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Erotica यकीन होना मुश्किल है

aamirhydkhan

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यकीन होना मुश्किल है


मेरा नाम आरा है. मैं उस वक़्त 21 साल की थी और उस वक़्त मैने बी.ए. पास कर लिया था. मेरे घर मे शुरू से ही लड़कियो को अकेले बाहर जाने की इजाज़त नही है. मैं एक लोवर मिड्ल क्लास की लड़की हूँ और बड़े ही साधारण से परिवार से हूँ. हम वही लोग हैं जो एक छोटे से कस्बे मे अपनी सारी उमर बिता देते हैं. हम मोटर साइकल ही अफोर्ड कर सकते है.

मैं भी एक आम लड़की जिसकी आम सी सहेलिया और आम सी ज़िंदगी थी. मैने बी.ए प्राइवेट किया है और मैं इंग्लीश मे अच्छी नही हूँ.

मेरी ज़िंदगी मे मैं अपने शौहर,देवर, ससुर और भाई से संबंध बना चुकी हूँ. इस बात पर यकीन करना बड़ा मुश्किल है लेकिन यही मेरी ज़िंदगी है. मैं तो सिर्फ़ अपने शौहर को ही अपना जिस्म देना चाहती थी लेकिन कुदरत के खेल मे फँस कर हार कर रह गयी.

आज जब मैं पीछे देखती हूँ तो सिर्फ़ तकलीफ़ के कुछ और नही पाती. रोना मेरी किस्मत और लुटना मेरी किस्मत की लकीर बन गयी है.

आज भी याद है मुझे सब मेरे ससुराल वाले मुझे देखने आए थे.
लालची लोग लेकिन बातो से शरीफ.
मैं अपने मा बाप की एकलौती लड़की हूँ और अपने बड़े भाई से छोटी हूँ.


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UPDATE 32

साना को मैं समझा लूँगी


मैं:"वो मैं भूल गयी लेकिन ये इतनी सुबह सुबह आज किसके लिए ब्रेकफास्ट बन रहा है"

सास:"सबके लिए"

मैं:"सबके लिए या अपने रात वाले यार के लिए हहाहहाहा"

सास:"आरा तुम कितनी बेशर्म होती जा रही हो"

मैं:"आज आपके चेहरे पर ये चमक देख कर अच्छा लग रहा है,मुझे बहोत ख़ुसी है"

सास:"लेकिन ना जाने मेरे मिया इसके लिए राज़ी होंगे कि नही"

मैं:"कल रात मैने इस बारे मे बात कर ली आपके मिया से और वो कह चुके हैं कि उनको प्राब्लम नही है लेकिन उनको साना की और ताबू की चूत चाहिए, आख़िर हैं तो वो मर्द ही"

सास:"अच्छा तो कैसे मिलेगी उनको साना और ताबू की चूत"

मैं:"वो आप मुझपर छोड़ दीजिए, मैं आज साना को आपकी और इनायत की चुदाई दिखाउन्गि, फिर साना को रेडी करूँगी इनायत के लंड के लिए और फिर साना को आपके मिया के लिए"

सास:"सब कुछ बड़ी जल्दी हो रहा है देखो कहीं तुम्हारा प्लान उल्टा ना पड़ जाए."

मैं:"आप इसकी फिकर ना करो बस ताबू को शौकत के साथ मार्केट भेज दो "

प्लान के मुताबिक ताबू, शौकत, बरकत बाहर जा चुके थे और घर में सिर्फ़ मैं, सास, साना और इनायत बाकी थे.

इनायत को मैने नहीं बताया था कि आज अचानक ही साना उनकी और उनकी अम्मी की चुदाई देख लेगी. मेरी सास को टेरेस पर जाना था

इनायत को लेकर, टेरेस पर एक हट सा बनाया गया था, वो चारो तरफ से बंद था, ये एक सूखी घास से बनाया हुआ हट था.उसमे एक चारपाई भी पड़ी थी, सुबह का टाइम था इसलिए मौसम ठंडा था.सास को इनायत को टेरेस पर ले जाकर चुदवाना था ताकि मैं और साना उनकी धीमी आवाज़ सुन कर टेरेस पर आ जायें और शॉक्ड रह जायें. साना को बहोत फील होगा लेकिन फिर उसको मुझे नीचे लेकर सिड्यूस करना होगा ताकि वो अपने अब्बू से चुदने के लिए तैय्यार हो जाए, एक बार इनायत ने साना की चूत की सील तोड़ दी तो वो वर्जिन नही रहेगी और फिर आरिफ़ के साथ उसकी शादी होने में कोई देर नही होगी. फिर इनायत मुझे और आरिफ़ को नही रोक पाएगा.

आरिफ़ के लंड के लिए मैने ना जाने सब को इतना मनिपुलेट कर दिया था कि वो दिन दूर नही था जब सब बाप बेटी,बेटा मा, देवर भाभी दिन के उजाले में जिसकी चाहे ले लें.

मेरी सास इनायत को टेरेस पर लें गयी. इनायत भी मना नहीं कर पाया और टेरेस पर चल पड़ा.मैं साना के रूम मे गयी तो वो उठ चुकी थी और आदत के हिसाब से फ्रेश होकर बैठी थी, मैने उसके साथ ब्रेकफास्ट किया और उसको अपने और उसकी मा के उंगली करने वाले किस्से सुनाने लगी, वो बड़ी दिलचसबी ले रही थी, मैने उसकी शलवार में हाथ डाला तो उसकी बुर पनिया गयी थी. मैने उसका पानी चखा और उससे कहा क्यूँ ना थोड़ा मज़ा किया जाए और टेरेस पर चला जाए, उसने मुझे अपनी मा और भाई इनायत के बारे में पूछा तो मैने कह दिया कि इनायत तो शायद काम पर चले गये हैं और सासू जी तो पड़ोस मे कहीं गयी हैं. जब हम टेरेस पर पहुँचे तो साना के कान खड़े हो गये, सीढ़ियो से ये नज़र आ रहा था कि कोई औरत घोड़ी बन कर खड़ी और और कोई आदमी पीछे से उसको चोद रहा है, लेकिन साना को ये नज़र नही आ रहा था कि ये हैं कौन, जैसे ही हम नज़दीक पहुँचे तो यहाँ से सास और इनायत साफ नज़र आते थे,

साना को देख कर इनायत के होश उड़ गये और वो हैरत से बोल पड़ी.

साना:"अम्मी, भाई आप लोग यहाँ और ये"

सास:"वो साना ,त...तू...तुम या....यहाआँ?"

साना ने कुछ और सुनना या देखना ठीक नहीं समझा और फिर वो नीचे भाग आई.

