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Incest यह क्या हुआ

Ek number

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आपने लोगों ने पढ़ा राजेश का आज कालेज में मन नहीं लगा तो वह भगत के साथ उसके घर चला गया वहां भगत ने अपनी और चंदा की मिलन की कहानी राजेश को सुनाने लगा और राजेश को पता चला की चंदा का पति चंदन अपनी ही मां के साथ रिलेशनशिप मेंहै, चूंकि राजेशभी अपनी जिंदगी में इसी परिस्थितिसे गुजर रहा था। अतः वह यह जानने उत्सुक था की वह अकेला तो नही जो यह पाप कर डाला है। जब राजेश को भगत ने बताया की चंदा का पति चंदन और उसकी मां कमला के बीच भी नाजायज संबंध है। तो वह यह जानने को उत्सुक था कि आखिर चन्दन और उसकी मां के बीच शारिरिक संबंध बने कैसे?

राजेश का अंतर मन यह निर्णय नहीं कर पा रहा था कि कल रात उसके और उसके मां के बीच जो huwa वह अच्छा huwa की बहुत गलत। उसकी मां सुनिता ने तो कलरात जो भी huwa उसके लिए सारा दोष उसी पर लगा दिया था। इसलिए वह काफ़ी दुखी था और उसे लगने लगा था की उसने सचमुच बहुत बडी गलती कर दी है। वह चाहता तो अपने मां के साथ हुए घटना को रोक सकता था। और वह स्वयं को दोषी स्वीकार लिया था।

पर कमला और चंदन की कहानी से उसके मन को थोड़ा सकून मिलने लगा था कि ऐसा पाप करने वाला वह अकेला नहीं है दुनिया में और भी है।

इधर कालेज में जब सुमन क्लास लेने पहुंची तो उसकी आंखे राजेश को ढूंढने लगी। उसने देखा राजेश क्लास में है नही। उसने राजेश को कॉल किया। राजेश ने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया था।

सुमन ने जब देखा की राजेश का मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा है। उसके मन में कई प्रश्न उठने लगे। राजेश कहा होगा?

उससे रहा न गया उसने सुनिता को कॉल की, सुनिता ने कॉल रिसीव कि,

सुमन_ चरणस्पर्श मां जी,

सुनिता _जीते रहो, पुत्र वती भव बहु।

सुमन_आज राजेश कालेज नही आया क्या?

सुनिता _ राजेश तो कालेज गया है सुमन। क्या वो कालेज में नही है?

सुमन_ नही मां जी, वह क्लास में नही है। उसका मोबाइल भी स्वीच ऑफ बता रहा।

सुनिता मन में सोचने लगी कि कल रात की घटना के बाद शायद राजेश भी नार्मल नही होगा, हो सकता है उसका कालेज में मन न लगा हो और चला गया हो।

सुनिता _सुमन क्या? भगत वहा है?

सुमन _नही मां जी वह भी क्लास में नही है।

सुनिता _देखो सुमन तुम चिंता न करो वह भगत के santh कही गया होगा।

सुमन _वो तो ठीक है मां जी पर उसे मोबाइल बंद करके नही रखना था।

सुनिता _तुम्हारा कहना भी सही है, पर तुम चिंता मत करो।

सुमन _मां जी घर में कल की घटना के बाद कुछ huwa तो नही न, सब सामान्य तो है ना। मेरी और राजेश की शादी फिर जो कुछ huwa उसको लेकर।

सुनिता _नही बहु तुम ख।मोखा परेशान हो रही हो सब नार्मल है। राजेश अपने दोस्तो के साथ कही गया होगा। तुम चिंता न करो।

सुमन _ठीक है मां जी, राजेश का कॉल आए तो मुझे खबर करना।

सुनिता _ठीक है सुमन, मैं तुम्हे खबर करूंगी।

काल रखने के बाद सुनीता सोचने लगी आखिर राजेश गया कहा होगा जरुर कल रात मेरे और उनके बीच,जो घटना huwa है, उसे लेकर परेशान होगा। कही कल की घटना का जिक्र किसी से कर दिया तो।

हे भगवान अगर ऐसा huwa तो अनर्थ हो जायेगा। वैसे तो मुझे उस पर पूरा भरोसा है कि वह ऐसा नहीं करेगा, फिर भी मुझे राजेश से इस सम्बंध में बात करनी होगी? अगर कल रात वाली बात भूलकर भी किसी को पता चल गया तो अनर्थ हो जायेगा।

पर कल रात में हुई घटना के बाद उससे बात करने की हिम्मत अभी मुझमें नहीं है। मै कितनी ग्लानि महसूस कर रही हूं। मै उसका सामना करूंगी कैसे। उससे बात करूंगी कैसे?

फिर सोचने लगी, नही मुझे इस सम्बंध में राजेश से बात करना ही होगा चाहे मै कितनी ही लज्जित महसूस करू। नही तो अनर्थ हो सकता है। जब वह घर आएगा तो मुझे उससे बात करना होगा।

उधर राजेश बेड पर लेटकर सिगरेट का कश लगाते हुए। भगत से कहा, अबे कमला के सुध्धिकरण के बाद क्या huwa आगे बता।

क्या शुद्धिकरण के बाद भी दोनो मां बेटे शारीरिक सम्बंध बनाते रहे?

