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Romance मोक्ष : तृष्णा से तुष्टि तक .......

रागिनी की कहानी के बाद आप इनमें से कौन सा फ़्लैशबैक पहले पढ़ना चाहते हैं


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kamdev99008

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Sach me....Devraj jaise log birle hi hote hai.... True love...... Exceptional.
sirf ragini se pyar ko lekar hi nahin, apne ghar-parivar aur rishedar, jaan-pahchan tak har kisi ka sath diya unhone har pareshani me hamesha
a noble man...........purushottam...in real means
 

Dear Neelam

Tumhare Liye..
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अध्याय 8

“पूनम! मेंने तुम्हें ये सब इसलिए बताया है की मुझे विक्रम के परिवार में किसी के बारे में कोई जानकारी नहीं है...अभय भी विक्रम के साथ पढ़ता जरूर था...लेकिन वो विक्रम के परिवार से संपर्क में है काफी समय से...और शायद काफी गहराई से भी” रागिनी ने अभय और ऋतु के बारे में सोचते हुये कहा “लेकिन तुमसे विक्रम ने जब मिलवाया था तो उसने कहा था की में तुम पर विक्रम की तरह ही विश्वास कर सकती हूँ, हर बात जो विक्रम को बता या पूंछ सकती थी...तुमसे भी कर सकती हूँ, इन लिफाफों में जो कुछ भी निकला तुम्हारे सामने है...अब बताओ मुझे क्या करना चाहिए और इसमें तुम मेरी क्या सहता कर सकती हो?”

“देखो रागिनी! में कॉलेज टाइम के बारे में तो तुम्हें बता सकती हूँ ...लेकिन उसके अलावा मुझे तुम्हारे बारे में कोई जानकारी नहीं है। लेकिन तुमने जो लिफाफे में निकला कागज और प्रवेश पत्र दिखाया है... उसके बारे में कॉलेज से पता लगाया जा सकता है..... और इस अस्पताल से.... अनुराधा के लिफाफे में निकली पुलिस रिपोर्ट से लगता है की तुम्हारा और अनुराधा का कोई न कोई संबंध जरूर है...और इसका सबूत भी है...वो फोटो जिसमें तुम अनुराधा को लिए हुये हो, बस प्रबल के बारे में इतना ही पता चल सकता है कि जब उसके माँ-बाप पाकिस्तानी थे तो वो उसे यहाँ क्यों छोड़ गए... या विक्रम उसे क्यों ले आया। इस सबके लिए हमें दिल्ली जाना होगा...क्योंकि तुम सब के लिफाफे में निकली हर चीज दिल्ली की है... यहाँ तक कि प्रबल का जन्म भी दिल्ली के ही अस्पताल में हुआ था.... लेकिन गाँव कि परंपरा के मुताबिक प्रबल अगले एक साल तक यहीं रहेगा...जब तक विक्रम कि बरसी नहीं हो जाती... क्योंकि उसी ने विक्रम को मुखाग्नि दी है”

“लेकिन में यहाँ ऐसे अकेला कैसे रहूँगा? और मुझे भी तो अपने बारे में पता करना होगा?” प्रबल ने प्रतीकार करते हुये कहा तो रागिनी ने उसे शांत होने का इशारा करते हुये कहा “प्रबल! तुम्हारे बारे में अस्पताल और विदेश मंत्रालय से...जहां से वीसा जारी हुआ में पता लगाऊँगी कि तुम्हारे माँ-पिता यहाँ कब आए और कब वापस गए... गए भी या नहीं गए.... और अगर गए तो तुम्हें क्यों नहीं ले गए.... तुम एक कागज के टुकड़े में लिखी बातों से मुझसे अलग नहीं हो गए... तुम अब भी मेरे ही बेटे हो और अगर तुम मुझे छोडकर भी चले जाओगे तो भी मेरे लिए मेरे बेटे ही रहोगे....” कहते कहते रागिनी कि आँखें भर आयीं।

“लेकिन दिल्ली में हुमें किसी होटल में ही रुकना होगा, ऋतु के घर रहना मुझे सही नहीं लगता क्योंकि दिल्ली में रहते हुये कभी भी विक्रम किसी को उनके घर लेकर नहीं गया...और मेरे घरवाले भी मेरी शादी के बाद इन लोगों के ही संपर्क में हैं...इसलिए में अपने घर भी नहीं जाऊँगी” पूनम ने कहा

