Nice updateभगत कॉलेज के कैंटीन में बैठा , राजेश को मिस कर रहा था।
भगत राजेश को फोन लगाता है। भगत कहता है भाई तुम्हारी तबीयत कैसी है ?
राजेश भगत के मैसेज को पढ़कर जवाब देता है । अरे़ यार भगत मैं तो ठीक हूं ।तुम बताओ कॉलेज में सब कैसा चल रहा है?
भगत कहता हैं भाई तुम्हारे बिना कॉलेज में मजा नहीं आ रहा है।
राजेश कहता है अरे यार बस अब मै ठीक होने वाला हूं लगता है ,बस दो-तीन दिनों में मैं पूरी तरह ठीक हो जाऊंगा। उसके बाद में मै कालेज आता हूंा
भगत- भाई जिन लड़कों ने तुम पर हमला किया थाउनका पता चल गया है । ़उनके साथ क्या करना है।
राजेश कहता है ,उन पर नजर रखो और सालाे को सबक में ही सिखाऊंगा ।
भगत कहता है ठीक है भाई।
सुनीता द्वारा अच्छी तरह से राजेश की देखभाल करने से, राजेश पूरी तरह से ठीक होने लगा था। समय पर दवाई खिलाना और समय पर उनके हाथों पर तेल से मालिश करना। राजेश पूरी तरह ठीक होने वाला था।
अगले दिन रविवार था ।शेखर ड्यूटी पर नहीं गया था और काले सिटी भी कॉलेज नहीं गई थी ।
शेखर ने सुनीता से कहा, यार आज मेरे स्टाफ के एक कर्मचारी का लड़का हुआ है। तो उसने पार्टी रखा है ।जिसमें मुझे आने के लिए जीद किया है। साथ में तुम्हें भी बुलाया है ।हमे जाना पड़ेगा।
सुनीता ने कहा पार्टी कब रखा है ?
शेखर-पार्टी दोपहर में ही है ।
सुनिता -पर राजेश के मेरी जरूरत पड़ती है ।उसकीअ देखभाल के लिए मुझे घर में ही रहना पड़ेगा ।तुम अकेले चले जाओ।
शेखर कहता है, अरे यार उसे बुरा लगेगा, बस जाएंगे और एक घंटा में आ जाएंगे, मिलकर और स्वीटी तो आज घर पर ही है अगर कुछ जरूरत पड़े तो राजेश की मदद कर देगी।
अनीता कहती है ठीक है।
वे दोनो पार्टी में जाने के लिए तैयार होने लगते है राजेश और सुनीता दोनों तैयार होकर अपने रूम से बाहर निकलते हैं ।
सुनीता ,स्वीटी को आवाज लगाती है ।स्वीटी इस
समय अपने कमरे पर पढ़ाई कर रही थी ।मां की आवाज को सुनकर वह हाल में चली आती है।
स्वीटी -क्या हुआ मां।
सुनीता-बेटी हम पार्टी में जा रहे हैं ।तुम्हारे पापा के स्टाफ का कोई कर्मचारी है जिसने पार्टी दिया है। सच में हमारा जाना जरूरी है।
राजेश को किसी चीज की मदद की जरुरत पडे तो ध्यान रखना ।मैं बस जल्दी आ जाऊंगी ,एक-दो घंटे में।
स्वीटी ने कहा ठीक है मम्मी ।
राजेश और सुनीता दोनो पार्टी के लिए निकल जाते हैं।
इधर स्वीटी को इसी मौके की तलाश थी क्योंकि जब से उसने अपने राजेश हाथो से राजेश का लंड पकड़ी थी उसे रात से उसे ठीक से नींद नहीं आती थी वह रोज रात अपने भैया के लंड को याद करके उत्तेजित हो जाती थी और अपनी चूत को उंगली से रगड़ कर झड़ने के बाद ही उसे नींद आती थी।
वह अपने भैया के लंड को फिर से पकड़ने की इच्छा रखती थी और उसे आज फिर से एक मौका बनता हुआ दिखाई पड़ा था। यह सोचते ही उसकी चूत में खुजली बढ़ने लगी।
इधर राजेश अपने कमरे मे सोया हुआ था। कुछ समय के बाद उसकी नींद खुलती है तो उसे पेशाब लगता हुआ महसूस होता है। वह बेड से उठकर हाल की ओर चला आता है, वहां पर जाने के बाद सोफे पर स्वीटी को बैठा देखकर उसे पूछती है। स्वीटी मम्मी कहां है?
स्वीटी बताती है भैया मम्मी और पापा तो किसी पार्टी में गए हैं ।कुछ काम था क्या? मा ने मुझे तुम्हारे हेल्प करने के लिए कहा है ।कोई काम है तो मुझे बताओ और यह कहते हुए ही स्वीटी की सांसे से तेज होने लगी ।
राजेश ने स्वीटी से पूछा मां कितने समय तक आ जाऊंगी बोली है ?
स्वीटी कहती है वह 2 घंटे के बाद आ जाएगी ।भैया कोई काम हो तो मुझे बतला दो ।मैं तुम्हारी मदद कर दूंगी ।
राजेश को पेशाब लगी थी पर वह नहीं चाहता था कि स्वीटी उसे पेशाब कराएं क्योंकि मां के द्वारा पेशाब कराए जाने पर अब उसका लंड* खड़ा हो जाता था। उसको डर था। कहीं स्वीटी के हाथ लगाने से भी खड़ा ना हो जाए ।उसे शर्मिंदा होना पड़ेगा ।
राजेश कहता है मां को कॉल लगाओ मुझे उससे बात करनी है।
स्वीटी अपनी मा को कॉल लगाती है।
सुनीता कॉल उठाती है बेटा क्या हुआ कुछ काम था
क्या?
स्वीटी कहती है भैया आपसे बात करना चाहते हैं। फ स्वीटी मोबाइल को राजेश के मुख्य के पास ले जाता है और राजेश से कहता है लो भैया मां से बात करो।
राजेश कहता है हेलो मम्मी ।
सुनीता कहती है हलो बेटा। बेटा कुछ काम था क्या?
राजेश- मा तुम कब आओगी मुझे पेशाब लगी है।
सुनीता कहती है बेटा मैंने स्वीटी को बोल दिया था कि तुम्हारी हेल्प करेगी ।
राजेश-पर मम्मी मुझे कुछ अच्छा नहीं लगेगा 0।
सुनिता बेटा शर्माओ मत आज सिटी की हेल्प ले लो मैं मुझे आने में अभी एक घंटा लग जाएगा ।क्या तुम रुक सकते हो।
राजेश नहीं मम्मी एक घंटा नहीं रुक पाऊंगा ।
सूनिता -तो फिर स्वीटी की मदद ले लो स्वीटी ने पहले भी तुम्हे पेशाब कराया है शर्मा क्यू रहा।स्वीटी को फोन दो बेटा।
स्वीटी फोन पर बात करने लगती है हां बोलो मम्मी।
सुनीता बेटा राजेश को पेशाब लगी है तुम पेशाब करने में हेल्प कर दो ।
स्वीटी कहती है ठीक है मम्मी, स्वीटी राजेश से कहती है चलो भैया मैं तुम्हें पेशाब करा देती हूं।
राजेश ना चाहते हुए भी वह बाथरूम की ओर चला जाता है। स्वीटी भी उसके पीछे-पीछे चली जाती है।
इस समय स्वीटी के दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी। उ क्योंकि एक बार फिर से वह अपने भाई का लंड अपने हाथों में लेने वाली थी ।जिसकी वह इच्छा रखती थी।
उसके चूत मे फिर से खुजली बढ़ चुकी थीऔर उसकी चूत से रस बहना शुरू हो गया था।
राजेश यूरीनल पाट के सामने जाकर खड़ा हो जाता है। स्वीटी उसके पीछे खड़ी होकर राजेश के लोवर को उसके कमर से किसका कर नीचे कर देती है।
इधर राजेश कुछ असहज महसूस कर रहा था।
स्वीटी ,राजीव को पेशाब कराने के लिए उसके पीछे से एक हाथ आगे बढ़ा कर उसके लंड को पकड़ लेती है। और उसे सीधा कर लेती है ,ताकि उसका पेशाब यूरिनल पाट पर जाए।
जैसे ही राजेश को इसका आभास होता है कि एक जनाना हाथ में फिर से उसके लंड* को पकड़ी है ।उसके लंड* के नसों में खून भरना शुरू हो जाता है। और वह धीरे-धीरे खड़ा होने लगता है। जनाना हाथ की पकड़ महसूस कर राजेश का लंड* तन कर खड़ा हो जाता है ।उसके लंड पर झटके लगना शुरू हो जाता है। उसका लंड टन टनाने लगता है ।
आखिर जिसका उसे डर था वही हो गया, राजेश अपने को शर्मिंदा महसूस करने लगता है ।
इधर स्वीटी के हाथों में उसका तना हुआ लंड था। स्वीटी ने भी या नहीं सोची थी कि उसका भाई का लंड अपने हाथों में लेने से खड़ा हो जाएगा ।
स्वीटी भी असहज महसूस करने लगी। खडे लंड का एहसास पाते सिटी कि दिल की धड़कन और बढ़ गया और वह मन में सोचने लगती है भैया का लंड* तो खड़ा हो गया है कितना मोटा और लंबा है । उसे बड़ा शर्म आने लगी साथ ही उसके सासे तेज तेज चलने लगती है।
राजेश का लंड उसके हाथों पर नहीं आ पा रहा था। स्वीटी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें। और लंड* खड़ा होने से राजेश का भी पेशाब बाहर नहीं आ पा रहा था ।
भाई बहन दोनों ही उत्तेजना महसूस करने लगे। वे दोनों कुछ देर तक उसी अवस्था में खड़े रहे । दोनों ही काफी असहज महसूस कर रहे थे ।
कुछ देर बाद कर स्वीटी राजेंश से कहती है भैया कुछ प्रॉब्लम है क्या पेशाब करो ना।
तब राजेश कहता है स्वीटी पेसाब बाहर नहीं आ रहा।
स्वीटी कहती है क्यों भैया कुछ प्रॉब्लम है क्या ?
