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Incest यह क्या हुआ

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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सुनीता झडने के बाद जब होश में आई,,,
सुनीता _बेटा अब बस करो, स्वीट उठ गई होगी वह किसी भी वक्त आ सकती है, अब तुम जाओ यहां से।

राजेश _ठीक है मां,
राजेश ने जाते, अपना land सुनीता की बुर से बाहर निकाला,
Land सुनीता की बुर का पानी पीकर खूब लंबा और मोटा हो गया।
राजेश ने जैसे हीland को बाहर निकाला वह हवा में लहराने लगा।
सुनीता land Ko देखकर मुस्कुराने लगी।
राजेश _मां, थोडा चूस कर साफ़ तो कर दो।
सुनीता पाटे से उतर कर नीचे बैठ गई, और राजेश के land को मुंह में भर कर चूसने लगीं।
राजेश उसकी बालो को सहलाने लगा।
राजेश के land पे लगे बुर की पानी को चूस कर साफ़ कर दिया।
सुनीता _अब जाओ बेटा।
राजेश अपना पैंट का चैन लगा लिया।
राजेश जैसे ही कमरे से बाहर निकला, स्वीटी उस पर टूट पड़ी, हैप्पी होली भईया कहते हुए उसके गालों पर रंग मल दिया।
राजेश स्वीटी को रंग लगा पाता इससे पहले ही स्वीटी तेजी से अपने की ओर भागने लगीं।
राजेश _रुको, स्वीटी कि बच्ची, कहा भाग रही हो।
स्वीटी राजेश को जीभ निकाल कर चिड़ाते हुवे अपने कमरे मे घुस गई और बाथरुम में जाकर छुप गई।
राजेश स्वीटी के कमरे में घुसा और स्वीती को रंग लगाने के लिए ढूढने लगा।
स्वीटी कमर में दिखाई नही दिया।
राजेश _स्वीटी की बच्ची कहा छिप गई, निकल बाहर।
स्वीटी बाथरुम से बोली, न मै नही निकलने वाली।
राजेश _अच्छा तू बाथरुम में है।
राजेश बाथरुम का दरवाजा पीटने लगा।
राजेश _स्वीटी की बच्ची खोल दरवाजा।
स्वीटी ने अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई।
भईया मै नहा रही अब तुम यहां से जाओ।
राजेश _ये कैसा मजाक है, अभी तो होली खेली ही नहीं और नहाने लगीं।
स्वीटी _हां, बाबा, मुझे रंग नही लगवाना। त्वचा खराब हो जाता है।
राजेश _अच्छा, होली नही खेलना था तो मुझपे रंग क्यू लगाया? चलो दरवाजा खोलो।
स्वीटी _भईया मै कह रही न मै नहा रही हूं।
अगर कहना नही मान रहे तो देख लो।
स्वीटी ने दरवाजा खोला और दरवाजा के पीछे छुप गई।
राजेश अदंर गया।
स्वीटी ने बाथरुम का दरवाजा बंद कर दिया।
राजेश ने स्वीटी को देखा, वह एकदम नंगी थी।
राजेश _स्वीटी ये कैसा मजाक है?
स्वीटी _कैसा मजाक भईया?

मैने तो पहले ही कहा था कि मैं नहा रही हूं।
देख लो।
चलो लगा दो रंग,
राजेश _चलो हटो मुझे जाने दो।
स्वीटी _क्या huwa होली नही खेलोगे मेरे साथ।
मां के साथ तो बड़े मजे से खेल रहे थे।
राजेश _ये क्या कह रही हो?
स्वीटी _मैने अपनी आंखो से देखा है कैसे तुम कीचन में मां की chudai कर रहे थे?
राजेश _ओ आज होली था न तो हम बहक गए।
चलो अब दरवाजा खोलो और मुझे जाने दो।
स्वीटी _न, अब ये दरवाजा तभी खुलेगा जब तुम मेरे साथ होली खेलोगे जैसे तुम मां के साथ खेले।
देखो मेरी बुर को, तुम लोगो की chudai देखकर कितना पानी बहा रही है। स्वीटी अपनी बुर दिखाने लगीं।
राजेश की नजर स्वीटी की मस्त चिकनी बुर पर गया। वैसे भी सुनीता की chudai कर अभी वह झड़ा नहीं था तो उसका land बुर देखकर झटके मारने लगा।
स्वीटी _भईया, अब देख क्या रहे हो? डाल दो अपनी पिचकारी मेरी बुर पे और खेलो अपनी बहन के साथ होली।
राजेश _न, अगर मां आ गई न तो होली का सारा रंग उड़ जायेगा, कई चाटे पड़ेंगे। वैसे भी तेरी शादी तय हो गई है।
स्वीटी _भईया, बस एक बार जल्दी से झाड़ दो मुझे। इतने देर में तो हो भी जाता।
प्लीज। जल्दी करो।
राजेश _ओ हो क्या मुसीबत है?
स्वीटी राजेश का चैन खीच कर उसका land बाहर निकाल लिया और मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश का land स्वीटी की मुंह का गर्माहट पाकर और शख्त हो गया।
वैसे भी स्वीटी बहुत ही खुबसूरत और हॉट थी।
राजेश की स्वीटी की बालो को सहलाने लगा और अपनी क़मर को आगे पीछे कर land को अदंर बाहर करने लगा।
कुछ देर चुसने के बाद स्वीटी ने चूसना बंद कर दिया और कमोड को पकड़कर झुक गई।
स्वीटी _लो भईया, अब देर न करो डाल दोअपनी पिचकारी मेरी बुर पर।
राजेश नीचे झुका और स्वीटी की बुर को थोडा चूसा।
स्वीटी पहले से ही बहुत गर्म थी राजेश के हरकत से वह मादक सिसकारी निकालने लगी।
आह भईया, आह उन मां,, भईया,,, अब,,, डा,,, ला,,, दो,,,,
राजेश ने अब समय न गवाते हुवे अपना land उसकी बुर के छेद पे सेट किया और एक जोर का धक्का मारा।
Land एक ही बार में सरसराता huwa बुर के अंदर घुस गया।
स्वीटी चीख उठी,,
उई मां,,
भईया धीरे,, एक ही बार में डाल दिए,, मेरी बुर फट गई,,, आ,,
अब राजेश नीचे झुक कर स्वीटी की चूचियां पकड़ कर मसलते हुए land को धीरे धीरे अदंर बाहर करना शुरू कर दिया।
Land बुर को चीर कर अदंर बाहर होने लगा।
राजेश कुछ देर धीरे धीरे चोदने के बाद स्वीटी के मुंह से मादक सिसकारी सुन कर अपना स्पीड बढ़ा दिया।
अब वह स्वीटी की बुर को gach gach चोदने लगा।
कमरे में स्वीटी की मादक सिसकारी के साथ, फच फच की आवाज गूंजने लगा ।
स्वीटी और राजेश दोनों को बहुत मज़ा आने लगा। दोनो स्वर्ग में पहुंच चूके थे ।
स्वीटी _आह भईया, और जोर से चोदो, आह,, उई मां आह बहुत मज़ा आ रहा है।
आह साली बहुत खुजाती हैं।
आज इसकी पूरी खुजली मिटा दो,
राजेश और जोर जोर से चोदने लगा।
Land गपागप अंदर बाहर हो रहा था।
स्वीटी _आह मां, उई आह, बहुत मज़ा आ रहा है,, आह भईया और जोर से, आह मां आह
मै आने वाली हूं,, आह भईया चोदो और जोर से,,,
आह,,
राजेश स्विति की क़मर पकड़ कर और राजेश स्वीटी को तेज गति से चोदने लगा।
राजेश के जांघो से स्वीटी की चूतड टकराने लगा। जिससे थप थप की आवाज़ आने लगा।
इधर स्वीटी जन्नत की सैर कर रही थी।
उसे बहुत मजा आ रहा था।
वह लगातार अपने मुंह से कामुक सिसकारी निकालने लगी।
और चीखते हुए झरने लगी।
राजेश को पता चल गया कि स्वीटी झड़ गई है। वह चोदना बंद कर दिया और अपना खोया ताकत फिर से प्राप्त करने लगा।
कुछ देर बाद स्वीटी के बुर से अपना land बाहर निकाल दिया। और गुलाल को स्वीटी के चेहरे पर मल दिया। फिर उसकी चूची को मसल मसल कर पीने लगा। उसकी चूची पर भी रंग मल दिया।

स्वीटी फिर से गर्म हो गई। वह राजेश को कमोड पर बिठा दिया।
और खुद उसके land को अपनी बुर पे सेट कर उसके ऊपर बैठ गई।
फिर land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश को भी मज़ा आने लगा।
वह स्वीटी की कमर पकड़ लिया और उसे अपने land पर पटक पटक कर चोदने लगा।
स्वीटी फिर से जन्नत में पहुंच गई।
उसकी मादक सिसकारी से बाथरुम गूंजने लगी।

