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Incest मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


पेशे खिदमत है वो कहानी जिसके पहले भाग को पढ़ कर मैंने लिखना शुरू किया . जिनकी ये कहानी है अगर वो कभी इसे पढ़े तो अपने कमेंट जरूर दे .

कहानी के सभी भाग कहीं नहीं मिले तो उन्हें पूरा करने का प्रयास किया है

उम्मीद है मेरा लेखन पसंद आएगा .

आमिर हैदराबाद


मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

INDEX
UPDATE 01मेरे निकाह मेरी कजिन जीनत के साथ 01
UPDATE 02मेरे निकाह मेरी कजिन जीनत के साथ 02.
UPDATE 03रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह.
UPDATE 04मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ- रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह.
UPDATE 05मेरी बहन का निकाह मेरे कजिन के साथ और सुहागरात.
UPDATE 06मेरी बहन सलमा की चुदाई की दास्ताँ.
UPDATE 07मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ - छोटी बीवी जूनि.
UPDATE 08मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ- छोटी बीवी जूनि.
UPDATE 09मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ - सेक्सी छोटी बीवी जूनी.
UPDATE 10चुदाई किसको कहते है.
UPDATE 11छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात.
UPDATE 12छोटी बेगम की जूनी. सुहागरात-2
UPDATE 13मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ- छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात.
UPDATE 14छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात की सुबह
UPDATE 15अल्हड़ छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात की चटाकेदार सुबह.
UPDATE 16दोनों कजिन्स जूनी जीनत.चुदासी हुई.
UPDATE 17ज़ीनत आपा के साथ स्नान
UPDATE 18ज़ीनत आपा का स्तनपान
UPDATE 19में ही ऊपर से चोदूंगी फिर लंड चुसाई और चुदाई
UPDATE 20लंड चुत चुदाई और चुदाई
UPDATE 21कमसिन और अल्हड़ जूनि की चुदाई
UPDATE 22तीसरी बेगम कमसिन अर्शी
UPDATE 23तीसरी बेगम कमसिन अर्शी की चुदाई
UPDATE 24तीसरी बेगम अर्शी की चुदाई
UPDATE 25तीसरी बेगम अर्शी की तृप्ति वाली चुदाई
UPDATE 26तीन सौत कजिन जूनी जीनत अर्शी
UPDATE 27मीठा, नमकीन, खट्टा- जीनत जूनी अर्शी
UPDATE 28दुल्हन बनी चौथी कजिन रुखसार
UPDATE 29मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ चौथी दुल्हन रुखसार.
UPDATE 30मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ चौथी दुल्हन रुखसार.
UPDATE 31कुंवारी चौथी कजिन रुखसार.
UPDATE 32तीखा कजिन रुखसार
UPDATE 33लंड चुसाई
UPDATE 34बुलंद चीखे
UPDATE 35चारो बेगमो के साथ प्यार मोहब्बत- जीनत जूनी अर्शी रुखसार
UPDATE 36बेगमो के साथ प्यार मोहब्बत -जीनत जूनी अर्शी रुखसार
UPDATE 37जीनत जूनी अर्शी रुखसार बेगमो के साथ कहानी अभी बाकी है-
UPDATE 38ज़ीनत आपा की मदहोश अदा
UPDATE 39चारो बेगमो ने लंड चूसा और चाटा
UPDATE 40चलो अब एक साथ नहाते हैं
UPDATE 41नहाते हुए चुदाई
UPDATE 42खूबसूरती
UPDATE 43मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ मस्ती करने दो
 
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Behad khubsurat updates agla number kiska hai waiting for next
 

aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

खानदानी निकाह

अपडेट 138

नौकरानी

हवेली में खाला के घर एक नौकरानी रेहाना मेरे पास चाय ले कर आयी, जो कई साल पहले हमारे यहाँ काम कर चुकी थी। खाला के घर में मुझे दो और नयी नौकरानियाँ दिखी मैंने जान बूझ कर अपने कमरे की दोनों खिड़कियाँ खुली छोड़ दी थी ताकि मेरे घर के सामने वाली कोठी वाली भाभी, उनकी कुँवारी बहन और खाला की नौकरानियाँ, अर्शी की चुदाई स्पष्ट रूप से देख सकें। अभी बाक़ी लोग घर में नहीं लौटे थे ।

