मां को चोद दिया होगा मुझे बिल्कुल भी यकीन नहीं है कि मां बेटा गोवा में बिना चुदाई किए बिना हनीमून मनाए वापिस आ गए होगे गोवा में तो तो मां बेटे ने खुलकर फुल चुदाई वाला हनीमून मनाया होगा, अगर तू मुझे सच नहीं बताएगा तो में तेरे को कल तक अपनी चूतके आसपास तेरा लोडा तो छोड़ हाथ भी नहीं लगाने दूँगी

मौसी की बातें सुनकर मैंने खुलने का फैसला किया ताकि मौसी को उत्तेजना आए और अपनी बहन से ईर्ष्यावश मौसी और ज्यादा मन से मुझसे अपनी चूत मरवाए

मैंने झूठी कहानी गढ़ते हुए मौसी को कहा कि शुरुआत तो ऐसे हुई थी कि पहले दिन गोवा में पिताजी के ना आने के कारण मां दुखी और गुस्से में थी और मेरे साथ गोवा मार्केट में घूमती रही इस कारण शाम को मां बहुत थक गई थी और होटल में आते ही पैर दर्द की शिकायत करने लगी मैंने अपना पुराना फार्मूला जो आप पर चलाया था वही लगाया कि मां मालिश कर देता हूं तो मां ने चुपचाप हामी भरी और मैक्सी पहन कर बिस्तर के किनारे बैठ गई
मैंने तेल की शीशी लेकर मां के सामने बैठ गया और मां का एक पैर अपने कंधे पर रख लिया जिसके कारण मैंक्सी में कुछ गैप आ गया फिर तेल लगाने के लिए मैंने मेक्सी को मां के घुटनों तक उठा दिया एक पैर में मालिश करने के बाद मैंने मां का दूसरा पैर भी अपने कंधों पर रखा तो मां बिल्कुल वाले पोज में आ गई थी और मैंने झटके से मैक्सि मा के कमर तक उठा दी आपको तो पता है कि मां मैक्सी या अन्य कपड़ों के नीचे ब्रा पेंटी नहीं पहनती है इसलिए मां की चूत मेरे सामने खुल गई
गोवा जाने की तैयारी में मां ने अपनी चूत अपनी झांटे साफ करके चूत को बिल्कुल चिकना बनाया हुआ था कि पिताजी धमा धम मां की चूदाई करेंगे और वहां मन अब अपने बेटे को अपनी नई नकौर की हुई चूत को खुलकर चिकना करके अपने बेटे को अपनी चूत दिखा रही थी
मेरे लिए तो मां की चूत हमेशा ही बिल्कुल नई लगती है तो मां की चूत देखते ही मेरा लौड़ा खड़ा हो गया और बरमूडा के अंदर ही सलामी देने लगा
मैंने भी सिर्फ बरमूडा पहना हुआ था तो मैं मां के दोनों जांघो और जांघों के अंदर वाली साइड की भी मालिश करने लगा
मां को भी मस्ती सूझी तो मां ने एक पैर नीचे करके मेरे लोड़े के ऊपर रख दिया और अपनी उंगलियों से मेरे लोड़े को दबाने लगी
मां ने जब देखा कि मेरा लौड़ा पूरी तरह से तना हुआ है और मां को चोदने के लिए तैयार है तो मां बोली पैर तो हो गए अब मेरी पीठ की मालिश कर दे यह कहकर माने बिना शर्म किए मैक्सी अपने कंधों तक उठा रही और बेड पर उल्टी हो कर लेट गई मां के नंगे चूतड़ मेरे सामने से और मुझे मां के पैरों के बीच में बैठकर मां की पीठ की मालिश करनी थी तो मैंने भी बिना सोचे समझे अपना बरमूडा उतार दिया और मां की टांगों के बीच में से झुकते हुए मां की पीठ और कंधों पर तेल लगाने लगा मेरे बार-बार झुकने के दौरान मेरा लौड़ा मां के चूतड़ों के बीच में जाकर अटकता
मां ने मेरे नंगे लंड को उस दिन पहली बार अपने चूतड़ों पर महसूस किया और समझ गई कि मैने बरमुडा उतारकर मां की चूत में झंडा फहराने का फैसला कर लिया है मां भी पापा से नाराज़ होने के कारण मुझसे चुनवाने को तैयार लग रही थी
मेरा नंगा लौड़ा मेरी मां के नंगे चूतड़ों के बीच में टकरा रहा था मुझे तो बहुत मजा आना ही था मां को भी मेरे लोड़े को अपनी चूत के आसपास महसूस करके बहुत अच्छा लग रहा था कुछ देर में मां ने ठरक बढ़ने पर अपनी टांगे और ज्यादा फैला दी तो मां की चूत मेरे लोड़े को टच करने लगी
मेरे लोड़े को और ज्यादा करीब से महसूस करने के लिए मां ने मुझे बोला कि हां बेटा ऐसे ही हाथ बढ़ाकर मेरी गर्दन और कंधे अच्छे से मल दे
मां की गर्दन और कंधे ऊपर तक मसलने के लिए मुझे लगभग मां के ऊपर लेटना पड़ रहा था यही तो मां चाहती थी और मैंने बेफिक्र होकर मां के ऊपर लेट कर मां के कंधे और गर्दन एक दो बार मसले फिर मैंने मौके का फायदा उठाते हुए अपने हाथ मां की साइड में जाकर बिस्तर में दबे होने के कारण मां की बगलों के साइड में बाहर निकल रहे मम्मे को पर तेल लगाने लगा
मेरे हाथ मा के मम्मों पर पहुंचते ही मां ने अपने धड़ को बिस्तर से थोड़ा सा उठा लिया तो मैंने हाथ नीचे करके मां के निपल्स के आसपास अपनी हथेली में रख दी और मम्मों की मालिश करने की एक्टिंग करने लगा
इस पर मां सिसकारियां छोड़ने लगी और बोली मेरे राजा बेटा तो मां की कितने अच्छे से मालिश करता है अब सामने से भी कर दे कहकर मां ने करवट ली और पीठ के बल बिस्तर पर लेट गई मैं ऊपर आने लगा तो मां बोली नहीं जगह मत बदल वहीं टांगों के बीच में बैठकर हाथ लंबे करके मेरी छातियां और कंधे सामने से मसल दे
मां का इशारा साफ था एक तो मां ने मुझे बरमूडा उतारकर बिल्कुल नंगा होने के बावजूद कुछ नहीं बोला और अब मुझे अपने ऊपर लिटाने के लिए एक योजना बना रही थी
मैंने मां की इच्छा को मानते हुए टांगों के बीच में लेटकर मां के मम्मों को अच्छे से मसलकर मां को गर्म कर दिया और फिर गर्दन मलते मलते पूरी तरह से मां के ऊपर लेट कर लेट गया जिससे मेरा लंड मां की चूत के ऊपर ठोकर खाने लगा
मां बोली यह तेरा डंडा मुझे चुभ रहा है इसको थोड़ा साइड में कर
मैं बोला ना मुझे तो साईड जगह नहीं दिख रही आप ही कर दो तो मां ने आपकी बात को सच करते हुए मेरे लंड को पकड़ कर उस पर झूल गई फिर मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के लबों के बीच में रख दिया और बोली अपने डंडे को इस थैली में रख दे
यह तेरी तलवार की म्यान है मैं मां की इस बात से खुलकर बोला कि मां यह तो पिताजी की म्यान है मां बोली बाप की प्रॉपर्टी पर तेरा पूरा हक है अपने तलवार इसमें रखकर तलवार को अंदर बाहर कर ताकि तलवार की चमक बढ़ जाए
मैंने तुरंत ही में अपने हाथ अपने हाथों में खूब सारी क्रीम लेकर मां की चूत के ऊपर मल दी और अपना लौड़ा मां की चूत के अंदर उतारते तैयारी कर दी और बोला इस क्रीम से आप की प्यारी मखमली थैली की मालिश कर देता हूं
बेटे से चुदाई का सपना पूरा हो ने को है यह जानकार मां बहुत खुश होकर मेरे से लिपट गई और नीचे से अपनी गांड को उछाल उछाल कर मेरे लंड को अपनी गहरी गुफा में बार-बार समाने लगी और मैं हर बार झटके से अपना डंडा बाहर निकाल कर दोबारा मां की गहरी संकरी नली में डाल देता था
इस तरह से हमारा पहला चुदाई का दौर शुरू हुआ

मौसी बोली वाह मेरे शेर!!!! गोवा में पहले ही दिन मौका मिलते ही तुमने अपनी मां की चूत मार ली और मेरे सामने भोला बनता था।!!!
चलो अच्छा है मेरी ट्रेनिंग मेरी दी हुई चूत मारने की ट्रेनिंग तेरे काम तो आई और मेरी बहन का भी भला हो गया!!!
मौसी को यह नकली कहानी सुनाते सुनाते मेरा लौड़ा पूरी तरह से तन गया था मेरी आंखों के सामने मेरी प्यारी रसेदार मां की असली चूत और मम्मे और गहरी नाभि घूमने लगी थी !!!
मौसी ने हाथ नीचे करते हुए मेरे लंड को पकड़ कर जोर जोर से हिलाया और बोली अभी तक तूने मां और मौसी की मालिश की है चल अब मैं तेरी मालिश करती हूं यह कहकर मासी ने पास में पड़ी क्रीम की शीशी उठाई और मेरे लंड पर प्यार से मालिश करने लगी
मौसी की मालिश से मैं इतना गर्म हुआ कि मैंने मौसी को धक्का देकर बेड पर गिराया और मौसी की मेक्सी को कमर दर्द उठा कर एक झटके में ही अपना लंड मौसी की चूत में उतार दिया और धकाधक मौसी की चूत अपने क्रीम लगे हुए लंड से मार ली
मौसी ने भी खुलकर साथ दिया काफी देर चुदाई करने के बाद हम दोनों झड़ गए
यह राउंड होते ही मुझे चाय और नाश्ते की याद आई और मैंने मौसी को बोला की मौसी अभी नाश्ता का एक दौर और हो गया है अब थोड़ी चाय और ब्रेड खा लो
मौसी बोली हां मेरे बेटे मैं तुझे दूध पिलाती हूं कहकर मौसी ने अपना मम्मा मेरे मुंह में ठूंस दिया मैंने कुछ देरर मौसी का मम्मा चूसा और फिर बोला सच में मौसी अभी भैंस का दूध पीते हैं और मैं नहा कर आता हूं फिर हम अच्छे से लंच की तैयारी करेंगे
मौसी ने मेरे चूतड़ पर थपकी मारी और बोली : अभी लंच की तैयारी की बात नहीं है लंच तैयार है तू सिर्फ लंच करने के लिए टेबल पर आ जा
मैं और मौसी बिना रुके ही आपने एडल्ट नाश्ते के बाद लंड चूत वाले एडल्ट लंच की तरफ बढ़ गए
मैंने मौसी की मैक्सी पूरी तरह से उतारकर मौसी को नंगा कर दिया
मैं तो पहले से ही नंगा था और बोला मौसी बोलो लंच में पहले क्या करना है।
मौसी बोली पहले सूप पीते हैं यह कहकर मौसी 69 में मेरे ऊपर लेट गई और मेरे लोड़े को अपने मुंह में डाल दिया मैंने भी मौका देखकर मौसी की चूत में अपनी जीभ उतार दी और हम दोनों लपालप लंड और चूत को चूस कर एक दूसरे का जूस निकालने में लग गए बीच-बीच में मौसी मेरे लंड को अपने गले तक उतार देती थी और फिर बाहर निकाल कर दोबारा से चूसने लगती और कभी जीभ से मेरे लोड़े के छिद्र को सैहलाती कभी सुपाड़े पर दांत से काटती और कभी पूरा का पूरा लंड अपनी गर्दन तक निगल लेती जिससे मेरी उत्तेजना बढ़ रही थी
मैं भी कभी मौसी के भगनसे पर जीभ रगड़ता कभी दांतों से मौसी की चूत के होठों को दांतो से काटता और सहलाता और कभी नाक से मौसी की चूत के उपरी हिस्से को सहला कर मौसी से कामुक सिसकारियां निकलवाता आहें भरवाता रहा
काफी देर 69 में लंड और चूत चूसने के बाद हम दोनों झडने लगे और हम दोनों ने बहुत प्यार से एक दूसरे का सारा का सारा कामरस पी लिया झड़ने के बाद मौसी मेरी सीधी होकर मेरी बगल में लेट गई और मुझे खींच कर अपने आलिंगन में ले लिया
मौसी पीठ के बल थी और मैं मौसी के ऊपर उल्टा होकर लेटा हुआ था हम दोनों नंगे थे मेरा लंड मौसी की चूत के बीच में छुहारा बनकर पड़ा हुआ था और मौसी मौसी की छातियां मेरी छाती में रुई के गोलों की तरह दब रही थी
मैंने अपने होंठ मौसी के होंठों से जोड़कर अपनी जीभ मौसी के मुंह में डाल दी मौसी ने अपनी जीभ से मेरी जीभ का स्वागत किया और अच्छे से जीभ लड़ाने लगी
मैं अपने हाथों से मौसी की जांघों को सहला रहा था और मौसी अपने हाथों से मेरे नितंबों पर दबाव डाल रही थी कभी हम और चूसते और कभी एक दूसरे के गालों को चुसते इस तरह से हम लोग लंच की तैयारी करते रहे
कुछ ही देर में मौसी की चूत फिर से गीली होने लगी और मेरा लंड भी तन तना कर सख्त हो गया था मैंने बिना भूमिका बांधे अपने हाथ में लंड को पकड़ कर दूसरे हाथ से मौसी की चूत के होंठ फैलाकर अपना लंड मौसी की चूत में प्रवेश करवा दिया और झट से मौसी की चूत मैं धक्का मार दिया
मौसी जोर से चिल्लाई हाय मैया मेरी चूत फ़ाड़ दी तूने
मैं बोला सुबह से 3 बार चढ़ चुका हूं और चौथी बार में कोई ज्यादा फट गई क्या?
मौसी बोली पहले नाश्ते में हल्का समान था अभी लंच में तूने इसे रोस्ट करके बहुत भारी कर दिया है !!! सच में मेरी जान निकल रही है !!! धीरे-धीरे पेल
मैंने मौसी की बात की परवाह किए बिना जोर जोर से धक्के मार कर मौसी को चोदना जारी रखा तभी मौसी के बाल पकड़कर चूदाई के बीच में ही मौसी को गाल चूमता कभी अपनी कमर मोड़ कर मौसी की मम्मे चूस लेता और कभी धक्के मारते मारते मौसी की गर्दन पर दांतो से हल्का सा काट लेता
इस तरह से मौसी की चुदाई जारी रखते हुए मैंने मौसी को पूरा पूरा मजा देने की कोशिश करता रहा और मौसी भी उसी तरह से उछल उछल कर मेरे लंड को अपनी चूत में लेते हुए पूरे मजे ले रही थी
धक्के मारते मारते मैंने मौसी के छक्के छुड़ा दिए और अपने लंड की जोर से मां सी मौसी का पानी छुड़वा दिया पर मेरे लंड ने अभी पानी नहीं छोड़ा था तो मैं मौसी के झड़ने के बाद भी मौसी की चूत पर धक्के मारता रहा इस तरह से मौसी की लंड से लंच चुदाई का पहला दौर पूरा हुआ और सांस लेने के बाद मौसी बोलीली दैया रे मेरा दो पानी छोड़ दिया है पर तेरा लंड अभी भी उसी तरह से सख्त बना हुआ है
मुझे सांस लेने दे फिर दोबारा से मेरी मार लियो
मैं बोला मौसी दोबारा मारने की बात नहीं है अभी तो पहला नान खाया है अब तुम्हारी घी की कटोरी में अपनी कड़छी डुबोकर दाल में तड़का लगा लूंगा
मौसी ने हामी भरी और पैर खोल कर टांगे खोल कर बिस्तर पर पसर गई मैंने नीचे झुक कर मौसी के होंठ चूमे और आगे गुलाबी गालों को चूसते हुए मौसी के 40" के मम्मों को अपने दांतों से कुरेदने लगा
में और आगे बोला कि इसी तरह से अपने भतीजे से अपनी चूत पिलवाती रहो बहुत मजा आएगा
मौसी ने अपनी टांगे उठाकर पैर के तलवे च
छत की तरफ कर दिए और बोली आजा मेरे चोदू सनम !! तेरी मौसी तेरे डंडे का स्वागत करने के लिए तैयार है
आगे पीछे देखे बिना दोबारा से झुक कर मैंने अपना तना हुआ डंडा मौसी की चूत में दोबारा से उतार दिया और पूरी ताकत के साथ धक्के मारने लगा
मौसी की टांगे ऊपर उठी होने की वजह से मुझे मौसी की कटोरी अपने डंडे के लिए पूरी तरह से खुली हुई मिल रही थी इसलिए मैंने बिना देरी किए पूरी ट्रेन की स्पीड से मौसी की के चूचे, मौसी के मम्मे को रगड़ते हुए चूतड़ दबाते हुए और मौसी के मम्मे दबाते हुए मौसी को फिर से कंपकंपाते हुए झाड़ दिया और साथ ही अपने खड़े हुए लंड को दूसरे दौर में ठंडा कर लिया
झड़ जाने के बाद काफी देर तक हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे फिर मैं मौसी से बोला अभी एक सब्जी और रोटी तो हो गई
लंच में और क्या करना है मौसी बोली मेरा तो एक रोटी नहीं पेट नहीं भरा है मुझे एक रोटी और खिला
मैंने खुश होकर मौसी से कहा कि ठीक है अपनी तुम्हारे सामने लच्छा पराठा पेश करता हूं यह कहकर मैंने नीचे झुक कर मौसी को चूतड़ चाटने शुरू किए और अपने हाथों से मौसी की गांड के छेद में उंगली डाल दी और उंगली डालकर सहलाने लगा और सहलाने के कारण मौसी फिर से गर्म होकर फिर से मेरे से लिपट गई
मौसी की गुदाज़ मांसल शरीर और तड़पती हुई जवानी को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं फिर से मौसी को पेलने के लिए तैयार हो गया इस तरह से हमारे लंच के अगले राउंड की शुरुआत हो गई थी

