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Incest ये गलत है(भाई-बहन का प्यार)

Ashokafun30

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साक्षी ने लास्ट के मैसेज में उसने कल अपने घर आने को कहा था.... शाम के समय.

ये पढ़कर उसके लंड में एकदम फिर से कसावट आने लगी...
वो समझ गया की कल ज़रूर उसके घर वाले कही जा रहे होंगे,इसलिए वो उसे घर बुला रही है...

आने वाले कल की शाम के बारे में सोचता हुआ वो सो गया...

ये सब भूलकर जो अभी कुछ देर पहले उसकी बहन के साथ हुआ था..पर जो भी हुआ था उसके बाद दोनों भाई-बहन की जिंदगी में बहुत कुछ बदलने वाला था.

************
अब आगे
************

अगले दिन सोनू जब स्कूल गया तो उसे पता चला की साक्षी आज छुट्टी पर है....
वो ऐसा करती नही थी, पर पता नही आज वो छुट्टी क्यों मार गयी....
स्कूल में मोबाइल अलाव नही था, वरना वो उसे कॉल करके पूछ लेता..

स्कूल के बाद उसने टेलीफोन बूथ से उसे कॉल किया, फोन उसी ने उठाया

साक्षी : "हाय स्वीटहार्ट...मैं तुम्हारे कॉल का ही वेट कर रही थी....''

सोनू : "हाय ...वो तो ठीक है पर तुम आज स्कूल क्यो नही आई....सब ठीक तो है ना...''

साक्षी : "हाँ बाबा...सब ठीक है....तभी तो मैने तुम्हे शाम को घर आने को कहा था..... बट ...अभी आ सकते हो तो मैं तुम्हे रोकूंगी नही....''

ये बात उसने इतनी शरारती टोन में कही थी की सोनू के सामने वो नंगी घूमने लगी...वो तुरंत बोला : "बस....अभी आया...''

इतना कहकर उसने फोन रख दिया और ऑटो पकड़कर सीधा उसके घर की तरफ चल दिया...

हालाँकि उसे ये एहसास हुआ की वहीँ से उसे अपनी बहन सोनिया को भी फोन करके बोल देना चाहिए था की वो अभी घर नही आ रहा .... साक्षी के बारे में तो वो जानती ही थी..इसलिए उसे बता भी देता तो कोई डर नही था...

कुछ ही देर में वो साक्षी के घर पहुँच गया.

दरवाजा भी साक्षी ने ही खोला....
दोनो एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा दिए ...
सोनू तो आगे बड़कर उसे गले ही लगाने वाला था की पीछे से कोई भागता हुआ आया.

''कौन है दीदी....''

सोनू ने देखा वो एक 10 साल की बच्ची थी...
उसके हाथ में एक्स बॉक्स का रिमोट था , वो शायद कोई गेम खेल रही थी

साक्षी मुस्कुराते हुए बोली : "इनसे मिलो...ये है मेरी छोटी बहन...रिंकी..और रिंकी ही इस माय फ्रेंड सोनू, जिसके बारे में मैने तुम्हे अभी बताया था...''

रिंकी : "ओके ....हाय सोनू भैय्या , कैसे हो आप....''

"हाय , आई एम फाइन ''

सोनू तो सोच कर आया था की वो अकेली होगी....
पर ये तो अपनी छोटी बहन के साथ है..

सोनू अंदर आकर बैठ गया.रिंकी वापिस अपने रूम में खेलने चली गयी...

साक्षी : "आई नो की तुम थोड़े से डिसपायंटेड हो, पर मेरी मजबूरी समझने की कोशिश करो तुम भी...मोम डेड कल शाम को अचानक दूसरे शहर चले गये हैं, हमारे किसी रिलेटिव की डेथ हो गयी है और वो आज रात तक ही वापिस आ पाएंगे ...रिंकी का स्कूल टाइमिंग थोड़ा अलग था, इसलिए उसका ऑफ करा दिया...और मैने भी उसका ध्यान रखने के लिए छुट्टी ले ली ..''

उसने एक ही साँस में पूरी गाथा सुना दी..

पर सोनू मन ही मन सोच रहा था की जब उसकी छोटी बहन घर है तो उसे क्यों बुला लिया...

और शायद साक्षी उसके उदास चेहरे को देखकर उसके मन में चल रही बात समझ चुकी थी....
वो उसके करीब आई और एकदम से उसने सोनू के होंठों को चूम लिया..




एक पल में ही सोनू की सारी शिकायतें दूर हो गयी और उसने उसे पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और जोरों से उसके होंठों को सकक् करने लगा...



