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Erotica मेरी रूपाली दीदी और जालिम ठाकुर..

deeppreeti

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मेरी रूपाली दीदी और जालिम ठाकुर..

  • by babasandy


उसने बड़ी हिम्मत करके अपनी कैची की नोक से मेरी रूपाली दीदी की एक सूची के ऊपर दबा दिया... मेरी रूपाली दीदी हैरान होकर उसकी तरफ देखने लगी... फिर जब उनकी नजर नीचे गई उसकी लूंगी के ऊपर... तुम मेरी दीदी का गला सूख गया.... भीमा की लूंगी के अंदर एक काला सांप नाच रहा था मेरी बहन को देखते हुए... भीमा ने फिर अपनी कैंची वाले हाथ की बीच वाली उंगली बड़ी चालाकी के साथ सीधी की... और सोनिया के बालों की लट काटते हुए बड़ी चतुराई के साथ मेरी रूपाली दीदी की दोनों चूचियों के बीच बनी हुई लकीर के बीच में उतार दिया और अपने उस ऊंगली को ऊपर नीचे करने लगा.. उसका हाथ मेरी बहन की छाती के ऊपर तक पहुंच चुका था..


आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह....... मेरी रूपाली दीदी के मुंह से हल्की से सिसकारी निकल गई थी... एक गैर मर्द के हाथों का जादू पाकर उनकी चूचियां तन की खड़ी होने लगी... सोनिया के आधे बाल कट चुके थे... मेरी रूपाली दीदी अच्छी तरह समझ रही थी कि भीमा क्या कर रहा है उनके साथ... लेकिन इस समय बीच में छोड़ना भी ठीक नहीं था... अपने कठोर मजबूत हाथों से भीमा ने मेरी रूपाली दीदी की एक चूची को जोर से मसल दिया....


भीमा की इस हरकत पर मेरी रूपाली दीदी अंदर से कांप गई थी.. घबराते हुए वह भीमा की तरफ देखने लगी थी... लेकिन भीमा... वह तो सोनिया के बाल फिर से काटने में जुट गया था... जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो.. पहले तो मेरी बहन समझ रही थी की भीमा का हाथ गलती से उनकी चुचियों से टच हो रहा है बाल काटने के चक्कर में... लेकिन कुछ सेकंड पहले जब उनकी चोली के ऊपर से ही एक चूची को भीमा ने अपने कठोर हाथों में पकड़ कर मर्दन कर दिया था... तब मेरी दीदी के मन में कोई शंका नहीं रह गई थी कि भीमा क्या चाहता है...भीमा जानबूझकर अनजान बना हुआ था और अब वह मेरी बहन की तरफ नहीं देख रहा था..


मेरी रूपाली दीदी अपनी साड़ी का पल्लू अपने मुंह में दबाकर भीमा को अजीब नजरों से देख रही थी... मन ही मन मेरी दीदी भीमा की पर्सनालिटी और उसकी हिम्मत देखकर हैरान थी परेशान थी...

अब हालात ही कुछ ऐसे हो गए थे कि मेरी बेचारी दीदी कुछ कर नहीं सकती थी... सोनिया के आधे से ज्यादा बाल कर चुके थे... लेकिन इसी बीच एक अजीब बात भी हो रही थी...

भीमा की हरकत से मेरी बहन की चूचियां फूलने लगी थी.. मेरी रूपाली दीदी की दोनों बड़ी-बड़ी दुधारू चूचियां उनकी चोली की कैद से आजाद होने के लिए मचलने लगे थे... और अपना सर ऊपर उठाने लगे थे... मेरी दीदी के दोनों निपल्स अकड़ के तन गए थे... चोरी छुपे ही सही पर भीमा साफ-साफ देख पा रहा था.. वह समझ चुका था कि मेरी बहन गर्म होने लगी है..

भीमा: भौजी... हम सुना हूं.. तोहार मर्द का एक्सीडेंट होई गवा है..

मेरी रूपाली दीदी: हां भैया आपने ठीक सुना है..

भीमा: फिर तो बड़ा तकलीफ है आपको... फिर तो कोनो काम करने लायक भी नहीं बचे होंगे तोहार मर्द...

भीमा मेरी बहन से बातचीत करते हुए उनको कंफर्टेबल करने की पूरी कोशिश कर रहा था ...साथ ही साथ उसका काला नाग भी लूंगी में नाच रहा था मेरी बहन को देखकर जो मेरी रुपाली दीदी की नजर से बचा हुआ नहीं था..

मेरी रूपाली दीदी: अब हम क्या कर सकते हैं भैया जी... जो हमारी किस्मत में लिखा है वह तो हो कर ही रहेगा...