मौसी की चुदाई की कहानी अगले अपडेट में जारी रहेगी
Very hot 🔥🔥🔥
 

Sanju@

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मौसी की तुरंत फुरंत में एक और चुदाई करने के बाद भी ना मौसी का मन भरा था और ना ही मेरा
हम दोनों की चूत और लंड में एक अनभुजी प्यास धड़क रही थी सुबह से बिना कुछ खाए पिए हम लोग सिर्फ चुदाई में ही लगे हुए थे और हर बार मेरा लंड झड़ने के बाद तुरंत ही दुबारा खड़ा हो जाता था और मौसी की चूत लगातार काम रस की वर्षा करने के बाद भी झर झर कर बहती जा रही थी
आज से पहले जब भी मौसी की चुदाई हुई थी सराय में तो पहली बार थी और थोड़ा गेस्ट हाउस में डर था कि कहीं आस पड़ोस के कमरे वाले या काउंटर पर मुंशी हमारी कामुक आवाज ना सुन ले दूसरी बार मौसी के घर में झटपट चुदाई की थी उस चुदाई में भी मजा तो बहुत आया था पर बहुत जल्दबाजी में थे
आज हम घर पर अपने घर पर बिल्कुल अकेले बेफिक्र थे ना किसी के आने का डर और ना ही किसी के हमारी चुदाई की आवाजें सुन कर हमे परेशान करने की आशंका
मौसी ने सुबह के नाश्ते में तीन बार मेरा लंड खाया था और अब लंच में लंड चूत चटाई का एक दौर हो चुका था और मैं अपने खड़े लंड को सहलाता हुआ मौसी की चूत पर दोबारा हमला करने के लिए तैयार था

मेरी प्यारी मौसी लंच में अब क्या खाएगी
मौसी मेरे लंड को हाथ से छूकर बोली मुझे अपना यह मोटा वाला पनीर रोल खिला दे बिल्कुल गरम गरम लगता है
मैंने पूछा ऊपर के होठों से खाएगी या नीचे के होठों से ?
मौसी बोली पहले ऊपर के होठों से स्वाद देख लेती हूं फिर नीचे के थैली भर लेती हूं उसमें ज्यादा मजा आएगा
मैंने कहा जैसी मेरी मौसी की इच्छा मौसी जी निकालकर हाथ से मेरे लंड के उपाय की चमड़ी को पीछे किया और जीभ निकालकर सुपारी को आइसक्रीम की तरह चाटने लगी फिर होंठ खोलकर मौसी ने लंड के सुपारे को आपने होंठों में कस लिया और होंठों में दबे लंड के अगले हिस्से पर जीभ फेर कर मेरी उत्तेजना बढ़ाने लगी
मौसी पलंग के किनारे बैठे थी और मैं मौसी के सामने जमीन पर खड़ा था, मेरे हाथ सहज ही मौसी के 40 नंबर के मम्मों पर चल रहे थे सुबह से ही दोनों बिल्कुल नंग धड़ंग अपने अपने बर्थडे सूट में एक दूसरे से लिपटे हुए थे
मौसी की मोटी गोरी जांघे रोशनी में चमक रही थी और मौसी के सख्त मम्मों पर मेरे दांतों के निशान लाल निशान दिख रहे थे
मैंने अपने हाथों से मौसी के मम्मों का आटा गुंधना बंद करके मौसी के अंगूर जैसे निप्पल को छुहारे जैसा लंबा कर दिया था
मौसी भी कसमसा रही थी मेरे राजा बेटा मौसी की प्यास तो मिटा ले
मौसी मेरा खीरा चूस इस खीरे को चूस-चूस कर इसमें से रस निकाल ले और मौसी तनमान्यता से बिना जवाब दिए मेरे लोड़े को चुस्ती जा रही थी मौसी की बंद आंखों और चेहरे पर संतुष्टि के भाव से लग रहा था की मौसी लोड़े को चूस कर जन्नत महसूस कर रही है
मैं थोड़ा आगे होकर अपना घुटना मौसी की चूत पर रख कर रगड़ने लगा तो मौसी थोड़ा और आगे होकर मेरे से लिपट गई मेरे लोड़े पर गोल घूमी हुई मौसी जीभ कहर बरसा रही थी
मौसी मां के निप्पल और मम्मे मेरे हाथ में पूरी तरह समा नहीं रहे थे और मैं पूरों कोशिश से मौसी के मम्मों को रगड़ने की कोशिश कर रहा था
हम दोनों की सांसें भारी होती जा रही थी जैसे फिर से चुदाई का समय आ गया हो
मैं बोला मौसी तुमने खीरा चख् लिया हो तो अपनी रोल तुम्हारे नीचे के होठों को भी चखा देता हूं
मौसी बिना बोले सीधी हुई और ऐसे ही बिस्तर पर पीठ के बल लेट गई मैंने मौसी के पैर फर्श से उठाकर अपनी कमर के इर्द-गिर्द लपेटे और अपना मौसी की चूत का प्यासा लोड़ा मौसी की चूत के दरवाजे पर टिका दिया
मौसी की चूत चिकनी बनी हुई थी और मेरे लोड़े पर अपनी लार लगाकर मौसी के उसे चिकना कर दिया था मेरा लौड़ा बहुत आराम से मौसी की चूत में घुसता चला गया
मौसी की टांगे मेरे नितंबों के इर्द गिर्द लिपटी हुई थी जब मैं मौसी की चूत पर धक्का मारता तो मौसी अपने पैरों की ताकत से मेरे धक्के की गति बढ़ा देती थी
धकाधक चुदाई चल रही थी मैंने मौसी के मम्मों उमेठे और बोला मौसी तुम्हारे मम्मों कितने बड़े हैं और कितने बड़े होते हुए भी बहुत सख्त हैं जैसे कच्चे पपीते
जब तुम ब्लाउज पहनकर झुकती हो तो इनके भार से दोनों मम्मों के बीच में गहरी खाई बन जाती है जिसके बीच में ही लंड पेलने का मन करता है
मौसी हंसी और बोली जब तेरे बाप की शादी हुई थी तो वह लगातार मेरे मामा के बीच में ही घूरता रहता था और एक बार तेरी मां को चोदते समय बोला भी था कि सरिता के मम्मों के बीच में लंड डालकर चोदने में कितना मजा आएगा इस बात पर तेरी मां नाराज हो गई थी बोली कि मुझे चोदते हुए तुम्हें मेरी बहन के मम्मे याद आ रहे हैं !!!! क्या मेरे मम्मों अच्छे नहीं हैं?
तेरे पापा ने बचते हुए तेरी मां की तारीफ की और तेरी मां के बीच मम्मों के बीच में ही लंड डालकर तेरी माँ के मम्मों की चुदाई की
मौसी , यह बात है मौसी मेरे पापा तेरे मम्मों को चोदना कहते है तो मैं भी आज तुम्हारे मम्मों को चोदे बिना नही छोडूंगा
मौसी हंस कर बोली !!! आजा मेरे लाल
मैंने मौसी को बिस्तर के ऊपर खींच लिया और मौसी के पेट के ऊपर बैठकर अपने लंड का निशाना मौसी के मम्मों के बीच में लगाया मौसी ने अपने दोनों हाथों से मम्मों को दबा दिया और दोनों मम्मों के बीच में दरार में लंड डालकर मैं अपनी कमर आगे पीछे करने लगा
मौसी ने मम्मों के बीच की जगह बहुत टाइट थी और मौसी ने अपने हाथों से मम्मों को दबाकर मम्मों के नीचे वाली क्लीवेज को और ज्यादा टाइट कर दिया था जिससे मुझे मौसी के मम्मों चोदने में बिल्कुल चूत चोदने से भी ज्यादा आनंद लग रहा था
मेरा लंड बहुत रगड़ खाकर मौसी के नरम गुदाज बड़े-बड़े मम्मों के बीच में आगे पीछे हो रहा था और मौसी को चोद रहा था
मौसी बोली और मजे करने हैं मैंने पूछा कैसे मौसी बोली घूम कर मेरे मुंह की तरफ अपने चूतड़ कर दे
मैंने अपनी पोजीशन बदली और मौसी के मुंह के ऊपर अपने चूतड़ रखकर आगे को खिसका और अब ऊपर वाली क्लीवेज से मौसी के हाथों में दबे हुए मम्मों के बीच में दोबारा लंड पेलने लगा
मौसी ने अपना मुंह झुका कर जीभ लंबी करके अपने मुँह की तरफ मेरे निकले हुए मेरे टट्टों को चाटने लगी
वाह मौसी वाह तुम मेरे वीर्य को स्टोर को प्यार कर रही हो
मौसी मां बोली मेरे प्यारे लाल तेरी इन टट्टों से ही तो तेरे अंदर चोदने की इच्छा जागती है इनको प्यार नहीं करूं तो किससे करूं
मौसी के मम्मों चोदते-चोदते मैं आगे झुककर मौसी की चूत चाटने लगा अब हमारा चुदाई का दौर बहुत मजे से चल रहा था
मौसी मेरी टट्टे चाट रही थी और मैं मौसी की चूत चाट रहा था और मौसी के को मसलते हुए अपनी और मौसी की संतुष्टि कर रहा था
मेरे हाथ मौसी की जांघों के अंदरूनी हिस्से को मालिश कर रहे थे मेरी मौसी को मजा आ गया
मेरी मौसी मेरी प्यारी मासी
आजा मेरे बेटे मेरे प्यारे बेटे पेल दे,मौसी को !!!!
अपना मक्खन मौसी के मम्मों के ऊपर उड़ेल दे
अरे रुक रुक रुक अभी तो तूने मुझे अपने पनीर रोल का स्वाद चखाना है
मैं थोड़ा पीछे होकर अपने लंड को मौसी के मुँह की तरफ लाया और मैंने अपना लंड मौसी के मुंह में पेल दिया और 69 पोजीशन में मौसी की चूत चाटने लगा
सच में इतना मजा चुदाई का इतना मजा कभी नहीं आया था
मौसी को पेल पेल कर मेरी सांस चढ़ने लगी थी मौसी भी बहुत गर्म हो कर बार-बार मेरे लंड को कुतरने लगती इस तरह से हम दिल भर कर चुदाई करते रहे मेरा वीर्य निकलने वाला था मौसी मैं झड़ने वाला हूं रबड़ी कहां खाओगी
मुँह में लंड फसा होने के कारण मौसी खो खो खो करके बोली मेरे प्यारे लाल मेरे बेटे मुंह में ही डाल दे मेरे मुंह में ही झड़ जाना सीधा तेरी कड़छी से ही मलाई चाट लूंगी
हाँ मेरी मौसी मजे कर दिए मौसी ने बातें बंद करके अपने होंठ और गाल दबाकर घपा घप मेरे लंड पर अपने होठों को चूत जैसा दवाब बना कर मजे लेने में जुट गई मैंने भी अपना मुंह मौसी की जांघों के बीच में गहराई तक दबा दिया और मां मौसी मां की हांडी में से रबड़ी चाटने लगा
वाह मेरी मौसी जबरदस्त मलाई है शाबाश मेरी मौसी!!! बोलने में मुझे कई बार रुकना पड़ता पर फिर मैं जीभ लंबी करके मौसी की चूत में डालता है और मौसी की चूत को खंगालने लगता
मौसी ने अपनी जांघें मेरे मुंह के इर्द-गिर्द कस दी और थर थर कर कांपने लगी और फिर एकदम से मेरे मुंह में मौसी के अमृत कुंड से झड़ा हुय मौसी का काम रस भर गया, मैंने होठों को गोल कर के मौसी की हंडिया से सारा मक्खन अपने गले में खींच लिया मौसी ने कुछ गहरी सांसे ली
और फिर से अपने मुंह को मेरे लंड से चुदवाने लगी मैं भी उत्तेजना के उत्कर्ष पर पहुंचा हुआ था मौसी की जीभ होंठ और गाल मिलकर मेरे लंड पर जादू कर रहे थे कुछ ही देर में मैं झड़ने लगा और मौसी ने घपा-घप मेरे काम रस को अपने गले में उतार लिया
हम दोनों सीधे हुए मौसी बोली यह तूने अब प्रोटीन भरा सूप मेरे गले में उतारा है मैंने बोला मासी तूने भी तो अपने कुंड में से, अपनी हांडी में से मेरे को अपनी स्वादिष्ट रबड़ी चटा दी है
मौसी बोली अभी लंच चालू रखते हैं
मैं मौसी की लोड़े की इटिनी तेज भूख को देखकर हैरान था पर मौसी को क्या बोलता मेरा अपना लंड भी वीर्य छोड़ने के बाद दोबारा से मौसी की चूत में घुसने के लिए बेकरार हो जाता था
मैंने अपने दुबारा से सख्त होते लंड अपने हाथ में लेकर कहा अब कहां पर लोगी
मेरे बेटे अब सीधा चूत में ही उतार दे !!!
हां मौसी मम्मे तो चोद दीए है मुंह भी भर दिया है अब चूत का नंबर तो आना ही चाहिए बोल कैसे चुदाएगी
बेटा!!! अब मैं तेरे सामने गोदी में बैठकर ऊपर से अपनी चूत से लंड पर सरकाती हुई तेरे लाँड़ पर बैठ जाऊँगी और तू नीचे बैठ हुय मेरे नितंबों पर हाथ से पकड़कर डालकर मुझे अपनी लंड पर उछालना!!!! मेरे बेटे
ठीक है मौसी !!!
मैं बिस्तर पर पैर लंबे करके बैठ गया मौसी मेरे सामने मेरी तरफ मुँह करके पैरों के बल बैठ गई और धीरे-धीरे मेरी लंड का निशाना लेकर अपनी चूत को मेरे लंड के सुपाड़े पर टिका कर नीचे सरकने लगी
मैंने अपने बाजू मौसी की पीठ पर कसकर अपने आलिंगन में ले लिए मौसी की पपीते जैसी छातियां, मम्मे मेरी छाती में दबकर मुझे रोमांच दे रहे थे और मौसी के मेरे लंड़ पर रगड़ बढ़ा रहे थे इधर मौसी थोड़ा सा एडजेस्ट होने के बाद धम्म से मेरे लंड पर कूद गई और फिर मौसी ने अपने पैर खोलते हुए मेरे चूतड़ों के साइड से निकाल दिए
मैंने अपने हाथों मौसी के चूतड़ों के नीचे रखे और मौसी को अपने लंड पर उछालने लगा
मौसी ने तभी मेरे को कसकर अपने आलिंगन में ले लिया तो जब मैं मौसी को ऊपर उठाट तो हमारी छाती आपस में रगड़ती थी और लंड भी धीरे से मौसी की चूत से बाहर निकलता और घप से दुबारा मौसी की चूत में बैठ जाता
घपा घप चुदाई के दौरान हमने फिर से अपने होंठ जोड़ लिए और मौसी ने मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल दी

