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Incest यह क्या हुआ

Motaland2468

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सुमन राजेश को दूध पिला रही थी। तभी उसका मोबाइल बजा। किसी का काल आया था।
सुमन _सैया जी तुम दुध पियो, लगता है किसी का काल आया है मैं अभी आई।
और वह हाल में आ गई जहां टी टेबल पर उसका मोबाइल रखा हुआ था।
सुमन ने देखा कॉल किसका है? कॉल सुनिता ने की थी। सुमन ने कॉल रिसीव की।
सुमन _हा मां जी, बोलो।
सुनिता _सुमन, राजेश से तुम्हारी बात हुई क्या? अभी तक घर नहीं आया है।
सुमन _मां जी, राजेश यही है। वह लगभग 5बजे मेरा घर आया।
सुनिता _सब ठीक तो है न सुमन, उससे पूछी कहा था वह।
सुमन _मां जी सब ठीक है। वह अपने दोस्तो के साथ था, राजेशने बताया ।
सुनिता _अभी क्या कर रहा है वह।
सुमन _मुसकुराते हुवे, वह बेडरूम में है।जनाब बादाम वाला दूध पी रहा है। काफी मेहनत करके थक गया है। लजाते हुवे बोली।
सुनिता _काफी देर हो गया है सुमन, अगर आज का तुम दोनो का प्यार मोहब्बत हो गया हो तो,उसे जल्दी घर भेज देना।
सुमन _जी मां जी, आप चिंता न करे मै समय पर घर भेज दूंगी।
सुनिता _सुमन मुझे तुम पर भरोसा है।मै भगवान से प्रार्थना करूंगीकि तुम्हारी मनोकामना शीघ्र पूर्ण करे।
सुमन _धन्यवाद मां जी।
सुनिता ने कॉल रख दी।
सुमन बेडरूम में गई और राजेश के बाजू में जाकर लेट गई।
राजेश _किसका कॉल था जान?
सुमन _सासू मां का, तुम्हारे बारे में पूछ रही थी। बोल रही थी कि राजेश अभी तक लौटा नही है। तुमसे बात huwa है क्या?
राजेश _तुम क्या बोली?
सुमन _मैने कहा, राजेश यही है। मेहनत करके काफी थक गया है। बेडरूम में आराम कर रहा है।
राजेश _अच्छा जी मैं थक गया हूं। देखो मेरा छोटा पप्पू ये तो कुश्ती लड़ने फिर से तैयार है। अपने land को सहलाते हुए कहा।
तो हो जाय एक राउंड और क्या ख्याल है?
सुमन _न बाबा न। अब मैंआज और कुस्ती नही लड़ सकती। तुम्हारा पप्पू तो काफी लंबा और मोटा है। एक ही बार पर्याप्त है।
ऊपर से इतना पानी छोड़ता है कि अभी तक बह रहा है।
सुमन ने राजेश के land को पकड़कर कर सहलाते हुए कहा अब जो करना है कल करेंगे। देखो तो मेरा हांथ लगते ही कैसे ठुमकने लगा है।
अब इसे काबू में रखो।
अब चलो उठो ,मां जी तुम्हे जल्दी घर भेजने बोली है।
सुमन अब बेड से उठी और हाल में आकर अपना कपड़ा पहनने लगी कुछ देर बाद राजेश भी फ्रेस होकर बाहर निकला और कपड़ा पहनकर बोला, अच्छा जान अब मैं चलता हूं।
सुमन _ कल तुम्हे फिर आना है।
राजेश,_तुम कहो तो यही रह जाऊ।
सुमन _न बाबा मैं मां जी का भरोसा नहीं तोड़ना चाहती। अब जाओ।
राजेश _अच्छा एक किस तो देदो। और सुमन को बाओ में लेकर उसके होंठ चुसने लगा।
सुमन भी उसका सहयोग करने लगी।
राजेश वहा से चला गया।
राजेश जब घर पहुंचा उस समय सुनिता किचन में थी वह खाना बना रही थी। राजेश जब दरवाजा खटखटाया तब सुनिता ने स्वीटी जो उस समय हाल में ही थी,से कहा जाओ दरवाजा खोलो , लगता है राजेश आ गया।
स्वीटी जाकर दरवाजा खोलती हैं।
स्वीटी _भइया अभी घर आ रहे हों, कहा थे किसी को कुछ बताया भी नही था।
राजेश _मैं दोस्तो के साथ था,कुछ काम था।
स्वीटी _बता तो देना था न, मां कितनी परेशान थीं?
राजेश _मां कहा है?
सुनिता किचन में जाकर काम कर रही थी। वह राजेश का सामना नहीं करना चाहती थी। अतः कीचन में जाकर खाना बनाने लगी।
स्वीटी _मां कीचन में है।
राजेश जाते अपने कमरे मे जाते समय कीचन की ओर देखा ,उसकी मां सुनिता कीचन में दरवाजे की तरफ पीठ करके खड़ी थी।
जब राजेश अपनी कमरे मे जाने लगा तब सुनिता पिछे मुडकर उसे देखने लगी।
