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Erotica मेरी रूपाली दीदी और जालिम ठाकुर..

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deeppreeti

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मेरी रूपाली दीदी और जालिम ठाकुर..

  • by babasandy

तकरीबन 10 मिनट तक वह मेरी बहन की दोनों चुचियों को अपनी मनमर्जी से प्यार करता रहा... चूसता रहा बीच बीच में काट भी रहा था अपने नुकीले दांत से... इसी दौरान उसने मेरी रूपाली दीदी की पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया... मेरी बहन को तो पता भी नहीं चला था कि उनका नाड़ा खुल चुका है... मेरी दीदी का पेटीकोट नीचे जमीन पर पड़ा हुआ धूल चाट रहा था..

भीमा के दांतो के प्रहार से मेरी रूपाली दीदी तड़पने लगी और जब उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह धक्का देकर भीमा से अलग हो गई...

मांग में सिंदूर, गले में मंगलसूत्र, हाथों में मेहंदी, कलाई में चूड़ियां और अपनी दोनों टांगों के बीच में एक लाल रंग की छोटी सी पेंटी पहन कर जो उनके ही काम रस से भीग चुकी थी, मेरी दीदी अपनी दोनों छतिया ऊपर नीचे करती हुई अपने होठों को अपने दांतो से काटती हुई भीमा की तरफ कामुक निगाहों से देख रही थी...

मेरी बहन के पांव थरथरा रहे थे जिसके साथ उनके पांव में पड़ी हुई पायल छन छन कर रही थी...

भीमा को तो ऐसे लग रहा था जैसे उसके सामने स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा लगभग नंगी होकर उसको आमंत्रित कर रही है...

मेरी रूपाली दीदी: क्या देख रहे हो भैया जी आप.... हमको शर्म आती है..

भीमा: हम तो अपन बुरचोदी भौजी को देख रहे हैं... क्या मस्त चूची बा तोहार.....

कसम झंडे वाले बाबा की.... हम अपना जिंदगी में ऐसा चूची नहीं देखा...

इतना बड़ा बड़ा और दुधारू ... इतना ठोस फिर भी इतना मुलायम... कसम खाता हूं भौजी... हम तो वीडियो सीडी में भी नहीं देखा हूं ऐसा..

मेरी रूपाली दीदी अच्छी तरह समझ रही थी की भीमा उनकी तुलना अंग्रेजी ब्लू फिल्म की हीरोइनों से कर रहा है..

अब तो मेरी दीदी उसकी बात सुनकर खिलखिला कर हंसने लगी थी...

भीम अपने घुटनों के बल बैठा हुआ था... मेरी रूपाली दीदी उसके पास धीरे धीरे चलते हुए आई.. और फिर अपनी बाहों का हार उसके गले में डाल कर बड़े प्यार से बोली..

मेरी रूपाली दीदी: भैया जी.... लगता है आप अंग्रेजी वाला गंदा फिल्म बहुत देखते हो... फिर तो आप सब कुछ करना जानते होंगे... है ना भैया जी....

भीमा ने मेरी रुपाली दीदी की दोनों छातियों को एक बार फिर अपनी हथेली में पकड़ कर बुरी तरह से मसल डाला और बोला..

भीमा: सही पकड़े हो आप भौजी... हम तो बहुत अंग्रेजी फिल्म देखता हूं और खूब सारा पैंतरा भी सीखा हूं... मगर हमको कौन हो जोड़ीदार नहीं मिला था अब तक जिसका सामने सारा पैंतरा दिखाओ... लेकिन अब कौनो परेशानी नहीं होगी... तुम मिल गई हो.... रगड़ रगड़ के पेलूंगा तुमको बुरचोदी.... तेरी बुर फाड़ दूंगा...

ऐसा बोलते हुए उसने मेरी बहन की पैंटी को फाड़ डाला था... छोटे-छोटे काले बालों के बीच छुपे हुए मेरी बहन के गुलाबी अंग को देखकर भीमा पगला गया था.... मेरी रूपाली दीदी ने भी उसका बनियान निकाल कर उसके बदन से अलग कर दिया था... मेरी रूपाली दीदी की फटी हुई पेंटी निकाल कर भी माने नीचे जमीन पर गिरा दिया...



