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Incest यह क्या हुआ

Acha

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very very nice.......................................................................................................................................................
 
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राजेश प्रिया का घर पहुंचा। घर के बरामदे में समीर अपने दोस्ती के साथ बैठा था।
पिंकी कुछ बच्चो के साथ पिचकारी से एक दूसरे पे रंग डाल रही थी।
राजेश को देखते ही पिंकी उसके ओर दौड़ी।
पिंकी _मामू, हैप्पी होली।
और राजेश के ऊपर पिचकारी से रंग डालने लगी।
राजेश _हैप्पी होली, मेरी प्यारी भांजी।
राजेश ने पिंकी के गालों पर रंग मलते हुए कहा।
उसके बाद राजेश समीर के पास गया, जहां कुछ लोग साथ बैठे थे ।
समीर _आओ साले साहब।
राजेश _हैप्पी होली जीजा जी।
राजेश ने समीर को गुलाल लगाकर कर आशीर्वाद लिया।
समीर _हैप्पी होली जवान।
समीर ने राजेश को रंग लगा कर गले से लगाया।
समीर ने अपने दोस्तो से राजेश का परिचय कराया।
समीर _ये मेरा साला है राजेश।
वेरी इंटेलीजेंट बॉय।
आई ए एस बनना चाहता है।
राजेश ने सभी का अभिवादन किया।
इधर पिंकी ने प्रिया को जो कीचन में थी, को बता दिया की मामू आया आया है।
प्रिया ने पिंकी को अपने मामा को बुलाने कहा।
पिंकी राजेश के पास आकर।
पिंकी _मामू आपको मम्मी अंदर बुला रही है।
समीर _जाओ भई, तुम्हारी दीदी बुला रही है, अच्छे से रंग लगाना अपनी दीदी को।
सभी हसने लगे।
राजेश अंदर गया, वह कीचन में जाकर देखा।
प्रिया कीचन में कुछ बना रही थी।
एक नौकरानी भी थी।
हैप्पी होली दी।
प्रिया _अरे तू आ गया। मुझे तो लगा की तू नही आयेगा।
राजेश _ऐसा क्यू दी?
प्रिया _मुझे लगा की तू अपने दोस्तो के साथ होली खेल रहा होगा कहा अपनी दी को याद करेगा।
राजेश _दी, कैसे भुल सकता हूं आपको।
तभी प्रिया ने प्लेट पे नाश्ता लगा कर नौकरानी को समीर और उसके दोस्तो को देने भेज दिया।
अब कीचन में सिर्फ प्रिया और राजेश ही थे।
राजेश ने प्रिया को पीछे से बाहों मे भर कर उसकी गालों पर रंग मलने लगा।
प्रिया _रहने दे, अभी दी की याद आई। कहा थे अब तक।
राजेश _ओ निशा के घर गया था।
प्रिया _मुझे पता था, तू वही गया होगा।
निशा को अच्छे से रंग लगाया की नही।
राजेश _हां, लगाया।
प्रिया _कहा तक आगे बडा तुम्हारा प्रेम कहानी।
राजेश _दी ऐसा कुछ नहीं है।
प्रिया _, क्यू झूठ बोलता है।
खा मेरी कसम की तू उससे प्यार नही करता।
राजेश _पता नही दी, पर मुझे नही लगता कि मैं निशा से इस मामले में कुछ कह पाऊंगा।
और मुझे लगता नही की निशा मुझसे प्यार करती है।
प्रिया _अरे बुद्धु, वह भले ही तुमसे अपनी प्यार का इजहार नही कर रही। लेकिन मुझे पता है वह तुमसे बेंतहा प्यार करती है।
पर एक बात मुझे समझ नहीं आ रही कि वो तुमसे इजहार क्यू नही कर रही। पता नही वह किस उलझन में है।
