Waah ji waahगुड्डो
और दरवाजा खुला , गुड्डो थी,... आज अकेले।
" हे आज अकेले , कोई ननद रानी नहीं आयी , सब के सब अभी , ... "
मैं अचरज से बोली ,....
गुड्डो ने खिलखिलाते हुए मामला साफ़ किया ,
" आपकी ननद को आपके ननदोई जी ने स्लिप पर कैच कर कर लिया ,...
मिली आ रही थी मेरे साथ , लेकिन सीढी के चढ़ने मिली के जीजू जी , ...
बस वहीँ वो लस गयी ,... बोली तू चल मैं आती हूँ , लेकिन मेरा वेट करना। अभी आती हूँ। "
मिली वही ,... बी ए फर्स्ट इयर , ...
नन्दोई जी कब से उस पे लाइन मार रहे थे और चींटी उसको भी काट रही थी ,
कल मैंने चाट पार्टी में साफ़ साफ़ देख लिया था ,...
" अच्छा चल , कल नन्दोई जी को खोल के गोलगप्पा खिला रही थी , उन्होंने तेरी चुनमुनिया को खिलाया की नहीं ,... "
मैंने गुड्डो के फ्राक के अंदर हाथ डाल पूछा।
वो शर्मा रही थी।
" चल मत बता , अभी तेरी बिलिया में ऊँगली पेल कर रबड़ी मलाई निकालती हूँ , कल तुझे इतना सिखाया पढ़ाया था , और मुझी से ,... "
मेरी ऊँगली पैंटी के ऊपर से गुलाबो को दबोचते बोली।
और गुड्डो ने सारा राज खोल दिया।
कल चाट पार्टी में ही उसकी ननदोई जी से सेटिंग हो गयी थी , सबेरे ठीक चार बजे , जब सब लोग एकदम गहरी नींद में सोये रहते हैं , ... गुड्डो निकल कर ,...
वो कल रात एकदम दरवाजे के पास सोई थी , मोबाइल में उसने अलार्म भी लगाया था , ... रात में दो तीन बजे तक वैसे ही मस्ती होती रही , ननद भाभियों के बीच , ... उसको भी दुलारी ने और मंझली ने ननद ने मिल कर ,
तीन बजे तक सब लोग सो गए थे , चार बजे , वो दबे पाँव निकली।
नन्दोई जी बरामदे में , ..
एक कमरा था , जिसमें एक्स्ट्रा चददर गद्दे पड़े थे , शादी का बाकी सामान , बस वही ,...
पहले गुड्डो गयी , फिर पांच मिनट बार नन्दोई जी ,...
और अंदर से दरवाजा बंद ,... जाड़े की रात , जमकर कुहासा ,...
और वो कमरा भी घर के सबसे बाहरी हिस्से में था ,.. "
" सिर्फ एक बार ,... या। .. "
मेरी बात का जवाब गुड्डो ने बात पूरी होने के पहले ही दे दिया ,
" आपके नन्दोई इतने सीधे है , ... दो बार ,... "
" और चुसवाया ,.. "
मैं सब पूछ लेना चाहती थी।
कुछ रुक कर गुड्डो बोली ,...
"पहली बार के बाद ,.. मैं मना करती रही लेकिन इतना वो बोले , ... और उन्होंने मुंह में ज़रा सा ,...
फिर तो सर पकड़ के ,... और थोड़ी देर में वो फिर खड़ा हो गया ,...
वो जिद्द करने लगे ,... तुमने खड़ा किया है तो तुम्ही को , ... और वहीँ गद्दे पर निहुरा के ,... "
मैं समझ गयी थी हचक के ली थी इसकी नन्दोई ने और कल कैसे बिचक रही थी ,
लेकिन अब नन्दोई जी मिली पर लाइन मार रहे हैं तो इसे बुरा लग रहा है।
मैंने समझाया ,
" अरे यार ये तो तेरे लिए बहुत अच्छी बात है , ननदोई जी सच में बहुत चालाक हैं , ...
अब वो मिली के साथ, ... तो कोई तेरे उपर शक भी नहीं करेगा की तूने भोर भिन्सारे नन्दोई जी के साथ ,...
बल्कि वो मिली के साथ ,.. उसकी भी फ़ट जाए ,... तो बोल नहीं सकती वो ,...