मैं:"इनायत तुम टेन्षन मत लो, साना को मैं समझा लूँगी"

इनायत अभी भी घबराया हुआ था लेकिन मेरी सास ने उसकी अपनी तरफ मोड़ लिया

सास:"मेरे बच्चे टेन्षन मत ले,आरा उसको समझा देगी, वो और आरा काफ़ी अच्छे दोस्त हैं, साना भी मेच्यूर हो चुकी है, वो समझ जाएगी, तू फिलहाल मेरी चूत पर ध्यान दे, जाने कब्से मैं किसी ताकतवर लंड के लिए तरस रही हूँ"

मैं सोच रही थी कि ये चूत और लंड की प्यास आदमी और औरत को क्या से क्या बना देती है. मैं नीचे आई तो साना बेड पर पड़ी रो रही थी. मैने उसके सर पर हाथ फेरा और उसको पानी पीने को दिया.


मैं:"साना, क्या हुआ, ज़िंदगी की हक़ीक़त देख कर तुम्हारी मेचुरिटी कहाँ चली गयी"

इसपर वो बेड से उठ कर मेरी तरफ देख कर बोली.

साना:"भाभी आप को बुरा नहीं लगा ये सब देख कर"

मैं:"इसमे क्या बुरा था"

साना:"यही कि एक मा खुद अपने बेटे से छि.."

मैं:"अच्छा तो तुम्हारी मा को क्या करना चाहिए था,,,किसी सड़क पर खड़े लड़के से कहना चाहिए था कि आ मेरी चूत मार"

साना:"लेकिन अपने ही बेटे से.उउफ़फ्फ़"

वो रोए जा रही थी, उसके आँसू लगातार बह रहे थे.

मैं:"अगर तुम एक शादी शुदा औरत हो और कई सालो तक तुमको अपनी उंगली से काम चलाना पड़े तो तुम क्या करोगी"

साना:"मैं सबर करूँगी"

मैं:"अच्छा,सबर करोगी, वो भी तो बेचारी सबर ही कर रही थी"

साना:"आप तो ऐसे बात कर रही हैं जैसे आपको ये सब पहले से पता है"

मैं:"मुझे मालूम है ये सब लेकिन ये नहीं मालूम था कि वो लोग टेरेस पर हैं"

साना:"आपको इससे कोई ऐतराज़ नहीं"

मैं:"नहीं, इनायत मेरे ही कहने पर अपनी मा की ज़रूरत पूरी कर रहे हैं"

साना:"आपको ये सब ठीक लगता है"

मैं:"तुम मुझसे कह रही थी कि अगर मैं अपने भाई से ताल्लुक रखू तब भी तुम आरिफ़ से शादी करने के लिए तैय्यार हो"

साना:"हां मैने कहा था लेकिन ये हक़ीक़त में बुरा लगता है"

मैं:"मैने तुम्हे पहले की कहा था ये सब"

साना:"हां मुझे याद है"

अब साना ने रोना बंद कर दिया था. अब मैने उसको धीरे धीरे मनिपुलेट करना शुरू कर दिया

मैं:"देखो साना इस वक़्त तुम्हारे भाई और मा को तुम्हारे सपोर्ट की ज़रूरत है,अगर तुम अपनी मा से नफ़रत करोगी तो वो टूट जायेंगी , तुमको चाहिए कि उनको हौसला दो ,तुम्हारे भाई भी तुमसे बहोत प्यार करते हैं"

साना:"लेकिन अगर अब्बू को ये सब मालूम पड़ा तो क्या होगा"

मैं:"तुम्हारे अब्बू को मैं मना लूँगी, अगर उनकी बीवी मेरे शौहर के चुद रही है तो मैं भी उनके चुदवाने के लिए तैय्यार हूँ"
साना:"क्या आप क्या कह रही हैं"

मैं:"तुम सिर्फ़ अपने बारे मे सोच रही हो लेकिन मैं अपनी सास के बारे में सोच रही हूँ"

साना:"मुझे नहीं लगता ऐसा पासिबल भी है"

मैं:"मेरी जान ये भूल जाओ की हम सबमे एक दूसरे से क्या रिश्ता है, बस एक बार अपने और दूसरो की ख़ुसी के बारे मे सोचो"

साना:"इससे क्या होगा"


कहानी जारी रहेगी-



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UPDATE 33

साना के लिए सही टाइम


मैं: "इनायत अपनी मा को खुश रखेंगे, मैं तुम्हारे अब्बू को इससे सब खुश रहेंगे, तुमको चुदाई का कोई एक्सपीरियेन्स नहीं है, एक बार बस अपने किसी अपने का लंड चूत मे जाता है तो बहोत अच्छा लगता है, तुम्हे क्या पता सेक्स क्या होता है"

साना: "तो क्या मैं रोड पर खड़े किसी लड़के से कहूँ कि आ मेरी चूत मार"

मैं: "बाहर क्यूँ जाओगी, घर मे तुम्हारे भाई कब्से तुम्हे चोदने के ख्वाब देख रहे हैं, मरवा लो अपनी चूत और सेक्स का एक्ष्पीरियन्स ले लो"

साना: "और शादी के बाद अगर आरिफ़ का पता चला कि मैं वर्जिन नही हूँ तो?"

मैं: "तो आरिफ़ कौनसा वर्जिन है, वो वैसे भी इनायत से कह चुका है कि उसे वर्जिन/नोन वर्जिन लड़की से कोई फ़र्क नही पड़ता"

साना: "लेकिन ये सब होगा कैसे?"

मैं: "तुम खड़ी हो जाओ पहले और मैं जो कर रही हूँ मुझे करने दो"

साना: "अच्छा"

ये कह कर मैने साना की शलवार का नाडा खोलना चाहा तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया लेकिन जब मैने उसको आँख दिखाई तो उसने अपने हाथ पीछे कर लिए. मैने उसकी शलवार उतार दी थी और फिर उसका टॉप और ब्रा भी, अब मैं नीचे बैठ कर उसकी टाँगो के बीच मे आ गयी थी और उसकी चूत के लिप्स को अलग कर के चाटना शुरू कर दिया , वो सिसकार उठी और उसने मेरा सर अपनी चूत से सटा दिया.

मैने उसको बिस्तर की तरफ धेकेला और उसको बिस्तर पर बिठा दिया,अब वो मदहोश हो रही थी लेकिन मैने एक झटके अपना सर हटा लिया तो जैसे उसकी आँखो मे ये सवाल उठ पड़ा कि ये आपने क्या किया.

मैं: "साना यार मैं चूत चाट चाट कर थक गयी हूँ, मुझे इसमे मज़ा नही आता, तुम्हारे घर में तुम्हारा भाई बैठा है,चलो आज उससे चुदवा लो, चलो टेरेस पर"

साना सेक्स के नशे में थी, यही टाइम उसकिे लिए सही था, मैं उसका हाथ पकड़ा और उसको टेरेस पर ले आई.

इयनायत और मेरी सास अब भी लगे हुए थे. मेरी सास इनायत की गोद में बैठी थी और इनायत नीचे से उनको चोद रहा था.

साना को नंगी देखकर इनायत का मूह खुल सा गया लेकिन उसने अब अपनी अम्मी को चोदना नही रोका. मेरी सास भी अब ऐसे चुदवा रही थी जैसे वो योगा कर रही हो, उनके चेहरा पर कोई शरम या झिझक नहीं थी.