मेरे कमरे के सामने एक 8 फुट का रोड है और रोड के दूसरी तरफ़ भाभी का घर जहाँ से मेरा कमरा बिल्कुल उनकी किचन के सामने पड़ता है और अगर मेरे घर की सामने वाली खिड़की अगर खुली हो मेरा पूरा कमरा दिखाई देता है।

मेरी पढ़ाई के दिनों में तब मेरी उम्र की रेहाना युवा नौकरानी के रूप में हमारे घर में सफाई, बर्तन धोने, बिस्तर बनाने आदि जैसे नियमित कामों के लिए आया करती थी। मैं उसे बचपन से जानता था। वह दिखने में ठीक ठाक थी पर बहुत सुंदर नहीं थी, लेकिन उसके स्तनों की जोड़ी ऐसी थी कि किसी भी सुपर मॉडल को शर्म आ जाए। वह चोली (तंग छोटा ब्लाउज) , घाघरी (घुटने और टखने के बीच तक की प्लीटेड स्कर्ट) और ओढ़नी (आधी साड़ी, जिसका एक छोर छाती के सामने होता है) पहनती थी। चोली का पतला कपड़ा उसके छोटे निप्पलों को छिपा नहीं पाता था, जो हमेशा उत्तेजित अवस्था में दिखते थे। उसके शरीर से तेज मादक ख़ुशबू आती थी, जो मुझे तुरंत उत्तेजित कर देती थी। मैं ख़ुद को नियंत्रित नहीं कर सका। एक दिन घर में जब हम अकेले थे मैं उससे चिपक गया था और उसके एक स्तन को पकड़ लिया था। गुस्से में उसने मेरा हाथ झटक दिया, मेरे चेहरे पर घूर कर देखा और धमकी भरे स्वर में कहा, "आइंदा ऐसी हरकत करोगे तो आपके अब्बू से बता दूंगी।"

उन दिनों क्या आज भी, अब्बू का नाम लेना ही मेरे जोश को ठंडा करने के लिए काफ़ी था। फिर मैं उसे अकेला छोड़कर चला गया। फिर रेहाना का निकाह कुछ समय पहले पक्का हो गया था। निकाह अब कुछ हफ़्तों दूर था। उसका शरीर काफ़ी सुडौल हो गया था और बदन और रंगरूप निखर गया था और उसे फिर से देखने के बाद चोदने की तीव्र इच्छा हो रही थी। हालाँकि वह मुझे घूरती रही लेकिन मैं उसे एक बार फिर से आजमाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया और फिर...

उस शाम के समय मेरे कमरे में मुझे चाय देते समय गिर जाने के कारण मेरी लुंगी गर्म चाय से बिलकुल भीग गयी और मैंने लुंगी निकाल कर फेंक दी, मैंने नीचे कुछ नहीं पहना था और ऐसे में रेहाना ने मेरा बड़ा लंड साफ़ देख लिया । उस रात मैंने अर्शी और इकरा खाला की धुआँधार चुदाई की और मुझे लगा की उस समय रेहाना छुप कर हमे देख रही थी ।

अगली सुबह अचानक माहौल बदल गया। अब रेहाना मेरी तरफ़ देखकर मुस्कुराने लगी, एक प्यारी-सी शर्मीली मुस्कान जो आमंत्रण से भरी हुई थी। मुझे अपनी आँखों पर यक़ीन नहीं हो रहा था। एक-दो बार मैंने महसूस किया कि वह मेरी तरफ़ देख रही थी और उसे भूखी निगाहों से घूरते हुए पाया। मेरा मन उसे अपनी बाहों में भरकर उसके उन बड़े गोल स्तनों को मसलने का कर रहा था। लेकिन फिर मैं अब्बू, अर्शी और खाला को पता से डर गया। मैंने उसके संदेशों का जवाब नहीं दिया। हालाँकि मुझे मालूम था अर्शी या खाला ज़्यादा नाराज नहीं होगी पर अब्बू, चाचू का क्या ... बस यही सोच रुक गया ।

