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Incest यह क्या हुआ

Ajju Landwalia

Well-Known Member
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इस घटना के बाद से राजेश गुम सुम सा रहने लगा।
उधर निशा की हालात भी कुछ ऐसी ही थी। खाने पीने का उसका मन नही करता।
नौकरानी _निशा बेटा, सुबह से आज कुछ नही खाई है। उधर मालकिन का भी खाने का मन नही है।

पता नही घर को किसकी नजर लग गई है।
मालिक तो बीमार पड़े हुवे है इस बात की जानकारी उन्हें देना उचित भी नहीं।
निशा गुमसुम अपने बेड पर लेटी हुई थी। उनकी आंखों से अब भी आंसू बह रहे थे।
कुछ देर बाद सुजाता आई।
सुजाता _बेटा चलो कुछ खालो। सुबह से कुछ खाई नही है। कब तक आंसू बहाती रहेगी। उस धोखेबाज के लिए।
निशा _मॉम तुमने भी तो अब तक कुछ नहीं खाई है।
सुजाता _मुझे तो भूख ही नहीं लग रही बेटा।
निशा _मॉम मुझे भी भूख नहीं।
उस दिन दोनो मॉ बेटी कुछ खाई ही नहीं।
दूसरे दिन निशा ने जब देखा कि उसकी मां भी भूखी है तो उसने अपनी मॉम को अपने हाथो से खिलाई और आंसू बहाना बंद कर दी।
सुजाता ने भी अपने हाथो से निशा को खाना खिलाया।
सुजाता _बेटा मुझे माफ कर दो मै नही जानती थी कि तुम राजेश से प्यार करती हो, नही तो मैं उसके साथ कभी आगे नहीं बढ़ती।
निशा _मॉम, इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है। गलती राज की है। वह हवशी निकला। एक औरत से उसका जी नही भरता। वह रण्डी बाज निकला। ऐसे लड़कों से मुझे शख्त नफरत है। अच्छा huwa जो मैने उससे अपनी प्यार का इजहार नही किया। नही तो वह मेरे भी जिस्म से खेल कर छोड़ देता । आई हेट राजेश मां। पता नही वह कितनी औरतों के साथ खेल चुका है।

इधर राजेश गुमसुम सा रहने लगा।
ज्यादा किसी से बातचीत नही करता। ठीक से खाना भी नहीं खाता।
सुनीता को इस बात का अहसास हो गया।
जब राजेश सुबह जिम के लिए निकल रहा था।
सुनीता _बेटा जरा इधर आना।
राजेश _क्या है मां?
सुनीता _बेटा कुछ दिनों से देख रही हूं। तुम गुमसुम सा रहते हों। खाना भी ठीक से नहीं खा रहें।
तुम पहले से काफी बदले बदले लग रहे हो। बेटा कुछ बात है क्या?
राजेश _नही मां, ऐसे कोई बात नही, आपको कुछ वहम हु़वा है। मै ठीक हू।
अच्छा मां मै जिम जा रहा हूं।
सुनीता _ठीक है बेटा।
राजेश चला गया।
राजेश के चले जाने के बाद, Sunita सोचने लगती है।
जरूर कोई बात है जो राजेश मुझसे छुपा रहा है।
उसे राजेश की चिंता होने लगती है।

भगत राजेश को काल करता है।
राजेश _बोलो भगत कैसे काल किए?
भगत _भाई, आपको पता ही है आज agkp वालो ने राजधानी में सभा का आयोजन किया है।
आज पार्टी प्रमुख आने वाले है। उसकी उपस्थित में मै पार्टी ज्वाइन करूंगा।
भाई आपको भी मेरे साथ चलना है।
राजेश _भगत मै सभा में आऊंगा, लेकिन तुम्हारे साथ नही। मै भीड़ में कहीं बैठा रहूंगा।
भगत _भाई आपके मार्ग दर्शन के बिना नहीं हो पाएगा।
राजेश _भगत मै हमेशा तुम्हारे साथ हूं। तुम्हे जब भी मेरी मदद की आवश्यकता पड़े मुझे याद करना।भगत तुम अपने सभी साथियों के साथ।agkp पार्टी ज्वाइन करो।
सभी सभी साथियों को जानकारी तो दे ही दिए होगे।
भगत _हां भाई।
राजेश _भगत आज से तुम अपनी जीवन की नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हो, इसके लिए मेरी ओर से बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
भगत _धन्यावाद, भाई।
निर्धारित समय अनुसार भगत अपने हजारों प्रसंशको के साथ agkp पार्टी ज्वाइन करने निर्धारित सभा स्थल पर पहुंच गया।
पार्टी के राज्य के अध्यक्ष ने उनका स्वागत किया।
जब पार्टी प्रमुख दिल्ली से वहा पहुंचा तो भगत को अपने बाजू बिठाया।
पार्टी प्रमुख ने अपने भाषण के बाद लोगो को यह जानकारी दिया की यह हमारे पार्टी के लिए गौरव की बात है की छात्र संघ के नेता, भगत हमारे आज से हमारे पार्टी में शामिल होने जा रहा है। हमे पूरा विश्वास है कि भगत हमारे पार्टी को इस राज्य में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। वह इस राज्य के हमारे पार्टी अध्यक्ष प्रमोद जी के साथ मिलकर काम करेगा।
मै भगत को हमारी पार्टी के राज्य के युवा मोर्चा का अध्यक्ष चुनता हूं। सभी कार्यकर्ताओं ने जमकर ताली बजाया।
पार्टी प्रमुख ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में हम सबकी परीक्षा होगी। हम सबको कठिन परीक्षा में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। भगत के आ जाने के बाद उम्मीद है हम अपने लक्ष्य में जरूर कामयाब होंगे।
पार्टी प्रमुख के भाषण के बाद। भगत को पार्टी का सपथ दिलाया गया।
भगत ने कहा,_मै शपथ लेता हूं की मैं सदा पार्टी हित के लिए काम करूंगा। पार्टी हित ही मेरे लिए सर्वोपरी होगी। मै पार्टी की गोपनीयता को बनाए रखूंगा।
आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को बहुमत दिलाने के लिए पूरी तन मन धन से प्रयास करूंगा।
पार्टी प्रमुख ने जो मुझ पर विश्वास दिखाया है उसकी अपेक्षा पे खरा उतरूंगा। आज मै और मेरे साथी एजीकेपी पार्टी में शामिल होकर अपने को गौरांवित महसूस कर रहे है। क्यू कि इस पार्टी आम गरीबों की हित के लिए कार्य कर रही हैं।
भगत के भाषण के बाद सभी कार्यकर्ताओं के अंदर जोश भर गया।
राजेश भीड़ में बैठ कर भगत का भाषण सुन रहा था।
भाषण खत्म होने के बाद भगत की नजरे राजेश को तलाश कर रहा था। वह इधर उधर ढूंढ रहा था लेकीन मीडिया वाले भगत को घेर लिए और उससे प्रश्न करने लगें।
जिसे टीवी चैनलो पर सीधा प्रसारण किया जा रहा था।
मीडिया से मुक्त होने के बाद राजेश को भगत ने ढूंढा पर वह जा चुका था।
भगत ने राजेश को काल किया।
भगत _भाई, आप कहा है? आप नही आए क्या? मै इधर उधर काफी ढूंढा।
राजेश _आया था भगत, भीड़ में बैठा था। कार्यकर्ता तुम्हारे पार्टी में शामिल होने से उत्साह में है। देखना तुम जरूर उचाइयो को छुओगे।
भगत _भाई मै तुम्हारे बिना कुछ नही कर पाऊंगा।
राजेश _मै हमेशा तुम्हारे साथ हूं भगत।
युवा मोर्चा का अध्यक्ष नियुक्त होंने के बाद राज्य के पार्टी अध्यक्ष के कहने पर पार्टी कार्यालय के पास ही उसे रहने के लिए आवास दे दिया गया, जहां भगत सिप्ट हो गया।
अगले दिन सीमा का जन्म दिन था। उसने अपने घर में पार्टी रखी थी। अपने सभी दोस्तो को आमंत्रित किया था।
राजेश, भगत उनके अन्य दोस्तो को भी आमंत्रित की थी।
शाम के समय सुजाता अपने ऑफिस से निशा को काल की।
सुजाता _बेटा तुम तैयार हो न आज सीमा का जन्म दिन है पार्टी में जाना है।
निशा _मां मेरा कही जाने का मन तो नही कर रहा है, पर सीमा का जन्म दिन है तो जाना ही पड़ेगा। तुम उसके लिए कोई अच्छे से गिफ्ट लेते हुए आना।
सुजाता _ठीक है बेटा तुम तैयार रहना।

निशा _ठीक है मॉम
इधर भगत ने राजेश को फोन लगाया,,
भगत _भाई आज सीमा का जन्म दिन है तुम तैयार हो न जाने के लिए।
राजेश _भगत, वहा निशा जी भी होगी, मै उसके सामने नहीं जा पाऊंगा। मै उसकी नजरों में गिर चुका हूं।

भगत _भाई सीमा जी हमारी बहुत अच्छी दोस्त हैं। अगर हम नही गए तो वह बुरा मान जायेगी। अगर मै अकेला गया तो तुम्हारे बारे में पूछेगी। मै क्या जवाब दूंगा?
भाई जो हो गया उसे भुल जाओ। हो सकता है निशा जी से आपको माफी मांगने का मौका मिल जाए।
मै आपको लेने आ रहा हूं।
भगत दोस्तोके साथ , राजेश के घर पहुंचा और उसे जिद कर अपने साथ ले गए।
इधर पार्टी की सारी तैयारियां हो चुकी थीं।
निशा और सुजाता भी पहुंच चूके थे।
केक काटने का समय हो चुका था।
सीमा, राजेश और उसके दोस्तो का ही इन्तजार कर रही थी।
सुजाता _सीमा बेटा, और कोई मेहमान आना बांकी रह गया है क्या?
केक काटने का समय हो गया है।
निशा _हां सीमा चलो केक कांटो।
सीमा को लगा शायद राजेश नही आयेगा।
वह के काटने वालीथीं। तभी राजेश और उसके दोस्त वहा पहुंचे ।
राजेश ने सीमा को जन्म दिन की बधाई दिया।
निशा वही खड़ी थीं।
निशा _सीमा, आवारा लोगो को पार्टी में बुलाने की क्या जरूरत थीं?
भगत ने सीमा को बधाई दिया उसके बाद निशा से बात किया।
निशा जी कैसी है आप,
निशा _मुझे आवारा लोगो के दोस्तो से,,
कोई बात नही करनी।
राजेश निशा से अपनी नजरे बचा रहा था।
इधर सीमा ने केक कांटी।
सभी ने ताली बजाकर सीमा को जन्म दिन की बधाई दिया।
सभी नाचने गाने लगे।
तभी सीमा ने राजेश से रिक्वेस्ट किया की मेरे जन्म दिन पर कोई गीत सुनाए।
सीमा और भगत के जिद करने पर राजेश ने गीत गाना शुरु किया,,
खीजा के फूल पे आती कभी बहार नहीं,,,,
मेरे नसीब में ऐ दोस्त तेरा प्यार नही,,,,


