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Erotica यकीन होना मुश्किल है

aamirhydkhan

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यकीन होना मुश्किल है


मेरा नाम आरा है. मैं उस वक़्त 21 साल की थी और उस वक़्त मैने बी.ए. पास कर लिया था. मेरे घर मे शुरू से ही लड़कियो को अकेले बाहर जाने की इजाज़त नही है. मैं एक लोवर मिड्ल क्लास की लड़की हूँ और बड़े ही साधारण से परिवार से हूँ. हम वही लोग हैं जो एक छोटे से कस्बे मे अपनी सारी उमर बिता देते हैं. हम मोटर साइकल ही अफोर्ड कर सकते है.

मैं भी एक आम लड़की जिसकी आम सी सहेलिया और आम सी ज़िंदगी थी. मैने बी.ए प्राइवेट किया है और मैं इंग्लीश मे अच्छी नही हूँ.

मेरी ज़िंदगी मे मैं अपने शौहर,देवर, ससुर और भाई से संबंध बना चुकी हूँ. इस बात पर यकीन करना बड़ा मुश्किल है लेकिन यही मेरी ज़िंदगी है. मैं तो सिर्फ़ अपने शौहर को ही अपना जिस्म देना चाहती थी लेकिन कुदरत के खेल मे फँस कर हार कर रह गयी.

आज जब मैं पीछे देखती हूँ तो सिर्फ़ तकलीफ़ के कुछ और नही पाती. रोना मेरी किस्मत और लुटना मेरी किस्मत की लकीर बन गयी है.

आज भी याद है मुझे सब मेरे ससुराल वाले मुझे देखने आए थे.
लालची लोग लेकिन बातो से शरीफ.
मैं अपने मा बाप की एकलौती लड़की हूँ और अपने बड़े भाई से छोटी हूँ.


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aamirhydkhan

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यकीन होना मुश्किल है

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मुझे ये बात खाए जा रही थी कि इनायत मेरे और आरिफ़ के रिश्ते की वजह से साना का रिस्ता आरिफ़ से नही करवाना चाहता था.

उस रात मैने इनायत से कोई बात नही की. उसने मेरी तरफ कई बार देखा ज़रूर लेकिन पूंच्छा नही कि किस वजह से मैं चुप हूँ. शायद वो जानता था कि असली वजह क्या है. मैने भी उसकी तरफ देखने की कोई कॉसिश नही की. सुबह को उसने मुझसे पूंछ ही लिया

इनायत:"क्या बात है चुप चुप सी हो?"

मैं:"कुछ नही ऐसे ही"

इनायत:"देखो हम ने एक दूसरे से वादा किया था कि कुछ भी हो जाए हम एक दूसरे से हर बात जीकर करेंगे"

मैं:"मुझे तुम्हारी ये बात बुरी लगी कि आरिफ़ तुम्हारी बहेन के काबिल नहीं क्यूंकी वो वर्जिन नही है"

इनायत:"देखो आरा समझने की कोशिश करो, तुम दो अलग बातो को जोड़ रही हो जो ठीक नही है"

मैं:"नहीं, बिल्कुल नहीं, तुम्हारी बहेन का बेशक ये हक़ है कि उसका हज़्बेंड वर्जिन हो लेकिन वर्जिन ना
होना तुम्हारी निगाह मे जुर्म किस तरहा हो गया है और यही मुझे खल रहा है"

इनायत:"देखो, आइ आम वेरी सॉरी अबौट लास्ट टाइम, लेकिन ज़रा समझने की कॉसिश करो कि ये कहाँ तक सही होगा कि मैं या कोई और ज़बरदस्ती अपने ख़याल किसी और पर थोपे."

मैं:"इनायत अब मैं कुछ नही कहना चाहती, तुम जो चाहो करो मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है, ये तुम्हारी और
तुम्हारी बहेन की लाइफ है. आरिफ़ के लिए भी लड़कियो की कोई कमी नहीं है"


इनायत ने मज़ीद बहेस करना ठीक नहीं समझा और वो चुप चाप चलता बना.

मैने भी ठान लिया था कि मैं साना, उसकी मा, उसके बाप सबको नंगा करूँगी और साना को खुद उसके दोनो भाई और बाप के सामने बे जीझक नंगी होने की हालत तक ले कर आउन्गि ताकि इनायत के डबल स्टॅंडर्ड्स उसके सामने आ जायें.


इसके लिए एक प्लान की ज़रूरत थी जो धीरे धीरे फ्लेक्सिबिलिटी के साथ फेज़ बाइ फेज़ इंप्लिमेंट किया जाए.

मैने सोचना शुरू किया कि क्या किया जाए जिससे लाठी भी ना टूटे और साँप भी मर जाए.

उस सुबह मैने जान कर कोई काम नही किया. दोपहर को जब सब मर्द चले गये तो साना मेरे कमरे
मे आई मेरे हाल लेने को.


साना:"क्या हुआ भाभी,क्या बात है?"

मैं:"कुछ नही बस ऐसे ही ज़रा दर्द है"

साना:"क्या हुआ सर दुख रहा है?"

मैं:"नही सर मे नही जिस्म मे दर्द है"

साना:"कहाँ दुख रहा है, मैं बॉम लेकर आती हूँ"

मैं:"अर्रे नही, ये वो वाला दर्द नही है"

साना:"तो क्या पीरियड्स वाला दर्द है?"

मैं:"नही बाबा, तुम इतने सवाल मत पून्छो "

साना:"तो सॉफ सॉफ बोलो ना"

मैं:"ये मिया का दिया दर्द है अपनी बीवी को, जब शादी हो जाएगी तो समझ जाओगी"

साना:"अच्छा तो ये माजरा है, तो पहले क्यूँ नही कहा"

मैं:"क्या कहती इस बारे में"

साना:"लगता है बहुत प्यार व्यार हो रहा है आज कल"

मैं:"अच्छा बन्नो, तुम्हारी शादी होगी तब पता चलेगा जब मूसल जाएगा ना अंदर"

साना:"क्या कहा मूसल?"

मैं:"हां तुम्हारे प्यारे भाय्या ने कल ना चाहते हुए भी मेरी बुर मे अपना मूसल रगड़ रगड़ कर मेरी
ये हालत कर दी है"

साना:"हहाहहः अच्छा मुझे क्या पता"

मैं:"हंस लो तुम्हारा भी टाइम आएगा जब तुम्हारी बुर का भोसड़ा बन जाएगा"

साना:"ये ज़रूरी तो नही है कि ऐसा ही हो"

मैं:"हां हो सकता है कि वो कमज़ोर लुल्ली वाला निकले हाहहहाहाहा....."

मेरी बात सुन कर साना ने बुरा सा मूह बनाया

साना:"क्या भाभी आप भी ना"

मैं:"मज़ाक कर रही थी बाबा, नाराज़ क्यूँ होती हो, सबका केला अलग अलग साइज़ का होता है लेकिन मज़ा सबका अच्छा ही होता है"

साना:"आपको कैसे पता"

मैं:"मैने तुम्हारे दोनो भाइयो का केला खाया है मेरी जान, शौकत का लंबा लेकिन पतला और इनायत का चौड़ा लेकिन थोड़ा छोटा"

साना:"आपको अब बुरा नहीं लगता, जब शौकत भाई ताबू भाभी के साथ होते हैं?"

मैं:"अब जब गुजर चुकी है तो कह रही हूँ, यही मेरी किस्मत, लेकिन हां प्यार तो दोनो मर्दो ने मुझसे
खूब किया, दोनो ने रगड़ रगड़ कर चोदा है मुझे"

साना:"छी भाभी क्या बोलती हो"

मैं: "अच्छा चाइयीयियी, क्यूँ,, बन्नो जब केला चूसोगी ना तो भूल जाओ कि छी वगेरा"

साना:"मैं तो कभी ना चूसू किसी का केला, ये आप ही करो"

मैं:"मैं तो कर ही रही हूँ लेकिन केला देखने के बाद भूल जाओगी छी"

साना:"अच्छा वो सब ठीक है, आप नहा लो फिर जिस्म थोड़ा हल्का लगेगा"

मैं:"कैसे जाउ बाथरूम तक, तुम ऐसा करो पानी भर दो मैं तुमको बुला लूँगी, आज बाल भी सॉफ
करने हैं"

साना:"ठीक है, मैं पानी भर कर आपको आवाज़ देती हूँ"

ये कहकर साना बाथरूम की तरफ चल पड़ी, मैने जान भूझ कर आँगन मे अपनी सास के सामने लंगड़ा कर चलना शुरू कर दिया. मेरी सास ने आकर कर मुझसे पूंच्छा

सास:"अरे आरा क्या हुआ"

मैं:"जी कुछ नही वो बस ऐसे ही"

मेरी सास मेरे करीब आई तो मैने कह ही दिया जो मेरे मन में था

मैं:"जी आपसे कैसे कहूँ ये सब"

ये बात मैने लगभग फुसफुसा(विस्पेर) कर कही और मेरी सास ने भी वैसे ही जवाब दिया

सास:"बोलो तो सही "

मैं:"कल रात इनायत ने जल्दी जल्दी किया जिससे मेरी नीचे वाली जगह दुख रही है"

सास:"ये मर्द सब ऐसे ही होते हैं, औरतो को बस इस्तेमाल की चीज़ समझते हैं"

मैं:"सब मर्द मतलब ससुरजी ने भी क्या,,,"

मेरे इस सवाल की उनको उम्मीद ना थी, उनको मेरी तरफ देखा और वापस आँगन में जाकर बैठ गयी.

अब मैं बाथरूम मे आ चुकी थी और दरवाज़ा बंद किए बिना मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए और साना को आवाज़ दी.

मैं:"साना, ज़रा मेरी क्रीम लेकर आ जाओ"

मैं अभी कुछ सोच ही रही थी कि मेरी सास की आवाज़ आई.

