• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica यकीन होना मुश्किल है

aamirhydkhan

Active Member
816
1,573
124
यकीन होना मुश्किल है


मेरा नाम आरा है. मैं उस वक़्त 21 साल की थी और उस वक़्त मैने बी.ए. पास कर लिया था. मेरे घर मे शुरू से ही लड़कियो को अकेले बाहर जाने की इजाज़त नही है. मैं एक लोवर मिड्ल क्लास की लड़की हूँ और बड़े ही साधारण से परिवार से हूँ. हम वही लोग हैं जो एक छोटे से कस्बे मे अपनी सारी उमर बिता देते हैं. हम मोटर साइकल ही अफोर्ड कर सकते है.

मैं भी एक आम लड़की जिसकी आम सी सहेलिया और आम सी ज़िंदगी थी. मैने बी.ए प्राइवेट किया है और मैं इंग्लीश मे अच्छी नही हूँ.

मेरी ज़िंदगी मे मैं अपने शौहर,देवर, ससुर और भाई से संबंध बना चुकी हूँ. इस बात पर यकीन करना बड़ा मुश्किल है लेकिन यही मेरी ज़िंदगी है. मैं तो सिर्फ़ अपने शौहर को ही अपना जिस्म देना चाहती थी लेकिन कुदरत के खेल मे फँस कर हार कर रह गयी.

आज जब मैं पीछे देखती हूँ तो सिर्फ़ तकलीफ़ के कुछ और नही पाती. रोना मेरी किस्मत और लुटना मेरी किस्मत की लकीर बन गयी है.

आज भी याद है मुझे सब मेरे ससुराल वाले मुझे देखने आए थे.
लालची लोग लेकिन बातो से शरीफ.
मैं अपने मा बाप की एकलौती लड़की हूँ और अपने बड़े भाई से छोटी हूँ.


UPDATE 01. UPDATE 02. UPDATE 03. UPDATE 04. UPDATE 05. UPDATE 06. UPDATE 07. UPDATE 08. UPDATE 09. UPDATE 10

UPDATE 11. UPDATE 12. UPDATE 13. UPDATE 14. UPDATE 15. UPDATE 16. UPDATE 17. UPDATE 18. UPDATE 19. UPDATE 20
UPDATE 21. UPDATE 22. UPDATE 23. UPDATE 24. UPDATE 25. UPDATE 26. UPDATE 27. UPDATE 28. UPDATE 29. UPDATE 30


अन्य साइट से ली गयी कहानी
 
Last edited:

aamirhydkhan

Active Member
816
1,573
124

यकीन होना मुश्किल है

UPDATE 26

जाल


साना:"वो क्या होता है, क्या कोई नयी सेक्स पोज़िशन है"

मैं:"नही, तुम्हे नहीं पता?"

साना:"नहीं"

मैं:"हम लोग दिल मे कभी कभी किसी और के लिए भी सेक्षुयली अट्रॅक्टेड होते हैं लेकिन ये पासिबल नहीं होता कि अपने पार्ट्नर्स के अलावा भी किसी और से सेक्स कर सके इसलिए हम उस पार्ट्नर को वही सख्स के तौर पर देखने लगते हैं और अस्यूम करते हैं कि हम उसी के साथ सेक्स कर रहे हैं"

साना:"क्या कहा आपने? क्या इनायत भाई किसी और के साथ सेक्स अस्यूम करते हैं जब वो आपके साथ सेक्स कर रहे होते हैं? और क्या आप भी यही अस्यूम करती हैं?"

मैं:"हां और मैं वो बन जाती हूँ जिसे इनायत प्यार करना चाहते हैं और वो खुद मेरे ख्यालो वाला सख्स बन जाते हैं, वो मुझे उसी नाम से पुकारते हैं जिसके बारे में वो इमॅजिन कर रहे होते हैं"

साना:"अच्छा तो तुम लोग किस के बारे में इमॅजिन करते हो?"

मैं:"तुम अभी बच्ची हो इसलिए तुम्हारे इतना जानना ही काफ़ी है, तुम मेच्यूर नहीं हो शायद इसको समझ ना पाओ और इमेच्यूर्ली रिक्ट करो"

साना:"नहीं भाभी, मैं कोई बच्ची नहीं हूँ, आप ट्रस्ट तो करें एक बार"

मैं:"अच्छा ठीक है तो सुनो इनायत तुम्हें और तुम्हारी अम्मी को इमॅजिन करते हैं और मैं तुम्हारा और अम्मी का रोल प्ले करती हूँ"

साना:"क्या कह रही हैं आप, हाय ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई भाई अपनी मा और बहेन के बारे में ऐसा सोचे, मुझे यकीन नहीं होता, आप बकवास कर रही हैं"

मैं:मुझे मालूम था कि तुम ऐसे ही इमेच्यूर्ली रिक्ट करोगी, इसलिए तुम्हे तुम्हारे हाल पर छोड़ना ठीक था"

ये कह कर मैने अपने कपड़े पहेनना शुरू करने का नाटक किया और साथ मे थोड़ा सा गुस्सा भी दिखाया.

साना:"अर्रे भाभी, आप नाराज़ हो गयी क्या, ओ.के बाबा सॉरी प्लीज़, आप अपनी बात को ख़तम करिए ना, मैं अब शांत होकर आपकी बात सुनूँगी"

मैं:"प्रॉमिस"

साना:"हां हां प्रॉमिस"

अब मैं फिर बिस्तर पर उसकी तरफ मूह करके बैठ गयी थी और उसके मम्मे दबा रही थी, उसकी आँखो मे नशा सा नज़र आता था, यही सही मौका भी था, मुझे तब्बू के उठने से पहले ये काम ख़तम करना था.

मैं:"मेरी जान अगर तुम थोड़ा मेच्यूर बनोगी तो तुमको लाइव सेक्स दिखाउन्गि समझी"

साना:"किसका सेक्स "

मैं:"मेरा और इनायत का, हां इनायत को कानो कान खबर नही होगी"

साना:"मुझे नहीं देखना ये सब आप अपनी बात पूरी करो"

मैं:"अच्छा तो मैं कह रही थी कि इनायत तुम्हारी चूत मे लंड इमॅजिन करते है और तुम्हारी मा की भी"

साना:"आप इतनी खूबसूरत हैं, फिर भी वो मुझे और अम्मी को ही क्यूँ इमॅजिन करते हैं"

मैं:"क्यूंकी ऐसी किसी चीज़ का मज़ा ही निराला होता है जिसको करना नामुमकिन और मना होता है, लड़के तो वैसे भी अपनी मा की तरफ बचपन से अट्रॅक्ट होते हैं और तुम अपनी मा की फोटो कॉपी हो इसलिए तो वो तुमको भी अपनी इम्जिनेशन में शामिल कर लेते हैं , जब वो तुमको इमॅजिन कर रहे होते हैं तो जल्दी ही झाड़ जाते हैं, वो तुम्हारे सीने और चुतड से बहुत अट्रॅक्ट हुए हैं"

साना:"मुझे समझ नही आ रहा कि क्या कहूँ, ये कोई कॉंप्लिमेंट है कि क्या है"

मैं:"क्यूँ कॉंप्लिमेंट क्यूँ नही है, एक बहेन होकर तुम्हारी खूबसूरती ने खुद तुम्हारे भाई को जाकड़ किया है, इनायत के लंड में बहुत सख्ती आ जाती है जब वो तुम्हारे बारे में सोचते हैं"

साना:"और अम्मी का क्या पसंद आता है उनको"

मैं:"हर चीज़"

साना:"अच्छा तो आप किस के बारे मे इमॅजिन करती हैं?"

मैं:"अपने भाई और अपने ससुर के बारे में"

साना:"क्यूँ"

मैं:"क्यूँ क्या, मेरा भाई हॅंडसम है और तुम्हारे अब्बू मुझे अच्छे लगते हैं"

साना:"अच्छा क्या अगर आपको इनायत भाई ने और सिचुयेशन्स ने मौका दिया तो क्या आप सच मे इन्ही लोगोसे साथ सेक्स करना पसंद करेंगे"

दर_असल ये सवाल उसने अपने और इनायत के बारे मे किया लेकिन उल्टी तरह से किया ताकि वो अंदाज़ा लगा ले कि उसका क्या चान्स है.


मैं:"इनायत तो मुझे पहले ही कह चुके हैं,लेकिन मैने ही ट्राइ नहीं किया"

साना:"क्यूँ?"

