आपने लोगों ने पढ़ा राजेश का आज कालेज में मन नहीं लगा तो वह भगत के साथ उसके घर चला गया वहां भगत ने अपनी और चंदा की मिलन की कहानी राजेश को सुनाने लगा और राजेश को पता चला की चंदा का पति चंदन अपनी ही मां के साथ रिलेशनशिप मेंहै, चूंकि राजेशभी अपनी जिंदगी में इसी परिस्थितिसे गुजर रहा था। अतः वह यह जानने उत्सुक था की वह अकेला तो नही जो यह पाप कर डाला है। जब राजेश को भगत ने बताया की चंदा का पति चंदन और उसकी मां कमला के बीच भी नाजायज संबंध है। तो वह यह जानने को उत्सुक था कि आखिर चन्दन और उसकी मां के बीच शारिरिक संबंध बने कैसे?
राजेश का अंतर मन यह निर्णय नहीं कर पा रहा था कि कल रात उसके और उसके मां के बीच जो huwa वह अच्छा huwa की बहुत गलत। उसकी मां सुनिता ने तो कलरात जो भी huwa उसके लिए सारा दोष उसी पर लगा दिया था। इसलिए वह काफ़ी दुखी था और उसे लगने लगा था की उसने सचमुच बहुत बडी गलती कर दी है। वह चाहता तो अपने मां के साथ हुए घटना को रोक सकता था। और वह स्वयं को दोषी स्वीकार लिया था।
पर कमला और चंदन की कहानी से उसके मन को थोड़ा सकून मिलने लगा था कि ऐसा पाप करने वाला वह अकेला नहीं है दुनिया में और भी है।
इधर कालेज में जब सुमन क्लास लेने पहुंची तो उसकी आंखे राजेश को ढूंढने लगी। उसने देखा राजेश क्लास में है नही। उसने राजेश को कॉल किया। राजेश ने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया था।
सुमन ने जब देखा की राजेश का मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा है। उसके मन में कई प्रश्न उठने लगे। राजेश कहा होगा?
उससे रहा न गया उसने सुनिता को कॉल की, सुनिता ने कॉल रिसीव कि,
सुमन_ चरणस्पर्श मां जी,
सुनिता _जीते रहो, पुत्र वती भव बहु।
सुमन_आज राजेश कालेज नही आया क्या?
सुनिता _ राजेश तो कालेज गया है सुमन। क्या वो कालेज में नही है?
सुमन_ नही मां जी, वह क्लास में नही है। उसका मोबाइल भी स्वीच ऑफ बता रहा।
सुनिता मन में सोचने लगी कि कल रात की घटना के बाद शायद राजेश भी नार्मल नही होगा, हो सकता है उसका कालेज में मन न लगा हो और चला गया हो।
सुनिता _सुमन क्या? भगत वहा है?
सुमन _नही मां जी वह भी क्लास में नही है।
सुनिता _देखो सुमन तुम चिंता न करो वह भगत के santh कही गया होगा।
सुमन _वो तो ठीक है मां जी पर उसे मोबाइल बंद करके नही रखना था।
सुनिता _तुम्हारा कहना भी सही है, पर तुम चिंता मत करो।
सुमन _मां जी घर में कल की घटना के बाद कुछ huwa तो नही न, सब सामान्य तो है ना। मेरी और राजेश की शादी फिर जो कुछ huwa उसको लेकर।
सुनिता _नही बहु तुम ख।मोखा परेशान हो रही हो सब नार्मल है। राजेश अपने दोस्तो के साथ कही गया होगा। तुम चिंता न करो।
सुमन _ठीक है मां जी, राजेश का कॉल आए तो मुझे खबर करना।
सुनिता _ठीक है सुमन, मैं तुम्हे खबर करूंगी।
काल रखने के बाद सुनीता सोचने लगी आखिर राजेश गया कहा होगा जरुर कल रात मेरे और उनके बीच,जो घटना huwa है, उसे लेकर परेशान होगा। कही कल की घटना का जिक्र किसी से कर दिया तो।
हे भगवान अगर ऐसा huwa तो अनर्थ हो जायेगा। वैसे तो मुझे उस पर पूरा भरोसा है कि वह ऐसा नहीं करेगा, फिर भी मुझे राजेश से इस सम्बंध में बात करनी होगी? अगर कल रात वाली बात भूलकर भी किसी को पता चल गया तो अनर्थ हो जायेगा।
पर कल रात में हुई घटना के बाद उससे बात करने की हिम्मत अभी मुझमें नहीं है। मै कितनी ग्लानि महसूस कर रही हूं। मै उसका सामना करूंगी कैसे। उससे बात करूंगी कैसे?
