सुनीता राजेश की मदद करके वह अपने रूम में वापस आ जाती है
वह अपनी बाथरूम में जाकर नहाने के लिए के लिएपूरी तरह नंगी हो जाती है।
जब वह सावर में नहा रही होती है उसकी आंखें बंद हो जाती है और बेटे के रूम मे हुई घटनाओं को याद करने लगती है ।
वह अपने मन में अपने बेटे के लिंग को याद करके कहती है राजेश का लिंग कितना लंबा और मोटा है उसका लिंग अब नून्नू नहीरहा वह अब लंड बन चुका है।
वह अपने पति से राजेश की लंड की तुलना करने लगती और मन में कहती है राजेश के लंड शेखर के लंड से दोगुना हो गया और काफी मोटा भी है।
यह सोचते सोचते वह गर्म होने लगती है
उसका एक हाथ उसकी चुत पर चली जाती है दुसरे हाथ से अपने स्तन को मसलने लगती हैं ।
वह हाथ से अपने चूत को सहलाने लगती है ।
अपने बेटे के लंड को याद करते हुए वह गर्म होने लगती है ।
वह अपने हाथ से अपनी चूत को रगड़ने लगती है ।
अपने एक हाथ से अपने चूची के जोर जोर से मसलने लगती है ।
उसकी सांसे भारी हो चुकी होती है ।
वह अपनी चूत पर रगड़ बढा देती है। चूत को रगढते समय उसकी उंगली अचानक से उसके चूत की भग्नासा से टकरा है जाती है।
उंगली उसके भग्नासा से टकराने के कारण उसे चरम आनंद की अनुभूति होती है।
उसकी सांसे तेज होने लगती है वह जोर जोर से सांस लेने लगती है ।
सुनिता अपनी उंगली से अपनी चूत की भग्नासा को रगड़ने लगती है ।
उसकी सांसे धौकनी की तरह चलने लगती है।
उसकी चूचियां फूलने और पिचकने लगती है ।
अब उसेक् बर्दाश्त से बाहर होने लगता है ।
वह लंबी लंबी सासे लेने लगी। उसके शरीर कांपने लगी।
वह ह चरम सुख की अनुभुति मेअपने पैरों को आपस में रगड़ने लगी ।
अपने होठों को दांतो से चबाने लगी धीरे-धीरे अपने चरम की ओर बढ़ रही थी ।ऐसा चरम सुख का अहसास उसे पहले कभी नहीं हुआ था।
वह अपने चुत की भग्नासा को तेजी से रगडे जा रही थी
उसकी उंगलियां चूत के रस से पूरी तरह भीग चुकी थी।
सुनीता के चुत से रस निकलकर उसकी जांघों में बहने लगी ।
वह ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी उसके पैर आनंद की अनुभूति के कारण थरथरा रहे थे।
वह काम विहिल होकर अपने हाथों की उंगलियों को को अपनी चूत के अंदर डालकर तेजी से अंदर बाहर करने लगी
उंगलियों की रफ्तार उसके चूत के अंदर समय के साथ बढ़ने लगी और कुछ ही पल के बाद उसके मुख से आह आह मम्मी की आवाज निकलने के साथ ही वह खड़े-खड़े झड़ने लगती है।
झड़ने के कुछ समय बाद उसे होश आता हैऔर अपने आप में बहुत ही शर्मिंदा महसूस करने लगती है।
वह सोचने लगती है कि यह मैंने क्या कर डाली अपने
बेटे के लंड को याद करते हुए मैं झड़ गई ।
यह मैं क्या कर बैठी वह आत्मग्लानि महसूस करने लगती है ।
वह भगवान से क्षमा मांगने लगती है हेभगवान मुझसे बहुत बड़ीपापहो गई ।मुझे क्षमा कर दो
उसे नॉर्मल होने में कुछ समय लगता है।
नहाने के बाद वह पूजा करके अपने रोज के काम में लग जाती है।
Thanks