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Incest ये गलत है(भाई-बहन का प्यार)

Ashokafun30

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उसने ये बात आाँख मारते हुए कही.... सोनू को थोड़ा अजीब सा लगा उसका ये तरीका...अपने भाई को आाँख मारना. कफर भी उसने ददल कड़ा करके पूछ ही ललया : "अच्छा तो बता तू.... ते.... तेरा कोई बी एफ है क्या वहाीं पर....'' उसने बड़े ही कूल तरीके से जवाब ददया : "हााँ .... है..'' सोनू की तो ददमाग की नसें फूल गयी ये सुनकर... उसने अपने गुस्से पर कींट्रोल करके पूछा : "और....तूने..... कभी उसे.... आई मीन ....उसके साथ ...'' वो समझ गयी की सोनू उससे वो सवाल पूछने में घबरा रहा है , इसललए उसने खुद ही उसका सवाल पूरा कर ददया और उसका जवाब भी दे ददया.. ''यही ना की मैने उसके साथ ककस्सी पवस्सी की है या नही..... हााँ ककया है... एन्ड आई ररयली एींजोएड इट...'' इतना कहते हुए उसने एक बार कफर से उसे आाँख मार दी. सोनू की समझ में नही आ रहा था की वो क्या करे... गुस्सा तो बहुत आ रहा था... मन कर रहा था की उसे एक थप्पड़ लगा दे ... या मॉम डेड को जाकर बोल दे ... पर वो सब पवचार और गुस्सा उसके अींदर ही रह गया... वो कुछ देर तक उसे देखती रही और बोली : "गचल यार.... इतना टेंिन मत ले.... ऐसा कुछ नही है... मजाक कर रही थी...'' इतना कहकर वो बाथरूम में चेंज करने चली गयी. पर सोनू को पता चल चूका था की वो मजाक नही था.... स्जस अींदाज से वो बता रही थी, और स्जस तरह से उसने ककस्स वाली बात को एींजाय करके बताया था, उससे सॉफ पता चल रहा था की वो सच था. यानी उसकी बहन...इस टीनेज उम्र में , ककसी के साथ वो सब करती है..... ककस्स करती है... क्या वो कुछ और भी करते होंगे... क्या उस लड़के ने उसके बूब्स भी दबाएाँ होंगे.... छी .....ये मैं क्या-2 सोचने लगा.... वो मेरी बहन है.... .... मुझे ऐसा नही सोचना चादहए... ये गलत है.
वैसे भी उसने बाद में बोला था की वो सब मजाक था... िायद वो सही हो... मुझे सताने के ललए ऐसा बोल रही हो.. सोनू ने वो सब पवचार झटक ददए और अपना नाइट सूट लेकर वो बाथरूम की तरफ चल ददया... और अींदर घुसते हुए सोनू को इतना भी ध्यान नही रहा की सोननया अभी कुछ देर पहले ही अींदर गयी है... और उपर से उसकी फूटी ककस्मत तो देखो, वो अींदर से दराजा बींद करना भी भूल गयी थी. सोनू अपनी ही सोच में अींदर घुसा और अींदर का नजारा देखकर मेरी आाँखे फटी रह गयी. वो वाश्बेसन पर खड़ी होकर ब्रि कर रही थी... अपनी टी िटड उतार चुकी थी और लसफड ब्रा पहनी हुई थी उसने... और नीचे वही ब्लू कलर की ननक्कर... मुझे अींदर आता देखकर वो एकदम से मेरी तरफ घूमी और बोली : "ओह्ह लिटट्ट , मैं दरवाजा बींद करना ही भूल गयी...आई एम सॉरी सोनू... ''
 

Ashokafun30

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इतना कहकर उसने ककल्ली पर टींगा टावल उठाया और अपने सीने पर चुन्नी की तरह रखकर उसे ढक ललया.
और वो भी उसने इसललए ककया ताकक सोनू उसे इस तरह हैरानी से देखना बींद कर दे.. पर तब तक जो नजारा सोनू को ददख चुका था, उसका क्या. वो बेचारा िलमिंदा सा होकर वापपस बाहर जाने लगा...तो सोननया ने उसे टोका ''अरे भाई.... कहााँ चल ददया.... तू आजा,मैं बाहर जाकर चेंज कर लूाँगी... मुझे तो इस तरहा ब्रा में नही सोया जाता...और हााँ , इस बार मैं बाहर से बींद कर रही हूाँ .... कोई िरारत नही...'' इतना कहकर वो मुस्कुराती हुई बाहर ननकल गयी और जाते -2 उसने एक बार कफर से आाँख भी मारी. सोनू की तो कुछ समझ में नही आ रहा था की ये हो क्या रहा है.... इतने कैजुअल तरीके से वो क्यों बात कर रही है... वो भी उन टॉपपक्स पर स्जनके बारे में उन दोनो ने पहले कभी बात नही की....