भीमा: सही कहती हो भौजी... जो होना था वह तो हो गया... बड़े भले मानुष हैं हमारे ठाकुर साहब... उन्होंने तो आपको "रख" लिया है..

मेरी रुपाली दीदी( बिना उसकी डबल मीनिंग बात को समझे हुए): हां भैया आप ठीक कहते हैं... उन्होंने हमें रख लिया है... बड़ा एहसान है उनका हमारे ऊपर... वरना जमाने भर की ठोकरें खाते दर-दर हम लोग...

" रख लिया है. " मेरी दीदी बोल तो गई पर जब उन्हें अपनी बात समझ में आई ...शर्म के मारे पानी पानी हो गई...

भीमा: भौजी एक बात पूछें हम हैं... अगर आप बुरा ना मानो तो..

मेरी रूपाली दीदी: जी पूछिए भैया...

भीमा: हमारे ठाकुर साहब तोहर ठीक से ध्यान रखते हैं कि नहीं... रतिया में... बोला भौजी?

भीमा की बात सुनकर मेरी रुपाली दीदी सकपका कर इधर-उधर देखने लगी थी... उसकी डबल मीनिंग बातें सुनकर मेरी बहन को अपने दोनों जांघों के जोड़ के बीच में जबरदस्त खुजली होने लगी थी.. मेरी दीदी की तिजोरी गंगा जमुना की तरफ बहने लगी थी...

मेरी रूपाली दीदी: भीमा भैया.... आप कैसी बातें करते हैं... हमको बहुत शर्म आ रही है...

भीमा: अरे भौजी इमे शर्माए के कौन बात बा.. तू ता एकदम जवान बाड़ू हो... तोहार गदरआई जवानी देखकर त बड़का बड़का विश्वामित्र की तपस्या भंग हो जाई हो... तोहार अंदर तो अभी बहुत गर्मी हुई रे..

यह सब बोलते हुए भीमा अपनी लाल लाल वासना से भरी हुई आंखों से मेरी बहन की आंखों में देख रहा था... मेरी रूपाली दीदी और उनका गुलाबी त्रिकोण दोनों ही उसकी बातें सुनकर पानी पानी होने लगे थे..

भीमा: हम जानत है भौजी.. तोहार मरद अब कछु काम के ना बा.. तभी तो ठाकुर साहब तोके आपन बना लिया है.. तोहार "ख्याल" रखे के खातिर... हम तो बस इतना पूछ रहे हैं भौजी कि तोहार ख्याल रखे में हमार ठाकुर साहब कोनो कमी तो नहीं करते हैं..

मेरी रूपाली दीदी उसकी डबल मीनिंग बातों को पूरी तरह समझ रही थी..

मेरी रूपाली दीदी: ठाकुर साहब हमारा पूरा ख्याल रखते हैं.. और हमारे परिवार का भी.. आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है.

मेरी रूपाली दीदी हैरान परेशान थी सोनिया के बाल कटवाते हुए भी और उसकी गंदी बातें सुनते हुए भी... मेरी बहन की साड़ी का पल्लू उनके सीने से नीचे गिरा हुआ था.. बड़ी-बड़ी चूचियां गुब्बारे की तरह चोली से बाहर झांकने का प्रयास कर रही थी... घबराहट और गर्मी के कारण मेरी रूपाली दीदी की चुचियों के ऊपर वाले हिस्से पर पसीने की बुंदे चमकने लगी थी..

भीमा ने इस बार बिना अंजान बने हुए खून पसीने की बूंदों को अपनी दो उंगलियों से टच किया और फिर अपना मुंह खोल कर चाटने लगा.. मेरी दीदी की आंखों में देखते हुए ..वासना से लाल उसकी आंखें मेरी बहन को भी उत्तेजित करने का काम कर रही थी... ऊपर से ऐसी हरकत.. मेरी रूपाली दीदी को अपनी नाजुक गुलाबी चूत के अंदर ना चाहते हुए भी हलचल का एहसास होने लगा था भीमा किस गंदी हरकत पर.. और मेरी दीदी के मुंह से कामुक सिसकारी निकल ही गई होती अगर उन्होंने अपने दांतो से अपने लबों को नहीं काट लिया होता..

दूसरी तरफ भीमा मेरी बहन को अपने दांतो से ही अपने होठों को काटते हुए देखकर उत्तेजित होने लगा था कुछ ज्यादा ही... गवार देहाती भीमा को ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी रूपाली दीदी उसे अपने बिस्तर पर ले जाने के लिए आमंत्रित कर रही है...


