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Incest मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


पेशे खिदमत है वो कहानी जिसके पहले भाग को पढ़ कर मैंने लिखना शुरू किया . जिनकी ये कहानी है अगर वो कभी इसे पढ़े तो अपने कमेंट जरूर दे .

कहानी के सभी भाग कहीं नहीं मिले तो उन्हें पूरा करने का प्रयास किया है

उम्मीद है मेरा लेखन पसंद आएगा .

आमिर हैदराबाद


मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

INDEX
UPDATE 01मेरे निकाह मेरी कजिन जीनत के साथ 01
UPDATE 02मेरे निकाह मेरी कजिन जीनत के साथ 02.
UPDATE 03रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह.
UPDATE 04मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ- रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह.
UPDATE 05मेरी बहन का निकाह मेरे कजिन के साथ और सुहागरात.
UPDATE 06मेरी बहन सलमा की चुदाई की दास्ताँ.
UPDATE 07मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ - छोटी बीवी जूनि.
UPDATE 08मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ- छोटी बीवी जूनि.
UPDATE 09मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ - सेक्सी छोटी बीवी जूनी.
UPDATE 10चुदाई किसको कहते है.
UPDATE 11छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात.
UPDATE 12छोटी बेगम की जूनी. सुहागरात-2
UPDATE 13मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ- छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात.
UPDATE 14छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात की सुबह
UPDATE 15अल्हड़ छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात की चटाकेदार सुबह.
UPDATE 16दोनों कजिन्स जूनी जीनत.चुदासी हुई.
UPDATE 17ज़ीनत आपा के साथ स्नान
UPDATE 18ज़ीनत आपा का स्तनपान
UPDATE 19में ही ऊपर से चोदूंगी फिर लंड चुसाई और चुदाई
UPDATE 20लंड चुत चुदाई और चुदाई
UPDATE 21कमसिन और अल्हड़ जूनि की चुदाई
UPDATE 22तीसरी बेगम कमसिन अर्शी
UPDATE 23तीसरी बेगम कमसिन अर्शी की चुदाई
UPDATE 24तीसरी बेगम अर्शी की चुदाई
UPDATE 25तीसरी बेगम अर्शी की तृप्ति वाली चुदाई
UPDATE 26तीन सौत कजिन जूनी जीनत अर्शी
UPDATE 27मीठा, नमकीन, खट्टा- जीनत जूनी अर्शी
UPDATE 28दुल्हन बनी चौथी कजिन रुखसार
UPDATE 29मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ चौथी दुल्हन रुखसार.
UPDATE 30मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ चौथी दुल्हन रुखसार.
UPDATE 31कुंवारी चौथी कजिन रुखसार.
UPDATE 32तीखा कजिन रुखसार
UPDATE 33लंड चुसाई
UPDATE 34बुलंद चीखे
UPDATE 35चारो बेगमो के साथ प्यार मोहब्बत- जीनत जूनी अर्शी रुखसार
UPDATE 36बेगमो के साथ प्यार मोहब्बत -जीनत जूनी अर्शी रुखसार
UPDATE 37जीनत जूनी अर्शी रुखसार बेगमो के साथ कहानी अभी बाकी है-
UPDATE 38ज़ीनत आपा की मदहोश अदा
UPDATE 39चारो बेगमो ने लंड चूसा और चाटा
UPDATE 40चलो अब एक साथ नहाते हैं
UPDATE 41नहाते हुए चुदाई
UPDATE 42खूबसूरती
UPDATE 43मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ मस्ती करने दो
 
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aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

खानदानी निकाह

अपडेट 144

नौकरानी की सेक्सी फूफी

उस रात हवेली में मौजूद सभी लोग अनवर के सारे रिश्तेदार सोए नहीं। सारी रात हमारी चुदाई की बातें और अफरोजा की चीखे सुनते रहे। पूरी रात में मैंने अफरोजा को तीन बार चोदा। सुबह अफरोजा से ठीक तरीके से चला नहीं जा रहा था। उसकी सास (तर्रनुम खाला) बहुत खुश थी। अनवर भी बहुत खुश था। उसकी बीवी को पहली रात मैंने चोदा और वह फिर भी खुश था।

पूछने पर उसने बताया-"नवाब हजूर, अफरोजा को तो इक न इक दिन आपसे चुदना ही था, लेकिन कल रात मैंने अपनी बिचोलन, अफरोजा की बुआ" रुसी "जो वलीमा की दावत के लिए उसके साथ आई हुई थी उसको चोदा। क्या माल है हजूर, लंड को मुँह में लेकर छोड़ने का नाम ही नहीं लेती। बुआ की लड़की" महरीन "भी कुंवारी है और मुझे अफरोजा ने बताया की उसने आपकी और अफरोजा की पूरी चुदाई रात में छिप कर देखि है और वह भी आपकी चुदाई की दीवानी बन गयी है, आज दोपहर को ही हवेली पहुँचाता हूँ।"

हालाँकि लेकिन मेरा मूड नहीं था। मैं अफरोजा को ही चोदना चाहता था। मैंने मना करा और अनवर से रात को दोबारा अफरोजा को तैयार रखने के लिए कहा तब अनवर ने कहा"हजूर अफरोजा अब यहीं है आप उसे जब चाहे तब चोद लेना! आप से मेरी इल्तिजा है एक बार महरीन को देख लीजिये बहुत सुंदर है और ऐसे मौके बार-बार नहीं मिलते!"

"ठीक है जैसा तुम ठीक समझो वैसा करो" और ये बोल कर अपनी हवेली वापिस आ गया।

मैंने कह तो दिया था पर मेरा मूड खराब था। दरअसल मैं अफरोजा को ही चोदना चाहता था। मेरे पीछे-पीछे अनवर भी आ गया पर तभी हमारे पडोसी हमसे मिलने आये थे, वह अपनी हवेली बेच कर बाहर जा रहे थे, मैंने उनकी हवेली खरीदने का सौदा कर लिया और उन्हें पेशगी भी दे दी । इस बढ़िया सौदे से मेरा मूड अब कुछ ठीक हो चला था ।

उनके जाने के बाद अनवर मेरे पास आया मुझे कहने लगा "हजूर आप ख़फ़ा मत होईये । आप एक बार मेरी इज्तिजा सुन लीजिये फिर आप जैसा चाहेंगे वही होगा ।"

मैंने कहा ठीक है बोलो ।

अनवर कहने लगा हजूर अफरोजा की फूफी जिसका नाम रशीदा है जिसे सब घर में प्यार से "रुसी" कहते है, क्योंकि वह किसी रुस्सियन की तरह गोरी और सुनहरे बालो वाली है और जबरदस्त खूबसूरत और हॉट सेक्सी औरत है। रुसी फूफी 36 साइज की ब्रा पहनती है बहोत ही हॉट और ऊँचे खयालात की औरत है। ज़्यादा लम्बी नहीं है पर खूबसूरत इतनी है कि उसके सामने सबसे टॉप की मॉडल भी फेल हो जाये। गोरी और नैन नक्श कातिलाना ओह्ह्ह्ह। आप भी उसके हुस्न के दीवाने हो जाएंगे । मैंने भी निकाह से पहले सिर्फ़ बिचौलन फूफी को देख कर ही निकाह के लिए हाँ की थी की जिसकी फूफी इतनी हसीन है, उसकी भतीजी कैसी कातिलाना होगी । उसका फिगर भी बहुत मस्त था 36 के गोल बूब्स 30 की पतली कमर 38 के बस क्या माल है हजूर, लंड को मुँह में लेकर छोड़ने का नाम ही नहीं लेती। । मुझे मालूम है आप नई-नई कोरी चूत पसंद करते है पर फूफी दो बच्चीयो की माँ होने के बाबजूद बहुत गर्म और कसी चूत वाली है