मैं:"अच्छा अम्मी आप थोड़ा हट जायें, साना के बारे में भी कुछ सोचो"

मेरी सास अब भी अपने बेटे के लंड पर उछल रही थी, वो उसी हालत में बोल पड़ी

सास:"बस 10 मिनिट रुक जाओ मेरी बच्ची साना, तुम्हारे भाई तुम्हे भी खूब प्यार करेंगे."

मैं:"अच्छा ठीक है"

साना अब नज़रें चुरा कर बार बार अपने भाई और अपनी मा के लाइव सेक्स का सीन देख रही थी. इनायत का मोटा लंड अंदर बाहर हो रहा था और दोनो हाँफ रहे थे, इतने मे मेरी सास बोल पड़ी.

सास:"मेरे बेटा ज़रा ज़ोर से चोद, साले तेरे गान्डू बाप ने मुझे कई सालो से तरसाया है, आहाहह , हााआयययी उउफफफफफफ्फ़ ह्म्‍म्म्म"

इनायत की नज़रें साना के जिस्म पर घूम रही थी, साना का कसा हुआ जिस्म, शानदार गोल गोल तने हुए सफेद चूचिया,शेव्ड चूत, भरी हुई झांघें और बड़े बड़े काले बाल और उसकी शर्म से झुकी बड़ी बड़ी आँखें ये सब इनायत के उपर जैसे कोई जादू कर रही थी.

वो जोश मे आकर अपनी मा को चोदने लगा. इतनी धुआदार चुदाई की उसने की वो कुछ देर में ही झाड़ गया.अब मेरी सास ने साना को इशारा किया की वो आयेज आए.साना अपनी जगह से नही हिली.


सास:"इनायत बेटा अब तुम अपना कॉंडम बदल लो और साना को प्यार करो"

मैं साना को इनायत के करीब कर दिया.मैं भी खुद बड़ी एग्ज़ाइटेड हो चुकी थी, इसलिए मैने भी अपने कपड़े उतार दिए और अपनी सास के चेहरे को पकड़ कर एक उनको स्मूच करने लगी.मेरी सास भी मेरे चुतडो को सहलाने लगी.

इनायत साना से नज़दीक पहुच चुका था और उसने भी साना की जिस्म को अपनी तरफ खेंच लिया और उसके होंटो पर अपने होंठ रख दिए.

साना भी उसका साथ देने लगी, अब इनायत अपने दोनो हाथो से साना के बूब्स दबा रहा था, साना को जैसे सारे जहाँ की ख़ुसी मिल गयी और वो अब "सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई अहह भायययययाआआआआआआआआआ बहोत अच्छा लग रहा है" कहने लगी.

साना:"आहह भाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई, ह्म्‍म्म्ममममममममममममममममममम उउफफफफफफफफफफफफफफफफहह "

इनायत अब उसके होंठ छोड़ कर उसके बूब्स चूसने लगा.मैं भी अब खड़े खड़े थक गयी थी, मैं भी पास पदेए एक चटाई पर बैठ गयी और अपनी सास को अपने पास खेंच लिया. मैने उनको ज़मीन पर इस तरहा लिटा दिया कि साना और इनायत को उनकी चूत सॉफ नज़र आ रही थी,मैं अब उनकी चूत पर मूह रखकर 69 पोज़िशन मे आ चुकी थी. इनायत ने साना को चार पाई पर लिटा दिया और हमारी तरफ इशारे कर के 69 पोज़िशन बनाने को कहा.दोनो हमारी तरफ पेरपेन्डीकुलर पोज़िशन मे थे, साना के ऊपर आकर इनायत ने उसकी चूत पर जैसे ही मूह रखा वैसे ही साना उछल पड़ी. लेकिन इनायत ने उसकी टाँगो को चौड़ा कर के उसकी चूत चाटना शुरू कर दिया

, वो एक मछली की तरह मचल रही थी ,एक मर्द के अपनी चूत पर होंठ किसी भी औरत को पागल कर सकता है, ये तो आख़िर उसका अपना सगा भाई था जो खुद उसकी मा के सामने ऐसा कर रहा था. साना भी किसी एक्सपर्ट की तरहा अपने भाई का लॉडा चूस रही थी, शायद ये उन सीडीज़ का असर था जो मैने साना को देखने के लिए दी थीं. अब साना ने अपने चुतड उछालने शुरू कर दिए,शायद वो झड़ने वाली थी, उसी पल इनायत का भी फव्व्वारा छूट गया. साना ने एक एक कतरा निगल लिया. जैसे ही साना का गाढ़ा सफेद पानी बाहर आया इनायत ने हम को आवाज़ दी.

इयनयत:"आरा और अम्मी आप लोग यहाँ आयें"

साना भी अचानक से चौंक सी गयी कि क्या हो गया है ,वो भी चार पाई पर बैठ गयी और हम को देखने लगी,

सास:"क्या हुआ बेटा कोई प्राब्लम है क्या"

इनायत:"नहीं अम्मी मैं चाहता हूँ कि आप और आरा हम सब मिल कर साना की चूत का रस बाँट कर पीए"

हम सब साना के पास आए और उसकी चूत से उंगली लगा कर रस चाटने लगे

सास :"ह्म्‍म्म्म ,मेरी बच्ची की चूत कर रस मेरी ही तरहा है"

मैं: "हां अम्मी ये तो बिल्कुल आपकी तरहा है"

साना अब पहले की तरहा टेन्स नही थी लेकिन थोड़ी नर्वस सी दिख रही थी, उसको देख कर मेरी सास बोल पड़ी

सास:"क्या हुआ मेरी बच्ची, अगर तुमको ये सब अच्छा नहीं लग रहा तो कोई बात नहीं, कोई ज़बदस्ती नही है"

साना: "नहीं अम्मी, मैं वर्जिन हूँ पता नही भाई का मूसल जैसा लंड मेरी चूत का क्या हाल करेगा"

हम सब उसकी बात सुनकर खिलखिला कर हंस पड़े, वो भी अपनी बात पर झेंप सी गयी.

इनायत: "मेरी प्यारी बहना, टेन्षन मत लो, मैं इतना धीरे डालूँगा कि तुमको पता भी नही चलेगा"

साना: "लेकिन भाई, मैं आरिफ़ से शादी करना चाहती हूँ, अगर उसने शादी की रात मेरी टूटी सील देख ली तो"

इनायत: "देखो अब हम सब एक दूसरे के सामने खुल चुके हैं तो तुमको बता दूँ कि मुझे कोई ऐतराज़ नही तुम्हारी और आरिफ़ की शादी का,क्यूंकी शायद आरा ने तुमको बता ही दिया हो कि आरिफ़ भी वर्जिन नही है"

साना: "हां मुझे बताया था आरा ने"

सास: "हां मुझे भी बताया था कि एक लेडी डॉक्टर ने उसके सेक्स रिलेटेड प्राब्लम की वजह से उसकी वराइजिनिटी ले ली थी"

इनायत: "अच्छा, आपको मालूम है कि वो डॉक्टर कौन है?"

