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Romance मां का "दूध छुड़वाने से चुसवाने" तक का सफर

Mosi ka Number lagaya jaaye ya nahi?


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Gokb

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Bahut badhiya update diya hai apne
 
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sahilgarg6065

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मां का "दूध छुड़वाने से चुस्वाने" तक का सफर : पार्ट 7
मोसी : देख गोलू बेटा, दीदी अब कोई बच्ची तो हैं नहीं जो किसी खिलौने से या खाने से खुश हो जाए पर हां उन्हे मूवीज देखना पसंद था थिएटर में तेरे पैदा होने से पहले। हम मिलके मूवीज देखने जाया करते थे पर फिर शादी के बाद तो कभी सोचा भी नहीं इस बारे। तुझे तो पता ही है अपने मौसा और पापा के बारे में , वो तो कभी नहीं दिखाने ले गए हमे। बस शादी करली, बच्चा कर लिया और लो जी हो गया।
मैं: ठीक है मोसी, और बताओ ना मां शादी से पहले क्या क्या किया करती थी अपनी पसंद का?
मोसी : ओर और, रुक सोचने दे मुझे।
मोसी यूंही 1-2 मिनट सोचती रही और बोली : हां, वो उन्हे ड्रेसेज डालने का घूमने फिरने का शौंक था, पर शादी के बाद तो वही सलवार कमीज और सूट में फसकर ही रह गई हम दोनों।
मैं: हां, वो तो है।
मोसी : और दीदी पहले तो एक दम पतली हुआ करती थी, तेरे पैदा होने के बाद तो मोटी हो गई हैं और मैं भी मोटी हो गई हूं।
मैं मोसी को पूछ तो मां के बारे में रहा था पर मोसी बता अपने बारे में भी रही थी। पर मैनें ज्यादा उन पर ध्यान ना देते हुए, मां पर ही अपना पूरा फोकस रखा और उनसे और बातें पूछता गया।
मोसी : और तो अभी याद नहीं, जब याद आएगा तब बता दूंगी।
मैं: ठीक है मोसी, थैंक्यू।
मोसी : वैलकम गोलू, और हां, मां को खुश करते करते मोसी को मत भूल जाना।
मैं हसने लगा और बोला : हां मोसी आपको कैसे भूल जाऊंगा। आप तो मेरी मदद कर रही हो इतनी।
मोसी : हां , ठीक है चल रखती हूं, तु ये ट्राई करना और फिर बताना मुझे क्या रहा।
मैं: ओके मोसी जरूर, बाए।
मोसी ने फोन रख दिया और मैं अब मां के बारे में सोचने लगा के मां को ड्रेसेज डालना और मूवीज देखना पसंद है ओर आज तक मुझे ये पता ही नहीं चला। शायद हमे पापा कभी मूवीज दिखाने नहीं ले गए, इसी लिए।
मैं छत से नीचे आया और मां के पास जाकर उनसे कहा : मां, आप रेडी हो जाओ, कहीं जाना है।
मां : कहां जाना है?
मैं: एक सरप्राइज है आपके लिए
मां : सर्प्राइज वो भी मेरे लिए, किस खुशी में?...आज तो मेरा बर्थडे भी नहीं है।
मैं: बस यूंही।
मां : पहले बता फिर रेडी होऊंगी।
मैं: सरप्राइज़ भला कोन बताता है।
मां : हां, पर ये तो बता कहां जाना है, तभी उस हिसाब से कपड़े डालकर आऊंगी ना।
मैं: आप ऐसा समझ लो के पापा ने बुलाया है आपको, किसी फंक्शन पर जाना है उनके साथ।
मां : ओ अच्छा, तो सीधा बोल देता ना पापा का फोन आया था।
मैं: नहीं नहीं, आप ये सब छोड़ो अभी और फटाफट त्यार हो जाओ।
मां : हां ठीक है।
मां ये कहते ही अंदर कमरे में घुस गई और शायद बाथरूम मे जाकर नहाने लगी। मैं भी अपने कमरे में गया और तैयार होने लगा। तैयार होकर बाहर मां के रूम के पास गया और मां को आवाज लगाई : मां, हो गए आप रेडी?
मां रूम के अंदर बने बाथरूम में से बोलो: हां, बेटा, बस आई नहाकर 2 मिनट में।
