Nice updateमां का दूध छुड़वाने से चुसवाने तक का सफर : पार्ट 59
मां की उन मस्त बातों को सुन मैं अपने कमरे में घुसा और लोड़े को यूंही जींस के ऊपर से ही खुजाने लगा। वो मस्त बातें मां के मुंह से उनकी मस्ती भरी आवाज में सुन मैं खुश था के मेरा जन्म इस घर में हुआ और इतनी मस्त मां मिली जो अब से मेरी दिलों जान के साथ साथ बदन से भी हों गई है और अपनी मस्त मोटी मटकती गांड़ का मुझे दीवाना बना बैठी है।
मैनें अपनी अलमारी खोल कर उसमे से लोवर निकाल बैड पर रखा ही था के अपने बैड को देख मुझे मोसी का रात वाला पल याद आ गया और मैं खुदसे कहने लगा के मोसी भी किसी मस्त घोड़ी से कम नहीं थी। मां से मस्त चूत थी उनके पास जो मुझे मां मिलने पर भी उनके बारे में सोचने पर मजबूर सा कर रही थी। मैं मोसी के बारे में सोच सोच कर इतना एक्साइटेड हो गया के अपने कमरे का दरवाजा बिना बंद किए ही लन्ड को जींस की जिप में से बाहर निकल प्यार से सहलाने लगा और मोसी को याद कर कर मुस्कुराता रहा।
मैं लन्ड रगड़ ही रहा था के मुझे आवाज आई : गोलू, कमरे में है क्या तु?
मैं एकदम आवाज सुनकर हैरान सा हो गया, क्योंकि वो आवाज थी मोसी की, मैंने फट से अपना लोड़ा जिप के अंदर डाल जिप बंद की जिस से मेरे लोड़ा तो बाल बाल बचा पर लोड़े पर लगे बाल जरूर उस जिप में फस गए और मेरी तो जैसे दर्द से गांड़ ही फट गई हो।
मोसी कमरे में आई और बोली : अच्छा यही है, सुन ना।
मैं दर्द वाली आवाज सी में: हां , बो बो बोलो मोसी।
मोसी: क्या हुआ?... ऐसी शकल क्यों बना रखी है?
मैं: वो वो....
मोसी : बोल....
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने फट से अपना चेहरा दीवार की तरफ घुमाया और जिप खोलकर फिर लोड़ा अच्छे से अंदर दबाकर जिप बंद की ओर मुड़कर मुंह ऊपर छत की ओर करके एक चैन भरी सांस ली और बोला : आह।
मोसी: ये क्या किया तूने अभी....?
मैं: कुछ नहीं मोसी वो..बस... छोड़ो आप।
मोसी : नहीं तु बता मुझे, ये सब क्या करने लग गया है तु, ये सब गलत है, और वो भी तु खुले आम कमरे में गेट खोलकर, पागल है तु, कहां से सीखा ये सब...बोल चुप क्यूं खड़ा है।
मोसी को शायद लगा के मैं मुठ मार रहा था और मेरा माल छुटने के बाद मैं चैन की सांस ले रहा हूं और ये सब गेट खोलकर कर रहा हूं। वैसे समझा तो मोसी ने सही ही था पर मैं तो बस अपने लन्ड को थोड़ा सा सहला ही रहा था, चूत तो मुझे मां देने ही वाली थी रात में तो अब हाथ का साथ तो मै छोड़ ही चुका था समझो।
मैं हस्ता हुआ बोला : मोसी आप जो समझ रही हैं , वो नहीं है।
मैं: हां सब समझ रही हूं मैं, क्या है क्या नहीं, दीदी को बताती हूं अभी।
मैं: अरे रुको मोसी, सुनो तो।
मोसी: क्या सुनूं, बोल।
मैं: अरे मैं बस बाजार से आया था तो कपड़े पैंट चेंज कर लोअर डालने वाला था और जैसे ही पैंट उतारी तो आपने आवाज लगा दी तो बस जल्दी जल्दी में पैंट ऊपर को तो वो जिप में........
मोसी : ओह अच्छा अच्छा...पर गेट तो लगा लेता
मैं: हां मोसी वो , मेरे कमरे में कोई आता नहीं ना इतना, तो बस...
मोसी : हम्म्म, पर...?
मैं: पर क्या मोसी?
मोसी: पर पैंट के नीचे अंडरवियर तो होगा ही ना तो इसमें क्या तु इतना शर्मा गया के मेरी आवाज से एकदम डरकर पैंट ऊपर कर ली।
मैं: मोसी वो अंडरवियर नहीं डाला था तो बस इसलिए....
मोसी: क्यूं नहीं डाला, इतना बड़ा हो गया , अंडरवियर तो डाला कर।
मैं: डालता हूं वो तो मोसी, पर आज नहीं डाला बस।
मोसी: आज क्यूं नहीं डाला।
मैं: मोसी आप बड़े सवाल करते हो, छोड़ो ना ये सब।
मोसी: ऐसे कैसे, तु झूठ बोल रहा है ना मुझसे, तु सच में वहीं सब....
मैं: अरे सच में मोसी, ये देखो लोवर भी पड़ा है बैड पर।
मोसी: हां, ठीक है, ठीक है।
मैं: वैसे आप क्या सोच रही थी?