“में भी नहीं चाहती कि हम क्या कर रहे हैं किसी को पता चले... इसलिए होटल में ही रुकना बेहतर रहेगा.... अनुराधा तो हमारे साथ जा ही सकती है?” रागिनी ने पूंछा

“अनुराधा को साथ ले जाने में कोई बुराई नहीं...बल्कि अनुराधा को साथ ही लेकर चलो...तो कब चलने का इरादा है...?” पूनम बोली

“कल सुबह एक बार विक्रम के चाचाजी से बात करके फिर निकलते हैं.... अगर प्रबल का यहाँ रुकना जरूरी नहीं हुआ तो उसे भी साथ ले चलेंगे” रागिनी ने कहा

“लेकिन उन्हें ये नहीं बताना कि हम दिल्ली जा रहे हैं...उनसे कह देना कि हम कोटा वापस जा रहे हैं” पूनम बोली

ठीक है.....” फिर अनुराधा और प्रबल कि ओर देखकर रागिनी बोली “बच्चो! अब तुम दोनों जाकर सो जाओ, ये मेरे साथ यहीं सो जाएंगी”

अनुराधा और प्रबल दोनों कमरे से बाहर निकल गए अपने अपने कमरे में सोने के लिए। उन दोनों के जाते ही पूनम भी पलंग पर ऊपर पैर करके रागिनी के बराबर में सिरहाने से टेक लगाकर बैठ गयी और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर बोली “यार रागिनी मुझे बड़ा अजीब लगा सुनकर की तुमने आज तक चुदाई ही नहीं की और वो भी विक्रम जैसे खिलाड़ी के साथ रहकर”

रागिनी ने चुदाई सुनकर एकदम चौंकर उसकी ओर देखा और उसका हाथ अपने हाथ से झटककर गुस्से में बोली “ये कैसी गंदी जुबान बोल रही हो तुम...और विक्रम के साथ रहकर भी से क्या मतलब है तुम्हारा?”

“अरे यार अब न तो तुम कोई बच्ची हो न में....और न ही यहाँ पर बच्चे हैं की उनके सामने ऐसी बातें नहीं हो सकतीं। चुदाई को चुदाई न कहूँ तो क्या कहूँ... सेक्स या संभोग तो किताबी भाषा है.... आम बोलचाल में उसे चुदाई ही कहते हैं ज़्यादातर लोग.... चाहे कितने भी पढे लिखे हों” पूनम ने मुस्कुराकर उसका हाथ फिर से पकड़ते हुये कहा “में समझ सकती हूँ, जिसने चुदवाया ना हो उसे ये सुनने में भी गंदा लगता है और बोलने में भी शर्म आती है। जहां तक विक्रम की बात है तो तुम्हारी याददास्त चली जाने की वजह से तुम्हें कुछ याद नहीं, लेकिन एक जमाने में तुम उसके इन्हीं कारनामों की वजह से उससे नफरत करती थीं उसके लिए कॉलेज में न जाने कितनी मुश्किलें खड़ी कर दी थी तुमने... में इसी वजह से तो तुम्हें जानती थी। विक्रम और मेरे बीच रिश्ता दोस्ती या प्यार का नहीं था.... चुदाई का था.... विक्रम ने अपनी ज़िंदगी में जितना में जानती हूँ और समझ पायी हूँ,,, कभी किसी से प्यार नहीं किया...या यूं कहो की कभी किसी से प्यार नहीं कर पाया। पता नहीं क्या वजह थी की उसे प्यार शब्द से भी नफरत थी.... स्त्री से रिश्ते को वो सिर्फ एक ही रूप में जानता और मानता था,,,,हवस, शरीर की.... मेंने बहुत बार उससे पूंछा लेकिन उसने कभी इसका कारण नहीं बताया। मुझे हमेशा ऐसा लगता था की वो जैसा दिखता है...वैसा है नहीं। उस दिन श्रीगंगानगर जाते समय जब तुमने मुझे बताया की तुम बिलकुल अछूती हो तो मेरा ये विश्वास सही साबित हुआ...”

