यकीन होना मुश्किल है
UPDATE 32
साना को मैं समझा लूँगी
मैं:"वो मैं भूल गयी लेकिन ये इतनी सुबह सुबह आज किसके लिए ब्रेकफास्ट बन रहा है"
सास:"सबके लिए"
मैं:"सबके लिए या अपने रात वाले यार के लिए हहाहहाहा"
सास:"आरा तुम कितनी बेशर्म होती जा रही हो"
मैं:"आज आपके चेहरे पर ये चमक देख कर अच्छा लग रहा है,मुझे बहोत ख़ुसी है"
सास:"लेकिन ना जाने मेरे मिया इसके लिए राज़ी होंगे कि नही"
मैं:"कल रात मैने इस बारे मे बात कर ली आपके मिया से और वो कह चुके हैं कि उनको प्राब्लम नही है लेकिन उनको साना की और ताबू की चूत चाहिए, आख़िर हैं तो वो मर्द ही"
सास:"अच्छा तो कैसे मिलेगी उनको साना और ताबू की चूत"
मैं:"वो आप मुझपर छोड़ दीजिए, मैं आज साना को आपकी और इनायत की चुदाई दिखाउन्गि, फिर साना को रेडी करूँगी इनायत के लंड के लिए और फिर साना को आपके मिया के लिए"
सास:"सब कुछ बड़ी जल्दी हो रहा है देखो कहीं तुम्हारा प्लान उल्टा ना पड़ जाए."
मैं:"आप इसकी फिकर ना करो बस ताबू को शौकत के साथ मार्केट भेज दो "
प्लान के मुताबिक ताबू, शौकत, बरकत बाहर जा चुके थे और घर में सिर्फ़ मैं, सास, साना और इनायत बाकी थे.
इनायत को मैने नहीं बताया था कि आज अचानक ही साना उनकी और उनकी अम्मी की चुदाई देख लेगी. मेरी सास को टेरेस पर जाना था
इनायत को लेकर, टेरेस पर एक हट सा बनाया गया था, वो चारो तरफ से बंद था, ये एक सूखी घास से बनाया हुआ हट था.उसमे एक चारपाई भी पड़ी थी, सुबह का टाइम था इसलिए मौसम ठंडा था.सास को इनायत को टेरेस पर ले जाकर चुदवाना था ताकि मैं और साना उनकी धीमी आवाज़ सुन कर टेरेस पर आ जायें और शॉक्ड रह जायें. साना को बहोत फील होगा लेकिन फिर उसको मुझे नीचे लेकर सिड्यूस करना होगा ताकि वो अपने अब्बू से चुदने के लिए तैय्यार हो जाए, एक बार इनायत ने साना की चूत की सील तोड़ दी तो वो वर्जिन नही रहेगी और फिर आरिफ़ के साथ उसकी शादी होने में कोई देर नही होगी. फिर इनायत मुझे और आरिफ़ को नही रोक पाएगा.
आरिफ़ के लंड के लिए मैने ना जाने सब को इतना मनिपुलेट कर दिया था कि वो दिन दूर नही था जब सब बाप बेटी,बेटा मा, देवर भाभी दिन के उजाले में जिसकी चाहे ले लें.
मेरी सास इनायत को टेरेस पर लें गयी. इनायत भी मना नहीं कर पाया और टेरेस पर चल पड़ा.मैं साना के रूम मे गयी तो वो उठ चुकी थी और आदत के हिसाब से फ्रेश होकर बैठी थी, मैने उसके साथ ब्रेकफास्ट किया और उसको अपने और उसकी मा के उंगली करने वाले किस्से सुनाने लगी, वो बड़ी दिलचसबी ले रही थी, मैने उसकी शलवार में हाथ डाला तो उसकी बुर पनिया गयी थी. मैने उसका पानी चखा और उससे कहा क्यूँ ना थोड़ा मज़ा किया जाए और टेरेस पर चला जाए, उसने मुझे अपनी मा और भाई इनायत के बारे में पूछा तो मैने कह दिया कि इनायत तो शायद काम पर चले गये हैं और सासू जी तो पड़ोस मे कहीं गयी हैं. जब हम टेरेस पर पहुँचे तो साना के कान खड़े हो गये, सीढ़ियो से ये नज़र आ रहा था कि कोई औरत घोड़ी बन कर खड़ी और और कोई आदमी पीछे से उसको चोद रहा है, लेकिन साना को ये नज़र नही आ रहा था कि ये हैं कौन, जैसे ही हम नज़दीक पहुँचे तो यहाँ से सास और इनायत साफ नज़र आते थे,
साना को देख कर इनायत के होश उड़ गये और वो हैरत से बोल पड़ी.