मम्मे से मम्मे मिले
छाती से छाती मिली
छेद से डंडा मिला
और निकला सफेद सफेद

इस तरह से मौसी और मेरे लंच का दूसरा दौर पूरा हुआ हमारे रबड़ी जैसे कामरस को मैंने और मौसी ने महसूस किया फिर मौसी और मैं पीठ के बल बिस्तर पर लेट गए
मुझे मजा आ गया खुल कर दे दी मौसी तुमने
मजा आ गया है मासी मेरी प्यारी मां तेरी चूत तो मक्खन की हंडिया है
मजा तो तेरे लंड का है बेटा जितना मस्त लंड उतना ज्यादा मजा
तुम्हारी चूत भी बहुत टाइट है
मौसी टाइट चूत में मोटा लंड रगड़ने का मजा ही अलग है मजा है
हां मासी ऐसे ही चलने दो तुम देती रहो मैं लेता रहूँ
बाद मैं लेटी हुई मौसी के ऊपर लेट कर मौसी के शरीर को अपने शरीर से सहलाने लगा कैसा रहा लंच का यह वाला दौर मेरी मौसी
बेटा तू लंच बहुत अच्छे से करवा रहा है
मौसी तुम इतनी सुंदर थाली परोस रही हो मैं तो मजे से लंच कर रहा हूं
अच्छा मौसी तुमने कितनी बार माँ पापा को चुदाई करते देखा है मैं मौसी बोली आपने शादी से पहले जब मैं जवान थी और तेरे पापा अक्सर घर आते थे तो उनको अलग कमरा मिलता था
मेरी जवानी ki उमंगे और चूत में उंगली करने का नया नया शौक मुझे मजबूर करता था कि मैं तेरे मां-बाप की बातें सुनूँ और तेरे माँ बाप की चुदाई देखूँ !!! मैं रात भर उस कमरे की खिड़की के पास बैठकर तेरी मां बाप की चुदाई देखती थी और उनकी कामुक बातें सुनती भी थी !!!
तब तो मौसी तुम्हें चूत में उंगली करने में बहुत मजा आता होगा
अरे बेटा उंगली से काम नहीं चलता था खीरा ककड़ी बैंगन सब कुछ अपनी चूत में डालती थी तब कुछ शांति होती थी तेरा बाप कभी कभी जब मेरी तारीफ करते हुए उचक उचक कर तेरी मां को चोदता था तो मैं आंखें बंद करके अपने जीजा के लंड के सपने देखते हुए बैंगन अंदर करती रहती थी
तुम उसी कभी भी पापा से सच्ची में नहीं चुदी ?
नहीं बेटा!!! मैं तो तेरे पापा के लंड के सपने देख देख कर ही जवान से अधेड़ हो गई हूं
पर अभी तक मुझे तेरे पापा का लंड नहीं मिला तेरे पापा भी मेरी चूत मारने के चक्कर में बूढ़े हो गए हैं
अरे मौसी पापा अब तुम्हारी चूत क्या मारेंगे उनसे तो अपनी बीवी यानि मेरी मां की चूत भी पूरी तरह से नहीं मारी जाती उनके हिस्से का चूत मारने का काम और अपनी माँ को संतुष्टि देने के लिए मैं अपनी मां की चूत मारता हूं !!! अब तो मां को मेरा लंड किए बिना तो तसल्ली भी नहीं होती
शाबाश बेटा दो अपने बाप की जिम्मेवारी भी पूरी करता है और मौसा की भी !!!
तेरे मौसा लंड अब उतना खड़ा नहीं होता बस महीने में एक दो बार मुझे रगड़ पाते हैं!
फिक्र क्यों करती हो मासी मैं हूं ना
मौसी हंसी और बोली ज्यादा शाहरुख खान मत !!!!! बन देख तेरा लंड भी तेरी टांगों के बीच में मुरझाया पड़ा है
अरे मौसी उसको सांस तो लेने दो अभी देखो तुमरी मलाई निकाल कर इस पर लगाता हूं फिर देखो कैसे टन टना टन करके तुम्हारी चूत में घुसने के लिए तैयार हो जाता है
मेरे बेटे तू क्यों मेहनत करता है तेरा यह डंडा तो आज मेरी सेवा कर रहा है आज तेरे लंड को बार-बार तंदुरुस्त करने की मेरी जिम्मेदारी है
जिओ मौसी जिओ तो करो ना फिर!!!!! मेरा मन एक बार फिर हुमक हुमक कर तुम्हारी चूत मारने का कर रहा है और यह लंड इंतजार कर रहा है कि तुम अपने हाथों से इसको प्यार करके खड़ा करो
बिना कुछ बोले मौसी ने छुपकर मेरे मुरझाए हुए लंड को अपने मुंह में ले लिया और जीभ से उसको सहलाने लगी साथ मौसी ने एक हाथ की उंगलियां अपनी चूत में डाल कर चूत की रबड़ी निकाली और रबड़ी सने हाथ को मेरे लंड पर मसलने लगी
मौसी और मेरी मिली-जुली रबड़ी और मौसी के हाथ की गर्मी ने जैसे जादू के जोडर पर मेरे लंड को गर्मी देकर खड़ा कर दिया
एक हाथ से मौसी मेरे लंड को मुठिया रही थी और दूसरे हाथ से आपने चूत में उंगली या देकर चुत को पनिया रही थी
मौसी की चूत की तरफ मैंे अपना हाथ बढ़ाया और मौसी की उंगली के साथ-साथ मैंने भी अपनी दो उंगलियां मौसी की चूत में डाल दी
मौसी के चूत में जैसे पानी की नदियां बह रही हूं और मेरा लंड भी अकड़ कर मौसी की चूत में घुसने के लिए उतावला हो गया था अब समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं थी मैंने बिस्तर के सामने खड़े होकर मौसी के पैरों को अपने कंधों पर रखा अपनी जांघें मौसी के चूतड़ों से चिपकाकर और एक ही झटके में अपना लंड मौसी की चूत में पेल दिया
मौसी ने उछल कर मेरे लंड को अपनी चूत में गहराई तक संभाल लिया मौसी के गद्देदार चूतड़ मेरी जांघों पर थपकी दे रहे थे और मैं जोरदार धक्कों से मौसी की चूत में अपने लंड से खुदाई कर रहा था थोड़ी ही देर में मेरे धक्कों की स्पीड बहुत तेज हो गई जमीन पर खड़े होने के कारण मैं पूरी ताकत से मौसी की चूत पर अपने लंड का हमला बोल पा रहा था और मेरा लंड पूरी गहराई मौसी की चूत में पूरी लंबाई से मौसी की चूत को अंदर तक खोद रहा था
मेरे लंड का झटका अंदर होते ही मौसी सिसकारी लेती वाह मेरी मां मार दिया रे और जोर से मार
मजा आ गया बेटा
अपनी मौसी को पेल मौसी को मजा दे मेरे बेटे
मैं हर धक्के के साथ ले मेरी मौसी मा मेरी प्यारी मां बेटे का लंड दे बेटे की ताकत को महसूस कर ले मेरी मौसी मां बेटे का लंड
शाबाश मेरे बेटे तेरा लंड तो मौसा से भी ज्यादा धमाल मचा रहा है आज मेरे बेटे वाह मेरे बेटे शाबाश पेल दे मौसी को हां बेटा ऐसे ही शाबाश

ऐसे ही धक्के मारते-मारते मैं और मौसी यह चुदाई करते रहे
फिर अचानक से मौसी ने धकाधक मेरे लंड से सारा रस झाड़ कर अपनी चुत में भर लिया और खुद भी थरथराकर झड़ गई इस तरह से एक बार फिर से हम दोनों अच्छे से झड़ गए और लंड पिलाई, चूत चटाई, चुदाई के इतने दौर होने के बाद हम थककर नंगे ही एक दूसरे से लिपटे हुए पता नहीं कब सो गए
Damdar mosi ki chudai
 

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जब मेरी नींद खुली तो पहले तो कुछ समझ नहीं आया कुछ सेकंड बाद अपने साथ नंगी लेटी हुई मौसी को देखकर याद आया कि सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक बिना कुछ खाए पिए हम दोनों लगातार चुदाई में लगे हुए थे और चुदाई भी इतनी भयंकर तरीके से की थी कि मेरी और मौसी की पता नहीं कितने दिनों की अनबुझी प्यास हमारे चुदाई के जनून से कुछ हद तक शांत हो पाई थी
मैंने बहुत ही खुलकर बिना किसी रुकावट मौसी को चोदा था और मौसी ने भी मेरा लोड़ा अपनी जीभ मम्मों और मुँह में बहुत अच्छे से पिलवाया था साथ ही साथ मौसी ने अपनी चूत का स्वाद मेरे मुंह को भी चूसने को दिया था
सोचते सोचते मैं मौसी के अपने साथ चिपके हुए मौसी के नंगे शरीर से और ज्यादा चिपक गया
मौसी कमर के बल लेटी हुई बेहोश जैसे पडी सो रही थी मौसी का घुटना एक फैला हुआ था जो मुड़कर बिस्तर पर लगा हुआ था जिससे मौसी के मोटे मोटे नितंब और ज्यादा आकर्षक लग रहे थे
मौसी की गोरी बेदाग पीठ कमरे की रोशनी में बहुत ज्यादा चमक रही थी मैंने आगे झुकते हुए मौसी की गर्दन के नीचे चुम्मी ली और चम्मच की तरह पीछे से मौसी से लिपट गया
मौसी जैसे बेहोश ही पड़ी रही मैंने मौसी से चिपकने के लिए अपने लंड को मौसी की पीठ से मिलाया तो मुझे अपने शरीर में बहुत ज्यादा थकावट महसूस हुई तब मुझे ख्याल आया थी मैंने रात से कुछ भी नहीं खाया है
सुबह मां बाप के घर से निकलते ही मैं मां बाप की रात की चुदाई का सीन याद करके मुठ मारने लगा था कि मौसी ने घर घंटी बजा कर आने का घोषणा की थी
मौसी भी रात का सफर करके सुबह सुबह पहुंची थी इसका मतलब मौसी भी रात से भूखी ही थी और हमारी उत्तेजना का हाल था कि मेरी बनाई हुई चाय ठंडी हो कर साइड में पड़ी थी और हमें सिर्फ एक दूसरे की वीर्य और काम रस चाटने का ही जोश और होश था इसके अलावा हमें कुछ भी नहीं सुझ रहा था
मैंने अपना हाथ मौसी के आगे की तरफ करते हुए मौसी की मम्मों को दबाते हुए आपकी पीठ को अपनी मौसी की पीठ से और ज्यादा दबा दिया और अपने पेट में दौड़ते चूहा की गिनती करने लगा
मुझे पता था कि मौसी भी बिल्कुल भूखी प्यासी है मौसी ने मेरा लंड चूस कर जो वीर्य पान किया था उसके अलावा मौसी के गले से कुछ भी नहीं उतरा था मेरे कसकर मौसी की छाती को दबाने के बाद भी मौसी की नींद में कोई खलल नहीं पड़ा तो मैंने थोड़ा पीछे हुए होते हुए मौसी को पीठ के बल लिटा दिया
अब मौसी के मोटे मोटे गुदाज मम्मे थोड़े नरम होकर छातियों पर बेतरतीब फैले हुए थे मौसी की टांगों के बीच में हमारा मिलाजुला काम रस टपक रहा था मौसी की केले के तनो जैसी मांसल चिकनी जांघें अभी भी बहुत आकर्षक लग रही थी मौसी के पेट पर पड़े हुए स्ट्रेच मार्क्स किसी भी जवान के लैंड को खड़ा करने के लिए पर्याप्त थे
इतनी सुंदरता होने के बाद पता नहीं क्यों मौसी इतनी ज्यादा प्यासी थी मौसा जी भी इतने बूढ़े नहीं हुए थे कि मौसी मां को चोदने में सफलता नहीं पाते हों पिछली बार जब मैं मौसी के घर गया था तो मैंने उनकी जोरदार चुदाई की आवाजें सुनी थी अब 6 महीने में ही ऐसा क्या हुआ कि मौसी की चूत बिल्कुल प्यासी हो गई थी और मेरा मौसेरा भाई संजय भी मौसी को चोदने की फिराक में रहता था पता नहीं उसको अपनी मां चोदने का मौका मिला या नहीं शायद उसने कोशिश नहीं की होगी अगर जवान बेटे का लंड मौसी को मिला होता तो शर्तिया मौसी की चूत इतनी प्यासी नहीं होती चलो जो भी हो मौसी से आराम से इस बारे में बात करूंगा अभी तो मेरे पेट में चूहे ओलंपिक रेस लगा रहे थे और लगातार कुश्ती लड़ने के कारण मेरे शरीर के सब जोड़ भी दुखने लगे थे
मेरे जवान शरीर का थकावट से यह हाल था तो इतनी भयंकर जुदाई होने के बाद मौसी के बुढा़ते हुए शरीर की क्या हालत होगी मैं इसका अंदाजा ही लगा पा रहा था

अपनी बची हुई ताकत समेटकर मैं उठकर किचन में गया सबसे पहले तो दूध गर्म करके कमरे में ले आएगा और मौसी को उठाने लगा मौसी अभी भी बेसुध पड़ी हुई थी
मैंने मौसी के मुंह होठों को चूसा चुम्मा और मौसी की चूत में उंगली की तो मौसी थोड़ा कसमसाई और हिली
लगातार मौसी को उत्तेजित करने से मौसी का शरीर होश में आने लगा और जागने पर मैंने मौसी को पूछा,तो मौसी बोली बहुत कमजोरी लग रही है और तेज भूख लगी है

उस हालत में भी मौसी ने मेरे लंड को पकड़ा जोर से दबाया अपना गाल मेरे लंड पर रगड़ते हुए बोली: मेरे राजा, मेरे को कुछ पिला दे ताकि मेरे में उठने की हिम्मत बने
मैंने आगे झुककर दूध का गिलास मौसी के हाथ में दिया और बोला कि पहले भैंस का दूध पी लो फिर अपने बेटे के थन में से ताजी मलाई वाला दूध निकाल कर पी लेना तो पूरी ताकत आ जाएगी
मौसी ने मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में दबा कर जवाब दिया सुबह से इसी की मलाई चाट रही हूं जिससे हिम्मत बनी हुई है पर अब भैंस का दूध पीती हूं फिर तेरे लिए नाश्ता बनाती हूं
मैंने मौसी से कहा कि मेरा नाश्ता को तुम्हारी पावरोटी खाकर भी भर जाएगा हो जाएगा और तुम मेरा यह पनीर रोल खा लो

