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Incest यह क्या हुआ

rajesh bhagat

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सुनीता किचन में काम करते हुए यह सोच रही थी कि मेरा बेटा कितना सुशील है, संस्कारी है और उसे अपने बेटे पर गर्व महसूस होने लगा।

उसका बेटा किसी औरत को बुरी नजर से नहीं देखता है। अपनी मर्यादा में रहता है यह जानकर उसे बहुत ही अच्छा लगा ।

पर कुछ ही समय के बाद वह सोचने लगी ।भगत ने जो बात कही, वह बात अगर हुआ सच हो गया तो ।नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता।

फिर भी उसके मन में एक डर बन गया ।उसे भगत द्वारा कही जाने वाली बातें याद आने लगी, किस तरह गांव की औरतें भगत से चदवातीहै और यह कहती है कि उसे अपने पति से चुदवाने**** में मजा नहीं आता। उसका पति उसे ठीक से से चोद नहीं पाता।


वह सोचने लगी कहीं मेरा बेटा भी अपनी पत्नी को ठीक से चोद नहीं पाया तो।

फिर याद करती है कि अभी तक वह राजेश के लिंग को अपने हाथों में कई बार ले चुका है फिर भी उसमें कोई हरकत नहीं हुआ उसका मन घबराने लगता है। कहीं सच में राजेश को कोई प्रॉब्लम ना हो।

फिर सोचने लगती है नहीं ऐसा नहीं हो सकता राजेश एक नेक सुशील और मर्यादित लड़का है।

पर कुछ ही क्षण के पश्चात फिर सोचने लगती है, आजकल के मोबाइल के जमाने में सभी लड़के बिगड़ चुके होते हैं कई लड़के गंदे गंदे वीडियो भी देखते हैं।

भगत तो कह रहा था कि आजकल के कुछ लड़के इतने गंदे होते हैं कि वह अपनी मां बहन कॉ चोदते हैं। छी छी क्या जमाना आ गया है पता नहीं कलयुग में और क्या-क्या होने वाला है।

परवह अपने मन को यह मनाने में सफल रही कि मेरा बेटा ऐसा नहीं है वह सुशील और संस्कारी है। वह अपने घर के कामों में ध्यान देने लगी ।

सुनीता को याद आती है कि अरे नाश्ता का प्लेट राजेश रूम से लाना है। और वह नाश्ता प्लेट लाने के लिए राजेश् के कमरे की ओर चली जाती है ।

इधर राजेश सोचता रहता है कहीं भगत के द्वारा कही गई बातों को मेरी मां सुनीता ने तो नहीं सुन ली और यदि मा ने बातें सुन ली हो तो क्या समझ रही होगी ।वह अपने आप को शर्मिंदा महसूस कर रहा था।

तभी सुनीता राजेश के कमरे में आई, वह राजेश के पास उसके बेड पर बैठ गई और राजेश से बोली, बेटा यह तुम्हारा दोस्त भगत मुझे कुछ ठीक नहीं लगा। कैसे मुझे घूर घूर कर देख रहा था ।मुझे उसकी नजरें ठीक नहीं लगी ।

बेटा तुम उससे दूर ही रहा करो नहीं तो वह तुमको भी बिगाड़ देगा ।

तब राजेश मन में सोचने लगता है कि माने सब बातें सुन ली है ।वह अपने आप में शर्म महसूस करने लगा। वह सुनीता से बोला, मां भगत दिल का अच्छा है और लोगों की मदद करने के लिए हमेशा आगे रहता है ।हां लड़कियों के मामले में थोड़ा दिला जरूर है, पर दिल से काफी अच्छा है ।

सुनीता बोली ,फिर भी बेटा उससे ज्यादा मेलजोल रखना ठीक नहीं। वह तो बिगड़ा हुआ है ही कहीं तुम्हें भी ना बिगाड़ दे ।

राजेश बोला ,मां ऐसा नहीं होगा मैं तुम्हारी दी गई संस्कारों को नहीं भूलूंगा ,ऐसा कोई अमर्यादित काम नहीं करूंगा ,जिससे तुम को शर्मिंदा होना पड़े।

यह सुनकर सुनीता ने राजेश को अपने गले से लगा लिया ।थैंक्यू बेटा मुझे तुम पर गर्व है और सुनीता नाश्ते का प्लेट लेकर की राजेश के रूम से बाहर आ आ गई।

इधर भगत राजेश के घर से आने के बाद वह कॉलेज नहीं गया। वह सीधे घर चला आया जहॉ वह किराए पर रहता था ।

भगत जिस मकान पर किराया पर रहता था ।वह दो मंजिला मकान था । मकान के ऊपर वाले हिस्से में भगत किराए पर रहता था। ऊपर वाले भाग में एक बैडरूम था ।एक बैठक रूम था और एक किचन था। बेडरूम से बाथरूम अटैच था

मकान के नीचे वाले भाग में मकान मालिक के परिवार रहते थे ।नीचे वाले भाग में दो रूम एक हाल और एक किचन बना हुआ था ।

मकान मालिक के परिवार में 5 सदस्य थे । आइए उनका परिचय करा देता हूं।

कांता प्रसाद --यह पेसे से हलवाई था। बाजार में ही उसका छोटा सा दुकान था। जहां दोनों कर भी काम करते थे ,कांता प्रसाद का उम्र 54 वर्ष था। वह सुबह 10:00 बजे ही दुकान के लिए निकल जाता था और रात में 9:00 बजे के बाद ही घर आता था।
दोपहर 1:00 बजे नौकर खाना ले जाने के लिए कामता प्रसाद के घर आता था।

परिवार की दूसरी सदस्य
कौशल्या देवी - 48 वर्ष की एक गदराई औरत थी। रंग गेहुआ बड़ी-बड़ी चूचियां और उभरी हुई गांड इसकी सुंदरता बढ़ा रही थी। यह सारा दिन घर में ही रहती थी। और घर के काम मे ही अपने को व्यस्त रखती थी।

घर की तीसरी सदस्य
कविता --कौशल्या की बड़ी लड़की थी।इसकी उम्र 29 वर्ष थी ।इसकी शादी हो गई थी। यह दो बच्चों मां बन चुकी थी ।वह अपने पति के साथ दूसरे शहर में रहती थी ।

घर की चौथी सदस्य
काजल --यह कौशल्या देवी की दूसरी लड़की थी। इसकी उम्र 26 वर्ष थी। इसके भी शादी हो चुकी थी। इसकी एक लड़की थी। वह भी अपने पति के साथ दूसरे शहर में रहती थी ।
घर का अंतिम सदस्य

किशोर - कौशल्या देवी का पुत्र था। इसकी आयु 24 वर्ष था। पढ़ाई पूरा करने के बाद वह दिल्ली में जॉब करता था ।और वह वहीं रहता था।

