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और अगले दिन आ गया मेरी दुर्गत करने वाला , ... वही जिसके बिना जीना दूभर होता था ,
पर इस बार मेरी कुछ ज्यादा ही दुर्गत हुयी , ... और ससुराल में नयी दुल्हन की दुर्गत करवाने में किसका सबसे ज्यादा हाथ होता है , बस उन्ही दोनों का हाथ इस बार भी था ,
मेरी सासू और ननद , ....
इस बार बंगलौर से चलने के पहले ही उन्होंने खुशखबरी सुना दी थी , बंगलौर से बनारस की सीधे फ्लाइट मिल गयी है , और कैंसिल भी नहीं है , दो बजे की फ्लाइट चार बजे तक बाबतपुर , ( बनारस का हवाई अड्डा ) और वहां से दो ढाई घंटे में , यानी छह , साढ़े छह बजे तक घर , ...
और लौटेंगे भी वो लेट , ... इस बार कोई प्रॉजेक्ट रिपोर्ट लिखने का चक्कर नहीं है ,
एक शाम की छह बजे की नयी फ्लाइट है तो वो वेब बुकिंग करा लेंगे तो डेढ़ दो बजे निकलने से भी टाइम पर पहुँच जाएंगे ,
मेरे मन में इतनी खुशी हुयी की क्या कहने ,
पिछली बार , आधी रात को आये थे ठीक बारह बजे , और बारह घंटे में ही निकल गए , ... अगले दिन बारह बजे ,...
और बदमाश ,... उतनी देर में रगड़ के रख दिया , पूरे छह बार ,.... इस बार तो ,
मैंने जल्दी से जोड़ा , ... करीब बीस घंटे , ... और अगर नौ बजे हम ऊपर मिले तो भी सत्रह घंटे , ...4
मन तो कर रहा था उड़ के अभी आ जाएँ वो पर मैंने मन की बात मन में रखते हुए उनसे कहा ,
" सुनिए अपना ध्यान रखियेगा , और पिछली बार की तरह नहीं , बंगलौर एयरपोर्ट पर कुछ खा लीजियेगा। "
जेठानी और सास दोनों मेरे बगल में खड़ी कान पारे , ... मेरी सास से नहीं रहा गया , पूछ ही लिया ,
' कब तक आएगा , ... "
" चार बजे तक बनारस और छह साढ़े तक यहाँ "
मैंने बोला अपनी ख़ुशी छुपाते हुए , ...
और जेठानी मेरी मुझे देख कर मीठी मीठी मुस्करा रही थीं।
मेरी सास ने जेठानी को रात के डिनर की पूरी लिस्ट बता दी और ये भी की खाना जल्दी , ...
मैंने हाथ बटाने की पेशकश की तो सास और जेठानी दोनों ने मुझे ऊपर मेरे कमरे में खदेड़ दिया ,
और बोल भी दिया , खबरदार पांच बजे से पहले नीचे मत उतरना ,
सास थोड़ी दूर हुईं तो जेठानी ने मुझे समझाया भी हड़काया भी अपने देवर के बारे में बोलकर , ...
अरे वो तो रस्ते में टैक्सी में , जहाज में सो लेगा और तू भी आने के बाद ,... पांच दिन से इन्तजार कर रही थी ,...
मैंने भी , .... बिना किसी बहाने के ऊपर अपने कमरे में ,
सच में नींद भी गहरी आयी घोड़े बेच के ऊप्स मेरा मतलब ननदें बेच के ,...
चार बजे , उन्ही का फोन था , ... बनारस पहुँच गए थे और टैक्सी में वो बैठ गए हैं।
खुशी के मारे हालत खराब थी , बोलते नहीं बन रहा था लेकिन तब भी मैंने पूछ लिया , कुछ खाया की नहीं , ...
गनीमत थी मेरी कसम का असर हुआ अबकी उन्होंने कुछ नूडल वूडल खा लिया था ,
मन तो कर रहा था की नीचे जा कर तुरंत सासू जी को बोलूं , लेकिन उन्होंने और उनसे ज्यादा जेठानी ने , पांच बजने से पहले नीचे न उतरने की शर्त लगा दी थी ,
कुछ देर सोचती रही , ... फिर उनकी फेवरिट चोली घाघरा , एकदम देहाती मार्का , ... मुझे मालूम था उन्हें देहाती माल पसंद हैं और देहाती लुक भी ,...
