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राजेश प्रिया का घर पहुंचा। घर के बरामदे में समीर अपने दोस्ती के साथ बैठा था।
पिंकी कुछ बच्चो के साथ पिचकारी से एक दूसरे पे रंग डाल रही थी।
राजेश को देखते ही पिंकी उसके ओर दौड़ी।
पिंकी _मामू, हैप्पी होली।
और राजेश के ऊपर पिचकारी से रंग डालने लगी।
राजेश _हैप्पी होली, मेरी प्यारी भांजी।
राजेश ने पिंकी के गालों पर रंग मलते हुए कहा।
उसके बाद राजेश समीर के पास गया, जहां कुछ लोग साथ बैठे थे ।
समीर _आओ साले साहब।
राजेश _हैप्पी होली जीजा जी।
राजेश ने समीर को गुलाल लगाकर कर आशीर्वाद लिया।
समीर _हैप्पी होली जवान।
समीर ने राजेश को रंग लगा कर गले से लगाया।
समीर ने अपने दोस्तो से राजेश का परिचय कराया।
समीर _ये मेरा साला है राजेश।
वेरी इंटेलीजेंट बॉय।
आई ए एस बनना चाहता है।
राजेश ने सभी का अभिवादन किया।
इधर पिंकी ने प्रिया को जो कीचन में थी, को बता दिया की मामू आया आया है।
प्रिया ने पिंकी को अपने मामा को बुलाने कहा।
पिंकी राजेश के पास आकर।
पिंकी _मामू आपको मम्मी अंदर बुला रही है।
समीर _जाओ भई, तुम्हारी दीदी बुला रही है, अच्छे से रंग लगाना अपनी दीदी को।
सभी हसने लगे।
राजेश अंदर गया, वह कीचन में जाकर देखा।
प्रिया कीचन में कुछ बना रही थी।
एक नौकरानी भी थी।
हैप्पी होली दी।
प्रिया _अरे तू आ गया। मुझे तो लगा की तू नही आयेगा।
राजेश _ऐसा क्यू दी?
प्रिया _मुझे लगा की तू अपने दोस्तो के साथ होली खेल रहा होगा कहा अपनी दी को याद करेगा।
राजेश _दी, कैसे भुल सकता हूं आपको।
तभी प्रिया ने प्लेट पे नाश्ता लगा कर नौकरानी को समीर और उसके दोस्तो को देने भेज दिया।
अब कीचन में सिर्फ प्रिया और राजेश ही थे।
राजेश ने प्रिया को पीछे से बाहों मे भर कर उसकी गालों पर रंग मलने लगा।
प्रिया _रहने दे, अभी दी की याद आई। कहा थे अब तक।
राजेश _ओ निशा के घर गया था।
प्रिया _मुझे पता था, तू वही गया होगा।
निशा को अच्छे से रंग लगाया की नही।
राजेश _हां, लगाया।
प्रिया _कहा तक आगे बडा तुम्हारा प्रेम कहानी।
राजेश _दी ऐसा कुछ नहीं है।
प्रिया _, क्यू झूठ बोलता है।
खा मेरी कसम की तू उससे प्यार नही करता।
राजेश _पता नही दी, पर मुझे नही लगता कि मैं निशा से इस मामले में कुछ कह पाऊंगा।
और मुझे लगता नही की निशा मुझसे प्यार करती है।
प्रिया _अरे बुद्धु, वह भले ही तुमसे अपनी प्यार का इजहार नही कर रही। लेकिन मुझे पता है वह तुमसे बेंतहा प्यार करती है।
पर एक बात मुझे समझ नहीं आ रही कि वो तुमसे इजहार क्यू नही कर रही। पता नही वह किस उलझन में है।
राजेश _दी, वह एक सुलझी हुई लड़की है, जो भी फैसला लेगी सोच समझकर ही लेगीऔर
मुझमें इतनी हिम्मत नही कि उसे मै अपनी दिल की बात बोल सकू।
वैसे आज आप बहुत खुबसूरत और हॉट लग रही हो, राजेश ने प्रिया की ओंठ को चूमते हुवे कहा।
प्रिया _अच्छा, तुम्हारा इरादा कुछ नेक नही लग रहा।
अब छोड़ो नौकरानी, आनी वाली है।
राजेश ने प्रिया को छोड़ दिया।
नौकरानी भी कीचन में आ गई।
राजेश _अच्छा दी अब मैं चलता हूं।
प्रिया _इतनी जल्दी, अभी तो आए हो।
राजेश _दी, रीता मैम के यहां होली पार्टी रखी है तो पूरे सबको वहा आमंत्रित की है, वही निकलना।
आपको तो पता ही है, रोहन और स्वीटी की शादी की बाते चल रही है। ऐसे में मां कह रही थी की हमे जाना पड़ेगा नही तो वे नाराज हो जायेंगे।
प्रिया _ओह ये बात है।
पर कुछ खा तो लो, फिर चले जाना। भई हमारे साथ तो अभी होली खेले ही नहीं, हमने तो तुमको रंग लगाया ही नही।
राजेश _तो लगा दो न रंग।
प्रिया _यहां कीचन में पुरा रंग रंग हो जायेगा।
चलो बाहर चलते हैं।
प्रिया ने नौकरानी को कीचन का काम समझा कर कीचन के बाहर आ गया।
दोनो हाल में थे।
तभी समीर अंदर आया।
समीर _यार प्रिया मै दोस्तो के साथ, अन्य दोस्तो के घर जा रहा हूं। कुछ समय लगेगा आने में।
प्रिया _ठीक है जी।
समीर _साले सब लगता है अपनी दीदी को ठीक से रंग नही लगाए। पता ही नहीं चल रहा है। अच्छे से होली खेलो अपनी बहन और भांजीके साथ
मै आता हूं।
राजेश _ ठीक है जीजू।
समीर वहा से चला गया।
प्रिया _राजेश, तुमने सुना नही, तुम्हारे जीजू ने तुमसे क्या कहा, तुमने अपनी बहन को ठीक से रंग ही नहीं लगाया।
चलो अच्छे से रंग लगाना।
ठीक है दी,
राजेश ने रंग हाथो में लेकर प्रिया की ओर आगे बडा।
प्रिया _अरे रुको, कमरा पे रंग फैल जायेगा।
चलो ऊपर छत पर चलते हैं।
वहा अच्छे से लगा देना।
राजेश और प्रिया दोनो छत पर चले गए। साथ में रंग ले गए।
ऊपर छत पहुंचने के बाद देखा, उन दोनो को देखने वाले कोई नहीं था।
राजेश हाथो में रंग लेकर प्रिया को लगाने आगे बडा, पर प्रिया उसे जीभ दिखाते हुए भागने लगीं।
राजेश उसके पीछे पीछे भागने लगा।
तभी प्रिया की साड़ी की पल्लू राजेश के हाथो में आ गया।
राजेश ने पल्लू पकड़ कर अपनी ओर खींचा।
प्रिया पल्लू छुड़ाने की कोशिश करने लगी। और जीभ निकाल कर चिढ़ाने लगीं।
तभी राजेश ने पल्लू को जोर से खींचा।
प्रिया गोल गोल घूमने लगीं उसकी साड़ी राजेश के हाथो में आ गया।
होल गोल घूमते हुवे प्रिया गिरने को हुई तो राजेश ने उसे पकड़ लिया। प्रिया राजेश की बाहों मे झूल गई।
वे एक दूसरे के आंखो में देखने लगे।
प्रिया शर्मा गई।
वह राजेश से दूर हो है।
वह सिर्फ पेटीकोट और ब्लाऊज़ में थी।
राजेश की नजर प्रिया की बडी बडी सुडौल चुचियों पर गया जो ब्लाउज से बाहर निकलने को बेताब थे।
अपनी चुचियों को घूरते देख प्रिया लजाते हुवे अपनी चुचियों को हाथी से छिपाते हुए खड़ी हो गई।
तभी राजेश आगे बड़ा अपने हाथी में गुलाल ले रखा था। राजेश को अपनी ओर आता देख प्रिया की सांस तेज होने लगी।
राजेश प्रिया के पास गया, नीचे बैठ कर उसकी नाभी को चूमा प्रिया सिसक उठी। फिर राजेश प्रिया की पूरा पेट चूमने चाटने लगा।
प्रिया राजेश की सिर को पकड़ लिया। उसकी मुख से मादक सिसकारी निकलने लगी।
राजेश ने पूरे पेट में गुलाल मल दिया।
फिर राजेश खड़ा होकर उसकी ब्लाउज का बटन पर कर चूची को आजाद कर दिया। और उसे जी भर कर मसला और चूसा।
प्रिया की बुर पानी छोड़ने लगा। वह बहुत अधिक उत्तेजित हो गई।
इसकी मूख से लगातार मादक सिसकारी निकलने लगी।
उसके बाद राजेश ने उसकी चूचियों पर भाई रंग मल दिया।
और कहा हैप्पी होली दीदी।
राजेश _दी अब तो मैंने रंग अच्छे से लगा दिया न अब चले।
प्रिया ने राजेश के हाथ पकड़ लिया।
राजेश _क्या huwa दी?
प्रिया _गुलाल लगाकर होली खेलने में क्या मज़ा? अपनी पिचकारी से रंग डालो तब होली खेलने का मजा आए।
राजेश , प्रिया की बात सुनकर उसके पास गया और उसकी ओंठ को अपने मुंह में भरकर चुसने लगा।
प्रिया भी सहयोग करने लगी।
कुछ देर बाद राजेश ने कहा।
दी पिचकारी चलाऊ इसके पहले इसमें रंग तो भर दो।
राजेश ने अपना पेंट का चैन खीच कर अपना land बाहर निकाल दिया।
प्रिया नीचे बैठ गई।
और राजेश का land मुंह में भर कर चूसने लगी।
जिससे राजेश का पिचकारी खूब लंबा मोटा और शख्त हो गया।
राजेश _दी अब पिचकारी में रंग भर गया। अब इसे चलाने दो।
राजेश ने प्रिया की पेटी कोट का नाड़ा खोल दिया। पेटीकोट नीचे गिर गया। उसकी पेंटी भी निचे गिर गया।
प्रिया का पेट फूला huwa था वह राजेश और सुनीता के बच्ची की मां बनने वाली थी।
प्रिया ने राजेश की बुर को खुब चूसा।
प्रिया बहुत अधिक उत्तेजित हो कर बोली,,
राजेश, अब बर्दास्त नही हो रहा डाल दो अपनी पिचकारी को मेरी बुर पे
छत पर पानी की टंकी थी , जिसे पकड़ का प्रिया झुक गई।
राजेश पीछे गया और अपना land का सुपाड़ा उसकी बुर के छेद पे रख कर एक जोर का धक्का मारा।
Land एक ही झटके में सरसराता huwa अदंर घुस गया।
प्रिया ने राहत की सांस ली ।
क्यों की उसकी बुर land मांग रही थी।
कुछ देर राजेश प्रिया को चूमा उसकी चूची मसला।
प्रिया बोली,,
राजेश _अब अपना पिचकारी चलाओ, मै नही रह सकती।
राजेश ने प्रिया को गच गच चोदना शुरु कर दिया।
प्रिया तो जन्नत में पहुंच गई।
आह मां उन आई आह, राजेश बहुत मजा आ रहा है,, आह और जोर जोर से चोदो,, आह मां,,,
राजेश प्रिया की बुर को दनादन चोदने लगा।
Land बुर में गप गप अंदर बाहर हो रहा था।
राजेश को भी संभोग का अपार सुख प्राप्त होने लगा।
कुछ देर तक इसी पोजीशन में प्रिया को जमकर पेलने के बाद अपना पिचकारी प्रिया की बुर से बाहर निकाल कर छत पर पीठ के बल लेट गया।
प्रिया उसके land Ko अपने हाथो से पकड़ कर अपनी बुर के छेद में रख कर बैठ गई।land boor में समा गया।
अब प्रिया राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
कुछ देर में ही फिर से वह स्वर्ग की सैर करने लगीं उसके मुंह मादक सिसकारी निकल रही थीं।
प्रिया को राजेश से chudwaane में इतना मजा आ रहा था कि वह खुद को ज्यादा देर तक रोक न सकी। और चीखते हुए झडने लगी।
वह राजेश के ऊपर ढेर हो गई।
राजेश ने उसे अपनी बाहों मे भर लिया।
कुछ देर बाद प्रिया होश में आई। वह राजेश के land से उठी।
फुच की आवाज़ करता लन्ड बुर से बाहर निकला, जो अभी भी तना हुआ खड़ा था। प्रिया की बुर के पानी से चमक रहा था।
प्रिया उसके land Ko देखकर मुस्कुराने लगीं।
राजेश _दी 10बजने वाला है मां वेट कर रही होगी। मुझे जाना होगा।
प्रिया _ठीक है।
और थैंक्स, प्रिया ने राजेश की माथे को चूम कर कहा?
राजेश _दी किसलिए
प्रिया _होली को यादगार बनाने के लिए।
राजेश _दी आपकी सेवा के लिए तो आपकाभाई हमेशा तैयार रहेगा।
प्रिया अपनी कपड़ा पहनने लगीं।
दोनो कपड़ा ठीक कर लेने के बाद छत से नीचे आ गए।
राजेश घर से बाहर आया, प्रिया उसे छोड़ने आई।
प्रिया ने हाथ हिलाकर बाई कहा।
राजेश अपना बाइक लेकर घर चला गया।
घर पहुंचा तो स्वीटी, सुनीता और शेखर तीनो रीता के घर जाने को तैयार हो चूके थे, राजेश के आने का ही इन्तजार कर रहे थे।
जब राजेश घर पहुंचा वह फ्रेस huwa, कपड़ा चेंज किया फिर चारो कार से रीता के घर के लिए निकल पड़े।
इधर रीता के घर में होली पार्टी की सारी तैयारी हो चुकी थीं।
गार्डन में एक तरफ गुलाल, रंगो की टंकी पिचकारी। तो दूसरी तरफ खाने पीने की चीजेनाचनेगाने के लिए डीजे,आदि की व्यवस्था किया था।
रीता जब अपनी रूम से तैयार होकर बाहर निकली। तो रोहन देखता रह गया।
रीता बहुत ही खुबसूरत और हॉट लग रही थीं । उसकी बडी बडी चूचियां उसकी ब्लाउज से बाहर आने बेताब थे।
ब्लाउज पीछे से पूरा खुला था।
साड़ी नाभी से काफी नीचे बांधी थी।
सपाट पेट पे नाभी, कहर ढा रहा था।
अपनी मां की हॉट लुक देखकर रोहन का शरीर में रक्त संचार बड़ गया।
वह अपनी मां से डरता था।
लेकिन आज मौका था, अपनी मां को रंग लगाने के बहाने छूने का इसलिए उसने हिम्मत दिखाते हुए रीता को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया।
और उसकी गालों में रंग मल दिया।
हैप्पी होली मॉम।
रीता चौंकी।
इस तरह से उसे उसका पति भी गुलाल नही लगा सकता था।
कही रीता बुरा न मान जाए।
जब रीता ने देखा की रोहन है, तो
रीता _हैप्पी होली बेटा।
आज अपनी मां पर बडा प्यार आ रहा है।
रोहन _आज आप सच में बहुत खुबसूरत लग रही हो।
रीता की बदन से आ रही खुशबू सूंघ कर वह मदहोश सा हो गया।
वह अपनी मॉम की बदन से पहली बार इस तरह चिपका था।
रीता की बदन की गर्मी से रोहन का land हरकत में आ गया वह तन गया।
रोहन ने झट से अपनी क़मर रीता की गाड़ से हटाया कही उसकी मॉम को उसका खड़ा land पता न चल जाए।
रीता _बेटा अब छोड़ो, कितने देर तक चिपका रहेगा। चलो अब मेहमान के आने का समय हो गया है।
रोहन _ठीक है मॉम।
रोहन रीता को छोड़ दिया।
रीता वहा से चली गईं।
इधर रोहन के land तन गया था। वह कीचन में गया और खुबसूरत नौकरानी के कानो में कहा,,
मेरे रूम में आओ।
रोहन अपने रूम में जाकर नौकरानी की आने का इंतजार करने लगा।
कुछ देर बाद जब वह कमरे मे आई।
रोहन ने उसकी बालो को पकड़ कर खींचा।
शाली इतनी देर क्यों लगा दी।
नौकरानी _रोहन बाबा दर्द हो रहा है छोड़ो न।
शाली रण्डी, अभी तो खुब दर्द होगा तुझे।
चल चूस शाली।
रोहन ने नौकरानी की बाल पकड़ कर अपने land पर झुका दिया।
नौक्रानी रोहन का land मुंह में भर कर चूसने लगी।
रोहन _आह, मेरी जान ठीक से चूस, आह हा ऐसे ही बहुत मजा आ रहा है।
नौकरानी_रोहन बाबा, आज बड़े जोश में लग रहे हो लगता है मालकिन की मस्त गाड़ देखकर आज फिर गर्म हो गए।
रोहन _हा शाली, आज मॉम बहुत हॉट लग रही है। देखते ही land खड़ा हो गया।
हाय क्या मस्त मॉल है मॉम?
तभी रोहन ने अपना land नौकरानी के मुंह से निकाल कर उसे घोड़ी बना कर उसकी बुर में डाल दिया। और जोर जोर से धक्के मारने लगा।
नौकरानी चीखने लगी।
आह रोहन बाबा, धीरे,, आह दर्द हो रहा है,, जरा धीरे,,, मै कही भागी नही जा रही।
रोहन _चुप शाली, मै तो ऐसे ही चोदूंगा।
रोहन अपनी मॉम की बुर को इमेज कर,gach gach नौकरानी की बुर चोदने लगा।
आह क्यामस्त खुशबू है मॉम की बदन की,,, एक बार उसकी बुर देखने और मारने को मिल जाए तो मजा आ जाए।
ले साली ले एल ओर ले,,,
रोहन, नौकरानी की बुर जोर जोर से चोदने लगा।
नौकरानी _आह बहुत मजा आ रहा है, रोहन बाबा, इसे मालकिन की बुर समझकर चोद, तुम्हे भी बडा मजा आएगा।
रोहन _जोर जोर से पेलने लगा। ऐसा महसूस करने लगा की वह नौकरानी की नही बल्कि अपनी मॉम की बुर पेल रहा हो।
इधर राजेश अपनी मां पापा और स्वीटी के साथ रीता के घर पहुंच गया था।
राजेश ने देखा गार्डन पे सारी तैयारियां की जा चुकी है।
वे वही पर रखे अपने कुर्सी पर बैठ गए।
रीता संजय वहा पहुंचे।
सुनीता _, नमस्ते रीता जी।
रीता _नमस्ते सुनीता जी, नमस्ते भाई साहब।
शेखर _नमस्ते जी।
राजेश _नमस्ते मैम।
सभी एक दूसरे को अभिवादन करने लगें।
रीता _अरे आप लोग यहां क्यों बैठ गए, आप लोग तो हमारे खास मेहमान है ।
इधर शेखर और संजय एक दूसरे से बातचीत करने लगें।
रीता संजय से कहा _सुनो जी आप मेहमानों को देखिए मै सुनीता जी, और स्वीटी को घर दिखा देता हूं। ये लोग पहली बार आए हैं हमारे घर।
संजय _, ठीक है रीता।
संजय और शेखर वही रुक गए।
रीता _अरे राजेश तुम भी चलो घर देख लेना, पहली बार आ रही हो। कितनी बात आमंत्रित किया था तुमको आने के लिए, आए ही नहीं।
अब आए हो तो अंदर चलो।
संजय _हा बेटा जाओ।
राजेश _जी अंकल।
राजेश भी उन लोगो की साथ चला गया।
रीता,सुनीता और राजेश को अपना घर दिखाने लगी।
सुनीता _आपका घर तो काफी बडा और खुबसूरत है।
रीता _, बहुत जल्द अब ये हर स्वीटी की भी हो जाएगी।
क्यू स्वीटी।
स्वीटी _शर्मा गई।
राजेश _मैम, रोहन कही नजर नहीं आ रहा।
रीता _, यही पर तो था।
रीता न एक नौकरानी से कहा।
अरे, बिजली जरा देखा तो रोहन कहा है? उससे कहना की राजेश ओर उसके परिवार वाले आए हैं।
बिजली _जी मालकिन।
इधर रोहन नौकरानी को बेड पर लिटा कर उसकी दोनो टांगो को कंधे पर डाल कर दनादन उसकी बुर चोद रहा था।
के मॉम ले chud अपने बेटे के land से,, ले,,
नौकरानी _आह, उन आह बडा मजा आ रहा है बेटा ओर चोद अपनी मां को,, आह,,,
तभी बिजली ने दरवाजा खटखटाया ।
रोहन _यू शाला कौन आ गया अपनी मां चोदाने।
रोहन चोदना बन्द कर दरवाजा खोलने चला गया।
रोहन _क्या है शाली क्यू दरवाजा खटखटा रही है।
बिजली _मालकिन बोली की राजेश और घर वाले आए है। तुम्हारे बारे में पूछ रहे हैं।
रोहन ला गाड़ फट गया,,
रोहन _, मै अभी आया,,,
रोहन _कमरे के अंदर आया और अपन कपड़ा पहनने लगा।
नौकरानी _क्या huwa बाबा, अभी तो अपनी पिचकारी से रंग डाला ही नहीं और कपडे पहनने लगे।
रोहन _चुप रण्डी शाली, यहा मेरी गाड़ फट गई है और तुम्हे chudai की पड़ी है, कही मै तुम लोगो को चोदता हू ये बात राजेश भईया को पता चल गया न तो स्वीटी से मेरा शादी कैंसल कर देगें।
चल भाग यहां से।
रोहन अपना कपड़ा पहन कर अपना हुलिया ठीक किया फिर अपने कमरे से बाहर आ गया।
राजेश को देखते ही,,
रोहन _अरे राजेश भाई आप कब आए हैप्पी होली भाई।
राजेश ने रोहन को गले लगा लिया।
हैप्पी होली रोहन।
कैसा है? कहा था?