मेरी रूपाली दीदी मन ही मन सोच रही थी: यह तो बहुत बड़ा वाला ठरकी इंसान है... जानबूझ के बाल काटने के बहाने मेरी चूची को दबा रहा है... मेरी चूची के ऊपर पसीने की बूंद को भी चाट गया जैसे शहद हो.. इसको और ज्यादा बढ़ावा देना ठीक नहीं है वरना वह अभी मुझे यही पटक के मेरी ऐसी तैसी कर देगा..


NOTE: ये कहानी मूल लेखक babasandy द्वारा ही लिखी गयी है परन्तु इस फोरम पर अधूरी है .... मुझे इसके कुछ भाग अन्यत्र मिल गए तो उन्हें पोस्ट कर रहा हूँ
 
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मेरी रूपाली दीदी और जालिम ठाकुर..

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उसने बड़ी हिम्मत करके अपनी कैची की नोक से मेरी रूपाली दीदी की एक सूची के ऊपर दबा दिया... मेरी रूपाली दीदी हैरान होकर उसकी तरफ देखने लगी... फिर जब उनकी नजर नीचे गई उसकी लूंगी के ऊपर... तुम मेरी दीदी का गला सूख गया.... भीमा की लूंगी के अंदर एक काला सांप नाच रहा था मेरी बहन को देखते हुए... भीमा ने फिर अपनी कैंची वाले हाथ की बीच वाली उंगली बड़ी चालाकी के साथ सीधी की... और सोनिया के बालों की लट काटते हुए बड़ी चतुराई के साथ मेरी रूपाली दीदी की दोनों चूचियों के बीच बनी हुई लकीर के बीच में उतार दिया और अपने उस ऊंगली को ऊपर नीचे करने लगा.. उसका हाथ मेरी बहन की छाती के ऊपर तक पहुंच चुका था..


आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह....... मेरी रूपाली दीदी के मुंह से हल्की से सिसकारी निकल गई थी... एक गैर मर्द के हाथों का जादू पाकर उनकी चूचियां तन की खड़ी होने लगी... सोनिया के आधे बाल कट चुके थे... मेरी रूपाली दीदी अच्छी तरह समझ रही थी कि भीमा क्या कर रहा है उनके साथ... लेकिन इस समय बीच में छोड़ना भी ठीक नहीं था... अपने कठोर मजबूत हाथों से भीमा ने मेरी रूपाली दीदी की एक चूची को जोर से मसल दिया....


भीमा की इस हरकत पर मेरी रूपाली दीदी अंदर से कांप गई थी.. घबराते हुए वह भीमा की तरफ देखने लगी थी... लेकिन भीमा... वह तो सोनिया के बाल फिर से काटने में जुट गया था... जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो.. पहले तो मेरी बहन समझ रही थी की भीमा का हाथ गलती से उनकी चुचियों से टच हो रहा है बाल काटने के चक्कर में... लेकिन कुछ सेकंड पहले जब उनकी चोली के ऊपर से ही एक चूची को भीमा ने अपने कठोर हाथों में पकड़ कर मर्दन कर दिया था... तब मेरी दीदी के मन में कोई शंका नहीं रह गई थी कि भीमा क्या चाहता है...भीमा जानबूझकर अनजान बना हुआ था और अब वह मेरी बहन की तरफ नहीं देख रहा था..



मेरी रूपाली दीदी अपनी साड़ी का पल्लू अपने मुंह में दबाकर भीमा को अजीब नजरों से देख रही थी... मन ही मन मेरी दीदी भीमा की पर्सनालिटी और उसकी हिम्मत देखकर हैरान थी परेशान थी...

अब हालात ही कुछ ऐसे हो गए थे कि मेरी बेचारी दीदी कुछ कर नहीं सकती थी... सोनिया के आधे से ज्यादा बाल कर चुके थे... लेकिन इसी बीच एक अजीब बात भी हो रही थी...

भीमा की हरकत से मेरी बहन की चूचियां फूलने लगी थी.. मेरी रूपाली दीदी की दोनों बड़ी-बड़ी दुधारू चूचियां उनकी चोली की कैद से आजाद होने के लिए मचलने लगे थे... और अपना सर ऊपर उठाने लगे थे... मेरी दीदी के दोनों निपल्स अकड़ के तन गए थे... चोरी छुपे ही सही पर भीमा साफ-साफ देख पा रहा था.. वह समझ चुका था कि मेरी बहन गर्म होने लगी है..


भीमा: भौजी... हम सुना हूं.. तोहार मर्द का एक्सीडेंट होई गवा है..

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भीमा: फिर तो बड़ा तकलीफ है आपको... फिर तो कोनो काम करने लायक भी नहीं बचे होंगे तोहार मर्द...