मौसी बोली अब सब्र से, पहले थोड़ा नाश्ता करते हैं, फिर आराम करेंगे उसके बाद लंच में चुदाई का धुआंधार कार्यक्रम अच्छे से करेंगे
बेटा जैसी चुदाई तूने आज की है मेरी ऐसी भयंकर और लगातार चुदाई कभी नहीं हुई
मैंने पूछा क्यों मौसा का लंड कमजोर है या फिर मन भर गया है, शुरू में तो रोज ही तुम्हें पेलते होंगे तुम्हारे सुंदर शरीर पर दिन में कई कई बार सवारी करते होंगे
मौसी बोली: नहीं, तेरे मौसा बहुत पुराने विचारों के हैं, शादी के बाद एक साल तक तो कई बार एक दिन में मुझे दो तीन बार भी चोद देते थे पर उनका तरीका बहुत सीधा था जब उनका लंड खड़ा होता है या चोदने का मन करता है तो मेरे पास लेट कर मुझसे चुम्मा चाटी करते हैं मेरे निपल्स मसलते हैं फिर मेरी चूत में उंगली करके मुझे गीला करते हैं और उसके ऊपर मेरे ऊपर चढ़कर रेलगाड़ी की तरह धमाधम चोद देते थे
अब फर्क सिर्फ इतना है या है कि पहले कभी कभी रात में दो तीन बार चोद देते थे अब 15 -20 दिन में एक बार मेरे ऊपर चढ़ते हैं
मैं मौसी के गाल को चूमता हुआ बोला अब समझा क्यों आज आप अपने बेटे पर इतना मेहरबान हो रही थी मेरे को तो आपकी भूख के कारण जन्नत मिल गई, मेरे लंड से कभी भी लगातार इतनी बार चूत का स्वाद एक बार में नहीं मिला और यहां तो चूत के साथ आपकी मम्मों और मुंह का स्वाद भी उसको मिल गया आज का दिन मेरे लिए बहुत अच्छा चढ़ा है
मौसी हंसी और बोली तेरा दिन अच्छा चढ़ा है और आज सुबह से तू मेरे ऊपर बहुत अच्छी तरह चढ़ा है दोनों को मजा आ गया चल अब लंच में हम चुदाई का पकवान किसी और ढंग से बना कर और ज्यादा मजा लेंगे
मैं भी मौके का फायदा उठाते हुए पूछा मौसी संजय भी तो तुम्हें बहुत प्यार करना चाहता है उसे मौका क्यों नहीं देती वह जवान लड़का का सारा दिन अपनी मां और बहन के ही सपने देखता रहता है और बाथरूम में तुम्हारे सजना के कपड़े सुंघकर ही अपनी भूख शांत करने का प्रयास करता है
यह सुनकर मौसी हक्की बक्की रह गई और बोली: अच्छा!!!!!
मैंने जवाब दिया: हां मासी, जब मैं तुम्हारे यहां गया था तो मैंने उसको खिड़की में से तुम्हारी और मौसी की चुदाई देखते हुए पाया था और बाद में मैंने उसपर नजर रखी तो पाया कि वो तुम्हारे नंगे बदन को ताड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ता है
मौसी : मैं ही पागल हूं, अपने मासूम बेटे का मेरे लिए उमड़ रहा जवानी का प्यार ही नहीं समझ पाई और अपने व अपने बेटे को एक दूसरे के मां बेटे वाले असली प्यार से वंचित रखा
तेरे से उस धर्मशाला में चुदाई करवाने के बाद भी मुझे ख्वाब तक नहीं आया कि मैं संजय बेटे के खड़े लौड़े वाले प्यार को देख सकूं और आज जब तुने जो मुझे अपने और अपनी मां के संबंध के बारे में बताया तो भी मुझे सोचना चाहिए था
मैं बोला, मौसी आज तो हमें सांस लेने की भी फुर्सत नहीं मिली, खैर अब आराम से मैं तुम्हें संजय की इच्छा बताऊंगा, पहले नाश्ता हो जाए
दूध खत्म करके मौसी बाथरूम में गई झटपट नहाने लगी मैं भी बाथरूम में मौसी के साथ घुस गया और मौसी को बोला पहले मेरे को भी नहला दो मौसी में मुझे छोटे बच्चों की तरह पटरे पर बिठाकर नहलाया, नहलाने के दौरान मौसी ने मेरा लंड पकड़ कर करके उसे भी साबुन लगाया तो मेरा लंड दोबारा खड़ा हो रहा था, इसके बाद मौसी बोली तेरी बारी है अब तू मुझे नहला, मैंने भी मौसी को अच्छे से साबुन लगाकर पीछे खड़े होकर मौसी के मम्मों पर दोनों हाथों से साबुन लगाया और अपनी कमर पर साबुन लगा कर मौसी की गांड और उसके नीचे का हिस्सा भी अच्छी तरह से रगड़ा और उसके बाद एक दूसरे से लिपटते हुए हम दोनों गरम तो हो रहे थे पर थकावट के कारण उस समय बाथरूम में चुदाई करने की हिम्मत नहीं हुई इसलिए हम दोनों नहाने का ही मजा लेते हुए अपने को समझा रहे थे कि बिल्कुल नए ढंग की चुदाई हम लंच में करेंगे
यह सोचकर हम दोनों ने एक दूसरे को अच्छे से पौंछा
मौसी ने मां की पतली सी मैक्सी निकालकर अपने नंगे शरीर पर डाल ली और मैंने भी एक पतला कच्छा अपनी कमर पर बांध लिया और हम दोनों किचन में आ गए

आगे की कहानी अगले अपडेट में....
Sexy update
 

Sanju@

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A very short update to reduce waiting time while I edit n correct spelling error in my long story update😙

नहाने के बाद मैं और मौसी किचन में गए मौसी ने फ्रिज में से देखकर गोभी निकाली आटा गुंथा हुआ रखा था। मौसी ने गूंथा हुआ आटा और गोभी को देखा और बोली चल झटपट में गोभी प्याज के पराठे बना देते हैं फ्रिज में दही भी रखा था
मौसी ने झुकते हुए समान बटोरा और स्लैब पर सब्जी काटने लगी मैं मौसी के साइड में खड़ा होकर मौसी का हाथ बटाने लगा मौसी के हिलने से मैक्सी के अंदर से मौसी के मचलते हुए बूब्स बहुत ही आकर्षक लग रहे थे जिससे मेरा लौड़ा कच्छे के अंदर टन टन कर रहा था
सब्जी काटने के बाद मौसी ने गैस पर तवा रखा और पराठे बनाने लगी
मैं मौसी के पीछे खड़ा होकर मौसी के नितंब में अपना लौड़ा रगड़ने लगा
मौसी बोली अरे नालायक मेरी पावरोटी पर कवर चढ़ा हुआ है और तेरी जैम की शीशी पर भी कवर चढ़ा है!!! इतनी जल्दी क्यों कर रहा है? खाना खाने के बाद आराम से पावरोटी और अपनी जैम की शीशी का कवर उतारकर जितना चाहे मक्खन लगा देना अभी तो गोभी के पराठे गरम गरम सीक रहे हैं उन्हीं पर ध्यान दें
मैं बोला: मौसी इन पराठों पर ही अपना अपनी रबड़ी लगा दूं ?
मौसी बोली नहीं रबड़ी सिर्फ पावरोटी पर लगाना!! गोभी के पराठे तो दही के साथ ही खा लेंगे और अभी मेरा ध्यान मत बटा आराम से नाश्ता बनाने दे
मैं मौसी के चूतड़ों में अपने लंड को और ज्यादा दबाते हुए बोला मौसी, आराम से पराठे बनाओ!! मैं तो तुम्हें पीछे से सहारा दे रहा हूं और कहते कहते मैंने अपने हाथ मौसी के बूब्स पर रखकर मौसी के बूब्स दबाने लगा साथ ही बोला और तुम्हारे लव पैडस को पंपिंग करके तुम्हारी ताकत दुगनी कर रहा हूं
मौसी ने अपना मुंह पीछे करके अपने कंधे पर रखे मेरे मुंह की चुम्मी ली और बोली : मेरे राजा बेटा तेरे ऐसा करने से अगर मेरी ठरक बढ़ गई तो तेरा नाश्ता बीच में ही रह जाएगा!!!
तुझे नहीं पता तेरी इन हरकतों से मेरी चूत दुबारा तेरे मोटे लोड़े को अपने अंदर लेने के लिए व्याकुल हो रही है और मैंने कैसे जतन से उस को कंट्रोल किया हुआ है
मैं बोला मौसी कंट्रोल करने की क्या जरूरत है!! घर पर कोई नहीं है हम दोनों पूरी मस्ती करने का मन बनाए हुए हैं!! एक राउंड किचन में भी हो जाए यह कहते हुए मैं मौसी के बूब्स को जोर-जोर से रगड़ने लगा और अपनी कमर का जोर मौसी के चूतड़ों पर बढ़ाकर अपने लंड को मौसी की गांड की दरार के बीच में दबाने लगा
अब शायद मौसी से कंट्रोल करना मुश्किल हो गया था इसलिए मौसी ने मेरी तरफ घूमने की कोशिश की मौसी की बढ़ी हुई उत्तेजना का अंदाजा लगाते हुए मैंने मौसी को अपनी छाती के दवाब से स्लैब पर थोड़ा और झुका दिया और फिर अपने हाथ नीचे करके मौसी की मैक्सी का किनारा पकड़कर ऊपर करने लगा
मौसी ने मेरी हरकत का जवाब देते हुए अपनी कमर को थोड़ा आगे किया तो मैंने मैक्सी को मौसी की कमर तक उठा दिया और दूसरे हाथ से अपनी कच्छी को नीचे सरका दिया अब मेरा लौड़ा मौसी की नंगी गांड पर के सामने था मैंने दोबारा अपनी कमर आगे करते हुए अपना लंड मौसी के चूतड़ों के बीच में फंसा दिया और दोनों हाथों से फिर से मौसी के मम्मे दबाने लगा
मौसी के मुंह से सिसकारियां निकलने लगी मौसी ने तुरंत ही हाथ बढ़ाकर गैस बंद की और हाथ नीचे करते हुए अपनी जांघों के बीच में से हाथ निकालकर मेरे अंडकोष को सहलाने लगी
मैंने थोड़ा पीछे होकर अपना तना हुआ लौड़ा थोड़ा नीचे की तरफ करके मौसी के हाथ में थमा दिया मौसी कुछ देर तो मेरे लोड़े को सहलाती रही और फिर अपनी टांगे फैलाकर अपनी चूत को मेरे लोड़े की सीध में ले आई और अपने हाथों का निर्देश देते हुए मेरे लोड़े के सुपाड़े को अपनी चूत के प्रवेश द्वार पर टिका दिया
मैंने अपने दोनों हाथ मौसी के मम्मों से हटाकर स्लैब पर रखे और एक झटके में ही अपना लंड जड़ तक मौसी की चूत में पेल दिया
फ़चाक से मेरा लंड मौसी की चूत में समा गया और मौसी ने अपनी टांगे कसकर मेरे लोड़े को अपनी नरम रसीली गरम चूत में जकड़ लिया
मैं कुछ सैकेंड ऐसे ही मौसी मां की चूत की गर्मी का मजा लेते हुए खड़ा रहा और फिर धीरे से लंड को बाहर ले आया और दोबारा से एक झटके में अपने लंड को पूरी गहराई मौसी की गुफा में उतार दिया###
मौसी तेज तेज सिसकारियां ले रही थी॥ वाह मेरे राजा बेटा!!!!# मेरा दमदार बेटा!!!# चूत के सारे जाले अपने मजबूत बांस से साफ कर रहा है!! कर दे बेटा !!!#@ मेरी चूत को और साफ कर रहा है मेरा बेटा, मेरा प्रेमी बनकर मेरी चुत को रगड़ रहा है !!!!! शाबाश बेटा !!!#*# पेल ऐसे ही पेल मौसी को .. पेलता रह वाह आह आह उहह ओह .. .. मौसी को पेल दे और जोर से पेल
मैं भी तेज गति से मौसी की चूत की पिच पर अपने लंड को तेजी से दौड़ता हुआ अपने टट्टों से तेज गेंदबाजी करवा रहा था
हां!!!!
मेरी मौसी तेरी रसीली चूत गरमा-गरम चूत मेरे लंड को बहुत आराम दे रही है !!!!! मेरे लन को बहुत मजा दे रही है !!!! वह मौसी !! ले मौसी.. ले मौसी अंदर तक ले
और हम दोनों मौसी बेटा धकाधक झकाझक चुदाई करते हुए ऊल जलूल कामुक बातें कर रहे थे बहुत देर तक मौसी की कसी हुई चूतमें अपना लंड रगड़ने के बाद मुझे लगा मैं झड़ने वाला हूं पर मौसी पूरे तन मन से मेरे लंड का स्वाद अपनी चूत में ले रही थी इसलिए मैं और जोर से पेलते हुए बोला मौसी मेरा छूटने वाला है मौसी बोली मैं भी छूटने वाली हूं पेल सारा रसा अंदर ही अंदर ही निकाल दे
यह कहते हुए मौसी ने अपनी टांगों को और ज्यादा कस दिया और मेरे लंड को पूरी तरह से अपनी चूत में जकड़ लिया!!!
मैं अपने लंड को लगभग छीलते हुए मौसी की चूत में धक्के मार रहा था चुत के बहुत ज्यादा कसने से मेरे लंड में पिचकारिया छोड़नी शुरू कर दी और गरम-गरम लावा मौसी की चूत में फैलाने लगी
जैसे ही मौसी की चूत की दीवारों में मेरे लावे को महसूस किया तो मौसी ने भी झड़ झड़ करते हुए मेरे लंड के आसपास अपने चूत रस की बारिश कर दी

मैंने अपने हाथ मौसी के ऊपर कसकर जकड़ लिए और अपने लंड को मौसी की चूत में ही कसा रहने दिया ...वीर्य छोड़ते छोड़ते मेरा लंड सिकुड़ने लगा और वीर्य और चूतरस की मिली जुली चिकनाई के कारण मेरा लंड धीरे से मौसी की चुत से बाहर निकल कर मौसी की गांड पर हमारे काम रस की मालिश करने लगा

मैंने नीचे झुकते हुए अपनी जीभ से मौसी की गांड को चाटते हुए अपना मुंह मौसी की चूत पर कस दिया और मौसी का अपना और मौसी का मिलाजुला काम रस अपने मुंह में भर लिया जब सारा रस मेरे मुंह में खींच गया तो मैंने सीधे होकर अपने होंठ मौसी के होंठों से जोड़ दिए और हमारा मिलाजुला मजेदार रबड़ी जैसा कामरस मौसी को खिलाने लगा मैंने रबड़ी से भरी जीभ मौसी के मुंह में सरका दी और हम दोनों चटकारे लेकर काम रस का स्वाद चाटते रहे

आगे की कहानी जल्दी ही
Nice update 👌👌👌👌👌
 

Sanju@

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फिर से एक छोटा अपडेट..
स्पैलिंग सुधारने में समय लग रहा है, पूरी कहानी एक साथ करने के बीच में आफिस का काम और घर की व्यस्तता अधिक विलंब कर रही है अतः जैसे जैसे लेख ठीक हो रहा है आपको परोस रहा हूं
कृपया अपना स्नेह बनाए रखें


