• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest मुझे प्यार करो,,,

lovlesh2002

Member
219
416
63
बहुत खूबसूरत अपडेट दिया है, दोनो कहानियों में एक नए किरदार की कहानी की पटकथा लिखी जा रही है जो निश्चय ही बेहद रोमांचक और उत्तेजक होगी, जल्दी अपडेट पोस्ट करो कहानी की गति बहुत धीमी हो गई है
 

rohnny4545

Well-Known Member
14,459
37,507
259
बहुत खूबसूरत अपडेट दिया है, दोनो कहानियों में एक नए किरदार की कहानी की पटकथा लिखी जा रही है जो निश्चय ही बेहद रोमांचक और उत्तेजक होगी, जल्दी अपडेट पोस्ट करो कहानी की गति बहुत धीमी हो गई है
Dhanyawad
 

sunoanuj

Well-Known Member
3,760
9,829
159
Bahut hi jabardast update….
 

Napster

Well-Known Member
6,272
16,457
188
अपने मामा के घर से अंकित अपनी मां के साथ बस में वापस लौट रहा था वापस लौटते समय अपने मन यही सोच रहा था कि काश बस में पहले की तरह ही भीड़ भाड़ होती और दोनों को खड़े-खड़े ही जाने को मिलता तो कितना मजा आता,,, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था दोनों समय सेपहुंच जाने की वजह से बस में दोनों को अच्छी तरह से बैठने की जगह मिल गई थी,,, दोनों एक दूसरे की तरफ चिंतित मुद्रा में देख रहे थे,, दोनों के चेहरे पर बस में जगह मिल जाने का मलाल साफ दिखाई दे रहा था,,, लेकिन कर क्या सकते थेजगह मिल गई थी तो बैठना ही पड़ता थोड़ी ही देर में बस पूरी तरह से भर चुकी थी ठीक वैसे ही भीड़ थी जैसे आने के समय की यह देखकरअंकित और उसकी मां यही सोच रहे थे कि कुछ देर बाद आती तो कितना मजा आता।






1732171997-picsay
दोनों मां बेटे को यह सफर जिंदगी भर याद कर रहने वाला था क्योंकि जो कुछ भी सफर के दौरान हुआ था इसकी दोनों ने हीं कल्पना नहीं की थी,,, बस के सफर के दौरान दोनों के बीच जिस तरह काआकर्षक और घर्षण हुआ था वह बेहद उन्माद जाकर उत्तेजित कर देने वाला था जिसे याद करके इस समय भी सुगंधा गीली हो जा रही थी,,, और बची कुची कसरघर पर पूरी हो गई थी रात में जब सुगंध पानी पीने के लिए रसोई घर की तरफ जा रही थी और वह रास्ते में ही अपने भाई के कमरे के सामने रुक गई थी क्योंकि खिड़की से वह अपने भाई और बाकी दोनों की चुदाई को देख रही थी उसे नहीं मालूम था कि इस समय उसका बेटा भी वहां आ जाएगा और वह भी ठीक उसके पीछे खड़ा होकर वही दृश्य को देख कर मदहोश हो जाएगा जिसे वह देख रही थी।




1738402599-picsay


खैर जो कुछ भी हुआ वह मां बेटे दोनों के लिए बेहद उनमादक और अतुलनीय था,, जिसे वह दोनों जिंदगी भर नहीं बोलने वाले थे लेकिन इस दौरान तृप्ति के साथ भी उन दोनों से कुछ अलग नहीं हुआ था वह भी इस रात को कभी भूलने वाली नहीं थी,,,वैसे तो सुबह-सुबह अपने भाई के मोटे तगड़े लंड के दर्शन करके वह पूरी तरह से एक स्त्रीत्व का एहसास कर रही थी पहली बार उसे एहसास हो रहा था किएक औरत होकर उसे कितना आनंद प्राप्त होने वाला है,,, अपने भाईके मुसल को देखकर ही वह पूरी तरह से आनंदित हो चुकी थी यह उसके जीवन में दूसरी बार हुआ था जब अपने भाई के लंड को देख रही थी,,, पहली बार तब हुआ था जब वह गहरी नींद में सो रहा था और दूसरी बार तब जब वह पूरी तरह से नंगा होकर अपने कमरे में कपड़ा ढूंढ रहा था,,, अंकित को नहीं मालूम था कि दरवाजे पर उसकी बहन खड़ी है ,, वह तो अपनी ही धुन में नंगा होकर कपड़े ढूंढ रहा था,,,।




1737806960-picsay

लेकिन इस दृश्य को देखकर तृप्ति का शांत मन एकदम से डामाडोल होने लगा था ऐसा लग रहा था कि मानव जैसे शांत तालाब में कोई कंकर फेंक दिया हो,,, बड़ी मुश्किल से तृप्तिइन सब से बाहर निकल पाई थी संदीप के जाने के बाद वह पूरी तरह से टूट गई थी लेकिन जैसे-जैसे हिम्मत करके वहां फिर से अपने आप को मजबूत करके खड़ी हो गई थी जब तक संदीप के साथ थी तो उसे भी ऐसा लगता था कि वह कभी ना कभी अपनी मर्यादा को लांघ जाएगी,,क्योंकि संदीप हमेशा उसके अंगों से छेड़खानी कर देता था और उसकी यह छेड़खानी उसे भी मदहोश कर देती थी एक बार तो अपनी मैडम के बर्थडे में जाने पर उसके घर पर जो कुछ भी हुआ था उसी समय वह संदीप के साथ अपनी मर्यादा को लांघ गई होती,,, लेकिन एन मौके पर किसी के आ जाने की वजह से दोनों अलग हो चुके थे,,,,,उसे समय संदीप के द्वारा उसके तन-बाद में उत्तेजना की मदहोशी का संचार बड़ी तेजी से हो रहा था और वह भी इन तरह की कल्पना में अपने आप को पिरोने लगी थी,लेकिन संदीप के एकाएक चले जाने के बाद वह धीरे-धीरे इन सब बातों से अपने आप को बाहर निकाल देती लेकिन एक बार फिर से अपने ही भाई के मर्दाना अंग को देखकर उसकी पुरानी भावनाएं फिर से जागरूक होने लगी थी,, जिसके चलते हैं उसे अपनी जवानी की आगबुझाने के लिए अपनी उंगली का सहारा लेना पड़ा था और इस खेल में उसे बेहद आनंद की प्राप्ति भी हुई थी।




1737806927-picsay
रात कोखाना खाने के लिए उसे सुषमा आंटी के घर जाना था और रात को वहीं रुकना भी था वैसे तो दिन भर जिस तरह की कल्पना उसके दिलों दिमाग पर छाई हुई थी उसे देखते हुए वह सुषमा आंटी के घर सोने के लिए नहीं जाना चाहती थी क्योंकि वह रात को एक बार फिर से अपनी जवानी की आग को अपनी उंगली से ही बुझाना चाहती थी,,, लेकिन जब सुषमा आंटी के घर गई तो खाना खाने के बाद,,, उन्होंनेबहुत जोर दिया रात को रोकने के लिए और यह भी कहा कि रात को इस तरह से घर पर अकेला रहना ठीक नहीं है तो ना चाहते हुए भी तृप्ति को सुषमा के घर रुकना पड़ा और सोने के लिए उसे सुमन के कमरे में जाना पड़ा वैसे भी सुमन बहुत खुश नजर आ रही थी,,, क्योंकि वह तृप्ति से दोस्ती बढ़ाना चाहती थी,,, और इस दोस्ती से वह अंकित के और करीब पहुंचना चाहती थी वैसे तो सुमन जानते थे कि वैसे भी अंकित पूरी तरह से उसके आकर्षण में कैद हो चुका है जैसा वह कहेंगीवैसा ही अंकित करेगा लेकिन फिर भी ज्यादा मेल जोल के लिए तृप्ति के साथ दोस्ती बढ़ाना उचित था,,।



1738402631-picsay

रात को दोनों इधर-उधर की खूब बातें की हैतृप्ति और सुमन दोनों एक दूसरे में घुल मिल गए थे दोनों को एक दूसरे का साथ बहुत अच्छा लग रहा था बातों ही बातों में सुमन तृप्ति से बोली।

कोई बॉयफ्रेंड बनाई कि नहींवैसे तो इतनी खूबसूरत है मुझे नहीं लगता कि तुझे बनाने की कोई जरूरत होगी खुद ही तेरे पीछे लट्टु बनकर घूमते होंगे मजनू,,,।
(सुमन की यह बात सुनकर उसे पर भर में ही संदीप का ख्याल आने लगा उसके जीवन में केवल संदीप ही था और वह संदीप से बहुत प्यार करती थी लेकिन शायद उसके जीवन में संदीप के साथ आगे बढ़ना नहीं लिखा था लेकिन सुमन की बात सुनकर वह थोड़ा उदास होते हुए बोली,,,)

नहीं यार इन सब के चक्कर में मैं नहीं पड़ी हूं अभी तो पूरा ध्यान पढ़ाई में है,,,।





1737806899-picsay

लेकिन तेरे बदन की बनावट देखकर तो ऐसा ही लगता है कि तू चाहे की ना चाहे 10 15 दीवाने तो होंगे ही,, सही बताना,,,।

अब मैं क्या बताऊं मुझे थोड़ी मालूम है कि मेरे पीछे कौन घूमता है मैं तो अपनी ही धुन में रहती हूं अच्छा छोड़ तू तो जरूर बनाई होगी,,।

क्या करूं नहीं चाहती हूं फिर भी लड़के पीछे पड़ ही जाते हैं,,।

अच्छा कितने बॉयफ्रेंड है तेरे,,,(तृप्ति उत्सुकता दिखाते हुए बोली)

अब तक पांच,,,(मुस्कुराते हुए सुमन बोली)

एकदम सीरियस या टाइम पास,,,।

अब क्या कहूं कुछ समझ में नहीं आता की किसके साथ सीरियस रहूं सच कहूं तो सब मुझे टाइम पास ही लगते हैं क्योंकि जितने भी बॉयफ्रेंड मिलेंगे आखिरकार सबको एक ही चीज चाहिए लड़कियों की,,, तू तो समझ ही गई होगी,,,।





1737804075-picsay

(सुमन की बात सुनकर वह शर्मा गई और शर्मा कर मुस्कुरा दे यह देखकर सुमन अपनी आंखों को नचाते हुए बोली,,,)

चल शुक्र है इतना तो तुझे समझ में आता है मुझे तो लगा कि कुछ भी समझ में नहीं आता होगा,,,।

आप इतना तो समझ में आता ही है इतना भी नादान नहीं है इसलिए तो मैं इन सब चीजों में नहीं पड़ती,, अच्छा यह बात किसी के साथ आगे बड़ी है या,,,(तृप्ति इससे ज्यादा बोल नहीं पाई क्योंकि वह इस तरह की बातें कभी कि नहीं थी वह एकदम से रुक गई थी और उसकी बात का मतलब सुमन अच्छी तरह से समझ रही थी उसकी बात को सुनकर वह मुस्कुराते हुए बोली)

सही कहूं तो अब तक ऐसा कुछ हुआ नहीं है मैं जैसा तुझे पता है कि सभी लड़कों को हम लड़कियों की एक ही चीज चाहिए इसके बाद बोलोरिलेशनशिप तोड़ देते हैं इसीलिए मैं इन सब चीजों में आगे नहीं बढ़ रही हूं एक तो बदनाम होने का डर बना रहता है,,।




1737804834-picsay

सच कह रही है सुमन तू,,एक बार समझ में बदनामी हो गई तो फिर घर से बाहर निकल पाना मुश्किल हो जाएगा और फिर तुम चाहे जैसे भी हो घर के बाहर तो सब तुम्हें दूसरी लड़कियों की तरह ही समझेंगे,,,।

बात एकदम सही है अभी अगले मोहल्ले में मेरी एक सहेली होती है उसके पड़ोस में ही एक लड़की है जो दो-तीन लडको के साथ रिलेशनशिप में थीअब पता नहीं कि उसे लड़की का उन लड़कों के साथ संबंध बना या नहीं लेकिन समाज में तो बात करने लगी और फिर आज तक होगा घर से बाहर निकलना उसके लिए मुश्किल हो गया है,,,।

इसलिए तो कहती हूं की लड़कियों का,, एक-एक कदम आगे बढ़ाना बहुत मुश्किल हो जाता है,,,।
(दोनों की बातें हो ही रही थी कि तभी दरवाजे पर सुषमा आंटी आ गई और वह बोली)

अरे लड़कियों घड़ी में तो देखो कितना बज रहा है 12:00 बजने वाले हैं और तुम दोनों अभी तक बातें कर रही हो चलो अब जल्दी से सो जाओ,,।

