• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest यह क्या हुआ

crucer97

Active Member
1,496
1,270
143
Update pls
 
  • Like
Reactions: Raj_sharma

Vikashkumar

Well-Known Member
3,045
3,769
158
Bahut hi behtreen likh rhe ho 👍👍👍
Keep Going
Waiting For Next Update
 

rajesh bhagat

Active Member
906
4,658
124
स्वीटी जब कॉलेज पहुंचती है, आज हुए घटनाओं को ही याद करके उसी में खोई रहती है ।
उसका आज पढ़ाई लड़ाई में बिल्कुल मन नहीं लग रहा था।
उसकी आंखों के सामने वह दृश्य ही नजर आ रहा था, जिसमें उसकी मां उसके भाई का लंड पकड़ रखी थी और उसे पेशाब कर आ रही थी।

इस दृश्य को देखकर वह कैसे उत्तेजित हो गई थी और उसके चूत से पानी छूटने लगा था और किस प्रकार वह अपनी उंगलियों से अपने चूत को रगड़ने लगी और वही झड़ गईथी।

इन सब बातों को याद करते हुए उसका मन बेचैन हो रहा था।

उन पलों को याद करते करते उसका च अभी भी रिस रही थी।

इधर सुनीता अपने किचन में काम कर रही थी तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया ।

सुनीता ने इस वक्त कौन होगा यह सोचते हुए दरवाजा खोलने चली जाती है ।

दरवाजा के खुलते ही सामने एक लड़का नजर आया। उस लड़के ने सुनीता से कहा हेलो आंटी।

सुनीता ने कहा मैंने तुम्हें पहचाना नहीं

तब उस युवक ने कहा मेरा नाम भगत है और मैं राजेश का दोस्त हूं हम एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं मुझे राजेश के बारे में पता चला तो उससे मिलने आया हूं ।

अब मैं आप लोगों को भगत के बारे में बता देता हूं भगत शहर से 100 किलोमीटर दूर राजपुर गांव का रहने वाला था। उसके दादाजी गांव के सरपंच थे। उसके पिताजी गांव में ही खेत का काम देखता था। 100 एकड़ जमीन था उनके पास, भगत की मां गांव के ही सरकारी स्कूल में एक शिक्षिका थी।भगत शहर में ही मकान किराए पर लेकर वहीं रहकर पढ़ाई कर रहा था।

अब राजेश और भगत की दोस्ती कैसे हुआ इसके बारे में बतलाता हूं ।असल में भगत आगे चलकर नेता बनना चाहता था अतः वह कॉलेज में जब छात्र संघ का चुनाव हुआ तब वह चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए खड़ा हो गया ।कॉलेज के अन्य छात्र भी चुनाव में खड़े थे ।राजेश पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ खेलकूद एवं कॉलेज के अन्य गतिविधियों में भी हमेशा आगे रहता था ।इसलिए कालेज के अन्य छात्र छात्राएं और शिक्षक राजेश को कॉलेज का अध्यक्ष बनाना चाहते थे और उन्हें अध्यक्ष पद के लिए खड़े होने के लिए कह रहे थे, लेकिन जब राजेश ने यह बात अपनी मां सुनीता को बताया तो सुनीता ने राजेश से कहा, बेटा तुम सिर्फ पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दो यह राजनीति ठीक नहीं है। तुम उससे दूर रहो, इससे तुम्हारा पढ़ाई-लिखाई प्रभावित होगा और वह छात्र संघ के चुनाव से खुद को अलग कर लिया ।कई छात्र-छात्राएं छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर खड़े थे।
क्योंकि राजेश कॉलेज में लोकप्रिय था अतः जिस उम्मीदवार को राजेश का समर्थन प्राप्त होता उनका जीतना तय तथा भगत भी राजेश से समर्थन मांगने उससे संपर्क किया ।वह जानता था कि अगर राजेश का समर्थन मिल गया तो मैं यह चुनाव जीत जाऊंगा।