राजेश ना चाहते हुए भी,उसे स्वीटी से कहना पड़ता है हां ।जब तक यह खड़ा रहेगा पेशाब नहीं आएगा ।
तब स्वीटी कहती है भैया यह कब तक खड़ा रहेगा।
राजेश कहता है जब तक इसका सफेद पानी बाहर नहीं आएगा ।यह ढीला नहीं होगा ।
स्वीटी राजेश से कहती है, भैया इसका सफेद पानी बाहर कैसे आएगा ।
राजेश कहता है ,स्वीटी इसे हीलाना पड़ेगा। तब इससे सफेद पानी निकलेगा ,तब यह ढीला हो जाएगा और मैं पेशाब कर पाऊंगा ।
इधर स्वीटी को पता था कि लंड खड़ा होने पर उसे मुठ मारा जाता है क्योंकि वह अपने मोबाइल पर पोर्न देखती थी ।जिसमें लड़कों का लंड* खड़ा होने पर लड़कियां उसके लंड को हाथों में लेकर कर मुठ मारती है ।
स्वीटी कहती है ठीक है , भैया मैं तुम्हारे लिंग को हिला देती हूं ।हिलाकर तुम्हारा पानी निकाल देती हूं ।
स्वीटी की बात को सुनकर राजेश को लंड और तनकर कठोर हो जाता है और ठूमकने लगता है।
राजेश कहता है ठीक है स्वीटी।
इधर स्वीटी का हालत बहुत ही खराब हो जा रहा था उसके चुत से रस लगातार बहती जा रही थी। उसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था ,तो वह अपने एक हाथ से अपनी चूत को मसलने लगी और एक हाथ से राजेश के लंडको मुठ मारने लगी।
इधर राजेश को स्वीटी द्वारा मूठ मारना बहुत ही अच्छा लगने लगा। वह भी आंखें बंद कर मुठ मरवाने का आनंद लेने लगा ।
इधर सिटी की सांसे तेज हो गई थी उसकी दिल की धड़कन बड चुकी थी ।वह अपने हाथ की उंगली से अपनी चूत को तेजी से रगड़ी जा रही थी और एक हाथ से राजेश के लंड* को मुंठ मार रही थी।
राजेश को अपनी बहन की हरकतों का पता नहीं था वह अपने आंख बंद किए हुए मूठ मरवाने का आनंद ले रहा था ।
उसे स्वीटी के द्वारा मुठ मारना, बहुत ही आनंददायक अनुभव लग रहा था। उसकी शरीर की उत्तेजना और बढ़ती जा रही थी।
इधर स्वीटी की हालत और ज्यादा खराब हो गई और स्वीटी की सूची भी फूलने और पिचकने लगी थी उस किससे ऊपर नीचे हो रही । उत्तेजना के कारण उसकी चूचियों के निप्पल तन गए थे।
स्वीटी को अब बर्दाश्त से बाहर लगने लगी और वह झड़ने लगी।
इधर राजेश का लंड और कठोर मोटा हो गया था।स्वीटी के हाथों पर ठुमके लगा रहा था ।
इधर स्वीटी आंखें बंद कर झड़ने का आनंद लेने लगी। आनंद के मारे उसकी आंखों की पुतलियां पलट गई थी। वह मुठ मारना बंद कर दी।
जब राजेश ने देखा कि स्वीटी ने मुठ मारना बंद कर दी है वह अपने आप आंखें खोलाऔर स्वीटी से कहा, क्या हुआ स्वीटी। कुछ प्रॉब्लम है क्या?
अपने भैया की बातों को सुनकर स्वीटी होश में आई वह शर्म से पानी पानी होने लगी ।वह राजेश से बोली कुछ नहीं भैया और वह राजेश के लंड को फिर से मूठ मारने लगी।
राजेश के लंड को मुठ मारते हुए उसके हाथों दर्द करने लगा। स्वीटी को मालूम मालूम था कि लंड का पानी जल्दी कैसे निकाला जाता है ।वह पोर्न मूवी देखती थी। वह राजेश से बोली भैया तुम्हारा तो पानी निकल ही नहीं रहा है।
तब राजेश ने कहा तुम जोर-जोर से हिलाओ पानी जल्दी निकलेगा ।
सिटी कहती है ,भैया वैसे लिंग से पानी जल्दी निकालने का दूसरा तरीका भी है। अगर आप कहे तो।
राजेश कहता है और कैसा निकाला जाता हैं ,तुम्हें पता है ?
स्वीटी कहती है ओ भैया मैंने एक मोबाइल पर एक मूवी में देखी थी कि लड़की लड़के का लिंग अपने मुंह में लेकर चुस्ती है ,तो लड़की का लंड* का पानी बहुत जल्दी निकल जाता है।
राजेश ने कहा तुम क्या पोर्न मूवी देखती हो ।
स्वीटी को लगता है यह मैंने क्या बोल दिया। भैया क्या समझेंगे। मैं कितनी गंदी हो गई हूं। वह बोलती है , भैया मेरी एक सहेली है जो पोर्न देखती है उसने मुझे बताई थी ।
स्वीटी आगे कहती है भैया क्या मैं दूसरा तरीका ट्राई करूं।
स्वीटी की बात को सुनकर राजेश क। उत्तेजना और बढ़ जाता है। उसका लंड टन टना ने लगता है।
राजेश कहता हैं, ठीक है ।ट्राई करो।
स्वीटी राजेश को अपनी ओर घूमने के लिए कहती है राजेश घूम कर वह स्वीटी की ओर मुख् करके खड़ा हो जाता है।
स्वीटी नीचे बैठी हुई थी। राजेश का लंड* उसके मुंह के सामने आ गया था ।उसका लंड तन कर ठुमके लगा रहा था ।
राजेश इस इस समय स्वीटी की ओर देख रहा था। स्वीटी अपनी नजरें ऊपर उठाकर राजेश की ओर देखि दोनों की नजरें मिली। स्वीटी शर्म से पानी पानी हो गई। स्वीटी अपनी नजरें नीचे कर ली और वह राजेश के लंड के सूपाडे को चाटने लगती हैं।
राजेश को स्वीटी द्वारा उसका लंड चाटने से एक अलग ही एक आनंद का अनुभव होने लगता है। उसके मुंह से आह निकल जाता है ।
स्वीटी लंडको चाटते समय अपने भैया की ओर देखता है। राजेश इस समय स्वीटी की हरकतों को ही देखे जा रहा था। दोनों की नजरें फिर मिलती है स्वीटी को बहुत शर्म महसूस होता है। और वह अपनी नजरें नीचे कर लेती है ।
वह लंड की सुपाडे को अपने मुंह में भर लेती है और लंड के सूपाडे को अपने मुंह में भर कर अंदर बाहर करने लगती है।
राजेश को बहुत ही अच्छा एक नया आनंद आने लगता है ।वह आनंद के मारे अपनी आंखें बंद कर लंड चूसवाने का मजा लेने लगता है और उसके मुंह से आह आह की आवाजें निकलने लगती है। आह स्वीटी बहुत ही आनंद आ रहा है और चूसो, चूस्ती रहो, स्वीटी ,रुको मत बहुत ही आनंद आ रहा है।
इधर राजेश की उत्तेजना और बढ़ता जा रहा था वह पूरी तरह जोश में आ गया। जोश में बोले जा रहा था। आह स्वीटी बहुत ही आनंद आ रहा है.।
राजेश ना जोश मे अपने कमर को हिलाने लगा ।अपनी कमर को आगे पीछे हिलाने लगा ,जिससे उसका लंड स्वीटी के मुख में और गहराई तक जाने लगा।
राजेश द्वारा लंड को हल्का हल्का सिटी के मुख पर धक्का मारने से, उसका लंड सिटी के गले तक उतरने लगा । जिसे स्वीटी की आंखें बाहर आने लगी ।फिर भी पूरा लंड अभी भी अंदर नहीं गया था । कुछ भाग अभी भी बचा हुआ था ।
इस प्रकार लंड से धक्के मार कर अंदर बाहर करने से राजेश को बहुत ही मजा आने लगा।
लंड स्वीटी के मूह मे गपा गप अंदर बाहर आ जा रहा था ।
चूसती रहो, हां, ऐसे ही, ऐसे हीचुस्ती रहो ,हां ,बहुत अच्छा कर रही हो।
इधर स्वीटी अपनी भैया की बातों को सुनकर और तेज तेज मुंह चलाने लगेी।वह अपने मुंह में लंड को गपा गप अंदर-बाहर करने लगी ।
राजेश जोश में पागल सा होने लगा। वह लगातार आवाजें निकालने लगा ।आह, स्वीटी बहुत मजा आ रहा है। चूसती रहो । आह ,आह ।
इधर स्वीटी अपने भैया की बातों को सुनकर लंड चूसने की गति को बढ़ा दी।
राजेश को अब बर्दाश्त से बाहर लगने लगा उसका लंड* अकड़ने लगा ।उसके सासे तेज गति से चलने लगी ।अब उसे और बर्दाश्त नहीं हुआ और वह स्वीटी के स्वीटी के मुख पर ही झडने लगा। झडते समय उसके मुख से, आह ,आह ,आह ,आह मम्मी की आवाज निकल रहा था।
उसके लंड का सारा वीर्य स्वीटी के मुंह में जाने लगा सिटी हड़बड़ा गई और वह राजेश की लैंड को बाहर निकाली तो राजेश के लंड का दो-तीन पिचकारी उसके चेहरे पर पडा ।उसके चेहरे से बहता हुआ वीर्य ,उसके कपड़े पर गिरने लगा।
इधर राजेश की आंखें बंद था जब उसका लंड लावा उगलना बंद किया। तब उसने खोला ।
इधर स्वीटी के मुख में वीर्य भरा हुआ था वह कुछ बोल नहीं पा रही थी ।राजेश का कुछ वीर्य उसकी गले के नीचे उतर गया। स्वीटी को उबकाई आ गई और उसके मुख से सारा वीर्य बाहर आने लगा ।वह बाथरूम में खो खो आंखों की आवाज करते हुए अपने मुंह से वीर्य को उगलने लगी।जिसे राजेश देख कर मुस्कुराने लगा। स्वीटी बहुत ही शर्म महसूस करने लगी वह शर्म से पानी पानी हो गई। शर्म के मारे एक पल भी ना रुक सकी और भागकर अपने कमरे में चली गई ।
वह बाथरूम के नल ऑन कर अपने मुंह और चेहरे को धोने लगी । कुछ देर बाद राजेश उसके कमरे में आया और वह बोला स्वीटी तुम कहां हो। उसका लंड ढीला हो चुका था ।अब उसे पेशाब आने लगा ।वह स्वीटी से कहता है ।स्वीटी पेशाब करा दो ।
इधर स्वीटी को पता चलता है कि राजेश उसके कमरे में आया है तो उसके दिल की धड़कन फिर से बढ़ने लगी उसकी सांसे तेज हो गई ।
राजेश को जब पता चलता है कि इस समय स्वीटी बाथरूम में है तो राजेश उसके बाथरूम में चला जाता है स्वीटी देखती है कि राजेश का लंड ढीला पड़ चुका है। स्वीटी राजेश को पेशाब करा देती है ।
पेशाब करने के बाद राजेश बाथरूम से निकलकर वह सीधे अपने कमरे में चला जाता है। कुछ समय के बाद सुनीता और शेखर दोनों घर आ जाते और सभी सामान्य दिनों की तरह अपने काम में बिजी हो जाते है घर का माहौल सामान्य हो जाता है।
रातका समय था ।रात को 11:00 बज चुके थे। पर राजेश को नींद नहीं आ रही थी ।उसे आज दोपहर में हुई घटना याद आ रहा था । जिसके कारण उसका लंड खड़ा हो गया था ।आज दोपहर में जिस प्रकार से स्वीटी ने उसके लं चुसी थी ।यह राजेश का लंड चूसवाने का पहला अनुभव था ।उसे लंड चूूसाने में बहुत ही ज्यादा आनंद आया था ।
वह उस आनंद को महसूस कर रहा था जिसके कारण वह उत्तेजित हो गयाथा और उसका लंड लोहे की राड की तरह कडा होकर , खड़ा हो गया था और ठुनकी लगा रहा था।
राजेश अपने आप से कहता है ।लंड चूसवाने में कितना मजा आता है। स्वीटी कितना अच्छे से लंड चुसी । फिर वह सोचता है यदी मा लंड* चूसेगी तो कितना मजा आएगा।और वह मोबाइल को देखता है 11:00 बज चुका था।
इधर सुनीता भी घर के सारे काम निपटा कर बेड पर सो गई थी। पर अभी नींद नहीं लगा था ।इधर राजेश अपनी मां को एक व्हाट्सएप मैसेज भेजता है।
राजेश - सो गई क्या?मा।
सुनीता अभी आंख बंद कर लेटी थी ।वह सोई नहीं थी उसका नींद अभी लगा हुआ नहीं था। वह मैसेज आने की आवाज सून लेती है ।वह सोचती है इस समय किसका मैसेज आया होगा। वह देखती है कि राजेश का मैसेज आया है ।वह शेखर कर की ओर देखती हैजो इस समय नींद में खर्राटे ले रहा था ।
राजेश के मैसेज पढ़ने के बाद ,वह राजेश को रिप्लाई देता है।
सुनीता- बेटा अभी तक तुम सोए नहीं ।
राजेश -मां नींद नहीं आ रही।
सुनीता- पर बेटा क्यों नींद नहीं आ रही है ?लगता है जरूर तुम कुछ उल्टा सीधा सोच रहे होगे। बताओ क्या हुआ?