कुछ देर में ही स्वीटी फिर से चरम अवस्था में पहुंच गई।
आह, मां उन आई,,, आह उह उन,,,,
भईया मै और जोर से चोदो बहुत मज़ा आ रहा है, आह उन,, आई मां, मै,, गई,,,
स्वीटी राजेश को जोर से जकड़ ली फिर झडने लगी।
राजेश स्वीटी को उठा कर बेड बाथरुम से कमरे मे ले आया और उसे बेड पर लिटा दिया।
फिर अपना land उसकी बुर से निकाल लिया।land fuck की आवाज़ कर बाहर निकला।
और हवा में लहराने लगा।
स्वीटी बेहोश सी हो गई थी।
राजेश को सुजाता का काल आया।
सुजाता _राजेश, तुम कहा हो मै कब से तुम्हारा वेट कर रही।
राजेश _मै अभी आया,जान।

राजेश स्वीटी को छोड़कर ,अपना पैंट का चैन लगा कर, कमरे से बाहर चला गया।
वह कीचन में गया, जहां सुनीता काम कर रही थी।
राजेश _मां मै बाहर जा रहा दोस्तो से मिलने।
सुनीता _बेटा, रीता जी का फोन आया था। होली की पार्टी रखी है। हमे इनवाइट किया है।
अब वे हमारे रिश्ते दार बनने वाले है, हमे जाना होगा।
राजेश _कितने बजे चलना है मां।
सुनीता _10बजे।
राजेश _ठीक है मां मै घर पहुंच जाऊंगा।
सुनीता _ठीक है बेटा। समय पर पहुंच जाना। हम लोग तैयार रहेंगे।
राजेश _ठीक है मां।
राजेश अपना बाइक लेकर सीधा सुजाता के घर के लिए निकल गया।
वहा पहुंचने पर देखा की सीमा हाल में बैठी थी।
राजेश _हैप्पी होली सीमा जी,
सीमा _हैप्पी होली राजेश। अच्छा huwa तुम आ गए।
देखो न यहा तो कोई होली खेलने के मूड में ही नहीं। निशा और आंटी अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकल रही।
राजेश _अच्छा, मै देखता हूं।
राजेश निशा की कमरे की ओर चला गया।
दरवाजा खटखटाया।
निशा ने दरवाजा खोला।
निशा _सीमा, मैने कहा न, मुझे होली नही खेलना।
तभी उसने देखा, सीमा नहीं, राजेश खडा है दरवाज़े पर।
राजेश _हैप्पी होली, निशा जी।
राजेश तुम,,
राजेश _हा निशा जी, सीमा बता रही थी की तुम्हारा होली खेलने का मन नही। कमरे से बाहर नहीं निकल रही।
निशा _मेरा मन नही कर रहा था होली खेलने का।
राजेश _पर क्यू?
निशा _पता नही।
राजेश _क्या मै तुम्हे गुलाल लगा दू?
निशा _राजेश की ओर देखने लगीं।
फिर अपनी आंखे बंद कर दी।
राजेश ने गुलाल लेकर निशा की गालों पर लगा दिया।
हैप्पी होली निशा जी।
नीचे चलिए न, सीमा और कई लोग होली खेलने के लिए तुम्हारा इन्तजार कर रहे हैं ।
तभी वहां सीमा भी पहुंच गई।
वह निशा को पकड़ कर उसकी गालों में रंग मलने लगी।
हैप्पी होली मैम साहिबा।
निशा_सीमा की बच्ची छोड़ो कितना लगाएगी।
राजेश _निशा लो गुलाल, तुम भी सीमा जी को अच्छे से मल दो।
निशा ने गुलाल लेकर सीमा को लगाने की कोशिश करने लगी।
सीमा भागने लगीं।
तभी राजेश ने सीमा को पकड़ लिया।
राजेश _लो निशा जी, लगा दो अच्छे से।
सीमा _राजेश छोड़ो न, हंसते हुवे बोली।
निशा _सीमा की बच्ची, अब देख तुम्हारी शकल कैसे बिगाड़ती हूं।
निशा ने ढेर सारा रंग सीमा की गालों पर मल दिया।
सीमा _राजेश, ये तुम्हारे गालों पर क्या huwa है।
राजेश _कुछ भी तो नहीं, राजेश अपनी गालों को हाथ से छूकर कहा,,
सीमा _जरा दिखाओ तो कुछ तो है?
राजेश झुका।
सीमा ने राजेश के गालों पर गुलाल मल दिया।
हैप्पी होली।
निशा, देख कर हसने लगी।
सीमा_निशु, चलो न नीचे गार्डन में चल कर होली खेलेंगे।
निशा _चलो।
राजेश _मैम कहा है?
सीमा _वह भी अपने कमरे से बाहर नहीं निकली है।
राजेश _ओह, तुम लोग नीचे गार्डन पे चलो मैं मैम को लेकर आता हूं।
सीमा _ठीक है राजेश।
राजेश सुजाता की कमरे की ओर चला गया।
वह दरवाजा खटखटाया।
सुजाता _दरवाजा खोली।
आ गए तुम,
राजेश _हैप्पी होली, जान, राजेश ने सुजाता को बाहों मे भर कर उसकी गालों को चूम कर गुलाल लगाते हुए कहा?
सुजाता_कितना देर लगा दिया? छोड़ो मुझे। झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोली।
राजेश _सॉरी जान ।
माफ कर दो।
चलो अपने हाथो से मुझे रंग लगाओ।
सुजाता _तुम तो पहले से ही रंगे हुवे हो, अब कहा लगाऊंगी मै रंग तुम्हे।
राजेश _अपनी होंठो की गुलाबी रंग मेरे पिचकारी पे लगा दो। सुजाता की चूची को मसलते हुए कहा।
सुजाता _अच्छा।
पहले अपना पिचकारी तो बाहर निकालो।
राजेश _पहले अपनी ओंठो पर रंग तो लगा लो,,
सुजाता मुस्कुराने लगी।
वह आईने के पास गईं फिर गुलाबी रंग का लिपिस्टिक अपने होंठो पर अच्छे से लगा ली।
फिर राजेश का शर्ट निकाल कर उसके पूरे बदन में चूमने लगी। उसकी ओंठो की गुलाबी रंग का निशान पूरे बदन पर पढ़ने लगा।

फिर सुनीता ने राजेश का पेंट भी निकाल दिया।
राजेश को नंगा कर दिया।
राजेश के land Ko मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश का land सुजाता की गुलाबी ओंठ की गर्मी पाकर, तनकर खुब लंबा और मोटा हो गया।
राजेश ने सुजाता की साड़ी ब्लाउज उतार दिया, फिर कुछ देर तक उसकी चूची मसल कर चुसने के बाद। उसकी पेटीकोट भी उतार कर नंगी कर दिया।
फिर राजेश ने सुनीता की गुलाबी chut को जी भर कर चूसा।
सुजाता बहुत अधिक उत्तेजित हो कर, सिसकने लगी।
राजेश देर न करते हुए। सुजाता को बेड के किनारे लिटा दिया और उसकी टांगो को अपने कंधो पे रख दिया।
फिर उसकी chut सहलाने लगा।
सुजाता बहुत अधिक उत्तेजित हो गई थी।
सुजाता _अब देर न करो जान डाल दो अपनी पिचकारी मेरी बुर में।
राजेश,अपना मोटा land सुजाता की बुर में रख कर एक जोर का धक्का मारा।
Land एक ही बार में सरसराता huwa बुर फाड़कर अदंर ,
राजेश दोनो चुचियों को हाथो से मसल मसल कर।
बुर की chudai शुरू कर दिया।
कुछ ही देर में दोनो जन्नत की सैर करने लगें।
कमरे में सुजाता की मादक सिसकारी गूंजने लगी।
साथ ही फच फच की आवाज़ भी गूंज रही थी।
Land बिना किसी रोक टोक के बुर की पानी में गिला होकर, गपागप अंदर बाहर हो रहा था।
दोनो को संभोग का अपार सुख प्राप्त हो रहा था। जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता।
कुछ देर बाद ही सुजाता झडने लगी।
राजेश, सुनीता और स्वीटी की chudai करने के बाद भी झड़ा नहीं था।
वह दो तीन पोजीशन में सुजाता की जमकर chudai किया और अपना पानी सुजाता की कोख में छोड़ दिया।
सुजाता भी चार बार झड़ चुकी थी।
कुछ देर सुस्ताने के बाद दोनों नीचे आए।
फिर गार्डन में निशा, सीमा, सुजाता, राजेश, नौकर चाकर सभी मिलकर होली खेले। नाचे गाए।
राजेश _9बजे वहा से निकल कर अपनी प्रिया दी के घर चला गया।
Shaandar super hot erotic update 🔥🔥🔥
Rajesh ke Holi me maze hai 😃😃 Maa ke bahan uske baad Madam ko pel diya :sex:
:dancing2: :party1:
 