स्वीटी _मां, दिन भर तो तुम परेशान हो रही थी की भइया अभी तक आया नही कोई खबर भी नहीं अब जब आया तो उससे पूछी नही की तुम कहा थे? ऐसा क्यू? कोई बात है क्या?
सुनीता _तुमने तो पूछा न की वह कहा था? उसने बताया भी कि वह दोस्तो के साथ था, उसे कुछ काम था। मैने सुना। अब और क्या पूछती। अब जाओ तुम भी अपने कमरे मे और पढ़ाई करो।
स्वीटी _जा रही हूं। पर मुझे तो लगता है जरूर कोई बात है।
स्वीटी अपने कमरे में चली गई, और पढ़ाई करने लगी। उधर राजेश भी अपने कमरे मे जाकर पढ़ाई करने लगा।
रात में भोजन करते समय भी राजेशखामोश रहा, किसी सेकुछ बात नही किया। सुनिता और राजेश के बीच कोई बात न huwa, सुनिता नजरे चुराती रही। भोजन करने के बाद राजेश, स्वीटी एवम शेखर तीनो अपने कमरे में चले गए।
राजेश पढ़ाई करने लगा।
इधर सुनिता कीचन का काम निपटा लेने के बाद अपने कमरे में सोने चली गई, पर वह बेचैन थी उसे नींद नहीं आ रही थी।
वह सोचने लगी अगर कल जो घटना घटित huwa उसके बारे में राजेश ने किसी से कुछ कह दिया तो अनर्थ हो जायेगा। स्वीटी भी सक करने लगी है कि कोई बात है। मुझे राजेश से बात करना होगा।
परिस्थिति को सामान्य बनाना होगा। शेखर और स्वीटी को नहीं लगना चाहिए कि हम दोनो के बीच कुछ ठीक नहीं।
सुनिता ने अपना मोबाइल पसे राजेश को मेसेज किया कि तुम छत पर आओ, मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।
राजेश उस समय पढ़ाई कर रहा था, उसे मेसेज आने की बेल सुनाई पड़ा। तो उसने चेक किया की किसने मेसेज किया है।
वह देखा की उसकी मां का मैसेज है और उसे छत पर आने को कह रही है।
वह अपने कमरे से निकलकर छत की ओर जाने लगा। जब वह छत पर पहुंचा तो सुनिता पहले से मौजूद थी।
सुनिता राजेश की ओर पीठ कर खड़ी थीं।
राजेश अपनी मां से बोला क्या बात हैं? मां।
सुनिता _मुझे तुमसे जरूरी बाते करनी है और वह चुप हो गई।
राजेश _ झिझकते,सहमते हुवे कहा,बोलो मां क्या बात है?
सुनिता _बेटे हमारे बीच कल जो कुछ भी huwa उसके बाद मैं तुमसे नजरे मिलाने लायक नहीं रही है। मै तो शेखर से भी नजरे नही मिला पा रही। जो पाप हमारे बीच huwa वह नही होना चाहिए था। मै अपवित्र हो गई। पता नही तुम मेरे बारे में क्या सोच रहे होगे।
राजेश _नही मां, आज भी तुम मेरे लिए उतनी ही पवित्र हो जितना पहले थी। मेरे मन में तुम्हारे प्रति सम्मान पहले से कम नहीं हुआ। आज भी तुम मेरे लिए पहले की तरह ही हो।
सुनिता _बेटे एक बार जब मर्यादा टूट कर पाप जन्म ले लेता है इंसान कितने भी कोशिश करले मन में कभी न कभी फिर पाप जागृत हो ही जाती है।
मै तुम्हे ये कहने के लिए बुलाई थी कि कल जो भी हमारे बीच huwa उसकी चर्चा भूल कर भी किसी से न कहना, नही तो अनर्थ हो जायेगा। येसमाज हमे जीने नही देगी।
राजेश _मां, ऐसी बातें मैं किसी से कैसे शेयर कर सकता हूं, मां क्या मै इतना न समझ हू?
सुनिता _जानती हू मेरा बेटा समझदार है फिर भी कब क्या हो जाय कुछ कहा नहीं जा सकता इसलिए तुमसे बात करना आवश्यक समझी।
हमे घर में भी सामान्य स्वीटी और शेखर के सामने सामान्य व्यवहार करना होगा। उन्हे नही लगना चाहिए की हमारे बीच कुछ huwa है।
राजेश _जी मां।
सुनिता _और एक बात का ध्यान रखना होगा, कल जो कुछ भी huwa उसे एक बुरा सपना समझ कर भूलना होगा। और पहले की तरह मेरे करीब न आना। मै नही चाहती की जो पाप हमारे बीच कल huwa उसकी पुनरावृत्ति फिर कभी हो। मुझे वचन दो की अपने मन में मेरे लिए कभी पाप नही लाओगे।
राजेश _मां मै तो हमेशा तुम्हे खुश देखना चाहता हूं। मै वादा करता हूं की मैं ऐसा कोई भी कार्य नही करूंगा जिससे तुम्हारा दिल दुखे।
सुनिता _मुझे तुमसे यही उम्मीद थी बेटे, मेरे भरोसे को बनाए रखना। हा अब तुम पढ़ाई पर ध्यान दो मै चाहती हूं की तुम पड़ लिख कर, बड़ा अफसर बनो।