सास:"ये लो"

मैने चौंक कर देखा तो मेरी सास मेरे सामने मेरी हेर रिमूवल क्रीम लेकर मेरे सामने खड़ी थीं और उनकी आँखें हैरत से खुली थी, मैं भी चौंक गयी थी, समझ नही पाई कि क्या करूँ, वो मुझे बिना ब्रा
के कई बार देख चुकी थीं और मैं भी लेकिन ये पहली बार था कि वो मुझे पूरा नंगा देख रही थी.
मैं इस तरहा बैठी थी कि मेरी टाँगो के बीच से मेरी चूत सॉफ नज़र आ रही थी.

मैने चूत के सामने हाथ रख कर उसको ढकना चाहा.


सास:"आरा थोड़ा ख़याल रखा करो, घर पर मर्द भी होते हैं,ये ठीक है कि अभी कोई नही है, और बाल टाइम पर ही सॉफ कर लिया करो, इस तरह रहना ठीक नही है"

मैं:"जी वो मैं साना का वेट कर रही थी इसलिए दरवाज़ा खुला रखा, आज दर्द हो रहा था तो सोचा
उससे ही कह दूं कि क्रीम लगा कर मेरे बाल सॉफ कर दे और मुझे नहला दे"

सास:"अर्रे क्या लड़की है वो, वो तो ताबू के साथ शॉपिंग के लिए जाने वाली थी, मैने उससे कहा था
कि वो तुम्हारा हाल पूंछ ले और फिर जाए, पता नही ध्यान कहाँ रहता है उसका, तुम रूको मैं ही
आज तुमको नहला दूं"

ये तो ऐसा हो रहा था कि चौक्का मारना चाहा था लेकिन छक्का लग गया. मैने सोचा क्यूँ ना सास के भी
जिस्म मे आग लगा दूं. मैने उनको एक बार ससुरजी के सामने डॅन्स करते हुए देखा था, वो अपनी कमर
हिला हिला कर कुछ कह रहीं थी, इससे ये तो मालूम था कि वो और सुसुरजी अब भी रोमॅंटिक हैं और उनके अंडर गारमेंट्स भी फँसे टाइप के थे जो उनकी उमर के हिसाब से थोड़े अजीब थे. शौकत की उमर लगभग 32 साल की थी और वो पहली औलाद थे, जिस वक़्त तो पैदा हुए थे उस वक़्त मेरी सास की उमर सिर्फ़ 16 साल ही थी, तो अब उनकी उमर लगभग 48 से ज़्यादा नहीं होगी. गाओं मे अक्सर पहले यही होता था और आज भी कहीं कहीं ये ही होता है. इसलिए मेरी सास की जिस्मानी ख्वाशात मरी नहीं थी बाकी ज़िंदा थीं. मैने सोचा यही मौका अच्छा है.


मैं:"नहीं आप क्यूँ परेशान होंगी, मैने खुद ही करने की कोशिश करती हूँ, आप आराम करें"

सास:"अगर तुम शरमा रही हो तो कोई बात नही, मैं इसरार नही करूँगी"

मैं:"नही ऐसी बात नही है, अच्छा आप ही कर दीजिए"

सास:"अच्छा ठीक है, ज़रा पैरो को फैलाओ तो ज़रा और दीवार से टेक लगा कर बैठ जाओ"

मैं:"अच्छा ठीक है"

मैने ऐसा ही किया और ये कन्फर्म किया कि बालो से धकि मेरी चूत मेरी सास के एकदम सामने हो

सास:"ये बताओ तुम इन बालो को इतना बड़ा क्यूँ रखती हो"

मैं:"इनायत को यहाँ बाल पसंद हैं इसलिए"


मेरी सास ने अपनी आँखें हैरानी से बड़ी की

सास:"पता नही इन लोगो के शौक क्यूँ एक जैसे हैं"

मैं:"किनके शौक"

सास:"देखो आरा, तुम मेरी बच्ची जैसी हो और काफ़ी समझदार भी हो इसलिए मैं तुमको अपना दोस्त ही मानती हूँ, इसलिए ये सब शेअर कर रही हूँ"

मैं:"आप बिना फिकर के मुझसे जो चाहे कह सकती हैं"

सास:"तुम्हारे ससुर को भी यहाँ बाल अच्छे लगते हैं"

मैं:"क्या आप लोग अब भी ,,,,,"

सास:"अब भी मतलब, सॉफ सॉफ कहो, डरो मत"

मैं:"मतलब अब भी आप लोग सेक्स करते हैं"

सास:"हां कभी कभी क्यूँ"

मैं:"नहीं ऐसे ही"

अब मेरी सास ने मेरे पैरो पर क्रीम लगाना शुरू कर दिया था और अब धीरे धीरे मेरी चूत की तरफ बढ़
रही थीं.

सास:"तो क्या मैं तुमको इतनी बूढ़ी लगती हूँ"

मैं:"नहीं ऐसा नही है, आप तो साना की बड़ी बहेन जैसी लगती हैं"

ये सुनकर मेरी सास खिलखिला कर हंस पड़ी.

सास:"हां कुछ लोग यही कहते है, अच्छा तुम थोड़ा उस जगह को करीब करो"

उस जगह से उनका मतलब मेरी चूत था.

मैने वैसा ही किया

मैं:"आपसे एक सवाल पून्छो"

सास:"हां एक क्यूँ हज़ार पूछो"

मैं:"अगर आप मुझे दोस्त समझती हैं तो ये 'उस जगह' के बदले आपने इसका नाम क्यूँ नही लिया"

सास:"मैने सोचा कि शायद तुमको मेरा ये लफ्ज़ इतेमाल करना ठीक ना लगे"

मैं:"आप मेरे सामने बिल्कुल दोस्त की तरहा बात कर सकती हैं"

सास:"अच्छा ठीक है तो अपनी चूत को मेरे करीब लाओ तो ज़रा"

मैं:"अब ठीक है"

सास:"वैसे तुम्हारी चूत एक दम गुलाबी है"

मैं अब इस मौके को जाने नही देना चाहती थी इसलिए मैने उनको थोड़ा और फ्री करना चाहा

मैं:"क्यूँ, आपकी किस रंग की है"

सास:"आम औरतो की तरहा"

अब मेरी सास मेरी चूत पर क्रीम लगा रही थीं

मैं:"तो गुलाबी चूत होने से क्या फ़ायदा होता है"

सास:"मर्दो को ये ज़्यादा अच्छी लगती है"

मैं:"आपको कैसे पता"

सास:"जवानी के टाइम पर तुम्हारे ससुर बहुत सारी किताबें लाते थे जिसमे नंगी लड़कियो की तस्वीर
होती थीं, तब ही वो मुझे ऐसा कहते थे"

मुझे शॉक सा लगा लेकिन मैने ऐसा ज़ाहिर नही किया.

मैं:"हां मर्दो को नंगी लड़किया बड़ी पसंद आती हैं, शौकत भी नंगी लड़कियो की कई पुरानी बुक्स
लाते थे और इनायत को आज कल सीडी लेकर आते हैं"

नंगी लड़कियो की पुरानी बुक्स के जुमले को सुनकर मेरी सास सन्न सी रह गयी

सास:"क्या कहा पुरानी किताब, वही जिसके आख़िरी पन्ने पर एक लड़की अपनी गान्ड मरवा रही है"

मैं थोड़ा हैरान रह गयी ये अल्फ़ाज़ अपनी पर्दे वाली सास के मूह से सुन कर लेकिन कंट्रोल करते हुए बोली.

मैं:"हां क्यूँ, क्या वो आपकी किताब है"

सास:""हां लेकिन हम दोनो को पता ही नही चला कि वो किताब कोई और भी देखता है.

मैं:"आज कल तो ये आम बात है अम्मी,इनायत तो यही सब देख कर मुझे भी वही करवाते हैं"

सास:"अच्छा,नया खून है धीरे धीरे ठंडा हो जाएगा"

मैं:"मुझे नहीं लगता"

सास:"बुढ़ापा आते आते सब ठंडे हो जाते हैं"

मेरी सास ने क्रीम लगाने के बहाने मेरी चूत के अंदर उंगली कर दी, शायद ये ग़लती से हुआ हो लेकिन
मैने जान बूझ कर आहह की आवाज़ निकाली.

सास:"क्या ज़्यादा दुख रही है तुम्हारी चूत"

मैं:"हां कल इनायत ने आते ही आते मेरी चूत मे अपना मूसल जैसा लंड पेल दिया"

सास:"अच्छा"

मैं:"हां, मेरी चूत एकदम सूखी थी इसीलिए रगड़ लग कर छिल सी गयी है"

सास:"कुछ दिन मना करो, ठीक हो जाएगी"

मैं:"मना कैसे करूँ, ये मानते कब हैं"

सास:"तो आज तुम मेरे पास सो जाना"

मैं:"ठीक है लेकिन इनका क्या, जहाँ मौका मिला मुझे चोद दिया"

सास:"ऐसी भी क्या बेसब्री है उसको"

मैं:"मैं ही जानती हूँ कि इनायत का मूसल जैसा लंड मैं अपनी चूत मे कैसे लेती हूँ,

शौकत का तो पतला और लंबा था,मुझे उसकी आदत सी लग गयी थी"

सास:"ठीक हो जाएगा, तुमको आदत हो जाएगी"

मैं:"नही मुझसे तो सबर नहीं होता, गधे की तरहा भी किसी का लंड होता है"

सास:"मेरी बच्ची घोड़े की तरहा भी होता है"

मैं:"आपने किसका देखा है घोड़े की तरहा"

सास:"तुम्हारे ससुर का"

मैं:"ना मुमकिन, इनायत से मोटा किसी का नही हो सकता, इस बात पर तो मैं शर्त लगा सकती हूँ"

सास:"अब तुम्हे कैसे यकीन दिलाऊ, मेरी चूत अब एक दरवाज़ा बन गयी है तुम्हारे ससुर का लॉडा लेते लेते

हाहहाहाः हहीहहे"

मैं:"अच्छा, आप ने तो बहुत बर्दास्त किया है,मुझे लगता है कि अब ये क्रीम धो देनी चाहिए काफ़ी
टाइम हो गया है"

सास:"हां, काफ़ी टाइम हो गया है, रूको मैं पानी डालती हूँ"