मोसी: कुछ नहीं, छोड़ वो सब, मैं ज्यादा ही सोचने लग गई थी।
मैं: हम्म, ठीक है।
मोसी: जल्दी जल्दी में जिप में स्किन........
मैं: हां।
मोसी: ओह लगा तो नहीं ज्यादा, खून तो नहीं आ रहा ना, दिखा जरा।
मोसी ने जैसे ही कहा के दिखा जरा मेरी तो जैसे लॉटरी लग गई हो। एक तो मेरा लोड़ा खड़ा था ऊपर से मोसी उसे देखने को कह रही थी। मैनें सोचा यही अच्छा मौका है मोसी को बहाने से ही सही, अपने लोड़े के दर्शन करवाने का। क्या पता इसी बहाने से ही सही मोसी को मेरा लन्ड पसंद आ जाए और जल्दी राजी हो जाए इसे लेने के लिए।
मैं: आपको कैसे दिखाऊं?
मोसी: इसमें क्या है, तेरी मां जेसी ही हुं और बचपन में तुझे इतनी दफा तो मैनें नहलाया है।
मैनें भी ज्यादा आना कानी नहीं की के कहीं बनी बनाई बात बिगड़ ना जाए और मोसी बिना देखे ही चली जाए।
मैनें जिप खोली और मोसी नीचे बैठ गई , जिप खोलकर मैनें अपना हाथ अंदर डाल कर ऊपर की और मोड़ कर रखे लन्ड को अपनी हथेली में पकड़ जैसे ही बाहर निकाला के मोसी की आखें एक दम मोटी हो गई और वो बिना देखे ही उठ खड़ी हुई और बोली : इतना मोटा..
मैं: क्या?
मोसी : कुछ नहीं कुछ नहीं अंदर कर ले बेटा इसे। ठीक है सब, स्किन पर दर्द तो नहीं हो रहा ना।
मैनें लोड़े को फिर से पकड़ा और मोसी के नजरें जो उसपर ही थी, उसके सामने ही लोड़े को एक हल्का सा झटका देकर उसे ऊपर की और जिप में डाल धीरे से जिप बंद कर दी।
मोसी हैरान खड़ी अभी भी मेरी जिप की और ही देख रही थी के मैं बोला : मोसी..
मोसी मुंह ऊपर कर कर : हां ...हां..वो दर्द तो नहीं हो रहा ना स्किन पर...?
मैं: नहीं नहीं वो बस बाल ही आए थे...स्किन नहीं।
मोसी: तो अंडरवियर डाल के रखा कर और बाल काटा कर...पागल कहीं का।
मैं: हां मोसी अंडरवियर तो डालता ही हूं बस कभी कभार नहीं डालता और बाल...तो मुझे काटने नहीं आते तो....
मोसी : जैसे तु अपनी बीयर्ड ट्रिम करता है या क्लीन करता है वैसे ही उसे भी ट्रिम या क्लीन करके रखा कर।
मैं: हां मोसी, आगे से रखूंगा।
मोसी : हां, तूने पहले कभी नहीं काटे क्या?
मैं: नहीं मोसी..
मोसी: क्यूं कभी जरुरत नहीं पड़ती तुझे?
मैं शरीफ बनते हुए: इसमें जरूरत कैसी मोसी...
मोसी: हां हां, तेरी तो कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है , मैं तो भूल ही गई थी।
मैं: हां तो आप बन जाओ ना गर्लफ्रेंड , आपको बोला तो है।
मोसी हस्ते हुए : चल पागल कहीं का, मैं कैसे बन सकती हूं तेरी गर्लफ्रेंड?
मैं: इसमें क्या है मोसी, आप बन जाओ मेरी गर्लफ्रेंड और आप मेरी छोटी छोटी बातों का ध्यान रखना और मुझे बताना जैसे अभी आपने वो बाल वाली बात मुझे बताई।
मोसी: नहीं नहीं वो तो मैनें ऐसे ही बता दिया बस तुझे।
मैं: मोसी , मुझे किसी लड़की ने नहीं ऐसे बताया , आज आपने ही बताया ।
मोसी: हां तो इसका ये मतलब थोड़ी ना के मैं तेरी गर्लफ्रेंड बन जाऊं।
मैं: मोसी आप मेरी हर बात का ध्यान रखना ना।
मोसी: लो जी एक तो गर्लफ्रेंड बनो और ऊपर से ध्यान भी रखो, बेटा गर्लफ्रेंड ब्वॉयफ्रेंड का ध्यान नहीं रखती, ब्वॉयफ्रेंड को गर्लफ्रेंड का ध्यान रखना पड़ता है।
मैं: हां मोसी मैं आपका ध्यान रखूंगा फिर।
मोसी: कैसे रखेगा ध्यान बता।
मैं: आपको घुमाने ले जाऊंगा।
मोसी: अच्छा चल मान ले मैं तेरी गर्लफ्रेंड बन गई और मैं तुझे कहती हूं के मुझे अभी घूमने जाना है तो तु मुझे कहां घुमाने ले जाएगा।
मैं: अभी जहां पर आप कहोगी।
मोसी: उम्म्म, अच्छा ऐसा समझ के ये मेरा घर है और दीदी और जीजा जी मेरे मम्मी पापा हैं, और वो मुझे कहीं बाहर जाने नहीं देंगे इस वक्त तो तु मुझे कहां ले जाएगा घुमाने।
मैं हस्ते हुए : आपके घर की छत पर।
मोसी हसने लगी और बोली: चल चुप कर, छत भी कोई घूमने की जगह है।
मैं: और क्या मोसी, आप चलकर देखो रात में, वो ठंडी ठंडी हवा, चांद की वो रोशनी और बस हम दो।
मोसी: बातें तो देखो, सच में ऐसे कर रहा है जैसे मैं गर्लफ्रेंड हूं तेरी।
मैं: मैनें तो आपको गर्लफ्रेंड मान लिया मोसी।
मोसी: नहीं जी, मैनें तो नहीं माना तुझे।
मैं :अच्छा चलो आप छत पर चलते हैं, वहां बाते करेंगे बाकी।
मोसी: क्यूं छत पर क्यूं?