मैं:"तुम ही सोचो कि अगर मैं खुद अपने भाई को अपनी चूत दिखा दूँ तो क्या उसकी होने वाली बीवी को ये कभी क़ुबूल होगा?"

साना:"हो सकता है कि उसको कोई दिक्कत ना हो तो?"

मैं:"मैं ये कैसे मान लूँ कि उसकी होने वाली बीवी को कभी बुरा नहीं लगने वाला"

साना:"मैं अगर आरिफ़ की बीवी बन जाउ तो मुझे तो इसमे कोई ऐतराज़ नही होगा"

मैं:"ये सिर्फ़ कहने वाली बात है साना, जब तुम उसकी बीवी बन जाओगी तो तुमको ये कभी मंज़ूर नहीं होगा"

साना:"आप ऐसे कैसे कह सकती हैं"

मैं:"इनायत अपनी खुद की बहेन की चूत मे लंड डालने के लिए तो राज़ी है लेकिन मेरे भाई का वर्जिन ना होना उसको पसंद नही"

साना:"मैं आप कह चुकी हूँ कि मुझे इससे कोई फ़र्क नही पड़ता"

मैं:"अच्छा ठीक है फिर अगर मैं आरिफ़ का लंड अपनी चूत मे डलवा लूँ तो क्या तुम आरिफ़ से शादी कर पाओगि"

ये बात मैने थोड़ा तल्ख़ लहजे में कही. साना थोड़ी देर सोचती रही फिर बोली.

साना:"हां तब भी, क्यूँ कि आप उसकी बहेन हैं और बहेन ही रहेंगी, आप उसकी बीवी नही बन सकती हैं"

मैं:"हो सकता है तुम ऐसा ही सोचती हो,मुझे राहत मिली कि तुम मेच्यूर हो रही हो,खैर अब ये सब छोड़ो और ये बताओ की कुछ और जानना चाहती हो"

साना:"आपको शौकर भाई की याद आती है"

मैं:"हां वो मेरा पहला प्यार थे, उनके साथ गुज़री हर रात मुझे याद है, मैं कई बार इनायत से उनका रोल भी प्ले करवाती हूँ"

साना:"आपने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया अभी तक"

मैं:"यही कि मौके मिले तो क्या मैं अपने भाई से और तुम्हारे अब्बू से चुदना चाहूगी, हां उन दोनो के लिए मेरी चूत के दरवाज़े हमेशा खुले हैं, मैं ये सोच रही थी कि पहले तुम्हारे अब्बू से शुरू करूँ, लेकिन तुम्हारी अम्मी से डरती हूँ"

साना:"काश कि आप अम्मी को भी मेरी तरहा समझा पाती"

मैं:"तुम्हारी अम्मी भी सेक्स के लिए परेशान रहती हैं, शायद तुम्हारे अब्बू उनपर अब ध्यान नही देते"

साना:"क्या"

मैं:"हां, जब कल रात मैं सो रही थी तो मुझे तुम्हारे अम्मी की करहाने जैसी आवाज़ आई तो मैं जाग गयी, देखती हूँ कि तुम्हारी अम्मी अपनी चूत में उंगली कर रही हैं और दूसरे हाथ से अपने सीने को मसल रही हैं, मैने जब उनको देखा तो वो घबरा सी गयी, लेकिन मैने उनसे कहा कि आप डरें नही, मैं किसी से कुछ नही कहने वाली,तब उनकी आँखें नम सी हो गयी"

साना:"वाकई"

मैं:"हां, तो मैने उनसे बात की, पहले तो वो काफ़ी हिचक रही थीं लेकिन फिर वो उन्होने मुझे सारी बात बताई कि अब शायद उनके मिया को उनमे कोई दिलचस्पी नही रही. मैने उनसे कह दिया कि आप उंगली कर लिया करें इसमे कोई हर्ज़ नहीं है"

साना:"बहोत अफ़सोस हुआ सुनकर"

मैं:"हां इसलिए मैं सोच रही थी कि उनको इनायत से चुदवाने के लिए राज़ी कर लूँ ताकि घर की बात घर में ही रहे"

साना:"भाभी, क्या कह रही हैं आप, अम्मी कभी नही राज़ी होंगी"

मैं:"ये मुश्किल ज़रूर है लेकिन मैने जब इनायत की चोदने की ज़िद्द और मुझे रफ्ली चोदने का इन्सिडेंट बताया तो वो बड़े ही गौर से सुनने लगी और मेरे सामने अपनी चूत में उंगली करने लगी, मैने भी उनकी मदद करने के लिए उनकी चूत को मसलना शुरू कर दियाँ, वो मुझसे इनायत के और शौकत के लंड के साइज़ के बारे में भी पूछ रही थी"

साना:"आप एक के बाद एक बॉम्ब फोड़ रही हैं"

मैं:"अच्छा ठीक है, आज रात मैं तुमको अपनी और तुम्हारी अम्मी की बात सुना दूँगी,मैं तुमको फोन करूँगी और चुपके से तुम मेरी और अपनी मा की सारी बात सुन लेना फिर तुमको यकीन आएगा, मुझे खुद तुम्हारी अम्मी ने तुम्हे सेक्स के बारे मे बताने के लिए भेजा है,आज रात तुम्हारा ये डाउट क्लियर हो जाएगा और अगर कल रात टाइम मिला तो तुमको तुम्हारे भाय्या की तुमको चोदने की ख्वाइश के बारे मे पता चल जाएगा"

साना:"अच्छा मैं भी इंतेज़ार करूँगी"

जाल बिछ चुका था,अब एक तीर से मुझे कई शिकार करने थे. मुझे उस टाइम का इंतेज़ार था जब मैं इस घर मे दिन के उजाले में नंगी घूम सकु और जब चाहे इनायत, शौकत, बरकत और आरिफ़ का लंड अपनी चूत मे ले सकूँ.


कहानी जारी रहेगी-



This Update Posted when Views ........

Last Update Post Views .......................... 19704

Last post got ......................................... views
 

aamirhydkhan

Active Member
816
1,573
124
यकीन होना मुश्किल है

UPDATE 27

सास का उतावलापन


साना के जाने के बाद मैने अपने कपड़े पहेन लिए और शाम का इंतेज़ार करने लगी. शाम को मेरी सास वापस आ गयी और उन्होने मुझे अपने कमरे में बुलाया. उनके चेहरे पर एक बच्ची की तरहा उतावला पन था ये जानने के लिए कि क्या मैने अपने ससुर से अपनी चूत मरवाई या नहीं.

सास:"आरा, क्या हुआ तुम्हारे चेहरे से तो लग रहा है जैसे कुछ हुआ ही नहीं"

मैने बिना कुछ कहे अपने फोन से ससुरजी और अपनी सेक्स की वीडियो दिखा दी लेकिन वॉल्यूम कम कर दिया ताकि कोई और सुन ना सके. उसमे से वो सीन आ रहा था जब ससुरजी मेरी चूत मे लॉडा डाल चुके थे लेकिन मेरी वीडियो बनाने मे मसरूफ़ थे, तभी मेरी आवाज़ गूँज पड़ी "बरकत साले वीडियो ही बनाता रहेगा कि चोदेगा भी मुझे भडवे",ये सुनकर तो मेरी सास की आँखे चढ़ गयी लेकिन वो ये देखने में बड़ी मसरूफ़ हो गयी और शुरू से लास्ट तक सब देख डाला. मैं उनके चेहरे को देख कर खिलखिला पड़ी और मेरी हँसी बाहर के कमरो मे गूँज गयी.