राजेश- रहने दोमा ।
सुनीता - बताओ बेटा तुम्हें नींद क्यों नहीं आ रही है। कोई परेशानी है क्या? अपनी मां को नहीं बताओगे।
राजेश-ओ ,मा ,दोपहर की बातें ,याद आ रही है ।
सुनीता- दोपहर में क्या हुआ थाबेटा।
राजेश -मा तुम दोपहर में तो घर में थी नहीं, तुम किसी फंक्शन में गईथी ।दोपहर में जब मेरा नींद खुला तो मुझे पेशाब लग रहा था ।स्वीटी ने मेरी हेल्प की।
सूनीता -हां बेटा मैं जानती हूं ।स्वीटी ने तुम्हारी मदद की । तो क्या हुआ बेटा ,वह तुम्हारी बहन है मैंने कहा था हेल्प करने।
राजेश-ओ मां मुझे स्वीटी के सामने शर्मिंदा होना पड़ा7।
सुनीता -क्यों क्या हुआ बेटा क्यों शर्मिंदा होना पड़ा।
राजेश -जैसे ही स्वीटी ने पेशाब कराने मेरा लंड पकड़ी तो ना चाहते हुए भी उसके नाजुक और मुलायम हाथ का एहसास होते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और मुझे बहुत ही शर्मिंदा होना पड़ा ।लंड खड़ा होने के कारण मैं पेशाब नहीं कर पा रहा था। मा मै अपने पर नियंत्रण क्यों नहीं रख पा रहा हूं ।जनाना हाथ लगती है उसका एहसास पा कर लंड खड़ा हो जाता है ।मुझे स्वीटी के सामने शर्मिंदा होना पड़ा ।
सुनीता -बेटा यह सब नॉर्मल है ।अब तुम बच्चे नहीं रहे अब तुम जवान हो गए हो और मर्द बन गए हो ।जवानी में जब कोई जनाना हाथ लंड को पकडे तो वह हाथ उसकी मां या उसकी बहन का ही क्यों ना हो लंड* का खड़ा होना स्वाभाविक है। इसलिए तुम्हें शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है।
सुनीता -बेटा तुम्हारा लंड जब खड़ा हो गया तो स्वीटी तुम्हारी मदद कर पाई कि नहीं।
राजेश- मा मैं शर्मिंदा था मैं वैसा ही कुछ पल खड़ा रहा है ।फिर स्वीटी ने मुझसे कहा कि भैया कुछ प्रॉब्लम है क्या ?पेशाब क्यों नहीं कर रहे हो। तब स्वीटी को मुझे बताना पड़ा कि जब मेरे लंड** से सफेद पानी बाहर आएगा तभी मैं पेशाब कर पाऊंगा। स्वीटी ने कहा कि लंड का पानी बाहर कैसे आएगा, भैया। तब मैंने कहा इसे हीला कर बाहर निकालना पड़ेगा ।
सुनीता -ताे क्या बेटा ,स्वीटी ने तुम्हारा लंड को हिलाई।
राजेश -हा मां स्वीटी ने मेरा लंड पर मूठ मारना शुरू कर दी और वह बोली , भैया मुझे पता है लंड पर मुठ मारने से, उसका पानी निकलता है। मुझे मेरे सहेली ने बताया है। उसकी सहेली पोर्न मूवी देखती है ।
सुनीता- क्या स्वीटी मूठ मारने के बारे मे जानती है। मैं कितनी भोली भाली समझती थी स्वीटी को। फिर क्या हुआ बेटा ।
राजेश -मा वह मेरा लंडपर मुठ मारती रही, मुझे स्वीटी के द्वारा मुठ मरना अच्छा लगने लगा ।पर मेरा लंड का पानी नहीं निकल पा रहा था ।स्वीटी बोली भैया मेरा हाथ दर्द करने लगा है ।
इधर सुनीता व्हाट्सएप पर मैसेज पढ़ कर बहुत ही गर्म होने लगी ,वहउत्तेजित होने लगी । उसके चूत से रस बहना शुरू हो गया था ।
सुनीता फिर व्हाट्सएप मैसेज करती है
सुनीता -फिर क्या हुआ बेटा।
राजेश- मा स्वीटी बोली लंड का पानी निकालने का दूसरा तरीका भी है। जिससे लंड का पानी जल्दी निकल जाता है भैया। मैंने कहा कि कौन सा तरीका है। स्वीटी ने कहा कि लंड को मुंह में लेकर चूसने से उसका पानी जल्दी निकल जाता है। मेरी सहेली ने बताई ।
सुनीता- फिर क्या हुआ बेटा क्या स्वीटी तुम्हारा लंड चूसने लगी।
राजेश- नहीं मा पहले वह ,मेरे लंड* के सूपाडे को चाटने लगी। कुछ देर लंड के सुपारी को चाटती रही। उसके चाटने से मुझे बहुत ही आनंद आने लगा ।मेरा लंड और तन कर और 7बडा हो गया और ठुमके लगाने लगा।
सूनीता की हालत बहुत ही खराब हो रही थी ।राजेश के द्वारा लिखी गई मैसेज को पढ़ने के बाद ,उसके चूत से रस लगातार बही जा रही थी ।वह बीच-बीच में अपने एक उंगली से अपनी चूत को रगड़ने लग जाती थी।
सुनीता -फिर क्या हुआ बेटे ।
राजेश -मा स्वीटी में मेरे लंड* को अपने मुंह में भर कर अंदर बाहर करने लगी ।जिससे मेरा मजा दोगुना हो गया और मैं मजे में अपनी आंखें बंद कर ली ।फिर स्वीटी ने आधे लंड को अपने मुंह में भर कर चूसनेलगी और एक हाथ से मेरे अंडकोष को सहलाने लगी ।जिससे मेरा हालत और खराब हो गया ।मैं आनंद के मारे मेरे मुख से आह आह निकलने लगा ।स्वीटी लंड को लगातार अपने होठों से दबाकर गपा गप अंदर बाहर करने लगी । मैं पूरे जोश में आ गया और मैं जोश में आकर अपने लंड को अपने कमर हिला कर उसके मुंह के अंदर बाहर करने लगा ।
सुनीता - बेटा मुझे यकीन नहीं आ रहा है कि स्वीटी ऐसी करेगी ।दिखने में कितनी भोली भाली लगती है। कितनी गंदी हो गई है। फिर क्या हुआ बेटा ।
राजेश- मा अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ ।मेरा वीर्य निकलने लगा और मैं स्वीटी के मुंह में ही झढ़ने लगा।
सुनीता- यह क्या बेटे तुम स्वीटी के मुंह में ही झड़ गए।
राजेश -मा मैं जोश के मारे होश खो बैठा था और मैं स्वीटी के मुंह में ही झड़ गया ।सॉरी मुझसे गलती हो गई।
सुनीता -कोई बात नहीं बेटा ।आदमी जोश में होश खो बैठता है। और उनसे गलतियां हो जाती है ।अरे बेटा अब तुम स्वीटी से हेल्प मत लेना मुझे डर है कहीं वह तुमसे पाप ना करा बैठे ।
राजेश-तुम शायद ठीक कहती हो मॉ अब मैं स्वीटी से कोई हेल्प नहीं लूगा ।
सुनीता -हां बेटा तुम तुम स्वीटी से कोई मदद न लेना ।यदी तुम्हें कोई हेल्प की जरूरत हो तो मुझे कहना। मैं तुम्हारी हेल्प करूंगी।
राजेश -ठीक है मा ।अब मैं सिर्फ तुमसे ही मदद लूंगा।
राजेश- मा मुझे तुमसे एक बात पूछनी थी ।
सुनीता -पूछो ना बेटा क्या बात है।
राजेश-वो मुझे लिखने में शर्म आ रही है।
सुनीता- पूछाे न बेटा शरमाओ मत ।
राजेश- मा लंड का पानी निकालने का कोई और तरीका नहीं है क्या ?