भगत में कुछ बुराइयां जरूर थी लेकिन राजेश ने पाया कि वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता है अतः उसने भगत का समर्थन किया।

राजेश के समर्थन करने से भगत कालेज के छात्र छात्र संघ का अध्यक्ष बन गया।
भगत अपना अध्यक्ष बनने का श्रेय राजेश को दीया और उन दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई ।भगत राजेश से सलाह लेकर ही कोई कार्य करता था।

लेकिन भगत की एक कमजोरी थी गदराई औरत

किसी गदर आई औरत को देखते ही भगत का लंड खड़ा हो जाता था इसका कारण भी था ।

वह किसी गदर आई औरत का मजा लूट रहा था। वह गदराई औरत को चोदने का सुख भोग रहाथा ।वैसे तो वह गांव की कई लड़कियों को भी चोद चुका था । लेकिन गदराई औरत को चोदने में उसे जितना मजा आता था उतना मजा कुंवारी लड़कियों को चोदने में नहीं आता था।

वह जब किसी गदराई औरत को देखता था तो उसका लंड ठुनकी की मारने लगता था।

जब सुनीता ने यह बात सुनी किभगत राजेश का दोस्त है ।वह उसे अंदर आने को कहती है सुनीता इस समय साड़ी पहनी हुई थी।

सुनीता खूबसूरत थी और गदराए बदन की महिला थी सुनीता जैसे ही पीछे मुड़ी भगत की नजर उसके पिछवाड़े पर चला गया ।
सुनीता भगत को सोफे पर बैठने के लिए कहा।

भगत को हाल में बिठाकर सुनीता राजेश के कमरे की ओर चली गई।
राजेश के कमरे में जाकर राजेश को इस बात की जानकारी दी कि भगत नाम का कोई दोस्त उससे मिलने आया है ।

तब राजेश ने कहा ,मॉ उस मेरे पास मेरे कमरे में भेजो।

सुनीता ने कहा ठीक है बेटा और सुनीता हाल में जाकर भगत से कहा राजेश अपने रूम में तुम्हें बुला रहा है ।

भगत राजेश के रूम में चला गया ।
कमरे में जाते ही राजेश ने भगत को देखते ही कहा अरे यार तुम गांव से कब आए

तब भगत ने कहा आज ही आया और तुम्हारे बारे में जानकारी मिला तो तो सीधे कॉलेज न् जाकर तुमसे मिलने चला आया ।तबीयत कैसी है? तुम्हारी।

राजेश ने कहा ठीक हूं यार डॉक्टर ने कहा है ।मैं बहुत जल्द ठीक हो जाऊंगा।
भगत ने राजेश से कहा यार जिन लड़काे ने तुम्हारी ये
हालत की है। सालों को ऐसा सबक सिखाऊंगा। साले जिंदगी भर चलने फिरने लायक नहीं रहेंगे।

मैं लड़कों को उन्हें पता करने के लिए कहा है कि वे साले कहां रहते हैं जैसे ही हो दिखाई पड़े मुझे कॉल करके बताने के लिए कहा है

और इस तरह दोनों दोस्त आपस में बातचीत करने लगे ईधर सुनीता राजेश के कमरे में पानी लेकर आई ।

सुनीता जैसे ही भगत को पानी देने के लिए नीचे झुकी भगत की नजर सुनीता के चूची पर चली गई जोकि ब्लाउज से बाहर निकलने को आतुर दिखाई पड़ रही थी ।

उनकी बड़ी-बड़ी चुचियों को देखकर उसके लंड की नसों में खून बढ़ने लगा और पानी देकर जब सुनीता कमरे से बाहर अपनी गांड मटकाते हुए जा रही थी तब सुनीता के गांड को देखकर भगत का लैंड खड़ा हो गया और वो अपने मन में कहा क्या मस्त माल हां यार।

