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Erotica मेरी बीवी अनुश्री

आपकी पसंदीदा कौन है?

  • अनुश्री

    Votes: 193 72.0%
  • रेखा

    Votes: 44 16.4%
  • अंब्दुल

    Votes: 57 21.3%
  • मिश्रा

    Votes: 18 6.7%
  • चाटर्जी -मुख़र्जी

    Votes: 28 10.4%
  • फारुख

    Votes: 12 4.5%

  • Total voters
    268

dragonslair

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Ristrcted

Now I am become Death, the destroyer of worlds
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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hind section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 25th February tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.



Story se related koi doubt hai to iske liye is thread ka use kare — Chit Chat Thread

Kisi bhi story par apna review post karne ke liye is thread ka use kare — Review Thread

Rules check karne ke liye is thread ko dekho — Rules & Queries Thread

Apni story post karne ke liye is thread ka use kare — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership
Best Supporting Reader Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 

samirseth

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PURI HO GAI STORY ??
 

Ramiz Raza

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Suru suru me sab fast update dete h,fir pta nhi kya hota h ye log update dena hi band ker dete,tab tak rider ka man bhi nhi hota ki koi view de
 

andypndy

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अपडेट -20

रूम नंबर 103
"उठो माँ कब तक सोती रहोगी " राजेश ने रेखा को हिलाते हुए कहा
रेखा जो कि अभी भी बिस्तर पे ही पड़ी थी वो सपनो मे अपनी हसीन जवानी को जी रही थी.
सपाट गोरे लेट ले नाभि साफ अपनी सुंदरता बिखेर रही थी.
एक बल को राजेश भी अपनी माँ कि खूबसूरती को देखता ही रह गया
उसकी कानो मे अन्ना के काहे शब्द गूंजने लगे "अभी तो जवान है तुम्हारी माँ "
राजेश भी अपनी माँ को सोता देख इस बात से इंकार नहीं कर पाया "अभी भी कितनी सुन्दर है माँ "
images-7.jpg

"उम्म्मममम.....क्या हुआ बेटा " रेखा ने अपनी आंख डबडबाते हुए कहा
"चलना नहीं क्या माँ घूमने? हम लोग लेट हो रहे है मंगेश भैया का फ़ोन आ रहा है बार बार " राजेश जो कि तैयार हो चूका था
रेखा उठी,अंगाड़ाई ली कि तभी उसे कल रात का वाक्य याद आ गया उसकी पैंटी के गिलापन उस याद को कम ही नहीं होने दे रहा था " राजेश बेटा मेरे पाँव मे अभी भी दर्द है थोड़ा आज मै आराम ही करना चाहती हू "
रेखा कि बात सुन राजेश का मुँह ही लटक गया
" क्या माँ आप भी,ठीक है फिर नहीं जाये आज " राजेश वही पलंग पे बैठ गया.
"ओ मेरा बेटा....मैंने कहा कि मै नहीं जाउंगी तू तो जा, तेरे तो मौज मस्ती के दिन है "
रेखा ने राजेश के लटके हुए चेहरे को आने हाथ से उपर उठाते हुए बोला.
"लेकिन माँ...आपको छोड़ के....? "
"कोई बात नहीं बेटा आज आराम कर लुंगी तो कल चलेंगे ना वैसे भी आज मौसम ख़राब है दर्द और बढ़ जायेगा " रेखा ने अपनी दलील दे मुस्कुरा दि
अब ये मुस्कुराहट वाकई बेबसी कि थी या फिर उसके दिमाग़ मे कुछ और ही था.
रेखा ही जाने भला औरत का मन भी कोई पढ़ पाया है.
राजेश :- ठीक है माँ अपना ध्यान रखना मै आ जाऊंगा शाम तक कोई जरुरत हो तो अन्ना को फ़ोन कर लेना.
राजेश जल्दी मे था भड़ाक से कमरे का दरवाजा बंद हुआ,कमरे मे रह गई सिर्फ अकेली रेखा.

