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इस कहानी का, इस फोरम पर एक साल पूरा होने पर बहुत बहुत बधाई।
नये पति पत्नी अपने बीच के रिश्तों को कैसे मजबूत बना सकते हैं, इसका नया वर्जन रखने के लिए धन्यवाद।
बहुत बहुत धन्यवाद इस लम्बी यात्रा में साथ देने का ,
इस कहानी का, इस फोरम पर एक साल पूरा होने पर बहुत बहुत बधाई।
नये पति पत्नी अपने बीच के रिश्तों को कैसे मजबूत बना सकते हैं, इसका नया वर्जन रखने के लिए धन्यवाद।
Kab aayega Update Komal Ji... Waiting for another erotic update.
गुड्डी
और जब वो आये न , जिस दिन आने वाले थे , गुड्डी पहले से , ...
उनसे मिल के ही गयी और अगले दिन भी ,
गुड्डी भी अब धीरे धीरे मेरे और मेरी जेठानी के लेवल पर आ रही थी , पहले तो उनके आने के लिए चिढ़ाना होता तो बस बोलती ,
भाभी आज कौवा बोल रहा है कोई आएगा , पहले से खीर वीर बना के रखीये कौए को खिलाने के लिए , तभी उसकी बात सच होगी
तो
मजाक में मैं उसके छोटे छोटे उभारों को , कच्ची अमिया को कस के मसलती चिकोटी चिढ़ाती ,
इस कौए को खीर नहीं चाहिए , इसे तो ये दूंगी मैं अपनी ननदिया की और फिर हम और जेठानी जी दोनों मिल के उसे गा गा के चिढ़ाते ,
नकबेसर कागा ले भागा , मेरा सैंया अभागा ना जागा ,
ना जागा , अरे ना जागा , नकबेसर कागा ले भागा ,
अरे वही कागा उनकी बहिनी की चोलिया पे बैठा , अरे चोलिया पे बैठा ,
अरे वही कागा , उनकी बहिनी की , हमारी ननदी की , गुड्डी रानी की चोलिया पे बैठा ,
अरे जुबना का सब रस ले भागा , मेरा सैंया अभागा ना जागा ,
और कई बार जब सिर्फ मैं और जेठानी जी होते तो गाना थोड़ा और आगे बढ़ जाता ,
ना जागा , अरे ना जागा , नकबेसर कागा ले भागा ,
अरे वही कागा उनकी बहिनी की शलवरिया पे बैठा , अरे स्कर्ट पे बैठा ,
अरे वही कागा , उनकी बहिनी की , हमारी ननदी की , गुड्डी रानी की शलवार पे बैठा ,
अरे बुरिया का सब रस ले भागा , मेरा सैंया अभागा ना जागा ,
लेकिन अब तो गुड्डी के साथ मामला एकदम खुला हो गया खासतौर से जिस तरह मेरी जेठानी ने उन्हें ' दिन वाली देवरानी ' की टायटिल दे दी थी , ...
और गुड्डी भी.
अब एकदम उसे भी मालुम था की उसके भैया उसके अंग प्रत्यंग की तस्वीर देख चुके हैं
और वो भी उनके मोटे खूंटे की स्टिल वीडियो सब देख चुकी थी ,
उनकी जींस के ऊपर से कस कस के दबा चुकी थी
और उसके भैया भी उसकी कच्ची अमिया उसके टॉप के ऊपर से , ..
तो उस दिन सब के सामने मुझसे बोली ,
" भाभी वो , वीटस , आपने सब साफ़ सूफ कर लिया हैं न , मेरा मतलब , ... "
मैं क्यों मौका चुकती , मैं बस उसके पीछे पड़ गयी , ...
" हाँ यार तूने सही याद दिलाया , ननद न हों तो ये सब जरूरी चीजें , ... अरे यार मुझसे खुद से एकदम अच्छी तरह नहीं , ... तो तू है न चल तू मेरी कर दे ीार मैं तेरी , क्या पता अबकी उनके जाने के पहले तेरी वाली भी का नंबर लग जाये ,... "
अब वो फंस गयी , लेकिन भाभी , वो भी बनारस की हो तो कोई ननद बच सकी है क्या , ... बस खींच के मैं उसे अपने कमरे में ले गयी
और ननद से वो भी एक टीनेजर और जो अपने सैंया का माल हो उससे झांटे साफ़ करवाने का सुख ,
असल में साफ़ सूफ तो थी लेकिन गुड्डी रानी ने बोल दिया था इस लिए और ,
और फिर मैंने उसकी चिक्क्न मुक्कन कर दी और उसकी ताज़ी ताज़ी फोटो उसके भैया को उसी के मोबाइल से ,
आते ही वो मिली , ...