कभी चलेंगे न अपनी ससुराल तो एक से एक देहाती माल मिलेंगे उन्हें , हर उमर के , हर शेप और साइज के।
( बल्कि चोलीही उनका फेवरिट , चोली के ऊपर चुनरी हो या साड़ी तो मैं कमरे में पहुँचते ही उतार देती थी , लो कट , बैकलेस स्ट्रंग कच्छी चोली कट , ) चोली ने कस के मेरे उभारों को दबोच रखा था और थोड़ा पुश अप होने से क्लीवेज भी खूब खुल के दिख रहा था , पहले सोचा की ब्रा पहनूं की नहीं , फिर सासू जी की सोच के , पहन लिया , लेकिन फ्रंट ओपन , पुश अप , फिर उनकी फेवरिट डार्क स्कारलेट लिपस्टिक , ( आते ही वही तो खाएंगे ) और मांग भर के सिन्दूर ,...
अभी भी पंद्रह मिनट बाकी थे , बस मेरे मन में एक शरारत आयी ,... और कौन उनका माल , ... गुड्डी , उसे फोन लगाया ,
लेकिन उसके पहले जो उसकी ब्रा पैंटी जब्त की थी , उसकी फोटो खींची और उसे पलंग पर बिस्तर के नीचे दबाया , और उनके खूंटे की एक फोटो ननद रानी को व्हाट्सऐप की और मेसेज भी , अभी आ रहा है , ..कल संडे को बारह बजे ,
मैं गुड्डी को फोन करती उसके पहले उसका फोन आ गया , मैंने तो पहले बहुत देर तक चिढ़ाया , ... वो कौन छोड़ने वाली थी , ... बोली भाभी तैयार हैं ,... अंत में वो मान गयी कल आएगी ,
और पांच बजे मैं नीचे उतर गयी ,
कोई भी हार्न बजता लगता की वो आगये , ...
पर मुझसे ज्यादा मेरी सासउन्हें जल्दी थी , ... वो और जेठानी जी , ... उन दोनों लोगों ने खाना आलमोस्ट बना के रख लिया था ,
उनका फोन आया की अभी चंदवक पार कर रहे हैं ( मतलब एक घंटा और ) और सासु जी जेठानी जी के पीछे पड़ गयीं , दाल में तड़का डाल दो वो बस आने वाला होगा , सुबह से कुछ खाया पिया नहीं , सुबह से भूखा होगा , ...
जेठानी जी ने चिढ़ाती आँखों से मुझे देखा और अपनी सास से मुस्करा के बोलीं ,
सुबह ने नहीं पांच दिन से , ... आपका बेटा भूखा होगा , ... और सास भी मुस्करा के , ...
और उनके आने के पांच मिनट के बाद
लेकिन सास जी को कुछ काम याद आगया , वो बाहर चली गयीं घर के दस मिनट के लिए , जेठानी जी किचेन में चली गयीं , दाल चढ़ी थी
( मुझे मालूम था , दाल इनके आने के कितने पहले से बनी थी )
मुझे भी मालूम था वो लोग क्यों हटी हैं और इन्हे भी ,
पांच मिनट में मेरी लिपस्टीक आधी हो गयी , ऐसे कस के दबोचा उन्होंने , और मैंने भी , उन्ही को क्यों दोष दूँ , ...
वो तो मैंने झूठ मुठ को बोला , दीदी , तो वो अलग हुए , सास भी मेरी घर में बेल बजा के आयीं ,...
मेरी सास का बस चलता तो अपने बेटे को आते ही खाना खिला देतीं , ....
लेकिन तब भी सात बजे तक हम सब लोग डिनर टेबल पर बैठ गए थे , ...