होटल मयूर के बाहर
"अरे कहा रह गया ये राजेश,अब फ़ोन भी नहीं उठा रहा? बस मे जगह नहीं मिलेगी फिर, एक तो ये मौसम आज ही बारिश होनी थी " मंगेश खुद से ही बड़बड़ा रहा था
अनुश्री :- अरे आ जायेगा चिंता क्यों करते हो, बारिश को क्यों दोष देते हो इतना रूहानी मौसम तो है.
अनुश्री मंगेश कि ओर देखते हुए आंख मार देती है,
अनुश्री का दिल आज ख़ुश था उसे ये मौसम रोमांटिक सा फील दे रहा था,कितने दिनों बाद वो ऐसे मौसम मे अपने पति के साथ निकली थी.
"सॉरी......सो..सो....सॉरी...भैया "पीछे से राजेश लगभग भागता सा आया
" सॉरी भैया लेट हो गया चलो जल्दी चलो बस ना छूट जाये" राजेश बस मे घुसने लगा
मंगेश :- अरे अरे....आराम से माँ जी कहाँ है?
राजेश :- ओ...मै तो भूल ही गया माँ को कल रात मोच आई थी उसमे दर्द है थोड़ा वो होटल मे ही रुकना चाहती है.
राजेश का ऐसा बोलना था कि दो लोगो के चेहरे पे चमक आ गई.
पहली अनुश्री :- कोई बात नहीं हम लोग चलते है ना देखो बारिश और ज्यादा ना होने लगे.
अनुश्री कि तो मन कि मुराद पूरी हो गई थी वो सिर्फ अपने पति का साथ चाहती थी उसे कही ना कही लग रहा था कि माँ जी आ गई तो उसे उन्ही के साथ बैठना पड़ेगा,मंगेश के साथ समय ही नहीं बिता पायेगी.
लेकिन शायद उसके निर्णय कि भगवान ने भी कदर कि थी.
दूसरा पास मे खड़ा बहादुर जो रात तक अंदर ही अंदर डरा हुआ था लेकिन सुबह तक उसकी कोई शिकायत नहीं आई थी "इसका मतलब मैडम जी को कोई आपत्ति नहीं जो भी कल रात हुआ?"
बहदुर अपनी ही सोच मे गुम था कि

"ऐ बहादुर गेट लगा चल, बस रवाना होने वाली है, मैडम जी आप भी चलिए अंदर "
कडक़दार आवाज़ से सभी का ध्यान उस तरफ गया.
मंगेश :- अरे अब्दुल तुम ड्राइवर कि यूनिफार्म मे?
अब्दुल :- क्या साहेब मैंने बताया तो था मै ही हू यहाँ का आलराउंडर बस क्या मै तो घोड़ी भी दौड़ा लेता हू.
अब्दुल ने अनुश्री को ऊपर से नीचे घूरते हुए कहा.
अनुश्री को अब्दुल कि नजारा साफ अपने बदन पे चुभती हुई महसूस हुई.
images-3.jpg

"कही मैंने ये कपडे पहन के गलती तो नहीं कर दि....नहीं..नहीं....ये सिर्फ मेरे मंगेश के लिए है "
अनुश्री ने अपने मन से अब्दुल को नकार दिया यहाँ उसके लिए कुछ नहीं था.

भरी बरसात मे भी एक बार को अनुश्री के माथे पे पसीने कि लकीर तैर गई.
"बैठिये मैडम जी बस निकलने का टाइम हो रहा है " अब्दुल कि कड़कदार आवाज़ से अनुश्री का ध्यान भंग हुआ
अनुश्री,मंगेश और राजेश बस मे चढ़ गए...अब्दुल ने ड्राइविंग सीट संभाल ली थी.
तो बोलो....भगवान जगन्नाथ कि......जयययययय.....
बस अपनी मंजिल कि ओर दौड़ चली थी.
बहादुर कि नाईट ड्यूटी खत्म हो गई थी वो भी अपने कमरे कि ओर बढ़ चला था.
रात भर जगने के बावजूद उसकी आँखों मे नींद नहीं थी,
थी तो एक चमक....
लेकिन...लेकिन ये क्या बहादुर का कमरा तो नीचे है वो ऊपर कहाँ जा रहा है?