सुनीता -लंड का पानी निकालने का एक तरीका और है बेटा।
राजेश -और क्या तरीका है मां ।
सुनीता- बेटा है मुझे लिखने में शर्म आ रही है तुम मेरे बेटे हो ऐसी बातें कैसे लिखूं।
राजेश -मुझे बताओ ना मा तभी तो मैं जान पाऊंगा।
सुनीता बेटा- पुरुष जब औरत के साथ संभोग करता है तब भी उसका पानी निकलता है ।
और यह लिखते हुए सुनीता अपनी चूत को एक हाथ से तेजी से रगड़ने लगी।
इधर राजेश को संभोग का मतलब पता था फिर भी अपने मां से मजे लेने के लिए वह नाटक करता है। अपनी मां को फिर से व्हाट्सएप मैसेज करता है।
राजेश मां यह संभोग क्या है? खुल कर बताओ ना। मैं कुछ समझा नहीं ।
अनीता -अरे बेटा मुझे लिखने में मुझे बड़ा शर्म आ रही है।
राजेश -मां बताओ ना ,तभी तो तक मुझे जानकारी होगी।
सुनीता - बेटा जब पुरुष अपने लंड को औरत की योनि के अंदर बाहर करता है तभी उसका पानी योनि में निकल जाता हैा जिसने औरत को बच्चा होता हैा
राजेश -मां भगत कुछ और ही बता रहा था ।
सुनीता -क्या बता रहा था बेटा ।
राजेश यही कि जब पुरुष अपने लंड को औरत के योनि में अंदर बाहर करता है तो उसे चुदाई* कहते हैं।
सुनीता जब चूदाई शब्द* पढ़ता है तो उसकी चुत फूलने और पिचकने लगती है ।सांसे ऊपर नीचे होने लगती है। दिल की धड़कन तेज तेज चलने लगती है।
राजेश -मा क्या संभोग को ही चूदाई*** कहते हैं ।
उधर सुनीता की हालत बहुत खराब हो हो जाती है वह बर्दाश्त नहीं कर पाती और झड़ने लगती है ।झढ़ते समय वह अपनी आंखें बंद कर लेती हैं।
इधर राजेश लिखता है -कुछ बताती क्यों नहीं मा
सुनीता को जब होश आता है तो वह राजेश का मैसेज पड़ता है वह रिप्लाई देता है -हां बेटा संभोग को ही चूदाई* कहते हैं।
इधर राजेश अपनी मां का रिप्लाई को पढ़कर और अधिक उत्तेजित हो जाता है वह जोश मे आ जाता है और अपनी मां से मजा लेने के लिए फिर से मैसेज करता है।
राजेश -मां भगत कहता है की चूदाई करने में बहुत मजा आता है। क्या यह सच है ? सूनीता राजेश के मैसेज को पढ़कर शर्म से पानी पानी हो जाती है ।व रिप्लाई नहीं दे पाती ।तब राजेश उसे फिर पूछता है बताओ ना मा क्या चूदाई करने में बहुत मजा आता है।
अनीता- हां बेटा चूदाई * करने में औरत और मर्द दोनों को ही बहुत मजा आता है।
सुनीता को अब बहुत ही शर्म आने लगी थी
संगीता राजेश को लिखती है बेटा अब रात बहुत हो गई है। सो जाओ ।
राजेश- परमा मैं कैसे सो पाऊंगा ।
सुनीता- क्या हुआ बेटा कोई परेशानी है।
राजेश- हां मा मेरा लैंड खड़ा हो गया है।उसमें दर्द कर रहा है मां मेरी मदद करो ना। सुनीता समझ जाती है कि व्हाट्सएप पर चैट करने से उसका बेटा उत्तेजित हो गया है रिप्लाई देती है
सुनीता- अभी रात बहुत हो गई बेटा । तुम ऐसे ही सोने की कोशिश करो । धीरे-धीरे तुम्हारा लंड शांत हो जाएगा ।
राजेश -ठीक है मा .,मै कोशिश करता हूं पर लगता नहीं है कि यह ऐसे ही शांत हो जाएगा ।
इधर राजेश को लगता है उसकी मां उसकी मदद करने नहीं आएगी । वह निराश हो जाता है और ऐसे ही सोने की कोशिश करता है। उसका लंड खड़ा हुआ था
उधर सुनीता सोने की कोशिश करती है ,तभी वह सोचती है कहीं राजेश सच में उन्हें परेशानी ना हो जाए रात में ठीक से नींद नहीं आएगी तो उसकी तबीयत खराब हो सकती है।
वह अपना मोबाइल उठा कर व्हाट्सएप पर मैसेज करती है बेटा सो गया क्या ।इधर अपनी मां की मैसेज आया जानकर रजत की आंखों में चमक आ जाता है। नहीं मा नींद नहीं आ रही है यह तो बैठने का नाम ही नहीं ले रहा मा कुछ करो ।मा
। सुनीता- ठीक है बेटा मैं आ रही हूं ।
राजेश जैसे ही पड़ता है कि उसकी मम्मी उसे कमरे में आ रही है। उसका उत्तेजना और बढ़ जाता है ।उसका लंड और कठोर हो जाता है।
सुनीता चुपके से बेड से उठकर राज के कैमरे की ओर चली जाती है ।
राजेश का कमरे का दरवाजा लॉक नहीं था । सूनिता धक्के मारकर कर दरवाजे खोल कर अंदर चली जाती है। और राजेश के बेड पर जाकर बैठ जाती है ।
राजेश इस समय लेटा हुआ था ।उसकी लोवर पर उस लंड के उभार से उसे पता चल रहा था कि अभी लंड खड़ा हुआ है ।राजेश अपने बेड से उठ कर बैठ जाता है ।
सुनीता कहती है चलो बेटा बाथरूम मे मै तुम्हारे लंड पानी निकाल देती हूं।
राजेश कहता है ठीक है मा राजेश बाथरूम में चला जाता है।
सुनीता भी उसके पीछे-पीछे चली जाती है। बाथरूम में जाने के बाद सुनीता राजेश के लोअर को उसके कमर से नीचे खींच देती है।
उसका लंड हवा में लहराने लगता है जिसे देखकर सुनीता मुस्कुराने लगती है ।सुनीता अपने एक हाथ से राजेश के लंड को पकड़ लेती है धीरे-धीरे उसे हिलाने लगती है।
इधर राजेश को अपनी मां के द्वारा मुठ मारने में मजा आने लगता है। वह अपने को लंड को मूठ मारते देखने लगता है। अपनी मां के द्वारा मूठ मरवाने का आनंद लेने के बाद।
अपनी मां से कहता है सुनीता मा लंड को मुंह में लो ना बहुत मजा आता है । प्लीज मा एक बार लो न
सुनीता कहती हैछी बेटा मुझसे ऐसी गंदी हरकत नहीं हो सकती।
सुनीता - मुझसे नहीं हो पायेगा मैंने कभी किसी का लैंड मुंह में नहीं लिया।
राजेश -पलीज मा एक बार ट्राई करो ना बहुत ही आनंद आता है
आर राजेश अपनी मां की और घूम जाता है जिससे उसका लंड* उसकी मां के मुख से सामने आ जाता है।
राजेश कहता है लो ना मां एक बार ले लो बहुत मजा आता है।
राजेश कि बार-बार जिद करने पर पता नहीं सुनीता को क्या हो जाता है । और वह राजेश के लंड* के सुपारी को अपने मुंह में भर लेती है।
इधर राजेश अपने लंड* को अपनी मां के मुंह का एहसास अपनी आंखें बंद कर लेने लगता है ।वह अपने मां से कहता है आह मा ।
सुनीता -राजेश के लंड के सुपारी को अपने मुंह में धीरे-धीरे चूसना शुरु कर देती है ।
राजेश को बहुत ही मजा आने लगता है ।हां बहुत ही मजा आ रहा है ।थोड़ा तेज तेज करो मा
सुनीता राजेश के लंड को और थोड़ा अंदर करके चूसने लगती है ।
राजेश -ऐसी ही चूसते रहो मा राजेश के मुख से आवाज निकलती है। मां बहुत ही मजा आ रहा है ।
इधर सुनीता राजेश की आंखों में देखता हुआ उसके ल लंड को अपने मुंह में अंदर बाहर करने लगती है। राजेश का लंड * सुनीता के मुंह में पूरा अंदर घुस गया था ।वह राजेश के लंड** को पूरा पूरा अपने मुंह में लेकर गपा गप चूसने लगी ।
राजेश जोश मे पागल होने लगता है वह अपने कमर से धक्का लगा कर अपने लंड को अपनी मां के मूह के अंदर बाहर करने लगता है।
राजेश खडा लंड सुनीता के मूह में गपा गप अंदर बाहर होने लगता है।
स्वीटी के द्वारा लंड * चूसने से ज्यादा मजा उसके मां के द्वारा लंड* चुसाने में आ रहा था क्योंकि लंड उसके मां के मुंह में पूरा अंदर बाहर हो रहा था ।उसकी मां उसके लंड* को पूरा ले पा रही थी ।
कुछ समय के बाद राजेश का लंड अकडने लगता है। उसकी सांसे तेज चले लगती है ।असी शरीर की सारी शक्ती उसके लंड पर केंद्रित हो जाता है।
सुनीता को यह एहसास होता है कि उसका बेटा अब झड़ने के कगार पर है तो वह अपने मुख को लंड पर और तेज तेज चलाने लगती है। जिसे राजेश बर्दाश्त नहीं कर पाता और वो आह आह आह आह मम्मी आ कर के झड़ने लगता है ।
Behtreen updateराजेश प्रिया का घर पहुंचा। घर के बरामदे में समीर अपने दोस्ती के साथ बैठा था।
पिंकी कुछ बच्चो के साथ पिचकारी से एक दूसरे पे रंग डाल रही थी।
राजेश को देखते ही पिंकी उसके ओर दौड़ी।
पिंकी _मामू, हैप्पी होली।
और राजेश के ऊपर पिचकारी से रंग डालने लगी।
राजेश _हैप्पी होली, मेरी प्यारी भांजी।
राजेश ने पिंकी के गालों पर रंग मलते हुए कहा।
उसके बाद राजेश समीर के पास गया, जहां कुछ लोग साथ बैठे थे ।
समीर _आओ साले साहब।
राजेश _हैप्पी होली जीजा जी।
राजेश ने समीर को गुलाल लगाकर कर आशीर्वाद लिया।
समीर _हैप्पी होली जवान।
समीर ने राजेश को रंग लगा कर गले से लगाया।
समीर ने अपने दोस्तो से राजेश का परिचय कराया।
समीर _ये मेरा साला है राजेश।
वेरी इंटेलीजेंट बॉय।
आई ए एस बनना चाहता है।
राजेश ने सभी का अभिवादन किया।
इधर पिंकी ने प्रिया को जो कीचन में थी, को बता दिया की मामू आया आया है।
प्रिया ने पिंकी को अपने मामा को बुलाने कहा।
पिंकी राजेश के पास आकर।
पिंकी _मामू आपको मम्मी अंदर बुला रही है।
समीर _जाओ भई, तुम्हारी दीदी बुला रही है, अच्छे से रंग लगाना अपनी दीदी को।
सभी हसने लगे।
राजेश अंदर गया, वह कीचन में जाकर देखा।
प्रिया कीचन में कुछ बना रही थी।
एक नौकरानी भी थी।
हैप्पी होली दी।
प्रिया _अरे तू आ गया। मुझे तो लगा की तू नही आयेगा।
राजेश _ऐसा क्यू दी?