Ravi 23

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सुनीता झडने के बाद जब होश में आई,,,
सुनीता _बेटा अब बस करो, स्वीट उठ गई होगी वह किसी भी वक्त आ सकती है, अब तुम जाओ यहां से।

राजेश _ठीक है मां,
राजेश ने जाते, अपना land सुनीता की बुर से बाहर निकाला,
Land सुनीता की बुर का पानी पीकर खूब लंबा और मोटा हो गया।
राजेश ने जैसे हीland को बाहर निकाला वह हवा में लहराने लगा।
सुनीता land Ko देखकर मुस्कुराने लगी।
राजेश _मां, थोडा चूस कर साफ़ तो कर दो।
सुनीता पाटे से उतर कर नीचे बैठ गई, और राजेश के land को मुंह में भर कर चूसने लगीं।
राजेश उसकी बालो को सहलाने लगा।
राजेश के land पे लगे बुर की पानी को चूस कर साफ़ कर दिया।
सुनीता _अब जाओ बेटा।
राजेश अपना पैंट का चैन लगा लिया।
राजेश जैसे ही कमरे से बाहर निकला, स्वीटी उस पर टूट पड़ी, हैप्पी होली भईया कहते हुए उसके गालों पर रंग मल दिया।
राजेश स्वीटी को रंग लगा पाता इससे पहले ही स्वीटी तेजी से अपने की ओर भागने लगीं।
राजेश _रुको, स्वीटी कि बच्ची, कहा भाग रही हो।
स्वीटी राजेश को जीभ निकाल कर चिड़ाते हुवे अपने कमरे मे घुस गई और बाथरुम में जाकर छुप गई।
राजेश स्वीटी के कमरे में घुसा और स्वीती को रंग लगाने के लिए ढूढने लगा।
स्वीटी कमर में दिखाई नही दिया।
राजेश _स्वीटी की बच्ची कहा छिप गई, निकल बाहर।
स्वीटी बाथरुम से बोली, न मै नही निकलने वाली।
राजेश _अच्छा तू बाथरुम में है।
राजेश बाथरुम का दरवाजा पीटने लगा।
राजेश _स्वीटी की बच्ची खोल दरवाजा।
स्वीटी ने अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई।
भईया मै नहा रही अब तुम यहां से जाओ।
राजेश _ये कैसा मजाक है, अभी तो होली खेली ही नहीं और नहाने लगीं।
स्वीटी _हां, बाबा, मुझे रंग नही लगवाना। त्वचा खराब हो जाता है।
राजेश _अच्छा, होली नही खेलना था तो मुझपे रंग क्यू लगाया? चलो दरवाजा खोलो।
स्वीटी _भईया मै कह रही न मै नहा रही हूं।
अगर कहना नही मान रहे तो देख लो।
स्वीटी ने दरवाजा खोला और दरवाजा के पीछे छुप गई।
राजेश अदंर गया।
स्वीटी ने बाथरुम का दरवाजा बंद कर दिया।
राजेश ने स्वीटी को देखा, वह एकदम नंगी थी।
राजेश _स्वीटी ये कैसा मजाक है?
स्वीटी _कैसा मजाक भईया?

मैने तो पहले ही कहा था कि मैं नहा रही हूं।
देख लो।
चलो लगा दो रंग,
राजेश _चलो हटो मुझे जाने दो।
स्वीटी _क्या huwa होली नही खेलोगे मेरे साथ।
मां के साथ तो बड़े मजे से खेल रहे थे।
राजेश _ये क्या कह रही हो?
स्वीटी _मैने अपनी आंखो से देखा है कैसे तुम कीचन में मां की chudai कर रहे थे?
राजेश _ओ आज होली था न तो हम बहक गए।
चलो अब दरवाजा खोलो और मुझे जाने दो।
स्वीटी _न, अब ये दरवाजा तभी खुलेगा जब तुम मेरे साथ होली खेलोगे जैसे तुम मां के साथ खेले।
देखो मेरी बुर को, तुम लोगो की chudai देखकर कितना पानी बहा रही है। स्वीटी अपनी बुर दिखाने लगीं।
राजेश की नजर स्वीटी की मस्त चिकनी बुर पर गया। वैसे भी सुनीता की chudai कर अभी वह झड़ा नहीं था तो उसका land बुर देखकर झटके मारने लगा।
स्वीटी _भईया, अब देख क्या रहे हो? डाल दो अपनी पिचकारी मेरी बुर पे और खेलो अपनी बहन के साथ होली।
राजेश _न, अगर मां आ गई न तो होली का सारा रंग उड़ जायेगा, कई चाटे पड़ेंगे। वैसे भी तेरी शादी तय हो गई है।
स्वीटी _भईया, बस एक बार जल्दी से झाड़ दो मुझे। इतने देर में तो हो भी जाता।
प्लीज। जल्दी करो।
राजेश _ओ हो क्या मुसीबत है?
स्वीटी राजेश का चैन खीच कर उसका land बाहर निकाल लिया और मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश का land स्वीटी की मुंह का गर्माहट पाकर और शख्त हो गया।
वैसे भी स्वीटी बहुत ही खुबसूरत और हॉट थी।
राजेश की स्वीटी की बालो को सहलाने लगा और अपनी क़मर को आगे पीछे कर land को अदंर बाहर करने लगा।
कुछ देर चुसने के बाद स्वीटी ने चूसना बंद कर दिया और कमोड को पकड़कर झुक गई।
स्वीटी _लो भईया, अब देर न करो डाल दोअपनी पिचकारी मेरी बुर पर।
राजेश नीचे झुका और स्वीटी की बुर को थोडा चूसा।
स्वीटी पहले से ही बहुत गर्म थी राजेश के हरकत से वह मादक सिसकारी निकालने लगी।
आह भईया, आह उन मां,, भईया,,, अब,,, डा,,, ला,,, दो,,,,
राजेश ने अब समय न गवाते हुवे अपना land उसकी बुर के छेद पे सेट किया और एक जोर का धक्का मारा।
Land एक ही बार में सरसराता huwa बुर के अंदर घुस गया।
स्वीटी चीख उठी,,
उई मां,,
भईया धीरे,, एक ही बार में डाल दिए,, मेरी बुर फट गई,,, आ,,
अब राजेश नीचे झुक कर स्वीटी की चूचियां पकड़ कर मसलते हुए land को धीरे धीरे अदंर बाहर करना शुरू कर दिया।
Land बुर को चीर कर अदंर बाहर होने लगा।
राजेश कुछ देर धीरे धीरे चोदने के बाद स्वीटी के मुंह से मादक सिसकारी सुन कर अपना स्पीड बढ़ा दिया।
अब वह स्वीटी की बुर को gach gach चोदने लगा।
कमरे में स्वीटी की मादक सिसकारी के साथ, फच फच की आवाज गूंजने लगा ।
स्वीटी और राजेश दोनों को बहुत मज़ा आने लगा। दोनो स्वर्ग में पहुंच चूके थे ।
स्वीटी _आह भईया, और जोर से चोदो, आह,, उई मां आह बहुत मज़ा आ रहा है।
आह साली बहुत खुजाती हैं।
आज इसकी पूरी खुजली मिटा दो,
राजेश और जोर जोर से चोदने लगा।
Land गपागप अंदर बाहर हो रहा था।
स्वीटी _आह मां, उई आह, बहुत मज़ा आ रहा है,, आह भईया और जोर से, आह मां आह
मै आने वाली हूं,, आह भईया चोदो और जोर से,,,
आह,,
राजेश स्विति की क़मर पकड़ कर और राजेश स्वीटी को तेज गति से चोदने लगा।
राजेश के जांघो से स्वीटी की चूतड टकराने लगा। जिससे थप थप की आवाज़ आने लगा।
इधर स्वीटी जन्नत की सैर कर रही थी।
उसे बहुत मजा आ रहा था।
वह लगातार अपने मुंह से कामुक सिसकारी निकालने लगी।
और चीखते हुए झरने लगी।
राजेश को पता चल गया कि स्वीटी झड़ गई है। वह चोदना बंद कर दिया और अपना खोया ताकत फिर से प्राप्त करने लगा।
कुछ देर बाद स्वीटी के बुर से अपना land बाहर निकाल दिया। और गुलाल को स्वीटी के चेहरे पर मल दिया। फिर उसकी चूची को मसल मसल कर पीने लगा। उसकी चूची पर भी रंग मल दिया।

स्वीटी फिर से गर्म हो गई। वह राजेश को कमोड पर बिठा दिया।
और खुद उसके land को अपनी बुर पे सेट कर उसके ऊपर बैठ गई।
फिर land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश को भी मज़ा आने लगा।
वह स्वीटी की कमर पकड़ लिया और उसे अपने land पर पटक पटक कर चोदने लगा।
स्वीटी फिर से जन्नत में पहुंच गई।
उसकी मादक सिसकारी से बाथरुम गूंजने लगी।

