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Is kahani ko aage padiyega to pata chal jaayega abhi se aage ka kissa bata ke maja nahi kharab karungiBanaras ka kya??? Me to uska intjar kar rahi hu. Koi advetaizment meri post pe bhi dalo.
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Me to banaras ke lie betab hu. Bas start hone do.Is kahani ko aage padiyega to pata chal jaayega abhi se aage ka kissa bata ke maja nahi kharab karungi
Vah ri komaliya. Lagta he dewar ki to gang bhang hi hogi. Mirch ki 5 goli. Or fir thandai jisme teen ke barabar bhang dali. Pahele pyasa banao fir pyas bhujao. Or bad me vese hi nach nachaoठंडाई
मैं काउंट कर रही थी , दो गोलियां , हर गुझिया में तो ये छह गोली , कुछ देर में ही इस स्साले की सारी सरम झिझक इसके पिछवाड़े घुस जायेगी
लेकिन मेरी सास न , वो दूर बैठी सुपाड़ी क़तर रही थीं , उनकी आँखे हम भौजाइयों की हरकतों पर चिपकी थीं ,
और उन्हें इतने से संतोष नहीं मिला , समझ तो वो भी रही थीं ये तीनो गुझिया नहीं भांग के गोले थे , पर ,...
मुझे उकसाया उन्होंने
,
" अरे दुल्हिन ( मुझे पहले दिन से ही वो सिर्फ दुल्हिन कहती थीं और आज तक वही ) खाली तुम सब खिलाये जा रही हो , कुछ पिलाओ तो ठंडाई थोड़ी सी "
पर मं कुछ बोलूं , उसके पहले वो स्साला उचक गया , मेरे हाथ जोड़ते हुए बोला ,
" प्लीज भाभी , ठंडाई नहीं , इसमें जरूर भांग मिली होगी और ,... "
" अच्छा चलो देवर जी तेरी बात ही सही , बल्कि तेरी बुआ जी कह रही थीं , लेकिन दहीबड़ा तो खा लो , पक्की कसम से इसमें जरा भी भांग नहीं पड़ी है , मैंने खुद बनाई है , मेरी कसम , गारण्टी ,... "
सच में उसमें भाग नहीं पड़ी थी , पर उसमे क्या पड़ा था सिर्फ कोमल को मालूम था , कम्मो को भी नहीं , ...
उसने हाथ बढ़ाया , तो मैंने उसका हाथ पकड़ के रोक दिया ,
" ये न सब एलवल वाले , वालियों की बुरी आदत है , अपना हाथ इस्तेमाल करने की , अरे तीन तीन भौजाइयां सामने खड़ी हैं , फिर भी अपना हाथ ,"...
" और हाथ इस्तेमाल करना है तो भौजाई के साथ , बहुत चीज है बहुत जगह करो न कौन मना करता है , ... "
कम्मो बोली और उस का आँचल ढलक गया ,
३८ डी डी के कड़े बड़े बड़े चोली फाड़ते जोबन , मैंने बताया था न ब्रा पैंटी वो पहनती नहीं थी , और आज तो ब्लाउज भी एकदम लो कट ,... जोबन से चिपका ,
और कल यही जोबन देवर जी ने जम के ब्लाउज फाड़ के असली देवर की तरह जम के मसला रगड़ा था
अनुज का मुंह खुला रह गया और मेरी उँगलियों में फंसा दहीबड़ा देवर जी के मुंह में , एक बार में पूरा ,
बस एक पल
और वो चीख भी नहीं पा रहा था आँखे लाल , पानी निकल रहा था , बस बार बार मुंह खुल रहा ,
न सिर्फ उसकी भौजाइयो बल्कि मेरी सास भी मुस्कान रोक नहीं पा रही थीं ,
" अच्छा है न देवर जी , गुड्डी के गाल ऐसा मुलायम , .... और चाहिए , ... "
अब सब को पता चल गया था , दहीबड़े का कमाल
कोमल का कमाल , ...
