• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica मेरी बीवी अनुश्री

आपकी पसंदीदा कौन है?

  • अनुश्री

    Votes: 193 72.0%
  • रेखा

    Votes: 44 16.4%
  • अंब्दुल

    Votes: 57 21.3%
  • मिश्रा

    Votes: 18 6.7%
  • चाटर्जी -मुख़र्जी

    Votes: 28 10.4%
  • फारुख

    Votes: 12 4.5%

  • Total voters
    268

andypndy

Active Member
710
2,942
139
अपडेट आएगा तब तक आप इसे पढ़िए

लेट होने के लिए माफ़ी चाहता हूँ, अपनी पर्स्नल प्रॉब्लम से निजात पा ही चूका हूँ बस
इस कहानी और पहले कि कहानी पे जल्द ही अपडेट आ जायेगा
साथ बने रहने के लिए धन्यवाद
कथा जारी है....
 

asha10783

Shy mermaid
208
354
78
जल्दी से अपडेट दे दीजिए
 
  • Like
Reactions: ikartiksingh50

Thakur a

Member
391
206
58
Yaar update kahan har bar aate aur sirf yahi bolate ho ki main a Gaya Hun wapas a Gaya hun lekin update to aata nahin hai bolate ho aa jaega kab aayega update
 
  • Like
Reactions: andypndy

kingkhankar

Multiverse is real!
6,356
14,182
188
Please post next update.
 

andypndy

Active Member
710
2,942
139
Yaar update kahan har bar aate aur sirf yahi bolate ho ki main a Gaya Hun wapas a Gaya hun lekin update to aata nahin hai bolate ho aa jaega kab aayega update
थोड़े सा इंतज़ार आ ही गया अपडेट समझो
 

harshit1890

" End Is Near "
Prime
5,713
8,632
219
Section ke first page par story dekho to title se kuch interesting lagi. To padne laga aur 3 update pade jise padh kr mujhe apke writing ki potential smjh ayi. You have a lot of potential in writing and bahut acha likha hai, Apki writing ke according a reader can actually binge with it.

Par mjhe lagraha hai apke update speed bht slow hai.. Mer suggestion ye hai ki focus on one story otherwise the story loose its charm. Anyways apart from this ... U are a great writer.. just keep writing like this.. andypndy
 
  • Like
Reactions: Dungeon Master

andypndy

Active Member
710
2,942
139
Section ke first page par story dekho to title se kuch interesting lagi. To padne laga aur 3 update pade jise padh kr mujhe apke writing ki potential smjh ayi. You have a lot of potential in writing and bahut acha likha hai, Apki writing ke according a reader can actually binge with it.

Par mjhe lagraha hai apke update speed bht slow hai.. Mer suggestion ye hai ki focus on one story otherwise the story loose its charm. Anyways apart from this ... U are a great writer.. just keep writing like this.. andypndy
धन्यवाद दोस्त स्टोरी पसंद करने के लिए.
पिछले कुछ दिनों काफ़ी व्यस्त रहा तो अपडेट मे कमी रहना लाजमी था.
लेकिन अब से अपडेट रेगुलर आते रहेंगे.
आप पाठको कि उम्मीद को पूरा कर सकूँ यही मेरा कर्तव्य है.
बने रहिये कथा जारी है.....
 