भगत _भाई असली कहानी तो शुद्धिकरण की बाद शुरू होती है?

कमला ने आगे जो आपबीती भगत को बताया उसे भगत ने राजेश को सुनना फिर से शुरू किया।

भगत ने बताया की सुबह पूजा पाठ कर लेने के बाद। कमला अन्य दिनों की तरह अपने काम में लग गई। पर चंदन दुकान में जब ग्राहक नही होता तोआज सुबह मां के शुद्धिकरण करने में जो मजा उसको मिला था।
वह उसे महसूस करने लगा। वह उस पल को याद करने लगा। जिससे उसका शरीर गर्म हो जाता था और उसके land में तनाव आ जाता था।

न चाहते हुवे भी उस पल को याद करने लगता था कि तरह उसका land उसकी मां की योनि में गपागप आ जा रहा था। और जब उसके लिंग से पानी निकला तो जैसे वह स्वर्ग में पहुंच गया था।

इन बातो को याद कर उसका land land तनकर खड़ा हो जाता था।

उधर कमला सुबह की घटना को याद करके बहुंत शर्मिंदगी महसूस करने लगती थी। वह चंदन के आस पास जाने से बच रही थी। वह यह सोचकर कि कैसे शुद्धिकरण के समय वह भी गर्म हो गई थी और जोश में आकर चंदन का सहयोग करने लगी थी। छी और कैसे न चाहते हुवे भी झड़ गई। इन सब बातो को याद कर वह बहुत हि लज्जित महसूस करने लगी। चंदन न जाने मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा?

सुनिता _कीचन का काम कर रही थी तभी चंपा उसके पास आया और अपने मां से मुस्कुराते हुए बोली।

चम्पा _मां मैने सुबह तुमसे जो करने बोली थी वो की कि नही।

कमला _क्या बोली थी री? मै समझी नहीं।

चंपा _मां के कानो में धीरे से बोली! अपनी झांटों की सफ़ाई,,,,,,,
और वह हसने लगी।
कमला यह सुनकर लज्जित होकर बोली,,,,

चुप बेशरम कही की अपनी मां की मजाक बनाती है।तू सुधरेगी नही अपनी मां से ऐसी बाते करती है।

चंपा _मां मै तो चंदन के भलाई के लिऐ कह रहा था।

कमला _ओ कैसे?

चंपा _मां सोंचो तुम्हारे इतनी घनी और लंबी लम्बी झांटे है सुध्धीकरण करते करते कही चंदन का नुनु कट गया तो, लेने के देने पड़ जायेंगे। मै तो कह रही हूं उसे साफ़ कर लो अभी तो 5दिन और करने है सुध्धिकरण जब तक तुम्हारे गर्भाशय से रक्त स्राव पुरी तरह बंद नहीं हो जाता ।

कमलासोचने लगी चंपा ठीक कह रही है उसे झांटे साफ़ कर लेनी चाहिए।j

झांटे बनाए उसे पता नहीं कितने दिन हो गए थे।

चंपा _मां क्या सोचने लगी, तुम कहो तो मैं तुम्हारी मदद कर दूंगी।

कमला _चुप निर्लज कही की। मां की झांटे झांटे बनाएगी। मै इतनी बेहया नही जो अपनी ही बेटी से अपनी झांटे बनवाऊ। मै खुद बना लूंगी।

चम्पा हसने लगी,,,
Behtreen update
 

Sanju@

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आपने लोगों ने पढ़ा राजेश का आज कालेज में मन नहीं लगा तो वह भगत के साथ उसके घर चला गया वहां भगत ने अपनी और चंदा की मिलन की कहानी राजेश को सुनाने लगा और राजेश को पता चला की चंदा का पति चंदन अपनी ही मां के साथ रिलेशनशिप मेंहै, चूंकि राजेशभी अपनी जिंदगी में इसी परिस्थितिसे गुजर रहा था। अतः वह यह जानने उत्सुक था की वह अकेला तो नही जो यह पाप कर डाला है। जब राजेश को भगत ने बताया की चंदा का पति चंदन और उसकी मां कमला के बीच भी नाजायज संबंध है। तो वह यह जानने को उत्सुक था कि आखिर चन्दन और उसकी मां के बीच शारिरिक संबंध बने कैसे?

राजेश का अंतर मन यह निर्णय नहीं कर पा रहा था कि कल रात उसके और उसके मां के बीच जो huwa वह अच्छा huwa की बहुत गलत। उसकी मां सुनिता ने तो कलरात जो भी huwa उसके लिए सारा दोष उसी पर लगा दिया था। इसलिए वह काफ़ी दुखी था और उसे लगने लगा था की उसने सचमुच बहुत बडी गलती कर दी है। वह चाहता तो अपने मां के साथ हुए घटना को रोक सकता था। और वह स्वयं को दोषी स्वीकार लिया था।

पर कमला और चंदन की कहानी से उसके मन को थोड़ा सकून मिलने लगा था कि ऐसा पाप करने वाला वह अकेला नहीं है दुनिया में और भी है।

इधर कालेज में जब सुमन क्लास लेने पहुंची तो उसकी आंखे राजेश को ढूंढने लगी। उसने देखा राजेश क्लास में है नही। उसने राजेश को कॉल किया। राजेश ने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया था।

सुमन ने जब देखा की राजेश का मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा है। उसके मन में कई प्रश्न उठने लगे। राजेश कहा होगा?

