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हाँ बस एक मोर्चे पर लड़के वाले जीत गए लेकिन वो भी टेम्पोरेरी थी ,
जी , जूते ,
मेरी दोनों बहने , चार सहेलियां सब मोर्चे पर लगी थीं , ...
लेकिन उनकी कजिन मीता ने खुद अपने हाथ से इनके जूते उतारे
और जब तक हमारी ओर की लड़कियां झपटें ,मीता ने उसे अपने कजिन अनुज को दे दिया , ...
और मेरी बहने एक पल के लिए ठिठकीं पर जब हिम्मत कर उधर लपकी तब तक जूते उनकी एक दुसरे कजिन के पास और देखते देखते गायब
अब उधर की लड़कियों को चिढ़ाने का मौका मिल गया , ...
जूते तो चुरा नहीं पाए , नेग किस बात का मांगोगी , ...
और ऊपर से वो सब ये भी बोलतीं ,
जूता यहीं है , ढूंढ लो , खाली बोल दो किसके पास है , बस ,...
बेचारी मेरी बहने , ...
वो मेरी एक सहेली ने गुड्डी को देखा , ...
लम्बी सी स्कर्ट पहने उकडू मुकड़ू बैठे थी बहुत देर से , ...
जरा भी हिल नहीं रही थी , और कौन वही गुड्डी , एलवल वाली ,
बस मेरी सहेली और मेरे कजिन संजय ने मिल के एक प्लान बनाया
, संजय बगल में बैठी किसी लड़की को पानी देने गया , और आधा पानी सीधे उंकड़ू बैठी गुड्डी के स्कर्ट के बीचो बीच ,
झन्नाटे से वो गुस्से में अलफ़ उठी ,
और उसकी स्कर्ट के नीचे जूते ,
बस मेरी दो सहेलियां पहले से तैयार थीं , जब तक उनके ओर की लड़कियां सम्हलें , समझे ,
वो दोनों जूते लेकर चम्पत , ... और अब एकदम कोहबर के सामने से हम लोगों की ओर की लड़कियां जोर जोर से हो हो ,
ऊपर से गाँव की औरतें सब, गुड्डी के पीछे पड़ गयीं ,
" अरे इतना जोर से लगी थी तो बाथरूम चली जाती , कुल कपडा गीला कर दिया , ... "
+कोई बोलती ,
" "चलो बहुत जोर से लगी थी , हो गयी , कोई बात नहीं अरे अब से कपडे चेंज कर लो ,... "
गुड्डी की स्कर्ट जाँघों पर ' ठीक उसी जगह ' खूब अच्छी तरह गीली हो गयी थी , संजय ने आधा जग पानी पूरा एकदम ' सेंटर ' पर ही उड़ेल दिया था और ऊपर से जाड़े की रात ,
और ऊपर से संजय एक टॉवेल ले के सीधे उसकी जाँघों बीच ,
वो और जोर से बिचकी , ...
पर अब सब गालियाँ अब सीधे गुड्डी का नाम ले ले के , कोई बोले
"इस उम्र में चूत नहीं भोंसड़ा है , दो दो जूते घोंट लिए ,..."
अरे एतना चोदवास लागल रहे तो घराती में इतने लौंडे मरद हैं , केहू से चोदवा लेतीं , चलो अभिन रात बाकी है , आज घरतीयन क लौंडन क भी मजा होये जाएगा '
और शादी जब एक सवा बजे ख़तम हुयी तो सब लोग कोहबर के लिए और इनका रास्ता , मेरी बहनों , सहेलियों भाभियों ने घेर लिया ,
और शादी जब एक सवा बजे ख़तम हुयी तो सब लोग कोहबर के लिए और इनका रास्ता , मेरी बहनों , सहेलियों भाभियों ने घेर लिया ,
जितनी हचमच , मस्ती हंगामा उस दिन कोहबर छेकने में उस दिन हुयी थी ,
मैंने भी गाँव में कित्ती शादियों में बहनो के सहेलियों के , कोहबर छेंका था , लेकिन जो घमासान उस दिन हुआ , ...एक तो भौजी ने मेरी सहेलियों को पांच दिन पहले से घर में रोक लिया , ...