सास और साना:"नहीं, कौन है"

इनायत: "ये है आरा, वो डॉक्टर"

ये सुनकर दोनो का मूह खुला का खुला रह गया लेकिन फिर इनायत और सब लोग खिल खिला कर हंस पड़े.

हम आयेज जाना ही चाहते थे कि डोर बेल बजी, हम लोगो को बहोत गुस्सा आया लेकिन साना की सील तोड़ने की सेरेमनी कल के लिए पोस्ट्पोंड हो गयी.

कहानी जारी रहेगी-



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UPDATE 34

सेक्स अडिक्ट


लाइफ भी बड़ी अजीब चल रही थी. मैं सोचना शुरू किया कि मैने कैसे ये सब किया. ये सब कुछ ऐसा था कि यकीन से परे था. क्या इंसान की जिस्मानी ख्वाशात उसको चलाती हैं या फिर वो अपनी ख्वाशात को चलाते है.मैं तो जैसे ना जाने कहाँ बढ़ी जा रही थी, क्या होगा इसका अंजाम, आख़िर क्यूँ सेक्स के मामले में हमारी सोसाइटी ने इतनी बंदिशें लगा रखी हैं? क्या वाकई इन सब चीज़ो में कोई बुराई है या फिर ये सब ढकोसले हैं? मैं चाहती थी कि मैं इस बारे में कुछ सोचूँ लेकिन ना जाने क्यूँ मैं डूबती ही जा रही थी अपनी ख्वाहिशो में, मेरी रूह अब मैली होने लगी थी, मैने ये रास्ता जो चुना था

वो मुझे कई बार डरा भी देता था. सब कुछ कैसे इतनी आसानी से हो रहा था. मेरे लिए ये सब शतरंज के मोहरे थे,एक के बाद एक फ़तह हो रही थी, कोई भी मेरे सामने टिक नही पा रहा था,मुझे अब इन सब चीज़ो में मज़ा आ रहा था और ये एक बड़ा ही ख़तरनाक नशा था. ना जाने कभी कभी ये भी लगता कि काश मैं सिर्फ़ शौकत की ही होकर रहती या सिर्फ़ इनायत की. मर्द आख़िर कार मर्द ही होता है, वो चाहे किसी भी मज़हब,मुल्क,रंग,ज़बान,कद काठी का हो लेकिन आख़िर में वो मर्द ही निकलता है.

क्या कभी ऐसा भी हो सकता है कि ये सब जो मैं कर रही थी वो वापस मेरे उपर आ जाता. आज घर में कोई बच्चा नहीं है लेकिन अगर कल कोई नन्ही सी जान आएगी तो हम उसको क्या सिखायें गे? आज मैं जीत रही हूँ लेकिन क्या किसी दिन मैं हार भी जाउन्गि? आज इनायत, शौकत मेरे क़ब्ज़े में हैं लेकिन क्या वो किसी और औरत के क़ब्ज़े में नही आ सकते? ये सब सवाल मुझे कई बार बहोत परेशान करते. मैं अब जब भी अपनी अम्मा से फोन पर बात करती
तो मुझे ये लगता कि मैं किसी अंजान औरत से बात कर रही हूँ या शायद मैं किसी और ही दुनिया की किसी औरत से बात कर रही हूँ.वो भी कभी कभी मुझे ये कह देती कि तुम बदल सी गयी हो. मैं उनसे बात करते करते कहीं खो जाती और फिर कोई बात मुझे चौका सा देती. मैं इन दिनो अकेले में हमेशा अपने माज़ी में खो जाती,अपने उस वक़्त को याद करती जब मैं छोटी सी थी, बारिश की बूंदे, स्कूल जाना, स्कूल के लौट कर साइकल पर भाई के साथ घर आना, मेरी अम्मा का मुझपर चिल्लाना कि बारिश में क्यूँ भीग गये,मेरी अम्मा का मेरे लिए गरम चाइ लाना,अपने भाई से बेलौस मोहब्बत जिसमे कोई भी गंदगी नही थी,

वो गली में अपनी हम उमर लड़कियो के साथ शाम को खेलना,वो ठंडी के दिन, जाड़े में गरम बिस्तर में अपने मा बाप और खाला की बातें सुनना ना जाने ये सब कहाँ खो गया था. आज कहने को तो मैं ये सारे आड्वेंचर्स कर रही थी लेकिन इन सब चीज़ों से मुझे सिर्फ़ सेक्स का मज़ा मिल रहा था, मेरा सुकून मेरा चैन ना जाने कहाँ चला गया था. इनायत हो या कोई और मैं सबके साथ कहीं खो जाती. ऐसा लगने लगा था की मैं एक पिंजरे में क़ैद कोई चिड़िया हूँ जो शायद ग़लत मकाम पर आ गयी है. मैं यही सवाल दोहराती कि क्या ज़िंदगी में सेक्स और बाकी फनाः होने वाली चीज़ें ही सब कुछ हैं?

लेकिन फिर जब मेरे जिस्म को सेक्स की भूक लगती तो ना जाने ये ख़याल कहाँ गायब हो जाते? मैं एक जानवर सी बन जाती जिसे सिर्फ़ सेक्स से मतलब होता. अब मुझे अपने जिस्म की नुमाइश करने मे शर्म नही बल्कि मज़ा आता था, मेरा दिल करता था कि मैं अब घर में हमेशा नंगी रहूं और जिसके साथ चाहूं जो चाहे करूँ.

खैर शाम की ताबू मेरे पास आई और हम दोनो में बातें शुरू हो गयी.

ताबू:"आरा ये सब क्या चल रहा है?"

मैं:"मैं तुम्हे वक़्त आने पर सब बता दूँगी"

ताबू:"तुम तो सेक्स अडिक्ट बन चुकी हो, बाहर आओ इन सब चीज़ो से, हर चीज़ का एक्सट्रीम बुरा ही होता है, चेंज के लिए कुछ किया करो, तुम चाहती थी ना कि तुम एक ब्यूटी पार्लर खोलो, तो चलो मैं भी तुम्हारे साथ चलती हूँ देल्ही, तुम्हारी अट्टेन्स्षन भी डाइवर्ट हो जाएगी."

मैं:"मेरी जान मैं बिल्कुल ठीक हूँ"

ताबू:"देखो ये तुम्हारी लाइफ है, रिश्तो को मिक्स मत करो, हम लोग आपस मे जो चाहे करें लेकिन हमको अपना रीलेशन का दायरा उलझाना नहीं चाहिए"

मैं:"तुम क्या कहना चाहती हो"

ताबू:"देखो कहीं ऐसा ना हो कि तुम सेक्स और एमोशन्स को जोड़ कर कहीं खो जाओ और फिर तुम्हाई लाइफ के लिए ज़रूरते बदल जायें"

मैं:"मैं ये सब हॅंडल कर सकती हूँ, तुम टेन्षन मत लो"

ताबू:"सेक्स ईज़ आ पार्ट ऑफ लाइफ बट लाइफ ईज़ नोट जस्ट अबाउट सेक्स"

मैं:"बस यार तुम तो जैसे अटके हुए टेप रेकॉर्डर की तरहा एक बात बार बार रिपीट कर रही हो"

ताबू:"आरा, मेरी बात पर ज़रा ध्यान से सोचना, मुझे तुम्हारी फिकर है"

ताबू ये कहकर किचेन में चली गयी और मैं एक बार फिर कन्फ्यूज़ हो गयी.ना जाने क्यूँ ताबू की बातें मेरे सर के चक्कर काट रही थीं, मैने सोचा कि मुझे अपना ध्यान किसी और चीज़ मे लगाना चाहिए,मैं टीवी सीरियल्स देखने बैठ गयी लेकिन इसमे भी मुझे कुछ दिलचस्प नही लगा. आख़िर का ना जाने कब मेरी आँख लग गयी और साना मुझे रात के खाने के लिए बुलाने को आई.