बहुत देर बाद हम आलिंगन से अलग हुए और मौसी बोली अब जल्दी से रोटी बनाने दे तब तक तू मुझे संजय की बात बता
मैंने अपना कच्छा ऊपर किया और दोबारा से मौसी से चिपक कर मौसी के मम्मे छोड़ता हुआ बोला कि अभी पहले जो बेटा सामने है उसके लंड को तो संभाल लो बाद में दूर बैठे बेटे से चुदाई के सपने देखना!!!
बेफिक्र रहो मौसी आज बात खुली है तो मैं पूरा इंतजाम करूंगा कि तुम्हारी इस प्यासी चूत को घर के अंदर ही अपने जवान बेटे का सख्त लंड मिल जाए ताकि तुम्हें जब अपने भांजे का लंड याद आए तो सिर्फ स्वाद बदलने के लिए ना कि भूखी चूत पर लंड का रस टपकवाने के लिए
मेरी प्यारी मौसी तुम इतनी नशीली और चुदीली हो की मेरा लंड तुम्हें देखते ही खड़ा हो जाता है !! बरसो तपस्या करने के बाद उसने धर्मशाला में तुम्हें चोदने का मौका मिला और फिर एक बार तुम्हारे घर में चुदाई कर सका हूं तब से अब तक मेरा लंड तुम्हारी चूत की चाहा में उठक बैठक ही कर रहा है
मौसी ने अपनी गांड को मेरे लंड पर दबाते हुए स्लैब पर झुक कर अपने मम्मे थोड़े ज्यादा लटकने दिए जिन से मैं मौसी के लटके हुए थनों को और प्यार से मसलने लगा था
मौसी बोली बेटा चूत चोदना एक कला होती है, कोई साधारण काम नहीं होता अगर तुम मन से चूत चोदना चाहते हो तो शरीर की थकावट मेहनत कुछ भी नहीं लगती जब लंड चूत का मिलन हो रहा हो तो भूख प्यास सर्दी गर्मी सब भूल जाती है।
तुम्हारी इस कला में कुशल होने के कारण ही तुम धर्मशाला में मुझे चोद पाए थे!
मैं तो, जब से तू थोड़ा बड़ा हुआ है तब से तेरे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए बेकरार हो रही थी और तू अपनी मम्मी के साथ साथ मेरे पर भी सिर्फ लाइन ही मारता था वहां धर्मशाला में तूने मुझे मेरे तन से खेलने की इच्छा इशारे से जाहिर की और मैंने बिस्तर पर टांगे फैलाकर अपनी चूत की थाली तेरे सामने परोस दी और तुने मुझे बिल्कुल भी निराश नहीं किया बल्कि मुझे पूरे मजे देकर दबा दबा कर चोदा था##!!###
अच्छा सच बता क्या गोवा में भी तूने मां को चोदने की इच्छा जताई थी या तेरी मां ने तुझे किसी तरह से पटा कर अपने ऊपर लिटवाया था ?
अब मैं मौसी को क्या बताता की हम मां बेटा तो पिछले 10 साल से चुदाई का खुला खेल, खेल रहे थे
मुझे तो बस इतनी ही हैरानी है कि मौसी की अनुभवी आंखें भी हम मां बेटे के रिश्ते को पहचान नहीं पाई शायद मौसी सेक्स के अनुभव में थोड़ी कच्ची है तभी तो मैं मेरे और मेरी मां की चुदाई के खेल को नहीं समझी और ना ही अपने बेटे के खड़े लंड को देखकर अपनी चूत में लेने के सपने से जोड़ पाई
और तो और, शायद मौसी को संजय और संजना के चुदाई संबंध का भी पता नहीं होगा मेरी मौसी इतनी सीधी क्यों है? इसीलिए मौसी की चूत इतनी प्यासी हो गई कि आज सुबह से लगातार मेरे लंड पर अपने प्यार की बारिश कर रही है मैंने फिर से मौसी की मैक्सी के कोने को पकड़कर ऊपर उठाते हुए अपने कच्छे के साइड में से अपना लंड निकाल कर मौसी के चूतड़ों में टिका दिया मौसी ने रोटी बेलते बेलते अपना हाथ पीछे करके मेरे लंड को अपने नितंबों की दरार में ठीक से सेट किया और थोड़ा नीचे झुकते हुए अपनी चूत का दवाब मेरे लंड पर बढ़ा दिया और बोली बेटा जल्दी से एक बार और मौसी का पानी निकाल दे
चूत में इतनी सुरसरि लग रही है कि रोटी बनानी मुश्किल हो रही है मौसी की इच्छा को पूरा करने के लिए मैंने फिर से गैस बंद की, मौसी ने हाथ स्लैब पर टिका कर अपने नितंबों को थोड़ा और पीछे किया और मैंने पीछे हटकर मौसी की चूत का निशाना लेकर अपना लंड घप्प से मौसी की चूत में पेल दिया और मौसी की कमर पकड़कर तेजी से धक्के लगाने लगा
पता नहीं मौसी की चूत का जादू था या मेरे लौड़े को मां के अलावा मां जैसी ही दूसरी चूत मिलने का नशा कि मैंने धपाधप से अपने लंड की स्पीड पूरी तेजी से बढ़ते हुए अपनी पिचकारी मौसी की चूत में खाली कर दी मेरी पिचकारी छूटते ही मौसी भी झड़ने लगी और गहरी सिसकारियां लेते हुए थोड़ा आगे को हो गई
कुछ देर बाद मौसी बोली : अब तू थोड़ा किनारे पर बैठ जा मुझे दो रोटी बना लेने दे मेरी चूत पर पराठे सेंकने के चक्कर में तू मुझे रोटी भी नहीं बनाने दे रहा
मैं बोला हां मौसी तुम्हारा तंदूर भी इतना धधक रहा है कि मेरा मन लगातार इसमें अपना सींक कबाब सेंकने मैं लगा हुआ है!!!
तुम्हारे भभकते हुए तंदूर में अपना लंड डालकर तुम्हारे नितंबों पर अपनी रोटियां सेकने में बहुत मजा आ रहा है
मेरी प्यारी मौसी मां एक बार फर्श पर लेट कर ही चुदाई करवा लो
मौसी बोली किचन के फर्श पर अपनी मौसी को चोदा डालेगा इतना उतावला हो गया है मेरा बेटा !!!
मैं बोला: मेरी उतावली मौसी का, उतावला बेटा हूं मेरा मन रूक ही नहीं रहा कि मेरा लंड तुम्हारी चूत में से बाहर निकले तो मैं क्या करूं???
मौसी बोली: आजा मेरे बेटे जैसे तेरा मन करें चोद लै, पेल दे!!! आह आह ओह **** तेरी मौसी, पूरी तरह से तेरे हवाले है
मैंने मौसी की मैक्सी को पकड़ कर मौसी के कंधे तक ले गया तो मौसी ने तुरंत अपनी बाहें ऊपर करके अपने शरीर को मिक्सी से आजाद कर लिया
फिर मैंने मैक्सी ही फर्श पर बिछाई अपनी कच्छे को झटक कर अपनी टांगों से अलग किया और मौसी के फर्श पर लेटते ही मैं मौसी के ऊपर झुक कर मौसी के मम्मे चूसने लगा
मौसी ने अपने घुटने मोड़ते हुए अपने तलवों को जमीन पर रखा और ऊंचे हुए घुटने खोल कर अपनी चूत की घाटी को मेरे सामने कर दिया
मैं मौसी के घुटनों के बीच में से लेटता हुआ अपना लंड मौसी की चूत के सामने टिका करा कर मौसी के मम्मे गर्दन और मुंह को चूसने लगा चाटता रहा
मौसी ने अपने हाथों से मेरे नितंबों पर तबला बजाने लगी और मैं अपने हाथों को मौसी की जांघों की अंदरूनी सतह पर फिराता हुआ मौसी को और ज्यादा गर्म करने लगा
थोड़ी ही देर में मेरा लंड गरम होकर लाल सुर्ख हो गया और मौसी की चूत भी पनिया गई थी
मैंने अपने हाथों से मौसी के मम्मे को दबाते हुए अपने मुंह से मौसी के निप्पल चूसे और मौसी ने अपने हाथ नीचे करते हुए मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के मुहाने की तरफ ले जाने लगी
जैसे ही लंड और चूत का मिलन हुआ तो मौसी धकाधक से उछल कर मेरे लंड को अपनी चूत में समाने लगी और मैंने भी घप घप करके अपने लंड को मौसी की चूत में पेलना शुरू किया और फिर अपने हाथ नीचे करते हुए मौसी के नितंबों को दबाकर मौसी की कमर अपनी कमर से जोड़ने लगा बहुत तेजी से धक्के मार-मार कर मैं मौसी की चूत को फाड़ना चाहता था
ऊपर लेट कर मुझे मौसी की चूत में अपना लंड पेलने में कोई मुश्किल नहीं आ रही थी पर मौसी बहुत हिम्मत करके नीचे से उछलकर मेरे लंड को अपनी चूत में ले रही थी यह मौसी की चूत की भूख का एक ठरकी अंदाजा दे रहा था
कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने मौसी को गाय बनने का इशारा किया मौसी अपनी हथेलियों और घुटनों के बल फर्श पर खड़ी हो गई और मैंने पीछे घुटने मोड़कर मौसी की चूत का निशाना लेकर अपना लंड अपनी प्यारी मौसी की चूत में ठोकने लगा***
चुदाई रस से लंड और चूत दोनों ही बहुत चिकने हो गए थे जिससे पीछे खड़े होकर भी मेरे लंड को मौसी की चूत में आसानी से अंदर जाने की सुविधा मिल रही थी और मैंने मौसी की कमर को पकड़ कर पूरे जोर-जोर से अपना लंड मौसी की चूत में पेलने लगा
इस बार हमारे धक्कों की स्पीड बहुत ज्यादा थी फिर भी और हर धक्के में मैं जैसे स्वर्ग में पहुंच रहा था मौसी भी बहुत मजे से मेरे लंड को अपने अंदर महसूस करके मेरे को उत्साहित करते हुए अपनी चूत मारने के नए-नए शाबाशियां दे रही थी
बहुत देर तक मौसी की भयंकर चुदाई करने के बाद भी ना तो मौसी झड़ने वाली दिख रही थी और ना ही मेरा लंड वीर्य छोड़ रहा था
हम दोनों पसीना पसीना हो गए हमारे दोनों के नंगे शरीर पसीने से लथपथ होकर एक दूसरे पर फिसल रहे थे तो मैंने वापस मौसी को पीठ के बल लेटने का इशारा किया
जैसे ही मौसी पलट कर लेटी मैंने झुकते हुए मौसी की गर्दन और घुटनों के बीच में हाथ डालकर मौसी को उठाया और मम्मी पापा के बेडरूम में ले आया मौसी को बिस्तर पर पटक कर मैं दोबारा से मौसी के ऊपर चढ़ गया और फिर धुआंधार चुदाई का दौर चलाकर एक दूसरे को चूमते चाटते हुए चुदाई में मस्ती करते रहे जब भी एक ढीला पड़ता दूसरा अपनी कमर की स्पीड बढ़ा कर लंड चूत के घिसने की गति बनाए रखता
इस तरह से बहुत देर चुदाई के बाद मेरे शरीर में सारा लहू मेरे लंड की तरफ बढ़ने लगा मैं बोला आह आह !!! मौसी मैं झड़ने वाला हूं
मौसी बोली: जीयो मेरे राजा### मेरे प्यारे बेटा, झड़ जा *** मेरी चूत की दीवारें तेरे वीर्य का आनंद महसूस करके ही अपना रसा तेरे लंड पर बरसाएंगी !! शाबाश मेरे बेटा पेल मौसी को पेल
हम दोनों हंसते बोलते हुए एक दूसरे को चोदते रहे और कुछ देर में ही उत्तेजना के पर्वत पर चढ़कर निढाल होकर पस्त हो गए
मैं मौसी के ऊपर गिरकर गहरी गहरी सांसे लेने लगा मौसी ने भी मुझे कसकर अपने आलिंगन में ले लिया हम दोनों की छातियों कमर और जांघों के बीच में हवा जाने की भी जगह नहीं थी, उस हालत में भी मेरे मुंह ने मौसी के मुंह को अपने कब्जे में कर के मेरी जीभ का रस मौसी के मुंह में फैलाने लगा
हम दोनों की भूख प्यास एक दूसरे के मुंह का रस पीकर ही शांत हो रही थी!! मुंह का रस का स्वाद लेने के बाद मुझे शरारत सूझी और मैंने नीचे झुकते हुए मौसी की चूत से बहते हुए हम दोनों के मिले-जुले काम रस को अपने मुंह में सोख लिया और दोबारा से ऊपर आकर अपने होंठ मौसी के होठों से मिलाकर हम दोनों के काम रस को मौसी के मुंह में उड़ेल दिया
मौसी बहुत स्वाद से काम रस पीने लगी और मैं भी अपने मुंह में बचे हुए काम को अपने गले से उतार कर मजे लेने लगा पर हम सब इतने थक गए थे कि अब रोटी खाने की भी हिम्मत भी नहीं बची थी

मौसी की चुदाई अभी जारी रहेगी फिर संजय और उसकी मां यानि मेरी मौसी की मां बेटे की ठुकाई का कामुक विवरण रहेगा....
Damdar chudai
 

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मैंने फिर से मौसी को चोदने का कार्यक्रम बनाया और उससे पहले जल्दी से किचन में जाकर जल्दी से दो गिलास गर्म दूध ले आया और साथ में ब्रेड टोस्ट रखे थे वह डुबोकर मौसी को खिलाने लगा मासी में कुछ ताकत आई और उठ कर बैठी फिर मौसी ने मुझे भी दूध टोस्ट खिलाए
खाली पेट में दौड़ते चूहों को राशन मिला तो वह चुप कर बैठ गए और हम दोनों मौसी बेटे ने मिलकर एक नींद की झपकी ले ली
नींद से उठते ही मैंने रसोई में जाकर फटाफट आधे बने हुए पराठें सेक कर मक्खन के साथ प्लेट में रख लाया और मौसी को उठा दिया और छोटे-छोटे कोर तोड़कर मौसी को खिलाने लगा
मौसी बोली मेरा राजा मेरी चूत को अपना लंड खिलाने के बाद मेरे पेट में भी अपने प्यारे हाथों से बने हुए पराठे खिला रहा है शाबाश मेरे बेटा
मैंने मौसी को बहुत प्यार से खाना खिलाते हुए कहा कि मेरी प्यारी मौसी मां जैसी मौसी मुझे इतनी प्यार से अपनी चूत में डुबकियां लगवा रही है उसको ताकत देने का तो मेरा फर्ज है ही
मौसी बोली बेटा ताकत तो तू अपने लौड़े से सारा प्रोटीन मेरी चूत में भरकर दे ही रहा है बल्कि सुबह से तूने अपने शरीर में से निचोड़कर सारा प्रोटीन मेरे में भर दिया है।