“क्यों? हो सकता है कि उसे मौका ही ना मिला हो... जैसा तुमने बताया कि वो हवस का भूखा था लेकिन शायद इन बच्चों कि वजह से मेरे साथ कुछ कर नहीं पाया” रागिनी ने बीच में टोकते हुये कहा

“बच्चों कि वजह ऐसी नहीं कि उसे मौके नहीं मिले होंगे... लेकिन उसका एक उसूल था...कॉलेज के दिनों में भी... कि, वो कभी किसी लड़की के पीछे नहीं पड़ा, कभी किसी से जबर्दस्ती नहीं की, कभी किसी को प्यार के नाम पर नहीं बहकाया.... तुम्हारे मामले में भी ऐसा ही हुआ.... क्योंकि तुम्हारी याददास्त चली गयी थी इसीलिए उसने तुम्हारा कोई फाइदा नहीं उठाया.... लेकिन मुझे अब तक ये समझ नहीं आया कि उसने तुम्हें सहारा तो इसलिए दिया कि तुम अपना सबकुछ भूल चुकी थी, और बेसहारा थी.... लेकिन उसने तुम्हारे बारे में जो जानकारी लिफाफे में छोड़ी है उससे वो खुद भी तो तुम्हारे बारे मे पता लगाकर तुम्हें तुम्हारे परिवार के हवाले कर सकता था इसकी बजाय उसने तुम्हें अपने घर में तुम्हारी पहचान छुपाकर रखा और उसके बाद भी अपनी सारी जमीन जायदाद यहाँ तक की पुश्तैनी पारिवारिक जायदाद में भी तुम्हें न सिर्फ हिस्सेदार बनाया बल्कि अपनी निजी जायदाद का तो तुम्हें केयर टेकर ही बना दिया.... इसमें भी कोई न कोई वजह जरूर है”

“एक वजह तो ये है कि....” कहते-कहते रागिनी रूक गयी फिर कुछ सोचकर बोली “ जैसा तुमने कहा कि विक्रम को प्यार से नफरत थी.... लेकिन ऐसा नहीं है...विक्रम को मुझसे प्यार था.... शुरुआत में में विक्रम से आकर्षित हुई, मेंने उससे प्यार का इज़हार किया ..... उसने भी मुझसे कहा कि वो मुझसे प्यार करता है..... लेकिन जब-जब मेंने उसके पास जाने कि कोशिश कि वो हमेशा मुझसे दूर ही रहा..... तुम कहती हो कि वो सिर्फ हवस को ही जानता और मानता था.... मेंने अपनी जवानी के उस उफान के समय जब हम दोनों ही जवान थे उसे कई बार अपना सब कुछ सौंपना चाहा, उसे उकसाया भी.... लेकिन वो हर बार मुझसे दूर हट जाता था.... कहता था ये ठीक नहीं है..... मुझे लगता था कि वो हमारे उस रिश्ते कि वजह से दूर हट जाता है.... जो कभी था ही नहीं और उसे मालूम भी था... में ही तो नहीं जानती थी कि में देवराज सिंह कि पत्नी नहीं हूँ.... लेकिन वो जानते हुये भी कभी मेरे पास नहीं आया.... वो अगर मुझसे शादी भी करना चाहता तो मे तयार हो जाती...... लेकिन शायद तुमने सही कहा वो मेरी याददास्त चले जाने की वजह से ही मुझसे दूर हो जाता था..... लेकिन सवाल ये भी है कि वो इन सुरागों और जैसा अनुराधा ने बताया वो हमारे घर को ही नहीं परिवार को भी जानता था.... तो मुझे वो सब बताकर भी ऐसा कर सकता था..... लेकिन उसने ऐसा किया क्यूँ नहीं?................. मेरा तो दिमाग ही काम नहीं कर रहा..... अब सोते हैं और कल दिल्ली पहुँचकर देखते हैं क्या पता चलता है” रागिनी ने बात खत्म करते हुये कहा तो, कुछ कहते-कहते पूनम भी रुक गयी और दोनों बिस्तर पर लेटकर नींद का इंतज़ार करने लगीं.... क्योंकि इतने सवाल दिमाग मे होते हुये नींद इतनी आसानी से कैसे आ सकती थी..... लेकिन नींद और भूख कुछ नहीं देखती... आखिरकार दोनों सो गईं।

