राजेश ने कार स्टार्ट किया और वे सभी कालेज को निकल पड़े। रास्ते में,,
राजेश _थैंक्स सीमा हेल्प के लिए।
सीमा _थैंक्स मेरा नही, निशा का कीजिए राज, क्यू की कार तो निशा का है और तुम लोगो को निशा ने ही देखा और कार रुकवाई।
राजेश _ओह क्या सच में, थैंक्स निशा।
निशा ने अपना सिर हिलाया। पर कुछ बोली नहीं।
राजेश _सीमा जी, लडके लोगो का ख्याल निशा जी के बारे में बिल्कुल गलत है।
सीमा _क्या कहते है? लडके हमारे निशा जी के बारे में।
राजेश _यही की निशा जी बहुंत घमंडी है इन्हे अपने दौलत का बहुत घमंड है। वह किसी से ढंग से बात नही करती।
सीमा _हमारी निशा के बारे में ठीक से ,लोग जानते नही है न इसलिए गलत धारणाएं रखते हैं।
वैसे आप क्या सोचते हैं हमारी निशा के बारे में।
राजेश _पहले तो आप लोगो से ठीक से मिला ही नहीं था, पर अब कह सकता हूं की निशा जी तो दिल की अच्छी एवम हेल्पिंग नेचर की है।
सीमा _वो तो है पर सच बात तो ये है कि हमारी निशा को लडको पे ज्यादा इंट्रेस्ट नही है इसलिए ज्यादा उनसे घुलती मिलती नही है। न ही ज्यादा लडको से बात करती है।
राजेश _ओह रियली, वैसे आप दोनो एक कुशल नृत्यांगना है पिछले वर्ष वार्षिक समारोह में आप दोनो ने कमाल का डांस की थी वो क्या गाना था?
हा,,, याद आया,, दिल डोला re,डोला re , डोला दिल डोला,,,,,
राजेश गीत गुनगुनाने लगी,,,
सीमा _हंसते हुवे,क्या हमारा डांस सच में अच्छा लगा?।
राजेश _और नही तो क्या लोग आप लोगो की कितनी तारीफ कर रहे थे। वैसे एक बात पूछूं अगर आप लोग बुरा न मानो तो,,
सीमा _राज हम बुरा नही मानेंगे बोलो।
राजेश _वैसे तुम दोनो में पारो कौन थी और चंद्रमुखी कौन?
यह प्रश्न सुनते ही निशा राज की ओर देखा, राज भी निशा का रिएक्शन जानने के लिए निशा की ओर देखा दोनो की नजरे मिली।
राजेश को लगा की निशा नाराज हो गई।
राजेश _सॉरी गलती हो गई,शायद मैने गलत प्रश्न पूछ दिया।
सीमा _हंसते हुवे बोली, नही राज इसमें सॉरी की क्या बात है । मै तो चंद्रमुखी बनी थींऔर निशा पारो।
सीमा _वैसे राज इस बार स्टूडेंट ऑफ द ईयर के लिए आपका तैयारी कैसी चल रहीं।
सुना है इस बार रोहन , आपको चुनौती देने के लिए काफी तैयारी कर रहा है। पिछले बार सेकंड पोजिशन पर था।
रोहन निशा के ही क्लास में था वह भी एक अमीर बाप का इकलौता लड़का था। वह स्टूडेंट ऑफ द ईयर का खिताब प्राप्त करना चाहता था। पिछले वर्ष वह राजेश से पिछे रह गया।
राजेश _अच्छा लगा सुनकर चलो कोई तो है मुझे चुनौती देना चाहता है। वैसे पिछले वर्ष भी काफी अच्छी कोशिश की थी।
वैसे सीमा तुम किसे इस खिताब में देखना चाहोगी?