सास मेरे पैरो पर और चूत पर पानी डाल कर मेरी क्रीम धो रही थीं धीरे धीरे सब बाल सॉफ हो गये थे और मेरी चूत जगमग जगमग हो रही थी,मेरी सास की नज़र मेरी चूत पर ही थी,

मैं:"क्या हुआ अम्मी, ऐसे क्या देख रही हैं कुछ गड़बड़ है क्या"

सास:"नही बस ऐसे ही"

मुझपर पानी डालने की वजह से उनकी सलवार भी गीली हो चुकी थी और उनके पैर नज़र आ रहे थे. मैने सोचा लोहा गरम है मार दूं हथौड़ा

मैं:"अर्रे आपके कपड़े गीले हो गये हैं, आप मुझे नहलाएगी तो और भीग जायेंगे, आप भी नहा लो
मेरे साथ"

सास:"नही , मैं बाद मे नहा लूँगी"

मैं:"अगर आप शरमा रही हैं तो कोई बात नही, मुझे लगा हम लोग दोस्त हैं इसलिए मैने कहा"

ये सुनते ही मेरी सास ने अपनी कमीज़ उतार दी और एक झटके से अपनी सलवार भी उतार दी, मेरे लिए तो जैसे बिन मागे बरसात सी हो गयी,वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने खड़ी थीं और उनके जिस्म पर एक बाल भी ना था, मैं उनकी टाँगो के बीच मे बैठी उनकी चूत देख रही थी और उनकी चूत से रिस्ता सफेद पानी. वो पूरी तरहा एकदम सिड्यूस्ड हो चुकी थीं, मेरी नज़रें अपनी चूत पर देख कर उन्होने पूंछ
ही लिया

सास:"क्या देख रही हो"

मैं:"यही कि साना आपकी फोटो कॉपी है, क्या शानदार फिगर है आपका, आप अभी भी क़यामत लगती हैं"

सास:"हहाहहाहा अच्छा"

मैं:"हां, एकदम क़यामत हैं आप, आपकी चूत को देखकर तो मेरी चूत भी पानी छोड़ने वाली है"

सास:"क्यूँ ऐसे क्यूँ कह रही हो"

मैं:"ना जाने क्यूँ मुझे आपकी चूत देख कर सनसनी सी हो रही है, मैने कभी किसी बड़ी औरत की चूत
नही देखी, उफ्फ क्या चीज़ हैं आप"

सास:"अच्छा बस भी करो झूठी तारीफ़"

मैं:"अब मुझे समझ आया कि ससुरजी क्यूँ आज भी आपके दीवाने हैं, आप माल ही कुछ ऐसा हो"

सास:"माल तो तुम हो,जवान तो तुम हो"

मैं:"किसी जवान लड़के ने आपका जिस्म देख लिया तो वो आपका गुलाम हो जाए, मुझे लगता है कि मुझे अपने आप को उंगली के ज़रिए हल्का करना पड़ेगा"

सास:"ऐसा क्या हो गया मुझे देख कर तुमको"

ये कहकर मैं खड़ी हो गयी और अपनी सास की चूत पर उंगली फिराने लगी, मेरी इस हरकत की उनको उम्मीद तो ना थी लेकिन उन्होने मेरी उंगली हटाई नही और सीईईईईईईईईईई अहह की आवाज़ उनके मूह से निकल पड़ी

मैं उनके एकदम करीब आ गयी थी और मैने उनके सीने पर अपने दोनो हाथ रख लिए थे और उन्हे दबाने लगी. उन्होने भी मुझे नही रोका और बदले में वो मेरे सीने को दबाने लगी. मैने अपने होंठ उनके होंठ पर रख दिए और उसके होंठ चूसने लगी, अब उन्होने मुझे रोकना चाहा

सास:"आरा ये ठीक नही है"

मैं:"अब पीछे मत जायें, कुछ ग़लत नही है"

ये कहकर मैने फिर से उनके होंठ चूसना शुरू कर दिए, अब उनकी तरफ से कोई रुकावट नहीं थी और मैं जल्दी जल्दी उनकी चूत में उंगली डाल रही थी. अब मैने उनके होंठ को छोड़ दिया और उनके निपल्स को चूसने लगी, उनको जैसे 440 वोल्ट्स का झटका सा लगा और उनके मूह से ज़ोर से हाआआआआआआआआआययययययययी उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़, मर गाइिईईईईईईईईई अहह. मैं लगातार उनके निपल को चूस रही थी और उनकी चूत मे उंगली कर रही थी.

उनकी आँखो में हवस भर गयी थी और वो पूरी तरह मेरे क़ब्ज़े में थीं.

मैं उनको ज़मीन पर लेटने को कहा, वो ना चाहते हुए भी ज़मीन पर लेट गयीं, अब मैने उनकी टाँगो के
बीच मे आकर उनकी चूत को चाटने लगी और अपने हाथो से उनके निपल्स को दबाने लगी. वो लगातार अपने बड़े बड़े चूतड़ उछाल उछाल कर अपनी चूत मेरे मूह मे दे रही थी.

कुछ देर तक यही चलता रहा और अचानक उनका जिस्म अकड़ गया और उन्होने मेरा सर ज़ोर से पकड़ कर अपनी चूत पर रोक लिया. अब वो झाड़ रही थी. मैने झट से अपने होंठ फिर से उनके मूह पर रख दिए, पहले तो उन्होने मना किया लेकिन फिर वो चूसने लगीं और मेरे बालो मे हाथ फिराने लगी. हम कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे फिर मैने उनके उपर से उठ कर अपनी चूत को सहलाने लगी. मुझे वो कुछ देर तक देखती रहीं जैसे नशे मे हों और फिर उन्होने वो किया जिसका मुझे कोई अंदाज़ा ना था.
उन्होने मेरी चूत पर मूह रखकर उसे चाटना शुरू कर दिया.

ज़िंदगी में कितनी लड़किया अपनी चूत चटवाती हैं? और उनमे से कितनी अपनी सास से चटवाती हैं?
ये मेरी जीत थी, मैने सोच लिया था कि इनायत का लंड अब अपनी सग़ी बहेन और सग़ी मा की चूत मे भी जाएगा.

मैं जल्द ही झाड़ गयी और मेरी सास ने भी मेरी तरहा चाटने के बाद मुझे किस किया.

हम दोनो ने दूसरे को नहलाया लेकिन इस दौरान हममे कोई बात नही हुई.

मैं तो अपने कपड़े लेकर आई थी और मैने वो पहेन लिए लेकिन मेरी सास नंगी ही आँगन में आई और अपने कमरे में जाकर कपड़े पहन कर वापस आई.

हम कुछ देर तक धूप मे अपने बाल सुखाते रहे और फिर दोपहर के खाने के लिए मर्द लोग घर पर आगये इस दौरान मेरी सास पहले की तरह पर्दे वाली औरत की तरहा रही और उन्होने मुझसे आँख मिलाना ठीक नही समझा. मुझे खाना खाने के बाद नींद आ गयी और शाम को जब आँख खुली तो फिर एक बार साना मेरे सामने थी, मुझे लगा कि अब साना को भी शीसे मे उतारने का वक़्त आ गया है.


कहानी जारी रहेगी-



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aamirhydkhan

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यकीन होना मुश्किल है

UPDATE 21


मैने उसको देख कर बनावटी गुस्सा दिखाया.

मैं:"जाओ तुम पहले शॉपिंग कर आओ फिर मेरे पास आना"

साना:"ओह भाभी, आइ आम रियली सॉरी, मैं बिल्कुल भूल गयी, खैर आप नहा तो लीं ना"

मैं:"हां, बेचारी अम्मी ने मुझे नहलाया और बाल भी सॉफ किए उन्होने"

साना:"आप मज़ाक कर रही हैं"

मैं:"मैं मज़ाक क्यूँ करूँ, उनकी एहसानमंद हूँ मैं तो"

साना:"ओह भाभी,मुझे माफ़ कर दो, मुझे पता नहीं था ये सब"

मैं:"खैर जाने दो ये बताओ कि क्या लाई हो शॉपिंग करके"

साना:"कुछ नहीं मैं तो कुछ ख़ास नही लाई, बस थोड़े अंडर गारमेंट्स ही लाई हूँ लेकिन ताबू भाभी तो उफ्फ ना जाने क्या क्या फॅशनबल चीज़ें लाई हैं, उन्हे कैसे कोई पहेन सकता है"

मैं:"क्यूँ अपने हज़्बेंड के सामने बेडरूम मे पहेनने में क्या हर्ज़ है"

साना:"हां अपने हज़्बेंड के सामने तो कोई हर्ज नही है"

मैं:"और तुम कौन्से कम फॅन्सी अंडरगार्मेंट्स पहेन्ति हो"

साना:"भाभी, अंडरगारमेंट्स कौन देख सकता है"

मैं:"तो उसी तरहा बेडरूम मे कौन देख सकता है क्या पहेन रखा है"

साना:"ह्म्म आप ठीक कहती हैं, अच्छा बताइए अब कैसी है आप की गुलाबो"

मैं:"कैसी है, आज शाम तक ठीक भी हो गयी तो रात को तुम्हारे भाय्या फिर रगड़ रगड़ के वही हाल कर देंगे"

साना:"आप भाय्या को मना कर दें"

मैं:"हाँ, मना कर दूँगी, आज मैं अम्मी के साथ सोने वाली हूँ"

साना:"तो अब्बू कहाँ सोयेंगे?"

मैं:"अब्बू इनायत के साथ सो जायेंगे"

साना:"हाहाहाहहाः ये भी खूब है"

मैं:"हां खूब ही तो है, अम्मी बता रही थीं कि उनका भी कभी कभी यही हाल होता है"

साना:"अम्मी आप से ऐसी बात क्यूँ करेंगी भला"

मैं:"वो मेरी एक दोस्त हैं पहले और सास बाद में, मैं उनसे हर मसले मे राई ले लेती हूँ"

साना:"काश मुझे भी ऐसी ही सास मिले"

मैं:"ज़रूर मिलेगी थोड़ा सबर करो और प्यार करने वाला शौहर भी"

साना:"भाभी आप भी ना, बहुत शरारती हैं"

मैं:"हां मेरी बन्नो, शरारत की उमर भी तो है, तुम भी शरारती बन जाओ वरना शादी के बाद मुश्किल होगी"

साना:"क्या मुश्किल होगी?"