गाना सुनकर सीमा और भगत भावुक हो गए।
निशा वह पार्टी में और न रुक सकी और भागते हुए।
अपने घर पहुंची सुजाता भी निशा के पीछे पीछे चली आई।
घर आने के बाद निशा अपने कमरे मे आकर, बेड में बैठ कर फूट फूट कर रोने लगी,,,,
सुजाता निशा को गले लगा कर चुप कराने लगी।

सुजाता _बेटा, मुझे लगता है राजेश को तुम्हे एक मौका देना चाहिए।
निशा _नही मां, मेरे दिल में अब उसके लिए कोई जगह नही है।
सुजाता _ तू राजेश के बिना रह पाएगी।
निशा _मॉममै एक आवारा को अपना जीवन साथी कभी नहीं चुन सकती।
मैने फैसला किया है कि मैं हमेशा के लिए लंदन चली जाऊंगी। क्यू की यहां रहूंगी तो,,, राज मुझे कमजोर बना देगा। मै उसे भुल जाना चाहती हूं।

Bahut shandar update he rajesh bhagat BHai,

Riya aakhirkar apne maqsad me kamyab ho hi gayi............Nisha ke man me nafrat ka vo beej bo diya he, jo jaldi se nahi mitne wala

Kahani ne ab ek naya mod le liya he..............

Nisha aur Rajesh dono hi ek dusre se dur ho jayenge kuch samay ke liye..........

Keep rocking Bro
 

Sanju@

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सुनीता अपने बेड से उठी और आईने के सामने आकर, अपने कपड़े ठीक की, थोड़ा मेकप किया अपने शरीर पर सुगंधित इत्र को छिड़की और राजेश की कमरे की ओर जानें लगी।
जब वह राजेश के कमरे के सामने पहुंची, उसने दरवाजे को धक्का दिया पर दरवाजा खुला नही, अदंर से बंद था।
सुनीता दरवाजा खटखटाना चाही, पर उसे लगा की दरवाजा खटखटाई तो स्वीटी उठ जाएगी।
वह निराश हो गई। उसकी chut में आग जो लगी थीं।
वह निराश होकर, अपने कमरे में जाकर फिर से लेट गई। और सोने की कोशिश करने लगीं।
लेकिन उसकी बुर की खुजली गई नही थी, वह अपनी बुर को जैसे ही खुजाई,chut की खुजली और बढ़ने लगी। वह अपनी एक उंगली से अपनी बुर की भगनाशा रगड़ने लगी, जिससे उसकी chut की आग और धधकने लगी, अब उसे बर्दास्त करना मुस्किल हो गया।
वह अपने पति की ओर देखा जो इस समय नींद में खर्राटे भर रहा था।
उसे पहली बार अपने पति पर गुस्सा आया,
देखो तो इन्हे तो मेरी कोई चिंता ही नही है, मेरी chut में आग लगा कर कैसे बेफिक्र होकर सो रहा है।
अगर यह आग नही बुझी तो लगता है आज मै मर ही जाऊंगी।
तब उसने अपने मोबाइल पे राजेश को मिस काल किया।
राजेश सो रहा था।
जब उसकी मोबाइल बजने लगा तो, उसकी नींद खुल गई।
उसने देखा मां ने काल किया है,, इस वक्त
उसने काल उठाया, पर सुनीता ने काल काट दी।
राजेश _मां ने मोबाइल रख दिया,,, आखिर बात क्या है?
इधर सुनीता ने राजेश को वॉट्सएप पे मेसेज की,,
बेटा सो गया था क्या?
राजेश ने वॉट्सएप पर मेसेज पड़ा, और जवाब दिया,,

राजेश _मां इस समय , कुछ काम था क्या?
सुनीता ने और राजेश के बीच चैटिंग होने लगीं,,
सुनीता _हां, बेटा काम तो था, पर सोचती हूं रहने ही दो, क्यू खामोखा तुम्हारी नींद खराब करू।
राजेश _मां बताओ ना, क्या काम है इसमें नींद खराब की क्या बात? आपके लिए तो मैं सारी उम्र जागने तैयार हूं।
सुनीता _वो बेटा क्या है कि आज काफी दिनों बाद होटल में डांस की न तो लगता है मेरी कमर पकड़ लिया। कमर दर्द कर रही है। मूव से मालिश कर देते तो, कुछ राहत मिल जाती।
राजेश _बस इतनी सी बात, मै तो डर ही गया था। कही कोई बड़ी समस्या तो नहीं।
सुनीता _नही बेटा, और कोई समस्या नहीं है।
तुम्हारे पापा तो नींद में खर्राटे भर रहा है,उसे जगाना उचित नहीं समझी।
राजेश _पर मां आज तो आप दोनों की सादी की सालगिरह है न, आज तो पापा को जागना चाहिए। आज भी इतना जल्दी सो गया।
सुनीता _अरे बेटा तुम्हारे पापा जाग कर करेंगे भी क्या?
राजेश _क्यू मां, आज की रात को पति को जागकर अपनी पत्नी को खूब प्यार करना चहिए।
सुनीता _अरे बेटा, इस उम्र में रात भर जाग कर पत्नी से प्यार करना हर किसी की बस की बात थोड़े ही है।
राजेश _मां इसका मतलब पापा आपको उसकी सैर कराने नही ले गए।
सुनीता _किसकी सैर बेटे मै कुछ समझी नहीं।
राजेश _मां, उसकी सैर मां जहां पति अपनी पत्नी को ले जाता है?
सुनीता _बेटा, मै सच में समझी नहीं, ठीक से बताओ।
राजेश _मां तुम भी न जानकर भी भोली बनती हो।
जन्नत की बात कर रहा हूं,,
सुनीता _बेटा, तुम्हारे पापा तो मुझे कभी नहीं ले गए मुझे जन्नत की सैर कराने।

वैसे भी बेटा ये जन्नत है कहा जो कोई सैर करने जाए।
राजेश _मां ये क्या कह रही हो? आप ही ने तो बताया था कि जब एक मर्द स्त्री को जी भर कर ओ करता है तो स्त्री को जन्नत का मज़ा मिलता है।
सुनीता _क्या करने से स्त्री जन्नत में पहुंच जाती है बेटा, मै कुछ समझी नहीं,,
राजेश _मां आप ने ही तो बताया था, आज भोली बन रही हो,,
सुनीता _अरे बेटा मै ने तुम्हें क्या बताया था मुझे तो कुछ याद ही नहीं रहा,,
खुल कर बताओ।
राजेश _खुल कर, बताया तो आप बुरा मान जाएगी।
सुनीता _अरे नही बेटा मै बुरा नही मानूंगी बताओ,,
राजेश _मां आपने ही तो कहा था कि एक मर्द जब स्त्री को जी भर कर चोदता है तो औरत को खूब मज़ा आता है वह जन्नत में पहुंच जाती है।
सुनीता ने जब चोदता शब्द पड़ी तो उसकी दिल जोरो से धड़कने लगी उसकी बुर पानी छोड़ने ने।
उसने राजेश को मेसेज की,,
सुनीता _औरत को जन्नत में ले जानें के लिए बेटा पुरुष के राकेट काफी मजबूतऔर उसमे ईंधन भी खूब होना चाहिए।
राजेश _मतलब पापा आपको जन्नत की सैर नही करा पाए।
सुनीता _बेटा तुम्हारा पापा का राकेट तो कुछ दूर उड़ान भरने के बाद क्रेश हो जाता है, वो कहा किसी औरत को जन्नत पे ले जायेगा।
राजेश _तो ये बात है?
मां आप बुरा न मानें तो एक बात कहूं,,
सुनीता _क्या? कहो ना,
राजेश _नही मानूंगी बाबा, बोलो।
राजेश _
मां आपको निराश होने की आवश्कता नही है। आप चाहो तो मेरे राकेट में बैठ कर जन्नत की सैर कर लो।
मेरा राकेट में खूब ईंधन है। वह तुम्हें जन्नत की सैर कराकर ही लौटेगा। वैसे आप पहले भी तो मेरे राकेट पे बैठ चुकी हो।
आप ही बताओ मेरे राकेट ने आपको जन्नत की सैर कराया था की नही,,
राजेश _मां, बताती क्यू नही?
ठीक है आपको नही बताना है तो चैटिंग बंद करता हू।
तभी सुनीता ने मेसेज की,
सुनीता _हां,
राजेश _क्या, हां मां पुरा जवाब दो।
सुनीता _मुझे लिखने में शर्म आ रही,,,
राजेश _अच्छा ठीक है मैं जो आपसे पूछुंगा उसका हां या न में सच सच जवाब देना,,,
बोलो दोगी,,,
नही तो चैट करना बन्द करते हैं,,
सुनीता _ठीक है बाबा,, पूछो,
राजेश _ये हुई न बात।
अच्छा बताओ,,,
आज आपको पापा पर बड़ा गुस्सा आ रहा है? हा या न
सुनीता _ये कैसा प्रश्न है?
राजेश _सच सच जवाब दो नही तो mobile रखता हूं।
सुनीता _तुम भी न बहुंट जिद्दी हो,,
राजेश _ये मेरे सवालों का जवाब नही है।
लगता है आपका मन नही जवाब देने की, मै मोबाइल रखता हूं
सुनीता _हां बाबा, मुझे बड़ा गुस्सा आ रहा है तुम्हारे पापा पे।
राजेश _गुड ये हुई न बात।
मेरा दूसरा प्रश्न।
आज आपके कमर पे कोई दर्द नही हो रहा, तुम मुझसे झूठ बोल रही हो।
सुनीता _हां।
राजेश _मेरा तीसरा प्रश्न।
तुम्हें चुदने का बड़ा मन कर रहा है।