हवेली में मेरा अध्ययन कक्ष था, जिसे मैं अब दोपहर में हवेली की दूसरी मंज़िल पर सामान्य हलचल से दूर अपने शयन कक्ष के रूप में इस्तेमाल कर रहा था । सुबह में मैं वहाँ कुछ पढ़ रहा था, तभी रेहाना चुपके से अंदर आ गई।

मेरा दिल बैठ गया। मैं तुरंत खड़ा हो गया यह कहते हुए कि "बाहर, बाहर, इससे पहले कि कोई आ जाए। चले जाओ। मुझे तुम्हारी ज़रूरत नहीं है और उसे कमरे से बाहर धकेलना शुरू कर दिया।"

वह मुड़ी। उसकी आँखों में आँसू थे। उसने कहा, "अगर आपकी यही मर्जी है तो मैं चली जाऊँगी, लेकिन कृपया मुझे बताओ कि आप मुझसे इतने नाराज़ क्यों हो, मैंने आपको नाराज़ करने के लिए क्या किया?"

"नाराज़? ओह, नहीं। मैं तुमसे नाराज़ नहीं हूँ, बस यहाँ से चली जाओ।"

वह हिली नहीं। उसने कहा, " मुझे पता है कि आप मुझसे इतने नाराज़ क्यों हो। उस दिन मैंने आपका हाथ झटक दिया था, इसलिए। लेकिन, सलमान, मैं क्या कर सकती थी? मैं तब बहुत छोटी थी और मेरे स्तन उन दिनों बहुत कोमल थे; जब आपने उन्हें पकड़ा, तो बहुत दर्द हुआ था। आप मुझे माफ़ करो, सलमान प्लीज!

तभी उसकी ओढ़नी उसके कंधे से नीचे सरक गई और उसके शानदार स्तनों के बीच की दरार का काफ़ी हिस्सा दिखाई देने लगा। मुझे यक़ीन नहीं है कि ऐसा अपने आप हुआ या उसने इसे नीचे सरकाने की कोशिश की थी।

जो भी कारण रहा हो, नतीजा वही रहा: मेरी नज़रों के लिए उसकी छाती खुली हुई थी। उसकी चोली का गला नीचे की तरफ़ था और उसके आकर्षक स्तनों के काफ़ी हिस्से दिखाई दे रहे थे। मेरा लंड प्रत्याशा में उछल पड़ा और मेरी लुंगी में तम्बू बन गया ।

मेरा मुँह सूख गया। मैं मुश्किल से बोल पा रहा था। किसी तरह मैंने कहा, "अरे...अरे...रेहाना माफ़ी मांगने की कोई ज़रूरत नहीं है, कृपया माफ़ी मत मांगो। यह...यह...माफ़ी तो मुझे मांगनी चाहिए, यह मेरी गलती थी। चलो अब, चले जाओ। मैं तुमसे नाराज़ नहीं हूँ।"

उसके चेहरे पर एक शर्मीली मीठी मुस्कान थी। अपनी बाहें मेरे गले में डालते हुए उसने मेरे कान में फुसफुसाया, "ओह, सलमान, मुझे बहुत राहत मिली है। कुछ समय के लिए मुझे लगा कि मैं कभी भी आपके साथ समझौता नहीं कर पाऊँगी। लेकिन आप बहुत दयालु हो। मैं अब बहुत खुश हूँ।"

अनजाने में मेरे हाथ उसकी पतली कमर पर चले गए थे। उसने अपनी कमर को मेरे कमर से सटा दिया था, जो मेरे कड़क खड़े लंड के लिए ठीक नहीं था। मैंने कहा, "मुझे ख़ुशी है कि तुम खुश हो।"

"लेकिन, जब तक आप एक बार फिर से वही नहीं करोगे जो आप उस दिन कर रहजे थे, मुझे चैन नहीं मिलेगा और मुझे लगेगा आपने मुझे माफ़ नहीं किया है।"

इससे पहले कि मैं समझ पाता कि वह क्या कह रही थी, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और उसे अपने मुलायम स्तन पर दबा दिया।

मैं घबरा गया। मैंने अपना हाथ पीछे खींच लिया, लेकिन उसने उसे मजबूती से पकड़ रखा था। नीचे मेरा लंड एक तंग चूत में प्रवेश की उम्मीद में नाचने लगा।

मैंने कहा, "मुझे अकेला छोड़ दो, क्या तुम पागल हो? ओह, तुम्हे कुछ होश है कि अगर कोई आकर हमें रंगे हाथों पकड़ ले तो क्या होगा?"