रोहन _भाई मै तो मजे में हूं, बस पार्टी की तैयारी देख रहा था। आप कैसे है?
राजेश _मै भी मजे में हूं यार।
रोहन ने सुनीता का पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
सुनीता _जीता रह बेटा।
रोहन _, हाई स्वीटी कैसी हो?
स्वीटी _मै अच्छी हूं।
रीता _रोहन कहा चला गया था?
रोहन _मॉम, मै काम में लगा था।
रीता _कैसा काम?
रोहन _मॉम मै पिचकारी चला कर देख रहा था ठीक है की नही।
कही पिचकारी काम न करे तो हमारी मजाक न बन जाए।
तभी रोहन को काल आया।
रोहन बात करने लगा।
रीता _किसका फोन था बेटा।
रोहन _मॉम मेरे कालेज के दोस्तो का है वे आ चूके है।
रीता _ठीक है बेटा तुम अपने दोस्तो को देखो।
स्वीटी हमारे कालेज के बहुत से दोस्त आए हैं, चलो तुम भी।
स्वीटी ने सुनीता की ओर देखा।
सुनीता _जाओ बेटी, पर रंग संभल कर खेलना।
रोहन _मां जी आप चिंता न करे स्वीटी मेरी जवाब दारी है।
सुनीता _ठीक है, बेटा वैसे ये तो अब तुम्हारी ही अमानत है। इसकी सुरक्षा तुम्हारी जिम्मेदारी है।
रोहन _जी मां जी,आप चिंता न करे।
रोहन और स्वीटी चले गए।
अब रीता, राजेश और सुनीता ही रह गए।
नौकरानी ने काफी लेकर आई
काफी का कप उठाकर रीता राजेश की ओर देने लगीं। जैसे ही राजेश कप को पकड़ने वाला था रीता ने कप छोड़ दिया। काफी राजेश के शर्ट पर गिर गया।
रीता _ओह आई एम सॉरी राजेश बेटा, मेरा हाथ से कप छूट गया।
राजेश _कोई बात नहीं आंटी।
रीता _एक काम करो, तुम रोहन के कमरे में चलो। उसके पास नई शर्ट होगी वह पहन लेना।
सुनीता _जाओ बेटा।
रीता, राजेश को लेकर रोहन के रूम में चली गई।
जैसे ही वे रूम में पहुंचे रीता ने राजेश को अपनी बाहों मे भर लिया।
रीता _तुम तो ऐसे अनजान बन रहे हो, जैसे हम पहली बार मिल रहे है।
मेरी कितनी बार ले चुके हो सब भुल गए क्या?
सुजाता की आज जरूर लिए होगे।
आज मेरे साथ होली नही खेलेगो।
क्या मै अच्छी नहीं लग रही बोलो।
राजेश _आज तो आप बहुत खुबसूरत और हॉट लग रही हो।
रीता _फिर मेरे साथ होली खेलने का मन नही कर रहा क्या?
jabardast updateदोस्तोअब,यह क्या हुवा, कहानी को आगे बढ़ाते है।
सुनीता, शेखर, राजेश और स्वीटी भरतपुर घूमने गए थे चारो को वहा बहुंत अच्छा लगा। सभी ने खुब इंजॉय किया।वहा से घूम कर आने के अगले दिन राजेश सुबह जिम के लिये, निकल रहा था कि उसकी नज़र सुनिता पर पड़ी, सुनिता किचन में काम कर रही थी।
राजेश ने उसे पीछे से जाकर अपने बाहों में भर कर गुड मॉर्निंग मां कहा।
सुनिता _चौंकते हुवे, क्या कर रहा है छोड़ मुझे।
राजेश _क्या हुवा मां? तुम्हे अच्छा नहीं लगा।
सुनिता ,राजेश को पीछे धकेल कर दूर हो गई
सुनिता _तू बहुत बिगड़ गया है। मुझे तुमसे ये उम्मीद बिलकुल नहीं थी की तू हवस में आकर किसी महिला के साथ जबरदस्ती भी कर सकता है। मैंने तुम्हे थोड़ी छूट क्या देदी, तू तो पुरा आवारा बन गया।
अब के बाद मुझे छूना मत, मूझसे दूर ही रहना।
राजेश _क्या बोल रही हो मां, शीला आंटी ने तो मुझे माफ़ कर दिया है न।
सुनिता _मै तेरी मां हू, पराई औरत नही। मुझे तुमसे बड़ी उम्मीद है की तू पढ़ लिखकर बड़ा अफसर बनेगा। पर तू तो आवारा बन गया।
राजेश _मां, मुझे माफ़ कर दो अब की बार मैं किसी से जबर्दस्ती नही करूंगा। मै ये आपसे वादा करता हूं।
सुनीता _तो ठीक है, आगे से तुम सिर्फ पढ़ाई में ध्यान देना और मूझसे भी दूर ही रहना। बोलो मेरा कहना मानोge या और आवारगी करोगे।
राजेश _आप जो कहोगी,वही करूंगा मां। पर तुम मूझसे नाराज मत होना। प्लीज।
सुनिता _ठीक, ठीक है, देखते है तू कितना सुधार लाता है अपने में।
राजेश _थैंक्यू मां, मै जिम जा रहा हूं, बाई।
सुनिता _जा बदमास कही का। सुनिता मुसकुराते हुवे बोली।
राजेश जिम से आकर, नहाया, फिर नाश्ता कर स्वीटी को लेकर कालेज चला गया। वहा पर कैंटीन में भगत और अपने दोस्तो के साथ बैठा था।
भगत _राजेश भाई कैसा रहा आप लोगो का टूर?
राजेश _अरे मत पूछो यार भगत, वहा कितना मज़ा आया बता नही सकता। तू बता तू कैसे बिताया छुट्टी, गांव की भाभियो और चाचियो के साथ मज़ा किया की नही।
भगत _हां, भाई, खुब मजा किया, अगर आप भी मेरे साथ चलते तो दोनो मिलकर मजा लेते।
राजेश _मौका मिलेगा तो जरूर जाएंगे एक बार तुम्हारा गांव।
तभी भगत के मोबाइल पर एक कॉल आया।
भगत काल अटेंड किया, कॉल रखने के बाद,
राजेश _किस का कॉल था बे।
भगत _भाई, थानेदार का फोन था, कह रहा था कि हमने राजेश पर हमला करने वाले लडको को पकड़ लिया है।
आपको उन लडको की पहचान करने थाना बुलाया है।
राजेश _ये तो अच्छी बात है। आख़िर कब तक बचते रहते साले।
भगत _उन सालो को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। चलो, थाना चलते हैं उन लोगो की पहचान करने।
राजेश, भगत और उसके दोस्त सभी थाने चले गए।
वहा जाने के बाद,
थानेदार _आओ राजेश, देखो ये वही लडके है न जिन्होंने तुम पर हमला किया था।
राजेश उन लड़कों को देखने के बाद, बोला।
हा ये वही लडके है।
भगत _थानेदार साहब, इन सालो को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। किसी भी कीमत पर इनकी जमानत नही होनी चाहिए।
थानेदार _तुम लोग चिन्ता मत करो।
इन सालो को धारा 307 के तहत हाफ मर्डर केस में कड़ी से कड़ी सजा होगी।
भगत उन लड़कों के पास जाकर बोला, तुम लोग तो गए शाले लम्बे समय के लिए अंदर।
भीमा को उन लड़कों का लीडर था, बोला,
भैया, हम लोगो से गलती हो गई हमे माफ कर दो।
भगत _माफी और तुम लोगो को जितना राजेश भाई को तकलीफ पंहुचा है न उससे कई गुना ज्यादा तुम लोग भुगतो ge । बड़ा आया साले माफी मांगने वाले।
इधर जब इन लड़कों के माता पिता को पता चला, तो सभी थाने पहुंचे। उनकी माए तो थाने दार के सामने रोने लगी, थाने दार साहब हमारे बच्चों को छोड़ दीजिए।
देखो इन लोगो ने एक लडके की जान लेने की कोशिश की है। इन पर हाफ मर्डर का केश बनता है। इसे नही छोड़ा जाए सकता।
लड़को के पिता वकील लेकर पहूंच गए। फिर भी थानेदार ने छोड़ा नही। देखो हम पर भी कालेज प्रशासन और छात्र संघ का दबाव है। कही हमने इन्हे छोड़ दिया न तो ये कालेज के स्टूडेंट हम लोगो की वर्दी उतरवा देंगे।
उनकी माए रोती हुई बोली थानेदार साहब कोई तो उपाय होगा?
थानेदार को इनकी माताओं पर तरस आ गया। देखो मेरे बस में होता तो छोड़ देता।
अब तो इन लोगो को सिर्फ एक ही शक्स है जो सजा होने से बचा सकता है।
लड़को की माए बोली, थानेदार साहब बताओ कौन है वो, जो हमारी मदद कर सकता है।
थानेदार _राजेश। अगर राजेश इन सब को माफ़ कर दे तो।
माए _मगर वह लड़का क्यू माफ़ करेगा? इन करम जलो ने तो उसको बुरी तरह पीटा था।
थानेदार _देखो, माताओं में बड़ी ताकत होती हैं, जब तुम लोगो की आंसू देखकर मैं पसीज गया तो राजेश भी जरुर तुम लोगो की आंसू से पसीजेगा।
माताएं _ठीक, है थानेदार साहब हम कोशिश करेंगे। वह लड़का रहता कहा है।
तभी भीमा ने कहा मां उसका दोस्त कौशल्या चाची के घर किराए पे रहता है वह लड़का भी उसके घर आता जाता रहता है।
भीमा की मां _कौन कौशिल्या हलवाई कामता प्रसाद की बीवी।
भीमा _हा मां।
भीमा की मां _कौशिल्या, दीदी तो मुझे अच्छे से जानती है।
दरसल भीमा और उसके दोस्त जिस कालोनी में रहते थे। कौशिल्या का घर वहा से काफी पास था। चूंकि कामता प्रसाद हलवाई था तो आस पास के शभी लोग उसके दुकान से मिठाई खरीदते थे। उन लोगो के बीच अच्छी जान पहचान था।
सभी लड़को की मां अगले दिन कौशिल्या देवी के घर पहूंच गए।
कौशिल्या, ने जब दरवाजा खोला तो इन महिलाओ को सामने पाकर भीमाकी मां सेकहा कहा, अरे मालती तुम, तुम लोग यहां, कुछ काम था क्या?
मालती _हा दीदी हमे आपसे काम था।
कौशिल्या _आओ अंदर आओ सभी।
सभी अंदर आकर सोफे पर बैठ गए।
मालती _दीदी, क्या तुम राजेश को जानते हो भोला कह रहा था की वह आपके घर आता जाता रहता है और उसका दोस्त आपके यहां किराए पर रहता है।
कौशिल्या _हा मै राजेश को अच्छे से जानती हूं।
मालती ने कौशिल्या को अपने आने का प्रयोजन बताया।
कौशिल्या ने उन सबकी बातो को ध्यान से सुनने के बाद, बोली,
कौशिल्या _देखो, तुम्हारे लड़को ने बुरी तरह राजेश को पीटा था उसकी जान भाई जा सकती थी ऐसे में मेरे या तुम्हारे कहने से कैसे माफ़ कर देगा?
मालती _दीदी कुछ तो उपाय होगा बड़ी उम्मीद लेकर आपके पास आए थे।
कौशिल्या _देखो उसका दोस्त भगत अभी घर पर ही है कुछ देर बाद वह कालेज निकल जायेगा, मैं तुम लोगो को उससे मिला देती हूं वह राजेश से तुम लोगो से मिलने को राजी कर देगा।
मालती _ठीक है दीदी।
कौशिल्या ने आवाज़ दे कर भगत को नीचे बुलाया।
भगत _क्या बात है मां जी, आपने मुझे बुलाया।
कौशिल्य _हा बेटा, ये लोग आपसे मिलना चाहते है ये भीमा और उसके दोस्त के माए है!
भगत _कहिए क्या काम था?
मालती ने अपने आने का प्रयोजन बताया।
भगत _देखो, तुम्हारे बिगड़े बेटो के कारण राजेश भाई को बहुत कस्ट झेलना पड़ा है। तुम चाहती हो की राजेश भाई तुम लोगो की बिगड़ैल कपूतो के ऐसे ही माफ़ कर दे।
मालती _बेटा एक बार राजेश से इस बारे में बात तो कर के देखो।
भगत ने अन महिलाओ की ओर देखा, सभी की उम्र 40 _45के बीच रही होगी। दिखने में भी अच्छी थी। सभी का बदन गदराया,huwa था। भगत अन महिलाओ के बदन का मुआइना करने लगा।
महिलाओ के आकर्षक बदन को देखकर उसके land में तनाव आने लगा। मालती तो एक नम्बर की कड़क मॉल थी।
इधर कौशिल्या भगत की नजरो को पहचान लिया की वह क्या देख रहा है?
भगत उन औरतों के जिस्म की मुआइना करने के बाद बोला _ठीक है मै राजेश भाई से बात करुंगा, पर इसके बदले में राजेश भाई कुछ मांगे तो क्या तुम लोग उसका कहना मानोगी।
मालती _बेटा अगर हमारी बस में हो तो हम उनका कहना जरुर मानेंगे।
भगत _ठीक है फिर मैं राजेश भाई को तुम लोगो से एक बार मिलने बोल दूंगा।
सभी महिलाए खुश हो गए।
इधर भगत जब कालेज गया तो इस बारे में भगत ने राजेश को बताया की भीमा और उन लड़को की मां तुमसे मिलना चाहती हैं।
भाई उन औरतों से एक बार मिल लो क्या मस्त मॉल है सभी। भीमा की मां मालती तो एकदम मस्त है। बोल रही थी की राजेश ने बदले में कुछ मांगा तो यदि वह उनके बस में हो तो जरुर उनका कहना मानेंगे।
राजेश ने सोचा,उन सालो के कारण मैं मादरचोद बना हू। क्यू न उन सालो को भी मादरचोद बनाया जाय। उनकी माताओं से मिलना पड़ेगा।
Bahut hi lajawab updateराजेश रेखा की चुचियों को तब तक निचोड़ निचोड़ कर उसका दुध पीता रहा जब तक दुध पूरा खाली नही हो गया।
राजेश _आह, सच में यार दुध पीकर मजा ही आ गया। तुम्हारी दुध स्वादिष्ट था।
इधर राजेश की हरकतों से रेखा बहुंत ज्यादा गरम हो चुकी थी।
उसे चुदवाने की बडी इच्छा हो रही थी।
वाह राजेश से लिपट गई और उसके होंठ को चुसने लगी।
राजेश समझ गया की रेखा गर्म हो गई है इसे सेक्स चाहिए।
राजेश भी रेखा के ओंठ चूसने लगा।
रेखा नीचे बैठ गईं और राजेश के लंड मुंह में भरकर गप गप चुसने लगी।
राजेश तो जन्नत में पहुंच गया।
राजेश रेखा के सिर के बाल पकड़कर लंड को उसके मुंह में ठेलने लगा।
कुछ देर बाद लंड चुसने के बाद रेखा खड़ी हुई ओर अपनी पेंटी निकालकर बेड के किनारे लेट गई, राजेश के हाथ को पकड़कर अपने और खींची।
राजेश रेखा के उपर लेट गया और कुछ देर रेखा के मुंह हाल गर्दन चूची नाभी को चूमने चाटने लगा। रेखा आनद में सिसकने लगी।
रेखा की बुर का बुरा हाल था। उसमे तेज खुजली हो रही थी।
रेखा ने अपनी घुटने मोड़ कर टांगें फैला दी। और साड़ी पेटी कोट को ऊपर खींच दिया जिससे उसकी मस्त फुली हुई रस से भरी बुर राजेश के आंखों के सामने आ गया जिससे जिसे देखकर राजेश का लंड झटके मारने लगा।
राजेश ने बुर एक हाथ से बुर को और एक हाथ से अपने लंड को सहलाया फिर बुर के छेद मे लंड का टोपा रखकर एक जोर का धक्का मारा। लंड बुर को चीरकर अंदर घूस गया।
रेखा के मुंह से चीख निकल गई।l
रेखा _मार डालेगा क्या, इतना बड़ा खंभा एक ही बार में घुसा दिया।
राजेश _क्या करू मेरी जान तुम्हारी मस्त फुली हुई रस भरी बुर देखकर कुछज्यादा ही जोश में आ गया।
तेरा पति सच मे बड़ा किस्मत वाला है क्या मस्त chut है तेरी।
राजेश ने अपना लंड थोडा बाहर खींचा और फिर गच से अंदर पेल दिया इस बार लंड का टोपा सीधा रेखा के बच्चे दानी से टकराया।
रेखा, _आह मां,, लगता है तू मुझे मारकर ही रहेगा।
राजेश अब लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू किया। लंड धीरे धीरे बुर में अपनी जगह बना लिया।
अब बिना किसी रुकावट के गपागप अंदर बाहर होने लगा।
रेखा तो जैसे स्वर्ग में पहुंच गई। ऐसा अद्भुत आनंद उसे मिल रहा था की सेक्स मै ऐसा आनंद उसे पहली बार मिल रहा था।
वह अपनी दोनों हाथों से बेड पकड़ ली और आनद में अपनी ओंठ को अपनी अपनी दांतो से काटने लगी।
इधर राजेश ने रेखा की टांगों का अपनी कंधे पर रख दिया और गपागप बुर में सपना लंड डालने लगा।
लंड का टोपा बच्चे दानी को ठोकने लगा जिससे रेखा को चरम सुख मिलने लगा वह ज्यादा देर तक खुद को न रोक पाई और राजेश को जकड़ कर झड़ने लगी।
राजेश समझ गया की रेखा झड़ चुकी है। वह उसके ऊपर लेट गया। उसके होंठ चूसने लगा।
कुछ देर बाद रेखा होश में आई। तब तक राजेश ने उसकी चूची मसलकर फिर से दूधपान करना सुरु कर दिया। रेखा राजेश के बालो को सहलाने लगी।
कुछ ही देर में रेखा फिर से गर्म हो गई।
अब राजेश ने रेखा को उठा कर बेड नीचे खडा किया फिर रेखा को आगे झुका दिया, रेखा बेड को पकड़कर झुक गई। राजेश उसके पीछे आ गया और अपना खडा लंड जो रेखा के बुर का पानी पीकर और लंबा मोटा हो गया था को हाथ से पकड़ के बुर के छेद में रखकर फिर से एक जोर का धक्का मारा लंड बुर को फाड़कर एक ही बार में पूरा अंदर घुस गया।
रेखा _उई मां,,,, तू आज मार ही डालेगा re।
अब राजेश रेखा की क़मर को पकड़ कर लंड को बुर में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। धीरे धीरे दोनों फिर से जन्नत में पहुंच गए।
राजेश अब लंड को बुर में दनादन अंदर बाहर करते हुए रेखा को चोदना शुरू कर दिया।
लंड फच फच गच gach गच की आवाज़ करता हूवा बुर में बड़ा तेज़ी से अंदर बाहर होने लगा।
रेखा के मुंह से निकलने वाली मादक सिसकारी पुरे कमरे में गूंजने लगा।
राजेश _कैसा लग रहा है मेरी जान मज़ा आ रहा है कि नही,,, ले एक हाथ ले ले मेरी जान जवानी का मज़ा ले,,,,,
रेखा _आह मां आह राजेश मैं बता नही सकती कितना मज़ा आ रहा है आज, माई आह क्या मस्त चोदता है re,,, आह मां गई मैं,,,,,, अब तक कहा थे मेरे राजा,,,, मार और जोर से मार मै आने वाली हू re,,,, आह मम्मी,,,,,, आह मां ऐसा मज़ा आ रहा मै क्या बताऊं। जोर जोर से चोद मुझे शाले फाड़ दे मेरी।
राजेश_ले शाली ले,, ले साली रण्डी कही की,, बड़ी सराफत दिखा रही थी, अब कैसे chud रही है रण्डी की तरह ले और ले मेरे से,, आज एक मर्द से chudkar ले जवानी का मज़ा। राजेश ने लंड को जोर जोर से बुर में ठोकते हुए बोला।