साना:"अम्मी, भाई आप लोग यहाँ और ये"
सास:"वो साना ,त...तू...तुम या....यहाआँ?"
साना ने कुछ और सुनना या देखना ठीक नहीं समझा और फिर वो नीचे भाग आई.
मैं:"इनायत तुम टेन्षन मत लो, साना को मैं समझा लूँगी"
इनायत अभी भी घबराया हुआ था लेकिन मेरी सास ने उसकी अपनी तरफ मोड़ लिया
सास:"मेरे बच्चे टेन्षन मत ले,आरा उसको समझा देगी, वो और आरा काफ़ी अच्छे दोस्त हैं, साना भी मेच्यूर हो चुकी है, वो समझ जाएगी, तू फिलहाल मेरी चूत पर ध्यान दे, जाने कब्से मैं किसी ताकतवर लंड के लिए तरस रही हूँ"
मैं सोच रही थी कि ये चूत और लंड की प्यास आदमी और औरत को क्या से क्या बना देती है. मैं नीचे आई तो साना बेड पर पड़ी रो रही थी. मैने उसके सर पर हाथ फेरा और उसको पानी पीने को दिया.
मैं:"साना, क्या हुआ, ज़िंदगी की हक़ीक़त देख कर तुम्हारी मेचुरिटी कहाँ चली गयी"
इसपर वो बेड से उठ कर मेरी तरफ देख कर बोली.
साना:"भाभी आप को बुरा नहीं लगा ये सब देख कर"
मैं:"इसमे क्या बुरा था"
साना:"यही कि एक मा खुद अपने बेटे से छि.."
मैं:"अच्छा तो तुम्हारी मा को क्या करना चाहिए था,,,किसी सड़क पर खड़े लड़के से कहना चाहिए था कि आ मेरी चूत मार"
साना:"लेकिन अपने ही बेटे से.उउफ़फ्फ़"
वो रोए जा रही थी, उसके आँसू लगातार बह रहे थे.
मैं:"अगर तुम एक शादी शुदा औरत हो और कई सालो तक तुमको अपनी उंगली से काम चलाना पड़े तो तुम क्या करोगी"
साना:"मैं सबर करूँगी"
मैं:"अच्छा,सबर करोगी, वो भी तो बेचारी सबर ही कर रही थी"
साना:"आप तो ऐसे बात कर रही हैं जैसे आपको ये सब पहले से पता है"
मैं:"मुझे मालूम है ये सब लेकिन ये नहीं मालूम था कि वो लोग टेरेस पर हैं"
साना:"आपको इससे कोई ऐतराज़ नहीं"
मैं:"नहीं, इनायत मेरे ही कहने पर अपनी मा की ज़रूरत पूरी कर रहे हैं"
साना:"आपको ये सब ठीक लगता है"
मैं:"तुम मुझसे कह रही थी कि अगर मैं अपने भाई से ताल्लुक रखू तब भी तुम आरिफ़ से शादी करने के लिए तैय्यार हो"
साना:"हां मैने कहा था लेकिन ये हक़ीक़त में बुरा लगता है"
मैं:"मैने तुम्हे पहले की कहा था ये सब"
साना:"हां मुझे याद है"
अब साना ने रोना बंद कर दिया था. अब मैने उसको धीरे धीरे मनिपुलेट करना शुरू कर दिया
मैं:"देखो साना इस वक़्त तुम्हारे भाई और मा को तुम्हारे सपोर्ट की ज़रूरत है,अगर तुम अपनी मा से नफ़रत करोगी तो वो टूट जायेंगी , तुमको चाहिए कि उनको हौसला दो ,तुम्हारे भाई भी तुमसे बहोत प्यार करते हैं"
साना:"लेकिन अगर अब्बू को ये सब मालूम पड़ा तो क्या होगा"
मैं:"तुम्हारे अब्बू को मैं मना लूँगी, अगर उनकी बीवी मेरे शौहर के चुद रही है तो मैं भी उनके चुदवाने के लिए तैय्यार हूँ"
साना:"क्या आप क्या कह रही हैं"
मैं:"तुम सिर्फ़ अपने बारे मे सोच रही हो लेकिन मैं अपनी सास के बारे में सोच रही हूँ"
साना:"मुझे नहीं लगता ऐसा पासिबल भी है"
मैं:"मेरी जान ये भूल जाओ की हम सबमे एक दूसरे से क्या रिश्ता है, बस एक बार अपने और दूसरो की ख़ुसी के बारे मे सोचो"
साना:"इससे क्या होगा"
कहानी जारी रहेगी-
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