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Incest ये गलत है(भाई-बहन का प्यार)

Naik

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शानदार अपडेट मित्र बहुत जबरदस्त
देखते हैं आगे कििया होता है
अगले अपडेट का इंतिजार रहेगा
धन्यवाद
 

Ashokafun30

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कुछ सोचकर वो तुरंत उससे अलग हो गया...

और उसने सोनिया की आँखो में देखने की कोशिश की... पर वो एक बार फिर से शरमा रही थी अब...
एक बार फिर से उसे ये लगने लगा की जो कुछ देर पहले तक वो सोच रहा था , कहीं वो सही तो नही था.

ये सब उसे आने वाले दिनों में पता चलने वाला था... अभी तो पूरा महीना पड़ा था.


पर सबसे पहले तो उसे आज की रात का इन्तजार था, क्योंकि वो देखना चाहता था की सब बातें जानने के बाद आज रात वो मास्टरबेट करेगी या नही.

**********
अब आगे
**********

दोपहर के समय सोनिया मार्केट चली गयी, और शाम को सीधा मम्मी के साथ ही वापिस आई... दोनो ने मिलकर डिनर बनाया, उनके पापा भी आ चुके थे, सबने मिलकर खाना खाया... पूरा दिन कैसे निकल गया, पता ही नही चला..


पर सोनू को तो सुबह से ही रात का इंतजार था,
उसने एक बात नोट की थी की जब भी सोनिया मॉम के साथ होती थी तो उसके साथ बिल्कुल नॉर्मल सी रहती थी... और ना ही ऐसी कोई बात करती थी जो उसके ''छोटे सिपाही'' को खड़ा कर दे...
पर अकेले होते ही ना जाने उसे क्या हो जाता था, इसलिए भी सोनू रात का इंतजार कर रहा था ताकि वो अपने रूम में जाकर खुल कर एटलीस्ट बात तो कर सकें..


और वही हुआ जैसा सोनू ने सोचा था..

डिनर के बाद जब वो अपने रूम में पहुँचे तो उसके रंग ढंग ही बदल गये..

रंग इसलिए की बाथरूम में जाकर उसने नाइट ड्रेस पहन ली जो कल से ज़्यादा सैक्सी थी

उसने एक स्लीवलेस टी शर्ट और एक नन्ही सी निक्कर पहनी हुई थी..जिसमें उसकी मांसल पिंडलिया और मोटी जाँघे सॉफ चमक रही थी

और ढंग इसलिए बदल गये की अब वो कुछ ज़्यादा ही कमर मटका कर और सीना उभार कर चल रही थी..

सोनू ने उसे छेड़ते हुए कहा : "क्या बात है दी ...रूम में आते ही एकदम बदल जाती हो तुम...''

सोनिया : "यार, तुझे पता तो है, मॉम के सामने ये सब करके मुझे उनका भाषण नही सुनना, एंड इन फ्रंट ऑफ यू आई केन डू वॉटेवर आई वॉंट टू डू ....''

इतना कहकर वो सोनू को आँख मारती हुई अपने बिस्तर पर जाकर बैठ गयी...

सोनू तो उसकी इस कातिलाना अदा को देखकर आँखे फाड़कर उसे देखता रह गया..

वो भी बाथरूम में गया और चेंज करके वापिस आ गया....

पर बाहर निकलते ही उसके होश उड़ गये..

उसका मोबाइल सोनिया के पास था..
वो देखते ही समझ गया की वो उसके व्हाटसऐप के मैसेज देख रही होगी..


वैसे तो ऐसा कुछ नही था उसमे... साक्षी के साथ नॉर्मल सी चैट थी... एक दो किस्सेस और आई लव यू वगेरह था..

पर

उसके नॉटी बाय्स वाले ग्रुप में आज काफ़ी माल आया था..
उसके एक फ्रेंड आकर्षण ने आज करीब 15-20 वीडियोस भेजे थे....
जिसमें कई तो इंडियन गर्ल्स के थे, ऐसी लड़कियों के जो मोबाइल पर अपना वीडियो बनाकर अपने बी एफ को भेजती है, पर उनके वो हरामी बी एफ वो वीडियो नेट पर डालकर उनकी ऐसी तेसी कर देते हैं...


अब कल से अब तक सोनिया के साथ इतनी बातें हो चुकी थी की उसे वो अपना फोन देखने से मना भी नही कर सकता था...

वो चुपचाप जाकर अपने बेड पर लाइट गया... और सोनिया से इधर उधर की बातें करने लगा..

तिरछी नज़रों से वो देख रहा था की वो बड़े ही गोर से उसके मोबाइल को चेक कर रही है... और उसके लाल होते चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की वो वही वीडियोस देख रही है जो वो नही चाहता था की वो देखे..

उसका हाथ अपने ही पेट को सहला रहा था.... सोनू के भी कान लाल होने लगे ये सोचकर की उसकी बहन उसी के सामने गंदे वीडियो देख रही है...