उसमें भांग नहीं पड़ी थी , लेकिन खूब तेज लाल कटी मिर्चें पांच पूरी की पूरी , ..आधी ही काफी होती थी और ऊपर से लाल मिर्च भी मैंने छिड़क दिया था ,
वो ग्लास की ओर इशारा कर रहा था बार बार ,
"अच्छा ठंडाई पीने का मन कर रहा है तो लीजिये न , मैं तो देने को तैयार थी आप ही मना कर रहे थे "
बड़े भोले पन से आँख नचाते मैं बोली,
और ग्लास भी जो गन्ने के रस की दूकान पर अमिताभ बच्चन के नाम से मिलता है न वो वाला
चुहुक चुहुक कर वो पी रहे थे और मैं कम्मो की ओर देख कर मुस्करा रही थी ,
दहीबड़ा तो मैंने बनाया था लेकिन ठण्डाई कम्मो की करामात थी ,
जितनी तीन गुझिया में उसने भांग घोंटी थी , उससे ज्यादा कम्मो स्पेशल में थी , मेरे सामने ही तो डाली थी उसने।
मैंने आखिरी बूँद तक पिला के ही ठंडाई का ग्लास हटाया , ....
" क्यों देवर जी मिर्च थोड़ी ज्यादा हो गयी थी क्या मैंने तो सिर्फ पांच ही डाली थी ,... "
बड़े भोलेपन से ही आँखे नचाते मैं बोली ,
ठंडाई से मिर्चों का असर तो ख़तम हो गया था और भांग का असर शुरू होने में पंद्रह बीस मिनट लगता है जबतक आंगन में देवर भाभी की होली शुरू होती।
और भांग खाली उस चिकने ने नहीं खायी थी ,
उसके पहले हम सबने , ... हालांकि उतनी नहीं , उसने तीन भांग की गुझिया और तीन भांग की गुझिया के बराबर , भांग पड़ी कम्मो भौजी स्पेशल ठंडाई पी थी।
सुबह सुबह , और कौन मेरी सासू जी , इनकी माँ , ...
लेकिन उनको काहें दूँ , गलती मेरी ही थी , सुबह सुबह फगुआहट चढ़ी थी , उन्होंने पूछा दुल्हिन गुझिया ज़रा चिखाओ और मैंने मुस्कराते हुए वही डबल भांग वाली उन्हें थमा दी , पर मेरी सास , पुरानी खिलाड़न , चखते ही उन्हें अंदाज़ हो गया , खोआ कितना और भांग कितनी , और बड़े दुलार से अधखायी , आधी गुझिया मेरे मुंह में ,
और मैंने जेठानी जी के साथ भी यही ट्रिक अपनायी तो उन्होंने भी आधी मेरे मुंह में , कम्मो ने तो बिना ना नुकुर के , तो मैं , मेरी जेठानी और कम्मो तीनों पर थोड़ी बहुत , जेठानी जी को सास जी ने भी ,
और फिर जब हम देवर राजा को पकड़ के आँगन में ले गए तो वो ऐसा चिल्ला रहा था जैसे किसी नयी नवेली का गैंग बैंग होने वाला ,
ये स्साले एलवल वाले , इनके ननिहाल वाले , चाहे वाले या वालियां ऐसे चीखते /चीखती हैं ,
लेकिन चीखने से छोड़ दें , डालने वाले , तो किसी कुँवारी की चूत फटे , न किसी लौंडे की गाँड़ मारी जाए , ...
और हम भी छोड़ने वाले नहीं थे , ...
Rajau hathiyar chhupaike lail bani.देवर अकेला भाभियाँ तीन
ये स्साले एलवल वाले , इनके ननिहाल वाले , चाहे वाले या वालियां ऐसे चीखते /चीखती हैं ,
लेकिन चीखने से छोड़ दें , डालने वाले , तो किसी कुँवारी की चूत फटे , न किसी लौंडे की गाँड़ मारी जाए , ...
और हम भी छोड़ने वाले नहीं थे , ...