राजेश _दी, वह एक सुलझी हुई लड़की है, जो भी फैसला लेगी सोच समझकर ही लेगीऔर
मुझमें इतनी हिम्मत नही कि उसे मै अपनी दिल की बात बोल सकू।
वैसे आज आप बहुत खुबसूरत और हॉट लग रही हो, राजेश ने प्रिया की ओंठ को चूमते हुवे कहा।
प्रिया _अच्छा, तुम्हारा इरादा कुछ नेक नही लग रहा।
अब छोड़ो नौकरानी, आनी वाली है।
राजेश ने प्रिया को छोड़ दिया।
नौकरानी भी कीचन में आ गई।
राजेश _अच्छा दी अब मैं चलता हूं।
प्रिया _इतनी जल्दी, अभी तो आए हो।
राजेश _दी, रीता मैम के यहां होली पार्टी रखी है तो पूरे सबको वहा आमंत्रित की है, वही निकलना।
आपको तो पता ही है, रोहन और स्वीटी की शादी की बाते चल रही है। ऐसे में मां कह रही थी की हमे जाना पड़ेगा नही तो वे नाराज हो जायेंगे।
प्रिया _ओह ये बात है।
पर कुछ खा तो लो, फिर चले जाना। भई हमारे साथ तो अभी होली खेले ही नहीं, हमने तो तुमको रंग लगाया ही नही।
राजेश _तो लगा दो न रंग।
प्रिया _यहां कीचन में पुरा रंग रंग हो जायेगा।
चलो बाहर चलते हैं।
प्रिया ने नौकरानी को कीचन का काम समझा कर कीचन के बाहर आ गया।
दोनो हाल में थे।
तभी समीर अंदर आया।
समीर _यार प्रिया मै दोस्तो के साथ, अन्य दोस्तो के घर जा रहा हूं। कुछ समय लगेगा आने में।
प्रिया _ठीक है जी।
समीर _साले सब लगता है अपनी दीदी को ठीक से रंग नही लगाए। पता ही नहीं चल रहा है। अच्छे से होली खेलो अपनी बहन और भांजीके साथ
मै आता हूं।
राजेश _ ठीक है जीजू।
समीर वहा से चला गया।
प्रिया _राजेश, तुमने सुना नही, तुम्हारे जीजू ने तुमसे क्या कहा, तुमने अपनी बहन को ठीक से रंग ही नहीं लगाया।
चलो अच्छे से रंग लगाना।
ठीक है दी,
राजेश ने रंग हाथो में लेकर प्रिया की ओर आगे बडा।
प्रिया _अरे रुको, कमरा पे रंग फैल जायेगा।
चलो ऊपर छत पर चलते हैं।
वहा अच्छे से लगा देना।
राजेश और प्रिया दोनो छत पर चले गए। साथ में रंग ले गए।
ऊपर छत पहुंचने के बाद देखा, उन दोनो को देखने वाले कोई नहीं था।
राजेश हाथो में रंग लेकर प्रिया को लगाने आगे बडा, पर प्रिया उसे जीभ दिखाते हुए भागने लगीं।
राजेश उसके पीछे पीछे भागने लगा।
तभी प्रिया की साड़ी की पल्लू राजेश के हाथो में आ गया।
राजेश ने पल्लू पकड़ कर अपनी ओर खींचा।
प्रिया पल्लू छुड़ाने की कोशिश करने लगी। और जीभ निकाल कर चिढ़ाने लगीं।
तभी राजेश ने पल्लू को जोर से खींचा।
प्रिया गोल गोल घूमने लगीं उसकी साड़ी राजेश के हाथो में आ गया।
होल गोल घूमते हुवे प्रिया गिरने को हुई तो राजेश ने उसे पकड़ लिया। प्रिया राजेश की बाहों मे झूल गई।
वे एक दूसरे के आंखो में देखने लगे।
प्रिया शर्मा गई।
वह राजेश से दूर हो है।
वह सिर्फ पेटीकोट और ब्लाऊज़ में थी।
राजेश की नजर प्रिया की बडी बडी सुडौल चुचियों पर गया जो ब्लाउज से बाहर निकलने को बेताब थे।
अपनी चुचियों को घूरते देख प्रिया लजाते हुवे अपनी चुचियों को हाथी से छिपाते हुए खड़ी हो गई।