हजूर आप सोचिये जिसकी माँ ऐसी हसीना है उसकी बेटी कैसी कातिल हसीना होगी । ये पता नहीं आपको फिर कब मिलेगी इसलिए आप इन्हे एक बार मिल लीजिये और फिर अफरोजा तो अब यहीं है आप की ख़िद्मत हमेशा करती रहेगी।

हजूर कल रात दोनों माँ बेटी मेरे पास आयी थी और मुझे बताया था कि उसका शौहर यानी अफरोजा का नकारा फूफा आजकल बुरी आदतों में पड़ गया है और घर का ख़र्चा तक नहीं चला पा रहा है। फूफी ही सिलाई करकेऔर छोटे मोठे काम करके घर का ख़र्चा चला रही है। उसकी बेटी महरीन पढ़ने में बहुत तेज है वह कुछ करना चाहती है पर उसके पास इतने पैसे नहीं है जिससे की वह उसकी पढाई पूरी करवा सके। इसलिए मदद मांगने आयी थी। उसे उम्मीद थी जैसे आपने निकाह में मेरी मदद की है वैसे ही मैं भी उसकी थोड़ी मदद कर दूंगा । ।

मैंने उसे कहा मैं तो नवाब साहब का नौकर हूँ मदद तो नवाब साहब ही कर सकते है । इसपर वह मुझसे आपसे मिलवाने की इल्तिजा करने लगी, लेकिन उसकी खूबसूरती और हुस्न देख मेरा लंड अकड़ गया था मेरा लंड तो उसका जलवा देखते ही खड़ा हो गया। मैं उसे चोदने के लिए बेकरार होने लगा। मैं सोचने लगा-"काश मैं इन्हें चोद पाता। मेरी तो क़िस्मत खुल जाती" फूफी मेरी तरफ़ और मेरे लंड को अकड़ा हुआ देख कर मुस्कुरा भी रही थीं। तब मौका देख अपना लंड खुजाते हुए मैंने कहा की इससे मुझे क्या मिलेगा?

तब अफरोजा की फूफी ने कहा आप इसके बदले जो चाहे ले सकते हैं। मैंने कहा क्या ले सकता हूँ? उसने मुझे देखा और उसकी नज़र मेरे पायजामे में बनाए तम्बू पर पड़ी और बोली "दूल्हे मिया आज आपकी सुहागरात है और मुझे आपकी अम्मी ने बता दिया है कि अफरोजा आज नवाब साहब की ख़िद्मत में है । अब आप इसके बदले मेरे साथ जो चाहे कर सकते हैं आप चाहे तो आज रात आप इस खुजली को मिटाने में मेरी ख़िद्मत ले सकते है ।"

बस फिर हजूर मैंने उसकी लड़की महरीन जो बुर्के में थी उसे उस कमरे के साथ वाले में ले गया जिसमे आप सुहागरात मना रहे थे, उस कमरे से आपके कमरे का पूरा नजारा दीखता है, फिर फूफी ने मेरा हाथ पकड़ कर अंदर खींच कर दरवाज़ा बंद कर लिया। फिर मेरी रात बन गयी और मैंने अफरोजा की फूफी की जम कर चुदाई की । अफरोजा ने भी आपसे इनकी मदद करने के लिए इल्तिजा की है । अब आप मेरी इल्तिजा पर एक बार उनसे मिल लीजिये ।

अनवर की बात सुन मैंने उसे उन्हें बुलाने के लिए कह दिया ।

जारी रहेगी
 

Mahesh007

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aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

खानदानी निकाह

अपडेट 145


सेक्सी फूफी और उनकी बेटी

अनवर ने मुझ से कहा हजूर! अफरोजा ने भी आपसे अपनी फूफी की मदद करने के लिए इल्तिजा की है । अब आप मेरी इल्तिजा पर एक बार उनसे मिल लीजिये ।

अनवर की बात सुन मैंने उसे उन्हें बुलाने के लिए कह दिया ।

कुछ ही देर में अनवर उन्हें मेरे पास ले आया, रशीदा फूफी जब आयी तो मैं उन्हें देख कर बहुत खुश हुआ उस ने उस वक़्त गुलाबी कुर्ती और लाल कलर की टाइट पायजामी पहनी हुई थीं। दूधिया गोरी और नैन नक्श कातिलाना ओह्ह्ह्ह। अपने प्यार के नाम "रुसी" के अनुरूप रुस्सियन की तरह गोरी और सुनहरे बालो वालीै और जबरदस्त खूबसूरत और हॉट सेक्सी नीली आँखों वाली औरत, बड़े-बड़े 36D साइज के गोल बूब्स 30 की पतली कमर 38 के गोल निकले हुए नितम्ब, पांच फुट 3 इंच की हाइट । चमड़ी मक्खन की तरह कोमल और चिकनी थी। उसका चेहरा गोल था और बड़ी-बड़ी नीली मासूम आँखें थीं। उसके होंठ भरे हुए और मुलायम थे, उसके बाल लंबे, रेशमी और सुनहरे थे। उसके अंग-अंग से कामुकता टपक रही थी ।

फूफी कहने लगी नवाब साहब आपका बहुत शुक्रिया, आपकी ही
मेहरबानी से मेरी भतीजी अफरोजा को निकाह हुआ है, अगर आप अनवर की गारंटी नहीं लेते तो ये रिश्ता नहीं होता और अब, आपने मुझे मिलने का मौका दिया इसके लिए आपका शुक्रिया ।

मैंने पूछा आप अफरोजा की फूफी है, अनवर ने मुझे बताया आप ने ही ये रिश्ता करवाया है, आप अनवर को कैसे जानती हैं, क्या आपका अनवर से कोई रिस्ता है ।

तब फूफी ने कहा मेरे शौहर एक जगह ड्राइवर का काम करते हैं, वह अपने मालिक के साथ आपके निकाह में आये थे वहाँ उन्होंने अनवर को देखा था और उससे मिले थे, उन्हें अनवर अफरोजा के लिए जच गया और फिर आपकी महरबानी से ये रिश्ता जम गया ।

मैंने कहा रिश्ते सब ऊपर वाले की मर्जी से होते हैं और अनवर मेरा ख़ास है, कहिये आप मुझसे क्यों मिलना चाहती थी?

फूफी ने कहा क्या बताऊँ आजकल मेरी बेटी महरीन के अब्बू ग़लत संगत में पड़ गए हैं और घर का भी ख़र्चा नहीं चला पा रहे है मैं सिलाई करके घर का ख़र्चा चला रही हूँ। मेरी बेटी पढ़ने में बहुत तेज है वह कुछ करना चाहती है पर मेरे पास इतने पैसे नहीं है जिससे की मैं उसकी पढाई पूरी करवा सकूँ। अब आप ही मेरी मदद कर सकते हैं। आप महरीन को अपने साथ रख लीजिये और इसको पढ़ाइये मैं इसके बदले कुछ नहीं दे सकती हूँ। आप जो चाहे इसके बदले ले सकते हैं।

मैंने कहा क्या ले सकता हूँ? उन्होंने कहा मैं आपको एक जवान लड़की दे रही हूँ आप जो चाहे उससे ले सकते हैं बदले में उसको पढ़ा दीजिये। वह जो देगी उससे उसका नहीं घटेगा पर उसकी ज़िंदगी सुधर जाएगी। मैं हैरान रहगया वह अपनी बेटी को सौंप रही थी सिर्फ़ पढाई करवाने के लिए।

आप कुछ और बताईये अपने बारे में, अपने परिवार के बारे में, आपके कितने बच्चे हैं?