हम सब डाइनिंग टेबल पर बैठे थे.मेरे सामने इनायत और शौकत, मेरे बगल में साना और ताबू, एक एंड पर ससुर और एक एंड पर सास.आज साना और इनायत के बीच में आँख मिचोली चल रही थी. वो एक दूसरे को देख कर खूब मुस्कुरा रहे थे और मैं ना जाने क्यूँ थोड़ी सी अनकंफर्टबल सी थी. मैं बस सूप ले रही थी और प्याले मे गोल गोल स्पून घुमा रही थी. मुझे ये मालूम नही था कि जैसे सब शांत से हो गये हैं और मेरी तरफ गौर से देख रहे हैं.जब मैने मूह उठा कर देखा तो सबकी निगाहें मेरी तरफ थीं

. मेरी सास मेरी तरफ देख कर बोली.

सास:"आरा ठीक तो हो"

मैं:"हाँ.....न, क.....क्य..क्या, हां ठ....ठीक हूँ"

सास:"तुम लगता है कई रातो से सोई नही हो."

मैं:"नहीं ऐसा नहीं है,वो सब ऐसे ही बचपन की यादो में खो गयी थी"

हमसब ने खाना खाया और फिर धीरे धीरे अपने कमरो में चले गये. मैं उस वक़्त हो रही घुटन से दूर जाना चाहती थी, इसलिए मैं सोचा की कैसे भी हो आज मैं वो खेल फिर शुरू करूँगी जो सुबह रह गया था, इसलिए मैं अपनी सास के कमरे में गयी,

वो बैठी हुई टीवी देख रही थी,मुझे देख कर उन्होने वॉल्यूम कम कर दिया और मेरी तरफ देख कर बोली.

सास:"क्या बात है आरा, कुछ कहना है?"

मैं:"हां वो कि साना थोड़ी टेन्षन में है"

सास:"क्यूँ?"

मैं:"शायद उसको शादी वगेरा का कोई टेन्षन हो, आप आज उसके साथ सो जायें"

सास:"ठीक है और तुम"

मैं:"मैं आज इनायत के साथ सो रही हूँ"

ससुरजी:"आरा आज यहीं सो जाओ"

मैं:"मेरी जान मैं भी यही चाहती हूँ लेकिन पहले साना और इनायत एक दूसरे के हो जायें और फिर साना आप की , ऐसा हो गया तो मैं फिर खुल कर आपसे प्यार कर सकती हूँ"

ससुरजी:"तो तुम कहाँ तक पहुँची हो?,इनायत और साना का कुछ हुआ कि नहीं"

मैं:"नहीं अभी नहीं, अभी तो वो बस एक दूसरे से शरमा से रहे हैं"

ससुरजी:"और तुम्हारा अनीला"

अनीला मेरी सास का एक और नाम था जो वो स्कूल के लिए इस्तेमाल करती थीं, कभी कभी प्यार से मेरे ससुर उनको इसी नाम से पुकारते थे.

मेरी सास, ससुरजी के सवाल से चौंक पड़ी.

सास:"मेरा, मेरा क्या?"

ससुरजी:"अपने बेटे को अपने हुस्न के जलवे दिखाए कि नहीं"

सास:"आप भी ना"

ससुरजी:"मुझे सब पता है और पता तो तुमको भी होगा, तुम एक काम करो कि आज रात इनायत के नीचे लेट जाओ और फिर इनायत से कहो कि वो साना की सील आज ही तोड़ दे"


सास:"आपको ना जाने कितनी जल्दी है"

ससुरजी:"हां जल्दी तो है, जाओ उसके कमरे में अभी और आरा तुम साना के रूम मे जाकर उसको रेडी करो"

मैं:"ठीक है फिर ऐसा ही करते हैं"

मैं साना के रूम मे चली आई और उसके साथ शुरू हो गयी, कुछ देर बाद इनायत और मेरी सास भी साना के कमरे में आ गये.


कहानी जारी रहेगी-

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यकीन होना मुश्किल है

UPDATE 35

सना वर्जिनिटी सेक्स


इनायत ने अपना टी शर्ट और पाजामा उतार दिया और सीधा बेड पर साना की टाँगो के दरमियाँ जाकर लेट गया. मैने अपनी सास को अपने नज़दीक खेच लिया. इनायत अब साना की बुर में अपनी ज़ुबान फेर रहा था और दोनो हाथो से साना की बूब्स भी दबा रहा था.

मैने खुद अपनी और सासू जी की नाइटी उतार दी और हम भी बेड के कोने मे बैठ गये.

मैने साना से कहा कि वो अपनी मा की फुद्दि चाटे और मेरी सास मेरी.इस तरह हम एक सर्कल मे आ गये थे.
कुछ देर इसी तरहा चलता रहा फिर एक एक करके हम सब झाड़ गये.

थोड़ी देर सुस्ताने के बाद अब वर्जिनिटी लॉस सेरेमनी की बारी आ गयी. मैं और मेरी सास साना के दोनो तरफ बैठ गये, इनायत ने अपने हथियार पर प्रोटेक्षन चढ़ा लिया था और वो पेनेट्रेशन के लिए रेडी था. साना टेन्स नज़र आ रही थी.

सास:"बेटा टेन्षन मत लो, बड़े आराम से हो जाएगा"

साना:"कैसे आराम से हो जाएगा,भाई ने किसी वर्जिन की सील कहाँ तोड़ी है, इनको एक्सपीरियेन्स नहीं है"

इनायत:"देखो साना घबराओ नही, बस तुम रिलॅक्स हो जाओ"

इनायत धीरे धीरे अपने लंड का टोपा साना की चूत में डालने लगा, साना खुद भी थोड़ा उचक कर अपनी एल्बोस के सहारे ये देख रही थी, अभी इनायत ज़रा सा भी अंदर नहीं डाल पाया था कि साना ने इनायत का लंड पकड़ लिया,इनायत ने उसका हाथ हटाया और एक ज़ोर दार धक्का उसकी चूत मे दिया जिससे उसका लंड पूरी तरहा साना की चूत में घुस गया.साना ज़ोर से चीख पड़ी लेकिन इनायत ने पहली ही उसके मूह पर हाथ रख दिया था, अब इनायत ने ज़ोर दार धक्के लगाने शुरू कर दिए थे,साना की चूत में पहले से ही पानी था और ज़ोर दार धक्को की वजह से पूरे रूम में पच पुच की आवाज़ आ रही थी,साना अब बेड पर लेट गयी थी और उसने अपनी टाँगो से इनायत की पीठ को जाकड़ सा लिया था वो लगातार आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उफफफफफ्फ़, ओह की आवाज़ निकाल रही थी.मैने अपनी सास को देखा वो अपनी चूत में उंगली कर रही थीं.