तभी राजेश आगे बड़ा अपने हाथी में गुलाल ले रखा था। राजेश को अपनी ओर आता देख प्रिया की सांस तेज होने लगी।
राजेश प्रिया के पास गया, नीचे बैठ कर उसकी नाभी को चूमा प्रिया सिसक उठी। फिर राजेश प्रिया की पूरा पेट चूमने चाटने लगा।
प्रिया राजेश की सिर को पकड़ लिया। उसकी मुख से मादक सिसकारी निकलने लगी।
राजेश ने पूरे पेट में गुलाल मल दिया।
फिर राजेश खड़ा होकर उसकी ब्लाउज का बटन पर कर चूची को आजाद कर दिया। और उसे जी भर कर मसला और चूसा।
प्रिया की बुर पानी छोड़ने लगा। वह बहुत अधिक उत्तेजित हो गई।
इसकी मूख से लगातार मादक सिसकारी निकलने लगी।
उसके बाद राजेश ने उसकी चूचियों पर भाई रंग मल दिया।
और कहा हैप्पी होली दीदी।

राजेश _दी अब तो मैंने रंग अच्छे से लगा दिया न अब चले।
प्रिया ने राजेश के हाथ पकड़ लिया।
राजेश _क्या huwa दी?
प्रिया _गुलाल लगाकर होली खेलने में क्या मज़ा? अपनी पिचकारी से रंग डालो तब होली खेलने का मजा आए।
राजेश , प्रिया की बात सुनकर उसके पास गया और उसकी ओंठ को अपने मुंह में भरकर चुसने लगा।
प्रिया भी सहयोग करने लगी।
कुछ देर बाद राजेश ने कहा।
दी पिचकारी चलाऊ इसके पहले इसमें रंग तो भर दो।
राजेश ने अपना पेंट का चैन खीच कर अपना land बाहर निकाल दिया।
प्रिया नीचे बैठ गई।
और राजेश का land मुंह में भर कर चूसने लगी।
जिससे राजेश का पिचकारी खूब लंबा मोटा और शख्त हो गया।
राजेश _दी अब पिचकारी में रंग भर गया। अब इसे चलाने दो।
राजेश ने प्रिया की पेटी कोट का नाड़ा खोल दिया। पेटीकोट नीचे गिर गया। उसकी पेंटी भी निचे गिर गया।
प्रिया का पेट फूला huwa था वह राजेश और सुनीता के बच्ची की मां बनने वाली थी।
प्रिया ने राजेश की बुर को खुब चूसा।
प्रिया बहुत अधिक उत्तेजित हो कर बोली,,
राजेश, अब बर्दास्त नही हो रहा डाल दो अपनी पिचकारी को मेरी बुर पे
छत पर पानी की टंकी थी , जिसे पकड़ का प्रिया झुक गई।
राजेश पीछे गया और अपना land का सुपाड़ा उसकी बुर के छेद पे रख कर एक जोर का धक्का मारा।
Land एक ही झटके में सरसराता huwa अदंर घुस गया।
प्रिया ने राहत की सांस ली ।
क्यों की उसकी बुर land मांग रही थी।
कुछ देर राजेश प्रिया को चूमा उसकी चूची मसला।
प्रिया बोली,,
राजेश _अब अपना पिचकारी चलाओ, मै नही रह सकती।
राजेश ने प्रिया को गच गच चोदना शुरु कर दिया।
प्रिया तो जन्नत में पहुंच गई।
आह मां उन आई आह, राजेश बहुत मजा आ रहा है,, आह और जोर जोर से चोदो,, आह मां,,,
राजेश प्रिया की बुर को दनादन चोदने लगा।
Land बुर में गप गप अंदर बाहर हो रहा था।
राजेश को भी संभोग का अपार सुख प्राप्त होने लगा।
कुछ देर तक इसी पोजीशन में प्रिया को जमकर पेलने के बाद अपना पिचकारी प्रिया की बुर से बाहर निकाल कर छत पर पीठ के बल लेट गया।
प्रिया उसके land Ko अपने हाथो से पकड़ कर अपनी बुर के छेद में रख कर बैठ गई।land boor में समा गया।
अब प्रिया राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
कुछ देर में ही फिर से वह स्वर्ग की सैर करने लगीं उसके मुंह मादक सिसकारी निकल रही थीं।
प्रिया को राजेश से chudwaane में इतना मजा आ रहा था कि वह खुद को ज्यादा देर तक रोक न सकी। और चीखते हुए झडने लगी।
वह राजेश के ऊपर ढेर हो गई।
राजेश ने उसे अपनी बाहों मे भर लिया।
कुछ देर बाद प्रिया होश में आई। वह राजेश के land से उठी।
फुच की आवाज़ करता लन्ड बुर से बाहर निकला, जो अभी भी तना हुआ खड़ा था। प्रिया की बुर के पानी से चमक रहा था।
प्रिया उसके land Ko देखकर मुस्कुराने लगीं।
राजेश _दी 10बजने वाला है मां वेट कर रही होगी। मुझे जाना होगा।
प्रिया _ठीक है।
और थैंक्स, प्रिया ने राजेश की माथे को चूम कर कहा?
राजेश _दी किसलिए
प्रिया _होली को यादगार बनाने के लिए।
राजेश _दी आपकी सेवा के लिए तो आपकाभाई हमेशा तैयार रहेगा।
प्रिया अपनी कपड़ा पहनने लगीं।
दोनो कपड़ा ठीक कर लेने के बाद छत से नीचे आ गए।
राजेश घर से बाहर आया, प्रिया उसे छोड़ने आई।
प्रिया ने हाथ हिलाकर बाई कहा।
राजेश अपना बाइक लेकर घर चला गया।