पहले वो किस्स वाली बात... और अब ये ब्रा उतारकर सोने वाली बात... वो उसे क्यों बता रही है..


कही वो..... मुझे ..... नही

नही... नही...

ऐसा नही हो सकता....

एक बार फिर से उसने अपना तकिया कलाम दोहराया.

''ये सब मेरा वहम है... ऐसा नही सोचना चाहिए... ये ग़लत है.''

पर ना चाहते हुए भी उसका ध्यान दूसरी तरफ जा ही नही रहा था... बार-2 अपनी बहन का वो ब्रा वाला सीन उसकी आँखो के सामने आ रहा था.

पता नही और क्या-2 होने वाला था उसके साथ.
 
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Ashokafun30

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पहले वो किस्स वाली बात... और अब ये ब्रा उतारकर सोने वाली बात... वो उसे क्यों बता रही है..


कही वो..... मुझे ..... नही

नही... नही...

ऐसा नही हो सकता....

एक बार फिर से उसने अपना तकिया कलाम दोहराया.

''ये सब मेरा वहम है... ऐसा नही सोचना चाहिए... ये ग़लत है.''

पर ना चाहते हुए भी उसका ध्यान दूसरी तरफ जा ही नही रहा था... बार-2 अपनी बहन का वो ब्रा वाला सीन उसकी आँखो के सामने आ रहा था.

पता नही और क्या-2 होने वाला था उसके साथ.

*********
अब आगे
*********

सोनू ने अपने कपड़े उतार कर एक निक्कर पहन ली.... अपनी अप्पर बॉडी को वो शीशे में देखकर पोज़ बनाने लगा... कुछ टाइम से उसे जिम जाने का शोंक चढ़ आया था... और आजकल वो बेंच प्रेस वाली एक्सरसाइज काफ़ी करता था... इसलिए उसकी बॉडी में कटाव से नज़र आने लगे थे... वो ये कर ही रहा था की बाहर से सोनिया की आवाज़ आई

"ओ मजनू.... तेरी लैला का मैसेज आया है... बोल रही है की कल उसकी बुक ज़रूर लेता आइयो''

सोनू समझ चुका था की वो साक्षी के मैसेज की बात कर रही थी...


सोनू का दिमाग़ ठनक गया ये सुनकर.... यानी सोनिया ने उसके मोबाइल के मैसेज पढ़ने शुरू कर दिए थे...


वो तुरंत बाहर आने लगा पर उसने तो बाहर से लॉक किया हुआ था...

सोनिया के हँसने की आवाज़ आई : "हा हा ..... बेचारा..... कैसे तड़प रहा है उसका मैसेज पढ़ने के लिए.... ''

वो अंदर से बड़ी ही बेसब्री भरी आवाज़ में बोला : "देखो दी.... ऐसे किसी के मैसेज पढ़ना ग़लत बात है....''

सोनिया : "अच्छा , बड़ी जल्दी भूल गया तू तो, लास्ट टाइम तूने भी तो मेरे सारे मैसेज पढ़ डाले थे... मेरी और मेरी सहेली की चैट पढ़कर तुझे भी तो बहुत मज़ा मिला था.... और एक को तो तूने रिप्लाइ भी कर दिया था...''

सोनू को याद आ गया की उसे छेड़ने के लिए पिछली बार उसने सोनिया के मोबाइल मे सारे मैसेज पढ़ डाले थे... और व्हाटसएप की डी पी देखकर एक दो लड़कियो को कमेंट भी कर दिया था...आज सोनिया उसका पूरा बदला लेने के मूड में थी शायद..

वो गिड़गिडाया : "प्लीज़ सोनिया.....दरवाजा खोलो.... आई एम सॉरी... प्लीज़ खोलो...''

उसे डर था की कहीं सोनिया उसके 'नॉटी बॉयज' ग्रूप के मैसेज ना पढ़ ले... उसका तो आडमिन भी वही था... और उसमें हर तरह के नॉन वेज जोक्स और लड़कियों की न्यूड पिक्स थी ...

सोनिया : "रुक जा ... रुक जा.... थोड़ा मज़ा तो लेने दे पहले तेरी लैला से....''

वो घबरा गया... पिछले कई समय से उसके मन में भी साक्षी के लिए एक सॉफ्ट कॉर्नर था...कही कुछ ग़लत ना लिख कर भेज दे वो उसको...वरना रही सही रेप्युटेशन जो उसने बनाई है, वो भी चली जाएगी...

सोनू (गुस्से में ) : "प्लीज़ यार..... कुछ रिप्लाइ मत करना उसे.... ओपन द डोर...''