सास:"आरा मुझे यकीन नही होता कि तुमने ये कर दिखाया,मेरे शौहर इतनी जल्दी फिसल गये और तुम उनसे ये कैसे बात कर रही थीं"

मैं:"माफ़ कर दीजिए अगर आपको बुरा लगा हो"

सास:"नहीं मुझे बुरा नहीं लगा बल्कि हैरानी हुई कि एक चूत के लिए आदमी गुलाम तक बन सकता है"

मैं:"वो मेरे गुलाम ज़रूर हैं लेकिन आप टेन्षन ना लें वो रहेगे तो आपके ही शौहर और आप जैसे चाहे मैं वैसे करूँगी"

सास:"शाबाश आरा मुझे तुमसे यही उम्मीद थी"

मैं:"मैं जल्द ही इनायत का लंड आपकी चूत मे डलवाती हूँ"

सास:"तुमको यकीन है कि मेरे शौहर इस बात के लिए मान जायेंगे"

मैं:"आप देखती रहिए,वो बिल्कुल मान जायेंगे, उनको मेरी चूत का ऐसा चस्का लगा है कि वो कुछ भी कर सकते हैं"

सास:"तो ठीक है आरा तुम जल्दी से सब करो"

मैं:"अच्छा ठीक है लेकिन इसके लिए आपको थोड़ी आक्टिंग करनी होगी"

सास:"वो क्या"

मैं:"कल मैं साना और ताबू को फिर शॉपिंग पर भेज दूँगी और इस बार साना से कह दूँगी कि वो आपके लिए कुछ अंडरगार्मेंट्स ले आए और आप पड़ोस मे ये कहकर चली जाना कि मैं दोपहर तक आउन्गि. कल मैं ससुरजी को रोक लूँगी और फिर आप 10 मिनिट्स मे लौट आपना, दरवाज़ा लॉक नही करूँगी.आप हम दोनो को रंगे हाथ पकड़ लेना लेकिन बिना कुछ बोले कमरे से बाहर आ जाना, मुझे यकीन है कि इससे ससुरजी के तोते उड़ जायेंगे.

सास:"अच्छा फिर मैं क्या करूँगी"

मैं:"आप नाराज़गी दिखाना और चुप चाप अपने कमरे में चले जाना, लेकिन शोर मत करना, मुझे यकीन है कि बरकत साहब यानी मेरे ससुर ज़रूर आपके पीछे आयेंगे और आप से माफी माँगेंगे तब आप ये कह देना कि आप उन्हे रोक नही सकती हैं क्यूंकी वो एक मर्द हैं लेकिन आपको इस बात का अफ़सोस है कि उन्होने ये बात आपसे छिपाई,आप उनसे कहना कि वो मेरे पास वापस जाकर पहले अपना काम ख़तम कर के आयें,पहले तो वो मना करेंगे लेकिन फिर आप बार बार इसरार करना जिससे वो मेरे पास वापिस आ सके और तब मैं उनको शीशे मे उतार लूँगी"

सास:"तुमको यकीन है ये सब काम करेगा"

मैं:"आप देखते तो जायें"

सास:"क्या तुमने बताया साना को सेक्स के बारे में?"

मैं:"हां सब बता दिया है और उसको कुछ सीडीज़ भी दे दी हैं देखने के लिए, लेकिन मुझसे एक ग़लती हो गयी"

सास:"क्या?"

मैं:"मैं जोश मे आकर ये कह गयी कि आप सेक्स के लिए तरसती रहती हैं और मैं और आप एक दूसरे को उंगली करते हैं"

सास:"क्या? आरा तुमने मुझे मेरी बच्ची के सामने शर्मिंदा कर दिया है, आख़िर ये कहने की ज़रूरत क्या थी"

मैं:"आप टेन्षन मत लीजिए, साना मेच्यूर हो गयी है, उसने तो ये कहा कि उसको बहोत अफ़ोसोस हुआ ये जानकार कि आप की ऐसी हालत है और फिर उसने मुझसे रिक्वेस्ट की, कि मैं आपके साथ उंगली करती रहूं ताकि आपकी ख्वाइश पूरी होती रहे"

सास:"सच में, थोड़ा सुकून मिला ये जानकार और क्या बात हुई"

मैं:"बस बाकी सब बातें तो इनायत और शौकत के लंड के बारे में और चुदाई के बारे में हुई,मैने उसको ये भी कह दिया कि इनायत नहीं चाहते कि आरिफ़ की शादी साना से हो"

सास:"क्या, लेकिन क्यूँ"

मैं:"यही कि आरिफ़ शायद किसी लड़की के साथ सेक्स कर चुका है और साना कुँवारी है"

सास:"इनायत को कैसे मालूम ये सब और आरिफ़ क्या किसी और लड़की के चक्कर में है?"

मैं:"आरिफ़ ने ही बताया है, दर_असल आरिफ़ को लगता था कि वो नमार्द है और इसलिए वो एक डॉक्टर के पास गया, वो एक लेडी डॉक्टर थी , उसने आरिफ़ को इलाज के बहाने अपनी चूत मारने के लिए कहा, आरिफ़ समझता रहा कि डॉक्टर उसकी मदद कर रही है लेकिन वो अपना मतलब पूरा कर रही थी, बाद में उसने आरिफ़ से कहा कि वो नमार्द नहीं है बस थोड़ी टेन्षन की वजह से उसको सेक्स का मन नही था"

सास:"अगर आरिफ़ ने खुद ये बातें इनायत से कही तो मुझे लगता है कि आरिफ़ सच बोल रहा है"

मैं:"अगर आपको आरिफ़ साना के लिए ठीक लगता है तो आप इनायत को मना लें"

सास:"लेकिन क्या वो मेरी बात मानेगा"

मैं:"हां, आप एक बार उसको अपनी चूत का नज़ारा दिखा दें फिर तो उसका बाप भी मानेगा, हाहहाहाहाहा"

सास:"हाहाहाहा, हां ये तो है, ठीक है फिर तुम कल सुबह अपने प्लान के मुताबिक सब करना"


तभी साना की आवाज़ आई और मैं बाहर चली आई,दिन ढल गया था और मैं रात को बेचैन थी अपना अगला प्लान एक्सेक्यूट करने के लिए.


कहानी जारी रहेगी-



This Update Posted when Views ........ 21382

Last Update Post Views .......................... 19704

Last post got ......................................... 1678 views
 
Last edited:

aamirhydkhan

Active Member
816
1,573
124
यकीन होना मुश्किल है

UPDATE 28

सास ससुर ने किया सच का सामना



सुबह प्लान के मुताबिक मैने साना और ताबू को भेज दिया शॉपिंग के लिए और मेरी सास भी पड़ोस में चली गयी थीं. मैं पहले ही ससुरजी को रुकने के लिए कह दिया था. वो बिना किसी इसरार किए रुक गये थे.

मैने सास के जाते ही सास के कमरे मे झाँका, ससुरजी बैठे मेरे इंतेज़ार कर रहे थे.वो बेड पर बैठे थे, मैने उनके पास गयी और उनसे लिपट गयी और उनको गले लगा कर अपने होंठ उनके होंटो पर रख दिए और उनके पाजामे के उपर से ही उनका लंड सहलाने लगी.उनका लंड पहले से ही सलामी दे रहा था,मैने उनसे हट कर उनका पाजामा और उनका अंडरवेर उतार दिया और खुद अपनी नाइटी जिस्म से अलगकर के बिस्तर पर रख दी.

मैं:"बरकत ज़रा बिस्तर पर पीठ के बल लेट जा"

ससुर:"जैसा तुम कहो मेरी जान"

वो जैसे ही बेड पर लेटे मैं 69 पोज़िशन मे आ गयी, ससुर जी को थोड़ा टाइम लगा ये सब समझने में, वो पॉर्न मॅगज़ीन्स मे शायद ये पहले ही देख चुके थे, हम लोग इस तरहा बिस्तर पर थे कि ससुर जी का सर कमरे के दरवाज़े की तरफ था और मेरे चुतड दरवाजे की तरफ और इसलिए हम कुछ भी देख नही सकते थे, काफ़ी टाइम हो चुका था लेकिन सास अभी तक नही आई थी, सुसुरजी बड़े प्यासे कुत्ते की तरहा मेरी चूत तो कभी मेरे चुतड के होल को चाट रहे थे और किसी बच्चे की तरह आवाज़ निकाल रहे थे . जिस तरहा कोई बच्चा लॉलीपोप अपने मूह मे लेकर आवाज़ निकालता है. मेरे बड़े बड़े सफेद चूतड़ और पिंक चूत ने उनको मदहोश कर दिया था. मेरे ससुर ना दुबले पतले थे और ना ही मोटे,वो एक दरमियाने कद काठी के आदमी हैं और उनके बालो में हल्की सी सफेदी आई है, वो हमेशा एक भरे फ्रेम का स्क्वेर चस्मा पहेन्ते है, शौकत उनकी ही तरह दिखता है. उनके आँखें बड़ी बड़ी और चेहरा लंबा है. उनकी पर्सनॅलिटी अभी भी काफ़ी रुबाबदार है. लेकिन मेरे भरे हुए जिस्म और कातिलाना अंदाज़ के सामने उनकी कोई औकात नहीं थी. मुझे अब अपने जिस्म पर नाज़ था और मैं अपनी चूत उनके मूह पर बार बार रगड़ रही थी और उनके लंड को रुक रुक कर चूस रही थी कि ना जाने कब झड़ जाए.