घर पहुंचा तो स्वीटी, सुनीता और शेखर तीनो रीता के घर जाने को तैयार हो चूके थे, राजेश के आने का ही इन्तजार कर रहे थे।
जब राजेश घर पहुंचा वह फ्रेस huwa, कपड़ा चेंज किया फिर चारो कार से रीता के घर के लिए निकल पड़े।
इधर रीता के घर में होली पार्टी की सारी तैयारी हो चुकी थीं।
गार्डन में एक तरफ गुलाल, रंगो की टंकी पिचकारी। तो दूसरी तरफ खाने पीने की चीजेनाचनेगाने के लिए डीजे,आदि की व्यवस्था किया था।
रीता जब अपनी रूम से तैयार होकर बाहर निकली। तो रोहन देखता रह गया।
रीता बहुत ही खुबसूरत और हॉट लग रही थीं । उसकी बडी बडी चूचियां उसकी ब्लाउज से बाहर आने बेताब थे।
ब्लाउज पीछे से पूरा खुला था।
साड़ी नाभी से काफी नीचे बांधी थी।
सपाट पेट पे नाभी, कहर ढा रहा था।
अपनी मां की हॉट लुक देखकर रोहन का शरीर में रक्त संचार बड़ गया।
वह अपनी मां से डरता था।
लेकिन आज मौका था, अपनी मां को रंग लगाने के बहाने छूने का इसलिए उसने हिम्मत दिखाते हुए रीता को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया।
और उसकी गालों में रंग मल दिया।
हैप्पी होली मॉम।
रीता चौंकी।
इस तरह से उसे उसका पति भी गुलाल नही लगा सकता था।
कही रीता बुरा न मान जाए।
जब रीता ने देखा की रोहन है, तो
रीता _हैप्पी होली बेटा।
आज अपनी मां पर बडा प्यार आ रहा है।
रोहन _आज आप सच में बहुत खुबसूरत लग रही हो।
रीता की बदन से आ रही खुशबू सूंघ कर वह मदहोश सा हो गया।
वह अपनी मॉम की बदन से पहली बार इस तरह चिपका था।
रीता की बदन की गर्मी से रोहन का land हरकत में आ गया वह तन गया।
रोहन ने झट से अपनी क़मर रीता की गाड़ से हटाया कही उसकी मॉम को उसका खड़ा land पता न चल जाए।
रीता _बेटा अब छोड़ो, कितने देर तक चिपका रहेगा। चलो अब मेहमान के आने का समय हो गया है।
रोहन _ठीक है मॉम।
रोहन रीता को छोड़ दिया।
रीता वहा से चली गईं।
इधर रोहन के land तन गया था। वह कीचन में गया और खुबसूरत नौकरानी के कानो में कहा,,
मेरे रूम में आओ।
रोहन अपने रूम में जाकर नौकरानी की आने का इंतजार करने लगा।
कुछ देर बाद जब वह कमरे मे आई।
रोहन ने उसकी बालो को पकड़ कर खींचा।
शाली इतनी देर क्यों लगा दी।
नौकरानी _रोहन बाबा दर्द हो रहा है छोड़ो न।
शाली रण्डी, अभी तो खुब दर्द होगा तुझे।
चल चूस शाली।
रोहन ने नौकरानी की बाल पकड़ कर अपने land पर झुका दिया।
नौक्रानी रोहन का land मुंह में भर कर चूसने लगी।
रोहन _आह, मेरी जान ठीक से चूस, आह हा ऐसे ही बहुत मजा आ रहा है।
नौकरानी_रोहन बाबा, आज बड़े जोश में लग रहे हो लगता है मालकिन की मस्त गाड़ देखकर आज फिर गर्म हो गए।
रोहन _हा शाली, आज मॉम बहुत हॉट लग रही है। देखते ही land खड़ा हो गया।
हाय क्या मस्त मॉल है मॉम?
तभी रोहन ने अपना land नौकरानी के मुंह से निकाल कर उसे घोड़ी बना कर उसकी बुर में डाल दिया। और जोर जोर से धक्के मारने लगा।
नौकरानी चीखने लगी।
आह रोहन बाबा, धीरे,, आह दर्द हो रहा है,, जरा धीरे,,, मै कही भागी नही जा रही।
रोहन _चुप शाली, मै तो ऐसे ही चोदूंगा।
रोहन अपनी मॉम की बुर को इमेज कर,gach gach नौकरानी की बुर चोदने लगा।
आह क्यामस्त खुशबू है मॉम की बदन की,,, एक बार उसकी बुर देखने और मारने को मिल जाए तो मजा आ जाए।
ले साली ले एल ओर ले,,,
रोहन, नौकरानी की बुर जोर जोर से चोदने लगा।
नौकरानी _आह बहुत मजा आ रहा है, रोहन बाबा, इसे मालकिन की बुर समझकर चोद, तुम्हे भी बडा मजा आएगा।
रोहन _जोर जोर से पेलने लगा। ऐसा महसूस करने लगा की वह नौकरानी की नही बल्कि अपनी मॉम की बुर पेल रहा हो।

