यकीन होना मुश्किल है
UPDATE 28
सास ससुर ने किया सच का सामना
सुबह प्लान के मुताबिक मैने साना और ताबू को भेज दिया शॉपिंग के लिए और मेरी सास भी पड़ोस में चली गयी थीं. मैं पहले ही ससुरजी को रुकने के लिए कह दिया था. वो बिना किसी इसरार किए रुक गये थे.
मैने सास के जाते ही सास के कमरे मे झाँका, ससुरजी बैठे मेरे इंतेज़ार कर रहे थे.वो बेड पर बैठे थे, मैने उनके पास गयी और उनसे लिपट गयी और उनको गले लगा कर अपने होंठ उनके होंटो पर रख दिए और उनके पाजामे के उपर से ही उनका लंड सहलाने लगी.उनका लंड पहले से ही सलामी दे रहा था,मैने उनसे हट कर उनका पाजामा और उनका अंडरवेर उतार दिया और खुद अपनी नाइटी जिस्म से अलगकर के बिस्तर पर रख दी.
मैं:"बरकत ज़रा बिस्तर पर पीठ के बल लेट जा"
ससुर:"जैसा तुम कहो मेरी जान"
वो जैसे ही बेड पर लेटे मैं 69 पोज़िशन मे आ गयी, ससुर जी को थोड़ा टाइम लगा ये सब समझने में, वो पॉर्न मॅगज़ीन्स मे शायद ये पहले ही देख चुके थे, हम लोग इस तरहा बिस्तर पर थे कि ससुर जी का सर कमरे के दरवाज़े की तरफ था और मेरे चुतड दरवाजे की तरफ और इसलिए हम कुछ भी देख नही सकते थे, काफ़ी टाइम हो चुका था लेकिन सास अभी तक नही आई थी, सुसुरजी बड़े प्यासे कुत्ते की तरहा मेरी चूत तो कभी मेरे चुतड के होल को चाट रहे थे और किसी बच्चे की तरह आवाज़ निकाल रहे थे . जिस तरहा कोई बच्चा लॉलीपोप अपने मूह मे लेकर आवाज़ निकालता है. मेरे बड़े बड़े सफेद चूतड़ और पिंक चूत ने उनको मदहोश कर दिया था. मेरे ससुर ना दुबले पतले थे और ना ही मोटे,वो एक दरमियाने कद काठी के आदमी हैं और उनके बालो में हल्की सी सफेदी आई है, वो हमेशा एक भरे फ्रेम का स्क्वेर चस्मा पहेन्ते है, शौकत उनकी ही तरह दिखता है. उनके आँखें बड़ी बड़ी और चेहरा लंबा है. उनकी पर्सनॅलिटी अभी भी काफ़ी रुबाबदार है. लेकिन मेरे भरे हुए जिस्म और कातिलाना अंदाज़ के सामने उनकी कोई औकात नहीं थी. मुझे अब अपने जिस्म पर नाज़ था और मैं अपनी चूत उनके मूह पर बार बार रगड़ रही थी और उनके लंड को रुक रुक कर चूस रही थी कि ना जाने कब झड़ जाए.
मैं:"साले कुत्ते की तरहा चाट रहा है अपनी बहू की चूत, कुछ तो शरम कर हरामी"
ससुरजी:"तू है ही कुतिया तो मैं क्या करूँ"
मैं:"साले भडवे, शरम आनी चाहिए कि अपनी बेटी की उमर की लड़की को चोद रहा है"
ससुरजी:"तुझे शरम आनी चाहिए कि अपने बाप के उमर के आदमी से चुदवा रही है"
मैं:"ओये सूअर कहीं के, ज़्यादा मत बोल,मेरी बेज़्जती करेगा ना तो मैं जाती हूँ अभी अपने कमरे में और तू चोद अपनी बुढ़िया को"
ये कहकर मैं सच मे उठने लगी मेरा उतना था कि ससुरजी का रंग ही बदल गया
ससुरजी:"आरा क्या हुआ, बुरा मान गयी क्या ?"
मैं:"देख मेरी बेज़्जती करेगा तो मैं यहाँ रुकने वाली नही, तुझे इस तरह की बातें पसंद हैं सेक्स के टाइम पर इसलिए मैं करती हूँ और तू उल्टा मुझे ही सुना रहा है साले"
मेरा ये अंदाज़ ससुरजी को डरा गया
ससुरजी:"ठीक है आरा, आगे से मैं ख़याल रखूँगा"
मैं:"तुझे मेरा कुत्ता बनना होगा तभी तुझे मैं अपनू बुर के दर्शन करवाउंगी"
ससुरजी:"जैसा कहो मेरी रानी"
मैं:"थोडा रुक ज़रा मुझे मूत आ रहा है"
ससुरजी:"थोड़ा और रोक लो ज़रा मैं करीब ही हूँ झड़ने को"
मैं:"नहीं रुक सकती जाने दे साले"
मुझे सच मुच बहोत तेज़ी से पेसाब आ रहा था, ना जाने क्यूँ सासू जी कहाँ रह गयी थी, मुझे आइडिया आया कि क्यूँ ना मैं ससुरजी के मूह में ही मूत दूं,इसके बारे मे मैने कई मूवीस मे देखा था इसको गोल्डन शवर भी कहते हैं. मैने सोचा कि लाओ ये अड्वेंचर भी कर के देख लूँ.हमारी सोसाइटी में बहू कभी ससुर को अपना मूह भी नही दिखाती हैं और सास और ससुर का बहोत डर होता है और बड़ी इज़्ज़त होती है लेकिन मैने मूह क्या चूत तक दिखा दी थी अपना ससुर को और उनको गाली देने में और ज़लील करने मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.मैने अपना पेसाब छोड़ दिया. मेरे पेसाब से वो थोड़ा चौंक गये लेकिन मैने अपनी चूत उनके मूह से नही हटाई, वो भी मेरे पेसाब को अपनी ज़बान निकाल कर चाट रहे थे.