मेरी बहनो कजिन्स , गाँव की भौजाइयों सब से एकदम खुल गयीं थी और सब के साथ मिल के , ... एकदम पक्का चक्रव्युह उन सबों ने रचा था
, सब से आगे छुटकियाँ , मेरी दोनों छोटी बहनें , ...उनकी सहेलियां , मेरी छोटी कजिन्स , गाँव की छोटी उम्र की लड़कियां
उसके पीछे मेरी सहेलियां , मेरी उम्र वाली कजिन्स ,
भाभियाँ
और सब से बाद में गाँव की औरतें , साथ में काम करने वालियां ,...
पर मज़ा ' उन लोगों ' के कारण आया ,
बरात में आयी सारी लड़कियां ( डेढ़ दर्जन से तो ऊपर ही थीं ही ) , इनके कालेज के दोस्त ,कजिन्स , और मेरी जेठानी ,
घर के बड़े लोग चले गए थे बारात के , तो इस लिए और फिर गारियों ने रही सही लाज लिहाज ख़तम कर दिया था , ... सच बोलूं तो बाराती सब , २० नहीं तो १९ भी नहीं थे ,
पर रीतू भाभी थी न हमारी ओर , और उन्होंने ही शर्त लगाई , ...
" जूता मिलेगा , पर सिर्फ नेग साथ में ये भी चाहिए ,... "
और उन्होंने गुड्डी की ओर इशारा किया ,
वही उनकी ममेरी बहन , एलवल वाली ,...
जिसने अपनी स्कर्ट के नीचे इनके जूते छिपा रखे थे और ढूंढते ढूंढते मेरी बहनों ,सहेलियों की हालत खराब हो गयी थी।
" अरे नन्दोई जी , घाटे का सौदा नहीं है , इसके बदले में देखिये आपके सामने कितनी साली , सलहज हैं सब ,... और फिर अरे हम हरदम थोड़े ही ,
बस चौथी में सब तोहरे साले जाएंगे उनही के साथ वापस , तबतक तानी गांव क मजा , अरहर और गन्ने क खेत में , ... "
रीतू भाभी ने समझाने की उन्हें कोशिश की ,
और बेचारी गुड्डी अपने भैया के पीछे छिपी जा रही थी ,
तब तक गाँव की मेरी एक भौजी , जिनसे हम सब पनाह मांगती थी , वो मैदान में आ गयीं ,
फिर तो ,... साफ़ अपने भैया के पीछे दुबकी जा रही ,
गुड्डी से उन्होंने बोला ,
" बड़ी ताकत है बूची एह उमर में दोनों जुतवा आपन भोंसड़ा में घुड़ेस लेहलु , .... "
फिर हँसते हुए गुड्डी को समझाते , मनाते हुए ,जोड़ा
"काहें घबड़ा रही हो , अरे पांच छह दिन क बात है , तुमको भी तरह तरह क मज़ा मिलेगा , ... अरे एक साथ दो दो जूता जो ले ले उसको तो दो दो लंड से कम में काम नहीं चलेगा , ... अगवाड़ा पिछवाड़ा दोनों , ... "
और फिर उनका साथ देने के लिए मेरी नाउन की बहू , गाँव के रिश्ते से भौजाई , ..