, और सुनो तुम सुमन के घर २दिन और चले जाना, उसकेे बाद तुम नही जाओगे। रोज रोज जाने से लोग सवाल उठाने शुरु कर देंगे मै नही चाहती की तुम्हारे चरित्र पर लोग कोई सवाल उठाए।

राजेश _ठीक है मां।


सुनिता _रात काफी हो चुकी है अब तुम अपने कमरे मे जाकर आराम करो।
राजेश _ठीक है मां, गुड नाईट मॉम।
सुनिता _गुड नाईट बेटा।
वे दोनो छत से नीचे अपने कमरे मे सोने चले गए।
अगले दिन प्रतिदिन की तरह राजेश और स्वीटी बाइक में कालेज जा रहे थेकि रास्ते में बाइक पंचर हो गया।
स्वीटी _भइया क्या huwa, बाइक क्यू रोक दी।
राजेश _स्वीटी, लगता है बाइक पंचर है।
स्वीटी _भइया कालेज का समय हो चुका है। मै पहला पीरियड मिस करना नही चाहती।
राजेश _स्वीटी, ऐसा करो तुम आटो से कालेज चली जाओ। मै कोई ऑटो देखता हू।
वे दोनो ऑटो का इंतजार करने लगे।

तभी एक कार उनके पास से गुजरा। उस कार में बैठी थीं, निशा और उसकी सहेली सीमा।

निशा _ड्राइवर जरा कार रोकना।

सीमा _क्या huwa निशा कार क्यू रुकवा दी।

निशा _राज और उसकी बहन स्वीटी है न देखो तो।

सीमा _कार से पीछे देखने लगीऔर बोली हां राज और स्वीटी खड़ी है। पर दोनो रास्तेमें खड़े क्यू है?