मैं मां की आवाज सुनकर उनके रूम में घुसा तो देखा सामने बैड पर एक लाल रंग का सलवार सूट और उसके साथ मां के वो फोम वाले पैडिड ब्रा और पैंटी पड़े थे। उफ्फ क्या लग रहे थे वो, उन्हे यूंही बैड पर पड़ा देखकर मेरा मन महक गया तो सोचो अगर मां को उन्हे पहने हुए देख लेता तो लोड़ा पागल ही हो जाता। मैनें बाथरूम का दरवाजा अभी भी बंद देखकर वो ब्रा को उठाया और अपने नाक पर लगाकर उसे सूंघा। आहा क्या खुशबू थी मां के बूब्स की। मन तो किया के लोड़ा बाहर निकाल कर वहीं शुरू हो जाऊं, पर सवाल यहां मिलने वाली मस्त माल जैसी मां का था, तो जल्दबाजी करना अच्छा फैसला ना था। मैनें उसे सूंघकर वहीं बैड पर रखा के बाथरूम के दरवाजा बिल्कुल हल्का सा खुला और मां उसमे से अपना चेहरा बाहर की ओर निकालकर मुझे देखकर बोली : हो गया तु रेडी?
मैं: हां मां, आप भी हो जाओ।
मां : हां, तु बाहर जा रूम से , वो बाथरूम गिला था इसलिए मैनें सोचा आज रूम में ही चेंज कर लूंगी।
मैं: तो करलो मां।
मां : चल बाहर जा तु, मैं आती हूं।
मैं ओके कहकर बाहर चला आया और बाहर आते ही कटक की आवाज से मां ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और कपड़े डालने लगी। आज पहली बार ही होगा के मां के शरीर का दीवाना होने के बाद मैनें उनके ब्रा पैंटी को देखा हो और यहां तक के सूंघा भी था।
मैं बाहर जाकर सोफे पर बैठ गया और करीब 10 मिनट बाद मां आई और बोली : मैं तो हो गई तैयार, तु पापा से फोन पर पूछ तो सही वो कब आ रहे हैं तैयार होने?
मैं: वो आप चलो तो सही , आ जाएंगे वो भी।
मां : उनके कपड़े तो निकाल कर रख दूं, कोन से डालकर जाएंगे, पूछना तो पड़ेगा ना।
मैं: अरे आप मेरे साथ चलो, फिर पूरी बात बताता हूं आपको पापा की।
मां : क्या?
मैं: आप पहले चलो तो।
फिर मैं ओर मां घर से बाहर निकले और जैसे ही मां बाइक पर बैठने लगी के सामने से दीदी आ गई और मां को बोली: आंटी आप कहीं जा रहे हो क्या?
मां : हां, वो इसके पापा का कॉल आया था, कोई फंक्शन है तो जा रहे हैं, क्या हुआ?
दीदी : कुछ नहीं बस काम था आपसे एक
मां : बोलो।
दीदी : चलो आप हो आओ, जब वापस आओगे तो मुझे फोन कर देना, मैं फिर आ जाऊंगी।
मां : अरे बोलो ना, कुछ जरूरी है तो।
दीदी : नहीं आप हो आइए, मैं चलती हूं।
मां : चलो ठीक है, मैं आकर मिलती हूं तुमसे।
दीदी चली गई और मैं मां को घर से आसपास वाले थिएटर्स को छोड़ कर दूर बने एक थेटर में ले गया और बाहर बाइक रोकी तो मां बोली : ये क्या, यहां पर है फंक्शन?
मैं: अरे मां, ये सर्पाइज था आपके लिए, आपको मूवी दिखाने लाया हूं में, ओर पापा का कोई फंक्शन नहीं है।
मां हैरान होकर : क्या?
मैं: हां मां, मैं तो बस आपके साथ थोड़ा सा बाहर वक्त बिताना चाहता था तो सोचा क्यूं ना मूवी देख ले। वैसे भी आप घर पर ही रहते हो , बाहर भी नहीं निकलते ज्यादा, तो सोचा बस।
मां : हां वो तो ठीक है पर बेटा तेरे पापा?
मैं: अरे मां आप उनकी फिक्र ना करो , उनके घर आने से पहले हम पिक्चर खत्म करके घर पहुंच जाएंगे।
मां : ठीक है, वैसे थैंक्यू गोलू, मैं सच में बहुत सालों बाद कोई मूवी देखने आई हूं सिनेमा में।
मैं: इसमें थैंक्यू कैसा मां, आओ चलो।
फिर हम दोनों अंदर गए और दोपहर का शो होने के कारण कोई हाउसफुल तो कहीं था ।बस यही कोई कॉलेज के लड़के लड़कियां और कुछ कपल्स आए हुए थे। हम ने टिकट ली और हाल में जा बैठे। कॉर्नर की दो सीट छोड़ कर हमे दो सीट मिली। हमारे दोनो बगल में कॉलेज लवर्स बैठे थे ये हमे फिल्म शुरू होने के कुछ मिनटों बाद पता चल गया।
मां बहुत खुश लग रही थी आज और मुझे फिर से उन्होंने थैंक्यू कहा। करीब 5 मिनट बैठने के बाद हाल की लाइट्स डिम हो गई और पिक्चर शुरू हुई। मैं तो बस मां को खुश करने के बहाने से लाया था के इसी बहाने मां से वो दूध पिलाने की बात कर दूंगा और खुशी खुशी में होने के कारण वो हां भर देंगी शायद। पर यहां किस्मत कुछ ज्यादा ही अच्छी थी जिस कारण पिक्चर रोमेंटिक निकली और ये तो मानों सोने पे सुहागा हो गया।
 