मैंने मौसी को चूमते हुए कहा कि तुम्हारे को प्रोटीन देने से मेरे शरीर में कम नहीं हुआ
"बांटने से प्यार ही नहीं प्रोटीन भी बढ़ता है"
देखो ना जितना प्रोटीन तुम्हें दे रहा हूं उससे ज्यादा प्रोटीन हर बार मेरे लौड़े में भरता जा रहा है
मौसी ने मेरे टट्टों को सहलाते हुए पुचकारा और बोली यह सारा प्रोटीन तो इन गोलियों के कारण आ रहा है मुझे इनकी सेवा करनी चाहिए,
साथ ही मौसी ने परांठे का एक कौर तोड़कर अपनी चूत में रगड़ा और मेरे मुंह में भर दिया मौसी की चूत की रबड़ी पराठे पर लगकर और स्वाद हो गई थी
मैंने एक पराठे का रोल बनाया और उसे मौसी की चूत में डालने लगा तो वह टूटकर मौसी की चूत के आसपास बिखर गया
फिर मैंने नीचे झुकते हुए मौसी की चूत पर लगा हुआ पराठा अपने दांतो और होठों से खाने लगा
मौसी मेरी जीभ के छूने से उत्तेजित होने लगी थी तो बोली अरे बावले लड़के अब थोड़ी देर सब्र कर ले अभी खाना खा रहे है जीभ से मेरी चूत को चाटेगा तो मुझे लंड घुसाने की ठरक चढ़ जाएगी जिससे पराठे मेरी चूत के ऊपर चटनी बन जाएंगे इसलिए पहले आराम से परांठा खा ले
इस तरह चुम्मा चाटी करते हुए खाना खाने के बाद हम मौसी बेटा आराम से पलंग पर लेटे रहे तो मौसी ने फिर से संजय की बात शुरू की
मैंने मौसी का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखा और अपनी उंगलियों से मौसी की चूत कुरेदने लगा फिर बोला मौसी जब मैं तुम्हारे घर आया था तो संजय को मैंने तुम्हारी और मौसा जी की चुदाई देखते हुए पकड़ा था
अगले दिन मैंने बातों बातों में संजय से पूछा कि मां बाप की चुदाई देखने से क्या महसूस होता है तो उसने बताया कि काफी पहले से संजय तुम्हें चोदना चाहता है
मौसी बोली कब से? मैंने तो ध्यान ही नहीं दिया!!
मैंने बोला कि मौसी तुम मौसा जी के लंड से इतनी संतुष्ट थी कि तुमने घर के जवान लौड़े पर ध्यान ही नहीं दिया
हर एक लड़के का लंड पहली बार अपनी मां की मचलती जवानी और उत्तेजना को देखकर ही खड़ा होता है
हर मां शायद जानबूझ कर अपने सुंदर को प्रदर्शित करने की खातिर या जब तक मां नहीं समझती कि उसका बेटा उसको सेक्स का सुख देना चाहता है और मां के शरीर से अपनी चोदने की पहली ललक पूरी करना चाहता है तब तक मां बड़ी लापरवाही से अपने बेटे के सामने कपड़े बदलती है बिना पल्लू लिए अपने खुले ब्लाउज में से छलकते मम्मों पर पड़ी बेटे की निगाह भी मां को नहीं पता चलती ना ही मां ख्याल करती है कि मां की जांघों तक चढ़ी मैक्सी या पेटिकोट उसके बेटे के लंड खड़ा करके मुठ मारने पर मजबूर कर देती है
यह मेरे साथ भी हुआ था और आज भी मां को देखकर मेरी कामवासना काबू में नहीं रहती इसीलिए जब मैंने संजय से पूछना शुरू किया तो संजय ने एकदम खुलकर मुझे कहानी सुना दी
जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही उसे तुम्हारी छलकती हुई गांड और कसमसाते हुए मम्मे और मांसल जांघों के बीच में से कभी-कभी दिखती हुई तुम्हारी झांटें या चूत कितना उत्तेजित कर देती हैं कि मौका मिलते ही संजय तुम से लिपट-लिपट कर अपना लंड मां की गांड पर रगड़ता है और कभी तकिए पर लंड रगड़ कर अपना माल निकाल देता है
मौसी तुमने ख्याल नहीं किया होगा कि जब तुम कपड़े धोती थी तो कैसे संजय तुम्हारी मदद करने के बहाने से तुम्हारे सामने ही खड़ा रहता था और हर एक मां मौसी की तरह तुम भी पेटीकोट को जांघों तक चढ़ा पेटीकोट और लो कट वाले ब्लाउज पहनकर उसके लन्ड पर अपनी अदाओं से ठरक चढ़ा देती थी
जब कपड़े खंगालने के लिए तुम झुकती थी तो कैसे तुम्हारी सारी सेक्सी जायदाद बेटे को दिख जाती है ऊपर से पानी के छींटे पड़ने से ब्लाउज में ढके हुए निप्पल भी साफ-साफ दिखने लगते हैं संजय ही नहीं, मैं भी, बल्कि सारे ही लड़के अपनी मां को इस तरह देखने के लिए सारे जतन करते हैं और उसके अलावा आटा गूंधने के टाइम रसोई में या दुछत्ती में समान रख्ते उतारते समय भी मां और बेटे का एक दूसरे को छूना, बेटे को बहुत उत्तेजित कर देता है इसके बाद जो सबसे बड़ा मां की चूत मारने का कारण बनता है वह होता है बच्चों द्वारा मां बाप की चुदाई देखना मां बाप अपने बच्चों को अबोध समझ कर रात को या कभी-कभी दिन में भी अपने चुदाई की प्यास के चक्कर में जल्दबाजी कर लेते हैं उसी समय बच्चों को पहली बार लंड और चूत का असली प्रयोग पता चलता है कामुक आवाजें और सिसकारियां तथा अश्लील बातें बच्चे को इतना उत्तेजित कर देती हैं कि उस समय तो वह अपना माल निकाल ही देता है पर बाद में भी मां को चोदने के सपने बुनता रहता है और हद तो तब होती है जब घर में दोनों भाई बहन किसी खुशकिस्मती से इकट्ठे ही मां-बाप की चुदाई देख सुन लेते हैं तो उनकी जिज्ञासा उनके अंगों यौन अंगों को एक दूसरे के सामने खुलवा देती है
मौसी के सामने मैंने संजय और संजना के आपसी चुदाई संबंध को जाहिर ना करना उचित समझा और कहा कि मैंने संजय से पूछा था कि क्या कभी संजना ने भी मौसी मौसा की चुदाई देखी है
तो संजय ने बोला कि शायद उसे नहीं पता होगा वह तो अपने कमरे में घोड़े बेच कर सोती है तब मेरे मन में आया था कि संजना घोड़े बेचकर नहीं घोड़े का लंड जैसा कुछ लंबा बैंगन खीरा या लौकी अपनी चूत में लेकर सोती होगी
मौसी ने बहुत डरे हुए स्वर में पूछा तुझे यकीन है कि संजय और संजना ने कभी भी इकट्ठे हमारी चुदाई नहीं देखी होगी
अब मैं मौसी को क्या बताता थी संजय संजना ने ना केवल मौसी मौसी चुदाई इकट्ठे देखी है बल्कि नंगे होकर एक दूसरे की से चिपक कर खिड़की में से देखते हुए जब मौसा मौसी की चूत में अपना लंड पेल रहे थे तब बाहर उनके बेटा-बेटी आपस में वही खेल, खेल रहे थे
यह बताने से मौसी निराश हो जाती इसलिए मैंने यह बात छिपाना ठीक समझा और मौसी को दिलासा दिया कि संजना ने शायद कभी अलग से तुम्हारी चुदाई की आवाजें सुनी होंगी पर मुझे नहीं लगता कि उसने संजय से इस बात का जिक्र भी किया होगा क्योंकि संजना बहुत ही शरीफ लड़की लगती है
अब मौसी को क्या बताता की उस दिन संजय से चुदवाने के बाद संजना ने भी मेरा लौड़ा घपा घप करके अपने मुंह और चूत में पिलवाया था
मेरे आश्वासन से मौसी को कुछ आराम मिला और मौसी ने अपनी टांगे फैलाकर मेरे को अपनी जांघों के बीच में एडजस्ट किया मैंने भी मौसी के होठों का चुंबन लिया और बात आगे बढ़ाई मौसी संजय कोई अपवाद नहीं है सारे ही लड़के अपनी मां को चोदने का सपना देखते हैं और कुछ खुश किस्मत मां होती हैं जो अपने बेटे का सपना पूरा करके अपनी चूत की प्यास भी बुझा लेती हैं इसमें कुछ भी गलत नहीं होता
मां बेटे का आपसी प्यार चूत के लेने देने से और बढ़ता है और मां को भी पति के बूढ़े होने पर बाहर कहीं भी अपनी इज्जत को खतरे में नहीं डालना पड़ता बेटा बचपन से ही मां की अदाओं और खूबसूरती का दीवाना होता है
तभी तो सारे बच्चे बचपन में कहते हैं कि मैं मम्मी से शादी करूंगा
माँ भी खुशी से बेटे के बड़े होने पर उसकी बातें याद करके अपनी चूत में उंगली करती है
मौसी मुस्कुराई और बोली सच में मैं तो ध्यान नहीं दिया था कि संजय का लौड़ा मेरी चूत की प्यास बुझा सकता है और संजय भी मेरी चुत चोदना चाहता है नहीं तो मैंने कई बार संजय के कच्छे धोते हुए उसमें लगे वीर्य के निशान चूमे और चाटे हैं और बहुत बार बहाने से संजय से लिपट लिपट कर अपनी चुत के कस बल निकालने की कोशिश भी की थी
मैंने कहा मौसी आग तो दोनों तरफ बराबर लगी हुई थी पर तुम दोनों में ही हिम्मत नहीं की
मौसी ने मुझे उलाहना दिया कि जब तुझे संजय की इच्छा पता चली थी तो तूने मुझे पहले क्यों नहीं बताई और संजय को भी क्यों हिम्मत नहीं दी कि वह आगे बढ़कर मेरी तैयार चूत में लंड का झंडा गाड़ दे

मैंने झूठ बोला की मौसी उस समय तक मेरे में भी हिम्मत नहीं थी और ना ही मैंने तब तक अपनी मां की चूत मारी थी तो मैं कैसे विशाल को उल्टी मति दे कर तुम्हारे से बलात्कार करने की सलाह देता वह तो गोवा में पापा के ना जाने से मम्मी बहुत निराश थी और मैं मां को अकेले में उदास और चुदासा देखकर मां की मदद करना चाहता था
आग तो हम दोनों में भी बराबर लगी हुई थी मुझे याद है कि जब मैं कपड़े धोने के समय मां की मदद करता था तो माँ पेटिकोट अपनी जांघों के जोड़ कर उठा लेती थी और ब्लाउज के भी बटन खोलकर अपनी चूची पूरी तरह मुझे दिखा देती थी और चादर निचोड़ने के समय माँ मेरे से चिपक कर मेरे गीले कच्छे के अंदर खड़े हुए लौड़े को अपनी जांघों पर रगड़ने का पूरा प्रयास करती थी
गोवा में हम बातों बातों में ही पता नहीं कैसे इतना खुल गए कि पता नहीं कब मां की मैक्सी कमर के ऊपर चढ़ गई मेरा कच्छा घुटनों तक सरक गया और मैं मां की जांघों के बीच में अपनी कमर फंसाकर मां की चूत में अपने लंड से मां की चूत के छेद को और गहरा करने में लगा हुआ था
जब मैं झड़ गया तू मां को मां और मेरे को लगा कि हमने अपने मां बेटे के रिश्ते में एक वह मंजिल पा ली है जिसके लिए हम दोनों मां बेटा कई बरस से सपने में देखते थे और वह रास्ता पार कर लिया है जिस रास्ते को हम दोनों मां बेटा बहुत लंबे समय से पार करना चाहते थे पर झिझक और अपने मन के डर के कारण उस रास्ते पर पैर रखने में डर रहे थे
जब बातें करते-करते हमें पता ही नहीं चला की हम मां बेटे के असली प्यार की असली मंजिल को छू चुके हैं उसके है पहले तक हम डरते ही रहते थे
एक बार मेरे लंड ने मां की चूत की गली देख ली तो वह बार-बार उसी रास्ते पर जाने की जिद करने लगा
गोवा में जाकर मेरी और मां की बरसों से दबी हुई इच्छा पूरी हो गई हमारे बीच में जो झिझक के कपड़े थे वह उतर गए और हम सेक्स के वर्जित लेकिन बहुत आनंददायक रास्ते पर दौड़ने लगे
मेरे लिए तो मेरी मौसी यानी तुम्हारी चूत मारने के अलावा यह दूसरा ही अवसर था और पहली बार भी मैंने जब तुम्हारी चूत में अपना लंड पेला था तब भी मैं काफी कुछ मां जैसा ही समझ कर तुम्हारे को पेल रहा था
यह सुनकर मौसी थोड़ा गुस्से हुई और बोली यानी कि तू मुझे जो उस दिन प्यार दिखा रहा था वह झूठा था
मैं बोला : अरे नहीं नहीं मां बेटे और मौसी बेटे के प्यार में कहीं कुछ फर्क होता है क्या?
तुम्हारा और मम्मी का स्वभाव और शरीर इतना ज्यादा एक जैसा है कि फिर गोवा में मैं मां को चोदते समय तुम्हारी चुदाई की बात सोच रहा कर तुम्हें चोदता हूँ तो मुझे मां की याद आती है और माँ को चोदते के समय तुम्हारी रसीली चुत की याद आती है

मेरी इस बात से मौसी तुनक कर बोली तेरी माँ हर जगह पर मेरे से आगे ही रहती है उसने हमेशा ही मेरे से ज्यादा चुदाई करवाने का भाग्य पाया है तेरे बाप से भी मैं चुद नहीं पाई और तेरी मां ने गोवा में अपने बेटे से भी खूब मजे लिए हैं
मैं बोला: मौसी, पर मेरे से तो मेरा लंड तो तुम्हें मां से पहले मिल गया था, इस मामले में तुमने मां से बाजी मार दी
मौसी बोली: बाजी नहीं मारी बल्कि चूत मरवाई!!! तेरी इस बात से मैं खुश हुई!!! तूने अपनी मां से पहले मुझे चोद कर मेरे लिए अपना ज्यादा प्यार दिखाया इस खुशी में मौसी तुझे आज एक बार और ज्यादा चुदाई का मौका देती है !!!
मैंने भी कमर अपना लंड मौसी की जांघों के बीच में रगड़ा और नारा लगाया “आकाश की मौसी जिंदाबाद” “मौसी जिंदाबाद”

मेरी इस बात पर मौसी चिल्लाई: मां के लौड़े नेताओं की तरह नारे ही लगाता रहेगा या कर्मभूमि में अपना झंडा भी गाढ़ेगा
मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए अपना लंड सीधा करके मौसी की चूत में पेल दिया और हुमक हुमक कर को चोदने लगा

चोदते चोदते ही मैं मौसी से बोला मौसी संजय से चुदवाने का क्या प्रोग्राम बना रही हो
मौसी बोली अब जो तू मेरी चूत मार रहा है मैं सोचकर तेरे लंड को खा रही हूं कि मेरा संजय पहली बार मेरी चूत मार रहा है मेरी भोसड़ी में अपना लंड डाल रहा है
इस पर मैंने मौसी की चुत को गहरे शाट से मस्त करते हुए बोला ले मेरी मां अपने संजय बेटे का लंड अपनी चूत में ले***
संजय का नाम सुनते ही मौसी ने भी नीचे से एक उछाल लेकर लंड को आधे रास्ते में ही अपनी चूत की गिरफ्त में लेकर गहराई तक उतार लिया और उछल उछल कर चुदवाने लगी
मैं भी संजय बनकर अपनी मौसी मां को चोदने लगा
मौसी बोली आजा मेरे संजय बेटा कितना प्यासा है तू तूने मां को बताया ही नहीं!!
कोई बात नहीं आज फाड़ दे अपनी मां की चूत, अपनी मां की चूत से निकला था अब लंड से शुरू करके दोबारा अपनी मां की चूत में घुस जा
मेरी मन की प्यारी चुत, मां की चूत, मेरी मां को पेलता हूँ , पहले मेरी मां अपने बेटे का करारा लंड !!! ** !! अपनी चूत में अंदर तक ले ले
चुदाई की गति धीरे करते हुए मैंने मौसी से पूछा मौसी कैसे बताओगी
मौसी बोली: मेरा मन तो कर रहा है कि किसी तरह से संजय यहां आ जाए और यहां पर ही मेरी चूत में अपने लंड का उद्घाटन कर दे पर अभी चिट्ठी भी डालेंगे तो टाईम लगेगा
मैं बोला मैं जाकर संजय को बुला लाता हूं!
मौसी बोली: मैं तेरी मां की बीमारी का बहाना करके आई हूं और सोचती थी कि यहां मौका देख कर तेरे लंड से अपना बाजा बजवाऊंगी और किस्मत से तू घर पर अकेला ही मिला और हम मनमर्जी से मन भर कर अपनी तसल्ली कर रहे हैं
अब तू जाएगा तो कहीं तेरे मौसा जी संजना को भी संजय के साथ ना भेज दें
वैसे भी तेरे आने जाने में 2 रात 1 दिन लग जाएगा तब तक मैं तेरी दमदार मस्त चुदाई के लिए भी तरसती रहूंगी फिर उसके बाद हमारे लिए एक ही दिन तो बचेगा
कुछ और रास्ता सोचेंगे अभी तो तू मेरा प्यार आकाश बेटा अपनी मौसी को लगातार चोदकर अपनी मां जैसी मौसी की चूत की कई महीनों की अनबुझी प्यास बुझा
यह कहकर मौसी मेरे से लिपट गई और मैंने भी धक्के तेज करते हुए दनादन मासी को चोद कर मौसी की चूत में उसका कामरस छुड़वा दिया
मौसी की चूत का रस छूटते ही हमारे धक्कों से फच फच की आवाज होने लगी और उससे मेरे लंड ने भी मौसी की चूत में पानी छोड़ दिया
इसके बाद में मौसी को आलिंगन में लेकर मैं मस्त लेट गया मौसी ने मेरे कंधे पर अपना सिर रखकर अपनी जांघें मेरी जांघों पर चढ़ाई और प्यार करते हुए बोली आकाश जिस तरह तूने बताया है उसी तरह से मैं और संजय भी प्लान बना कर तो चुदाई शुरू नहीं कर सकते बल्कि सब कुछ अचानक पर सहज से स्वाभाविक तरीके से होना चाहिए
जैसे बिना उस दिन कुछ प्लान किए बस छूटने के बाद, तेरे मम्मी पापा को बहुत दिनों बाद मिले चुदाई के मौके में बिघ्न बनने से बचने के लिए हम घर वापस ना आकर धर्मशाला में रात बिताने चले गए थे, सच में तब तक मेरे मन में उस दिन तेरे साथ चुदाई का खेल शुरू होने का विचार ही नहीं था पर किस्मत से बिना कुछ विशेष जतन किए ही मुझे तेरा लौड़ा और तुझे मेरी चूत मिल गई

मैं बोला: मौसी हर चीज मिलने की एक जगह और टाईम फिक्स होता है, हम मां बेटे को इस संबंध में आना था और हमारी बरसों की आपसी चुदाई की चाहत उस दिन पूरी हो सकी, देखना जल्दी ही किसी दिन संजय आपको पेलने के बाद आपको चूम रहा होगा और आपकी यह रसीली चूत संजय के वीर्य से भरकर छलक रही होगी।

मौसी मुझे चौंकाते हुए बोली : "तेरी मां की चूत में तेरा लंड"
मैं सकपकाया तो मौसी बोली "तेरे मुंह में घी शक्कर" कहने का सैक्सी अंदाज है!!!