और वो तो उनसे भी दस हाथ आगे , पहली रात को ही जितनी मेरी सहेलियां शहर से आयी थी , सबका नाड़ा भी खोला और अच्छी तरह से 'इलाके की जांच पड़ताल ' भी की , और उसकी संगत में अब मेरी सारी सहेलियां भी गारी गाने में और गाली देने में एक्सपर्ट ,
तो वो गुड्डी से सीधे बोली ,
" और का , एक बुरिया में और एक गंडिया में , ... काहो बबुनी , सच काहत बानी न , अरे ई मत समझा की बराती में जउन चिक्कन चिक्क्न लौंडे आये हैं उहै खाली गांडू है , अरे एकनाकर बहिनियां कुल अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर से , ... "
मैं घूंघट काढ़े थी ,
तब भी मैंने कनखियों से देखा , मेरी जेठानी की ऊँगली मोबाइल पर चल रही थी , और फिर रीतू भाभी के मोबाइल में टुंग हुआ ,
और अब रीतू भाभी मैदान में आ गयीं , फाइनल ओवर में छक्के लगाने , वो और मेरी जेठानी में खूब सांठगांठ थी और अंदर अंदर दोनों ही , ...
" अच्छा खाली ई बताय दो , बस और कुछ नहीं पूछेंगे , तू एलवल में रहती हो न , ... "
" हाँ तो "
अब गुड्डी रानी के बोल फूटे , पहली बार किसी ने सीधा सवाल पूछा था।
" अरे ओहि गली में जहाँ बाहर गदहे बंधे रहते हैं , है न ,... "
" हाँ वहीँ ,... " अब हिम्मत करके वो सामने आ गयी थी ,
अब लूज बाल पर वही नाउन की बहु ने छक्का मार दिया , अगला सवाल पूछ के ,
" तबै , बस खाली ए बता दाय , ऊ गदहवन क लौंड़ा ,... झांट आवै क पहले से घोंटत हाउ की झांट आवे के बाद से , ... "
और फिर तो इनकी साली सलहज सब इतनी जोर से हंसी की बेचारी की हाल ख़राब होगयी , ...
बात बदलने के लिए उनकी एक और बहन मैदान में आ गयी और हमारी ओर से मेरी बहने सहेलियां मैदान में , ...
मिली बोली
" जाने दीजिये न अंदर , इतने देर से खड़े हैं , भैया ,... "
" अच्छा तो आपको मालूम है आपके भैया कित्ते देर तक खड़े रह सकते हैं , लगता है खूब अंदर करवाया होगा भैया को , ... "
मेरी एक सहेली बोली ,
और छुटकी , मेरी सबसे छोटी बहन भी आ गयी जोड़ने के लिए ,
" अरे जीजू ने प्रैक्टिस इन्ही के साथ की थी , मैं तिलक में गयी थी न वहीँ पता चला था। "
सच में पन्दरह बीस मिनट हो गए थे , और उसके पहले पालथी मार कर शादी में हम लोग तीन घंटे से बैठे थे , ...
मेरे एक कजिन ने एक कुर्सी ला कर मेरे पास रख दी और ये बेचारे खड़े ही रहे , ...
लेकिन तबतक मेरी बुआ ने हड़काया , ...
" अरेलड़कियों आने दो न इनको अंदर , फिर तो इनकी माँ बुआ सबको , ... सब वसूल कर लेंगे , अब देर हो रही है। "
पर उस समय लड़कियां किसी की सुनती हैं , उन्हें तो बस अपने जीजा की रगड़ाई का मौका चाहिए , ...
पर ये एकदम सीधे , बेचारे , ...
जेब में हाथ डाल कर छुटकी से पूछने लगे कितना ,
लेकिन उनके एक दोस्त ने कंधे पर हाथ रख कर इशारे से उन्हें मना कर दिया
और बोला ,
" अरे डिजिटल इंडिया है कैशलेस भारत , ... आप लोग अपना एटीम खोलिये बस हम अपना कार्ड अंदर , और पैसा बाहर , ... "
सच में जैसे घर की लड़कियों को दरवाजे पर छेड़छाड़ में मजा आता है , वही हालत बरात के लड़कों लड़कियों की होती है , एक बार दुलहा कोहबर में चला गया फिर तो , बरात वाले जनवासे वापस ,...
