Akashverma
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Pura majaछोटी सी शर्त
हँसते हुए कम्मो ने एक शर्त रखी ,
" बहुत कपड़ा कपड़ा कर रही थी छिनार , अब कल आ के ले जाना , ... वरना एक छोटी सी शर्त है। "
खाली ब्रा पैंटी में , ... दोनों की हालत खराब , दोनों साथ साथ बोलीं
" भौजी कौन शर्त है ,
" सिम्पल , फागुन का स्ट्रिप डांस , ... देखो अब ब्रा पैंटी तो तुम दोनों की उतरनी ही है , तुम लोग उतारेगी तो बची रहेगी , और भौजाई उतारेंगी तो फाड़ के रख देंगी , ...
तो पहली शर्त है की ज्योति तुम एक स्ट्रिप डांस पहले ब्रा के ऊपर से जोबन मसलो रगड़ो , जैसे तेरे यार रगड़ते हैं वैसे ही ,
फिर धीरे धीरे ब्रा उतार के फेंक दोगी , फिर अपनी दोनों चूँची हाथों से छिपा के , हलके हलके खोलोगी ,
उसके बाद दोनों जोबन को मसलते हुए डांस करोगी , और उसके बाद पैंटी , भी उसी तरह , पैंटी के ऊपर से अपनी चूत रगड़ो मसलो ,
फिर पैंटी उतार के चूत को हथेली से , और सबसे अंत में एक मिनट तक फिंगरिंग , कुल ढाई मिनट की फिंगरिंग , और नीतू तुम रिकार्ड करना , ... "
थोड़ी देर तक तो दोनों नौटंकी की , लेकिन कम्मो के आगे ,
ज्योति ने स्ट्रीप टीज शुरू की और मैंने नीतू को ज्योति का ही फोन दे दिया , रिकार्ड करने को , मैं अपने आई फोन से , ...
अपने पहले फागुन में ही ननद को नंगी नचाने का ख़्वाब तो हर भाभी का होता है , और ये दोनों तो मुझे चैलेंज कर रही थीं ,
क्या मस्त ज्योति अपने जोबन दबा रही थी , चूत सहला रही थी , ...
और फिर फिंगरिंग , ...
" अरे छिनार जड़ तक ऊँगली पेल , हमको मालूम नहीं है की का कित्ते साल पहले केकरे साथ झिल्ली फड़वा चुकी हो , रंडी की औलाद ,... वरना अभ कम्मो भौजी की पूरी मुट्ठी घोंटनी होगी , ... "
बेचारी ज्योति , लेकिन सच में थी नंबरी छिनार , मस्त ऊँगली कर रही थी , ...
और उसके बाद नीतू का नंबर , और अबकी रिकार्डिंग ज्योति के जिम्मे ,
डांस ख़तम नहीं हुआ था की होली शुरू हो गयी , जब तक वो दोनों डांस कर रही थी , कम्मो कालिख का पूरा डिब्बा ले आयी , पेण्ट और रंग की जबरदस्त कॉकटेल हम दोनों ने अपने हाथ पार बना ली थी , और बाकि बरामदे में , ...
मैंने शुरआत की , एक लाल रंग की बाल्टी डांस करती नीतू के ऊपर उड़ेल कर , पर कम्मो को तो मजा हाथ से लेना था , और ज्योति के दोनों जोबन उसके हाथों के बीच
मुझको रीतू भौजी और अपने गाँव की बड़की भौजी की याद आ गयी , जोबन मींजने मसलने में मरद मात ,
और मैंने हाथ में लगा रंग ज्योति के गालों पर , ...
ज्योति चिल्लाई ,
" अरे भाभी एक के साथ साथ दो , ... "
" काहें कभी एक साथ दो दो का मजा नहीं लिया है , हम तो सुने थे की हमार ससुराल वाली , आजमगढ़ वाली सब बचपन की छिनार होती हैं , ... "
" अरे तो का पिछवाड़ा कोरा है अभी , ... " कम्मो बोली ,
मैं भी अब एकदम कम्मो के रंग में आ गयी थी , रंग एक बार फिर से लगा के मैं ज्योति के छोटे छोटे चूतड़ रंग रही थी और फिर एक ऊँगली सीधे पिछवाड़े के छेद पर डालते हुए मैं कम्मो से बोली
" क्या करे ये ,... असल में हमारे देवर सब ही पैदायशी गांडू , तो इन सबकी गाँड़ मारने का काम भी हम भौजाइयों के जिम्मे आएगा , ... "
असल में मैंने इन्हे देख लिया था , ये थे तो बॉथरूम में लेकिन जब नीतू की स्ट्रिप टीज शुरू हुयी और मैंने मोबाइल पर गाना लगा दिया था
डलवाला छिनार होली में , डलवाला , तभी मैंने देख लिया था की बाथरूम की खिड़की थोड़ी सी खुली और ये हलके से झाँक रहे थे ,
मैंने जबरदस्त आँख मारी इन्हे , और इशारा किया , लगे रहो मुन्ना भाई , आखिर तेरी बहने हैं , ...
Nice update ... waiting for next..................