मैं: अरे चलो तो आप।
मोसी: ठीक है बाबा चल, वैसे भी मैं तुझसे यही बोलने आई थी के मैं बोर हो रहीं हूं और कहीं घूमने चलें क्या, रात है अब तो छत पर ही सही।
मैं: चलो फिर।
मोसी : तु चल, मैं दीदी से पूछ कर आती हूं के कुछ काम तो नहीं।
मैं: ठीक है।
मैं घर की सीढियों के पास जाकर खड़ा हो गया और मोसी किचन में मां के पास गई और बोली : दीदी कुछ काम है क्या करने का?
मां : नहीं नहीं, सब्जी बन रही है, बस रोटी ही बनानी है , मैं बना लूंगी।
मोसी: ठीक है दीदी, मैं छत पर टहल रही हूं, कुछ हो तो आवाज लगा देना।
मां : ठीक है।
फिर मैं आगे आगे मोसी मेरे पीछे पीछे ,चले और छत पर आ गए
Mast updateमां का दूध छुड़वाने से चुसवाने तक का सफर : पार्ट 60
छत पर हम पहुंचे तो ठंडी ठंडी हवा चल रही थी और वही सेम जैसा मैंने मोसी से कहां था के चांद की रोशनी , ठंडी ठंडी हवा होगी, वैसा ही था। मोसी और मैं उस अंधेरे में छत पर घूमने लगे और मोसी बोली : कितनी ठंडी ठंडी हवा चल रही है।
मैं: बोला था ना मैनें।
मोसी: हां।
मैं: देख लो मोसी, मेरी गर्लफ्रेंड बनने के कितने फायदे हैं, घूमने को मिल गया ना आपको।
मोसी हस्ती हुई: हां हां , घूमने को मिल गया, जैसे मैं कोई रिजॉर्ट में आ गई ना।
मैं: क्या मोसी आप भी ना, ये रिजॉर्ट से कम है क्या।
मोसी: चुप कर तु।
मैं: मोसी अब से लगता है मुझे ही आपका ध्यान रखना पड़ेगा।
मोसी: क्यूं?
मैं: मैनें गर्लफ्रेंड जो मान लिया है आपको।
मोसी : पागल है तु, ऐसे थोड़ी गर्लफ्रेंड बन जाऊंगी मैं तेरी
मैं: तो कैसे बनोगी?
मोसी: कैसे भी नहीं।
मैं: क्यों?
मोसी: अपनी उमर की धुंध ना कोई तु, उसे बना गर्लफ्रेंड, फिर उसी से शादी कर लेना।
मैं: और आपसे शादी करनी हो मुझे तो?
मोसी हस्ती हुई: कुछ भी बोलता है पागल, मैं शादी शुदा हूं और दोबारा शादी करूंगी क्या अब पागल कहीं का।
मैं: अच्छा मोसी, अगर आप शादी शुदा ना होती तो कर लेती?
मोसी: उम्मम, सोचती फिर तो।
मैं: क्या सोचती?
मोसी: शादी का।
मैं: वाह मोसी।
मोसी हस्ते हुए: इतना खुश मत हो, तुझ से करने का थोड़ी बोल रही हूं, मैं कुंवारी होती तो अपनी शादी का सोचती, ये कह रही हूं।
मैं: तो फिर मेरे साथ ही तो करती ना।
मोसी: वो अगर होती कुंवारी तो ना,पर हूं तो नहीं ना , ख्यालों में से बाहर आजा अब, चल।
मैं: हां मोसी, अगर मेरी शादी आपसे होती ना तो मैं आपको इंडिया टूर पर ले जाता।
मोसी : अच्छा जी, तो बोलती हूं दीदी से कोई ढूंढते हैं तेरे लिए लड़की, फिर ले जाना उसे इंडिया टूर पर।
मैं: मुझे तो आपके साथ जाना है ना।
मोसी : तु मेरे ही पीछे क्यूं पड़ा है।
मैं: आप अच्छे लगते हो मुझे।
मोसी: कुछ भी बोलता है तु, छोड़ ये सब, और वो ध्यान से काट लेना..
मैं: क्या?
मोसी मेरे लन्ड की ओर इशारा करते हुए हंसकर बोली : वहां के बाल, कभी फिर से जिप में ना फस जाए।
मैं भी हस्ते हुए: ठीक है मोसी।
मोसी : चल नीचे बैठते है ना, चल चल के थक गई हूं मैं।
मैं: मोसी यहीं छत पर बैठते है ना, थोड़ी देर, फिर चलेंगे नीचे।
मोसी : ठीक है।
फिर हम यूंही छत पर बैठ गए और बाते करने लगे।
मोसी: अच्छा ध्यान से काटना , और ट्रिमर से , रेजर मत चलाना वहां, कट लग जाए कहीं।
मैं: मोसी ट्रिमर से तो रह जाएंगे ना थोड़े थोड़े।
मोसी: हां तो बारीक बारीक तो चलते हैं।
मैं: मोसी आप भी ट्रिमर यूज करते हो क्या?