कुछ देर बाद उसने बोल ही दिया : "दी, ऐसा क्या देख रही हो इतने गोर से मेरे मोबाइल में ... कहीं साक्षी वाले मैसेज तो नही पढ़ रही ....''

उसने नज़रें सोनू की तरफ की और शरारती मुस्कान के साथ बोली : "उसमें था ही क्या जो पढ़ती ... बेकार की नॉर्मल सी बातें थी... माल तो इसमें है... तुम्हारे नॉटी बॉयज वाले ग्रुप में ..''

वो एक बार फिर से शरारती टोन में हंस दी.

सोनू ने हिम्मत करके अपनी आवाज़ में थोड़ा सख्ती लाते हुए कहा : "देखो दी... आप उन्हे नही देख सकती... वो ...वो.... आपके मतलब के नही है....''

वो तपाक से बोली : "मेरे मतलब के नही है , बट तुम्हारे मतलब के हैं.... ये कैसे... हम तो एक ही एज के है... जब तुम देख सकते हो तो मैं क्यो नही....और वैसे भी अब हमारे बीच ये सब फॉरमॅलिटीस वाली बातें बंद हो चुकी है...सो प्लीस...चुपचाप बैठो और देखने दो मुझे...''

सोनू अपना सिर खुजाने लगा.... उसे पता था की अपनी बहन से वो बहस में कभी नही जीत सकता...

सोने ने आख़िरी कोशिश की

''दी, लड़को और लड़कियो में फ़र्क होता है.... हमे ये अलाव है... ''

ये बात सुनकर वो भी उठकर बैठ गयी : "क्यों , ऐसा क्या है तुम लड़को में .... क्या कोई सुरखाब के पर लगे हैं तुम्हारे बदन पर... या फिर उपर से टपके हो...''

सोनू : "नही दी.... वो... आई मीन्स.... लड़कियों को ये सब करना शोभा नही देता... ये सब अडल्ट क्लिप्स देखना, गंदी मूवीस देखना... वो ऐसा करते हुए अच्छी नही लगती.... ये गलत है ''

अब तो सोनिया एकदम से भड़क गयी... बात आख़िरकार औरतजात पर जो आ चुकी थी.

''बंद करो ये बकवास.... और मेरी एक बात कान खोलकर सुन लो, ये आग जो तुम्हारे तन को जलाती है, उतना ही हमारे तन को भी जलाती है... ये तो लड़कियों का शर्मीला स्वाभाव उन्हे खुलकर अपने मन की बातें बोलने नही देता, वरना हम लड़कियों के दिल में भी सैक्स के प्रति उतना ही आकर्षण है जितना तुम लड़कों में ... और इसका जीता जागता सबूत ये सारे वीडियोस है... इन सभी में लड़कियाँ ही है... जिन्हे देखकर तुम साले लड़के लोग मास्टरबेट करते फिरते हो... ये लड़किया ऐसा ना करे तो तुम क्या करोगे... सोचा भी है कभी...''

सोनिया ने तो उसे अच्छा ख़ासा भाषण दे डाला था..लेकिन बात वो सही कह रही थी

वो वहीँ नही रुकी, वो आगे बोली : "तुम लड़के सिर्फ़ अपने नज़रिए से देखते हो, आपस में बातें करके लड़कियों को फुद्दू बना कर रखा है... पर ऐसा है नही मिस्टर.... हम लड़कियाँ किसी भी मुक़ाबले में तुम लड़कों से कम नही है....''

इतना कहकर उसने मोबाइल में चल रहा एक वीडियो सोनू के सामने कर दिया... जिसमे एक लड़का अपनी जी एफ के पैरों की उंगलियों को किसी नौकर की तरह चूस रहा था... वो आराम से नंगी होकर एक कुर्सी पर बैठी थी और अपने बाय्फ्रेंड को डोमिनेट कर रही थी...

सोनू का सिर चकरा गया वो देखकर.... सुबह ये वीडियो देखकर तो उसके मन में भी इच्छा हुई थी की काश वो भी किसी का नौकर बन पाता, कम से कम उसके नंगे शरीर को चाटने का तो मौका मिलता...

पर इस वक़्त उसी वीडियो को दोबारा अपनी बहन के दिखाने पर देखकर वो शर्मिंदा होने के सिवाए कुछ कर ही नही पाया...

सोनू को सिर झुकाता देखकर सोनिया को एहसास हुआ की उसने शायद आवेश में आकर कुछ ज़्यादा ही बोल दिया है अपने भाई को... वो उठकर उसके करीब आई और उसके बेड पर आकर बैठ गयी.

