चलिए कहानी को आगे बढ़ाते हैं। अनुराधा जो की प्रमिला की बेटी है, 24 की हो गई है, निहायत ही खूबसूरत है जैसा की एक जवान सेक्सी और कातिल औरत को होना चाहिए सब तरफ से परफेक्ट, लेकिन उसको अभी तक किसी ने छुआ नहीं है एकदम untouch माल हैं, जवानी झूम के आई हुई है, चाल में अल्हड़पन जोबन पर जबरदस्त उठान गदराई जवानी, चूत भी अब बहुत हिचकोले खाने लगी है जल्द ही कोई गबरू लंड नहीं मिला तो बेचारी भरी जवानी में चूत की प्यास से दम तोड देगी। शर्मीली इतनी कि दिल की बात भी किसी से न कह सके। लंड की विरह वेदना को झेलती हुई जीने को मजबूर हमारी दूसरी नायिका, पहली तो स्वाति है ही। अभी प्रमिला साइड लाइन है।
अनुराधा के लिए शादी की बात चल रही है लगातार और एक रिश्ता सबको पसंद आ जाता है करीब ही के शहर में रहते हैं लड़का अच्छा कमाता है घर का आलीशान मकान है कार है और सर्व सुविधा युक्त घर, सास ससुर सौम्य, दो बड़ी बहनें हैं दोनों की शादी हो चुकी है, अभी बस इतना परिचय काफी है समय आने पर जिसकी जरूरत होगी उसके बारे में बताया जायेगा। शादी सिर्फ पन्द्रह दिन बाद ही है क्योंकि लड़के वालों को जल्दी है।
अब चूंकि अनुराधा कैसी है प्रमिला को पता है इसलिए वो स्वाति को जिम्मेदारी सौंपती है कि वो अनुराधा को सब सिखाए पढ़ाए।
प्रमिला देख स्वाति अब अनुराधा की शादी है 15 दिन बाद मगर वह कुछ भी नहीं जानती है शादी के बाद क्या क्या होता है तो मैं मेरी जान तुझको ये जिम्मेदारी सौपती हूं कि तू उसे सब समझा तरीके से।
स्वाति पम्मो क्या उसे उतना ही बताना है कितना एक शरीफ दुल्हन को पता होना चाहिए या उसे ये भी बताना है कि उसके जैसे करते माल को जवानी का मजा कैसे लेना है।
प्रमिला देख स्वाति तूने और मैने जवानी के गोल्डन साल शर्म और भोलेपन में गवां दिया जब हम अपनी उफनती जवानी का लुत्फ उठा और लूटा सकते थे तब हमने घूंघट में रह कर बिता दिए, में चाहती हूं मेरी बेटी तेरी और मेरी तरह यूं अपनी जवानी को जाया न होने दे, उसे कम से कम अभी इतना सीखा देना कि सिर्फ एक लंड के सहारे जवानी की प्यास नहीं बुझ सकती है और ना ही ये कातिल जवानी काटी जा सकती है , मगर एक बात और सीखना की घर के बाहर बिलकुल भी मुंह न मारे और जो भी सुसराल या यहां मायके में मर्द पसंद हो उसके बारे में तुझे बताए फिर तू और मैं मिलकर उस बेचारी की चूत को वो लंड परोसेंगी।
स्वाति बोली हाय मुझे ऐसी मां क्यों नहीं मिली मैं भी आज कई लंड की मालकिन होती।
प्रमिला चल अब भी कोई देर नहीं हुई है मैं हूं ना तेरा सब उद्धार करूंगी।
स्वाति मारे खुशी के प्रमिला के गले लग गई और उसके होठों को चूमने लगी , प्रमिला भी लग गई और दोनों बहुत passionately एक दूसरे को smooch करने लगीl जोरों से एक दूसरे के बूब्स जोरों से दबाती हुई sssuu सुऊ aaaaaahhh आआआआह्हह करने लगी। प्रमिला स्वाती के कान में बोली तू मेरी बेटी की जवानी नीरस और सिर्फ एक ही लंड वाली होने से बचा लेगी न , जैसा हम चाहते हैं उसे बनाना , उसकी खुशी और उसकी चूत की खुशहाली के लिए वैसा उसे तैयार कर देगी न मेरी बन्नो, मैं ये तेरा अहसान कभी नहीं भूलूंगी बन्नो , मेरी बेटी उसके जिस्म का 1000% सुख भोगे, जो मैं पति और समाज के डर से न भोग सकी।
जरूर जरूर जरूर मेरी पम्मी मैं बहुत सावधानी से तेरी बेटी यानी मेरी भी बेटी को तैयार करूंगी तू देखती रह ।