इस प्रकार वर्तमान मे , मकान के नीचे भाग मे केवल 2 सदस्य कामता प्रसाद और उसकी धर्मपत्नी कौशल्या देवी रहते थे।

मकान के ऊपर वाले हिस्से में पहले किशोर रहता था। उसकी जॉब लग जाने के बाद ऊपर वाला हिस्सा खाली रह जाने पर उसे किराए पर दे दिया गया ।

इस मकान पर रहते हुए भगत को 1 वर्ष से भी अधिक का समय हो चुका था ।

अब चलते है कहानी की ओर

भगत राजेश के घर से आने के बाद वह सीधे अपने रूम में चला गया ।वह अपने बेड पर लेटा था ।राजेश से हुई मुलाकातों के बारे में वह सोच रहा था

तभी सुनीता की खूबसूरती उसके आंखों के सामने आ गया ।सुनीता की खूबसूरत बदन को याद करने से उसका लंडखड़ा हो गया।

वह एक हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा उसे चुदाई करने की इच्छा होने लगी।

वह अपने ही रूम से बाहर आया और सीढ़ियों से नीचे उतर कर मकान के मेन दरवाजा बंद कर दिया और सीधे वह मकान मालिक के किचन की ओर चला गया क्योंकि उसे पता था कि इस समय घर में केवल कौशल्या देवी ही है और वह खाना बना रही होगी।

किचन पर जा कर देखता है। कौशल्या देवी खाना बना रही थी ।वह कौशल्या देवी के पास चला गया। उसके पास जाकर उसके पीछे खड़ा होकर उससे जाकर चिपक गया और अपने लंड को उसके गांड में दबाने लगा ।

कौशल्या देवी चौक गई वह पीछे मुड़कर देखी।

वह भगत को देख कर मुस्कुराने लगी अरे बेटा तुम कॉलेज नहीं गए।

भगत ने दोनों हाथों से कौशल्या देवी की चुचियो को पकड़कर मसलते हुए कहा, नहीं मां जी ।

आज कॉलेज गया था, पर वहां मेरा मन नहीं लगा। तुम्हारी याद आने लगी तो मैं कॉलेज से घर आ गया।

ऐसा कहते हुए भगत ने कौशल्या देवी के चुचियों को अपने हाथों से जोर जोर से मसलने लगा ।अपने लंड से कपड़े के ऊपर से ही उसके गांड पर धक्के लगाने लगा।

कौशल्या देवी का बदन गर्म होने लगा ।उसकी सांसे तेज होने लगी। उसने भगत ने कहा बेटा यह क्या कर रहे हो अभी मैं खाना बना रही हूं।

भगत ने कौशल्या देवी से उसके कानों में धीरे से कहा। मां जी बहुत मन कर रहा है ।मैं नहीं रुक सकता और वह अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी ब्लाउज की बटन को खोल कर उसकी चुचियों को नंगा कर दिया। और भगत चुचियों को जोर-जोर से मसलते हुए उसके गालों को चूमने लगा ।

कौशल्या देवी की सांसें तेज़ होने लगी उसके बदन और गर्म हो गया ।उसके चूत से अब पानी िरसना शुरू हो गया।

कौशल्या देवी इस समय सब्जी बना रही थी। वह अपने हाथों से करछुल पकडे कढ़ाई पर सब्जियां भून रही थी।

वह भगत से बोली बेटा थोड़ी देर बाद करते हैं।मै सब्जी बना लेती हूं ।तुम जाओ कमरे में मैं सब्जी को भून कर ,उसे पकने छोड़कर तेरे पास आती हूं।

भगत ने उसके कानों में कहा तू सब्जी बनाना। तुम्हें किसने रोका है। मुझे मेरा काम करने दो और वह कौशल्या देवी के होठों को चूसने लगा।

कौशल्या देवी को भी बहुत ही अच्छा लग रहा था उसके बूर से पानी बहने लगा।

अब भगत से बर्दाश्त नहीं हुआ वह नीचे झुका और कौशल्या देवी के पेटीकोट को ऊपर उठाया। अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी की पेंटी को पकड़कर उसे नीचे खींच दिया ।पेंटी पूरा गीली हो गई थी।उसे उसके पैरों से अलग कर दिया।

भगत पेंटी को ,पहले अपने नाक के पास ले जाकर सुघने लगा। उस पर लगी बूर रस की खुशबू नाक मेजाते ही , वह जोश से भर गया और कौशल्या देवी के पेटीकोट को उसके कमर तक ऊपर चढ़ा कर उसके चूत में अपने दो बड़ी उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा ।

कौशिल्या देवी के मुंह से सिसकारी निकलने लगी। ।

भगत अपनी पैंट को निकाल कर पैरो से अलग कर दिया।

अब वह देर न करते हुए अपना अंडर वियर भी निकाल दिया और नीचे से नंगा हो गया ।

अंडर वियर निकलते ही उसका लंड हवा में लहराने लगा वह लोहे की रॉड की तरह खड़ा हो गया था और कौशल्या देवी की चूत को देखकर ठुनकी मार रहा था।

और उसके लंड* मुख से चिपचिपा सा पदार्थ निकल रहा था।

भगत का लंड काफी लंबा था। उसके लंड* का सुपाड़ा थोड़ा पतला था, लेकिन वह जड़ से मोटा था ।

राजेश अपने हाथों से अपने लंड* को पकड़ा और कौशल्या देवी चूत में ल गया और जोर से धक्का मारा।

कौशल्या देवी जोर से सिसक उठी ।

भगत का लंड सरसराते हुए कौशल्या देवी के चुत में आधा चला गया ।

भगत ,कौशल्या देवी की नंगी चूचियों को जोर जोर से मसलने लगा। फिर एक जोरदार धक्का अपने लंड से कौशल्या देवी के चूत पर मारा ।

भगत का लंड कौशल्या देवी के चूत में फच की आवाज के साथ पूरा जड़ तक चला गया ।

कौशल्या देवी अपने मुख से सिसकारी निकाल रही थी जोर जोर से सांस ले रही थी।

भगत अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के कमर को पकड़ लिया और अपना पीछे से पोजीशन बनाकर अपने लंड को सुनीता देवी के बूर में अंदर बाहर करने लगा ।

वह कौशल्या देवी के बूर को जोर जोर से चोदने लगा। कमरे में फच फच गच गच की आवाज गूंजने लगी ।

चुदवाने के साथ , कौशल्या देवी कढ़ाई में सब्जी को बनाने का काम भी कर रही थी और चुदवाने का मजा भी ले रही थी ।

कुछ देर तक इसी पोजीशन में चुदाई होता रहा। सब्जी भून चुकी थी अब उसे पकने के लिए ,कढ़ाई को ढक्कन से ढक दिया।