रेखा _अपनी क़मर हिलाकर बुर को लंड में ठेलने लगी। ऐसा लंड तो पहली बार देखा है,, क्या लंड है तेरा कास तू मेरा मर्द होता रोज ही chudti तुझसे।
आह मां गई re मै फिर से गई,,,,,
रेखा फिर झड़ गई।
और वह बेड पर लेट गई,,, राजेश भी बाजू में लेट गया। और सुस्ताने लगा। कुछ देर राहत लेने के बाद रेखा देखी राजेश अभी तक नही झड़ा है।
वाह आश्चर्य में पड़ गई।
इधर राजेश अभी भी जोश में था वह रेखा की चूची में फिर से टूट पड़ा। राजेश रेखा की चूची को फिर से मसल मसल कर पीने लगा।
एक उंगली डे रेखा की भगनसा को घिसने लगा जिससे रेखा कुछ देर में फिर सिसकने लगी।
अब राजेश ने रेखा की साड़ी को खींचकर अलग कर दिया और पेटिकोट ब्लाउज सब निकाल कर पूरी तरह रेखा को नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया।
राजेश ने रेखा को बाहों मे भरकर फिर से उसके नंगे जिस्म को जी भर कर चूमा चांटा, रेखा फिर से बहुत गर्म हो गई।
अब राजेश बेड पर लेट गया उसका लंड हवा में लहरा रहा था।
रेखा के लंड पर बैठने का इशारा किया।
रेखा वे के उपर चढ़ गई और राजेश के कमर के दोनों ओर पैर कर ली और लंड के सीध मे आकर बैठ ने लगी लंड को एक हाथ से पकड़ का सपने बुर के छेड़ में रख कर बैठ गई लंड बुर चीरकर उसके अंदर समा गया।
अब रेखा राजेश के सीने में हाथ रख कर लंड पर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश ने रेखा के क़मर को अपने हाथ में पकड़ कर अपने लंड पर पटक पटक कर रेखा को चोदना शुरू कर दिया।
Rajesh फिर से रेखा को जन्नत की सैर कराने लगा।
रेखा लंड पर उछल उछल कर chud रही थी। उसके मुंह से मादक सिसकारी निकल रही थी। यूज अपने पति से ऐसा सुख कभी मिला।
कुछ देर मे ही रेखा थक गई। अब राजेश ने ने रेखा को सीधा लिटा दिया और उसके टांगो को फैला कर खुद उसके बीच उकड़ू बैठ गया और लंड बुर में तेजी से अंदर बाहर करने लगा।
कमरे मे फिर फच फाच गच गच की आवाज़ गूंजने लगी।
रेखा _आह,, राजेश तू,, कितना मस्त चोदता है,, आह आज से मैं तेरी रखैल आह मां,,,
इधर प्रिया ने राजेश को काल किया,,,
राजेश chudai में लगा था उठाया नही।
प्रिया _ये राजेश काल क्यू नही उठा रहा है।
दो बार और काल की पर राजेश ने काल उठाया नही। वह झड़ना चाहता था।
इसलिए chudai बंद नही किया।
इधर प्रिया ने अपनी आसिस्टेंट रूबी को भेजा, जाओ रेखा राजेश को लेकर रूम गई थी वीर्य सैंपल लेने देखो तो वहा सब ठीक तो है।
रूबी कमरे के पास गई उसने देखा दरवाज़ा अंदर से बंद है उसने दरवाजे पर कान लगाकर सुनने की कोशिश की। उसे रेखा की सिसकने की आवाज़ सुनाई दी वह समझ गई कि अन्दर क्या चल रहा है।
रूबी ने यह बात प्रिया को बताई।
प्रिया _ मन मे,उन्हें रोकना होगा। नही तो राजेश रेखा के अंदर झड़ जायेगा। और वीर्य टेस्ट करने के लायक नहीं रहेगा।
वह तुरंत रूबी को लेकर उस कमरे की ओर गई।
प्रिया ने दरवाज़ा खटखटाया ,
इधर राजेश और रेखा किसी दूसरी दुनिया में चले गए थे। दोनों के मुंह से आह उई आह उई,,,, ऊं की आवाज़ निकल रहें थे।
प्रिया _जाओ टू इस रूम की चाबी लेके आओ।
रूबी _चाभी लेकर आई।
दरवाज़ा खुलते ही अंदर का नजारा कुछ ऐसा था।
रेखा बेड पर घोड़ी बनी थी। राजेश पीछे से लंड दनादन अंदर बाहर करने में लगा हुआ था। रेखा आंखे बन्द कर सिसक रही थी।
प्रिया _जोर से चिल्लाते हुए,,,, रेखा, ये क्या कर रही हो,,,
रेखा और राजेश दोनो होश में आए।
राजेश _दी अप यहां ।
रेखा _, मैम आप।
प्रिया _तुम ये क्या कर रही हो, तुमको वीर्य कलेक्ट करने यहां भेजा था और यहां आकर चुदवाने लगी।
तुम्हे पता नही बुर का रस वीर्य में मिल गया तो वह टेस्ट करने लायक नहीं रहेगा।
राजेश और रेखा दोनो अलग हुवे लंड बुर से बाहर निकल गया उस पर रेखा की बुर के सफेद रस लगा huwa था।
दोनो बेड के नीचे आ गए।
रेखा शर्म के मारे अपने शरीर को अपनी साड़ी से ढक ली।
इधर राजेश का लंड अभी भी खडा था।
राजेश के लम्बा और मोटा लण्ङ पर प्रिया और रूबी की नजर पड़ी दोनो आश्चर्य से देखने लगे।
रेखा _मैम मुझे माफ़ कर दीजिए, मै बहक गई।
प्रिया _क्या तुम्हे पता नही बुर का पानी अगर वीर्य में मिल गया तो वह जांच करने योग्य नहीं रहेगा। और तुम राजेश बुआ सही बताई थी, तुम बहुत बदमाश हो गए हो,
राजेश _दी, आम सॉरी, हम बहक गए थे।
प्रिया ने राजेश के लंड को देखा,,,
प्रिया _तुमारे पेनिश में ये रेखा के पानी, इसे साफ करो।
रूबी जाओ इसे बाथरूम में ले जाकर अच्छे से धो दो।
रूबी _जी मैम।
रूबी राजेश के को बाथरूम में ले गया।
और राजेश के लंड को हाथ में पकड़ लिया , उसे नल के नीचे लाकर नाल चालू कर लंड को अच्छे से साबुन लगा कर धोने लगी।
रूबी _काफी लम्बा है तेरा राजेश, खुब मोटा भू है।
लंड को अच्छी तरह धोने के बाद तौलिए से अच्छी तरह पोंछ दी।
राजेश और रूबी दोनो बाथरूम से बाहर निकल कर प्रिया के पास आ गए।
इधर रेखा अपनी कपडे पहन चुकी थी।
राजेश _दी मै कपडे पहन लू। मुझे शर्म आ रही। वह अपने लंड छिपाने लगा।
प्रिया _अब कपडे पहने से पहले वीर्य कलेक्ट करने दो।
रूबी वो डिब्बा दे मुझे।
रूबी ने प्लास्टिक का डिब्बा प्रिया को लाकर दिया। को बेड पर पड़ा था।
प्रिया ने एक हाथ से डिब्बा पकड़ लिया और एक हाथ से राजेश के लंड को पकड़ कर उसे मूठ मारने लगी।
प्रिया _रूबी तुम इसके गोटे सहलाओ, इसे झड़ने में आसानी होगी।
रूबी राजेश के अंडकोष सहलाने लगी।
इधर प्रिया लंड के टोपा पर अंगूठे के दबाव बनाकर लंड के मूठ मारना जारी रखी।
कुछ ही देर में राजेश झरने की स्थिति में आ गया।
राजेश _आह, आह, दी थोडा और तेज,, दीदी और तेज,, मै आने वाला हू।
प्रिया ने डिब्बे को लंड के टोपे के पास रख कर और तेजी से मूठ मारने लगी।
राजेश _आह,, आए दी आह,, आई एम कमिंग दी आह,,,, ह ह ह
राजेशअपने लंड से वीर्य से की पिचकारी मरने लगा जो सीधे डिब्बे में भरने लगा।
राजेश आनंद में कराहने लगा,, और वीर्य से डिब्बे को भरने लगा। राजेश स्खलन के समय प्रिया को जकड़ लिया था।
जन स्खलन रुका तब प्रिया आश्चर्य चकित थी पूरा डिब्बा वीर्य से भर गया था।
उसने राजेश को अपने सीने से लगा लिया और उसके सिर सहलाने लगा।
बस होगया मेरा गोलू भाई,,,, अब तुम्हे राहत मिली।
तुम बेड में बैठकर कुछ देर आराम कर लो।
प्रिया ने राजेश को बेड बिठा दिया। और उसके पीठ सहलाने लगा।
राजेश ने प्रिया के सीने में अपना सर रख उसके पीठ को दोनों हाथों से जकड़ लिया था।
प्रिया ने रूबी से कहा की जाओ ये सीमेन लैब में जांच के लिए देदो और रिपोर्ट को मेरे केबिन में भेजने बोलना।
रुबी _जी मैम।
रेखा _मैम, मुझे माफ़ कर दीजिए।
प्रिया _ठीक है, पर अब के बाद ऐसा गलती मत करना।
रेखा _थैंक्यू में, अब मैं ऐसी गलती नही करूंगी।
प्रिया _अब तुम जाओ अपने ड्यूटी देखो।
रेखा वहा से चली गई।
प्रिया _ राजेश के हालात पर हसने लगी।चलो अब कपडे पहनो।
राजेश कपड़े पहनने लगा। प्रिया उसे कपड़े पहनते हुए देखने लगी।
प्रिया _वैसे काफी बड़ा है तेरा। लेने वाली कि तो चीखे ही निकल दे।
राजेश _दी,, शर्माने लगा। दोनो कमरे से बाहर निकल गए।
प्रिया _राजेश तुम हाल में बैठकर आराम करो मैं एक चक्कर लगा कर आती हूं। सभी अपने काम अच्छे से कर रहे हैं की नही।
क्या तुम देखना चाहोगे यहां काम कैसे होता है?
राजेश _हा दी।
रहा को प्रिया एक कमरे में ले गया । और सफेद कोट और मास्क पहनने को दे दिया।
लो इसे पहन लो
राजेश रेखा की चुचियों को तब तक निचोड़ निचोड़ कर उसका दुध पीता रहा जब तक दुध पूरा खाली नही हो गया।
राजेश _आह, सच में यार दुध पीकर मजा ही आ गया। तुम्हारी दुध स्वादिष्ट था।
इधर राजेश की हरकतों से रेखा बहुंत ज्यादा गरम हो चुकी थी।
उसे चुदवाने की बडी इच्छा हो रही थी।
वाह राजेश से लिपट गई और उसके होंठ को चुसने लगी।
राजेश समझ गया की रेखा गर्म हो गई है इसे सेक्स चाहिए।
राजेश भी रेखा के ओंठ चूसने लगा।
रेखा नीचे बैठ गईं और राजेश के लंड मुंह में भरकर गप गप चुसने लगी।
राजेश तो जन्नत में पहुंच गया।
राजेश रेखा के सिर के बाल पकड़कर लंड को उसके मुंह में ठेलने लगा।
कुछ देर बाद लंड चुसने के बाद रेखा खड़ी हुई ओर अपनी पेंटी निकालकर बेड के किनारे लेट गई, राजेश के हाथ को पकड़कर अपने और खींची।
राजेश रेखा के उपर लेट गया और कुछ देर रेखा के मुंह हाल गर्दन चूची नाभी को चूमने चाटने लगा। रेखा आनद में सिसकने लगी।
रेखा की बुर का बुरा हाल था। उसमे तेज खुजली हो रही थी।
रेखा ने अपनी घुटने मोड़ कर टांगें फैला दी। और साड़ी पेटी कोट को ऊपर खींच दिया जिससे उसकी मस्त फुली हुई रस से भरी बुर राजेश के आंखों के सामने आ गया जिससे जिसे देखकर राजेश का लंड झटके मारने लगा।
राजेश ने बुर एक हाथ से बुर को और एक हाथ से अपने लंड को सहलाया फिर बुर के छेद मे लंड का टोपा रखकर एक जोर का धक्का मारा। लंड बुर को चीरकर अंदर घूस गया।
रेखा के मुंह से चीख निकल गई।l
रेखा _मार डालेगा क्या, इतना बड़ा खंभा एक ही बार में घुसा दिया।
राजेश _क्या करू मेरी जान तुम्हारी मस्त फुली हुई रस भरी बुर देखकर कुछज्यादा ही जोश में आ गया।
तेरा पति सच मे बड़ा किस्मत वाला है क्या मस्त chut है तेरी।
राजेश ने अपना लंड थोडा बाहर खींचा और फिर गच से अंदर पेल दिया इस बार लंड का टोपा सीधा रेखा के बच्चे दानी से टकराया।
रेखा, _आह मां,, लगता है तू मुझे मारकर ही रहेगा।
राजेश अब लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू किया। लंड धीरे धीरे बुर में अपनी जगह बना लिया।
अब बिना किसी रुकावट के गपागप अंदर बाहर होने लगा।
रेखा तो जैसे स्वर्ग में पहुंच गई। ऐसा अद्भुत आनंद उसे मिल रहा था की सेक्स मै ऐसा आनंद उसे पहली बार मिल रहा था।
वह अपनी दोनों हाथों से बेड पकड़ ली और आनद में अपनी ओंठ को अपनी अपनी दांतो से काटने लगी।
इधर राजेश ने रेखा की टांगों का अपनी कंधे पर रख दिया और गपागप बुर में सपना लंड डालने लगा।
लंड का टोपा बच्चे दानी को ठोकने लगा जिससे रेखा को चरम सुख मिलने लगा वह ज्यादा देर तक खुद को न रोक पाई और राजेश को जकड़ कर झड़ने लगी।
राजेश समझ गया की रेखा झड़ चुकी है। वह उसके ऊपर लेट गया। उसके होंठ चूसने लगा।
कुछ देर बाद रेखा होश में आई। तब तक राजेश ने उसकी चूची मसलकर फिर से दूधपान करना सुरु कर दिया। रेखा राजेश के बालो को सहलाने लगी।
कुछ ही देर में रेखा फिर से गर्म हो गई।
अब राजेश ने रेखा को उठा कर बेड नीचे खडा किया फिर रेखा को आगे झुका दिया, रेखा बेड को पकड़कर झुक गई। राजेश उसके पीछे आ गया और अपना खडा लंड जो रेखा के बुर का पानी पीकर और लंबा मोटा हो गया था को हाथ से पकड़ के बुर के छेद में रखकर फिर से एक जोर का धक्का मारा लंड बुर को फाड़कर एक ही बार में पूरा अंदर घुस गया।
रेखा _उई मां,,,, तू आज मार ही डालेगा re।
अब राजेश रेखा की क़मर को पकड़ कर लंड को बुर में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। धीरे धीरे दोनों फिर से जन्नत में पहुंच गए।
राजेश अब लंड को बुर में दनादन अंदर बाहर करते हुए रेखा को चोदना शुरू कर दिया।
लंड फच फच गच gach गच की आवाज़ करता हूवा बुर में बड़ा तेज़ी से अंदर बाहर होने लगा।
रेखा के मुंह से निकलने वाली मादक सिसकारी पुरे कमरे में गूंजने लगा।
राजेश _कैसा लग रहा है मेरी जान मज़ा आ रहा है कि नही,,, ले एक हाथ ले ले मेरी जान जवानी का मज़ा ले,,,,,
रेखा _आह मां आह राजेश मैं बता नही सकती कितना मज़ा आ रहा है आज, माई आह क्या मस्त चोदता है re,,, आह मां गई मैं,,,,,, अब तक कहा थे मेरे राजा,,,, मार और जोर से मार मै आने वाली हू re,,,, आह मम्मी,,,,,, आह मां ऐसा मज़ा आ रहा मै क्या बताऊं। जोर जोर से चोद मुझे शाले फाड़ दे मेरी।
राजेश_ले शाली ले,, ले साली रण्डी कही की,, बड़ी सराफत दिखा रही थी, अब कैसे chud रही है रण्डी की तरह ले और ले मेरे से,, आज एक मर्द से chudkar ले जवानी का मज़ा। राजेश ने लंड को जोर जोर से बुर में ठोकते हुए बोला।
रेखा _अपनी क़मर हिलाकर बुर को लंड में ठेलने लगी। ऐसा लंड तो पहली बार देखा है,, क्या लंड है तेरा कास तू मेरा मर्द होता रोज ही chudti तुझसे।
आह मां गई re मै फिर से गई,,,,,
रेखा फिर झड़ गई।
और वह बेड पर लेट गई,,, राजेश भी बाजू में लेट गया। और सुस्ताने लगा। कुछ देर राहत लेने के बाद रेखा देखी राजेश अभी तक नही झड़ा है।
वाह आश्चर्य में पड़ गई।
इधर राजेश अभी भी जोश में था वह रेखा की चूची में फिर से टूट पड़ा। राजेश रेखा की चूची को फिर से मसल मसल कर पीने लगा।
एक उंगली डे रेखा की भगनसा को घिसने लगा जिससे रेखा कुछ देर में फिर सिसकने लगी।
अब राजेश ने रेखा की साड़ी को खींचकर अलग कर दिया और पेटिकोट ब्लाउज सब निकाल कर पूरी तरह रेखा को नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया।
राजेश ने रेखा को बाहों मे भरकर फिर से उसके नंगे जिस्म को जी भर कर चूमा चांटा, रेखा फिर से बहुत गर्म हो गई।
अब राजेश बेड पर लेट गया उसका लंड हवा में लहरा रहा था।
रेखा के लंड पर बैठने का इशारा किया।
रेखा वे के उपर चढ़ गई और राजेश के कमर के दोनों ओर पैर कर ली और लंड के सीध मे आकर बैठ ने लगी लंड को एक हाथ से पकड़ का सपने बुर के छेड़ में रख कर बैठ गई लंड बुर चीरकर उसके अंदर समा गया।
अब रेखा राजेश के सीने में हाथ रख कर लंड पर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश ने रेखा के क़मर को अपने हाथ में पकड़ कर अपने लंड पर पटक पटक कर रेखा को चोदना शुरू कर दिया।
Rajesh फिर से रेखा को जन्नत की सैर कराने लगा।
रेखा लंड पर उछल उछल कर chud रही थी। उसके मुंह से मादक सिसकारी निकल रही थी। यूज अपने पति से ऐसा सुख कभी मिला।
कुछ देर मे ही रेखा थक गई। अब राजेश ने ने रेखा को सीधा लिटा दिया और उसके टांगो को फैला कर खुद उसके बीच उकड़ू बैठ गया और लंड बुर में तेजी से अंदर बाहर करने लगा।
कमरे मे फिर फच फाच गच गच की आवाज़ गूंजने लगी।
रेखा _आह,, राजेश तू,, कितना मस्त चोदता है,, आह आज से मैं तेरी रखैल आह मां,,,
इधर प्रिया ने राजेश को काल किया,,,
राजेश chudai में लगा था उठाया नही।
प्रिया _ये राजेश काल क्यू नही उठा रहा है।
दो बार और काल की पर राजेश ने काल उठाया नही। वह झड़ना चाहता था।
इसलिए chudai बंद नही किया।
इधर प्रिया ने अपनी आसिस्टेंट रूबी को भेजा, जाओ रेखा राजेश को लेकर रूम गई थी वीर्य सैंपल लेने देखो तो वहा सब ठीक तो है।
रूबी कमरे के पास गई उसने देखा दरवाज़ा अंदर से बंद है उसने दरवाजे पर कान लगाकर सुनने की कोशिश की। उसे रेखा की सिसकने की आवाज़ सुनाई दी वह समझ गई कि अन्दर क्या चल रहा है।
रूबी ने यह बात प्रिया को बताई।