साना ने उनको देख लिया.

साना:"अम्मी मेरे बाद आपका नंबर है, आप को ज़्यादा देर इंतेज़ार नही करना होगा,,

मैं:"मैं सोच रही हूँ कि ससुरजी के पास चली जाउ"

इनायत:"इस हालत में"

इनायत धक्के भी लगा रहा था लेकिन चारो तरफ नज़र भी रखे था.

मैं:"हां तुम बिज़ी हो और साना के बाद अम्मी का नंबर है, मैं वेट नही कर सकूँगी"

साना:"आप क्या कहना चाहती हैं?"

मैं:"मैने आपसे एक बात शेर नहीं की और वो ये है कि अब्बू से भी चुद चुकी हूँ"

ये तो एक बॉम्ब था, जिसने एक धमाका कर दिया. साना और इनायत दोनो सकते में रह गये और रुक कर मेरी तरफ देखने लगे.

साना:"भाभी क्या कोई और राज़ भी है जो आपने छुपा रखा है"

इनायत:"आरा तुम आज कल काफ़ी कुछ कर रही हो"

मैं:"आइ आम रियली सॉरी जान, लेकिन ये सब इतना जल्दी हुआ कि आप लोगो को बताने का टाइम ही नही मिला"

सास:"हां बच्चो, मैने ही आरा से कहा था कि वो मेरे मिया के साथ सेक्स करे"

साना:"क्या अम्मी आपने खुद ये कहा?"

सास:"हां बेटा, अगर ऐसा नहीं करती तो मुझे इनायत का प्यार कैसे मिलता"

साना:"तो फिर मुझे इस खेल में शामिल क्यूँ किया?"

मैं:"वो इसलिए कि मैं चाहती थी कि मैं खुल कर बिना रोक टोक के ससुरजी की तमन्ना को पूरा कर सकूँ"

साना:"लेकिन क्या इन सब के बारे में शौकत भाई और ताबू भाभी को मालूम है आआअहह भाई ज़ोर से करो, मैं नज़दीक हूँ"

इनायत ने अब धक्को मे मज़ीद तेज़ी ला दी थी और वो पूरे जोश से साना की चूत को चोद रहा था.

मैं:"नहीं उनको ये सब नही मालूम है लेकिन ताबू ने ज़रूर मुझे नंगी हालत मे सुबह अब्बू के साथ देख लिया था, मैने उसको कह दिया है कि मैं उसको ये सब बात में बताउन्गि"

साना:"भाभी, क्या उनको कोई हैरत नही हुई ये सब देख कर"

मैं:"मैं और इनायत जब हनिमून पर गये थे, तब हम सब एक दूसरे से खुल से गये थे, ताबू तो इनायत की वो गर्ल फ्रेंड है. जिससे वो शादी करना चाहता था, इसलिए इन लोगो ने ये प्लान बनाया कि शौकत और मुझे फिर मिलवाया जाए ताकि वो एक दूसरे से शादी कर लें, लेकिन मुझे इनायत से मोहब्बत हो गयी थी और इसलिए इनायत ने प्लान बदल दिया"

सास:"हाय मैं मर जाउ,,, आरा क्या कुछ ऐसा भी है जो मुझे नहीं मालूम"

मैं:"हां और वो ये है कि हनिमून के टाइम पर हम सब देवर भाभी,जेठानी देवरानी सब एक कमरे मे एक दूसरे को प्यार किया करते थे, इसलिए अब उनको कोई प्राब्लम नही होगी , उल्टा ससुरजी को साना और ताबू की चूत मिल जाएगी जैसा कि वो चाहते हैं और अम्मी को शौकत का लंड भी मिल जाएगा"

साना:"क्या, अब्बू मुझे चोदना चाहते हैं"
सास:"हां मेरी बच्ची, अब तो मैं चाहती हूँ कि तुम और आरा अपने अब्बू के कमरे मे चली जाओ"

मैं:"और आप इनायत का केला खा सके हााआआहाहहाहाः"

साना भी ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी.

इनायत ने जब अपना लंड साना की चूत से पूरा बाहर निकाला तो उसका लंड खून से भरा था. साना को ये देख कर हैरत सी हुई कि इतना खून कैसे निकला.

उसने अपनी चूत पोछी और मैं और साना ससुरजी के रूम की तरफ बढ़ने लगे. हम दोनो पूरी तरहा नंगे थे. साना की आँखो
मे चमक सी थी और वो अब बिल्कुल भी शर्मा नहीं रही थी.

मेरे ससुर अभी भी टीवी देख रहे थे लेकिन जैसे ही उन्होने अपनी जवान बेटी को बिल्कुल नंगी देखा तो वो जैसे बेड से उछल पड़े. उनकी आँखें हैरत से भरी थीं और वो सिर्फ़ इतना कह सके

ससुर:"साना,,त....तू....तूमम्म्मम"

साना अब बेजीझक आगे बढ़ रही थी, उसने सीधा अपने बाप को स्मूच करना शुरू कर दिया. ससुरजी ने भी किसी भूके भेड़िए की तरहा उसको दबोच लिया और उसके बूब्स को ज़ोर से मसल दिया

साना:"आहह अब्बू धीरे, उखाड़ ही देंगे क्या आप"

मैं:"साला लार टपक रही है भडवे की अपनी बेटी को नंगी देख कर"

साना ने मूड कर मेरी तरफ हैरत से देखा लेकिन फिर ससुरजी ने उसका मूह अपनी तरफ कर लिया और कहा

ससुर:"मेरी बच्ची मुझे सेक्स के वक़्त ऐसी बातें अच्छी लगती हैं"

साना:"आरा सही कह रही है, तू तो साला है ही भड़वा, लेकिन साले बेटीचोद अगर तुझे अपनी बेटी इतनी ही सेक्सी लगती है तो तूने मुझे कोई इशारा भी नही किया आज तक, क्यूँ साले कुत्ते"

साना की लॅंग्वेज से मैं थोड़ा हैरान सी हुई लेकिन मुझे अच्छा लगा उसका अंदाज़ और अब वो भी सबाब पर आ गयी थी.