सीमा _हम तो आप ही को इस खिताब में देखना चाहते हैं। रोहन में तो ईगो भरा है।
अब वे कालेज के काफी नजदीक पहुंच गए थे।
राजेश _पता, नही इंसान आख़िर ईगो क्यू करता है। धन दौलत तो कमाया जा सकता है? पर इज्जत और मान सम्मान तो व्यक्ति अपने व्याहार से प्राप्त करता है। हमे सब के साथ घुलमिलकर रहना चाहिए।
अगर हम लोगो से अलग और दूर दूर रहे तो जिंदगी एक दिन बोझिल हो जायेगी।
यह जिंदगी तो चार दिनों की है। सबके साथ प्यार बांटकर और हंसते गाते बिताना चाहिए।
क्यू की जिंदगी न मिलेगी दोबारा।
सीमा _राज तुम बिल्कुल सही कह रहे हो।
इधर निशा राजेश की बातो को बड़ी ध्यान से सुन रही थी। उसे लग रही थी की राज ने यह बाते उनके लिए कही है।
राजेश _लो हम कालेज पहुंच गए।
वे सभी कार से उतरे राजेश, ने जाने से पहले निशा को एक बार फिर से धन्यवाद कहा।
इस बार निशा ने बोला _इसमें थैंक्स की क्या बात है राज क्या तुम हमारी मदद नहीं करोगे यदि हम किसी मुस्किल में हो।
निशा और राजेश एक दुसरे के आंखो में देखने लगे।
राजेश _तुमने बिल्कुल सही कहा निशा जी हम सबको एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। क्यू कि
सीमा _ये जिंदगी मिलेगी न दोबारा! और सीमा हसने लगी।
राजेश अपने दोस्तो के पास निशा सीमा और स्वीटी अपने क्लास की ओर जाने लगीं।
जाते जाते सीमा निशा से बोली वैसे
सीमा _वाह मैमसाब, राज से बड़ी अच्छी बात कही तुमने वैसे हिम्मत जुटाई लाई कैसे तुम तो लडको से बात करना पसंद नहीं करती लगता है राज के बातो का असर है और वो हसने लगी।
निशा _चुप रह नही तो पिटेगी मेरे हाथों से तुम्हे तो कुछ ज्यादा बोलने की बीमारी चढ़ी है। और ये क्या मेम साब मेम साब बोले जा रही थी। राजेश क्या समझेगा मेरे बारे में।
सीमा _ओ तो मुझे अच्छा लगता है तुम्हे मेम साब कहना इसलिए बोलती हू। सॉरी। जी अब नही कहूंगी।
वैसे मेम साब शब्द तुमको शूट करता है। और वह मुंह बन्द कर हसने लगी।
निशा _तुम सुधरोगे नही। और वह सीमा को घूरकर देखने लगी।
इधर कालेज में उस समय मौजूद सभी लोग आश्चर्य में थे। राजेश को निशा के कार से उतरते देख।
राजेश जब भगत के पास गया _
भगत _भाई आपून आज बहुत खुश है।
राजेश _क्यू बे, क्या हो गया।
भगत _शूट करता है भाई,,,,अपने दायिने हांथ की तर्जनी और अंगूठा से गोला बनाकर इशारा करते हुवे कहा।
राजेश _क्या बोल रहा है बे मैं समझा नही।
भगत _जोड़ी भाई जोड़ी।
राजेश _किसकी जोड़ी बे।
भगत _बाजू में बैठे अपने दोस्तो से कहा। अबे तुम लोग भी कुछ बोलो।
अन्य दोस्त एक साथ बोले मस्त जोड़ी है भाई।
राजेश _किसकी जोड़ी बे क्या bake जा रहे बे ।
भगत _तेरी और निशा की भाई भगत कैंटीन में चाय पीते हुए कहा।
राजेश हस्ते हुवे कहा अबे क्या बकवास कर रहे हों ऐसा कुछ भी नहीं और उसने दोस्तो को सारी बातें बताई।
भगत _अरे भाई ऐसी बात है हम तो कुछ और ही समझ गए थेऔर मै ये कैसे भुल गया की तुमको तो लड़कियों में इंट्रेस्ट नही। सॉरी भाई।
इधर रोहन को जब पता चला की राजेश और निशा कार में एक साथ आए हैं उसके दिल में सांप लौट गया। क्यू की वह निशा को पाना चाहता था।
उसका इस कॉलेज में एडमिशन लेने के पीछे उद्देश्य भी यही था, निशा को पाना।
और वह हर एक उपाय कर रहा था निशा का दिल जीतने। पर अभी तक वह निशा का दिल जीत नही पाया था।
दरअसल रोहन एक बडी कंपनी के मालकिन रीता विवेक मेहता का लड़का था। विशाल एंड सुजाता ग्रुप इनका प्रतिद्वंदी था कई मौकों पर रीता और सुजाता के बीच प्रतिद्वंदिता में सुजाता आगे निकल जाती थी। और रीता अपने आप को अपमानित महसूस करती थी वह सुजाता को अपने से नीचा दिखाने के प्रयास में थी।
वह रोहन को12के बाद विदेश पढ़ना न भेजकर, उसी कालेज में दाखिला दिला दी जिसमे निशा ने एडमिशन ली। ताकि रोहन निशा को अपने प्यार के जाल में फसा सके, और निशा को अपना बहु बनाकर सुजाता से अपने अपमानो का बदला ले सके।
लेकीन रोहननिशा का दिल अभी तक नही जीत सका था। रीता ने ही रोहन से कहा की वह स्टूडेंट ऑफ द ईयर का खिताब जीते जिससे निशा तुम्हारी ओर इंप्रेस हो।
और रोहन की तैयारी के लिए ट्रेनर भी रख लिया था। पर स्टूडेंट ऑफ द ईयर बनना इतना आसान नहीं है उसके लिए खेल, कला और शिक्षा तीनों क्षेत्रों में बेस्ट परफॉर्मेंस देना होगा।