और जेठानी क्यों मौका छोड़तीं अपने देवर की टांग खींचने का , बोली , क्यों भैया ज्यादा नींद आ रही है क्या ,
बस ये भी बोले , हाँ भाभी , सुबह का उठा हूँ , दिन भर की दौड़ भाग ,
बस सास्सू जी एकदम पीछे , ... खाना खा के सीधे जाके आराम कर लो , बातचीत कल करेंगे ,
जेठानी ने फिर अपने देवर को खींचा ,
" आराम ही करना , .. "
मैं बड़ी मुश्किल से अपनी मुस्कान दबा पा रही थी , खाना खा सात के पहले ही ये बेड रूम में ,
सासू माँ का नियम था , पहले दिन से ही नौ बजे तक वो मुझे हाँक के इनके पास भेज देती थीं , लेकिन आज तो इनके जाते ही मेरे पीछे पड़ गयीं ,
मैं बड़ी मुश्किल से अपनी मुस्कान दबा पा रही थी , खाना खा सात के पहले ही ये बेड रूम में ,
सासू माँ का नियम था ,
पहले दिन से ही नौ बजे तक वो मुझे हाँक के इनके पास भेज देती थीं , लेकिन आज तो इनके जाते ही मेरे पीछे पड़ गयीं ,
तू भी जा न , ऊपर ,...
लेकिन मुझे बड़ा ,... फिर मैंने देखा की सासू जी किचेन में कुछ ,... मैं बाहर रुक के देखने लगी ,
एक भगोने में दूध औटा रखा था , खूब गाढ़ा ,
एक ड्राअर से ,...
मैं समझ गयी , ... इसी में से तो मैंने पिछली बार , रबड़ी में डाला था , ...
मेरी ननद भी सुहाग रात के दिन और बाद में भी , ...
शिलाजीत , शतावर ,
अश्वगंधा
और न जाने क्या ,...
मैं किचेन के बाहर से देख रही थी , ... थोड़ी आड़ से , ...
सासू जी ने चार केसर के फूल निकाल कर दूध में ऊपर से डाल दिए ,
एक बड़ी सी चांदी की ग्लास , ... ट्रे में रखी
और मैं जैसे किचन में गयी , मुझे जोर की डांट पड़ गयी ,
जोर की मतलब जोर की ,
" तू अभी तक गयी नहीं , ... कर क्या रही है , इतनी देर हो गयी ,... "
लेकिन फिर उन्हें कुछ याद आया ,
" अच्छा सुन , ये दूध , वो आधी रात में भूख भूख चिल्लायेगा , तो तू क्या करेगी , ये ले जा और मैं लड्डू भी दे रही हूँ , वो भी :
मैंने कहा था न मेरी ज्यादा दुर्गत के लिए मेरी सास भी जिम्मेदार थी , ...
उन्होंने मुझे हाँक कर अपने बेटे के पास , ...
मैं जब पहुंची तो पौने आठ बजने वाले थे , बजे नहीं थे , और साथ में वो ताकत वाला दूध और लड्डू
एक बार मेरी मंझली ननद दूध के बारे में बता रही थीं , कोई आदमी पिए तो सांड हो जाता है ,
मेरे मुंह से निकल गया ,
अगर कोई साँड़ पिए तो ,...
हंस के वो बोलीं
" वो तो तू ही बता सकती है , ... : "
मैं कह रह थी न , ... मेरी दुरगत कराने में मेरी सास और ननद का बहुत हाथ था , ..रोज रात में नौ बजे होने के पहले ही ,... अपने बेटे के पास सास मेरी भेज देती , उन्हें भी मालूम था की वहां उनका बेटा मेरे साथ क्या करेगा ,... पर उस दिन तो आठ बजे के पहले ही ,... और मैं मुस्कराते हुए देख रही थी औटाये हुए दूध में वो क्या क्या ,...
जो पहले से ही सांड़ हो ,...
हो जाय वो दस सांड की ताकत वाला , ... मुझे क्या ,.... पांच दिन से इन्तजार कर रही थी ,
मैं लगभग दौड़ते हुए सीढ़ी पर ऊपर चढ़ी , ... और झट से कमरे में , ... और फिर मुड़कर सबसे पहले दरवाजा बंद किया , ... दूध लड्डू की ट्रे , ... साइड टेबल पर रखी , और उन्हें दिखाते ललचाते , मैंने साडी उतारी , और झटके से पास के ड्रेसिंग टेबल पर उतार फेंकी ,
एक लो कट , बैकलेस ब्लाउज ,... और पेटीकोट ,....
वो रजाई में लेटे लेटे टुकुर देख रहे थे , ... पर रोज की तरह उन्होंने रजाई में मेरे घुसने का इन्तजार नहीं किया , जब तक मैं समझती सम्हलती , मैं उनकी बांहो में थी और खींचकर मुझे वही सोफे पर ,
मैंने सोच के रखा था ये पूछूँगी उनसे , वो पूछूँगी , ये कहूँगी , वो कहूँगी पर ,...