"सलमान आप बेवजह डर रहे ई हो। मैंने देखा है इस समय सब रसोई में नाश्ता बनाने में मशगूल है और वैसे भी आपके कमरे की साफ़ सफ़ाई की जिम्मेदारी आपकी खाला ने मुझे दी है। चलो, आप मेरे स्तन को छूओ, उसे पकड़ो और मसलो। अब दर्द नहीं हो रहा है। क्या आपको मेरे स्तन पसंद नहीं हैं? और आप इन्हे देखना नहीं चाहते है?"

मैंने अपना हाथ जबरन हटाया और उसे अपने कमरे से बाहर धकेल दिया। मैंने कहा, "अगर तुम अभी नहीं जाओगी तो मैं तुमसे बहुत नाराज़ हो जाऊँगा। अभी जाओ। प्लीज़।"

आखिरकार वह जाने के लिए मुड़ी। वह एक पल के लिए रुकी जैसे कि झिझक रही हो और बोली, "सलमान, क्या मैं दोपहर में वापस आ सकती हूँ जब सब लोग सो जाते हैं?"

मुझे अपने कानों पर यक़ीन नहीं हुआ। क्या वह ख़ुद को मेरे सामने पेश कर रही थी? यह सुनिश्चित करने के लिए मैंने उसके स्तन को अपने हाथों में लिया और पूछा, "क्या तुम सच में आ सकती हो?"

उसने कोई विरोध नहीं किया। उसने अपनी नज़रें नीची कीं और कहा, "मैं सच में आ सकती हूँ। आप चाहते हो कि मैं आऊँ, है न?" उसने मेरा हाथ ढक लिया, जो उसके स्तन को पकड़े हुए था।

मैंने उसे धीरे से दबाया और कहा, "हाँ, मैं चाहता हूँ।"

"और तुम मुझे चोदना चाहोगे?" उसे साफ़ पूछ लिया । मैं चकित था पर उत्तेजित भी था और अब उसे छोड़ने के लिए उत्सुक था ।

"हाँ, हाँ। मैं अभी चोदना चाहूँगा।"

"अभी नहीं।"

"क्या तुम्हे पहले किसी ने चोदा है?"

"नहीं, तुम पहले होओगे।"

"आज रात तक रुको; मैं इशारा करूँगा फिर आना, हम तब मज़ा करेंगे। पर आज दोपहर में ज़रूर आना तुमसे कुछ बाते करनी है ।"

वह भाग गई। उस समय मुझे नहीं पता था कि मुझसे ज़्यादा चालाक कोई हमारे बिना देखे वहाँ हमे देख रहा है।

नाश्ते के बाद मैंने इकरा खाला और अर्शी की चुदाई की चुदाई के बाबजुद रेहाना की प्रतीक्षा में मेरा लंड अकड़ा हुआ था। दिन में वह आयी तो मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और गाल चूमने लगा। उसने रेशमी चोली, घाघरी और ओढ़नी पहन रखी थी। उसके शरीर से एक तरह की मीठी मादक ख़ुशबू आ रही थी, जो मेरे लंड को धड़का रही थी। उसने अपनी बाहें मेरी गर्दन के चारों ओर लपेट लीं और एक बार फिर मैंने उसके कोमल शरीर को अपने से सटा लिया। मैंने उसके कान में बुदबुदाया, "ओह, रानी, इतने दिन कहाँ थी?"

मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और चूमने लगा। ज़बरदस्ती उसने ख़ुद को अलग किया और कहा, "मैं यहीं तुम्हारे साथ हूँ। पूरी दोपहर है हमारे पास है। जल्दी क्या है?"