मोसी हसने लगी और बोली : नहीं नहीं।
मैं: फिर?
मोसी हस्ती हुई : हम तो वैक्सिंग करवा लेते हैं ज्यादातर, तुझे याद है जब हम मोल गए थे तो उस से पहले दीदी भी ट्रिमिंग करवा कर आई थी वहां की।
मैं: क्यूं?
मोसी: क्यूं क्या, ज्यादा बाल अच्छे नहीं लगते वहां।
मैं: आपने भी करवाई क्या?
मोसी शरमाने लगी और कुछ नहीं बोली
मैं: मैं भी ट्रिमिंग करवा लूं क्या मोसी?
मोसी हस्ती हुई: करवा ले, तेरी मर्जी है।
मैं: वैसे मेरे पास ट्रिमर तो रखा है।
मोसी : तो खुद ही कर ले तु तो।
मैं: पर मुझे आता तो नहीं ना, कहीं कट के अलग हो गया तो।
मोसी हसने लगी और बोली : इतना मोटा कहां से एकदम कट के अलग हो जाएगा।
मैं: क्या?
मोसी : कुछ नहीं, कुछ नहीं।
मैं: मोसी आप कितनी अच्छी हो वैसे।
मोसी : अच्छा जी, ऐसा क्या कर दिया मैनें।
मैं: आप कितना ध्यान रखती हो ना, छोटी छोटी बातो का, काश मेरे पापा ने आपसे शादी की होती तो आप मेरी मां होती और मेरी हर एक छोटी छोटी बात का भी ध्यान रखती।
मोसी: ऐसा क्यूं बोल रहा है तु, दीदी तेरा ध्यान नहीं रखती क्या?
मैं: मां रखती तो है पर...
मोसी: पर क्या?
मैं: पर वो आप की तरह हर चीज बताती नहीं है ना, जैसे आज आपने बताया के नीचे के बाल काट के रखा कर और वगेरा वगैरा।
मोसी: हम्मम, बेटा वो मां है ना, मां अपने बेटे से भला कैसे ये बोलेगी एक दम।
मैं: हां तो आप मेरी मां होती अगर तो आप भी ना बोलती क्या?
मोसी सोच में पड़ गई और बोली : पता नहीं...
मैं: मोसी क्या आप मेरे पापा से शादी कर लेती अगर मां ना करते तो?
मोसी: नहीं नहीं, वो मुझसे उम्र में बड़े हैं और मुझे अपने से बराबर या अपने से छोटे उमर के लड़के से शादी करनी थी...पर उस वक्त मां बाप ने जो कहा हमने वहीं किया।
मैं: हां, वो तो है।
मोसी : हां और दीदी से ज्यादा तेरा ख्याल वैसे कोई रख भी नहीं सकता था जो तु मुझे कह रहा है के मैं तेरी मां होती काश ।
मैं: वो कैसे मोसी?
मोसी: इसमें कैसे क्या, तु था इतना जिद्दी , जिस चीज की भी जिद्द पकड़ लेना फिर वो पाकर ही चैन लेना और दीदी ही थी जो तेरी हर जिद्द आखिरकार पूरी कर दिया करती थी जैसे तैसे। और वो याद है ना बात दू.....
मैं: दू क्या मोसी?
मोसी: वो दूध वाली बात, कैसे तु इतना दबा दबा के चूसा करता था, वो दीदी ही थी जो तुझे झेल सकती थी, मैं तेरी मां होती तो कब की सुख जाती।
मैं हसने लगा और बोला : ऐसा थोड़ी होता मोसी।
मोसी: ऐसा ही होता, याद है ना मुझे एक बार पिलाया था तुझे दूध।
मैं हस्ते हुए: अच्छा अच्छा।
मोसी: और क्या है तो तु वैसे अभी भी जिद्दी ही, पर अब थोड़ा बड़ा और समझदार हो गया है बस। इसलिए कह रही हूं के तुझे दीदी से अच्छी मां नहीं मिल सकती थी जिन्होंने तेरा इतना ख्याल रखा और अभी भी रखती ही आ रही हैं।
मैं: हम्म्। मोसी
मैं तो मोसी की चूत लेने के लिए ये सब बातें उन से कर रहा था और वो पगली तो मानों अपनी बहन के बारे में ऐसा सुन इमोशनल हो उठी और मुझे सब बताने लगी। मैं भी उनके मुंह से मां की तारीफ सुन हां में सर हिलाता रहा और खुद से बोला वैसे सच तो है के मां मेरा बचपन से लेकर अभी तक ख्याल रखती आई है और अब बड़े होने पर मेरे साथ साथ मेरे लन्ड का ख्याल रखने को भी खुशी खुशी त्यार है और दूसरी तरफ मोसी है जो एक गर्लफ्रेंड बनने पर भी कितने नखरे कर रही है।
वो तो मोसी की उस गद्देदार स्पॉन्ज रसगुल्ले वाली मखमली चूत का दीवाना सा बन चुका हूं मैं, जो किसी न किसी बात के बहाने से मोसी को अपनी बाटली में उतारने की फिराक में हूं।
मोसी: हम्म तो आज के बाद ऐसा मत कहना कुछ भी, और खासकर के दीदी के सामने।
मैं: ठीक है मोसी, समझ गया मैं।
मोसी: हां, गुड बॉय।
Behtreen updateमां का दूध छुड़वाने से चुसवाने तक का सफर : पार्ट 61
फिर मैनें मां के इमोशनल से हुए थोड़े मूड को बदलने की सोची और बोला : मोसी, आप की फेवरेट खाने की चीज कोनसी है।
मोसी सोच कर : उम्म, मोमोज, स्टीम वाले।
मैं: हां तभी तो...