सुनीता _छी कितना गंदा सवाल पूछता है, बेशरम कही का।
राजेश _आपको उत्तर नही देना है तो मोबाइल रखो। मै भी सो जाता हूं।
सुनीता _तू तो बेशर्म है ही मुझे भी बेशरम बनने के लिए मजबूर कर रहा है।
राजेश _मां मैंने तो सिर्फ हा या न में जवाब पूछा है।
अब तुमको नही बताना है तो फ़ोन रख दो।
नही तो बताओ, आज तुम्हें चुदने का बड़ा मन कर रहा है न।
सुनीता _हां,,
गुड
राजेश _अब मेरे आखिरी प्रश्न का जवाब दो।
क्या तुम मुझसे चुदवाना चाहती हो,,,
बोलो,,,,
जल्दी जवाब दो,,
नही तो,,,,
चैटिंग बंद करो,,
जल्दी बताओ,,
सुनीता _हा,
सुनीता बडी मुस्किल से लिख पाई, इस समय उसे चुदने का बड़ा मन था। इस लिए बेशर्म बनकर जवाब दें दी।

राजेश _ये हुई न बात।
लेकिन मेरी एक शर्त है?
सुनीता_कैसी शर्त?
राजेश _आज हम सुहाग रात मनाएंगे, कल हनीमून।
सुनीता _मै कुछ समझी नहीं।
राजेश _आज रात भर तो खेलेंगे ही, कल मै कालेज नही जाऊंगा।
और घर में केवल मै और आप रहेंगी।
स्वीति के कालेज से आ जानें तक हनीमून मनाएंगे।
और आप मेरा हर कहा मानोगी। बोलो,,
सुनीता _मुझे तुम्हारी शर्त मंजूर नहीं,,,
राजेश _ठीक है मत मानो, मै भी सो जाता हूं मुझे भी बडी नींद आ रही है।
ओके गुड नाईट मां। स्वीट ड्रीम्स।
राजेश ने मोबाइल रख दिया।
इधर राजेश के साथ चैटिंग करने के बाद सुनीता की बुर और अधिक पानी बहा रही थी।
उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि वह क्या करे?
इधर राजेश का land भी इस गर्म गर्म चैटिंग से खड़ा होकर झटके मार रहा था।
उसे लग रहा था कि मां उसके कमरे में जरूर आएगी।
इधर सुनीता को बर्दास्त नही हो रहा था आखिर वह मजबूर होकर राजेश की कमरे की ओर जानें से पहले कीचन में गई और बादाम वाली दूध गिलास में ले लिया।
वह राजेश के कमरे के पास जाकर,दरवाजे को हल्के से धेकेली दरवाजा खुल गया।
राजेश को यकीन था की उसकी मां जरूर आएगी।
वह दरवाजे को खोल कर रखा था।

जब कमरे के अदंर प्रवेश की सुनीता ने अपने सिर पर घुघट डाल ली।
राजेश अपने बेड से खड़ा हो गया।
राजेश _मां मुझे यकीन था आप जरूर आएंगी।
सुनीता ने गिलास आगे बढ़ाते हुवे बोली,,
लो ये दूध पिलो,,
राजेश ने सुनीता को बेड में बिठा दिया।
राजेश _मै यह दूध तभी पियूंगा जब तुम मेरा शर्त मानोगी।
बोलो क्या तुम्हें मेरा शर्त मंजूर है?
सुनीता ने घूंघट के अदंर से हा में सिर हिलाया।
राजेश _ये हुई न बात!
राजेश _अब देखना मै कैसे आपको 18घंटे तक जन्नत की सैर कराता हूं?
राजेश दूध का गिलास लेकर, पीने लगा।
दूध पीने के बाद वह बेड पर चढ़कर सुनीता के सामने बैठ गया।
अपने दोनों हाथों से घूंघट पकड़ कर धीरे धीरे उपर उठाया।
सुनीता अपनी आंखे बंद कर रखी थी ।
राजेश _सुनीता की चेहरे को देखकर बोला।
मां कितनी खुबसूरत हो तुम, स्वर्ग की अप्सरा मेनका लग रही हो।
आंखे खोलो न।
सुनीता अपनी दोनों हाथी से अपनी चेहरा छिपाने लगी।
सुनीता _मुझे शर्म आ रही।
राजेश ने अपने दोनों हाथों से सुनीता की हाथ को पकड़ कर हटाया फिर उसकी माथे को चूम लिया।
सुनीता अपनी आंखे फिर से बंद कर ली।
राजेश अब सुनीता की ओंठ को चूमा।
सुनीता सिसक उठी।
राजेश सुनीता की गालों फिर गर्दन को चूमते हुए नीचे बड़ा।
उसकी चुनरी निकाल कर अलग कर दिया।
अब वह घाघरा और चोली में थी।
राजेश ने सुनीता को बेड पे लिटा दिया।
फिर उसकी गर्दन चूमते हुए नीचे बढा।
वह उसकी चोली का बटन खोल दिया।
सुनीता ब्रा नही पहनी थी।
चोली खुलते ही, सुनीता की चूची आजाद हो गया। राजेश ने दोनों चूचियों को मुंह में भर कर बारी बारी से चूसने एवम मसलने लगा।
सुनीता और अधिक गर्म हो गई, उसकी बुर पानी छोड़ने लगी।
राजेश नीचे गया और सुनीता की नाभी को चूमते चाटने लगा।
सुनीता के मुंह से सिसकारी निकलने लगी।
राजेश घाघरा को भी निकाल कर फेंक दिया। सुनीता पेंटी पहनी नही थी।
घाघरा खुलते ही, मस्त फूली हुई चिकनी chut राजेश के आंखो के सामने आ गया।
राजेश देर न करते हुए सुनीता की बुर को चाटने लगा।
जिससे सुनीता अत्यंत कामोत्तेजित हो गई।
सुनीता _बस कर बेटा, मुझसे और बर्दास्त नही होगा।
पर राजेश नही रुका, वह चाटता रहा।
सुनीता से बर्दास्त करना मुस्किल हो गया। वह अत्यंत उत्तेजित हो कर अपना सर पटकने लगी।
सुनीता _आह मां,, मर जाऊंगी मैं, बस कर अब चोद मुझे।
बेटा अब चोदो मुझे, मै मर जाऊंगी,,,,
सुनीता चीखी,,,
राजेश रुका नहीं और बुर की भग्नाशा को चाटने लगा।
सुनीता _आह मां मर गई मै,,,
अब चाटना बंद कर चोद मुझे,,
सुना नही, भड़वे मैंने क्या कहा?
अगर तू अपने मां का दूध पिया है तो चोद मुझे मादरचोद।
हवस में आकार सुनीता के मुंह से अब गाली निकलने लगी।
राजेश मुस्कुराने लगा,,
सुनीता _अरे भड़वे, तूने सुना नही मैंने क्या कहा? अब फाड़ मेरी बुर अपने घोड़े जैसी लैंड से। साले मुझे तड़फा रहा है,,,
राजेश _साली, गाली बकती है।
रण्डी की तरह, अब देख तेरी बुर कैसे फाड़ता हू।
राजेश ने अपना सारा कपड़ा निकाल कर पुरा नंगा हो गया।
और अपना लैंड सुनीता के मुंह में डाल दिया।
ले साली चूस, पहले मेरे लौड़े को।
सुनीता राजेश के land को मुंह में लेकर चूसने लगे।
राजेश उसका सिर पकड़ कर land उसके मुंह में अदंर बाहर करने लगा।
सुनीता, खो खो, करने लगी,,,
राजेश अब खड़ा हो गया।
वह सुनीता की कमर को उठाया और उसके नीचे तकिया लगा दिया।
फिर उसकी टांगो को फैला कर खुद उसके बीच उकड़ू बैठ गया।
अब राजेश अपना land पकड़ कर सुनीता की योनि द्वार में रख कर एक जोर का धक्का मारा।
फ़च की आवाज़ करता huwa लौड़ा बुर चीरकर आधा से ज्यादा अदंर चला गया ।
सुनीता _शाबास मेरे शेर,,, एक और जोर लगा, डाल दे पुरा अदंर,,
राजेश _ले साली,,,,
राजेश एक और जोर का धक्का मारा, पुरा land बुर के अदंर चला गया।land का टोपा सीधा बच्चे दानी से टकराया।
सुनीता _आह मां, मर गई रि,,,
राजेश अब दोनों हाथो से सुनीता की मस्त सुडौल चुचियों को थाम कर अपना लौड़ा सुनीता की बुर मे दनादन पेलना शुरु किया।
सुनीता के मुंह से चीख एवम कामुक सिसकारी निकल कर कमरे मे गूंजने लगी ।
राजेश इसी पोजीशन में लगातार सुनीता की गच गच चोदने लगा।l
सुनीता की योनि से पानी झरने की तरह बह रही थी।land बिना किसी रोक टोक के गप गप अदंर बाहर हो रहा था जिससे सुनीता जन्नत में गई।

वह राजेश को अपने टांगो से जकड़ ली और अपनी क़मर उसका सहयोग करने लगी।
राजेश _ले साली ले,, एक और ले आज तो तेरी बुर फाड़के ही रहूंगा। तेरी सारी खुजली आज ही दूर कर दूंगा।
सुनीता _चोद साले चोद, अपनी मां को और जोर से चोद, मादरचोद, बुझा मेरी प्यास, और जोर लगा, मेरी दूध नहीं पिया है क्या फाड़ मेरी chut
राजेश _साली रण्डी, आज से तुम मेरी रखैल है, तुम्हें तो रोज ही चोदूंगा, क्या मस्त मॉल है तू।
कसम से तेरी chudai में जो मजा आता है वह और कही नही,,
ले भोंसड़ी के chud अपने बेटे से,