प्रिया _मुझे लगा की तू अपने दोस्तो के साथ होली खेल रहा होगा कहा अपनी दी को याद करेगा।
राजेश _दी, कैसे भुल सकता हूं आपको।
तभी प्रिया ने प्लेट पे नाश्ता लगा कर नौकरानी को समीर और उसके दोस्तो को देने भेज दिया।
अब कीचन में सिर्फ प्रिया और राजेश ही थे।
राजेश ने प्रिया को पीछे से बाहों मे भर कर उसकी गालों पर रंग मलने लगा।
प्रिया _रहने दे, अभी दी की याद आई। कहा थे अब तक।
राजेश _ओ निशा के घर गया था।
प्रिया _मुझे पता था, तू वही गया होगा।
निशा को अच्छे से रंग लगाया की नही।
राजेश _हां, लगाया।
प्रिया _कहा तक आगे बडा तुम्हारा प्रेम कहानी।
राजेश _दी ऐसा कुछ नहीं है।
प्रिया _, क्यू झूठ बोलता है।
खा मेरी कसम की तू उससे प्यार नही करता।
राजेश _पता नही दी, पर मुझे नही लगता कि मैं निशा से इस मामले में कुछ कह पाऊंगा।
और मुझे लगता नही की निशा मुझसे प्यार करती है।
प्रिया _अरे बुद्धु, वह भले ही तुमसे अपनी प्यार का इजहार नही कर रही। लेकिन मुझे पता है वह तुमसे बेंतहा प्यार करती है।
पर एक बात मुझे समझ नहीं आ रही कि वो तुमसे इजहार क्यू नही कर रही। पता नही वह किस उलझन में है।
राजेश _दी, वह एक सुलझी हुई लड़की है, जो भी फैसला लेगी सोच समझकर ही लेगीऔर
मुझमें इतनी हिम्मत नही कि उसे मै अपनी दिल की बात बोल सकू।
वैसे आज आप बहुत खुबसूरत और हॉट लग रही हो, राजेश ने प्रिया की ओंठ को चूमते हुवे कहा।
प्रिया _अच्छा, तुम्हारा इरादा कुछ नेक नही लग रहा।
अब छोड़ो नौकरानी, आनी वाली है।
राजेश ने प्रिया को छोड़ दिया।
नौकरानी भी कीचन में आ गई।
राजेश _अच्छा दी अब मैं चलता हूं।
प्रिया _इतनी जल्दी, अभी तो आए हो।
राजेश _दी, रीता मैम के यहां होली पार्टी रखी है तो पूरे सबको वहा आमंत्रित की है, वही निकलना।
आपको तो पता ही है, रोहन और स्वीटी की शादी की बाते चल रही है। ऐसे में मां कह रही थी की हमे जाना पड़ेगा नही तो वे नाराज हो जायेंगे।
प्रिया _ओह ये बात है।
पर कुछ खा तो लो, फिर चले जाना। भई हमारे साथ तो अभी होली खेले ही नहीं, हमने तो तुमको रंग लगाया ही नही।
राजेश _तो लगा दो न रंग।
प्रिया _यहां कीचन में पुरा रंग रंग हो जायेगा।
चलो बाहर चलते हैं।
प्रिया ने नौकरानी को कीचन का काम समझा कर कीचन के बाहर आ गया।
दोनो हाल में थे।
तभी समीर अंदर आया।
समीर _यार प्रिया मै दोस्तो के साथ, अन्य दोस्तो के घर जा रहा हूं। कुछ समय लगेगा आने में।
प्रिया _ठीक है जी।
समीर _साले सब लगता है अपनी दीदी को ठीक से रंग नही लगाए। पता ही नहीं चल रहा है। अच्छे से होली खेलो अपनी बहन और भांजीके साथ
मै आता हूं।
राजेश _ ठीक है जीजू।
समीर वहा से चला गया।
प्रिया _राजेश, तुमने सुना नही, तुम्हारे जीजू ने तुमसे क्या कहा, तुमने अपनी बहन को ठीक से रंग ही नहीं लगाया।
चलो अच्छे से रंग लगाना।
ठीक है दी,
राजेश ने रंग हाथो में लेकर प्रिया की ओर आगे बडा।
प्रिया _अरे रुको, कमरा पे रंग फैल जायेगा।
चलो ऊपर छत पर चलते हैं।
वहा अच्छे से लगा देना।
राजेश और प्रिया दोनो छत पर चले गए। साथ में रंग ले गए।
ऊपर छत पहुंचने के बाद देखा, उन दोनो को देखने वाले कोई नहीं था।
राजेश हाथो में रंग लेकर प्रिया को लगाने आगे बडा, पर प्रिया उसे जीभ दिखाते हुए भागने लगीं।
राजेश उसके पीछे पीछे भागने लगा।
तभी प्रिया की साड़ी की पल्लू राजेश के हाथो में आ गया।
राजेश ने पल्लू पकड़ कर अपनी ओर खींचा।
प्रिया पल्लू छुड़ाने की कोशिश करने लगी। और जीभ निकाल कर चिढ़ाने लगीं।
तभी राजेश ने पल्लू को जोर से खींचा।
प्रिया गोल गोल घूमने लगीं उसकी साड़ी राजेश के हाथो में आ गया।
होल गोल घूमते हुवे प्रिया गिरने को हुई तो राजेश ने उसे पकड़ लिया। प्रिया राजेश की बाहों मे झूल गई।
वे एक दूसरे के आंखो में देखने लगे।
प्रिया शर्मा गई।
वह राजेश से दूर हो है।
वह सिर्फ पेटीकोट और ब्लाऊज़ में थी।
राजेश की नजर प्रिया की बडी बडी सुडौल चुचियों पर गया जो ब्लाउज से बाहर निकलने को बेताब थे।
अपनी चुचियों को घूरते देख प्रिया लजाते हुवे अपनी चुचियों को हाथी से छिपाते हुए खड़ी हो गई।
तभी राजेश आगे बड़ा अपने हाथी में गुलाल ले रखा था। राजेश को अपनी ओर आता देख प्रिया की सांस तेज होने लगी।
राजेश प्रिया के पास गया, नीचे बैठ कर उसकी नाभी को चूमा प्रिया सिसक उठी। फिर राजेश प्रिया की पूरा पेट चूमने चाटने लगा।
प्रिया राजेश की सिर को पकड़ लिया। उसकी मुख से मादक सिसकारी निकलने लगी।
राजेश ने पूरे पेट में गुलाल मल दिया।
फिर राजेश खड़ा होकर उसकी ब्लाउज का बटन पर कर चूची को आजाद कर दिया। और उसे जी भर कर मसला और चूसा।
प्रिया की बुर पानी छोड़ने लगा। वह बहुत अधिक उत्तेजित हो गई।
इसकी मूख से लगातार मादक सिसकारी निकलने लगी।
उसके बाद राजेश ने उसकी चूचियों पर भाई रंग मल दिया।
और कहा हैप्पी होली दीदी।
राजेश _दी अब तो मैंने रंग अच्छे से लगा दिया न अब चले।
प्रिया ने राजेश के हाथ पकड़ लिया।
राजेश _क्या huwa दी?
प्रिया _गुलाल लगाकर होली खेलने में क्या मज़ा? अपनी पिचकारी से रंग डालो तब होली खेलने का मजा आए।
राजेश , प्रिया की बात सुनकर उसके पास गया और उसकी ओंठ को अपने मुंह में भरकर चुसने लगा।
प्रिया भी सहयोग करने लगी।
कुछ देर बाद राजेश ने कहा।
दी पिचकारी चलाऊ इसके पहले इसमें रंग तो भर दो।
राजेश ने अपना पेंट का चैन खीच कर अपना land बाहर निकाल दिया।
प्रिया नीचे बैठ गई।
और राजेश का land मुंह में भर कर चूसने लगी।
जिससे राजेश का पिचकारी खूब लंबा मोटा और शख्त हो गया।
राजेश _दी अब पिचकारी में रंग भर गया। अब इसे चलाने दो।
राजेश ने प्रिया की पेटी कोट का नाड़ा खोल दिया। पेटीकोट नीचे गिर गया। उसकी पेंटी भी निचे गिर गया।
प्रिया का पेट फूला huwa था वह राजेश और सुनीता के बच्ची की मां बनने वाली थी।
प्रिया ने राजेश की बुर को खुब चूसा।
प्रिया बहुत अधिक उत्तेजित हो कर बोली,,
राजेश, अब बर्दास्त नही हो रहा डाल दो अपनी पिचकारी को मेरी बुर पे
छत पर पानी की टंकी थी , जिसे पकड़ का प्रिया झुक गई।
राजेश पीछे गया और अपना land का सुपाड़ा उसकी बुर के छेद पे रख कर एक जोर का धक्का मारा।
Land एक ही झटके में सरसराता huwa अदंर घुस गया।
प्रिया ने राहत की सांस ली ।
क्यों की उसकी बुर land मांग रही थी।
कुछ देर राजेश प्रिया को चूमा उसकी चूची मसला।
प्रिया बोली,,
राजेश _अब अपना पिचकारी चलाओ, मै नही रह सकती।
राजेश ने प्रिया को गच गच चोदना शुरु कर दिया।
प्रिया तो जन्नत में पहुंच गई।
आह मां उन आई आह, राजेश बहुत मजा आ रहा है,, आह और जोर जोर से चोदो,, आह मां,,,
राजेश प्रिया की बुर को दनादन चोदने लगा।
Land बुर में गप गप अंदर बाहर हो रहा था।
राजेश को भी संभोग का अपार सुख प्राप्त होने लगा।
कुछ देर तक इसी पोजीशन में प्रिया को जमकर पेलने के बाद अपना पिचकारी प्रिया की बुर से बाहर निकाल कर छत पर पीठ के बल लेट गया।
प्रिया उसके land Ko अपने हाथो से पकड़ कर अपनी बुर के छेद में रख कर बैठ गई।land boor में समा गया।
अब प्रिया राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
कुछ देर में ही फिर से वह स्वर्ग की सैर करने लगीं उसके मुंह मादक सिसकारी निकल रही थीं।
प्रिया को राजेश से chudwaane में इतना मजा आ रहा था कि वह खुद को ज्यादा देर तक रोक न सकी। और चीखते हुए झडने लगी।
वह राजेश के ऊपर ढेर हो गई।
राजेश ने उसे अपनी बाहों मे भर लिया।
कुछ देर बाद प्रिया होश में आई। वह राजेश के land से उठी।
फुच की आवाज़ करता लन्ड बुर से बाहर निकला, जो अभी भी तना हुआ खड़ा था। प्रिया की बुर के पानी से चमक रहा था।
प्रिया उसके land Ko देखकर मुस्कुराने लगीं।
राजेश _दी 10बजने वाला है मां वेट कर रही होगी। मुझे जाना होगा।
प्रिया _ठीक है।
और थैंक्स, प्रिया ने राजेश की माथे को चूम कर कहा?
राजेश _दी किसलिए
प्रिया _होली को यादगार बनाने के लिए।
राजेश _दी आपकी सेवा के लिए तो आपकाभाई हमेशा तैयार रहेगा।
प्रिया अपनी कपड़ा पहनने लगीं।
दोनो कपड़ा ठीक कर लेने के बाद छत से नीचे आ गए।
राजेश घर से बाहर आया, प्रिया उसे छोड़ने आई।
प्रिया ने हाथ हिलाकर बाई कहा।
राजेश अपना बाइक लेकर घर चला गया।
घर पहुंचा तो स्वीटी, सुनीता और शेखर तीनो रीता के घर जाने को तैयार हो चूके थे, राजेश के आने का ही इन्तजार कर रहे थे।
जब राजेश घर पहुंचा वह फ्रेस huwa, कपड़ा चेंज किया फिर चारो कार से रीता के घर के लिए निकल पड़े।
इधर रीता के घर में होली पार्टी की सारी तैयारी हो चुकी थीं।
गार्डन में एक तरफ गुलाल, रंगो की टंकी पिचकारी। तो दूसरी तरफ खाने पीने की चीजेनाचनेगाने के लिए डीजे,आदि की व्यवस्था किया था।
रीता जब अपनी रूम से तैयार होकर बाहर निकली। तो रोहन देखता रह गया।
रीता बहुत ही खुबसूरत और हॉट लग रही थीं । उसकी बडी बडी चूचियां उसकी ब्लाउज से बाहर आने बेताब थे।
ब्लाउज पीछे से पूरा खुला था।
साड़ी नाभी से काफी नीचे बांधी थी।
सपाट पेट पे नाभी, कहर ढा रहा था।
अपनी मां की हॉट लुक देखकर रोहन का शरीर में रक्त संचार बड़ गया।
वह अपनी मां से डरता था।
लेकिन आज मौका था, अपनी मां को रंग लगाने के बहाने छूने का इसलिए उसने हिम्मत दिखाते हुए रीता को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया।
और उसकी गालों में रंग मल दिया।
हैप्पी होली मॉम।
रीता चौंकी।
इस तरह से उसे उसका पति भी गुलाल नही लगा सकता था।
कही रीता बुरा न मान जाए।
जब रीता ने देखा की रोहन है, तो
रीता _हैप्पी होली बेटा।
आज अपनी मां पर बडा प्यार आ रहा है।
रोहन _आज आप सच में बहुत खुबसूरत लग रही हो।
रीता की बदन से आ रही खुशबू सूंघ कर वह मदहोश सा हो गया।
वह अपनी मॉम की बदन से पहली बार इस तरह चिपका था।
रीता की बदन की गर्मी से रोहन का land हरकत में आ गया वह तन गया।
रोहन ने झट से अपनी क़मर रीता की गाड़ से हटाया कही उसकी मॉम को उसका खड़ा land पता न चल जाए।
रीता _बेटा अब छोड़ो, कितने देर तक चिपका रहेगा। चलो अब मेहमान के आने का समय हो गया है।
रोहन _ठीक है मॉम।
रोहन रीता को छोड़ दिया।
रीता वहा से चली गईं।
इधर रोहन के land तन गया था। वह कीचन में गया और खुबसूरत नौकरानी के कानो में कहा,,
मेरे रूम में आओ।
रोहन अपने रूम में जाकर नौकरानी की आने का इंतजार करने लगा।
कुछ देर बाद जब वह कमरे मे आई।
रोहन ने उसकी बालो को पकड़ कर खींचा।
शाली इतनी देर क्यों लगा दी।
नौकरानी _रोहन बाबा दर्द हो रहा है छोड़ो न।
शाली रण्डी, अभी तो खुब दर्द होगा तुझे।
चल चूस शाली।
रोहन ने नौकरानी की बाल पकड़ कर अपने land पर झुका दिया।
नौक्रानी रोहन का land मुंह में भर कर चूसने लगी।
रोहन _आह, मेरी जान ठीक से चूस, आह हा ऐसे ही बहुत मजा आ रहा है।
नौकरानी_रोहन बाबा, आज बड़े जोश में लग रहे हो लगता है मालकिन की मस्त गाड़ देखकर आज फिर गर्म हो गए।
रोहन _हा शाली, आज मॉम बहुत हॉट लग रही है। देखते ही land खड़ा हो गया।
हाय क्या मस्त मॉल है मॉम?