मैं:"पता ही नही होगा कि क्या करना है, कैसे करना है,पागल ही जाओगी"

साना:"तो आप बता दीजिए ना कि क्या करना होता है, कैसे करना होता है?"

मैं:"मैं तो बता ही दूँगी लेकिन तुम थोड़ी शर्मीली हो और झिझक बहुत है तुममे"

साना:"उफ्फ भाभी, अब बताइए भी ना क्या करना है"

मैं:"सब बता दूँगी,पहले तुम्हे झिझक निकालनी होगी"

साना:"ठीक है"

मैं:"अच्छा फिर टाइम देख कर बता दूँगी, कल अम्मी अपनी बहेन के यहाँ जाने वाली है और ताबू दोपहर को गहरी नींद मे होती है तब आना सब सिखा दूँगी, समझी मेरी बन्नो"

साना:"ठीक है भाभी आप कितनी अच्छी हैं"

ये कहकर वो शाम का खाना बनाने चली गयी और फिर सबने रात का खाना एक साथ खाया.

खाना खाने के बाद मेरी सास ने सबको कह दिया कि आरा मेरे साथ सोएगी उसकी तबीयत ठीक नही है और मेरे ससुर को इनायत के साथ सोने के लिए कह दिया. जब इनायत ने पून्छा तो सास ने सॉफ कह दिया कि उसको आराम की ज़रूरत है और तुम गहरी नींद मे सो जाते हो, मैं उसका ख़याल रखूँगी.

रात को जब मैं सास के रूम मे गयी तो वो पहले ही अपने माथे पर अपना हाथ रखे आँखें मूंदे लेटी थीं, मेरी आवाज़ सुन कर उन्होने आँख खोली और मुझसे लाइट्स ऑफ करने को कहा.मैने हमेशा की तरहा नाइटी पहेन रखी थी. मैने सोचा कि शायद मेरी सास दोपहर के इन्सिडेंट से परेशान हैं और गिल्टी फील कर रही हैं.

मैं चुप चाप उनकी लेफ्ट साइड मे जाकर लेट गयी. थोड़ी देर बाद मेरी सास ने मुझसे फिर बात शुरू की.

सास:"आरा, मैं दोपहर की बात से शर्मिंदा हूँ, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था"

मैं:"शर्मिंदा होने की क्या बात है, आप ही ने कहा था कि आप मेरी दोस्त हैं, मुझे बिलकुल बुरा नहीं लगा, मैं भी अपने आप को रोक नही पाई, आप हैं ही इतनी दिलकश और खूबसूरत"

सास:"तो तुमको बुरा नहीं लगा, लेकिन फिर भी शायद हम को ये सब नहीं करना चाहिए"

मैं:"आप एक औरत हैं और मैं भी,अगर हम एक पल के लिए एक दूसरे से ये सब बाँट लेते हैं तो इसमे हर्ज ही क्या है"

सास:"लेकिन अगर किसी को भनक भी लगी तो हम लोग किसी को मूह दिखाने लायक नही रहेंगे"

मैं:"ये सब बातें या तो रात के अंधेरे मे होती हैं या अकेले में तो फिर किसी को क्या पता चलेगा"

सास:"पता नहीं मुझे ये सब थोड़ा अजीब से लगा लेकिन ना जाने क्यूँ अच्छा भी लगा"

अब मैं समझ चुकी थी कि मेरी सास धीरे धीरे सीशे मे उतरने वाली है और मैने जाल फेंक दिया.


मैं:"मुझे भी अच्छा लगा और मेरा मन है कि आप का शानदार जिस्म मुझे हमेशा देखने को मिले"

सास:"क्या है मेरे बूढ़े जिस्म मे"

मैं:"आप को क्या पता, ये आपकी बड़े बड़े सीने,बड़ी सी निपल्स, खुसबुदार चूत, उभरे हुए चुतड ये भारी भारी जांघें, ये सफेद रंगत, अफ क्या चीज़ हैं आप, मैं तो आपको जी भर के देख
भी ना पाई हूँ"

सास:"अच्छा तो मैं तुम्हे इतनी अच्छी लगती हूँ"

मैं:"हां आप जानती नही कि मैने कैसे रात का इंतेज़ार किया है"

सास:"तुम तो मेरी दीवानी सी हो गयी हो"

मैं:"हां, क्या मैं दोबारा आपको नंगी देख सकती हूँ"

सास:"ठीक है लेकिन हम शोर नही करेंगे"

ये कहकर वो बिस्तर पर बैठ गयीं और मैने झट से अपनी नाइटी उतार दी जिसके नीचे मैने कुछ नही पहना था. मैने भी उनकी शलवार और कुर्ता उतार दिया, उन्होने भी नीचे कुछ नहीं पहना था. मैने तुरंत उनकी बड़ी बड़ी लटकी हुई उनकी चूचिया पकड़ ली और और उनको उनके लिप्स पर किस करने लगी. वो उफान पर थीं, मैं उनके निपल्स पर उंगलियो से घेरा बना रही थी और वो भी मेरी पीठ सहला रही थीं. मैने करीब 10 मिनिट तक ऐसा ही किया और उनको पीठ के बल लिटा दिया और उनकी टाँगो के बीच मे झुक कर उनकी चूत चाटने लगी, मैने उनको तड़पाना शुरू किया, मैं थोड़ी देर के लिए उनकी चूत चाट लेती और फिर रुक जाती, जब मैं रुक जाती तो वो मेरी तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देखने लगती.

मैने उनसे कहा कि मैं अपनी चूत उनके मूह पर रखना चाहती हूँ, उन्होने बुरा सा मूह बनाया लेकिन फिर कहा कि अच्छा चलो आ जाओ.

अब मैं 69 पोज़ मे थी.वो मेरी चूत चाट रही थीं.

अब मैने ज़ोरदार ढंग से चूत चाटना शुरू किया और थोड़ी ही देर में मेरा और उनका पानी निकल आया

ज्सिको हम दोनो से चाट कर सॉफ कर दिया.

अब मैं फिर उनके सिरहाने आ गयी थी और फिर उनके लिप्स चूस रही थी.मुझे अपनी चूत का और उनको उनकी चूत के रस का मज़ा मिल रहा था. हम थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे और फिर हम ने बात शुरू कर दी, मैं अब भी उनसे लिपटी हुई थीं और वो मेरे बालों मे हाथ फिरा रही थीं और मैं उनके चुतड पर हाथ फेर रही थी.

मैं:"आपको अच्छा लगा"

सास:"हां बहोत अच्छा लगा और तुमको"

मैं:"मुझे भी, अच्छा एक बात पूछूँ"


सास:"बिना झिझल पून्छो"

मैं:"ससुरजी क्या आपको अभी भी प्यार करते हैं रात को"

सास:"हां लेकिन अब पहले जैसी बात नहीं रही, अब उनका खड़ा तो होता है लेकिन वो जल्दी झाड़ जाते हैं"

मैं:"तो आप कैसे अपनी प्यास बुझती हैं, उंगली करके"

सास:"हां, आरा, और चारा ही क्या है"

मैं:"आप मुझे बुला लिया करें"

सास:"अब ये कब तक मुमकिन है"

मैं:"अब साना की शादी हो जाएगी और घर मे मैं,आप और ताबू ही बचेंगे"

सास:"ताबू को भनक लग गयी तो"

मैं:"ताबू की आप टेन्षन ना लें, मैं उसको जानती हूँ,उसमे सेक्स की भूक बहोत ज़्यादा है, हो सकता है कि वो भी हम को जाय्न कर ले"

सास:"नहीं आरा, वो तुम जैसे समझदार नही है, उसमे अभी भी बच्पना है"

मैं:"अब वो बच्चे पैदा करने के लायक हो गयी है, बच्पना कैसा उसमे"

सास:"नही आरा, ये बात हम दोनो में ही ठीक है"

मैं:"जैसी आप की मर्ज़ी लेकिन आप जब कहेंगी मैं उसको अपने साथ शामिल कर लूँगी"

सास:"देखा जाएगा, कल मैं अपनी बहेन के घर जा रही हूँ, तुम चलोगि क्या"

मैं:"नहीं मैं घर पर ही रहना चाहती हूँ, मैं आपसे एक बात कहना चाहती थी"

सास:"हां बोलो"

मैं:"साना तो बिल्कुल बच्ची है, पता नहीं उसका क्या होगा"

सास:"क्यूँ"

मैं:"उसको अभी कुछ पता ही नहीं है सेक्स के बारे में"

सास:"तुम्हे कैसे पता"

मैं:"वो मुझसे पूंछ रही थी कि मेरी चूत मे दर्द क्यूँ हो रहा था, जब मैने कहा कि तुम्हारे भैय्या की वजह से तो वो कहने लगी कि भैय्या ने कैसे दर्द किया यहाँ पर"

सास:"या रब, क्या सच में"

मैं:"हां सच्ची"

सास:"तो तुमने क्या कहा"

मैं:"मैं चुप हो गयी"

सास:"तो तुम ही उसको समझा दो सब कुछ"

मैं:"हां मैं भी यही सोच रही हूँ कि कल उसको थोड़ा समझा दूं ताकि उसको शादी के बाद परेशानी ना हो, वैसे वो आप की फोटो कॉपी है"

सास:"हां वो तो है ही"


कहानी जारी रहेगी-



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यकीन होना मुश्किल है

UPDATE 22


मैं:"आप जानती हैं कि मुझे भी शादी से पहले कुछ नही मालूम था लेकिन धीरे धीरे सब पता लग गया"

सास:"ह्म्म"

मैं:"पहले शौकत ने फिर इनायत ने मुझे सब सिखा दिया"

सास:"दोनो ही तुमसे बहुत प्यार करते रहे हैं"

मैं:"हां इनायत ने तो काई नयी चीज़े सिखा दी हैं"

सास:"जैसे"

मैं:"मैं पहले सीडी पर ब्लू फिल्म नही देखती थी लेकिन इनायत ने ना जाने कितनी ब्लू फिल्म दिखा दी और वो तो सीडी देख कर मुझे वैसे ही चोद्ते हैं, हम ने हर स्टाइल मे चुदाई की है"