ठीक है आंटी मुझे भी नींद आ रही है,,।

वह तो ठीक है लेकिन कपड़े तो बदल लो सलवार कमीज में कैसे नींद आएगी कुछ ढीला ढाला सा पहन लो,,,।




1738402664-picsay

वह तो आंटी में घर पर ही भुल आई हूं,,,।

चलो कोई बात नहीं सुमन का गाउन पहन लो,,,।

(इतना सुनते ही सुमन अपने बिस्तर पर से चहकते हुए नीचे उतर गई और अलमारी की तरफ बढ़ते हुए बोली,)

मैं अभी देती हूं मुझे भी कपड़े बदलना है,,,।
(इतना कहकर वह अलमारी की तरफ आगे बढ़ गई थी और सुषमा यह कहकर वहां से चली गई थी कि कपड़े बदलने के बाद सो जाना,,, सुषमा आंटी से चली गई थी और सुमन अलमारी में से तृप्ति के लिए एक गाउन निकाल रही थी,,, और गाऊन निकालने के बाद उसे तृप्ति की तरफ बढ़ाते हुए बोली,,,)

लो तुम यह पहन लो,,, मैं अपने लिए फ्रॉक ले लेती हूं,,,,(ऐसा कहते हुए अलमारी में से वह अपने लिए एक फ्रॉक निकाल ली और अलमारी को बंद कर दी अभी तक तृप्ति इस तरह से गाउन को हाथ में लेकर बैठी हुई थी और सुमन उसकी आंखों के सामने अपने कपड़े उतार कर केवल ब्रा और पेटी में खड़ी थी यह देखकर तृप्ति के बदन में अजीब सी हलचल होने लगी वह यह देख रही थी कि सुमन उसकी आंखों के सामने बिल्कुल भी शर्म नहीं कर रही है,,, देखते ही देखते वह फ्रॉक को पहन ली थी,,, और सुमन को इस तरह से बिस्तर पर बैठे हुए देखकर वह बोली,,,)




1737806985-picsay

क्या हुआ पहन लो,,,,।

पहनती हूं,,,(ऐसा कहकर वह भी बिस्तर से नीचे उतरने लगी वैसे तो उसने आज तक किसी के भी सामने कपड़े बदली नहीं थी वह या तो बाथरूम में कपड़े बदलती थी या तो अपने कमरे में दरवाजा बंद करके लेकिन सुमन बेझिझक अपने कपड़े बदल ली थीइन सब के बीच तृप्ति की नजर उसकी दोनों चूचियों पर ही थी वह देखकर हैरान थी की सुमन की चुचीया कितनी बड़ी थी,,, उसकी चूचियां अभी भी छोटे से अमरूद की तरह थी,,,तृप्ति इस बात को अच्छी तरह से जानती थी की लड़कियों की खूबसूरती में उसकी चूचियों की गोलाई और उसके उभार ही ज्यादा आकर्षण बढ़ाते हैं,,,इस बात से उसे भी इनकार नहीं था कि वह सुमन से ज्यादा खूबसूरत थी लेकिन बदन की बनावट में इस समय सुमन उससे दो कदम आगे थी,,, यही सब सोचते हुएवह अपनी कमीज पर दोनों हाथ रखकर उसे ऊपर उठने वाली थी कि उसकी आंखों के सामने ही सुमन अपनी पेंटि को भी निकाल कर एक तरफ रख दी थी,,, यह देखकर तृप्ति बोली,,)




1737804040-picsay

अरे तुम तो पेंटी भी उतार दी,,।

सच कहूं तो रात को मुझे बिना कपड़े पहन कर सोने में ही ज्यादा मजा आता है,,, वह तो तुम हो इसलिए ईतना पहन रही हुं नहीं तो नंगी ही सोती हूं,,,
(सुमन कि ईस तरह की बातों को सुनकर तृप्ति थोड़ा हैरान भी थी क्योंकि उसे यकीन नहीं हो रहा था कि सुमन उससे इस तरह से खुलकर बातें कर रही है जबकि वह इस तरह की बातें कभी कि नहीं थी इसलिए सुमन के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर उसे हैरानी भी हो रही थी और मजा भी आ रहा था,,, सुमन की बातों को सुनकर वह गहरी सांस लेते हुए बोली,,,)

बाप रे तुम्हारी आदत तो बहुत जानलेवा है,,।

क्यों क्यों,,,?

अरे वह तो अच्छा है किआंटी हैं तुम्हारे कमर में आ जाती होगी तो तुम्हें इस तरह की हालत में देख कर हिरानी नहीं होती होगी अगर सोचो तुम्हारा घर में कोई मर्द होता तो तुम्हारे पापा को छोड़कर समझ लोतुम्हारा कोई भाई होता है और तुम्हें इस तरह की हालत में देख लेता तो क्या होता,,,।
(तृप्ति सुमन से अपने मन की बात बता रही थी जो उसके साथ सुबह में हुआ था,, क्योंकि वह जानती थी कि अचानक से कोई भी कमरे में आ सकता है और उसे इस तरह की हालत में दैखेगा तो क्या सोचेगा,,, लेकिन उसके हैरानी के बीच सुमन मुस्कुरा रही थी और मुस्कुराते हुए बोली,,,)




1737806867-picsay

यार तब तो मजा नहीं आ जाता सोच घर में अगर अंकित जैसा जवान भाई होता और मुझे इस तरह की हालत में देखता तो उसके मन पर क्या गुजरती,, वह तो मेरी जवानी देखकर पागल ही हो जाता,,,(एकदम से खुश होते हुए सुमन बोली और उसकी बात सुनकर तृप्ति हैरान रह गई और हैरानी जताते हुए बोली)

बाप रे यह क्या बोल रही है अपने ही भाई के बारे में,,, क्या सच में तुझे शर्म नहीं आती,,,!

बिल्कुल भी नहीं आती,,,, वैसे तृप्तितेरे घर में तो जवान लड़का है तेरा भाई क्या तुझे कभी अस्त-व्यस्त हालत में उसने कभी नहीं देखा,,,।

यार यह कैसी बातें कर रही है तू,,,

अरे मैं सच कह रही हूं बताना,,,,।

धत्,,,, मुझे इस तरह की बातें नहीं करनी,,,(ऐसा कहते हुए तृप्ति अपनी कमीज को दोनों हाथों से ऊपर की तरफ ले जाने लगी और अपने मन में सुमन की कही गई बात के बारे में सोच रही थी वैसे तो इस समय सुमन कि ईस तरह की बातें उसे बेहद अच्छी लग रही थी,,, लेकिन वह इस तरह की बातें करना नहीं चाहती थी लेकिन सुमन अपनी जीद पर अड गई थी,,,वह फिर से अपने सवाल को दोहराते हुए बोली,,,)




1743334543-picsay

बताना मुझे कैसी शर्म मैं तो तुझे बता दी हूं,,,।

तू इसलिए बताई है कि तेरे घर में जवान लड़का नहीं है इसलिए अपनी कल्पना को अपने शब्दों में ढाल रही है,,,,(अपनी कमीज को उतार कर बिस्तर पर रखते हुए वह बोली,,,,)

तू तो सच में एकदम बेवकूफ है इस उम्र में भी तुझे यह सब बातें अच्छी नहीं लगती,,, सच कहूं तो सभी घरों में ऐसा होता ही होगा लड़के अपनी बहन को या अपनी मम्मी को ऐसी हालात में देखा ही लेते होंगे जैसे हालात में उन्हें नहीं देखना चाहिए,,,।

तेरी बात मुझे कुछ समझ में नहीं आ रही है कैसे हालात में,,,,।

अरे मेरा मतलब है कपड़े बदलते हुए अब जिस घर में जवान लड़का जवान लड़कीमम्मी पापा रहते होंगे तो उसे घर में कोई ना कोई तो एक दूसरे को देखा ही होगा लड़का अपनी मां को ही अपनी बहन को कपड़े बदलते हुए या बाथरूम में नहाते हुए या फिर पेशाब करते हुए भी देख तो लिया ही होगा और लड़कियां भी अपने भाई को किसी ने किसी हालत में देख लेती होगी या नहाते हुए या नंगा नहाते हुए उनके लंड को,,,,।




1743314350-picsay
(सुमन के मुंह से इस बात को सुनकर तो तृप्ति के तो होश ही उड़ गए खास करके उसके मुंह से लंड शब्द सुनकर उसकी दोनों टांगों के बीच अजीब सी हलचल होने लगी,,,, और पल भर में उसकी आंखों के सामने सुबह वाला दृश्य नजर आने लगा इस समय सुमन की यह बात एकदम सच साबित हो रही थी उसने अपने भाई को नंगा देखी थी उसके लंड को देखी थी,,,, सुमन की बात को सुनकर तृप्ति कुछ बोल नहीं पाई बस जानबूझकरऐसा जताने की कोशिश करने लगी कि उसकी बातें उसे अच्छी नहीं लग रही है इसलिए मुंह बनाने लगी और मुंह बनाते हैं वह अपनी सलवार की डोरी पर हाथ रख दी उसे खोलने के लिए,,, तृप्ति का स्तर का मिजाज देख कर सुमन बोली,,,)

तुझे तो यह सब बकवास लग रहा है पता नहीं जानबूझकर ऐसा कर रही है कि सच में जैसा मैं कह रही हूं वैसा देख चुकी है ऐसा सच में होता है तृप्ति मैंने एक इंग्लिश मूवी में देखी थी,,,।

तो तू इस तरह की फिल्में भी देखती है,,,(हैरान होते हुए तृप्ति बोली)




1744025890-picsay

तो क्या हो गया मेरी सहेलियां भी देखती हैं उन्हीं लोगों ने तो मुझे दिखाई थी,,, एकदम खुला नजारा,,, तुझे पता है उसमे मैंने देखी थी किलड़की अपने भाई को नंगा देख लेती है और उसके मोटे तगड़े लैंड को देखकर उसकी हालत खराब हो जाती है और वह खुद ही अपनी बुर में उंगली डालकर अपनी जवानी की आग बुझाने की कोशिश करती है ऐसा वह दो-तीन बार करती है,,,,(सुमन के मुंह सेऔरत के खूबसूरत अंग का नाम सुनकर तो तृप्ति के होश उड़ गए थे वह अपने मन में सोच रही थी कि वह कभी सपने में भी इस तरह से अपने ही अंगों का नाम उसने खुलकर नहीं ली थी,,,,, लेकिन सुमन थी कि इस तरह की असली शब्दों का प्रयोग हुआ पड़े खुलकर कर रही थी उसके चेहरे पर बिल्कुल भी शर्म का भाव नहीं था वह अपनी बात आगे बढ़ाती हुई बोली,,,)

ऐसा वह तीन-चार बार की लेकिन वह समझ गई थी कैसे उसकी जवानी के पाट्सास बुझने वाली नहीं है क्योंकि उसकी आंखों के सामने बार-बार उसके भाई का मोटा तगड़ा लंड दिखाई देता था जिसे देखकर जिसकी कल्पना करके वह पागल हुए जा रही थी,,,।



1744025708-picsay

फिर उसने क्या की,,,!(एकदम से उत्सुकता दिखाते हुए तृप्ति बोली)

वह समझ गई थी कि अब उसे कुछ ऐसा करना है जिसे देखकर उसका भाई खुद ही उसका दीवाना हो जाए और उसे चोदने के लिए तड़प उठे,,,,।
(सुमन कि ईस तरह की बातेंतृप्ति के होश उड़ा रही थी उसकी दोनों टांगों के बीच की हलचल बढ़ती जा रही थी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें सुमन की बातें उसे बेहद लुभावनी लग रही थी जिसे बड़े गौर से वह सुन रही थी,,, गहरी सांस लेते हुए तृप्ति उत्सुकता दिखाते हुए बोली,,,)

फिर उसने क्या की,,,?(इस बार तृप्ति के शब्दों में मदहोशी और मादकता छलक रही थी जिसे अनुभव से भरी हुई सुमन पहचान ली थी और मुस्कुराते हुए बोली,,,)




1744025684-picsay


फिर क्या था वह लड़की अपने भाई के सामने जानबूझकर कपड़े बदलने लगे उतरने लगी पहनने लगी उसके सामने अश्लील हरकतें करने लगी और ऐसा जताती थी कि जैसे उसे नहीं मालूम है कि वह देख रहा है लेकिन एक दिन वह पूरी तरह से मदहोशी में पागल होने लगी थी और फिर ऐसा कुछ कर दी की उसके मन की इच्छा पूरी हो गई,,,.