राजेश और जोर जोर से चोदने लगा,

सुनीता _चोद भड़वे चोद, मै आने वाली हु, और जोर लगा,, सारी ताकत खतम हो गई क्या साले,,, चोद मुझे,,,
राजेश _और कस कस कर चोदते हुवे, दोनों हाथो से सुनीता की मस्त सुडौल चुचियों को मसल मसल कर दनादन चोदता रहा। ले साली, ले,,chud अपने बेटे के land से ,,,,
सुनीता अपने को और रोक न सकी और चीखते हुए झरने लगी,,
आह मां,, मै गई रि,,,,,, आह,,,,
वह राजेश को कसकर लपेट ली।
राजेश सुनीता के उपर लेट कर, उसकी ओंठ चूसने लगा।
सुनीता बिलकुल मूर्छित अवस्था में पड़ी रही।
राजेश भी अपना खड़ा land सुनीता की बुर में डालकर सुस्ताने लगा और अपना खोया ताकत फिर से प्राप्त करने लगा।
जब सुनीता होस में आई,,,
सुनीता _बेटा अब बस करो,,,
राजेश _क्या huwa मां शर्मा क्यू रही हो।
सुनीता _छी मै हवस में आकर, कितनी गंदी गंदी गालियां बक रही थी,,,
राजेश _मां मुझे, बुरा नही लगा,, मुझे तो और ज्यादा मज़ा आया, तुम्हारि मुंह से गालियां सुनकर मेरा जोश और बढ़ जाता है?
सुनीता _क्या तू सच कह रहा है?
राजेश _हां, बडा मजा आता है जब आप मुझे मादर चोद कहती है।
सुनीता _अच्छा,,
मै थक गई हूं थोड़ा सुस्ताने दे फिर कर लेना,,
Rajesh _क्या कर लूंगा? मै समझा नही?
सुनीता _अरे चोद लेना अपनी मां को। तू पुरा बेशरम है और मुझे भी बेशरम बना दिया है।
राजेश _सच मां तुम्हारी chudai में जो मजा आता है। वैसा कही और नही,,
सुनीता _चल हट झूठा कही का मेरी ढीली बुर में ज्यादा मज़ा आता है?
अब तक तूने कोई कुंवारी chut नही मारी है न इसलिए,,
जिस दीन तूने कुंवारी chut मार लिया अपनी मां की chut भूल जाएगा ।
सुनीता को मालूम नही था की राजेश ने स्वीटी का सिल तोड़ चुका है।
राजेश _अरे नही मां, जिस बिल से निकले हो उसी बिल में जानें में जो मजा है न वो मजा कही और नही। एक अलग ही मजा आता है।
सुनीता _अच्छा तो ये बात है।
राजेश _मां, अब दूसरा राउंड हो जाए।
सुनीता _बेटा, पहले मुझे तैयार तो करो।
राजेश सुनीता की बुर से अपना land निकाला और उसकी बुर को मुंह में भर कर चूसने लगा।
कुछ ही देर में फिर से सिसकने लगी,,
उसकी बुर में फिर से पानी भर गया।
सुनीता _बेटा, अब बस कर, अब चोदो मुझे,, अपने मूसल जैसे land से।
राजेश बुर चाटता रहा,, जिससे सुनीता फिर बहुत गर्म हो गई,,,
सुनीता _अबे कुत्ते, चाटता ही रहेगा की चोदेगा भी,,
तेरा बाप तो सिर्फ आग लगा ना जनता है बुझाना नही, साले तुभी सिर्फ चाट चाट कर आग भड़का रहा है,,, चोद मुझे भड़वे चोद अपनी मां को,,,
राजेश _साली रण्डी, तुम्हें तो kutiya बनाकर चोदूंगा। बन साली kutiya साली लौड़ी के,,,
सुनीता kutiya बन गई।
राजेश उसकी चुतड़ को चाटने लगा। उसकी गाड़ चाटने लगा।
जिससे सुनीता की हालात और खराब हो गई,,
सुनीता _अब डाल न re हराम खोर, क्यू तडफा रहा है अपनी मां को,, रण्डी की तरह चोद भड़वे,,,
राजेश _ले साली सम्हाल मेरे लौड़े को,,,
राजेश ने सुनीता की योनि के द्वार पर रख कर एक जोर का धक्का मारा जिससे land बुर को फाड़कर सरसराता huwa एक ही बार में अदंर घुस गया।
सुनीता _आह मां,,
कितना बडा है रि तेरा पुरा अदंर तक ठोकता है साला।
लगता है पेट में किसी ने रॉड डाल दिया है।
अब राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर अपने लौड़े को सुनीता की बुर में डालना शुरू कर दिया।
Land बुर में गच गच अदंर बाहर होने लगा।
सुनीता फिर सी एक बार जन्नत मे पहुंच गई।
सुनीता _, क्या मस्त चोदता है रि तू, आह मां,,,
आह सच में स्वर्ग की सैर कराता है re,,
आज से मैं तेरी रखैल,
मेरी असली मर्द तू है,,,
राजेश _साली, मै जब मांगूंगा मुझे देगी बोल।
सुनीता _हा, मै तेरी रखैल तू जब चाहेगा तुम्हें दूंगी,,
आह चोदो मुझे और जोर से,,
आह मां,,, मर जाऊंगी,,,
Chudai में ऐसा मज़ा, आह,, तू ही मेरा इस शरीर का असली मालिक है।
भोगों मुझे,,,,,
सुनीता चीखी _
राजेश,_, ले साली,kutiya,chud अपने बेटे के land से, जिस से ये बाहर निकला है आज फिर अदंर जाकर ही मानेगा ये,,
ले एक और ले
राजेश दनादन चोदता रहा,,
सुनीता की कामुक सिसकारी कमरे में गूंजती रही,,,
सुनीता _, आई,, आए आह मां ई,,,,
चोदो मुझे और जोर जोर से, चोदो मादरचोद,,,, अरे मैं तो भूल ही गई थीं की तू अपनी बहन प्रिया को भी चोद कर बहन चोद बन गया है।
राजेश _, अरे हां हा, मै मादरचोद हू, मै बहंचोद हू। मै मामी चोद भी हूं।

ले chud मुझसे, ले और ले साली, मर्दखोर कही की।
राजेश और जोर जोर से चोदने लगा।
कमरे में gach gach फैच फाच की आवाज़ गूंज रही थी।
सुनीता तो जन्नत की सैर कर रही थीं लगातार उसके मुंह से मादक सिसकारी निकल कर कमरे मे गूंज रही थी।
आह उन,, आह उई मां,,,
राजेश gach gach बुर चोदे जा रहा था। तभी उसकी नजर सुनीता की गाड़ पर पड़ी जो फूल और पिचक रहा था।
राजेश ने एक उंगली सुनीता की गाड़ में घुसा दिया।
सुनीता _अबे साले, पहले मेरी बुर की प्यास तो बुझाले तब गाड़ मारने की योजना बनाना,,
राजेश _चुप साली, बाकचोदी कही की क्या मस्त गाड़ है तेरी आज तो मैं गाड़ और chut दोनो फाडूंगा,
और राजेश एक उंगली गाड़ में डालकर अदंर बाहर करते हुए, दनादन बुर चोदने लगा।
सुनीता की तो हालत खराब होने लगीं। गाड़ और बुर दोनों की chudai होने से उसे अलग ही मजा मिलने लगा,
आह मां, आह, कुत्ते मै आने वाली हूं, और जोर जोर से चोद, मादर चोद,,,
राजेश ले साली रण्डी, ले आज तो तेरी बुर की सारी प्यास बुझा दूंगा।
ले एक और ले,,
राजेश और जोर जोर से gach gach चोदने लगा।
राजेश अब दो उंगली गाड़ में डालकर अदंर बाहर करने लगा।
सुनीता की जमकर chudai से वह अपने को रोक न सकी और सुनीता चीखते हुए,,
आह मां,, आह मैं गई,, मां,,,
सुनीता झड़ने लगी,,,
और बेड पर लुड़क गई।
राजेश उसके ऊपर ही लेट कर सुस्ताने लगा।
राजेश अपना land बुर से निकाला और एक ओर लुड़क गया।
उसका land अभी भी हवा में खड़ा हो कर झटकेमार रहा था, जिसे अपने हाथ से सहलाने लगा।
कुछ देर ऐसे ही दोनों पड़े रहे।
कुछ देर बाद,,
राजेश _मां आप ठीक तो है न।
सुनीता _हूं,,,
राजेश _मां इधर तो देखो।
सुनीता _न मुझे शर्म आ रही है।
राजेश _पर क्यू?
सुनीता _छी, मै कितनी गंदी गंदी गालियां दे रही थी।
आज से पहले मैंने कभी ऐसी गालियां नही दी है।
पता नही हवस में मुझे आज क्या हो गया है।
पता नही तू मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा।
राजेश _, मां, मैंने कहा न, मुझे भी मज़ा आया। तुम्हारे मुंह से गालियां सुनकर मेरा जोश बड़ जाता है।
इधर देखो न मेरा land तो अभी भी झटके मार रहा है, आपकी बुर में जानें के लिए।
सुनीता _न बाबा अब मैं थक गई हूं। अभी और नही।
राजेश _मतलब तुम्हारी बुर की आग बूझ गई।
सुनीता _हा,
राजेश _पर मेरा तो अभी huwa नही है न।
अभी तो मेरे land की प्यास बुझा नही है।
सुनीता पीठ के बल लेट गई।
उसने देखा राजेश का land और काफी लंबा और मोटा हो गया था जो हवा में झटके मार रहा था।
सुनीता _मतलब जब तक तू झड़ेगा नही, मुझे छोड़ेगा नही।
राजेश _तुम ही ने तो कहा था न अभी की आज से मैं तुम्हारा मर्द हूं।
तो क्या अपने मर्द को ऐसे ही बीच में छोड़ दोगे।
सुनीता _बाते बनाना तो कोई तुमसे सीखे। अभी मैं थक गई हूं बाबा, मुझे सुस्ताने दे। मुझे प्यास भी लगी है।
राजेश _मै तुम्हारे लिए पानी लेकर आऊ।
सुनीता _अरे नही, मै पानी पी कर आती हूं।
राजेश _कही आप भाग तो नही जाएंगी।
सुनीता _अरे नही बाबा, अपने मर्द को छोड़ कर भागी तो नुकसान मेरा ही है।
राजेश _वो कैसे?
सुनीता _तुम कही और मुंह मारने लगोगे।
सुनीता बेड से उठी और किचन की ओर जानें लगी।
जब वह दरवाज़े की ओर जा रही थीं तो उसकी मटकते चूतड को देखकर राजेश का land और झटके मारने लगा।राजेश अपने land को अपने हाथो से सहलाने लगा।
दरवाज़े से बहार निकलने से पहले जब सुनीता मुड़कर राजेश की ओर देखी दोनों की नजरे मिली, सुनीता शर्म के मारे पानी पानी हो गई।
सुनीता किचन में जाकर, पेट भर पानी पी।
फिर वह अपने बेड रूम की ओर गई। उसने देखा उसका पति अभी भी घोड़े बेच कर सो रहा है।
वह अपने कमरे में जाकर अपने आलमारी से चिकनाई वाला क्रीम ले ली, और अपने कमरे से निकल कर सीधे राजेश के कमरे की ओर चली गईं।
इधर राजेश अपने land को सहलाते हुवे,सुनीता की आने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था।
सुनीता जब कमरे में पहुंची, उसकी नजर राजेश के land पर गया जो अभी भी हवा में झटके मार रहा था। जिसे देखकर सुनीता मुस्कुराने लगी।
सुनीता कमरे में आने के बाद राजेश के बगल में आकर लेट गई।
राजेश एक हाथ से अपने land तो दूसरे हाथ से सुनीता की बुर रगड़ने लगा।
सुनीता का शरीर फिर गर्म होने लगा।
राजेश सुनीता के उपर आ गया और उसकी ओंठ को चूसने लगा।
राजेश _sunita की बुर चाटने लगा।
जिससे सुनीता फिर गर्म होने लगीं।
आह उन, आह,,,
सुनीता जब पूरी तरह गर्म हो गई।
वह बेड से उठी और राजेश को भी बेड से नीचे ले आया। फिर नीचे बैठ कर राजेश की land को मुंह में भर कर चूसने लगीं।
राजेश सुनीता का सिर पकड़ कर अपना land उसके मुंह में अदंर बाहर करने लगा।
कुछ देर तक मुंह चोदने के बाद राजेश ने तकिया फर्श पर रखा और नीचे फर्श पर पीठ के बल लेट गया।
और सुनीता को अपने उपर आने का इशारा किया।
सुनीता राजेश के land के उपर आकार खड़ा हो गई और राजेश के land को पकड़ कर अपने योनि के मुंह में रखकर बैठ गई।
Land सरसराता huwa अदंर चला गया।
अब सुनीता राजेश के land के उपर उछलने लगी।
राजेश ने सुनीता की क़मर को पकड़ कर नीचे से land को उसकी बुर में ठेलने लगा।
सुनीता राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
कमरे में गिर से fach fach की आवाज़ और सुनीता की मादक सिसकारी गूंजने लगी।

