उस रात से मैंने श्वेता के बारे में सोचना छोड़ दिया और श्वेता का रवैया भी मेरे प्रति कुछ बदल गया था। उसके अंदर जो गुबार भरा था उसके निकल जाने से उसे काफी अच्छा महसूस हो रहा था। वो हम सबके करीब आ गई थी। संडे शाम जब हम उसे छोड़ने गए तो दीदी ने कहा चल दीप्ति मैम से मिलकर आते हैं।
मैंने सरला दी से पुछा - इतनी स्ट्रिक्ट लेडी से आपकी कैसे पटने लगी।
सरला दी - यार , हर स्ट्रिक्ट व्यक्ति की कोई न कोई कमजोरी होती है। उन्हें कुछ न कुछ अच्छा भी लगता है। बाई चांस मेरे और दीप्ति मैम की कुछ चॉइसइस एक जैसी थी। फिर सब उनसे डरते थे, मैं उल्टा उनसे उतनी ही बात करती थी। उन्हें भी कोई न कोई चाहिए था अपनी बात कहने के लिए। धीरे धीरे मैं उनकी पेट बन गई।
श्वेता को छोड़ने के बाद हम दोनों मैम के घर पहुंचे। उनका घर क्या था एक बांग्ला था। उसमे एक आउट हाउस था जिसमे उनके ड्राइवर का परिवार भी रहता था। ड्राइवर के यहाँ उसकी बीवी और एक लड़का था। लड़के के पढाई का खर्चा मैम ही उठती थी। उसकी बीवी उनके यहाँ खाना और बाकी घर का काम भी करती थी। वो दरअसल उनके पति के गाओं का ही था और उनके यहाँ काफी समय से काम कर रहा था। शायद उनके ससुर के समय से। एक्चुअली मैम के हस्बैंड एक बड़ी फर्म में काम करते हैं। उनका ट्रेवल बहुत रहता है। उनकी सास का देहांत भी शादी के कुछ साल बाद ही हो गया था। उस वजह से उनके ससुर उनके साथ ही रहते हैं।
जब हम पहुंचे तो मैम ने हमारा स्वागत किया। उनके ससुर हमसे मिलने के लिए बाहर आये। हमारे साथ चाय पी और फिर अपने कमरे में चले गए। मुझे उनकी पर्सनालिटी थोड़ी अजीब सी लगी।
खैर मैम हमें अपने कमरे में ले गई। कमरा बहुत बड़ा था। जिसमे एक बड़ा सा बेड था और साइड में सोफा और एक टेबल था। उसके सटे ही ड्रेसिंग रूम और अटैच्ड बाथरूम था। कमरे में पहुँचने पर दीदी और मैम में इशारे इशारे में कुछ बातें हुई। दीदी ने शायद उन्हें मेरे सामने फ्रैंक रहने के लिए कहा होगा। क्योंकि मैम ने एक सिगरेट की डिब्बी निकाली और मुझे ऑफर किया। मैं सिगरेट नहीं पीता था। झटका तो मुझे तब लगा जब दीदी ने एक सिगरेट निकाल ली और फिर दोनों एक ही लाइटर से जला कर पीने लगे।
मेरा चेहरे देख दोनों हंसने लगी। मैं अभी कुछ समझ पाता तभी उन्होंने कमरे में रखे एक छोटे से फ्रिज में से बियर की तीन बोतलें निकाली। एक दीदी को दी। मुझे देते हुए कहा - ये भी लेते हो या नहीं।
मुझे बड़ी बेइजती महसूस हुई। मैं कभी कभी ही बियर पीता था। अब ईगो की बात थी तो ले लिया। पर अभी मेरे लिए सरप्राइज मिलना बाकी था। मैंने देखा दीदी और मैम ने एक एक सिप लेने के बाद एक दुसरे को अचानक से किस कर लिया। मैं अवाक था।
फिर दीदी ने मैम से कहा मैम नशा नहीं चढ़ रहा। इतना कहकर दीदी ने मैम के गले और कंधे को किस करने के बाद हौले से चाट लिया।
अब समां ये था की दोनों सिगरेट के काश के साथ साथ बियर तो पी ही रही थी , साथ ही साथ एक दुसरे को चाट भी रही थी। मैं अभी कुछ समझ पाता तभी कमरे में उनकी मेड आई। उसके हाथ में कुछ नमकीन था। वो आई तो पुरे पसीने पसीने थी। उसने कमर में सिर्फ एक साडी लपेटी हुई थी। आँचल ऐसे बाँध रखा था जिससे ब्लाउज और ब्रा के बिना भी उसके मुम्मे छुपे हुए थे। पर बड़े होने की वजह से जब जब वो चलती वो दोनों हिलने लगते थे। उसने निचे पेटीकोट भी नहीं पहना था पर साडी ने कमर और घुटने तक शरीर को धक् रखा था। लग रहा था जैसे वो किचन से काम करके आ रही थी।
सरला दी ने मेड से कहा - ताई कैसी हो ?
मेड - मैं अच्छी हूँ। तुम बड़े दिनों बाद आई। शादी के बाद लग रहा है पति ने पुरे मजे लिए है। शरीर गदरा गया है।
दीदी - हाँ, नई नई शादी है। मौका देख कर चालू हो जाते हैं। पर तुम्हारा मजा अलग है।
मेड ने मेरी तरफ देख कर बोला - ये तुम्हारा भाई है ?
दी - हाँ
मेड- जैसा बताया था वैसा ही है।
तभी दीप्ति मैम बोली - ताई नशा नहीं आ रहा। चूल्हा बंद करके आ जाओ।
मेड दो मिनट में वापस आ गई। आते ही सबसे पहले वो मेरे पास आई। बड़े अजीब तरीके से मुझे देखा और मुझे अपने शरीर को छूने और देखने लगी। मुझे थोड़ा अजीब लगा। अभी मैं सोच ही रहा था की उसने एक ड्रावर खोला और एक सॉफ्ट सा दुपट्टा निकला और मुझे उसी कुर्सी पर धीरे धीरे बाँध दिया। अब वो दीदी और मैम के बगल में बैठ गई। उसके बाद दीदी और मैम की हरकत देख कर तो मेरे होश उड़ गए। उन दोनों ने काउच पर अपने पेड दोनों तरफ कर लिया और बीच में बैठी ताई को पहले गालों पर किस किया फिर उसके चेहरे पर लगे पसीने को चाटना शुरू कर दिया। पूरा चेहरा चाटने के बाद दोनों ने बियर के सिप लिया।
दीदी - ताई अब नशा धीरे धीरे चढ़ेगा। मैम मैंने ताई के ठर्रे को बहुत मिस किया। एकदम मेरी माँ वाला स्वाद है।
अब मुझे समझ आया। दीदी और मैडम दोनों को एक जैसे नशे की आदत थी। मुझे लग गया की दीदी ने जो फ्रूट चाट मुझे खिलाई थी उसकी आदत उन्हें यहीं से लगी होगी। सरला दीदी को जितना मैंने समझा था उससे कई कदम आगे थी। मेरे दिमाग में ये भी घूम रहा था की ये मेड दीप्ति मैम के ड्राइवर की पत्नी है। क्या दीदी और मैडम ने ड्राइवर से भी मजे लिए होंगे ? और मैम के ससुर का क्या ? वो तो अभी भी घर में हैं। क्या उनके रहते ये सब होता रहा होगा ?