और उसके हाथों को अपने हाथ में लेकर बड़े ही प्यार से, उसे समझाने के अंदाज में बोली : "देखो भाई... होस्टल में रहकर शायद मेरी बातें, मेरा स्वभाव थोड़ा बदल गया है... और देखा जाए तो हर लड़की को ऐसा ही होना चाहिए...मेरी तरह... जिसे हर बात की जानकारी होनी ज़रूरी है... वरना इस मेन डोमिनेटिंग वर्ल्ड में वो बेचारी पीस कर रह जाए..... जो छूट लड़को को मिली हुई है, वो लड़कियो के लिए भी होती है... बस वो अपने समाज की बंदिशों की वजह से खुलकर उनको एंजाय नही कर पाती है... पर अब टाइम बदल रहा है... अब सभी को पता है की क्या सही है और क्या ग़लत''

ये बात उसने सोनू की आँखो में देखते हुए कही थी... जो हर बात में उसे 'ये ग़लत है - ये ग़लत है' बोलता रहता है.

सोनू ने तो सिर्फ़ एक कोशिश की थी की वो उसके मोबाइल के वीडियोस ना देखे...
उसके बदले में उसे अच्छा ख़ासा भाषण सुनने को मिल गया...
पर एक और बात उसे पता चल चुकी थी की उसकी बहन खुलकर जीने में विश्वास रखती है...
और उसे अगर टोका जाए तो वो उसे कतई पसंद नही है... शायद इसी टोका टाकी की वजह से , उसकी हर बात मनवाने की जिद्द की वजह से, उसे होस्टल भेजा गया था... पर वहां जाकर तो वो और भी ज़्यादा बिगड़ चुकी थी... होस्टल में ना तो माँ -बाप का डर रहता है और ना ही उनकी नज़रें...और वो खुलापन उसे बहुत पसंद आया था. जिसका परिणाम ये था की सोनू को हर बात का जवाब उसी की भाषा में मिल रहा था... और वो बेचारा अपनी बहन को ये कहने की सिचुएशन में भी नही रह गया था की बहना, जो तूँ ये सब बोल रही है 'ये ग़लत है' ....
उसकी बहन ने तो रिश्तों के, संस्कारों के, औरत मर्द के बीच के फ़र्क के सारे मायने ही बदल दिए थे....
और अंदर ही अंदर ये सब बदलाव सोनू को बहुत भा रहे थे...


सोनू को चुप देखकर वो समझ गयी की जो बात वो उसे समझना चाहती थी वो समझ चुका है...
और उसके हाथ पर दबाव डालकर वो एक बार फिर से अपनी गांड मटकाती हुई अपने बेड पर जाकर लेट गयी...


पर मोबाइल अभी भी उसी के पास था.

कुछ देर तक इधर-उधर की बाते करने के बाद वो बोली : "चलो ना भाई ,अब सोते हैं... काफ़ी देर हो गयी है...''

अभी तो सिर्फ़ साढ़े दस ही बजे थे...
ये 12 बजे तक जागने वाली सोनिया को एकदम से कैसे नींद आ रही है...
पर फिर भी सोनू ने कुछ नही कहा और लाइट बुझा कर वो अपने बिस्तर पर आकर सो गया..


उसने देखा की लेटने के बाद एक बार फिर से सोनिया उसके मोबाइल को देखने लगी है...
अंधेरे कमरे में मोबाइल की रोशनी से उसका चेहरा अलग ही चमक रहा था...
और उसके चेहरे पर आ रही होली सी मुस्कान को देखकर वो फिर समझ गया की वो वीडियोस फिर से देख रही है...


सोनू भी उसी की तरफ मुँह करके बड़ी ही बेशर्मी से उसे देखने लगा...
वो उसके हाथों को भी गोर से देख रहा था, जो धीरे-2 सरक कर कभी उसके पेट पर जाते, और कभी उसके बूब्स पर... अपनी बहन को अपने ही बूब्स मसलता देखकर एक अजीब सा एहसास हो रहा था... अंदर ही अंदर उसे गंदा तो लग रहा था पर पूरी दुनिया में ये बात इस वक़्त किसी को नही पता, ये सोचकर वो निश्चिन्त होकर वो देख भी रहा था...


एक अजीब से दोराहे पर पहुँच चुकी थी सोनू की जिंदगी.....
सोनिया ने रिश्ते की परवाह किए बिना उसे एक औरत - मर्द के शारीरिक आकर्षण के मापदंड से नापकर अपनी ही परिभाषा सीखा डाली थी.. जिसपर चलकर कुछ भी हो सकता था..


 

Ashokafun30

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सोनू भी उसी की तरफ मुँह करके बड़ी ही बेशर्मी से उसे देखने लगा...
वो उसके हाथों को भी गोर से देख रहा था, जो धीरे-2 सरक कर कभी उसके पेट पर जाते, और कभी उसके बूब्स पर... अपनी बहन को अपने ही बूब्स मसलता देखकर एक अजीब सा एहसास हो रहा था... अंदर ही अंदर उसे गंदा तो लग रहा था पर पूरी दुनिया में ये बात इस वक़्त किसी को नही पता, ये सोचकर वो निश्चिन्त होकर वो देख भी रहा था...

एक अजीब से दोराहे पर पहुँच चुकी थी सोनू की जिंदगी.....
सोनिया ने रिश्ते की परवाह किए बिना उसे एक औरत - मर्द के शारीरिक आकर्षण के मापदंड से नापकर अपनी ही परिभाषा सीखा डाली थी.. जिसपर चलकर कुछ भी हो सकता था..