सास:"अच्छा"

मैं:"आपने कौन कौन सी पोज़िशन ट्राइ की है"

सास:"इन्होने कभी मेरी चूत नही चाटी और मैने कभी इनका मूह मे नहीं लिया और गान्ड भी मैने नही मरवाई है"

मैं:"गान्ड तो मैने भी नहीं मरवाई है लेकिन बाकी सब किया है"

सास:"तुमको शौकत की याद आती है सेक्स के टाइम पर"

मैं:"हां शौकत मेरा पहला प्यार था, उनका मुझे धीरे धीरे आराम से चोदना मुझे अभी भी याद है"

सास:"और इनायत का"

मैं:"इनायत ने तो हर तरहा से किया है मेरे साथ, वो और मैं तो रोल प्ले भी करते हैं"

सास:"रोल प्ले क्या होता है"

मैं:"आपको नही पता, हम लोग अपने दिल की ख्वाशात के मुताबिक एक दूसरे के लिए वो बन जाते हैं जिनसे हम को प्यार करने की ख्वाहिश होती है"

सास:"तुम्हे और इनायत को किसी और से भी प्यार करने की ख्वाहिश होती है"

मैं:"हां दिल ही तो है लेकिन असलियत में ऐसा हम कभी नही कर सकते, इसलिए एक दूसरे के लिए हम वही बन जाते हैं और इस तरहा हम अपनी ख्वाहिश पूरी कर लेते है, लेकिन ये सिर्फ़ सेक्स के टाइम ही करते हैं"

सास:"इनायत और तुम किस किस का रोल प्ले करते हो"

मैं:"मैं आपको बता तो दूं लेकिन आप बुरा नहीं मानना"

सास:"अर्रे बुरा क्यूँ मानुगी,ये तुम्हारी ज़िंदगी है"

मैं:"इनायत साना को और आपको प्यार करने की सोचता हूँ"

ये सुनते ही मेरी सास मुझसे अलग हो गयी और उठ कर बैठ गयी, कमरे मे हल्का सा उनका चेहरा और उनकीआँखें नज़र आ रही थी. वो कुछ देर तक इसी तरहा बैठी रही. मैं सोचने लगी कि कहीं मैने जल्दी तो नही कर दी.

सास:"मुझे यकीन नही आ रहा, मेरा बेटा मुझे और अपनी सग़ी बहेन के बारे मे ऐसा सोचता है"

मैं:"मैं जानती थी शायद आपको बुरा लग जाएगा"

सास:"मुझे नही समझ मे आ रहा कि मैं क्या करूँ"

मैं:"मैने किताबो मे पढ़ा है कि लड़का अपनी मा से सेक्षुयली अट्रॅक्ट हो जाते हैं, क्यूंकी आप उनकी ज़िंदगी मे पहली औरत होती हैं"

सास:"ये बहुत बेतुकी सी बात है"

मैं:"नहीं ऐसा नही है, कई मायें तो अपने बच्चो को दूध पिलाते वक़्त झड़ भी जाती हैं, लेकिन आप ऐसा क्यूँ सोच रही हैं कि इनायत आपसे आकर कभी ऐसा कहेगा, ये एक दिल की बात है जो हम करीब होने की वजह से शेअर करते हैं, मुझे लगता है मुझे आपको ये बात नही कहनी चाहिए थी"

सास:"नही मुझे बुरा नहीं लेकिन हैरानी हुई है, तुम टेन्षन मत लो मैं उसको ये कभी नहीं पूछूंगी"

मैं:"जानती हैं आपका नाम सुन कर सेक्स के टाइम वो बहुत जल्दी झाड़ जाता है और ये हाल उसका साना का नाम सुनकर नहीं होता, वो शायद आपकी खूबसूरती पर ज़्यादा अट्रॅक्टेड है"

सास:"हो सकता है, मैने और तुम्हारे ससुर ने ये रोल प्ले कभी नही किया"

मैं:"लेकिन मैं जानती हूँ कि ससुरजी मुझपे अट्रॅक्टेड हैं"

सास:"तुम्हे कैसे ऐसा महसूस हुआ"

मैं:"एक बार उन्होने मेरी पैंटी सूखते हुए देखी तो जब मैं वो पैंटी लेने गयी तो उन्हे मेरी चूत की तरफ इशारा कर के कहा कि इससे तो तुम्हारी शरमगाह ढकति भी नही होगी, मैने कयि बार देखा है उनको मेरे चुतड और सीने की तरफ देखते हुए"

सास:"देखो वो बुरे आदमी नहीं है, हो सकता है तुमको कुछ ग़लतफहमी हुई हो"

मैं:"उनकी ग़लती नहीं है, वो बुरे नहीं अच्छे आदमी हैं, दर असल हम सब इंसान है और खूबसूरती की तरफ हम खींच ही जाते हैं,ये तो मेरे लिए फक्र की बात है कि मैं किसी उमर दराज़ सख्स को भी अट्रॅक्ट कर सकती हूँ, मैं अपने सास और ससुर ही हर तरहा से खिदमत करने के लिए राज़ी हूँ"

सास:"तुम बहुत समझदार हो आरा, मुझे तुमपर नाज़ है, तुम अपने शौहर के लिए सब कुछ करती हो"

मैं:"ये तो मेरा फ़र्ज़ है,अगर मेरे ससुर मेरी जिस्म को देख भी लेते है तो क्या हर्ज है,इससे मेरे जिस्म मे कोई बिगाड़ तो पैदा नहीं होता, अगर ये मुमकिन होता कि मैं अपने ससुर की ख्वाशात को पूरा कर पाती तो ज़रूर करती"

सास:"ये मुमकिन नहीं है आरा"

मैं:"मैं जानती हूँ कि आपको ये कभी मंज़ूर ना होगा"
सास:"बात मेरी मंज़ूरी की नही बल्कि इनायत की है"

मैं:"इनायत ने मुझसे सॉफ सॉफ कह रखा कि मुझपर कोई बंदिश नही है लेकिन मुझे खुद घर की इज़्ज़त का ख़याल होना चाहिए और हक़ीक़त में मेरी और कोई ख्वाइश भी नही है"

सास:"और इनायत से तुम किस का रोल प्ले करवाती हो"

मैं:"शायद आपको फिर बुरा लगे मेरे जवाब से"

सास:"नही शायद अब मैं तुम्हारे जवाब के लिए तैय्यार हूँ"

मैं:"अपने भाई का और कभी कभी ससुरजी का भी"

सास:"इनायत को बुरा नहीं लगता"

मैं:"नही मैं और इनायत एक दूसरे से कुछ नही छिपाते हैं"

सास:"तो क्या तुम हमारे बारे में भी सब बता दोगि"

मैं:"अगर आपको मंज़ूर हो तो"

सास:"हरगिज़ नही कहना समझी"

मैं:"आप टेन्षन ना लें, मुझपर पूरा यकीन रखें"

सास:"क्या कभी इनायत ने मुझे किसी ऐसी हालत मे देखा है जो उसे नही देखनी चाहिए थी"

मैं:"नही कभी नही"

सास:"तो मेरी खूबसूरती वाली बात तुमने कैसे कही"

मैं:"आपके चुतड, बड़े बड़े सीने और आपकी रंगत भला किसी से कैसे छुप सकती है"

सास:"हां ये तो है"

मैं:"लेकिन ये मुमकिन कहाँ कि इनायत आपका दीदार कर सके"

सास:"हां तुमको और मेरे शौहर को ये कभी मंज़ूर ना होगा और मैं भी इस बात को हक़ीक़त नही समझती हूँ"

मैं:"मुझे तो कोई ऐतराज़ नहीं है, ससुरजी को भी नही होगा अगर वो खुद अपनी बहू को प्यार करेंगे तो उनको फिर कोई ऐतराज़ ना होगा"

सास:"ऐसा हक़ीक़त मे नही हो सकता है"

मैं:"हो सकता है, ससुरजी तो मेरे साथ सोने को राज़ी हो जायेंगे, जब भी मौका मिले तो"

सास:"अच्छा बहुत यकीन है तुमको खुद पर"

मैं:"हां बिल्कुल, आप कहें तो मैं आपके मिया पर डोरे डाल दूं हाआहाः हहेहेहहे"

सास:"धीरे बोलो आरा, रात का वक़्त है, आवाज़ दूर तक जाएगी"

मैं:"अच्छा ठीक है,तो क्या कहती हैं आप,क्या आपको अपने शौहर पर यकीन नहीं है"

सास:"मर्दो का भी यकीन है, अभी तुम ही तो कह रही थी कि मेरा बेटा जब अपनी खुद की मा को चोदने की फिराक मे है तो भला तुम तो मेरे मिया की बहू ही हो"

मैं:"हां ऐसा ही है"

सास:"अच्छा ट्राइ करके देखो, मैं खुद देखना चाहती हूँ कि मेरे मिया आख़िर कहाँ तक पहुँचते हैं"

मैं:"कहाँ पहुँचेंगे, मेरी चूत पर और कहाँ"

सास:"अच्छा कल मैं जा रही हूँ, वो मुझे रेलवे स्टेशन से छोड़ कर वापिस घर आयेंगे तब तुम ट्राइ कर सकती हो, लेकिन ताबू और साना भी तो घर पर होंगे"

मैं:"आप टेन्षन मत लें मैं साना को और ताबू को शॉपिंग के लिए भेज दूँगी और वो वापस दोपहर तक ही वापस आयेंगे"

सास:"ध्यान रखना कहीं बाज़ी उल्टी ना पड़ जाए और हो सके तो कोई सुबूत रखना, वरना मुझे यकीन नही होगा"

मैं:"ठीक है मेरी जान"

जब मैने मेरी जान लफ्ज़ इस्तेमाल किए तो मेरी सास की आखें और चौड़ी हो गयी लेकिन फिर वो मुस्कुरा दीं. मैं समझ चुकी थी कि मेरी सास शायद अपने बेटे के लंड के लिए तैय्यार हो रही हैं और शायद इसलिए अपने मिया को मेरे उपर चढ़वाने के लिए बेताब हैं ताकि उनका रास्ता खुल जाए. मैं भी सुबह के लिए बेताब थी जब बेटी और बाप को मुझे शीशे मे उतारना था.