निशा ड्राइवर से बोली, ड्राइवर ज़रा कार पीछे लेना।

ड्राइवर कार को पीछे ले गया जहां राजेश खड़ा था।

सीमा कार का शीशा नीचे सरका कर हैलो राज, साप लोग यहां कैसे खडे है? कालेज नही जाना क्या?

राजेश _ सीमा, हम कालेज ही जा रहे थे पर बाइक पंचर हो गया। क्या एक हेल्प करोगी? स्वीटी लो साथ लेलो।

सीमा _क्यू नही। और तुम।

राजेश _मै देखता हूं कोई आस पास पंचर बनाने वाला हो तो, मै थोडा लेट से कालेज आ जाऊंगा।

सीमा _कार का दरवाजा खोलकर बोली। आओ स्वीटी बैठो।

Switi थैंक्यू दी।

स्वीटी कार में बैठ गई।

निशा ने सीमा से कहा, राज से पूछो क्या उसे कार चलाने आता है।

सीमा _राज क्या तुम्हे कार चलाने आता है?

राजेश _हा, पर क्यू?

निशा _सीमा से बोली राज से बोलो की तुम भी आ जाओ। ड्राइवर,बाइक बनवा कर कालेज छोड़ देगा।

निशा ड्राइवर से बोली,जफर तुम देखो बाइक को क्या प्राब्लम है। बाइक ठीक करा कार कालेज ले आना।

जफर _ठीक है मैम।

जफर कार से उतर जाता है।

सीमा _राज अब इस कार को तुमको ही कालेज लेजाना है। हमारी मैम साब यही चाहती है।

राजेश ड्राइविंग सीट पर बैठ गया।

सीमा _मुझे लगता है की हम तीनो में से एक को सामने वाली सीट पर बैठनी चाहिए।

सीमा निशा के कानो में बोली, मैम साब आप बैठना चाहोगी ए मै बैठ जाऊंऔर वह मुस्कुराने लगी।

निशा _कार से उतरकर सामने वाली सीट पर आकर बैठ गई।

राजेश _कार स्टार्ट कर दिया।

दरअसल निशा कालेज की सबसे अमीर बाप की लडकी थी। वह बी काम सेकंड ईयर की छात्रा थी। वह विशाल एंड सुजाता ग्रुप के मालिक की इकलौती संतान थी। राजेश से जूनियर और स्वीटी की सीनियर थी।
Rajesh Bhai story maa bete per lao.
 

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तीसरे दिन सुबह कमला चंदन के कमरे मे अकेले ही जानें का फैसला किया उसके पिछे कारण था कि वह शुद्धिकरण के समय न चाहते हुए भी काफ़ी उत्तेजित हो जाती थीं और उसके मुंह से सिसकारी निकलने लगती थीं। जिसके कारण बाद में वह बेटी के सामने लज्जित महसूस करने लगी थी।

चंदा भी अपने मां को छेड़ने में कोई मौका नहीं छोड़ती थी। और मजा लेती थी। कमला शर्म से पानी पानी हो जाती थी। अतः उसने उसने अब चंदन के कमरे मे अकेले ही जानें का मन बनाया।