कौशल्या ने भगत से कहा चलो बेटा बिस्तर पर चलते हैं ।

भगत ने धक्का लगाना बंद कर दिया और कौशल्या देवी के दोनों टांगों को पकड़ कर उसे अपने लंड में बिठाए हुए बेड बेडरूम में ले गया ।

बेडरूम में ले जाकर उसे बेड पर कुत्तिया बना दिया और फिर दोनों हाथों से उसके चूची को पहले जोर-जोर से मसाला फिर उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर उसके चूत में अपना लंड तेजी से अंदर बाहर करने लगा ।

उसका लंड चुत के रस से पूरी तरह गीला हो गया थाऔर वह बिना किसी रूकावट के फच फच की आवाज के साथ अंदर जा रहा था और गच गच की आवाज के साथ बाहर आ रहा था।कमरे में फच फच और गच गच की आवाज गूंजने लगा।

भगत अपनी आंखें बंद करके चुदाई* का सुख भोगने लगा ।
उधर कौशल्या देवी भी सिसकारी लेते हुए अपने आंखें बंद कर ली थी ।और चुदाई कि मजे ले रही थी।

उसके मुंह से ऊई़ मां आह आह आह की आवाजें निकल रही थी ।
भगत ने कुछ समय इसी पोजीशन में चोदने के बाद अपनी आंखे खोला।

वह अचानक से अपने ल़ंड को कौशल्या देवी के चूत से बाहर निकाला।

उसका लंड फचाक की आवाज के साथ बाहर निकला। उसका लंड चूत के रस से पूरी तरह गीला हो गया था और वह चमक रहा था ।

कौशल्या देवी भगत की ओर देखने लगी।

भगत अपने लंड को अपने हाथों से पकड़े हुए बिस्तर पर लेट गया।

भगत ने कौशल्या देवी को आंखों से इशारा किया।

कौशल्या देवी समझ गई भगत क्या चाहता है ।

वह भगत के लंड पर झुक कर ,उसे अपने हाथों में पकड़ कर हिलाने लगी ,फिर अपने होठों को लंड़ पास ले जाकर , लंड के सुपाडे को अपने मुंह में भर लिया

फिर वहां चूसना शुरु कर दी। किसी पोर्न स्टार की तरह कौशल्या देवी भगत के लंड को चूसने लगी ।

भगत ने कौशल्या देवी के बालों को जो बंधा हुआ था, उसे खोल दिया और उसके सिर को अपने लंड पर दबाए रखा ।

कौशल्या देवी भगत के ल़ड को सकासक चूसे जा रही थी ।
भगत अपनी आंखें बंद कर मुख चुदाई का आनंद लेने लगा।

कौशल्या देवी पूरे जड़ तक लंड को अपने मुंह में ले कर चूस रही थी ।

भगत लंच चुसवाते हुए बोले जा रहा था ।चुस मेरी जान चस, बहुत मजा आ रहा है।


भगत कुछ समय मुख चुदाई करने के बाद कौशल्या देवी के मुख से लंड को निकाल दिया।

कौशल्या देवी भगत की ओर देखा ।

भगत ने कौशल्या देवी को इशारा किया।

कौशल्या देवी समझ गई कि अब उसे क्या करना है।

वह बेड पर खड़ी हो गई और अपने पेटिकोट को दोनों हाथों से ऊपर उठा कर । भगत के लंड पर बैठ गई।

वह अपने एक हाथ से भगत के लंड को पकडी और अपनी चूत के मुख पर रख दी ।

भगत ने भी अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के चूतड़ को पकड़ लिया।

इधर कौशल्या देवी भी लंडपर अपने चूत का दबाव बनाने लगी। उधर भगत भी कौशल्या देवी के चूतड़ को अपने हाथों से पकड़ कर लंड पर दबाया । नतीजा ये हुआ कि लंड चूत अंदर जड़ तक चला गया ।

कौशल्या देवी भगत के लंड पर उछल उछल कर चुदने लगी इसने पोजीशन में दोनों को अपार सुख प्राप्त हो रहा था ।

कौशल्या देवी के उछलने के साथ-साथ उसकी दोनों चूचियां भी उछलने लगी, जिसे देखकर भगत से रहा न गया।

वह दोनों हाथों से चूची को पकड़ लिया और जोर जोर से मसलने लगा।

इधर लंड* चूत में गपा गप अंदर बाहर हो रहा था


दोनों आंखें बंद करके चुदाई का मजा लेने लगे ।

भगत का लंड कौशल्या देवी की चूत में गच गच अंदर बाहर होता देख , दोनों चुदाई की मस्ती में में खो गए थे । कौशल्या देवी सिसक रही थी और लंड* पर अपनेी चूतड़ पटक पटक कर चुद रही थी।

तभी बाहर से दरवाजा खटखटाने की आवाज आई ।खटखटाने की आवाज सुनकर कौशल्या देवी होश में आईऔर भगत से बोली लगता है कि बाहर कोई आया है ।

भगत सिंह को बहुत गुस्सा आ रहा था उसे चुदाई * बंद करने का बिल्कुल मूड नहीं था ।


उसने कौशल्या देवी से कहा मादरचोद कौन गाड मराने आ गया ।साला ठीक से चोदने भी नहीं देते ।

तब कौशल्या देवी ने मस्कराते हुए कहा लगता है दुकान से नौकर खाना ले जाने के लिए आया है ।

मुझे दरवाजा खोलना होगा और वह भगत के लंड से ऊपर उठी।
लंड फक की आवाज के साथ चूत से बाहर निकला ।

लंड कौशल्या देवी के चूत के रस से भीगा हुआ था और वह चमक रहा था। कुछ मोटा भी हो गया था। वह अभी भी ठूनकी मार रहा था ।

उसके लंड को देखकर कौशिल्या देवी मुस्कुरा रही थी ।

भगत सिंह कौशल्या देवी से बोला उस मादरचोद को * को जल्दी से निपटा ।मुझसे रहा नहीं जाएगा। ।

कौशल्या देवी अपने ब्लाउज के बटन को लगाते हुए बैडरूम सीन बाहर चली गई।
 

AB17

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Bhai hume bhagat ki chudai se koi matlab nahi hai story ke main characters per focus karo
 

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स्वीटी जब कॉलेज पहुंचती है, आज हुए घटनाओं को ही याद करके उसी में खोई रहती है ।
उसका आज पढ़ाई लड़ाई में बिल्कुल मन नहीं लग रहा था।
उसकी आंखों के सामने वह दृश्य ही नजर आ रहा था, जिसमें उसकी मां उसके भाई का लंड पकड़ रखी थी और उसे पेशाब कर आ रही थी।