बाहर से कोई आवाज़ नही आई.... वो समझ गया की ज़रूर वो अपनी शरारतों को अंजाम देने में लगी है... पर बेचारा अंदर खड़ा हुआ कुछ कर ही नही सकता था...

सोनिया बाहर उसके मोबाइल से मैसेज करने में लगी रही



और करीब 2 मिनट के बाद दरवाजा खुला तो सोनू लपककर बाहर निकला... और वो सोनिया को धक्का देते हुए उससे अपना मोबाइल छीनने की कोशिश करने लगा... और उस छीना झपटी में दोनो के जिस्म कई बार छुए पर इस वक़्त सोनू को उन सबसे कोई मतलब नही था... वो बस अपना मोबाइल वापिस पाना चाहता था...

और आख़िरकार उसने मोबाइल ले ही लिया...

सोनिया हंस-हंसकर पागल हुए जा रही थी उसका उतावलापन देखकर....

सोनू ने तुरंत साक्षी वाली चैट खोलकर देखी .... सोनिया ने तो अच्छी ख़ासी बातचीत कर ली थी उसके साथ (सोनू बनकर)

सोनिया : "घबरा मत ..... तेरी सेटिंग करवा रही थी... मैने सोचा तुझसे तो होगा नही, इसलिए मैने ही हेल्प कर दी तेरी... अब देखना कल तुझे देखकर क्या बोलेगी....''

सोनू उसे गुस्से से देखता हुआ कमरे से बाहर आया... अपनी टी शर्ट पहन कर वो बाहर निकल गया और घर के सामने बने पार्क में पहुँच गया... और वहाँ जाकर उसने मोबाइल के मैसेज पढ़ने शुरू किए

साक्षी : "हाय .... कल मेरी बुक याद से ले आना.... 2 दिन से भूल रहा है....''

सोनू (यानी सोनिया) : "ओके .... ले आऊंगा .... उसके लास्ट पेज पर एक लेटर भी होगा... वो भी पढ़ लेना ...''

साक्षी : "लेटर ? कैसा लेटर ?"

सोनू : "लव लेटर ''

साक्षी : "आर यू सीरीयस ?''

सोनू : "यस आई एम ....''

साक्षी : "और मुझे लगा की तुम कभी बोलॉगे ही नही...''

सोनू : "इट मीन्स.. की तुम भी .. वाव...... पर कब से...''

साक्षी : "डफर ..... ऐसे नहीं .... कल मिल ज़रा स्कूल में , बताती हूँ तुझे ... बाय...''

और लास्ट वाली लाइन के बाद उसकी तरफ से एक धड़कता हुआ दिल भी आ चुका था...

यानी जो काम वो पिछले एक साल से करना चाह रहा था वो सोनिया ने 5 मिनट में ही कर दिया.... और वो उसे कितना बुरा भला कह रहा था..

वो तुरंत घर की तरफ चल दिया... उसे अपनी सिस्टर को थेंक्स जो कहना था... जाते हुए उसने उसकी फ़ेवरेट चॉक्लेट कोन वाली आइस्क्रीम भी ले ली..

दरवाजा उसी ने खोला.... और दोनो के चेहरे पर एक ब्रॉड वाली स्माइल थी...

और हंसते-2 सोनिया ने आगे बढ़कर अपने भाई को गले से लगा लिया...



सोनू भी मुस्कुराता हुआ उसके कंधे पर सिर रखकर बोला : "थेंक्स दी.... एन्ड सॉरी ऑल्सो.... मैने बेकार में आपको बुरा भला कहा...''

वैसे तो वो दोनो जुड़वा थे, पर कभी भी सोनिया अच्छा काम करती थी तो सोनू के मुँह से उसके लिए 'दी' निकल ही जाता था...और रिस्पेक्ट भी...

सोनिया ने उसे और ज़ोर से भींचते हुए कहा : "मैने तो पहले ही कहा था की मैने तेरी सेट्टिंग करा दी है... तू ही बेकार में गुस्सा हो रहा था उस वक़्त...''

और इस बार सोनू को एहसास हुआ की उसके साथ क्या हो रहा है...

वो अपनी बहन के गले से लगा हुआ था जिसने बिना ब्रा के टी शर्ट पहनी हुई थी... और उसने सॉफ महसूस किया की उसकी ब्रेस्ट के निप्पल उसे चुभ रहे है...

वो हड़बड़ा सा गया... उसकी समझ मे नही आ रहा था की क्या करे और क्या नही... उसने अपनी तरफ से पकड़ ढीली कर दी ताकि वो भी छोड़ दे...पर सोनिया ने और ज़ोर से जकड़ लिया उसे...और उसकी आँखो में देखती हुई बोली : "वैसे मुझे भी तुझे सॉरी बोलना चाहिए...मैने तेरा मोबाइल बिना तेरी इजाज़त के देखा''

सोनू : "अरे नही दी.... इट्स ओके .... ''

वो देखती नहीं तो इतना बड़ा काम होता कैसे

सोनिया के चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गयी और अपने होंठों को तिरछा करते हुए बोली : "पर मैने तेरे 'नॉटी बाय्स' वाले मैसेज भी देख लिए हैं ...''