मैं:"साले कुत्ते की तरहा चाट रहा है अपनी बहू की चूत, कुछ तो शरम कर हरामी"

ससुरजी:"तू है ही कुतिया तो मैं क्या करूँ"

मैं:"साले भडवे, शरम आनी चाहिए कि अपनी बेटी की उमर की लड़की को चोद रहा है"

ससुरजी:"तुझे शरम आनी चाहिए कि अपने बाप के उमर के आदमी से चुदवा रही है"

मैं:"ओये सूअर कहीं के, ज़्यादा मत बोल,मेरी बेज़्जती करेगा ना तो मैं जाती हूँ अभी अपने कमरे में और तू चोद अपनी बुढ़िया को"

ये कहकर मैं सच मे उठने लगी मेरा उतना था कि ससुरजी का रंग ही बदल गया

ससुरजी:"आरा क्या हुआ, बुरा मान गयी क्या ?"

मैं:"देख मेरी बेज़्जती करेगा तो मैं यहाँ रुकने वाली नही, तुझे इस तरह की बातें पसंद हैं सेक्स के टाइम पर इसलिए मैं करती हूँ और तू उल्टा मुझे ही सुना रहा है साले"

मेरा ये अंदाज़ ससुरजी को डरा गया

ससुरजी:"ठीक है आरा, आगे से मैं ख़याल रखूँगा"

मैं:"तुझे मेरा कुत्ता बनना होगा तभी तुझे मैं अपनू बुर के दर्शन करवाउंगी"

ससुरजी:"जैसा कहो मेरी रानी"

मैं:"थोडा रुक ज़रा मुझे मूत आ रहा है"

ससुरजी:"थोड़ा और रोक लो ज़रा मैं करीब ही हूँ झड़ने को"

मैं:"नहीं रुक सकती जाने दे साले"

मुझे सच मुच बहोत तेज़ी से पेसाब आ रहा था, ना जाने क्यूँ सासू जी कहाँ रह गयी थी, मुझे आइडिया आया कि क्यूँ ना मैं ससुरजी के मूह में ही मूत दूं,इसके बारे मे मैने कई मूवीस मे देखा था इसको गोल्डन शवर भी कहते हैं. मैने सोचा कि लाओ ये अड्वेंचर भी कर के देख लूँ.हमारी सोसाइटी में बहू कभी ससुर को अपना मूह भी नही दिखाती हैं और सास और ससुर का बहोत डर होता है और बड़ी इज़्ज़त होती है लेकिन मैने मूह क्या चूत तक दिखा दी थी अपना ससुर को और उनको गाली देने में और ज़लील करने मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.मैने अपना पेसाब छोड़ दिया. मेरे पेसाब से वो थोड़ा चौंक गये लेकिन मैने अपनी चूत उनके मूह से नही हटाई, वो भी मेरे पेसाब को अपनी ज़बान निकाल कर चाट रहे थे.


मैं:"अब चाट मेरा मूत साले,पी इसको"

जब मेरा पेसाब निकल गया तो पूरा बिस्तर मेरे पेसाब से भीग गया था.ससुरजी को बाद मे ये ख्याल आया.तभी हम लोगो को पीछे से आवाज़ सुनाई दी.ये मेरी सास की आवाज़ थी. जब हम लोगो ने पलट कर देखा तो वो बाहर खड़ी थी और उनकी आँखो मे बनावटी दुख और गुस्सा था,वो बोल उठी थी "चीईईईईईइ" उनकी आवाज़ सुन कर ससुरजी के तोते ही उड़ गये और मैने अपनी नाइटी उठाई और मैं अपने कमरे से बाहर आ गयी और अपनी नाइटी पहनने लगी. मुझे किस का डर था इसलिए मैने बाहर छुप कर दोनो की बात सुन रही थी.

ससुरजी की घिग्गी बन गयी थी.

मुझे यहाँ से हर बात सॉफ सुनाई दे रही थी.मेरी सास प्लान के हिसाब से ही, दिखावे का रोना रो रही थी

सास:"मुझे बड़ा अफ़ोसोस है कि मैं आपको मैं खुश नही रख पाई कि आपको अपनी ही बहू के पास जाना पड़ा, आप सेक्स के लिए इतने बेताब हैं कि आप अपनी बहू की बुर मे मूह लगा कर उसका पेसाब पी रहे थे, हाय ये सब देखने से पहले मैं मर क्यूँ ना गयी, हाययययी हायययी रे मेरी किस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्माआआआत"

ससुरजी:"शौकत की मा, मुझे माफ़ करदो, ना जाने मुझे क्या हो गया था लेकिन मैं दिल से तुम ही से प्यार करता हूँ, मुझे माफ़ करदो, प्लीज़ रोना बंद करो"

सास:"लेकिन आपने ये तो सोचा होता कि ये आपके बेटे की बीवी है, आप मर्द हैं चाहे तो किसी और से ताल्लुक बना लेते, कहीं आपने आरा को धमका कर या डरा कर तो ताल्लुक नही बनाया"

ससुरजी:"नही मेरी जान, बिल्कुल नहीं"

सास:"सेक्स का दिल तो मेरा भी करता है लेकिन मैं किसी और के सामने अपनी चूत नही फैला सकती क्यूँ कि मैं आप की तरह मर्द नहीं हूँ ना, मैं अगर ऐसा करती तो आप मुझे मार ही डालते, चलो ये ठीक ही हुआ कि आपकी ख्वाइश घर मे ही पूरी हो रही है"

ससुरजी:"तुम यकीन करो मैं आइन्दा से ऐसा नही करूँगा"

सास:"आप घर में नही करेंगे तो बाहर करेंगे और इस उमर में बदनाम होंगे, उससे तो अच्छा है कि आप घर में ही ये सब करते रहें लेकिन अगर इनायत और शौकत या साना को मालूम हुआ तो वो क्या करेंगे ?"

ससुरजी:"इसलिए मैं कह रहा हूँ कि आइन्दा ऐसा नही करूँगा"

सास:"मुझे कोई ऐतराज़ ना होता लेकिन आपने मुझे भी अंधेरे मे रखा इस बारे में, क्या मैने कभी आप को किसी चीज़ के लिए मना किया है क्या?"

ससुरजी:"नही कभी नही किया लेकिन मैं ये तुमको कैसे बता देता"

सास:"जाइए आप पहले अपनी भूख मिटा कर आइए, नहीं तो आप दिन भर परेशान रहेंगे"

ससुरजी:"कैसी बात कर रही हो"

सास:"मैं जानती हूँ आपको, जाइए आप, मैं खुद ही आरा को बुला देती हूँ"

ससुरजी:"ये क्या कर रही हो तुम, आरा कैसे आएगी वो भी तुम्हारे सामने, मेरा मतलब उसको भी शायद पछतावा हो रहा होगा"

सास:"अब कैसे पछतावा, अगर आप लोग एक दूसरे से खुश हैं तो मैं क्या कर सकती हूँ, लेकिन आप जल्दी करो, साना और ताबू बाज़ार से वापिस आते ही होंगे."



कहानी जारी रहेगी-



This Update Posted when Views ........

Last Update Post Views .......................... 21382

Last post got ......................................... views
 

aamirhydkhan

Active Member
816
1,573
124
यकीन होना मुश्किल है

UPDATE 29

मैं खुद ससुरजी के पास जाउ और उनको खुश करूँ




सास:"आरा कहाँ तो तुम"

वो बाहर आई और प्लान के मुताबिक मुझे कहने लगी कि मैं खुद ससुरजी के पास जाउ और उनको खुश करूँ

सास:"आरा जाओ अपने ससुर के पास और जल्दी करो"

मैं:"मुझे माफ़ कर दीजिए"

सास:"अर्रे भाई जल्दी करो आरा, जाओ जल्दी जाओ"

मैं धीरे धीरे ससुरजी के कमरे मे आ गयी वो अब भी जैसे यकीन नहीं कर पा रहे थे कि उनकी बीवी ने उनकी बहू को उनके पास चुदने के लिए भेज दिया है. मैं ससुरजी के पास आई और मुस्कुरा कर उनका चेहरा अपने हाथो से उपर किया और फिर उनसे लिपट गयी.