फूफी बोली मेरी एक लड़की और है महजबीन जो महरीन से एक साल छोटी है और स्कूल में पढ़ रही है, मेरा शौहर आजकल खाली है ।

मैंने कहा ठीक है आप जो कहेंगी वही होगा। महरीन और महजबीन जो करना चाहती है वह करे पैसे की चिंता नहीं करे वह अपनी ज़िंदगी बना ले। फिर मैंने कहा की मेरी एक शर्त है कि आप भी अपने शौहर, बच्चियों के साथ यहाँ आ जाए और उनकी देखभाल कीजिये आपके शौहर बुरी सांगत छोड़ दे इसके लिए मैं उनहे यहाँ अपने पास नौकरी पर रख लेता हूँ

फूफी ने मुझे बार-बार मेहरबानी कह कर शुक्रिया कहा और मैंने उसे कुछ पैसे दे कर कहा की आप अनवर से ज़रूरी सामान मंगवा लीजिये।

रशीदा उर्फ़ रुसी कहने लगी हजूर आपके इस एहसान का बदला मैं कैसे चुकाऊँगी?

इस बीच मैं बार-बार फूफी को उनकी खूबसूरती और की चूचियों को निहारे जा रहा था और मैंने मन बना लिया था कि यहाँ से उन्हें चोदे बिना जाने नहीं दूंगा। मेरे लंड अकड़ रहा था और पायजामे में तम्बू बन गया था शायद रुसी ने पायजामे में बने तम्बू को देख लिया था कर वे मेरे अन्दर चल रही भावनाओं को समझ गई थीं।

फूफी कामुकता से मुस्कुराती हुई बोलीं-हजूर ऐसे क्या देख रहे हो?

मैं उनकी कामुकता में खो गया था, उनकी चूचियों को देखते हुए बोला-फूफी जान आप बहुत खूबसूरत हो।

मेरी बात सुन कर वे एक बार फिर से मुस्कुराती हुई बोलीं-आख़िर इरादा क्या है?

इतना बोल कर अब वे भी मुझे कामुक नजरों से देखती हुई कमरे के अन्दर जाने लगीं। मैं समझ गया कि फूफी भी मुझसे चुदवाना चाहती हैं। मैं भी उनके पीछे-पीछे चल दिया ।

जैसे ही वे कमरे के अन्दर घुसीं, मैं उनकी कमर को पकड़ कर उन्हें दीवार से चिपकाते हुए जब मैंने उनको हाथ लगाया, उनके नरम बदन के स्पर्श से मेरे बदन में एक झुरझुरी-सी हुई और मुझे बहुत मज़ा आया और मेरा लंड उछल रहा था और मैं बोला-फूफी जान इरादा तो आप से बहुत प्यार करने का है!

वे एक लंबी सास लेती हुई मुस्करा कर बोलीं-, नवाब साहब सिर्फ़ प्यार करने का या और कुछ? और आप मुझे फूफी जान नहीं "रुसी" कहिये फूफी तो मैं अफरोजा की हूँ आपकी नहीं ।

मुझे अपने कान पर यक़ीन नहीं हो रहा था कि ये अफरोजा की फूफी "रुसी" इतनी बड़ी छिनाल हैं कि इतनी जल्दी लंड लेने के लिए राजी हो जाएंगी।

मैंने बोला-आपकी इजाज़त हो और भी बहुत कुछ कर सकता हूँ।

उफ्फ ... उनके बदन की छुअन और गर्मी से ही मेरा लंड अकड़ कर तन गया था।

मेरे कड़क होते लौड़े का अहसास पाते ही रुसी हंसती हुई बोलीं-हजूर लगता है आपको अनवर ने सब बता दिया है!

अब बात साफ़ हो गई थी। तो मैं बोला-अफरोजा की फूफी अगर मैं आपको जन्नत की सैर न करा दूं तो कहना!

रुसी फूफी मुस्कुराते हुए बोली ये तो मुझे रात में ही अफरोजा की चीखे सुन कर पता चल गया है और फिर बड़ी अदा से अपनी नजरों को नीचे झुका लिया। मैंने अब ज़्यादा देर न करते हुए मैंने अपने होंठ उनके लाल गुलाबी होंठों पर रख दिए और बेताबी से चूसने चूमने लगा।

रशीदा फूफी दीवार में अपनी गांड चिपकाई हुई थीं और मेरे दोनों हाथ उनकी कमर पर थे।, फिर वे धीरे-धीरे अपने होंठ चलाने लगीं। हम दोनों की गर्म सांसें एक दूसरे को धीरे-धीरे बेकाबू किए जा रही थीं।

उन्होंने झट से अपने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ते हुए ज़ोर जोर से किस करना चालू कर दिया। मैं भी अपने दोनों हाथों को उनके चूतड़ों पर रख कर दबाते हुए किस करने लगा। हम दोनों एक दूसरे को चूसे जा रहे थे।

मैं उन्हें किस करते हुए उनकी सलवार के ऊपर से उनकी गांड को सहलाने लगा। उनके मुँह से गर्म सिसकारियाँ निकलने लगीं-आह आह ... आईई सीईई!

अब मेरा लंड उफान मारने लगा था और मैं उन्हें जल्दी से जल्दी चोद देना चाहता था। मैं किस करते हुए उनकी सलवार का नाडा खेंच नीचे सरकाने लगा। रुसी फूफी ने मेरा हाथ पकड़ लिया।

... देखूँ तो सही क्या चीज़ है! '

हक्की बक्की रुसी फूफी पीछे मुड़ी ।

मैंने कहा- क्या हुआ "रुसी" ?

रुसी ने कहा-इसे निकालने से पहले आह ... एक शर्त है मेरी!

मैं-उम्म ... आपकी की सारी शर्त मंजूर है।

वे क्यूट-सा फेस बनाती हुई बोलीं-आपको मेरी चूत चाटनी पड़ेगी। उनकी चूचियों को मसलते हुए मैंने कहा-आप ना भी बोलतीं, तब भी मैं चाटता। (मुझे मालूम है कि अनवर चूत नहीं चाटता ।)

अपनी चूचियों से मेरा हाथ हटाती हुई अपनी गांड पर रखवा कर रुसी फूफी बोलीं-तब देर किस बात की है ... नवाब साहब ... खोल दीजिये ... मैं तो कब से उतावली होती जा रही हूँ अपनी चूत चटवाने के लिए!