एक लंबी सी स्मूच देकर साक्षी ने किस्स तोड़ी और बोली : "आराम से मेरे शेर, मेरी छोटी बहन घर पर ही है...और मैं नही चाहती की वो मेरी शिकायत मोम से करे... खुलकर तो कुछ हो नही सकता आज के दिन, पर जितना हो सकता है वो ज़रूर करेंगे... पर उसका भी ध्यान रखना पड़ेगा...''

सोनू आराम से बैठ गया....
भागते भूत की लंगोटी ही सही..

तभी उसे सोनिया का ध्यान आया, उसने साक्षी से उसका मोबाइल माँगा ताकि वो घर पर फोन करके बोल सके की वो कहां है..

वो उसे फोन देकर रिंकी को देखने चली गयी.

सोनू ने अपना ही नंबर मिलाया, उसे पता था की उसका फोन भी सोनिया के पास ही होगा.

सोनिया ने फोन उठाया और सोनू ने उसे बताया की वो आज थोड़ा लेट घर वापिस आएगा... वो साक्षी के साथ डेट पर जा रहा है..

सोनिया को पता तो चल ही गया था की वो साक्षी के साथ है,क्योंकि फोन तो उसी के नंबर से आया था..और उसके लेट आने की बात सुनकर वो चुप सी हो गयी थी...सोनू को लगा की शायद उसे वो सुनकर अच्छा नहीं लगा..

पर तभी साक्षी भागती हुई सी आई, इसलिए सोनू ने फोन कट कर दिया.

वो पास आई और बोली : "मैने उसे नयी गेम लगा दी है, वो अभी हमें तंग नहीं करेगी.... हमारे पास करीब दस मिनट है अभी....''

उसने जैसे ही ये कहा, सोनू की तो बाँछे ही खिल गयी..

साक्षी ने उसका हाथ पकड़ा और उसे लगभग घसीटते हुए अपने मोम डेड के रूम में ले गयी...
और अंदर घुसकर दरवाजा बंद किया और उसपर कमर टीकाकार वहीं खड़ी हो गयी...
सोनू समझ गया की वो दरवाजा लॉक करके कोई रिस्क नही लेना चाहती...
उसके लिए इतना ही बहुत था, वो तुरंत उसे पकड़कर चूमना शुरू हो गया..

दोनो एक दूसरे के होंठों को बुरी तरह से चूस रहे थे..



साक्षी के हाथों को दरवाजे पर टीका कर उसने उसे उपर से नीचे तक चूमना शुरू कर दिया...
सबसे पहले तो होंठों आए उसके मुँह में, साक्षी भी प्यासी लोमड़ी की तरह उसके लिप्स को काट रही थी....चूस रही थी....

और सोनू इतने इत्मीनान से पहली बार उसे चूम रहा था....
हालाँकि एक बार पहले भी वो उसे किस्स कर चुका था....
पर इस तरहा घर पर करने का मज़ा ही कुछ और आ रहा था उसे....
उसने आँखे खोल कर देखा तो वो बंद आँखे किए उसकी किस्स का मज़ा ले रही थी....

सोने ने किस्स तोड़ दी और उसे गोर से देखने लगा...

और अचानक

उसे साक्षी में सोनिया का चेहरा दिखाई दिया..

अपनी खुद की बहन का..

साक्षी ने आँखे खोल दी और बोली : "क्या हुआ बैबी.... रुक क्यो गये.... करो ना.... कितना मज़ा आ रहा था...''

इतना कहते हुए उसने सोनू के हाथ पकड़कर अपनी ब्रेस्ट पर रख दिए..

सोनू एक बार फिर से अपनी चेतना में वापिस आया और साक्षी के बूब्स को ज़ोर-2 से दबाने लगा...

उसने आज तक किसी के बूब्स चूसे नही थे...

और आज ये पहला मौका था उसके पास

जिसे गँवाना उसने उचित नही समझा...

उसने तुरंत उसकी टी शर्ट को पकड़ा और उपर करना शुरू कर दिया..

साक्षी ने अपना निचला होंठ दांतो तले दबा लिया और शरारती हँसी हँसती हुई बोली : "नॉटी बॉय...... ये क्या कर रहे हो.... रिंकी आ गयी तो...''

सोनू : "बस.....उपर-2 से देखूँगा..... आई प्रोमिस.... टी शर्ट मत उतारना....''

वो तो वैसे भी तैयार ही थी, बस, थोड़ा नखरे कर रही ती..

"ओके ...तुम कहते हो तो दिखा देती हूँ ....बट लिमिट में रहना, समझे बच्चू ...''