तीसरे दिन सुबह वह अकेले ही चंदन के कमरे में पहुंचीं। इधर चंदन अपनी मां और दीदी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। उससे रहा न जा रहा था। उसे अपनी मां का शुद्धिकरण करने में जो मजा आ रहा था उसे मजे को फिर से प्राप्त करने के अहसास से ही उसका land उसके धोती में ही तनकर खड़ा हुआ था।
उसने अपने मां को अकेले देखकर पूछा।

चंदन _मां दीदी नही आई।

कमला _बेटा चंदा सो रही है उसे क्या रोज रोज परेशान करना।

कमला पलंग पर बैठ गई। और बोली चंदा का होना जरूरी है क्या? बोलो तो बुला लाऊं।

चंदन _नही मां ऐसी कोई बात नही।

कमला अब पलंग पर पीठ के बल लेट गई, और चंदन से बोली बेटा पूजा का समय हो हो गया है बेटा जल्दी करो।

चंदन _ठीक है मां।

चंदन तो पहले से ही तैयार था जोश के कारण उसका शर्म भी कम हो गया था। वह अब अपना धोती और चड्डी क़मर से अलग कर दिया जिससे उसका land हवा में लहराने लगा। वह अपने land को अपने हाथो में लेकर सहलाने लगा।

कमला की नज़र जब चंदन के land पर पड़ी तो वह शर्मा गई। अब वह अपने साड़ी और पेटिकोट को उपर उठाकर अपना टांगे फैला दी।

चंदन समझ गया कि उसे क्या करना है? वह अपने मां के टांगों के बीच आ गया। कमला की नज़र उसके land पर ही टिकी थी। उसका दिल की धड़कन बढ़ गया था कि फिर से वह अपने बेटे से chudne वाली हैं।

चंदन अपनी मां की फुली हुई चिकनी गोरी chut को देखा तो उससे रहा न गया वह उसे अपने हाथो से सहलाने लगा। चंदन का हाथ उसके chut पर लगते ही कमला का शरीर सिहर उठी।

कुछ देर तक सहलाने के बाद चंदन अपने ऊंगली से अपने मां के भगनाश को रगड़ा जिससे कमला सिसकने लगी उससे बर्दास्त ना हुवा तो वह चंदन से बोली बेटा जल्दी करो समय हो चुका है।

अब चंदन अपने land के टोपे को अपने मां के योनी के छेद में रख कर थोडा दबाव डाला जिससे उसका land का टोपा boor के अंदर चला गया। फिर एक जोर का धक्का मारा जिससे land boor को चीर कर आधा से ज्यादा अंदर चला गया।

कमला के मुख से आह निकल गई थीं।

अब चंदन अपने land ko धीरे से बाहर खींचा और फिर योनी के अंदर ठेल दिया। अब धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू किया। जिससे कमला उत्तेजित होने लगी। कमला के योनी से सफेद चिपचिपा रस निकालने लगा। जिससे योनि कीअंदर की दीवार चिकना हो गया अब land बड़ी आसानी से योनी में अंदर बाहर होने लगा।

Land अब पुरी तरह कमला के योनी में समा गया था। और गपागप अंदर बाहर होने लगा। कमला आंखें बन्द कर संभोग सुख का आनंद लेने लगी।

चंदन को भी बहुत मजा आने लगा। चंदन की नज़र उसके मां की चूचों पर पड़ी उसे चूचों से खेलने का मन huwa। वह ब्लाउज के उपर से ही चूचों को मसलने लगा। चंदन जोश में होने के कारण शर्म को काफ़ी पीछे छोड़ दिया था। उसे chut चोदने में बड़ा मजा आ रहा था।

चंदन के चूची मसलने से कमला की उत्तेजना और बड़ गई। इधर चंदन भी जोश में था उसने अपने मां की चूची का दीदार करने के लिए उसके ब्लाउज का बटन खोलने का प्रयास किया। वह सफल न हो सका तो वह अपनी मां से बोला।