कुछ देर में ही स्वीटी फिर से चरम अवस्था में पहुंच गई।
आह, मां उन आई,,, आह उह उन,,,,
भईया मै और जोर से चोदो बहुत मज़ा आ रहा है, आह उन,, आई मां, मै,, गई,,,
स्वीटी राजेश को जोर से जकड़ ली फिर झडने लगी।
राजेश स्वीटी को उठा कर बेड बाथरुम से कमरे मे ले आया और उसे बेड पर लिटा दिया।
फिर अपना land उसकी बुर से निकाल लिया।land fuck की आवाज़ कर बाहर निकला।
और हवा में लहराने लगा।
स्वीटी बेहोश सी हो गई थी।
राजेश को सुजाता का काल आया।
सुजाता _राजेश, तुम कहा हो मै कब से तुम्हारा वेट कर रही।
राजेश _मै अभी आया,जान।

राजेश स्वीटी को छोड़कर ,अपना पैंट का चैन लगा कर, कमरे से बाहर चला गया।
वह कीचन में गया, जहां सुनीता काम कर रही थी।
राजेश _मां मै बाहर जा रहा दोस्तो से मिलने।
सुनीता _बेटा, रीता जी का फोन आया था। होली की पार्टी रखी है। हमे इनवाइट किया है।
अब वे हमारे रिश्ते दार बनने वाले है, हमे जाना होगा।
राजेश _कितने बजे चलना है मां।
सुनीता _10बजे।
राजेश _ठीक है मां मै घर पहुंच जाऊंगा।
सुनीता _ठीक है बेटा। समय पर पहुंच जाना। हम लोग तैयार रहेंगे।
राजेश _ठीक है मां।
राजेश अपना बाइक लेकर सीधा सुजाता के घर के लिए निकल गया।
वहा पहुंचने पर देखा की सीमा हाल में बैठी थी।
राजेश _हैप्पी होली सीमा जी,
सीमा _हैप्पी होली राजेश। अच्छा huwa तुम आ गए।
देखो न यहा तो कोई होली खेलने के मूड में ही नहीं। निशा और आंटी अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकल रही।
राजेश _अच्छा, मै देखता हूं।
राजेश निशा की कमरे की ओर चला गया।
दरवाजा खटखटाया।
निशा ने दरवाजा खोला।
निशा _सीमा, मैने कहा न, मुझे होली नही खेलना।
तभी उसने देखा, सीमा नहीं, राजेश खडा है दरवाज़े पर।
राजेश _हैप्पी होली, निशा जी।
राजेश तुम,,
राजेश _हा निशा जी, सीमा बता रही थी की तुम्हारा होली खेलने का मन नही। कमरे से बाहर नहीं निकल रही।
निशा _मेरा मन नही कर रहा था होली खेलने का।
राजेश _पर क्यू?
निशा _पता नही।
राजेश _क्या मै तुम्हे गुलाल लगा दू?
निशा _राजेश की ओर देखने लगीं।
फिर अपनी आंखे बंद कर दी।
राजेश ने गुलाल लेकर निशा की गालों पर लगा दिया।
हैप्पी होली निशा जी।
नीचे चलिए न, सीमा और कई लोग होली खेलने के लिए तुम्हारा इन्तजार कर रहे हैं ।
तभी वहां सीमा भी पहुंच गई।
वह निशा को पकड़ कर उसकी गालों में रंग मलने लगी।
हैप्पी होली मैम साहिबा।
निशा_सीमा की बच्ची छोड़ो कितना लगाएगी।
राजेश _निशा लो गुलाल, तुम भी सीमा जी को अच्छे से मल दो।
निशा ने गुलाल लेकर सीमा को लगाने की कोशिश करने लगी।
सीमा भागने लगीं।
तभी राजेश ने सीमा को पकड़ लिया।
राजेश _लो निशा जी, लगा दो अच्छे से।
सीमा _राजेश छोड़ो न, हंसते हुवे बोली।
निशा _सीमा की बच्ची, अब देख तुम्हारी शकल कैसे बिगाड़ती हूं।
निशा ने ढेर सारा रंग सीमा की गालों पर मल दिया।
सीमा _राजेश, ये तुम्हारे गालों पर क्या huwa है।
राजेश _कुछ भी तो नहीं, राजेश अपनी गालों को हाथ से छूकर कहा,,
सीमा _जरा दिखाओ तो कुछ तो है?
राजेश झुका।
सीमा ने राजेश के गालों पर गुलाल मल दिया।
हैप्पी होली।
निशा, देख कर हसने लगी।
सीमा_निशु, चलो न नीचे गार्डन में चल कर होली खेलेंगे।
निशा _चलो।
राजेश _मैम कहा है?
सीमा _वह भी अपने कमरे से बाहर नहीं निकली है।
राजेश _ओह, तुम लोग नीचे गार्डन पे चलो मैं मैम को लेकर आता हूं।
सीमा _ठीक है राजेश।
राजेश सुजाता की कमरे की ओर चला गया।
वह दरवाजा खटखटाया।
सुजाता _दरवाजा खोली।
आ गए तुम,
राजेश _हैप्पी होली, जान, राजेश ने सुजाता को बाहों मे भर कर उसकी गालों को चूम कर गुलाल लगाते हुए कहा?
सुजाता_कितना देर लगा दिया? छोड़ो मुझे। झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोली।
राजेश _सॉरी जान ।
माफ कर दो।
चलो अपने हाथो से मुझे रंग लगाओ।
सुजाता _तुम तो पहले से ही रंगे हुवे हो, अब कहा लगाऊंगी मै रंग तुम्हे।
राजेश _अपनी होंठो की गुलाबी रंग मेरे पिचकारी पे लगा दो। सुजाता की चूची को मसलते हुए कहा।
सुजाता _अच्छा।
पहले अपना पिचकारी तो बाहर निकालो।
राजेश _पहले अपनी ओंठो पर रंग तो लगा लो,,
सुजाता मुस्कुराने लगी।
वह आईने के पास गईं फिर गुलाबी रंग का लिपिस्टिक अपने होंठो पर अच्छे से लगा ली।
फिर राजेश का शर्ट निकाल कर उसके पूरे बदन में चूमने लगी। उसकी ओंठो की गुलाबी रंग का निशान पूरे बदन पर पढ़ने लगा।

फिर सुनीता ने राजेश का पेंट भी निकाल दिया।
राजेश को नंगा कर दिया।
राजेश के land Ko मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश का land सुजाता की गुलाबी ओंठ की गर्मी पाकर, तनकर खुब लंबा और मोटा हो गया।
राजेश ने सुजाता की साड़ी ब्लाउज उतार दिया, फिर कुछ देर तक उसकी चूची मसल कर चुसने के बाद। उसकी पेटीकोट भी उतार कर नंगी कर दिया।
फिर राजेश ने सुनीता की गुलाबी chut को जी भर कर चूसा।
सुजाता बहुत अधिक उत्तेजित हो कर, सिसकने लगी।
राजेश देर न करते हुए। सुजाता को बेड के किनारे लिटा दिया और उसकी टांगो को अपने कंधो पे रख दिया।
फिर उसकी chut सहलाने लगा।
सुजाता बहुत अधिक उत्तेजित हो गई थी।
सुजाता _अब देर न करो जान डाल दो अपनी पिचकारी मेरी बुर में।
राजेश,अपना मोटा land सुजाता की बुर में रख कर एक जोर का धक्का मारा।
Land एक ही बार में सरसराता huwa बुर फाड़कर अदंर ,
राजेश दोनो चुचियों को हाथो से मसल मसल कर।
बुर की chudai शुरू कर दिया।
कुछ ही देर में दोनो जन्नत की सैर करने लगें।
कमरे में सुजाता की मादक सिसकारी गूंजने लगी।
साथ ही फच फच की आवाज़ भी गूंज रही थी।
Land बिना किसी रोक टोक के बुर की पानी में गिला होकर, गपागप अंदर बाहर हो रहा था।
दोनो को संभोग का अपार सुख प्राप्त हो रहा था। जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता।
कुछ देर बाद ही सुजाता झडने लगी।
राजेश, सुनीता और स्वीटी की chudai करने के बाद भी झड़ा नहीं था।
वह दो तीन पोजीशन में सुजाता की जमकर chudai किया और अपना पानी सुजाता की कोख में छोड़ दिया।
सुजाता भी चार बार झड़ चुकी थी।
कुछ देर सुस्ताने के बाद दोनों नीचे आए।
फिर गार्डन में निशा, सीमा, सुजाता, राजेश, नौकर चाकर सभी मिलकर होली खेले। नाचे गाए।
राजेश _9बजे वहा से निकल कर अपनी प्रिया दी के घर चला गया।
Wow bahut mast story hai bhai 💋💋💋💋
 