उससे रहा न गया उसने सुनिता को कॉल की, सुनिता ने कॉल रिसीव कि,

सुमन_ चरणस्पर्श मां जी,

सुनिता _जीते रहो, पुत्र वती भव बहु।

सुमन_आज राजेश कालेज नही आया क्या?

सुनिता _ राजेश तो कालेज गया है सुमन। क्या वो कालेज में नही है?

सुमन_ नही मां जी, वह क्लास में नही है। उसका मोबाइल भी स्वीच ऑफ बता रहा।

सुनिता मन में सोचने लगी कि कल रात की घटना के बाद शायद राजेश भी नार्मल नही होगा, हो सकता है उसका कालेज में मन न लगा हो और चला गया हो।

सुनिता _सुमन क्या? भगत वहा है?

सुमन _नही मां जी वह भी क्लास में नही है।

सुनिता _देखो सुमन तुम चिंता न करो वह भगत के santh कही गया होगा।

सुमन _वो तो ठीक है मां जी पर उसे मोबाइल बंद करके नही रखना था।

सुनिता _तुम्हारा कहना भी सही है, पर तुम चिंता मत करो।

सुमन _मां जी घर में कल की घटना के बाद कुछ huwa तो नही न, सब सामान्य तो है ना। मेरी और राजेश की शादी फिर जो कुछ huwa उसको लेकर।

सुनिता _नही बहु तुम ख।मोखा परेशान हो रही हो सब नार्मल है। राजेश अपने दोस्तो के साथ कही गया होगा। तुम चिंता न करो।

सुमन _ठीक है मां जी, राजेश का कॉल आए तो मुझे खबर करना।

सुनिता _ठीक है सुमन, मैं तुम्हे खबर करूंगी।

काल रखने के बाद सुनीता सोचने लगी आखिर राजेश गया कहा होगा जरुर कल रात मेरे और उनके बीच,जो घटना huwa है, उसे लेकर परेशान होगा। कही कल की घटना का जिक्र किसी से कर दिया तो।

हे भगवान अगर ऐसा huwa तो अनर्थ हो जायेगा। वैसे तो मुझे उस पर पूरा भरोसा है कि वह ऐसा नहीं करेगा, फिर भी मुझे राजेश से इस सम्बंध में बात करनी होगी? अगर कल रात वाली बात भूलकर भी किसी को पता चल गया तो अनर्थ हो जायेगा।

पर कल रात में हुई घटना के बाद उससे बात करने की हिम्मत अभी मुझमें नहीं है। मै कितनी ग्लानि महसूस कर रही हूं। मै उसका सामना करूंगी कैसे। उससे बात करूंगी कैसे?

फिर सोचने लगी, नही मुझे इस सम्बंध में राजेश से बात करना ही होगा चाहे मै कितनी ही लज्जित महसूस करू। नही तो अनर्थ हो सकता है। जब वह घर आएगा तो मुझे उससे बात करना होगा।

उधर राजेश बेड पर लेटकर सिगरेट का कश लगाते हुए। भगत से कहा, अबे कमला के सुध्धिकरण के बाद क्या huwa आगे बता।

क्या शुद्धिकरण के बाद भी दोनो मां बेटे शारीरिक सम्बंध बनाते रहे?

भगत _भाई असली कहानी तो शुद्धिकरण की बाद शुरू होती है?

कमला ने आगे जो आपबीती भगत को बताया उसे भगत ने राजेश को सुनना फिर से शुरू किया।

भगत ने बताया की सुबह पूजा पाठ कर लेने के बाद। कमला अन्य दिनों की तरह अपने काम में लग गई। पर चंदन दुकान में जब ग्राहक नही होता तोआज सुबह मां के शुद्धिकरण करने में जो मजा उसको मिला था।
वह उसे महसूस करने लगा। वह उस पल को याद करने लगा। जिससे उसका शरीर गर्म हो जाता था और उसके land में तनाव आ जाता था।

न चाहते हुवे भी उस पल को याद करने लगता था कि तरह उसका land उसकी मां की योनि में गपागप आ जा रहा था। और जब उसके लिंग से पानी निकला तो जैसे वह स्वर्ग में पहुंच गया था।

इन बातो को याद कर उसका land land तनकर खड़ा हो जाता था।

उधर कमला सुबह की घटना को याद करके बहुंत शर्मिंदगी महसूस करने लगती थी। वह चंदन के आस पास जाने से बच रही थी। वह यह सोचकर कि कैसे शुद्धिकरण के समय वह भी गर्म हो गई थी और जोश में आकर चंदन का सहयोग करने लगी थी। छी और कैसे न चाहते हुवे भी झड़ गई। इन सब बातो को याद कर वह बहुत हि लज्जित महसूस करने लगी। चंदन न जाने मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा?