और तू ,... अनुज भी तो तेरे ऊपर लसता है ,..कल तुम दोनों ,... आधे घंटे तक ,... "
गुड्डो का चेहरा खिल गया ,...
" आप सही कह रही हाँ , उसने सब किया लेकिन ,... और वो कर भी देता , ... मेरी शलवार उसने खोल ही दी थी , सटा भी दिया था , उसी समय ,... कोई आ गया ,... "
" तो बस अनुज के साथ आज बचा हुआ काम पूरा कर ले ,... "
मैंने उसका गाल पिंच करते बोला।
" सुबह से चक्कर काट रहा है वो ,... "
हँसते हुए गुड्डो बोली।
और तभी मिली भी आगयी और हम तीनों नीचे ,...
सीढी पर से उतरते समय भी मिली की छेड़छाड़ जारी थी ,
" भाभी , लगता है आज भी आप सारी रात जगीं ,... "
और तो और आज गुड्डो भी ,... मिली के साथ छेड़छाड़ में जुट गयी थी , और वो भी एकदम खुल के ,... मिली को रोकने के बहाने ,
" मिली दी , ये सही बात नहीं है , रात भर आपके भइया तंग करते रहते हैं ,... एक बूँद सोने नहीं देते ,... और सुबह सुबह आप भी ,... "
" क्या भाभी , रात भर ,... क्या तंग कर रहे थे , कैसे ,... बोलिए न ,... अरे मैं आपकी ननद हूँ , ननद से क्या सरम , देखिये भइया से आप सरमातीं और गम ननदों से , ... " मेरीननद , मिली क्यों मौका छोड़ती।
आज मैं कल की तरह शरमा नहीं रही थी , खुल के इस छेडछाड का मजा ले रही थी , पर अभी भी जवाब नहीं दे रही थी .
लेकिन तब तक हम लोग नीचे आ गए , मेरी सास , बुआ सास ( मिली की माँ ) बैठी थीं , बस मैंने झुक के पहले बुआ सास की फिर अपने सास की आचंल से दोनों पैर झुक के छुए।
, "ठीक नौंवे महीने सोहर हो "
बुआ सास ने असीसा , पर मेरी सास ने मेरा घूंघट उठा के सर पर ऊपर कर दिया।
" अरे अब बहुत घूंघट वुन्घट हो गया , तुम लड़की की तरह हो , .. इतना सुन्दर चेहरा , छिपाने के लिए थोड़ी है ,.. और ननद देवर से तो घूंघट होता नहीं और तेरी सास भी अब बोलरही हैं ,... आज से घूंघट बंद। "
और सास ने बड़े प्यार दुलार से मुझे अपने बगल में बैठा लिए। उनके चेहरे की ख़ुशी देखते ही बनती थी। और मैं समझ गयी , ... उनकी आँखे सिर्फ चेहरे पर ही नहीं बल्कि मेरे ब्लाउजसे झांकते दूधिया गोलाइयों पर भी घूम रहा था। सास के बेटे की शरारत उन्हें साफ़ दिख रही थी। उनके नदीदे बेसबरे लड़के के होंठों , दांतों के निशान सिर्फ मेरे गालों , होठों पर हीनहीं , मेरे हलके हलके से झलक रहे उभारों पर भी साफ थे , और नाख़ून के निशान , कुछ पर तो मैंने नो मार्क्स लगा लगा के छिपाने की कोशिश की थी , पर ,... थे इतने ज्यादा , कुछ छूट भी गए थे।
लेकिन तब तक मेरी जेठानी भी आगयीं , और सास ने उन्हें भी वहीँ मेरे बगल में बैठा लिया ,... और उन्हें मीठे मीठे हड़काते बोला ,
" हे अपने देवर को बरजो ,... या देवरानी के सोने का इंतजाम अलग करो ,... इस बेचारी को सोने नहीं देता ,.. मैं फूल सी बहू इस लिए थोड़ी लायी थी की तेरा देवर ,... "
जेठानी की निगाहें भी प्यार से उन्ही निशानों को देख रही थीं , पर अब की वो अपने देवर की ओर से , मेरे चंपा के फूल से गालों को सहलाते दुलराते वो बोलीं ,
" काहें को मेरे देवर को दोष रहीं हैं , ऐसी शहद ऐसी मीठी बहू लायेंगी ,तो यही होगा ... तो मेरे देवर को तो छोड़िये ,... इसके देवर और नन्दोई भी सुबह से चक्कर काटते रहते हैं ,.. और मैं अलग से अपनी देवरानी को सोने का इंतजाम कर दूंगी ,... लेकिन इस बेचारी से पूछिए ,.. इसे मंजूर है ,... "
मैं घबड़ा गयी की कहीं सच में ,... फिर उस बेचारे लड़के का क्या होगा ,... इत्ती मुश्किल से ,... मेरे मुंह से अपने आप निकल गया ,... नहीं नहीं ,.. ठीक है ,...