मैं:"साना अपने बाप को खूब तरसाना, साले का लंड सिर्फ़ जवान लड़कियो को सलामी देता है लेकिन अपनी बीवी के लिए कमज़ोर पड़ जाता है, पता नहीं ये सूअर अगर ताबू की चूत को देखेगा तो क्या करेगा, कहीं इसको हार्ट अटॅक ना आ जाए"

ससुर:"क्यूँ उसकी चूत में ऐसा क्या है"

साना ने एक ज़ोर दार थप्पड़ मार दिया अपने बाप को. ससुरजी को हैरत सी हुई

साना:"साले, सामने जवान बेटी अपनी फ्रेश चूत लेकर आई है और तुझे अपनी बहू की चूत देखनी है,चल साले बैठ नीचे और चाट मेरी बुर को,इतनी चाट कि मैं झाड़ ही जाउ तेरे मूह में"

मैं:"मैं तो इस गान्डू को अपना मूत भी पिला चुकी हूँ"

साना:"अच्छा तो मैं भी पीछे क्यूँ रहूं, एक काम कर मैं बिस्तर पर बेड पर पीठ के बॅल लेट जाती हूँ और तू मेरी टाँगो के बीच में आकर मेरी बुर को चाट और भाभी आप बेड को पकड़ मेरे मूह पर अपनी चूत रख दो, इस तरहा दोनो का काम साथ में होगा"

हम लोगो ने ऐसा ही किया. ससुरजी कुत्ते की तरहा अपनी बेटी की चूत चाट रहे थे और मैं अपनी चूत साना के मूह पर रगड़ रही थी.

मैं:"साना इस झान्टू को अपनी चूत के लिए इतना तरसाना कि वो साला अपनी बीवी की मजबूरी को याद करे"

ससुरजी को जैसे कोई दौरा पड़ गया था, अब वो साना के जिस्म के हर हिस्से को चूम रहे थे, मैं बैठे बैठे थक सी गयी थी इसलिए मैं ससुरजी के पीछे आई और एक ज़ोर दार लात ससुरजी की गान्ड पे मारी, वो बेड से नीचे गिरते गिरते बचे

मैं:"अब बस कर भोसड़ी के, पेल ना अपनी बेटी को, क्या सारी रात मैं अपनी चूत मे लंड के लिए वेट करूँ, साला उधर तेरा बेटा अपनी मा चोद रहा है और तू यहाँ अपनी बेटी, जल्दी कर फिर मेरा नंबर कब आएगा"

ससुरजी ने अपने टेबल की ड्रॉयर से कॉंडम निकाला और पहेन कर सीधा अपनी बेटी की टाँगो के बीच मे बैठ कर लंड उसकी चूत मे घुसा दिया. साना फिर एक बार कराह उठी लेकिन ससुरजी ने अब धक्के लगाना शुरू कर दिए थे और साना भी अपनी चूत उछाल उछाल कर अपने बाप का साथ देने लगी. ससुरजी के लौडे में ना जाने आज कहाँ से ताक़त आ गयी थी वो बिना रुके लगातार अपनी बेटी की बुर मे अपना लॉडा अंदर बाहर करते ही जा रहे थे, साना भी किसी रंडी की तरहा ज़ोर से बोल रही थी.

साना:""हाआँ हाां और चोद साले बेटी चोद और ज़ोर से धक्का लगा,साला अपनी बहू बेटियो पर नज़र रखता है, साले तेरे खून मे ही कुछ ऐसा है कि तेरा बेटा भी मादरचोद है और तू भी ठर्की साला औरत बाज़ है,,,,उफफफफ्फ़ और ज़ोर सीई आआहह आआहह हायययययययी मेरी मा कैसा कुत्ता है ये तेरा मिया,,,,अया अपनी ही बेटी चोद रहा है साला कमीना..

थोड़ी देर में ससुरजी झाड़ गये और अपनी नंगी बेटी से लिपट गये. जब मैने दरवाज़े की तरफ देखा तो सासूजी और इनायत दोनो बाहर नंगे खड़े हम को मुस्कुरा कर देख रहे थे.


कहानी जारी रहेगी-

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यकीन होना मुश्किल है

36- समाप्त

जैसे ही ससुरजी को एहसास हुआ तो उनके तोते उड़ गये लेकिन इनायत ने उस वक़्त उनका सामना करना ठीक नहीं समझा, इसलिए इनायत वापस अपने कमरे मे चले गये और फिर मेरी सास खुद अपने कमरे मे आ गयीं. मेरे ससुर अब भी ख़ौफ़ और हैरत की हालत मे थे. मेरी सास ने उनको देखा और सारी बात समझ गयी और उनके पास आकर बोली.

सास :"आप डर क्यूँ गये, यहाँ हमाम मे सब नंगे हैं"

ससुरजी:"क्या मतलब ?"

सास:"रात को इनायत मुझे और साना को प्यार कर रहा था और उसे मालूम है कि आप आरा और साना के साथ क्या कर रहे हैं"

ससुरजी:"क्या?"

सास:"और आरा, इनायत, ताबू और शौकत पहले से ही हनिमून के टाइम से आपस मे सब कर चुके हैं"

अब तो जैसे ससुरजी को बिजली का झटका सा लगा और वो बिस्तर से उतर कर मेरी सास की तरफ लपके

ससुरजी:"क्या कह रही हो, तुम्हे सब पता था और तुमने मुझसे ये सब छिपाया"

सास:"मुझे कल ही मालूम पड़ा"

मैं:"तो इसमे बुरा क्या है, इससे तो ताबू भी आपके ढीले लौडे के नीचे आ जाएगी"

मेरी बात सुनकर ससूजी झेंप से गये और कुछ सोचने लगे फिर बोले

ससुरजी:"चलो अच्छा है अब जब जी चहेगा मैं साना,ताबू और आरा के पास जा सकता हूँ"

सास:"और मैं भी इनायत और शौकत के पास जा सकती हूँ"

ये कहकर हमसब खिलखिला कर हंस पड़े.

सास:"बेटी की चूत के अलावा उसकी शादी मे बारे मे भी सोचो"

ससुरजी:"वो तो आरा के भाई से करनी है ना"

सास:"हां बिल्कुल"

ससुरजी:"मैं सोचता हूँ कि अगर भाई आरा के भाई को इस बारे मे पता चला तो"

सास:"इसकी फ़िक्र आप मत करो, आरा ने पहले ही अपने भाई को अपनी टाँगो के बीच की जगह दिखा दी है"

ससुरजी:"क्या, ऐसा कुछ और भी है जो मैं नहीं जानता???"

सास:"नहीं, मेरे राजा, बस इतना ही है"

ससुरजी:"पता नहीं तुम अब कहने लगो कि आरा के भाई से तुम भी मज़ा ले चुकी हो"

सास:"अभी तक तो नहीं लेकिन तुमने अच्छा याद दिलाया, आरा जल्दी इंतेज़ाम करवाओ अपने भाई से"

साना:"नहीं अम्मी, पहला हक़ मेरा है, फिर किसी और का"

सास:"ठीक है मेरी बच्ची, पहले तेरी शादी हो जाए फिर"

ससुरजी:"अब ताबू को भी मिला लो इस खेल में"

साना:"ठीक है अभी बुला लाती हूँ" ये कह कर मैं सीधे शौकत के रूम मे नंगी ही चल पड़ी, मेरी सास मुझसे कुछ कहना चाहती थी लेकिन मैं उनकी तरफ देखे बिना ही शौकत के रूम का डोर नॉक करने लगी.