चंदन _मां खोलो ना।

कमला शर्मा गई पर वह भी काफ़ी उत्तेजित थी। वह ना चाहते हुए भी अपने ब्लाउज का बटन खुद खोलने लगी कुछ ही देर, में कमला के चूचे ब्लाउज से आजाद होकर चंदन के सामने आ गया।

चंदन अपनेमां कीबड़े बड़े बड़े मम्मे देखकर बोला

चंदन _मां तुम्हारी दुदू तो बड़े मस्त है।

चंदन के मुंह से यह शब्द सुनते ही कमला शर्मा गई। और शर्म से अपनी आंखें बन्द कर ली।

इधर चंदन से रहा न गया और मम्मो को अपने हाथो से लेकरउससे खेलने लगा उसे दबाने लगा। जब उसके चुचक को मुंह में लेकर चूसा तो कमला अपने आंखें पलटने लगी।

उसके मूंह से सिसकारी निकलने लगी। इधर चंदन समझ गया था कि ऐसा करने से उसके मां को भी मज़ा आ रहा है। वह अपने मां की निप्पल को चूसते हुए जोर जोर से चोदने लगा।

जिससे कमरे मे fach fach gach gach की आवाज़ गूंजने लगा मां बेटा दोनो ही जन्नत में पहुंच गया।

चंदन ने देखा की उसकी मां अपनी आंखें बन्द कर chudai ka मजा ले रही है वह निप्पल चूसना बंद कर दिए और अपने मां के होन्टो को अपने मुंह में भर कर चूसने लगा।

कमला ने अपने आंखें खोली और बोली बेटा ये क्या कर रहा है? मै तुम्हारी मां हू बीवी नही।

चंदन _मां बहुत मजा आ रहा है। चुसने दो ना।
और वह अपने मां के ओंठ और गाल उसके गर्दन को चूमने लगा।

कमला भी काफ़ी उत्तेजित थी। वह चंदन का विरोध करने की स्थिति में नही थी। क्यों की चंदन की इन हरकतों से उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था।

इधर चंदन अपने मां के honto को चूसते हुए land को योनी में अंदर बाहर कर रहा था।

कमला अब झड़ने की स्थिति में पहुंच गई थी। वह अपने क़मर हिलाकर चंदन का सहयोग करने लगी। अब चंदन अपने मां की चूची को जोर जोर से मसलते हुए।land se योनी की दनादन chudai करने लगा। मां बेटे दोनो संभोग की असीम सुख को पा रहे थे।

कमला को ऐसा सुख अपने पति से कभी नही मिला था। लगातार उसके मुंह से सिसकारी निकल रही थी। कमला से बर्दास्त नहीं huwa और वह झड़ने लगी इधर चंदन भी जोर जोर से धक्का लगाते हुए कहराते हुवे अपने मां के योनी में झड़ने लगा।

उसके land se वीर्य के लंबी लम्बी पिचकारी कमला के कोख में छोड़ने लगा। और अपने मां के ऊपर ढेर हो गया। कमला चंदन के पीठ को सहलाने लगी।

चंदन अपने मां के उपर वैसे ही पड़ा रहा जब दोनो होश में आए। तब कमला को बहुंत शर्मिंदगी महसूस होने लगी। वह चंदन से बोली।

कमला _उठो बेटे।

चंदन अपने मां के उपर से उठकर पलग पे लुड़क गया और पीठ के बल वैसे ही नंगा लेटा रहा।

इधर कमला शर्मीदगी महसूस करते हुवे पलंग से उठ कर अपने साड़ी और पेटिकोट ठीक की और अपने ब्लाउज का बटन लगाने लगी। उसे अपने बेटे से नज़र मिलाने की हिम्मत नहीं थी जबकि चंदन अपने मां को ही देख रहा था।

कमला शर्म के मारे एक पल भी वहा न रुकी और वहा से चली गई।

इधर चंदन मुस्कुरा रहा था। उसने आज फिर से संभोग का परम सुख जो पाया था।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
 
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