प्रिया _ मन मे,उन्हें रोकना होगा। नही तो राजेश रेखा के अंदर झड़ जायेगा। और वीर्य टेस्ट करने के लायक नहीं रहेगा।
वह तुरंत रूबी को लेकर उस कमरे की ओर गई।
प्रिया ने दरवाज़ा खटखटाया ,
इधर राजेश और रेखा किसी दूसरी दुनिया में चले गए थे। दोनों के मुंह से आह उई आह उई,,,, ऊं की आवाज़ निकल रहें थे।
प्रिया _जाओ टू इस रूम की चाबी लेके आओ।
रूबी _चाभी लेकर आई।
दरवाज़ा खुलते ही अंदर का नजारा कुछ ऐसा था।
रेखा बेड पर घोड़ी बनी थी। राजेश पीछे से लंड दनादन अंदर बाहर करने में लगा हुआ था। रेखा आंखे बन्द कर सिसक रही थी।
प्रिया _जोर से चिल्लाते हुए,,,, रेखा, ये क्या कर रही हो,,,
रेखा और राजेश दोनो होश में आए।
राजेश _दी अप यहां ।
रेखा _, मैम आप।
प्रिया _तुम ये क्या कर रही हो, तुमको वीर्य कलेक्ट करने यहां भेजा था और यहां आकर चुदवाने लगी।
तुम्हे पता नही बुर का रस वीर्य में मिल गया तो वह टेस्ट करने लायक नहीं रहेगा।
राजेश और रेखा दोनो अलग हुवे लंड बुर से बाहर निकल गया उस पर रेखा की बुर के सफेद रस लगा huwa था।
दोनो बेड के नीचे आ गए।
रेखा शर्म के मारे अपने शरीर को अपनी साड़ी से ढक ली।
इधर राजेश का लंड अभी भी खडा था।
राजेश के लम्बा और मोटा लण्ङ पर प्रिया और रूबी की नजर पड़ी दोनो आश्चर्य से देखने लगे।
रेखा _मैम मुझे माफ़ कर दीजिए, मै बहक गई।
प्रिया _क्या तुम्हे पता नही बुर का पानी अगर वीर्य में मिल गया तो वह जांच करने योग्य नहीं रहेगा। और तुम राजेश बुआ सही बताई थी, तुम बहुत बदमाश हो गए हो,
राजेश _दी, आम सॉरी, हम बहक गए थे।
प्रिया ने राजेश के लंड को देखा,,,
प्रिया _तुमारे पेनिश में ये रेखा के पानी, इसे साफ करो।
रूबी जाओ इसे बाथरूम में ले जाकर अच्छे से धो दो।
रूबी _जी मैम।
रूबी राजेश के को बाथरूम में ले गया।
और राजेश के लंड को हाथ में पकड़ लिया , उसे नल के नीचे लाकर नाल चालू कर लंड को अच्छे से साबुन लगा कर धोने लगी।
रूबी _काफी लम्बा है तेरा राजेश, खुब मोटा भू है।
लंड को अच्छी तरह धोने के बाद तौलिए से अच्छी तरह पोंछ दी।
राजेश और रूबी दोनो बाथरूम से बाहर निकल कर प्रिया के पास आ गए।
इधर रेखा अपनी कपडे पहन चुकी थी।
राजेश _दी मै कपडे पहन लू। मुझे शर्म आ रही। वह अपने लंड छिपाने लगा।
प्रिया _अब कपडे पहने से पहले वीर्य कलेक्ट करने दो।
रूबी वो डिब्बा दे मुझे।
रूबी ने प्लास्टिक का डिब्बा प्रिया को लाकर दिया। को बेड पर पड़ा था।
प्रिया ने एक हाथ से डिब्बा पकड़ लिया और एक हाथ से राजेश के लंड को पकड़ कर उसे मूठ मारने लगी।
प्रिया _रूबी तुम इसके गोटे सहलाओ, इसे झड़ने में आसानी होगी।
रूबी राजेश के अंडकोष सहलाने लगी।
इधर प्रिया लंड के टोपा पर अंगूठे के दबाव बनाकर लंड के मूठ मारना जारी रखी।
कुछ ही देर में राजेश झरने की स्थिति में आ गया।
राजेश _आह, आह, दी थोडा और तेज,, दीदी और तेज,, मै आने वाला हू।
प्रिया ने डिब्बे को लंड के टोपे के पास रख कर और तेजी से मूठ मारने लगी।
राजेश _आह,, आए दी आह,, आई एम कमिंग दी आह,,,, ह ह ह
राजेशअपने लंड से वीर्य से की पिचकारी मरने लगा जो सीधे डिब्बे में भरने लगा।
राजेश आनंद में कराहने लगा,, और वीर्य से डिब्बे को भरने लगा। राजेश स्खलन के समय प्रिया को जकड़ लिया था।
जन स्खलन रुका तब प्रिया आश्चर्य चकित थी पूरा डिब्बा वीर्य से भर गया था।
उसने राजेश को अपने सीने से लगा लिया और उसके सिर सहलाने लगा।
बस होगया मेरा गोलू भाई,,,, अब तुम्हे राहत मिली।
तुम बेड में बैठकर कुछ देर आराम कर लो।
प्रिया ने राजेश को बेड बिठा दिया। और उसके पीठ सहलाने लगा।
राजेश ने प्रिया के सीने में अपना सर रख उसके पीठ को दोनों हाथों से जकड़ लिया था।
प्रिया ने रूबी से कहा की जाओ ये सीमेन लैब में जांच के लिए देदो और रिपोर्ट को मेरे केबिन में भेजने बोलना।
रुबी _जी मैम।
रेखा _मैम, मुझे माफ़ कर दीजिए।
प्रिया _ठीक है, पर अब के बाद ऐसा गलती मत करना।
रेखा _थैंक्यू में, अब मैं ऐसी गलती नही करूंगी।
प्रिया _अब तुम जाओ अपने ड्यूटी देखो।
रेखा वहा से चली गई।
प्रिया _ राजेश के हालात पर हसने लगी।चलो अब कपडे पहनो।
राजेश कपड़े पहनने लगा। प्रिया उसे कपड़े पहनते हुए देखने लगी।
प्रिया _वैसे काफी बड़ा है तेरा। लेने वाली कि तो चीखे ही निकल दे।
राजेश _दी,, शर्माने लगा। दोनो कमरे से बाहर निकल गए।
प्रिया _राजेश तुम हाल में बैठकर आराम करो मैं एक चक्कर लगा कर आती हूं। सभी अपने काम अच्छे से कर रहे हैं की नही।
क्या तुम देखना चाहोगे यहां काम कैसे होता है?
राजेश _हा दी।
रहा को प्रिया एक कमरे में ले गया । और सफेद कोट और मास्क पहनने को दे दिया।
लो इसे पहन लो
राजेश ने सफेद कोट और मास्क पहन लियाऔर प्रिया के पीछे पीछे जाने लगा।
एक रूम के बाहर कुछ लड़के बैठे थे,,,
राजेश _दी ये लडके यहां कैसे बैठे है?
प्रिया _ये वीर्य डोनेट करने आए हैं।
राजेश _क्या?
प्रिया _हा, वीर्य डोनेट करने के बदले इन्हे पैसे मिलते हैं। हम पहले इनकी वीर्य की जांच करते है, जिनकी वीर्य क्वालिटी अच्छी होती है उसके वीर्य को लेकर आईवीएफ के लिए उपयोग में लाया जाता है।
ये मेडिकल और इंजीनियरिंग कालेज के स्टूडेंट है। इनकी वीर्य की डिमांड ज्यादा होती है।
तभी राजेश को एक अन्य कमरे मे लेकर गई।
अंदर जाते ही जूनियर डाक्टर और वहा की नर्सों से प्रिया ने पूछा,,
प्रिया _काम कैसा चल रहा है, सब ठीक तो है न।
इस रूम में जूनियर डाक्टर द्वारा एक महिला की अंडे निकाल रही थी।
आधुनिक उपकरणों का प्रयोग कर। महिला की योनी में एक लंबी सी पतली नली डालकर आधुनिक मसीन के स्क्रीन पर देखकर डाक्टर द्वारा अंडे निकाला जा रहा था।
महिला का योनी वाला हिस्सा ही दिख रहा था। बांकी हिस्सा कपड़े से ढका था।
राजेश _दी क्या हो रहा है यहां।
प्रिया _यहां पर महिला का अंडे निकाला जा रहा है।
वहा से निकलकर वह दुसरे रूम में चले गए।
प्रिया _राजेश, यहां अंडे और सीमेन को फ्रिज करके रखते हैं।
इक दुसरे रूम में जाने के बाद बताया कि यहां ट्यूब में सीमेन और अंडे को लेकर निषेचन कराया जाता हैऔर उसकी निगरानी की जाती है। जब भ्रूण तैयार हो जाता है महिला की गर्भ में प्रतिस्थापित कर दिया जाता है।
एक बड़ा हाल नुमा रूम था। वहा पर जाने के बाद प्रिया ने बताया,
यहां पर डीलवरी , होने के बाद जच्चा और बच्चा दोनो को रखा जाता है। वहा सैकड़ों औरते अपने शिशुओं के साथ लेटी हुई थी। कई नर्स उनकी देखभाल में लगी हुई थी। सभी ने प्रिया को देखकर उनका अभिवादन किया।
वहा से निकलकर एक अन्य रूम में पहुंचे।
राजेश यह ऑपरेशन रूम है यहां पर जिन महिलाओं का नार्मल तरीके से डीलवरी नही होता उनका यहां ऑपरेशन द्वारा डील वरी कराया जाता है।
आगे जाने पर एक बड़ा रूम आया वहा पर कुछ महिलाए चीख रही थी।
राजेश _दीदी यहां क्या हो रहा है?
प्रिया _ये डीलवरी रूम है यहां पर नार्मल तरीके से गर्भवती महिलाओ की डील वरी कराई जाती है।
यहां बहुंत सी महिलाए थी जिनका डील वरी होना था। उनकी टांगों को ऊपर लटका दिया गया था। सभी की chut काफी फुली हुई दिखाई पड़ रही थी वहा पर कई नर्स और जूनियर डॉक्टर सेवा में लगे हुए थे।
एक महीला कुछ ज्यादा ही चीख रही थी।
प्रिया _क्या हुआ कोई प्राब्लम है क्या?
जूनियर डाक्टर _मैम लगता है बच्चा कुछ ज्यादा ही बड़ा है बाहर आने में तकलीफ हो रही है।
महीला की बुर एकदम फैल गया था बच्चे का सिर बाहर आता दिखाई दिया।
प्रिया _ने महीला की हिम्मत बढ़ाते हुए जरा जोर लगाने को कहा।
प्रिया _उस महिला का नाम लेकर कहा, तुम कर सकती हो,,,, लगाओ जोर,,, थोडा और ताकत लगाओ।
बच्चे का सिर बुर से बाहर आ गया।
प्रिया _गुड, और जोर लगाओ, तुम कर सकती हो। जोर से कहा।
और उस अपनी पूरी ताकत से अपने बुर पर दबाओ दिया। बच्चा बुर से बाहर आ गया।
राजेश अपनी आंखे फाड़े आश्चर्य से देखता रहा। वह पहिली बार किसी बच्चे को जन्म देते हुवे देख रहा था।
जब प्रिया और राजेश उस रूम से निकले,,,
प्रिया _क्या सोच रहा है राजेश,,
राजेश _यही दी की इतना बड़ा बच्चा कैसे बाहर आ गया।
प्रिया हंसते हुवे बोली,,,
प्रिया _स्त्री की योनी में फैलने सिकुड़ने की अधभूत क्षमता होती है।
राजेश _दी उस महिला की योनी तो एक दम फैल गई है क्या ये ऐसी ही रहेगी।
प्रिया _नही re दो माह में योनि अपने नार्मल पोजीशन में आ जाएगी। हां कुंवारी लड़की की तरह टाइट नही रहेगी। कुछ तो फर्क पड़ता है। फिर वे दुसरे रूम में पहुंचे जहां बहुंत से शिशुओं को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था।
प्रिया _यह आई सी यू रूम है यहां कमजोर बच्चों को विशेष निगरानी में रखा जाता है।
उस रूम से निकलकर वे आगे बड़े राजेश ने देखा रूम के बाहर महिलाए बैठी हुईं हैं।
राजेश _दी ये महिलाए यहां क्यू बैठी है?
यहां बैठ कर महिलाए अपनी बारी का इंतजार कर रही है यहां पर महिलाओ की गर्भाशय का आंतरिक जांच होता है।
जब दोनो अंदर पहुंचे वहा पर सेवा दे रहें डाक्टर और नर्सो ने प्रिया का अभिवादन किया।
राजेश ने देखा की डाक्टर और नर्स एक महीला के योनी में उपकरण डालकर आधुनिक यंत्र द्वारा गर्भाशय की जांच कर रहे थे।
प्रिया ने वहा के स्टाफ से पूछा काम कैसा चल रहा है,,, उनके कार्यों का जायजा लिया।
कुछ आवश्यक टीप देकर प्रिया वहां से निकल गई।
राजेश _दी नर्स एवम पुरुष डाक्टर साथ काम करते हैं किसी को शर्म नही लगती क्या?
प्रिया हंसते हुवे बोली, ये हमलोगो का पेशा है। हम लोगो के लिए सामान्य है। हा नई नई आने वाले नर्स को शुरु शुरु में कुछ शर्म आती है फिर सभी को सामान्य लगने लगता है।
वे कुछ देर तक कुछ अन्य रूम को भी घूमे फिर वे अपने केबिन में आ गए।
उन्हे हॉस्पिटल का अवलोकन करते घंटे भर से जुड़ा हो गया।
प्रिया ने अपनी असिस्टेंट को बुलाई, रूबी केबिन में आई।
प्रिया _रूबी, तुम लैब में जाओ और राजेश का सीमेन टेस्ट का रिपोर्ट बन गया होगा उसे लेकर आओ।
रूबी _ओके मैम।
कुछ देर बाद रूबी रिपोर्ट लेकर आई।
जब प्रिया ने राजेश का सीमेन टेस्ट का रिर्पोट देखी,
प्रिया _ओह माई गॉड
राजेश & क्या huwa दी रिपोर्ट सही नही है क्या?
प्रिया _ऐसा रिपोर्ट तो मैं पहली बार देख रही हूं।
सिमेन की गुणवकता बहुत ही उच्च क्वालिटी का है।
लाखो में किसी एक का होता होगा, मै तो पहली बार ऐसा रिपोर्ट देख रही।
तुम्हारे वीर्य के 100%शुक्राणु गतिशील पाया गया। ऐसे शुक्राणु की निषेचन क्षमता काफी उच्च होता है। होने वाला बच्चा काफी हस्ट पुष्ट इंटेलिजेंट और रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी उच्च होता है।
राजेश खुश हो गया,, सच दीदी।
प्रिया _हा, ऐसे वीर्य के लिए लोग लाखो देने को तैयार बैठे है। मेडिकल लाइन में बडी डिमांड है,तुम चाहो तो अपना वीर्य डोनेट कर हर सप्ताह लाखो कमा सकते हो।
राजेश _दी ये आप क्या कह रही हो? क्या आप चाहती हो की आपका छोटा भाई वीर्य डोनेट करे!
प्रिया _न, मै नही चाहती की मेरा भाई पैसे के लिए डोनर बनकर रह जाए।
राजेश _तुमअति आवश्यक लगेतो बता देना ,मैं फ्री में डोनेट कर दूंगा।
प्रिया _ठीक है, कभी ऐसा लगे तो बताऊंगी।
राजेश _दी अब मेरा काम हो गया हो तो घर निकलू।
चलो अब मेरा भी घर जाने का समय हो गया है। तुम एक काम करो तुम बाइक से मुझे भी घर छोड़ दो उधर से चाय पी कर घर निकल जाना।
राजेश _दी आपके पास कार है। फिर मेरे साथ बाइक में।
प्रिया _अरे, ड्राइवर कार ले आएगा। काफी दिन हो गए मुझे बाइक में घूमे।
राजेश _ठीक है दी फिर चलो चलते हैं।
जाते समय रास्ते पर आइस्क्रीम बार आया ,
प्रिया _राजेश गाड़ी रोकना चलो आइस क्रीम खाते है फिर निकलेंगे।
राजेश _, थक है दी।
वे दोनो आइसक्रीम का मज़ा लेने के बाद,
वे दोनो बाइक से घूमते घुमाते घर पहुंचे वहां से चाय पी कर राजेश अपना घर निकल गया।
Jabardast updateरात के समय जब सभी डिनर कर रहे थे।
सुमित्रा ने सुनीता से कहा, सुनिता सुना है यहां कोई ज्ञानी बाबा रहता है, जो लोगो की समस्याओं का समाधान करता है।
सुनीता _भाभी मुझे तो मालुम नही है।
सतपाल सिंह _कोई चरमानंद नाम से ज्ञानी बाबा है लोग उनकी बडी तारीफ करते है।
राजेश _चरमानंद बाबा को तो मैं अच्छे से जानता हूं।
मै उससे मिल चुका हूं, वह हाथ देखकर ही सब बता देता है। और लोगो की समस्यओ का समाधान हेतु उपाय भी बताता है। उसके आश्रम में तो लोगो की रोज ही भीड़ लगती है।
सुनीता _तुमने मुझे बताया नही तू कब चला गया बाबा के पास।
राजेश _ मां मै दोस्तो के साथ गया था वहां।
सुमित्रा _सुनिता कई लोगो ने हमसे कहा है की एक बार बाबा के पास जाने को। कहते है निःसंतान दंपत्तियों को बाबा के आशीर्वाद से संतान सुख मिला है ,तो मैं सोच रही थी की जब हम यहां आए ही है तो क्यू न हम बाबा से एक बार मिल ले।
सुनीता _अगर ऐसा है तो कल चले जाएंगे उनके आश्रम। राजेश तुम बाबा को जानते हो तो तुम भू कल हमारे साथ कल सुबह आश्रम चलना, वहा से तुम सीधे कालेज निकल जाना।
राजेश _ठीक है मां, लेकिन हमें सुबह जल्दी पहुंचना होगा,देर से जाएंगे तो वहा भीड़ हो जाती है फिर बाबा से मिलने में लेट होगा !
शेखर _मै भी चलूं आप लोगो के साथ।
सुनीता _नही जी आप क्या करेंगे वहा जाकर, राजेश तो जा ही रहा है, वह बाबा को जानता भी है। इसलिए आप अपनी ड्यूटी को देखिए।
स्वीटी _मम्मी मै भी चलूं।
सुनीता _न, तुम क्या करोगी वहा जाकर?
अगली सुबह राजेश बाइक से और सुनिता सतपाल सिंह और सुमित्रा तीनो कार से आश्रम के लिए निकल पड़े।
वे सुबह 8:30 को ही आश्रम पहुंच गए। वहा पहले से ही कुछ लोग पहुंच चुके थे।
वहा जाकर , सेविका जो बाबा से मिलने के लिए एक एक कर बाबा के पास भेजती है।
राजेश उसके पास गया।
सेविका ने राजेश को पहचान लिया।
सेविका _अरे राजेश कुछ काम है क्या?
राजेश _बाबा से मिलना है।
सेविका _तुम तो बाबा के खास भक्त हो, तुम्हे नामांकन की क्या जरूरत। बाबा अभी पूजा कर रहें हैं जन आसान में बठेंगे तुम जाकर मिल लेना।
राजेश _मेरे साथ मेरी मां, मामी और मामा जी भी आए हैं, कुछ समस्या का समाधान हेतु।
सेविका _ठीक है मैं नाम एंट्री कर देती हूं। मै सबसे पहले तुम लोगो को ही अंदर भेज दूंगी।
जब बाबा जी ने पूजापाठ कर लिया तब बाबा ने सेविका को उनसे मिलने आए लोगो को अंदर भेजने के कहां।
सेविका ने राजेश से कहा आप अपनी मां और मामा मामी के साथ बाबा जी से मिल सकते हो।
राजेश अपनी मा और मामा मामी को साथ लेकर कमर में प्रवेश किया।
अंदर जाते ही राजेश ने बाबा के प्रणाम किया।
बाबा _अरे राजेश तुम तो मुझसे कभी भी किसी समय मिल सकते हो फिर इंतजार करने की क्या जरूरत थी।
राजेश _, बाबा जी, सेविका ने बताया नहीं आप पुजा पाठ कर रहें थे, इसलिए आपको डिस्टर्ब करना उचित नहीं समझा।
बाबा _अच्छा ठीक है, कुछ खास काम से आए हो क्या?