कहानी जारी रहेगी-



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UPDATE 23



अगली सुबह जब मैं अपने कमरे में गयी तो देखा कि इनायत तैय्यार हो रहे थे, मुझे देखते ही उन्होने पून्छा कि मेरी तबीयत कैसी है, जिसके जवाब में मैने कहा ठीक है, अब बेहतर महसूस कर रही हूँ.

सबने एक साथ नाश्ता किया, फिर ताबू और साना ने मेरी सास की पॅकिंग शुरू कर दी. कुछ वक़्त बाद मेरी सास अपने मिया के साथ रेलवे स्टेशन जाने को तैयार थीं, उन्होने मेरी तरफ देख कर कहा कि अपना और अपने ससुर का ख़याल रखना. मैं समझ गयी कि वो क्या कहना चाहती हैं.इनायत और शौकत पहले ही जा चुके थे. अब बारी साना और ताबू को चलता करने की थी सो मैने ताबू और साना से अपनी तबीयत का बहाना किया और उनसे अपने लिए कुछ अंडरगार्मेंट्स की शॉपिंग के लिए कहा. पहले तो साना राज़ी नही थी लेकिन बाद में मैने उससे कहा कि मैं उसको कुछ नही सिखाने वाली तो वो मान गयी और साथ मे ताबू को भी ले गयी.

अब मैं इंतेज़ार कर रही थी अपने ससुरजी का, मैने एक प्लान बनाया और मुझे लगा कि वो प्लान ज़रूर सक्सेस फुल होगा.

करीब 1 घंटे बाद डोर बेल बजी. हमारे घर का मेन डोर आँगन के बाहर था. मैं धीरे धीरे गयी और डोर खोला. मैने चेहरे पर दर्द के एहसास दिखाए तो मेरे ससुर मुझसे पूंछ ही पड़े.

ससुरजी:"आरा ठीक तो हो और ये साना और ताबू कहाँ गये हैं?"

मैने कराह कर जवाब दिया

मैं:"जी वो कल कुछ कपड़े लाए थे जो फिट नही हो रहे थे इसलिए वो लौटाने गये हैं आअहह"

ससुर:"तुम्हे क्या हुआ, तबीयत ठीक नही हुई"

ये कहकर उन्होने दरवाज़ा बंद किया और मेरे पीछे पीछे आने लगे, मैने लंगड़ा कर चलना शुरू किया तो उन्होने मेरा बाज़ू पकड़ कर मुझे सपोर्ट दिया. मैं धीरे धीरे बरामदे मे आकर बैठ गयी. मैने आज ऐसी नाइटी पहनी थी वो घुटनो के नीचे से डिवाइडेड थी और इसमे मेरे ससुर को मेरी गोरी गोरी टाँगें सॉफ नज़र आ रही थी.

मैं:"माफ़ कीजिएगा आपको तकलीफ़ हुई मेरी वजह से"

ससुर:"कमाल करती हो तकलीफ़ क्या हुई मुझे, लेकिन इन दोनो को तुमको अकेला छोड़ कर नही जाना चाहिए था"

मैं:"नही ठीक हो जाएगा ये दर्द"

ससुर:"कहाँ दर्द है आरा"

मैं:"जी वो, जी वो,,,,,"

ससुर:"क्यूँ क्या हुआ बोलो ना"

मैं:"मेरी शरमगाह मे,,,,"

ये कहकर मैने सर झुका लिया और शरमाने लगी

ससुर:"क्या हुआ"

मैं:"जी ये कैसे कहूँ मैं"
ससुर:"बोलो , शरमाओ मत आरा"

मैं:"वो परसो रात को इनायत ने मुझे... वो"

ससुर:"समझ गया, ऐसी भी क्या हैवानियत कि किसी को तकलीफ़ पहुचाई जाए"

मैं:"जी अब मैं क्या कहूँ"

ससुर:"इसलिए तुम कल अपनी सास के साथ सोई थीं"

मैं:"हां लेकिन अब दर्द कम है, सिर्फ़ चलने से थोड़ा दर्द होता है,मैने एक क्रीम लगाई थी, उससे काफ़ी आराम मिला है"

ससुर:"तो फिर क्रीम लगा लो"

मैं:"वही लगा रही थी कि आप आ गये"

ससुर:"कहाँ है वो क्रीम मैं लेकर आता हूँ"

मैं:"नही मैं खुद ले लूँगी आप बस मुझे सहारा दे कर मेरे कमरे तक पहुँचा दें"

ससुर:"ठीक है"

अब मैं खड़ी हो गयी और बजाए उनके आगे चलने के मैं उनके कंधे से चिपक गयी, अब मेरी गर्म गर्म चूचिया उनसे चिपटि हुई थीं.

मैं बेडरूम मे जाकर सीधा बेड पर लेट गयी वो भी इस तरहा से कि मेरी टाँगें फैल गयी और मेरी नाइटी के बीच से मेरी चूत का नज़ारा सीधा मेरे ससुर के सामने था. मैने दर्द के दिखावा किया और आँखें बाद कर ली, मुझे यकीन था कि मेरे ससुर अभी सिर्फ़ मेरी चूत देख रहे होंगे. मैने अब आँखें खोली और अपने पैर सीधे कर लिए और देखा कि मेरे ससुर मेरी चूत ही देख रहे थे.उन्होने ने हड़बड़ा कर अपनी नज़रें दूसरी तरफ की और मुझसे पूछा

ससुर:"कहाँ है वो क्रीम"

मैं:"जी वो माय्स्चराइज़िंग क्रीम जो ड्रेसिंग टेबल पर है वो दे दीजिए"

ससुर:"अच्छा, लेकिन इस क्रीम से फ़ायदा हुआ तुमको"

मैं:"जी वो परसो रात को इनायत की रगड़ की वजह से मेरी शरमगाह छिल गयी थी, इससे फ़ायदा हुआ है"

ससुर:"अच्छा ठीक है, ये लो क्रीम"

ये कह कर वो बेडरूम से बाहर चले गये,मुझे झटका सा लगा कि ये क्या हुआ, मेरा प्लान तो फैल हो रहा था, लेकिन मैने भी प्लान तुरंत बदल लिया. थोड़ी देर बाद मैने डिसाइड किया कि मैं खुद टाय्लेट तक जाउन्गि जो आँगन मे था और तब अपने नेक्स्ट मूव दिसाइड करूँगी.

मैं अब बाहर आ गयी थी, देखा तो मेरे ससुर तैय्यार होकर कहीं बाहर जाने की तैय्यारि मे थे, शायद वो काम पर जा रहे थे. मैने आँगन मे आकर फिसलने का नाटक किया और ज़ोर से चिल्ला उठी आअहह !

मेरी आवाज़ सुन कर वो दौड़ कर मुझे उठाने आए.

ससुर:"आरा तुम बाहर क्यूँ आई, आराम करना चाहिए था ना तुमको"

मैं:"जी मुझे ज़ोर से पेशाब लगा है इसलिए टाय्लेट जा रही थी, आआआआआहह उई माआ, मर गयी"

ससुर:"लगता है तुम्हारे पैर मे मोच आ गयी है"

मैं:"आआआआः हान, अब मैं पेशाब करने कैसे जाउन्गि"

ससुर:"चलो मैं उठा कर तुमको वहाँ पहुँचा दूँ"

मैं:"नहीं, मुझसे बैठा नही जाएगा, आहह हााआययययययी"

ससुर:"तो तुम यहीं कर लो आँगन में बाद में मैं पानी डाल दूँगा"

मैं:"नही, बदबू की वजह से सबको मालूम पड़ जाएगा, आप मुझे टाय्लेट तक ले चलो"

ये कहना ही था कि मेरे ससुर मे मुझे गोद में उठा लिया, अब मेरी नाइटी सरक कर मेरी चूत तक आ गयी थी और मेरी क्रॉच सॉफ सॉफ नज़र आती थी, जब वो टाय्लेट तक पहुँचे तो उन्होने एक हाथ से डोर खोला और मुझे नीचे उतारने लगे. हमारे घर में इंडियन टाइप टाय्लेट है.लेकिन मैने नीचे उतरने से मना कर दिया

मैं:"नहीं मैं नीचे नहीं बैठ पाउन्गि, या रब आहह बहुत दर्द है मेरे पैर में"

ससुर:"तो पेशाब कैसे करोगी"

मैं:"आप मेरी नाइटी उपर उठा दीजिए और मुझे ज़मीन के करीन अपनी गोद में बिठा दीजिए जैसे बच्चो को पेशाब करवाते हैं"

ससुर:"अच्छा ठीक है"

मेरे सुसुर की तो जैसे लॉटरी निकल आई थी,उन्होने मेरी नाइटी उपर की तो मैने शरमाने की एकटिंग की.

अब मेरे चुतड सॉफ नज़र आ रहे थे और मेरी चूत खुल कर उनके सामने थी, उनके हाथ काँप रहे थे और मैं ये साफ महसूस कर सकती थी.

उन्होने मुझे गोद मे लेकर ज़मीन से नीचे किया और मैने मूतना शुरू कर दिया, मैने सोचा नहीं था कि कभी ऐसा भी दिन आएगा जब मुझे पेशाब खुद अपने ससुर के सामने करना पड़ेगा.