भीमा मेरी बहन से बातचीत करते हुए उनको कंफर्टेबल करने की पूरी कोशिश कर रहा था ...साथ ही साथ उसका काला नाग भी लूंगी में नाच रहा था मेरी बहन को देखकर जो मेरी रुपाली दीदी की नजर से बचा हुआ नहीं था..

मेरी रूपाली दीदी: अब हम क्या कर सकते हैं भैया जी... जो हमारी किस्मत में लिखा है वह तो हो कर ही रहेगा...

भीमा: सही कहती हो भौजी... जो होना था वह तो हो गया... बड़े भले मानुष हैं हमारे ठाकुर साहब... उन्होंने तो आपको "रख" लिया है..

मेरी रुपाली दीदी( बिना उसकी डबल मीनिंग बात को समझे हुए): हां भैया आप ठीक कहते हैं... उन्होंने हमें रख लिया है... बड़ा एहसान है उनका हमारे ऊपर... वरना जमाने भर की ठोकरें खाते दर-दर हम लोग...

" रख लिया है. " मेरी दीदी बोल तो गई पर जब उन्हें अपनी बात समझ में आई ...शर्म के मारे पानी पानी हो गई...


भीमा: भौजी एक बात पूछें हम हैं... अगर आप बुरा ना मानो तो..

मेरी रूपाली दीदी: जी पूछिए भैया...

भीमा: हमारे ठाकुर साहब तोहर ठीक से ध्यान रखते हैं कि नहीं... रतिया में... बोला भौजी?

भीमा की बात सुनकर मेरी रुपाली दीदी सकपका कर इधर-उधर देखने लगी थी... उसकी डबल मीनिंग बातें सुनकर मेरी बहन को अपने दोनों जांघों के जोड़ के बीच में जबरदस्त खुजली होने लगी थी.. मेरी दीदी की तिजोरी गंगा जमुना की तरफ बहने लगी थी...

मेरी रूपाली दीदी: भीमा भैया.... आप कैसी बातें करते हैं... हमको बहुत शर्म आ रही है...

भीमा: अरे भौजी इमे शर्माए के कौन बात बा.. तू ता एकदम जवान बाड़ू हो... तोहार गदरआई जवानी देखकर त बड़का बड़का विश्वामित्र की तपस्या भंग हो जाई हो... तोहार अंदर तो अभी बहुत गर्मी हुई रे..

यह सब बोलते हुए भीमा अपनी लाल लाल वासना से भरी हुई आंखों से मेरी बहन की आंखों में देख रहा था... मेरी रूपाली दीदी और उनका गुलाबी त्रिकोण दोनों ही उसकी बातें सुनकर पानी पानी होने लगे थे..

भीमा: हम जानत है भौजी.. तोहार मरद अब कछु काम के ना बा.. तभी तो ठाकुर साहब तोके आपन बना लिया है.. तोहार "ख्याल" रखे के खातिर... हम तो बस इतना पूछ रहे हैं भौजी कि तोहार ख्याल रखे में हमार ठाकुर साहब कोनो कमी तो नहीं करते हैं..

मेरी रूपाली दीदी उसकी डबल मीनिंग बातों को पूरी तरह समझ रही थी..

मेरी रूपाली दीदी: ठाकुर साहब हमारा पूरा ख्याल रखते हैं.. और हमारे परिवार का भी.. आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है.

मेरी रूपाली दीदी हैरान परेशान थी सोनिया के बाल कटवाते हुए भी और उसकी गंदी बातें सुनते हुए भी... मेरी बहन की साड़ी का पल्लू उनके सीने से नीचे गिरा हुआ था.. बड़ी-बड़ी चूचियां गुब्बारे की तरह चोली से बाहर झांकने का प्रयास कर रही थी... घबराहट और गर्मी के कारण मेरी रूपाली दीदी की चुचियों के ऊपर वाले हिस्से पर पसीने की बुंदे चमकने लगी थी..


भीमा ने इस बार बिना अंजान बने हुए खून पसीने की बूंदों को अपनी दो उंगलियों से टच किया और फिर अपना मुंह खोल कर चाटने लगा.. मेरी दीदी की आंखों में देखते हुए ..वासना से लाल उसकी आंखें मेरी बहन को भी उत्तेजित करने का काम कर रही थी... ऊपर से ऐसी हरकत.. मेरी रूपाली दीदी को अपनी नाजुक गुलाबी चूत के अंदर ना चाहते हुए भी हलचल का एहसास होने लगा था भीमा किस गंदी हरकत पर.. और मेरी दीदी के मुंह से कामुक सिसकारी निकल ही गई होती अगर उन्होंने अपने दांतो से अपने लबों को नहीं काट लिया होता..