इतना कहकर वो अंदर भागती चली गयी...और जाते-2 उसने सोनू के हाथ से अपनी चॉकलेट कोन भी झपट ली...

वो भी उसके पीछे भागा पर उसने रूम में जाकर दरवाजा अंदर से लॉक कर लिया , वो बेचारा अपना सिर पकड़कर वही बैठ गया... उसकी समझ में नही आ रहा था की वो अब क्या करे... गुस्सा करे या शर्मिंदा होकर एक कोने में बैठ जाए...

लेकिन जो भी था, आज सोनिया ने वो सारे मैसेज देखकर उसकी प्राइवेट लाइफ को पूरा ख़त्म सा कर दिया था.

आगे चलकर वो ना जाने क्या-2 करेगी, ये सोचकर उसे डर लग रहा था.


 
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Ashokafun30

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वो भी उसके पीछे भागा पर उसने रूम में जाकर दरवाजा अंदर से लॉक कर लिया , वो बेचारा अपना सिर पकड़कर वही बैठ गया... उसकी समझ में नही आ रहा था की वो अब क्या करे... गुस्सा करे या शर्मिंदा होकर एक कोने में बैठ जाए...


लेकिन जो भी था, आज सोनिया ने वो सारे मैसेज देखकर उसकी प्राइवेट लाइफ को पूरा ख़त्म सा कर दिया था.

आगे चलकर वो ना जाने क्या-2 करेगी, ये सोचकर उसे डर लग रहा था.

***********
अब आगे
***********

वो ज़मीन पर बैठा सोच ही रहा था की उसकी मॉम वहां से निकलते हुए बोली : "अर्रे सोनू.... ऐसे नीचे क्यों बैठा है....अंदर जाओ... इट्स टाइम तो स्लीप ....''

सोनू : "मॉम .... वो ..... सोनिया..... अंदर....''

माँ : "ओफफो..... तुम दोनो ने पहले दिन ही लड़ाई शुरू कर दी....''

इतना कहकर वो आगे आई और दरवाजा खड़काकर बोली : "सोनिया.... सोनिया..... ओपन द डोर.....''

उन्हे ज़्यादा कहने की ज़रूरत नही पड़ी.... सोनिया ने तुरंत दरवाजा खोल दिया...और मॉम कुछ बोल पाती,उसने बड़ा ही भोला सा चेहरा बना लिया और बोली : "मॉम .... सोनू मुझे मार रहा था....इसलिए मैने डोर बंद कर लिया...''

सोनू तो उसकी चालाकी देखकर दंग सा रह गया....उसने तो सोचा भी नही था की उसकी बहन चालक भी बन चुकी है... पर वो बेचारा कुछ बोल ही नही पाया...उसे डर था की वो माँ को वो नॉटी बाय्स वाले मैसेज का सच ना बता दे...इसलिए मम्मी की फटकार सुनकर वो चुपचाप अंदर आ गया..

यहाँ मैं आपको बता दूँ की सोनू और सोनिया दोनो एक ही रूम में सोते थे.... ग्राउंड फ्लोर पर मॉम डेड का रूम था, ड्रॉयिंग और किचन भी...और एक गेस्ट रूम था जिसे मॉम ने क्लिनिक़ बना रखा था...अक्सर कई पेशेंट्स वो वहां देख लेती थी...वरना मार्केट में बने एक नर्सिंग होम में वो रैगुलर डॉक्टर थी...

सोनू चुपचाप अंदर आ गया और अपने बेड पर लेट गया...उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया...सोनिया भी दरवाजा लॉक करके दूसरे बेड पर जाकर लेट गयी...

सोनू के मन में अपनी बहन का ज़्यादा डर नही था, डर था तो बस इस बात का की कल साक्षी क्या बात करेगी उससे, कैसे करेगी.... वो कैसे जवाब दे पाएगा... वगेरह-2..

वो ये सोच ही रहा था की पीछे से आकर सोनिया उसके बेड पर लेट गयी और उसकी पीठ से चिपक कर बड़े ही प्यार से बोली : "सॉरी भाई.... वो क्या था ना की मुझे पिछली बार वाली बात याद आई तो मैने सारे मैसेज देख डाले...''

उसके कहने का तरीका ही इतना मासूमियत से भरा था की सोनू का दिल पिघल गया..

पर साथ ही उसकी हालत भी खराब होने लगी... सोनिया जिस तरह उसकी पीठ पर अपना सीना दबा कर लेटी हुई थी उससे सोनू को 'कुछ-कुछ' हो रहा था..