अपना लंबा बड़ा हाथ पजामी और पैंटी के अंदर ले जाने की कोशिश की, लेकिन पजामी इतनी तंग थी कि बहुत ज़ोर लगाने के बाद भी हाथ नहीं घुसा और नाड़े के कारण मुझे दर्द होने लगा। मैं घुटनों के बल बैठ कर धीरे-धीरे नाडा खींचने लगा और न्य नकोर नाडा टूट गया और पायजामी ढीली हो गयी ।रुसी फूफी हैरान-परेशान ये सब देख रही थी कि मैं अपना लंबा मोटा हाथ नीचे ले गया और पायजामी के अंदर चूत और गांड पर पूरा हाथ फेरा। बिल्कुल मक्खन जैसी चूत और गांड महसूस कर मैंने कहा-ओह, वाह ... मज़ा आ गया रुसी फूफी! मुझे यही उम्मीद थी, इतनी चिकनी । ऐसा लगता है जैसे बाल आते ही ना हों। यह कहकर मैंने अपने मोटे होंठ, उसके लबों पर रख दिये और चूसने लगा।

टूटे नाड़े वाली लाल पजामी नीचे चूत तक सरकी हुई थी और पजामी के अन्दर फूफी की पिंक कलर की डिज़ाइनर पैंटी और पैंटी से आती उनकी चूत की ख़ुशबू ... आह ... मन पागल हो रहा था।

मैं अपने हाथों से धीरे-धीरे चूत को सहलाते हुए पैंटी के ऊपर से ही किस करने लगा। फूफी भी अपने होंठों को दांतों से चबाती हुई अपनी उत्तेजना जाहिर कर रही थीं और उनकी मादक-सी आवाज़ मुझे मदहोश कर रही थी।

उसके बाद मैंने उनकी टूटे नाड़े वाली लाल पजामी और चमकते पिंक रंग की पैंटी नीचे चूत तक सरका दी ।

आअह ... क्या चूत थी रुसी फूफी की! हल्के गुलाबी रंग की चूत पर एक भी बाल नहीं था ... बिल्कुल सफाचट पकौड़ी-सी फूली हुई फुद्दी थी।

नीचे से मैंने अपनी एक उंगली जब मेरी भीगी चूत में डाली तो फूफी हिल गयी आअह्ह्ह-आअह्ह्ह हहहहह ओह्ह्ह्ह कर कराहने लगी।

मेरी उंगली की मोटाई का सही अंदाज़ा उसे अब लगा था जब मैंने उसके G स्पॉट को छेड़ा। पहले उसे एकदम बहुत तेज़ दर्द हुआ लेकिन अगले ही पल फूफी कबूतर की तरह फड़फड़ाने लगी और मुझसे चिपट गयी। मैं उसकी चूत में ऊँगली से उसकी जी स्पॉट क छेड़ते समय उसके होंठ अभी भी मेरे होंठों में थे और मैं उसे बुरी तरह से चुम्म रहा था, चुम क्या उसका मुख रस खींच कर पी रहा था।


जारी रहेगी
 
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खानदानी निकाह

अपडेट 146

नौकर की बीबी की सेक्सी फूफी

उसके बाद मैंने उनकी टूटे नाड़े वाली लाल पजामी और चमकते पिंक रंग की पैंटी नीचे चूत तक सरका दी ।

आअह ... क्या चूत थी रुसी फूफी की! हल्के गुलाबी रंग की चूत पर एक भी बाल नहीं था ... बिल्कुल सफाचट पकौड़ी-सी फूली हुई फुद्दी थी।

नीचे से मैंने अपनी एक उंगली जब मेरी भीगी चूत में डाली तो फूफी हिल गयी आअह्ह्ह-आअह्ह्ह हहहहह ओह्ह्ह्ह कर कराहने लगी।

मेरी उंगली की मोटाई का सही अंदाज़ा उसे अब लगा था जब मैंने उसके G स्पॉट को छेड़ा। पहले उसे एकदम बहुत तेज़ दर्द हुआ लेकिन अगले ही पल फूफी कबूतर की तरह फड़फड़ाने लगी और मुझसे चिपट गयी। मैं उसकी चूत में ऊँगली से उसकी जी स्पॉट क छेड़ते समय उसके होंठ अभी भी मेरे होंठों में थे और मैं उसे बुरी तरह से चुम्म रहा था, चुम क्या उसका मुख रस खींच कर पी रहा था।

इन 5-7 मिनटों में ही काम के समुन्दर की जिन गहराइयों में मैं उसे ले गया था, वह वहाँ तक पहले कभी नहीं गयी थी। उसके मुँह से सिर्फ़ तेज़ 'आह ऊंह...' निकली क्योंकि मैंने अपने होठों के शिकंजे से उसके रसभरे लबों को भींचा हुआ था।

मैं अपनी आधी उंगली उसकी चूत में आगे पीछे कर रहा था। उसे एकदम बहुत तेज़ दर्द हुआ एक बार फिर एक पल में दर्द एक असीम आनंद में बदल गया था। कुछ पलों बाद फूफी बड़ी तेज़ी से झड़ने की कगार पर पहुँची ही थी कि मैंने अचानक अपनी उंगली एकदम बाहर निकाल ली तब। "फड़च" की आवाज़ आयी जैसे ढकन खुल गया हो।

फिर मैं नीचे झुका और मैंने झट से अपने मुँह को उनकी चूत पर रखा तो उनके मुँह से 'आह ...' की आवाज़ निकल गयी। फूफी ने ज़ोर से मेरे बालों को पकड़ लिया। वे पूरी तरह से गर्म हो चुकी थीं और मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी थीं। मैं ऊपर से नीचे तक अपनी लंबी जीभ फेर रहा था।

मैंने अपनी जीभ को फूफी की चूत पर रगड़ा तो रुसी फूफी ने सिसकारी भरी-आई ईईई ... सीईईई!

पहले मैंने जीभ को चूत के चारों ओर घुमाया, फिर चूत को चाटने लगा।

रुसी फूफी उत्तेजना में कांपने लगीं और तड़पने लगीं-आह ... हजूर आह ... आई ... सीईई ...!

उनकी कामुक आवाजें निकलने लगीं।

मैं रुसी फूफी की चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा और सारे कमरे में सुड़प-सुड़प की आवाज़ गूँजने लगी।

रुसी फूफी लगातार सिसकारियाँ भरे जा रही थीं। फिर मैंने रुसी फूफी की चूत के दाने को अपने दांतों से पकड़ लिया और उसे अपनी जीभ से रगड़ने लगा।

रुसी फूफी चिल्लाईं ओह हजूर आईईई मार डाला ... अहह ...!

मैं रुसी फूफी के दाने को बेरहमी से चाटने लगा, रुसी फूफी मछली की तरह तड़पने लगीं और अपने मुँह को इधर उधर घुमाने लगीं।

करीब 5 मिनट बाद रुसी फूफी मुझसे बोलीं-अब तो छोड़ दीजिये हजूर, मैं झड़ने वाली हूँ!

मैं उनकी बात को अनसुना करते हुए, उनके चूत के दाने को होंठों से चबाते हुए खींचने लगा।

थोड़ी ही देर में रुसी फूफी ने अपनी गांड उठाई और मेरे मुँह को कस कर चूत पर दबाने लगीं-आह ... आह ... आईईईई ... सीईई ... सीईई! और वे झड़ने लगीं।

मैं रुसी फूफी की चूत का सारा पानी गट-गट करके पी गया और पूछा-मज़ा आया रुसी फूफी, चूत चटाई में?