NOTE: ये कहानी मूल लेखक babasandy द्वारा ही लिखी गयी है परन्तु इस फोरम पर अधूरी है .... मुझे इसके कुछ भाग अन्यत्र मिल गए तो उन्हें पोस्ट कर रहा हूँ

 

deeppreeti

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मेरी रूपाली दीदी और जालिम ठाकुर..

  • by babasandy


मेरी रूपाली दीदी: भैया जी.... लगता है आप अंग्रेजी वाला गंदा फिल्म बहुत देखते हो... फिर तो आप सब कुछ करना जानते होंगे... है ना भैया जी....

भीमा ने मेरी रुपाली दीदी की दोनों छातियों को एक बार फिर अपनी हथेली में पकड़ कर बुरी तरह से मसल डाला और बोला..

भीमा: सही पकड़े हो आप भौजी... हम तो बहुत अंग्रेजी फिल्म देखता हूं और खूब सारा पैंतरा भी सीखा हूं... मगर हमको कौन हो जोड़ीदार नहीं मिला था अब तक जिसका सामने सारा पैंतरा दिखाओ... लेकिन अब कौनो परेशानी नहीं होगी... तुम मिल गई हो.... रगड़ रगड़ के पेलूंगा तुमको बुरचोदी.... तेरी बुर फाड़ दूंगा...

ऐसा बोलते हुए उसने मेरी बहन की पैंटी को फाड़ डाला था... छोटे-छोटे काले बालों के बीच छुपे हुए मेरी बहन के गुलाबी अंग को देखकर भीमा पगला गया था.... मेरी रूपाली दीदी ने भी उसका बनियान निकाल कर उसके बदन से अलग कर दिया था... मेरी रूपाली दीदी की फटी हुई पेंटी निकाल कर भी माने नीचे जमीन पर गिरा दिया...XXXX

मेरी रूपाली दीदी अब नंगी हो चुकी थी उसकी खोली के अंदर... भीमा भी बस लूंगी पहना हुआ था नाम मात्र का...

एक झटके में मेरे रूपाली दीदी ने भीमा की लूंगी खोल दी... अब वह भी नंगा खड़ा होकर बेशर्मी से मेरी बहन को निहार रहा था और उसके नीचे का औजार भी... मेरी रूपाली दीदी हैरान थी उसके औजार को देखकर...

मेरी बहन को पहले से ही अंदाजा तो हो चुका था की भीमा की टांगों के बीच में एक बहुत बड़ा काला अजगर है... लेकिन जब मेरी रुपाली दीदी ने सचमुच में उस काले अजगर को अपनी आंखों से देखा तो हैरान रह गई..

तकरीबन 10 इंच लंबा..... और खूब मोटा तगड़ा..... ऊपर छत की तरफ अपना मुंह उठाकर देख रहा था भीमा का वह मुसल...

मेरी रूपाली दीदी को भीमा का मूसल देखकर ठाकुर साहब की याद आने लगी थी.... उनका 8 इंच का करारा मुसल भी मेरी दीदी को इस अजगर के आगे फीका लग रहा था.... लेकिन मेरी दीदी के मन में एक दूसरी मुसीबत...

मेरी रूपाली दीदी मन ही मन सोचने लगी थी: हाय हाय मै तो मर ही जाऊ .... मै तो बिस्तर से न उठ पाऊँगी ... इतना बड़ा लंड.... यह आदमी इंसान है कि घोड़ा..... मेरी रूपाली दीदी यह सब सोच रही थी की भीमा ने मेरी बहन को अपनी गोद में उठा लिया और नीचे फर्श पर पटक दिया....

और मेरी बहन के होठों को बुरी तरह चूमने लगा.... मेरी रूपाली दीदी ने अपना हाथ नीचे ले जाकर भीमा के उस कड़क लंड को अपनी कलाई में पकड़ लिया और जोर जोर से हिलाने लगी.... उसके लंड का तापमान बढ़ा हुआ था... मेरी रूपाली दीदी को तो ऐसा लग रहा था जैसे उनका हाथ जल जाएगा.. उसकी मोटी मोटी नसे अपने हाथ की उंगलियों पर महसूस करके मेरी दीदी परेशान हैरान होने लगी थी.. फिर भी उसके लंड को हिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही थी.... मेरी रूपाली दीदी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी..... मेरी बहन हैरान होने लगी थी क्योंकि मुसल और भी ज्यादा बड़ा होने लगा था....