क्योंकि गौरतलब बात ये थी की दोनो ने सिर्फ़ एक कॉटन की टी शर्ट ही पहनी हुई थी...इस वजह से उसके नन्हे उरोजों पर लगे भाले की नोक जैसे निप्पल उसे पीठ पर सॉफ महसूस हो रहे थे...उसका पूरा शरीर काँप सा गया..

वो शायद समझ चुकी थी, इसलिए शरारती टोन में उसने पूछा : "क्या हुआ... कुछ प्राब्लम है क्या...''

वो जान बूझकर अपनी दबिश उसकी पीठ पर ज़्यादा कर रही थी.... सोनू की तो समझ में नही आ रहा था की वो ऐसा क्यों कर रही है... क्या उसकी बहन उसे रिझाने की कोशिश कर रही है.... पर ये तो ग़लत है ना..

वो तुरंत बोला : "नही...कुछ भी तो नही... चल अब सो जा... गुड नाइट.... मुझे मॉर्निंग में जल्दी उठना है...''

सोनिया बेमन से उठी और जाते-2 बोली : "ठीक है ठीक है... लगता है साक्षी से मिलने की कुछ ज़्यादा ही जल्दी है...''

अब वो बेचारा उसे क्या बोलता...की साक्षी से मिलने की नही बल्कि अपना उभार छुपाने की उसे जल्दी है...

अगली सुबह जब सोनू स्कूल पहुँचा तो उसकी नज़रें साक्षी को ही ढूँढ रही थी...

और जल्द ही उसे वो दिख भी गयी..

वो आज स्कूल ड्रेस में नही थी....आज उसकी बेडमींटन क्लास थी, इसलिए कैजुअल में आई थी वो.. दोनो की नज़रें मिली और दोनो ही मुस्कुरा दिए...



सोनू उसके पास पहुँचा और बड़े ही प्यार से उसे गुड मॉर्निंग कहा.... उसने भी मुस्कुरा कर अपना हाथ आगे करते हुए उसे विश किया..

सोनू वही बेंच पर उसके साथ बैठ गया... उसकी तो हिम्मत ही नही हो रही थी उससे कुछ कहने की...

साक्षी : "मुझे पता था,की तुम सामने आते ही ऐसे हो जाओगे...''

सोनू : "मैं...कैसा ??"

साक्षी ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे दबाते हुए बोली : "अरे बुद्धू , कब सीखोगे....आजकल के लोग कितने फास्ट है...और तुम हो की कुछ समझते ही नही...''

बेचारे सोनू का बुरा हाल था.... साक्षी ने खुले आम उसका हाथ पकड़ा हुआ था... और बोले जा रही थी...उसे डर सा लग रहा था की स्कूल मे दूसरे लोग उसे देखेंगे तो क्या सोचेंगे...उसके दोस्त तो उसकी टाँग खींचना पूरे साल नही छोड़ेंगे...

पर वहां कोई नही था...और होता भी तो उनके स्कूल में तो ये आम बात थी...लगभग हर लड़की का कोई ना कोई बाय्फ्रेंड था...सिर्फ़ सोनू ही ऐसा था जिसकी कोई जी एफ नही थी..

अचानक साक्षी बोली : "वो देखो.....रेणु को....वो अभी हमसे एक क्लास पीछे है...लेकिन बाकी के हर मामले में आगे निकल चुकी है...''

रेणु काफ़ी एट्रेक्टिव थी...हर कोई उसे एक बार चलते हुए देख लेता तो आहें भरकर रह जाता...वो अपने छोटे-2 कूल्हे कुछ ज़्यादा ही मटका कर चलती थी...उन्होने देखा की वो अपने बी एफ के साथ जल्दी-2 चलती हुई स्कूल के पीछे वाले एरिया में जा रही है...ये एक ऐसा हिस्सा था जहाँ दो बिल्डिंगो के बीच काफ़ी पेड़ थे, और उनके बीच छुपकर अक्सर प्रेमी लड़के-लड़किया मज़े लिया करती थी...सोनू ने एक दो बार छुप कर वहां के नज़ारे देखे थे, पर बाद में कभी हिम्मत नही हुई उसकी...

साक्षी ने उसका हाथ पकड़ा और उसे लगभग घसीटती हुई उस तरफ ले गयी

''चलो ना.....देखते है,वो आख़िर रोज वहां क्या -2 करते है...''

सोनू का दिल भी धड़क रहा था, वो उसके पीछे चलता चला गया.

बिल्डिंग के पीछे जाकर उन्होने देखा की रेणु और उसका बी एफ एक दूसरे को चूम रहे है...

साक्षी की आँखे गुलाबी हो गयी वो देखकर....उसके हाथ का दबाव सोनू पर बढ़ सा गया...दोनो छुपकर उन्हे देखने लगे..