मैं:"बरकत तेरी बीवी ने तो कमाल ही कर दिया,अच्छा अब जल्दी कर मेरी चूत कुलबुला रही है तेरा लौडे के लिए"

ससुरजी:"मुझे यकीन नही होता,ये सब असल मे हो रहा है"

मैं:"गान्डू, तू यकीन करने मे टाइम लगा और तेरी बेटी आ जाएगी फिर अपने हाथ से हिलाना बैठ कर"

अब सुसुरजी ने कुछ सोचा और मुझे किस करने लगे, मैने भी अपनी बाँहे उनकी बाहों मे डाल दी और उनसे लिपट गयी, बाहर मेरी सास हमारे सेक्स ख़तम होने का वेट कर रही थी.

ससुरजी:"चलो अच्छा हुआ, अब मैं बेफिकर हो कर तुमसे प्यार कर सकता हूँ, अब डर नहीं है"

मैं:"साला तू मर्द है ना इसलिए सिर्फ़ अपने बारे में हो सोचेगा, सोच अगर तेरी बेटी या तेरे बेटों को मालूम पड़ा तो क्या होगा"

ससुरजी ने मेरी नाइटी उतारनी चाही और मैने भी अपने दोनो हाथ उठा दिए ताकि मेरी नाइटी मेरी बाहो से निकल सके, ससुरजी अब भी वैसे ही नंगे थे और उन्होने मुझे बिस्तर पर बिठा दिया और मेरे पैर हवा मे उठा दिए और मेरी टाँगो से बीचे मे आकर मे चूत मे लंड डालने लगे और एक धक्का सा दिया , इससे उनका लॉडा मेरी बुर मे घुस गया.अब वो मेरी कमर पकड़ कर धक्के दे रहे थे, मेरी चूत मे पहले से ही काफ़ी पानी आ गया था और पूरा कमरा पच पुच की आवाज़ से गूँज रहा था.


ससुरजी:"उनको कैसे मालूम पड़ेगा"

मैं:"अच्छा चलो ठीक है, मान ले कि नही मालूम पड़ता तो तेरी बीवी का क्या, वो बेचारी कैसे अपनी प्यास बुझाएगी"

ससुरजी:"इसमे मैं क्या कर सकता हूँ"

मैं:"तू तो अपनी बेटी की उमर की लड़की को चोद रहा है तो उसके लिए भी कोई जवान लड़का ढूँढ दे या उससे खुद कह दे कि वो भी मज़े करे"

ससुरजी:"देखो आरा इसमे ख़तरा बहोत है, जवान लड़के ब्लॅक मैल करने लगते हैं, वीडियो बना कर इंटरनेट पर डाल देते हैं, इससे सब बर्बाद हो जाएगा"

मैं:"तो घर में ही कुछ इंतेज़ाम कर दे, आआहह उहह धीरे साले फाड़ देगा क्या मेरी चूत को, ज़ालिम आराम से,रंडी नही हूँ तेरी बहू हूँ कुत्त्तीए आआआअहह"

मैने जान बूझ कर ज़ोर से चिल्ला कर कहा ताकि मेरी सास तक आवाज़ चली जाए


सास:"आरा धीरे, पूरे मोहल्ले तक पहुँच जाएगी तुम्हारी आवाज़"

मैं:"साली, मुझसे क्या कह रही है, अपने मिया से कह ना, साला पागल हो जाता है मेरी बुर देख कर"

मैने ये बात चिल्ला कर कही, मुझे बड़ा अच्छा लगा, मैने आज पहली बार अपनी सास को गाली दी थी.

सास:"अजी धीरे करो ना,आज दुनिया ख़तम नही हो रही है"

ससुरजी:"अच्छा मेरी जान"

मैं:"तो क्या सोचा हैं, अपनी बीवी के लिए"

ससुरजी :"क्या कहना चाहती हो सॉफ कहो ना"

मैं:"अपनी बीवी के लिए तू इनायत या शौकत के लंड की पर्मिशन दे दे"

ससुरजी:"पागल हो क्या, वो उसके बेटे हैं, ये कैसे किसी को क़ुबूल होगा"

मैं:"अच्छा तो बहू की बुर मे अपना केला पसंद है लेकिन बीवी की चूत मे बेटे का नही पसंद"

ससुरजी:"तुम मेरी बेटी नही हो"

मैं:"अच्छा अगर तुझे अपनी बेटी चोदने को मिले तो क्या तू उसको नही चोदेगा"

ससुरजी:"हरगिज़ नहीं"

मैं:"बेटा एक बार जब अपनी बेटी की चूत देख ली ना तो सब भूल जाओगे"

ससुरजी:"तुमने कब देखी उसकी"

मैं:"मैं और वो सहेली जैसी हैं इसलिए हम मे कुछ नही छिपा है, मैं अपने सेक्स के बारे में उसको सब बताती रहती हूँ और मैने कई बार उसको नहलाया है, सब जानती हूँ, वो तेरी बीवी की जवानी है , समझा"

ससुरजी:"अच्छा"

मैं:"क्यूँ आ गया ना मूह मे पानी, सोच अगर मेरी जगह खुद तेरी बेटी जो तेरे लंड से पैदा हुई है, खुद तेरे ही लंड को चूस रही हो"


इन बातों से सुसुरजी काफ़ी गरम हो गये थे और उनकी स्पीड बढ़ चुकी थी


ससुरजी:"ये सब कभी मुमकिन नहीं है"

मैं:"मैं मुमकिन बना सकती हूँ लेकिन तुझे अपनी बीवी के बारे मे सोचना होगा, उसके लिए मैं इनायत को राज़ी कर लूँगी"

ससुरजी:"अगर साना मान जाती है तो ठीक है, मुझे कोई ऐतराज़ नही है"

मैं:"इसके फ़ायदे भी तो सोच,मैं और तू बिना किसी झंझट के सबके सामने दिन दहाड़े खुले मे चुदाई का ये खेल खेल सकते हैं"

ससुरजी:"शौकत और ताबू को भूल गयी क्या?"

मैं:"शौकत और ताबू को तू मेरे उपर छोड़ दे, मैं उनको भी मना लूँगी लेकिन इसमे टाइम लगेगा"

ससुरजी:"फिर हो सकता है कि ताबू को भी मैं चोद सकूँ"

मैं:"साला तू है मर्द,पक्का कुत्ता, एक बहू की चूत मे लंड डाले है और अपनी बेटी और दूसरी बहू के बारे में सोच रहा है हाहहाहहाहहाहा हीहेहेहीहीह"

अब ससुरजी झाड़ चुके थे, वो कुछ मेरे उपर लेट गये और मैं भी उनके सर के बालो में उंगलिया कर रही थी. ये एक अजीब एहसास था कि मैं अपने ससुर से चुदवा रही हूँ और उनकी बीवी बाहर पहरा दे रही है. कुछ देर तक इसी तरहा रहने के बाद उन्होने और मैने कपड़े पहेन लिया और मैं कमरे के बाहर गयी. मेरी सास ने मुझे आँख मारी और उनके चेहरे पर एक मुस्कान आ गयी.

सास:"आरा कहाँ जा रही हो, वो जो मेरे बेड पर तुमने पेसाब किया है वो कौन सॉफ करेगा?"

मैं:"ठीक है अम्मी, मैं अभी वॉशिंग मशीन मे डाल देती हूँ"

सास:"जल्दी करो, ताबू और साना आते ही होंगे"

फिर कुछ देर बाद साना और ताबू भी आ गये. हम दोपहर के काम मे लग गये.मैने सोचा था कि आज इनायत को अपनी मा की चूत के डीटेल्स दे दूँगी और एक बार फिर रोल प्ले के ज़रिए उसको उसकी अपनी मा की चूत तक पहुँचा दूँगी. मैं बेसब्री से रात का इंतेज़ार कर रही थी.


कहानी जारी रहेगी-



This Update Posted when Views ........

Last Update Post Views .......................... 21382

Last post got ......................................... views
 
Last edited:

aamirhydkhan

Active Member
816
1,573
124
यकीन होना मुश्किल है

UPDATE 30

क्या कह रही हो !