**********
अब आगे
**********

सोनिया का पूरा शरीर पानी की लहर की तरह बिस्तर पर उफान मार रहा था...
उसके सीने से उठकर एक लहर नीचे तक जाती और ऐसा करते-2 उसकी चादर कब उतर गयी शायद उसे भी पता नही चला...
अब उसकी गोरी-2 टांगे सोनू को साफ़ दिख रही थी..

सोनिया भी जानती थी की अभी तक सोनू सोया नही है फिर भी शायद वो अपने उपर कंट्रोल नही रख पाई और उसका हाथ धीरे-2 खिसक कर उसकी शॉर्ट्स में घुस गया.

ये पहला मौका नही था जब सोनू ने अपनी बहन को अपनी चूत मसलते हुए देखा था पर उसके ऐसा करते ही एक अजीब सा एहसास हुआ उसे अंदर तक..

सोनिया अपने हाथ की उंगलियों से अपनी चूत के मुहाने को रगड़ रही थी और बीच-2 में अपनी जांघों से अपने हाथ को भींच कर हल्की फुल्की सिसकारी भी मार रही थी.

भले ही कमरे में अंधेरा हो चुका था पर कल की तरह आज भी सोनिया के बेड पर सोनू से ज़्यादा रोशनी थी... कारण था खिड़की से आ रही चाँद की रोशनी का वहां पड़ना..

अचानक सोनू बोल पड़ा : "दी.... क्या तुम ये रोज करती हो....''

वो एकदम से हड़बड़ा सी गयी...

और बोली : "तु ...तुम अभी तक सोए नही...''

सोनू : "नही....नींद नही आ रही....बोलो ना..... क्या तुम रोज रात को मास्टरबेट करती हो...''

अपने भाई से शायद इस तरह के सीधे सवाल की उम्मीद नही थी उसे...
पर फिर भी वो बड़े ही शांत स्वर में बोली : ''हम्म ...... ऑलमोस्ट डेली...''

सोनू : "और क्या सोचकर करती हो.... आई मीन आप किसी के बारे में सोचकर करती हो क्या...''

सोनिया : "मैने पहले भी बताया था ना... आई डोंट हेव एनी बाय्फ्रेंड... सो जो मन में आता है,उसके बारे में सोच लेती हूँ ...''

सोनू अब असली बात पर आया, और बोला : "तो कल मेरा नाम क्यो लिया.... क्या तुम मेरे..... बारे में ..... सोच कर..... मा.... मास्टरबेट कर रही थी ??....''

वो चुप रही... सोनू का दिल धड़-2 बज रहा था उसका जवाब सुनने के लिए..

सोनिया : "सच कहूं .....जब शुरू किया था तो ऐसा कुछ नही था... बट .... पता नही कैसे.... वो करते-2 जब तुमपर नज़र पड़ी तो.... तो... सोच बैठी...''

सोनू का लंड ये सुनते ही पूरा खड़ा हो गया.... यानी उसकी बहन ने उसके बारे में सोचकर मास्टरबेट किया....

वो अंदाज़ा लगाने लगा की क्या सोचा होगा ....
क्या उसके लंड के बारे में ....
उसे सक्क करने के बारे में ...
या फिर....
या फिर
उसने सोनू का लंड अपनी चूत में लेने की सोची होगी....
और वही सोचते-2 झड़ गयी होगी...

छी .... कितना गंदा हूँ मैं.....


क्या-2 सोचने लग गया....

भले ही उसकी बहन ने उसके बारे में सोचकर मुठ मारी थी, इसका मतलब ये नही की वो अपनी बहन के बारे में इतना गंदा सोचेगा... उसे अपनी मर्यादा में रहना चाहिए... सोनिया ने तो सिर्फ़ सोचा है, कुछ किया थोड़े ही ना है... सोचने और करने में काफ़ी अंतर है... सोच पर तो किसी का ज़ोर ही नही चलता, उसकी बहन अलग थोड़े ही है.... उसने अगर कुछ सोच भी लिया होगा तो उसका क्या गया.... एक तरह से देखा जाए तो वो अपनी बहन के काम ही आया..भले ही मुठ मारने में मदद की पर कुछ तो किया ना...

अपनी बातो को तर्क-वितर्क के तराजू में तोलकर वो खुद ही अपनी अदालत में चल रहे केस में जीत गया...

पर फिर भी वो अपनी बहन के मुँह से सुनना चाहता था.... और उसने पूछा ही लिया

"वैसे दी, तुम बुरा ना मानो तो प्लीज़ बताओगी ... की ... क्या सोचा था मेरे बारे में ...''