लड़के ने रेणु के बूब्स प्रेस करे..उसके उपर के 3 बटन खोलकर , उसकी ब्रा को नीचे करके उसने रेणु की नन्ही ब्रेस्ट को सक किया....वो सब देखकर सोनू का तो बुरा हाल था ही, साक्षी के दिल की धड़कने बुरी तहर से धड़क रही थी...

अचानक वो बोली : "तू....तुमने जो कल फोन पर कहा था.... उस...उसका जवाब सुनना चाहते हो....''

सोनू का दिल भी धड़क उठा....वो उसके थरथराते हुए होंठों को देखकर बोला : "हाँ .....बोलो...''

सोनू का इतना कहना था की वो किसी लोमड़ी की तरह उसपर झपटी और अपने गर्म होंठ उसने सोनू के होंठों पर रख दिए और उन्हे जोरों से पीसती हुई बुदबुदाई : "उम्म्म.....आई लव यु .....आई लव यु सोनू.....आई लव यु ....''



और उसने सोनू का हाथ पकड़कर खुद ही अपनी छाती पर रख दिया...और सिसक उठी

एक तो सोनू की जिंदगी का पहला चुम्मा और उपर से पहली बार वो किसी की ब्रेस्ट को पकड़ रहा था...

एक ही दिन में उसकी जवान होती जिंदगी में 2 झटके लग चुके थे...और वो भी उस लड़की के द्वारा जिसके बारे में सोच सोचकर उसने ना जाने कितनी बार मुठ मारी थी....आज वो खुद ही अपने आप को उसके उपर उड़ेल सी रही थी...साक्षी का मदमस्त शरीर अपनी बाहों में लेकर वो भी फूला नही समा रहा था...और ख़ासकर उसके मोटे-2 मुम्मों पर हाथ रखकर तो उसे मज़ा ही आ गया था....आज उसे पता चला था की ये मम्मे कितने मुलायम होते है...उन्हे दबाने में उसे सच में काफ़ी मज़ा आ रहा था...

अचानक स्कूल की घंटी बज गयी....पहला पीरियड स्टार्ट हो चुका था....रेणु और उसका बी एफ भी वापिस आने लगे...और ये दोनो भी अपनी क्लास में आ गये...

उसके बाद पूरा दिन दोनो एक दूसरे के साथ ही बैठे रहे...साक्षी तो उससे चिपक कर ऐसे बैठी थी जैसे उसके सिवा किसी और का हक ही नही रह गया सोनू पर...

इसी तरह पूरा टाइम बीत गया और स्कूल के बाद खुशी-2 सोनू वापिस घर आ गया...

इस वक़्त घर पर मॉम तो होती नही थी, पापा भी ऑफीस में थे....सोनू के पास शुरू से ही घर की चाबी रहती थी
वो बेग लेकर अपने रूम में आया तो उसके बाथरूम से शावर की आवाज़ आ रही थी...यानि उसकी बहन नहा रही थी

पर कमरे के फर्श पर बिखरे कपड़ों को देखकर उसका दिमाग़ भन्ने गया...

सोनिया के बिस्तर से लेकर बाथरूम तक उसके कपड़े बिखरे पड़े थे....उसकी शॉर्ट, टी शर्ट और लास्ट में उसकी पेंटी...



और उसके पहनने वाले कपड़े और टावल वहीं उसके बिस्तर पर पड़ा था....यानी वो अंदर नंगी गयी थी और उसे वो सब लेने के लिए बाहर ऐसे ही आना पड़ेगा...एक ही मिनट में सोनू के दिमाग़ में सब बातें घूम गयी...

एक तो वैसे ही साक्षी की वजह से उसका लंड सुबह से अब तक बैठने का नाम नही ले रहा था, उपर से ये सब देखकर उसके दिमाग़ में शैतान ने सिर उठाना शुरू कर दिया...

पर अगले ही पल उसने वो सब विचार अपने दिमाग़ से झटक डाले और कमरे से बाहर निकलता हुआ बोला : "नही...नही...ये ग़लत है...ये ग़लत है...''

वो दरवाजा बंद करके जैसे ही बाहर निकला तो उसे शावर बंद होने की आवाज़ आई...और साथ ही दरवाजा खुलने और सोनिया के गुनगुनाने की आवाज़ भी आई...

उसके पैर वहीँ जम कर रह गये...और वो जाते-2 वापिस पलट गया..
 

komaalrani

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यह कालजयी रचना , एक बार फिर से आनंद आ गया , ... और फिर चित्र भी , ...सब के सब चितचोर
 

Ashokafun30

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Nice update
But so much spelling mistakes
Correct please
I was trying to copy from PDF file and paste it here, I don't know why these spelling mistakes are appearing automatically as in PDF everything is in proper format..maybe because of font difference..I will try to rectify first 2-3 updates, after that I dont think it has any mistakes.
 