मोसी: क्या तभी तो।
मैं: तभी आपके गाल एक दम स्टीम मोमोज जैसे सॉफ्ट सॉफ्ट गोरे गोरे से हैं।
मोसी: मोसी के साथ मस्ती करता है, शैतान।
मैं: सच में है मोसी, देखो तो मोमोज की चटनी जैसे लाल हो रहे हैं अभी ये।
मोसी हस्ते हुए : हां वो ठंडी ठंडी हवा से हो रहे हैं।
मैं: अगर मौसा जी अभी यहां होते ना, तो जरूर वो आपके ये लाल गालों को देख किस कर लेते।
मोसी: चुप पागल कहीं का, तेरे मौसा जी हैं तो नहीं ना अभी।
मैं: उनकी याद आ रही है आपको?
मोसी: हां आ तो रही है पर उनको काम से कहां फुरसत, अच्छा हुआ मैं यहां आ गई, घर होती तो अभी यूंही बस टीवी में खोई हुई होती।
मैं: हां, यहां भी आप बोर हो रही थी वैसे तो, पर अब कैसा लग रहा है मोसी?
मोसी: अब थोड़ा सा अच्छा सा लग रहा है तेरे साथ बाते कर के।
मैं: मोसी आपका बेस्ट फ्रैंड कोन था बचपन में जिस से आप सब बाते शेयर किया करते थे।
मोसी: मेरा, मेरी एक सहेली थी स्कूल वाली, फिर जब उसकी और मेरी शादी हुई तो हमारा मिलना ही कम हो गया और उस टाइम इतना फोन वगेरा भी नहीं था के हम रोज रोज एक दूसरे से बाते करते रहें, ये तो आजकल सब आ गया है।
मैं: तो अब तो आप करती होंगी उस से बाते?
मोसी: नहीं अब कहां, उसका तो कोई अता पता ही नहीं है अब।
मैं: फिर अब आप किस से करते हो बाते शेयर?
मोसी: मैं कभी कभार दीदी से, या फिर अपने अंदर ही रखती हूं।
मैं: ओ अच्छा, पर आपको अपने अंदर नहीं रखनी चाहिए ना बाते।
मोसी: हां पर कोई सुनने वाला और समझने वाला होना भी तो चाहिए ना, दीदी से भी मैं कुछ ही बाते करती हूं, दीदी तो मुझसे सब शेयर कर लेती है।
मैं: हां तो आप भी कर लिया करो ना।
मोसी: नहीं नहीं, अब दीदी अपनी प्रॉब्लम्स मुझे बताए तो मैं उन्हें अपनी बता दूं सामने से, ऐसा ठीक नहीं है ना, बस इसलिए उन्हें नही बताती कुछ।
मैं: मां को भला कोन सी प्रॉब्लम्स है, आप बताओ मुझे
मोसी: बेटा वो कुछ होती हैं ना लेडीज की बाते, प्रॉब्लम्स, बस वही।
मैं: अच्छा अच्छा।
मैं फिर मोसी की आखों में आखें डाल कर : मोसी आप मुझसे शेयर कर लिया करो ना, अपनी बातें, मैं सुना करूंगा आपकी हर बात।
मोसी: हम्म्म।
मैं: अरे सच में मोसी।
मोसी: ठीक है, पर बेटा कुछ लेडीज वाली बातें होती है वो मैं कैसे शेयर कर सकती हूं तेरे साथ।
मैं: लेडीज वाली कैसी बाते मोसी?
मोसी: अरे बुधु, पति पत्नी वाली।
मैं: अच्छा, अच्छा , आप बता सकते हो मुझे।
मोसी: तुझे क्या हो गया है अचानक से।
मैं: बस मोसी आप को ऐसे देख आज प्यार आ रहा है आपपर और दिल करता है के आपकी हर प्रोब्लम दूर कर दूं, आपका जीनी बन जाऊं।
मोसी हस्ती हुई : हां ये सही है, मैं चिराग घिसूं और तू प्रकट हो जाए।
मैं मन में खुद से बोला : चिराग नहीं तो कम से कम अपनी चूत घिस देना मोसी, मैं अपना लन्ड लेकर प्रकट हो जाऊंगा आपके सामने।
मैं हस्ते हुए उन्हें देखने लगा।
मैं: हां मोसी, आज से मैं आपका जीनी, आप जब भी कहोगी वहीं हाजिर हो जाऊंगा।
मोसी: ठीक है , ला दे मेरा चिराग फिर।
मैं: चिराग तो नहीं है।
मोसी: ली जी फिर काहे का जिन्न हुआ तो, मीठी मीठी बाते करता है बस।
मैं सोचने लगा और बोला : अच्छा रुको एक चीज है मेरे पास आपके लिए।
मोसी: वो क्या?