सुनिता _कीचन का काम कर रही थी तभी चंपा उसके पास आया और अपने मां से मुस्कुराते हुए बोली।

चम्पा _मां मैने सुबह तुमसे जो करने बोली थी वो की कि नही।

कमला _क्या बोली थी री? मै समझी नहीं।

चंपा _मां के कानो में धीरे से बोली! अपनी झांटों की सफ़ाई,,,,,,,
और वह हसने लगी।
कमला यह सुनकर लज्जित होकर बोली,,,,

चुप बेशरम कही की अपनी मां की मजाक बनाती है।तू सुधरेगी नही अपनी मां से ऐसी बाते करती है।

चंपा _मां मै तो चंदन के भलाई के लिऐ कह रहा था।

कमला _ओ कैसे?

चंपा _मां सोंचो तुम्हारे इतनी घनी और लंबी लम्बी झांटे है सुध्धीकरण करते करते कही चंदन का नुनु कट गया तो, लेने के देने पड़ जायेंगे। मै तो कह रही हूं उसे साफ़ कर लो अभी तो 5दिन और करने है सुध्धिकरण जब तक तुम्हारे गर्भाशय से रक्त स्राव पुरी तरह बंद नहीं हो जाता ।

कमलासोचने लगी चंपा ठीक कह रही है उसे झांटे साफ़ कर लेनी चाहिए।j

झांटे बनाए उसे पता नहीं कितने दिन हो गए थे।

चंपा _मां क्या सोचने लगी, तुम कहो तो मैं तुम्हारी मदद कर दूंगी।

कमला _चुप निर्लज कही की। मां की झांटे झांटे बनाएगी। मै इतनी बेहया नही जो अपनी ही बेटी से अपनी झांटे बनवाऊ। मै खुद बना लूंगी।

चम्पा हसने लगी,,,
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है
 

rajesh bhagat

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रात में जब चंदन दुकान बन्द करने वाला था। तभी कमला दुकान में पहुंची, और दुकान में कुछ ढूंढने लगी। चंदन ने अपने मां से पूछा मां क्या ढूंढ रही हो?

कमला को चंदन के सामने जाने उनसे बात चीत करने में शर्म तो महसूस हो रही थी फिर भी किसी तरह वह चंदन से बोली, बेटा रेजर कहा है? दिख नही रहा।

रेजर शब्द सुनते ही चंदन के शरीर में एक करेंट सा लगा। वह जान रहा था कि उसकी मां रेजर का क्या करेगी? उसके शरीर के नशों में खून का रफ्तार बड़ गया।

वह अपने मां से बोला रेजर वहा पर रखा हैं मां।

चंदन खुद ही रेजर निकालकर अपनी मां को देने लगा। कमला इस समय शर्म से गड़ी जा रही थी वह अपने सिर को नीचे झुका ली थी।

जैसे ही कमला जाने को हुई तो चंदन ने अपने मां से कहा, मां मां बालो की सफाई के लिए आजकल महिलाएं रेजर का उपयोग नहीं करती कई प्रकार की क्रीम आती है जिससे आजकल महिलाएं उपयोग करती है। हमारे गांव की कई महिलाएं दुकान से क्रीम ले जाती है। रेजर से कटने का डर रहता है।

चंदन दूकान से क्रीम निकालकर अपनी मां को देते हुए कहा मां, इसका उपयोग करके देखो एक बार। कमला शर्म से गड़ी जा रही थी। वह किसी तरह चंदन के हाथों से क्रीम ली और तेजी से वहा से वापस चली गईं।
रात मे खाना खा लेने के बाद जब सभी सोने चले गए तब कमला क्रीम लेकर चंपा के रुम में पहुंच गई।

अपनी मां को अपने कमरे मे देखकर चंपा बोली। मां कुछ काम था क्या?

कमला _ कमला शर्माते हुवे बोली।बेटी मुझे कुछ पूछना था।

चंपा _मां मुझसे क्या शर्माना पूछो क्या पूछना है?

कमला _बेटी मै चंदन से ये रेजर लेने गई थी तो उसने मुझे ये क्रीम थमा दिया और बोला की आजकल की महिलाएं क्रीम से बाल साफ़ करती हैं। मैने तो कभी इसका उपयोग किया नहीं इसलिए तुमसे पूछने चली आई की इसका उपयोग कैसे करना है? वह शर्म से पानी पानी हो रही थी।

चम्पा _ ये हुई ना बात। पर चंदन दुकान में ऐसा क्रीम भी रखता है मुझे तो पता ही नहीं था।

कमला _अरे मुझे भी कहा मालूम था की इस क्रीम का उपयोग बाल साफ़ करने के लिए करते हैं मैं तो इसे चेहरे पर लगाने वाला क्रीम समझती थी।

कमला लजाते हुवे बोली।

चंपा _मां इसे उपयोग करना बहुत आसान है।

चंपा ने अपनी मां को अच्छेसे समझा दिया की क्रीम का उपयोग कैसे करना है? और अपने मां से बोली मां तुम लगा लोगी तो मुझे भी देना। और हसने लगी।

कमला _क्यू तू लगा कर किसको दिखाएगी। दामाद जी तो है नही। मुझे तो तुम पर भरोसा नहीं है कही अपने ही भाई से अपना मुंह काला न करा बैठो। कलमुही कही की।