इस दृश्य को देखकर वह कैसे उत्तेजित हो गई थी और उसके चूत से पानी छूटने लगा था और किस प्रकार वह अपनी उंगलियों से अपने चूत को रगड़ने लगी और वही झड़ गईथी।

इन सब बातों को याद करते हुए उसका मन बेचैन हो रहा था।

उन पलों को याद करते करते उसका च अभी भी रिस रही थी।

इधर सुनीता अपने किचन में काम कर रही थी तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया ।

सुनीता ने इस वक्त कौन होगा यह सोचते हुए दरवाजा खोलने चली जाती है ।

दरवाजा के खुलते ही सामने एक लड़का नजर आया। उस लड़के ने सुनीता से कहा हेलो आंटी।

सुनीता ने कहा मैंने तुम्हें पहचाना नहीं

तब उस युवक ने कहा मेरा नाम भगत है और मैं राजेश का दोस्त हूं हम एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं मुझे राजेश के बारे में पता चला तो उससे मिलने आया हूं ।

अब मैं आप लोगों को भगत के बारे में बता देता हूं भगत शहर से 100 किलोमीटर दूर राजपुर गांव का रहने वाला था। उसके दादाजी गांव के सरपंच थे। उसके पिताजी गांव में ही खेत का काम देखता था। 100 एकड़ जमीन था उनके पास, भगत की मां गांव के ही सरकारी स्कूल में एक शिक्षिका थी।भगत शहर में ही मकान किराए पर लेकर वहीं रहकर पढ़ाई कर रहा था।

अब राजेश और भगत की दोस्ती कैसे हुआ इसके बारे में बतलाता हूं ।असल में भगत आगे चलकर नेता बनना चाहता था अतः वह कॉलेज में जब छात्र संघ का चुनाव हुआ तब वह चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए खड़ा हो गया ।कॉलेज के अन्य छात्र भी चुनाव में खड़े थे ।राजेश पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ खेलकूद एवं कॉलेज के अन्य गतिविधियों में भी हमेशा आगे रहता था ।इसलिए कालेज के अन्य छात्र छात्राएं और शिक्षक राजेश को कॉलेज का अध्यक्ष बनाना चाहते थे और उन्हें अध्यक्ष पद के लिए खड़े होने के लिए कह रहे थे, लेकिन जब राजेश ने यह बात अपनी मां सुनीता को बताया तो सुनीता ने राजेश से कहा, बेटा तुम सिर्फ पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दो यह राजनीति ठीक नहीं है। तुम उससे दूर रहो, इससे तुम्हारा पढ़ाई-लिखाई प्रभावित होगा और वह छात्र संघ के चुनाव से खुद को अलग कर लिया ।कई छात्र-छात्राएं छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर खड़े थे।
क्योंकि राजेश कॉलेज में लोकप्रिय था अतः जिस उम्मीदवार को राजेश का समर्थन प्राप्त होता उनका जीतना तय तथा भगत भी राजेश से समर्थन मांगने उससे संपर्क किया ।वह जानता था कि अगर राजेश का समर्थन मिल गया तो मैं यह चुनाव जीत जाऊंगा।

भगत में कुछ बुराइयां जरूर थी लेकिन राजेश ने पाया कि वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता है अतः उसने भगत का समर्थन किया।

राजेश के समर्थन करने से भगत कालेज के छात्र छात्र संघ का अध्यक्ष बन गया।
भगत अपना अध्यक्ष बनने का श्रेय राजेश को दीया और उन दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई ।भगत राजेश से सलाह लेकर ही कोई कार्य करता था।

लेकिन भगत की एक कमजोरी थी गदराई औरत

किसी गदर आई औरत को देखते ही भगत का लंड खड़ा हो जाता था इसका कारण भी था ।

वह किसी गदर आई औरत का मजा लूट रहा था। वह गदराई औरत को चोदने का सुख भोग रहाथा ।वैसे तो वह गांव की कई लड़कियों को भी चोद चुका था । लेकिन गदराई औरत को चोदने में उसे जितना मजा आता था उतना मजा कुंवारी लड़कियों को चोदने में नहीं आता था।

वह जब किसी गदराई औरत को देखता था तो उसका लंड ठुनकी की मारने लगता था।

जब सुनीता ने यह बात सुनी किभगत राजेश का दोस्त है ।वह उसे अंदर आने को कहती है सुनीता इस समय साड़ी पहनी हुई थी।

सुनीता खूबसूरत थी और गदराए बदन की महिला थी सुनीता जैसे ही पीछे मुड़ी भगत की नजर उसके पिछवाड़े पर चला गया ।
सुनीता भगत को सोफे पर बैठने के लिए कहा।

भगत को हाल में बिठाकर सुनीता राजेश के कमरे की ओर चली गई।
राजेश के कमरे में जाकर राजेश को इस बात की जानकारी दी कि भगत नाम का कोई दोस्त उससे मिलने आया है ।

तब राजेश ने कहा ,मॉ उस मेरे पास मेरे कमरे में भेजो।

सुनीता ने कहा ठीक है बेटा और सुनीता हाल में जाकर भगत से कहा राजेश अपने रूम में तुम्हें बुला रहा है ।

भगत राजेश के रूम में चला गया ।
कमरे में जाते ही राजेश ने भगत को देखते ही कहा अरे यार तुम गांव से कब आए

तब भगत ने कहा आज ही आया और तुम्हारे बारे में जानकारी मिला तो तो सीधे कॉलेज न् जाकर तुमसे मिलने चला आया ।तबीयत कैसी है? तुम्हारी।

राजेश ने कहा ठीक हूं यार डॉक्टर ने कहा है ।मैं बहुत जल्द ठीक हो जाऊंगा।
भगत ने राजेश से कहा यार जिन लड़काे ने तुम्हारी ये
हालत की है। सालों को ऐसा सबक सिखाऊंगा। साले जिंदगी भर चलने फिरने लायक नहीं रहेंगे।

मैं लड़कों को उन्हें पता करने के लिए कहा है कि वे साले कहां रहते हैं जैसे ही हो दिखाई पड़े मुझे कॉल करके बताने के लिए कहा है

और इस तरह दोनों दोस्त आपस में बातचीत करने लगे ईधर सुनीता राजेश के कमरे में पानी लेकर आई ।

सुनीता जैसे ही भगत को पानी देने के लिए नीचे झुकी भगत की नजर सुनीता के चूची पर चली गई जोकि ब्लाउज से बाहर निकलने को आतुर दिखाई पड़ रही थी ।

उनकी बड़ी-बड़ी चुचियों को देखकर उसके लंड की नसों में खून बढ़ने लगा और पानी देकर जब सुनीता कमरे से बाहर अपनी गांड मटकाते हुए जा रही थी तब सुनीता के गांड को देखकर भगत का लैंड खड़ा हो गया और वो अपने मन में कहा क्या मस्त माल हां यार।