और उसने मुस्कुराते हुए अपनी टी शर्ट को खुद उपर करना शुरू कर दिया...

जैसे ही उसके मुम्मे कसी हुई ब्रा में सोनू की नज़रों के सामने आए , वो साँस लेना ही भूल गया...

उसने टी शर्ट निकाल कर हाथ में रख ली , अब वो सिर्फ एक लाल ब्रा में कड़ी थी सोनू के सामने
**** red bra

वो अपने बूब्स को हाथों में लेकर दबाने लगी और बोली : "क्या हुआ बैबी....अच्छे नही लगे क्या....''

सोनू भला क्या जवाब देता , उसकी आँखों में तो कोई और ही पिक्चर चल रही थी.....

उसे इस वक़्त सोनिया की नंगी छातियाँ याद आ गयी, जिन्हे देखकर उसके लंड का बुरा हाल हो गया था....

हालाँकि साक्षी की ब्रेस्ट भी ऑलमोस्ट उतनी ही पर्फेक्ट थी, पर पता नही क्यो वो उसे सोनिया से कंपेयर करने में लगा था....

साक्षी ने अपनी ब्रा को भी उपर कर दिया और अपने दोनो चाँद उसके सामने उजागर कर दिए.

ये शायद साक्षी के लिए पहला मौका था की उसने अपनी कीमती ब्रेस्ट को किसी के सामने नंगा किया था...

इसलिए उसे शर्म भी आ रही थी....

पर उसे मालूम था की हर लड़का ब्रेस्ट का दीवाना होता है, और उसे पक्का विश्वास था की सोनू भी उसकी ब्रेस्ट को देखकर उसका पक्का वाला दीवाना बनकर रह जाएगा..

पर ऐसा हुआ नही..

सोनू भले ही साक्षी की नंगी छातियों को इतने करीब से देख रहा था,
पर उसकी आँखो के आगे तो सोनिया की ब्रेस्ट ही नाच रही थी....

चाहकर भी वो अपना ध्यान साक्षी के उपर नही लगा पा रहा था...

ये एक ऐसा पल था जिसके लिए हर लड़का मरता है.....
उसकी गर्लफ्रेंड खुद उसे अपनी ब्रेस्ट दिखा रही थी..
और वो उल्लू सा बनकर उसे सिर्फ़ देख रहा था..

उसे तो अपनी बहन और उसकी ब्रेस्ट नज़र आ रही थी इस वक़्त...
इसलिए उसके हाथ उठे ही नही उन्हे दबोचने के लिए...
वो तो बस बुत्त सा बनकर वहां खड़ा रहा...
उन्हे देखने का नाटक करता रहा..

साक्षी : "बोलो ना बेबी, कैसे हैं ये.....''

सोनू : "हम्म्म्म हाँ .... हन..... काफ़ी अच्छे है...''

इतना कहते हुए उसने उनपर अपना हाथ रख दिया...

साक्षी का शरीर थर्रा उठा सोनू का स्पर्श पाकर.....
उसके निचले होंठ काँप से गये जब उसने कहा : "सकक् करो सोनू..... प्लीज़ सकक् माय ब्रेस्टsssssss ....''

सोनू की हालत कुछ ऐसी थी की वो खुद ही समझ नही पा रहा था....
अभी कुछ देर पहले तक तो वो उसे चोदने तक की बातें सोचता हुआ उसके घर आया था, और अब जब खेल शुरू हुआ तो वो आगे ही नही बड़ रहा था...
पता नही क्या था जो उसे रोके हुए था....

पर साक्षी को अभी तक उसका आभास नही हुआ था...
हालाँकि उसे थोड़ा आशचर्य ज़रूर हुआ था जब उसने अपनी ब्रेस्ट खुद खोल कर उसे दिखाई और उसके बाद भी वो उसे दबाने या चाटने के लिए लपका नही...
पर जब सोनू ने उन्हे अपने हाथों में पकड़ा तो वो अपनी सुध-बुध खोती चली गयी और उसे कुछ भी होश नही रह गया की वो सोनू के बारे में क्या सोच रही थी अभी....

उसके पूरे शरीर में चींटियां सी रेंग रही थी, और ख़ासकर उसके निप्पल्स पर....
वो अंदर से चाह रही थी की सोनू उसके निप्पल्स को ज़ोर से दबा डाले.....
उन्हे चुभला कर ज़ोर से काट ले...

पर जब सोनू ने अपनी तरफ से कुछ नही किया तो उसने खुद उसका सिर पकड़ कर अपनी छाती की तरफ किया और अपना नुकीला निप्पल उसके मुँह में ठूस दिया...