रात तो खाने के बाद मैं और इनायत रूम मे थे. इनायत कोई न्यूसपेपर पढ़ रहे थे कि मैने अपनी नाइटी उतार दी और उनके राइट मे नंगी लेट गयी, इनायत ने मेरी तरफ देखा और चौंक से गये और बोल पड़े

इनायत:"आरा, ये क्या है, दरवाज़ा तो लॉक कर दो, कोई आ गया तो क्या होगा"

मैं:"कौन आ सकता है"

इनायत:"साना आ जाए, या अम्मी आ जायें या हो सकता है कि अब्बू ही आ जायें"

मैं:"तुम्हारे अब्बू सो रहे हैं और अगर साना या तुम्हारी अम्मी आएगी तो क्या फ़र्क पड़ता है, उन्होने तो मुझे पहले ही नंगा देखा है"

इनायत:"क्या बात है आज बहोत मूड मे हो"

मैं:"बहोत दिन हो गये हैं, तुम तो वापिस आकर अपनी बुक्स मे खो जाते हो,शौकत भी ताबू की चूत मे घुसा रहता है तो कौन मर्द बाकी है घर में?"

इनायत:"अच्छा मेरी जान मैं खुद दरवाज़ा बंद कर लेता हूँ"

इनायत ने दरवाज़ा बंद करते ही अपने सारे कपड़े उतार दिए और मेरी टाँगो के बीच मे आकर मेरी चूत चाटने लगा.

मैं:"बेटा अपनी अम्मी की चूत को प्यार से चॅटो और धीरे धीरे"

इनायत मेरी तरफ देखा फिर वो वापिस अपनी लंबी ज़बान से मेरी चूत चाटने मे लग गया और फिर मेरी तरफ देख कर बोला

:"अच्छा मेरी प्यारी अम्मी, आज मैं आपकी ऊट चाट कर अपनो खूब मज़ा दूँगा"

इनायत काफ़ी देर कर मेरी बुर से ज़बान रगड़ता रहा फिर वो मुझ पर आकर लेट गया और हम किस करने लगे. अब वो मेरी बुर मे अपना लौडा पेलने के लिए तैय्यार था. उसने धीरे से अपने मूसल मेरे अंदर घुसाया. उसका मूसल अंदर जाते ही मेरी चूत मे धँस जाता था और मैं कसमसा कर रह जाती.


मैं:"इनायत मैं कुछ दिनो से तुमसे एक बात कहना चाहती हूँ लेकिन वादा करो कि तुम एक मर्द की तरहा नही एक इंसान की तरहा इस बात को सुनोगे"

इनायत ने धक्के लगाना शुरू कर दिया था और मेरी चूत मे हलचल शुरू हो गयी थी, वो दोनो हाथो से मेरी बड़े बड़े चुचियों को मसल रहा था.

इनायत:"आरा मैं तुम्हारा दोस्त भी हूँ ,मुझसे कुछ कहने के लिए तुम्हे वादे की ज़रूरत नहीं है"

मैं:"जानते हो जिस रात मेरी तबीयत ठीक नही थी, इस रात मैं तुम्हारी अम्मी के रूम मे सोई थी."

इनायत:"हां तो"

मैं:"तो रात को कराहने की आवाज़ आई जिससे मेरी आँख खुल गयी, कमरे मे 0 वॉट का बल्ब जल रहा था, मैने देखा की अम्मी अपनी सलवार के अंदर उंगली कर रही थीं, जैसे ही उनकी नज़र मुझ पर पड़ी तो वो चौंक पड़ी और उंगली निकाल ली, फिर उनकी आँखो मे आँसू आगये, मुझे बुरा लगा, मैने उनसे कहा कि आप शर्मिंदा ना हो, इसमे कोई हर्ज नही है तो उन्होने मुझे बताया की काफ़ी टाइम से उनके मिया उनसे सेक्स नही कर पा रहे हैं और जल्दी झाड़ जाते हैं जिसकी वजह से वो काफ़ी परेशान रहने लगी है, मुझे उनपर काफ़ी तरस आया, अगली सुबह उन्होने ही मुझे नहलाया, उनके कपड़े भीग गये थे तो मैने उनसे भी मेरे साथ नहाने के लिए कह दिया,उफ़फ्फ़ जब उन्होने अपने कपड़े उतारे तो मैं उनकी चूत देखती ही रह गयी,हम दोनो अपने उपर कंट्रोल खो बैठे,मैं और तुम्हारी अम्मी ने फिर एक दूसरे के जिस्म से अपनी हसरत को पूरा किया "

इनायत:"क्या, क्या कह रही हो?"

इनायत का लंड अब मेरी चूत से निकल चुका था और उसका मूह खुला हुआ था, वो मेरी तरफ बड़ी हैरत से देख रहा था.


मैं:"हां इनायत ये सच है"

इनायत: "मेरी माँ ये सब कभी नही कर सकती"

मैं:"मैं जानती हूँ इसका यकीन करना मुश्किल है, लेकिन तुम एक सेक्स से लिए तरसती औरत की बात भी कर रहे हो"

इनायत:"लेकिन फिर भी वो ऐसा कैसे कर सकती हैं, क्या उन्हे अपनी उमर और रिश्ते का ख़याल नही रहा"

मैं:"वाह मेरे शौहर, आख़िर आप मर्द की तरह बात करने ही लगे, खुद आप दिल मे अपनी सग़ी मा और बहेन के लिए जज़्बात रखते हैं और ये आपको बुरा नहीं लगता लेकिन एक औरत जिसके कुछ ख़ास ज़रूरतें भी होती है अगर वो अपने लिए कुछ करे तो आपको उमर और रिश्ता नज़र आने लगता है"

इनायत:"लेकिन आरा...."

मैं:"जाइए इनायत साहब सो जाइए, मुझे सोना है"

इनायत:"आरा सुनो तो, सॉरी मुझे लगता है मैं ओवर रिक्ट कर गया,,, "

मैं:"मुझे आपसे यही उम्मीद थी जनाब"

इनायत:"देखो हो सकता है कि अम्मी को बाद मे पछतावा हुआ हो अपने किए पर"

मैं:"हां हुआ था और वो शर्मिंदा भी थीं लेकिन मैने उनसे कहा कि इसमे शर्मिंदा होने को कोई ज़रूरत नहीं है, मैने उनसे कह दिया है कि अगर मेरे ज़रिए उनकी कोई ज़रूरत पूरी हो रही है तो मैं इसके लिए तैय्यार हूँ"

इनायत:"तुमने ठीक किया"

मैं:"जानते हो मैने उन्हे ये बता दिया कि हम रोल प्ले करते हैं और ये भी कि तुम मुझे उनका रोल प्ले करने के लिए कहते हो"

इनायत:"आआर, क्या तुम्हारा दिमाग़ ठीक नहीं था उस वक़्त, तुमने मुझे शर्मिंदा कर दिया, अब मैने उनके सामने कैसे जाउन्गा"

मैं:"इनायत वो मेरी सास ही नही बल्कि मेरे सबसे अच्छी दोस्त भी हैं अब, तुम्हे ये याद रखना चाहिए, उनको पहले बहोत अटपटा सा लगा लेकिन फिर वो इसको क़ुबूल कर बैठी, उन्होने खुद कहा कि अकसर ऐसा होता है, लड़के अपनी मा से अट्रॅक्ट हो जाते हैं

, मैने ये भी बताया कि कैसे तुम उनके बारे में इमॅजिन करके एग्ज़ाइट हो जाते हो"

इनायत:"फिर"

मैं:"फिर क्या, उन्होने मुझसे पूछा कि उनमे ऐसा क्या है"

इनायत:"फिर"

मैं:"इनायत तुम नहीं जानते कि तुम्हारी मा कितनी खूबसूरत हैं, उनकी चूचियाँ, उनके चुतड और उनकी जांघे सब बड़े दिलकश हैं,मैने आज दोपहर ही जब घर में कोई नही था,उनके साथ तुम्हारा रोल प्ले किया, जब मैं उनकी दिलकश चूत चाट रही थी तो वो तुम्हारा नाम लेकर एग्ज़ाइटेड थीं"

इनायत के चेहरे पर ऐसे एमोशन थे जैसे किसी इंसान को किसी बड़े ख़ज़ाने का नक्शा मिल गया हो, वो मेरी तरफ किसी मूरत की तरहा देख रहे थे.