तभी रोहन ने अपना land नौकरानी के मुंह से निकाल कर उसे घोड़ी बना कर उसकी बुर में डाल दिया। और जोर जोर से धक्के मारने लगा।
नौकरानी चीखने लगी।
आह रोहन बाबा, धीरे,, आह दर्द हो रहा है,, जरा धीरे,,, मै कही भागी नही जा रही।
रोहन _चुप शाली, मै तो ऐसे ही चोदूंगा।
रोहन अपनी मॉम की बुर को इमेज कर,gach gach नौकरानी की बुर चोदने लगा।
आह क्यामस्त खुशबू है मॉम की बदन की,,, एक बार उसकी बुर देखने और मारने को मिल जाए तो मजा आ जाए।
ले साली ले एल ओर ले,,,
रोहन, नौकरानी की बुर जोर जोर से चोदने लगा।
नौकरानी _आह बहुत मजा आ रहा है, रोहन बाबा, इसे मालकिन की बुर समझकर चोद, तुम्हे भी बडा मजा आएगा।
रोहन _जोर जोर से पेलने लगा। ऐसा महसूस करने लगा की वह नौकरानी की नही बल्कि अपनी मॉम की बुर पेल रहा हो।
इधर राजेश अपनी मां पापा और स्वीटी के साथ रीता के घर पहुंच गया था।
राजेश ने देखा गार्डन पे सारी तैयारियां की जा चुकी है।
वे वही पर रखे अपने कुर्सी पर बैठ गए।
रीता संजय वहा पहुंचे।
सुनीता _, नमस्ते रीता जी।
रीता _नमस्ते सुनीता जी, नमस्ते भाई साहब।
शेखर _नमस्ते जी।
राजेश _नमस्ते मैम।
सभी एक दूसरे को अभिवादन करने लगें।
रीता _अरे आप लोग यहां क्यों बैठ गए, आप लोग तो हमारे खास मेहमान है ।
इधर शेखर और संजय एक दूसरे से बातचीत करने लगें।
रीता संजय से कहा _सुनो जी आप मेहमानों को देखिए मै सुनीता जी, और स्वीटी को घर दिखा देता हूं। ये लोग पहली बार आए हैं हमारे घर।
संजय _, ठीक है रीता।
संजय और शेखर वही रुक गए।
रीता _अरे राजेश तुम भी चलो घर देख लेना, पहली बार आ रही हो। कितनी बात आमंत्रित किया था तुमको आने के लिए, आए ही नहीं।
अब आए हो तो अंदर चलो।
संजय _हा बेटा जाओ।
राजेश _जी अंकल।
राजेश भी उन लोगो की साथ चला गया।
रीता,सुनीता और राजेश को अपना घर दिखाने लगी।
सुनीता _आपका घर तो काफी बडा और खुबसूरत है।
रीता _, बहुत जल्द अब ये हर स्वीटी की भी हो जाएगी।
क्यू स्वीटी।
स्वीटी _शर्मा गई।
राजेश _मैम, रोहन कही नजर नहीं आ रहा।
रीता _, यही पर तो था।
रीता न एक नौकरानी से कहा।
अरे, बिजली जरा देखा तो रोहन कहा है? उससे कहना की राजेश ओर उसके परिवार वाले आए हैं।
बिजली _जी मालकिन।
इधर रोहन नौकरानी को बेड पर लिटा कर उसकी दोनो टांगो को कंधे पर डाल कर दनादन उसकी बुर चोद रहा था।
के मॉम ले chud अपने बेटे के land से,, ले,,
नौकरानी _आह, उन आह बडा मजा आ रहा है बेटा ओर चोद अपनी मां को,, आह,,,
तभी बिजली ने दरवाजा खटखटाया ।
रोहन _यू शाला कौन आ गया अपनी मां चोदाने।
रोहन चोदना बन्द कर दरवाजा खोलने चला गया।
रोहन _क्या है शाली क्यू दरवाजा खटखटा रही है।
बिजली _मालकिन बोली की राजेश और घर वाले आए है। तुम्हारे बारे में पूछ रहे हैं।
रोहन ला गाड़ फट गया,,
रोहन _, मै अभी आया,,,
रोहन _कमरे के अंदर आया और अपन कपड़ा पहनने लगा।
नौकरानी _क्या huwa बाबा, अभी तो अपनी पिचकारी से रंग डाला ही नहीं और कपडे पहनने लगे।
रोहन _चुप रण्डी शाली, यहा मेरी गाड़ फट गई है और तुम्हे chudai की पड़ी है, कही मै तुम लोगो को चोदता हू ये बात राजेश भईया को पता चल गया न तो स्वीटी से मेरा शादी कैंसल कर देगें।
चल भाग यहां से।
रोहन अपना कपड़ा पहन कर अपना हुलिया ठीक किया फिर अपने कमरे से बाहर आ गया।
राजेश को देखते ही,,
रोहन _अरे राजेश भाई आप कब आए हैप्पी होली भाई।
राजेश ने रोहन को गले लगा लिया।
हैप्पी होली रोहन।
कैसा है? कहा था?
रोहन _भाई मै तो मजे में हूं, बस पार्टी की तैयारी देख रहा था। आप कैसे है?
राजेश _मै भी मजे में हूं यार।
रोहन ने सुनीता का पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
सुनीता _जीता रह बेटा।
रोहन _, हाई स्वीटी कैसी हो?
स्वीटी _मै अच्छी हूं।
रीता _रोहन कहा चला गया था?
रोहन _मॉम, मै काम में लगा था।
रीता _कैसा काम?
रोहन _मॉम मै पिचकारी चला कर देख रहा था ठीक है की नही।
कही पिचकारी काम न करे तो हमारी मजाक न बन जाए।
तभी रोहन को काल आया।
रोहन बात करने लगा।
रीता _किसका फोन था बेटा।
रोहन _मॉम मेरे कालेज के दोस्तो का है वे आ चूके है।
रीता _ठीक है बेटा तुम अपने दोस्तो को देखो।
स्वीटी हमारे कालेज के बहुत से दोस्त आए हैं, चलो तुम भी।
स्वीटी ने सुनीता की ओर देखा।
सुनीता _जाओ बेटी, पर रंग संभल कर खेलना।
रोहन _मां जी आप चिंता न करे स्वीटी मेरी जवाब दारी है।
सुनीता _ठीक है, बेटा वैसे ये तो अब तुम्हारी ही अमानत है। इसकी सुरक्षा तुम्हारी जिम्मेदारी है।
रोहन _जी मां जी,आप चिंता न करे।
रोहन और स्वीटी चले गए।
अब रीता, राजेश और सुनीता ही रह गए।
नौकरानी ने काफी लेकर आई
काफी का कप उठाकर रीता राजेश की ओर देने लगीं। जैसे ही राजेश कप को पकड़ने वाला था रीता ने कप छोड़ दिया। काफी राजेश के शर्ट पर गिर गया।
रीता _ओह आई एम सॉरी राजेश बेटा, मेरा हाथ से कप छूट गया।
राजेश _कोई बात नहीं आंटी।
रीता _एक काम करो, तुम रोहन के कमरे में चलो। उसके पास नई शर्ट होगी वह पहन लेना।
सुनीता _जाओ बेटा।
रीता, राजेश को लेकर रोहन के रूम में चली गई।
जैसे ही वे रूम में पहुंचे रीता ने राजेश को अपनी बाहों मे भर लिया।
रीता _तुम तो ऐसे अनजान बन रहे हो, जैसे हम पहली बार मिल रहे है।
मेरी कितनी बार ले चुके हो सब भुल गए क्या?
सुजाता की आज जरूर लिए होगे।
आज मेरे साथ होली नही खेलेगो।
क्या मै अच्छी नहीं लग रही बोलो।
राजेश _आज तो आप बहुत खुबसूरत और हॉट लग रही हो।
रीता _फिर मेरे साथ होली खेलने का मन नही कर रहा क्या?
Shaandar super hot erotic updateराजेश प्रिया का घर पहुंचा। घर के बरामदे में समीर अपने दोस्ती के साथ बैठा था।
पिंकी कुछ बच्चो के साथ पिचकारी से एक दूसरे पे रंग डाल रही थी।
राजेश को देखते ही पिंकी उसके ओर दौड़ी।
पिंकी _मामू, हैप्पी होली।
और राजेश के ऊपर पिचकारी से रंग डालने लगी।
राजेश _हैप्पी होली, मेरी प्यारी भांजी।
राजेश ने पिंकी के गालों पर रंग मलते हुए कहा।
उसके बाद राजेश समीर के पास गया, जहां कुछ लोग साथ बैठे थे ।
समीर _आओ साले साहब।
राजेश _हैप्पी होली जीजा जी।
राजेश ने समीर को गुलाल लगाकर कर आशीर्वाद लिया।
समीर _हैप्पी होली जवान।
समीर ने राजेश को रंग लगा कर गले से लगाया।
समीर ने अपने दोस्तो से राजेश का परिचय कराया।
समीर _ये मेरा साला है राजेश।
वेरी इंटेलीजेंट बॉय।
आई ए एस बनना चाहता है।
राजेश ने सभी का अभिवादन किया।
इधर पिंकी ने प्रिया को जो कीचन में थी, को बता दिया की मामू आया आया है।
प्रिया ने पिंकी को अपने मामा को बुलाने कहा।
पिंकी राजेश के पास आकर।
पिंकी _मामू आपको मम्मी अंदर बुला रही है।
समीर _जाओ भई, तुम्हारी दीदी बुला रही है, अच्छे से रंग लगाना अपनी दीदी को।
सभी हसने लगे।
राजेश अंदर गया, वह कीचन में जाकर देखा।
प्रिया कीचन में कुछ बना रही थी।
एक नौकरानी भी थी।
हैप्पी होली दी।
प्रिया _अरे तू आ गया। मुझे तो लगा की तू नही आयेगा।
राजेश _ऐसा क्यू दी?