इधर राजेश अपनी मां पापा और स्वीटी के साथ रीता के घर पहुंच गया था।
राजेश ने देखा गार्डन पे सारी तैयारियां की जा चुकी है।
वे वही पर रखे अपने कुर्सी पर बैठ गए।
रीता संजय वहा पहुंचे।
सुनीता _, नमस्ते रीता जी।
रीता _नमस्ते सुनीता जी, नमस्ते भाई साहब।
शेखर _नमस्ते जी।
राजेश _नमस्ते मैम।
सभी एक दूसरे को अभिवादन करने लगें।
रीता _अरे आप लोग यहां क्यों बैठ गए, आप लोग तो हमारे खास मेहमान है ।
इधर शेखर और संजय एक दूसरे से बातचीत करने लगें।
रीता संजय से कहा _सुनो जी आप मेहमानों को देखिए मै सुनीता जी, और स्वीटी को घर दिखा देता हूं। ये लोग पहली बार आए हैं हमारे घर।
संजय _, ठीक है रीता।
संजय और शेखर वही रुक गए।
रीता _अरे राजेश तुम भी चलो घर देख लेना, पहली बार आ रही हो। कितनी बात आमंत्रित किया था तुमको आने के लिए, आए ही नहीं।
अब आए हो तो अंदर चलो।
संजय _हा बेटा जाओ।
राजेश _जी अंकल।
राजेश भी उन लोगो की साथ चला गया।
रीता,सुनीता और राजेश को अपना घर दिखाने लगी।
सुनीता _आपका घर तो काफी बडा और खुबसूरत है।
रीता _, बहुत जल्द अब ये हर स्वीटी की भी हो जाएगी।
क्यू स्वीटी।
स्वीटी _शर्मा गई।
राजेश _मैम, रोहन कही नजर नहीं आ रहा।
रीता _, यही पर तो था।
रीता न एक नौकरानी से कहा।
अरे, बिजली जरा देखा तो रोहन कहा है? उससे कहना की राजेश ओर उसके परिवार वाले आए हैं।
बिजली _जी मालकिन।