" भाभी आप तीन मैं अकेला " पहले तो उस स्साले चिकने ने न्याय की दुहाई दी पर कम्मो ने न सिर्फ जवाब दिया बल्कि अर्था अर्था के समझा भी दिया
" और उ जउन तोहार बहिनिया हैं , गुड्डी छिनार , उ तो घोंटती हैं तीनों ओर से , बुरिया में कउनो लंड डाल के , कउनो ओकर गाँड़ में और कउनो क लंड चूसत होइहैं एक साथ , ... "
" सही बात , और अभी तुमसे उम्र में छोटी भी है कुछ शरम करो , और मान लो अभी तक एक साथ तीन नहीं तो असो की होलिका माई का आशीर्वाद रहा तो जल्दी घोंटेंगी वो तीनों छेद में एक साथ "
मैंने बोला और अपनी ननद रानी का भविष्य लिख दिया ,
और तबतक जेठानी ने कुछ इशारा किया मुझे और फिर मैं और कम्मो एक साथ ,
आज वो पूरी तैयारी से आया , और कम्मो ने पहले तो जींस की दोनों जेबों को खाली किए , रंग , पेण्ट की ट्यूब , और पीछे की जेब में भी ,
और जेठानी जी की तेज आँखों ने हल्का सा फूला पेट देख लिया ,
और बस उनकी आँखे मेरी आँखे मिली और मैंने वहां भी हाथ मार दिया , सीधे चड्ढी के अंदर असली चीज थी , ..
नहीं वो वाली नहीं , एक पैकेट में उसमें एक पक्के वाले रंग , जो हफतों नहीं छूटते , प्रिंट वाली श्याही की ट्यूब , ...
सारा हरबा हथियार हम लोगों के कब्जे में , इससे तो हम लोग दिन भर होली खेल सकते थे , मैंने और कम्मो ने आपस में बाँट लिया और गुलाबी रंग की दो पुड़िया उसे भी पकड़ा दी ,
" ले ले यार तू भी , वरना कहेगा की भाभियों ने बेईमानी की। "
मैं हंस के बोली और उस को एक रास्ता भी सुझाया
"सुन तुम तीन तीन कह रहे हो , तो तेरी बड़की भाभी , बड़ी हैं इसलिए गले तक इनका , ... "
" और कमर से नीचे वाले से मैं काम चला लुंगी "
कम्मो चालाक असली चीज पर उसने पहले पहले हाथ साफ़ कर लिया।
" चल यार बाकी बचे से मैं काम चला लुंगी , बोलो मंजूर है न , .. और तुम हम तीनो पर पूरा तुम्हे तो फायदा है देवर जी "
मैं उसे बतियाने में लगाए थी कम्मो और उधर जेठानी जी हाथ में रंग पोत रही थीं ,
उनक फेवरिट बैंगनी , बस जब तक देवर जी समझे , उनके चिकने गाल उनकी बड़ी भाभी के हाथों में
कम्मो और मैं आंगन के दूसरे कोने में चले गए , कल हमने और कम्मो ने कुछ तो रगड़ाई कर ली थी , आज जेठानी जी कुछ रस ले लेती इस चिकने लौंडे का तो हम लोग मैदान में आतीं
पर कुछ देर में बाजी पलट गयी थी , भाभी के गाल देवर के हाथों में थे और कुछ अपने हाथ में लगे रंग से , कुछ गालों में लगे रंग से अनुज रगड़ रहा था
मैं आगे बढ़ी पर कम्मो ने इशारे से मुझे रोक दिया ,
मैं समझ गयी उसकी बात। कुछ देर जेठानी जी भी नए माल का मजा ले लें।
Abhi to party shuru hui he devar ji. Abhi to fategi. Or charrrr... Si aavaj aaegi.कम्मो
देवरों के लिए कम्मो चील ही तो थी , ... और खूंटा कम्मो की मुट्ठी में , लेकिन अभी ही भी कस के दबा रही थी ,कभी ऊँगली खोल दे रही थी
तो कभी हलके हलके मुठिया देती थी ,