एक बार फिर से सोनू यथार्थ के धरातल पर आ गिरा..
और जब उसे एहसास हुआ की उसके मुँह में क्या है तो उसने अपने दाँत गड़ा दिए उन नन्हे निप्पल्स पर....

और वो इतने जोर से गाड़े की साक्षी बुरी तरह से चीख उठी..



''आआआआआआआआ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ''

दोनो के लिए ये पहला मौका था...
सोनू का बूब्स चूसने का और साक्षी का चुसवाने का..

साक्षी को भला क्या पता था की वो किन सपनों में खोया हुआ है....
उसे तो बस ये पता था की पहली बार में ही उसके बी एफ ने उसके बूब्स पर निशान बना दिया है..

उसकी चीख सुनकर रिंकी दौड़ती हुई चली आई...
और उसके कदमों की आवाज़ सुनकर साक्षी ने जल्दी से अपना टॉप पहना और सोनू को चेयर पर बिठा कर दरवाजा खोल दिया.

रिंकी के आने पर उसे बोली की बिल्ली थी, इसलिए उसे देखकर चीख निकल गयी.... रिंकी भी उसे अजीब नज़रों से घूरती हुई वापिस अपने रूम में चली गयी...जैसे उसे सब पता था की वो क्यों चीखी थी.

उसके जाते ही साक्षी बोली : "ये आजकल के बच्चे भी..... मुझे लगता है अब वो बार-2 आकर चेक करेगी...इसलिए हमे ऐसे ही बैठना पड़ेगा...''

सोनू कुछ नही बोला, वो चुपचाप बैठा रहा.

साक्षी उसके करीब आई और बोली : "ओये मिस्टर...क्या हुआ था तुम्हे... क्यों काटा इतनी ज़ोर से... पता है ये कितना सेंसीटिव पार्ट होता है हमारा.... उन्नहुऊऊँ...... दर्द हो रहा है....''

वो अपनी ब्रैस्ट सहलाती हुई रोने का नाटक करने लगी

अब जाकर सोनू को एहसास हुआ की उसने कितना बड़ा मौका गँवा दिया है....
उसके दिमाग़ में अगर सोनिया की तस्वीर ना आई होती तो वो अब तक शायद साक्षी को नंगा करके उसे चूम रहा होता.... या फिर उसे अपना लंड चुसवा रहा होता...

सोनू : "आई एम सॉरी यार.... पता नही मुझे क्या हुआ था.... वो जब मुँह में आया तो कंट्रोल ही नही हुआ...''

वो आँखे तरेर कर बोली : "यू आर वाइल्ड ऐनिमल..... ऐसे लोग बेड पर बहुत ख़तरनाक होते हैं....''

उसकी बात का मतलब समझकर वो बोला : "कहो तो दिखा दूँ अभी... कितना वाइल्ड हूँ मैं बेड पर ...''

मान तो साक्षी का भी बहुत कर रहा था कुछ और करने का...पर वो कोई रिस्क लेने के मूड में नही थी.

साक्षी : "आई एम सॉरी.... वो टाइम अब निकल चुका है.... अब किसी और दिन सेट्टिंग करेंगे कुछ करने की...तब तक के लिए सिर्फ़ क़िस्सी मिलेगी...''

इतना कहकर वो उसकी गोद में आकर बैठ गयी और उसे किस्स करने लगी...
सोनू भी बड़े प्यार से उसके होंठों को चूम रहा था... ऐसा करते हुए अब दोनो की नज़रें बाहर की तरफ थी, क्योंकि रिंकी कभी भी आ सकती थी..

फिर वो बाहर आकर ही बैठ गए, कुछ देर बाद रिंकी भी आ गयी... साक्षी ने सेंडविच बना रखे थे, सबने मिलकर खाए...

ऐसे ही कुछ देर और बैठ कर वो वापिसी की तैयारी करने लगा..
क्योंकि वो जानता था की अपनी ग़लती की वजह से उसने एक सुनहरा मौका खो दिया है, जो शायद अब दोबारा ना मिले.

वो वापिस घर की तरफ चल दिया.

उसके दिमाग़ में सब कुछ घूम रहा था...

उसे अपने पर गुस्सा भी आ रहा था की क्यों वो साक्षी में सोनिया को ढूँढने में लगा था...

पर काफ़ी सोचने के बाद भी उसे अपने अंदर से कोई जवाब नही मिला..

ऐसे ही चलते -2 वो घर पहुँच गया..

जहाँ एक सरप्राइज उसका इंतजार कर रहा था.