चंपा _ऐसा हो भी सकता है, जब तुम दिखा सकती हो तो मैं क्यू नही। और चंपा हसने लगी।

कमला _छी कितनी बिगड़ गई है तू। अपने छोटे भाई को अपना boor दिखाएगी निर्लज। देखा था सुबह कैसे अपने भाई से अपनी चूची मसलवा रही थी।

चंपा _वो तो मैं तुम्हारी मदद के लिए कर रही थी। चंपा यह बोलकर हसने लगी।

कमला _अब मै जा रही हूं। और तुम भी सुबह जल्दी उठ जाना।

चंपा _क्यू मां अभी भी मेरी जरूरत नहीं है।

कमला _मै तुम्हारी तरह बेशरम नही कि अपने बेटे के रुम में जाकर बोलूं बेटा मेरा सुद्धिकरण का समय हो गया है। तुम उठ जाना सुबह जल्दी।

चम्पा _ठीक है मां।

अगले दिन सुबह कमला जल्दी उठ गई और बाथरूम में जाकर क्रीम से अपने झांटों की सफाई कर ली। अपने चमकते फुली हुई चिकनी chut को देखकर खुद ही शर्मा गई। पता नही चंदन देखने के बाद क्या रिएक्ट करेगा।

उसके बाद वह चम्पा के रुम में गई और उसे उठा कर दोनो चंदन के रुम मे पहुंच गए।

चंदन तो रात भर ठीक से सोया नहीं था उसे बार बार शुद्धिकरण करने में मिलने वाले मजा याद आ रहा था जिससे उसके धोती में land तना हुवा था।

जब कमला और चंपा दोनो रुम में पहुंचीं तो चंदन का दिल का धड़कन बढ़ गया।

चंपा _चंदन को छेड़ते हुवे कहा अरे चंदनतू तो पहलेसे जगा huwa है । लगता है तू रात भर सोया है कि नही मां का शुद्धिकरण करने बडा उतावला लग रहा है। और वह हसने लगी।

चंदन _ शर्माते हुवे,, नही दीदी ऐसी कोई बात नहीं।

चम्पा _हू, मै सब समझती हूं,,,,, और वह हसने लगी।
फिर बोली मां तुम बेड के किनारे लेट जाओ।

कमला बेड के किनारे पीठ के बल लेट गई।

चंपा _अब देख क्या रहा है चंदन, निकाल अपना धोती और लंगोट। चम्पा मुस्कुराते हुए बोली।

चंपा के कहने पर चंदन अपना धोती और लंगोट निकालने लगा। आज चंदन कल जैसा घबराया हुवा नही था। बल्की आज वह पहले से ही बड़े जोश में था यह सोचकर की कल सुबह की तरह आज भी उसे खूब मजा मिलने वाला है। उसका land फूलकर पहले ही लंबा और मोटा हो गया था। जोश के कारण शर्म भी गायब हो गया था वह सीधा धोती और लंगोट निकालकर नंगा हो गया। उसका land हवा में लहराने लगा।

चंपा _हाय दिया, आज तेरा तो पहले से ही खडा है re, मुझे तो आज अपनी दूदू दिखाने की ज़रूरत ही नहीं। देखो तो कैसा हवा में ठुमक रहा है। आज तो तू पहले ही तैयार है। मैने कहा था न कि तू आज मां का शुद्धिकरण करने उतावला लग रहा। चंपा हसने लगी,,,,

चंपा_मां आज चंदन तो पहले से ही तैयार है। चलो अब तुम भी अपनी साड़ी और पेटिकोट ऊपर करके अपनी टांगे चौड़ी करो। चंदन से रहा नहीं जा रहा। और वह हसने लगी,,

कमला _चुप बेशर्म कही की। कुछ भी बोलती है।

कमला अपनी साड़ी और पेटिकोट ऊपर करके अपनी टांगे खोल कर शर्म से अपनी आंखें बंद कर ली।

चम्पा _कमला की चिकनी boor देखकर बोली, हाय दईया, अम्मा तुम्हारी बुरिया तो आज कितनी चिकनी और फुल्ली हुई लग रही है। आज तो चंदन को खूब
मजा आने वाला है शुद्धिकरण में।

कमला शर्म से गड़ी जा रही थी।

इधर चंदन ने अपनी मां की फुली हुई चिकनी chut देखा तोबावरा सा हो गया। उसका land लोहे की रॉड की तरह हो गया। जिसे देखकर चंपा बोली। हाय दईया

देखो तो कैसे बिल को देखकर साप फुपकारी मार रहा है । अब देख क्या रहा है शुरू कर अपना काम।

चंदन अब अपने मां के टांगों के बीच आ गया और अपने land को पकड़कर अपनी मां के boor के छेद में रख दिया।
तभी चंपा ने अपने हाथो के उंगलियों से chut की फांकों को फ़ैला दी और बोली लगा धका।

चंदन ने एक जोर का धक्का boor पे मारा land boor को चीरता हुआ आधा से ज्यादा अंदर चला गया। कमला के मुंह से एक दबी हुई चीख निकल गई।