रुसी फूफी ने आह भरते हुए कहा-हाँ इसमें मुझे बहुत मज़ा आया ... आज पहली बार किसी ने मेरी ऐसी चूत चाटी है। सच में जन्नत का मज़ा आ गया।

फिर उन्होंने मुझे खड़ा करने की कोशिश की, तो मैं उठ गया।

उधर रुसी फूफी उठी और बोलीं-अब मेरी बारी, हज़ूर मैं आपको जन्नत की सैर करवाती हूँ।

रुसी फूफी ने किस करते हुए वहीं मुझे बगल के सोफे पर पटक दिया और मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे होंठों को चूमने लगीं।

मेरा लंड बिल्कुल उनकी चूत के नीचे था। मैं दोनों हाथों से उनकी गांड पकड़ कर उनको अपने लंड से रगड़ने लगा। वे ख़ुद भी अपनी चूत मेरे लौड़े पर घिसने लगीं।

धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के सारे कपड़े को उतार कर फेंक दिए

मुझे होंठों से मेरे सीने तक किस करती हुए रुसी फूफी नीचे सरकती गईं और मेरे अंडरवेअर तक आ गईं। रुसी फूफी ने धीरे से अपने दांतों से दबा कर मेरी अंडरवेअर को निकाल दिया।

बाहर निकलते ही मेरा लंड सांप की तरह फनफनाता हुआ खड़ा हो गया।

रुसी फूफी लंड देख कर बोलीं-हाय दैया इतना लंबा और इतना मोटा लंड ... आज तो मज़ा आ जाएगा, अगर ये मेरी चूत में घुस गया तो मेरी चूत के दो टुकड़े कर देगा!

यह बोलते हुए उन्होंने सीधा मेरा लौड़ा अपने मुँह में भर लिया और आईसक्रीम की तरह सुड़प-सुड़प करके चूसने लगीं।

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

'अहह उफ्फ!'

मैं बोलने लगा-उफ्फ रुसी फूफी ... और ज़ोर से चूसो ... उफ्फ ... यार बहुत मस्त चूसती हो तुम!

वे भी गप्प-गप्प करके लौड़ा मुँह में लेकर चूसने लगीं।

उनके थूक से मेरा लौड़ा गीला होकर और भी टाइट हो गया।

जोश में मैंने पूरा मुँह खोल के लंड अंदर धकेल लिया। मुँह में मोटाई की वज़ह से जा नहीं रहा था तो रुसी फूफी की गर्दन पकड़ के एक झटका मार दिया, उनकी आँखें बाहर आ गईं और मुंह फट गया।

लेकिन फूफी भी बहुत पक्की थी, लंड बाहर नहीं निकाला और मुट्ठियाँ बंद कर लीं और पूरा ज़ोर लगा के मुंह आगे पीछे करने लगी, जितना ही सकता था। मैंने बहुत कोशिश की लेकिन फूफी लंड चार इंच से ज़्यादा मुँह में न ले पायी। 2-3 झटके मार कर पूरा लौड़ा उनके मुँह में घुसेड़ा, तो वे खाँसने लगीं।

मैंने लंड मुँह से बाहर निकाला तब फूफी बोलीं-मन तो पूरा खा जाने का है लेकिन अभी चूत में आग लग गई है ... पहले जल्दी से मुझे एक बाद चोद दो फिर इसे देखती हूँ ।

मैं भी उनकी चूत में अपना लंड डालने के लिए पागल हुआ जा था।

मैंने तुरंत रुसी फूफी को लिटाया और उनकी टांगों के बीच बैठ कर दोनों टांगों को खोल दिया।

उनकी चुत लपलप कर रही थी, रुसी फूफी की चूत गीली हो चुकी थी।

मैंने अपना लंड रुसी फूफी की चूत पर रखा और रगड़ने लगा। मैंने जल्दी से दो बड़े तकिये उठा के रुसी फूफी कमर के नीचे रख दिये और ऊपर चढ़ के रुसी फूफी के होठों के घूंट भरने लगा। रुसी फूफी ने जल्दी नीचे से लंड को तलाश किया और उसकी अपनी चूत पर ऊपर से नीचे तक फिराने लगी। कुछ देर ऐसे ही चला फिर रुसी फूफी बेचैन होने लगीं और बोलीं-हजूर अब डाल दीजिये जल्दी से!

लंड चूत पर फिराते-फिराते मुझे इतना आनंद मिल रहा था फिर रुसी फूफी मेरे लंड को अपनी चूत के अन्दर करने की कोशिश करने लगी। यह देख कर मैंने ने कहा-लेना है?

"हाँ, अभी।"

"दर्द बर्दाश्त कर लोगी, देख लो"

"हाँ, डाल दो प्लीज, मैं यहाँ आयी ही आपसे चुदवाने के लिए थी, ये बहुत बड़ा है, मुझे पता है तकलीफ बहुत होगी लेकिन आप भी मुझे ऐसी ही तो जाने नहीं देने वाले, इसलिए अब जब यहाँ तक आ ही गयी हूँ तो चूत मरवाकर ही जाऊँगी।" आप डाल दीजिये, हजूर ।

ठीक है, तैयार हो जा, बहुत दर्द होगा, बर्दाश्त कर लेना। " यह कहते ही मैंने फूफी की बिलबिलाती चूत पर अपना लंड रख और बड़े सलीके और तेज़ी से एक झटका मारा, लंड का टोपा अंदर घुस गया था, चूत अपनी पूरी हदों तक फैल गयी। फूफी ने चादर को मुट्ठियों से भींच लिया था, लेकिन वह भी पक्की चुदक्क्ड़ थी अगर कोई और औरत होती तो भाग खड़ी होती, पर फूफी ने बिलकुल मैदान नहीं छोड़ा।

पूरा ज़ोर लगा के बोली-"आईये नवाब साहब आपका इस रुसी की कसी हुई छोटी-सी जन्नत में इस्तकबाल है।"

मैंने फूफी की गांड पर हाथ फिराया और तकिये थोड़े ठीक करके उसकी टाँगें मोड़ लीं, अब चूत छत की तरफ़ पूरी तरह उठ चुकी थी और मेरा सुपारा फूफी की चूत में अटका हुआ था।

मैं बोला- "वाह ! अब तक बहुत बढ़िया, अब ये लो फूफी! यह कहते ही मैंने फूफी के मम्मी एक हाथ से पकड़े दबाये और नीचे एक तेज़ घस्सा मारा फूफी के होश फाख्ता हो गए; बहुत ज़ोर के साथ "ईं..." निकली " मेरा आधा लंड रुसी फूफी की चूत में घुसता चला गया और मेरा 9 इंची लंड 5 इंच तक अंदर धस गया

फूफी की आंखों में आँसू आ गए और मैं बस "इहह्ह्ह्हह" ही कह पायी थी कि मैंने फिर से एक ऐसा घस्सा मारा, जिससे फूफी के वजूद की जड़ें हिल गयीं, मुँह ऐसे खुल गया जैसे उबासी ले रही हो।

लंड 7 इंच तक घुस गया था।

और मैं उसके मुँह से उसका मुखरस पीने लगा, जैसे प्यास लगी हो और यह घस्सा मार के 5 मिनट रुका रहा और होंठ चुमंता पीता रहा और जीभ चूसता उसके ऊपर से नीचे तक हाथ फेरता रहा। ऐसा कोई हिस्सा नहीं था उसके जिस्म का जिस पर मैंने हाथ न फेरा हो। एकदम चिकना नरम और मुलायम अंग-अंग सहला कर मसल कर बहुत मज़ा आया।

फूफी चिल्लाई"उउइइइइ मर गयी हजूर!"