जैसे डरते डरते कोई दर्जा ८ - ९ का लड़का अपने दोस्तों के कहने पर बाथरूम में मैं पहली बार हैंडप्रैक्टिस कर रहा हो ,
पर चड्ढी के अंदर कितनी देर तक चोर सिपाही होता , न कम्मो को को पसंद था फिर मैं भी तो थी , जींस मैंने सरकायी , चड्ढी कम्मो ने
और खूंटा बाहर ,
और अब मैंने और कम्मो ने बाँट लिया ,
पहले तो एक झटके में मैंने चमड़े को खींच दिया और मोटा पहाड़ी आलू ऐसा सुपाड़ा बाहर ,
सुपाड़ा मेरे हिस्से में और बाकी का कम्मो के कब्जे में।
मैं अंगूठे से पहले उसे सहलाती रही , फिर तर्जनी से अचानक उसके पी होल ( पेशाब के छेद ) को छेड़ने लगी , सुरसुराने लगी , ... और उसके बाद मेरा लम्बा नुकीला नाखून मेरे देवर के पेशाब के छेद में ,
कम्मो का हाथ अब देवर जी की बॉल्स को सहला रहा था ,
और मेरी दो तीन अंगुलियां उसके सुपाड़े को
वो गिनगीना रहा था , छटपटा रहा था , पर गिनगीनाने और छटपटाने से किसी लड़की को कोई लड़का छोड़ देता है क्या , ... तो हम दोनों भौजाई इस नयी नवेले को क्यों छोड़ती ,
मेरी और कम्मो की अंडरस्टैंडिंग परफेक्ट थी , ... सुर ताल दोनों परफेक्ट ,
और अब हम दोनों जैसे दो ग्वालिनें मिल के दही बिलोड़ें , उस मोटी मथानी को हम दोनों ने मिल के ,
और तभी मेरी निगाहें बरामदे में बैठी सुपाड़ी काटती मेरी सास पर पड़ी ,
साफ़ था , वो देख रही थी की कैसे मैं और कम्मो मिल के मथानी चला रहे थे ,
थम्स अप , नहीं उस जमाने के हिसाब से आल क्लियर दिया उन्होंने जबरदस्त आँख मार कर ,
मानो कह रही हों लगी रहो मुन्नी बाई ,
और तबतक जेठानी भी , किचेन से लौटकर , और उन्होंने एक जबरदस्त होली का गाना लगा दिया
और मैंने और कम्मो ने जबरदस्त ग्राइडिंग शुरू कर दी , ...
मैं पीछे से कम्मो आगे से
जैसे होली में किसी नई ब्याही की देवर ,नन्दोई मिल के सैंडविच बना रहे हों , ...
मैं पीछे से गाँड़ मार रही थी और कम्मो उसकी बुर चोद रही थी ,
भांग का पूरा असर हो रहा था ,
और वो भी अब खुल के साथ दे रहा था ,
हाँ उस की मथानी अभी भी मैंने नहीं छोड़ी थी , मैं और कम्मो मिल के उसे जबरदस्त मुठिया रहे थे ,
कम्मो ने मुझे कस के पकड़ के भींच लिया था मैंने कम्मो को , एक एक हाथ खूंटे पे और दूसरे से हम दोनों एकदूसरे को पकडे
सच में उसकी हालत सैंडविच से भी खराब हो रही थी , आठ दस मिनट तक ,
लेकिन मैंने कुछ कम्मो के कान में फुसफुसाया , ... और वो समझ गयी ,
जबतक हम लोग लगे रहेंगे जेठानी जी मैदान में नहीं आएँगी ,
और हम दोनों ने तो कल भी इस लौंडे का रस लिया था जेठानी जी कितना बोल रही थीं तुम दोनों अकेले ,
पहले कम्मो हटी , शेर को फिर से पिजड़े में कर दिया ,
Hmmm or do gunjiya khilao. Tabhi hichak dur hogi. Bhabhiyo ke joban dabane se sharma raha he. Gunjiya khaega. Dabaega bhi or pichhvada marwaega bhi.बड़ी भाभी,- जेठानी फिर से
लेकिन मैंने कुछ कम्मो के कान में फुसफुसाया , ... और वो समझ गयी ,