तो क्या होगा बस मे अब?
अनुश्री को मंगेश का साथ मिलेगा?
बहादुर कितनी बहादुरी दिखा पायेगा?
बने रहिये....कथा जारी है....
तो अब से शुरू होता है बस का हिचकोले भरा सफर...
 
Last edited:

Thakur a

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Good update per yaar itne din ke bad update dete Ho vah bhi itni se itni chhoti update to bhi to kaise chalega thodi badi update do aur jaldi update kara karo
 

malikarman

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रूम नंबर 103
"उठो माँ कब तक सोती रहोगी " राजेश ने रेखा को हिलाते हुए कहा
रेखा जो कि अभी भी बिस्तर पे ही पड़ी थी वो सपनो मे अपनी हसीन जवानी को जी रही थी.
सपाट गोरे लेट ले नाभि साफ अपनी सुंदरता बिखेर रही थी.
एक बल को राजेश भी अपनी माँ कि खूबसूरती को देखता ही रह गया
उसकी कानो मे अन्ना के काहे शब्द गूंजने लगे "अभी तो जवान है तुम्हारी माँ "
राजेश भी अपनी माँ को सोता देख इस बात से इंकार नहीं कर पाया "अभी भी कितनी सुन्दर है माँ "
images-7.jpg

"उम्म्मममम.....क्या हुआ बेटा " रेखा ने अपनी आंख डबडबाते हुए कहा
"चलना नहीं क्या माँ घूमने? हम लोग लेट हो रहे है मंगेश भैया का फ़ोन आ रहा है बार बार " राजेश जो कि तैयार हो चूका था
रेखा उठी,अंगाड़ाई ली कि तभी उसे कल रात का वाक्य याद आ गया उसकी पैंटी के गिलापन उस याद को कम ही नहीं होने दे रहा था " राजेश बेटा मेरे पाँव मे अभी भी दर्द है थोड़ा आज मै आराम ही करना चाहती हू "
रेखा कि बात सुन राजेश का मुँह ही लटक गया
" क्या माँ आप भी,ठीक है फिर नहीं जाये आज " राजेश वही पलंग पे बैठ गया.
"ओ मेरा बेटा....मैंने कहा कि मै नहीं जाउंगी तू तो जा, तेरे तो मौज मस्ती के दिन है "
रेखा ने राजेश के लटके हुए चेहरे को आने हाथ से उपर उठाते हुए बोला.
"लेकिन माँ...आपको छोड़ के....? "
"कोई बात नहीं बेटा आज आराम कर लुंगी तो कल चलेंगे ना वैसे भी आज मौसम ख़राब है दर्द और बढ़ जायेगा " रेखा ने अपनी दलील दे मुस्कुरा दि
अब ये मुस्कुराहट वाकई बेबसी कि थी या फिर उसके दिमाग़ मे कुछ और ही था.
रेखा ही जाने भला औरत का मन भी कोई पढ़ पाया है.
राजेश :- ठीक है माँ अपना ध्यान रखना मै आ जाऊंगा शाम तक कोई जरुरत हो तो अन्ना को फ़ोन कर लेना.
राजेश जल्दी मे था भड़ाक से कमरे का दरवाजा बंद हुआ,कमरे मे रह गई सिर्फ अकेली रेखा.