Ajju Landwalia

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सुनीता झडने के बाद जब होश में आई,,,
सुनीता _बेटा अब बस करो, स्वीट उठ गई होगी वह किसी भी वक्त आ सकती है, अब तुम जाओ यहां से।

राजेश _ठीक है मां,
राजेश ने जाते, अपना land सुनीता की बुर से बाहर निकाला,
Land सुनीता की बुर का पानी पीकर खूब लंबा और मोटा हो गया।
राजेश ने जैसे हीland को बाहर निकाला वह हवा में लहराने लगा।
सुनीता land Ko देखकर मुस्कुराने लगी।
राजेश _मां, थोडा चूस कर साफ़ तो कर दो।
सुनीता पाटे से उतर कर नीचे बैठ गई, और राजेश के land को मुंह में भर कर चूसने लगीं।
राजेश उसकी बालो को सहलाने लगा।
राजेश के land पे लगे बुर की पानी को चूस कर साफ़ कर दिया।
सुनीता _अब जाओ बेटा।
राजेश अपना पैंट का चैन लगा लिया।
राजेश जैसे ही कमरे से बाहर निकला, स्वीटी उस पर टूट पड़ी, हैप्पी होली भईया कहते हुए उसके गालों पर रंग मल दिया।
राजेश स्वीटी को रंग लगा पाता इससे पहले ही स्वीटी तेजी से अपने की ओर भागने लगीं।
राजेश _रुको, स्वीटी कि बच्ची, कहा भाग रही हो।
स्वीटी राजेश को जीभ निकाल कर चिड़ाते हुवे अपने कमरे मे घुस गई और बाथरुम में जाकर छुप गई।
राजेश स्वीटी के कमरे में घुसा और स्वीती को रंग लगाने के लिए ढूढने लगा।
स्वीटी कमर में दिखाई नही दिया।
राजेश _स्वीटी की बच्ची कहा छिप गई, निकल बाहर।
स्वीटी बाथरुम से बोली, न मै नही निकलने वाली।
राजेश _अच्छा तू बाथरुम में है।
राजेश बाथरुम का दरवाजा पीटने लगा।
राजेश _स्वीटी की बच्ची खोल दरवाजा।
स्वीटी ने अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई।
भईया मै नहा रही अब तुम यहां से जाओ।
राजेश _ये कैसा मजाक है, अभी तो होली खेली ही नहीं और नहाने लगीं।
स्वीटी _हां, बाबा, मुझे रंग नही लगवाना। त्वचा खराब हो जाता है।
राजेश _अच्छा, होली नही खेलना था तो मुझपे रंग क्यू लगाया? चलो दरवाजा खोलो।
स्वीटी _भईया मै कह रही न मै नहा रही हूं।
अगर कहना नही मान रहे तो देख लो।
स्वीटी ने दरवाजा खोला और दरवाजा के पीछे छुप गई।
राजेश अदंर गया।
स्वीटी ने बाथरुम का दरवाजा बंद कर दिया।
राजेश ने स्वीटी को देखा, वह एकदम नंगी थी।
राजेश _स्वीटी ये कैसा मजाक है?
स्वीटी _कैसा मजाक भईया?

मैने तो पहले ही कहा था कि मैं नहा रही हूं।
देख लो।
चलो लगा दो रंग,
राजेश _चलो हटो मुझे जाने दो।
स्वीटी _क्या huwa होली नही खेलोगे मेरे साथ।
मां के साथ तो बड़े मजे से खेल रहे थे।
राजेश _ये क्या कह रही हो?
स्वीटी _मैने अपनी आंखो से देखा है कैसे तुम कीचन में मां की chudai कर रहे थे?
राजेश _ओ आज होली था न तो हम बहक गए।
चलो अब दरवाजा खोलो और मुझे जाने दो।
स्वीटी _न, अब ये दरवाजा तभी खुलेगा जब तुम मेरे साथ होली खेलोगे जैसे तुम मां के साथ खेले।
देखो मेरी बुर को, तुम लोगो की chudai देखकर कितना पानी बहा रही है। स्वीटी अपनी बुर दिखाने लगीं।
राजेश की नजर स्वीटी की मस्त चिकनी बुर पर गया। वैसे भी सुनीता की chudai कर अभी वह झड़ा नहीं था तो उसका land बुर देखकर झटके मारने लगा।
स्वीटी _भईया, अब देख क्या रहे हो? डाल दो अपनी पिचकारी मेरी बुर पे और खेलो अपनी बहन के साथ होली।
राजेश _न, अगर मां आ गई न तो होली का सारा रंग उड़ जायेगा, कई चाटे पड़ेंगे। वैसे भी तेरी शादी तय हो गई है।
स्वीटी _भईया, बस एक बार जल्दी से झाड़ दो मुझे। इतने देर में तो हो भी जाता।
प्लीज। जल्दी करो।
राजेश _ओ हो क्या मुसीबत है?
स्वीटी राजेश का चैन खीच कर उसका land बाहर निकाल लिया और मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश का land स्वीटी की मुंह का गर्माहट पाकर और शख्त हो गया।
वैसे भी स्वीटी बहुत ही खुबसूरत और हॉट थी।
राजेश की स्वीटी की बालो को सहलाने लगा और अपनी क़मर को आगे पीछे कर land को अदंर बाहर करने लगा।
कुछ देर चुसने के बाद स्वीटी ने चूसना बंद कर दिया और कमोड को पकड़कर झुक गई।
स्वीटी _लो भईया, अब देर न करो डाल दोअपनी पिचकारी मेरी बुर पर।
राजेश नीचे झुका और स्वीटी की बुर को थोडा चूसा।
स्वीटी पहले से ही बहुत गर्म थी राजेश के हरकत से वह मादक सिसकारी निकालने लगी।
आह भईया, आह उन मां,, भईया,,, अब,,, डा,,, ला,,, दो,,,,
राजेश ने अब समय न गवाते हुवे अपना land उसकी बुर के छेद पे सेट किया और एक जोर का धक्का मारा।
Land एक ही बार में सरसराता huwa बुर के अंदर घुस गया।
स्वीटी चीख उठी,,
उई मां,,
भईया धीरे,, एक ही बार में डाल दिए,, मेरी बुर फट गई,,, आ,,
अब राजेश नीचे झुक कर स्वीटी की चूचियां पकड़ कर मसलते हुए land को धीरे धीरे अदंर बाहर करना शुरू कर दिया।
Land बुर को चीर कर अदंर बाहर होने लगा।
राजेश कुछ देर धीरे धीरे चोदने के बाद स्वीटी के मुंह से मादक सिसकारी सुन कर अपना स्पीड बढ़ा दिया।
अब वह स्वीटी की बुर को gach gach चोदने लगा।
कमरे में स्वीटी की मादक सिसकारी के साथ, फच फच की आवाज गूंजने लगा ।
स्वीटी और राजेश दोनों को बहुत मज़ा आने लगा। दोनो स्वर्ग में पहुंच चूके थे ।
स्वीटी _आह भईया, और जोर से चोदो, आह,, उई मां आह बहुत मज़ा आ रहा है।
आह साली बहुत खुजाती हैं।
आज इसकी पूरी खुजली मिटा दो,
राजेश और जोर जोर से चोदने लगा।
Land गपागप अंदर बाहर हो रहा था।
स्वीटी _आह मां, उई आह, बहुत मज़ा आ रहा है,, आह भईया और जोर से, आह मां आह
मै आने वाली हूं,, आह भईया चोदो और जोर से,,,
आह,,
राजेश स्विति की क़मर पकड़ कर और राजेश स्वीटी को तेज गति से चोदने लगा।
राजेश के जांघो से स्वीटी की चूतड टकराने लगा। जिससे थप थप की आवाज़ आने लगा।
इधर स्वीटी जन्नत की सैर कर रही थी।
उसे बहुत मजा आ रहा था।
वह लगातार अपने मुंह से कामुक सिसकारी निकालने लगी।
और चीखते हुए झरने लगी।
राजेश को पता चल गया कि स्वीटी झड़ गई है। वह चोदना बंद कर दिया और अपना खोया ताकत फिर से प्राप्त करने लगा।
कुछ देर बाद स्वीटी के बुर से अपना land बाहर निकाल दिया। और गुलाल को स्वीटी के चेहरे पर मल दिया। फिर उसकी चूची को मसल मसल कर पीने लगा। उसकी चूची पर भी रंग मल दिया।

स्वीटी फिर से गर्म हो गई। वह राजेश को कमोड पर बिठा दिया।
और खुद उसके land को अपनी बुर पे सेट कर उसके ऊपर बैठ गई।
फिर land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश को भी मज़ा आने लगा।
वह स्वीटी की कमर पकड़ लिया और उसे अपने land पर पटक पटक कर चोदने लगा।
स्वीटी फिर से जन्नत में पहुंच गई।
उसकी मादक सिसकारी से बाथरुम गूंजने लगी।