  • Like
Reactions: harshit1890

andypndy

Active Member
710
2,942
139
अपडेट -19

पिछली रात
"तो भाई लोगो कहाँ घूमने का विचार है अब " अन्ना ने नशे मे लहराते हुए कहाँ.
मंगेश :- देखो भाई अन्ना हम तो आये है हनीमून मनाने कल बाइक लेनी है और मस्त घूमेंगे,तुम भी चलना राजेश हिचहम्म्म्म...
राजेश :- हाँ भैया क्यों नहीं मम्मी को भी अच्छा लगेगा बहुत दिन बाद आई है कही बहार.
देखा कितनी खुश थी पापा के जाने के बाद तो उनकी हसीं ही कही छुप गई थी लेकिन जब से यहाँ आई है चहक राही है.
"अरे चाहकेगी क्यों नहीं जगह ही ऐसी है अभी तो तुम्हारी माँ के खेलने कूदने के दिन है " अन्ना नशे मे शायद ज्यादा ही बोल गया था.
कमरे मे एक पल मे सन्नाटा छा गया, अन्ना कि घिघी बंध गई उसे अहसास हुआ कि वो ज्यादा ही बोल गया.
कि तभी "अन्ना भाई सही बोलते हो औरत कभी बूढ़ी होती है भला हाहाहाहाहा......मंगेश ने नशे मे चुटकी लेते हुए कहा.
तीनो हॅस पड़े... अन्ना कि सांस वापस लौट आई थी.
अन्ना :- वैसे मेरी शादी हो गई होती तो राजेश जैसा खूबसूरत बेटा होता मेरा भी" अन्ना दारू के जोश मे मन कि बात कह गया
उसे आज इन दोनों के साथ अपनापन सा महसूस हो रहा था

मंगेश :- दुखी क्यों होते हो अन्ना अभी तो जवान हो आप भी कोई अच्छी सुन्दर औरत क्यों नहीं देख लेते
मंगेश ने एक एक पैग और बना दिया.
अन्ना :- हाँ यार तुम सही कहते हो मैंने तो औरत के नाम पे कभी लंड भी नहीं हिलाया " अन्ना काँखियो से देखता हुआ बात कह गया उसकी नजरो मे राजेश ही था.
जैसे राजेश से ही सवाल पूछ रहा हो

दारू कि गर्मी अब सभी के दिमाग़ मे चढ़ने लगी थी

वैसे भी दारुबाज़ आपस मे कब दोस्त बन जाते है उन्हें खुद को पता नहीं चलता.
दारू का ही जोर था कि तीन अनजान लोग कामुक बाते कर रहे थे,उनका मुद्दा औरत था.
अन्ना :- तुम तो शादी सुदा हो मंगेश, लेकिन भाई राजेश तुम्हारा क्या तुम अपनी गर्मी कहाँ बुझाते हो? अन्ना ने जबरजस्त सवाल दाग दिया था.
राजेश :- वो...वो....मै..मै... राजेश बुरी तरह झेम्प गया था उसने तो कभी अपने ऊपर ध्यान ही नहीं दिया था.
मंगेश :- क्या यार राजेश मर्द हो के हकलाते हो? खड़ा तो होता है ना हाहाहाहा.... अन्ना और मंगेश बुरी तरह हॅस पड़े.
राजेश जो कि गंभीर सोच मे था उसे ध्यान आया कि आज तक उसने इस बारे मे सोचा ही नहीं, सोचा क्या उसने तो आज तक खुद का लंड खड़ा ही नहीं पाया कभी.
उसके लंड ने सिर्फ मूतने का ही काम किया था आज तक.
"अरे क्या बात करते हो खड़ा क्या... किसी कि लेने पे आ जाऊ तो नानी याद दिला दू " राजेश ने जैसे तैसे खुद को संभाला और फेंक दिया जोर का.
अन्ना :- वैसे तुम्हारी माँ को कोई देख ले तो सोचे कि तुम्हारी बड़ी बहन है.
ना जाने क्यों अन्ना का बार बार उसकी माँ के बारे मे बात करना उसे रोमांचित कर रहा था,उसे कही ना कही अन्ना कि बात पसंद आ रही थी.