ऐसा क्या कर दिया उसने,,,?(उत्सुकता दिखाते हुए तृप्ति बोली,,)

उसकी बहन अच्छी तरह से जानती थी कि उसका भाई किस समय बाथरूम में जाता है और वह उसके जाने से पहले ही बाथरूम में घुस गई और पेशाब करने के लिए बैठ गएऔर इस समय उसका भाई भी बाथरुम में घुस गया उसे नहीं मालूम था कि बाथरूम में पहले से ही उसकी बहन है लेकिन जब उसेइस बात का एहसास हुआ कि बाथरूम में उसकी बहन है तब तक क्लियर हो चुकी थी क्योंकि उसकी नजर उसकी बहन की बड़ी-बड़ी नंगी गांड पर पड़ चुकी थी और वह एकदम से उत्तेजित होने लगा था उसकी बहन पीछे नजर घूमर उसकी तरफ देखने लगी और दोनों की नजरे आपस में टकरा गई,,,, उसका भाईअब पीछे मुड़ना उचित नहीं समझ रहा था और वह धीरे से आगे बड़ा और अपनी बहन का हाथ पकड़ कर उसे खड़ी कर दिया और फिर उसे अपनी बाहों में लेकर उसके होठों का रसपान करने लगा और फिर थोड़ी ही देर में उसका लंड उसकी बुर में घुसा हुआ था,,,।




1744025657-picsay


(सुमन के मुंह से गंदी फिल्म की कहानी और अश्लील शब्दों को सुनकर तृप्ति की हालत पूरी तरह से खराब हो गई थी उसके चेहरे का रंग पूरी तरह से बदलने लगा था वह आश्चर्य से मुंह खोले उसकी बातों को सुन रही थी,, और धीरे से बोली,,,)

बाप रे इंग्लिश फिल्म में ऐसा भी होता है,,।

तो क्या यही सब होता है मेरे पास तो एककिताब भी है जिसमें इस तरह की कहानी लीखी हुई है रुक मैं तुझे बताती हूं,,,(ऐसा कहने के साथ ही वह अलमारी खोलकर झुक गई औरउसे किताब को ढूंढने लगी लेकिन झुकने के साथ ही उसकी नंगी गांड एकदम से हवा में लहराने लगी जिसे देखकर तृप्ति की हालत खराब होने लगी वाकई में गांड का घेराव भी उसकी गांड से कुछ ज्यादा ही था और बेहद आकर्षक लग रहा था,,,सुमन की नंगी गांड को देखकर कृति अपने मन में सोचने लगी कि भले ही खूबसूरती में वह सुमन से एक कदम आगे है लेकिन बदन के आकर्षण में वह उससे भी दो कदम आगे हैं,,,, थोड़ी ही देर मेंसुमन उसे किताब को अलमारी से बाहर निकाल कर उसके पन्नों को पलटते हुए तृप्ति के पास आगे बढ़ने लगी,,,, उस किताब में रंगीन पन्ने भी थे जिसमें संभोग के अलग-अलग आसन में दृश्य छपे हुए थे और उन दृश्य को दिखाते हुए सुमन बोली,,,)

देख कितनी सारी तस्वीरें हैं चुदाई की,,,।

(सुमन की बातें सुनकरतृप्ति अपनी नजरों को अन रंगीन पन्नों से हटा नहीं पाई और उनमें छपे रंगीली संभोग दृश्य को देखने लगी जिंदगी में पहली बार तृप्ति इस तरह की किताब को देख रही थी,,, अलग-अलग संभोग की दृश्य बेहद आकर्षक लग रहे थे और तृप्ति के भी होश उड़ा रहे थे तृप्ति बड़े गौर से उन पन्नों को देख रहे थे वाकई में संभोग का दृश्य कितना लुभावना होता है आज पहली बार तृप्ति को इस बात का एहसास हो रहा था,,, ज्यादातर तृप्ति की नजर रंगीन पन्ने में छपे हीरो केमोटे तगड़े लंड पर टिकी रहती थी और उस मोटे तगड़े लंड को देखकर उसे उसके भाई का लंड याद आ रहा था,,, और वह अपने मन में सोच रही थी कि ऐसा तो बिल्कुल उसके भाई के पास भी है देखो तो सही कैसा लड़की की बुर में घुसा हुआ हैऐसा अपने मन में सोचते ही अनायास उसके मन में ख्याल आ गया कि,,,।




1744025211-picsay

अगर उसके भाई का लंड उसकी बुर में घुसेगा तो बिल्कुल ऐसा ही नजर आएगा,,, ऐसा खयाल उसके मन में आते ही उसकी बुर से मदन रस की बूंदे टपकने लगी,,,,वह पूरी तरह से उत्तेजित हुए जा रही थी वह जिस तरह से किताब देखने में रस ले रही थी उसे देखकर सुमन मन ही मन प्रसन्न हो रही थी क्योंकि उसकी युक्ति पूरी तरह से काम कर रही थी,,,, वह धीरे से तृप्ति से बोली,,,।

कैसी लगी,,,,!

(उसकी बात सुनकर तृप्ति कुछ बोल नहीं पाई उसका मुंह आश्चर्य से खुला हुआ था और वह नजर उठाकर सुमन की तरफ देखी लेकिन कुछ बोली नहीं और वापस पन्ने पलट कर दूसरे दृश्य को देखने लगी, जिसमें हीरोहीरोइन को घोड़ी बनाया हुआ था और पीछे से उसकी बुर में लंड डाल रहा थायह सब नजर तृप्ति के लिए पहली बार था लेकिन वह पूरी तरह से इसमें डूबती चली जा रही थी,,,, यह देखकर सुमन बोली,,,)

तू देखती रह मैं बाथरुम जाकर आती हूं,,,,(और इतना कहकर वह दरवाजा खोलकर कमरे से बाहर निकल गई बाथरूम करने के लिए और सुमन की गैर हाजिरी मेंअपनी सलवार को खोले बिना ही वह बिस्तर पर बैठ गई और उस कीताब के पन्नों को खोलकर बड़े चाव से देखने लगी,,।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
अंकित और सुगंधा एक दुसरे के आकर्षण में मामा के घर पर चुदाई का खेल देख कर और नजदीक आ गये हैं आग दोनों ओर लगी हैं बस चिंगारी लगना बाकी हैं
वही सुषमा आंटी के घर पर खेली खाई सुमन ने तृप्ती के मन में जवानी की आग में तेल डालकर तृप्ती के बुर में आग लगा दी हैं
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
 
Last edited:

Napster

Well-Known Member
6,272
16,457
188
उस गंदी किताब को तृप्ति को देकर सुमन बाथरूम चली गई थी इस दौरान वह प्यासी नजरों से उसे गंदी किताब के रंगीन पन्नों को देख रही थी, उसे पाने में जितने भी चित्र थेवह बेहद कामुकता से भरे हुए थे और तृप्ति इस तरह के दृश्य को इस तरह की किताब को पहली बार देख रही थी इसलिए उसके दिल की धड़कन एकदम से बढ़ने लगी थी उसमें छपे हुए हीरो की तस्वीर को देखकरउसके मोटे तगड़े लंड को देखकर तृप्ति को अपने भाई का मोटा तगड़ा लंड बना रहा था,,, इस बीच उसे संदीप भी याद आ रहा था और इस समय संदीप के याद आने का कारण भी वही मोटा तगड़ा लंड था,,, तृप्ति अच्छी तरह से जानती थी कि संदीप का लंडचित्र के मुताबिक और उसके भाई के लंड के मुताबिक काफी छोटा और पतला था,,,।





1744026164-picsay

और इस समय जिस तरह के हाव-भाव वहचित्र में छपी हीरोइन के चेहरे पर देख रही थी उससे साफ पता चल रहा था कि औरत की बुर में मोटा लंड की क्या अहम भूमिका है,,, तृप्ति के तो दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी वह बार-बार दरवाजे की तरफ देख ले रही थी और गंदी किताब की तरफ,,, देख ले रही थी जल्दी-जल्दी वह पन्ने पलट रही थी,,, लेकिन तभी वह किताब के बीच वाले पन्ने को खोलकरकर उसमें लिखे शब्दों को पढ़ने लगी जिसे पढ़कर तो उसके होश उड़ गए वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि इस तरह की भी किताब होती होगी जिसमें रिश्तो के बीच चुदाई का इस तरह से वर्णन लिखा होता होगा लेकिन जो कुछ भी हो उसकी आंखों के सामने था उससे वह इनकार नहीं कर पा रही थी कि वाकई में इस तरह की भी किताबें होती हैं,,, उसमें लिखा एक-एक शब्द उसके मन मस्तिष्क पर हथौड़े बरसा रहा थाउसके दिल की धड़कन को बढ़ा रहा था एक तरफ उसे थोड़ा अजीब लग रहा था लेकिन दूसरी तरफइन सबको पढ़ने में उसे अद्भुत आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,,।




1744026142-picsay

दीदी अपनी टांगे खोलो मुझे तुम्हारी बुर देखनी है,,।

क्या करेगा मेरी बुर देखकर,,,,

मुझे उसमें अपना लंड डालकर तुझे चोदना है,,,।

क्या तू ऐसा कर पाएगा,,,।

क्यों नहीं आखिरकार तुम्हारी बुर मेरे लंड के लिए तो बनी है दीदी,,,।

तुझे कैसे मालूम कि मेरी बुर तेरे लंड के लिए बनी है,,,।

मैंने देखा हुं मम्मी की बुर में पापा अपना लंड डालते हैं,,, और तुम्हारे पास बुर है और मेरे पास लंड,,,।

बाप रे इतना शैतान हो गया है तु मम्मी पापा की चुदाई देखता है,,।

तो क्या हो गया तुम भी तो देख रही थी तभी तो मैंने देखा,,,।

मे कब देख रही थी,,।

परसों रात कोजब मैं पानी पीने के लिए उठा था तो मैंने देखा कि तुम खिड़की से मम्मी पापा के कमरे में देख रही थी,,,।

मैं तो बड़ी हूं तू छोटा है मैं देख सकती हूं,,,।

लेकिन मेरा लंड तो पापा से भी ज्यादा बड़ा है।

दिखा तो मैं भी देखूं,,,।




1744026124-picsay

बाप रे तू तो सच कह रहा है रे,,, तू तो मुझे पागल कर देगा ला ठीक से देखने दे,,,,ओहहहहह यह तो बहुत गर्म है अगर इस पर घी रख दो तो वह भी पिघल जाए,,,।

तभी तो कह रहा हूं अब मुझे भी अपनी बुर दिखा दो,,,।

अब तो दिखाना ही होगा लेकिन यह सब तु किसी से कहना नहीं,,,।

किसी से नहीं कहूंगा,,,,।

ले देख,,,,,।

आहहहह दीदी यह तो कितनी गुलाबी है,,,

छूकर देख यह भी तेरे लंड की तरह गर्म है,,, इस पर तो घी रखने की भी जरूरत नहीं है क्योंकि अंदर से ही पिघल कर निकलती है,,, चाट कर देखेगा,,,।

इसे,,,।

तो क्या देखा नहीं पापा कैसे मम्मी की बुर चाटते हैं,,,।



1744026038-picsay

ओहहहहह दीदी इसका स्वाद तो बहुत नमकीन है मुझे बहुत मजा आ रहा है,,,ऊममममममम,,,,आहहहहह,,,

जोर-जोर से चाट मुझे बहुत मजा आ रहा है,,, अगर खुश कर देगा तो मैं भी तेरे लंड को इसमें डालने नहीं दूंगी,,,,आहहहहह तू तो पक्का खिलाड़ी निकला,,, अब मेरी बारी है,,,,।

क्या करोगी,,,?

तेरा लंड चूसूंगी,,,।

सच में,,,

तो क्या देखा नहीं था मम्मी को,,,

देखा था,,,।


आहहहहह आहहहहहहह दीदी मुझे कुछ कुछ हो रहा है,,,,,आहहहहहहह,,,,।


हां बिल्कुल भी देर मत कर इसे मेरी बुर में डाल दे,,,,,

लो दीदी गया,,,।

बस अब जोर-जोर से अपनी कमर हिला,,,,।

आहहहह आहहहहहहह आहहहहहहह बहुत मजा आ रहा है जोर-जोर से धक्का लगा,,,।




1744026014-picsay

(अभी तृप्तिदूसरे पेज पर आगे बड़ी ही थी कि कमरे का दरवाजा खुल गया और सुमन कमरे में दाखिल हो गई यह देखकर वह तुरंत किताब को बंद कर दी उसके चेहरे काहाल एकदम पर हाल हो चुका था उसका गोरा चेहरा सुर्ख लाल हो चुका था वह शर्म और उत्तेजना से तमतमा रही थी,,, कमरे में दाखिल होते ही सुमन मुस्कुराते हुए बोली,,,,)

क्या हुआ मजा आया कि नहीं,,,?