दूसरी तरफ भीमा मेरी बहन को अपने दांतो से ही अपने होठों को काटते हुए देखकर उत्तेजित होने लगा था कुछ ज्यादा ही... गवार देहाती भीमा को ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी रूपाली दीदी उसे अपने बिस्तर पर ले जाने के लिए आमंत्रित कर रही है...


मेरी रूपाली दीदी मन ही मन सोच रही थी: यह तो बहुत बड़ा वाला ठरकी इंसान है... जानबूझ के बाल काटने के बहाने मेरी चूची को दबा रहा है... मेरी चूची के ऊपर पसीने की बूंद को भी चाट गया जैसे शहद हो.. इसको और ज्यादा बढ़ावा देना ठीक नहीं है वरना वह अभी मुझे यही पटक के मेरी ऐसी तैसी कर देगा..


NOTE: ये कहानी मूल लेखक babasandy द्वारा ही लिखी गयी है परन्तु इस फोरम पर अधूरी है .... मुझे इसके कुछ भाग अन्यत्र मिल गए तो उन्हें पोस्ट कर रहा हूँ
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Dharmendra Kumar Patel

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आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह....... मेरी रूपाली दीदी के मुंह से हल्की से सिसकारी निकल गई थी... एक गैर मर्द के हाथों का जादू पाकर उनकी चूचियां तन की खड़ी होने लगी... सोनिया के आधे बाल कट चुके थे... मेरी रूपाली दीदी अच्छी तरह समझ रही थी कि भीमा क्या कर रहा है उनके साथ... लेकिन इस समय बीच में छोड़ना भी ठीक नहीं था... अपने कठोर मजबूत हाथों से भीमा ने मेरी रूपाली दीदी की एक चूची को जोर से मसल दिया....


भीमा की इस हरकत पर मेरी रूपाली दीदी अंदर से कांप गई थी.. घबराते हुए वह भीमा की तरफ देखने लगी थी... लेकिन भीमा... वह तो सोनिया के बाल फिर से काटने में जुट गया था... जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो.. पहले तो मेरी बहन समझ रही थी की भीमा का हाथ गलती से उनकी चुचियों से टच हो रहा है बाल काटने के चक्कर में... लेकिन कुछ सेकंड पहले जब उनकी चोली के ऊपर से ही एक चूची को भीमा ने अपने कठोर हाथों में पकड़ कर मर्दन कर दिया था... तब मेरी दीदी के मन में कोई शंका नहीं रह गई थी कि भीमा क्या चाहता है...भीमा जानबूझकर अनजान बना हुआ था और अब वह मेरी बहन की तरफ नहीं देख रहा था..



मेरी रूपाली दीदी अपनी साड़ी का पल्लू अपने मुंह में दबाकर भीमा को अजीब नजरों से देख रही थी... मन ही मन मेरी दीदी भीमा की पर्सनालिटी और उसकी हिम्मत देखकर हैरान थी परेशान थी...

अब हालात ही कुछ ऐसे हो गए थे कि मेरी बेचारी दीदी कुछ कर नहीं सकती थी... सोनिया के आधे से ज्यादा बाल कर चुके थे... लेकिन इसी बीच एक अजीब बात भी हो रही थी...

भीमा की हरकत से मेरी बहन की चूचियां फूलने लगी थी.. मेरी रूपाली दीदी की दोनों बड़ी-बड़ी दुधारू चूचियां उनकी चोली की कैद से आजाद होने के लिए मचलने लगे थे... और अपना सर ऊपर उठाने लगे थे... मेरी दीदी के दोनों निपल्स अकड़ के तन गए थे... चोरी छुपे ही सही पर भीमा साफ-साफ देख पा रहा था.. वह समझ चुका था कि मेरी बहन गर्म होने लगी है..


भीमा: भौजी... हम सुना हूं.. तोहार मर्द का एक्सीडेंट होई गवा है..

मेरी रूपाली दीदी: हां भैया आपने ठीक सुना है..

भीमा: फिर तो बड़ा तकलीफ है आपको... फिर तो कोनो काम करने लायक भी नहीं बचे होंगे तोहार मर्द...

भीमा मेरी बहन से बातचीत करते हुए उनको कंफर्टेबल करने की पूरी कोशिश कर रहा था ...साथ ही साथ उसका काला नाग भी लूंगी में नाच रहा था मेरी बहन को देखकर जो मेरी रुपाली दीदी की नजर से बचा हुआ नहीं था..

मेरी रूपाली दीदी: अब हम क्या कर सकते हैं भैया जी... जो हमारी किस्मत में लिखा है वह तो हो कर ही रहेगा...

भीमा: सही कहती हो भौजी... जो होना था वह तो हो गया... बड़े भले मानुष हैं हमारे ठाकुर साहब... उन्होंने तो आपको "रख" लिया है..