इधर रोहन नौकरानी को बेड पर लिटा कर उसकी दोनो टांगो को कंधे पर डाल कर दनादन उसकी बुर चोद रहा था।
के मॉम ले chud अपने बेटे के land से,, ले,,
नौकरानी _आह, उन आह बडा मजा आ रहा है बेटा ओर चोद अपनी मां को,, आह,,,
तभी बिजली ने दरवाजा खटखटाया ।
रोहन _यू शाला कौन आ गया अपनी मां चोदाने।
रोहन चोदना बन्द कर दरवाजा खोलने चला गया।
रोहन _क्या है शाली क्यू दरवाजा खटखटा रही है।
बिजली _मालकिन बोली की राजेश और घर वाले आए है। तुम्हारे बारे में पूछ रहे हैं।
रोहन ला गाड़ फट गया,,
रोहन _, मै अभी आया,,,
रोहन _कमरे के अंदर आया और अपन कपड़ा पहनने लगा।
नौकरानी _क्या huwa बाबा, अभी तो अपनी पिचकारी से रंग डाला ही नहीं और कपडे पहनने लगे।
रोहन _चुप रण्डी शाली, यहा मेरी गाड़ फट गई है और तुम्हे chudai की पड़ी है, कही मै तुम लोगो को चोदता हू ये बात राजेश भईया को पता चल गया न तो स्वीटी से मेरा शादी कैंसल कर देगें।
चल भाग यहां से।
रोहन अपना कपड़ा पहन कर अपना हुलिया ठीक किया फिर अपने कमरे से बाहर आ गया।
राजेश को देखते ही,,
रोहन _अरे राजेश भाई आप कब आए हैप्पी होली भाई।
राजेश ने रोहन को गले लगा लिया।
हैप्पी होली रोहन।
कैसा है? कहा था?
रोहन _भाई मै तो मजे में हूं, बस पार्टी की तैयारी देख रहा था। आप कैसे है?
राजेश _मै भी मजे में हूं यार।
रोहन ने सुनीता का पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
सुनीता _जीता रह बेटा।
रोहन _, हाई स्वीटी कैसी हो?

स्वीटी _मै अच्छी हूं।
रीता _रोहन कहा चला गया था?
रोहन _मॉम, मै काम में लगा था।
रीता _कैसा काम?
रोहन _मॉम मै पिचकारी चला कर देख रहा था ठीक है की नही।
कही पिचकारी काम न करे तो हमारी मजाक न बन जाए।
तभी रोहन को काल आया।
रोहन बात करने लगा।
रीता _किसका फोन था बेटा।
रोहन _मॉम मेरे कालेज के दोस्तो का है वे आ चूके है।
रीता _ठीक है बेटा तुम अपने दोस्तो को देखो।

स्वीटी हमारे कालेज के बहुत से दोस्त आए हैं, चलो तुम भी।
स्वीटी ने सुनीता की ओर देखा।
सुनीता _जाओ बेटी, पर रंग संभल कर खेलना।
रोहन _मां जी आप चिंता न करे स्वीटी मेरी जवाब दारी है।
सुनीता _ठीक है, बेटा वैसे ये तो अब तुम्हारी ही अमानत है। इसकी सुरक्षा तुम्हारी जिम्मेदारी है।
रोहन _जी मां जी,आप चिंता न करे।
रोहन और स्वीटी चले गए।
अब रीता, राजेश और सुनीता ही रह गए।
नौकरानी ने काफी लेकर आई
काफी का कप उठाकर रीता राजेश की ओर देने लगीं। जैसे ही राजेश कप को पकड़ने वाला था रीता ने कप छोड़ दिया। काफी राजेश के शर्ट पर गिर गया।
रीता _ओह आई एम सॉरी राजेश बेटा, मेरा हाथ से कप छूट गया।
राजेश _कोई बात नहीं आंटी।
रीता _एक काम करो, तुम रोहन के कमरे में चलो। उसके पास नई शर्ट होगी वह पहन लेना।
सुनीता _जाओ बेटा।
रीता, राजेश को लेकर रोहन के रूम में चली गई।
जैसे ही वे रूम में पहुंचे रीता ने राजेश को अपनी बाहों मे भर लिया।
रीता _तुम तो ऐसे अनजान बन रहे हो, जैसे हम पहली बार मिल रहे है।
मेरी कितनी बार ले चुके हो सब भुल गए क्या?
सुजाता की आज जरूर लिए होगे।
आज मेरे साथ होली नही खेलेगो।
क्या मै अच्छी नहीं लग रही बोलो।

राजेश _आज तो आप बहुत खुबसूरत और हॉट लग रही हो।
रीता _फिर मेरे साथ होली खेलने का मन नही कर रहा क्या?
Maja ayega Holi me bas nisa ka kahani set karo main to nisha ke liye aaya hu uske bare me padhne please bhai jaldi jaldi update de do yaar please
 
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