सुबह जब रागिनी उठी तो पूनम किसी से फोन पर अपने दिल्ली जाने का बता रही थी, रागिनी ने ध्यान दिया तो उसकी बातों से पता चला कि वो अपने पति सुरेश से बात कर रही थी। रागिनी को उठा देखकर उसने अपनी बात खत्म कि और बोली कि वो अपने घर जाकर बोल आती है कि वो कोटा जा रही है.... लेकिन बच्चे जिद कर रहे हैं जो कि वो करेंगे भी, इसलिए वो बच्चों को कुछ दिन के लिए गाँव में छोड़ रही है। रागिनी ने उसे सहमति दे दी लेकिन उससे पूंछा कि उसने अपने पति को ये क्यों बता दिया कि वो दिल्ली जा रहे हैं तो पूनम ने कहा कि सुरेश को सबकुछ सच बता दिया है... अगर उसके घर से या विक्रम के घर से किसी ने कुछ जानकारी करने कि कोशिश कि तो सुरेश उन्हें संभाल लेगा...और सुरेश को सारी जानकारी होने से भी वो उनके लिए कोई परेशानी नहीं पैदा करेगा बल्कि कोई परेशानी होने पर सहायता भी कर सकता है।

तभी दरवाजे को किसी ने खटखटाया तो दरवाजे के पास ही खड़ी पूनम ने दरवाजा खोल दिया, अनुराधा और प्रबल कमरे के अंदर आकर रागिनी के पास खड़े हो गए। रागिनी ने दोनों को तैयार होने को कहा और खुद उठकर बैठक कि ओर चली गयी, बैठक के दरवाजे से अंदर देखा बलराज सिंह किसी सोच में डूबे लेते हुये छत की ओर देख रहे हैं। अचानक उन्हें बैठक के अंदर वाले दरवाजे पर किसी के खड़े होने का आभास हुआ तो उन्होने पलटकर रागिनी कि ओर देखा और उठकर बैठ गए, रागिनी भी उनके पास जाकर खड़ी हो गयी।

“क्या कुछ बात है? कुछ कहना था?” बलराज सिंह ने पूंछा

“जी हाँ!... में कोटा हवेली वापस जाना चाहती हूँ और बच्चों को भी ले जाना चाहती हूँ,,,,अगर आपको कोई आपत्ति न हो तो!” रागिनी ने कहा

बलराज सिंह कुछ देर चुपचाप उसकी ओर देखते रहे फिर बोले “मुझे तो कोई आपत्ति नहीं है... वैसे परंपरा के अनुसार प्रबल को यहाँ 1 साल तक रोजाना दीपक जलाना चाहिए इस घर में... लेकिन ये काम परिवार का कोई भी सदस्य कर सकता है... तो में कर लूँगा लेकिन हर महीने उसी हिन्दी तिथि को जिस दिन विक्रम का दाह संस्कार हुआ, प्रबल को यहाँ आकर एक ब्राह्मण को भोजन कराना जरूरी है.... ये तुम्हें निश्चित करना होगा कि प्रबल हर महीने यहाँ आए”

“ठीक है,,,, और आप निश्चिंत रहें जब भी आप बुलाएँगे में खुद प्रबल को लेकर यहाँ आ जाऊँगी..... मेरा, और बच्चों का मोबाइल नं आप ले लें और अपने नं मुझे दे दें” रागिनी ने कहा और अपने मोबाइल नं उन्हें दे दिये... बलराज सिंह ने भी अपना, दिल्लीवाले घर का और ऋतु का मोबाइल नं रागिनी को दे दिया।

बैठक से घर में आकार रागिनी ने अनुराधा और प्रबल को चलने के लिए तयार होने को कहा और पूनम को भी फोन कर दिया...उधर से पूनम ने बताया कि वो तयार हो चुकी है और वहाँ पहुँच रही है।

थोड़ी देर बाद ही पूनम और उसके सास-ससुर वहाँ आ गए पूनम के ससुर बैठक में बलराज सिंह के पास बैठ गए और पूनम कि सास पूनम के साथ रागिनी के पास घर में आयीं... वो घर से उन लोगों के लिए खाना लेकर आयीं थी.... जो उन्होने और पूनम ने रागिनी, अनुराधा और प्रबल को खिलाया साथ ही बलराज सिंह को भी बैठक में पूनम कि सास देकर आयीं......खाना खाकर प्रबल और अनुराधा ने अपने बैग और पूनम का बैग गाड़ी में रखा और रागिनी उन सबसे मिलकर गाड़ी में जाकर बैठ गयी... पूनम अपने सास ससुर और बलराज सिंह के पैर छूकर गाड़ी कि ओर बढ़ी तो कुछ ध्यान आने पर रागिनी ने अनुराधा को सभी को नमस्ते करने और प्रबल को सभी के पैर छूने को कहा.....जिसके बाद सभी गाड़ी में बैठकर अपनी मंजिल की ओर निकल गए...............