मैनें अपनी रिस्ट से उतरकर अपनी स्मार्ट वॉच मोसी को दी और बोला: लो आप ये डालो, जब भी मुझे बुलाना हो तो ये ऑप्शन पर टैप कर देना, मेरे फोन में पता चल जाएगा मुझे के आप मुझे बुला रहे हो।
मोसी मेरी वॉच की डालकर : वाह, ये सही है।
मैं: हां ना, मेरे आका।
मोसी हस्ती हुई : मेरे जीनी, क्या करोगे अपने आका के लिए।
मैं: आपकी सेवा मेरे आका, हुकुम करो मेरे आका।
मोसी हस्ती हुई: मेरे पैर दबा दो जीनी।
मैं फट से मोसी के पैर दबाने लगा और मोसी हस्ती हुई बोली : अरे पागल, तु तो सच में दबाने लगा।
मैं: तो आप ही ने तो कहा आका।
मोसी: हां हां बेटा, तु भी ना।
मैं: मोसी आप जो भी कहोगी, मैं वो करूंगा।
मोसी सोचने लगी और बोली : अच्छा क्या तु मुझे गोदी उठा लेगा।
मैं: हां, क्यूं नहीं।
मोसी: उठा फिर, देखूं कितना स्ट्रॉन्ग है मेरा जीनी।
मैं खड़ा हुआ और मोसी भी खड़ी हो गई के मैनें मोसी को बिना किसी डर के उनकी गांड़ पर हाथ डालकर ऊपर उठाने लगा। मोसी हस्ती रही और मैं जैसे ही उनकी गांड़ झुक के हाथ डालकर ऊपर उठाया के मेरा मुंह उनके चूचों में जा लगा। मैं फिर भी रुका नहीं और पूरे जोश में मोसी की गांड़ को दबाता हुआ ऊपर उठा लिया।
उनके वो मोटे मोटे चूतड़ों के नीचे की वो मोटी मोटी नर्म थाईस अब मेरे हाथों की जकड़ के बीच थी और मैं मुस्कुरा रहा था और ऊपर की और देख रहा था जहां से मुझे उस चांद की रोशनी में उनके सूट में कैद मोटे मोटे बूब्स का व्यू नजर आ रहा था।
मोसी ने मेरे ये करने पर जरा भी आना कानी नहीं की और मैं भी मुस्कुराता हुआ बोला : बोलो मेरे आका, है ना आपका जीनी स्ट्रॉन्ग।
मोसी हस्ती हुई : हां हां , सच में स्ट्रॉन्ग है जीनी तो,तेरे मौसा भी मुझे ऐसे उठाने में एक बार के लिए तो सोचते पहले पर तूने तो एक दम से ही उठा लिया मुझे। मानना पड़ेगा। चल अब मुझे नीचे उतार दे, गिर जाऊंगी।
मैं: ऐसे कैसे गिरने दूंगा आपको।
मोसी हस्ती हुई : तो क्या ऐसे ही चलेगा नीचे तक, मुझे लेके?
मैं: आप कहो तो जरूर।
मोसी: नहीं नहीं बाबा, चल उतार दे।
मेने थोड़ा सा आगे चल छत पर साइड में बनी दीवार पर मोसी को बिताया और हस्ते हुए बोला : और कोई हुकुम मेरे आका।
मोसी हस्ती हुई : नहीं जी, ये चिराग वाली घडी मैं अपने पास ही रखती हूं, तुझे ऐसे ही बुलाया करूंगी मेरी जीनी।
मोसी ये बोलते ही मेरे गले लग गई और मैं भी उनके गले लग गया। मोसी के गले लगते ही उनके वो गर्म गर्म बूब्स का एहसास मुझे अपनी चैस्ट पर हुआ तो मैं थोड़ा सा और कसकर उनके गले लग गया और मोसी एक दम बोली : आई...
मैं: क्या हुआ?
मोसी: कुछ नहीं कुछ नहीं। अच्छा मैं तुझे फिर जीनी बुलाऊं या गोलू?
मैं: आपका हुकुम मेरे आका।
मोसी हस्ती हुई : अब तू आका आका बुलाएगा तो मैं जीनी ही बुलाऊंगी फिर।
मैं: ठीक है मेरे आका।
मोसी ने मेरे गालों पर एक किस किया और बोली : थैंक्यू मेरे जीनी, आज मैं खुश हूं काफी, इतने दिनो बाद जैसे इतना खुश हुई है ऐसा लग रहा है।
मैं: इसमें थैंक्यू कैसा..आपको जो भी चाहिए हो आप अपने जीनी से मांग सकती हो बिना थैंक्यू के।
मोसी सोचते हुए : उम्मम्म क्या मांगू क्या मांगू।
मैं अपने मन में : लोड़ा मांग लो मोसी, अभी दे दूंगा तुम्हे घोड़ी बना कर।
Fantastic updateमां का दूध छुड़वाने से चुसवाने तक का सफर : पार्ट 62
मोसी : मुझे चॉकलेट आइसक्रीम खानी है जीनी।
मैं: उसमे क्या अभी ऑर्डर कर देते हैं।
मैनें अपना फोन निकाला और 3_4 आइसक्रीम ऑर्डर कर दी ऑनलाइन। आइसक्रीम को आने में अभी आधा घण्टा लगना था तो मैं बोला : आइसक्रीम आ जाएगी अभी मेरे आका, और बताओ।
मोसी : और और...क्या मांगू कुछ समझ नहीं आ रहा।
मैं: एक बनियान मांग लो।
मोसी : क्या?