sunoanuj

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मां का "दूध छुड़वाने से चुस्वाने" तक का सफर : पार्ट 8

मां ओर मैं मजे से पिचर एंजॉय कर रहे थे के करीब 15 मिनट बाद ही एक किसिंग सीन आया जिसे देख कर मैनें मां की तरफ अपना चेहरा घुमाया। मैनें जैसे ही मां को देखा तो वो मुझे ही देख रही थी और फिर शर्म से हम दोनों ने ही एक दूसरे से नजरे हटाकर सामने कर ली। फिर धीरे धीर वक्त बीतता गया और एक लड़का हमारे साथ वाले बैठे कपल्स को बर्गर देने आया तो मैंने भी मां से पूछा : मां, आप क्या खाओगे?
मां : कुछ भी मंगा ले गोलू।
मैनें उस लड़के से 2 बर्गर और 1 लार्ज पॉपकॉर्न मंगवाया। 5 मिनट बाद वो हमारा बर्गर लेकर आया। फिर हम बर्गर खा कर पिचर एंजॉय करते रहे और मां ने फिर पॉपकॉर्न भी खाना शुरू कर दिया। मां ने पॉपकॉर्न का बॉक्स पकड़ा हुआ था और मैं भी उसमे से उठा उठा कर खाने लगा। फिर करीब आधे घंटे बाद एक और रोमांटिक सीन आया और हमारे आगे सीट पर बैठे एक लड़के ने थोड़ी ऊंची आवाज में कहा अब शुरू होगी असली पिचर तो।
फिर जो हुआ उसको तो मैनें एक्सपेक्ट भी नहीं किया था। असल में मुझे कोई इतना पिचर का शौंक था नहीं और ना ही कभी इतना सिनेमा घरों का पता था के कोनसा बढ़िया है और कोन सा घटिया। हुआ यूं की जिस दूर वाले सिनेमा में मैं मां को लेकर आया वो कोई मामूली सिनेमा नहीं बल्कि एक बी ग्रेड यानी की ठरकी मूवी वाला सिनेमा था। वहां की थोड़ी साफ सफाई वगैरा देख कर मैनें ये एक्सपेफ्ट ही नहीं किया था के ये ऐसा भी होगा। ओर उसी वक्त जिस पिचर की हमने टिकट ली थी वो पिचर बंद हुई और दूसरी ठरकी पिचर शुरू हो गई जिसे देख कर मैं ओर मां हैरान होकर एक दूसरे को देखने लगे। मां ने उसी वक्त मेरे कान के करीब आकर कहा : गोलू, ये क्या दिखाने ले आया तु मुझे?
मैं: सॉरी मां, मुझे नहीं पता था के ये ऐसा कुछ होता है यहां।
मां : सच सच बता तूने जान बूझ कर तो नहीं किया ना ये।
मैं: नहीं मां सच में , मैं तो किसी को पता ना चले इस कारण आपको घर से थोड़ी दूर पिचर दिखाने ले आया।
मां : हम्म्, चल घर चलते हैं।
मैं: हां मां।
और मैं जैसे ही उठा थोड़ा सा के पीछे से एक आवाज आई : बैठ जा आशिक , अब तो पिचर शुरू हुई है। ये आवाज ऐसी थी जैसी कोई गुंडा मवाली हो। मां जो उठने ही वाली थी वो तो ये आवाज सुनकर मुझे भी बिठाने लगी और उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया कस के। फिर हमने अपने आसपास घूम कर देखा तो सारे हंसों के जोड़े पिक्चर के साथ साथ मजे कर रहे थे। बस अंदर एक हल्की सी रोशनी थी और सिसकियों की आवाजें।
मां फिर मेरे कान के करीब आई और बोली: बेटा गोलू, क्या करें अब।
मैं: मां साइड से निकलने की कोशिश करते हैं नीचे झुककर।
फिर जैसे ही मैं साइड से जाने लगा के साथ बेटा कपल पूरी फॉर्म में एक दूसरे से लिपटे हुए ओर किस कर रहे थे। इनकी इस किस ने तो दूसरे के जाने का रास्ता ही बंद कर दिया था। मेने जैसे तैसे करके उस भाई से कहा : अरे भाई हटना तो जरा, हमे जाना है।