अब अगले अध्याय से इन सबकी कहानी दिल्ली में पहुँचने से शुरू होगी... क्या इन्हें वो पता चल पाता है... जिसे जानने ये यहाँ आए हैं?



कहानी से ऐसे ही जुड़े रहिए और अपनी प्रतिक्रिया देते रहिए
Very nice and nicely written.
Ragini ko khud ke bare me kuch yaad nhi hai to wo jagah ja ke apne aur vikram ke bare me pata kar rahi hai. Ragini aur vikram jab aapas me pyar karte the to vikram usse door kyo bhaagta tha.
 

kamdev99008

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Very nice and nicely written.
Ragini ko khud ke bare me kuch yaad nhi hai to wo jagah ja ke apne aur vikram ke bare me pata kar rahi hai. Ragini aur vikram jab aapas me pyar karte the to vikram usse door kyo bhaagta tha.
Kyonki ragini aur vikram ke beech ek rishta tha.... Isliye..pyar sirf ragini ko tha kyonki wo rishta bhul chuki thi
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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bhiya ek baat batao .. aapki ab tak ki kahani mein jitne bhi VIJAY naam waale log hai .. ve sab itne bade kaandi kyo hai .. VijayRaj, Vijay Singh, Vikram urf RannVijay .. ya aapne ek category define kar di hai ki jitne bhi pariwaar mein aibi log hai unke naam Vijay rakh do ... ::rolleyes:

ab jara Vikram bhiya ki baat kar le .. iss baar to aapne unhe chor hi bana diya .. ek to ye baat clear nahi kari ki uss time Vikram ki umar kitni thi .. wo uss waqt school mein the ya fir school ke saath-saath kuch aur kaand karne laga tha .. kya jo paise churaye wo ghar ki majboori ke chalte .. ya fir aiyaashi ke liye .. kyonki uss waqt tak Vikram bhiya ne college shuru nahi kiya tha to Nilofer waala matter to nahi ho sakta mein .. aur jab Raagini didi apni daadi ke saath reh rahi thi to Vikram kiske paas rehte the .. kyonki inke aadarniye pitaji to apni deen-duniya mein he mast the .. aur sabse badi baat .. jab Vikram Kota wali haweli mein Raagini didi aur baccho ke saath reh rahe the to Ravinder bhiya ne hastshep kyon nahi kiya .. sirf bol kar he kyon chupp reh gaye .. Raagini didi ki zindagi sudharne ki baat ko lekar Vikram ji par dabaav kyon nahi banaya .. ab to VijayRaj ji bhi nahi the .. par lagta hai Ravinder bhiya bhi apni zindagi aur biwi-baccho mein mast the ...

Devraj ji ki Raagini didi ke chakkar mein tabahi he rahi saari zindagi .. becharo ki saari jawaani pyaar ki chaah mein bali chad gayi, par ek baat maan-ni padegi ki inse bada koi saccha aashiq nahi ho sakta, ki jis ladki ke se ye pyaar karte hai uske ghar waale itne kulakshan karte feerey aur saath mein badnaami bhi mile aur fir bhi ladki se rishta judne ke koi aasaar nahi bane .. aur aaj bhi ek moka dikha to seedhe mooh apni bhabi ke saath fir se us ladki ki darr par aa dhamke .. hai to ye bhi poore dheet he .. waise JiJa-saale ki aapas mein khoob jamegi .. :hehe:

abhi tak to VijayRaj ji ne he sabki jindagi mein bhuchaal la rakha tha .. ab ye Vijay Singh ji bhi aa padhaare .. aur ye Vijay Singh ji ne apne beto ka katl kyon kiya aur us naukar ka bhi .. waise sabse maadi kismat bechari Nirmala devi ji ki rahi .. ek to pehle se he apne 2-3 aulaad itne honhaar nikle fir upar se jamaayi raj ne bhi izzat uchaalne mein koi kami nahi chhodi .. aur sone par suhaaga Paute bhi usi raah par chale ...