मैं रूका और रुसी फूफी के होंठों को चूमने लगा।

थोड़ी देर बाद रुसी फूफी शांत हो गईं। जैसे ही वे थोड़ी संयत हुईं हाथ नीचे ले गयी और हाथ लगा कर देखा लंड अभी थोड़ा-सा बाहर था

फूफी ने अपनी पूरी ताकत इकट्ठी करके अपनी चूत भींच कर उसके अंदर गड़े मेरे खंभे के गिर्द घुमाया। मैंने यह देख कर हैरान रह गया और इस बार मैंने उसकी टाँगें और चौड़ी कर लीं पूरा लंड बाहर निकाल के "फड़च" के आवाज़ निकली फिर एक ऐसा झटका मारा कि चूतरस की धार बह निकली। इस बार मेरा पूरा लंड रुसी फूफी की चूत में समा गया और टट्टे उसकी चूत से टकराये और "फट" की आवाज़ आयी और लंड बच्चे दानी तक ।

फूफी ने अपनी सांसें रोक लीं और दांत भींच कर तड़पने लगीं। चीखने लगी तो मैंने उसके होंठों पर मुँह धर दिया। और फिर... डीज़ल इंजन के पिस्टन के तरह घस्से मारने लगा। तेज़ आवाज़ कमरे में गूंज रही थी-फड़च, फट, फड़च, फट, फड़च, फट, फड़च, फट, फड़च... फट ।

चुदाते हुए कब फूफी की टांगें और ऊपर उठ गई पता ही नहीं चला। फूफी मझसे लिपट गयी और मेरी पीठ में नाखून गड़ा दिए और मेरे कान के पास मुँह लेजाकर बोलती चली गयी-हाँ, हजूर ऐसे ही हाँ ... हाँ जी, हाँ जी । हाँ, हाँ-हाँ हाँ ... हाँ-हाँ हाँ!

अब फूफी मुकम्मल चुदाई करवा रही थी टाँगें चौडी हो पैर मेरे कूल्हे पर, नाखून पीठ में और मुंह-मुंह में। फूफी अब पूरा खुल के चुद रही थी, लंड बच्चेदानी तक और फिर चूत के मुहाने तक और फिर बच्चेदानी तक। फड़च, फट की आवाज़ और तो और गांड भी खुल के बंद ही रही थी; मेरा लंड चूत में बिल्कुल कसा हुआ अन्दर जा रहा था।

थोड़ी देर बाद मेरे लंड ने फूफी की चूत में जगह बना ली, चूत चौडी हो गयी थी और तीन बार झड़ चुकी थी और चुतरस से सरोबार थी और गीली चूत में लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा।

अब फूफी को भी चुदने में मज़ा आने लगा और वे अपनी गांड उठाती आह-आह करती चुद रही थी!

मैं फूफी की चूत में तेज-तेज धक्के मारने लगा। रुसी फूफी भी नीचे से अपनी गांड को उठा-उठा कर मेरे धक्कों का साथ देने लगीं।

पांच मिनट बाद ही रुसी फूफी ने मुझे जकड़ लिया और कहने लगीं-हजूर अब जल्दी-जल्दी धक्के मारिये ... मेरी चूत झड़ने वाली है!

मैंने अपने धक्कों की गति और तेज कर दी।

तभी फूफी नीचे से धक्के मारती हुई एकदम चिल्लाईं-आईई ... ईई मर गई. फिर कुछ दस मिंट मैं उसका नरम बदन पिसता रगड़ता मसलता रहा और फिर आखिरी तेज बुलंद झटका मारा और चूत को भर दिया, मेरा गर्म वीर्य उसे अपने अंदर महसूस हुआ। वो हांफ रही थी और मैं भी।

जारी रहेगी
 

aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

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सेक्सी फूफी

थोड़ी देर बाद मेरे लंड ने फूफी की चूत में जगह बना ली, चूत चौडी हो गयी थी और तीन बार झड़ चुकी थी और चुतरस से सरोबार थी और गीली चूत में लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा।

अब फूफी को भी चुदने में मज़ा आने लगा और वे अपनी गांड उठाती आह-आह करती चुद रही थी!

मैं फूफी की चूत में तेज-तेज धक्के मारने लगा। रुसी फूफी भी नीचे से अपनी गांड को उठा-उठा कर मेरे धक्कों का साथ देने लगीं।

पांच मिनट बाद ही रुसी फूफी ने मुझे जकड़ लिया और कहने लगीं-हजूर अब जल्दी-जल्दी धक्के मारिये ... मेरी चूत झड़ने वाली है!

मैंने अपने धक्कों की गति और तेज कर दी।

तभी फूफी नीचे से धक्के मारती हुई एकदम चिल्लाईं-आईई ... ईई मर गई. फिर कुछ दस मिंट मैं उसका नरम बदन पिसता रगड़ता मसलता रहा और फिर आखिरी तेज बुलंद झटका मारा और चूत को भर दिया, मेरा गर्म वीर्य उसे अपने अंदर महसूस हुआ। वो हांफ रही थी और मैं भी।

करीब 10 मिनट बाद मैं खड़ा हुआ और कमरे में टहलने लगा। मेरा पौने फुट का लण्ड कामरस और वीर्य से जड़ तक गीला था और पूरी तरह चमक रहा था।

तभी फूफी ने अपनी चूत पर हाथ लगा कर देखा की चूत को मेरी चुदाई ने पूरी तरह चौड़ा कर दिया था, चूत पूरी तरह से गहरा गड्ढा लग रही थी।

फूफी उठी मुश्किल से खड़ी हुई और हल्फनंगी जाकर शीशे की तरफ़ मुंह करके खड़ी हो गयी।

ओह! एक ही चुदाई में फूफी की क्या हालत हो गयी थी ... बाल बिल्कुल तार-तार हो कर बिखर गए थे ... चेहरा बेहद लाल हो गया था, आंखों का काजल बह के ऊपर नीचे फैल गया था। आँखें पूरी तरह मदहोश थीं और चढ़ी हुई थी। लिपस्टिक गालों पर गर्दन तक पहुँच गई थी। ग़ौर बदन-बदन पर हर जगह नील के निशाँ थे, ओंठ सूजे हुए थे।

रुसी फूफी लंड देख कर बोलीं-हाय दैया इस लम्बे और इतना मोठे लंड से चुदाई करवा कर मेरी चूत की बस हो गयी ... पर नवाब साहब अभी मज़ा बाक़ी है।

यह बोलते हुए उन्होंने सीधा मेरा लौड़ा अपने हाथ में ले कर हाथ फिराने लगी और कुछ ही पल में लंड फिर तन गया और मैं बेहद गर्मा चुका था क्योंकि मुझे याद आया की अनवर ने कहा था कि "क्या माल है फूफी, लंड को मुँह में लेकर छोड़ने का नाम ही नहीं लेती।" ये याद कर मेरा लौड़ा बहुत ज़्यादा सता रहा था, मैंने रुसी फूफी को खींच कर नीचे घुटनों के बल बिठा दिया और लौड़े को रुसी फूफी के मुँह के सामने करके तुनके लगाने लगा।

रुसी फूफी समझ गई कि मैं लण्ड चुसवाना चाहता हूँ, तुरंत उसने टट्टों को बड़े प्यार से सहलाया, लण्ड की कुछ प्यार भरी चुम्मियाँ लीं। एक बूंद टोपे के छेद पर उभर आई थी जिसे रुसी फूफी ने तुरंत जीभ से लपक लिया और ख़ूब खुश होकर चहकी-हूंउउऊऊउउ... स्वाद आ गया!