बाप रे में तो सोच भी नहीं सकती कि ईस तरह की भी कहानी होती है,,,।

तुझे अभी कुछ नहीं मालूम हैयह सिर्फ कहानी नहीं ऐसा होता भी होगा,,,। लेकिन तूने अभी तक कपड़े नहीं बदली कपड़े तो बदल ले जल्दी से,,,।
(सुमन समझ गई थी की तृप्ति की हालत खराब हो रही है वह पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी है तभी तो उसके चेहरे का रंग लाल हो चुका था,,,, सुमन की बातें सुनकर प्रीति अपनी जगह से उठकर खड़ी हो गई और अपनी सलवार की डोरी खोलकर उसे उतारने लगी इस समय उत्तेजना के मारे उसके चेहरे पर शर्म के भाव तो दिख रहे थे लेकिन शर्म का नामोनिशान नहीं था वह बड़े आराम से अपनी सलवार उतार कर एक तरफ रख दी और गाऊन को पहनने लगी उसका कसा हुआ छरहरा बदन देखकर सुमन के मुंह में पानी आने लगा और वह उसे छेड़ते हुए बोली,,,)




1744025988-picsay

वाह तृप्ति तेरी चुचीयां तो अभी एकदम अमरुद जैसी है,,, लगता है अभी तक किसी का हाथ नहीं पड़ा है,,,।

मेरा ध्यान अभी पूरी तरह से पढ़ाई में है,,,।

तेरा ध्यान पढ़ाई में है ना लेकिन दूसरों का तो नहीं दूसरों का ध्यान तो तेरी चूचियों पर और तेरी गांड पर ही होगा,,।

तू भी ना,,,,(इसे कहते हुए वह गाऊन उठाकर पहनने लगी,,,)

नहीं मैं सच कह रही हूं,,,, तू सच में बहुत खूबसूरत है,,,।
(एक लड़की के मुंह सेअपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर तृप्ति मन ही मन प्रसन्न हो रही थी उसे अच्छा लग रहा था कि उसके ही हम उम्र की लड़की उसकी खूबसूरती की तारीफ कर रही थी फिर भी वह बेमन से बोली,,,)




1744025943-picsay

चल रहने दे,,, सोने का समय हो रहा है,,, काफी समय हो गया,,,।(ऐसा कहते हुए वह बिस्तर पर लेट गई,,, और उसके बगल में सुमन भी लेटते हुए बोली,,)

तू सो जा मुझे अभी नींद नहीं आ रही है मैं थोड़ी देर तक इस कहानी को पढ़ूंगी,,,।

तू ही पढ़ मैं तो सोने जा रही हूं मुझे नींद आ रही है,,,,(ऐसा कहते हुए वह दूसरी तरफ मुंह घूमाकर करवट लेकर सोने की कोशिश करने लगी वैसे उसे गांधी किताब का असर उसके कोमल मन पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ रहा था,,,उसकी आंखों में भी नींद नहीं थी लेकिन वह अब इस तरह से खुलकर उसके सामने उसे किताब को पढ़ नहीं सकती थी,,।

तृप्ति सोने की लाख कोशिश कर रही थी लेकिन उसकी आंखों में नींद बिल्कुल भी नहीं थी दूसरी तरफ सुमन उस गंदी किताब को पढ़कर गर्म हो रही थी,,, किताबको पढ़ते समय बार-बार उसकी नजर तृप्ति पर चली जा रही थी उसके उभारदार नितंबों पर चली जा रही थी,,,, तकरीबन 1 घंटे का समय गुजर गया था लेकिन ना तो सुमन को नींद आ रही थी और ना ही तृप्ति को बस तृप्ति सोने का नाटक कर रही थी और अपने मन में सोच रही थी कि गंदी किताब की गंदी कहानियों को पढ़कर सुमन को मजा आ रहा होगा,,, उस किताब में लिखा है एक शब्द तृप्ति के मन पर हथौड़े बरसा रहा था,,, और दूसरी तरफ सुमन की हालत खराब हो रही थी उससे रहा नहीं जा रहा था,,,। तृप्ति के साथ उसे कुछ करने का मन कर रहा है क्योंकि जो आग उसके गुलाबी छेद में लगी हुई थी उसकी आग बुझाना बेहद जरूरी हो गया था और वैसे भी सुमन के लिए यह कोई नया नहीं था अपनी सहेली के साथ वह इस तरह का खेल खेल चुकी थी और उसे मालूम था कि इसमें भी बहुत मजा आता है,,।




1744025913-picsay
काफी देर तक बात तृप्ति की तरफ देखती रही तृप्ति के बदन में किसी भी प्रकार का हलचल नहीं हो रहा था तो उसे ऐसा ही लगा कि वह गहरी नींद में सो रही है,,, इसलिए हिम्मत दिखाते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाई और उसके गोलाकार नितंबो पर रख दी,,,जैसे ही तृप्ति को सुमन का हाथ अपनी गांड पर महसूस हुआ उसके बदन में अजीब सी हलचल होने लगी वह अपनी नज़रें घूमाकर सुमन की तरफ देखना चाहती थी वह देखना चाहती थी कि वह ऐसा क्यों कर रही है उसकी गांड पर हाथ क्यों रख रही है,,,अभी वह ऐसा सोच ही रही थी कि सुमन हिम्मत दिखाते हुए उत्तेजना के चलते गाउन के ऊपर से ही उसकी गोल-गोल गांड को सहलाना शुरू कर दी,,अब तृप्ति कुछ बोलना भी चाह रही थी तो भी नहीं बोल पा रही थी न जाने क्यों सुमन की हथेली का असर उसे पर छाने लगा था,,,, सुमन का इस तरह से सहलाना उसे अच्छा लगने लगा था,,,उसके दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी और वह देखना चाहती थी कि अब इससे ज्यादा बढ़कर सुमन क्या करती है,,,।



1744025634-picsay

गंदी कहानी और अपने बगल में खूबसूरत लड़की की मौजूदगी उसे पूरी तरह से मदहोश कर रही थी,,, गंदी किताब के रंगीन पन्ने उसके जीवन में भी रंग भर रहे थे उसकी कल्पनाओं काघोड़ा बड़ी तेजी से दौड़ रहा था और वह अपनी कल्पना को हकीकत में बदलना चाहती थी जिसकी शुरुआत उसने कर दी थी सुमन एक लड़की के मन को अच्छी तरह से समझती थी और गंदी किताब को देखते समय जिस तरह के हाव-भाव तृप्ति के चेहरे पर बदल रहे थे उसे देखकर सुमन समझ गई थी कि बस उसके पहल करने की देरी है और यह लड़की एकदम से पिघल जाएगी,,, सुमन कुछ देर तक उसके नितंबों को गाउन के ऊपर से ही सहलाती रही इतना तो समझ ही गई थी की तृप्ति पूरी तरह से चिकनी थी,,, और इस क्रिया को करने में सुमन को भी मजा आ रहा था।




1744025607-picsay

जब सुमन ने देखी कि उसकी हरकत के बावजूद भी तृप्ति के बदन में किसी भी प्रकार की हरकत नहीं हो रही है तो उसकी हिम्मत बढ़ने लगी,,, उसे यकीन हो गया था कि वह पूरी तरह से गहरी नींद में सो रही है और वह इसका पूरा फायदा उठाना चाहती थी इसलिए धीरे-धीरे उसके गाऊन को ऊपर की तरफ उठाने लगी,,,ऊपर वाला भाग तो बढ़िया आराम से उसकी कमर तक पहुंच चुका था लेकिन उसके नितंबों के नीचे दबा हुआ उसका गाउन ऊपर की तरफ सरक नहीं पा रहा था,,,लेकिन ऊपर से भी उसकी चिकनी जाने और उसके नितंबों का आकार पूरी तरह से दिखाई दे रहा था जिसे देखकर सुमन के मुंह में पानी आने लगा था और उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में भी मदन रस इकट्ठा हो रहा था,, सुमन गहरी सांस लेते हुए उसकी गोल-गोल गोरी गोरी गांड को सहलाना शुरू कर दी।




1744025587-picsay


इसका प्रभाव तृप्ति के मन पर और उसके बदन पर बहुत ही गहरा पड़ रहा था,,,, उसकी सांसे ऊपर नीचे हो रही थीउसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें सुमन की हथेली का जादू उस पर पूरी तरह से छाने लगा था,,, यहां तक की उसकी गुलाबी छेद से मदन रस टपकना शुरू हो गया था,,, तृप्ति का भी मन भटक रहा था वह भी खुलकर मजा लेना चाहती थी,,, लेकिन आगे बढ़ने से डर रही थीक्योंकि वह एक सीधी साधी और संस्कारी लड़की थी इस तरह की हरकत करने के बारे में वह सोच भी नहीं सकती थी लेकिन सुमन ने अपनी हरकतों से उसके बदन में जवानी की उमंग को उछालना शुरू कर दी थी,,, उसकी सांसों की गति के साथ उसके छोटे-छोटे अमरुद भी ऊपर नीचे हो रहे थे उसके छोटे अमरुद भी खुली हवा में सांस लेना चाहते थे ऐसा लग रहा था कि ब्रा की कैद में उन अमरूदों का विकास नहीं हो पाया है,,,। एक तरफ तृप्ति की हालत खराब हो रही थी वहीं दूसरी तरफ सुमनका दिमाग बड़ी तेजी से चल रहा था अब तक उसने किसी भी प्रकार की हलचल को तृप्ति के बदन में महसूस नहीं की थी इसलिए उसकी हरकत और उसकी हिम्मत दोनों बढ़ती चली जा रही थी।

इन सभी हरकतों से उसकी खुद की बरु पानी छोड़ रही थी,,,और इसीलिए वह देखना चाहती थी कि उसके इस हरकत का असर तृप्ति पर कितना पड़ रहा है इसलिए वह उसकी बुर को टटोलना चाहती थी,,,, इसलिए वह अपनी हथेली कोऔर भी ज्यादा हरकत मिलना चाहती थी उसकी गोल-गोल कांड को सहलाते हुए वह धीरे-धीरे अपनी हथेलियां को ऊपर की तरफ ले जाने लगी और जैसे-जैसे उसकी हथेली ऊपर की तरफ बढ़ रही थी वैसे-वैसे तृप्ति की हालत पल-पल खराब होती जा रही थी उसे लग रहा था कि उसकी बुर से मदन रस का लावा फूट पड़ेगा,,, क्योंकि वह जानती थी किस तरह की स्थिति में ऐसा ही होता है,,, उसकी हालत इतनी खराब थी कि वह खुद अपनी बुर को अपनी हथेली में लेकर मसलना चाहती थी,,,,एक तरफ सुमन की हथेली और उंगलियों से उसके बदन में गुदगुदी का एहसास हो रहा था औरदूसरी तरफ मदहोशी से वह पूरी तरह से डूबती चली जा रही थी देखते ही देखते वह गाउन में अपना हाथ डालकर अपनी हथेली को उसके कमर के ऊपरी हिस्से उसके पेट पर लेकर आ चुकी थी,,,।




1744025560-picsay


तृप्ति की सांसों की गति के साथ-साथ उसका पेट भी ऊपर नीचे हो रहा था जिसका एहसास सुमन को अपनी हथेली पर बराबर हो रहा था सुमन अपने मन में सोच रही थी कि यह लड़की कितना सोती है ऐसा लग रहा है कि जैसे घोड़े बेचकर सो रही हो,,, अगर नींद में कोई इसकी चुदाई करके चला जाए तो ईसे पता भी ना चले,,,। यही सब सोचते सोचतेसुमन की हरकत बढ़ने लगी और वह धीरे-धीरे उसकी पेंटि के अंदर अपनी उंगली को सरकाना शुरू कर दी,,, उसकी इस हरकत पर तृप्ति की सांसे थमने लगी,,, उसकी हालत और भी ज्यादा खराब होने लगी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें बस इस पल को अपनी आंखों को बंद करके महसूस कर रही थी। और वैसे भी दिन भर जो कुछ भी हुआ था वह सब बिल्कुल ताजा ही था जिसकी मदहोशी में वह अभी तक थी और उसकी मदहोशी को सुमन और भी ज्यादा बढ़ाने लगी थी,,,

सुमनउस गंदी किताब को एक तरफ रख दी थी और अपना पूरा ध्यान तृप्ति के ऊपर टीकाए हुए थी,,, दिल की धड़कन लगातार बढ़ती जा रही थी बदन में कम से हाथउत्पन्न हो रही थी लेकिन किसी तरह से वह अपने आप को संभाले हुए थी,, लेकिन वह अच्छी तरह से जानती थी कि अब ज्यादा देर तक वह अपने आप को संभाल नहीं पाएगी वह पूरी तरह से बेकाबू होती जा रही थी,, और धीरे-धीरे सुमन की उंगलियां आगे बढ़ती जा रही थी,, जैसे-जैसे सुमन की उंगली उसके बुरे के करीब पहुंच रही थी वैसे-वैसे उसकी दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी और उसका बदन संकुचा जा रहा था। और फिर सुमन की उंगलियां उसके मंजिल तक पहुंच गई,,, पल भर में ही सुमन का एहसास हो गया कि तृप्ति की बुर पूरी तरह से गर्म आ चुकी थी और उसमें से मदन रस भी टपक रहा था जो उसकी हथेली में लग गया था इस बात से वह बेहद खुश थी कि नींद में होने के बावजूद भी उसका अंतर्मन पूरी तरह से काम कर रहा था। और दूसरी तरफ जैसे ही तृप्ति को अपनी बुर पर सुमन के कोमल हथेली का स्पर्श हुआ,, वह पूरी तरह से रोमांचित हो गई,, अब उसे सब्र करना मुश्किल हुआ जा रहा था,,, वह समझ गई थी कि अब शांत रहने में भलाई नहीं है इसलिए वह तुरंत एकदम से नजर घूमाकर सुमन की तरफ देखने लगी और बोली,,,।




1744025544-picsay

यह क्या कर रही है तू,,,?

