अब स्वाति ने अन्नू को गले लगाए हुए ही अपने हाथ उसके कुंवारे नितंबों पर रख दिए और धीरे धीरे मसलने लगी और हमारी कमसिन नाजुक कली अन्नू धीरे धीरे पिघलने लगी।स्वाति ने चूतड मसलते हुए अन्नू की दरार में एक उंगली उसकी गांड के छेद पर रखी और धीरे से कुरेद दिया, अन्नू ससीईई करती हुई बड़े जोरों से स्वाति से लिपट है और धीरे से कान में बोली maaaammmii ये क्या कर रही हो मुझे क्या हो रहा है।
स्वाति ने अब धीरे धीरे अपने दोनो हाथ आगे की ओर कर के ऊपर बढ़ाना शुरू कर दिया अन्नू की हालत खराब होना शुरू हो गई थी, अब स्वाति ने अन्नू के अनार की चोंच दोनों पकड़ ली, यही औरत का सबसे सेसिटिव अंग है जिसे मरोड़ कर उससे सब कुछ करवाया जा सकता है आप सब इस बात से सहमत होंगे।
अन्नू सिहर गई और जोर से स्वाति से लिपट गई और उसकी गर्दन पर गहरे गहरे गीले गीले चुम्बन लेने लगी, स्वाति ने चोंच को उमेठना जारी रखा, बहुत सी बूंदें अन्नू की चूत से टपकने को बेताब होने लगी, अन्नू बोली मामी नीचे कुछ कुछ हो रहा है मामी बोली कहां अन्नू बोली नीचे ना समझों न आप तो सब जानती हो, स्वाति अच्छा उसका नाम तो तुझे पता है न बन्नो , अन्नू ने हां में सिर हिलाया , कैसे पता है वो कॉलेज में सहेलियों को बोलते सुना है कभी कभी मगर मैने कभी जताया नही उनको।
अच्छा तो मेरी बन्नो भी कुछ कम नहीं है मैं तो निरी समझती थी, चल अब नाम लेकर बता कहां क्या हो रहा है री।
अन्नू मुझे शर्म आ रही है,
वही तो तोड़नी है मेरी बुलबुल की।
नहीं मामी मुझसे नहीं होगा।
स्वाति तो फिर मैं चली, ऐसा बोलकर स्वाति ने चूचे छोड़ दिए और अन्नू को अपने से अलग करने लगी, अन्नू ऐसा क्या करती हो मामी रुको बोलती हूं, और स्वाति को जोर से चिमटा लिया खुद से, स्वाति ने फिर से चोंच को उमेठना शुरू कर दीया, अन्नू हाय हाय कहती हुई कान के पास जाकर बोली वो है न मामी वो जो नीचे च च चू और इतना कह कर बोलना रोक कर स्वाति के होठों को एकदम से चूसने लगी , पता नहीं कहां से उसे ये instict मिली वो भी नहीं जानती और अपने आप स्वाति के होठों को लपक लिया स्वाति भी उसको सब करने देती रही अपनी तरफ से कुछ नहीं किया, थोड़ी शांत होकर उसने होठ छोड़े , तब स्वाति बोली अब जरा नीचे का हाले बयान करेगी मेरी बन्नो, अब अन्नू पूरी मस्ती में आ चुकी थी वो तुरंत बोली, मेरी चूत में नीचे खलबली मची है कुछ गीला गीला टपक रहा है और मेरी सुंदर मामी को मेरी जरा भी परवाह नहीं है। और वो सिसकने लगी।
जरा देखूं मेरी लाडो को कहां क्या हो रहा है और ऐसा कहकर पहले उसकी कुर्ती और फिर सलवार खोलकर नीचे गिरा दी , अन्नू अंदर से पूरी नंगी थी रात को नहीं पहन कर सोती थी, अन्नू शर्म से मर गई मामी आप तो पूरी ढंकी और मुझे,,,, इससे आगे वो कुछ कहती स्वाति ने फटाफट सारे कपड़े उतारे और नंगी होकर अन्नू को खुद से चिपका लिया, कुंवारा बदन स्वाति को बहुत सुकून दे रहा था, वो बड़ी देर तक उसको बांहों में भरकर अपनी चूत को बहाती रही। कम से कम दस मिनिट बाद उसे होश आया उसने अन्नू को पलंग पर बिठाया और उसकी टांगें चौड़ी कर के चूत को देखने लगी, अभी वो आगे बढ़ती कि उसे कुछ याद आया, वो बोली अन्नू तुम नीचे जमीन पर पलंग से टेक लगा कर बैठो मैं अभी आई, अन्नू बोली कहां ,, स्वाति बोली तुम्हारी चूत अनछुई और एक दम नई नकोर है इसका पहले स्वागत सत्कार करना पड़ेगा इसको छूने से पहले।