उसने मुखरस से तर करके जीभ बाहर निकाली और धीरे-धीरे सुपारी को चाटने लगी, उसने टोपा चारों तरफ़ चाट-चाट के मुझे जन्नत दिखा दी।

हर थोड़ी देर बाद एक बूंद लौड़े के छेद पर आ जाती जिसे रुसी फूफी फौरन में-में ले लेती। ब रुसी फूफी लण्ड की सुपारी चूसे जा रही थी और दोनों हाथों से लण्ड को पंप कर रही थी। बीच-बीच में एक हाथ से मेरे अंडकोश भी सहलाती जाती।

मस्त चुसाई चल रही थी, सच में लौड़ा चूसने की रुसी फूफी एक्सपर्ट थी। कभी वह सिर्फ़ टोपा चाटती चारों ओर जीभ फिरा-फिरा के, तो कभी वह पूरा लण्ड मुँह में घूसा लेती और मुँह के भीतर जीभ से लण्ड चाटती। कई बार रुसी फूफी लण्ड को ऐसे चूसती जैसे बच्चे लॉलीपॉप चूसते हैं।

लण्ड की उत्तेजना बढ़े चले जा रही थी, मेरा बदन अब तपने लगा था, गला घुटा घुटा-सा लगने लगा था।

उसने मुखरस से तर करके जीभ बाहर निकाली और धीरे-धीरे सुपारी को चाटने लगी, उसने टोपा चारों तरफ़ चाट-चाट के मुझे जन्नत दिखा दी।

फूफी मस्ती में चूर होकर आहें भर रही थी, उसकी कसमसाहट बढ़ती ही जा रही थी, उसके चूचुक और भी गर्म हो गए थे। मेरे लण्ड का तो हाल पूछो ही मत, गुस्साये सर्प की तरह फुनकार रहा था, मेरे टट्टों में दबाब बहुत बढ़ चुका था, लगता था कि बस फटने ही वाले हैं। फूफी साथ में अपनी फुद्दी भी सहलाती जा रही थी ।

'तेरी फिर से चौदूँगा कुछ देर में, चूस, ले पहले इसे अच्छे से चूस... पूरा का पूरा अंदर जाना चाहिए!' इतना कह कर मैं बिस्तर पर बैठ गया और फूफी का सर पकड़ कर उसके मुँह में एकदम से लंड आगे धकेल दिया।

फूफी के गले से गऊ-गऊ की अव्वाज निकली और फिर उसने मुँह पीछे कर लंड बाहर निकाला और पहले तो पूरे लौड़े को नीचे से ऊपर तक चूमा, टट्टे सहलाये।

टोपे को नीचे ऊपर से पहले तो सूंघा और फिर प्यार से उसने जीभ इसके सब तरफ़ फिरानी शुरू कर दी, चाट-चाट के सुपारी को टुन्न कर डाला।

लण्ड फुदक-फुदक के अपनी बेसबरी दिखा रहा था।

सुपारी को ख़ूब चाटने के बाद फूफी ने लण्ड मुँह में घुसा लिया मुँह में मोटाई की वज़ह से जा नहीं रहा था तो रुसी फूफी की गर्दन पकड़ के एक झटका मार दिया, उनकी आँखें बाहर आ गईं और मुंह फट गया।

लेकिन फूफी भी बहुत पक्की थी, लंड बाहर नहीं निकाला और मुट्ठियाँ बंद कर लीं और पूरा ज़ोर लगा के मुंह आगे पीछे करने लगी, जितना ही सकता था। मैंने बहुत कोशिश की लेकिन फूफी लंड चार इंच से ज़्यादा मुँह में न ले पायी। 2-3 झटके मार कर पूरा लौड़ा उनके मुँह में घुसेड़ा, तो वे खाँसने लगीं फिर धीमे-धीमे मुँह और फैला कर पूरा का पूरा जड़ तक लण्ड मुँह में ले लिया।

अब वह चटखारे ले-ले कर चूसने लगी जैसे लोग आम चूसते हैं।

यह तो एक ख़ूब खेली खाई चुदाई की खिलाड़ी थी। लण्ड का टोपा, जो फूल के कुप्पा हो गया था, रुसी फूफी के मुँह के अन्दर गले से सटा हुआ था और वह मुखरस निकाल-निकाल के दबादब चूसे जा रही थी। जब वह मुँह आगे पीछे करती तो उसके महा उत्तेजक मम्मे भी फ़ड़क-फ़ड़क कर इधर उधर हिलते डुलते और मेरे मज़े को सैंकड़ों गुणा बढ़ा देते।

उसे देख, मस्ती में मैं चूर हो गया था!

फूफी लण्ड चूसने के साथ-साथ मेरे अंडे भी बड़े हल्के-हल्के हाथ से सहला रही थी। रुसी फूफी ने अब जीभ को मोड़ के सिरे की नोक-सी बना कर सुपारे के सुराख में घुसेड़ दिया तो मेरे बदन में एक ज़बरदस्त सनसनी दौड़ी, लण्ड में सुर सुरी होने लगी।

तब रुसी फूफी ने जीभ घुसाए-घुसाए अपने होंठ पूरी ताक़त से लण्ड पर जमा दिए और होटों से लण्ड को ज़ोर से दबाए-दबाए चूसने लगी। सारे कमरे में सुड़प-सुड़प की आवाज़ गूँजने लगी।

आनन्द की हद पार होने लगी थी, रुसी फूफी ने मुझे सताना चालू कर दिया था।

मेरे मुँह से अब आहें निकल रही थीं, -सी सी करता हुआ मैं झड़ने के क़रीब जाने लगा, उसका सिर पकड़ कर जो मैंने चार तगड़े धक्के मारे और फिर जैसे ही उसे लगता कि मैं झड़ने वाला हो रहा हूँ, वह एकदम लण्ड पर से होंठों का दबाब कम कर लेती और थोड़ी-सी जीभ भी छेद से बाहर कर लेती।

जैसे ही मैं काबू पा लेता, वह दुबारा अपने विशेष स्टाइल से चूसने लगती।

मेरा लण्ड चूस-चूस कर रुसी फूफी ने मेरा हाल बिगाड़ दिया।

मैं उत्तेजना के मारे कांप रहा था। मेरे मुँह से आह... आह... अय्या... आ... आ... आहा जैसी आवाज़ें आने लगीं।

लण्ड कबू से बाहर हुए जा रहा था। मैंने लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया और मेरी गति धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी।

रुसी फूफी जान गई कि मैं खलास होने के बहुत करीब हूँ, उसने पूरा लौडा मुँह में ठूंस लिया था और बडी तेज़ी से मुँह को आगे पीछे करके वह चूस रही थी। उसने अपने मुँह के अंदर और बाहर जाने की एक स्थिर गति विकसित कर ली थी, जब उसने देखा कि मैं उसके लंड को हिलाने और चूसने की लय के साथ अपने लंड को उसके मुँह के अंदर धकेल रहा था।

उसके बाद मेरा लंड काफ़ी सख्त और मोटा हो गया और उसकी गेंदों की त्वचा कड़ी हो गई और उसके हाथ में भी वास्तव में सिकुड़न आ गई। मैंने अपने पैरों पर नियंत्रण खो दिया और वे हिंसक रूप से हिलने लगे। मुझे को लगा कि शायद मैं उसे चोट पहुँचा रहा है, क्योंकि हर धक्के के बाद उसका लिंग हमेशा बहुत संवेदनशील हो जाता था और जिस तरह से वह मुड़ रही थी उसके सिर पर, उसकी जीभ उसके लिंग के सिर के सामने और किनारे पर फिसल रही थी।