मेरी रुपाली दीदी( बिना उसकी डबल मीनिंग बात को समझे हुए): हां भैया आप ठीक कहते हैं... उन्होंने हमें रख लिया है... बड़ा एहसान है उनका हमारे ऊपर... वरना जमाने भर की ठोकरें खाते दर-दर हम लोग...

" रख लिया है. " मेरी दीदी बोल तो गई पर जब उन्हें अपनी बात समझ में आई ...शर्म के मारे पानी पानी हो गई...


भीमा: भौजी एक बात पूछें हम हैं... अगर आप बुरा ना मानो तो..

मेरी रूपाली दीदी: जी पूछिए भैया...

भीमा: हमारे ठाकुर साहब तोहर ठीक से ध्यान रखते हैं कि नहीं... रतिया में... बोला भौजी?

भीमा की बात सुनकर मेरी रुपाली दीदी सकपका कर इधर-उधर देखने लगी थी... उसकी डबल मीनिंग बातें सुनकर मेरी बहन को अपने दोनों जांघों के जोड़ के बीच में जबरदस्त खुजली होने लगी थी.. मेरी दीदी की तिजोरी गंगा जमुना की तरफ बहने लगी थी...

मेरी रूपाली दीदी: भीमा भैया.... आप कैसी बातें करते हैं... हमको बहुत शर्म आ रही है...

भीमा: अरे भौजी इमे शर्माए के कौन बात बा.. तू ता एकदम जवान बाड़ू हो... तोहार गदरआई जवानी देखकर त बड़का बड़का विश्वामित्र की तपस्या भंग हो जाई हो... तोहार अंदर तो अभी बहुत गर्मी हुई रे..

यह सब बोलते हुए भीमा अपनी लाल लाल वासना से भरी हुई आंखों से मेरी बहन की आंखों में देख रहा था... मेरी रूपाली दीदी और उनका गुलाबी त्रिकोण दोनों ही उसकी बातें सुनकर पानी पानी होने लगे थे..

भीमा: हम जानत है भौजी.. तोहार मरद अब कछु काम के ना बा.. तभी तो ठाकुर साहब तोके आपन बना लिया है.. तोहार "ख्याल" रखे के खातिर... हम तो बस इतना पूछ रहे हैं भौजी कि तोहार ख्याल रखे में हमार ठाकुर साहब कोनो कमी तो नहीं करते हैं..

मेरी रूपाली दीदी उसकी डबल मीनिंग बातों को पूरी तरह समझ रही थी..

मेरी रूपाली दीदी: ठाकुर साहब हमारा पूरा ख्याल रखते हैं.. और हमारे परिवार का भी.. आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है.

मेरी रूपाली दीदी हैरान परेशान थी सोनिया के बाल कटवाते हुए भी और उसकी गंदी बातें सुनते हुए भी... मेरी बहन की साड़ी का पल्लू उनके सीने से नीचे गिरा हुआ था.. बड़ी-बड़ी चूचियां गुब्बारे की तरह चोली से बाहर झांकने का प्रयास कर रही थी... घबराहट और गर्मी के कारण मेरी रूपाली दीदी की चुचियों के ऊपर वाले हिस्से पर पसीने की बुंदे चमकने लगी थी..


भीमा ने इस बार बिना अंजान बने हुए खून पसीने की बूंदों को अपनी दो उंगलियों से टच किया और फिर अपना मुंह खोल कर चाटने लगा.. मेरी दीदी की आंखों में देखते हुए ..वासना से लाल उसकी आंखें मेरी बहन को भी उत्तेजित करने का काम कर रही थी... ऊपर से ऐसी हरकत.. मेरी रूपाली दीदी को अपनी नाजुक गुलाबी चूत के अंदर ना चाहते हुए भी हलचल का एहसास होने लगा था भीमा किस गंदी हरकत पर.. और मेरी दीदी के मुंह से कामुक सिसकारी निकल ही गई होती अगर उन्होंने अपने दांतो से अपने लबों को नहीं काट लिया होता..

दूसरी तरफ भीमा मेरी बहन को अपने दांतो से ही अपने होठों को काटते हुए देखकर उत्तेजित होने लगा था कुछ ज्यादा ही... गवार देहाती भीमा को ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी रूपाली दीदी उसे अपने बिस्तर पर ले जाने के लिए आमंत्रित कर रही है...


मेरी रूपाली दीदी मन ही मन सोच रही थी: यह तो बहुत बड़ा वाला ठरकी इंसान है... जानबूझ के बाल काटने के बहाने मेरी चूची को दबा रहा है... मेरी चूची के ऊपर पसीने की बूंद को भी चाट गया जैसे शहद हो.. इसको और ज्यादा बढ़ावा देना ठीक नहीं है वरना वह अभी मुझे यही पटक के मेरी ऐसी तैसी कर देगा..