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Ashokafun30

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एक तो वैसे ही साक्षी की वजह से उसका लंड सुबह से अब तक बैठने का नाम नही ले रहा था, उपर से ये सब देखकर उसके दिमाग़ में शैतान ने सिर उठाना शुरू कर दिया...

पर अगले ही पल उसने वो सब विचार अपने दिमाग़ से झटक डाले और कमरे से बाहर निकलता हुआ बोला : "नही...नही...ये ग़लत है...ये ग़लत है...''

वो दरवाजा बंद करके जैसे ही बाहर निकला तो उसे शावर बंद होने की आवाज़ आई...और साथ ही दरवाजा खुलने और सोनिया के गुनगुनाने की आवाज़ भी आई...

उसके पैर वहीँ जम कर रह गये...और वो जाते-2 वापिस पलट गया..

***************
अब आगे
*************

उसके माथे पर पसीना छलक रहा था...उसके दिल की धड़कनें इतनी ज़ोर से धड़क रही थी की उसे डर था की कहीं उसकी आवाज़ सोनिया ना सुन ले...उसका हाथ अभी तक दरवाजे के हेंडल पर था...दरवाजा अभी तक थोड़ा सा खुला हुआ था...

अंदर से आ रही भीनी-2 शेंपू और पानी की महक ने उसे मदहोश सा कर दिया... उसके कदम वहीं जम कर रह गये....

अंदर से उसके गुनगुनाने की आवाज़ आ रही थी..

''मेरे ख्वाबों में जो आए, आके मुझे छेड़ जाए, उससे कहो कभी सामने तो आए....''

उसकी मीठी आवाज सुनकर उसे कुछ - २ हो रहा था , सोनू को आज महसूस हो रहा था की उसके अंदर भी एक शैतान है.... वो शैतान जिसने उसे अपनी बहन के रूम के बाहर अभी तक रोक कर रखा हुआ था... कोई और भाई होता तो कब का नीचे जा चुका होता, पर ये सोनू के अंदर का वो शैतान ही था जो उसे नीचे जाने ही नही दे रहा था...आज सोनू का अपने शरीर पर कोई कंट्रोल ही नही रह गया था..

उसके होंठ तो अभी तक बुदबुदा रहे थे 'ये ग़लत है...ये ग़लत है...'

पर उस शैतान को वो शब्द तो जैसे सुनाई ही नही दे रहे थे.... और अंदर से ज़ोर लगा कर उस शैतान ने सोनू के सिर को दरवाजे की झिर्री की तरफ धकेल दिया...

सोनू ने अपनी आँखे बंद कर ली...
उसके होंठ काँप से रहे थे....
और अचानक उसे महसूस हुआ की उसके लंड ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी है....
अभी तो उसने कुछ देखा भी नही ....
सिर्फ़ अपनी बहन को नंगा देखने की कल्पना मात्र से उसका लंड खड़ा हो चुका था...उसने अपना हाथ नीचे लेजाकर उसे अपनी पेंट के साइड में से घसीट कर सीधा किया....

उसके अंदर से एक आवाज़ आई : 'आँखे खोल सोनू...आँखे खोल....'

सोनू (मन ही मन में) : 'नही.....वो मेरी बहन है....ये ग़लत है...'

अंदर का शैतान गुर्राया : 'क्या ग़लत है....कुछ भी ग़लत नही है.... अभी कुछ साल पहले तक तो तुम दोनो एक दूसरे के साथ एकसाथ नहाया करते थे.... बिना कपड़ों के घूमते रहते थे.... तब क्या वो तेरी बहन नही थी... वो ग़लत नही था क्या.... समय बदला है, तू और सोनिया तो पहले भी ऐसे थे और आज भी ऐसे ही है.... इसलिए कुछ ग़लत नही है...'

सोनू की जैसे अपने खुद के जमीर के साथ बहस चल रही थी....
पर असल बात ये थी की सवाल भी वो कर रहा था और जवाब भी वो खुद दे रहा था...

सोनू ने एक और बार कोशिश की : 'पर....समाज की नज़रों में तो ये सब पाप माना जाता है....किसी को पता चल गया तो क्या होगा..'

अंदर से एक और मंझा हुआ सा जवाब आया : 'समाज को कैसे पता चलेगा की इस वक़्त तू क्या कर रहा है... जब तक ये काम छुप कर किए जाए कुछ ग़लत नही है....एक बार देख तो ले की इतने सालो में उसकी बॉडी में क्या-2 बदलाव आए है...'

और आख़िरकार उस 'शैतान' की बातों में आकर उसने अपनी आँखे खोल ही दी..