लेकिन मैं अभी भी उसके मुँह में वार कर रहा था, इसलिए उसने सोचा कि यह उसे बहुत ज़्यादा चोट नहीं पहुँचा रहा। मैंने महसूस किया कि मेरा लिंग धड़कने लगा और उछलने लगा, मुझे लगा अब जितनी बार मुझे झड़ने की कगार प् ला कर फूफी ने सताया है उतनी ही बार मेरे शुक्राणु मेरे अंडकोष से बाहर निकलने के लिए त्यार बैठे है और अब एक साथ बहुत सारे निकलेंगे और यही हुआ, उसका मुँह रस से भर गया था जिससे लौड़ा तर होकर चुसाई का मज़ा लूट रहा था। जब लण्ड मुँह में घुसता तो पिच-पिच की आवाज़ निकलती।

अचानक एक तरंग मेरे सिर से तेज़ रफ़्तार शुरू होकर मेरे बदन से गुज़री और लण्ड से होती हुई मेरे लौड़े के छेद से निकली और साथ ही मैं झड़ा। उसके मुंह में, जब अचानक, यह फट गया। मोटी, गांठदार शुक्राणु के विशाल विस्फोट इतनी तेजी से निकले कि पहली बौछार से उबरने की कोशिश करते समय, दूसरा उसके गले के पीछे फंस गया जिससे उसका दम घुट गया और वीर्य निकलने के साथ ही उसे खांसी आने लगी उसकी नाक से पानी बाहर निकल गया। यह ऐसा था जैसे आपकी नाक में पानी चला गया हो।

तो लण्ड झड़ा, ऐसा लगा कि लण्ड एक पटाखे की तरह फट गया हो।

झर झर करके लण्ड तुनके मरता और हर तुनके के साथ एक बड़ी-सी वीर्य की बूंद फूफी के मुँह में डाल देता। फूफी ने अब लौड़ा थोड़ा बाहर कर लिया था, सिर्फ़ सुपारी मुँह में थी, वह सारा का सारा मक्खन पी गई।

जब लण्ड उसके मुँह में ही बैठ गया तो उसने बाहर निकाल दिया।

एक छोटी बूंद लौड़े के छेद पर बैठी हुई थी, फूफी ने उसे भी अपनी जीभ से चाट लिया।

मैं भी लण्ड की तरह मुरझा के बिस्तर पर लेट गया। नीलम रानी मेरे बग़ल में लेट गई और बड़े प्यार से मेरे बालों में उंगलियाँ घुमाने लगी।

लण्ड को फिर रुसी फूफी ने एक कागज़ का नॅपकिन लेकर अच्छे से पौंछ-पौंछ कर साफ़ व सुखा दिया।

मैं फूफी से बोला-फूफी अब दूसरी पोजीशन में आ जाऔ और फूफी को उलटा लेटा दिया। उनकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया, जिससे उनकी गांड ऊपर की तरफ़ उठ गई।

फिर उनकी चूत के छेद पर अपना लंड रख कर मैंने एक ही धक्के में अपना पूरा लंड चूत में उतार दिया और धक्के मारने लगा।

मैंने रुसी फूफी के बाल पकड़े और घोड़े की तरह धक्के लगाने लगा।

रुसी फूफी 'आह ... आह ...' करती रहीं और कहने लगीं-नवाब साहब आप पक्के खिलाड़ी है और तेज-तेज चोदो मेरी चूत को ... ।

मैं फूफी को लगातार चोदता रहा।

थोड़ी ही देर में फूफी कांपने लगीं और ' आह ... आह ... करके झड़ने लगीं। रुसी फूफी का पानी हॉट पुसी से बाहर टपकने लगा।

फूफी गिरी और फिर कुछ देर में उठी हो गया।

मैंने कहा-रुसी फूफी, अब तू मेरे लंड पर बैठ जा और इसे अपनी चूत के अन्दर ले।

रुसी ने मेरे लंड पर अपनी चूत रख दी और बैठने लगीं। अब चूत चौड़ी हो चुकी थी और तर थी हल्का-सा दबाव पड़ते ही मेरा लंड पूरा का पूरा चूत में घुस गया।

फूफी चिल्ला दीं-आह ... आह ... आई!

कुछ ही समय में वे ऊपर नीचे कूदने लगीं और कहने लगीं-हजूर आपके लंड का जवाब नहीं!

मैं नीचे से धक्के मारता रहा, फूफी को अब मज़ा आने लगा था।

फूफी अपनी गांड को बेखौफ तेज-तेज मेरी जांघों पर पटक रही थीं और पूरे कमरे में पट-पट पट पट की आवाज़ आ रही थी।

मैंने फूफी को अपनी बांहों में भर लिया और नीचे से तेज-तेज धक्के लगाने लगा।

फूफी 'आह ... आह ...' करने लगीं और मेरे होंठों को काटने लगीं।

करीब 10 मिनट बाद रुसी फूफी की रफ़्तार धीमी होने लगी और वे कहने लगीं-अब मैं थक गई हूँ ... तू ही ऊपर आ जा और चोद ले मुझे!

मैं-आप कुतिया बन जाओ. मैंने उसे कुतिया बनाया और चूत में लंड डाल कर धक्के मारने लगा।

रुसी फूफी चुदती हुई कराह रही थीं-मैंने फूफी की गांड पर थप्पड़ मारा, तो वे एकदम से उचकने लगीं।

अब मैं दोनों हाथों से रुसी फूफी की गांड पर थप्पड़ मारने लगा।
फूफी ‘आह … आह …’ करती रहीं और अपनी गांड को हिलाने लगीं. और अपनी गांड आगे पीछे करती हुई लंड को धक्के मारने लगीं. थोड़ी ही देर में फूफी की चूत ने पानी छोड़ दिया।

वे बोलीं- मेरा हो गया,आप भी जल्दी से अपना भी गिरा ले।

उनकी बात सुन कर मैं रुसी फूफी की कमर पकड़ कर बहुत तेजी से पट पट पट पट धक्के मारने लगा।


रुसी फूफी का शरीर हिलने लगा और वे ‘आई … आई … उहह .. उम्म्म’ करने लगीं।

करीब 2 मिनट बाद मुझे लगा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ। मैंने रुसी फूफी से कहा- मौसी मैं झड़ने वाला हूँ, फिर से अन्दर लेगी?

रुसी फूफी ने मुझे रुकने को कहा, मैं सोफे से उतर कर खड़ा हो गया। वे तुरंत घुटनों के बल बैठ कर मेरे लंड की मुट्ठी मारने लगीं। कुछ ही समय में मेरे लंड ने एकदम से पिचकारी मारी।

रुसी फूफी ने पिचकारी अपने मुँह में ले ली और मेरे वीर्य से रुसी फूफी का मुँह भर गया।

रुसी फूफी में मेरे पूरे वीर्य को पी लिया और चाट कर मेरे लंड को साफ किया. कुछ देर हम ऐसे ही रहे,
फिर फूफी वाशरूम गयी अपनी हालत कुछ ठीक की , और फिर फूफी मुझे चुम कर अभी आती हूँ हजूर! कह बाहर चली गयी ।

फिर कुछ देर में जब फूफी अपनी बुरका पहने बेटी के साथ आईं तो मैं उन्हें पड़ोस वाली हवेली में ले गया और एक कमरे की चाबियां देते हुए कहा आप अपना और महरीन का सामान इसमें रखवा दीजिये। आप और आपके शौहर इस हवेली की देखभाल कीजिये । मैं इसमें अपनी सभी बेगमे रखने वाला हूँ। अभी तक महरीन बुर्के में थी और मैंने उसका चेहरा भी नहीं देखा था और फिर महरीन और फूफी को वहीँ उस कमरे में छोड़ मैं वापिस अपनी पुरानी हवेली में आ गया।

जारी रहेगी
 
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