मां पटरे पर बैठकर कपड़े धो रही थी और मैं सामने खड़ा होकर मां के रूप को निहार रहा था मां के लगभग नंगे बदन को देखते हुए मेरे मन में बार-बार मां को छूने का विचार आ रहा था इस कारण से मैंने कमर पर लुंगी को दोहरा किया और मां के सामने बैठते हुए मां के हाथों पर अपने हाथ रख कर बोलो मां तुम थक गई होगी मैं कपड़े रगड़ने में तुम्हारी मदद कर देता हूं
मां ने मुस्कुराकर इस बात का समर्थन किया और मेरे हाथों में दबे अपने हाथों से धीरे धीरे मेरी कमीज पर ब्रश चलाती रही
बैठने की वजह से घुटनों के ऊपर चढ़ी हुई मेरी लुंगी के बीच में खाली जगह बन गई थी जिसके अंदर से मेरा नंगा लंड मां को दिखने की पूरी संभावना थी
उसी तरह मेरे सामने पेटिकोट जांघों तक चढ़ा कर बैठी हुई मां के लगभग नंगे बदन का पूर्ण दर्शन हो रहे थे, नीचे की तरफ मां की नंगी जांघें मुझे योनी तक निगाह मारने का अवसर दे रही थी और ऊपर पतले कपड़े के अधखुले ब्लाउज में से छलकते हुए मां के मम्मे मुझे ललचा रहे थे
मेरी निगाहों को अपनी जांघों की ओर जाते देखकर मां ने थोड़ा एडजस्ट हो कर अपनी जांघें और ज्यादा खोल दी और फिर अपनी निगाहें मेरी कमर की तरफ दौड़ाई तो मैंने भी याद रखो और ऊपर से बैठते हुए अपनी टांगे खोल दी जिसके कारण मेरा आधा खड़ा हुआ लोड़ा मां की निगाहों में आने लगा था हम दोनों एक दूसरे के यौन अंगों को निहार रहे थे देखकर उत्तेजित सो रहे थे मेरे मन में मां को चोदने की बहुत की इच्छा थी और कई सालों से जब भी मैं मम्मी पापा की चुदाई की आवाजें सुनता था तो मेरे मन में अगले कई दिनों तक मां के शरीर को देखते ही उस पर चढ़ने का मन करता था हां अभी कई बार मेरी तरफ लापरवाही से अपना शरीर दिखाती रहती थी पर इस तरह आमने-सामने बैठकर प्रत्यक्ष रूप से हमने कभी भी एक दूसरे को के शरीर की सुंदरता को महसूस नहीं किया था आज यहां हम दोनों मौसी के घर में अकेले थे इसलिए मां ने मौके का फायदा उठाना चाह और मेरे मन में तो तुमने (आकाश ने यानि मैंने) पहले ही भर दिया था कि मुझे मां के साथ अकेले रहने के इस मौके का पूरा फायदा उठाना है इसलिए मैं अपनी तरफ से धीरे-धीरे बढ़कर मां को छूने की कोशिश कर रहा था और मेरी किस्मत अच्छी थी कि मां भी मेरी हरकतों का सकारात्मक उत्तर दे रही थी
कपड़ों पर ब्रश रगड़ते हुए मैंने साबुन की झाग मां की नंगी छाती के ऊपर डाल दिए और कुछ छींटे मां और मेरी जांघों पर भी आ गए थे मैंने मस्ती करने के लिए अपना हाथ उठा कर मां के सीने पर लगाया मां की नंगी छाती को टच करते ही मेरे शरीर में करंट दौड़ने लगा पर मैंने अपनी उंगलियां मां के मम्मों के ऊपर की तरफ छाती पर दबा कर रखे रखी और साबुन के झाग को हटाने के एक्टिंग करने लगा
मां मेरे स्पर्श से के बावजूद लापरवाही से बैठी रही और मुस्कुरा कर पूछा क्या कर रहा है
मैंने बोला मां आपके झाग लग गई है उसे हटा रहा हूं
मां बोली हां मुझे चिपचिपा सा लग रहा था तुम आराम से उसे हटा दे
मां की सहमति के बाद मैंने अपनी पूरी हथेली मां की छाती पर रख ली और धीरे-धीरे हल्के स्पर्श से मां की छाती सहलाने लगा मां ने भी अपने दोनों हाथ उठाकर मेरे घुटनों पर रख दिए और मैं मां की छाती को सहलाते-सहलाते अपनी हथेली नीचे की तरफ सरकाकर मां के उरोज सहलाने लगा
मां के शरीर पर ब्लाउज नाम मात्र के लिए ही था और मां मम्मों का बड़ा हिस्सा मेरी हथेली की पहुंच में था
मां की छाती से मसलने के कारण मेरे शरीर में उत्तेजना दौड़ने लगी जिसके कारण मेरा लिंग फड़फड़ाने लगा मेरी खुली हुई जांघों के बीच में मां ने मेरे लिंग की हरकत महसूस की और अपने हाथ मेरे घुटने से नीचे की तरफ रखा कर मेरी जांघों पर अपनी उंगलियों से सहलाने लगी
इस चुप्पी को तोड़ते हुए मां ने मुझसे पूछा आज तो मां का बहुत ख्याल कर रहा है
क्या चाहता है ?