और अब मामला डबल मीनिंग डायलॉग से काफी आगे बढ़ गया था , मेरी एक सहेली ने बारात की लड़कियों की ओर इशारा कर दिया ,
' अरे हर बैंक का ए टीम तो आपके पास है , काहें चिंता करते है ,
और कार्ड ,.. हमारे इतने सब भाई खड़े हैं डालने के लिए ,... हाँ आपके इस एटीम से , पैसा नहीं ,...
ठीक नौ महीने बाद , ... केहाँ केहाँ निकलेगा , पक्की गारंटी , ... कोई रबड़ वबड़ का चक्कर नहीं , ... "
जेठानी ने बीच बचाव कर के आखिर पैसा दिलवा दिया लेकिन तभी लड़कियां एकदम से हटने को तैयार नहीं , ... जीजू पहले गाना सुनाएँ ,..
हर बार जब मैं अपनी सहेलियों बहनों के साथ द्वार छेंकती थी तो कोई भी दुलहा जल्दी गाने के लिए तैयार नहीं होता था , लेकिन ये तो बस , जैसे पहले से तैयार हो के आये थे
जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे
देते ना आप साथ तो मर जाते हम कभी के
पूरे हुए हैं आप से अरमान ज़िन्दगी के
हम ज़िन्दगी को आप की सौगात कहेंगे
चाहेंगे, निबाहेंगे, सराहेंगे आप ही को
आँखों में नम है जब तक देखेंगे आप ही को
अपनी जुबान से आप के जजबात कहेंगे
और एकदम बेसरम , ...
मेरा घूँघट मेरी जेठानी ने थोड़ा सा ऊपर कर दिया था , और ये एकदम मेरी ओर देखते ,
चाहेंगे, निबाहेंगे, सराहेंगे आप ही को,
जिस तरह से कह रहे थे , सच में , एकदम नदीदों की तरह मुझे देख रहे थे जैसे मुझे पाने के लिए तो वो कुछ भी करने को तैयार थे ,
वो तो बेसरम थे , लेकिन मैं शरमा रही थी , ... ऐसे थोड़ी ,...
और मेरी एक ननद ने चिढ़ाते हुए कान में कहा भी ,
" अरे भैया , इत्ता मत ललचाइये , ... सुबह ले चलेंगे न भाभी को , ... फिर तो मिलेंगी आप ही को ,... "
मेरी जेठानी मुझे देखते हुए मुस्कराने लगी , और मैं भी मुस्कराहट नहीं रोक पायी ,
लेकिन हालत खराब थी उनकी सालियों की , मेरी बहने , सहेलियां , सब लहा लोट , ... और बस उस गाने के बाद सब उनकी गुलाम , ...
मेरा साथ छोड़कर
सच में उनकी आवाज भी न ,...एकदम मुकेश , ... और एक एक शब्द , एक एक अक्षर ,... जैसे सीधे दिल से निकल रहा हो ,
और बस रास्ता खुल गया , ... उनके कोहबर में जाने का , ...
लेकिन खुल कर भी नहीं खुला ,
उनके दोस्त , कुछ कजिन्स और बारात की लड़कियां जिद कर रहे थे कोहबर में जाने के लिए , ...
एकदम चिकना , खूब गोरा , एकदम अपनी बहन की तरह , ..रेख बड़ी मुश्किल से दिखती थी , ...
गाल भी खूब मुलायम , बबल बॉटम ,
और गाँव की औरतें जितना बरात की लड़कियों के पीछे नहीं पड़ी थीं , उससे ज्यादा उसके , ...
हर गारी में जब उसका नाम लेकर गायी जा रहे थी , तो ये जरूर जुड़ता ,
अनुजा , स्साला गंडुवा है , अपनी बहिनी गुड्डी छिनार का भंडुवा है , ...
और जब बरात के लड़के जिद्द कर रहे थे की वो भी अंदर आएंगे तो अनुज भी साथ साथ खूब जोर जोर से , ...
डबल मीनिंग डायलॉग , ...