राजेश ने जब भगत की नजरों को अपनी मां की गांड को घूरते हुए देखा तो राजेश ने भगत से कहा अबे कहां खो गया ।तू साले सुधरेगा नहीं अब मेरी मां पर भी बुरी नजर रख रहा है ।
भगत ने राजेश से कहा सॉरी यार आदत से मजबूर हूं पर मैं एक बात तुमसे कहना चाहूंगा तुम बुरा मत मानना तुम्हारी मां बहुत ही खूबसूरत और हॉट हैं तुम लकी हो यार इतनी खूबसूरत ना है तुम्हारे पास ।

मैं सच कह रहा हूं ।

राजेश ने कहा अब बस कर साले नहीं तो दो झापड़ पड़ेगा ।
तब भगत ने कहा सॉरी यार

यार अभी तू नहीं समझेगा क्योंकि अभी तुमने चुदाई किसी का किया ही नहीं है।
जिस दिन तुम किसी गदराई औरत की चुदाई* करेगा ना तब पता चलेगा।
चुदाई से बड़ा सुख इस दुनिया मैं कोई है ही नहीं तब तुम मुझे समझ पाओगे।

इधर सुनीता चाय नाश्ता लेकर राजेश के कमरे के पास ही पहुंची ही थी तभी राजेश और भगत के बीच होने वाली वार्तालाप उसके कानों पर पड़ी तो उसके पैर दरवाजे के पास ही जम गए और दोनों के बीच होने वाली वार्तालाप को सुनने लगी।

पंकज राजेश से कहता यार गद राई औरत को कुतिया बनाकर उसके चुत में लंड* डालकर अंदर बाहर करने में इतना मजा आता है कि मैं बता नहीं सकता।

अपना लंड में बैठा कर, उसकी कमर को पकड़ कर अपने लंड में पटक पटक कर चोदने और चूची मसलने मे जो आनंद आता है उसका वर्णन नहीं किया जा सकता ।
राजेश बोला अब् बंद कर अपना चुदाई वर्णन कहीं मां आ गई तो , क्या समझेगी ?

इधर सुनीता दोनों की की बातों को सुन रही थी।

भगत आवे कहता है यार मुझे तो कभी-कभी तुम पर शक होता है तुम्हारा हथियार खड़ा होता भी है कि नहीं कई बार तुम्हें अपने साथ च**** करने के लिए साथ चलने के लिए कहा केवल एक ही रट लगाए रहते हो जो भी करूंगा अपनी बीवी के साथ ही करूंगा आज तक कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं बनाया है ।

तब राजेश कहता है यार मां ने मुझे लड़कियों से दूर रहने और सिर्फ पढ़ाई लिखाई पर ध्यान देने के लिए कहा है ।

मा कहती है कि दूसरे लड़कियों पर बुरी नजर डालना पाप है । मेैने किसी औरत के बारे में ऐसा सोचता ही नहीं।

भगत कहता है यार यह तू किस पाप और पुण्य के चक्कर में फंसा है ।आजकल के कई लड़के तो अपने मां बहन को चोदते हैं।

राजेश कहता है अबे यह क्या तू अनाप-शनाप बके जा रहा है।
पंकज ने फिर कहा अरे मैं झूठ नहीं कह रहा मै तो2- 3 लड़कों को जानता हूं जो अपनी मां को चोदते हैं और उनका कहना है कि मां चोदने में जो मजा आता है ऐसा मजा और किसी को चोदने नहीं।

राजेश ने कहा अब बस कर साले ।

भगत- मेरी बात को मान ले यार तू शादी करने से पहले टेस्ट कर ले और चुदाई के बारे में कुछ सीख ले, अगर कुछ गड़बड़ हो तो पता चल जाएगा नहीं तो शादी करने के बाद तुम्हें पछताना भी पड़ जाएगा।

राजेश कहता है ऐसा क्यों होगा।
पंकज कहता हैं ,अगर शादी करने के बाद कहीं तुमने अपने बीवी को ठीक से चोद नहीं पाया तो वह किसी दूसरे को ढूंढ लेगी चुदवाने।तब ये तुम्हारी सारी डिग्रियां बेकार हो जाएगी ।किसी काम की नहीं रहेगी तुम्हारा इज्जत मान सम्मान सब चला जाएगा।

मैंने गांव में ऐसे दो तीन औरतों को भी चोदाहै। वह कहती हैं कि उसके पति से चुदवाने****** में जरा भी मजा नहीं आता। उसके पति उसको़ ठीक से चोद नहीं पाता है।

पंकज राजेश से पूछता है तू यह बता क्या तुम्हारा ल** कभी खड़ा होता है।

राजेश ने कहा हां सुबह खड़ा रहता है।

पंकज ने कहा यार सुबह तो सभी का खड़ा रहता है सुबह लंड* में मूत भर जाने के कारण लंड खड़ा हो जाता है।
तू यह बता क्या कभी किसी औरत के चूची को देखकर तुम्हारा लंड खड़ा होता है ।क्या किसी औरत के चूची को देखने का मन करता है।

राजेश कहता है यार मैंने कभी इस और ध्यान ही नहीं दिया और ना मुझे कोई इंटरेस्ट है ।अब बस कर मां आती होगी अपना चुदाई* ज्ञान अपने पास ही रखो।

इधर सुनीता इन दोनों के वार्तालाप को सुन रही थी

भगत की इन बातों की बातों को सुनकर उसकी सांसे तेज हो जाती थी पर राजेश के बाद को सुनकर ठंडी पड़ने लगती थी ।

सुनिता चाय नाश्ता लेकर कमरे में प्रवेश कर गई चाय नाश्ता देने के बाद वह कमरे से चले गई। किचन में जाकर राजेशऔर भगत के बीच हुई वार्तालाप के बारे में सोचने लगी।

इधर भगत भी चाय नाश्ता करने के बाद कुछ समय तक और राजेश के पास रुका फिर वह राजेश से जाने की इजाजत मांग कर और फिर आने के बात कह कर वह भी चला गया।
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सुनीता किचन में काम करते हुए यह सोच रही थी कि मेरा बेटा कितना सुशील है, संस्कारी है और उसे अपने बेटे पर गर्व महसूस होने लगा।

उसका बेटा किसी औरत को बुरी नजर से नहीं देखता है। अपनी मर्यादा में रहता है यह जानकर उसे बहुत ही अच्छा लगा ।

पर कुछ ही समय के बाद वह सोचने लगी ।भगत ने जो बात कही, वह बात अगर हुआ सच हो गया तो ।नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता।