ज़रा ही देर में मैं पेशाब कर लिया था, और मैने शरमा कर अपने ससुर से कहा

मैं:"थोड़ा पानी से नीचे धो दीजिए"

ससुर:"ठीक है"

मेरे ससुर को अब मज़ा आ रहा था, वो पानी लेकर आराम आराम से मेरी चूत मसल रहे थे, काफ़ी देर तक उन्होने यही किया यहाँ तक कि मुझे कहना पड़ा कि अब बस, फिर वो मुझे लेकर वापस बेडरूम में आ गये और मुझे मेरे बेड पर लिटाने के बाद वो काफ़ी देर तक मेरी चूत को देखते रहे और मैने भी कोई ऐतराज़ नही जताया. मैने उनसे फिर बात करना शुरू कर दी

मैं:"पेशाब की वजह से सारी क्रीम धूल गयी है, अगर आप बुरा ना मानें तो क्या आप क्रीम लगा देंगे"

ससुर:"हां क्यूँ नही"

मैं:"मेरी वजह से आपको देर हो रही है"

ससुर:"कोई बात नही, जबतक साना और ताबू नही आते मैने तुम्हारे साथ ही रहूँगा"

मैं:"ठीक है"

अब मैने अपनी नाइटी पूरी तरहा अपनी टाँगो के उपर कर ली थी और अपनी चूत अपने हाथो से फैला कर अपने ससुर को क्रीम लगाने को कहा. वो अब भी मेरी चूत को एक भूके जानवर की तरहा देख रहे थे और उनकी हार्ड बीट्स काफ़ी तेज़ हो चुकी थी. उन्होने क्रीम लेकर मेरी चूत के अंदर लगाना शुरू कर दिया और मेरे मूह से आअहह सीईईईईईईईईईई उफफफफफफफफफफफ्फ़ की आवाज़ें निकलने लगी, मैं जान बूझ कर और ज़्यादा आवाज़ निकाल रही थी. मैने देखा कि पॅंट के उपर से मेरे ससुर जी का खड़ा हो चुका था.

मैं:"आपके हाथ मे तो जादू है, उफ़फ्फ़ क्या असर हो रहा है"

ससुर:"तुम बहोत खूबसूरत हो, तुम्हारे चुतड और बुर तो वाकई शानदार है, इनायत बहुत ख़ुसनसीब है"

मैं:"तो आप भी तो ख़ुसनसीब हैं, मैं आपकी भी तो बहू हूँ"

ससुर:"लेकिन बीवी तो नही हो"

मैं:"आप मेरे ससुर हैं, मैं आपकी हर तरहा से खिदमत करने को तैय्यार हूँ"

ससुर:"बहू लेकिन कुछ खिदमत तो सिर्फ़ बीवी ही कर सकती है"

मैं:"आप कह कर तो देखिए, मैं हर तरहा से आपकी खिदमत करूँगी"

ससुर:"अच्छा तो क्या मैं तुमको अपनी बीवी की तरहा प्यार कर सकता हूँ"

मैं:"हां बिकुल, अभी कीजिए ना, वैसे भी आपकी उंगलियो ने मुझे दीवाना कर दिया है"

ये सुनते ही ससुरजी ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और मुझे बहुत ख़ुसी हुई कि एक स्टेप और आगे बढ़ चुकी हूँ.

मैने भी अपनी नाइटी उतार दी. मेरे ससुर जो जैसे मुझपर टूट ही पड़े. उन्होने मेरे सीने को दबोच लिया और मेरे होंठ चूसने लगे. उनकी हालत देख कर मुझे हसीं आ रही थी.

मैं:"धीरे धीरे मेरे राजा, आराम से, मैं यहीं हूँ, आराम से करो"

ससुर:"तुम जानती नही आरा जबसे तुम यहाँ आई हो मेरे दिल में तुम्हे नंगी देखना का मन था"

मैं:"नंगी क्या मेरे यार आज जी भर कर चोद भी लो"

ससुर:"मुझे लगता है कि तुम तो जैसे पहले से ही तैय्यार थीं"

मैं:"हां शूकर कीजिए कि ये सब हुआ वरना मैं कभी भी आपसे चुद नही पाती"

ससुर:"तो पेल दूँ तुम्हारी चूत मे अपना लंड"

मैं:"हां बरकत, मेरे यार चोद दे आज अपनी बहू को, रंडी बना ले साले"

ससुर:"और बोलो तुम्हारे मूह से ये अच्छा लगता है"

मेरे ससुर ने ज़्यादा टाइम वेस्ट नही किया और सीधा अपना दुबला पतला लंड मेरी चूत मे घुसा दिया.

मैं:"रुक यार साले तुझे बड़ी जल्दी है मेरी चूत मारने की, ज़रा फोन तो उठा ड्रेसिंग टेबल से"

ससुर:"क्यूँ, क्या हुआ"

मैं:"मेरी वीडियो बना तू, मुझे चोद्ते हुए ताकि खाली टाइम मे मैं इसको देख कर अपना टाइम पास कर सकूँ"

ससुर:"ऐसा मत करो किसी ने फोन में देख लिया तो"

मुझे अब अपने ससुर से गंदी बात करने मे मज़ा आ रहा, मैने सोचा कि उनको थोड़ा और तडपाऊ और अपना गुलाम सा बना लूँ, मैने सोचा कि चलो थोड़ा और गंदे लहजे में बात करूँ

कहानी जारी रहेगी-



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aamirhydkhan

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यकीन होना मुश्किल है

UPDATE 24


मुझे ना जाने क्या हुआ कि मैने अपने ससुर के सीने पे लात मार दी जिससे वो हड़बड़ा गये, मैने बनावटी गुस्सा दिखा कर कहा

मैं:"अबे साले, मा के लौडे मेरी चूत भी चाहिए और मेरे कहना भी नही मानेगा, चल लेकर आ फोन"

ससुर:"आरा मेरी जान इतना गुस्सा मत करो, लाता हूँ फोन"

वो उठे और मेरा फोन लाकर वीडियो बनाने लगे.

मैं:"ये वीडियो फाइल मैं लॉक कर के रखूँगी, समझा, टेन्षन मत ले और इस तरहा वीडियो बना कि तेरा चेहरा भी आ जाए."

ससुर:"ठीक है, जैसे कहो"

मेरे ससुर बरकत अब मेरी चूत मे अपने लॉडा समा चुके थे और मेरी वीडियो बना रहे थे.

मैं:"बरकत साले वीडियो ही बनाता रहेगा की चोदेगा भी मुझे भडवे"

ससुर:"हां अभी शुरू करता हूँ मेरी जान"

मैं:"हां इसी तरहा कर,तेरी तो लार टपक रही है पहले ही दिन से मुझे देख कर"

ससुर:"सच कहा मेरी जान"

मैं:"तू साला पक्का बेटी चोद है, क्यूँ है ना"

ससुर:"नही बेटी चोद नही, बहू चोद हूँ"

मैं:"अच्छा गान्डू कुत्ते, मैं तेरी बेटी की उमर की नही हूँ क्या, सच बता अपनी बेटी पर नज़र रखी है क्या तूने"

मेरे ससुर अब धक्के लगा रहे थे और मुझे उनको ज़लील करने मे मज़ा आ रहा था.

ससुर:"नही, अपनी बेटी पर कभी नही"

मैं:"देख मेरे राजा, सच बोल, अगर सच बोलेगा तो मैं ताबू को भी तेरे लंड का स्वाद चखवा दूँगी"

ससुर:"क्या ताबू, सच में, ऐसा हो सकता है"

मैं:"हां मेरे कुत्ते, सब हो सकता है, तू बता तो सही कि तुझे साना अच्छी लगती है कि नही"

ससुर:"हां वो खूबसूरत है"

मैं:"टेन्षन मत ले यार, साना को भी मैं तेरे लौडे से चुदवा सकती हूँ"

ससुर:"अच्छा अब ज़्यादा डींग मत मारो, मुझे अपने काम करने दो"

ये सुनते ही मैने उनको एक बार फिर लात मारी लेकिन इस बार वो भी गुस्से मे आ गये और मेरे बाल पकड़ कर मुझे ज़बरदस्ती चोदने लगे. मुझे मज़ा आ रहा था, इस एहसास पर लेकिन
मैने भी और गुस्सा दिखाया और उनके चेहरे पर थूक दिया और एक थप्पड़ खींच कर मारा.

मैं:"साले, कमीने, अपनी औकात भूल गया है तू, तुझे तो कभी मेरी चूत सूंघने को नही मिलती अगर मेरे साथ ये सब ना होता, तू भड़वा है, भूल जा अब मेरी और ताबू की चूत को"

मेरे इस सख़्त रवैय्ये से ससुर जी डर से गये और लगभग गिडगिडाने से लगे.उन्होने मेरे बाल छोड़ दिए.


मैं:"तुझे अपनी औकात याद आ गयी ना, चल ठीक है माफ़ किया,तू बस इतना याद रख कि मुझे खुश रख और सबकी चूत लेले और अगर मुझे दुखी किया सो समझ लेना तेरी क्या हालत करती हूँ"

अभी ससुरजी ने कुछ झटके ही मारे थे उनका पानी निकल गया.

मैं:"बस इतना ही दम है तेरे लौडे मे"

ससुरजी शर्मिंदा से हो गये. अब मैं भी फ्रस्टेट हो गयी. लेकिन मैने सोचा कि ज़्यादा गाली गलोच से बात बिगड़ जाएगी इसलिए मैने अपने ससुर को गले से लगा लिया.मेरे इस रवैय्ये से वो हैरान से हो गये.

मैं:"ससुरजी क्या आप मेरे गाली गलोच से नाराज़ है, मुझे लगा कि शायद आपको मज़ा आ रहा है,मैं आपकी इज़्ज़त करती हूँ, अगर आपको ये मेरे गाली देना पसंद नही है तो मुझे बोल देते"

ससुर:"नही बेटा मुझे काफ़ी अच्छा लगा, तुम्हारी सास तो एक लाश की तरहा पड़ी रहती है, काफ़ी उकसाने पर वो थोड़ा आक्टिव होती है सेक्स के टाइम पर,लेकिन मैं आज ज़्यादा ही एग्ज़ाइटेड था, इसलिए मेरा पानी बहोत जल्दी निकल गया"

मैं:"आप टेन्षन मत लीजिए, बस मुझपर प्रॅक्टीस करते रहिए, जल्दी ही आप ठीक हो जायेंगे"

मैने डोर पर डोर बेल सुनी, और ससुरजी को अपने कपड़े उठा कर जल्दी से डोर खोलने को कहा.

वो अपने कपड़े ठीक करके डोर खोलने चले गये और मैं बेड पर आराम करने लगी.