राजेश _बाबा ये मेरी मां सुनिता है।
सुनिता _, प्रणाम बाबा जी।
बाबा _जीती रहो बेटी।
तुम बडी भाग्य वान हो जो राजेश जैसा बेटा मिला है।
राजेश _बाबा की ये मेरे मामा मामी है ये आप से मिलने के लिए आए हैं।
सुमित्रा और सतपाल सिंह ने बाबा को प्रणाम किया।
बाबा जी ने उन्हे आशीर्वाद देकर बैठ जाने को कहा।
सुनीता को सामने बैठने को कहा,,
बाबा _मैने राजेश का हाथ देखा है। आगे चलकर इनका बड़ा नाम होगा। बेटी तुम बडी किस्मत वाली हो जो राजेश जैसा लड़का को जन्म दी हो।
बेटी क्या तुम्हे मुझसे कुछ पूछना है। सुनीता से कहा,
सुनिता _बाबा जी मुझे तो राजेश की ही चिंता रहती है की आगे इसका भविष्य क्या होगा? आपकी बाते सुनकर मेरी चिंता भी दूर हो गई, और मुझे कुछ नहीं चाहिए।
बेटी _तुम अपना बाया हाथ आगे करो।
सुनीता ने अपना हाथ आगे किया ।
बाबा ने सुनिता के हांथ देखा,,
बाबा ने सुनिता का हाथ देखकर आश्चर्य में पड़ गया।
सुनिता _क्या हुआ बाबा जी कुछ बात है क्या?
बाबा _नही बेटी ऐसी कोई बडी बात तोनही, जो भी समस्या है वो प्रभु की इच्छा से सब ठीक हो जायेगा।
सुनीता _बाबा जी आशिर्वाद दीजिए की मेरे परिवार में सब कुशल मंगल रहे।
बाबा _ऐसा ही होगा बेटी, प्रभु की कृपा सदा तुम और तुम्हारे परिवार पर बनी रहेगी।
उसके बाद बाबा ने सतपाल और सुमित्रा को सामने बैठने कहा।
दोनो का हाथ देखकर कहा, तुम लोग संतान सुख से अभी तक वंचित हो,
सुमित्रा _हा बाबा जी आपने बिल्कुल सही कहा। हम सन्तान के लिए तरस रहे हैं।
बाबा _बेटी तुम दोनो को संतान सुख तो मिलेगा पर तुम उस बच्चे के असली मां बाप नही होगे। बच्चा तुम्हारे कोख से जरूर जन्म लेगा लेकिन वह तुम दोनो का खून नही होगा?
सतपाल सिंह _बाबा जी ये आप क्या कह रहे हैं?
बाबा _बेटा मै, जो आपके किस्मत में लिखा है वहीं बता रहा हूं।
बाबा _पर तुम दोनो को निराश होने की जरूरत नहीं है। जो बच्चा तुम्हारे कोख से जन्म लेगा वह भी तुम्हारे किसी अपने का ही खून होगा। और होने वाला बच्चा तुम्हारे परिवार में खुशियां लायेगा।
सुमित्रा _पर बच्चा होगा किसका बाबा?
बाबा _मैने कहा न की तुम्हारा अपनो का ही खून होगा।
सुमित्रा _बाबा जी ये कैसे संभव है।
बाबा _बेटी आजकल सब संभव है। और जो भी होता है प्रभू की इच्छा से होता है।
सुनीता _भाभी बाबा जी बिलकुल सत्य कह रहें हैं।
दरअसल प्रिया तुम्हारा आईवीएफ पद्धति से इलाज कर रही है पहले वह आप दोनो के खून से भ्रूण बनाने की कोशिश करेगी अगर सफल न huwa तो,,
सुमित्रा _अगर सफल न huwa तो,, क्या दीदी।
सुनीता _प्रिया बोल रही थी मैं अपने और राजेश के खून से भ्रूण बनाकर तुम्हारे कोख में स्थापित करूंगी।
सुमित्रा _सुनिता, तुमने इतनी बडी बात को मुझे बताई नही ।
सुनीता _भाभी सही समय आने पर बताने को बोली थी प्रिया ने।
बाबा _देखो बेटा भगवान के इच्छा के बिना कुछ नही होता। जो होता है ईश्वर के मर्जी से होता है। इसलिए तुम लोगो को खुश होना चाहिए की तुम्हारी कोख से जो बच्चा जन्म लेगा वह तुम्हारा अपना ही है पराया नही। इसलिए इधर उधर की सोचना बंद करो और घर में जो खुशियां आने वाली है उसका स्वागत करो।
सतपाल सिंह _बाबा भगवान ने हमारे किस्मत में अगर यही लिखा है तो हम उसे स्वीकार करते हैं। सुमित्रा को मां बनने का सुख तो मिलेगा। बस हमें और क्या चाहिए? और जो बच्चा होगा वह राजेश और प्रिया का होगा ये तो हमारे लिए और भी खुशी की बात है।
बाबा _बेटी, यह काम भी इतना आसान नहीं है। तुम्हारे अंदर जो बाधाए है। वह तुम्हारे गर्भ में भ्रूण को बढ़ने से रोकने का प्रयास करेगी। उस बाधा को पहले दूर करना होगा तभी तुम्हारे अंदर बच्चे का विकास होगा।
सुमित्रा _यह बाधा कैसे दूर होगी बाबा।
बाबा _उसके लिऐ अनुष्ठान करने होंगे।
सुमित्रा _बाबा आप मुझ पर कृपा कीजिए, किसी तरह उस बाधा को दूर कर मुझे मां बनने का सौभाग्य प्रदान कीजिए।
बाबा _आज से चार दिन बाद शुक्रवार है उसी दिन अनुष्ठान के लिए उचित रहेगा। मै कुछ समान लिख कर दे दूंगा आप लोग सामान ले आना। दोपहर 3बजे।
सतपाल सिंह _बाबा जी अनुष्ठान में क्या मेरा होना आवश्यक है। मुझे कुछ आवश्यक कार्य से घर जाना होगा।
बाबा _नही बेटा, तुम्हारा होना आवश्यक नही है, तुम घर जा सकते हो। पर मै तुमको एक मंत्र दूंगा। जिसे सुबह इंसान कर 21बार मंत्र का जाप करना।
इस मंत्र से तुम्हारे घर में खुशियां आयेंगी। दुखो का अंत होगा।
सतपाल सिंह _ठीक है बाबा जी।
बाबा ने सतपाल सिंह को मंत्र दिया और कागज पर अनुष्ठान के लिए आवश्यक सामग्री भी लिख कर राजेश को दिया और राजेश से कहा की ये अनुष्ठान के दिन लेकर आना।
राजेश _ठीक है बाबा।
वे सभी बाबा से आज्ञा लेकर जाने लगे तभी बाबा ने सुनिता को थोडा रूकने कहा। सुनिता रुक गई।
सुनीता _बाबा जी कुछ कहना था,,,
बाबा _बेटी मैने तुम्हारा हाथ देखा, मैने सबके सामने में बताना उचित नहीं समझा।
तुम्हारी हाथ की रेखा बताती है कि तुम एक और बच्चे की मां बनोगी।
लेकिन वह तुम्हारे पास नही कही दूसरी जगह पलेगा।
सुनिता _आपने सच कहा बाबा, आप सच में ज्ञानी है। पर यह बात आप किसी से कहिएगा नही।
बाबा _बेटी तुम चिंता न करो जो भी होगा अच्छा ही होगा। जाओ प्रभू की कृपा सदा तुम पर बनी रहें।
सुनिता बाबा से आशिर्वाद लेकर चली गई।
वहा से राजेश सीधा कालेज चला गया।
सुनीता, सतपाल और सुमित्रा तीनों घर पहुंचे।
दोपहर का भोजन करने के बाद सतपाल सिंह अपना गांव चला गया।
अगले दिन प्रिया पिंकी और समीर सुबह नाश्ता कर रहे थे।
पिंकी _पापा आज शाम को मुझे फिल्म दिखाने ले चलो। एक नई फ़िल्म लगी है बच्चों वाली।
मेरे सभी दोस्तो ने फिल्म देख लिए। प्लीज पापा।
प्रिया _पिंकी ठीक कह रही है जी,,
कितने दिन हो गए हम लोगो को बाहर घूमने गए। कम से कम पिंकी की इच्छा ही पूरी कर दो।
समीर _डार्लिंग, मैने कभी मना किया है क्या तुम लोगो को घुमाने फिराने से, पर क्या करू जवाबदारी सेवा पर हू। समय निकाल नही पाता। तुम भी तो डाक्टर हो और मेरी मजबूरी समझ सकती हो।
प्रिया _मै तो अपने मन को समझा लेती हूं पर बच्ची को, बड़ा मुस्किल होता है।
समीर _ठीक है आज हम शाम को फिल्म देखने चलते हैं मै टिकट बुक करा देता हूं।
पिंकी _सच पापा,, आप कितने अच्छे हैं? पिंकी खुश हो गई,, वह नौकरानी को बताने लगी हे आज हम फिल्म देखने जाएंगे।
पिंकी स्कूल चली गई।प्रिया और समीर अपने अपने हॉस्पिटल।
प्रिया और पिंकी दोनो उत्साहित थे की आज वे फिल्म देखने जाने वाले है।
पर शाम के 6: बजे समीर ने प्रिया को फ़ोन किया,,
समीर _प्रिया, सारी यार एक क्रिटी कल केश आया है। मेरा हॉस्पिटल में रहना बहुँत जरूरी है। मै तुम लोगो को फिल्म दिखाने नही जा पाऊंगा। प्लीज मेरी मजबूरी समझो,,
प्रिया _वही huwa जिसका मुझे डर था।
मै तो समझा लूंगी अपने आप को पर पिंकी उसका दिल टूट जायेगा।
समीर _प्रिया, मैने उसका भी उपाय सोंचा है।
प्रिया _कैसा उपाय?
समीर _मैने राजेश को फ़ोन कर सब बता दिया है वह तुम लोगो को फिल्म दिखा कर ले आएगा।
राजेश _हूं तो अपनी जिम्मेदारी तुम राजेश पर डाल रहे हों।
समीर _भई राजेश तुम्हारा भाई है जरूरत पड़ने पर भाई काम नहीं आएगा तो और कौन काम आयेगा।उनका भी फर्ज बनता है।
प्रिया _राजेश ने क्या कहा?
समीर _उसने कहा कि जीजू बस आप आज्ञा कीजिए बंदा हाजिर हो जायेगा जीजू और दीदी की सेवा में। वो तुमको काल करेगा।
तभी प्रिया के मोबाइल पर राजेश का काल आया,,,
प्रिया _समीर मै काल रखती हूं, राजेश का काल आ रहा है।
समीर _ओके डार्लिंग बाई।
प्रिया ने राजेश का काल उठाया।
प्रिया _हा, राजेश, बोलो,,
राजेश _दी , जीजू ने काल कर बताया की वह आप लोगो को आज शाम फिल्म दिखाने ले जाने वाले थे पर kritikal केस आ जाने के कारण वह नही जा पा रहें है, उसने मुझे आप लोगो को मुझे फिल्म दिखाने ले जाने को कहा है,,
प्रिया_हां राजेशअब डॉक्टरों का पेशा तो आप जानते ही हो, परिवार के लिए समय निकाल पाना काफी मुश्किल होता है। मै टू समझ सकती हूं पर पिंकी मायूस हो जाती है।
राजेश _जी दी मै समझ सकता हूं,पर आपको निराश होने की आवश्यकता नहीं है। मै हूं न, बस आप बता दिया करना की कहा चलना है।
प्रिया _, थैंक्यू राजेश मुझे तुमसे यही उम्मीद थी।
राजेश _दी बताओ मैं आपके घर कितना समय पहुंचु।
प्रिया _, राजेश मै भी अब हॉस्पिटल से बस निकलने वाली हूं तुम 6:,30 बजे तक घर पहुंच जाना।
राजेश _ओके दीदी बाय।
प्रिया _ओके राजेश तुम समय पर पहुंच जाना।
राजेश अपनी मां सुनिता को इसकी जानकारी दिया और अपनी मां की इजाजत लेकर निकल पड़ा घर से प्रिया की घर के लिए।
वह 6: 30को प्रिया के घर पहुंच गया।
वहा गेट पर गार्ड था वह राजेश को देखकर गेट खोला।
अंदर जाने पर दरवाजे की बेल बजाया। कामवाली ने दरवाज़ा खोला।
राजेश ने कामवाली से कहा की दीदी कहा है।
कामवाली ने बताया की वह अपने कमरे में है ,।
राजेश _और पिंकी कहा है?
कामवाली _वह ट्यूशन गई है।
आपके लिए कुछ लाऊ।
राजेश _न।
कामवाली कुछ चाहिए हो तो बता देना, मै किचन मे काम कर रही।
राजेश _तुम जाओ और अपना काम करो।
राजेश ने प्रिया को काल किया।
प्रिया ने काल उठाया,,
राजेश _, दी आप कहा है मैं आ गया है। हाल पर बैठ कर आपका इंतजार कर रहा हूं।
प्रिया _राजेश, मै अपने रूम में तैयार हो रही हूं। वहा बैठे बैठे बोर हो जाओगे, तुम एक काम करो मेरे कमरे में आ जाए, हम बात चित कर लेंगे और मैं तैयार भी हो जाऊंगी।
राजेश _, ठीक है दी।
राजेश प्रिया के रूम में जाने लगा जब वह पहुंचा दरवाज़ा अंदर से बंद नही था। थोडा धक्का दिया तो वह खुल गया।
राजेश ने देखा रूम में कोई नजर नहीं आया।
राजेश _दी तुम कहा हो?
प्रिया _राजेश मै बाथरूम में हूं। नहा रही।
राजेश _दी तुम इस समय नहा रही।
राजेश वही बेड पर बैठ गया।
प्रिया _हा राजेश हम डॉक्टरों को अपनी शरीर की साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान देना पड़ता है इसलिए मैं हॉस्पिटल से आने के बाद पहले नहाती हू।
राजेश _ओह, ये तो अच्छी बात है।
प्रिया _राजेश बेड पर टावेल रखा है उसको देना।
राजेश ने टावेल लेकर दरवाजे के पास गया,,
राजेश _लो दी टावेल।
प्रिया ने बाथरूम का दरवाज़ा थोडा खोला और अपना हाथ बाहर निकाला।
राजेश ने टावेल उसके हाथ में थमा दिया।
राजेश टावेल देने के बाद बेड में बैठ गया।
कुछ देर बाद प्रिया अपनी बदन पर शिर्फ टावेल लपेटकर बाहर निकली,,
राजेश को प्रिया को सिर्फ टावेल में देखकर कुछ असहज महसूस करने लगा।
राजेश _दी पिंकी कहा है?
प्रिया _वह ट्यूशन गई है, कुछ देर में वह आ जायेगी।
इधर प्रिया ने अपने आलमारी से पिंक कलर की ब्रा और पैंटी निकाली।
और बेड पर रख दी।
प्रिया _राजेश, मै कया पहनु? शूट या साड़ी।
राजेश _दी आप कुछ भी पहन सकती हो, जो आपको पसंद हो।
प्रिया _अब तुम्हारे साथ जा रही हूं तो तुम्हारी पसंद पूछना पढ़ेगा न।
राजेश _दी तब तो आप साड़ी ही पहनो।
प्रिया _वो क्यू?
राजेश _क्यू की साड़ी में ही औरते ज्यादा खूबसूरत लगती है।
प्रिया _ओह।
प्रिया ने आलमारी से कुछ साड़ी निकाल कर राजेश को दिखाते हुए बोली बताओ इसमें से कौन सा पहनू।
राजेश ने उसमे से एक पिंक कलर की साड़ी चूस किया।
प्रिया _अच्छा ये बताओ तुमने पिंक कलर की ही साड़ी क्यू चूज किया।
राजेश _दी आप जो ब्रा और पैंटी निकाली हो वह भी तो पिंक है न।
प्रिया _चल हट बदमाश तू बड़ा बेशरम हो गया है।
प्रिया ने पिंक कलर का एक ब्लाउज और पेटीकोट भी निकाल लिया।
प्रिया इस समय सिर्फ टावेल में थी।
वह पेंटी को उठाया और उसमे अपनी टांगें डालकर पेंटी को उपर खिसकाते हुए पहनने लगी।
राजेश गौर से प्रिया को पेंटी पहनते हुए देख रहा था।
फिर प्रिय ने ब्रा उठाया और उसे पहनने लगी ब्रा का हुक लगाते समय वह राजेश की ओर पीठ करके खड़ी हो गईं। उसका टायर उसके नाभी तक नीचे खिसक गया।
यह दृश्य देखकर राजेश के शरीर में उत्तेजना भरने लगा।
ब्रा पहनने के बाद प्रिया ने टावेल निकाल दिया।
अब प्रिया केवल ब्रा और पैंटी में ही थी।
प्रिया को सिर्फ ब्रा पेंटी में अपने आंखों के सामने देख कर उसका लंड तनकर खडा हो गया।
प्रिया ने राजेश की ओर देखा,,,,
प्रिया _क्या देख रहा है re ?
राजेश _दी एक बात बोलूं?
प्रिया _, क्या है बोलो?
राजेश _, दी आप नाराज तो नही होंगी न।
प्रिया _अरे नही re मै भला तुमसे क्यू नाराज होने लगी।
राजेश _दी आप बहुत खूबसूरत ओर हॉट है। दीपिका पादुकोण से भी ज्यादा हॉट लग रही हो।
प्रिया _अच्छा ऐसा क्या है मुझमें जो दीपिका पादुकोण से ज्यादा हॉट लग रही हूं।
प्रिया_रहने दो आप बुरा मान जायेंगी।
राजेश_दी आपके ओ काफी बड़े बड़े है।
प्रिया _चल हट बदमाश अपनी दीदी पर गंदी नजर डालता है।
हां मैं तो भूल ही गई थी जब मां को मां बना सकता है तो मैं तो दीदी हूं,, यह बोलकर प्रिया हसने लगी।
राजेश _दी,, मुझे आपसे बात नही करनी मै जा रहा हूं।
प्रिया _अरे मै तो मजाक कर रही थी। तू तो सच में नाराज हो गया।
अच्छा अब नही बोलूंगी बस।
प्रिया ने अब पेटिकोट को पहनी और नाभि के काफी नीचे बांध ली।
जब राजेश ने उसके खूबसूरत बदन को देखा तो उसका धैर्य जवान दे गया।
जब प्रिया खुद को आईने में निहारने लगी। राजेश उसके पीछे जाकर उसे बाहों मे भर लिया।
प्रिया _अरे बदमाश क्या कर रहा है छोड़ मुझे।
राजेश _दी सच में तुम बहुत हॉट लग रही हो।
प्रिया को और जोर से कस लिया जिससे उसका खड़ा लंड प्रिया के गाड़ के दरार में घुस गया।
प्रिया _तेरा घोड़ा तो खड़ा हो गया है re।
राजेश _दी घोड़े को प्यास लगी है।
प्रिया _उस दिन तुम्हारे घोड़े ने रेखा के कुएं की खुब पानी पिया फिर भी प्यास नही बुझा है क्या?
राजेश _दी घोड़ा अभी अभी जवान हुआ है इसको रोज प्यास लगती है।
राजेश ने अपना लंड का दबाव प्रिया के गाड़ में बड़ा कर एक हाथ से बदन को पकड़ कर एक हाथ से उसकी चूची को मसलने लगा।
प्रिया सिसक उठी।
प्रिया _क्या कर रहा है?
राजेश _अपने दी को प्यार।
प्रिया _सुन दरवाज़ा खुला है पिंकी आती होगी।
राजेश _आने दो बोल देना मेरा छोटा भाई मुझे प्यार कर रहा था।
राजेश प्रिया के कंधे को चूमने लगा।
एक हाथ से उसकी बुर सहलाने लगा।
प्रिया भी गर्म होने लगी उसकी बुर में पानी भरने लगा।
प्रिया _आह,, उन,, छोड़ न कोई आ जाएगा दरवाजा खुला है।
राजेश ने प्रिया को अपनी ओर घुमा दिया और उसके ओंठ चुसने लगा। फिर उसको ब्रा खिसका कर उसकी चूची बाहर कर उसके निपल मुंह में भरकर चुसने लगा।
प्रिया सिसकने लगी उसकी बुर से पानी बहना सुरू हो गया। राजेश नीचे बैठ गया और उसकी पेट चूमने लगा।
प्रिया उसकी बाल सहलाने लगी।
राजेश ने प्रिया को बेड के किनारे लिटा दिया और उसकी चूची पीने लगा।
प्रिया _उन, आह कोई आ जायेगा दरवाज़ा तो बंद कर ले।
राजेश उठा और दरवाज़ा बंद कर दिया।
और फिर प्रिया के पास जाकर उसकी ओंठ चुसने लगा।
प्रिया भी उसका साथ देने लगी।
राजेश ने प्रिया की पेटिकोट को ऊपर कर उसकी पेंटी को बाहर निकाल दिया।
प्रिया की chut राजेश के आंखों के सामने आ गया।
राजेश ने झुक कर प्रिया की छूत को अपने मुंह में भरकर चूसना सुरू कर दिया।
तभी किसी ने दरवाज़ा खटखटाया।
प्रिया होश में आई लगता है पिंकी आ गई।
राजेश भी होश में आया।
दी अब क्या करे।
प्रिया _तुम बाथरूम में जाओ मैं देखती हूं।
Awesome updateराजेश बाथरूम में चला गया। प्रिया दरवाज़ा खोली। सामने पिंकी खड़ी थी।
प्रिया _अरे पिंकी तू आ गई ट्यूशन से।
पिंकी _हां, मॉम आज फिल्म देखने जाना है न तो जल्दी आ गई। पापा हॉस्पिटल से आ गए क्या?