waise yaha Ravinder ji ne bataya ki Vikram bhiya bhi apne pita ke nakshe kadam par chale .. par Vikram bhiya ne to college life mein kuch logo ki madad bhi ki thi Naazia aur apne pita ke sex racket se nikaalne mein .. aur drugs waale case mein bhi kuch students ko bachaaya tha .. fir aisa kaunsa galat kaam kar diya .. chudaayi karna galat to nahi agar kisi ko majboor karke ya jor jabardasti se na kari jaaye .. Vikram bhiya ki GF poonam thi jo aaj unke cousin Suresh ki wife hai aur Raagini didi ki dost ...

aur dusri baat jab Vikramaditya urf RannVijay ki jeevani sunayi jaa rahi thi to jab to kahi bhi Vikaram bhiya ko itna galat dikhaya gaya .. aur muzhe poora yakeen hai ki .. agar Raagini didi ki shaadi nahi karwayi to uske peeche bhi koi kaaran hoga .. sirf apne swaarth ke liye to aisa nahi kiya hoga ...

waise jab pariwaar aur sage-sambandiyo mein sab itne pratibhawaan log hai to aap kaise peeche reh gayi :D .. waise aap bhi jyaada peeche nahi rahe .. ek biwi ko apne se door kiya hua hai aur doosri ke saath vanwaas kaat rahe ho .. 2-4 mahatama aur na hue aapke jaise nahi to 5va Ved bhi likh diya jaata kalyug mein ... ha ha ha

waise kuch bhi kaho Dev fufa ji ki bhabi Sarla ji mast hai .. aur in dono devar-saali ki aapas mein jamti bhi poori hai .. par bechari badi bhabi akeli reh gayi ...

kyonki jitni bhi baate aapne abhi Dev ji ki jeevani batate hue hamare saamne rakhi ye sab Vikram bhiya ke jeevan par prakash daalte hue nahi sabke saamne rakhi .. daal mein kuch to kaala hai .. aur upar se isko banane wala rasoiya to sabse badi paheli... :hinthint2:

abhi tak to poora namak mirch chidak-chidak kar ye daal poori chatpati bana di hai .. ab agar aur kuch kami reh gayi hai to aap isme tadka lagane se bhi baaz nahi aaoge .. jab tak ki Mooh aur peeche aag na lag jaaye ... :hot:
Kamdev bhai itna bada to aapka update bhi nahi hota jitna bada FF bhai ka ye review hai. Ab itne bade review ko dekh kar bhi aap time se update nahi denge to FF bhai par kya guzregi, zara gaur farmaaiyega is baat par,,,,,:D
 

kamdev99008

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Kamdev bhai itna bada to aapka update bhi nahi hota jitna bada FF bhai ka ye review hai. Ab itne bade review ko dekh kar bhi aap time se update nahi denge to FF bhai par kya guzregi, zara gaur farmaaiyega is baat par,,,,,:D
भाई ऐसा भी नहीं है.........मेरा अपडेट लगभग औसत आकार का होता है.............. मानु भाई Rockstar_Rocky और शायद 1-2 अन्य लेखक ही होंगे जो देवनागरी फॉन्ट में मुझसे बड़ा अपडेट लिखते हो................ अपडेट लाते होने का ये भी एक बड़ा कारण है.... मुसाफिर भाई या भैया जी की तरह छोटे अपडेट नहीं लिखना चाहता....... शुरुआत में लिखे थे...तब रोजाना अपडेट देता था....लेकिन आज जो अपडेट देता हूँ उसका 1/4 आकार का.......
भाई दूसरा कारण भी है........ जिसका आप सब शहरों में या शहरीकरण से जुड़े गाँव में रहने के कारण मज़ाक बनाते हैं.....बिजली............. उत्तर प्रदेश के पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी छोटी मोटी वजह से कई कई दिन .....और अगर बड़ी समस्या हो...ट्रान्स्फ़ोर्मर वगैरह बदलने की तो कई-कई महीने तक बिजली नहीं आती...........
सरकार बदल गयी............. लेकिन सरकारी कर्मचारी और उनका निकम्मापन ..........वो तो नहीं बदल पाया पूरी तरह........................
.................................
अभी तक अगले अपडेट में एक शब्द भी नहीं लिख पाया...............आज रात को प्रयास करूंगा जितना ज्यादा से ज्यादा लिख सकूँ............. आज 15 अगस्त देश का स्वतन्त्रता दिवस/ सबसे बड़ा सरकारी त्योहार........... शाम 6 बजे बिजली आयी सुबह 5 बजे की गयी हुई............ और लगातार 30 मिनट से ज्यादा नहीं चली होगी.... अब तक 10+ बार बिजली आना जाना कर चुकी है.............ऐसे में अपडेट में क्या लिख पाऊँगा...........जब आज ये हाल है....तो बाकी दिन कैसा रहता होगा
.............................. बस प्रयास में लगा हूँ..............इस साल के अंदर ही एक सोलर पावर प्लांट लगा दूँ 3-5 किलोवॉट का.......... कम से कम बिजली के मामले में भी आत्मनिर्भर हो जाऊँ
 