सुनीता फिर से जन्नत में पहुंच गई।राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर अपने land पर पटक पटक कर चोदने लगा।
दोनों पूरे जोश में थे, और संभोग सुख के परम आनंद को प्राप्त कर रहे थे,,
तभी सुनीता land को बुर से बाहर निकाल कर जोरसे चीखते हुवे,मूतने लगी।
आह मां, आह,,,

उसकी मूत की तेज धार राजेश के सीने पर गिरने लगा।राजेश मुस्कुराने लगा।
सुनीता फिर से land को बुर में डाल कर उछल कर कर चुदने लगी।
राजेश भी उसकी क़मर को पकड़ कर अपने land पर पटक पटक कर चोदने लगा कि कुछ देर में ही सुनीता फिर से land योनि से बाहर निकाल कर मूतने लगी।
सुनीता फिर से योनि में land डालकर चुदने लगी, फिर कुछ देर बाद मूतने लगी।
राजेश को अपनी मां को मूत ते देख मजा आ रहा था। उसका जोश और बढ़ता जा रहा था।
जीतना पानी पी थी वह मूत के बाहर निकाल दी उसके बाद वह अपने कमरे से लाई क्रीम अपनी गाड़ में भर कर राजेश के land पर चुपड़ दिया।
फिर लैंड को पकड़ कर अपनी गाड़ की छेद पर उसका टोपा रख कर अदंर डालने की कोशिश करने लगीं।
धीरे धीरे land गाड़ में उतरने लगा। जब आधा land गाड़ में घुस गया वह धीरे धीरे लैंड के ऊपर उछलने लगी।
कुछ देर में ही land ने गाड़ में अपनी जगह बना लिया।
अब राजेश भी नीचे से धक्का मार मार कर सुनीता की गाड़ मारने लगा।
सुनीता के मुंह से सिसकारी निकल कमरे में गूंजने लगा।
कुछ देर बाद सुनीता राजेश के उपर लुड़क गई।
सुनीता _बेटा अब मै थक गई।
सुनीता राजेश के उपर से उठा राजेश ने सुनीता को बेड पकड़कर झुका दिया और स्वयं उसके दोनों टांगो के बीच आ गया।
अपने land को सुनीता की योनि के मुख पर रख एक जोर का धक्का मारा। एक ही बार में सरसरता huwa land योनि में उतर गया।
अब राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर gach gach बुर चोदने लगा।
सुनीता की मुंह से फिर कामुक सिसकारी गूंजने लगी।
फिर से वह जन्नत की सैर करने लगीं।
हवस में उसकी मुंह से,,,,
आह चोद साले और चोद फाड़ दे मेरी chut बुझा दे इसकी प्यास,,,
राजेश,, ले साली रण्डी, ले chud अपने बेटे की land से,,,
राजेश जोर जोर से बुर चोदने लगा,,,
तभी वह अपना land boor से निकाल कर सुनीता की गाड़ में रख कर जोर का धक्का मारा।
सुनीता चीख उठी,,
सुनीता _अबे लौड़े का, ये बुर नही गाड़ है? ऐसे गाड़ मांरेगा तो कल मै हग नही पाऊंगी, बहेंचोद कही का।
राजेश _और चीख साली मै आज तेरी गाड़ फाड़ के रहूंगा।
ले साली ले और ले,राजेश और जोर जोर से गाड़ मारने लगा,,
सुनीता _अबे छोड़ मादरचोद, मेरी गाड़ फट जाएगी।
राजेश _साली kutiya तेरी गाड़ फाड़ना ही तो है।
राजेश और जोर जोर से गाड़ मारने लगा।
पर गाड़ की तेज रगड़ के कारण वह खुद को रोक न सका और आह मां आह आह,,,
वह गाड़ के अदंर ही झड़ने लगा।
सुनीता भी गर्म गर्म वीर्य को अपने गाड़ में जाती हुई महसूस की और झड़ने लगीं।
दोनों काफी थक गए थे एक दूसरे के बाहों में सो गए।
कुछ देर बाद सुनीता की नजर घड़ी पर पड़ी,,,
सुबह के 5बज गए थे,,
सुनीता _बेटा मेरा नहाने का समय हो गया है।
अब मैं चलती हूं अपने कमरे में,,,
सुनीता अपने कपडे पहन ली, और कमरे से जानें लगी,,
तभी राजेश ने कहा मां तैयार रहना अभी हनीमून बांकि है।
सुनीता _चुप बेशरम इतना करने के बाद भी मन नही भरा है। वह मुस्कुराते हुवे अपने कमरे की ओर जानें लगी।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है सुनीता ने शादी की सालगिरह अपने पति की बजाय अपने बेटे के साथ मनाई पति तो कुछ नहीं कर पाया लेकिन बेटे ने बहुत कुछ कर दिया सुनीता को पूरी तरह संतुष्ट कर दिया सुनीता की बहुत ही धमाकेदार चुदाई हुई है
 

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सुनीता राजेश के कमरे से निकलने के बाद सीधा अपने कमरे में गई। वहा पहुंची तो शेखर अभी भी सोया huwa था।
वह सीधा बाथरूम में घुस गई और प्रतिदिन की तरह फ्रेस होने के बाद नहाने लगी।
नहाते समय अपनी chut और गाड़ की रगड़ रगड़ कर अच्छे से सफाई की वह अपने chut और गाड़ की हालत देखकर मुस्कराने लगीं।
कमबख्त ने क्या हाल बना दिया है मेरी गाड़ का। बुरी तरह से गाड़ मारा है। पुरा सूजा दिया है बडी मुस्किल से हग पाई।
रात की chudai से तो मेरी मूत ही निकल गई। वह लज्जित महशुस करने लगीं।
छी मै अपने बेटे के सामने उसके शरीर के उपर ही मूतने लगी।
हवस मै बिल्कुल अंधी हो गई थी।
हे भगवान आज तो हनीमून मनाने की बात कह रहा था।
पता नही दिन भर में मेरी chut और गाड़ का और क्या हालत करेगाअपने घोड़े जैसे land से।
वह नहाते हुवे यही सब सोच रही थी।
जब वह नहाकर बाहर निकली तो, शेखरअभी भी सोया huwa था।
वह पेटीकोट, ब्लाउज और साड़ी पहन कर तैयार हुई।
पूजा रूम में चली गईं। और पूजा करने के बाद अपने कमरे में आई।
सुनीता _अजी उठने का समय हो गया है। और कितने देर तक सोएंगे आप, आज ड्यूटी पर नहीं जाना है क्या?
शेखर ने आंखे खोला।
शेखर _रात को थोड़ा लेट से सोया था न समय सुबह समय के पता ही नहीं चला।
शेखर बेड से उठ कर घर में ही थोड़ा व्यायाम और योगा किया, फिर अखबार पढ़ने के बाद पौधो को पानी दिया। फिर बाथरूम में जाकर नहाने लगा।
इधर सुनीता किचन में काम करने लगीं।
स्वीटी भी समय पर उठ कर प्रतिदिन की तरह दैनिक दिनचर्या करने लगी।
इधर राजेश रात भर सुनीता की chudai कर थक गया था।
तो वह घोड़े बेच कर सो रहा था।

शेखर और स्वीटी को सुनीता ने समय पर नाश्ता करने के लिए आवाज़ दिया।
दोनों डाइनिंग टेबल पर नाश्ता करने पहुंच गए।