चंपा मुस्कुराते हुए बोली अब अंदर बाहर कर।

चंदन land को धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू किया।

Land boor में अंदर बाहर होने से कमला धीरे धीरे गर्म होने लगी और उसके boor से पानी निकलने लगी जिससे land चिकना हो गया और पूरा land boor me समा गया।

तभी चंदन ने अपनी दीदी के ब्लाउज की ओर देखा उसके कबूतर आज पिंजरे मे कैद था। वह ब्लाउज के उपर से ही चंपा की चूची को मसलने लगा। चंपा भी गर्म हो गई थी। वह अपने ब्लाउज को खोल कर चूची बाहर निकाल ली।

चंपा की सुडौल दूध से भरे बड़ी बड़ी चूची देखकर चंदन और जोश में आ गया और land को तेजी से chut में अंदर बाहर करने लगा।

चंदन चंपा की चूची को चुसने एवम मसलते हुवे land को कमला के boor me गपागप अन्दर बाहर करने लगा। जिससे कमला को स्वर्गीय आनंद आने लगा और वह अपने हाथो से भगत के क़मर को पकड़कर उसका सहयोग करने लगी।

चंपा भी बहुत गर्म हो गई थी। चंपा भी अपने उंगलियों से साड़ी के उपर से ही अपने boor को रगड़ने लगी।
इधर कमला न चाहते हुवे भी झड़ने की स्थिति में आ गई। वह जन्नत में पहुंच गई थी। इधर चंदन भी पूरे जोश में कमला का chut मारने लगा उसका land कमला के boor ras से पुरी तरह भीग गया था। और फैच फच्च की आवाज़ करता huwa land boor me अंदर बाहर हो रहा था। कमरे में मां बेटी की कामुक सितकारे गूंज रही थी।

कमला से बर्दास्त करना muskil हो गया और वह चंदन को को जकड़ कर झड़ने लगी।

इधर चंदन chudai थोड़ा बन्द कर अपने बहन चंपा के ओंठो को चूसना सुरू कर दिया, चंपा को इसकी उम्मीद नहीं थी अचानक से हुवे इस हमले से वह शर्मा गई। एक हाथ से अपने चूची मसलते हुए। चंदन चंपा की कभी ओंठ तो कभी उसके दुदू चुसने लगा जिससे चंपा का शरीर कपकापने लगा।

चंदन काफ़ी जोश में था अब फिर वह कमला के chut me धीरे धीरे land अंदर बाहर करने लगा। और फिर अपना स्पीड बड़ाने लगा जिससे कमला फिर गर्म होने लगी। अब चंदन पूरे जोश में आकर कमला की chudai करने लगा। कमला फिर जन्नत में पहुंच गई उसका chut se रस बहकर चंदन के अंडकोष से टपकने लगा अब चंदन अपने को रोक पाने में असमर्थ था और वह कमला के दोनो कमर को अपने हाथो से पकड़ कर जोर जोर से चोदने लगा और अपने क़मर से सटाकर आह आह आह कर के कराहते हुवे झरने लगा।

उसके land से वीर्य की लंबी लम्बी पिचकारी निकलकर कमला के गर्भाशय का शुद्धिकरण करने लगा। गर्भाशय पर वीर्य का अहसास पाते ही कमला खुद को न रोक सकी और चंदन को जकड़ कर फिर एक बार झड़ गई इधर चंपा भी झड़ चुकी थी।

हवस का तूफान जाने के बाद तीनों बेड पर लेट कर कुछ समय सुस्ताने लगे।
 

Ek number

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8,577
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रात में जब चंदन दुकान बन्द करने वाला था। तभी कमला दुकान में पहुंची, और दुकान में कुछ ढूंढने लगी। चंदन ने अपने मां से पूछा मां क्या ढूंढ रही हो?

कमला को चंदन के सामने जाने उनसे बात चीत करने में शर्म तो महसूस हो रही थी फिर भी किसी तरह वह चंदन से बोली, बेटा रेजर कहा है? दिख नही रहा।

रेजर शब्द सुनते ही चंदन के शरीर में एक करेंट सा लगा। वह जान रहा था कि उसकी मां रेजर का क्या करेगी? उसके शरीर के नशों में खून का रफ्तार बड़ गया।

वह अपने मां से बोला रेजर वहा पर रखा हैं मां।

चंदन खुद ही रेजर निकालकर अपनी मां को देने लगा। कमला इस समय शर्म से गड़ी जा रही थी वह अपने सिर को नीचे झुका ली थी।

जैसे ही कमला जाने को हुई तो चंदन ने अपने मां से कहा, मां मां बालो की सफाई के लिए आजकल महिलाएं रेजर का उपयोग नहीं करती कई प्रकार की क्रीम आती है जिससे आजकल महिलाएं उपयोग करती है। हमारे गांव की कई महिलाएं दुकान से क्रीम ले जाती है। रेजर से कटने का डर रहता है।

चंदन दूकान से क्रीम निकालकर अपनी मां को देते हुए कहा मां, इसका उपयोग करके देखो एक बार। कमला शर्म से गड़ी जा रही थी। वह किसी तरह चंदन के हाथों से क्रीम ली और तेजी से वहा से वापस चली गईं।

रात मे खाना खा लेने के बाद जब सभी सोने चले गए तब कमला क्रीम लेकर चंपा के रुम में पहुंच गई।

अपनी मां को अपने कमरे मे देखकर चंपा बोली। मां कुछ काम था क्या?