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भाई ऐसा भी नहीं है.........मेरा अपडेट लगभग औसत आकार का होता है.............. मानु भाई Rockstar_Rocky और शायद 1-2 अन्य लेखक ही होंगे जो देवनागरी फॉन्ट में मुझसे बड़ा अपडेट लिखते हो................ अपडेट लाते होने का ये भी एक बड़ा कारण है.... मुसाफिर भाई या भैया जी की तरह छोटे अपडेट नहीं लिखना चाहता....... शुरुआत में लिखे थे...तब रोजाना अपडेट देता था....लेकिन आज जो अपडेट देता हूँ उसका 1/4 आकार का.......
भाई दूसरा कारण भी है........ जिसका आप सब शहरों में या शहरीकरण से जुड़े गाँव में रहने के कारण मज़ाक बनाते हैं.....बिजली............. उत्तर प्रदेश के पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी छोटी मोटी वजह से कई कई दिन .....और अगर बड़ी समस्या हो...ट्रान्स्फ़ोर्मर वगैरह बदलने की तो कई-कई महीने तक बिजली नहीं आती...........
सरकार बदल गयी............. लेकिन सरकारी कर्मचारी और उनका निकम्मापन ..........वो तो नहीं बदल पाया पूरी तरह........................
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अभी तक अगले अपडेट में एक शब्द भी नहीं लिख पाया...............आज रात को प्रयास करूंगा जितना ज्यादा से ज्यादा लिख सकूँ............. आज 15 अगस्त देश का स्वतन्त्रता दिवस/ सबसे बड़ा सरकारी त्योहार........... शाम 6 बजे बिजली आयी सुबह 5 बजे की गयी हुई............ और लगातार 30 मिनट से ज्यादा नहीं चली होगी.... अब तक 10+ बार बिजली आना जाना कर चुकी है.............ऐसे में अपडेट में क्या लिख पाऊँगा...........जब आज ये हाल है....तो बाकी दिन कैसा रहता होगा
.............................. बस प्रयास में लगा हूँ..............इस साल के अंदर ही एक सोलर पावर प्लांट लगा दूँ 3-5 किलोवॉट का.......... कम से कम बिजली के मामले में भी आत्मनिर्भर हो जाऊँ
Devnagri font me to main bhi kafi lambe update likhta tha kamdev bhai. Ye to aapne dekha hi tha. Ab agar main ye kahu ki mere jitne lambe update yaha par kitne log dete the to aap kitno ke naam ginayenge. Khair chhodiye is baat ko,,,, :D

Aapke yaha yakeenan bijli ki bahut badi samasya hai. Aapke zahen me plant lagane ka khayaal aaya magar zara der se aaya. Jabki apne yaha ki samasya aur sarkar ko dekhte huye ye system pahle hi lagwa lena chahiye tha. Main to kahta hu ki saare faaltu ke kaam chhod kar pahle yahi kaam kijiye. Kyo ye kaam hone se aapke sath sath hamara bhi bahut bada bhala hoga,,,,,, :dazed:
 

kamdev99008

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Devnagri font me to main bhi kafi lambe update likhta tha kamdev bhai. Ye to aapne dekha hi tha. Ab agar main ye kahu ki mere jitne lambe update yaha par kitne log dete the to aap kitno ke naam ginayenge. Khair chhodiye is baat ko,,,, :D