प्रिया _मुझे लगा की तू अपने दोस्तो के साथ होली खेल रहा होगा कहा अपनी दी को याद करेगा।
राजेश _दी, कैसे भुल सकता हूं आपको।
तभी प्रिया ने प्लेट पे नाश्ता लगा कर नौकरानी को समीर और उसके दोस्तो को देने भेज दिया।
अब कीचन में सिर्फ प्रिया और राजेश ही थे।
राजेश ने प्रिया को पीछे से बाहों मे भर कर उसकी गालों पर रंग मलने लगा।
प्रिया _रहने दे, अभी दी की याद आई। कहा थे अब तक।
राजेश _ओ निशा के घर गया था।
प्रिया _मुझे पता था, तू वही गया होगा।
निशा को अच्छे से रंग लगाया की नही।
राजेश _हां, लगाया।
प्रिया _कहा तक आगे बडा तुम्हारा प्रेम कहानी।
राजेश _दी ऐसा कुछ नहीं है।
प्रिया _, क्यू झूठ बोलता है।
खा मेरी कसम की तू उससे प्यार नही करता।
राजेश _पता नही दी, पर मुझे नही लगता कि मैं निशा से इस मामले में कुछ कह पाऊंगा।
और मुझे लगता नही की निशा मुझसे प्यार करती है।
प्रिया _अरे बुद्धु, वह भले ही तुमसे अपनी प्यार का इजहार नही कर रही। लेकिन मुझे पता है वह तुमसे बेंतहा प्यार करती है।
पर एक बात मुझे समझ नहीं आ रही कि वो तुमसे इजहार क्यू नही कर रही। पता नही वह किस उलझन में है।
राजेश _दी, वह एक सुलझी हुई लड़की है, जो भी फैसला लेगी सोच समझकर ही लेगीऔर
मुझमें इतनी हिम्मत नही कि उसे मै अपनी दिल की बात बोल सकू।
वैसे आज आप बहुत खुबसूरत और हॉट लग रही हो, राजेश ने प्रिया की ओंठ को चूमते हुवे कहा।
प्रिया _अच्छा, तुम्हारा इरादा कुछ नेक नही लग रहा।
अब छोड़ो नौकरानी, आनी वाली है।
राजेश ने प्रिया को छोड़ दिया।
नौकरानी भी कीचन में आ गई।
राजेश _अच्छा दी अब मैं चलता हूं।
प्रिया _इतनी जल्दी, अभी तो आए हो।
राजेश _दी, रीता मैम के यहां होली पार्टी रखी है तो पूरे सबको वहा आमंत्रित की है, वही निकलना।
आपको तो पता ही है, रोहन और स्वीटी की शादी की बाते चल रही है। ऐसे में मां कह रही थी की हमे जाना पड़ेगा नही तो वे नाराज हो जायेंगे।
प्रिया _ओह ये बात है।
पर कुछ खा तो लो, फिर चले जाना। भई हमारे साथ तो अभी होली खेले ही नहीं, हमने तो तुमको रंग लगाया ही नही।
राजेश _तो लगा दो न रंग।
प्रिया _यहां कीचन में पुरा रंग रंग हो जायेगा।
चलो बाहर चलते हैं।
प्रिया ने नौकरानी को कीचन का काम समझा कर कीचन के बाहर आ गया।
दोनो हाल में थे।
तभी समीर अंदर आया।
समीर _यार प्रिया मै दोस्तो के साथ, अन्य दोस्तो के घर जा रहा हूं। कुछ समय लगेगा आने में।
प्रिया _ठीक है जी।
समीर _साले सब लगता है अपनी दीदी को ठीक से रंग नही लगाए। पता ही नहीं चल रहा है। अच्छे से होली खेलो अपनी बहन और भांजीके साथ
मै आता हूं।
राजेश _ ठीक है जीजू।
समीर वहा से चला गया।
प्रिया _राजेश, तुमने सुना नही, तुम्हारे जीजू ने तुमसे क्या कहा, तुमने अपनी बहन को ठीक से रंग ही नहीं लगाया।
चलो अच्छे से रंग लगाना।
ठीक है दी,
राजेश ने रंग हाथो में लेकर प्रिया की ओर आगे बडा।
प्रिया _अरे रुको, कमरा पे रंग फैल जायेगा।
चलो ऊपर छत पर चलते हैं।
वहा अच्छे से लगा देना।
राजेश और प्रिया दोनो छत पर चले गए। साथ में रंग ले गए।
ऊपर छत पहुंचने के बाद देखा, उन दोनो को देखने वाले कोई नहीं था।
राजेश हाथो में रंग लेकर प्रिया को लगाने आगे बडा, पर प्रिया उसे जीभ दिखाते हुए भागने लगीं।
राजेश उसके पीछे पीछे भागने लगा।
तभी प्रिया की साड़ी की पल्लू राजेश के हाथो में आ गया।
राजेश ने पल्लू पकड़ कर अपनी ओर खींचा।
प्रिया पल्लू छुड़ाने की कोशिश करने लगी। और जीभ निकाल कर चिढ़ाने लगीं।
तभी राजेश ने पल्लू को जोर से खींचा।
प्रिया गोल गोल घूमने लगीं उसकी साड़ी राजेश के हाथो में आ गया।
होल गोल घूमते हुवे प्रिया गिरने को हुई तो राजेश ने उसे पकड़ लिया। प्रिया राजेश की बाहों मे झूल गई।
वे एक दूसरे के आंखो में देखने लगे।
प्रिया शर्मा गई।
वह राजेश से दूर हो है।
वह सिर्फ पेटीकोट और ब्लाऊज़ में थी।
राजेश की नजर प्रिया की बडी बडी सुडौल चुचियों पर गया जो ब्लाउज से बाहर निकलने को बेताब थे।
अपनी चुचियों को घूरते देख प्रिया लजाते हुवे अपनी चुचियों को हाथी से छिपाते हुए खड़ी हो गई।
तभी राजेश आगे बड़ा अपने हाथी में गुलाल ले रखा था। राजेश को अपनी ओर आता देख प्रिया की सांस तेज होने लगी।
राजेश प्रिया के पास गया, नीचे बैठ कर उसकी नाभी को चूमा प्रिया सिसक उठी। फिर राजेश प्रिया की पूरा पेट चूमने चाटने लगा।
प्रिया राजेश की सिर को पकड़ लिया। उसकी मुख से मादक सिसकारी निकलने लगी।
राजेश ने पूरे पेट में गुलाल मल दिया।
फिर राजेश खड़ा होकर उसकी ब्लाउज का बटन पर कर चूची को आजाद कर दिया। और उसे जी भर कर मसला और चूसा।
प्रिया की बुर पानी छोड़ने लगा। वह बहुत अधिक उत्तेजित हो गई।
इसकी मूख से लगातार मादक सिसकारी निकलने लगी।
उसके बाद राजेश ने उसकी चूचियों पर भाई रंग मल दिया।
और कहा हैप्पी होली दीदी।
राजेश _दी अब तो मैंने रंग अच्छे से लगा दिया न अब चले।
प्रिया ने राजेश के हाथ पकड़ लिया।
राजेश _क्या huwa दी?
प्रिया _गुलाल लगाकर होली खेलने में क्या मज़ा? अपनी पिचकारी से रंग डालो तब होली खेलने का मजा आए।
राजेश , प्रिया की बात सुनकर उसके पास गया और उसकी ओंठ को अपने मुंह में भरकर चुसने लगा।
प्रिया भी सहयोग करने लगी।
कुछ देर बाद राजेश ने कहा।
दी पिचकारी चलाऊ इसके पहले इसमें रंग तो भर दो।
राजेश ने अपना पेंट का चैन खीच कर अपना land बाहर निकाल दिया।
प्रिया नीचे बैठ गई।
और राजेश का land मुंह में भर कर चूसने लगी।
जिससे राजेश का पिचकारी खूब लंबा मोटा और शख्त हो गया।
राजेश _दी अब पिचकारी में रंग भर गया। अब इसे चलाने दो।
राजेश ने प्रिया की पेटी कोट का नाड़ा खोल दिया। पेटीकोट नीचे गिर गया। उसकी पेंटी भी निचे गिर गया।
प्रिया का पेट फूला huwa था वह राजेश और सुनीता के बच्ची की मां बनने वाली थी।
प्रिया ने राजेश की बुर को खुब चूसा।
प्रिया बहुत अधिक उत्तेजित हो कर बोली,,
राजेश, अब बर्दास्त नही हो रहा डाल दो अपनी पिचकारी को मेरी बुर पे
छत पर पानी की टंकी थी , जिसे पकड़ का प्रिया झुक गई।
राजेश पीछे गया और अपना land का सुपाड़ा उसकी बुर के छेद पे रख कर एक जोर का धक्का मारा।
Land एक ही झटके में सरसराता huwa अदंर घुस गया।
प्रिया ने राहत की सांस ली ।
क्यों की उसकी बुर land मांग रही थी।
कुछ देर राजेश प्रिया को चूमा उसकी चूची मसला।
प्रिया बोली,,
राजेश _अब अपना पिचकारी चलाओ, मै नही रह सकती।
राजेश ने प्रिया को गच गच चोदना शुरु कर दिया।
प्रिया तो जन्नत में पहुंच गई।
आह मां उन आई आह, राजेश बहुत मजा आ रहा है,, आह और जोर जोर से चोदो,, आह मां,,,
राजेश प्रिया की बुर को दनादन चोदने लगा।
Land बुर में गप गप अंदर बाहर हो रहा था।
राजेश को भी संभोग का अपार सुख प्राप्त होने लगा।
कुछ देर तक इसी पोजीशन में प्रिया को जमकर पेलने के बाद अपना पिचकारी प्रिया की बुर से बाहर निकाल कर छत पर पीठ के बल लेट गया।
प्रिया उसके land Ko अपने हाथो से पकड़ कर अपनी बुर के छेद में रख कर बैठ गई।land boor में समा गया।
अब प्रिया राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
कुछ देर में ही फिर से वह स्वर्ग की सैर करने लगीं उसके मुंह मादक सिसकारी निकल रही थीं।
प्रिया को राजेश से chudwaane में इतना मजा आ रहा था कि वह खुद को ज्यादा देर तक रोक न सकी। और चीखते हुए झडने लगी।
वह राजेश के ऊपर ढेर हो गई।
राजेश ने उसे अपनी बाहों मे भर लिया।
कुछ देर बाद प्रिया होश में आई। वह राजेश के land से उठी।
फुच की आवाज़ करता लन्ड बुर से बाहर निकला, जो अभी भी तना हुआ खड़ा था। प्रिया की बुर के पानी से चमक रहा था।
प्रिया उसके land Ko देखकर मुस्कुराने लगीं।
राजेश _दी 10बजने वाला है मां वेट कर रही होगी। मुझे जाना होगा।
प्रिया _ठीक है।
और थैंक्स, प्रिया ने राजेश की माथे को चूम कर कहा?