अच्छा!! जब कभी दिन में तेरे मौसा और संजना नहीं होंगे तभी मेरी चूत का रास्ता संजय के लिए खुल सकता है ??
मैंने कहा: मासी अगर संजना और मौसा जी की सुबह जाकर शाम को वापिस आने का समय होगा तो उनके आने की जल्दी में शायद तुम इतना ना खुल पाओ
मौसी बोली और तो कुछ चारा नहीं है ऐसा होना बहुत मुश्किल है कि संजना और तेरे मौसा जी वह दोनों बाप बेटी इकट्ठे कहीं जाए
मैंने कहा कि तो मौसी दूसरा यही रास्ता है कि किसी दिन आकाश को कॉलेज जाने से रोक लेना और संजना और मौसा जी के बाहर जाते ही तुम कपड़े धोने बैठ जाना, कपड़े धोने हमेशा की तरह तुम अपना पेटीकोट ऊंचा करके और ब्लाउज को ढीला करके संजय को मदद के लिए बुलाना और जब तुम्हारा मस्त सेक्सी शरीर देखकर संजय का लन्ड खड़ा होने लगे तो तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर संजय को का सहारा लेकर बेडरूम में आ जाना वहां संजय को तुम हाथ पैर मालिश करने के लिए कहना जिससे संजय को उस हालत में तुम्हें मसलने का मौका मिलेगा और धीरे-धीरे तुम अपने शरीर को संजय के हवाले करती रहना देखना एक सीमा पार करते ही मुझे तुमसे लिपट जाएगा और तुम्हें पता भी नहीं चलेगा कि कब संजय ने अपना हथियार अपनी जन्मभूमि में गाड़ देगा और अपनी मां की प्यास और अपनी चाहत शांत करेगा
मौसी बोली हां कुछ ऐसा ही करूंगी और मैं और मौसी ऐसे ही बहुत देर तक लेटे हुए एक दूसरे के शरीर की गर्मी का आनंद लेते रहे
थोड़ी देर में ही कमरे में अंधेरा छा गया मैंने उठकर लाइट जलाई घड़ी देखी तो शाम के 7:30 बज चुके हैं और मुझे ध्यान आया कि मैं और मौसी पिछले 10 घंटे से लगातार चुदाईही करते आ रहे हैं लाइट जलते मौसी मैक्सी ढूंढने लगी बेडरूम में नहीं मिली तो बैड की चादर ही अपने ऊपर ओढ़कर बाथरूम में चली गई
मैं अभी तक नंगा था मैंने भी अपना कच्छा ढूंढने की कोशिश की तो याद आया कि मौसी की मैक्सी और मेरा कच्छा किचन में ही रह गए थे
मैं मुस्कुराते हुए किचन में गया, मैक्सी और कच्छा उठा ले आया
मौसी बाथरूम से आकर फिर बिस्तर पर लेट गई और मैंने पेंट कमीज पहनकर बाहर ढाबे से कुछ खाने का सामान लेने निकल गया
ढाबे का खाना खाकर हम दोनों फिर से नंगे होकर बिस्तर पर एक दूसरे से लिपट कर सो गए लेट गए ना जाने उस दिन मौसी की खूबसूरती में क्या खुशबू आ रही थी कि बार-बार मेरा लंड मौसी को चोदने के लिए खड़ा हो रहा था और मौसी की चूत भी उतनी ही गर्मजोशी से मेरे लंड को अपनी गहराइयों में समाने के लिए तैयार हो रही थी
हमने एक बार फिर तूफानी चुदाई की और थक कर सो गए दोबारा फिर कुछ देर बाद नींद खुली तो देखा कि मौसी मेरे लंड को सहलाते हुए खड़ा करने की कोशिश कर रही थी
मौसी के हाथों का एहसास होते ही मेरा लंड से से पूरी ताकत से खड़ा हो गया और मैंने फिर एक बार मौसी को घोड़ी बनाकर चोद डाला घोड़ी बनी हुई मौसी जब झड़ गई तो मौसी बोली अब दूसरी सीधा नीचे लेट जा मैं तेरे ऊपर सवारी करूंगी
मैं पीठ के बल बिस्तर पर लेटा मौसी ने दोनों घुटने मेरी चूतड़ों के आसपास रखें और नीचे सरकते हुए अपनी रसीली चूत को मेरे तने हुए लौड़े के ऊपर टिका कर धम्म से बैठ गई और फिर तेजी से मेरे लंड के ऊपर दंड बैठक करने लगी
सुबह से लगातार इतनी बार चुदाई होने के बाद भी मौसी की चूत पूरी कसी हुई थी और मेरा लंड की पूरा तना हुआ था
मौसी की चूत में मेरा लंड बहुत फंस कर रगड़ खाकर जा रहा था जिससे मेरे और मौसी दोनों को बहुत मजा आ रहा था मौसी जब मेरे ऊपर सवारी कर रही थी तो उसके उछलते हुए मम्मे मेरे सामने बज रहे थे
मैंने अपने हाथ बढ़ाकर मौसी के मम्मों को अपनी हथेलियों में भरा और जोर जोर से मसलने लगा थोड़ी देर में मौसी दोहरी होकर मेरी छाती पर लेट गई और अपने मुड़े हुए पैर सीधे करके अपनी जांघें मेरी जांघों से रगड़ने लगी
इस समय मैं नीचे सीधा लेटा हुआ था और मौसी मेरे ऊपर लेट कर ही मेरे लंड को अपनी चूत में ऊपर की तरफ मुड़ कर मजे ले रही थी
लौड़े के लौड़े के उस एंगल से मौसी की चूत की अंदर तक की गहराइयों को रगड़ दिया और मौसी ने कसकर मेरे को पकड़ा और कांपते हुए झड़ने लगी हम पता नहीं वैसे ही झड़ते झड़ते दुबारा नींद के आगोश में चले गए
मौसी मेरे ऊपर ही लेटी रही जबकि लगने के बाद मेरी नींद खुली तो देखा की मौसी मेरे ऊपर बेसुद्ध सो रही है और मेरा लौड़ा मां मौसी की चूत के आसपास मुरझाया सा पड़ा है पर मेरे आंख खुलते खुलते ही लौड़े ने भी जाग कर मौसी की चूत को कुरेदना शुरू कर दिया
मेरे मन में फिर से मौसी को चोदने की इच्छा तेज हो गई मैंने मौसी को आलिंगन में लेकर नीचे पलट दिया और सोती हुई मौसी की ही टांगे खोल कर भक्क करके अपना लौड़ा मौसी के अंदर पेल दिया मौसी कसमसाई और मौसी की नींद खुल गई
मेरे लौड़े को अपनी चूत के अंदर महसूस करके मौसी फिर मजे से चुदने लगी
इस बार हमने बहुत ही धीमे धीमे पैसेंजर ट्रेन की तरह चुदाई का मजा लिया हम धक्के मारते एक दूसरे को चूमते मैं मौसी के निप्पल दबाता कभी झुक कर मौसी की नाभि चूमता,
कभी मौसी मेरे होठों से अपने होंठ जोड़ती और फिर से धक्के लेने लगती मैं भी कभी तेज कभी धीरे धीरे धक्के मारकर फिर से मौसी को चोदता रहा
इस चुदाई सैशन में हमें बहुत ही देर लगी और हम थके हुए पैदल यात्रियों की तरह जैसे थके हुए पैदल यात्री पैर घसीट कर चलते हैं वैसे ही हम मस्ती में अपनी चुदाई का मैराथन पूरा करते रहे
बहुत देर चुदाई के बाद मेरे लंड को झनझनाहट होने लगी और मैंने धक्के तेज कर दिए मौसी का शरीर भी सख्त होने लगा मौसी ने अपने पैरों की कैंची बनाकर मेरे पैरों पर लपेट दी और हम फिर से तेज तेज धक्के मार कर चुदाई करने लगे
कुछ ही समय में हम दोनों झड़कर फिर से एक दूसरे की बाहों में ही सो गए

मेरी नींद खुली तो पाया कि कमरे में डुबकी रोशनी के अलावा भी तेज रोशनी फैली हुई है खिड़की में से सुबह 10:00 बजे की धूप कमरे में फैली हुई थी
अलसाते हुए हम दोनों उठे एक दूसरे को चुम्मा और मौसी बोलीली तेरा क्या प्रोग्राम है
मैं बोला मौसी मुझे ऑफिस जाना था पर तुम मेरे पास हो इसलिए ऑफिस जाने का मतलब ही नहीं ऑफिस के काम से मौसी की चुदाई का काम ज्यादा जरूरी है
मौसी ने मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में लेकर जोर से दबाया और बोली मेरे इस पप्पू को अब थोड़ी देर आराम करने दें और मैं भी तेरी मुनिया को साफ करके कुछ नाश्ता बनाती हूं फिर आगे का काम करेंगे

अगले अपडेट में कि कैसे दोपहर को 12 बजे के आसपास अचानक ही मेरे घर की घंटी बजी और दरवाजा खोलने पर मैंने संजय को सामने खड़ा पाया
Nice update 👌
 