इतना सुनते ही सोनिया के चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गयी....
वो अपने नीचे वाले होंठों को दाँत के नीचे दबा कर हँसने लगी और बोली : "तू बड़ा शरारती हो गया है.... एक तरफ तो बड़ा संत बना फिरता है... भाई-बहन के रिश्ते की दुहाई देता रहता है.... और ये गलत है-वो गलत है कहता है, और अब अपनी बहन से सुनना चाहता है की क्या सोचकर वो मास्टरबेट कर रही थी.... सही जा रहा है घुन्ने ...''

वो अक्सर सोनू को घुन्ना कहा करती थी...
घुन्ना यानी ऐसा इंसान जो उपर से तो शरीफ दिखता है पर अंदर से पूरा घाग किस्म का होता है...


सोनू ने कोई जवाब नही दिया.... और फिर से पूछा : "बताओ ना दी.... क्या सोच रही थी....''

अब सोनिया को सच में शर्म आ रही थी.... हर बात को खुल कर बोलने वाली सोनिया की बोलती अब बंद हो गयी थी.... सवाल ही ऐसा किया था उसके भाई ने...

वो धीरे से बोली : "नही..... अभी मैं नही बता सकती....''

सोनू ने भी सोचा की वो भी ना जाने क्यों ऐसी डीटेल निकलवाने निकल पड़ा है,जिसका जवाब देने में उसकी बहन को इतनी परेशानी हो रही है वो उसे पूछना ही नही चाहिए था...

पर उसने सोनिया के चेहरे को देखा तो उसने आँखे बंद कर ली थी...
भले ही वो सोनू को बता पाने में आनाकानी कर रही थी पर शायद सोनू के ज़ोर देने पर वो कल रात वाली बात को एक बार फिर से याद कर बैठी थी... और उसी को याद करके उसका हाथ एक बार फिर से हिलने लगा... जो अभी तक उसने अपनी शॉर्ट्स में से निकाला नही था...

सोनू अब एक बार फिर से उसे अपलक निहारने लगा..

लड़कियाँ मुठ मारती हुई कितनी क्यूट लगती है, ये उसे आज ही पता चला था...
इस वक़्त उसे अपनी बहन का चेहरा इतना प्यारा लग रहा था की एक बार तो उसका मन किया की उसे जाकर चूम ले... ऐसी हालत में वो ज़्यादा विरोध भी नही करेगी...





पर अपनी मर्यादा की दीवार का उलंघन करने की सोच उसे एक बार फिर से भाई बहन के रिश्ते की तरफ ले गयी...और उसने सोचना बंद कर दिया.... और पलटकर सो जाने की सोची...

पर तभी

सोनिया का हाथ सरककर अपने पिल्लो की तरफ गया और उसने अपना हथियार बाहर निकाल लिया... यानी अपना डिल्डो..

ना चाहते हुए भी सोनू का हाथ अपने लंड की तरफ चला गया और उसने उसे ज़ोर से भींच दिया..

सोनिया ने अपनी जीन्स की निक्कर के दो बटन खोले और उसे थोड़ा नीचे खिसका दिया...अंधेरे में सोनू को उसकी टाँगो के बीच का हिस्सा सॉफ नही दिख रहा था... इसलिए वो देख ही नही पाया अपनी बहन की चूत को.. पर वहां से आ रही सोंधी - २ महक पूरे कमरे में फ़ैल गयी थी


उसकी उस खुशबु को सूंघ कर और इस एहसास से की वो नीचे से नंगी है, सोनू के मुँह से एक सिसकारी सी निकल गयी.

सोनिया ने बटन दबाकर डिल्डो की मोटर स्टार्ट कर दी....
हल्की घुं की आवाज़ के साथ वो नकली लंड एक बार फिर से थरथराने लगा...
और सोनिया ने उसे अपनी टाँगो के बीच रख कर दबा दिया...

और ज़ोर से सिसकारी मारी..

''आआआआआआआआआआआहह ...... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....''

ये चीख तो इतनी ज़ोर से मारी थी उसने की उसे डर लगने लगा की कहीं उसके मॉम डेड तक ना पहुँच गयी हो... पर ऐसा कुछ नही हुआ... सोनिया ये बात अच्छी तरह से जानती थी की उसका भाई जाग रहा है, उसके बावजूद उसने अपनी ठरक को रोका नही और मास्टरबेट करना चालू कर दिया... और इतनी तेज आवाज़ भी निकाली... कहीं ये पागल तो नही हो गयी...
पर अगले ही पल उसके दिमाग़ में एक और विचार कौंधा की कहीं ये सब जानबूझकर तो नही कर रही वो...
कहीं उसे उकसाने के लिए तो ये सब इतना खुलकर नही कर रही वो...
पर अपनी बहन को वो अच्छी तरह से जानता था, वो भला ऐसा क्यो करेगी...
उसने ये विचार भी निकालकर बाहर फेंक दिया और गोर से उसकी सिसकारियों में अपना नाम तलाशने लगा...
उसे लगा की शायद कल की तरह आज भी वो उसी के बारे में सोचकर मास्टरबेट कर रही होगी...
और शायद आज भी वो उसी का नाम लेकर झड़ेगी...
पर काफ़ी देर तक कान लगाए रखने के बाद भी उसे सिर्फ़ उम्म्म्म अहह के सिवाए कुछ सुनाई ही नही दिया..