राजेश ने जब भगत की नजरों को अपनी मां की गांड को घूरते हुए देखा तो राजेश ने भगत से कहा अबे कहां खो गया ।तू साले सुधरेगा नहीं अब मेरी मां पर भी बुरी नजर रख रहा है ।
भगत ने राजेश से कहा सॉरी यार आदत से मजबूर हूं पर मैं एक बात तुमसे कहना चाहूंगा तुम बुरा मत मानना तुम्हारी मां बहुत ही खूबसूरत और हॉट हैं तुम लकी हो यार इतनी खूबसूरत ना है तुम्हारे पास ।

मैं सच कह रहा हूं ।

राजेश ने कहा अब बस कर साले नहीं तो दो झापड़ पड़ेगा ।
तब भगत ने कहा सॉरी यार

यार अभी तू नहीं समझेगा क्योंकि अभी तुमने चुदाई किसी का किया ही नहीं है।
जिस दिन तुम किसी गदराई औरत की चुदाई* करेगा ना तब पता चलेगा।
चुदाई से बड़ा सुख इस दुनिया मैं कोई है ही नहीं तब तुम मुझे समझ पाओगे।

इधर सुनीता चाय नाश्ता लेकर राजेश के कमरे के पास ही पहुंची ही थी तभी राजेश और भगत के बीच होने वाली वार्तालाप उसके कानों पर पड़ी तो उसके पैर दरवाजे के पास ही जम गए और दोनों के बीच होने वाली वार्तालाप को सुनने लगी।

पंकज राजेश से कहता यार गद राई औरत को कुतिया बनाकर उसके चुत में लंड* डालकर अंदर बाहर करने में इतना मजा आता है कि मैं बता नहीं सकता।

अपना लंड में बैठा कर, उसकी कमर को पकड़ कर अपने लंड में पटक पटक कर चोदने और चूची मसलने मे जो आनंद आता है उसका वर्णन नहीं किया जा सकता ।
राजेश बोला अब् बंद कर अपना चुदाई वर्णन कहीं मां आ गई तो , क्या समझेगी ?

इधर सुनीता दोनों की की बातों को सुन रही थी।

भगत आवे कहता है यार मुझे तो कभी-कभी तुम पर शक होता है तुम्हारा हथियार खड़ा होता भी है कि नहीं कई बार तुम्हें अपने साथ च**** करने के लिए साथ चलने के लिए कहा केवल एक ही रट लगाए रहते हो जो भी करूंगा अपनी बीवी के साथ ही करूंगा आज तक कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं बनाया है ।

तब राजेश कहता है यार मां ने मुझे लड़कियों से दूर रहने और सिर्फ पढ़ाई लिखाई पर ध्यान देने के लिए कहा है ।

मा कहती है कि दूसरे लड़कियों पर बुरी नजर डालना पाप है । मेैने किसी औरत के बारे में ऐसा सोचता ही नहीं।

भगत कहता है यार यह तू किस पाप और पुण्य के चक्कर में फंसा है ।आजकल के कई लड़के तो अपने मां बहन को चोदते हैं।

राजेश कहता है अबे यह क्या तू अनाप-शनाप बके जा रहा है।
पंकज ने फिर कहा अरे मैं झूठ नहीं कह रहा मै तो2- 3 लड़कों को जानता हूं जो अपनी मां को चोदते हैं और उनका कहना है कि मां चोदने में जो मजा आता है ऐसा मजा और किसी को चोदने नहीं।

राजेश ने कहा अब बस कर साले ।

भगत- मेरी बात को मान ले यार तू शादी करने से पहले टेस्ट कर ले और चुदाई के बारे में कुछ सीख ले, अगर कुछ गड़बड़ हो तो पता चल जाएगा नहीं तो शादी करने के बाद तुम्हें पछताना भी पड़ जाएगा।