उसने अपने दोनों हाथों से मेरा सिर पकड़ लिया और मुझे चूमने लगी, मेरे गालों पर चुम्बन करने लगी। उसके कोमल होंठों का स्पर्श बहुत ही रोमांचक था। मैंने भी उसे चूमने की कोशिश की लेकिन उसने मुझे अपना सिर इधर-उधर हिलाने की इजाज़त नहीं दी। इस झड़प में उसके होंठ मेरे होंठों से छू गए। अचानक सारी हरकतें रुक गईं। मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर दबा दिए और ख़ुद को शांत कर लिया। वह भी रुक गई लेकिन मेरे बालों में अपनी उंगलियाँ रगड़ना जारी रखा।

जारी रहेगी
 

aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

खानदानी निकाह

अपडेट 139

नौकरानी की पहले चुदाई फिर प्यार


मैंने रेहाना को अपनी बाहों में जकड़ लिया और चूमने लगा। ज़बरदस्ती उसने खुद को अलग किया और कहा, "मैं यहीं तुम्हारे साथ हूँ। पूरी दोपहर है हमारे पास है। जल्दी क्या है?"

उसने अपने दोनों हाथों से मेरा सिर पकड़ लिया और मुझे चूमने लगी, मेरे गालों पर चुम्बन करने लगी। उसके कोमल होंठों का स्पर्श बहुत ही रोमांचक था। मैंने भी उसे चूमने की कोशिश की लेकिन उसने मुझे अपना सिर इधर-उधर हिला कर चूमने नहीं दिया । इस झड़प में उसके होंठ मेरे होंठों से छू गए। अचानक सारी हरकतें रुक गईं। मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर दबा दिए और खुद को शांत कर लिया। वह भी रुक गई लेकिन मेरे बालों में अपनी उंगलियाँ रगड़ना जारी रखा।

कुंवारी होने के कारण रेहाना चुदाई के क्षेत्र में नौसिखिया थी। उसके पास सिर्फ़ कुछ ज्ञान था जो उसने गंदी किताबों और अपनी कुछ सहेलियों के कारनामों की कहानियों से हासिल किया था। उसे नहीं पता था कि एक चुम्बन इतना गहरा हो सकता है। कुछ मिनटों के लिए वह दुनिया से खो गई, उसे सिर्फ़ दो चीज़ों का एहसास हुआ - गीले सूजे हुए झुनझुने होंठ और गीला फिसलन भरा झटके खाता हुआ लंड जो उसके गहगहे के ऊपर से उसकी गीली चुत से टकरा रहा था । इसलिए, जब मैंने अपना मुँह खोला और अपनी जीभ की नोक उसके बंद होंठों पर फिराई, तो वह इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसके मुँह से आह निकली और ओंठ और मुँह खुल गया।

मैंने फट से अपनी जीभ उसके मुँह में घुसा दी और उसने अपनी जीभ के साथ मेरी जीभ से खेलते हुए जवाब दिया। मैंने उससे कहा कि मुझे अपनी जीभ दो। उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी जिसे मैंने खुशी से चूसा और वो कराह रही थी।

और फिर वो मेरे होंठों पर टूट पड़ी...ऐसा लग रहा था की वो पागल सी हो चुकी है...अपनी ब्रेस्ट को मेरी छाती पर रगड़ते हुए वो मेरे बालों में उंगलियाँ फेराती हुई मेरे होठों को बुरी तरह से चूस रही थी. मैंने अपने हाथों से उसकी पीठ और गांड को सहलाना शुरू कर दिया।

रेहाना का कद तकरीबन 5' 5" . गोरा रंग,कमर तक झूलते रेशमी लाइट ब्राउन कलर के बाल, हस्ती तो दोनो गालो मे छोटेछोटे डिंपल्स पड़ते, सफेद मोती जैसे चमकते दाँत, लाइट ब्राउन बड़ी बड़ी चमकती हिरनी जैसी आँखें, सेक्सी लिप्स जिनको देख के कोई भी चूसने की कल्पना करे।

अभी उसके बूब बड़े और गोल 36 साइज़ के होंगे, एक दम से सिडोल बदन, घाघरा चोली पहने हुए उसकी छोटी चोली में उसके चुचियाँ बहुत मस्त दिख रही थी और जब मटक मटक केचलती तो गांड के दोनों गाल और चुचियाँ धीरे धीरे डॅन्स करते ऊपेर नीचे होते बड़े अच्छे लगते वो उस टाइम पे ब्रा भी नही पहन्ति थी इसी लिए उसकी चुचियाँ डॅन्स करती जिन्है देख के मन करता के बस अभी पकड़ के दबा डालु और मोसंबी की तरह से निचोड़ दूँ और फिर आम ( मॅंगो ) की तरह से चूस डालु.. ।