पर उन सिसकारियों को सुनकर उसके अंदर कुछ-2 होने लगा था..

उसने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसे मसलने लगा...

अब एक ही कमरे में दोनो भाई-बहन अलग-2 बेड पर लेटकर मुठ मार रहे थे..

सोनू ने देखा की वो डिल्डो को चूत पर रखकर ज़ोर-2 से रगड़ रही है...
उसकी वाइब्रेशन का आनंद लेती हुई वो सिसकारियाँ मार रही है....
ऊsssss ओsssssss की आवाज निकालते हुए उसके होंठों की गोलाई उसे दूर से दिखाई दे रही थी...और अपने लंड को एक पल के लिए उन होंठों के बीच डालने की सोचकर सोनू की आँखे बंद होती चली गयी और उसी पल में ही वो यथार्थ के धरातल से उड़कर मस्ती भरी सिसकारियाँ लेता हुआ कल्पना की दुनियाँ में पहुँच गया..

उस कल्पना में सोनिया उसके सामने नंगी बैठी थी , सोनू ने बड़ी ही बेशर्मी से अपना लंड सोनिया के मुँह में डाल दिया जिसे वो भी उतने ही भूखेपन से चूसने लगी...

और एक मिनट में ही सोनू के लंड से पिचकारियाँ निकलकर बाहर आने लगी...


और झड़ते-2 दबी आवाज़ में उसके मुँह से भी सोनियाआआssssss निकल ही गया

और बाद में उसने जब मुस्कुराते हुए अपनी आँखे खोली तो सकपका कर रह गया.

सोनिया ठीक उसके सामने खड़ी थी.





 

Ashokafun30

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सोनू की तो फट्ट कर हाथ में आ गयी...

सोनिया के चेहरे पर गुस्से वाले एक्शप्रेशन थे....

वो कुछ बोलने ही वाला था की सोनिया की हँसी निकल गयी... और वो बहुत देर तक हँसती रही..

सोनू बेचारा फुद्दू सा बनकर उसे देखता रहा...



सोनू के हाथ अभी तक अपने माल से सने हुए थे....

सोनिया की निक्कर के बटन भी अभी तक खुले थे और उसकी नाभि के नीचे का करीब 5 इंच तक का हिस्सा उसे सॉफ नज़र आ रहा था... बस चूत को छोड़कर.

उसकी टी शर्ट भी अस्तव्यस्त ही थी...जिसके नीचे छुपे बूब्स की नोकें सोनू सॉफ देख पा रहा था.

सोनिया जब हंसकर चुप हुई तो बोली : "देखा.... तुमने भी मेरा नाम लिया ना... अब बोलो... ये किसलिए...??''

बेचारा कुछ बोल ही नही पाया... बस अपराध भाव से भरकर इधर उधर देखता रहा...

सोनू ने गोर किया की सोनिया बार-2 उसके लंड की तरफ ही देख रही है.... हालाँकि अँधेरा काफी था और वो उसे साफ़ नहीं दिख पा रहा था, पर फिर भी सोनिया की नजरें अँधेरे में भी कुछ ढूँढ़ने की कोशिश कर रही थी.


आज उसके लंड को पहली बार किसी ने देखा था... और वो भी उसकी खुद की बहन ने...

भले ही अँधेरे में पर देखा तो था , ऐसे में उसे छुपाने के बदले ना जाने क्यो वो बेशर्मों की तरह ऐसे ही पड़ा रहा...

दिखाता रहा अपने उस लंड को अपनी बहन को, जिसे उसने पूरी दुनिया की नज़रों से बचा कर रखा था. उसके लंड से अभी तक बूँद-2 करके वीर्य बाहर निकल रहा था

सोनिया : "यही मेरे साथ भी हुआ था.... और मुझसे कंट्रोल नही हुआ... कल भी.... और आज भी.... बट मेरा ऑर्गॅज़म होने से पहले ही तुम्हारा हो गया.... और तुम्हे ऐसा करते देखकर मैं जब यहाँ आई तो तुमने लास्ट में मेरा ही नाम लिया था....''

सोनिया ने बहुत करीब से अपना नाम सोनू के मुंह से सूना था, इसलिए वो उसे झुठला भी नही सकता था. सोनू ने ग्लानि भाव में भरकर अपना सिर झुका लिया...

उसे ऐसा करते देखकर वो एकदम से उसके करीब आई और उसके बेड के साइड में बैठ गयी और बोली : "अर्रे... सोनू.... ऐसा क्यों मुंह बना रहा है... इट्स ओके ..... मुझे इस बात का बिल्कुल बुरा नही लगा की तूने ऑर्गॅज़म के टाइम मेरा नाम लिया... जो ग़लती मुझसे हो सकती है वो तुझसे भी तो हो सकती है ना.... और मैने फील किया है, ऐसे में खुद पर कुछ भी कंट्रोल नही रहता.... ना तो रिश्तेदारी दिखाई देती है और ना ही कुछ और.... अब तो समझ गया ना की क्यों मेरे मुंह से भी तेरा नाम निकला था ....''