राजेश कहता है ऐसा क्यों होगा।
पंकज कहता हैं ,अगर शादी करने के बाद कहीं तुमने अपने बीवी को ठीक से चोद नहीं पाया तो वह किसी दूसरे को ढूंढ लेगी चुदवाने।तब ये तुम्हारी सारी डिग्रियां बेकार हो जाएगी ।किसी काम की नहीं रहेगी तुम्हारा इज्जत मान सम्मान सब चला जाएगा।

मैंने गांव में ऐसे दो तीन औरतों को भी चोदाहै। वह कहती हैं कि उसके पति से चुदवाने****** में जरा भी मजा नहीं आता। उसके पति उसको़ ठीक से चोद नहीं पाता है।

पंकज राजेश से पूछता है तू यह बता क्या तुम्हारा ल** कभी खड़ा होता है।

राजेश ने कहा हां सुबह खड़ा रहता है।

पंकज ने कहा यार सुबह तो सभी का खड़ा रहता है सुबह लंड* में मूत भर जाने के कारण लंड खड़ा हो जाता है।
तू यह बता क्या कभी किसी औरत के चूची को देखकर तुम्हारा लंड खड़ा होता है ।क्या किसी औरत के चूची को देखने का मन करता है।

राजेश कहता है यार मैंने कभी इस और ध्यान ही नहीं दिया और ना मुझे कोई इंटरेस्ट है ।अब बस कर मां आती होगी अपना चुदाई* ज्ञान अपने पास ही रखो।

इधर सुनीता इन दोनों के वार्तालाप को सुन रही थी

भगत की इन बातों की बातों को सुनकर उसकी सांसे तेज हो जाती थी पर राजेश के बाद को सुनकर ठंडी पड़ने लगती थी ।

सुनिता चाय नाश्ता लेकर कमरे में प्रवेश कर गई चाय नाश्ता देने के बाद वह कमरे से चले गई। किचन में जाकर राजेशऔर भगत के बीच हुई वार्तालाप के बारे में सोचने लगी।

इधर भगत भी चाय नाश्ता करने के बाद कुछ समय तक और राजेश के पास रुका फिर वह राजेश से जाने की इजाजत मांग कर और फिर आने के बात कह कर वह भी चला गया।
 

Abhi32

Well-Known Member
8,022
12,399
188
स्वीटी जब कॉलेज पहुंचती है, आज हुए घटनाओं को ही याद करके उसी में खोई रहती है ।
उसका आज पढ़ाई लड़ाई में बिल्कुल मन नहीं लग रहा था।
उसकी आंखों के सामने वह दृश्य ही नजर आ रहा था, जिसमें उसकी मां उसके भाई का लंड पकड़ रखी थी और उसे पेशाब कर आ रही थी।

इस दृश्य को देखकर वह कैसे उत्तेजित हो गई थी और उसके चूत से पानी छूटने लगा था और किस प्रकार वह अपनी उंगलियों से अपने चूत को रगड़ने लगी और वही झड़ गईथी।

इन सब बातों को याद करते हुए उसका मन बेचैन हो रहा था।

उन पलों को याद करते करते उसका च अभी भी रिस रही थी।

इधर सुनीता अपने किचन में काम कर रही थी तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया ।

सुनीता ने इस वक्त कौन होगा यह सोचते हुए दरवाजा खोलने चली जाती है ।

दरवाजा के खुलते ही सामने एक लड़का नजर आया। उस लड़के ने सुनीता से कहा हेलो आंटी।

सुनीता ने कहा मैंने तुम्हें पहचाना नहीं

तब उस युवक ने कहा मेरा नाम भगत है और मैं राजेश का दोस्त हूं हम एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं मुझे राजेश के बारे में पता चला तो उससे मिलने आया हूं ।

अब मैं आप लोगों को भगत के बारे में बता देता हूं भगत शहर से 100 किलोमीटर दूर राजपुर गांव का रहने वाला था। उसके दादाजी गांव के सरपंच थे। उसके पिताजी गांव में ही खेत का काम देखता था। 100 एकड़ जमीन था उनके पास, भगत की मां गांव के ही सरकारी स्कूल में एक शिक्षिका थी।भगत शहर में ही मकान किराए पर लेकर वहीं रहकर पढ़ाई कर रहा था।