कुछ देर में ही स्वीटी फिर से चरम अवस्था में पहुंच गई।
आह, मां उन आई,,, आह उह उन,,,,
भईया मै और जोर से चोदो बहुत मज़ा आ रहा है, आह उन,, आई मां, मै,, गई,,,
स्वीटी राजेश को जोर से जकड़ ली फिर झडने लगी।
राजेश स्वीटी को उठा कर बेड बाथरुम से कमरे मे ले आया और उसे बेड पर लिटा दिया।
फिर अपना land उसकी बुर से निकाल लिया।land fuck की आवाज़ कर बाहर निकला।
और हवा में लहराने लगा।
स्वीटी बेहोश सी हो गई थी।
राजेश को सुजाता का काल आया।
सुजाता _राजेश, तुम कहा हो मै कब से तुम्हारा वेट कर रही।
राजेश _मै अभी आया,जान।

राजेश स्वीटी को छोड़कर ,अपना पैंट का चैन लगा कर, कमरे से बाहर चला गया।
वह कीचन में गया, जहां सुनीता काम कर रही थी।
राजेश _मां मै बाहर जा रहा दोस्तो से मिलने।
सुनीता _बेटा, रीता जी का फोन आया था। होली की पार्टी रखी है। हमे इनवाइट किया है।
अब वे हमारे रिश्ते दार बनने वाले है, हमे जाना होगा।
राजेश _कितने बजे चलना है मां।
सुनीता _10बजे।
राजेश _ठीक है मां मै घर पहुंच जाऊंगा।
सुनीता _ठीक है बेटा। समय पर पहुंच जाना। हम लोग तैयार रहेंगे।
राजेश _ठीक है मां।
राजेश अपना बाइक लेकर सीधा सुजाता के घर के लिए निकल गया।
वहा पहुंचने पर देखा की सीमा हाल में बैठी थी।
राजेश _हैप्पी होली सीमा जी,
सीमा _हैप्पी होली राजेश। अच्छा huwa तुम आ गए।
देखो न यहा तो कोई होली खेलने के मूड में ही नहीं। निशा और आंटी अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकल रही।
राजेश _अच्छा, मै देखता हूं।
राजेश निशा की कमरे की ओर चला गया।
दरवाजा खटखटाया।
निशा ने दरवाजा खोला।
निशा _सीमा, मैने कहा न, मुझे होली नही खेलना।
तभी उसने देखा, सीमा नहीं, राजेश खडा है दरवाज़े पर।
राजेश _हैप्पी होली, निशा जी।
राजेश तुम,,
राजेश _हा निशा जी, सीमा बता रही थी की तुम्हारा होली खेलने का मन नही। कमरे से बाहर नहीं निकल रही।
निशा _मेरा मन नही कर रहा था होली खेलने का।
राजेश _पर क्यू?
निशा _पता नही।
राजेश _क्या मै तुम्हे गुलाल लगा दू?
निशा _राजेश की ओर देखने लगीं।
फिर अपनी आंखे बंद कर दी।
राजेश ने गुलाल लेकर निशा की गालों पर लगा दिया।
हैप्पी होली निशा जी।
नीचे चलिए न, सीमा और कई लोग होली खेलने के लिए तुम्हारा इन्तजार कर रहे हैं ।
तभी वहां सीमा भी पहुंच गई।
वह निशा को पकड़ कर उसकी गालों में रंग मलने लगी।
हैप्पी होली मैम साहिबा।
निशा_सीमा की बच्ची छोड़ो कितना लगाएगी।
राजेश _निशा लो गुलाल, तुम भी सीमा जी को अच्छे से मल दो।
निशा ने गुलाल लेकर सीमा को लगाने की कोशिश करने लगी।
सीमा भागने लगीं।
तभी राजेश ने सीमा को पकड़ लिया।
राजेश _लो निशा जी, लगा दो अच्छे से।
सीमा _राजेश छोड़ो न, हंसते हुवे बोली।
निशा _सीमा की बच्ची, अब देख तुम्हारी शकल कैसे बिगाड़ती हूं।
निशा ने ढेर सारा रंग सीमा की गालों पर मल दिया।
सीमा _राजेश, ये तुम्हारे गालों पर क्या huwa है।
राजेश _कुछ भी तो नहीं, राजेश अपनी गालों को हाथ से छूकर कहा,,
सीमा _जरा दिखाओ तो कुछ तो है?
राजेश झुका।
सीमा ने राजेश के गालों पर गुलाल मल दिया।
हैप्पी होली।
निशा, देख कर हसने लगी।
सीमा_निशु, चलो न नीचे गार्डन में चल कर होली खेलेंगे।
निशा _चलो।
राजेश _मैम कहा है?
सीमा _वह भी अपने कमरे से बाहर नहीं निकली है।
राजेश _ओह, तुम लोग नीचे गार्डन पे चलो मैं मैम को लेकर आता हूं।
सीमा _ठीक है राजेश।
राजेश सुजाता की कमरे की ओर चला गया।
वह दरवाजा खटखटाया।
सुजाता _दरवाजा खोली।
आ गए तुम,
राजेश _हैप्पी होली, जान, राजेश ने सुजाता को बाहों मे भर कर उसकी गालों को चूम कर गुलाल लगाते हुए कहा?
सुजाता_कितना देर लगा दिया? छोड़ो मुझे। झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोली।
राजेश _सॉरी जान ।
माफ कर दो।
चलो अपने हाथो से मुझे रंग लगाओ।
सुजाता _तुम तो पहले से ही रंगे हुवे हो, अब कहा लगाऊंगी मै रंग तुम्हे।
राजेश _अपनी होंठो की गुलाबी रंग मेरे पिचकारी पे लगा दो। सुजाता की चूची को मसलते हुए कहा।
सुजाता _अच्छा।
पहले अपना पिचकारी तो बाहर निकालो।
राजेश _पहले अपनी ओंठो पर रंग तो लगा लो,,
सुजाता मुस्कुराने लगी।
वह आईने के पास गईं फिर गुलाबी रंग का लिपिस्टिक अपने होंठो पर अच्छे से लगा ली।
फिर राजेश का शर्ट निकाल कर उसके पूरे बदन में चूमने लगी। उसकी ओंठो की गुलाबी रंग का निशान पूरे बदन पर पढ़ने लगा।

फिर सुनीता ने राजेश का पेंट भी निकाल दिया।
राजेश को नंगा कर दिया।
राजेश के land Ko मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश का land सुजाता की गुलाबी ओंठ की गर्मी पाकर, तनकर खुब लंबा और मोटा हो गया।
राजेश ने सुजाता की साड़ी ब्लाउज उतार दिया, फिर कुछ देर तक उसकी चूची मसल कर चुसने के बाद। उसकी पेटीकोट भी उतार कर नंगी कर दिया।
फिर राजेश ने सुनीता की गुलाबी chut को जी भर कर चूसा।
सुजाता बहुत अधिक उत्तेजित हो कर, सिसकने लगी।
राजेश देर न करते हुए। सुजाता को बेड के किनारे लिटा दिया और उसकी टांगो को अपने कंधो पे रख दिया।
फिर उसकी chut सहलाने लगा।
सुजाता बहुत अधिक उत्तेजित हो गई थी।
सुजाता _अब देर न करो जान डाल दो अपनी पिचकारी मेरी बुर में।
राजेश,अपना मोटा land सुजाता की बुर में रख कर एक जोर का धक्का मारा।
Land एक ही बार में सरसराता huwa बुर फाड़कर अदंर ,
राजेश दोनो चुचियों को हाथो से मसल मसल कर।
बुर की chudai शुरू कर दिया।
कुछ ही देर में दोनो जन्नत की सैर करने लगें।
कमरे में सुजाता की मादक सिसकारी गूंजने लगी।
साथ ही फच फच की आवाज़ भी गूंज रही थी।
Land बिना किसी रोक टोक के बुर की पानी में गिला होकर, गपागप अंदर बाहर हो रहा था।
दोनो को संभोग का अपार सुख प्राप्त हो रहा था। जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता।
कुछ देर बाद ही सुजाता झडने लगी।
राजेश, सुनीता और स्वीटी की chudai करने के बाद भी झड़ा नहीं था।
वह दो तीन पोजीशन में सुजाता की जमकर chudai किया और अपना पानी सुजाता की कोख में छोड़ दिया।
सुजाता भी चार बार झड़ चुकी थी।
कुछ देर सुस्ताने के बाद दोनों नीचे आए।
फिर गार्डन में निशा, सीमा, सुजाता, राजेश, नौकर चाकर सभी मिलकर होली खेले। नाचे गाए।
राजेश _9बजे वहा से निकल कर अपनी प्रिया दी के घर चला गया।

Bahut hi shandar update he rajesh bhagat Bhai,

Rajesh ne ek hi din me tin tin chuto me pichkari maar kar shandar tarike se holi bana li............

Abhi to raat bhaki he..................Priya ke sath sath auro ka number lagne wala he..........