राजेश :- अब क्या करे भाई माँ जवानी मे ही विधवा हो गई.
मंगेश :- होता है भाई......जाने दे. मंगेश ने एक एक पैग और बना दिया.
तीनो ने ये पग भी ख़त्म किया....
"ठाक...ठाक...ठाक....साहेब अन्ना साहेब अपने बुलाया था " बहार से बहादुर कमरे पे दस्तक देता हुआ अंदर दाखिल हुआ.
अन्ना ने नजर उठा के ऊपर देखा " बहादुर.... नहीं बुलाया जा दरवाजे पे जा "
बहादुर जाने ही लगा था कि "रुक तो बहादुर....ये ये तेरी शर्ट गीली कैसे है? तू हांफ क्यों रह है?
बहादुर ने जैसे ही ये प्रश्न सजन उसकी सांसे अटक गई उसने सर झुका के नीचे देखा उसकी शर्ट गीली थी उसपे रेखा कि चुत से निकला पानी चिपका हुआ था.
"वो...वोओओओ.....मालिक " बहादुर के पास कोई जवाब नहीं था.
कमरे मे एक अजीब सी गंध फ़ैल गई थी,अजीब सी कामुक गंध वैसे ही तीनो का मुद्दा औरत ही थी ऊपर से बहादुर के कमरे मे आ जाने से रेखा को चुत रस से भीगी शर्ट बंद कमरे मे महकने लगी थी.
राजेश :- आआहहहह....शनिफ्फफ्फ्फ़.....ये अजीब सी गंध कैसी है?
मंगेश :- हाँ यार कुछ अजीब सा तो महक रहा है
अन्ना ने भू इस गंध को महसूस किया " क्यों बे बहादुर कहा गिर गया था जो महक रहा है?" हिचहह....
"वो...वो.....बहार मौसम ख़राब है " बहादुर धड़कते दिल के साथ पलट गया और कमरे से बहार ऐसे भगा जैसे भूत पीछे पड़ा हो.
तीनो मर्द उल्लू के चरखे ही थे जो एक औरत के कामरस कि खुसबू को भी ना पहचान सके. बात औरत कि हो रही थू और औरत कि खुसबू ही नहीं पता.
अन्ना,राजेश का तो समझ आता था कि कभी औरत का रस नहीं चखा लेकिन सबसे बढ़ा गधा मंगेश ही था जो जवाब कामुक बीवी का पति हो के भी काठ का उल्लू बना बैठा था.
शराब के नशे मे किसी का ध्यान इस तरफ गया भी नहीं
अन्ना :-हाहाहाबा.... बच्चा है अभी डर जाता है मुझसे अभी अभी नेपाल से आया है नौकरी करने.
मंगेश :- अब हमें चलना चाहिए अन्ना मौसम ख़राब हो रहा है, अनु भी इंतज़ार कर रही होंगी मेरा.
राजेश मंगेश, अन्ना से विदा ले चल पड़े अपने कमरे कि ओर
राजेश :- भैया वाकई मौसम ख़राब है
कि तभी धाड़.....करता हुआ अब्दुल टकरा गया दोनों से.
अब्दुल से निपट के मंगेश अपने रूम मे पहुंचते ही ढेर हो गया उसे रत्ती भर भी परवाह नहीं थी कि अनुश्री कमरे मे है भी या नहीं....थोड़ी ही देर मे नाक बजाने लगा.
रूम नंबर 103
राजेश भी जैसे तैसे लड़खड़ता अपने कमरे का दरवाजा खोल अंदर घुसा,अंदर अंधेरा था.
राजेश जैसे ही अंदर दाखिल हुआ उसे वापस से वही कामुक गंध का अहसास हुआ जो बहादुर के आने से हुआ था.
एक अजीब सी लेकिन कामुक गंध, "माँ...माँ....सो गई?" राजेश ने अँधेरे मे ही आवाज़ लगाई लेकिन रेखा कि तरफ से खोज उत्तर नहीं मिला
"शायद सो गई है माँ,लेकिन ये गंध कैसी है?" राजेश ने खुद से ही सवाल पूछा लेकिन नासमझ राजेश ने जवाब भी खुद ही दिया "मेरा भरम है लगता है सल दारू ज्यादा ही हो गई आज
राजेश सीधा बिस्तर के हवाले हो गया रेखा के बगल मे,रेखा जो बिल्कुल प्रस्सनचीत चुत रस से भीगी सो रही थी.
होटल मे सन्नाटा छा गया था, सभी के जीवन मे उथल पुथल मच गई थी.
बाहर तेज़ हवाओं ने तूफान माँ रूप ले लिया था.
समुन्दर के पानी किनारो को नेस्तनाबूत करने कि फिराक मे था.
क्या रंग लाएगा ये तूफान