NOTE: ये कहानी मूल लेखक babasandy द्वारा ही लिखी गयी है परन्तु इस फोरम पर अधूरी है .... मुझे इसके कुछ भाग अन्यत्र मिल गए तो उन्हें पोस्ट कर रहा हूँ
Wickedboisunny ki shikha se prabhavit lag raha hai bhima.
 
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मेरी रूपाली दीदी और जालिम ठाकुर..

  • by babasandy

"सस्स्सी ... क्या करते हो?" मेरी रूपाली दीदी के मुंह से बोल निकले थे. भैया आपका कंघा चुप रहा है....

दरअसल बाल काटने के बहाने भीमा अपनी कैची के ऊपर वाले हिस्से से मेरी बहन के निपल्स को छेड़ने लगा था...

भीमा के चेहरे पर मेरी रूपाली दीदी की गरम गरम सांसे... एहसास पाकर भीमा का बाबूराव उसकी लूंगी में नाचने लगा था..

अब वह खुलकर अपनी कैंची से मेरी बहन की चुचियों को छेड़ रहा था.. मेरी रूपाली दीदी के तन के खड़े हुए निपल्स उनकी चोली के ऊपर से ही इस बात की गवाही देने लगे थे... अब तो भीमा भैया को भी ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ रही थी मेरी रूपाली दीदी के निपल्स को ढूंढने में.. मेरी बहन के निप्पल खुद ही अपना आकार बना कर उसकी आंखों के सामने प्रस्तुत थे...

भीमा अब बाल काटने के बहाने बार-बार अपनी दोनों उंगलियों से मेरी रूपाली दीदी की दोनों पहाड़ी की चोटियों को अपनी उंगली से मसल दे रहा था और मेरी दीदी को और भी ज्यादा गर्म कर रहा था... मेरी रूपाली दीदी की सांसे तेज होने लगी थी.. मेरी दीदी तो बीच-बीच में कामुक सिसकारियां लेने लगी थी..

"हाईई... मर गई मैं ऑईईई... उहह... उम्म्म्म ...आईई... ओह्ह...

मेरी रूपाली दीदी से जब बर्दाश्त नहीं हुआ तब अपनी आंखें ऊपर की तरफ उठाकर भीमा की आंखों में देखते हुए बोल पड़ी..

मेरे रुपाली दीदी: "इस्स्स... आहह... क्या कर रहे हो आप भैया जी... मेरे अंग में चुभ रही है आपकी वो कैंची...

भीमा: अरे माफ कीजिए भौजी... तोहार बिटिया रानी बहुत छटपटा रही है.. वही खातिर हमार कैंची तोहारा अंग में छूने लगा है... हमका माफ कर दीजिए हमार भौजी..

भीमा अभी भी शराफत का नाटक कर रहा था... मेरी रुपाली दीदी अच्छी तरह समझ रही थी..

मेरी रूपाली दीदी मन ही मन बोली: अच्छा भैया जी किसे समझा रहे हो.. हमको तो सब पता है आप क्या चाहते हो.. फिर बोली..

मेरी रुपाली दीदी: अच्छा भैया जी ठीक है.. आप अपना काम ध्यान से कीजिए..

मेरी रूपाली दीदी कि इस बात पर भीमा ने मेरी दीदी के "काम" शब्द पर जोर देते हुए कहा..

भीमा: भौजी हमारा "काम " ही तो नहीं बन पा रहा है पिछले 7 महीने से ... और फिर बाल काटने के बहाने अपनी दो उंगलियों से मेरी रूपाली दीदी की एक चूची की निप्पल को पकड़कर गोल गोल घुमाने लगा..

मेरी रूपाली दीदी: काहे भैया जी... अच्छी भली तो आपकी दुकान है.. फिर काहे काम नहीं होता है आपका..

मेरी रूपाली दीदी उसकी डबल मीनिंग बात का अर्थ नहीं समझ पाई थी.. फिर भी मेरी रुपाली दीदी का चेहरा लाल था... भीमा की उंगलियों की जादू से मेरी दीदी अंदर ही अंदर कसमसआने लगी थी.. तड़पने लगी थी..


ना चाहते हुए भी मेरी बहन को भीमा की अंगुलियों की हरकत ने बेहद उत्तेजित कर दिया था... भीमा मेरी रूपाली दीदी की छातियों के साथ खिलवाड़ किए जा रहा था... और मेरी बहन अपने मुंह से निमंत्रण दे रही थी उसको ऐसा करने के लिए..

मेरी रुपाली दीदी की नशीली लाल आंखों में देखते हुए भीमा ने उनको जवाब दिया..