प्रिया _बेटा, तुम्हारे पापा नही जा रहे हैं?
पिंकी _मॉम ये क्या कह रही हो?
प्रिया _हा बेटी कोई kritikal केस आ गया है न तो उसे हॉस्पिटल में रहना जरूरी है।
पिंकी निराश हो गई,,,
पिंकी _मॉम, पापा के पास कभी समय ही नहीं रहता मैने सोँचा था आज खुब इंज्वॉय करेंगे।
प्रिया _बेटा तुम्हे निराश होने की जरूरत नहीं क्यू की हम बाहर घूमने का रहे है और फिल्म देखने भी चलेंगे। तुम्हारे मामा जी के साथ।
पिंकी खुश होते हुए बोली,सच मॉम,,प्रिया _हा बेटा।
पिंकी _मामा कितने बजे आ रहे हैं।
प्रिया _तुम्हारे मामा तो कब के आ चुके हैं, तुम उनसे मिली नही?
पिंकी _मॉम मुझे तो कही दिखाई नही दिया।
प्रिया _हो सकता है वह बाथरूम वगेरह गया हो।
तुम अपने कमरे में जाकर पहले अच्छे से हाथ मुंह धो कर,कोई अच्छी सी ड्रेस सलेक्ट करो, ठीक है फिर मैं तुम्हे भू तैयार कर दूंगी। तब तक मैं भी तैयार हो जाती हूं।
पिंकी _, ओके मॉम, मै अभी ड्रेस लेकर आती हूं।
पिंकी के चले जाने के बाद, प्रिया बाथरूम में गई।
प्रिया _पिंकी चली गई, अब तुम हाल में जाकर वेट करो मैं तैयार होकर आती हूं।
राजेश ने प्रिया को अपने बाहों में भर लियाऔर उसके कानो में कहा,,
राजेश _दी, इस घोड़े का क्या होगा?
प्रिया _ अब तो इस घोड़े को प्यासा ही रहना पड़ेगा।बेचारा,,,, प्रिया ने राजेश के लंड को उसके पेंट के उपर से ही सहलाते हुए बोली,,राजेश _दी, थोडा सा ही पिला दो अपने कुवे का पानी, इसी से काम चला लूंगा।
प्रिया _न बाबा मै रिस्क नहीं ले सकती, पिंकी कभी भी आ सकती है। अब चलो यहां से।
प्रिया ने राजेश को हाथ पकड़कर खींचते हुए रूम से बाहर कर दरवाज़ा बंद कर दी।
राजेश लंड मसलते रह गया।
राजेश हाल में जाकर बैठ गया।
कुछ देर बाद प्रिया तैयार हो कर पिंकी के भी तैयार कर दी, पिंकी तैयार होकर सीधे हाल में आई।
पिंकी _मामा जी मै कैसी लग रही हू इस ड्रेस में।
राजेश _वाह पिंकी तुम तो बहुत क्यूट लग रही हो।
पिंकी _वैसे आप कहा थे मैं जब आई तो आप नही थे।राजेश _मै बाथरूम में था। जोर की लगी थी न।
अच्छा पिंकी बताओ बाहर कहा कहा घूमना है?
पिंकी _मामा जी मुझे पार्क जाना है वहा पर झूला झूलेंगे फिर किसी चौपाटी पर पानी पूरी खायेंगे। फिर वहा से फिल्म देखने जाना है।
राजेश _अच्छा , तुम्हारी जो भी ख्वाइस है वो जरूर पूरी होगी।
अच्छा हम लेट हो रहे हैं, तुम्हारी मॉम कहा है।
पिंकी _ओ तैयार होकर आ रही।
कुछ देर बाद प्रिया जब तैयार होकर आई, तो राजेश देखता रह गया।
प्रिया बहुंत ही खूबसूरत और हॉट लग रही थी।
प्रिया _कहा खो गया,, राजेश,,
राजेश _तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो, इस साड़ी में।
प्रिया _अच्छा,,,
अब चलो चलते हैं हम लेट हो रहे हैं।
प्रिया ने कामवाली को आवाज दी,,,
कामवाली _जी मैम शाब क्या आपने बुलाया?
प्रिया _देखो हम लोग बाहर घूमने जा रहे हैं, हम खाना भी बाहर खायेंगे। तुम समय पर घर चली जाना और घर का दरवाज़ा बाहर से लॉक कर चाबी गार्ड के पास छोड़ देना।
कामवाली _ठीक है मैम शाब। वैसे मेम साब आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो। काफी दिनों बाद देखा है आपको इतनी सज कर कही जाते।
नही तो आप तो सिर्फ डाक्टर की पोशाक में ही नजर आती हो।
प्रिया _काफी दिनो बाद तो बाहर जा रहे हैं न घूमने। अब हॉस्पिटल जाऊंगी तो ये सब नही पहना सकती।प्रिया _राजेश तुम कार चला लोगे न।
राजेश _हा,दी।
प्रिया _फिर ड्राइवर को लेकर जाने का कोई मतलब नहीं।
गार्ड के पास से कार की चाबी ले लो।
राजेश _जी ,दी।
राजेश ने कार की चाबी गार्ड से ले लिया फिर तीनो निकल गए।
पहले पार्क गए, वहा पर झूला झूले,
पार्क पे लोगो की नजर प्रिया पर ही थी।
राजेश _दी सभी लोगो की नजर आप ही पर टिकी हुई है। सच में आज आप बहुत खूबसूरत और हॉट लग रही हो।प्रिया मुस्कुराने लगी।
पिंकी को झूला झुला ने के वहा बोस्टिंग की भी व्यवस्था थी। बोटिंग का मज़ा लेने के बाद। वे चौपाटी गए। वहा पर पानी पूरी का आनंद लिए।
वहा से वे सीधे वे फिल्म देखने के लिए सिनेमा टाकीज पहुंच गए।
सिनेमा देखकर वे निकले रात के दस बज चुके थे।
प्रिया _राजू किसी अच्छी से होटल पर रुकना, वहा खाना खाकर घर निकलेंगे।
राजेश _ठीक है दी।
राजेश ने एक अच्छी होटल देखकर कार रोक दिया।
वहा पर तीनो ने अपना पसंदीदा डिस ऑर्डर किया।
और डिनर का आनंद उठाया।
डिनर करने के बाद जब वे घर पहुंचे तो रात के 11बज चुके थे।
पिंकी और प्रिया बहुत खुश थी।
राजेश _पिंकी मज़ा आया की नही।
पिंकी _मामा जी आज बहुत मजा आया ।
राजेश _दी,रात अब मैं घर निकलता हूं। मां वेट कर रही होगी।प्रिया _राजेश रात बहुत हो गई है, तुम आज रात यही रुक जाओ कल सुबह चले जाना। मै बुवा से बात कर लूंगी।
पिंकी _हा मामा जी आज यही रुक जाओ मुझे अभी आपसे बहुत सी बातें करनी है।प्रिया ने सुनिता को काल कियाऔर यह जानकारी दी की राजेश आज रात यही रुक रहा है।
सुनीता _ठीक है प्रिया।
प्रिया ने राजेश को आराम करने के लिए एक कमरा में ले गया।
राजेश तुम यहां सो जाओ। अपने कपड़े चेंज कर लो मैं टावेल दे देती हूं।
प्रिया _पिंकी अब चलो तुम भी अपने कमरे में रात हो गई है सो जाओ।पिंकी _नही मॉम मै मामा जी के पास ही सोऊंगी। मुझे उससे ढेर सारी बातें करनी है।
प्रिया _ये लड़की भी न बड़ी जिद्दी है। बिलकुल कहना नही मानती किसी का।
राजेश _दी रहने दो न पिंकी को जब वो सो जायेगी तो आपके रूम में छोड़ दूंगा।
प्रिया _ठीक है राजेश।
प्रिया अपने कमरे में चली गई।
इधर पिंकी ने राजेश से कहानी सुनाने कहा,,,
राजेश ने परियों की कहानी सुनाई। कहानी सुनते सुनते। पिंकी को नींद आ गई। वह गहरी नींद में सो गई।
राजेश ने प्रिया को काल किया।
राजेश _दी पिंकी सो गई है। उसे ले आऊं क्या?
प्रिया _ठीक है राजेश उसे मेरे ही रूम में लाकर सुला दो।
राजेश ने पिंकी को उठाया और उसे प्रिया के कमरे में ले जाकर सुला दिया।
राजेश _दी मुझे रात में प्यास लगती है पानी बॉटल है क्या?
प्रिया _राजेश तुम चलो मैं पानी लेकर आती हूं।
राजेश _ठीक है दी।
राजेश अपने कमरे में जाकर अपना पेंट और शर्ट उतार कर टावेल लपेट लिया।
थोडी देर बाद प्रिया कमरे में पानी लेकर पहुंची।
प्रिया अभी भी अपनी कपड़े चेंज नहीं की थी।
राजेश बेड पर लेटा था।
पानी का बाटल टेबल पर रख कर, बेड के किनारे बैठ गई।
प्रिया _थैंक यू राजेश, आज तुम्हारे कारण पिंकी बहुत खुश है। अगर तुम नही होते तो पिंकी को आज भी निराश होना पड़ता।
राजेश बेड पर बैठ गया।
राजेश _दी, थैंक यू क्यू बोल रही हो, ये तो मेरा फर्ज है। भाई अपनी बहन की खुशियों का ख्याल नही रखेगा तो फिर कौन रखेगा? जब भी मेरी जरूरत पड़े मुझे बता देना।। मै हाजिर हो जाऊंगा अपनी दीदी की सेवा में।प्रिया ने राजेश को अपने गले से लगा लिया।
प्रिया _राजेश, मुझे तुमसे यही उम्मीद है।
राजेश ने भी प्रिया को अपनी बाहों मे भर लिया।
राजेश _दी तुम भी कितनी अच्छी हो।
कुछ देर बाहों में लिपटे रहने के बाद।
प्रिया _राजेश, अब छोड़ो मुझे,,,
राजेश _आपके छोटे भाई के बाहों में आपको अच्छा नहीं लग रहा है क्या दी?
प्रिया _रात बहुत हो गई है। और रात के अकेले में एक जवान भाई बहन को ज़्यादा देर तक यू लिपटना ठीक नही।
राजेश _क्यू दीदी? रात में भाई बहन एकदूसरे से लिपट कर प्यार नही कर सकतेक्या?
प्रिया _न, अगर किसी को पता चल गया तो तरह तरह की बाते करते है।
राजेश ने प्रिया की पीठ को चूमते हुए कहा।
कैसी बाते दीदी।
प्रिया _बहुत ही गंदी बातें।
राजेश ने प्रिया को अपनी बाहों में और कसते हुए कहा,, कैसी गंदी बाते दीदी मुझे भी तो बताओ?
प्रिया _न बाबा मुझे शर्म आती है बताने में।
राजेश _दी बताओ न कैसी गंदी बाते करते हैं, मुझसे क्या शर्माना?
प्रिया _लोग कहते है की भाई बहन के बीच कोई गंदा खेल चल रहा है।
राजेश _कैसा गंदा खेल दी, कुछ समझा नही।
प्रिया _अरे, वही जो एक औरत और मर्द के बीच चलता है।
राजेश _हम तो औरत और मर्द है न फिर हमारे बीच वो खेल क्यू नही चल सकता दी।
प्रिया _क्यू की समाज गलत मानता है इस खेल को भाई बहन के बीच।
राजेश _दी, ओर किसी को पता न चले तो, तब तो भाई बहन भी ये खेल खेल सकते है न।
दी, वैसे इस खेल का नाम क्या है बताओ ना,,
प्रिया _न मुझे शर्म आती है।
राजेश _अच्छा मेरे कानों में धीरे से कहो,,
प्रिया _चू, चू,,,
राजेश _क्या चू चू,, दी, ठीक से बोलो।
प्रिया _चू दा ई
राजेश _ठीक से सुना नही दीदी फिर से कहो,,
प्रिया _अरे चूदाई बाबा।
चूदाई शब्द सुनते ही राजेश का लंड तनकर खड़ा हो गया।
इधार इस तरह की बात चित करने से दोनो के बहुन्त मज़ा आ रहा था। दोनो गर्म हो चुके थे।
राजेश _दी सुना है चूदाई करने से बड़ा मजा आता है।
राजेश ने प्रिया को अपनी बाहों मे कस लिया और उसकी पीठ चूमने हुए कहा। तुम तो जीजा जी से chudwati होगी।
प्रिया _हां बहुंत मज़ा आता है।
राजेश _दी मेरा भी मन कर रहा है चूदाई करने का।
मुझे भी चोदने दो ना।प्रिया _क्यू तेरा घोड़ा को फिर से प्यास लगी है क्या?
राजेश _दी ये तो उसी समय से प्यासा है।
प्रिया _हू,,
राजेश _दी अपनी कूवे की पानी से मेरे घोड़े की प्यास बुझाओ न।
प्रिया _तू किसी को बताएगा तो नही की तेरे घोड़े ने अपनी ही बहन के कुंआ का पानी पिया है।
राजेश _न दी, मै क्यू बताऊंगा भला। ये राज तो मेरे और तुम्हारे बीच ही रहेगी।
प्रिया _अच्छा ठिक है फिर, पहले मेरे कुआ में पूरा पानी तो भरने दे।
राजेश ने प्रिया की साड़ी की पल्लू नीचे खींच दिया और ब्लाउज का बटन खोलने लगा।
प्रिया_ रहने दे तुमसे नही होगा,,,
प्रिया स्वयं ही ब्लाउज की बटन खोल दी।
राजेश ने ब्लाउज को प्रिया के शरीर से अलग कर दिया।
और उसके ब्रा के हुक खोल कर चूची को नंगा कर दिया।
चूची के नंगा होते ही, राजेश उस पर टूट पड़ा।
वह दोनो दुदू को मसल मसल कर उसके निप्पल मुंह में भरकर चुसने लगा।
प्रिया के मुंह से सिसकारी निकलने लगी।
कुछ दूर दुदू चुसने के बाद। राजेश न प्रिया को बेड के नीचे खडा किया और उसकी साड़ी खींचकर उसके शरीर से अलग कर दिया।
प्रिया अब पेटिकोट में थी।
राजेश ने प्रिया के बदन को चूमने चाटने लगा।
प्रिया के मुंह से मादक सिसकारी निकलने लगी।
राजेश आगे बढ़ते हुए प्रिया के पेटी कोट का नाड़ा खींच दिया। जिससे पेटी कोट प्रिया के पैरो के नीचे गिर गया।
राजेश ने प्रिया को बेड किनारे लिटा दिया और उसके ऊपर झुक कर उसके पुरे बदन को चूमने चाटने लगा।
राजेश की इस हरकत से प्रिया का बुर पानी से लबालब हो गया।
राजेश पुरे बदन को चूमते हुवे नीचे गया फिर उसने प्रिया की पेंटी को अपनी उंगली डे पकड़ कर टांगो से नीचे खींचते हुवे शरीर से अलग कर दिया।
प्रिया अपनो नंगी chut छिपाने लगी।
राजेश ने प्रिया की हाथ को हटाकर उसकी मस्त फुली उई चिकनी chut को मुंह में भरकर चुसने लगा।
प्रिया की मादक सिसकारी पुरे कमरे मे गूंजने लगी।
आह,, यम,, उई ई ई मां उन,,आई ,,, उन
प्रिया का पूरा शरीर कपकापने लगा वह अपना आपा खो बैठी।
वह बेड से उठी और राजेश की बनियान और टावेल निकाल दी।
उसके सीने के चूमने चाटने लगी।
फिर देर न करते हुए राजेश की चड्डी को भी उतार कर उसे नंगा कर दिया।
चड्डी उतरते ही राजेश का लंड हवा में लहराने लगा।
वह लोहे की तरह कठोर हो गया था। और घोड़े कि लंड की तरह मोटा लम्बा। लंड झटका मार रहा था।
प्रिया नीचे फर्श पर बैठ गई और लंड के अंड कोश को पहली चांटी मुंह में भरकर चुसने लगी फिर लंड का टोपा मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी।
धीरे धीरे पुरे लंड को मुंह में भरकर चुसने कोशिश करने लगी।
लंड उसके मुंह में गप गप अंदर बाहर होने लगा।
राजेश तो जैसे जन्नत में पहुंच गया।
वह प्रिया की बालो को पकड़कर लंड चुसवाने का मज़ा लेने लगा।
कुछ देर लंड चुसने के बाद प्रिया फर्श से उठी और बेड किनारे लेट गई। अपनी टांगो को चौड़ी कर दी।
वह बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी। उसे चुदना चाहती थी।
राजेश समझ गया कि प्रिया क्या चाहती हैं वह प्रिया की टांगों के आ गया।
प्रिया को बाहों मे भर कर फिर से उसके ओंठ चुसने लगा।
फिर अपना लंड अपने हाथों में लेकर प्रिया के योनी के मुख रख दिया।
दोनो कूल्हे को पकड़कर एक जोर का धक्का मारा।
लंड का टोपा बुर चीरकर अंदर घूस गया।
प्रिया चीख उठी।
प्रिया _आह मां, मार डालेगा क्या?
राजेश ने प्रिया की चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा।
फिर चूसते चूसते ही एक जोर का धक्का और लगाया लंड बुर फाड़कर आधा सेज्यादा अंदर घुस गया।
प्रिया _उई मां, फाड़ ही डालेगा क्या? धीरे धीरे नही डाल सकता।
राजेश प्रिया की सुडौल बडी बडी चुचियों को मुंह में भरकर मसल मसल कर फिर से गर्म कर दिया।
और अपने लंड को बुर में धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा।
बुर रस से पूरा भरा हुआ था। लंड धीरे धीरे पुरा अंदर घुस गया।
अब राजेश अपनी गति बड़ाने लगा लंड बुर में सर सर अंदर बाहर होने लगा। लंड काफी मोटा था। बुर का भग्नासा अच्छी तरह रगड़ खाने से प्रिया को बहुत मज़ा आने लगा। उसके मुंह से कामुक सिसकारी निकलने लगी।
राजेश अब अपना गति और बड़ा दिया।
प्रिया तो जैसे जन्नत में पहुंच गई।
वह भी राजेश का सहयोग करने लगी।
राजेश का जोश और बड़ गया।
अब वह बुर को जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया।
लंड बुर में फैच फच की आवाज करता huwa अंदर जाने लगा।
बुर को टोपा प्रिया की बच्चे दानी से टकराने लगा जिससे प्रिया का पूरा शरीर झनझनाहट उत्पन्न होने लगा।
प्रिया को चूदाई में ऐसा मज़ा पहली बार मिल रहा था।
वह अपना होश खो बैठी। और लगाता अपनी मुंह से सिसकारी एवम चीख निकालने लगी।
उई मां आह आह उन आ मर गई रि आह उन आहिई,,प्रिया खुद को रोक न सकी और राजेश को जोर से जकड़ कर झड़ने लगी।
प्रिया _आह मां ई ई मै गई ई ई,,,
राजेश ने चूदाई बंद कर दिया। और उसके ओंठ चुसने लगा।
प्रिया तेज तेज सांस लेने लगी।
चूदाई में ऐसा चरम सुख उसे पहली बार मिला था। वह राजेश की दीवानी हो गई।
राजेश _दी तुम ठीक तो हो न।
प्रिया शर्मा गई।
प्रिया _चलो हटो, मुझे बाथ रूम जाना है।
राजेश प्रिया के उपर से हटकर लेट गया।
प्रिया उठी और बाथरूम की ओर जाने लगी।
राजेश ने प्रिया को बाथरूम जाते हुवे देखा, उस्के मटकते गाड़ को देखकर उसका लंड और तन गया।
वह अपने हाथ से लंड सहलाने लगा।
इधर प्रिया बाथरूम में जाकर मूतने लगी।
मूतने की आवाज सुनकर राजेश से रहा न गया और वह भी बाथरूम में घुस गया।
उसने देखा प्रिया नीचे बैठकर मूत रही है।
उसे मूतता देख राजेश का लौड़ा और अकड़ गया वह अपने हाथ से अपना लौड़ा हिलाने लगा।
प्रिया ने राजेश को पीछे मुड़ कर अपना लंड हिलाते देखा।
प्रिया _अरे तू यहां क्यू आ गया तू बड़ा बेशर्म हो गया है। अपनी दी को मूत करती हुई देख कर लंड हिला रहा है।
राजेश _क्या करू दी रहा न गया?