मेरी सास के अलावा , सब लोग जोर से हंसने लगे , सास मेरे सर को सहलाते हुए , मुझे प्यार से देखते हुए जोर से मुस्करा रही थीं।
पर अब बुआ सास मैदान में आ गयीं , आखिर मेरी सास की ननद थी , मेरी सास की ओर इशारा करके बोलीं
" अपना टाइम भूल गयीं , रात आठ बजे से ही जम्हाई आने लगती थी , और दिन में भी कभी नागा नहीं होता था। "
मेरी जेठानी ने मुश्किल से अपनी मुस्कान दबायी।
अब दोनों ननद भौजाई , मेरी सास बुआ और बुआ सास चालू हो गयीं।
बुआ सास को इस बात का फरक नहीं पड़ता थी की उनकी बेटी मिली भी वहीँ बैठी थी और मेरी एक दो और ननदें , गीता और मीता भी आके बैठ गयीं थी वही मेरे बगल में।
" बहू इस घर की सारी ननदें पैदायशी छिनार होती हैं ,... "
सारी बातें , सब मजाक छेड़छाड़ मेरे बहाने ही होता था ,.. और अब मेरी जेठानी भी , ... वो क्यों मौका छोड़तीं इतना बढियाँ , बोलीं मुझसे
" एकदम , चाहे तेरी सास की हों , या हमारी तुम्हारी ,.. " मिली मीता और गीता की ओर देखते वो बोलीं।
लेकिन तबतक कुछ काम आ गया और वो किचेन की ओर मुड़ गयीं ,... और सास मुझे समझाने लगीं दिन भर के काम के बारे में ,
" आज देखो तुम्हे रसोई छूना है ,.. दस बारह बजे ,... और शाम को कल की तरह छत पर ,.. आज गाने का ,.. मैंने तुम्हारे गाने की बहुत तारीफ़ सुनी है , जारा मेरी और अपनी ननदोंका अच्छी तरह हाल चाल सुनाना ,. ... और एक बात और ,... ये जो ननदें है न इनकी बात का खुल के जवाब दिया करो , इन्हे भी तो लगे कैसी जबरदस्त भावज आयी है , .... अबतक तो तुम्हारी जेठानी अकेली थीं अब तो तुम भी आ गयी हो , एक और एक मिल के ग्यारह होते हैं। "
फिर उन्होंने मेरी ननदों को बोला की मुझे ले जाएँ , और थोड़ी देर आराम करने दें ,...
लेकिन तबतक मेरा देवर आ गया , और उसकी शामत आ गया , अनुज ,... मैं तो समझ गयी , वो मेरे चक्कर में नहीं , गुड्डो रानी के चक्कर में चक्कर काट रहा है , पर सास ने उसेही , ... हे सबेरे सबेरे , भाभी के चक्कर में,...
" नहीं नहीं मैं तो ,... " वो बेचारा घबड़ा गया , और कोई झूठ मूठ का काम बता दिया ,
पर लड़कियां इन सब मामलों में लड़कों से बहुत तेज होतीं हैं , और गुड्डो ने बात सम्हाल ली ,
' अरे मैं बताती हूँ चलो ,... " उसे लेकर छत की ओर चल दी।
बड़ी मुश्किल से मैंने मुस्कान रोकी। सुबह यही तो मैंने समझाया था उसे , पहला मौका मिलते ही अनुज के साथ ,...
' गृह प्रवेश ' के अलावा सब कुछ तो कर लिए था कल अनुज ने उसके साथ ,...
और ननदें मुझे लेकर अपने कमरे की और ,...