शेखर _सुनीता, राजेश कहा है? नाश्ता करने के लिए अभी तक नही पहुंचा।
स्वीटी _हां मां, भईया कहा है।
सुनीता _राजेश अपने कमरे में आराम कर रहा है? उसका सिर दर्द कर रहा था तो दवाई लेकर फिर से सो गया। कह रहा था कि वह आज कालेज नही जायेगा।
शेखर _अरे, मुझे अभी बता रही हो, ज्यादा चिन्ता वाली बात तो नही।
सुनीता _नही जी, दवाई लिया है ठीक हो जायेगा ज्यादा चिन्ता की बात नही।
नाश्ता करने के बाद शेखर अपना आफिस चला गया।
स्वीटी राजेश के कमरे में गई उसने देखा की सच में राजेश सोया हुआ था। स्वीटी ने उसे जगाना उचित नहीं समझा।
स्वीटी भी समय पर कालेज पहुंच गई।
इधर किचन का काम निपटा लेने के बाद, सुनीता अपने कमरे में गई, और खुद को आईने में निहारी और थोडा मेकअप की।
फिर राजेशके कमरे की ओर जानें लगी।

जब वह उसके कमरे में पहुंची, वह राजेश के सिर के पास जाकर बेड में बैठ गई।
राजेश के सिर को सहलाते हुवे बोली।
सुनीता _और कितनी देर तक सोएगा बदमाश उठ जाओ।
अपनी मै के स्पार्स और आवाज़ सुन कर राजेश उठ गया।
राजेश _मां, आप कब आई।
सुनीता _जस्ट अभी।
चलो अब उठ जाओ, 10बज चुका है और कितने देर तक सोएगा।
राजेश _क्या दस बज गया? मुझे तो समय का पता ही नहीं चला।
सुनीता _तुम्हारे पापा आफिस चला गया है और स्वीटी कालेज आज तुम्हें कालेज नही जाना क्या?
राजेश _, मां, अब मै कालेज कितने बजे जाऊंगा। अगर कालेज ही भेजना था तो थोड़ा जल्दी उठा देती।
बोलो क्यूं नहीं उठाई।
सुनीता _हूं, मै सोंची तुम रात भर जागे हो, तो मुझे तुम्हें जल्दी उठाना उचित नहीं लगा।
राजेश _सच बताओ यही बात है की कुछ और
सुनीता _और क्या बात हो सकती है?
राजेश _कही आप भी तो हनीमून मनाने के मूड में तो नहीं।
सुनीता _चल हट बदमाश , कुछ भी बोलता है।मै भला ऐसे क्यू सोचूंगी?
वैसे भी कल तुमने मेरी जो हालत की है उसके बाद मेरी और हिम्मत नही।
राजेश _पर हमारा मूड तो है। खुद ही देख लो।
राजेश ने अपने ऊपर डले चादर को हटाया।
वह अभी नंगा ही लेटा था। उसका land खड़ा huwa था।
सुनीता _ढक इसे बेशरम सुबह सुबह मुझे अपना घोड़ा दिखा रहा है।
वैसे रात भर दौड़ लगाने के बाद भी तेरा घोड़ा थका नही है।
राजेश _मां , मै भले ही थक जाऊ लेकिन ये घोड़ा नही थकता।
सुनीता _चल अब उठ कर नहा ले, फिर मै तेरे लिए नाश्ता लगाती हूं।
राजेश _मां, पता है तुमनेरात मुझसे क्या कहां था?
सुनीता _क्या बोली थी, मुझे तो कुछ याद नहीं।
राजेश _तुमने कहा था की आज से जो तुम बोलोge वही करुंगी।
सुनीता _पर बेटा रात गई बात गई। तुम भूल जाओ ऐसा मैंने तुमसे कुछ कहा भी होगा तो।
राजेश _मां, आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकती?
आप अपनी बातो से नही मुकर सकती।
सुनीता _लो मुकर गई, बोलो क्या करोगे?
राजेश _मै आपसे बात नही करूंगा और इस कमरे से दिन भर बाहर नहीं निकलूंगा। कुछ खाऊंगा पियूंगा भी नहीं।
जाओ आप मेरे कमरे से।
सुनीता _ओ हो हो मेला बेटा तो नाराज हो गया।
बोलो किया चाहते हो?
राजेश _, ये हुई न बात।
आज मै सिर्फ टावेल में रहूंगा, और आप सिर्फ पेटीकोट में।
सुनीता _न बाबा, मुझे बडी शर्म आयेगी।
मेरी दूदू देखकर तेरा खड़ा ही रहेगा और मेरे ऊपर दिन भर चढ़ने की कोशिश करेगा। वैसे भी रात में तूने मेरी हालात खराब कर रखी है।
राजेश _ठीक है फिर जाओ अपने कमरे में, मेरी कमरे की दरवाजा अब पापा के आने के बाद ही खुलेगा।
सुनीता _तू न बडा जिद्दी है, हमेशा अपनी बात ही मनवाता ।
ठीक है मैं तेरी बात मानता हूं पर मेरी भी एक शर्त है।
राजेश _कैसी शर्त?
सुनीता _तू मेरे साथ जबरदस्ती नहीं करेगा।
राजेश _प्रामिश, आप जब कहेंगी, तभी करूंगा। जबरदस्ती नहीं।
अब चलो निकालो अपनी साड़ी।
सुनीता _अपनी आंखे बन्द करो।



जैसे ही सुनीता अपना साड़ी खोली, अपना साड़ी राजेश के मुंह में फेकी, राजेश आंखे खोल कर सुनीता की ओर दौड़ा और उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया

सुनीता _अरे क्या कर रहा है छोड़ो मुझे। तुमने कहा था कोई जबरदस्ती नहीं करोगे।
राजेश _ठीक है,सॉरी।
चलो अब चोली भी उतार दो।
सुनीता _न, मुझे शर्म आ रही है।
राजेश _मै आंखे बन्द कर लेता हूं।
राजेश ने अपनी आंखे बन्द कर ली।
सुनीता ने अपनी चोली भी उतार दी और अपनी दोनों हाथो से अपनी चूची छुपा ली।
राजेश ने आंखे खोला।
सुनीता शर्म के मारे गड़ी जा रही थी।
सुनीता _देखो तुम मुझसे दूर ही रहना।
राजेश _ठीक है।
चलो अब मुझे नहलाओ।
सुनीता _क्या?
राजेश _तुमने तो कहा था न कि आज मेरी सारी बाते मानोगी।
सुनीता _क्या मुसीबत है?
राजेश बाथरूम मे चला गया।
मां अदंर आओ।
सुनीता अपनी चूची छिपाते हुए अदंर गई।
राजेश_, मुझे मूत आ रही है!
सुनीता _, तो मूत लो।
राजेश _तुम मूतने में मेरी मदद करो।
सुनीता _वो कैसे?
राजेश _अपने हाथों से पकड़ कर मुतवाओ।
सुनीता _न न मै ये नही करने वाली।
राजेश _आपने कहा था कि आज मेरी सारी बाते मानोगी।
सुनीता _देखो मुझे बडी शर्म आयेगी। तुम अपने आंखे बन्द करो।
राजेश _ठीक है।
राजेश ने अपनी आंखे बंद कर लिया।
सुनीता राजेश के पीछे खड़ी हो गई और एक हाथ से उसका land पकड़ लिया।
सुनीता _लो, अब मूतो।
राजेश _मूत ऐसे ही थोड़ी बाहर आयेगी, थोड़ा हिलाओ।
सुनीता _ओ हो क्या मुसीबत है?
सुनीता ने राजेश का land अपने हाथ से पकड़ कर आगे पीछे हिलाने लगी।
राजेश _हां ऐसे ही।
सुनीता _अब जल्दी मूतो।
राजेश का land सुनीता के हाथ लगने से और अकड़ गया।
सुनीता _तुम्हारा घोड़ा तो और अकड़ रहा है। जल्दी मूतो।
राजेश land पर दबाव बढ़ाया।
मूत रुक रुक कर पिचकारी मारने लगा।
सुनीता आगे पीछे हिलाती रही।
राजेश _आह, उन,,, बहुंत अच्छा फील हो रहा है। थोड़ा और हिलाओ।
आह उन,,,
राजेश का मूत रुक रुक कर बाहर आ रहा था। जब मूत बाहर निकलना बंद हो गया।
सुनीता _मेरे ख्याल से तुम्हारी सारी मूत बाहर आ गई है।
राजेश ने आंखे खोला तो। उसकी नजर सुनीता की चूची पर गया।
सुनीता शर्मा गई वह अपने दोनों हाथों से अपनी चूची छुपा ने लगी।
राजेश मुस्कुराने लगा।
राजेश _अब मुझे शौच करना है।
सुनीता _तो क्या वो भी मै कराऊंगी?
राजेश _न, मै कमोड पर बैठ रहा हूं। आप यही रहो।
सुनीता _न,मै बाहर बैठ रही हूं। जब हो जाय तब बताना।
सुनीता बाहर चली गईं।
राजेश मुस्कुराने लगा।
शौच करने के बाद राजेश ने,,
राजेश _मां, मैंने शौच कर लिया है, अब मुझे नहला दो।
राजेश ने सावर आन कर दिया।
और नहाने लगा।
सुनीता अदंर गई।
सुनीता _सावर बन्द करो नही तो मैं भीग जाऊंगी।
राजेश _मां, आप तो सिर्फ पेटीकोट में हो। भीग गई थी क्या होगा दूसरा पेटिकोट पहन लेना।
सुनीता ने सावर बंद कर दिया।
चलो मैं साबुन लगा देती हूं।
सुनीता ने राजेश को नीचे बैठने कहा।
राजेश नीचे बैठ गया।
फिर सुनीता उसकी बालो पर साबुन लगाने लगीं।
दोनों हाथो से साबुन लगाने से उसकी चूची आजाद हो गई। जिससे वह राजेश के आंखो के सामने झूलने लगे।
जिसे देखकर राजेश का land अकड़ कर लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया।
राजेश को चूची पकड़ने की इच्छा हो रही थी। पर सुनीता ने मना किया था।