भीमा: उह्ह… उह्ह… उह्ह्ह… हमार बुरचोदी ... रंडी साली.... बहुत मस्त माल हो तुम भौजी...… उह्ह्ह… बड़ा मजा आवत है भौजी... हिलावा ऐसे ही... और जोर जोर से हिला... भीमा का अंदाज और उसकी बातें अब काफी उग्र हो गई थी... वह तो अपने देहाती भाषा में मेरी बहन को गालियां भी देने लगा था... जिसका बुरा मानने के बजाय मेरी दीदी इंजॉय कर रही थी..

मेरी रूपाली दीदी की हाथों की चूड़ियां टूटने लगी थी... उसका वह हिलाते हुए... मेरी बहन भी पूरी तरह से मूड में आ चुकी थी.. मेरी दीदी ने उसके कठोर अंग को अपनी हथेलियों की कैसे आजाद कर दिया... और भीमाने मेरी बहन को फर्श के ऊपर ही पूरा चित कर दिया.. पहले उसने मेरी रुपाली दीदी के होठों को चूसा.. फिर मेरी दीदी के गाल को, फिर गर्दन को... उसके बाद मेरी बहन की दोनों चूचियों को बड़े प्यार से चूमने के बाद वह नीचे की तरफ आने लगा था...

मेरी रुपाली दीदी की गहरी नाभि और पतली कमर पर भीमा ने अपने होठों से और अपनी जुबान से बहुत सारा प्यार दिया... मेरी दीदी उसके सर पर उसके बालों में अपने हाथ फिरा रही थी.... और अपना निचला होंठ अपने दांतो से काटकर कामुक सिसकारियां ले रही थी..

भीमा अब और नीचे की तरफ गया... मेरी बहन की दोनों टांगों के बीच... उसने मेरी दीदी की दोनों टांगों को फैला कर अलग अलग कर दिया और नीचे झुककर सामने का नजारा देखने लगा.... छोटे छोटे काले बालों के बीच में छुपी हुई मेरी रूपाली दीदी की कसी हुई मक्खन मुलायम गुलाबी गुलाबी चूत देख कर उसकी सांसे भारी होने लगी... उसकी गरम-गरम सांसो का एहसास अपनी गुलाबी चूत के ऊपर पाकर मेरी दीदी शर्माने भी लगी थी और काम उत्तेजित भी..

मेरी रूपाली दीदी( कामुक अदा से): क्या देख रहे हो भैया जी..

भीमा: हम तोहार बुर देख रहा हूं भौजी... बड़ा मस्त टाइट सामान बा तोहार....हमार लुगाई का बड़ा बड़ा झांठ है... उसका तो बड़ा सा भोसड़ा बना हुआ है इस जगह पर..

मेरी रूपाली दीदी: भैया जी... आपका यह जो इतना बड़ा मुसल है ना.. किसी भी औरत के छेद में जाएगा तो वहां भोंसड़ा बन ही जाएगा..

ऐसा बोलकर मेरी बहन भीमा की तरफ देखकर रंडियों की तरह मुस्कुराने लगी थी...

अपने लंड की तारीफ मेरी बहन के मुंह से सुनकर भीमा का सीना गर्व से चौड़ा हो गया था... भीमा: सच कहता हूं हमार बुरचोदी भौजी... तोहार जैसन बुर हम अपना जिंदगी में नहीं देखा हूं... बच्चा पैदा करने के बाद भी तोहार सामान तो एकदम सील पैक लगता है...

उसने अपना हाथ नीचे ले जाकर मेरी रूपाली दीदी की दोनों बड़ी बड़ी गांड को दबोच लिया और कस के मसल भी दीया... मेरी रूपाली दीदी हाय हाय करते हुए अपनी गांड ऊंची कर दी....

मेरी रूपाली दीदी की नाजुक गुलाबी चूत के साथ उनकी गांड का भूरे रंग का छोटा सा छेद भी भीमा की आंखों के सामने आ गया था... और अब उसने देर करना ठीक नहीं समझा... उसने अपनी लंबी जुबान बाहर निकाली... और मेरी बहन की गांड के छेद से लेकर उनकी गुलाबी चूत तक अपनी जुबान लहराता हुआ ले गया... उसकी इस हरकत पर मेरी रूपाली दीदी का रोम रोम कांप उठा.... मेरी दीदी सीहरने लगी..