और जो नज़ारा उन आँखो ने देखा, उसे देखकर तो सोनू का पूरा शरीर काँप उठा...बदन ठंडा सा पढ़ गया अंदर का गर्म नज़ारा देखकर...

अंदर सोनिया ड्रेसिंग टेबल के शीशे के आगे खड़ी होकर पोज़ मार रही थी..

वो पूरी नंगी थी...गीले बालों से निकल रहा पानी उसके बदन पर बूंदे बनकर फिसल रहा था..

उसकी नन्ही मुन्नी सी ब्रेस्ट देखकर सोनू के तो होंठ ही सूख गये...
अपनी जीभ से उन्हे तर करना चाहा पर जीभ भी लक्कड़ बन चुकी थी...
सामने का नज़ारा ही ऐसा था...





सोनू ने उपर से नीचे तक अपनी बहन के शरीर को नाप डाला....
बड़े ही क्यूट सी ब्रैस्ट थी उसकी और उतने ही क्यूट से चूतड़ थे उसके....
छोटे-2 और गोल मटोल...
पूरा शरीर एक दम गोरा चिट्टा ....
और छूट पर हल्के फुल्के रोँये थे बस...
 

Ashokafun30

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सोनू को तो ऐसा लगा जैसे कमरे से निकल रही भीनी खुश्बू उसकी चूत से ही आ रही है...
वो अपनी बहन को हर एंगल से देखता रहा...और देखता भी क्यो नही, वो पोज़ ही ऐसे बना रही थी की उसके शरीर का हर हिस्सा ना चाहते हुए भी देख लिया उसने...

सोनिया के शरीर का पानी तो सूख ही चुका था...उसने गुनगुनाते हुए बेड पर पड़ी पेंटी उठाई और पहन ली...

वो एक सफेद रंग का बॉक्सर टाइप का उंडरवीयर था...जिसमें उसकी नन्ही गांड पूरी समा गयी....

उसने घूम-2 कर अपनी गांड पर कसी हुई पेंटी को शीशे में निहारा... और मुस्कुरा दी.... शायद अपनी फिटिंग देखकर उसे खुद ही मज़ा आ रहा था..



सोनू की नज़रें कभी उसकी कसी हुई गांड पर तो कभी उसके कसावदार मुम्मों पर जा रही थी.... ऐसा नज़ारा उसने आज तक नही देखा था... उसे इस तरह मस्ती में भरकर अपनी बहन को निहारते देखकर अंदर बैठा शैतान भी हंस दिया..

'मैने कहा था ना... कुछ ग़लत नही है.... ऐसा रूप अगर ना देखा तो वो ग़लत होता है... '

अपने 'शैतान' की बात सुनकर उसने भी हाँ में हाँ मिला दी...
अब उसके अंदर की झिझक, शर्म और दुविधा दूर तक दिखाई नही दे रही थी...

पर एक प्राब्लम हो रही थी उसे....
उसका लंड फटने जैसी हालत में पहुँच चुका था... ऐसा लग रहा था जैसे उसमें से लावा फूटकर बाहर आ जाएगा...कुछ देर अगर वो और खड़ा रहा तो अपनी पेंट उसने गीली कर देनी थी..

खड़ा तो वो और भी देर तक होना चाहता था...पर उसके लंड के प्रेशर ने उसके कदम हिला दिए....और वो ना चाहते हुए भी नीचे बने बाथरूम की तरफ चल दिया....और वहाँ पहुँचकर उसने अफ़रा तफ़री में अपनी पेंट खोली, अंडरवीयर नीचे किया और अपने अकड़े हुए नागराज को पकड़कर जोरों से मसलने लगा...और जो प्रेशर उसके लंड में काफ़ी देर से बना हुआ था,वो किसी ज्वालामुखी की तरह फट गया...ढेर सारे पेशाब के बाद सफेद रंग का माल निकलकर ज़मीन पर गिरने लगा...हर बूँद के साथ उसके शरीर में मस्ती भरा एहसास दौड़ जाता...उसकी आँखे बंद थी...और बंद आँखो के पीछे उसने लाख कोशिश कर ली की सुबह स्कूल वाली किस्स याद करे इस वक़्त, पर उसकी सोच पर उसका कोई ज़ोर ही नही रह गया था... बार-2 उसकी आँखो के सामने उसकी बहन ही आ रही थी..और आख़िरकार उसके मुँह से निकल ही गया

''ओह...... सोनिया..........उम्म्म्मममम''

सब कुछ शांत होने के बाद उसे खुद पर शर्म आ रही थी...उसने जल्दी-2 अपने कपड़े ठीक किए और पानी डालकर अपने गुनाहों को सॉफ किया..

बाहर आया तो उसकी लाइफ का और भी बड़ा झटका उसका इंतजार कर रहा था..
 
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