राजेश _मां, आज आप को भी मेरे साथ नहाना है।
सुनीता _न बाबा मै नहा चुकी हूं।
राजेश _देखो, हनीमून मे मर्द और औरत दोनों साथ नहाते हैं। आप मना नही कर सकती।
सुनीता _अब खड़ा हो जाओ पेट पर साबुन लगा दू।
राजेश खडा हो गया।
उसका खड़ा land सुनीता के आंखो के सामने आ गया।
वह मुस्कुराने लगी।
और राजेश के पेट पर साबुन लगाने लगीं।
धीरे धीरे वह नीचे गई।
वह राजेश के land के पास पहुंच गई।
सुनीता _मां, अपने छोटे बेटे को भी साबुन से अच्छे से धो दो।
कल कुवे और खाई में खूब डुबकी लगाया है।
सुनीता _चुप बेशरम।
राजेश मुस्कुराने लगा।
इधर सुनीता ने राजेश के land पर साबुन लगा कर मूठ मारना शुरू कर दिया।
राजेश _आ मां, आह,, बहुंत अच्छा फिल हो रहा है।
सुनीता ने land के सुपाड़े की चमड़ी को हटाकर अच्छे से सफाई की।
राजेश की घोड़े जैसे land को छूने मूठ मारने से सुनीता भी गर्म होने लगी।
साबुन लगा लेने के बाद राजेश ने सावर चालू कर दिया।
सुनीता और राजेश दोनों के उपर सावर का पानी गिरने लगा।
कुछ देर बाद राजेश ने सावर बंद कर दिया।
मां अब मै आपको साबुन लगाऊंगा।
राजेश ने सुनीता की पीठ पर साबुन मलने लगा।
फिर उसके पीछे खड़ा होकर गले फिर हाथो में फिर उसके सीने की ओर आगे बडा।
उसकी चुचियों को मसल मसल कर साबुन लगाने लगा।
सुनीता सिसकने लगी।
राजेश _क्या huwa मां, सिसक क्यू रही हो?
सुनीता _तुम्हारी हरकतों, से गुदगुदी हो रही है।
राजेश ने सुनीता की पेट और नाभी पर भी खूब मल मल कर साबुन लगाया।
जिससे सुनीता बहुत ज्यादा गर्म होने लगी। वह तेज तेज सांस लेने लगीं।
राजेश _मां, आपका पेटीकोट उतार दो साबुन Lलगाते नही बन रहा है।
सुनीता _ तुम ही उतार दो।
राजेश ने पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया। पेटी कोट सरसराता huwa नीचे गिर गया।
राजेश ने जैसे ही सुनीता की chut में साबुन लगाया, सुनीता सिसक उठी।
राजेश ने बुर में उंगली डाल कर अच्छे से बुर की सफाई करने लगा। जिससे सुनीता की उत्तेजना एक दम से बड़ गई।
उसकी बुर से पानी बहने लगा।
राजेश बुर में उंगली डालकर रगड़ रगड़ कर सफाई करने लगा, जिससे सुनीता की हालत एक दम खराब हो गई।
सुनीता _हो गया बेटा बस कर, सुनीता कपकपाते आवाज़ में बोली।
राजेश सुनीता को पीछे घुमाया और उसकी चूतड पर साबुन मलने लगा।
सुनीता की उत्तेजना चरम पर पहुंच गई।
फिर जब राजेश सुनीता की गाड़ में उंगली डाल कर सफाई किया तो, सुनीता की मुंह से मादक सिसकारी निकलने लगीं।
राजेश गाड़ की सफाई के बाद फिर chut पर साबुन लगाया और हाथ से रगड़ने लगा।
सुनीता का पुरा शरीर कपकपाने लगा।chut से पानी झरने की तरह बहने लगा।
सुनीता _आह मां, उन आह बेटा बस कर,, आह मां मै मर जाऊंगी।
मादरचोद बस कर,,,
मुझसे बर्दास्त नही हो रहा,,
राजेश _मां आपकी chut से तो पानी बह रहा है।
सुनीता _साले ऐसी हरकत करेगा तो पानी निकलेगा ही,,,
अब देख क्या रहा है बहेंचौद, बुझा मेरी प्यास, पूरे शरीर में आग लगा दी तूने,,
राजेश मुस्कुराने लगा।
राजेश _ले मेरी रण्डी,chud मुझसे।
राजेश ने अपना land सुनीता की बुर में सेट कर एक जोर का धक्का मारा,land एक बार में ही सरसराता huwa अदंर घुस गया।
सुनीता बाथरूम के नल को पकड़ कर नीचे झुक गई। राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर, गच गच बुर चोदना शुरू कर दिया।
सुनीता की मादक सिसकारी बाथरूम में गूंजने लगा।
सुनीता ने सावर चालू कर दिया।
दोनों के उपर पानी गिरने लगा।
इधर राजेश गपागप बुर में अपना land पेलने लगा।
सुनीता जन्नत में पहुंच गई।
सुनीता _चोद साले और जोर से चोद, बहुंत मज़ा आ रहा है।
तू पुरा सांड है। गजब का चोदता है।
राजेश _ले chud मेरे land से, ले एक और ले, मेरी चुड़क्कड मां,chud अपने बेटे की land से, क्या मस्त मॉल है तू।
दोनों के बीच काफी देर तक इसी पोजीशन में घमासान chudai चलता रहा।
फिर राजेश सुनीता को अपने लैंड पर उठा कर कमोड पर बैठ गया।
और उसकी क़मर उठा उठा कर chudai करने लगा।
सुनीता _आह मां मर गई मै, साले और चोद अपनी मां को, बुझा मेरी प्यास।
राजेश _ले साली, ले और ले,chud मेरे मूसल से।
राजेश इसी पोजीशन में कुछ देर तक चोदने के बाद।
कमोड से उठ गया और नीचे फर्श पर लेट गया।
और उसका land हवा में लहराने लगा।
सुनीता राजेश के land को पकड़ी और अपनी बुर के छेद पर सुपाड़े को सेट कर बैठ गई।
Land सरसराता huwa बुर में जड़ तक घुस गया।
सुनीता चिहुंक उठी,, आह मां।
साला कितना बडा land है तेरा ऐसा लगता है पेट फाड़कर गले से बाहर आ जायेगा।
सावर से पानी दोनों के ऊपर गिर रहा था।
सुनीता अब राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश भी उसकी कमर पकड़ कर नीचे से कमर उठा उठा कर land को बुर में और अधिक घुसाने का प्रयास करने लगा।
दोनों जन्नत का सुख भोगने लगे।
सुनीता को इतना मज़ा आ रहा था कि वह बिना रुक land पर जोर जोर से उछल उछल कर chud रही थी, कि तभी उसने land को बुर से बाहर निकाल दी और जोर से चीखते हुए मूतने लगी,
आह मां, आह आह,, माई,,
उसकी मूत सीधे राजेश की चेहरे पर जानें लगा, दो तीन पिचकारी तो सीधा राजेश के मुंह में गया।
राजेश ने सुनीता की मूत मुंह में भर लिया।
फीर सुनीता की मुंह में पुरकी मारा।
कुछ मूत तो राजेश के पेट में चल गया।
राजेश _मां क्या स्वाद हैतुम्हारी मूत की एक दम नमकीन।
इधर सुनीता हवस में अंधी हो चुकी थी। उसे होश नही था। वह जोश में थी।
वह land को बुर में डाल कर फिर जोर जोर से उछल उछल कर चुदने लगी।
कुछ देर बाद फिर से वह chikhte हुवे मूतने लगीं,,
आह मां,,, आह,, माई ई,,
राजेश के फेस पर मूत की कई पिचकारी मारी। एक दो पिचकारी राजेश के मुंह में गया।
राजेश सुनीता की मूत पीने लगा।
राजेश _आह गजब की,,
सुनीता _, पी ले साले, मादरचोद,,, पी मेरी मूत,,,
सुनीता हवस में अंधी होकर बोली,,,
फिर सुनीता land में उछलना सुरू कर दी।
राजेश भी उसकी चूची मसल मसल कर चूतड उपर उठा उठा कर सुनीता का सहयोग करने लगा।
सुनीता खुद को रोक न सकी और चीखते हुवे झड़ने लगी।
आह मां आई,, मै गईं रि आह,,,
वह राजेश के उपर लुड़क गई।
इधर सावर का पानी दोनों के उपर गिर रहा था। कुछ देर तक यू ही लेट कर सुस्ताने के बाद,,,
राजेश _मां आप ठीक तो है न
सुनीता _हूं,,
कुछ देर तक ऐसे ही सुस्ताने के बाद दोनों उठे और सावर के पानी से नहाने लगे।
नहाकर जब दोनों बाथरूम से बाहर आए।
सुनीता _मेरे तो पूरे बाल गीले हो गए। अब इसे खुले ही रखने पड़ेंगे।
राजेश _अच्छे है, खुले बालो में आप और ज्यादा हॉट लगोगी।
सुनीता _चुप बेशरम।
सुनीता अपनी शरीर को टावेल से पोछने के बाद उसे लपेट ली।
सुनीता _तुम तैयार होकर डाइनिंग टेबल पर आ जाओ। नाश्ता के लिए।
राजेश _मां अब तैयार क्या होना सिर्फ टावेल में ही तो रहना है। और अपको भी याद है न सिर्फ पेटीकोट में रहोगी।
सुनीता _इतना होने के बाद भी जी नही भरा है।
राजेश _मां मेरा कहा huwa है अभी, देखो तो वे अभी तक अकड़ा हुआ है, इसका पानी अभी कहा निकला है।
सुनीता _चुप बेशर्म।