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मेरी रूपाली दीदी और जालिम ठाकुर..

  • by babasandy

मेरी रूपाली दीदी: .ओह्ह… माँ ऽऽ, अह्ह… ओह्ह...ऊओह्ह… माँ … हाय मैं मर जाऊंगी... भैया जी कहां से सीखा आपने ऐसा करना...?

भीमाने मेरी दीदी की बात का कोई जवाब नहीं दिया.. बल्कि उसने तो फिर से वही क्रिया दो तीन बार और दोहराई...

मेरी दीदी मस्ती से गिनगिनआने लगी थी... तड़पते हुए अपने चूतड़ों को फर्श पर रगड़ने लगी थी...

मेरी रूपाली दीदी - आआआआह्ह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊईईईईईईईईईई स्सस्सस्सस ईईईईईईईईई ..."म्‍म्म्मम, "ओह्ह्ह्ह ... आअहह!"ओह्ह्ह्ह.. मम्मी.. भैया जी.. नहीं..

भीम अपनी लंबी खुरदरी जुबान से मेरी रूपाली दीदी की फुलझड़ी को चाटने लगा था... अपने मासूम अंग पर उसकी गरम-गरम जुबान का एहसास पाकर मेरी बहन रंडियों की तरह व्यवहार करने लगी थी.. मेरी दीदी ने अपनी दोनों टांगे उठा कर भीमा के कंधे पर रख दी थी.. और भीमा का चेहरा मेरी बहन की गुलाबी फुलझड़ी के अंदर धंसा हुआ था..

भीमा मेरी बहन की चूत से धीरे-धीरे टपकता हुआ खट्टा नमकीन पानी चाट रहा था... उसे बड़ा मजा आ रहा था... मेरी दीदी तो सातवें आसमान में पहुंच चुकी थी.. मेरी रूपाली दीदी के पैरों में पड़ी हुई पायल से छन छन की आवाज निकलने लगी थी...

भीमा ने अपने एक हाथ की दो उंगलियों से मेरी बहन की गुलाबी फुलझड़ी की दोनों पत्तियों को अलग किया और अपनी जुबान को भीतर का रास्ता दिखा दिया... और फिर अपनी जुबान अंदर बाहर करते हुए अपनी जीभ से मेरी बहन की चुदाई करने लगा..

उसकी गीली जीभ का तीखा नम स्पर्श अपने गुलाबी जिस्म के सबसे सवेदनशील अंग पर पड़ते ही मेरी रूपाली दीदी के मुहँ से जैसे सिसकारियों की बौछार निकल पड़ी ..

मेरी रूपाली दीदी : आआआआह्ह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् स्सस्सस्सस ईईईईईईईईई ऊऊऊऊऊईईईईईईईईईई आआआआह्ह्ह्ह म्मम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्ममा आआआआआआआआआआआअ.. प्लीज ..आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् नहीं...आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् मम्मी... नहीं भैया जी प्लीज..

भीमा ने अपनी जुबान की करामात से आग लगा दी थी मेरी बहन की फुलझड़ी के अंदर...

आज तक किसी ने भी मेरी रूपाली दीदी के साथ इस तरह से प्यार नहीं किया था... मेरी रूपाली दीदी जैसे अपने जिस्म में उठती वासना की तरंगो को अब संभाल नहीं पा रही थी - आआआआह्ह्ह्ह आआआआह्ह्ह्ह बस करो भैया जी मै मर जाउंगी ....

मेरी दीदी - आआआआह्ह्ह्हआआआ आह्ह्ह्हआआआआह्ह्ह्ह ओओओओओओओओओओओओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह हाय मां..

मेरी रूपाली दीदी की गुलाबी फुलझड़ी झरना बनी हुई थी..

. मेरी बहन फडफड़आती, तड़पती, मचलती, कराहती, सिसकती भीमा को यह क्रिया रोकने की गुहार लगाने लगी थी... क्योंकि मेरी बहन झड़ने वाली थी.. लेकिन भीमा नहीं रुका... उसका रुकने का कोई इरादा भी नहीं था... बल्कि उसे मनचाहा प्रसाद मिलने वाला था... वह भला क्यों रुक जाता...