और उसके जाने के पहले सास की नजर बचाकर , मैंने उनके हाथ से उसकी कच्ची अमिया को ,...
हाँ रात में वो सब हुआ जो होता है , ...
और अगले दिन सुबह भी लेकिन अब उनका फॉरेन का पक्का हो गया था , इसलिए उसके लिए कागज़ पत्तर , और भी कुछ काम धाम
उस के भइया ने गिफ्ट अगले दिन ही दी , ... दो ब्रा उसने बोली थी , दो ब्रा वो लाये लेकिन साथ में मैचिंग पैंटी भी
एकदम लेसी , ब्रा दोनों पुश अप , २८ सी देखने में उन्हें पहनने के बाद तीस लगती।
एक तो हाफ कप भी थी , आधे बूब्स बाहर छलकते रहते , ...
और साथ में जींस ,..एकदम स्किनी , लो कट , रिप्ड ,... उस समय तो वहां मिलती भी नहीं थी , दो चार दुकानों में ही लड़कियों के लिए जींस मिलती , पर वो भी पुरानी डिजाइन की
मैं उनके पीछे पड़ी रही छेड़ती रही ,
लाये हो तो पहनाओ भी न ,
गुड्डी में ज्यादा हिम्मत थी , वो खुद अपना टॉप सरका के खड़ी हो गयी , पर वही हिम्मत नहीं जुटा पाए अपनी बहिनिया की ब्रा खोलने की ,
तब भी जबरदस्ती उनका हाथ पकड़ा के मैंने उसकी ब्रा का स्ट्रैप तो उनसे खुलवा ही लिया ,
फिर मैंने गुड्डी को चैलेन्ज किया , अच्छा चल तेरे भैया तो हार गए अब तू अगर इनकी बचपन का माल है तो चल हम लोगों के सामने जींस पहन के दिखा ,
" एकदम भाभी , एनीथिंग फार माई स्वीट भैया , ... "
और उस दुष्ट ने अपनी सैंडल उतारी और स्कर्ट के नीचे , जींस पहननी शुरू कर दी ,
मैं जोर चिल्लाई फाउल , फाउल , भैया की पैंटी भी पहन ,
क्यों भैया , बड़े भोलेपन से उनकी ओर देख कर वो बोली , ... उनकी निगाहें अपने माल पर चिपकी थीं , मुश्किल से उनके मुंह से हाँ निकली , बस झट से गुडडी ने स्कर्ट के ऊपर से हाथ डालकर अपनी चड्ढी सरका दी और स्कर्ट के नीचे से हाथ डाल के खींच लिया , और फिर उनकी लाइ पैंटी
और फिर जींस
उसके बाद उसने स्कर्ट उतार दी ,
वास्तव में बहुत हॉट जींस थी , गुड्डी के ब्वाइश लौंडा मार्का चूतड़ एकदम कसे कसे , छलकते , ...
जींस रियल अल्ट्रा लो थी , गुड्डी की थांग बाहर दिख रही थी
मैंने उसे बोला भी ,
" गनीमत है ननद रानी इसे पहन के तुम बनारस में नहीं चलोगी , लहुराबीर से गोदौलिया तक नहीं पहुंच पाओगी उस के पहले बनारस वाले तेरी गांड मार लेंगे , ... "
लेकिन मेरी ननद न अब मेरी संगत का असर , मेरी बात का भी जवाब देने लगी थी , बोली
" अरे बनारस वाली भेजे तो हैं अपनी बहिन को , रोज रोज बिना नागा , ... "
उनके सामने मटक मटक के अपने कसे कसे चूतड़ दिखाए उसने ,
असल में जींस टाइट तो थी ही लेकिन मेयर ननद की फिगर भी जानमारु थी , ...
चलने के पहले उसने अपने भइया को दबोच के कस के चुम्मी ले ली , जो कतई भाई बहन टाइप नहीं थी
असल में उस दिन उनको भी बहुत जल्दी थी ,
उनका पासपोर्ट कहीं रखा था वो चाहिए था , कागज पे कहीं कहीं मेरे साइन
फ्लाइट भी थोड़ी जल्दी थी , और गुड्डी का भी कोई टेस्ट था , ...
इसलिए ज्यादा कुछ पर छेड़खानी कौन रोक सकता है ,
बात चीत में मैं और जेठानी उसे चिढ़ाने में लगे रहते थे
wow shukriya behtreen update ke liye komal ji.. pls agar ho ske to is kahani ka index bana dijiye.....