दोनों बात ही कर रही थी कि तभी डोरबेल बजी प्रमिला बोली शायद मेरा बेटा रवि होगा, स्वाति रवि इतने दिनों से भरा पड़ा होगा यदि वो कुछ मुझे करे तो तुम वही रहना और उसे उकसाना मैं बोल दूंगी मामी को सब बता दिया है ताकि थोड़ा थोड़ा वो तेरी तरफ भी कामुक होने लगे , आखिर कार तुझे मैं उसे उपहार स्वरूप देना चाहती हूं अन्नू के कायाकल्प का पारिश्रमिक। स्वाति शर्म से लाल पड़ गई।
प्रमिला बोली चलो जल्दी, स्वाति तेजी से आगे चली और दरवाजा खोला सामने रवि खड़ा था वो बोला ओह मामी आप भी यहीं हो ओर आगे बढ़कर उसके पैर छुए स्वाति ने सिर पर हाथ फेर कर आशीर्वाद दिया भगवान तुझे हर वो चीज दे जिसकी तू दिल से कामना करे, और साइड में हो गई, रवि ने प्रमिला को देखा आज प्रमिला बहुत सुंदर दिखाई दे रही थी उसके चेहरे पर एक अलग ही लालिमा थी उसका सगा बेटा उसका पहला आशिक को कई दिनों के बाद उसके सामने था रवि अब एक सभ्य पुरुष के रूप में परिवर्तित हो चुका था उसके चेहरे से ही सौम्यता झलक रही थी और सेक्स अपील तो जबरदस्त हो गई थी एक दमदार मर्द जो किसी भी हसीन औरत का कचूमर बनाने में सिद्धहस्त हो चुका था अपनी मीठी आवाज और रसीली सभ्य भाषा से, क्योंकि इसी सब के लिए उसे rehabilitaion centre मे प्रमिला ने भेजा था।
प्रमिला रवि के इस रूप को देखकर एक कामुक लहर से बल खाती हुई रवि की ओर बढ़ी, रवि आज पूरे एक महीने के बाद अपनी स्वप्न सुंदरी मां को देख रहा था वहां रोज मां उसके सपने में आती थी, रवि ने मां के कठोर विशाल चूचों को देखा जो हिलोरे मार रहे थे मंद मंद गति से और प्रमिला एक वासना से भरी लचक के साथ आगे बढ़ रही थी, रवि के लंड में एक मस्ती सी छाई और कड़क होकर एक बूंद टपक गई मगर मामी के सामने उसको खुद को कंट्रोल में रखना था तो वो सादगी से प्रमिला पास गया और नीचे झुक कर चरण स्पर्श करने लगा, स्वाति बोली बेटा तेरी जगह मेरे पैरों में नहीं यहां और और अपने चूचे के ऊपर हाथ रखकर मेरे इस में है स्वाति नटखट अंदाज में बोली रवि देख कहां तेरी जगह है तेरी सगी मां के तन पर, रवि देखा मां ने लेफ्ट चूची पर हाथ रक्खा हुआ है, प्रमिला स्वाती से बोली पगली भाभी जी यहां मेरे दिल में है जगह है मेरे बेटे की क्यूं आप इसे आते ही परेशान करने लगी हो, और इतना कह कर उसने रवि को गले से लगा लिया और कस के उसके गाल पर एक सेक्सी सा चुम्बन दे दिया, रवि का लंड उफान पर आ गया वो धीरे से प्रमिला के कान में बोला मम्मी जान कुछ तो मर्यादा रखो मामी क्या सोचेगी अपने रिश्ते के बारे में कि एक मां अपने सगे से ऐसे सेक्सी तरीके से आलिगणबद्ध हो जाए तो, तब प्रमिला जोर से बोली ताकि स्वाति भी सुन सके मेरे प्यारे रवि तेरी मामी की मैं अपने दोनों के बारे में सब कुछ बता चुकी हूं, उसे कोई आपत्ति नहीं है अपने इस रिश्ते पर।