और फिर मेरी दीदी झड़ गई... अपनी गुलाबी फुलझड़ी का नमकीन पानी भीमा की जीभ के ऊपर रखकर मेरी रूपाली दीदी थरथर आते हुए फर्श के ऊपर निढाल हो कर लेट गई.. और अपनी आंखें बंद करके गहरी गहरी सांसें लेने लगी... उनकी चुचियों के ऊपर पड़ा हुआ उनका मंगलसूत्र उनकी सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रहा था...

भीमा मेरी रुपाली दीदी का पूरा पानी चाट गया था.... और मेरी बहन को ऐसे झड़ते हुए देख रहा था.. उसकी निगाहें मेरी रूपाली दीदी के मंगलसूत्र और मांग में पड़े हुए सिंदूर पर टिकी हुई थी...

वह अपनी किस्मत पर गुमान कर रहा था और अपनी मर्दानगी पर भी...

अब समय आ गया था आखरी खेल खेलने का... जो मेरी बहन के लिए इतना आसान नहीं होने वाला था... भीमा ने मन ही मन फैसला कर लिया था.. अगर अब नखरा करेगी साली तो जबरदस्ती पेलूंगा इस माल को.

बिना देर किए भीमा मेरी रूपाली दीदी के ऊपर सवार हो चुका था.... मेरी बहन की दोनों टांगों को चौड़ा करके अपने काले लंबे खूंखार मुसल को उसने मेरी बहन की गुलाबी चूत के ऊपर टिका दिया और झुक कर मेरी दीदी की आंखों में देखने लगा..
.
मेरी रूपाली दीदी- प्लीज ऐसा मत करो.. मम्मी हाय दैया...

भीमा ने मेरी बहन की आँखों में गहराई तक झाँका और उसके बाद में उसने धीरे से एक बार में हल्का सा झटका मारा उसका मोटा सुपाड़ा मेरी दीदी की कसी हुई गुलाबी चूत को चीरता हुआ अंदर फंस गया..

मेरी रूपाली दीदी के मुहँ से सिसकारी भरी कराह निकल गयी - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ ऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह.. भैया जी.. हाय दैया मर गई... प्लीज... धीरे धीरे करो ना.. मेरी जान लोगे क्या..

भीमा बड़ी कुटिलता के साथ मुस्कुराकर मेरी बहन की तरफ देख रहा था... वह मेरी दीदी के होठों को चूमने लगा..

फिर भीमा ने दो बार फिर से आगे पीछे कमर हिलाई.. मेरी बहन सिसक कर रह गई उन्होंने अपनी बाहों का कसाव भीमा की पीठ पर और बढ़ा दिया ..

मेरी रूपाली दीदी के मुंह से हल्की सी चीख निकल गई - आआआह्हीईइ माम्मामामामामाम्म आआआआआआअ ..ऊऊऊईईई माम्मामामामामाम्मरेरेरेरे मममररर गईईईईईईईई.. हाय रे दैया.. बड़े जालिम हो आप भैया जी...

भीमा तो अब मेरी बहन को बुरी तरह से पेलने के मूड में था...

भीमा ने मेरी रूपाली दीदी के अंदर झटके देने शुरू कर दिए थे.. उसका हर झटका मेरी दीदी के रोम-रोम में एक नया एहसास दे रहा था..

भले ही मेरी बहना की चूत भीमा के लंड के लिए अभी जगह न बना पाई हो लेकिन ये तीखा दर्द भरा अहसास भी कम जादुई नहीं था ... मेरी बहन की चूत के ओंठ अपने किनारों तक पूरी तरह फ़ैल गए थे ...भीमा के फौलादी लोड़े ने मेरी रूपाली दीदी की चिकनी चुनमुनिया को पूरा चौड़ा कर दिया था..

मेरी रूपाली दीदी की चूत घाटी की गुलाबी दरार में भीमा का लंड पूरी तरह धंस चूका था....अब तो बस आगे का सफ़र करने की देर थी ..मेरी दीदी के बदन की गरमी और वासना में उसका पूरा बदन नहाया हुआ था.

मेरी दीदी भी पूरी तरह से वासना की अग्नि में जलने लगी थी... जल बिन मछली की तरह तड़प रही थी...