कहानी जारी रहेगी-



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aamirhydkhan

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यकीन होना मुश्किल है

UPDATE 25


मैने आँखें बंद कर ली थी कि ताबू और साना मेरे कमरे मे आ चुके थे. मुझे ध्यान आया कि मेरे फोन पर शायद वीडियो अब भी चालू हो, लेकिन देखा तो पता चला कि वीडियो क्लिप सेव हो चुकी है, मैने राहत की साँस ली. ताबू और साना मुझे मेरे लिए लाए हुए अंडरगार्मेंट्स दिखाने लगे. ताबू और साना से काफ़ी देर तक बात करने के बाद मैने उनसे कहा कि मुझे आराम करना है.इस पर ताबू ने भी कहा कि उसको भी नींद का रही है, क्यूंकी वो दोनो बाहर से ही कुछ खा कर आए थे इसलिए उन्हे भूक नही थी और मैं जिसकी भूक अभी अभी ससुरजी मिटाए बिना चले गये तो मैं दोनो तरह से भूकि थी, मैने साना से कहा कि वो मेरे लिए कुछ हल्का सा खाने के लिए किचन से ले आए.

तोड़ा सा खाने के बाद मैने साना से कहा कि वो देख कर आए कि क्या ताबू सो गयी है. वो गयी और मुस्कुराते हुए वापस आई और कहने लगी कि हां ताबू भाभी सो गयी हैं. साना मुझसे सेक्स की जानकारी लेने के लिए बड़ी उतावली थी इसलिए उससे रुका नही जा रहा था. वह तुरंत बोल पड़ी

साना:"भाभी अब सिख़ाओ मुझे सब कुछ"

मैं:"क्या सीखना चाहती हो ये तो बताओ"

साना:"सब कुछ शुरू से और डीटेल में"

मैं:"तो ठीक है दरवाज़ा बंद करो और मेरे पास आओ"

साना:"ठीक है"

वो झट से उठ कर गयी और उसने दरवाज़ा लॉक कर दिया. मैने भी सोच लिया था कि आज साना की चूत का स्वाद लेकर ही रहूंगी.

साना:"अब बताओ भाभी"

मैं:"देखो ये सब जानने के लिए ज़रूरी है कि तुम्हारी सारी झिझक ख़तम हो जाए"

साना:"ठीक है मैं तैय्यार हूँ, आप कहिए तो सही"

मैं:"तो चलो ठीक है अपने सारे कपड़े उतार दो"

ये कहते ही मैने भी अपनी नाइटी उतार दी. साना ने भी बिना हिचके अपनी शलवार और कमीज़ उतार दी, उसने ब्रा भी उतार दी थी.

मैं:"साना अपनी टाँगें खोलो तो ज़रा"

साना ने बिना झिझके अपनी टाँगें खोल दी, साना मेरी सास की जवानी की तस्वीर थी, दोनो का ढाँचा एक सा था, चूत की बनावट भी एक जैसी थी. मैने साना की चूत के अंदर तीन उंगली डाल कर देखा तो पता चला कि उसकी चूत की सील टूटी नही है.उसमे मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोका. उसके दर्द से ही मुझे एहसास हो गया कि वो कुँवारी है.साना मेरी तरफ सवालिया नज़रो से देख रही थी.

मैं:"मैं देख रही थी कि तुम वर्जिन हो या नही"

साना:"तो आप मुझ से पूंछ लेती"

मैं:"चलो अच्छा है,मर्द कुँवारी बीवी पाकर खुश होते हैं"

साना:"मैं तो चाहती हूँ कि मेरी शादी आपके भाई आरिफ़ से हो"

मैं:"तो मेडम की चूत मे पानी आरिफ़ के नाम से आता है"

साना:"हां भाभी, मुझे वो पसंद है"

मैं:"लेकिन तुम्हारे भाई इनायत को पसंद नही"

साना:"क्यूँ, आरिफ़ तो अच्छा कमाता है, अच्छी फॅमिली है, उसमे शराब जुआँ या कोई जिस्मानी बीमारी भी नहीं है,वो खूबसूरत जवान है"

मैं:"हां लेकिन शायद ये काफ़ी नही"

साना:"क्यूँ भाय्या को और क्या चाहिए"

मैं:"वर्जिनिटी"

साना:"क्या?"

मैं:"हां उन्हे लगता है कि जब उनकी बहन वर्जिन है तो उसका हज़्बेंड भी वर्जिन होना चाहिए"

साना:"लेकिन उन्हे कैसे पता कि आरिफ़ वर्जिन नही है?"

मैं:"उन्हे मैने बताया है"

साना:"क्या आरिफ़ की कोई गर्ल फ्रेंड है?"

मैं:"नही कोई नही है, दर असल ये ऐसी बात है जो मुझे तुमसे कह देनी चाहिए लेकिन वादा करो कि ये राज़ सिर्फ़ हम दोनो मे रहेगा"

साना:"आप मुझे डरा क्यूँ रही हैं"

मैं:"इसमे डरने की कोई बात नही है, आरिफ़ शादी नही करना चाहता था क्यूंकी उसको लगता था कि वो नामर्द है, इसलिए वो एक डॉक्टर के पास गया, वो एक लेडी डॉक्टर थी,उस लेडी डॉक्टर का दिल आरिफ़ पर आ गया और उसने आरिफ़ को कई बार अपने क्लिनिक मे बुलाया और फिर आरिफ़ को ट्रीटमेंट के बहाने से अपने साथ सेक्स करने को उकसाया, आरिफ़ यही समझता रहा कि उसका ट्रीटमेंट हो रहा है फिर आख़िर कार डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट से उसको बताया कि वो अब ठीक है, मैने ये बात इनायत को बता दी है और इसीलिए वो नही चाहते कि आरिफ़ से तुम्हारी शादी हो"

साना:"लेकिन आपको इतनी टॉप सीक्रेट बात कैसे पता है"

मैं:"आरिफ़ हमेशा दुखी रहता था और इसलिए मैने एक दिन उससे पूंछ ही लिया, पहले वो उसने ना नुकुर की लेकिन सख्ती से पूछने पर वो टूट गया और रोने लगा और उसने मुझे सब बता दिया,बाद में मुझे भी इस बात का अफ़सोस हुआ की आख़िर मैने उससे ये सब क्यूँ पूंच्छा, लेकिन मैं क्या करती , आख़िर वो मेरा भाई है और मुझे उसको दुखी देखा नही जाता"
साना:"इन सब बातो में आरिफ़ का क्या कुसूर है, अगर उसके दिल में कोई खोट होता तो वो ये बात किसी को नही बता पाता और उस डॉक्टर से रिलेशन कायम रखता, लेकिन उसको अपने किए पर शर्मिंदगी है, मुझे आरिफ़ से अब भी प्यार है"

मैं:"अच्छा तो ठीक है, मैं इनायत से ये कह दूँगी कि तुम्हे ये बात मालूम है कि आरिफ़ वर्जिन नही है और उसने अपने ही रीलेशन की औरत से सेक्स किया है, और तुम्हे अब भी इनायत से शादी करने में कोई हिचक नही है"

साना:"रीलेशन की औरत??"

मैं:"हां वो डॉक्टर हमारे दूर की रिलेटिव लगती है"

साना:"क्या?"

मैं:"हां वो मेरी अम्मा की बहेन लगती है, यानी आरिफ़ की खाला"

साना:"ये तो बड़ा अजीब है"

मैं:"हां है तो अजीब लेकिन मेरी जान तुम्हे अभी बहोत कुछ सीखना है"

साना:"क्या यही सब सीखना है"

मैं:"हहाहहाहहा"

साना:"आप हंस क्यूँ रही हैं?"

मैं:"अच्छा ये सब छोड़ो, कुछ सीख लो, ताबू जागने ही वाली होगी"

साना:"हां कहिए"

मैं:"तुम मेरी चूत चाटो"

साना:"छि नही, ये क्या कह रही हैं आप"

मैं:"अच्छा और आरिफ़ कहेगा कि मेरा लॉडा चूसो तो क्या करोगी"

साना:"आरिफ़ क्या कहेगा ये आपको कैसे पता है"

मैं:"आज कल के लड़के पॉर्न फिल्म्स देखते हैं और वही सब अपनी बीवी से भी चाहते हैं, आरिफ़ के पास भी कई सीडीज़ हैं जो वो छिपा कर रखता है लेकिन मुझे उसके सारे अड्डे पता हैं चीज़े छिपाने के"

साना:"अच्छा, तो क्या सब लड़के पॉर्न देखते हैं"

मैं:"हां आज कल तो ये कामन है, तुम्हारे अब्बू के पास भी एक न्यूड मॅगज़ीन है, तुम्हारे भाई शौकत के पास भी है, तुम्हारे

भाय्या इनायत भी सीडीज़ और इंटरनेट पर पॉर्न देखते हैं, मुझे तो उन्होने पॉर्न फिल्म की हेरोयिन बना रखा है,ना जाने कैसे कैसे चोदा है, इसलिए कह रही हूँ सीख लो, मेरी चूत चाटोगी तो सब सीख जाओगी"

साना पहले झिझकी लेकिन फिर उसको मेरी चूत चाटने मे मज़ा आने लगा. मैने उसको बिस्तर पर लेट जाने को कहा और मैं फिर 69 की पोज़िशन में गयी. वो अब पूरे शबाब पर थी. मैने कयि तरीके और पोज़िशन उसको सिखा दी और इनायत की कुछ सीडीज़ भी उसको दे दी. अब वो मुझसे काफ़ी खुल चुकी थी, इसलिए मैने सोचा कि अब प्लान का नेक्स्ट फेज़ शुरू किया जाए.

मैं:"साना तुम जानती हो कि मैं और इनायत दो जिस्म ज़रूर हैं लेकिन एक जान हैं"

साना:"हां"

मैं:"हम लोग सेक्स को सेक्स की तरहा नही करते बल्कि इसको पूरी तरहा एंजाय करते हैं, वो मेरे शौहर भी हैं और मेरे सबसे अच्छे दोस्त भी हैं,वो मुझसे कभी कुछ नही छिपाते और मैं भी उनसे कभी कुछ नही छिपाती, हम ने रोल प्ले भी शुरू कर दिया है .

कहानी जारी रहेगी-



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