Aapke yaha yakeenan bijli ki bahut badi samasya hai. Aapke zahen me plant lagane ka khayaal aaya magar zara der se aaya. Jabki apne yaha ki samasya aur sarkar ko dekhte huye ye system pahle hi lagwa lena chahiye tha. Main to kahta hu ki saare faaltu ke kaam chhod kar pahle yahi kaam kijiye. Kyo ye kaam hone se aapke sath sath hamara bhi bahut bada bhala hoga,,,,,, :dazed:
अपने अपना नाम लेखकों की सूची से कटवा लिया है................ आगे लिखने की तो बात छोड़ो...........जितनी लिखी हुई हैं..................उतनी भी कहानिया किसी को पढ़ने नहीं दे रहे......................... देखना एक दिन आपकी कहानी पता नहीं किस-किस लेखक के नाम से कॉपी-पेस्ट छपेगी............... क्योंकि आरिजिनल तो आप किसी को पढ़ने नहीं दोगे

ये आप बहुत गलत कर रहे हैं
 

TheBlackBlood

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अपने अपना नाम लेखकों की सूची से कटवा लिया है................ आगे लिखने की तो बात छोड़ो...........जितनी लिखी हुई हैं..................उतनी भी कहानिया किसी को पढ़ने नहीं दे रहे......................... देखना एक दिन आपकी कहानी पता नहीं किस-किस लेखक के नाम से कॉपी-पेस्ट छपेगी............... क्योंकि आरिजिनल तो आप किसी को पढ़ने नहीं दोगे

ये आप बहुत गलत कर रहे हैं
Haan ye bhi sahi kaha aapne. Maine to writers ki list se apna naam katwa liya hai is liye is baare me mujhe nahi bolna chahiye tha. Bade bhaiya ji maafi de dijiye,,,,:adore:

Meri kahani kahi bhi chhape ab is baat se koi fark nahi padta kamdev bhai. Rahi baat kisi ko na padhne dene ki to aadhi adhuri kahani padhne ka kya faayda. Jo bhi padhega last me mujhe gaaliya hi dega is liye behtar hai ki koi unhe padhe hi na,,, :dazed:
 

Rockstar_Rocky

Well-Known Member
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भाई ऐसा भी नहीं है.........मेरा अपडेट लगभग औसत आकार का होता है.............. मानु भाई Rockstar_Rocky और शायद 1-2 अन्य लेखक ही होंगे जो देवनागरी फॉन्ट में मुझसे बड़ा अपडेट लिखते हो................ अपडेट लाते होने का ये भी एक बड़ा कारण है.... मुसाफिर भाई या भैया जी की तरह छोटे अपडेट नहीं लिखना चाहता....... शुरुआत में लिखे थे...तब रोजाना अपडेट देता था....लेकिन आज जो अपडेट देता हूँ उसका 1/4 आकार का.......
भाई दूसरा कारण भी है........ जिसका आप सब शहरों में या शहरीकरण से जुड़े गाँव में रहने के कारण मज़ाक बनाते हैं.....बिजली............. उत्तर प्रदेश के पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी छोटी मोटी वजह से कई कई दिन .....और अगर बड़ी समस्या हो...ट्रान्स्फ़ोर्मर वगैरह बदलने की तो कई-कई महीने तक बिजली नहीं आती...........
सरकार बदल गयी............. लेकिन सरकारी कर्मचारी और उनका निकम्मापन ..........वो तो नहीं बदल पाया पूरी तरह........................
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अभी तक अगले अपडेट में एक शब्द भी नहीं लिख पाया...............आज रात को प्रयास करूंगा जितना ज्यादा से ज्यादा लिख सकूँ............. आज 15 अगस्त देश का स्वतन्त्रता दिवस/ सबसे बड़ा सरकारी त्योहार........... शाम 6 बजे बिजली आयी सुबह 5 बजे की गयी हुई............ और लगातार 30 मिनट से ज्यादा नहीं चली होगी.... अब तक 10+ बार बिजली आना जाना कर चुकी है.............ऐसे में अपडेट में क्या लिख पाऊँगा...........जब आज ये हाल है....तो बाकी दिन कैसा रहता होगा
.............................. बस प्रयास में लगा हूँ..............इस साल के अंदर ही एक सोलर पावर प्लांट लगा दूँ 3-5 किलोवॉट का.......... कम से कम बिजली के मामले में भी आत्मनिर्भर हो जाऊँ

सर जी,

सबसे पहले तो शुक्रिया की आपने बड़ा अपडेट देने वालों की गिनती में मेरा नाम लिया|
ME:
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रही सोलर पावर की तो,
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