मैं: मेरा मतलब एक ब्रा मांग लो।
मोसी : चुप बदमाश, तुझे किसने कहा मुझे ब्रा चाहिए?
मैं: आपने डाली नहीं ना, सुबह जब बाथरूम से निकले थे तो सारी ब्रा अपने वापस रख दी थी और अब जब आपको उठाया तो मुझे लगा के आपने नहीं डाली।
मोसी : हां तो वो टाइट थी ना सारी।
मैं: हां आपके ज्यादा बड़े दूध है मोसी, मां से, इसलिए आई नहीं उनकी ब्रा आपको।
मोसी शरम से मुंह नीचे करके : तु पागल है, मोसी से कोई ऐसी बात करता है।
मैं: फिर क्या हुआ मोसी , क्या सच में बड़े नहीं है आपके दूध?
मोसी शर्म से हल्का सा हस्ती हुई : हां है तो ऐसे थोड़ी एकदम बोलते हैं पागल।
मैं: मैं तो ऐसे ही बोल देता हूं मोसी, मां से भी।
मोसी : हां पता है वो तो, तु क्या क्या बोल देता है अपनी मां को, तु बोलने के बजाए दूध पीने के पीछे भी पड़ गया था वो भी पता है मुझे।
मैं: हां तो मैं आपको मां ही मानता हूं ,इस लिए बोल दिया बस।
मोसी : हम्मम, ठीक है, पर आगे से ऐसे मत बोलना खासकर किसी और के सामने।
मैं: मतलब जब कोई न हो तो बोल सकता हूं मैं?
मोसी हस्ती हुई : तुझे समझाना तो पागल हो जाना ही है, ठीक है बोल लिया कर बस, क्या ही बहस करूं अब तुझ्से।
मैं: अच्छा मोसी एक बात पूछूं आपसे?
मोसी : हां पूछ?
मैं: मोसी आपके मां से इतने बड़े बड़े क्यूं है ये?
मोसी शर्म से हस्ती हुई : वो बस दीदी के भी पहले इतने बड़े बड़े ही थे पर ...
मैं: पर क्या?
मोसी : पर तूने बचपन में उनका इतना दूध पिया के वो मुझसे छोटे लगने लगे।
मैं: हां पर मोसी आपके भी तो 2 बच्चे हुए तो उन्होंने भी तो पिया, फिर भी ये इतने बड़े बड़े।
मोसी : हां पिया, पर उन्होंने तेरी तरह इतने लंबे टाइम तक नहीं पिया ना, जो दीदी जितने ठीक ठाक हो जाएं।
मैं: तो आपके ठीक नहीं हैं क्या?
मोसी: ठीक तो है, पर इसमें अभी दूध भरा है काफी ...और अब अपनी छाती पर इतना वजन लेकर कोन घूमना चाहेगा भला, तेरी छाती पर इतना दूध लटका दूं तो क्या तु अच्छे से जी सकेगा।
मैं: हां वो तो है।
मोसी: अच्छे तो लगते हैं बड़े बड़े पर ये उन्ही को पता होता है जिनके होते हैं।
मैं: हां मोसी सही कहा, मेरे होते ना तो मैं तो खाली कर देता।
मोसी हसने लगी और बोली : चल पागल कहीं का, कैसे कर देता खाली भला?
मैं: उसका दूध किसी को पिलाकर
मोसी: पर अब जहां से दूध आता है वो बंद ही हो जाए जगह तो कैसे पिलाता?
मैं: तो जो जगह एक बार बंद हो सकती है वो दोबारा भी तो खोली जा सकती है ना मोसी। अब आप ही बताओ जिंदगी भर इतना वजन उठाने से अच्छा अगर किसी को दूध पिलाकर थोड़ा भी वजन कम होता हो तो वे बेहतर है या यूंही रहने देना।
मोसी सोच में पड़ कर : पीला कर वजन कम कर देना।
मैं: तो फिर।
मोसी : पर अब आता तो नहीं ना इनमे से दूध..
मैं: वो तो मोसी आजकल टैबलेट्स आती हैं , खाओ और हार्मोन्स लेवल बढ़ा कर फिर कोशिश करो निकालने की ।थोड़े दिनों में लगातार सक्शन से होल्स ओपन हो जाते हैं...
मोसी : क्या...सच में?.....तुझे बड़ा पता है सब... तु डॉक्टर बनेगा क्या?
मैं हसने लगा और बोला : अरे नहीं नहीं मोसी, ऐसी बात नहीं है।
मोसी : तो फिर........अच्छा कहीं तु दीदी को वो गोलियां तो नहीं खिला रहा ना चुपके से।
मैं: क्या मोसी, कैसी बाते कर रही हो आप
मोसी : सच सच बता दे।
मैं: अरे वो मैं अपनी तरफ से कुछ नहीं खिला रहा उन्हें वो तो....
मोसी : वो तो क्या?