मैं:"अब चाट मेरा मूत साले,पी इसको"
जब मेरा पेसाब निकल गया तो पूरा बिस्तर मेरे पेसाब से भीग गया था.ससुरजी को बाद मे ये ख्याल आया.तभी हम लोगो को पीछे से आवाज़ सुनाई दी.ये मेरी सास की आवाज़ थी. जब हम लोगो ने पलट कर देखा तो वो बाहर खड़ी थी और उनकी आँखो मे बनावटी दुख और गुस्सा था,वो बोल उठी थी "चीईईईईईइ" उनकी आवाज़ सुन कर ससुरजी के तोते ही उड़ गये और मैने अपनी नाइटी उठाई और मैं अपने कमरे से बाहर आ गयी और अपनी नाइटी पहनने लगी. मुझे किस का डर था इसलिए मैने बाहर छुप कर दोनो की बात सुन रही थी.
ससुरजी की घिग्गी बन गयी थी.
मुझे यहाँ से हर बात सॉफ सुनाई दे रही थी.मेरी सास प्लान के हिसाब से ही, दिखावे का रोना रो रही थी
सास:"मुझे बड़ा अफ़ोसोस है कि मैं आपको मैं खुश नही रख पाई कि आपको अपनी ही बहू के पास जाना पड़ा, आप सेक्स के लिए इतने बेताब हैं कि आप अपनी बहू की बुर मे मूह लगा कर उसका पेसाब पी रहे थे, हाय ये सब देखने से पहले मैं मर क्यूँ ना गयी, हाययययी हायययी रे मेरी किस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्माआआआत"
ससुरजी:"शौकत की मा, मुझे माफ़ करदो, ना जाने मुझे क्या हो गया था लेकिन मैं दिल से तुम ही से प्यार करता हूँ, मुझे माफ़ करदो, प्लीज़ रोना बंद करो"
सास:"लेकिन आपने ये तो सोचा होता कि ये आपके बेटे की बीवी है, आप मर्द हैं चाहे तो किसी और से ताल्लुक बना लेते, कहीं आपने आरा को धमका कर या डरा कर तो ताल्लुक नही बनाया"
ससुरजी:"नही मेरी जान, बिल्कुल नहीं"
सास:"सेक्स का दिल तो मेरा भी करता है लेकिन मैं किसी और के सामने अपनी चूत नही फैला सकती क्यूँ कि मैं आप की तरह मर्द नहीं हूँ ना, मैं अगर ऐसा करती तो आप मुझे मार ही डालते, चलो ये ठीक ही हुआ कि आपकी ख्वाइश घर मे ही पूरी हो रही है"
ससुरजी:"तुम यकीन करो मैं आइन्दा से ऐसा नही करूँगा"
सास:"आप घर में नही करेंगे तो बाहर करेंगे और इस उमर में बदनाम होंगे, उससे तो अच्छा है कि आप घर में ही ये सब करते रहें लेकिन अगर इनायत और शौकत या साना को मालूम हुआ तो वो क्या करेंगे ?"
ससुरजी:"इसलिए मैं कह रहा हूँ कि आइन्दा ऐसा नही करूँगा"
सास:"मुझे कोई ऐतराज़ ना होता लेकिन आपने मुझे भी अंधेरे मे रखा इस बारे में, क्या मैने कभी आप को किसी चीज़ के लिए मना किया है क्या?"
ससुरजी:"नही कभी नही किया लेकिन मैं ये तुमको कैसे बता देता"
सास:"जाइए आप पहले अपनी भूख मिटा कर आइए, नहीं तो आप दिन भर परेशान रहेंगे"
ससुरजी:"कैसी बात कर रही हो"
सास:"मैं जानती हूँ आपको, जाइए आप, मैं खुद ही आरा को बुला देती हूँ"
ससुरजी:"ये क्या कर रही हो तुम, आरा कैसे आएगी वो भी तुम्हारे सामने, मेरा मतलब उसको भी शायद पछतावा हो रहा होगा"
सास:"अब कैसे पछतावा, अगर आप लोग एक दूसरे से खुश हैं तो मैं क्या कर सकती हूँ, लेकिन आप जल्दी करो, साना और ताबू बाज़ार से वापिस आते ही होंगे."
कहानी जारी रहेगी-
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