भीमा: अब हम आपको क्या बताएं भौजी... हमारी दुकान तो बहुत शानदार है... अभी तो आप ठीक से हमारा दुकान का सब सामान भी नहीं देखे हो... लेकिन क्या करें भौजी हमार किस्मत फूटी हुई है.. जोड़ीदार नहीं मिलता है हमको साथ में "काम" करने के लिए... भौजी "काम" करने में तभी मजा आवे है जब साथ में टक्कर का जोड़ीदार मिल जाए..

मेरी रुपाली दीदी: अच्छा.... भैया जी हम समझ गए आप की बात.. आपको अपनी दुकान में हाथ बंटाने के लिए सहारे की जरूरत है... इसीलिए आप कोई टक्कर का जोड़ीदार ढूंढ रहे हैं...

मेरी रूपाली दीदी उसकी डबल मीनिंग बातों को समझ कर भी अनजान बनने का नाटक कर रही थी..


मेरी बहन की नजर उसकी लूंगी में तने हुए उसके खूंखार मुसल पर टिकी हुई थी.. उसकी लंबाई चौड़ाई का अंदाजा लगाकर ही मेरी दीदी का गला सूखने लगा था..


भीमा: सही कह रही हो आप भौजी... कोनो जोड़ीदार हो साथ में तो काम करने में मन भी लागत है... सहायता भी हो जात है.. और खूब मजा भी आता था.... भौजी जोड़ीदार चाहिए हमका.. तभी तो जोरदार तरीके से "काम "होई ... एक बात बोली हम भौजी.. हमका कभी अपना टक्कर का जोड़ीदार नहीं मिला... अभी 7 महीना पहले तक तो हम किसी तरह गुजारा कर लिया जब हमारी मेहरारू हमारे साथ थी...

मेरी रूपाली दीदी हैरानी से उसकी तरफ देखते हुए उसकी बातें सुन रही थी.. और मन ही मन उसकी बीवी के बारे में सोच रही थी..


भीमा: हमार लुगाई जब हमारे साथ रहती थी.. तो कभी-कभी "काम" में हमारा हाथ बढ़ा दिया करती थी... अब त ओ भी सहारा नहीं बा हमार पास... बड़ा मुश्किल से हमार रात कटता भौजी..


यह सब बोलते हुए उसने मेरी रूपाली दीदी के एक निप्पल को अपनी दो उंगलियों के बीच में लेकर बहुत जबरदस्त तरीके से पीस दिया... दर्द के मारे मेरी बहन बिलबिलआने लगी थी... मेरी बहन की चूची से दूध निकलने लगा था... उसकी इस हरकत पर मेरी रूपाली दीदी तड़प कर उसकी तरफ देखने लगी और बोल पड़ी.

मेरी रूपाली दीदी: आहह... इस्स्स... आहह.. भीमा भैया.. क्या करते हो आप... प्लीज ऐसा मत कीजिए ना..


भीमा: माफ कर दा हमके भौजी... हमारा हाथ फिसल गया.... हम जानबूझकर नहीं किया हूं... बस कुछ देर के बा भौजी... बिटिया रानी के बाल के कटिंग तो हो गईल... बस साफ सफाई करे के बा..


मेरी रूपाली दीदी की दोनों चुचियों से आग निकलने लगी थी... साथ ही साथ दूध भी.. मेरी बहन ने ब्रा पहन रखी थी वरना भीमा को सब कुछ दिख जाता... दूसरी तरफ मेरी भांजी सोनिया तो रो-रो के थक हार कर कटिंग चेयर के ऊपर ही सो चुकी थी... मेरी रूपाली दीदी को तो इस बात का एहसास ही नहीं था... वह तो बस भीमा की कामुक बातें सुन रही थी... और उसकी आंखों में देख रही थी बड़े प्यार से...

भीमा ने अपने पास में पड़े हुए एक बक्से को खोल कर उसमें से एक पान निकालकर अपने मुंह में दबा दिया.. उस बक्से के अंदर बहुत सारे पान पड़े हुए थे.. मेरी दीदी उसके लाल लाल होठों और लाल लाल जुबान को देख कर ही समझ गई थी कि यह बहुत पान खाता है.. वह अपनी आंखें बंद किए हुए पान का आनंद ले रहा था..

भीमा: मजा आई गया भौजी... बहुत मस्त पानवा बा.....
 
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Meena1995

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Woww kya badhiya kamuk kahaani hain mmmmm bahut mazze le rahi hun mmmm … chut aur lund se paani nikalne wali kahaani hain mmm 🔥🔥🔥🔥💋💋💋💋❤️❤️❤️❤️🔥🔥🔥
 

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