फिर भी उसके मन में एक डर बन गया ।उसे भगत द्वारा कही जाने वाली बातें याद आने लगी, किस तरह गांव की औरतें भगत से चदवातीहै और यह कहती है कि उसे अपने पति से चुदवाने**** में मजा नहीं आता। उसका पति उसे ठीक से से चोद नहीं पाता।


वह सोचने लगी कहीं मेरा बेटा भी अपनी पत्नी को ठीक से चोद नहीं पाया तो।

फिर याद करती है कि अभी तक वह राजेश के लिंग को अपने हाथों में कई बार ले चुका है फिर भी उसमें कोई हरकत नहीं हुआ उसका मन घबराने लगता है। कहीं सच में राजेश को कोई प्रॉब्लम ना हो।

फिर सोचने लगती है नहीं ऐसा नहीं हो सकता राजेश एक नेक सुशील और मर्यादित लड़का है।

पर कुछ ही क्षण के पश्चात फिर सोचने लगती है, आजकल के मोबाइल के जमाने में सभी लड़के बिगड़ चुके होते हैं कई लड़के गंदे गंदे वीडियो भी देखते हैं।

भगत तो कह रहा था कि आजकल के कुछ लड़के इतने गंदे होते हैं कि वह अपनी मां बहन कॉ चोदते हैं। छी छी क्या जमाना आ गया है पता नहीं कलयुग में और क्या-क्या होने वाला है।

परवह अपने मन को यह मनाने में सफल रही कि मेरा बेटा ऐसा नहीं है वह सुशील और संस्कारी है। वह अपने घर के कामों में ध्यान देने लगी ।

सुनीता को याद आती है कि अरे नाश्ता का प्लेट राजेश रूम से लाना है। और वह नाश्ता प्लेट लाने के लिए राजेश् के कमरे की ओर चली जाती है ।

इधर राजेश सोचता रहता है कहीं भगत के द्वारा कही गई बातों को मेरी मां सुनीता ने तो नहीं सुन ली और यदि मा ने बातें सुन ली हो तो क्या समझ रही होगी ।वह अपने आप को शर्मिंदा महसूस कर रहा था।

तभी सुनीता राजेश के कमरे में आई, वह राजेश के पास उसके बेड पर बैठ गई और राजेश से बोली, बेटा यह तुम्हारा दोस्त भगत मुझे कुछ ठीक नहीं लगा। कैसे मुझे घूर घूर कर देख रहा था ।मुझे उसकी नजरें ठीक नहीं लगी ।

बेटा तुम उससे दूर ही रहा करो नहीं तो वह तुमको भी बिगाड़ देगा ।

तब राजेश मन में सोचने लगता है कि माने सब बातें सुन ली है ।वह अपने आप में शर्म महसूस करने लगा। वह सुनीता से बोला, मां भगत दिल का अच्छा है और लोगों की मदद करने के लिए हमेशा आगे रहता है ।हां लड़कियों के मामले में थोड़ा दिला जरूर है, पर दिल से काफी अच्छा है ।

सुनीता बोली ,फिर भी बेटा उससे ज्यादा मेलजोल रखना ठीक नहीं। वह तो बिगड़ा हुआ है ही कहीं तुम्हें भी ना बिगाड़ दे ।

राजेश बोला ,मां ऐसा नहीं होगा मैं तुम्हारी दी गई संस्कारों को नहीं भूलूंगा ,ऐसा कोई अमर्यादित काम नहीं करूंगा ,जिससे तुम को शर्मिंदा होना पड़े।

यह सुनकर सुनीता ने राजेश को अपने गले से लगा लिया ।थैंक्यू बेटा मुझे तुम पर गर्व है और सुनीता नाश्ते का प्लेट लेकर की राजेश के रूम से बाहर आ आ गई।

इधर भगत राजेश के घर से आने के बाद वह कॉलेज नहीं गया। वह सीधे घर चला आया जहॉ वह किराए पर रहता था ।

भगत जिस मकान पर किराया पर रहता था ।वह दो मंजिला मकान था । मकान के ऊपर वाले हिस्से में भगत किराए पर रहता था। ऊपर वाले भाग में एक बैडरूम था ।एक बैठक रूम था और एक किचन था। बेडरूम से बाथरूम अटैच था

मकान के नीचे वाले भाग में मकान मालिक के परिवार रहते थे ।नीचे वाले भाग में दो रूम एक हाल और एक किचन बना हुआ था ।

मकान मालिक के परिवार में 5 सदस्य थे । आइए उनका परिचय करा देता हूं।

कांता प्रसाद --यह पेसे से हलवाई था। बाजार में ही उसका छोटा सा दुकान था। जहां दोनों कर भी काम करते थे ,कांता प्रसाद का उम्र 54 वर्ष था। वह सुबह 10:00 बजे ही दुकान के लिए निकल जाता था और रात में 9:00 बजे के बाद ही घर आता था।
दोपहर 1:00 बजे नौकर खाना ले जाने के लिए कामता प्रसाद के घर आता था।

परिवार की दूसरी सदस्य
कौशल्या देवी - 48 वर्ष की एक गदराई औरत थी। रंग गेहुआ बड़ी-बड़ी चूचियां और उभरी हुई गांड इसकी सुंदरता बढ़ा रही थी। यह सारा दिन घर में ही रहती थी। और घर के काम मे ही अपने को व्यस्त रखती थी।

घर की तीसरी सदस्य
कविता --कौशल्या की बड़ी लड़की थी।इसकी उम्र 29 वर्ष थी ।इसकी शादी हो गई थी। यह दो बच्चों मां बन चुकी थी ।वह अपने पति के साथ दूसरे शहर में रहती थी ।

घर की चौथी सदस्य
काजल --यह कौशल्या देवी की दूसरी लड़की थी। इसकी उम्र 26 वर्ष थी। इसके भी शादी हो चुकी थी। इसकी एक लड़की थी। वह भी अपने पति के साथ दूसरे शहर में रहती थी ।
घर का अंतिम सदस्य

किशोर - कौशल्या देवी का पुत्र था। इसकी आयु 24 वर्ष था। पढ़ाई पूरा करने के बाद वह दिल्ली में जॉब करता था ।और वह वहीं रहता था।

इस प्रकार वर्तमान मे , मकान के नीचे भाग मे केवल 2 सदस्य कामता प्रसाद और उसकी धर्मपत्नी कौशल्या देवी रहते थे।

मकान के ऊपर वाले हिस्से में पहले किशोर रहता था। उसकी जॉब लग जाने के बाद ऊपर वाला हिस्सा खाली रह जाने पर उसे किराए पर दे दिया गया ।