जबतक हम लोग लगे रहेंगे जेठानी जी मैदान में नहीं आएँगी ,
और हम दोनों ने तो कल भी इस लौंडे का रस लिया था जेठानी जी कितना बोल रही थीं तुम दोनों अकेले ,
पहले कम्मो हटी ,
शेर को फिर से पिजड़े में कर दिया ,
जेठानी जी आ गयी तो कुछ देर तक मैं उनका साथ देती रही , फिर अनुज को उनके हवाले करके मैंने बहाना बनाया ,
जरा बाल्टी में रंग घोलती हूँ , पुताई तो बहुत हो गयी इसकी लेकिन रंग भी
मैं और कम्मो आंगन के एक किनारे बैठी जेठानी जी कर देवर की होली देख रही थी और वही हुआ , जो हम चाहते थे ,
जेठानी जी ने भी मेरे और कम्मो की तरह अपना आँचल कमर में बाँध रखा था , ब्लाउज साफ़ खुला और दोनों उभार देवर को चैलेन्ज करते है हिम्मत ,
आओ दबा लो ,
अनुज ने हिम्मत भी की लेकिन ,
मेरा तो मन कर रहा था दस गाली दूँ उस बहन के भंडुए , गांडू को ,
कम्मो तो एकदम अलफ़ वो तो बोलना शुरू कर देती , लेकिन मैंने ही रोका , ... हाथ तो देवर राजा ब्लाउज के ऊपर से ,
छू भी रहा था , सहला रहा था , ...
जेठानी जी छुड़ाने की कोशिश कर रही थीं पर पीछे से होली में कोई देवर , नन्दोई अँकवार में भर ले तो छुड़ाना कितना मुश्किल होता है वो तो हर भाभी , सलहज को मालूम होता है ,
भले अनुज न समझ पा रहा हो , आंगन में बैठी हम दोनों उनकी देवरानियां समझ रही थी , मन उनका भी कर रहा है ,
पर देवर एकदम बुद्धू
जैसे सुहाग रात के दिन कोई दुलहन मारे लाज के बहाने बनाये , अभी नहीं और दुलहा मान जाए ,... अच्छा चल सो जाते हैं ,
पहल तो अनुज को ही करनी अनुज बेचारा ललचा तो बहुत रहा था , मन उसका बहुत कर रहा था , लेकिन हिम्मत नहीं कर पा रहा था ,
जेठानी जी के चिकने गालों से फिसलकर , उनके गले तक तो वो रंग लगा ले रहा था , पर ब्लाउज के अंदर हाथ डालने की उस बेचारे की हिम्मत नहीं पड़ रही थी ,,
कम्मो मुझसे दबी आवाज में गुस्से में बोली ,
" यार , गलती हम दोनों की है , कल इस स्साले की यहीं आँगन में पटक के गाँड़ हम दोनों मार लेते न तो बस सारी शरम लिहाज इस भोंसड़ी वाले , गंडुए की गाँड़ में पेल देती , अइसन कोई भौजी से होली खेलता है , ... "
बात कम्मो की एकदम सही थी , जेठानी मेरी और कम्मो की खुल्ल्मखुल्ला होली अभी थोड़ी देर पहले देख चुकी थीं , मन उनका भी बहुत कर रहा था , पर देवर से कैसे कहें , मेरा जोबन दबाओ स्साले भोंसड़ी के , ... क्या इधर उधर , ...
लेकिन मैं और कम्मो कर क्या कर सकते थे , ... सिवाय उस स्साले को गाली देने के ,
दस मिनट तक अनुज ब्लाउज के ऊपर से ,...
मेरी सास भी बरामदे में बैठी थीं और अंत में उन्होने ही सही फैसला लिया , वो भी समझ में रही थीं अब मामला इससे ज्यादा आगे बढ़ने वाला नहीं था
इंटरवल
"अरे ज़रा सा दूयी ठो गुझिया खियाई के इतने देर से बेचारे की रगड़ाई कर रही हो तुम तीनो , तानी कुछ खाई पी लो , ओकरे बाद , न तो कही देवर भाग जा रहा है न तुम लोग "
एक बार फिर से भांग वाली गुझिया , ठंडाई , भांग वाली बर्फी ,...