मैं: कुछ नहीं छोड़ो ना आप।
मोसी : ऐसे कैसे, मैं दीदी से बात करूंगी।
मैं: अरे मोसी, वो मां खुद ही खा रही है अपनी मर्जी से।
मोसी : अपनी मर्जी से क्यूं?
मैं: वो मैनें उनका दूध पीने के जिद्द की थी ना तो...
मोसी : ओह अच्छा.....
मैं: हां।
मोसी : अच्छा एक बात तो बता
मैं: क्या?
मोसी : क्या सच में हुआ फिर दीदी का दूध का रस्ता चालू?
मैं: नहीं मोसी, अभी तो वो ....थोड़ा...वो आपकी....
मोसी: क्या बोल रहा है ...सही तरह बोल ना।
मैं: मतलब अभी तो वो ज्यादा चूसने का मोका भी नहीं मिला और मैनें और मां ने सोचा था के मिलकर ट्राई करेंगे दिन में जब पापा ऑफिस चले जाते हैं ...पर
मोसी : पर क्या?
मैं: पर फिर अगले दिन आप आ गए और आपके सामने मां ने मुझे ऐसा चूसने को मना कर दिया।
मोसी : ओह अच्छा...
मैं: हां, आप उनसे मत कहना कुछ।
मोसी : हां नहीं कहूंगी, पर दीदी ने मुझे कुछ बातें तो बताई थी पर ये नहीं बताया के दवाई खाई और ऐसे ऐसे, मुझे लगा तूने बाद में जिद्द छोड़ दी होगी।
मैं: नहीं वो...
मोसी : क्या वो?
मैं: मेरा दिल है मां का दूध पीने का, बस तो मैं पीके रहूंगा।
मोसी हस्ती हुई : हां जिद्दी जो ठहरा। मां को भले तकलीफ हो इस से।
मैं: नहीं इसमें तकलीफ कैसी, बल्कि उन्हें तो मजा आ रहा है।
मोसी हस्ते हुए : मजा, कैसा मजा?
मैं: मतलब , उनका दूध निकलेगा तो हल्का महसूस होगा ना, तो मजा तो आएगा ही
मोसी : अच्छा अच्छा वो...ठीक ठीक...अच्छा मतलब अगर मैं ना आठ 2_3 दिन से तो अब तक तो शायद तु दीदी का दूध निकाल भी चुका होता।
मैं: निकाल भी चुका होता ...अरे पी भी लिया होता अब तक तो।
मोसी हसने लगी और बोली : मतलब मैं तुम दोनों मां बेटे के दूध पिलाने, पीने के बीच आ गई।
मैं: अरे नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है मोसी।
मोसी : हां ऐसा ही है शायद, मैं कल ही चली जाती हूं अगर ऐसा कुछ है तो।
मैं: अरे नहीं नहीं मोसी, मां ने तो बस आपके सामने चूसने से मना किया है पर जब आप इधर उधर होती हैं तो वो चुसवा देती है मुझे।
मोसी हसकर बोली : सच में?
मैं: हां, अच्छा आपको यकीन नही आता तो दिखाऊं आपको?
मोसी: वो कैसे दिखाएगा?
मैं: आप एक काम करो, नीचे जाओ और मां से कहो के "दीदी मैं बाथरूम जा रही हूं, पेट में गड़बड़ लग रही है" और फिर मां से आंख बचाकर ऊपर आ जाना।
मोसी : मतलब?...ऐसा करने से क्या होगा?
मैं: अरे आप जब ऐसा करोगे तो मैं मां को मैसेज करके ऊपर बुला लूंगा और आप वहां अंधेरे में छुप कर देख लेना, मां कैसे मुझे दूध पिलाती है।
मोसी: बड़ा चालाक है रे गोलू तु तो.....मुझे तो अभी भी नहीं लगता के दीदी तेरे मैसेज करने पर ऊपर आएगी...
मैं: अच्छा आप शर्त लगा लो , आपको यकीन नहीं आता तो।
मोसी: ठीक है लगी शर्त।
मैं: अगर हार गए तो क्या दोगे?
मोसी: जब हारूंगी तो ना, देख लिओ दीदी ऊपर ही नहीं आएगी।
मैं: तो आप शर्त लगा लो ना।
मोसी: ठीक है ठीक है, हार गई तो जो कहेगा करने को वो कर दूंगी बस।
मैं: पक्का?
मोसी: हां बाबा पक्का।
मैं: तो फिर अगर हारी तो आपको मुझे अपना दूध पिलाना पड़ेगा।
मोसी हसने लगी और बोली: पागल हो गया है क्या तु, एक तो बोल रहा है के मां ऊपर आकर दूध पिएगी, और उस पर से शर्त में मेरा भी दूध पीने की बात कर रहा है, ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला बेटा, ना तेरी मां आएगी और ना ही मैं तुझे पिलाने वाली।
मैं: आप हां या ना कहो मोसी, बाते मत करो
मोसी : चल ठीक है पिलाऊंगी, और अगर तू हार गया तो?
मैं: आप जो कहोगी वो करूंगा।
मोसी: चल ठीक है मैं जितने के बाद ही तुझे बताती हूं फिर।
मैं: ठीक है जाओ फिर आप नीचे।
मोसी : हां, जाती हूं।
फिर मोसी सीढ़ी उतर कर नीचे चली गई।