तू बहुत खूबसूरत है तृप्ति,,, तेरी जवानी देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,(सुमन इस तरह की स्थिति से निपटना अच्छी तरह से जानती थी वह जानती थी किउसे क्या करना है एक लड़की होने के नाते उसे अच्छी तरह से मालूम था कि एक लड़की अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर एकदम से पिघल जाती है और वही उसने की भी थी जिसका असर तृप्ति के चेहरे पर एकदम साफ दिखाई दे रहा था,,, सुमन की बात सुनकर तृप्ति एकदम सेसुमन की आंखों में देखने लगी और यही मौका था जब दोनों को एक होना था और इस मौके को सुमन अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती थी,,,सुमन एकदम अपने प्यास होठों को उसके लाल-लाल होठों की तरफ आगे बढ़ाने लगी और अगले ही पल दोनों के होठ आपस में सट गए थे,,,,,।

तृप्ति को तुरंत संदीप याद आ गयाजब वह ट्यूशन से अपने घर की तरफ लौट रही थी और अपने घर के पीछे वाली सड़क पकड़कर,, जहां पर हमेशा अंधेरा ही रहता था शाम के वक्त कोई आता जाता नहीं था और उसी समय वहां पर संदीप खडा होकर उसका इंतजार कर रहा था,,,और उसे देखते ही तुरंत उसके सामने आ गया था तृप्ति कुछ समझ पाती ईससे पहले ही,,वह उसे अपनी बाहों में भरकर उसके लाल-लाल होठों पर अपने होठ रखकर उसके होठों का रसपान करने लगा था,,, जिंदगी में यह तृप्ति का पहला चुंबन थाऔर वह पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी वह तो सही समय पर वह पूरी तरह से होश में आ गई थी वरना उसी दिन संदीप उसके कौमार्य को भंग कर दिया होता,,,,और वही हरकत आज सुमन उसके साथ कर रही थी लेकिन आज वह पूरी तरह से होशो हवास में थी,,,।



1744025523-picsay

सुमन का यह सुमन पूरी तरह से गहरा होता जा रहा था जिसमें तृप्ति भी उसका सहकार करने लगी थी तृप्ति को भी बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी जब सुमन ने देखी की तृप्ति पूरी तरह से मदहोश हो रही है तो वह अपनी हथेली को उसकी गुलाबी बर पर जोर-जोर से रगड़ना शुरू कर दी जिसका असर तृप्ति के बदन में बेतहाशा उत्तेजना प्रकट कर रहा था और तृप्ति कसमसा रही थी,,,सुमन की हरकत से तृप्ति पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करना है लेकिन सुमन की हरकत का वह पूरा आनंद ले रही थी सुमन एक ही समय में दोनों तरफ से उस पर प्रहार कर रही थी। और इस प्रहार से बचने का तृप्ति के पास कोई रास्ता नहीं था,,,तृप्ति धीरे-धीरे सुमन की हरकत से उत्तेजित हुए जा रही थी वह मदहोश में जा रही थी और धीरे से अपने हाथ कोसुमन की पीठ पर रख दीजिए जिसे सुमन का मनोबल और ज्यादा बढ़ने लगा और देखते ही देखते हो अपनी बीच वाली उंगली को धीरे-धीरे उसकी बुर के अंदर सरकाना शुरू कर दी,,, जब तृप्ति को यह एहसास हुआ तो वह मदहोशी के सागर में डूबने लगी,,,।

लेकिन तृप्तिकी मदहोशी को देखकर सुमन अपनी उंगली को एकदम से रोक दी क्योंकि वह समझ गई थी कि अब खेल में मजा आने वाला है,,,, और पल भर के लिए उसके होठों से अपने होठों को अलग करकेबिस्तर पर बैठे-बैठे ही वह अपनी फ्रॉक को दोनों हाथों से पकड़ कर ऊपर की तरफ खींचने लगी और अगले ही पल अपने बदन से अपनी फ्रॉक को उतार कर नीचे जमीन पर फेंक दी,,,बिस्तर पर वह केवल ब्रा में ही थी जिसमें से उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां एकदम मस्त लग रही थी,, सुमन की हरकत को तृप्ति प्यासी आंखों से देख रही थीतृप्ति भी समझ गई थी कि अब आगे बहुत कुछ होने वाला है जिसे रोक पाना उसके बस में अब बिल्कुल भी नहीं था,,,,मुस्कुराकर तृप्ति की तरफ देखते हुए सुमन अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लेकर और अपनी ब्रा का हुक खोलते हुए बोली,,,।




1744025508-picsay

अब आएगा असली मजा,,,(और इतना कहने के साथ हीसुमन अपनी ब्रा उतार कर उसे भी बिस्तर के नीचे फेंक दी और पूरी तरह से नंगी हो गई उसके नंगे बदन को देखकर तृप्ति की आंखें फटी की फटी रह गई नंगी होने के बाद सुमन बेहद खूबसूरत और गदराए जिस्म की मालकिन लग रही थी,,,,अपने कपड़े उतार लेने के बाद सामान अपने दोनों हाथ आगे बढ़कर उसके गाउन को पकड़ ली और बोली,,,)

मजा लेने के लिए तुम्हें भी नंगी होना पड़ेगा,,,।
(तृप्ति खुद भी यही चाहती थी इसलिए सुमन को रोक नहीं पाई और सुमन देखते ही देखते उसके गांव को निकाल कर बिस्तर के नीचे फेंक दी लेकिन अभी भी उसके नंगेपन को ढकने के लिए बदन पर ब्रा और पैंटी थी जिसे सुमन अपने हाथों से निकाल कर उसके बदन से अलग कर दी,,, और उसके छोटे संतरों को एक हाथ में पकड़कर मुस्कुराते हुए बोली,,,)

अब देखना मैं तुम्हारी चूचियों को भी अपनी तरह खरबूजा बना दूंगी,,,,।





1744025030-picsay

क्या सच में ऐसा हो जाएगा,,,!

बिल्कुल मेरी रानी,,,(और इतना कहने के साथ ही वहां उसकी चूचियों को हल्के हल्के दबाते हुए अपने लाल-लाल होठों को हल्के से खोली और उसके निप्पल को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी,,,,,,,तृप्ति मदहोशी के सागर में पूरी तरह से डूबने लगी थी यह उसके जीवन का पहला अवसर था जब कोई उसकी चूचियों को मुंह में लेकर पी रहा थाऔर वह भी कोई मर्द नहीं बल्कि उसकी हम उम्र एक खूबसूरत लड़की थी जो इस तरह की कलाबाजी में माहिर थी,,,सुमन की हरकत से उसके बदन में मदहोशी छाने लगी थी उसकी आंखें बंद होने लगी थी उसकी आंखों में सुरूर छा रहा था,,, वाकई में इस समय तृप्ति को बहुत मजा आ रहा था,,,, सुमन की हरकतेंनिरंतर आगे बढ़ती जा रही थी वह दोनों चूचियों को हाथ में लेकर हाल-चाल के दबाते हुए बारी-बारी से उसे मुंह में लेकर पी रही थी,,, ।





1744025483-picsay

सहहहह आहहहहहहह ऊममममममम,,, ओहहहहह फफफ,,,,,,ऊमममममममम सुमन,,,,,,आहहबबबबबब मुझे बहुत मजा आ रहा है,,,।

तुझे मजा मिले तभी तो मैं यह कर रही हूं,,,,(धीरे से अपने मुंह में से उसकी चूची को निकाल कर इतना बोलकर फिर से उसे मुंह में लेकर पीना शुरू कर दी,,,,तृप्ति बार-बार अपनी आंखों को खोलकर इस नजारे को देख नहीं रही थी क्योंकि उसे देखने में भी बहुत मजा आ रहा था उसकी आंखों के सामने उसके मुकाबलेज्यादा बड़ी-बड़ी चूचियां सुमन के पास थी जिसे देखकर उसका भी मन लालच रहा था और वह अपने इस लालच को रोक नहीं पाई और अपने दोनों हाथ आगे पकडकर उसकी दोनों चूचियों को अपने हाथों में पकड़ ली और उसे सुमन की तरह ही धीरे-धीरे से दबाना शुरू कर दी,,,तृप्ति के जीवन का यह पहला अवसर था जब वह इस तरह से एक लड़की के साथ आने लग रही थी उसे मजा आ रहा था वाकई में आज उसे एहसास हो रहा था की चूचियां दबाने में कितना मजा आता है,,,, वह भी सुमन की तरह चुचियों का मुंह में लेकर पीना चाहती थी लेकिन अभी इस क्रिया में सुमन लगी हुई थीलेकिन थोड़ी देर बाद जैसे ही वह दोनों चूचियों को छोड़कर गहरी सांस लेने लगी,,, तृप्तिभी उसी की तरह ही अपने प्यास होठों को खोलकर उसकी चूची को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दी और इस खेल में उसे आनंद आने लगा वह भी बारी-बारी से दोनों चुचियों का मजा ले रही थी,,,।





1744025051-picsay





रात के 1:30 रहे थे लेकिन दोनों की आंखों में नींद बिल्कुल भी नहीं थीदोनों की बुर से मदन रस टपक रहा था दोनों की चूचियां टमाटर की तरह लाल हो चुकी थी,,,तृप्ति के लिए तो यह पहली बार था इसलिए वह पागलों की तरह उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों से प्यार कर रही थी उससे खेल रही थी,,,तृप्ति की तरह ही सुमन की भी हालत खराब होने लगी और उसके मुंह से भी गरमा गरम शिसकारी की आवाज निकलने लगी उसकी गरमा गरम शिसकारी की आवाज सुनकर तृप्ति मदहोश होने लगी उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी। लेकिन इस बीचसुमन अपनी हथेली को एक बार फिर से उसकी पेंटि में डालकर उसकी गुलाबी बुर को अपनी हथेली में जोर से दबोच ली थी,,,। उसकी सरकार पर एकदम सेतृप्ति की सांस रुक गई थी और पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी लेकिन अब वह किसी भी तरह से सुमन को रोकना नहीं चाहती थी,,, सुमन भीउसे धक्का देकर बिस्तर पर पीठ के बल लेट दे और तुरंत अपने दोनों हाथों से उसकी चड्डी पकड़ कर अपनेहाथों से खींचते हुए उसे उसकी लंबी चिकनी टांगों से बाहर निकाल दी अब वह भी उसकी तरह पूरी तरह से बिस्तर पर नंगी हो चुकी थी






1744025464-picsay
सुमन अपने बिस्तर पर एक नंगी खूबसूरत लड़की को देखकर मदहोश हुए जा रही थी,,, उसकी आंखों में वासना उतर आया था,,,वह अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों टांगों को पकड़ कर उसे खोलते हुए घुटनों के बल उसकी दोनों टांगों के बीच आगे बढ़ने लगी,,,, तृप्ति की बुर एकदम चिकनी थी उस पर बाल का नामोनिशान नहीं था,,,जिसे देख कर सुमन के मुंह में पानी आ रहा था और वह अपनी हथेली आगे बढ़ाकर उसकी बुर को अपनी हथेली में रखकर उसे दबाते हुए बोली,,,।

हाय रे तेरी बुर कितनी चिकनी है लगता है अभी-अभी साफ की है,,,।

मुझे सफाई पसंद है 10 15 दिन में मैं एक बार सफाई कर देता हूं क्रीम लगाकर,,,(सुमन की दोनों टांगों के बीच देखते हुए) तेरी बुर भी तो बहुत चिकनी है,,,।