Keep rocking Bro
 

off463

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सुनीता झडने के बाद जब होश में आई,,,
सुनीता _बेटा अब बस करो, स्वीट उठ गई होगी वह किसी भी वक्त आ सकती है, अब तुम जाओ यहां से।

राजेश _ठीक है मां,
राजेश ने जाते, अपना land सुनीता की बुर से बाहर निकाला,
Land सुनीता की बुर का पानी पीकर खूब लंबा और मोटा हो गया।
राजेश ने जैसे हीland को बाहर निकाला वह हवा में लहराने लगा।
सुनीता land Ko देखकर मुस्कुराने लगी।
राजेश _मां, थोडा चूस कर साफ़ तो कर दो।
सुनीता पाटे से उतर कर नीचे बैठ गई, और राजेश के land को मुंह में भर कर चूसने लगीं।
राजेश उसकी बालो को सहलाने लगा।
राजेश के land पे लगे बुर की पानी को चूस कर साफ़ कर दिया।
सुनीता _अब जाओ बेटा।
राजेश अपना पैंट का चैन लगा लिया।
राजेश जैसे ही कमरे से बाहर निकला, स्वीटी उस पर टूट पड़ी, हैप्पी होली भईया कहते हुए उसके गालों पर रंग मल दिया।
राजेश स्वीटी को रंग लगा पाता इससे पहले ही स्वीटी तेजी से अपने की ओर भागने लगीं।
राजेश _रुको, स्वीटी कि बच्ची, कहा भाग रही हो।
स्वीटी राजेश को जीभ निकाल कर चिड़ाते हुवे अपने कमरे मे घुस गई और बाथरुम में जाकर छुप गई।
राजेश स्वीटी के कमरे में घुसा और स्वीती को रंग लगाने के लिए ढूढने लगा।
स्वीटी कमर में दिखाई नही दिया।
राजेश _स्वीटी की बच्ची कहा छिप गई, निकल बाहर।
स्वीटी बाथरुम से बोली, न मै नही निकलने वाली।
राजेश _अच्छा तू बाथरुम में है।
राजेश बाथरुम का दरवाजा पीटने लगा।
राजेश _स्वीटी की बच्ची खोल दरवाजा।
स्वीटी ने अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई।
भईया मै नहा रही अब तुम यहां से जाओ।
राजेश _ये कैसा मजाक है, अभी तो होली खेली ही नहीं और नहाने लगीं।
स्वीटी _हां, बाबा, मुझे रंग नही लगवाना। त्वचा खराब हो जाता है।
राजेश _अच्छा, होली नही खेलना था तो मुझपे रंग क्यू लगाया? चलो दरवाजा खोलो।
स्वीटी _भईया मै कह रही न मै नहा रही हूं।
अगर कहना नही मान रहे तो देख लो।
स्वीटी ने दरवाजा खोला और दरवाजा के पीछे छुप गई।
राजेश अदंर गया।
स्वीटी ने बाथरुम का दरवाजा बंद कर दिया।
राजेश ने स्वीटी को देखा, वह एकदम नंगी थी।
राजेश _स्वीटी ये कैसा मजाक है?
स्वीटी _कैसा मजाक भईया?

मैने तो पहले ही कहा था कि मैं नहा रही हूं।
देख लो।
चलो लगा दो रंग,
राजेश _चलो हटो मुझे जाने दो।
स्वीटी _क्या huwa होली नही खेलोगे मेरे साथ।
मां के साथ तो बड़े मजे से खेल रहे थे।
राजेश _ये क्या कह रही हो?
स्वीटी _मैने अपनी आंखो से देखा है कैसे तुम कीचन में मां की chudai कर रहे थे?
राजेश _ओ आज होली था न तो हम बहक गए।
चलो अब दरवाजा खोलो और मुझे जाने दो।
स्वीटी _न, अब ये दरवाजा तभी खुलेगा जब तुम मेरे साथ होली खेलोगे जैसे तुम मां के साथ खेले।
देखो मेरी बुर को, तुम लोगो की chudai देखकर कितना पानी बहा रही है। स्वीटी अपनी बुर दिखाने लगीं।
राजेश की नजर स्वीटी की मस्त चिकनी बुर पर गया। वैसे भी सुनीता की chudai कर अभी वह झड़ा नहीं था तो उसका land बुर देखकर झटके मारने लगा।
स्वीटी _भईया, अब देख क्या रहे हो? डाल दो अपनी पिचकारी मेरी बुर पे और खेलो अपनी बहन के साथ होली।
राजेश _न, अगर मां आ गई न तो होली का सारा रंग उड़ जायेगा, कई चाटे पड़ेंगे। वैसे भी तेरी शादी तय हो गई है।
स्वीटी _भईया, बस एक बार जल्दी से झाड़ दो मुझे। इतने देर में तो हो भी जाता।
प्लीज। जल्दी करो।
राजेश _ओ हो क्या मुसीबत है?
स्वीटी राजेश का चैन खीच कर उसका land बाहर निकाल लिया और मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश का land स्वीटी की मुंह का गर्माहट पाकर और शख्त हो गया।
वैसे भी स्वीटी बहुत ही खुबसूरत और हॉट थी।
राजेश की स्वीटी की बालो को सहलाने लगा और अपनी क़मर को आगे पीछे कर land को अदंर बाहर करने लगा।
कुछ देर चुसने के बाद स्वीटी ने चूसना बंद कर दिया और कमोड को पकड़कर झुक गई।
स्वीटी _लो भईया, अब देर न करो डाल दोअपनी पिचकारी मेरी बुर पर।
राजेश नीचे झुका और स्वीटी की बुर को थोडा चूसा।
स्वीटी पहले से ही बहुत गर्म थी राजेश के हरकत से वह मादक सिसकारी निकालने लगी।
आह भईया, आह उन मां,, भईया,,, अब,,, डा,,, ला,,, दो,,,,
राजेश ने अब समय न गवाते हुवे अपना land उसकी बुर के छेद पे सेट किया और एक जोर का धक्का मारा।
Land एक ही बार में सरसराता huwa बुर के अंदर घुस गया।
स्वीटी चीख उठी,,
उई मां,,
भईया धीरे,, एक ही बार में डाल दिए,, मेरी बुर फट गई,,, आ,,
अब राजेश नीचे झुक कर स्वीटी की चूचियां पकड़ कर मसलते हुए land को धीरे धीरे अदंर बाहर करना शुरू कर दिया।
Land बुर को चीर कर अदंर बाहर होने लगा।
राजेश कुछ देर धीरे धीरे चोदने के बाद स्वीटी के मुंह से मादक सिसकारी सुन कर अपना स्पीड बढ़ा दिया।
अब वह स्वीटी की बुर को gach gach चोदने लगा।
कमरे में स्वीटी की मादक सिसकारी के साथ, फच फच की आवाज गूंजने लगा ।
स्वीटी और राजेश दोनों को बहुत मज़ा आने लगा। दोनो स्वर्ग में पहुंच चूके थे ।
स्वीटी _आह भईया, और जोर से चोदो, आह,, उई मां आह बहुत मज़ा आ रहा है।
आह साली बहुत खुजाती हैं।
आज इसकी पूरी खुजली मिटा दो,
राजेश और जोर जोर से चोदने लगा।
Land गपागप अंदर बाहर हो रहा था।
स्वीटी _आह मां, उई आह, बहुत मज़ा आ रहा है,, आह भईया और जोर से, आह मां आह
मै आने वाली हूं,, आह भईया चोदो और जोर से,,,
आह,,
राजेश स्विति की क़मर पकड़ कर और राजेश स्वीटी को तेज गति से चोदने लगा।
राजेश के जांघो से स्वीटी की चूतड टकराने लगा। जिससे थप थप की आवाज़ आने लगा।
इधर स्वीटी जन्नत की सैर कर रही थी।
उसे बहुत मजा आ रहा था।
वह लगातार अपने मुंह से कामुक सिसकारी निकालने लगी।
और चीखते हुए झरने लगी।
राजेश को पता चल गया कि स्वीटी झड़ गई है। वह चोदना बंद कर दिया और अपना खोया ताकत फिर से प्राप्त करने लगा।
कुछ देर बाद स्वीटी के बुर से अपना land बाहर निकाल दिया। और गुलाल को स्वीटी के चेहरे पर मल दिया। फिर उसकी चूची को मसल मसल कर पीने लगा। उसकी चूची पर भी रंग मल दिया।

स्वीटी फिर से गर्म हो गई। वह राजेश को कमोड पर बिठा दिया।
और खुद उसके land को अपनी बुर पे सेट कर उसके ऊपर बैठ गई।
फिर land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश को भी मज़ा आने लगा।
वह स्वीटी की कमर पकड़ लिया और उसे अपने land पर पटक पटक कर चोदने लगा।
स्वीटी फिर से जन्नत में पहुंच गई।
उसकी मादक सिसकारी से बाथरुम गूंजने लगी।