अब राजेश और भगत की दोस्ती कैसे हुआ इसके बारे में बतलाता हूं ।असल में भगत आगे चलकर नेता बनना चाहता था अतः वह कॉलेज में जब छात्र संघ का चुनाव हुआ तब वह चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए खड़ा हो गया ।कॉलेज के अन्य छात्र भी चुनाव में खड़े थे ।राजेश पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ खेलकूद एवं कॉलेज के अन्य गतिविधियों में भी हमेशा आगे रहता था ।इसलिए कालेज के अन्य छात्र छात्राएं और शिक्षक राजेश को कॉलेज का अध्यक्ष बनाना चाहते थे और उन्हें अध्यक्ष पद के लिए खड़े होने के लिए कह रहे थे, लेकिन जब राजेश ने यह बात अपनी मां सुनीता को बताया तो सुनीता ने राजेश से कहा, बेटा तुम सिर्फ पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दो यह राजनीति ठीक नहीं है। तुम उससे दूर रहो, इससे तुम्हारा पढ़ाई-लिखाई प्रभावित होगा और वह छात्र संघ के चुनाव से खुद को अलग कर लिया ।कई छात्र-छात्राएं छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर खड़े थे।
क्योंकि राजेश कॉलेज में लोकप्रिय था अतः जिस उम्मीदवार को राजेश का समर्थन प्राप्त होता उनका जीतना तय तथा भगत भी राजेश से समर्थन मांगने उससे संपर्क किया ।वह जानता था कि अगर राजेश का समर्थन मिल गया तो मैं यह चुनाव जीत जाऊंगा।

भगत में कुछ बुराइयां जरूर थी लेकिन राजेश ने पाया कि वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता है अतः उसने भगत का समर्थन किया।

राजेश के समर्थन करने से भगत कालेज के छात्र छात्र संघ का अध्यक्ष बन गया।
भगत अपना अध्यक्ष बनने का श्रेय राजेश को दीया और उन दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई ।भगत राजेश से सलाह लेकर ही कोई कार्य करता था।

लेकिन भगत की एक कमजोरी थी गदराई औरत

किसी गदर आई औरत को देखते ही भगत का लंड खड़ा हो जाता था इसका कारण भी था ।

वह किसी गदर आई औरत का मजा लूट रहा था। वह गदराई औरत को चोदने का सुख भोग रहाथा ।वैसे तो वह गांव की कई लड़कियों को भी चोद चुका था । लेकिन गदराई औरत को चोदने में उसे जितना मजा आता था उतना मजा कुंवारी लड़कियों को चोदने में नहीं आता था।

वह जब किसी गदराई औरत को देखता था तो उसका लंड ठुनकी की मारने लगता था।

जब सुनीता ने यह बात सुनी किभगत राजेश का दोस्त है ।वह उसे अंदर आने को कहती है सुनीता इस समय साड़ी पहनी हुई थी।

सुनीता खूबसूरत थी और गदराए बदन की महिला थी सुनीता जैसे ही पीछे मुड़ी भगत की नजर उसके पिछवाड़े पर चला गया ।
सुनीता भगत को सोफे पर बैठने के लिए कहा।

भगत को हाल में बिठाकर सुनीता राजेश के कमरे की ओर चली गई।
राजेश के कमरे में जाकर राजेश को इस बात की जानकारी दी कि भगत नाम का कोई दोस्त उससे मिलने आया है ।

तब राजेश ने कहा ,मॉ उस मेरे पास मेरे कमरे में भेजो।

सुनीता ने कहा ठीक है बेटा और सुनीता हाल में जाकर भगत से कहा राजेश अपने रूम में तुम्हें बुला रहा है ।

भगत राजेश के रूम में चला गया ।
कमरे में जाते ही राजेश ने भगत को देखते ही कहा अरे यार तुम गांव से कब आए