मैं:"इनायत, कर दो अपनी मा की ख्वाइश पूरी, वो ना जाने कब से एक लंड के लिए तरस रहीं हैं, मैने उनसे कहा था कि मैं इस बारे में तुमसे बात करूँगी,लेकिन वो ये मान ही नही पा रही थी कि तुम कभी इस बात के लिए राज़ी होगे, लेकिन मैने उनसे वादा कर लिया कि मैं तुमको राज़ी कर के ही रहूंगी"

इनायत:"लेकिन ये कैसे हो पाएगा"

मैं:"उसकी फिकर तुम मत करो,आज शायद अब्बू को बुखार है और उनको डॉक्टर ने नींद की गोली दी है तो वो गहरी नींद मे सो रहे हैं

, मैं अम्मी को बुला लेती हूँ और फिर मैं अब्बू के कमरे मे चली जाउन्गि, पहरा देने को, तुम आज उनकी सारी हसरतें पूरी कर लेना "


इनायत:"लेकिन अगर अब्बू जाग गये तो?"

मैं:"तो मैं हूँ ना,उनको मैं पहले ही पसंद हूँ, मैं कॉसिश करूँगी कि मैं उनको अपनी बातों मे फुस्लाये रखूं, वो मेरी अदा से
वहीं पर जमे रहेंगे, लेकिन तुम अपनी मा की ज़रूरत का पूरा ध्यान रखना"

इनायत:"ठीक है तुम उनको बुला लाओ, फिर तुम ही पहले बात शुरू करना, मैं पहले कुछ नहीं करूँगा"

मैं:"ठीक है, मैं उनको अभी बुला लाती हूँ"


ये कहकर मैं सास के कमरे मे चली गयी, वो लोग सोने की तैय्यारि कर रहे थे, मुझे देख कर ससुरजी की आँखो मे चमक आ गयी

मैं:"अम्मी आज रात मैं अब्बू के पास सोना चाहती हूँ"
सास:"क्या? और इनायत?"

मेरी बात सुनकर तो जैसे ससुरजी खिल उठे लेकिन मेरी सास थोड़ा टेन्षन मे आ गयी

मैं:"हां अम्मी, अब्बू मुझे बहुत अच्छी तरहा प्यार करते हैं, मैने इनायत से कह दिया है कि अब्बू बीमार हैं और अम्मी दिन भर की थकि हैं, दोनो एक दूसरे की देख भाल नही कर सकते, और इसलिए मैं अब्बू को सारी रात देखती रहूंगी और अम्मी चाहे तो मेरे कमरे मे सो जायें"

ससुरजी:"हां आरा कोई बात नही तुम मेरे साथ सो जाओ"

सास:"अर्रे लेकिन मैं इनायत के कमरे के कैसे सोने जाउ"

मैं:"अम्मी वो नींद की दवा लेते हैं कभी कभी तो वो पहले ही सो गये हैं"

सास:"और शौकत, ताबू और साना"

मैं:"साना को तो आप जानती ही हैं कि जल्दी सोती है और सुबह ही उठती है, शौकत और ताबू चुदाई का खेल खेल रहें हैं"
सास:"लेकिन तुम्हारे यहाँ सोने के ख़तरा है"
मैं:"कोई ख़तरा नहीं है, मैं फिर वापस अपने कमरे में चली जाउन्गि, अगर किसी ने पूछा तो कह दूँगी कि अब्बू को बुखार और और मैं उनके लिए जाग रही हूँ"

सास:"आरा आज तो मैं चली जाती हूँ लेकिन कल ऐसा दोबारा नहीं होगा"

मैं:"ठीक है मेरी अच्छी सासूजी, आप कितनी अच्छी हैं,चलिए मैं आपको छोड़ आती हूँ अपने कमरे में"

ससुरजी:"वो खुद चली जाएगी, आरा तुम मेरे पास आओ"

मैं:"मेरे राजा थोड़ा वेट करो ना, मैं अभी आती हूँ"

सास:"चलो, ठीक है"

मैने बाहर आकर अपनी सास को सारा मामला समझा दिया कि कैसे इनायत उनकी चूत लेने के लिए बेताब है.पहले तो वो ना नुकुर करने लगी कि तुम्हारे ससुर को मालूम पड़ जाएगा लेकिन मैने भरोसा दिलाया कि मैं आज रात ससुरजी को बाहर आने का मौका ही नही दूँगी तो वो राज़ी हो गयी.मैं जैसे ही अपने कमरे मे आई तो इनायत और मेरी सास दोनो एक दूसरे को देख कर थोड़ा शरमा से गये लेकिन मैने सिचुयेशन को हॅंडल कर लिया.

मैं:"आरे आप लोग एक दूसरे को देखते ही रहोगे कि कुछ आगे भी बढ़ोगे,चलो अपने कपड़े उतारो"

सास:"आरा, तुम कितनी बेशरम होती जा रही हो"

मैं:"जिसने की शरम उसके फूटे करम, चलो इनायत जल्दी करो, मुझे अब्बू के पास भी जाना है, कहीं वो जाग ना जायें"

वो लोग कभी एक दूसरे को देखते तो कभी दीवार या छत को तो मैने सोचा कि मैं ही कुछ करूँ.मैने अपनी सास की नाइटी के बटन खोलने शुरू कर दिए और उनसे कहा कि वो अपने दोनो हाथ उपर कर लें, पहले तो उन्होने बनावटी नखड़ा दिखाया लेकिन फिर मेरे इसरार करने पर हाथ उपर उठा लिए, मैने उनकी नाइटी उनके जिस्म से अलग कर दी, अब वो एक हाथ से अपने सीने को छिपा रहीं थी और दूसरे हाथ से अपनी चूत ढक रही थी,उनका सिर झुका हुआ था और वो शर्म से लाल हो रही थी, उधर इनायत का मूह खुला था और वो साँस थामे ये सब बे यकीनी से देख रहा था.अब मैने अपनी सास के दोनो हाथ हटा दिए और इनायत की तरफ आँख मार कर कहा

मैं:"देखो मैने कहा था ना कि तुम्हारी मा बड़ी खूबसूरत हैं"

इनायत:"हां"

मैं:"अम्मी आप बिस्तर पर लेट जाओ"

मेरी सास बिस्तर पर लेट गयी उन्होने अपनी आँखें बंद कर रखी थी, मैने इनायत से कहा कि वो दरवाज़ा लॉक कर ले लेकिन जाते जाते मैं अपनी सास की टाँगो को चौड़ा किया और उनकी चूत पर एक ज़ोर दार किस कर लिया, इससे ये हुआ कि उन्होने अपनी हालत खोल ली, उन्होने देखा कि मैं हूँ तो वो बोल पड़ी.

सास:"आरा शरारत मत करो"

मैं:"शरारत तो आज आपका बेटा करेगा आपकी चूत मे अपना लॉडा पेल कर"

ये कह कर मैं बाहर आ गयी और इनायत ने डोर लॉक कर दिया अब मैं अपने ससुर के कमरे में आ चुकी थी.


कहानी जारी रहेगी-



This Update Posted when Views ........ 22650

Last Update Post Views .......................... 21382

Last post got .........................................2268 views
 
Last edited:

Rinkp219

DO NOT use any nude pictures in your Avatar
3,271
4,845
158
Shandar..behenji sasur ke sath apne papa ko bhi chance do... waiting more

2166513-15
 

aamirhydkhan

Active Member
816
1,573
124

यकीन होना मुश्किल है

UPDATE 31

बेकरार ससुर शीशे में उत्तर गया !


जैसे ही मैं अपने ससुर की कमरे मे आई उन्होने मुझे अपनी बाहों मे दबोच लिया और मुझे जगह जगह चूमने लगे.

मैं:"अर्रे मेरे राजा, मैं यहीं हूँ रात तक तुम्हारे साथ, टेन्षन मत लो, रात भर रगड़ रगड़ कर चोदना मुझे"

ससुरजी:"ह्म्‍म्म्म मेरी रानी आज तो मैं सोच रहा हूँ कि रात भर तुमको प्यार करूँ"

मैं:"तो कर ना मेरे कुत्ता, अच्छा रुक मुझे फिर से पेसाब आया है, हट वरना सासू जी की चद्दर फिर गीली हो जाएगी,,,,हहाहाहा"

ससुरजी:"तो मेरे मूह मे कर लो मेरी जान"

मैं:"मुझे बहोत ज़ोर से लगा है, तू कितना पी पाएगा"

ससुरजी:"एक काम करो इस ग्लास मे मूतो"

मैं वो ग्लास लिया और उसमे मूतने लगी, मेरी चूत से सीयी,,, की आवाज़ आ रही थी, मैने वो ग्लास ससुरजी को दिया उन्होने उसमे से एक घूँट पिया और फिर मुझे दोपहर की तरह बिस्तर को कोने मे बिठा दिया और मेरी चूत चाटने लगे. मैं भी उनके बालो मे उंगली घुमा रही थी.