1744025430-picsay


मैंने भी कल ही साफ की हुं क्रीम लगाकर,,, ज्यादा बाल रहते हैं तो खुजली होने लगती है,,,,(ऐसा कहते हुए सुमन बार-बार उसकी बुर को अपनी मुट्ठी में दबा रही थी खोल रही थी ऐसा करने में उसे बहुत मजा आ रहा था क्योंकि उसमें से निकलने वाला मदन रस पूरी तरह से उसकी हथेलियां को भिगो रहा था,,, और उसकी हरकत पर तृप्ति के चेहरे के हाव-भाव पूरी तरह से बदलते जा रहे थे,,,अब बिल्कुल भी देर ना करते हुए सुमन धीरे से अपने प्यासे होठों को उसकी दोनों टांगों के बीच ले जाने लगी और अगले ही पल उसके गुलाबी छेद पर अपने होठ रखकर उसे जीभ से चाटना शुरू कर दी,,,,यह पल तृप्ति के लिए बेहद अद्भुत था जिसे वह कभी जिंदगी में महसूस नहीं की थी इसलिए वह जैसे ही सुमन के होठों को अपनी प्यासी बुरर पर महसूस की वह पूरी तरह से गन गना गई,, उसके बदन में कंपन होने लगा और उसके हाथ खुद-ब-खुद सुमन के सर पर आ गया और वह दोनों हाथों को उसके रेशमी बालों में डाल दी और उसके सर को पकड़ ली,,,।




1744025409-picsay

सुमन भी पूरी तरह से एक अंश हुई तरोताजा बुर की महक को अपने अंदर महसूस करके पागल हो गई और पागलों की तरह जीभ से उसकी बुर को चाटना शुरू कर दी,,,, दोनों पागल हुए जा रहे थे,, तृप्ति कभी सोची नहीं थी कि एक लड़की लड़की की बुर को इस तरह से चाटती होगी,,, इसीलिए तो तृप्ति कोअपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था लेकिन वह जानती थी कि जो कुछ भी हो रहा है वहां हकीकत में हो रहा है यह कोई सपना नहीं कोई कल्पना नहीं है,,, इसलिए वह इस पल को जी लेना चाहती थी,,,बिस्तर पर वह पूरी तरह से उत्तेजना से कसमस आ रही थी और उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर सुमन लपा लप उसकी बुर को चाट रही थी,,,इस खेल में वैसे भी वह माहिर थी इस खेल को अच्छी तरह से खेलना जानती थी इसीलिए तो उसका यह खेल रंग ला रहा था,,,।







1744025382-picsay
तृप्ति अपने मन में यही सोच रही थी कि जब उसे इतना मजा आ रहा है तो क्या ऐसा करने में सुमन को मजा आता होगा,,,अपने ही सवाल का जवाब वह खुद देते हुए अपने आप से ही बोली जरूर आता होगा तभी तो वह इतनी मदहोश होकर यह कार्य को कर रही हैऔर सुमन थी की लगातार उसकी बुर को चाट कर उसे पूरी तरह से पागल बना देना चाहती थी क्योंकि वह चाहती थी कि इस क्रिया को वह भी उसके साथ दोहराएं,,,, लेकिन जो कुछ भी करना था उसे ही करना था और सुमन अच्छी तरह से जानती थी कि उसे क्या करना है,,,।




1744025170-picsay




सुमन और तृप्ति दोनों पूरी तरह से नंगी होकर एक ही बिस्तर पर मजे लूट रही थी कमरे में जल रही डिम लाइट की रोशनी में सबको साफ नजर आ रहा था दोनों की जवानी बेलगाम हो चुकी थी,,, सुमन तो इस खेल की पक्की खिलाड़ी थी लेकिन तृप्ति अभी अनाड़ी थी उसका सीखना अभी बाकी था लेकिन सुमन की संगत में वह सब कुछ सीख जाएगी अब ऐसा लगने लगा था।इसलिए तृप्ति अपने मन में सोच रही थी कि अच्छा हुआ कि वह यहां पर सोने के लिए तैयार हो गई वरना इतनी अद्भुत सुख की वह कभी कल्पना भी नहीं कर पाती,,, वह अभी अपने मन में यह सोच ही रही थी कि सुमन अपनी बीच वाली ऊंगली को धीरे से उसके गुलाबी छेद में डालना शुरू कर दी,,,जैसे-जैसे उसकी उंगली अंदर बाहर हो रही थी वैसे-वैसे उसकी मदहोशी बढ़ती जा रही थी उसे मजा आ रहा था और इस दौरान वह लगातार अपनी जीभ से उसकी बुर को चाट भी रही थी,,,और सुमन की यह क्रिया लगातार जारी थी वह पूरी तरह से तृप्ति को पागल बना देना चाहती थी और जब उसे लगने लगा कि उसका किया कार्य काम करने लगा है तो वह धीरे से गहरी सांस लेते हुए उसकी दोनों टांगों के पीछे से अपने चेहरे को ऊपर की तरफ उठाई औरतृप्ति की तरफ देखने लगी दोनों की नजर आपस में टकराई दोनों की आंखों में वासना साफ झलक रही थी,,।




1744025364-picsay

सुमन समझ गई थी कि अब वह जैसा कहेगी तृप्ति वैसा ही करेगी इसलिए धीरे से उठी और,,, 69 की अवस्था में उसके ऊपर लेट गई।पहले तो तृप्ति को कुछ समझ में ही नहीं आया और सुमन अपना कार्य जारी करती थी वह उसकी बुर को चाटना शुरू कर दी थी लेकिन तृप्ति कुछ कर नहीं रही थी बस बेहद करीब से सुमन की बुर को देख रही थी और उसकी मादक खुशबू को अपने अंदर उतार रही थी,और सुमन इशारे से उसे समझा रही थी कि क्या करना है लेकिन बोल कुछ नहीं रही थी वह अपनी कमर को आगे पीछे हिलाते हुए अपनी बुर को उसके होठों से सटा दे रही थी,,, लेकिन तृप्ति कुछ कर नहीं रही थी तो,,, आखिरकार सुमन को बोलना पड़ा,,,।



1744025108-picsay




तू भी जीभ से चाट बहुत मजा आएगा,,,,।

(उसकी बात सुनकरतृप्ति के दिल की धड़कन बढ़ने लगी क्योंकि उसे समझ में नहीं आ रहा था कि इस क्रिया को वह कैसे कर पाएगी लेकिन वह अच्छी तरह से देख रही थी कि इसी क्रिया को सुमन बड़े आराम से कर रही थी और आनंदित हो रही थी इतना तो वह मालूम था किस क्रिया को करने में मजा बहुत आता है इसलिए वह भी हिम्मत करके धीरे से अपनी जीभ को हल्के से निकाली और उसकी नौक को सुमन की बुर से हल्का सा स्पर्श कराई और एकदम से गनगना गई,, फिर दोबारा उसने कोशिश की और इस बार हुआ पूरी तरह से अपनी जीभ को उसकी गरम बुर से सटा दी,,, ऐसा करने से वह पूरी तरह से आनंदित हो गई और इस दौरानसुमन अपनी बीच वाली उंगली को फिर से उसकी बुर में प्रवेश कर दी और ऐसा होते ही वह उत्तेजना में तुरंत अपने होठों को पूरी तरह से सुमन की बुर से सटा दी और उसे चाटना शुरू कर दी पहले तो उसे थोड़ा अजीब लगा लेकिन थोड़ी ही देर में उसे आनंद आने लगा मजा आने लगा वह अभी सुमन की तरह ही उसकी बुर की चटाई करना शुरू कर दि।




1744025236-picsay

सच पूछो इस क्रिया को करने में उसे बहुत मजा आ रहा था वह पागल हो जा रही थी उसे पहली बार एहसास हो रहा था कि वाकई में इस तरह के खेल खेलने में कितना मजा आता हैवह भी अपनी बीच वाली उंगली को सुमन की तरह ही उसकी खुद की बुर में डालकर अंदर बाहर करने लगे और उसे इस बात का एहसास हुआ कि उसकी बुर अंदर से कितनी गर्म है जैसा कि उसकी खुद की गरम रहती है,,, दोनों कीक्रिया निरंतर बढ़ती जा रही थी दोनों का नितंबों का आकार एकदम गोल था लेकिन सुमन की गांड को ज्यादा बड़ी थी और दोनों गोल-गोल अपनी गांड को एक दूसरे के चेहरे पर घूम रही थी जिससे दोनों की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ रही थी।







1744025139-picsay

देखते ही देखते दोनों चरम सुख की तरफ आगे बढ़ रही थी दोनों की उंगली एक दूसरे की बुर में बड़ी तेजी से अंदर बाहर हो रही थी ऐसा लग रहा था कि मैं जैसे दोनों की उंगली ना होकर एक मजबूत लंड हो,,,वासना की आग में दोनों सुलग रही थी दोनों पसीने से तरबतर हो चुकी थी,,,,और देखते ही देखते दोनों एकदम चरम सुख को प्राप्त कर ली दोनों की बुर से मदन रस का फवारा फूट पड़ा जिसे दोनों अपने होठों से जीभ से चाट कर मदहोश होने लगी,,,और यह खेल तकरीबन सुबह 5:00 बजे तक चलता रहा और उसके बाद कब दोनों की आंख लग गई दोनों को पता ही नहीं चला,,,।



1744025275-picsay

सुबह जबसुमन की मां दरवाजे पर दस्तक देने लगी तो दोनों की आंख खुली दोनों बिस्तर पर एकदम नंगी थी और जल्दी-जल्दी दोनों अपने कपड़े समेट कर पहनने लगी,,, इसके बाद एक अद्भुत अनुभव के साथ तृप्ति अपने घर आ गई।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
खेली खाई सुमन ने तृप्ती को अपने रंग में रंगा ही दिया और उसके साथ लेस्बिअन करके उससे बुर चटाई करवाकर बुररस का स्वाद करा ही दिया
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
 
Last edited:

Napster

Well-Known Member
6,272
16,457
188
तृप्ति के लिए बीती रात बेहद यादगार बन चुकी थी वह कभी सोचा भी नहीं थी कि उसके जीवन में ऐसा भी पल आएगा जब एक लड़की के साथ उसे हम बिस्तर होना पड़ेगा,,, लेकिन यह अनुभव उसे काफी कुछ सीखा गया था, वह पूरी तरह से अपनी जवानी का लुत्फ ले चुकी थी,, लेकिन यह तो अभी शुरुआत थीऔर शुरुआत की इतनी धमाकेदार थी कि वह कभी सोच भी नहीं सकती थी,,,दूसरों के मुंह से तो उसने सुषमा आंटी की लड़की सुमन के बारे में बहुत कुछ सुनी थी,, लेकिन अब उसे उसका अनुभव भी हो चुका था लेकिन सुमन से उसे कोई गिला शिकवा नहीं था क्योंकि एक ही रात में सुमन ने उसे जवानी का मजा चखाई थी,,, भले ही दोनों मर्दाना अंग से आनंद ना लिए हो लेकिन जनाना अंग से भरपूर मजा लूट थे,,,।




1744349198-picsay

एक अद्भुत अनुभव के साथ अपने घर वापस लौट आई थी एक ही रात में वह पूरी तरह से बदल गई थी एक ही रात में उसे लगने लगा था कि वाकई में असली सुख तो इन्हीं सब में है,,, घर वापस लौटने के बावजूद भी उसका बताने में अजीब सी हलचल हो रही थी,,, वह कुछ देर तक कुर्सी पर बैठकरबीते एक दिन के बारे में सोचती रही एक ही दिन में काफी कुछ बदल गया था एक ही दिन में वह पूरी तरह से लड़की से औरत बनने की दिशा में कदम रख चुकी थी,,, वह सुमन के बारे में भी सोच रही थी कि सुमन इतने खुले विचारों वाली है वह कभी सोची नहीं थी,,, और वह अपने मन में इस बात से सबक भी कर रही थी कि भले वह एक औरत के साथ इस तरह का सुख भोग रही थी लेकिन यकीन तौर पर वह संभोग सुख भी पूरी तरह से प्राप्त कर चुकी थी क्योंकि इस तरह से खुले विचारों वाली लड़की ज्यादा देर तक चुदवाए बिना नहीं रह सकती,,,।




1744349151-picsay

सुमन के बारे में सोचते हुए सुमन की बातें उसे याद आने लगी,,, उसके पास तोअश्लील किताब की थी उसमें किस तरह से गंदी कहानी लिखी हुई थी एक भाई और बहन के बीच किस तरह से संबंध स्थापित होता है इसका उल्लेख बड़े अच्छे तरीके से किया हुआ था,,,और इस बात की झिझक सुमन में बिल्कुल भी नहीं थी कि अगर उसका कोई भाई होता तो उसे नग्न अवस्था में देखकर उसके मन पर क्या गुजरती बल्कि उसे तो अच्छा लगता,,, उसके इस तरह के विचार के बारे में सुनकर तो तृप्ति के होश उड़ गए थे,,, वह अपने मन में सोचने लगी कि अगर वाकई में सुमन का कोई भाई होता तो अब तक वह जरूर उसके साथ शारीरिक संबंध बना ली होती उसके साथ जवानी का मजा लूटती ,,, यह सब सोचती हूं उसके मन में इस बात सेएक और शंका थी कि अगर वह ऐसा चाहती तो वह कर सकती थी लेकिन क्या उसका भाई उन सबके लिए तैयार होता क्या एक भाई अपनी बहन के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार होगा,,,, फिर अपने ही सवाल का जवाब उसके मन मेंउमड़ने लगा और वह अपने आप से ही बोली क्यों नहीं तैयार होगा जब एक तो है ना अपने भाई की मर्दाना अंग को देखकर पिघल सकती है तो क्या एक भाई अपनी बहन की नंगी जवान को देखकर निकल नहीं सकता क्या उसका मन नहींकर करेगा अपनी बहन के साथ शारीर सुख प्राप्त करने के लिए,,,इस बारे में सोचकर वह अपने मन में सोचने लगी कि क्या अगर वह चाहे तो क्या उसका भाई इन सबके लिए तैयार होगा,,।