तब भगत ने कहा आज ही आया और तुम्हारे बारे में जानकारी मिला तो तो सीधे कॉलेज न् जाकर तुमसे मिलने चला आया ।तबीयत कैसी है? तुम्हारी।

राजेश ने कहा ठीक हूं यार डॉक्टर ने कहा है ।मैं बहुत जल्द ठीक हो जाऊंगा।
भगत ने राजेश से कहा यार जिन लड़काे ने तुम्हारी ये
हालत की है। सालों को ऐसा सबक सिखाऊंगा। साले जिंदगी भर चलने फिरने लायक नहीं रहेंगे।

मैं लड़कों को उन्हें पता करने के लिए कहा है कि वे साले कहां रहते हैं जैसे ही हो दिखाई पड़े मुझे कॉल करके बताने के लिए कहा है

और इस तरह दोनों दोस्त आपस में बातचीत करने लगे ईधर सुनीता राजेश के कमरे में पानी लेकर आई ।

सुनीता जैसे ही भगत को पानी देने के लिए नीचे झुकी भगत की नजर सुनीता के चूची पर चली गई जोकि ब्लाउज से बाहर निकलने को आतुर दिखाई पड़ रही थी ।

उनकी बड़ी-बड़ी चुचियों को देखकर उसके लंड की नसों में खून बढ़ने लगा और पानी देकर जब सुनीता कमरे से बाहर अपनी गांड मटकाते हुए जा रही थी तब सुनीता के गांड को देखकर भगत का लैंड खड़ा हो गया और वो अपने मन में कहा क्या मस्त माल हां यार।

राजेश ने जब भगत की नजरों को अपनी मां की गांड को घूरते हुए देखा तो राजेश ने भगत से कहा अबे कहां खो गया ।तू साले सुधरेगा नहीं अब मेरी मां पर भी बुरी नजर रख रहा है ।
भगत ने राजेश से कहा सॉरी यार आदत से मजबूर हूं पर मैं एक बात तुमसे कहना चाहूंगा तुम बुरा मत मानना तुम्हारी मां बहुत ही खूबसूरत और हॉट हैं तुम लकी हो यार इतनी खूबसूरत ना है तुम्हारे पास ।

मैं सच कह रहा हूं ।

राजेश ने कहा अब बस कर साले नहीं तो दो झापड़ पड़ेगा ।
तब भगत ने कहा सॉरी यार

यार अभी तू नहीं समझेगा क्योंकि अभी तुमने चुदाई किसी का किया ही नहीं है।
जिस दिन तुम किसी गदराई औरत की चुदाई* करेगा ना तब पता चलेगा।
चुदाई से बड़ा सुख इस दुनिया मैं कोई है ही नहीं तब तुम मुझे समझ पाओगे।

इधर सुनीता चाय नाश्ता लेकर राजेश के कमरे के पास ही पहुंची ही थी तभी राजेश और भगत के बीच होने वाली वार्तालाप उसके कानों पर पड़ी तो उसके पैर दरवाजे के पास ही जम गए और दोनों के बीच होने वाली वार्तालाप को सुनने लगी।

पंकज राजेश से कहता यार गद राई औरत को कुतिया बनाकर उसके चुत में लंड* डालकर अंदर बाहर करने में इतना मजा आता है कि मैं बता नहीं सकता।

अपना लंड में बैठा कर, उसकी कमर को पकड़ कर अपने लंड में पटक पटक कर चोदने और चूची मसलने मे जो आनंद आता है उसका वर्णन नहीं किया जा सकता ।
राजेश बोला अब् बंद कर अपना चुदाई वर्णन कहीं मां आ गई तो , क्या समझेगी ?