रवि थोड़ा रिलेक्स हुआ और स्वाति की तरफ मुड़कर बोला मामी आप कितनी अच्छी हो आपने मेरी मां का दुख समझा और और उनकी जवानी को सुख पहुंचाने में मां को अपने बेटे के साथ होने के लिए छूट दे रही हो, मैं नतमस्तक हूं और जाकर एक बार फिर स्वाति के पैर छुने लगा, स्वाति बोली ये सब बाद में बेटा मेरी दीदी कब से जल रही है एक ऐसी आग में जो तू ही शांत कर सकता है, पहले मेरी यौवन से भरी रस बहाती एक नदी और दूध से भरे दो अमृत कलश लिए बेचारी दीदी पर दया कर बेटा , मुझे धन्यवाद बाद में भी दे सकता है, ये सुनकर लंड में एक अजीब से हलचल लिए रवि प्रमिला की तरफ बढ़ने लगा, प्रमिला नारी सुलभ लज्जा वश सकुचाती हुई एक हाथ से आंचल को दूसरे हाथ की उंगली पर लपेटने लगी, और शर्म से भरी आंखों से सीधे रवि की आंखों में देखने लगी जिसमें वासना के लाल डोरे उभर चुके थे, रवि आहिस्ता आहिस्ता आगे बढ़ा और मम्मी को बांहों में भर कर सिसियाते हुए बोला मेरी जान मेरी प्रमिला रानी आपके लिए कितना तड़पा हूं आप नहीं जानती हो, तभी स्वाति पीछे से सेक्सी आवाज में बोली सिर्फ तू ही या तेरा और कुछ भी, रवि मां को बांहों भरे भरे ही बोला मामी आप को क्या बताऊं मेरा एक और डंडा है जो बहोत कठोर है उसने तो गदर मचा रक्खा था, हाय तो क्या अपनी नाज़ुक मां यानी प्रेमिका को अब तू अपने डंडे से दंड देगा, कितना दर्द देगा re मेरी कमसिन भोली नाजुक और चू चू , और रुक गई तब प्रमिला बोली भाभी आप पूरी बात बोलो आपको हिचकिचाने की जरूरत नहीं है मेरे आशिक रवि से, तब स्वाति बिंदास बोली बेटा रवि क्या अब तू तेरे कठोर डंडे से दंड देगा मेरी कमसिन भोली नाजुक और रस बहाती चुड़क्कड़ दीदी को, हाय दय्या कितनी छटपटाएगी मेरी दीदी , बेटा ऐसा मत करना बेचारी पहले ही अपनी जवानी के बोझ को दोनों टांगों के बीच दबाए पिछले एक महीने से अपनी गुफा को रोने से रोक नही पा रही है बेटा मैं तेरे हाथ जोड़ती हूं उसे बख्श दे, और कामुकता से हंसने लगी। इधर रवि का लंड पूरा कड़क हो कर प्रमिला की चूत को ठोकर मरता जा रहा था और प्रमिला की चूत तेजी से बह रही थी और उसकी झाँघे पर चूतारस रिसने लगा था, प्रमिला बोली स्वाति भाभी आप तो जानती हो में रवि के बिना कैसे रही हूं इन दिनों और देखो इस निर्दई को मुझे अपने डंडे से ठोकर मारे जा रहा है और मेरी छोटी सी रानी रोए जा रही है तड़प तड़प कर , आप इसे समझाओ न ये उस पर रहम पहुंचाए, ऐसा न हो मैं अपनी रानी के दर्द और तड़प से छटपटाती मर ही जानो।
तब fainally स्वाति बोली दोनों बिछड़े हुए प्रेमी युगल अपने कमरे में जाओ और जो भी करना हो करो मुझे अब शर्म आ रही है, और ऐसा कहते हुए प्रमिला को आंख मारी और हाथ से all the best का इशारा करते हुए अपने कमरे की और भाग गई।
पुनःश्च; मेरा एक निवेदन है आप सभी से कि मेरी एक और कहानी इसके साथ यहां चल रही है " मेरा अतीत और वर्तमान, चूत की अनंत प्यास," शीर्षक से , आप सभी गुणी जन उस पर भी प्यार बरसाएं और अपने अपने लंड की धार और अपनी अपनी प्यारी कोमल चुदासी चूत के रस से उसे सराबोर कर दीजिए, इतनी सी प्रार्थना है देवियों और सज्जनों से।
धन्यवाद,,