मैंने पहले रेहाना के बूब्स दबाये और चोली और चुनरी के ऊपर से उन्हें दबाने लगा , मेरे ऐसा करते ही उसकी चुनरी सरक गयी और उसके शानदार स्तनों के बीच की दरार का काफ़ी हिस्सा दिखाई देने लगा।

मेरी नज़रों के लिए उसकी छाती खुली हुई थी। उसकी चोली का गला नीचे की तरफ़ था और उसके आकर्षक स्तनों के काफ़ी हिस्से दिखाई दे रहे थे। मेरा लंड प्रत्याशा में उछल पड़ा और मेरी लुंगी में तम्बू बन गया ।मैंने अपना मुँह सीधा उसके मुम्मों पर रख दिया और चोली के उपर से ही उसकी ब्रेस्ट पर लगे चूचक को मुँह में लेकर चूसने लगा..।

''ऊऊऊऊऊऊओह सलमान ................ माई डार्लिंग ..................उम्म्म्मममममममम...!...'

'मैंने उसकी चुनरी उतारी और फिर उसके उपर की चोली उतार दी ।

उसके दोनो कबूतर फड़फड़ाते हुए बाहर आ गये..मैंने जी भरकर उन प्यारी सी ब्रेस्ट को देखा और फिर धीरे-2 अपनी जीभ से उन्हे चाटने लगा...!

उसकी जीभ जैसे चुभ सी रही थी रेहाना को...... और रेहाना ने एक कबूतर की गर्दन पकड़ कर मेरे के मुँह में अपना निप्पल दे दिया , और मैं भी किसी प्यासे जानवर की तरह उसपर टूट पड़ा और ज़ोर-2 से चुभलाते हुए उसे चूसने लगा..निकालने लगा उसके अंदर जमीं मिठास को ''आआआआआहह ऊओ मेरा बैबी......पी ले.....दुधु पी ले.!..''

जिसे सुनकर मैं और ज़्यादा उत्तेजित हो गया और जोर से दबा कर चूसने लगा ।

रेहाना : "आआआआआहह धीरे बैबी ....धीरे....मम्मा को दर्द होता है.....अहह......''!

मैंने रेहाना को पीछे की ओर धकेला जब तक कि वो बिस्तर को छू नहीं गई। मैंने चुंबन तोड़ा और उसे बिस्तर पर सीधा धकेल दिया और खुद को उसके ऊपर फेंक दिया। मुझे याद है कि मैंने कुछ ऐसा कहा था, "माफ करना, रेहाना, मैं खुद को रोक नहीं सकता।"

मैंने अपना मुँह उसके मुँह पर जोर से चिपका दिया और उसकी घाघरी ऊपर खींच दी।

मैंने जोर से उसकी जाँघों को अलग किया और उनके बीच में आ गया। उसकी घघरी उतार कर साइड में फेंक दी...अब वो बिस्तर पर पूरी नंगी पड़ी थी...।

उसके नंगे जिस्म की खूबसूरती देखकर मेरा लंड बागी सा हो गया..मैंने ठान लिया की आज तो कम से कम 3 बार उसकी चुदाई करूँगा ..फिर मैंने अपने कपड़े और लुंगी उतारी और कुछ ही देर मे मैं भी बिलकुल नंगा खड़ा था... और फिर मेरी लुंगी फेंक मेरे उग्र लंड को उजागर कर दिया।

रेहाना ने मेरे लंड की तरफ देखा और शरमाते हुए अपनी नज़रें झुका ली...वो काफी बड़ा था. अब मेरी आँखो के सामने थी रेहाना की कुँवारी चूत ..।