सुबह हो चली थी,लेकिन आज सूरज नहीं निकला था
मंगेश अभी भी बिस्तर पे ही पड़ा हुआ खर्राटे भर रहा था, अनुश्री जो आंख मलती हुई उठ बैठी थी..
"गुडमॉर्नि....गगग.....मन....म....अनुश्री ने अंगड़ाई लेते हुए मगेश कि तरफ देखा तो उसकी आंखे खुली रह गई, एक पल मे ही उसे कल रात का वाक्य याद आ गया उसके बाजु मे ही मंगेश कमर से नीचे नंगा लेटा हुआ था,उसका लंड मुरझाया पड़ा था.
images-1.jpg

अनुश्री का दिमाग़ चकरा के राह गया उसने ऐसी हरकत कैसे कर दी थी उसने होने पति के लंड कि तुलना अब्दुल और मिश्रा के लंड से कैसे कर दी थी.
उसका दिल चित्कार उठा कि ये बाज़ारू हरकत कैसे कर दी उसने क्या हुआ था उसे कल रात.
"हे भगवान क्या हो रहा है मेरे साथ....अनुश्री ने जल्दी से अपने हाथ को आगे बढ़ा के मंगेश कि पैंट को ऊपर चढ़ा दिया और बाथरूम कि ओर दौड़ पड़ी.
धाड़....से दरवाजा बंद हो गया सामने आदम कद शीशे मे उसका अक्स दिख रहा था,एक पतले से कुर्ते और जाँघ से चिपकी लेगी मे क़यामत लग रही थी अनुश्री
एक पल को खुद को ही देख शर्मा गई,उसे कल रात बिता एक एक वाक्य याद आने लगा कैसे वो अब्दुल के लंड को देख अपनी गांड घिस रही थी.
आज अनुश्री अपने बदन के एक एक कटाव को देख रही थी.
20220108-233056.jpg

ब्रा के ना होने से स्तन के निप्पल साफ साफ अपनी मौजूदकी का अहसास करवा रहे थे.
उभरे हुए स्तन,उसके नीचे सपाट पेट,बहार को निकली मदमस्त गांड "क्या गांड है मैडम आपकी " जैसे ही अनुश्री कि नजर खुद कि गांड पे पड़ी उसके जहन मे अब्दुल के कहे शब्द याद आ गए.
वो बिस्तर से उठी तो थी यही सोच के कि जो हुआ वो अब से नहीं होगा,लेकिन ना जाने क्यों खुद को देख के ही उसका बदन मचलने लगा.
कपड़ो के अंदर ना ब्रा थी ना पैंटी.
लेगी पूरी तरह चुत मे धसी हुई अपना आकार बतला रही थी.
images-2.jpg

"क्या मै वाकई इतनी सुन्दर हूँ कि अब्दुल और मिश्रा मुझे देख खुद को रोक नहीं पाते " अनुश्री कि नजर अपने ही बदन पे ऊपर से नीचे दौड़ गई.
अनुश्री को ये सब देखा नहीं गया,अपने ही जिस्म कि बनावट से शर्मा गई.
खुद से ही पीठ फेर ली थी उसने " मंगेश सब तुम्हारी वजह से हो रहा है तुम क्यों ध्यान नहीं देते मुझपे " अनुश्री मन ही मन खुद से ही शिकायत कर रही थी
वो रोज़ सुबह उठ के खुद को समझाती लेकिन परिस्थिति ऐसी बन जाती कि सारे वचन सारी प्रतिज्ञा धरी कि धरी रह जाती.
आज भी कुछ ऐसा ही था उसने वादा किया कि वो सिर्फ मंगेश कि है वो मंगेश के अंदर का मर्द जगा के रहेगी.
"
images-3.jpg


ये ख़राब मौसम मे बस का सफर कहा ले के जायेगा अनुश्री को ये तो वक़्त ही बताएगा.

आगे यहाँ पढ़.
बारिश अभी भी बदस्तूर जारी ही थी.
बने रहिये कथा जारी है....
 
Last edited:

samirseth

Member
140
47
43
aage
 
Top