इस मकान पर रहते हुए भगत को 1 वर्ष से भी अधिक का समय हो चुका था ।

अब चलते है कहानी की ओर

भगत राजेश के घर से आने के बाद वह सीधे अपने रूम में चला गया ।वह अपने बेड पर लेटा था ।राजेश से हुई मुलाकातों के बारे में वह सोच रहा था

तभी सुनीता की खूबसूरती उसके आंखों के सामने आ गया ।सुनीता की खूबसूरत बदन को याद करने से उसका लंडखड़ा हो गया।

वह एक हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा उसे चुदाई करने की इच्छा होने लगी।

वह अपने ही रूम से बाहर आया और सीढ़ियों से नीचे उतर कर मकान के मेन दरवाजा बंद कर दिया और सीधे वह मकान मालिक के किचन की ओर चला गया क्योंकि उसे पता था कि इस समय घर में केवल कौशल्या देवी ही है और वह खाना बना रही होगी।

किचन पर जा कर देखता है। कौशल्या देवी खाना बना रही थी ।वह कौशल्या देवी के पास चला गया। उसके पास जाकर उसके पीछे खड़ा होकर उससे जाकर चिपक गया और अपने लंड को उसके गांड में दबाने लगा ।

कौशल्या देवी चौक गई वह पीछे मुड़कर देखी।

वह भगत को देख कर मुस्कुराने लगी अरे बेटा तुम कॉलेज नहीं गए।

भगत ने दोनों हाथों से कौशल्या देवी की चुचियो को पकड़कर मसलते हुए कहा, नहीं मां जी ।

आज कॉलेज गया था, पर वहां मेरा मन नहीं लगा। तुम्हारी याद आने लगी तो मैं कॉलेज से घर आ गया।

ऐसा कहते हुए भगत ने कौशल्या देवी के चुचियों को अपने हाथों से जोर जोर से मसलने लगा ।अपने लंड से कपड़े के ऊपर से ही उसके गांड पर धक्के लगाने लगा।

कौशल्या देवी का बदन गर्म होने लगा ।उसकी सांसे तेज होने लगी। उसने भगत ने कहा बेटा यह क्या कर रहे हो अभी मैं खाना बना रही हूं।

भगत ने कौशल्या देवी से उसके कानों में धीरे से कहा। मां जी बहुत मन कर रहा है ।मैं नहीं रुक सकता और वह अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी ब्लाउज की बटन को खोल कर उसकी चुचियों को नंगा कर दिया। और भगत चुचियों को जोर-जोर से मसलते हुए उसके गालों को चूमने लगा ।

कौशल्या देवी की सांसें तेज़ होने लगी उसके बदन और गर्म हो गया ।उसके चूत से अब पानी िरसना शुरू हो गया।

कौशल्या देवी इस समय सब्जी बना रही थी। वह अपने हाथों से करछुल पकडे कढ़ाई पर सब्जियां भून रही थी।

वह भगत से बोली बेटा थोड़ी देर बाद करते हैं।मै सब्जी बना लेती हूं ।तुम जाओ कमरे में मैं सब्जी को भून कर ,उसे पकने छोड़कर तेरे पास आती हूं।

भगत ने उसके कानों में कहा तू सब्जी बनाना। तुम्हें किसने रोका है। मुझे मेरा काम करने दो और वह कौशल्या देवी के होठों को चूसने लगा।

कौशल्या देवी को भी बहुत ही अच्छा लग रहा था उसके बूर से पानी बहने लगा।

अब भगत से बर्दाश्त नहीं हुआ वह नीचे झुका और कौशल्या देवी के पेटीकोट को ऊपर उठाया। अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी की पेंटी को पकड़कर उसे नीचे खींच दिया ।पेंटी पूरा गीली हो गई थी।उसे उसके पैरों से अलग कर दिया।

भगत पेंटी को ,पहले अपने नाक के पास ले जाकर सुघने लगा। उस पर लगी बूर रस की खुशबू नाक मेजाते ही , वह जोश से भर गया और कौशल्या देवी के पेटीकोट को उसके कमर तक ऊपर चढ़ा कर उसके चूत में अपने दो बड़ी उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा ।

कौशिल्या देवी के मुंह से सिसकारी निकलने लगी। ।

भगत अपनी पैंट को निकाल कर पैरो से अलग कर दिया।

अब वह देर न करते हुए अपना अंडर वियर भी निकाल दिया और नीचे से नंगा हो गया ।

अंडर वियर निकलते ही उसका लंड हवा में लहराने लगा वह लोहे की रॉड की तरह खड़ा हो गया था और कौशल्या देवी की चूत को देखकर ठुनकी मार रहा था।

और उसके लंड* मुख से चिपचिपा सा पदार्थ निकल रहा था।

भगत का लंड काफी लंबा था। उसके लंड* का सुपाड़ा थोड़ा पतला था, लेकिन वह जड़ से मोटा था ।

राजेश अपने हाथों से अपने लंड* को पकड़ा और कौशल्या देवी चूत में ल गया और जोर से धक्का मारा।

कौशल्या देवी जोर से सिसक उठी ।

भगत का लंड सरसराते हुए कौशल्या देवी के चुत में आधा चला गया ।

भगत ,कौशल्या देवी की नंगी चूचियों को जोर जोर से मसलने लगा। फिर एक जोरदार धक्का अपने लंड से कौशल्या देवी के चूत पर मारा ।

भगत का लंड कौशल्या देवी के चूत में फच की आवाज के साथ पूरा जड़ तक चला गया ।

कौशल्या देवी अपने मुख से सिसकारी निकाल रही थी जोर जोर से सांस ले रही थी।

भगत अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के कमर को पकड़ लिया और अपना पीछे से पोजीशन बनाकर अपने लंड को सुनीता देवी के बूर में अंदर बाहर करने लगा ।

वह कौशल्या देवी के बूर को जोर जोर से चोदने लगा। कमरे में फच फच गच गच की आवाज गूंजने लगी ।

चुदवाने के साथ , कौशल्या देवी कढ़ाई में सब्जी को बनाने का काम भी कर रही थी और चुदवाने का मजा भी ले रही थी ।

कुछ देर तक इसी पोजीशन में चुदाई होता रहा। सब्जी भून चुकी थी अब उसे पकने के लिए ,कढ़ाई को ढक्कन से ढक दिया।

कौशल्या ने भगत से कहा चलो बेटा बिस्तर पर चलते हैं ।

भगत ने धक्का लगाना बंद कर दिया और कौशल्या देवी के दोनों टांगों को पकड़ कर उसे अपने लंड में बिठाए हुए बेड बेडरूम में ले गया ।

बेडरूम में ले जाकर उसे बेड पर कुत्तिया बना दिया और फिर दोनों हाथों से उसके चूची को पहले जोर-जोर से मसाला फिर उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर उसके चूत में अपना लंड तेजी से अंदर बाहर करने लगा ।