मैंने खुद को रेहाना के नरम और चिकने शरीर पर नीचे किया और मैं अपने घुटनो के बल बैठ गया और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ा ..और धीरे-2 उसके छेद में फंसाया अपने लंड को उसकी चूत की दिशा में धकेला। लंड फिसलन वाली सतह पर फिसल गया और उसकी चूत में प्रवेश नहीं कर सका। मेरे कूल्हों ने चुदाई की हरकतें शुरू कर दी थीं जिससे मेरे लंड का सिर उसकी चूत पर टकरा रहा था।

आश्चर्यजनक रूप से उसने खुद ही अपनी जाँघों को ऊपर उठाया और उन्हें चौड़ा किया, मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और उसे सही जगह पर ले गई। .और हल्का धक्का मारा जिससे लंड अंदर दाखिल हो गया
उसकी योनि के मुँह में लंड के सिर के घुसने का एहसास अविश्वसनीय रूप से शानदार था।

''आआआआअहह धीरे करो प्लीज.....!.''

उसकी इतनी कहने की देर थी की मैंने एक जोरदार झटका मारा...और मेरा लंड रेहाना की चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर दाखिल हो गया..रेहाना चिल्ला उठी ।

''आआआआआआययययययययययीीईईईईईईईईईईईई ......... मररर्रर गयी .............. अहह ...!''

वो दर्द से बिलख उठी।

तो मैंने उसके मुँह पर अपना मुँह लगा कर चीख वहीँ दबा दी . ...रेहाना को मेरा बड़ा मोटा लंड लेने में सच में काफ़ी दर्द हो रहा था...उसकी आँख से आँसू निकल रहे थे..।

अजय ने उसे चुप कराया...उसके गालों को चूमा...और फिर थोड़ी देर बाद अपना लंड फिर से हिलाने लगा ।
.
अब मैं खुद को रोक नहीं सका। एक शक्तिशाली धक्के में मैंने अपने लंड के सभी आठ इंच उसकी योनि में धकेल दिया । अब वो चिल्ला तो नही रही थी...पर उसका शरीर अभी भी अकड़ा सा हुआ था...।

अब मैं उसके ऊपर पूरा लेटकर अपने लंड से उसे हुमच -2 कर चोद रहा था।

अगर चुंबन मादक था तो यह मारक था। रेहाना की संकरी चूत ने मेरे लंड को जकड़ लिया जबकि उसकी आंतरिक मांसपेशियाँ लंड को धीरे से दुह रही थीं। मेरे लंड का संवेदनशील सिर उसकी चूत की साटन जैसी दीवारों के सामने आ गया। हालाँकि मैं फैंसी चुदाई के मूड में नहीं था। मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और गहरी जोरदार धक्कों के साथ बेरहमी से चुदाई शुरू कर दी। वह अपनी उत्तेजना में अपनी बाहों को मेरी गर्दन के चारों ओर और पैरों को मेरी कमर के चारों ओर लपेटकर मुझसे चिपकी हुई थी। उसने मेरे प्रत्येक झटके का जवाब अपनी श्रोणि के समान रूप से जोरदार झटके के साथ दिया।

मैंने लगातार उसकी चूत सहित उसके मीठे भगशेफ को चोदा, जबकि उसकी कसी हुई संकरी चूत ने उन चिपचिपे स्रावों के बावजूद मेरे लंड को रगड़ दिया। फिर मैंने धीरे-2 धक्को की स्पीड बड़ा दी...और अंत में जोरदार झटके मारता रहा मुझे समय का पता ही नहीं चला। मेरे लंड की पूरी लंबाई से टपकते हुए शुद्ध आनंद के साथ मैं रेहाना को चोदता रहा, मुझे नहीं पता कि कितनी देर तक। जब संभोग सुख आया, तो अचानक मुझे झटका लगा। अविश्वसनीय आनंद के समुद्र में एक विशाल ज्वार ने मुझे घेर लिया और मुझे एक तरह की ऐंठन में डाल दिया। सभी हरकतें बंद हो गईं, केवल लंड उसकी चूत के संकीर्ण दायरे में अनियंत्रित रूप से हिल रहा था और मेरा गाढ़ा वीर्य बाहर निकल रहा था। मेरी आँखें बंद हो गईं, मेरे मुँह से लार टपकने लगी और पूरे शरीर पर पसीना आ गया। मैं उन तीस सेकंड के लिए मर गया।

जैसे कि बवंडर अचानक आया था वैसे ही चला गया, और संतुष्टि और आराम की भावना छोड़ गया। अपने अंगों को सुलझाते हुए मैं उतरने ही वाला था कि उसने अपने हाथ मेरे नितंबों पर रखे और मुझे पकड़ लिया।

मैंने देखा आश्चर्यजनक रूप से मेरा लंड मुरझाया नहीं था। उसे उसकी चूत में दबाए रखते हुए मैंने उसके माथे को चूमा और पूछा, "क्या तुम्हें मज़ा आया?"