लेकिन इंटरवल का इस्तेमाल हम दोनों ने स्ट्रैटेजिक सेशन के लिए किया ,
Ab aaega matlab pe. Are dewarji tumhari bhabhiya ka dill bhi unke joban ki tarah hi bada he.इंटरवल के बाद
एक बार फिर से भांग वाली गुझिया , ठंडाई , भांग वाली बर्फी ,...
लेकिन इंटरवल का इस्तेमाल हम दोनों ने स्ट्रैटेजिक सेशन के लिए किया ,
क्या गाली दिया कम्मो ने उसे ,
जैसे अगर कोई बैट्समेन आई पी एल का टी २० टेस्ट मैच की तरह खेल रहा हो और स्टेट्जिक ब्रेक में कैपटन और कोच मिल के बिना तेल लगाए उस की गाँड़ मार लें , माँ चोद दे , एकदम उसी तरह ,...
वो बहाना बनाता रहा , कहीं भाभी बुरा न मान न जाये , कहीं गुस्सा न हो जाएँ , ...
पर कम्मो हड़काती रही , गरियाती रही ,
"साले बहिन चुदाने आये हो या होली खेलने , या भौजी से होली खेलने , कुछ तो गाँड़ में दम होना चाहिए , अगर भाभी की चूँची दबाने में होली में गाँड़ फट रही है , तो होली खेलने आना ही नहीं चाहिए था , जा के बच्चों के साथ पिचकारी वाली होली खेलते , .."
पर मेरी वार्निंग ने काम किया ,
" देख बहनचोद , अगर इंटरवल के बाद , मेरी जेठानी के ब्लाउज में हाथ नहीं घुसा न ,... बस मेरे कर कम्मो के साथ होली खेलना भूल जाओ , न आज , न इस होली में न कभी , पक्का बोल रही हूँ , ... इंटरवल के बाद बस मैं पांच मिनट वेट करुँगी , ... उसके बाद , ...
अब वो सीरयस हो गया
और कोच की तरह मैंने उसे स्ट्रेटजिक सलाह भी दे दी ,
देख , और छिप छीपा के नहीं , सब बटन खोल के , और तुम पीछे से तो पकड़ते हो , उनकी ब्लाउज के सब बटन आगे ही तो हैं , बजाय पहले ब्लाउज पे रंग लगाने के , आराम से धीमे धीमे बटन खोल दे , उसके बाद अगर तुम ब्लाउज के ऊपर से भी रगडोगे तो अपने आप ब्लाउज खुल जाएगा ,... और एक हाथ ऊपर से डालो , बस वो हाथ अपना बढ़ाएंगी रोकने के लिए तो दूसरा हाथ जो पेट पर उसे नीचे से , बटन तो पहले से ही खुले रहेंगे , बस लगा दो सेंध , और तेरे हाथ में भौजाई क जोबन , बस रंग लगाओ , जो करो , ...
लेकिन बस पांच मिनट में ,... अगर दोनों तेरी मुट्ठी में नहीं हुए न तो बस मैं और कम्मो , होली छोड़ कर ,...
असर उसका हुआ ,
फिर कम्मो ने मुझे आइडिया दिया और जेठानी जी को लेकर हम दोनों स्टोर रूम में पहुंचे , मैंने दरवाजा उढ़काया ,
कम्मो ने जेठानी के हाथ दोनों पकडे , ..