प्रिया _तू ने तो मेरी मूत ही निकाल दी।
मूत कर जैसे ही उठी राजेश ने उसे वहीं बाहों मे भर कर चूमने चाटने लगा और नीचे बैठ कर उसकी chut चाटने लगा।
राजेश की इस हरकत से प्रिया फिर से गर्म हो गई। और मुंह से सिसकारी निकालने लगी। उसके कुआ में फिर से पानी भर गया था।राजेश ने प्रिया को कमोड पर हाथ रखा कर नीचे झुका दिया और खुद उसके पीछे आ गया। राजेश ने अपना लंड हाथ में लिया और प्रिया की बुर में रखकर जोर का धक्का मारा लंड एक बार में ही बुर फाड़कर फच की आवाज करता huwa अंदर घुस गया।
राजेश प्रिया की कमर पकड़ कर बुर में लंड पेलना शुरू कर दिया।
बाथरूम में प्रिया की मादक सिसकारी गूंजने लगी।
राजेश प्रिया की बुर को जोर जोर से ठोकने लगा। लंड बुर में फच फ्च गाच गच की आवाज करता अंदर बाहर होने लगा। दोनो फिर से जन्नत में पहुंच गए। प्रिया भी अपनी क़मर हिला हिला कर बुर में लंड लेने लगी।
दोनो चूदाई के परम सुख को प्राप्त कर रहे थे।
राजेश का घोड़ा प्रिया की कूवे मे डुबकी लगा लगा कर पानी पीने लगा। पानी कूवे से छलक कर राजेश के लंड से होता हुआ उसके टट्टो तक पहुंचकर फर्श पर टपक रहा था।
कुछ देर तक इसी पोजीशन में बुर मारने के बाद राजेश कमोड पर बैठ गयाऔर प्रिया की क़मर पकड़कर अपने लंड पर पटक पटक कर चोदने लगा।
प्रिया भी लंड पर उछल उछल कर चुदने लगी।
पूरा बाथरूम प्रिया की मादक सिसकारी से गूंज रहा था।
प्रिया ने बाथरूम में इस तरह पहले कभी नहीं chudi थी। उसे भी बाथरूम में इस तरह चुदवाने में खुब मजा आ रहा था।
लंड बुर की अंतिम गहराई तक पहुंच रहा था। जिससे प्रिया को संभोग सुख का जो आनंद मिल रहा था उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
प्रिया का शरीर एक बार फिर अकड़ने लगा, वह जोड़ से चीखते हुए गिर से झड़ गई।
राजेश ने chudai बंद कर दिया।
और उसके पीठ को चाटने लगा।
राजेश प्रिया को उठाकर बेड पर ले जाकर लिटा दिया।
राजेश_दी तुम ठीक तो हो न।
प्रिया राजेश के लंड की ओर देख मुस्कुराने लगी। राजेश का लंड तनकर अभी भी खडा था।
प्रिया _अभी तक तेरे घोड़े की प्यास नही बुझी क्या?
राजेश _मेरे घोड़े को तुम्हारी kuwe का पानी बहुत मीठा लगा। उसका मन अभी तक नही भरा है।
प्रिया _तूने मेरे बुर की क्या हालत कर दी है देखो अब पूरा खोल कर रख दिया। अब मैं इसमें और नही ले पाऊंगी।
राजेश _दी ये क्या कह रही हो मैं अब तक झड़ा नहीं।
प्रिया _तू मेरा गाड़ मार ले।
राजेश _दी ये क्या कह रही। क्या इस घोड़े को तुम्हारी गाड़ ले पाएगा।
वैसे मैंने तुम्हारी बुर चोदते हुए देखा तुम्हारी गाड़ की छेद काफी बडी लाग रही थी, फूल सिर पिचक रही थी। कही ऐसा तो नहीं की जीजा जी आपकी गाड़ मारते है।
प्रिया _हा ये सच है, तुम्हारे जीजा जी मेरी गाड़ मरते हैं। पिंकी के होने के बाद हम जल्दी एक और बच्चा नहीं चाहते थे। तुम्हारे जीजा जी को कंडोम लगा कर चोदने में मज़ा नही आता और मुझे गोली खाना पसंद नहीं। तो तुम्हारे जीजा जी ने गाड़ मारना शुरू कर दिया।
राजेश _दी, चलो फिर मैं भी तुम्हारा गाड़ मारता हूं।
राजेश ने प्रिया पलट दिया और उसकी गाड़ में एक उंगली डाल दिया।
प्रिया _अरे रूको गाड़ ऐसे नही मारा जाता। तुम तो मेरा गाड़ ही फाड़ दोगे।
राजेश _तो फिर दी।
प्रिया_पहले सपने लंड और मेरी गाड़ में कोई चिकनाहट लगाओ।
राजेश _तो तुम ही बताओ जीजा जी क्या लगाते है।
प्रिया _वो तो क्रीम लगाते हैं।
राजेश _तो वह क्रीम लाओ मैं भी लगाकर तुम्हारी गाड़ मारूंगा।
प्रिया _वो तो मेरे बेडरूम में है और पिंकी वहा सो रही है। मै ऐसी हालत में गई और पिंकी उठ गई तो।
राजेश _दी तुम अपनी पेटिकोट और ब्लाउज पहन लो और जाओ।
प्रिया _हा ये ठीक रहेगा।
प्रिया ने अपनी ब्लाउज और पेटीकोट पहन ली और अपने बेडरूम में चली गई।
वहा लाईट ऑन कर क्रीम ढूंढने लगी। आवाज होने से पिंकी की नींद खुल गई।
पिंकी _मॉम तुम क्या ढूंढ रही हो।
प्रिया _अरे नेता तुम उठ गई। ओ नेता मेरा सिर पर थोडा दर्द हो रहा है तो बॉम ढूंढ रही थी। तुम सो जाओ।
पिंकी _मॉम मै तो मामा जी के पास सो रही थी मामा जी कहा है।
प्रिया _बेटा तुम्हारे मामा जी अपने कमरे में सो रहे हैं। तुम्हे वो मेरे कमरे में छोड़ कर गए।
बेटी अब सो जाओ।
प्रिया रूमका लाईट ऑफ कर पिंकी के बगल पर लेट गई और प्रिया को अपने सीने से लगा कर सुलाने की कोशिश करने लगी।
इधर प्रिया पिंकी को सुलाने के चक्कर में खुद ही सो गई क्यू की वह काफी थक चुकी थी।
इधर राजेश प्रिया की आने का इंतजार कर रहा था। काफी देर हो जाने पर भी जब प्रिया नही आई तब अपने क़मर पर टावेल लपेट कर प्रिया के बेडरूम की ओर चला गया।
जब दरवाज़ा खोल कर देखा प्रिया और पिंकी दोनो गहरे नींद में सो रहे थे।
राजेश ने प्रिया को उठाना ठीक नहीं समझा और अपने कमरे में आ कर बाटल पानी पीकर लेट गया। कुछ देर बाद उसका भी नींद लग गया।
सुबह 4 बजे प्रिया की नींद खुली।
प्रिया _पिंकी को सुलाने के चक्कर में मै खुद ही सो गई। राजेश का पता नहीं क्या कर रहा होगा।
वह बेड से उठी और क्रीम लेकर राजेश के कमरे में पहुंची।
राजेश सोया huwa था सुबह का समय वैसे भी लंड खड़ा रहता है।
प्रिया ने राजेश के लंड को पकड़ कर सहलाने लगी और उसको मुंह में लेकर चूसने लगी।
प्रिया की इस हरकत से राजेश का नींद खुल गया।
राजेश _दी कितनी देर लगा दी आने मे,
प्रिया _अरे पिंकी उठ गई थी उसको सुलाने के चक्कर में मै भी सो गई।
प्रिया _देखो क्या लाई हूं। क्रीम को दिखाते हुवे बोली।
राजेश _दी क्या टाइम हु़वा है।
प्रिया _सुबह के चार बज चुके हैं। काम वाली 6बजे आ जाती हैं। उसके आने के पहले अपनी घोड़े की प्यास बुझा लो नही तो बाद में न कहना दीदी ने ख्याल न रखा। ऐसा कहकर प्रिया फिर से लंड चुसने लगी।
राजेश _दी रूको अभी मुझे मूत आई है।
प्रिया _अच्छा चलो फिर बाथरूम में आज मैं तुम्हे मूत कराती हूं। जब तू छोटा था तो एक बार मूत कराई थी। आज फिर मौका मिला है।
राजेश_सच दीदी।
राजेश और बेड से उठ कर बैठ गया और प्रिया को अपनी गोद में बिठा लिया।
पहले अपनी दी को प्यार तो कर लू।
राजेश ने प्रिया की चुकी को ब्लाउज के ऊपर से ही मसलने एवम उसके गर्दन को चूमने लगा।
फिर प्रिया ने स्वयं अपनी ब्लाउज उतार फेकी।
राजेश ने चूची को मुंह में भरकर जी भर कर चूसा।
राजेश का लंड पेसाब से टनटना भी रहा था और उत्तेजित भी हो गया था।
उसे समझ नहीं आ रहा था की पहले चूदाई करे की पेशाब करे।
प्रिया _अरे तुम्हे पेशाब लगी थी न।
चलो करा देती हूं।
राजेश _ठीक है दी।
राजेश का लंड पकड़कर प्रिया उसे बाथरूम में ले गया और वहां जाकर राजेश के लंड को मूठ मारने लगा।
लंड उत्तेजित था तो मूत निकल नही पा रहा था।
प्रिया _अरे मूतो न राजेश ने प्रिया को एक हाथ से खींचकर अपने से सटा लिया और उसके बोबे दबाने लगा।
प्रिया मूठ मार रही थी।
राजेश के कोशिश करने पर मूत रुक रुक कर बाहर आने लगा जैसे लंड से वीर्य निकल रहा हो।
काफी देर तक इस प्रकार राजेश मुत्ता रहा। उसे प्रिया के हाथ से मूतने में एक अलग ही मजा मिल रहा था।
लंड से पूरा मूत बाहर आने के बाद लंड और तनकर लोहे जैसा सख़्त हो गया।
अब वे दोनो बेड पर आ गए।
प्रिया अपना पेटिकोट उतार कर पूरी नंगी हो गई और राजेश के लंड पर वह क्रीम अच्छे से मलने लगी।
फिर स्वयं बेड को थाम कर झुक गई।
प्रिया _अब देख क्या रहा है भर दे क्रीम मेरी गाड़ पे और उंगली डालकर अच्छे से लगा।
राजेश ने उंगली पर क्रीम लेकर प्रिया की गाड़ के छेड़ में उंगली डाल कर क्रीम को भर दिया।
फिर दो उंगली डालकर गाड़ में अंदर बाहर करने लगा।
प्रिया _अब डाल दे अपना घोड़ा मेरी गाड़ में।
राजेश ने अपना लंड का टोपा गाड़ के छेड़ पर रख कर दबाव डालना शुरु किया।
लंड अंदर जा नही पा रहा था।
राजेश _दी लंड तो अंदर ही नही जा पा रहा।
प्रिया _पहले अच्छे से उंगली चला ले।
राजेश ने पहले एक फिर दो फिर टीन उंगली डालकर कर गाड़ के छेड़ का बड़ा करने का कुछ समय तक कोशिश किया।
फिट लंड का टोपा गाड़ के मुख में रखकर जोर का दबाव डाला लंड का टोपा गाड़ में घुस गया।
प्रिया के मुंह से दर्द से कराहने की आवाज निकल पड़ी।
अब राजेश हल्का हल्का दबाव बनाता huwa लंड को गाड़ में ठेलने की कोशिश जारी रखा। लंड हर प्रयास में कुछ गाड़ के अंदर सरक जाता।
कुछ देर के प्रयास से लंड बुर में आधा घूस गया।
प्रिया की गाड़ में दर्द हो रहा था। इतना मोटा लण्ङ उसके गाड़ में पहली बार जा रहा था।
राजेश प्रिया की चूची को मसल मसल कर उसके पीठ को चूमता रहा।
फिर राजेश ने लंड को हल्का हल्का अंदर बाहर करना शुरू किया।
प्रिया दर्द से कराहने लगी।
राजेश_दी दर्द हो रहा है तो निकाल दू क्या?
प्रिया _नही re निकालना मत तू मेरी परवाह मत कर, लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर।
राजेश ने प्रिया के गाड़ में लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया। प्रिया कराह रही थी।
राजेश ने बीना परवाह किए लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया। लंड गाड़ के अंदर अपनी जगह बनाने लगा। और आधे से ज्यादा लंड गाड़ में घूस चुका था।
प्रिया को भी दर्द से कुछ राहत मिलने लगी।
तभी राजेश ने अपना लंड गाड़ से बाहर निकाल लिया और क्रीम को गाड़ और लंड में अच्छे से लगाकर फिर से लंड को गाड़में पेल दिया।
चिकनाहट बड़ने से अब लंड गाड़ में आसानी से सरक कर अंदर बाहर होने लगा।
प्रिया को भी दर्द से राहत मिलने लगी। इधर राजेश ने अपना गति बड़ाने लगा।
अब लंड गाड़ में अपने लिए पूरी जगह बना ली थी। प्रिया की गाड़ लंड के हिसाब से पूरी तरह फैल गई थी।
अब राजेश लंड को गाड़ में आसानी से अंदर बाहर करने लगा। राजेश और प्रिया अब दोनो को मजा आने लगा।
प्रिया _कैसा लग रहा है re।
राजेश _दी गाड़ मारने में तो एक अलग ही मजा आ रहा है। कितना कसा कसा अंदर बाहर आ जा रहा है।
दी अब तुम्हे दर्द तो नहीं हो रहा।
प्रिया _न, अब तो मुझे भी मज़ा आ रहा है, थोडा और तेज कर।
राजेश अब तेज गति से गाड़ मारने लगा।
राजेश ने कुछ देर गाड़ मारने के बाद लगा की अगर लगातार गाड़ मारता रहा तो वह जल्दी झड़ जायेगा। वह अभी जल्दी झड़ना नही चाहता था।
लंड गाड़ से निकाल कर बुर में डाल दियाऔर कुछ राहत का सांस लिया।
फिर कुछ देर तक दनादन बुर की चूदाई करने लगा। लंड बुर के पानी से और चिकना हो गया।
इधर प्रिया के मुंह से कामुक सिसकारी निकलने लगी।
राजेश बुर से लंड निकलकर गाड़ में डाल दिया और गाड़ मारने लगा। इस तरह वह कभी बुर तो कभी गाड़ी बड़ी बारी से मारने लगा। प्रिया को ऐसा मज़ा पहले कभी नहीं आया। वह एक बार फिर से झड़ गई।
राजेश ने उसकी बुर को चाटना शुरू किया कुछ देर बुर चाटने से प्रिया फिर गर्म हो गई।
राजेश अब लंड को गाड़ से बाहर निकाल कर बेड पर जाकर लेट गया।
उसका लंड अभी भी झटके मार रहा था।
उसने प्रिया को अपने लंड पर बैठने का इशारा किया।
प्रिया लंड के उपर खड़ी हो गई और नीचे झुककर उसे अपने बुर के छेद में रखकर कर बैठ गई।
फिर लंड पर उछल उछल कर चुदने लगी।
कुछ देर बाद वह बुर से लंड निकाल कर गाड़ के छेड़ में रख कर लंड गाड़ के अंदर घुसा दी और उछल उछल कर मादक सिसकारी निकालते हुए चुदने लगी।
कभी बुर तो कभी गाड़ में लंड डालकर उछल उछल कर चुदने लगी। अब राजेश को अपने को रोक पाना मुस्कील हो गया।
वह प्रिया को पेट के लिटा दिया और खुद उपर आ गया।
उसकी गाड़ पे लंड डालकर अब जोर जोर से चोदना शुरू किया। वह झड़ना चाहता था। इसलिए लगातार गाड़ चोदता रहा फिर जोर जोर से आह दी आह आ दी,, ईई ,,,,,,
करके गाड़ में ही झड़ गया।
Awesome updateराजेश प्रिया का घर पहुंचा। घर के बरामदे में समीर अपने दोस्ती के साथ बैठा था।
पिंकी कुछ बच्चो के साथ पिचकारी से एक दूसरे पे रंग डाल रही थी।
राजेश को देखते ही पिंकी उसके ओर दौड़ी।
पिंकी _मामू, हैप्पी होली।
और राजेश के ऊपर पिचकारी से रंग डालने लगी।
राजेश _हैप्पी होली, मेरी प्यारी भांजी।
राजेश ने पिंकी के गालों पर रंग मलते हुए कहा।
उसके बाद राजेश समीर के पास गया, जहां कुछ लोग साथ बैठे थे ।
समीर _आओ साले साहब।
राजेश _हैप्पी होली जीजा जी।
राजेश ने समीर को गुलाल लगाकर कर आशीर्वाद लिया।
समीर _हैप्पी होली जवान।
समीर ने राजेश को रंग लगा कर गले से लगाया।
समीर ने अपने दोस्तो से राजेश का परिचय कराया।
समीर _ये मेरा साला है राजेश।
वेरी इंटेलीजेंट बॉय।
आई ए एस बनना चाहता है।
राजेश ने सभी का अभिवादन किया।
इधर पिंकी ने प्रिया को जो कीचन में थी, को बता दिया की मामू आया आया है।
प्रिया ने पिंकी को अपने मामा को बुलाने कहा।
पिंकी राजेश के पास आकर।
पिंकी _मामू आपको मम्मी अंदर बुला रही है।
समीर _जाओ भई, तुम्हारी दीदी बुला रही है, अच्छे से रंग लगाना अपनी दीदी को।
सभी हसने लगे।
राजेश अंदर गया, वह कीचन में जाकर देखा।
प्रिया कीचन में कुछ बना रही थी।
एक नौकरानी भी थी।
हैप्पी होली दी।
प्रिया _अरे तू आ गया। मुझे तो लगा की तू नही आयेगा।
राजेश _ऐसा क्यू दी?