उसने मेरा सिर अपने स्तनों पर खींच लिया, मेरे बालों में उंगलियाँ फिराई और बोली, "हाय हाय सलमान , चुदाई ऐसी होती है इतनी मजेदार मुझे मालूम नहीं था ।"

मैंने पूछा, “मैंने ठीक से चोदा?” रेहाना क्या मैंने ठीक से चुदाई की?

“बहुत अच्छा चोदा।” सलमान आपने बहुत अच्छी चुदाई की।

“फिर मौका देगी चोदने का?” रेहाना क्या आप मुझे चोदने का एक और मौका दोगी ?

"जब चाहो तब, मेरे राजा।" जब भी तुम चाहो, आ जाना मेरे पास ।

“तो अब मुझे बाथ रूम में जाने दे, मुझे पेशाब लगी है। आ कर फिर चुदाई करेंगे।"

मैंने अपना लंड बाहर निकाला जो मेरे वीर्य और उसके भोसड़े के रस से चिकना थाऔर साथ में उसके कौमार्य टूटने का साबुत उसका खून भी लगा हुआ था पर लंड अभी भी खड़ा था . मैंने रुमाल उठा कर लंड और चूत से खून साफ़ किया और रेहाना देखकर हैरान रह गई. उसने कहा, "देखो, यह अभी भी लोहे की रॉड की तरह सख्त है. इतना मोटा और लंबा. जाओ और इसे धो लो, सलमान , हम फिर से मस्ती करेंगे।"

मैं बाथरूम में गया, पेशाब किया और अपने लिंग को धोया. लिंग अभी भी बहुत संवेदनशील था; मैं इसे छू नहीं सकता था।

जब मैं बाहर आया तो रेहाना बिस्तर पर लेटी हुई थी. उसने अपनी बाहें फैलाकर मुझे अंदर बुलाया. एक बार फिर मैंने उसके मुलायम चिकने शरीर को अपनी बाहों में भर लिया और उसके मुँह को अपने मुँह से बंद कर दिया. मेरा लिंग सख्त होने लगा. चुंबन तोड़ते हुए मैंने पूछा, "क्या तुम्हें नींद आ रही है?"

"नहीं, क्यों?" ", तुम्हें नींद आ रही है?"

"मैं तुम्हें फिर से चोदने जा रहा हूँ. क्या तुम नहीं चाहती ?"

"हाँ, लेकिन तुम मुझे चोदने नहीं वाले हो, तुम मुझसे प्यार करोगे; चलो हम प्यार करते हैं। क्या तुम तैयार हो?"

मैंने उसका हाथ अपने लंड की ओर बढ़ाया और पूछा, "और सबूत चाहिए?"

उसने कहा नहीं, और अपना मुँह मेरे मुँह से चिपका दिया।

मैं इस तरह से उस दिन रेहाना को चूमा और चोदा जो सेक्स के बारे में शादी से पहले ही काफी कुछ जानती थी। मुझे एहसास हुआ कि मुझे अभी भी बहुत कुछ सीखना है।

मेरे होंठों पर उसके मुलायम होंठों का स्पर्श बहुत मीठा और रोमांचक था। जब उसने अपने बंद होंठों को मेरे होंठों पर रगड़ा तो यह और भी स्वादिष्ट हो गया। इससे पहले कि मैं कुछ कर पाता उसने अपना मुँह खोला और मेरे होंठों को अपने होंठों के बीच ले लिया। फिर मैंने महसूस किया कि उसकी छोटी शर्मीली जीभ बाहर आई और मेरे होंठों को मुँह के एक कोने से दूसरे कोने तक चाटने लगी।

जारी रहेगी
 

Mahesh007

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