राजेश _दी किसलिए
प्रिया _होली को यादगार बनाने के लिए।
राजेश _दी आपकी सेवा के लिए तो आपकाभाई हमेशा तैयार रहेगा।
प्रिया अपनी कपड़ा पहनने लगीं।
दोनो कपड़ा ठीक कर लेने के बाद छत से नीचे आ गए।
राजेश घर से बाहर आया, प्रिया उसे छोड़ने आई।
प्रिया ने हाथ हिलाकर बाई कहा।
राजेश अपना बाइक लेकर घर चला गया।
घर पहुंचा तो स्वीटी, सुनीता और शेखर तीनो रीता के घर जाने को तैयार हो चूके थे, राजेश के आने का ही इन्तजार कर रहे थे।
जब राजेश घर पहुंचा वह फ्रेस huwa, कपड़ा चेंज किया फिर चारो कार से रीता के घर के लिए निकल पड़े।
इधर रीता के घर में होली पार्टी की सारी तैयारी हो चुकी थीं।
गार्डन में एक तरफ गुलाल, रंगो की टंकी पिचकारी। तो दूसरी तरफ खाने पीने की चीजेनाचनेगाने के लिए डीजे,आदि की व्यवस्था किया था।
रीता जब अपनी रूम से तैयार होकर बाहर निकली। तो रोहन देखता रह गया।
रीता बहुत ही खुबसूरत और हॉट लग रही थीं । उसकी बडी बडी चूचियां उसकी ब्लाउज से बाहर आने बेताब थे।
ब्लाउज पीछे से पूरा खुला था।
साड़ी नाभी से काफी नीचे बांधी थी।
सपाट पेट पे नाभी, कहर ढा रहा था।
अपनी मां की हॉट लुक देखकर रोहन का शरीर में रक्त संचार बड़ गया।
वह अपनी मां से डरता था।
लेकिन आज मौका था, अपनी मां को रंग लगाने के बहाने छूने का इसलिए उसने हिम्मत दिखाते हुए रीता को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया।
और उसकी गालों में रंग मल दिया।
हैप्पी होली मॉम।
रीता चौंकी।
इस तरह से उसे उसका पति भी गुलाल नही लगा सकता था।
कही रीता बुरा न मान जाए।
जब रीता ने देखा की रोहन है, तो
रीता _हैप्पी होली बेटा।
आज अपनी मां पर बडा प्यार आ रहा है।
रोहन _आज आप सच में बहुत खुबसूरत लग रही हो।
रीता की बदन से आ रही खुशबू सूंघ कर वह मदहोश सा हो गया।
वह अपनी मॉम की बदन से पहली बार इस तरह चिपका था।
रीता की बदन की गर्मी से रोहन का land हरकत में आ गया वह तन गया।
रोहन ने झट से अपनी क़मर रीता की गाड़ से हटाया कही उसकी मॉम को उसका खड़ा land पता न चल जाए।
रीता _बेटा अब छोड़ो, कितने देर तक चिपका रहेगा। चलो अब मेहमान के आने का समय हो गया है।
रोहन _ठीक है मॉम।
रोहन रीता को छोड़ दिया।
रीता वहा से चली गईं।
इधर रोहन के land तन गया था। वह कीचन में गया और खुबसूरत नौकरानी के कानो में कहा,,
मेरे रूम में आओ।
रोहन अपने रूम में जाकर नौकरानी की आने का इंतजार करने लगा।
कुछ देर बाद जब वह कमरे मे आई।
रोहन ने उसकी बालो को पकड़ कर खींचा।
शाली इतनी देर क्यों लगा दी।
नौकरानी _रोहन बाबा दर्द हो रहा है छोड़ो न।
शाली रण्डी, अभी तो खुब दर्द होगा तुझे।
चल चूस शाली।
रोहन ने नौकरानी की बाल पकड़ कर अपने land पर झुका दिया।
नौक्रानी रोहन का land मुंह में भर कर चूसने लगी।
रोहन _आह, मेरी जान ठीक से चूस, आह हा ऐसे ही बहुत मजा आ रहा है।
नौकरानी_रोहन बाबा, आज बड़े जोश में लग रहे हो लगता है मालकिन की मस्त गाड़ देखकर आज फिर गर्म हो गए।
रोहन _हा शाली, आज मॉम बहुत हॉट लग रही है। देखते ही land खड़ा हो गया।
हाय क्या मस्त मॉल है मॉम?
तभी रोहन ने अपना land नौकरानी के मुंह से निकाल कर उसे घोड़ी बना कर उसकी बुर में डाल दिया। और जोर जोर से धक्के मारने लगा।
नौकरानी चीखने लगी।
आह रोहन बाबा, धीरे,, आह दर्द हो रहा है,, जरा धीरे,,, मै कही भागी नही जा रही।
रोहन _चुप शाली, मै तो ऐसे ही चोदूंगा।
रोहन अपनी मॉम की बुर को इमेज कर,gach gach नौकरानी की बुर चोदने लगा।
आह क्यामस्त खुशबू है मॉम की बदन की,,, एक बार उसकी बुर देखने और मारने को मिल जाए तो मजा आ जाए।
ले साली ले एल ओर ले,,,
रोहन, नौकरानी की बुर जोर जोर से चोदने लगा।
नौकरानी _आह बहुत मजा आ रहा है, रोहन बाबा, इसे मालकिन की बुर समझकर चोद, तुम्हे भी बडा मजा आएगा।
रोहन _जोर जोर से पेलने लगा। ऐसा महसूस करने लगा की वह नौकरानी की नही बल्कि अपनी मॉम की बुर पेल रहा हो।
इधर राजेश अपनी मां पापा और स्वीटी के साथ रीता के घर पहुंच गया था।
राजेश ने देखा गार्डन पे सारी तैयारियां की जा चुकी है।
वे वही पर रखे अपने कुर्सी पर बैठ गए।
रीता संजय वहा पहुंचे।
सुनीता _, नमस्ते रीता जी।
रीता _नमस्ते सुनीता जी, नमस्ते भाई साहब।
शेखर _नमस्ते जी।
राजेश _नमस्ते मैम।
सभी एक दूसरे को अभिवादन करने लगें।
रीता _अरे आप लोग यहां क्यों बैठ गए, आप लोग तो हमारे खास मेहमान है ।
इधर शेखर और संजय एक दूसरे से बातचीत करने लगें।
रीता संजय से कहा _सुनो जी आप मेहमानों को देखिए मै सुनीता जी, और स्वीटी को घर दिखा देता हूं। ये लोग पहली बार आए हैं हमारे घर।
संजय _, ठीक है रीता।
संजय और शेखर वही रुक गए।
रीता _अरे राजेश तुम भी चलो घर देख लेना, पहली बार आ रही हो। कितनी बात आमंत्रित किया था तुमको आने के लिए, आए ही नहीं।
अब आए हो तो अंदर चलो।
संजय _हा बेटा जाओ।
राजेश _जी अंकल।
राजेश भी उन लोगो की साथ चला गया।
रीता,सुनीता और राजेश को अपना घर दिखाने लगी।
सुनीता _आपका घर तो काफी बडा और खुबसूरत है।
रीता _, बहुत जल्द अब ये हर स्वीटी की भी हो जाएगी।
क्यू स्वीटी।
स्वीटी _शर्मा गई।
राजेश _मैम, रोहन कही नजर नहीं आ रहा।
रीता _, यही पर तो था।
रीता न एक नौकरानी से कहा।
अरे, बिजली जरा देखा तो रोहन कहा है? उससे कहना की राजेश ओर उसके परिवार वाले आए हैं।
बिजली _जी मालकिन।
इधर रोहन नौकरानी को बेड पर लिटा कर उसकी दोनो टांगो को कंधे पर डाल कर दनादन उसकी बुर चोद रहा था।
के मॉम ले chud अपने बेटे के land से,, ले,,
नौकरानी _आह, उन आह बडा मजा आ रहा है बेटा ओर चोद अपनी मां को,, आह,,,
तभी बिजली ने दरवाजा खटखटाया ।
रोहन _यू शाला कौन आ गया अपनी मां चोदाने।
रोहन चोदना बन्द कर दरवाजा खोलने चला गया।
रोहन _क्या है शाली क्यू दरवाजा खटखटा रही है।
बिजली _मालकिन बोली की राजेश और घर वाले आए है। तुम्हारे बारे में पूछ रहे हैं।
रोहन ला गाड़ फट गया,,
रोहन _, मै अभी आया,,,
रोहन _कमरे के अंदर आया और अपन कपड़ा पहनने लगा।
नौकरानी _क्या huwa बाबा, अभी तो अपनी पिचकारी से रंग डाला ही नहीं और कपडे पहनने लगे।
रोहन _चुप रण्डी शाली, यहा मेरी गाड़ फट गई है और तुम्हे chudai की पड़ी है, कही मै तुम लोगो को चोदता हू ये बात राजेश भईया को पता चल गया न तो स्वीटी से मेरा शादी कैंसल कर देगें।
चल भाग यहां से।
रोहन अपना कपड़ा पहन कर अपना हुलिया ठीक किया फिर अपने कमरे से बाहर आ गया।
राजेश को देखते ही,,
रोहन _अरे राजेश भाई आप कब आए हैप्पी होली भाई।
राजेश ने रोहन को गले लगा लिया।
हैप्पी होली रोहन।
कैसा है? कहा था?
रोहन _भाई मै तो मजे में हूं, बस पार्टी की तैयारी देख रहा था। आप कैसे है?
राजेश _मै भी मजे में हूं यार।
रोहन ने सुनीता का पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
सुनीता _जीता रह बेटा।
रोहन _, हाई स्वीटी कैसी हो?
स्वीटी _मै अच्छी हूं।
रीता _रोहन कहा चला गया था?
रोहन _मॉम, मै काम में लगा था।
रीता _कैसा काम?
रोहन _मॉम मै पिचकारी चला कर देख रहा था ठीक है की नही।
कही पिचकारी काम न करे तो हमारी मजाक न बन जाए।
तभी रोहन को काल आया।
रोहन बात करने लगा।
रीता _किसका फोन था बेटा।
रोहन _मॉम मेरे कालेज के दोस्तो का है वे आ चूके है।
रीता _ठीक है बेटा तुम अपने दोस्तो को देखो।
स्वीटी हमारे कालेज के बहुत से दोस्त आए हैं, चलो तुम भी।
स्वीटी ने सुनीता की ओर देखा।
सुनीता _जाओ बेटी, पर रंग संभल कर खेलना।
रोहन _मां जी आप चिंता न करे स्वीटी मेरी जवाब दारी है।
सुनीता _ठीक है, बेटा वैसे ये तो अब तुम्हारी ही अमानत है। इसकी सुरक्षा तुम्हारी जिम्मेदारी है।
रोहन _जी मां जी,आप चिंता न करे।
रोहन और स्वीटी चले गए।
अब रीता, राजेश और सुनीता ही रह गए।
नौकरानी ने काफी लेकर आई
काफी का कप उठाकर रीता राजेश की ओर देने लगीं। जैसे ही राजेश कप को पकड़ने वाला था रीता ने कप छोड़ दिया। काफी राजेश के शर्ट पर गिर गया।
रीता _ओह आई एम सॉरी राजेश बेटा, मेरा हाथ से कप छूट गया।
राजेश _कोई बात नहीं आंटी।
रीता _एक काम करो, तुम रोहन के कमरे में चलो। उसके पास नई शर्ट होगी वह पहन लेना।
सुनीता _जाओ बेटा।
रीता, राजेश को लेकर रोहन के रूम में चली गई।
जैसे ही वे रूम में पहुंचे रीता ने राजेश को अपनी बाहों मे भर लिया।
रीता _तुम तो ऐसे अनजान बन रहे हो, जैसे हम पहली बार मिल रहे है।
मेरी कितनी बार ले चुके हो सब भुल गए क्या?
सुजाता की आज जरूर लिए होगे।
आज मेरे साथ होली नही खेलेगो।
क्या मै अच्छी नहीं लग रही बोलो।
राजेश _आज तो आप बहुत खुबसूरत और हॉट लग रही हो।
रीता _फिर मेरे साथ होली खेलने का मन नही कर रहा क्या?