और मैंने ब्लाउज खोल दिया ,
और ब्रा के पीछे से हुक , ... जब तक वो समझतीं ब्लाउज ब्रा दोनों बाहर ,
हाँ ब्लाउज मैंने उन्हें फिर से पहना दिया , हाँ ब्लाउज उतारने पहनाने में जेठानी जी के ब्लाउज की दो बटनें मुझसे टूट गयीं , सबसे ऊपर और सबसे नीचे वाले ,
अब सिर्फ दो बटनों के सहारे ब्लाउज बस उनके जोबन पर टिका हुआ था
वो चीखी चिल्लाईं , ... पर मैं उन्हें समझाया कुछ सच कुछ झूठ
देखिये वही हम लोग आपके देवर को समझा रहे थे , वो तो एकदम , कह रहा था आप सब तीन तीन फिर मुझे आप सब ने मिल के टॉपलेस कर दिया
जेठानी जोर से मुस्करायीं ,
मैंने देवर की वो शिकायतें जो उसने कत्तई नहीं की , और आगे बढ़ाई , ... " वो बोल रहा था , मैं तो सिर्फ जींस और चड्ढी और आप सब पांच पांच ,
कम्मो ने गिना दिया , साडी ब्लाउज ब्रा पेटीकोट पैंटी , ...
मैंने देवर से हुए सो काल्ड समझौते की बात उन्हें सूना दी ,
" तो मैंने उससे कहा चल यार तू छोटा है तेरी बात मान लेते हैं , इंटरवल के बाद एक हम भी कम कर देंगे , और जहाँ तक टॉपलेस करने की बात है , हम ने तुझे जबरदस्ती की , तो तू भी करदेगा तो हम बुरा नहीं मानेगें , इसलिए हम लोगो ने तय किया की ब्रा हटाने से क्या उसकी बात भी रह जायेगी ,
जेठानी ने सिर्फ एक शर्त रखी ,
" तो चल तू भी उतार दे ब्रा अपनी , ये नहीं की "
उनकी बात ख़तम होने के पहले ही मैंने उतार दी और अपनी बैकलेस स्ट्रिंग खूब लो कट चोली जो मेरे उभारों को सिर्फ सपोर्ट दे रही थी , और उभार रही थीं , एकदम जोबन से चिपकी ,
कम्मो ने साफ़ किया , वो न तो ब्रा पहनती है न पैंटी
और इंटरवल के बाद सास ने एक बात कही जो एकदम हमारे प्लान के हिसाब से थी ,
चलो अब थोड़ी देर , एक एक के ,
तुम तीनो मिल के
Abhi to bahot jaan baki he teri bhoiji me. Bas thoda sa intjar karo. Jaha jaha hath gae he vo badme bhi ehsas rahega. Bura na mano holi heमस्ती -होली की
और इंटरवल के बाद सास ने एक बात कही जो एकदम हमारे प्लान के हिसाब से थी ,
चलो अब थोड़ी देर , एक एक के , तुम तीनो मिल के
बस अबकी जेठानी जी और ,...
अबकी अनुज ने पांच मिनट में ही ब्लाउज के अंदर हाथ डाल दिया , बटन भी दो ही खोलनी थी
अब लग रहा था देवर भाभी की होली , ... और क्या मस्त , पहले वो रंग लगाने के बहाने वो हल्के हल्के सहलाता रहा छु रहा था
जेठानी के दोनों उभार पत्थर हो रहे थे , और उसके बाद अनुज ने क्या मस्त निप्स फ्लिक किया बस अपनी तर्जनी से जैसे कोई सितार के तार छेड़ रहा हो ,
जेठानी गरमा रही थीं , पनिया रही थीं , और अब सब बहाने छोड़ के ,
अनुज खूब खुल के उनकी दोनों चूँचियां मीज रहा था , रगड़ रहा था मसल रहा था ,
खूंटा उसका एकदम खड़ा था और जेठानी के पिछवाड़े से लग रहा था बस जींस फाड़ के उसका मोटू आज जेठानी की गाँड़ मारे बिना छोड़ेगा नहीं ,
यही तो मैं और कम्मो चाहते थे ,
साथ साथ धर धर पकड़ नहीं होनी थी लेकिन रंग वंग तो बस बाल्टी में रखा लाल रंग उठा के मैंने अनुज के ऊपर फेंका ,
पर वो चतुर चालाक , उसने जेठानी जो को पकड़ के सामने कर दिया , और सारा रंग जेठानी जी के ब्लाउज पर , बटन तो पहले ही कुछ टूट गए कुछ खुल गए थे , बस पानी का जोर ब्लाउज एकदम खुला और आधी बाल्टी रंग उस खुले जोबन पर ,
किसने कहा देवरानी जेठानी की होली नहीं होती , फिर ऐसा देवर जो अब एकदम हमारी बात मान रहा था ,
कम्मो ने दूसरी बाल्टी , और अब की जेठानी जी की जाँघों के ठीक बीच , साड़ी पेटीकोट सब देह से चिपक गया , ...