तो वो बोला : अरे क्या हुआ दोस्त, इतनी मस्त मिल्फ्फ ले रहा है, मजा कर मजा।
ऐसा बोलते ही वो फिर से अपनी बंदी के साथ लग गया और मां मुझसे फिर पूछने लगी के ये क्या बोल रहा है गोलू, मिलफ क्या होता है? ये मुझे मिल्फफ क्यूं कह रहा है।
मैनें मां के कान में कहा : मां दरअसल यहां शायद सारे आशिक ही आते है ये सब मजे करने और ये समझ रहा है के हम दोनो भी लवर्स हैं तो इसलिए बोला के मजे कर।
मां : और ये मिलफ्फ क्या होता है?
मैं: छोड़ो मां वो अभी, आपको बाद में बताऊंगा।
फिर हम दोनो के पिचर देखने के अलावा कोई और चारा तो था नहीं तो हम सीधा बैठ कर सामने देखने लगे और उसके खत्म होने का वेट करने लगे। मुझे लगा था के मां पिक्चर देख कर शायद गर्म हो जाएगी और मेरी चांदी हो जाएगी। पर ऐसा हुआ नहीं। मां पिक्चर देखने के बजाय मेरे हाथ कस कर पकड़ कर मेरे कान में बोली : गोलू, बेटा प्लीज कुछ कर, चलते हैं यहां से, मुझे बाथरूम भी आई है , कुछ कर ना।
मां को ऐसे देख मुझे भी अच्छा नहीं लगा और मैं सोचने लगा के क्या करूं तो मैं फिर से उस लड़के से बोला : भाई सुनो, यार मेरी फ्रैंड को बाथरूम लगी है यार समझा कर एक बार के लिए रास्ता देदे।
तो वो बोला : सुन भाई, चल मैं रास्ता दे भी दूं अगर तो ये आगे बैठे लोगों से केसे मांगेगा रास्ता , गाली देंगे तुझे सब और ऊपर से उनका मूड खराब हो गया तो पता नहीं क्या क्या। भाई मैं यहां आता रहता हूं और जब मूत लगी हो ना तो सीधा नीचे कर देने का, ये सब तो यहां आम है, साफ कर देते हैं ये, इन्हे पता है बंदे बंदी आते हैं , रोमांस करते हैं तो मूत और माल तो छूटता ही है।
मां भी ये सब कान खोल कर सुन रही थी और जैसे ही मैं मां की तरफ मुड़ा तो मां बोली : मैं नहीं यहां पर करने वाली और ये क्या तूने उसे कहा के मैं तेरी सहेली हूं।
मैंने मां के कान में कहा : मां ऐसा ना कहता तो वो हमारे बारे में पता नहीं क्या क्या सोचता, तो बस बोल दिया।
मां : हां ठीक है, अब जल्दी से चल यहां से मुझसे और बर्दास्त नहीं होगा ये बाथरूम।
मैं: मां, मैं क्या कर सकता हूं इसमें अब, प्लीज थोड़ी देर और कंट्रोल करलो फिर इंटरवल में ही घर चलेंगे।
मां : ठीक है कोशिश करती हूं।
करीब 15 मिनट और बीत गए और मां से जब कंट्रोल ना हुआ तो वो बोली : गोलू, बेटा , मुझसे अब और नहीं रुका जा रहा, कुछ कर।
मैं: मां समझो प्लीज, यही नीचे कर लो, अगर बीच में हो गया तो बाहर जाते वक्त सबको पता चल जाएगा।
मां से जब बिलकुल ना रहा गया तो वो मान गई और अपने लैफ्ट में बैठी लड़की और उसके साथ कॉर्नर में बैठे लड़के को देख कर बोली : गोलू, बेटा, ये तो कुछ नहीं कहेंगे ना।
मैं: अरे मां, आप चिंता ना करो वो तो वैसे भी अपने में गुम हैं , आप कर लो।
 

Dharmendra Kumar Patel

Nude av or dp not allowed. Edited
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Fuck_boy

Love is in the air.
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