उसका लंड चुत के रस से पूरी तरह गीला हो गया थाऔर वह बिना किसी रूकावट के फच फच की आवाज के साथ अंदर जा रहा था और गच गच की आवाज के साथ बाहर आ रहा था।कमरे में फच फच और गच गच की आवाज गूंजने लगा।

भगत अपनी आंखें बंद करके चुदाई* का सुख भोगने लगा ।
उधर कौशल्या देवी भी सिसकारी लेते हुए अपने आंखें बंद कर ली थी ।और चुदाई कि मजे ले रही थी।

उसके मुंह से ऊई़ मां आह आह आह की आवाजें निकल रही थी ।
भगत ने कुछ समय इसी पोजीशन में चोदने के बाद अपनी आंखे खोला।

वह अचानक से अपने ल़ंड को कौशल्या देवी के चूत से बाहर निकाला।

उसका लंड फचाक की आवाज के साथ बाहर निकला। उसका लंड चूत के रस से पूरी तरह गीला हो गया था और वह चमक रहा था ।

कौशल्या देवी भगत की ओर देखने लगी।

भगत अपने लंड को अपने हाथों से पकड़े हुए बिस्तर पर लेट गया।

भगत ने कौशल्या देवी को आंखों से इशारा किया।

कौशल्या देवी समझ गई भगत क्या चाहता है ।

वह भगत के लंड पर झुक कर ,उसे अपने हाथों में पकड़ कर हिलाने लगी ,फिर अपने होठों को लंड़ पास ले जाकर , लंड के सुपाडे को अपने मुंह में भर लिया

फिर वहां चूसना शुरु कर दी। किसी पोर्न स्टार की तरह कौशल्या देवी भगत के लंड को चूसने लगी ।

भगत ने कौशल्या देवी के बालों को जो बंधा हुआ था, उसे खोल दिया और उसके सिर को अपने लंड पर दबाए रखा ।

कौशल्या देवी भगत के ल़ड को सकासक चूसे जा रही थी ।
भगत अपनी आंखें बंद कर मुख चुदाई का आनंद लेने लगा।

कौशल्या देवी पूरे जड़ तक लंड को अपने मुंह में ले कर चूस रही थी ।

भगत लंच चुसवाते हुए बोले जा रहा था ।चुस मेरी जान चस, बहुत मजा आ रहा है।


भगत कुछ समय मुख चुदाई करने के बाद कौशल्या देवी के मुख से लंड को निकाल दिया।

कौशल्या देवी भगत की ओर देखा ।

भगत ने कौशल्या देवी को इशारा किया।

कौशल्या देवी समझ गई कि अब उसे क्या करना है।

वह बेड पर खड़ी हो गई और अपने पेटिकोट को दोनों हाथों से ऊपर उठा कर । भगत के लंड पर बैठ गई।

वह अपने एक हाथ से भगत के लंड को पकडी और अपनी चूत के मुख पर रख दी ।

भगत ने भी अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के चूतड़ को पकड़ लिया।

इधर कौशल्या देवी भी लंडपर अपने चूत का दबाव बनाने लगी। उधर भगत भी कौशल्या देवी के चूतड़ को अपने हाथों से पकड़ कर लंड पर दबाया । नतीजा ये हुआ कि लंड चूत अंदर जड़ तक चला गया ।

कौशल्या देवी भगत के लंड पर उछल उछल कर चुदने लगी इसने पोजीशन में दोनों को अपार सुख प्राप्त हो रहा था ।

कौशल्या देवी के उछलने के साथ-साथ उसकी दोनों चूचियां भी उछलने लगी, जिसे देखकर भगत से रहा न गया।

वह दोनों हाथों से चूची को पकड़ लिया और जोर जोर से मसलने लगा।

इधर लंड* चूत में गपा गप अंदर बाहर हो रहा था


दोनों आंखें बंद करके चुदाई का मजा लेने लगे ।

भगत का लंड कौशल्या देवी की चूत में गच गच अंदर बाहर होता देख , दोनों चुदाई की मस्ती में में खो गए थे । कौशल्या देवी सिसक रही थी और लंड* पर अपनेी चूतड़ पटक पटक कर चुद रही थी।

तभी बाहर से दरवाजा खटखटाने की आवाज आई ।खटखटाने की आवाज सुनकर कौशल्या देवी होश में आईऔर भगत से बोली लगता है कि बाहर कोई आया है ।

भगत सिंह को बहुत गुस्सा आ रहा था उसे चुदाई * बंद करने का बिल्कुल मूड नहीं था ।


उसने कौशल्या देवी से कहा मादरचोद कौन गाड मराने आ गया ।साला ठीक से चोदने भी नहीं देते ।

तब कौशल्या देवी ने मस्कराते हुए कहा लगता है दुकान से नौकर खाना ले जाने के लिए आया है ।

मुझे दरवाजा खोलना होगा और वह भगत के लंड से ऊपर उठी।
लंड फक की आवाज के साथ चूत से बाहर निकला ।

लंड कौशल्या देवी के चूत के रस से भीगा हुआ था और वह चमक रहा था। कुछ मोटा भी हो गया था। वह अभी भी ठूनकी मार रहा था ।

उसके लंड को देखकर कौशिल्या देवी मुस्कुरा रही थी ।

भगत सिंह कौशल्या देवी से बोला उस मादरचोद को * को जल्दी से निपटा ।मुझसे रहा नहीं जाएगा। ।

कौशल्या देवी अपने ब्लाउज के बटन को लगाते हुए बैडरूम सीन बाहर चली गई।
Nice update
Lekin yeah kya tumne bagat ki chudai karwa di
Rajesh kys peshab hi karta rahega kya
Uska seen aage badao bhai...
 
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Bhai hume bhagat ki chudai se koi matlab nahi hai story ke main characters per focus karo
bhagat he to main character banega .. he he
 
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rajesh bhagat

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दोस्तों कहानी का मुख्य पात्र राजेश है ,परंतु भगत भी अच्छी भूमिका में है ।राजेश को अभी चूत का चस्का लगा नहीं है। जब राजेश चुदाई के क्षेत्र में आएगा वह नंबर वन चुदक्कड बनेगा। वह न केवल अपनी मां बहन को चो देगा, बल्कि वह दूसरे की मां बहन और अन्य रिश्तेदारों को भी चोदेगा ,लेकिन अभी उसके लिए इंतजार करना पड़ेगा ।तब तक आप भगत द्वारा चुदाई के किस्से का मजा लीजिए। राजेश की कहानी भी साथ-साथ आगे बढ़ेगी।
 
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बहुत ही बढ़िया कहानी है । और शानदार ढंग से आगे बढ़ रही है । अगले अपडेट का इंतजार रहेगा
 
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