कमला _ कमला शर्माते हुवे बोली।बेटी मुझे कुछ पूछना था।

चंपा _मां मुझसे क्या शर्माना पूछो क्या पूछना है?

कमला _बेटी मै चंदन से ये रेजर लेने गई थी तो उसने मुझे ये क्रीम थमा दिया और बोला की आजकल की महिलाएं क्रीम से बाल साफ़ करती हैं। मैने तो कभी इसका उपयोग किया नहीं इसलिए तुमसे पूछने चली आई की इसका उपयोग कैसे करना है? वह शर्म से पानी पानी हो रही थी।

चम्पा _ ये हुई ना बात। पर चंदन दुकान में ऐसा क्रीम भी रखता है मुझे तो पता ही नहीं था।

कमला _अरे मुझे भी कहा मालूम था की इस क्रीम का उपयोग बाल साफ़ करने के लिए करते हैं मैं तो इसे चेहरे पर लगाने वाला क्रीम समझती थी।

कमला लजाते हुवे बोली।

चंपा _मां इसे उपयोग करना बहुत आसान है।

चंपा ने अपनी मां को अच्छेसे समझा दिया की क्रीम का उपयोग कैसे करना है? और अपने मां से बोली मां तुम लगा लोगी तो मुझे भी देना। और हसने लगी।

कमला _क्यू तू लगा कर किसको दिखाएगी। दामाद जी तो है नही। मुझे तो तुम पर भरोसा नहीं है कही अपने ही भाई से अपना मुंह काला न करा बैठो। कलमुही कही की।

चंपा _ऐसा हो भी सकता है, जब तुम दिखा सकती हो तो मैं क्यू नही। और चंपा हसने लगी।

कमला _छी कितनी बिगड़ गई है तू। अपने छोटे भाई को अपना boor दिखाएगी निर्लज। देखा था सुबह कैसे अपने भाई से अपनी चूची मसलवा रही थी।

चंपा _वो तो मैं तुम्हारी मदद के लिए कर रही थी। चंपा यह बोलकर हसने लगी।

कमला _अब मै जा रही हूं। और तुम भी सुबह जल्दी उठ जाना।

चंपा _क्यू मां अभी भी मेरी जरूरत नहीं है।

कमला _मै तुम्हारी तरह बेशरम नही कि अपने बेटे के रुम में जाकर बोलूं बेटा मेरा सुद्धिकरण का समय हो गया है। तुम उठ जाना सुबह जल्दी।

चम्पा _ठीक है मां।

अगले दिन सुबह कमला जल्दी उठ गई और बाथरूम में जाकर क्रीम से अपने झांटों की सफाई कर ली। अपने चमकते फुली हुई चिकनी chut को देखकर खुद ही शर्मा गई। पता नही चंदन देखने के बाद क्या रिएक्ट करेगा।

उसके बाद वह चम्पा के रुम में गई और उसे उठा कर दोनो चंदन के रुम मे पहुंच गए।

चंदन तो रात भर ठीक से सोया नहीं था उसे बार बार शुद्धिकरण करने में मिलने वाले मजा याद आ रहा था जिससे उसके धोती में land तना हुवा था।

जब कमला और चंपा दोनो रुम में पहुंचीं तो चंदन का दिल का धड़कन बढ़ गया।

चंपा _चंदन को छेड़ते हुवे कहा अरे चंदनतू तो पहलेसे जगा huwa है । लगता है तू रात भर सोया है कि नही मां का शुद्धिकरण करने बडा उतावला लग रहा है। और वह हसने लगी।

चंदन _ शर्माते हुवे,, नही दीदी ऐसी कोई बात नहीं।

चम्पा _हू, मै सब समझती हूं,,,,, और वह हसने लगी।
फिर बोली मां तुम बेड के किनारे लेट जाओ।

कमला बेड के किनारे पीठ के बल लेट गई।

चंपा _अब देख क्या रहा है चंदन, निकाल अपना धोती और लंगोट। चम्पा मुस्कुराते हुए बोली।

चंपा के कहने पर चंदन अपना धोती और लंगोट निकालने लगा। आज चंदन कल जैसा घबराया हुवा नही था। बल्की आज वह पहले से ही बड़े जोश में था यह सोचकर की कल सुबह की तरह आज भी उसे खूब मजा मिलने वाला है। उसका land फूलकर पहले ही लंबा और मोटा हो गया था। जोश के कारण शर्म भी गायब हो गया था वह सीधा धोती और लंगोट निकालकर नंगा हो गया। उसका land हवा में लहराने लगा।

चंपा _हाय दिया, आज तेरा तो पहले से ही खडा है re, मुझे तो आज अपनी दूदू दिखाने की ज़रूरत ही नहीं। देखो तो कैसा हवा में ठुमक रहा है। आज तो तू पहले ही तैयार है। मैने कहा था न कि तू आज मां का शुद्धिकरण करने उतावला लग रहा। चंपा हसने लगी,,,,