Sanju@

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सुबह उठकर हम दोनों मौसी बेटा नहाए धोए और नाश्ता करके ड्राइंग रूम में बैठ गए नहाने के बाद मौसी ने पेटिकोट और ब्लाउज पहन लिया था और मैंने अपनी मां वाली कच्छी पहनी हुई थी
मौसी सोफे पर बैठी थी और मैं उसकी गोदी में सिर रखकर लेटा हुय था और हम सेक्स की बातें करने लगे मैंने मौसी से पूछा मौसी पहले तो तुम मेरी तरफ सेक्स की निगाह से नहीं देती थी अब क्या हुआ ?
मौसी बहुत ठसके से बोली बेटा जब तू बड़ा होगा और लौड़ा पेलने के लायक होगा तभी तो तेरे लोड़े की तरफ ध्यान दूंगी बाकी जब से तू पैदा हुआ है तेरे से मां वाला लाड प्यार तो मैं शुरू से करती आ रही है और तू भोंसड़ी वाला सिर्फ मौसी के चूत से मिलने वाले वाले प्यार को ही समझता है मां वाले प्यार की तरफ तेरा कोई ध्यान नहीं रहा
मैंने मौसी के हाथ को दबाते हुए कहा नहीं मौसी ऐसी कोई बात नहीं पर जब से मेरा लौड़ा खड़ा होना शुरू हुआ है तब से मेरा ध्यान सिर्फ चूत की तरफ ही रहता है चाहे उन कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियां हों या तुम और माँ, मैं तो सारा दिन मुझे तुम्हारे थिरकते हुए मांसल चूतड़ और जांघें तथा बड़े-बड़े पपीते जैसे उरोज ही दिखाई देते हैं और जब भी मेरे लंड को भूख लगती है तो मैं मुट्ठ मार कर गुजारा कर लेता हूं
अब तो तुम्हारी और मां की कृपा से मुझे चूत मिलनी शुरू हो गई है तो मेरे डांडे भाई को मेरी सख्त मुट्ठी की बजाए तुम्हारी और मां की रसीली नर्म गरम चूत मिलने लगी है तो मेरे लंड के मजे ही मजे हैं मौसी ने मेरे मुंह पर चपत मारते हुए कहा कि तू तो वीर्य निकालने की उम्र से पहले ही मां और मौसी के चूतड़ों में अपनी छोटी सी नोनी लगाकर सोने लगा था तुझे क्या लगता है मां और मौसी को तेरी अकड़ती दांडी जैसी नोनी और पेट पर तेरे जोरदार आलिंगन का पता नहीं चलता था क्या?
इस पर मैंने मौसी को जवाब दिया मौसी मेरी ठरक तो तुमने पढ़ ली थी पर संजय बेचारा अपना लंड अपनी मुट्ठी में दबा दबा कर गुजारा कर रहा है और तुमने उसकी तरफ ध्यान ही नहीं दिया, अब मैंने बोला है तो तुम्हें संजय की हरकतें महसूस हो रही हैं
मौसी खिसियाकर बोली, वह तो बेटा तूने अपनी अपना प्यार मेरे ऊपर पहले ही जाहिर कर दिया था और बड़ा होने पर भी जब तू अपना लौड़ा मेरे नितंबों में दबाता था और मेरे लो कट ब्लाउज में से छलकते हुए मेरे मम्मे देखता था तब से ही मुझे तेरी ठरक का एहसास हो गया था इसलिए मौका मिलते ही हम दोनों लंड चूत के खेल में शामिल हो गए अब तेरे प्यार में मैंने संजय की इन हरकतों पर ध्यान ही नहीं दिया था अब तूने बोला है तो मुझे संजय बेटे की भूख शांत करने की जिम्मेवारी महसूस होने लगी है
काश!!! कुछ ऐसा हो कि संजय यहां होता!!!! तो मैं अभी से उसके उसकी जवानी के हथियार को अपनी अनुभवी चूत में रखकर सुरक्षा दे देती !!!!!1 सच में संजय से पिलवाने में भी कितना मजा आएगा!!!!!
मुझे पूरा यकीन है कि संजय तेरी तरह ही मेरी भूखी प्यासी चूत को अपने लंड के मक्खन और वीर्य से शांत कर देगा.. .. काश!!! #$% मौसी खुली आंखों से संजय के लंड के सपने देखते हुए उत्तेजित होने लगी और अपने हाथ बढ़ा कर मेरी कच्छी के ऊपर से ही मेरे लंड को टटोलने लगी
मौसी की गोदी में लेते हुए मैं मौसी के पेट की नरमी को महसूस करते हुए उत्तेजित हो ही रहा था तभी मौसी के हाथों ने मेरे लंड पर जादू कर दिया
मैंने करवट लेते हुए अपने होंठ मौसी की नाभि से जोड़ दिए और अपने हाथों का घेरा बनाकर एक हाथ से मौसी के ब्लाउज के अंदर पीठ पर और दूसरे हाथ से पेटिकोट के ऊपर से ही मौसी के नितंबों के ऊपरी हिस्से को सहलाने लगा
मौसी के हाथ का जवाब मेरे लंड पर बढ़ा और कुछ देर में मौसी ने मेरी कच्छी के अंदर अपना हाथ डालकर मेरे खड़े हुए लंड को अपनी मुट्ठी के कब्जे में ले लिया और अपने हाथों ऊपर नीचे करते हुए मेरे लंड को मुठियाने लगी
मैंने अपनी जीभ मौसी की नाभि में डालकर कुरेदने लगा तो मौसी की सिसकारियां निकलने लगी फिर मैंने अपना मुंह ऊपर करते हुए ब्लाउज के ऊपर से ही मौसी के निप्पल को अपने होठों में लेकर चूसने लगा
मौसी दूसरे हाथ से मेरे नितंबों को सहलाने लगी मैंने अपने मुंह के जोर से ही मौसी के ब्लाउज ढीले ढाले ब्लाउज के ऊपर से चुमते हुए मौसी के क्लीवेज को घिसने लगा
मौसी के निप्पल छुआरे की तरह मेरे गालों में चुभने लगे थे मौसी के 38 नंबर के मम्मे मौसी के ब्लाउज से बाहर निकलने को आतुर हो रहे थे और मौसी ने अपने पैरों की हरकतों से अपने पेटीकोट को घुटनों के ऊपर तक चढ़ा लिया था मैंने अपने दोनों हाथ आगे करते हुए तुरंत ही मौसी के ब्लाउज के हुक खोल दिए और फिर हाथ नीचे करते हुए पेटीकोट को मौसी की कमर की तरफ उठाने लगा तो मौसी ने अपने नितंब उचका कर जगह बनाई और पेटीकोट को कमर के आस पास इकट्ठा होने दिया फिर मौसी ने हाथ ऊपर करके ब्लाउज को अपने हाथों से आजाद करके ऊपर से पूरी नंगी हो गई
मैंने अपना मुंह नीचे करते हुए मौसी की गोदी में होते हुए अपनी जीभ मौसी की चूत पर लगानी चाही तो मौसी ने मेरी इच्छा को भांपते हुए अपनी जांघे खोल दी फिर मौसी की खुली जांघों के बीच में अपना मुंह करते हुए मैंने अपनी जीभ मौसी की चूत के लबों पर फेरनी शुरू कर दी
मौसी कसमसा कर अपने पैर हिलाने लगी तो मैंने मौसी के दोनों पैरों को पकड़कर मौसी को घुमाते हुए सोफे पर लिटा दिया और खुद को मौसी की जांघों के बीच में ले आया मेरा मुंह मौसी की जांघों के बीच में से मौसी की चूत पर चटाई कर रहा था और मैंने अपने दोनों हाथ कंधों से ऊपर करते हुए मौसी के दोनों मम्मे पकड़ लिया और अंगूठे तथा उंगली से मौसी के निपल्स को निचोड़ने लगा
मेरी जीभ मौसी की चूत के होठों को खोलते हुए चूत में प्रविष्ट हो गई, मेरी खुरदरी की जीभ के प्रभाव से मौसी की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई और मौसी ने अपनी तलवे अपने नितंबों की तरफ खींचते हुए घुटनों को मेरे मुंह के आसपास खड़ा करके बच्चा पैदा करने वाली स्थिति में आकर जैसे मेरे को अपनी योनि में घुसाने का इंतजाम कर रही थी पर मां या मौसी की चूत में मुंह से कौन घुस सकता है
चूत के अंदर अपने होने का एहसास देने के लिए बेटे का लंड ही काफी होता है इसलिए मैंने ऊपर होते हुए अपनी कमर मौसी की जांघों के बीच में लगाई अपने लंड का निशाना मौसी की चूत पर टिकाकर अपने मुंह से मौसी के निप्पल चूसते हुए एक जोरदार झटका मारा
एक ही झटके में मेरा लंड टट्टों तक मौसी की चूत में घुस गया और मौसी को जैसे असीम आनंद आ गया हो वैसे ही मौसी ने अपने दोनों हाथ मेरी पीठ पर कस कर मुझे अपने से चिपकाने लगी!!!!॥
मौसी के जोर के कारण मैं मौसी के ऊपर सीधा होकर लेट गया मेरी छाती मौसी की छाती को दबाने लगी मैं कमर उचका-उचका कर मौसी की चूत पर धक्के मार रहा था और ऊपर मेरा मेरे होंठ मौसी के होठों पर कब्जा करके मौसी के ऊपर के होंठों को चूस रहे थे और नीचे मेरा लंड मौसी की चूत के होंठों के बीच में घुसकर धमाल मचा रहा था
शाबाश !! मेरे बेटे.. वाह # मेरे बेटे !! मौसी को तेरे लंड की ही जरूरत है ##$#@% पेल दे मेरे बेटे !!! सच में मौसी बहुत ज्यादा प्यासी है !!!!! अपनी मौसी की इस मुनिया की प्यास को अपने लोड़े की बारिश से बुझा दे !!!! शाबाश मेरे बेटे !!@!! कहते हुए मौसी कमर उचका उठाकर मेरे लंड को अपनी चूत की गिरफ्त में रखने के लिए मेरी ताल में ताल मिला रही थी
जिस तरह से इस तरह से हम दोनों मौसी बेटा धमाधम सुबह की चुदाई में लग गए उसी तरह से मौसी को चुदते देखकर सोफा अपने स्पिंगो को पूरी ताकत से उछाल ले रहा था जिससे हमारे धक्कों की गति और ताकत और ज्यादा बढ़ रही थी
तरोताजा होकर सुबह उठने के बाद यह हमारी चुदाई का पहला दौर का जिसके कारण मेरे और मौसी में ताकत और जोश पूरा भरा हुआ था
ले !! !! !! मेरी मौसी ! कहकर मैंने अपने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और फिर तेज झटके से मौसी की चूत में पेल दिया !! मौसी ने भी उसी तेजी से लंड को अपने कब्जे में लेते हुए अपनी कमर को उछाला और जवाब में कहा आजा !! मेरे बेटे !! दे दे मेरे बेटे !! अपना लंड मेरी चूत में दे दे !! मेरी चूत ले ले !!
हां मौसी मैं तेरी चूत मार मार कर इसमें धनिया बो दूंगा
मौसी बोली साले धनिया बोने के लिए इसको खाली छोड़ना पड़ेगा तभी तो धनिया बो पाएगा !!! रोज चूत में लंड कैसे पेलेगा साले धनिया अपनी माँ की चूत में बो ~~~~!!!, मेरी चूत में धनिया बोएगा तो चूत की प्यास कौन बुझाएगा !!!
ले मौसी मेरा लंड !! तेरी चूत मारूंगा!! रोज चूत भी मारूंगा और धनिया भी बो दूंगा
मौसी हंसते हुए बोली धनिया तो तेरे मौसा ने मेरी चूत में हल चलाकर 2 बार बो दिया था और तू देखता ही है कितनी लाजवाब फसल तैयार के है तेरी मौसी और मौसा ने
अब धनिया बुवाने की मेरी उम्र नहीं है !!!!!! तू बस अपने धक्कों से अपने इस मजबूत हल से मेरी चूत की निराई गुड़ाई करता रह
अच्छा मेरी मौसी ले !! मैंने मौसी को चुमते हुए एक जोरदार धक्का फिर से मौसी की चूत में मार दिया
अब मेरे लंड में कसमसाहट बढ़ने लगी थी मैंने दोनों हाथ नीचे करते हुए मौसी के नितंबों को कब्जे में लिया और मौसी के नितंबों का जोर अपनी कमर की तरफ बढ़ाते हुए फिर जोर-जोर से धक्के मारने लगा
मौसी ने भी अपने हाथ मेरे कंधों से नीचे करके मेरे नितंब अपने हाथों में पकड़े और अपना पूरा जोर मेरी कमर को अपनी चूत के ऊपर रखने के लिए लगाने लगी
हम दोनों मौसी बेटा धकाधक चुदाई करते हुए एक दूसरे को देख रहे थे पेल रहे थे !! कभी गाड़ी तेज करते कभी हल्की करते और पूरी लय और ताल में चुदाई के मजे लेते रहे
ना मौसी को अपनी चूत में वीर्य गिराने की लेने की जल्दी थी और ना ही मेरे लंड को बारिश करने की इतनी जल्दी लग रही थी हम दोनों धकाधक और कभी थपाथप चुदाई करते रहे
थोड़ी देर बाद मौसी बोली मुझे ऊपर आने दे सोफे पर चुदाई करने में गद्दे पर की हुई चुदाई से बहुत ज्यादा मजा आ रहा था चांस की बात है कि मौसी के साथ अचानक ही मूड बनने पर हम सोफे पर चुदाई कर रहे थे और सोफे पर स्प्रिंग होने के कारण हमारी चुदाई की स्पीड बहुत बढ़ गई थी
मैंने भी पीठ के बल लेटकर मौसी की चूत को महसूस करना चाहा तो कुछ सेकंड के लिए अलग होकर मैं पीठ के बाल सोफ़े पर लेट गया और मौसी अपने घुटने मेरी कमर के आस पास रखकर मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर अपनी चूत का निशाना मेरे लंड पर लगा कर धीरे-धीरे मेरे लंड पर बैठ कर चली गई और फिर अपने घुटने खोलते हुए सोफे पर उछलने लगी
मौसी के उछलने से सोफे के स्प्रिंग पूरी गति से हमें एक दूसरे की चुदाई करने में सहायता देने लगे इस तरह से कभी मौसी टेढ़ी होकर मेरे छोटे-छोटे निप्पल और कभी मेरा मुंह चूमती और मैं लगातार अपने दोनों हाथों से मौसी के मम्मे निचोड़ता रहा
काफी देर बाद मौसी के उछलने की गति बहुत बढ़ गई और मेरे शरीर का सारा खून मेरे लंड की तरफ होने लगा दोनों अपने को झड़ने के करीब पाते हुए बहुत तेज गति से चुदाई करते हुए हम दोनों बाद में कुछ सेकंड के लिए फिर तो थम गए गए और फिर झरझराते हुए मैं अपने रस की बारिश मौसी के चूत में करने लगा मेरे वीर्य की बारिश होते ही मौसी ने भी अपनी चूत में रोके हुए सैलाब को बहने दिया फिर अपने घुटने सीधे किए और मेरी जांघों पर अपनी जांघे में रखते हुए मेरे पेट से अपना पेट मिलाया छाती से छाती मिलाई और अपने होंठ मेरे होंठों से जोड़ दिए

हम गहरी सांसे लेते हुए मौसी की चूत के अंदर ही मेरे लोड़े के ऊपर बहते हुए मेरे और मौसी के मिले-जुले कामरस और एक दूसरे की साँसों की गर्मी को महसूस करते रहे

जब हमारी सांसे दुरुस्त हुई तो मैंने देखा कि टीवी में एक पुरानी पिक्चर आ रही थी जिसमें बिन्दु और हैलेन कैबरे डांस कर रही थीं मैंने महसूस किया कि मेरी मौसी की जांघे और मम्मे बिल्कुल बिंदु के फड़कते हुए मम्मों और जांघों से बिल्कुल मिलते जुलते हैं इससे जागी उत्तेजना में मैं दुबारा से मौसी की जांघों पर हाथ फेरने लगा
मेरे स्पर्श से मौसी ने भी उत्तेजना महसूस करते हुए अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी हमारी छातियों तो पहले ही एक दूसरे पर दबाव डाल रही थी कुछ देर चुम्मा चाटी के बाद ही मेरा लंड दुबारा से खड़ा होकर मौसी की चूत को अंदर से कुरेदने लगा मौसी की चुदाई की इच्छा भी दुबारा जाग गई
मौसी बोली तुम्हारे इस सोफे पर चुदाई का मजा 4 गुना हो जाता है आ बेटा !! मजा आ गया !! चल एक बार और करते हैं यह कहकर मौसी मेरी कमर के इर्द-गिर्द दोबारा अपनी जांघे घेरकर घुटने मोड करके मेरे लंड पर बैठकर लंड सवारी करने लगी
मैंने भी अपने हाथों से मौसी के मम्मो की लगाम पकड़ी और मौसी ने अपने हाथ मेरे कंधे पर दबाकर जोर जोर से उछलने लगी सोफे के स्प्रिंग ने दोबारा से अपना खेल दिखाते हुए हमारी चुदाई के आनंद को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया और एक बार फिर से चुदाई का लंबा दौर होने के बाद हम मौसी बेटा झड़ने लगे और हम दोनों आलिंगन में ही सोफे पर लेट गए
कुछ देर बाद मौसी उठकर बाथरूम जाने लगी तो मैं भी मौसी के साथ बाथरूम में चला गया और मौसी से कहा कि मेरे अपने इस मूसल को अपने हाथों से धो दे मौसी ने मेरे लोड़े को प्यार से चूमा और कहती मेरे इस पप्पू को मैं साबुन से साफ करके देसी घी से मालिश कर दूँगी और तू भी अपनी कर्मभूमि को अच्छे से धोकर मालिश कर दे| मैंने कहा धो तो लेते हैं पर मालिश एक दूसरे के वीर्य से ही करेंगे मौसी हंसकर बोली जीता रह चुदड़क्कड़ मौसी का ठरकी बेटा हमने खूब अच्छे से एक दूसरे के योनांग साफ किए उन्हें चुमा चाटा और दुबारा साफ करके बाहर कमरे में आकर नंगे ही सोफ़े पर बैठ गए !! मौसी का पेटीकोट ब्लाउज और मेरी कच्छी कमरे में सोफ़े के नीचे पड़े थे
इतने में घर की घंटी बजी !! ये मौसी भांजे के हनीमून में बिघन डालने कौन आ मरा ?? मैं जल्दी से बिना कच्छी के पजामा पहन कर दरवाजे पर गया!! दरवाजा खोलने से पहले पूछा, कौन है??
जवाब सुनते ही मेरी सांस ऊपर की ऊपर और नीचे के नीचे रह गई दरवाजे के उस तरफ से आवाज आई!! संजय!!! अचानक ही संजय की आवाज सुनकर हैरान होते हुए मैंने बिना परवाह किए दरवाजे की सांकल खोल दी और संजय के अंदर आते ही उसे गले लगा लिया
संजय भी गर्मजोशी से मेरे से मिला और फिर बोला अरे तू आज घर में कैसे? ऑफिस नहीं गया और बाकी सब लोग कहां पर हैं?
मैंने पूछा बाकी कौन ?
संजय ने सामान्य ही पूछा मौसा जी तो ऑफिस गए होंगे मां और मौसी कहां पर हैं?
मेरे दिमाग की घंटी बजी कि मौसी तो अंदर बिना कपड़ों के नंगी होकर फिर से चुदने के लिए तैयार बैठी है संजय अंदर घुस गया तो क्या होगा!!
मौसी को सुनाने के लिए मैंने जोर से बोलते हुए कहां मौसी!! संजय आया है !! तुम याद कर रही थी ना !! आओ आकर बेटे से मिल लो !! अंदर मौसी समझ गई और समय लेने के लिए बोली तू झूठ बोल रहा है, संजय को हम याद तो कर रहे थे पर संजय एकदम कैसे आ सकता है ?? तू मुझे झूठ बोल रहा है !! मैंने इस बीच जैसे साधारणत दोस्त बहुत दिनों बाद एक दूसरे से मिलने पर आलिंगन में रखते है उसी तरह से मैंने संजय का हाथ पकड़कर रखा था की वो कमरे ना घुस जाए साथ ही। मौसी को बोला कि, नहीं ! मैं झूठ नहीं बोल रहा! सच में आकर देख लो !!
और मैंने संजय को इशारा किया कि जल्दी से मेरे कमरे में घुस कर छुप जाए ताकि मौसी को सरप्राइज लगे और जब मौसी को लगे कि मैंने झूठ बोला है तो संजय एकदम से मौसी के सामने आकर उसको हैरान कर दे
मौसी ने स्थिति समझते हुए पेटीकोट ब्लाउज पहना और ऊपर मैक्सी पहन कर बाहर आई
तब तक संजय मेरे कमरे में छुप गया था
संजय अंदर से मौसी को देख रहा था मौसी को भी सब पता था पर बाहर आकर मौसी ने इधर-उधर देखने के अच्छी ऐक्टिंग की और मुझे आंख मारते हुए मेरे मुंह पर हल्की सी चपत मारते हुए बोली: मौसी से मजाक करता है !! तुझे पता है मैं संजय को कितना याद कर रही हूं और तू मेरी उसी कमजोरी का फायदा उठाकर मुझे हैरान करता है
मैं बोला नहीं मौसी सच में घंटी संजय ने बजाई थी लेकिन मेरा दरवाजा खोलते ही संजय घंटी बजाकर कहां चला गया, आवाज संजय की ही थी और मैंने दरवाजा खोला तब तक संजय गायब हो गया था!!!
मौसी ऐक्टिंग जारी रखते हुए बोली तू झूठ बोल रहा है या तुझे भी धोखा हुआ होगा, मेरे को तो तेरी बात से खुशी चढ़ रही थी पर बाहर आकर तेरे धोखे से मेरा मन खराब हो गया है
मौसी की पीठ मेरे कमरे की तरफ थी, संजय ने चुपचाप से बाहर आकर मौसी को पीछे से जकड़ कर मौसी की आंखों पर हाथ रख दिया, मौसी एकदम पलट कर संजय को चूमने लगी और बोली : वाह मेरे बेटे!! मां के दिल की आवाज सुन ली,! कल शाम से ही मैं तेरे को बहुत ज्यादा याद कर रही थी और तूने आकर मेरे दिल को ठंडक पहुंचा दूं
संजय को ड्राइंग रूम में ले जाकर बिठाया और तुरंत मौसी किचन में जाकर चाय बनाने लगी इस बीच मैंने संजय को बताया कि कैसे जिस दिन मौसी आई थी उसी समय मम्मी पापा गोवा निकल गए थे और कैसे मौसी कल पुरा दिन घर में अकेली बोर हो रही थी तो आज मैंने मौसी को अकेले देखते हुए घर में रहने के लिए छुट्टी ले ली थी मेरी इस बात से संजय को यह नहीं लगा कि हम दोनों मासी भांजा कल से घर में अकेले हैं |
इस तरह से संजय के एकदम घर पर आने के पर मैंने स्थिति को संभाला और संजय को महसूस नहीं होने दिया कि मैं और मौसी अभी कमरे में चुदाई करके हटे हैं

अगले अपडेट में .. कैसे मैंने बातें बनाकर संजय की उत्तेजना जगाई और अगले दिन शाम तक वापिस आने का बहाना बनाकर घर से बाहर चला गया कि मौसी को संजय को अपने ऊपर लिटाने का खुल्ला मौका और समय मिल जाए
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