इतना कहते हुए और समझाने के भाव में बहकर सोनिया ने अपने भाई का हाथ पकड़कर अपने हाथ में रख लिया..

और बोली : "आई नो की ये सब हमें एक दूसरे के बारे में नही सोचना चाहिए... तुम्हारा तो मुझे पता नही पर जब से मैं घर आई हूँ मेरे माइंड में तुम्हारे अलावा कोई और आया ही नही.... हालाँकि तुम्हारे पास तो सोचने के लिए साक्षी है... बट मेरा तो तुम्हारे सिवा कोई और नही है ना....''

वो अपने दिल की बातें उसे सुना रही थी और सोनू का सारा ध्यान अपने और उसके हाथ की तरफ था...

क्योंकि दोनो के ही हाथ अपने-2 जुर्मों से रंगे हुए थे....

सोनू के हाथ में उसके लंड से निकला गरमा गरम वीर्य अभी तक लगा हुआ था...

और वहीं दूसरी तरफ सोनिया के हाथ भी अपनी चूत के रस में डूबकर अभी तक चिपचिपे से थे...

ऐसे में जब सोनिया ने सोनू का हाथ लेकर सहलाना शुरू किया तो दोनो का रस मिलकर एक हो गया और दोनो के हाथ आपस में चिपकने से लगे...


और सबसे बड़ी बात ये थी की दोनो के हाथ चिपचिपा रहे थे और इस बात से सोनिया को कोई फ़र्क ही नही पड़ रहा था... वो तो अपनी ही बातें चोदने में लगी हुई थी...

आख़िरकार सोनू बोल ही पड़ा : "बट दी....... आई थिंक .. मुझे ऐसा नही सोचना चाहिए था... मुझसे ग़लती हो गयी...आई एम सॉरी.''

वो एक बार फिर से बड़े प्यार से बोली : "अर्रे बेबी , इट्स ओके .... मैने कहा ना आई एम ओके विद दिस.... इंफेक्ट अगर तुम चाहो तो आगे से भी मेरे बारे में सोचकर ये सब कर सकते हो...''


ये बोलते हुए एक बार फिर से सोनिया की नजरें सोनू के लंड की तरफ चली गयी

जवाब में सोनू आश्चर्य से अपनी आँखे फाड़कर उसे देखने लगा..

सोनिया : "या.... आई थिंक जब इतनी बाते हमारे बीच हो चुकी है और इतना सब हम एक दूसरे को देख चुके हैं तो इन सब बातों को खुलकर होने देने में ही हम दोनो की भलाई है....वरना बेकार में ही हम अपने-2 माइंड में सॉरी फील करते रहेंगे... लेकिन करेंगे तो फिर भी ना.... इसलिए जब करना ही है तो खुल कर करना चाहिए...''

सोनू तो उसके इस प्रस्ताव को सुनकर हक्का बक्का सा रह गया...


जिस भाई-बहन की मर्यादा का वास्ता देकर उसने खुद को इतने समय से रोक रखा था, उसी मर्यादा की धज्जियाँ उड़ाने में लगी थी उसकी बहन...
सोनिया के हिसाब से अगर चलने लगे तो एक ही हफ्ते में वो उसे चोद बैठेगा...
और वो तो बिल्कुल ग़लत होगा...
और उस ग़लती को रोकने का एक ही तरीका है...
इस खेल को आगे बढ़ाया ही ना जाए.

पर सोनू का खुद पर कंट्रोल ख़त्म सा हो चुका था....
जैसे अभी कुछ देर पहले मुठ मारते हुए उसने भी अपनी बहन का नाम ले ही लिया, ठीक उसी तरह से उसकी इतनी बातें सुनने के बाद भी वो सिर्फ़ हूँ-हाँ ही कर पाया...

यही बात अगर सोनिया ने कुछ दिनों पहले कही होती तो वो शायद गुस्से में आग बबूला होकर उसे थप्पड़ भी मार देता...
पर इन 2-3 दिनों में इतना कुछ हो चुका था की वो बेचारा अब ये कहने की हालत में भी नही रह गया था
की
'ये ग़लत है'

बस जो-2 सोनिया कहती जा रही थी उसे सुनता जा रहा था और उसे साकार होने के बारे में सोचकर सोनिया के हाथों की उंगलियों को ज़ोर-2 से मसलने लगा..

सोनिया ने जब अपने हाथ पर उसका दबाव महसूस किया तो उसकी नज़र अपने और सोनू के हाथ पर गयी....
और वहाँ चल रही गुथम - गुत्था देखकर उसकी साँसे उपर की उपर और नीचे की नीचे रह गयी...
उसका गीला हाथ पूरी तरह से अपने भाई के वीर्य से भर चुका था....
सोनू ने शायद अपने पेट पर पड़े माल को भी समेट कर हाथों में भर लिया था, इस वजह से चिपचिपापन कुछ ज़्यादा ही बड़ चुका था.