मेरी रूपाली दीदी के तने हुए सुडौल उरोज और कठोर निप्पल, और उनसे बहता हुआ दूध इस बात की निशानी थे कि मेरी बहन अब चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार है .. मेरी बहन की उभरी कठोर छातियाँ, चिकनी कसी हुई गुलाबी चूत, भीमा के तो होश उड़े हुए थे.. भीमा ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि मेरी रुपाली दीदी जैसी अप्सरा उसके नीचे नंगी लेटी हुई कामुक सिसकियां ले रही होगी...

मेरी रूपाली दीदी कि चूत की गुलाबी गर्माहट के अहसास और उसके जवान मांसल बदन की कसावट देखकर भीमा से रहा न गया उसने एक जोरदार ठोकर मेरी बहना के छेद में मारी और मेरी बहना मुसल लंड की ठोकर से मिले दर्द से नहा गयी...

मम्मी रे...आआआईईईईई मामाआआ... मेरी दीदी चीख पड़ी..

इसके बाद भीमा ने अपने लंड को बाहर खींचा और फिर से मेरी रूपाली दीदी की चूत में पेल दिया था ..

ऊऊऊऊऊईईईईई ...माम्मईईईई.. मर गई रे... मेरी दीदी चीखने लगी..

भीमा ने फिर से पीछे लंड को खींचा और फिर से मेरी रूपाली दीदी की चूत में गहराई तक पेल दिया था...

इसके बाद मेरी दीदी के मुहँ से तेज कराह निकली - आआह्हीईईइ मामआअ ईईईईईईईईईईई मरररर रर रररर गाअयीईईई..

भीमा ने अपना लण्ड सुपाड़े तक बाहर निकालकर फिर धीमे-धीमे, रस लेते हुये, मेरी रूपाली दीदी की कसी बुर में कसकर रगड़ते हुए, अन्दर पेलना शुरू किया...मजे में मेरी दीदी की चूचियां पत्थर की तरह सख्त हो गई... निपल्स अकड़ के खड़े हो गए थे एक बार फिर से... और भीमा को दावत देने लगे थे...

भीमा अपने एक हाथ से मेरी रूपाली दीदी के दूध भरे दोनों जोबन को बारी-बारी से दबा रहा था और दूसरे हाथ से मेरी बहन की मस्त हो चुकी क्लिट को कसकर छेड़ना शुरू किया..

मेरी रूपाली दीदी: उह्ह… उह्ह… उह्ह्ह… रस में सिसक रही मेरी बहन..

अब मेरी रुपाली दीदी भी भीमा के उस खतरनाक मुसल को अपने चूत में कसकर सिकोड़ ले रही थी.. और भीमा के हर झटके का जवाब अपनी गांड उठा उठा कर दे रही थी.... मेरी दीदी उसके ताल से ताल मिलाने की कोशिश कर रही थी.... भीमा की रफ्तार बढ़ती जा रही थी...

NOTE: ये कहानी मूल लेखक babasandy द्वारा ही लिखी गयी है परन्तु इस फोरम पर अधूरी है .... मुझे इसके कुछ भाग अन्यत्र मिल गए तो उन्हें पोस्ट कर रहा हूँ
 
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The Immortal

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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hindi section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words tak ho sakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. . Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writers ko Awards k alawa Cash prizes bhi milenge jinki jaankaari rules thread mein dedi gayi hai, Total 7000 Rupees k prizes iss baar USC k liye diye jaa rahe hain, sahi Suna aapne total 7000 Rupees k cash prizes aap jeet shaktey hain issliye derr matt kijiye or apni kahani likhna suru kijiye.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 28th February tak open rahega is dauraan aap apni story post kar shakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.


Rules Check karne ke liye is thread ka use karein — Rules & Queries Thread

Contest ke regarding Chit Chat karne ke liye is thread ka use karein — Chit Chat Thread



Prizes
Position Benifits
Winner 3000 Rupees + Award + 5000 Likes + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 1500 Rupees + Award + 3000 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 1000 Rupees + 2000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories)
3rd Runner-UP 750 Rupees + 1000 Likes
Best Supporting Reader 750 Rupees Award + 1000 Likes
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Regards :- XForum Staff
 

YourWifeKaLover

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Yeh kahani permanent close ho gayi kya?
 
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