मैंने जोश में जवाब दिया कि मां ने मां का पूरा ख्याल रखना चाहता हूं और मैं चाहता हूं कि मैं अपनी मां के पैर दबाऊं और अच्छे से मालिश करूं ताकि मां कभी भी थकावट महसूस ना करे
मां बोली हम तो यह बात है मेरा बेटा आपकी मां का ख्याल रखना चाहता है तो मां को तो खुशी होगी ही चल बेटा जल्दी से इन कपड़ों को खंगाल देते हैं और कमरे में बैठकर टीवी देखेंगे तब तू मेरी मालिश कर देना
तू ऐसा कर यहां बैठने के कारण तेरी लूंगी भी गीली हो गई है इसको भी पानी से निकाल देती हूं तुम यह तोलिया लपेट ले और लूंगी खोल कर मुझे दे दे
मैंने कहा मां आपके कपड़े की गीले हो गए हैं आप भी तोलिया लपेट लो तो मां बोली वह मैं बाद में धो लुंगी सारे कपड़े धोने के बाद मैं तेरी मौसी की मैक्सी पहन कर यह ब्लाउज पेटीकोट भी धो लूंगी अब तू जल्दी से लूंगी खोल दे
मैंने मां से कहा कि हम दोनों अपने कपड़े एक ही बार में उतारकर आखिर में धो लेंगे तब तक यह कपड़े निपटा दें
यह कहते हुए मैंने मां के हाथ से सर्फ में भीगे हुए कपड़े के लिए और एक बाल्टी में खंगालने लगा मां ने दूसरी बाल्टी में कपड़े खंगालने शुरू किए और उस तरह झुके होने के कारण मुझे मां के लटकते हुए बूब्स बहुत अच्छे लग रहे थे
मेरे मसलने के कारण मां के दूधिया मम्मे और लाल हो गए थे और तनकर मेरा लिंग लुंगी खोलकर बाहर आने का प्रयास कर रहा था
कपड़े खंगालने के दौरान बार-बार मैं अपनी मां की कमर और नितंबों को छेड़ देता और मां भी अपने हाथ बढ़ा कर मेरी कमर और छाती को छू लेती थी
सारे कपड़े निचोड़ने के दौरान मैं और मां एक दूसरे को भूखी नजरों से देखते रहे और मौका मिलते ही एक दूसरे के शरीर का स्पर्श सुख महसूस करते रहे
जिसके कारण मेरे लिंग में इतना तरह बढ़ गया था कि मुझे वीर्यपात होने का डर लगने लगा था
कपड़े धोने के बाद मारी मुझसे लूंगी उतारने को कहा तो मैंने तोलिया अपनी कमर पर लपेट कर लूंगी मां को दे दी
मां ने उसे लूंगी को अपने कंधों के करीब लपेटकर पहले पेटीकोट को उतारा फिर ब्लाउज भी खोल दिया मेरे सामने मेरी मां सिर्फ एक लूंगी की ओट में खड़ी थी
लूंगी भी गीली थी जिसके कारण वह मां के उरोज कमर तथा जांघों पर चिपकी हुई थी तो मुझे मां के शरीर की सारी रूपरेखा नजर आ रही थी जिसके कारण मेरे खड़े लंड ने तौलिया उठाना शुरू कर दिया था
मां ने कनखियों से मेरे खड़े होते लोड़े को देखा और मुस्कुराकर मेरे को बोली मेरा बेटा बड़ा हो गया है और मुझे पता भी नहीं चला यह कहकर मां निचुड़े हुए कपड़े लेकर आंगन की तरफ चल पड़ी मैं भी मां के साथ साथ आ गया
मौसी के घर का आंगन पूरी तरह से बंद था बाहर से कुछ भी दिखाई नहीं देता था जिसके कारण हम बेफिक्री से मैं सिर्फ तौलिए में और मां लूंगी को कंधे से गिर्द लपेटकर कपड़े रस्सी पर डालने लगी थी जब रस्सी पर कपड़े डालने के प्रयास में मां दोनों अपने हाथों उपर करती तो मां के शरीर की सारी सुंदरता मुझे पूरी तरह से नंगी ही दिखाई दे जाती थी और मेरा लौड़ा टनटनाटन बजने लगा और सख्त होकर तौलिए से बाहर आने में सफल हुआ
मां मेरे लंड पर ध्यान दिए बिना अपने शरीर से भी लापरवाह होकर मुझे उत्तेजित करती रही
अचानक ही मां का शरीर डगमगाया और मां धडा़म से आंगन में गिर गई