मैं:"बरकत मेरी जान काश हम लोग खुल कर दिन के उजाले में सबके सामने प्यार कर पाते"

ससुरजी:"ऐसा कैसे हो पाएगा"

मैं:"तेरी बीवी को तो मैं शीशे में उतार चुकी हूँ, अभी जब मैं इनायत के रूम मे गयी थी, तो वो सो रहा था, मैने उसके कमरे में जाकर तेरी बीवी की चूत में उंगली डाली थी और उसके सीने को दबाया, बदले में उसने भी ऐसा ही किया,कल सुबह ही मैं उसकी चूत का स्वाद ले लूँगी और फिर उसको इनायत के लिए तैयार कर दूँगी.समझा"

ससुरजी:"जैसे चाहो करो लेकिन मेरे लिए साना को और ताबू को तैय्यार करो"


अब ससुरजी ने मुझे किसी कुतिआ की तरहा पीछे मोड़ दिया और मैने सपोर्ट के लिए बेड पर दोनो हाथ रख लिए और अब वो मेरे पीछे से मेरी चूत मे लंड डाल कर धक्के लगाना शुरू हो गये थे.

मैं:"पहले इनायत तो चोद ले तेरी बीवी,फिर साना को भी तेरे लौडे से चुदवा देंगे"

ससुरजी:"वो दोनो कैसे मान जायेंगे?"

मैं:"इनायत तो कई बार मुझे अपनी अम्मी बना का चोद चुका है, तो उसकी कोई टेन्षन मत लो, रही तेरी बीवी की तो कल ही उसको राज़ी करती हूँ"

ससुरजी:"लेकिन उससे साना कैसे राज़ी होगी?"

मैं:"साना को ये दिखाना पड़ेगा कि इनायत अपनी मा को ही चोद रहा है, जब वो अपनी आँखो से देखेगी तो परेशान हो जाएगी, फिर मैं उसको बता दूँगी कि इनायत शुरू से ही अपनी मा और बहेन को चोदना चाहता है और उसकी मा भी अपने शौहर के ढीले लंड से परेशान हो चुकी है, इसलिए मैने दोनो का मिलन करवाया"

ससुरजी:"तो इससे वो मेरे पास कैसे आएगी"

मैं:"पहले वो अपने भाई के लंड का मज़ा लेगी वो भी मेरे और अपनी मा के सामने और फिर मैं उसको ये दिखा दूँगी कि मैं तेरे लौडे से रोज़ रात को चुद रही हूँ, फिर क्या आपकी ख्वाइश भी मैं उसको बता दूँगी, इससे वो राज़ी हो जाएगी"

ससुरजी:"वाह क्या प्लान है तुम्हारा मेरी जान, लेकिन फिर ताबू कैसे मानेगी"

मैं:"शौकत की नज़र अब भी मुझपर रहती है,एक बार भाई बहेन, मा बेटा और बाप बेटी की चुदाई हो जाए तो इनायत को मेरा शौकत से चुदना बुरा नही लगेगा और वो भी अपनी मा और बहेन की चूत का रस पी लेगा, फिर मैं तब्बास्सुम को भी इस खेल में शामिल कर लूँगी"

ससुरजी:"तो तुम कल ही ये सब करो, ठीक है"

मैं:"हाँ कल की कल देखेंगे अभी तो तू मेरी चूत मार यार"

रात भर मैं अपने ससुर से चुदवाती रही, वो थक चुके थे लेकिन उनका दिल नही भरा था.इस दौरान उन्होने मेरे जिस्म का कोई हिस्सा बाकी नही रखा था जहाँ उन्होने चाटा ना हो. मैं भी नंगी ही उनके साथ सो गयी. सुबह जब आँख खुली तो देखा कि दरवाज़ा खुला ही रह गया है. ये देखकर मेरे तोते उड़ गये, ससुरजी भी नंगे ही मेरी बगल में लेटे थे,अचानक परदा हटा तो ताबू को अंदर चाइ का ट्रे लेकर आते देखा तो वो चाइ का ट्रे गिरने से बचा. वो हैरान थी मुझे देखकर, मैने उसको एक कातिल मुस्कान दी और आँख मारी, मैं चुपके से उसके पास गयी और उसके कान मे कहा कि बाद में डीटेल में समझाउंगी अभी तुम ये चाइ का ट्रे यहाँ रखो और अपने रूम मे जाओ. वो चली गयी फिर मैने अपने कपड़े पहने और ससुरजी को भी उठाया.

मुझे ये जानने कि जल्दी थी कि रात को मा और बेटे में क्या हुआ, मेरी सास मेरे रूम मे नहीं थी, वो किचन में थीं.

मैने जाते ही इनायत से हाल पूछा.

मैं:"मेरी जान कैसी रही रात, क्या क्या हुआ"

इनायत ने मुझे बिस्तर पर खींच लिया और मुझे बाहों मे भर के मेरे होंठ चूम लिए.

इनायत:"थॅंक्स मेरी जान, तुम्हारी वजह से मैं अपना ड्रीम पूरा कर पाया,अम्मी के साथ पूरी रात बड़ी हसीन गुज़री है"

मैं:"वो तो मैं जानती हूँ, अच्छी ही गुज़री होगी लेकिन क्या क्या किया ये तो बताओ"

इनायत:"अम्मी को सेक्स का असली मज़ा दिया जिसके लिए वो बेताब थी,उनको हर पोज़िशन मे कयि बार चोदा"

मैं:"अच्छा वो शर्मा ही रही थी कि कुछ बोल भी रहीं थी"

इनायत:"पहले तो बहोत शरमाई लेकिन एक बार जब मेरा लंड गया उनकी खूबसूरत चूत में तो वो सारी शर्म छोड़ चुकी थी,

मुझे तो फिर डर लग रहा था कि कहीं कोई जाग ना जाए इतनी ज़ोर से वो चिल्ला रहीं थी जोश में, मैने सोचा नहीं था कि वो बहोत पहले से ही मुझसे चुदवाना चाहती थी, वो तो तुमने हमको मिलाया वरना हम तो कभी एक ना हो पाते , काश शौकत भी अम्मी को चोद पाए,लेकिन मैं सोचता हूँ कि अगर अब्बू को पता चला तो क्या होगा"

मैं:"देखो सीधा सा हिसाब है, तुम उनकी बीवी चोद रहे हो तो अगर वो तुम्हारी बीवी चोद सके तो मामला बराबर का होगा"

इनायत:"अच्छा लेकिन ये होगा कैसे"


मैं:"वो एक मर्द हैं, तुम कहो तो मैं आज रात ही उनसे चुदवा लूँ"

इनायत:"इतनी जल्दी कैसे मुमकिन है"

मैं:"वो मुझ पर छोड़ दो,मुझे नींद आ रही है, सारी रात मैं जाग रही थी तुम्हारे अब्बू की खातिर"

इनायत:"अच्छा कैसी तबीयत है उनकी?"

मैं:"वो जाग गये हैं, मैने टेंपरेचर चेक किया था, अब बुखार नहीं है"

इनायत:"चलो ठीक है, मैं फ्रेश हो लेता हूँ, तुम ब्रेकफास्ट रेडी करो"

मैं:"तुम्हारी दूसरी बीवी बना रही है, तुम्हारे लिए ब्रेकफास्ट"

इनायत:"कौन ताबू"

मैं:"नहीं वो जिसने कल रात तुम्हारा बिस्तर गरम किया था अहहहाआहहः"

इनायत:"यू नॉटी"

ये कहकर मैं किचन में चली आई.यहाँ मेरी सास नहा धो कर अपने बेटे के लिए ब्रेकफास्ट बना रही थी.

मुझे देखकर वो बोल पड़ी

सास:"आरा मैने तुमको देखा था अपने कमरे में , मैं दरवाज़ा लॉक करने आना ही चाहती थी लेकिन फिर बाद में भूल गयी, तुमको तो ख़याल होना चाहिए था ना"

कहानी जारी रहेगी-



This Update Posted when Views ........

Last Update Post Views .......................... 22650

Last post got ......................................... views
 

aamirhydkhan

Active Member
816
1,573
124
diya2

आप सभी को एवं आपके समस्त परिवार को प्रकाश पर्व दिपावली कि हार्दिक शुभकामनाएं...
 
Top