प्रिया _मुझे लगा की तू अपने दोस्तो के साथ होली खेल रहा होगा कहा अपनी दी को याद करेगा।
राजेश _दी, कैसे भुल सकता हूं आपको।
तभी प्रिया ने प्लेट पे नाश्ता लगा कर नौकरानी को समीर और उसके दोस्तो को देने भेज दिया।
अब कीचन में सिर्फ प्रिया और राजेश ही थे।
राजेश ने प्रिया को पीछे से बाहों मे भर कर उसकी गालों पर रंग मलने लगा।
प्रिया _रहने दे, अभी दी की याद आई। कहा थे अब तक।
राजेश _ओ निशा के घर गया था।
प्रिया _मुझे पता था, तू वही गया होगा।
निशा को अच्छे से रंग लगाया की नही।
राजेश _हां, लगाया।
प्रिया _कहा तक आगे बडा तुम्हारा प्रेम कहानी।
राजेश _दी ऐसा कुछ नहीं है।
प्रिया _, क्यू झूठ बोलता है।
खा मेरी कसम की तू उससे प्यार नही करता।
राजेश _पता नही दी, पर मुझे नही लगता कि मैं निशा से इस मामले में कुछ कह पाऊंगा।
और मुझे लगता नही की निशा मुझसे प्यार करती है।
प्रिया _अरे बुद्धु, वह भले ही तुमसे अपनी प्यार का इजहार नही कर रही। लेकिन मुझे पता है वह तुमसे बेंतहा प्यार करती है।
पर एक बात मुझे समझ नहीं आ रही कि वो तुमसे इजहार क्यू नही कर रही। पता नही वह किस उलझन में है।
राजेश _दी, वह एक सुलझी हुई लड़की है, जो भी फैसला लेगी सोच समझकर ही लेगीऔर
मुझमें इतनी हिम्मत नही कि उसे मै अपनी दिल की बात बोल सकू।
वैसे आज आप बहुत खुबसूरत और हॉट लग रही हो, राजेश ने प्रिया की ओंठ को चूमते हुवे कहा।
प्रिया _अच्छा, तुम्हारा इरादा कुछ नेक नही लग रहा।
अब छोड़ो नौकरानी, आनी वाली है।
राजेश ने प्रिया को छोड़ दिया।
नौकरानी भी कीचन में आ गई।
राजेश _अच्छा दी अब मैं चलता हूं।
प्रिया _इतनी जल्दी, अभी तो आए हो।
राजेश _दी, रीता मैम के यहां होली पार्टी रखी है तो पूरे सबको वहा आमंत्रित की है, वही निकलना।
आपको तो पता ही है, रोहन और स्वीटी की शादी की बाते चल रही है। ऐसे में मां कह रही थी की हमे जाना पड़ेगा नही तो वे नाराज हो जायेंगे।
प्रिया _ओह ये बात है।
पर कुछ खा तो लो, फिर चले जाना। भई हमारे साथ तो अभी होली खेले ही नहीं, हमने तो तुमको रंग लगाया ही नही।
राजेश _तो लगा दो न रंग।
प्रिया _यहां कीचन में पुरा रंग रंग हो जायेगा।
चलो बाहर चलते हैं।
प्रिया ने नौकरानी को कीचन का काम समझा कर कीचन के बाहर आ गया।
दोनो हाल में थे।
तभी समीर अंदर आया।
समीर _यार प्रिया मै दोस्तो के साथ, अन्य दोस्तो के घर जा रहा हूं। कुछ समय लगेगा आने में।
प्रिया _ठीक है जी।
समीर _साले सब लगता है अपनी दीदी को ठीक से रंग नही लगाए। पता ही नहीं चल रहा है। अच्छे से होली खेलो अपनी बहन और भांजीके साथ
मै आता हूं।
राजेश _ ठीक है जीजू।
समीर वहा से चला गया।
प्रिया _राजेश, तुमने सुना नही, तुम्हारे जीजू ने तुमसे क्या कहा, तुमने अपनी बहन को ठीक से रंग ही नहीं लगाया।
चलो अच्छे से रंग लगाना।
ठीक है दी,
राजेश ने रंग हाथो में लेकर प्रिया की ओर आगे बडा।
प्रिया _अरे रुको, कमरा पे रंग फैल जायेगा।
चलो ऊपर छत पर चलते हैं।
वहा अच्छे से लगा देना।
राजेश और प्रिया दोनो छत पर चले गए। साथ में रंग ले गए।
ऊपर छत पहुंचने के बाद देखा, उन दोनो को देखने वाले कोई नहीं था।
राजेश हाथो में रंग लेकर प्रिया को लगाने आगे बडा, पर प्रिया उसे जीभ दिखाते हुए भागने लगीं।
राजेश उसके पीछे पीछे भागने लगा।
तभी प्रिया की साड़ी की पल्लू राजेश के हाथो में आ गया।
राजेश ने पल्लू पकड़ कर अपनी ओर खींचा।
प्रिया पल्लू छुड़ाने की कोशिश करने लगी। और जीभ निकाल कर चिढ़ाने लगीं।
तभी राजेश ने पल्लू को जोर से खींचा।
प्रिया गोल गोल घूमने लगीं उसकी साड़ी राजेश के हाथो में आ गया।
होल गोल घूमते हुवे प्रिया गिरने को हुई तो राजेश ने उसे पकड़ लिया। प्रिया राजेश की बाहों मे झूल गई।
वे एक दूसरे के आंखो में देखने लगे।
प्रिया शर्मा गई।
वह राजेश से दूर हो है।
वह सिर्फ पेटीकोट और ब्लाऊज़ में थी।
राजेश की नजर प्रिया की बडी बडी सुडौल चुचियों पर गया जो ब्लाउज से बाहर निकलने को बेताब थे।
अपनी चुचियों को घूरते देख प्रिया लजाते हुवे अपनी चुचियों को हाथी से छिपाते हुए खड़ी हो गई।
तभी राजेश आगे बड़ा अपने हाथी में गुलाल ले रखा था। राजेश को अपनी ओर आता देख प्रिया की सांस तेज होने लगी।
राजेश प्रिया के पास गया, नीचे बैठ कर उसकी नाभी को चूमा प्रिया सिसक उठी। फिर राजेश प्रिया की पूरा पेट चूमने चाटने लगा।
प्रिया राजेश की सिर को पकड़ लिया। उसकी मुख से मादक सिसकारी निकलने लगी।
राजेश ने पूरे पेट में गुलाल मल दिया।
फिर राजेश खड़ा होकर उसकी ब्लाउज का बटन पर कर चूची को आजाद कर दिया। और उसे जी भर कर मसला और चूसा।
प्रिया की बुर पानी छोड़ने लगा। वह बहुत अधिक उत्तेजित हो गई।
इसकी मूख से लगातार मादक सिसकारी निकलने लगी।
उसके बाद राजेश ने उसकी चूचियों पर भाई रंग मल दिया।
और कहा हैप्पी होली दीदी।
राजेश _दी अब तो मैंने रंग अच्छे से लगा दिया न अब चले।
प्रिया ने राजेश के हाथ पकड़ लिया।
राजेश _क्या huwa दी?
प्रिया _गुलाल लगाकर होली खेलने में क्या मज़ा? अपनी पिचकारी से रंग डालो तब होली खेलने का मजा आए।
राजेश , प्रिया की बात सुनकर उसके पास गया और उसकी ओंठ को अपने मुंह में भरकर चुसने लगा।
प्रिया भी सहयोग करने लगी।
कुछ देर बाद राजेश ने कहा।
दी पिचकारी चलाऊ इसके पहले इसमें रंग तो भर दो।
राजेश ने अपना पेंट का चैन खीच कर अपना land बाहर निकाल दिया।
प्रिया नीचे बैठ गई।
और राजेश का land मुंह में भर कर चूसने लगी।
जिससे राजेश का पिचकारी खूब लंबा मोटा और शख्त हो गया।
राजेश _दी अब पिचकारी में रंग भर गया। अब इसे चलाने दो।
राजेश ने प्रिया की पेटी कोट का नाड़ा खोल दिया। पेटीकोट नीचे गिर गया। उसकी पेंटी भी निचे गिर गया।
प्रिया का पेट फूला huwa था वह राजेश और सुनीता के बच्ची की मां बनने वाली थी।
प्रिया ने राजेश की बुर को खुब चूसा।
प्रिया बहुत अधिक उत्तेजित हो कर बोली,,
राजेश, अब बर्दास्त नही हो रहा डाल दो अपनी पिचकारी को मेरी बुर पे
छत पर पानी की टंकी थी , जिसे पकड़ का प्रिया झुक गई।
राजेश पीछे गया और अपना land का सुपाड़ा उसकी बुर के छेद पे रख कर एक जोर का धक्का मारा।
Land एक ही झटके में सरसराता huwa अदंर घुस गया।
प्रिया ने राहत की सांस ली ।
क्यों की उसकी बुर land मांग रही थी।
कुछ देर राजेश प्रिया को चूमा उसकी चूची मसला।
प्रिया बोली,,
राजेश _अब अपना पिचकारी चलाओ, मै नही रह सकती।
राजेश ने प्रिया को गच गच चोदना शुरु कर दिया।
प्रिया तो जन्नत में पहुंच गई।
आह मां उन आई आह, राजेश बहुत मजा आ रहा है,, आह और जोर जोर से चोदो,, आह मां,,,
राजेश प्रिया की बुर को दनादन चोदने लगा।
Land बुर में गप गप अंदर बाहर हो रहा था।
राजेश को भी संभोग का अपार सुख प्राप्त होने लगा।
कुछ देर तक इसी पोजीशन में प्रिया को जमकर पेलने के बाद अपना पिचकारी प्रिया की बुर से बाहर निकाल कर छत पर पीठ के बल लेट गया।
प्रिया उसके land Ko अपने हाथो से पकड़ कर अपनी बुर के छेद में रख कर बैठ गई।land boor में समा गया।
अब प्रिया राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
कुछ देर में ही फिर से वह स्वर्ग की सैर करने लगीं उसके मुंह मादक सिसकारी निकल रही थीं।
प्रिया को राजेश से chudwaane में इतना मजा आ रहा था कि वह खुद को ज्यादा देर तक रोक न सकी। और चीखते हुए झडने लगी।
वह राजेश के ऊपर ढेर हो गई।
राजेश ने उसे अपनी बाहों मे भर लिया।
कुछ देर बाद प्रिया होश में आई। वह राजेश के land से उठी।
फुच की आवाज़ करता लन्ड बुर से बाहर निकला, जो अभी भी तना हुआ खड़ा था। प्रिया की बुर के पानी से चमक रहा था।
प्रिया उसके land Ko देखकर मुस्कुराने लगीं।
राजेश _दी 10बजने वाला है मां वेट कर रही होगी। मुझे जाना होगा।
प्रिया _ठीक है।
और थैंक्स, प्रिया ने राजेश की माथे को चूम कर कहा?
राजेश _दी किसलिए
प्रिया _होली को यादगार बनाने के लिए।
राजेश _दी आपकी सेवा के लिए तो आपकाभाई हमेशा तैयार रहेगा।
प्रिया अपनी कपड़ा पहनने लगीं।
दोनो कपड़ा ठीक कर लेने के बाद छत से नीचे आ गए।
राजेश घर से बाहर आया, प्रिया उसे छोड़ने आई।
प्रिया ने हाथ हिलाकर बाई कहा।
राजेश अपना बाइक लेकर घर चला गया।
घर पहुंचा तो स्वीटी, सुनीता और शेखर तीनो रीता के घर जाने को तैयार हो चूके थे, राजेश के आने का ही इन्तजार कर रहे थे।
जब राजेश घर पहुंचा वह फ्रेस huwa, कपड़ा चेंज किया फिर चारो कार से रीता के घर के लिए निकल पड़े।
इधर रीता के घर में होली पार्टी की सारी तैयारी हो चुकी थीं।
गार्डन में एक तरफ गुलाल, रंगो की टंकी पिचकारी। तो दूसरी तरफ खाने पीने की चीजेनाचनेगाने के लिए डीजे,आदि की व्यवस्था किया था।
रीता जब अपनी रूम से तैयार होकर बाहर निकली। तो रोहन देखता रह गया।
रीता बहुत ही खुबसूरत और हॉट लग रही थीं । उसकी बडी बडी चूचियां उसकी ब्लाउज से बाहर आने बेताब थे।
ब्लाउज पीछे से पूरा खुला था।
साड़ी नाभी से काफी नीचे बांधी थी।
सपाट पेट पे नाभी, कहर ढा रहा था।
अपनी मां की हॉट लुक देखकर रोहन का शरीर में रक्त संचार बड़ गया।
वह अपनी मां से डरता था।
लेकिन आज मौका था, अपनी मां को रंग लगाने के बहाने छूने का इसलिए उसने हिम्मत दिखाते हुए रीता को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया।
और उसकी गालों में रंग मल दिया।
हैप्पी होली मॉम।
रीता चौंकी।
इस तरह से उसे उसका पति भी गुलाल नही लगा सकता था।
कही रीता बुरा न मान जाए।
जब रीता ने देखा की रोहन है, तो
रीता _हैप्पी होली बेटा।
आज अपनी मां पर बडा प्यार आ रहा है।
रोहन _आज आप सच में बहुत खुबसूरत लग रही हो।
रीता की बदन से आ रही खुशबू सूंघ कर वह मदहोश सा हो गया।
वह अपनी मॉम की बदन से पहली बार इस तरह चिपका था।
रीता की बदन की गर्मी से रोहन का land हरकत में आ गया वह तन गया।
रोहन ने झट से अपनी क़मर रीता की गाड़ से हटाया कही उसकी मॉम को उसका खड़ा land पता न चल जाए।
रीता _बेटा अब छोड़ो, कितने देर तक चिपका रहेगा। चलो अब मेहमान के आने का समय हो गया है।
रोहन _ठीक है मॉम।
रोहन रीता को छोड़ दिया।
रीता वहा से चली गईं।
इधर रोहन के land तन गया था। वह कीचन में गया और खुबसूरत नौकरानी के कानो में कहा,,
मेरे रूम में आओ।
रोहन अपने रूम में जाकर नौकरानी की आने का इंतजार करने लगा।
कुछ देर बाद जब वह कमरे मे आई।
रोहन ने उसकी बालो को पकड़ कर खींचा।
शाली इतनी देर क्यों लगा दी।
नौकरानी _रोहन बाबा दर्द हो रहा है छोड़ो न।
शाली रण्डी, अभी तो खुब दर्द होगा तुझे।
चल चूस शाली।
रोहन ने नौकरानी की बाल पकड़ कर अपने land पर झुका दिया।
नौक्रानी रोहन का land मुंह में भर कर चूसने लगी।
रोहन _आह, मेरी जान ठीक से चूस, आह हा ऐसे ही बहुत मजा आ रहा है।
नौकरानी_रोहन बाबा, आज बड़े जोश में लग रहे हो लगता है मालकिन की मस्त गाड़ देखकर आज फिर गर्म हो गए।
रोहन _हा शाली, आज मॉम बहुत हॉट लग रही है। देखते ही land खड़ा हो गया।
हाय क्या मस्त मॉल है मॉम?
तभी रोहन ने अपना land नौकरानी के मुंह से निकाल कर उसे घोड़ी बना कर उसकी बुर में डाल दिया। और जोर जोर से धक्के मारने लगा।
नौकरानी चीखने लगी।
आह रोहन बाबा, धीरे,, आह दर्द हो रहा है,, जरा धीरे,,, मै कही भागी नही जा रही।
रोहन _चुप शाली, मै तो ऐसे ही चोदूंगा।
रोहन अपनी मॉम की बुर को इमेज कर,gach gach नौकरानी की बुर चोदने लगा।
आह क्यामस्त खुशबू है मॉम की बदन की,,, एक बार उसकी बुर देखने और मारने को मिल जाए तो मजा आ जाए।
ले साली ले एल ओर ले,,,
रोहन, नौकरानी की बुर जोर जोर से चोदने लगा।
नौकरानी _आह बहुत मजा आ रहा है, रोहन बाबा, इसे मालकिन की बुर समझकर चोद, तुम्हे भी बडा मजा आएगा।
रोहन _जोर जोर से पेलने लगा। ऐसा महसूस करने लगा की वह नौकरानी की नही बल्कि अपनी मॉम की बुर पेल रहा हो।
इधर राजेश अपनी मां पापा और स्वीटी के साथ रीता के घर पहुंच गया था।
राजेश ने देखा गार्डन पे सारी तैयारियां की जा चुकी है।
वे वही पर रखे अपने कुर्सी पर बैठ गए।
रीता संजय वहा पहुंचे।
सुनीता _, नमस्ते रीता जी।
रीता _नमस्ते सुनीता जी, नमस्ते भाई साहब।
शेखर _नमस्ते जी।
राजेश _नमस्ते मैम।
सभी एक दूसरे को अभिवादन करने लगें।
रीता _अरे आप लोग यहां क्यों बैठ गए, आप लोग तो हमारे खास मेहमान है ।
इधर शेखर और संजय एक दूसरे से बातचीत करने लगें।
रीता संजय से कहा _सुनो जी आप मेहमानों को देखिए मै सुनीता जी, और स्वीटी को घर दिखा देता हूं। ये लोग पहली बार आए हैं हमारे घर।
संजय _, ठीक है रीता।
संजय और शेखर वही रुक गए।
रीता _अरे राजेश तुम भी चलो घर देख लेना, पहली बार आ रही हो। कितनी बात आमंत्रित किया था तुमको आने के लिए, आए ही नहीं।
अब आए हो तो अंदर चलो।
संजय _हा बेटा जाओ।
राजेश _जी अंकल।
राजेश भी उन लोगो की साथ चला गया।
रीता,सुनीता और राजेश को अपना घर दिखाने लगी।
सुनीता _आपका घर तो काफी बडा और खुबसूरत है।
रीता _, बहुत जल्द अब ये हर स्वीटी की भी हो जाएगी।
क्यू स्वीटी।
स्वीटी _शर्मा गई।
राजेश _मैम, रोहन कही नजर नहीं आ रहा।
रीता _, यही पर तो था।
रीता न एक नौकरानी से कहा।
अरे, बिजली जरा देखा तो रोहन कहा है? उससे कहना की राजेश ओर उसके परिवार वाले आए हैं।
बिजली _जी मालकिन।
इधर रोहन नौकरानी को बेड पर लिटा कर उसकी दोनो टांगो को कंधे पर डाल कर दनादन उसकी बुर चोद रहा था।
के मॉम ले chud अपने बेटे के land से,, ले,,
नौकरानी _आह, उन आह बडा मजा आ रहा है बेटा ओर चोद अपनी मां को,, आह,,,
तभी बिजली ने दरवाजा खटखटाया ।
रोहन _यू शाला कौन आ गया अपनी मां चोदाने।
रोहन चोदना बन्द कर दरवाजा खोलने चला गया।
रोहन _क्या है शाली क्यू दरवाजा खटखटा रही है।
बिजली _मालकिन बोली की राजेश और घर वाले आए है। तुम्हारे बारे में पूछ रहे हैं।
रोहन ला गाड़ फट गया,,
रोहन _, मै अभी आया,,,
रोहन _कमरे के अंदर आया और अपन कपड़ा पहनने लगा।
नौकरानी _क्या huwa बाबा, अभी तो अपनी पिचकारी से रंग डाला ही नहीं और कपडे पहनने लगे।
रोहन _चुप रण्डी शाली, यहा मेरी गाड़ फट गई है और तुम्हे chudai की पड़ी है, कही मै तुम लोगो को चोदता हू ये बात राजेश भईया को पता चल गया न तो स्वीटी से मेरा शादी कैंसल कर देगें।
चल भाग यहां से।
रोहन अपना कपड़ा पहन कर अपना हुलिया ठीक किया फिर अपने कमरे से बाहर आ गया।
राजेश को देखते ही,,
रोहन _अरे राजेश भाई आप कब आए हैप्पी होली भाई।
राजेश ने रोहन को गले लगा लिया।
हैप्पी होली रोहन।
कैसा है? कहा था?
रोहन _भाई मै तो मजे में हूं, बस पार्टी की तैयारी देख रहा था। आप कैसे है?
राजेश _मै भी मजे में हूं यार।
रोहन ने सुनीता का पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
सुनीता _जीता रह बेटा।
रोहन _, हाई स्वीटी कैसी हो?
स्वीटी _मै अच्छी हूं।
रीता _रोहन कहा चला गया था?
रोहन _मॉम, मै काम में लगा था।
रीता _कैसा काम?
रोहन _मॉम मै पिचकारी चला कर देख रहा था ठीक है की नही।
कही पिचकारी काम न करे तो हमारी मजाक न बन जाए।
तभी रोहन को काल आया।
रोहन बात करने लगा।
रीता _किसका फोन था बेटा।
रोहन _मॉम मेरे कालेज के दोस्तो का है वे आ चूके है।
रीता _ठीक है बेटा तुम अपने दोस्तो को देखो।
स्वीटी हमारे कालेज के बहुत से दोस्त आए हैं, चलो तुम भी।
स्वीटी ने सुनीता की ओर देखा।
सुनीता _जाओ बेटी, पर रंग संभल कर खेलना।
रोहन _मां जी आप चिंता न करे स्वीटी मेरी जवाब दारी है।
सुनीता _ठीक है, बेटा वैसे ये तो अब तुम्हारी ही अमानत है। इसकी सुरक्षा तुम्हारी जिम्मेदारी है।
रोहन _जी मां जी,आप चिंता न करे।
रोहन और स्वीटी चले गए।
अब रीता, राजेश और सुनीता ही रह गए।
नौकरानी ने काफी लेकर आई
काफी का कप उठाकर रीता राजेश की ओर देने लगीं। जैसे ही राजेश कप को पकड़ने वाला था रीता ने कप छोड़ दिया। काफी राजेश के शर्ट पर गिर गया।
रीता _ओह आई एम सॉरी राजेश बेटा, मेरा हाथ से कप छूट गया।
राजेश _कोई बात नहीं आंटी।
रीता _एक काम करो, तुम रोहन के कमरे में चलो। उसके पास नई शर्ट होगी वह पहन लेना।
सुनीता _जाओ बेटा।
रीता, राजेश को लेकर रोहन के रूम में चली गई।
जैसे ही वे रूम में पहुंचे रीता ने राजेश को अपनी बाहों मे भर लिया।
रीता _तुम तो ऐसे अनजान बन रहे हो, जैसे हम पहली बार मिल रहे है।
मेरी कितनी बार ले चुके हो सब भुल गए क्या?
सुजाता की आज जरूर लिए होगे।
आज मेरे साथ होली नही खेलेगो।
क्या मै अच्छी नहीं लग रही बोलो।
राजेश _आज तो आप बहुत खुबसूरत और हॉट लग रही हो।
रीता _फिर मेरे साथ होली खेलने का मन नही कर रहा क्या?