और अब जब मेरा नंबर आया तो , एक बार फिर देवर का नंबर मैंने ज्यादा रेजिस्ट भी नहीं किया , फिर स्ट्रिंग चोली खुलने में कितना टाइम लगता है , बिकनी टॉप की तरह
पांच मिनट के बाद मेरी चोली आंगन में थी और मेरे उभार देवर के हाथों में , और क्या मस्त ,...
लेकिन मुझसे जीतना इसना आसान नहीं था , मैं अपने भाभियों की ट्रेन की , गाँव की होली वाली ,
पांच मिनट तक जितना रंग अनुज के आपस सब उसने मेरे उभारों पर लगाया फिर मौका पाके मैंने उसी आंगन में गिरा दिया , और उसके ऊपर चढ़ के , मेरे उभार के सारे रंग उसकी छाती पर ,
मैं उसके ऊपर चढ़ी थी , मैंने दोनों घुटने उसके हाथों पर , अब वो अच्छी तरह पिन , जैसे डब्लू डब्लू इ वाली रेसलिंग में लड़कियां करती हैं , मैं बहुत देखती थी
एक बार मैंने अपनी साडी से दोनों उभार कस के बाँध लिए , हाँ इस चक्कर में देवर राजा को दो मिनट की पूरी झलक मिल गयी भौजाई के जोबन की , ...
कम्मो ने पेण्ट की एक ट्यूब उछाल दी मेरी ओर और मैंने कैच कर लिया , बस आराम से पक्का पेण्ट दोनों हाथों में लगाया ,
थोड़ा उसके गालों पर , और फिर उसके टिट्स पर , सीने पर ,
" हे तुमने तो खाली ऊपर वाले का मजा लिया था न लेकिन ज़रा एक बार , कम्मो के साथ मिल के तो लेकिन अभी अकेले ,... "
और जींस की बटन खुली , ज़िप खुली ,चड्ढी सरकी ,
और वार्निश की एक पूरी ट्यूब मैंने अपनी हथेली पर खाली कर दी , और सीधे चड्ढी के अंदर
आराम से पांच मिनट तक एक एक कोना , गोल्डन पेण्ट , .... पूरा खूंटा , बॉल्स सब कुछ
" जा के अपनी बहिनिया से चुसवाना तभी छूटेगा ,... "
लेकिन इस चक्कर में उसके हाथों पर पकड़ थोड़ी धीमी हुयी उसने मुझे पुश किया , मैं आंगन में गिरी लेकिन वो मेरे ऊपर आता , मैं खड़ी हो गयी
पर तब तक उसने पीछे से मुझे पकड़ लिया और अबकी वो भी कमर के नीचे ,
जेठानी जी के ब्लाउज की बटने खुली थीं ,
मेरी चोली आंगन में पड़ी थी
पर कम्मो की तो उसने चिथड़े चीथड़े , जैसे हम लोगों ने उसकी बनियाइन फाड़ कर दस टुकड़े किये थे एकदम उसी तरह ,
पर कम्मो ने भी उसकी जींन्स सरका के घुटने तक , फिर अगवाड़े पिछवाड़े ,
सास हम लोगों को दो तीन बार टोंक चुकी थी अरे दो बज गए हैं , खाना वाना खा लो , ...
लेकिन होली ख़तम होने के पहले मैंने और कम्मो ने आँखों में तय किया और
HOLI mera priya subject raha hai chaahe devar bhabhi ki ho ya Jija saali ki ya nandoyi slahj kiRajau hathiyar chhupaike lail bani.
Tere hathitar se tujpar hi var dewarji
Maza aa gaya. Shararat dewarse ho to esi. Abhi to bhang bhi asar dikhaegi