फिर सोचने लगी, नही मुझे इस सम्बंध में राजेश से बात करना ही होगा चाहे मै कितनी ही लज्जित महसूस करू। नही तो अनर्थ हो सकता है। जब वह घर आएगा तो मुझे उससे बात करना होगा।
उधर राजेश बेड पर लेटकर सिगरेट का कश लगाते हुए। भगत से कहा, अबे कमला के सुध्धिकरण के बाद क्या huwa आगे बता।
क्या शुद्धिकरण के बाद भी दोनो मां बेटे शारीरिक सम्बंध बनाते रहे?
भगत _भाई असली कहानी तो शुद्धिकरण की बाद शुरू होती है?
कमला ने आगे जो आपबीती भगत को बताया उसे भगत ने राजेश को सुनना फिर से शुरू किया।
भगत ने बताया की सुबह पूजा पाठ कर लेने के बाद। कमला अन्य दिनों की तरह अपने काम में लग गई। पर चंदन दुकान में जब ग्राहक नही होता तोआज सुबह मां के शुद्धिकरण करने में जो मजा उसको मिला था।
वह उसे महसूस करने लगा। वह उस पल को याद करने लगा। जिससे उसका शरीर गर्म हो जाता था और उसके land में तनाव आ जाता था।
न चाहते हुवे भी उस पल को याद करने लगता था कि तरह उसका land उसकी मां की योनि में गपागप आ जा रहा था। और जब उसके लिंग से पानी निकला तो जैसे वह स्वर्ग में पहुंच गया था।
इन बातो को याद कर उसका land land तनकर खड़ा हो जाता था।
उधर कमला सुबह की घटना को याद करके बहुंत शर्मिंदगी महसूस करने लगती थी। वह चंदन के आस पास जाने से बच रही थी। वह यह सोचकर कि कैसे शुद्धिकरण के समय वह भी गर्म हो गई थी और जोश में आकर चंदन का सहयोग करने लगी थी। छी और कैसे न चाहते हुवे भी झड़ गई। इन सब बातो को याद कर वह बहुत हि लज्जित महसूस करने लगी। चंदन न जाने मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा?
सुनिता _कीचन का काम कर रही थी तभी चंपा उसके पास आया और अपने मां से मुस्कुराते हुए बोली।
चम्पा _मां मैने सुबह तुमसे जो करने बोली थी वो की कि नही।
कमला _क्या बोली थी री? मै समझी नहीं।
चंपा _मां के कानो में धीरे से बोली! अपनी झांटों की सफ़ाई,,,,,,,
और वह हसने लगी।
कमला यह सुनकर लज्जित होकर बोली,,,,
चुप बेशरम कही की अपनी मां की मजाक बनाती है।तू सुधरेगी नही अपनी मां से ऐसी बाते करती है।
चंपा _मां मै तो चंदन के भलाई के लिऐ कह रहा था।
कमला _ओ कैसे?
चंपा _मां सोंचो तुम्हारे इतनी घनी और लंबी लम्बी झांटे है सुध्धीकरण करते करते कही चंदन का नुनु कट गया तो, लेने के देने पड़ जायेंगे। मै तो कह रही हूं उसे साफ़ कर लो अभी तो 5दिन और करने है सुध्धिकरण जब तक तुम्हारे गर्भाशय से रक्त स्राव पुरी तरह बंद नहीं हो जाता ।
कमलासोचने लगी चंपा ठीक कह रही है उसे झांटे साफ़ कर लेनी चाहिए।j
झांटे बनाए उसे पता नहीं कितने दिन हो गए थे।
चंपा _मां क्या सोचने लगी, तुम कहो तो मैं तुम्हारी मदद कर दूंगी।
कमला _चुप निर्लज कही की। मां की झांटे झांटे बनाएगी। मै इतनी बेहया नही जो अपनी ही बेटी से अपनी झांटे बनवाऊ। मै खुद बना लूंगी।
चम्पा हसने लगी,,,