हम भी घुसेंगे ,...
मेरी एक भाभी , गाँव की ,...रीतु भाभी से बड़ी , ...और उनसे भी ज्यादा खतरनाक , ...
सीधे अनुज से बोली ,
" अरे स्साले आपन पिछवाड़ा बचावा , घुसे के चक्कर में कोई घुसाय न दे , ...यह गाँव में एक से एक जबरदस्त लौण्डेबाज है , ...
गांडू , तोहार ऐस चिक्कन कहीं पाय जाएंगे न , तो रात भर , ... घचाघच्च घचाघच्च , खूब हुमच हुमच के ,... सबरे बिदाई के टाइम तोहार एस चाकर ,... ( और उन्होंने अपने दोनों हाथों अंगूठे और तर्जनी को जोड़कर बड़ा छेद बना दिखाया ) ,
तोहरे बुआ , चाची मौसी के भोंसडे से भी चौड़ा ,... हमार मुट्ठी चली जायेगी अस , ... कउनो मोची भी नहीं सी पायेगा ,... "
बेचारा एकदम सरक कर पीछे ,...
उनके कालेज के एक दो लड़के मेरी सहेलियों से लस रहे थे और वो भी , ...
" अगर नहीं घुसने दोगी न , तो हम जबरदस्ती , धक्का मार के घुस जाएंगे ,... "
उनकी दोनों कजिन्स गीता और मीता वहीँ खड़ी थी , ...
और उन के साथ मेरे दो कजिन्स , संजय और अनूप शाम से ही लस रहे थे ,
मेरी सहेली ने उन्ही की ओर इशारा करते हुए कहा ,
" अच्छा जो ये दोनों माल ले आये हो , लगता है इन्ही के साथ खूब धक्के मारने की घुसने की प्रैक्टिस की है , अब हमारे भाई धक्के मारेंगे ,... "
छुटकी , मेरी सबसे छोटी बहिन , तो अपने जीजू के साथ एकदम चिपकी पड़ी थी ,
बोली ,
" देखिये , घुसने का हक़ सिर्फ हमारे जीजू का है , और वो घुसेंगे भी , ... इन्हे कोई कभी नहीं मना करेगा ,चाहे ये जित्ती बार भी , जैसे भी घुसें , कभ्भी भी ,... ये जीजू का हक है , लेकिन सिर्फ मेरे जीजू का। " "
,
बाकी लड़कियों और भाभियों का असर डबल मीनिंग डयलॉग का उसके ऊपर भी पड़ रहा था , ...
बारात के लड़कों , लड़कियों के साथ हमारे यहाँ की लड़कियां औरतें , और खुल कर , ... सब लगे हुए थे ,
रीतू भाभी शायद इसी का इन्तजार कर रही थीं ,
मेरी निगाह कभी कोहबर की ओर तो कभी रीतू भाभी की ओर , मैं तो खैर कुर्सी पर बैठी थी , ये अपनी सालियों सलहजों से घिरे , ...
खड़े आधे घंटे तो हो ही गए गए होंगे ,
और जब दूल्हे के साथ के लड़के लड़कियां , मेरी सहेलियों के साथ मज़ाक में लगे थे , ...
रीतू भाभी ने इशारा किया ,
और मैं उठकर कोहबर की ओर ,
पीछे पीछे ये , ...
मेरी नाउन , छुटकी और मंझली , मेरी दोनों बहने , इनके साथ इन्हे कोहबर की और पुश करती ,
जब तक बरात के लड़के लड़कियां समझते मैं कोहबर के अंदर और ये भी चौखट लांघ रहे थे ,
मीता और गीता एकदम इनसे चिपकने की कोशिश करने लगीं ,
पर मंझली इसके लिए पहले ही तैयार थी और उसने अपनी टांग मीता की टांग में फँसायी , और मीता एकदम लड़खड़ाई , ...