वो लोग अभी सो रहे थे लेकिन नॉक करने पर शायद उठ गये और अंदर से दोनो की आवाज़ आई और जब मैने जवाब दिया तो अंदर ही बुला लिया, मैने बेधड़क अंदर चली गयी. मुझे नंगा देख कर शौकत और ताबू चौंक गये और ताबू बोल पड़ी.

ताबू:"आरा अब तुम ऐसी हालत मे, कोई देख लेगा तो क्या करेगा"

शौकत:"हां आरा तुमको ख़याल रखना चाहिए, इतना रिस्क अच्छा नहीं है"

मैं:"देखो मुझे तुम लोगो से कुछ कहना है, तो बिना डिस्ट्रब किए सब सुनते जाओ"

और ये कहकर मैने सारी बात सिलसिलेवार कह दी, दोनो बड़ी हैरत से मेरी बात सुन रहे थे.फिर ताबू बोल पड़ी

ताबू:"देखो ये सब पर्सनल चाय्स है, मैं शौकत और इनायत के अलावा किसी को अपना जिस्म नही दे सकती"

मैं:"ठीक कहा, ये सब पर्सनल चाय्स ही है, कोई तुमको फोर्स नहीं कर रहा,इट ईज़ ऑल अबाउट गिव आंड टेक"

शौकर:"हां आरा तुमने ठीक कहा, कोई किसी कोई फोर्स नहीं कर रहा"

मैं:"ताबू, तुम बहोत डिफेन्सिव हो जाती हो, ये सब सुनकर"

ताबू:"नहीं आरा, मुझे ये सब बहोत ऑड लगता है, मैने बचपन मे ही अपने डॅड को खो दिया और मैं अपने ससुर से अपने डॅड का प्यार पाना चाहती हूँ, किसी लवर का नहीं, आगे सब तुम्हारी मर्ज़ी है, लेकिन मुझे इसमे मत घसिटो"

मैं:"ऑफ-कोर्स ताबू, कोई तुमसे ज़बरदस्ती नही करेगा."

शौकत:"मुझे लगता है कि ताबू को थोड़ा स्पेस और टाइम देना होगा, अच्छा तुम ये बताओ कि तुम इतनी सुबह क्या यही कहने आई थी"

मैं:"हां मेरी जान, साना और तुम्हारी मा, तुम्हारे लिए बेकरार हैं"

शौकत:"क्या वाकई"

मैं:"हां बिल्कुल"

शौकत:"अभी तो मुझे ऑफीस जाना है, कल सनडे है तो फिर आज रात को देखते हैं"

मैं:"तुम कम्से कम उनसे कुछ कह तो आओ कि तुम राज़ी हो या नहीं"

शौकत:"ठीक है मैं कह के आता हूँ"

शौकत को ये नहीं मालूम था कि सब नंगे ही बैठे हैं

शौकत अपनी मा के कमरे की तरफ बढ़ा तो देखा ही साना बिस्तर के सहारे अपने दोनो हाथो के सहारे खड़ी है और ससुरजी पीछे से उसकी चूत मारने मे बिज़ी हैं और दूसरी तरफ इनायत ने अपनी मा को उसी बिस्तर पर लिटा रखा है और इनकी दोनो टाँगो के बीच ज़मीन पर ही उनकी टांगे उठाए उनको पेल रहा है. ये नज़ारा देख कर शौकत को जोश आ गया और वो सीधा इनायत के पास जाकर उसे कंधे पर हाथ रख कर उसका ध्यान अपनी तरफ खेचने लगे.

इनायत ने शौकत को देखा तो उसको आगे कर दिया लेकिन शौकत को देख कर सासू जी ने अपनी चूत अपने हाथो से ढक ली.

शौकत:" मुझे भी मौका दो"

ससुरजी थोड़ा रुक से गये लेकिन फिर इनायत बोल पड़े

इनायत:"हां अम्मी,थोड़ा इनको भी प्यार दो ना"

सासू जी ने कुछ कहा तो नहीं लेकिन अपने हाथ अपनी चूत से हटा लिए और फिर शौकत ने अपने पाजामे से अपना लॉडा निकाल कर सीधा अपनी मा की बुर मे पेल दिया और उनके उपर झूल कर उनके लिप्स कर किस करने लगा , इनायत ताबू के कमरे मे नंगे चल पड़े और मैं पास पड़ी कुर्सी पर बैठ कर ये सब नज़ारा देखने लगी. करीब दस मिनिट्स बाद देखा तो इनायत ताबू को गोद मे उसके पीठ से अपने पैर को झकड़े थी और इनायत हवा मे ही ताबू को पेलता हुआ इस कमरे मे ले आया, ताबू इस वक़्त सेक्स के नशे मे थी, इसलिए वो कुछ कहना नहीं चाहती थी, इनायत ने ताबू को साना और सासू जी के बीच मे पीठ के बल लिटा दिया और उनकी टांगे हवा मे उठा कर उसको शौकत की तरहा चोदने लगा. साना, मेरी सास और ससुरजी किसी भूके जानवर की तरहा ताबू के नंगे जिस्म को देख रहे थे.

कुछ देर बाद ताबू झाड़ गयी और उठ कर इनायत को स्मूच देने लगी. मेरे ससुरजी अब पूरे जोश मे थे और वो खुद जाकर इनायत को हटा कर खुद ताबू के होंटो को चूसने लगे. ताबू इससे पहले कि कुछ कह पाती, ताबू को वापस पीठ के बल लिटा कर जल्दी से ससुरजी ने अपने लॉडा उसकी चूत मे पेल दिया और ज़ोरदार झटके लगाने लगे. ताबू ने अब इनकार नही किया और वो भी उनका साथ देने लगी और बोलने लगी "हां अब्बू और ज़ोर से, और ज़ोर से, मुझे साना की तरहा ही अपनी बेटी की तरहा पेलिए"

इस वक़्त ताबू और ससूजी का जोश देखते ही बनता था और ये खेल एक घंटे तक इसी तरहा चलता रहा और फिर वो दोनो अलग हुए.

ये सुबह अजीब सी थी, आज के बाद हम सब घर वाले ज़्यादा तर नंगे ही घूमते, जो जिस को चाहता वो उसको प्यार करता मैं ज़्यादतर शौकत के साथ ही सोती और ताबू ज़्यादातर ससुरजी के साथ, साना और उसकी मा अब इनायत के रूम मे ही सोते

फिलहाल के लिए यही रुक्ते हैं . ये कहानी आगे एक और मज़ेदार मोड़ लेने वाली है, तो दोस्तो आप भी उस वक़्त का इंतेज़ार कीजिए.....

समाप्त
 
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Now I am become Death, the destroyer of worlds
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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hind section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 25th February tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.



Story se related koi doubt hai to iske liye is thread ka use kare — Chit Chat Thread

Kisi bhi story par apna review post karne ke liye is thread ka use kare — Review Thread

Rules check karne ke liye is thread ko dekho — Rules & Queries Thread

Apni story post karne ke liye is thread ka use kare — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership
Best Supporting Reader Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



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