1744349173-picsay

अपने मन में उठे इस सवाल को लेकर उसे अपने आप पर ही गुस्सा आने लगा वह अपने मन में सोचने लगी कि उसका भाई कितना सीधा ज्यादा है वह अपने भाई के बारे में क्यों इस तरह की बातें सोच रही है,,,वह तो अनजाने में उसके लंड को देखी थी जब वह कमरे में पूरी तरह से नंगा होकर अपने लिए कपड़े ढूंढ रहा था ऐसा तो हर घर में हर एक मर्द करता होगा जब घर में अकेला होता होगा नहाने के बाद वह सारे कपड़े उतार भी देता होगा लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि उसके मन में कुछ चल रहा होगा,,,लेकिन तभी उसके मन में ख्याल आया कि अगर एक मर्द के मन में कोई गलत भावना नहीं होती तो उसका सीधा असर उसके लंड पर पड़ता है और उसमें बिल्कुल भी उत्थान नहीं होतालेकिन जब एक मर्द के बंद में कुछ गंदे विचार चलते हैं तो इसका भी असर सीधे उसकी दोनों टांगों के बीच के अंगों पर होता है और वह तुरंत खड़ा हो जाता है और जब वह अपने भाई को देखी थी तो उसका लंड पूरी तरह से खड़ा था तो क्या उसके मन में भी गंदे विचार चल रहे थेयह बातें सोचकर उसका दिमाग घूमने लगा था फिर अपने मन में सोचने लगी कि उसका भाई भी तो पूरी तरह से जवान हो चुका है गठीला बदन का बांका नौजवान बन चुका है,दूसरे लड़कों की तरह उसका भी आकर्षक औरतों की तरफ और लड़कियों की तरफ बढ़ता ही होगा वह भी दूसरे लड़कों की तरह आती जाती लड़कियों के अंगों के उभार को देखकर मचलता होगा,,, क्या सच में उसके भाई के मन में भी यही सब विचार चलाते होंगे,,,।





1744348760-picsay

इन सब बातों को सोचते हुए उसकी हालत फिर से खराब हो रही थी और उसके बदन में उत्तेजना का संचार होने लगा था,,, जिसका असर सीधे उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार पर पड़ रहा था,,, और उसे रात वाली बात याद करने लगी कि कैसे सुमन बेझिझक बिना शरमाए उसकी बुर को अपने जीभ से चाट रही थी,,,पल भर के लिए तो वह एकदम सच में पड़ गई थी कि एक लड़की एक लड़की के साथ भला ऐसे कैसे कर सकती है,,,लेकिन थोड़ी ही देर में उसके बदन में उत्तेजना की जब हुआ रुकने लगी आने दे कि जो अनुभूति होने लगी उसे महसूस करके वह समझ गई कि वाकई में एक औरत भी औरत को अद्भुत सुख दे सकती हैवह पूरी तरह से मचल गई थी जैसे-जैसे सुमन की जुबान उसके गुलाबी छेद के इर्द गिर्द और अंदर गहराई तक अंदर बाहर हो रहे थे एक अद्भुत सन सनाहट उसके बदन में महसूस हो रही थी जिसका उसे पहले कभी अनुभव नहीं हुआ था,,।




1744348404-picsay

जिस तरह से उसकी हरकतें जारी थी उसे देखते हुए तृप्ति समझ गई थी कि सुमन पूरी तरह से खिलाड़ी बन चुकी थी जिस तरह से वह उसके ऊपर जाकर उसकी दोनों टांगों के बीच मुंह डाल दी थी और बिना कुछ कहेअपनी भारी भरकम गांड को उसके चेहरे पर रखकर अपनी बुर का स्पर्श उसके चेहरे पर कर रही थी उसके होठों पर कर रही थी यह हरकत एक तरह का इशारा था उसके लिए जिसे वह थोड़ी देर बाद समझ गई थी इस समय भी तृप्ति के जेहन में बुर से उठ रही मादक खुशबू बसी हुई थी,,,, यह खुशबू का अनुभव से अपनी बुर से कभी नहीं हुआ था और अगर सुमन एक अद्भुत सुख से प्रधान ना करती तो शायद इस खुशबू से वह अनजान ही रहती,,,सुमन अपनी मन में सोच रही थी कि बुर से निकलने वाले मदन रस का स्वाद कितना कसैला और नमकीन होता है,,, पहले तो उसे खुद को बड़ा अजीब लग रहा था लेकिन धीरे-धीरे उस स्वाद में वह पूरी तरह से खो चुकी थी,,और वह भी सुमन की तरह अपनी जीत के साथ-साथ उंगली को भी उसके गुलाबी छेद में डालकर अंदर बाहर कर रही थी और उसे एहसास हो रहा था कि वाकई में सब की बुर कितनी अंदर से गर्म होती है,,,।




1744348296-picsay

इन सब बातों के बारे में सोच कर त्रप्ति फिर से गर्म होने लगी उसके बदन में उत्तेजना का संचार होने लगा था वह मदहोश होने लगी थी,,, वह अपनी जगह से उठकर खड़ी हो गई और झाड़ू लेकर पूरे घर में झाड़ू लगाना शुरू कर दी,,,,,, और सफाई कर लेने के बाद सीढ़ियां चढ़ते हुए वह छत पर पहुंच गईसुबह का समय था इसलिए छत पर ठंडी हवा बह रही थी और वह गहरी सांस लेते हुए ठंडी हवा को अपने अंदर लेने लगी लेकिन यह ठंडी हवा भी उसकी बदन की गर्मी को शांत करने में नाकामयाब हो रही थी,,,तृप्ति दूर-दूर तक नजर घुमा कर देख रही थी चारों तरफ सुबह की कितनी शांति छाई हुई थी उसके घर के पीछे दूर तक मैदानी मैदान था जिसमें जंगली झाड़ियां उगी हुई थी और एक कच्ची सड़क भी गुजरती थी,,, और यही कच्ची सड़क थी जिस पर चलकर वहां ट्यूशन से घर वापस आ रही थी जब संदीप उसे रास्ते मेंपकड़ लिया था और उसके बदन से छेड़छाड़ कर रहा था उसे समय संदीप की हरकत उसे कुछ अजीब तो लगी थी लेकिन बेहद आनंद दायक भी प्रतीत करा रही थी,,,,।




1744348108-picsay

तृप्ति संदीप के बारे में सोच ही रही थी कि उसकी नजर दूर-दूर झाड़ियों तक पहुंचने लगी जहां पर सुबह के समय औरतें सोच कर रही थी और वही उसे दो लड़के दिखाई दे रही है जो उन औरतों की नंगी गांड को देखकर मत हो रहे थे,,,बड़े लड़कों को देखकर तृप्ति को एहसास हो रहा था कि दुनिया के सारे मर्द एक जैसे ही हैं उन्हें औरतों के खूबसूरत बदन से ही ज्यादा लगाव होता हैवरना एक सो करती औरत को कौन देखना चाहेगा एक औरत तो बिल्कुल भी नहीं देखना चाहेगी लेकिन एक मर्द हमेशा देखना चाहेगा भले ही वह पेशाब कर रही हो यार सोच कर रही हो ऐसी हालात में भी मर्दों को अपनी आंख सेंकने का जुगाड़ मिल जाता है,,,। लड़कों को देखकर तृप्ति अपने भाई के बारे में सोचने लगी,,, उसके मन में ख्याल आने लगा कि उसका भाई भी अगर उसकी आंखों के सामने यह सब चल रहा हो तो जरूर देखेगा क्योंकि आखिरकार वह भी तो एक मर्द है उसका भी आकर्षक औरतों की तरफ जरूर होगा,,,


1744348088-picsay

इन सब के बारे में सोच ही रही थी कि तभी उसे दूर झाड़ी में एक औरत चोरी छिपे आई हुई नजर आने लगी जिसे छत पर खड़ी होकरइतनी बड़ी गौर से देखने लगी वह ऐसे झाड़ियां में जा रही थी जैसे सबसे नजर बचाकर जा रही हो उसके रवैए में तृप्ति को कुछ अजीब लगा अगर वह सहज रूप से सोच करने के लिए जा रही होती तो इस तरह से घबराई हुई ना होती,,, इसलिएबड़े ध्यान से तृप्ति उस औरत को देखने लगी और वह धीरे-धीरे झाड़ियों की तरफ आगे बढ़ रही थी,,,उसके हाथ में डब्बा जरूर था लेकिन तृप्ति को न जाने क्यों ऐसा लग रहा था कि वह सोच करने नहीं जा रही थी,,, तभी तृप्ति को दूसरी तरफ से एक लड़का उसी तरफ आता हुआ नजर आने लगा उसके हाथ में डब्बा भी नहीं था,,, दूर से भी तृप्ति को एकदम साफ दिखाई दे रहा था,,, उसे औरत की उम्र 40 से 45 साल के बीच रही होगी और जो दूसरी तरफ से जवान लड़का आ रहा था वह उसके भाई के ही उम्र का था,,, त्रप्ति उसे लड़के को उसे औरत की तरफ आता हुआ देखकर सोचने लगी कि उस लड़के को देखकर वह औरत अपना रास्ता बदल देगी लेकिन जैसे ही वह लड़का उस औरत के करीब पहुंचा,,, दोनों एकदम से रुक गए,,,।



1744347218-picsay

तभी तृप्ति के आश्चर्य के बीच वह दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे और देखते ही देखते वह लड़का जो उसे औरत के लड़के के उम्र का था वह एकदम से उसे औरत को अपनी तरफ अपनी बाहों में भर लिया यह सब तृप्ति के आश्चर्य को ओर ज्यादा बढ़ा रहा था,,, तृप्ति को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार वह औरत कुछ बोल क्यों नहीं रही है जबकि उन दोनों की उम्र में मां बेटे की उम्र का ही फर्क था,,, इस तरह की हरकत पर एक औरत जरूर सामने वाले पर एक तमाचा जड़ देती लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो रहा था,,, यह सब देखकरतृप्ति की उत्सुकता बढ़ने लगी और वह बड़े गौर से उन दोनों की तरफ देखने लगी,,, तृप्ति के होश तब और उड़ने लगे जब वह लड़काब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चुचियों को दबाना शुरू कर दिया यह देखकर तो तृप्ति की खुद की हालत खराब होने लगी पहली बार वह इस तरह का नजारा देख रही थी,,,।





1744335626-picsay
वह औरत मुस्कुरा रही थीउससे बातें कर रही थी जिसे साफ पता चल रहा था कि वह औरत उसे लड़के को जानती थी दोनों में काफी जान पहचान थी वरना एक अनजान लड़के और औरत के बीच इस तरह से बातचीत और हरकत संभव बिल्कुल भी नहीं था,,, तभी तृप्ति कोऔर तेज झटका लगा जब वह औरत खुद पेड़ की तरफ घूम कर झुक गई और अपनी साड़ी को दोनों हाथों से कमर तक उठा दे और उसकी नंगी गांड एकदम से दिखाई देने लगी दूर से भी तृप्ति को सब कुछ साफ दिखाई दे रहा था,,अब तृप्ति को समझते देर नहीं लगी कि दोनों के बीच किस तरह का रिश्ता है लेकिन उन दोनों के बीच तो उम्र का काफी फर्क था लेकिन फिर भी दोनों एक दूसरे से इतना घुल मिल गए थे शायद जिस की जरूरत ही कुछ ऐसी होती है की उम्र नहीं देखती,,,।