और संजय ने उसे पकड़ने की कोशिश की , रोकते हुए और सीधा उसका हाथ उस इंटरवाली के कबूतर पर ,
पहले तो संजय ने बस हलके से सहलाया , .. बहुत हलके से ,
पर रीतू भाभी ने घूरने वाली निगाह से देखा उसे , जैसे कह रही हों यही सिखाया था तुझे ,
और अगले पल , संजू कस के मीता के जोबन खुल के दबा रहा ,रगड़ रहा था , मसल रहा था। पूरे दो मिनट तक , ...
और यही काम अनूप गीता के साथ ,
मेरी दो सहेलियां जैसे उन्हें रोकने की कोशिश कर रही थीं ,
और बीच में अनूप ,...
एक और मेरा कजिन ,...
नीतू के पिछवाड़े की ,....
तब तक हम दोनों अंदर हो गए थे , दरवाजा बंद हो गया था , ...
मेरी दो तीन सहेलियां भी बाहर रह गयी थीं , ... बारात की लड़कियों के साथ , ...
मीता ने संजू को घूर कर देखा , ... पर जैसे ही उसने कान पकड़ा , वो खिलखिला के हंस पड़ी और खुद उसका कान पकड़ के बोली , ...
" चल तेरी सजा यही है , हम सब को काफी पिलाओ ,... "
और बारात की लड़कियों के साथ घर के लड़के , मेरी दोनों सहेलियां , ... ब्रांडी लेस्ड काफी , ...
असल में जैसे गुड़ के चले जाने पर चींटे भी चले जाते हैं , तो घरातियों की ओर की लड़कियों , मेरी सहेलियों , बहनों , कजिन्स तो ज्यादातर मेरे साथ कोहबर में ,... तो बरात के लड़के भी , वापस जनवासे में चले गए थे , कुछ लड़कियां भी , लेकिन १०-१२ लड़कियाँ ,... और उनको रोकने में मेरी सहेलियों का बहुत हाल था , ... और जैसे मैंने पहले बताया था , मेरी सहेलियों और रीतू भाभी की प्लानिंग , ... जो लड़के तिलक में गए थे , ज्यादा ने तो वहीं अपनी सेटिंग , मीता , गीता , अनन्या , नीलू ,... इनकी कजिन्स के साथ , बाकी ने बाद में फेसबुक , व्हाट्सऐप और मेरी सहेलियां भी उस फेसबुक , व्हाट्सऐप ग्रुप में ,... एकदम पूरी लिस्ट बनी थी , जैसे हॉकी फूटबाल में खिलाडियों को मार्क करने के लिए , हर लड़की के साथ एक , किसी के साथ दो भी ,...
बस कुछ मेरी मेरी सहेलियां , कुछ मेरे कजिन्स और बरात की लड़कियां ,... काफी में भी , .. संजय की बदमाशी ,... अच्छी खासी ब्रांडी मिली थी ,... संजय ने तो शुरू से ही मीता को सेट कर लिया था ,
मैंने बताया था न बरात आम के बाग़ में , .. और टेंट में , लड़कियों का अलग इंतजाम ,... आम के बाग़ तक छोड़ने मेरी सहेलियां भी गयीं , लेकिन लड़कों की ड्यूटी लगी उन्हें सबके अलग टेंट तक छोड़ने की ,
फिर मेरी किस ननद की शलवार का नाड़ा मेरे किस भाई ने खोला ,
किस ने स्कर्ट पसारी ,
किस की साड़ी खुली ,...
ये सब बातें मुझे बाद में पता चलीं ,...
लड़के लड़कियों को बाग़ में जहाँ वो रुकी थीं छोड़ने चले गए और मेरी दोनों सहेलियां वापस ,... ( बाद में ये सबा शैतानियां मुझे पता चली )
और कोहबर में हम दोनों अंदर , ... बुआ ने न सिर्फ दरवाजा बंद किया बल्कि एक मोटा सा भुन्नासी ताला भी लगा दिया और उनसे बोलीं ,...