सुनीता अपने कमरे में चली गई। और अपनी बालो को सुखाने लगी। फिर एक पेटीकोट पहन ली।
इधर राजेश भी अपने शरीर को पोछने के बाद एक टावेल लपेट कर।
नाश्ता के लिए डाइनिंग टेबल पर पहुंच गया।
राजेश _मां जल्दी नाश्ता लगाओ, बडी भूख लगी है।
सुनीता _अभी लाया बेटा।
सुनीता नाश्ता लेकर डाइनिंग टेबल पर पहुंची।
वह सिर्फ पेटीकोट में थी।
राजेश मुस्कुराने लगा।
सुनीता _क्या huwa मुस्कुरा क्यू रहा है?
राजेश _बस ऐसे ही।
सुनीता _चलो अब नाश्ता करो।
राजेश _आप अपने हाथो से नाश्ता कराओ।
सुनीता _अच्छा,पता नही और क्या क्या करना पड़ेगा?
सुनीता _नाश्ता का टुकड़ा लेकर राजेश को खिलाने लगी।
राजेश _ऐसे नही।
सुनीता _फिर कैसे?
राजेश _पहले मेरे गोद में बैठो।
फिर खिलाओ।
सुनीता _पहले जब तू छोटा था तो तुमको अपनी गोद में बिठा कर खिलाती थी।
अब तू बडा हो गया है, अब मुझे अपनी गोद में बिठा कर खिलाना चाहता है।
राजेश _, हा, सही समझी।
तुम मुझे खिलाना मै आपको खिलाऊंगा।
सुनीता _अच्छा।
सुनीता राजेश की गोद में आ कर बैठ गई।
और राजेश को नाश्ता का टुकड़ा खिलाने लगी।
राजेश ने भी नाश्ता का टुकड़ा लिया और सुनीता को खिलाई।
राजेश _मां, सिर्फ नाश्ता खिलाओगी दूध नहीं पिलाओगी।
सुनीता _पहले नाश्ता कर लो फिर दूध लाऊंगी बादाम वाली।
राजेश _मै तो नाश्ता के साथ साथ दूध भी पियूंगा।
ये वाली।
राजेश ने सुनीता की चूची मसल दिया।
सुनीता सिसक उठी।
राजेश ने एक चूची मुंह में भर कर चूसने लगा।
सुनीता _अरे छोड़ बेशरम, वैसे भी इसमें दूध कहा आता है जो पिएगा।
राजेश _तो क्या huwa चूस कर ही मन बहला लूंगा।
राजेश नाश्ता का टुकड़ा मुंह में डाल कर चबाने के बाद चूची मुंह में भर कर मसल मसल कर पीने लगता, जिससे सुनीता फिर उत्तेजित होने लगीं।
राजेश का land तो पहले से ही तना हुआ था। सुनीता की चूतड से दब कर और झटके मार रहा था जिसका एहसास सुनीता को हो रहा था। जिससे उसके शरीर में उत्तेजना बड़ने लगी।
इधर राजेश अब सुनीता की पीठ चूमने चाटने लगा। साथ में नाश्ता भी जारी था।
दोनों एक दूसरे को नाश्ता करा रही थे।
मां ये लो नाश्ता का टुकड़ा अपने मुंह में भर कर रखो फिर मै आपके मुंह से इसे खाऊंगा।
सुनीता _छी तू बिलकुल बेशरम हो गया है।
सुनीता ने नाश्ता का टुकड़ा अपने मुंह में लिया।
राजेश सुनीताकी मुंह से नाश्ता अपने मुंह में भर कर सुनीता की ओंठ चूसते हुवे। नाश्ता चबाने लगा।
सुनीता बहुत अधिक उत्तेजित हो गई।
उसकी बुर पानी छोड़ने लगा।
तीन चार बार ऐसे ही करने से सुनीता की हालात खराब हो गई।
राजेश ने सुनीता को खड़ा किया और अपना टावेल खोल दिया।
राजेश ने सुनीता की पेटीकोट ऊपर उठा कर सुनीता को अपने land पर बिठा दिया।
राजेश अब फिर से सुनीता के मुंह से नाश्ता अपने मुंह में भर कर खाने लगा, बीच बीच में वह चूची पीने और मसलने लगता।
सुनीता अत्यंत काम विहिल हो गई।
वह थोड़ी उठी और राजेश के land को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी बुर की छेद पर रख कर बैठ गई।
बुर एक दम गीली थी बिना किसी रुकावट के land बुर में सरसरता huwa पूरा अदंर घुस गया।
अब सुनीता राजेश की land पर थोड़ा थोड़ा उछल उछल कर चुदने लगी।
दोनों नाश्ता भी कर रहे थे और संभोग भी जिससे दोनों को परम आनंद मिलने लगा।
बीच बीच में राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर जोर जोर से चोदने लगता।
फिर दोनों नाश्ता निगलते यही प्रक्रिया चलता रहा जब तक नाश्ता खत्म नहीं हो गया।
जब नाश्ता खत्म huwa राजेश खडा हुआ और सुनीता को डाइनिंग टेबल पर पेट के बल लिटा कर गच गच चोदने लगा।
पुरा हाल सुनीता की कामुक सिसकारी से गूंजने लगा।
उसके बाद राजेश ने सुनीता को डाइनिंग टेबल पर पीठ के बल लिटा कर उसकी टांगों को उठा कर दनादन चोदने लगा।
सुनीता तो जन्नत में पहुंच गई,,
सुनीता _आह, चोद मेरे राजा,, और जोर से चोद, बना दे भोसड़ा मेरे बुर को। साली बहुत खुजाती है।
राजेश _ले मेरी रानी, ले एक और ले, आज तेरी बुर की पूरी प्यास बुझा दूंगा।
राजेश कुछ देर इसी आसन में चोदता रहा उसके बाद सुनीता को उठा कर सोफे पर ले गया और सुनीता को अपनी land पर बिठा कर उसकी ओंठ चूसने लगा।
सुनीता भी उसका साथ देने लगी।
फिर राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर गच गच चोदने लगा।

कुछ देर बाद राजेश ने सुनीता को घुमा दिया अब उसका पीठ राजेश की ओर हो गया।
इस आसन पर सुनीता राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी। और संभोग का परम आनंद को प्राप्त करने लगी।
इस आसन में दोनों के बीच घमासान chudai चला।
सुनीता झड़ गई।
दोनों सोफे में लेटकर सुस्ताने लगे।

कुछ देर बाद,,
सुनीता _अब छोड़ो, मुझे किचन पे काम करना है, तुम कमरे मे जाकर आराम करो।

राजेश _ठीक है, मै कमरे मे जा रहा हूं पर अपने नही आपके और पापा के। हम आज साथ ही सोएंगे।
सुनीता _पुरा बेशरम बन गया है।
राजेश _हां और जल्दी आना रूम में मेरा अभी बडा मन है।
सुनीता _इतना करने के बाद भी तू थका नही है?
राजेश _chudai कटके जो थक जाए ओ मर्द ही क्या?
सुनीता _अच्छा मै भी देखती हूं तू कितना बडा मर्द है।
तू चल मै अभी आई।
राजेश सुनीता के कमरे मे जाकर इंतजार करने लगा।
वह झड़ा नहीं था, उसे और चोदने का मन कर रहा था।
कुछ देर बाद सुनीता कमरे में आई।
राजेश इस समय अपने land सहला रहा था।
राजेश _आ गई मेरी जान,,
चल चूस मेरा लौड़ा,,

इंतजार कराती है साली अपनी असली मर्द को चल चूस मेरे लौड़े को। रण्डी कही की।
सुनीता राजेश की land को अपनी मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश सिसकने लगा।
कुछ देर बाद राजेश ने सुनीता को बेड पर लिटा दिया और उसका chut चाटने लगा।
सुनीता फिर से उत्तेजित हो गई,,,
आह मां उन,, आई,
सुनीता _अब चोद न re भड़वे, सिर्फ चाट ता रहेगा क्या?
राजेश _साली छिनाल। देख अब मै तुम्हें कैसे चोदता हूं।
राजेश ने सुनीता को अपनी गोद में उठा लिया। और land पे बिठा कर, हवा में उछाल उछाल कर भच भ च चोदने लगा।
कमरे में सुनीता की चीखने और chudai की गच गच आवाज़ गूंजने लगा।
कुछ देर तक राजेश ने ऐसे ही सुनीता को चोदता रहा फिर बेड पर लिटा कर अलग अलग तरीकों से तब तक चोदता रहा जब तक सुनीता झड़ न गई।
फिर सुनीता, थक कर सो गई।
राजेश भी सोने की कोशिश करने लगा।
करीब दो बजे सुनीता उठी।
सुनीता _बेटा, क्या बनाऊं लंच में?
राजेश _मां जो तुम्हारा मन हो बना कर खिला दो।
सुनीता _अरे तुम्हारा तो अभी तक खड़ा है। पता नहि तू कब झड़ेगा। सुबह से मुझे तीन बार झाड़ चुका है।
राजेश _मां मै 4बजे के पहले झडूंगा नही।
सुनीता _अच्छा, तब तक मुझे चोदता ही रहेगा।
राजेश _हां।
सुनीता _, मान गई तेरी मर्दानगी को,
राजेश _अभी तो और देखना banki है।
अब तुम किचन में लंच बनाएगी, मै पीछे से चोदता रहूंगा।
सुनीता _तू पुरा पागल हो गया है।
राजेश _पागल नही दीवान आपका।
सुनीता, मुस्कुराने लगीं।
राजेश _चलो पहली चूसो मेरा औजार।
सुनीता कुछ देर राजेश का लैंड चूसी।
फिर वह किचन में चली गई। भोजन बनाने राजेश भी चला गया।
सुनीता किचन में खाना बनाने लगीं। राजेश पीछे से अपना मूसल सुनीता की बुर में डालकर चोदने लगा।
कुछ देर बुर मारने के बाद वह किचन से घी निकाल कर अपने land और सुनीता की गाड़ में भर दिया
फिर सुनीता की गाड़ मारने लगा।
कभी गाड़ तो कभी बुर में land डाल कर खूब चोदता जिससे दोनो को संभोग का अपार सुख मिल रहा था ।
लंच बन जानें के बाद, राजेश डाइनिंग टेबल पर सुनीता को लच करते हुए खूब चोदा।
लंच करने के बाद दोनों फिर से सुनीता के बेड रूम में पहुंच गए और राजेश ने सुनीता को जमकर भोगा।
सुनीता की सारी प्यास बुझ कर बुर और गाड़ दोनों सूजा कर, सुनीता के मुंह में झड़ गया।
सुनीता राजेश का सारा वीर्य पी गई ,,

कुछ देर सुस्ताने के बाद,
Sunita_, बेटा अब तुम अपने कमरे में जाओ, स्वीटी कालेज से आती ही होगी।
राजेश अपने रूम में चला गया। वह काफ़ी थक गया था अपने कमरे में जाकर दो गया।
बहुत ही कामुक गरमागरम और जबरदस्त अपडेट है राजेश ने सारे दिन सुनीता की चुदाई की है दोनों ने धमाकेदार चुदाई की सुनीता राजेश की मर्दानगी की दीवानी हो गई है राजेश ने उसे पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया है
 
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