सोनिया ने उसे देखा और बोली : "छी: .... गंदे...छोड़ मेरा हाथ.... देख अपना सारा का सारा गंद मेरे हाथ में लगा दिया है तूने...''

सोनू भी हंसते हुए बोला : "ये गंद नही है...पावर टॉनिक है ये...पावर टॉनिक...''

वो बोल इस तरह से रहा था जैसे उसे चखने के लिए उकसा रहा हो...
और सोनू की बात सुनकर वो कुछ देर के लिए सोच में भी पड़ गयी थी, पर अगले ही पल बोली : "आई डोंट नो... सुना तो मैने भी बहुत है अपनी फ्रेंड्स से... बट मुझे नही लगता की मैं ये कभी टेस्ट कर पाऊँगी..''

सोनू को पता भी नही चला की वो अपने लंड से निकले माल के बारे में डिसकस कर रहे हैं...

और जब उसे ये एहसास हुआ तो एकदम से चुप हो गया..

उसे चुप होता देखकर सोनिया वहाँ से उठी और अपने बेड की तरफ चल दी...
और सोनू ने जाते-2 देखा की वो अपने दाँये हाथ को सूँघकर सोनू के माल की सुगंध तलाश रही थी...पर उसे कुछ एहसास हुआ ही नही.

वो एक बार फिर से जाकर अपने बेड पर लेट गयी... और अपने बाँये हाथ से अपनी चूत को एक बार फिर से रगड़ने लगी...



जिस हाथ पर सोनिया ने सोनू के लंड का पानी मला हुआ था वो उसने अपनी चूत से दूर ही रखा हुआ था...

सोनिया देख पा रही थी की अभी तक उसका भाई उसे ही देख रहा है...

वो मास्टरबेट करते हुए बोली : "सो...सोनू.....क....क्या मैं अब एक बार फिर से ....तेरे...बारे में ....सोचकर..... नाम लेकर......''

वो ये बात पूरी बोल भी नही पाई थी और सोनू बोल पड़ा : "यस्ससस्स........दी...... यू केन...''

इतना कहने की देर थी की उसका हाथ अपनी चूत पर पिस्टन की तरह चलने लगा...वो अपनी बीच की तीन उंगलियों से अपनी चूत का चेहरा बुरी तरह से रगड़ रही थी... और सोनू की तरफ देखते हुए वो बुदबुदाने लगी...




''आआआआआआहह..... सोनू .......... उम्म्म्मममममममममम........... ओह ....... फकककककक...ओह यएस्स............... माय बैबी............''

और इतना कहते -2 एक साथ दो काम हुए...
एक तो उसकी चूत से एकदम गाड़े पानी की बौछार बाहर निकली, जिसकी खुश्बू ने पूरे कमरे को महका कर रख दिया....
और दूसरा ये की सोनू का नाम लेकर झड़ते हुए उसने अपना दाँया हाथ अपने मुँह के अंदर डाला और उसे बुरी तरह से चाटने लगी....



ये जानते हुए भी की उसपर उसके भाई के लंड से निकला रस लगा है... पर ना जाने कौन सी प्रेतात्मा सवार हो गयी थी उसपर की अभी कुछ देर पहले तक उसे देखकर छी: बोलने वाली सोनिया उसे भूखे जानवर की तरह चाट गयी...

उसके बाद सब शांत सा हो गया...वो चुपचाप उठी और बाथरूम से अपनी चूत और हाथ साफ़ करके वापिस आई और सो गयी...
वो भी बाथरूम में गया और अपने लंड को सॉफ सुथरा करके वापिस आकर सो गया..

सोनू की सोनिया से ये पूछने की हिम्मत नही हुई की उसे उसके लंड के पानी का स्वाद कैसा लगा..

उसने अपना मोबाइल सोनिया के बिस्तर से उठाया और उसे चेक करने लगा...

उसमे पिछले आधे घंटे में साक्षी के करीब 25 मैसेज आए हुए थे....
जिसमे वो उसे किस्सेस और हग्स दिए जा रही थी....
उस वक़्त तो सोनू अपनी बहन के साथ लगा हुआ था...
वरना उनका जवाब ज़रूर दे देता...

लास्ट के मैसेज में उसने कल अपने घर आने को कहा था.... शाम के समय.

ये पढ़कर उसके लंड में एकदम फिर से कसावट आने लगी...
वो समझ गया की कल ज़रूर उसके घर वाले कही जा रहे होंगे,इसलिए वो उसे घर बुला रही है...

आने वाले कल की शाम के बारे में सोचता हुआ वो सो गया...


ये सब भूलकर जो अभी कुछ देर पहले उसकी बहन के साथ हुआ था..पर जो भी हुआ था उसके बाद दोनों भाई-बहन की जिंदगी में बहुत कुछ बदलने वाला था.
 
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