1744335556-picsay

दूर झाड़ियांके बीच का नजारा देखकर तृप्ति की हालत खराब होने लगी थी उसके दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी और उसकी दोनों टांगों के बीच हलचल भी बढ़ने लगी थी उसकी नंगी गांड कुछ ज्यादा ही बड़ी-बड़ी थी जिसे वह लड़काजो उसके बेटे के ही उम्र का लग रहा था वह अपने दोनों हाथों से उसे औरत की बड़ी-बड़ी गांड को पकड़ कर उसे दबा रहा था दबोच रहा था और घुटनों के बल बैठकर उस पर चुंबन भी ले रहा था यह सब कुछ तृप्ति के लिए बेहद अजीब और अद्भुत था लेकिन बेहद को भावना था औरत से एक मर्द किस तरह से प्यार करते हैं वह तृप्ति पहली बार अपनी आंखों से देख रही थी,,,, यह सब तृप्ति के होश उड़ा रहा था और उसके जोश में वृद्धि भी कर रहा था,,,वह लड़का घुटनों के पास बैठकर बार-बार उसकी गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर गांड की दोनों आंखों पर बारी-बारी से चुंबन कर रहा था और वह औरत पीछे नजर घूमाकर उसे जवान लड़के को देखकर मुस्कुरा रही थी,,,।




1744335505-picsay
लेकिन पल भर में ही उसकी मुस्कुराहट मदहोशी में बदलने लगी थी और वह औरत अपना हाथ पीछे की तरफ लाकर उसके सर पर रखकर उसे और नीचे जाने के लिए इशारा कर रही थीशायद वह लड़का यह क्रिया को पहले भी कर चुका था इसलिए उसके सारे को एकदम से समझ गया था और वह औरत की अपना टांग उठाकर उसके कंधों पर रख दी थी एक टांग नीचे जमीन पर थी और एकदम उसके कंधों पर थी जिससे उसकी दोनों टांगों के बीच का रास्ता थोड़ा सा ज्यादा खुल गया था इतनी दूर से तृप्ति को उसकी बुर तो नजर नहीं आ रही थी,,, लेकिन अगले ही पल उसे समझ में आ गया कि वह लड़कावही कार्य कर रहा है जो रात को सुमन उसकी बुर के साथ कर रही थी वह लड़का घुटनों के बल बैठ कर उस औरत की बुर को चाट रहा था,,,जैसे ही तृप्ति को इस बात का एहसास हुआ उसकी हथेली खुद ब खुद सलवार के ऊपर से ही उसकी बुर तक पहुंच गई और वह सलवार के ऊपर से ही अपनी बुर को मसलना शुरू कर दी,,,उस लड़के की हरकत से वह औरत पूरी तरह से मदहोश में जा रही थी और वह उसके बालों को कस के पकड़े हुए थी,,,,।



1744335383-picsay

तृप्ति इस नजारे को देखते हुएअपने चारों तरफ नजर घुमा कर देख भी ले रही थी कि कहीं कोई उसे इस नजारे को देखते हुए तो नहीं देख रहा है वरना लेने का देने पड़ जाएंगे,,, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था वैसे भी,,, उसके घर के थोड़ी दूर पर सुषमा का घर था और बाकी घर दूर-दूर थे और उसकी खुद की छतदूसरों की छत से ज्यादा बड़ी थी इसलिए किसी के भी देखे जाने कीआशंका बिल्कुल भी नहीं थी इसलिए वह निश्चित हो गई और फिर से अपनी नजरों को और अपने ध्यान को उसी झाड़ियां पर केंद्रित कर दी,,, वह लड़का अभी भी उस औरत की बुर को चाट रहा था,,दोनों के बीच की उम्र के अंदर को देखकर सुमन के होश उड़े जा रहे थे उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह लड़का तो पूरी तरह से जवान था ऐसे में उसका आकर्षण लड़कियों की तरफ बढ़ना चाहिए लेकिन वह पूरी तरह से औरत के आकर्षण में डूबता चला गया थाक्या ऐसा हो सकता है कि एक जवान लड़का अपनी ही मन की उम्र की औरत क्या आकर्षण में बंध जाए और अगर ऐसा होता होगा तो क्यों होता होगा,,,यह सब सोचते कि उसका दिमाग काम करना बंद कर दिया था उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था,,,।




1744335344-picsay

तृप्ति को दूसरी औरतों भी सो करती हुई दिखाई दे रही थी लेकिन उन औरतों सेउसे औरत के बीच की दूरी काफी ज्यादा थी और ऐसा लग रहा था कि यह जगह उन दोनों के लिए बेहद सुरक्षित थी और उसे जगह पर दोनों पहले भी इस तरह का आनंद ले चुके थे क्योंकि उनके इर्द-गिर्द कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था,,और जिस तरह से दोनों आपस में जाकर मिले थे निश्चित था कि दोनों का वहां मिलना चाहिए था पहले से ही तभी तो वह दोनों एक ही जगह पर चलते चले जा रहे थे,,, जो कुछ भी हो लेकिन इस समय तो दोनों जवानी का मजा लूट रहे थे,,,, उसे औरत के चेहरे के बदलते हाव भाव को देखकरतृप्ति इतना तो समझ गई थी कि उसे लड़के की हरकत से वह मदहोश हुए जा रही है उसे मजा आ रहा है,,,,,वह लड़का भी औरत की बुर चाटने में बुरी तरह से माहिर था इसलिए तो अपनी जीभ से उसे पूरी तरह से आनंदित किया जा रहा था जैसा कि सुमन उसे रात में मजा दी थी वैसा ही इस समय वह लड़का उस औरत को मजा दे रहा था। थोड़ी देर तक दोनों इसी तरह से मजा लेते रहे लेकिन तभी वह औरत उसे उठने का इशारा करने लगी और थोड़ी देर में वह उठकर खड़ा हो गया और अपने पेंट का बटन खोलने लगा।



1743958952-picsay

यह देखकर तृप्ति की हालत बहुत ज्यादा खराब होने लगी क्योंकि अब दोनों के बीच चुदाई का खेल शुरू होने वाला था,,, लेकिन तभी वह औरतउसे लड़की की तरह खुद घुटनों के पास बैठ गई और अपने हाथों से उसके पेंट का चैन खोलने लगी और अपने हाथ से उसके लंड को बाहर निकाल कर सीधा उसे मुंह में भर ली,,, यह देख कर तो तृप्ति की सांस अटकने लगी,,, उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था जो काम घर की चार दिवारी के अंदर रहकर करते हैं वही काम को या दोनों घर के बाहर खुले मैदान में झाड़ियों के बीच कर रहे थे,,, इतनी दूर से तृप्ति को उस लड़के का लंड नजर नहीं आ रहा थालेकिन इतना दिखाई दे रहा था कि उसे मुंह में लेकर वह औरत एकदम मस्त हुए जा रही थी पर ऐसा लग रहा था कि जैसे वह उस लंड को खा जाएगी,,, उस औरत की मस्ती को देखकर तृप्ति के मन में फिर से शंका पैदा होने लगी कि क्या इस उम्र की औरत अपने बेटे की उम्र के लड़के के अंग के साथ संतुष्ट हो सकती है,,, और शायद हो सकती होगी तभी तो दुनिया की नजरों से बचकर यह औरत मजा लेने के लिए झाड़ियों में आई थी,,।



1743958923-picsay


तृप्तिमदहोश कर देने वाली नजारे को देखकर सलवार के ऊपर से अपनी बुर को अपनी हथेली में जोर-जोर से दबोच रही थी मसल रही थी,,, ऐसा करने में उसे भी मजा आ रहा था,,,कुछ देर तक कुछ औरत इसी तरह से मजा लेती रही और फिर अपने आप ही उठकर खड़ी हो गई और फिर से झाड़ी पकड़ कर घोड़ी बन गई और अपनी बड़ी-बड़ी गांड को ऊपर की तरफ उठा दी हालांकि ऐसा करने में उसकी साड़ी ठीक तरह से हो गई थी और उसकी नंगी गांड साड़ी के अंदर छुपा रही थी लेकिन इस बार उसेलड़के ने अपने हाथों से साड़ी उठाकर उसे उपर उठा दिया था और फिर से उसकी नंगी गांड एक बार फिर से उजागर हो गई थी,,,उसकी नंगी गांड देखकर एक बार फिर उसे लड़के ने उसकी गांड पर बारी-बारी से चपत लगाया,,, और गांड पर चपत लगते ही वह औरत फिर से पीछे मुड़कर देखने लगी,,, और थोड़ा नाराजगी दर्शाते हुए उसे मुख्य कार्य को करने के लिए बोली और तुरंत वह लड़काठीक उसके पीछे खड़ा हो गया और नीचे की तरफ झुक कर उसके गुलाबी छेद में अपना लंड डालकर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया,,,,।



1743958890-picsay

वैसे तो इतनी दूर से ना तो औरत की बुर दिखाई दे रही थी ना ही उस लड़के का लंड दिखाई दे रहा था लेकिन भी उसकी आगे पीछे होती हुई कमर को देखकर तृप्ति समझ गई थी कि वह लड़का उसकी चुदाई कर रहा है,,, इस समय दोनों की उम्र का फर्क तृप्ति को इस बात से पता चल रहा थाऔर अच्छी तरह से समझ रही थी कि इस उम्र का क्या महत्व होता है इस उम्र में वह औरत अपनी मर्जी से उस लड़के से चुदवा रही थी,,, वह लड़का अपनी तरफ सेऐसा कोई कार्य नहीं कर रहा था जिससे वह नाराज हो जाए और वह लड़का उस औरत के दिशा निर्देश पर ही काम कर रहा था,,,जैसा जैसा वह बोल रही थी वैसा वैसा हुआ लड़का कर रहा था जिससे साफ जाहिर हो रहा था कि इस उम्र में एक जवान लड़के पर औरत का कितना दब दबा बना रहता है,,,,।




1743958870-picsay

यह नजारा तृप्ति को पूरी तरह से मदहोश कर दिया था इस समय उसे भी चुदवाने का बहुत मन कर रहा था हालांकि इस खेल में वह पूरी तरह से अनाड़ी थी कच्ची खिलाड़ी थी उसे नहीं मालूम था कि चुदवाने में कैसा महसूस होता है लेकिन इतना तो समझ गई थी कि परम आनंद की अनुभूति होती है,,,,वह लड़का जोर-जोर से अपनी कमरिया रहा था तकरीबन 10 मिनट बाद वह लड़का उसे औरत से एकदम से अलग हो गया और अपने लंड को पेट में वापस डाल दिया वह औरत की अपनी साड़ी को ठीक करके मुस्कुराते हुए उसकी तरफ अच्छी और शायद फिर से मिलने का वादा करके वहां से चलती बनी और उसके जाते ही तृप्ति का भी वहां खड़े रहना अब ठीक नहीं था क्योंकि उसके बदन में भी उत्तेजना की लहर उठ रही थी और वह सीधा सीढ़ियां उतरकर नीचे आई और सीधा बाथरूम में घुस गई,,,।



1743958856-picsay


बाथरूम में प्रवेश करते ही वह अपने बदन से सारे कपड़े को उतार कर एकदम नंगी हो गई और अपनी बुर की हालत को देखने लगी क्योंकि पूरी तरह से उसके ही मदन रस से चिपचिपी हो गई थी वह अपनी हथेली को अपनी बुर पर रखकर उसे जोर-जोर से मसलने लगी जैसा कि सुमन उसकी बुर को मसल रही थी,,,और देखते ही देखते हैं उसकी आंखें धीरे-धीरे बंद होने लगी और वह धीरे-धीरे अपनी उंगली को अपनी बुर के अंदर प्रवेश कराने लगी,,, और धीरे-धीरे उसे अंदर बाहर करने लगी ऐसा करने में उसे मजा आने लगा ।थोड़ी देर बाद वापस संतुष्ट हो गई और नहा कर वापस बाहर निकल गई लेकिन आज वह अपने कमरे तक जाने में ना तो किसी कपड़े का सहारा ली और ना ही टॉवल अपने बदन पर लपेटी,,,एकदम नंगी ही वह अपने कमरे तक गई क्योंकि घर पर कोई नहीं था इसलिए इस मौके को पूरा फायदा उठा लेना चाहती थी,,,वैसे भी घर में नंगी होकर घूमने में उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी बहुत हल्का महसूस कर रही थी,,,।





1743959006-picsay


थोड़ी देर बाद वह तैयार हो गई और खाना बनाने लगी क्योंकि वह जानती थी दोपहर तक उसकी मां और उसके भाई दोनों आ जाएंगे,,खाना बनाते हुए अपने मन में सोच रही थी कि अगर एक दिन का समय और मिल जाता तो कितना मजा आता आज भी वह सुमन के घर पर जाकर जवानी का मजा लूटती,,,,।दोपहर तक उसकी मां और उसके भाई भी घर पर आ गए थे वह दोनों भी एक नए अनुभव के साथ वापस लौटे थे।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
सुमन के घर एक नये आनंद की अनुभुती लेकर अपने घर आयी तृप्ती को अपने छत से कुछ दुरी पर बनी झाडीयों में एक जवान लडका और अधेड और के बीच की चुदाई देखने को मिली यह भी उसका पहला अनुभव था और उसने अपनी उत्तेजना को बाथरूम में जाकर शांत कर घर के काम में लग गयी
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
Top