होटल मयूर के बाहर
"अरे कहा रह गया ये राजेश,अब फ़ोन भी नहीं उठा रहा? बस मे जगह नहीं मिलेगी फिर, एक तो ये मौसम आज ही बारिश होनी थी " मंगेश खुद से ही बड़बड़ा रहा था
अनुश्री :- अरे आ जायेगा चिंता क्यों करते हो, बारिश को क्यों दोष देते हो इतना रूहानी मौसम तो है.
अनुश्री मंगेश कि ओर देखते हुए आंख मार देती है,
अनुश्री का दिल आज ख़ुश था उसे ये मौसम रोमांटिक सा फील दे रहा था,कितने दिनों बाद वो ऐसे मौसम मे अपने पति के साथ निकली थी.
"सॉरी......सो..सो....सॉरी...भैया "पीछे से राजेश लगभग भागता सा आया
" सॉरी भैया लेट हो गया चलो जल्दी चलो बस ना छूट जाये" राजेश बस मे घुसने लगा
मंगेश :- अरे अरे....आराम से माँ जी कहाँ है?
राजेश :- ओ...मै तो भूल ही गया माँ को कल रात मोच आई थी उसमे दर्द है थोड़ा वो होटल मे ही रुकना चाहती है.
राजेश का ऐसा बोलना था कि दो लोगो के चेहरे पे चमक आ गई.
पहली अनुश्री :- कोई बात नहीं हम लोग चलते है ना देखो बारिश और ज्यादा ना होने लगे.
अनुश्री कि तो मन कि मुराद पूरी हो गई थी वो सिर्फ अपने पति का साथ चाहती थी उसे कही ना कही लग रहा था कि माँ जी आ गई तो उसे उन्ही के साथ बैठना पड़ेगा,मंगेश के साथ समय ही नहीं बिता पायेगी.
लेकिन शायद उसके निर्णय कि भगवान ने भी कदर कि थी.
दूसरा पास मे खड़ा बहादुर जो रात तक अंदर ही अंदर डरा हुआ था लेकिन सुबह तक उसकी कोई शिकायत नहीं आई थी "इसका मतलब मैडम जी को कोई आपत्ति नहीं जो भी कल रात हुआ?"
बहदुर अपनी ही सोच मे गुम था कि

"ऐ बहादुर गेट लगा चल, बस रवाना होने वाली है, मैडम जी आप भी चलिए अंदर "
कडक़दार आवाज़ से सभी का ध्यान उस तरफ गया.
मंगेश :- अरे अब्दुल तुम ड्राइवर कि यूनिफार्म मे?
अब्दुल :- क्या साहेब मैंने बताया तो था मै ही हू यहाँ का आलराउंडर बस क्या मै तो घोड़ी भी दौड़ा लेता हू.
अब्दुल ने अनुश्री को ऊपर से नीचे घूरते हुए कहा.
अनुश्री को अब्दुल कि नजारा साफ अपने बदन पे चुभती हुई महसूस हुई.
images-3.jpg

"कही मैंने ये कपडे पहन के गलती तो नहीं कर दि....नहीं..नहीं....ये सिर्फ मेरे मंगेश के लिए है "
अनुश्री ने अपने मन से अब्दुल को नकार दिया यहाँ उसके लिए कुछ नहीं था.

भरी बरसात मे भी एक बार को अनुश्री के माथे पे पसीने कि लकीर तैर गई.
"बैठिये मैडम जी बस निकलने का टाइम हो रहा है " अब्दुल कि कड़कदार आवाज़ से अनुश्री का ध्यान भंग हुआ
अनुश्री,मंगेश और राजेश बस मे चढ़ गए...अब्दुल ने ड्राइविंग सीट संभाल ली थी.
तो बोलो....भगवान जगन्नाथ कि......जयययययय.....
बस अपनी मंजिल कि ओर दौड़ चली थी.
बहादुर कि नाईट ड्यूटी खत्म हो गई थी वो भी अपने कमरे कि ओर बढ़ चला था.
रात भर जगने के बावजूद उसकी आँखों मे नींद नहीं थी,
थी तो एक चमक....
लेकिन...लेकिन ये क्या बहादुर का कमरा तो नीचे है वो ऊपर कहाँ जा रहा है?

तो क्या होगा बस मे अब?
अनुश्री को मंगेश का साथ मिलेगा?
बहादुर कितनी बहादुरी दिखा पायेगा?
बने रहिये....कथा जारी है....
तो अब से शुरू होता है बस का हिचकोले भरा सफर...
Nice....but bahut chhota update hai bro
 
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SKT68

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Lekhak mahoday mahine 15 din me aate hain aur chutki bhar update dekar phir gayab ho jayenge...acha likhte hain par is tarah to maja nahi aata
 
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