ऐसा कहकर स्वाति ने नग्न अवस्था में ही कमरे का दरवाजा खोला और बाहर से थाली जैसी उसने प्रमिला को बोली थी वो अंदर लेकर तुरंत ही लॉक कर दिया।
अब अन्नू जमीन पर बैठी है स्वाति उसके पास गई और उसके दोनो घुटनों को ऊपर छाती की तरफ मोड़कर पूरी तरह पैरो को चौड़ा कर दिया और बोली जब तक मैं न कहूं ऐसी ही बैठी रहना, अन्नू बहुत गीली चूत लिए भारी सांसों से हैरत से स्वाति को देखने लगी। स्वाति ने एक छोटी कटोरी में कंकू घोला और अपनी रिंग फिंगर से गीले कंकू से अन्नू की चूत के ऊपर की हड्डी पर एक बिंदी लगाई फिर कुछ चावल के दाने लेकर उनकी गीले कंकू पर चिपकाया, फिर एक धूप की बत्ती को जलाया और उसको अन्नू की चूत के सामने गोल गोल घुमाया और पास में ही स्टैंड लगा कर उसमे धूप को लगा दिया, सुगंधित खुशबू से सारा कमरा महकने लगा, फिर एक लच्छा यानी रंगीन धागा जिसे कलाई में बांधते है लेकर उसे अन्नू की just चूत के ऊपर कमर में बांध दिया, अन्नू सारे समय सिसियाई जा रही थी उसकी चूत से अनवरत स्त्राव जारी था जिसे स्वाति भी देख रही थी और खुश होकर मन में बोली ये है मेरी ओर प्रमिला की करारी बेटी ये जरूर कम से कम 51 लंड लेगी इसके सुसराल और पीहर को मिलाकर और जरूर अपनी मां का सपना पूरा करेगी।
अब स्वाति ने एक दिया जलाया और अन्नू की चूत की आरती करना प्रारंभ की, वो आरती करते हुए बोल रही थी, हे ताजी करारी रस से भरी हुई चूत महारानी अपनी मालकिन अन्नू देवी को सदा चोबीस घंटे गन गनाए रखना, अपनी प्यास कभी बुझने मत देना, और है चूत महारानी जब भी कोई गबरू जवान अन्नू को दिखे तो तुम तुरंत जोरों से आंसू बहाना शुरू कर देना और तब तक चुप न होना जब तक उसका लंड तुम में प्रवेश न कर जाए। हे चूत महारानी आपको शत शत नमन, आप अपनी मालकिन को बहुत बहुत बहुत सुख देना।
इतना बोलकर स्वाति ने अन्नू की चूत को साष्टांग दंडवत प्रणाम किया। फिर उठाकर मिठाई का चूत महारानी को विधिवत भोग लगाया। और फिर तीन उंगली से अन्नू की चूत को ऐसे सहलाया की उसकी उंगलियां चूत रस से सराबोर हो गई तब स्वाति ने उंगलियों को अपने सर से छोटे सम्मान दिया और उस चूत रस का प्रसाद अपने मुंह में रखकर प्रेम से चूसने लगी पूरी श्रद्धा से जैसे किसी देवी का पवित्र प्रसाद हो।
अन्नू स्वाति की तीन उंगलियां के चूत पर सहलाने से बुरी तरह मचल गई और जमीन पर वासना के अतिरेक में लुढ़क गई क्योंकि इतनी लंबी चूत पूजा से उसका धैर्य समाप्त हो चुका था। और स्वाति को पूर्ण संतोष मिला उसने जिंदगी में पहली बार एक अनछुई कोमल और सीधी सादी लड़की की चूत की पूरे मन से पूजा की थी, जिसकी उसे बहुत सालों से चाह थी जो आज अन्नू ने पूरी करवा दी थी।