चंपा_मां आज चंदन तो पहले से ही तैयार है। चलो अब तुम भी अपनी साड़ी और पेटिकोट ऊपर करके अपनी टांगे चौड़ी करो। चंदन से रहा नहीं जा रहा। और वह हसने लगी,,

कमला _चुप बेशर्म कही की। कुछ भी बोलती है।

कमला अपनी साड़ी और पेटिकोट ऊपर करके अपनी टांगे खोल कर शर्म से अपनी आंखें बंद कर ली।

चम्पा _कमला की चिकनी boor देखकर बोली, हाय दईया, अम्मा तुम्हारी बुरिया तो आज कितनी चिकनी और फुल्ली हुई लग रही है। आज तो चंदन को खूब

मजा आने वाला है शुद्धिकरण में।

कमला शर्म से गड़ी जा रही थी।

इधर चंदन ने अपनी मां की फुली हुई चिकनी chut देखा तोबावरा सा हो गया। उसका land लोहे की रॉड की तरह हो गया। जिसे देखकर चंपा बोली। हाय दईया

देखो तो कैसे बिल को देखकर साप फुपकारी मार रहा है । अब देख क्या रहा है शुरू कर अपना काम।

चंदन अब अपने मां के टांगों के बीच आ गया और अपने land को पकड़कर अपनी मां के boor के छेद में रख दिया।
तभी चंपा ने अपने हाथो के उंगलियों से chut की फांकों को फ़ैला दी और बोली लगा धका।

चंदन ने एक जोर का धक्का boor पे मारा land boor को चीरता हुआ आधा से ज्यादा अंदर चला गया। कमला के मुंह से एक दबी हुई चीख निकल गई।

चंपा मुस्कुराते हुए बोली अब अंदर बाहर कर।

चंदन land को धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू किया।

Land boor में अंदर बाहर होने से कमला धीरे धीरे गर्म होने लगी और उसके boor से पानी निकलने लगी जिससे land चिकना हो गया और पूरा land boor me समा गया।

तभी चंदन ने अपनी दीदी के ब्लाउज की ओर देखा उसके कबूतर आज पिंजरे मे कैद था। वह ब्लाउज के उपर से ही चंपा की चूची को मसलने लगा। चंपा भी गर्म हो गई थी। वह अपने ब्लाउज को खोल कर चूची बाहर निकाल ली।

चंपा की सुडौल दूध से भरे बड़ी बड़ी चूची देखकर चंदन और जोश में आ गया और land को तेजी से chut में अंदर बाहर करने लगा।

चंदन चंपा की चूची को चुसने एवम मसलते हुवे land को कमला के boor me गपागप अन्दर बाहर करने लगा। जिससे कमला को स्वर्गीय आनंद आने लगा और वह अपने हाथो से भगत के क़मर को पकड़कर उसका सहयोग करने लगी।

चंपा भी बहुत गर्म हो गई थी। चंपा भी अपने उंगलियों से साड़ी के उपर से ही अपने boor को रगड़ने लगी।
इधर कमला न चाहते हुवे भी झड़ने की स्थिति में आ गई। वह जन्नत में पहुंच गई थी। इधर चंदन भी पूरे जोश में कमला का chut मारने लगा उसका land कमला के boor ras से पुरी तरह भीग गया था। और फैच फच्च की आवाज़ करता huwa land boor me अंदर बाहर हो रहा था। कमरे में मां बेटी की कामुक सितकारे गूंज रही थी।

कमला से बर्दास्त करना muskil हो गया और वह चंदन को को जकड़ कर झड़ने लगी।

इधर चंदन chudai थोड़ा बन्द कर अपने बहन चंपा के ओंठो को चूसना सुरू कर दिया, चंपा को इसकी उम्मीद नहीं थी अचानक से हुवे इस हमले से वह शर्मा गई। एक हाथ से अपने चूची मसलते हुए। चंदन चंपा की कभी ओंठ तो कभी उसके दुदू चुसने लगा जिससे चंपा का शरीर कपकापने लगा।

चंदन काफ़ी जोश में था अब फिर वह कमला के chut me धीरे धीरे land अंदर बाहर करने लगा। और फिर अपना स्पीड बड़ाने लगा जिससे कमला फिर गर्म होने लगी। अब चंदन पूरे जोश में आकर कमला की chudai करने लगा। कमला फिर जन्नत में पहुंच गई उसका chut se रस बहकर चंदन के अंडकोष से टपकने लगा अब चंदन अपने को रोक पाने में असमर्थ था और वह कमला के दोनो कमर को अपने हाथो से पकड़ कर जोर जोर से चोदने लगा और अपने क़मर से सटाकर आह आह आह कर के कराहते हुवे झरने लगा।

उसके land से वीर्य की लंबी लम्बी पिचकारी निकलकर कमला के गर्भाशय का शुद्धिकरण करने लगा। गर्भाशय पर वीर्य का अहसास पाते ही कमला खुद को न रोक सकी और चंदन को जकड़ कर फिर एक बार झड़ गई इधर चंपा भी झड़ चुकी थी।

हवस का तूफान जाने के बाद तीनों बेड पर लेट कर कुछ समय सुस्ताने लगे।
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