कुछ देर में ही स्वीटी फिर से चरम अवस्था में पहुंच गई।
आह, मां उन आई,,, आह उह उन,,,,
भईया मै और जोर से चोदो बहुत मज़ा आ रहा है, आह उन,, आई मां, मै,, गई,,,
स्वीटी राजेश को जोर से जकड़ ली फिर झडने लगी।
राजेश स्वीटी को उठा कर बेड बाथरुम से कमरे मे ले आया और उसे बेड पर लिटा दिया।
फिर अपना land उसकी बुर से निकाल लिया।land fuck की आवाज़ कर बाहर निकला।
और हवा में लहराने लगा।
स्वीटी बेहोश सी हो गई थी।
राजेश को सुजाता का काल आया।
सुजाता _राजेश, तुम कहा हो मै कब से तुम्हारा वेट कर रही।
राजेश _मै अभी आया,जान।

राजेश स्वीटी को छोड़कर ,अपना पैंट का चैन लगा कर, कमरे से बाहर चला गया।
वह कीचन में गया, जहां सुनीता काम कर रही थी।
राजेश _मां मै बाहर जा रहा दोस्तो से मिलने।
सुनीता _बेटा, रीता जी का फोन आया था। होली की पार्टी रखी है। हमे इनवाइट किया है।
अब वे हमारे रिश्ते दार बनने वाले है, हमे जाना होगा।
राजेश _कितने बजे चलना है मां।
सुनीता _10बजे।
राजेश _ठीक है मां मै घर पहुंच जाऊंगा।
सुनीता _ठीक है बेटा। समय पर पहुंच जाना। हम लोग तैयार रहेंगे।
राजेश _ठीक है मां।
राजेश अपना बाइक लेकर सीधा सुजाता के घर के लिए निकल गया।
वहा पहुंचने पर देखा की सीमा हाल में बैठी थी।
राजेश _हैप्पी होली सीमा जी,
सीमा _हैप्पी होली राजेश। अच्छा huwa तुम आ गए।
देखो न यहा तो कोई होली खेलने के मूड में ही नहीं। निशा और आंटी अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकल रही।
राजेश _अच्छा, मै देखता हूं।
राजेश निशा की कमरे की ओर चला गया।
दरवाजा खटखटाया।
निशा ने दरवाजा खोला।
निशा _सीमा, मैने कहा न, मुझे होली नही खेलना।
तभी उसने देखा, सीमा नहीं, राजेश खडा है दरवाज़े पर।
राजेश _हैप्पी होली, निशा जी।
राजेश तुम,,
राजेश _हा निशा जी, सीमा बता रही थी की तुम्हारा होली खेलने का मन नही। कमरे से बाहर नहीं निकल रही।
निशा _मेरा मन नही कर रहा था होली खेलने का।
राजेश _पर क्यू?
निशा _पता नही।
राजेश _क्या मै तुम्हे गुलाल लगा दू?
निशा _राजेश की ओर देखने लगीं।
फिर अपनी आंखे बंद कर दी।
राजेश ने गुलाल लेकर निशा की गालों पर लगा दिया।
हैप्पी होली निशा जी।
नीचे चलिए न, सीमा और कई लोग होली खेलने के लिए तुम्हारा इन्तजार कर रहे हैं ।
तभी वहां सीमा भी पहुंच गई।
वह निशा को पकड़ कर उसकी गालों में रंग मलने लगी।
हैप्पी होली मैम साहिबा।
निशा_सीमा की बच्ची छोड़ो कितना लगाएगी।
राजेश _निशा लो गुलाल, तुम भी सीमा जी को अच्छे से मल दो।
निशा ने गुलाल लेकर सीमा को लगाने की कोशिश करने लगी।
सीमा भागने लगीं।
तभी राजेश ने सीमा को पकड़ लिया।
राजेश _लो निशा जी, लगा दो अच्छे से।
सीमा _राजेश छोड़ो न, हंसते हुवे बोली।
निशा _सीमा की बच्ची, अब देख तुम्हारी शकल कैसे बिगाड़ती हूं।
निशा ने ढेर सारा रंग सीमा की गालों पर मल दिया।
सीमा _राजेश, ये तुम्हारे गालों पर क्या huwa है।
राजेश _कुछ भी तो नहीं, राजेश अपनी गालों को हाथ से छूकर कहा,,
सीमा _जरा दिखाओ तो कुछ तो है?
राजेश झुका।
सीमा ने राजेश के गालों पर गुलाल मल दिया।
हैप्पी होली।
निशा, देख कर हसने लगी।
सीमा_निशु, चलो न नीचे गार्डन में चल कर होली खेलेंगे।
निशा _चलो।
राजेश _मैम कहा है?
सीमा _वह भी अपने कमरे से बाहर नहीं निकली है।
राजेश _ओह, तुम लोग नीचे गार्डन पे चलो मैं मैम को लेकर आता हूं।
सीमा _ठीक है राजेश।
राजेश सुजाता की कमरे की ओर चला गया।
वह दरवाजा खटखटाया।
सुजाता _दरवाजा खोली।
आ गए तुम,
राजेश _हैप्पी होली, जान, राजेश ने सुजाता को बाहों मे भर कर उसकी गालों को चूम कर गुलाल लगाते हुए कहा?
सुजाता_कितना देर लगा दिया? छोड़ो मुझे। झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोली।
राजेश _सॉरी जान ।
माफ कर दो।
चलो अपने हाथो से मुझे रंग लगाओ।
सुजाता _तुम तो पहले से ही रंगे हुवे हो, अब कहा लगाऊंगी मै रंग तुम्हे।
राजेश _अपनी होंठो की गुलाबी रंग मेरे पिचकारी पे लगा दो। सुजाता की चूची को मसलते हुए कहा।
सुजाता _अच्छा।
पहले अपना पिचकारी तो बाहर निकालो।
राजेश _पहले अपनी ओंठो पर रंग तो लगा लो,,
सुजाता मुस्कुराने लगी।
वह आईने के पास गईं फिर गुलाबी रंग का लिपिस्टिक अपने होंठो पर अच्छे से लगा ली।
फिर राजेश का शर्ट निकाल कर उसके पूरे बदन में चूमने लगी। उसकी ओंठो की गुलाबी रंग का निशान पूरे बदन पर पढ़ने लगा।

फिर सुनीता ने राजेश का पेंट भी निकाल दिया।
राजेश को नंगा कर दिया।
राजेश के land Ko मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश का land सुजाता की गुलाबी ओंठ की गर्मी पाकर, तनकर खुब लंबा और मोटा हो गया।
राजेश ने सुजाता की साड़ी ब्लाउज उतार दिया, फिर कुछ देर तक उसकी चूची मसल कर चुसने के बाद। उसकी पेटीकोट भी उतार कर नंगी कर दिया।
फिर राजेश ने सुनीता की गुलाबी chut को जी भर कर चूसा।
सुजाता बहुत अधिक उत्तेजित हो कर, सिसकने लगी।
राजेश देर न करते हुए। सुजाता को बेड के किनारे लिटा दिया और उसकी टांगो को अपने कंधो पे रख दिया।
फिर उसकी chut सहलाने लगा।
सुजाता बहुत अधिक उत्तेजित हो गई थी।
सुजाता _अब देर न करो जान डाल दो अपनी पिचकारी मेरी बुर में।
राजेश,अपना मोटा land सुजाता की बुर में रख कर एक जोर का धक्का मारा।
Land एक ही बार में सरसराता huwa बुर फाड़कर अदंर ,
राजेश दोनो चुचियों को हाथो से मसल मसल कर।
बुर की chudai शुरू कर दिया।
कुछ ही देर में दोनो जन्नत की सैर करने लगें।
कमरे में सुजाता की मादक सिसकारी गूंजने लगी।
साथ ही फच फच की आवाज़ भी गूंज रही थी।
Land बिना किसी रोक टोक के बुर की पानी में गिला होकर, गपागप अंदर बाहर हो रहा था।
दोनो को संभोग का अपार सुख प्राप्त हो रहा था। जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता।
कुछ देर बाद ही सुजाता झडने लगी।
राजेश, सुनीता और स्वीटी की chudai करने के बाद भी झड़ा नहीं था।
वह दो तीन पोजीशन में सुजाता की जमकर chudai किया और अपना पानी सुजाता की कोख में छोड़ दिया।
सुजाता भी चार बार झड़ चुकी थी।
कुछ देर सुस्ताने के बाद दोनों नीचे आए।
फिर गार्डन में निशा, सीमा, सुजाता, राजेश, नौकर चाकर सभी मिलकर होली खेले। नाचे गाए।
राजेश _9बजे वहा से निकल कर अपनी प्रिया दी के घर चला गया।
Bro update me itna time lagta hai kya Thora jaldi kosis kro update Dene ki mai to nisha ki es bat me khul kat bat karna ka wait kar rha hu please jaldi jaldi update de do yaar
 
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