इधर सुनीता दोनों की की बातों को सुन रही थी।

भगत आवे कहता है यार मुझे तो कभी-कभी तुम पर शक होता है तुम्हारा हथियार खड़ा होता भी है कि नहीं कई बार तुम्हें अपने साथ च**** करने के लिए साथ चलने के लिए कहा केवल एक ही रट लगाए रहते हो जो भी करूंगा अपनी बीवी के साथ ही करूंगा आज तक कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं बनाया है ।

तब राजेश कहता है यार मां ने मुझे लड़कियों से दूर रहने और सिर्फ पढ़ाई लिखाई पर ध्यान देने के लिए कहा है ।

मा कहती है कि दूसरे लड़कियों पर बुरी नजर डालना पाप है । मेैने किसी औरत के बारे में ऐसा सोचता ही नहीं।

भगत कहता है यार यह तू किस पाप और पुण्य के चक्कर में फंसा है ।आजकल के कई लड़के तो अपने मां बहन को चोदते हैं।

राजेश कहता है अबे यह क्या तू अनाप-शनाप बके जा रहा है।
पंकज ने फिर कहा अरे मैं झूठ नहीं कह रहा मै तो2- 3 लड़कों को जानता हूं जो अपनी मां को चोदते हैं और उनका कहना है कि मां चोदने में जो मजा आता है ऐसा मजा और किसी को चोदने नहीं।

राजेश ने कहा अब बस कर साले ।

भगत- मेरी बात को मान ले यार तू शादी करने से पहले टेस्ट कर ले और चुदाई के बारे में कुछ सीख ले, अगर कुछ गड़बड़ हो तो पता चल जाएगा नहीं तो शादी करने के बाद तुम्हें पछताना भी पड़ जाएगा।

राजेश कहता है ऐसा क्यों होगा।
पंकज कहता हैं ,अगर शादी करने के बाद कहीं तुमने अपने बीवी को ठीक से चोद नहीं पाया तो वह किसी दूसरे को ढूंढ लेगी चुदवाने।तब ये तुम्हारी सारी डिग्रियां बेकार हो जाएगी ।किसी काम की नहीं रहेगी तुम्हारा इज्जत मान सम्मान सब चला जाएगा।

मैंने गांव में ऐसे दो तीन औरतों को भी चोदाहै। वह कहती हैं कि उसके पति से चुदवाने****** में जरा भी मजा नहीं आता। उसके पति उसको़ ठीक से चोद नहीं पाता है।

पंकज राजेश से पूछता है तू यह बता क्या तुम्हारा ल** कभी खड़ा होता है।

राजेश ने कहा हां सुबह खड़ा रहता है।

पंकज ने कहा यार सुबह तो सभी का खड़ा रहता है सुबह लंड* में मूत भर जाने के कारण लंड खड़ा हो जाता है।
तू यह बता क्या कभी किसी औरत के चूची को देखकर तुम्हारा लंड खड़ा होता है ।क्या किसी औरत के चूची को देखने का मन करता है।

राजेश कहता है यार मैंने कभी इस और ध्यान ही नहीं दिया और ना मुझे कोई इंटरेस्ट है ।अब बस कर मां आती होगी अपना चुदाई* ज्ञान अपने पास ही रखो।

इधर सुनीता इन दोनों के वार्तालाप को सुन रही थी

भगत की इन बातों की बातों को सुनकर उसकी सांसे तेज हो जाती थी पर राजेश के बाद को सुनकर ठंडी पड़ने लगती थी ।

सुनिता चाय नाश्ता लेकर कमरे में प्रवेश कर गई चाय नाश्ता देने के बाद वह कमरे से चले गई। किचन में जाकर राजेशऔर भगत के बीच हुई वार्तालाप के बारे में सोचने लगी।

इधर भगत भी चाय नाश्ता करने के बाद कुछ समय तक और राजेश के पास रुका फिर वह राजेश से जाने की इजाजत मांग कर और फिर आने के बात कह कर वह भी चला गया।
Awesome update.
Update plz jaldi de diya kariye
 

sunoanuj

Well-Known Member
3,415
9,104
159
Bahut barhiya updates.. bahut chota laga par acha tha … waiting for next update
 
Top