 

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दरवाजे पर पहुँचकर जैसे ही घंटी बजाने के लिए उसके हाथ उठे, उससे पहले ही उसके दिमाग़ की घंटी बज गयी...
उसे 2 दिन पहले का वो वाक्या याद आ गया जब वो अपनी चाबी से दरवाजा खोलकर अंदर आ गया था... और उसी दिन उसने अपनी बहन सोनिया को पहली बार नंगा देखा था..


आज भी शायद उसकी किस्मत साथ दे जाए और उसे कोई नज़ारा देखने को मिल जाए...
क्योंकि सोनिया को तो उसने यही बताया था की वो 5 बजे तक ही वापिस आएगा...
अभी तो 3 ही बजे थे बस.


उसने अपनी पॉकेट से चाबी निकाली और दरवाजा खोलकर चुपचाप अंदर आ गया...

पूरे घर में शांति थी..

उसने अपना स्कूल बैग आराम से एक कोने में रखा और दबे पाँव अपने रूम की तरफ चल दिया.

जैसे-2 वो कमरे के करीब पहुँचा,उसे सोनिया की आवाज़ सुनाई देने लगी...
वो किसी से फोन पर बात कर रही थी...
और वो भी स्पीकर फोन पर...


दरवाजा आधा खुला था...
वो पर्दे के पीछे छुपकर अंदर झाँकने की कोशिश करने लगा...
और अंदर का नज़ारा देखकर उसकी साँसे रुक सी गयी...


उसकी बहन सोनिया उसी के बेड पर बैठी थी...
और वो भी सिर्फ़ पेंटी और ब्रा में ...
वो अपने पैरों में नेल-पॉलिश लगा रही थी... उसे शुरू से ही अपने नेल्स की बहुत परवाह रहती थी...इसलिए उसके हाथ और पैरों के नेल्स बहुत सुंदर थे..वो नेल आर्ट करती रहती थी अक्सर..


हाथों से तो वो पॉलिश लगा रही थी...इसलिए वो स्पीकर फ़ोन पर बात कर रही थी.



दूसरी तरफ उसकी सहेली तन्वी थी, उसकी आवाज़ तो सोनू अच्छी तरह से पहचानता था...
क्योंकि पहले वो उन्ही के घर के पास किराए पर रहती थी, और सोनिया की अच्छी दोस्त थी इसलिए सारा दिन उन्ही के घर पर पड़ी रहती थी, उसी की दोस्ती की वजह से सोनिया के कम मार्क्स आए थे और उसे होस्टल जाना पड़ा था...
इसी वजह से सोनू को तन्वी से चिढ़ सी हो गयी थी...
बाद में तन्वी के पापा ने अपना खुद का घर ले लिया और वो वहां शिफ्ट हो गये...
पर तन्वी और सोनिया रेग्युलर टच में थे और बात करते रहते थे...


इस वक़्त शायद तन्वी अपने किसी बी एफ की बात कर रही थी...
वैसे तो सोनू को उससे चिढ़ थी पर इस तरह छुप कर लड़कियो की बातें सुनने में कितना मज़ा आता है,वो जल्द ही जान गया.


तन्वी : "यार....तुझे मैने कल भी बताया था ना, रोहन का ज़रूर उस चुड़ैल निशि के साथ कुछ चक्कर है... साला सारा दिन तो मेरे साथ बैठता है, पर घर जाते हुए उसे बाइक पर बिठा लेता है... मैने तो आज उसे डायरेक्ट बोल दिया था की आज मुझे घर छोड़ने तू ही जाएगा...वरना मुझसे बुरा कोई नही होगा...साले का मुँह उतर गया था...पता है उसे की नही लेकर गया तो मैं उसके घर पहुँच जाउंगी ...उसकी मोंम और मेरी मोंम आपस में कितनी अच्छी फ्रेंड है वो अच्छी तरह से जानता है...''

सोनिया मस्ती से अपनी जांघे फैलाए हुए, उकड़ू बैठकर अपने नेल्स पॉलिश कर रही थी.

वो बोली : "तो मज़ा आया के नही.... पीछे बैठकर तूने क्या किया ये भी तो बता दे जानेमन..उसका पकड़ा या नही.. हे हे''

तन्वी : "क्या हे हे...तू भी ना.... मुझे तो उसके कंधे पर हाथ रखते हुए भी शर्म सी आ रही थी...पर फिर भी,थोड़ा दूर जाकर मैने हाथ रख ही दिया...बेचारा नर्वस सा हो गया था,और फिर मैने उसे पीछे से हग किया...''

सोनिया : "हाआआ ...तूने हग कर लिया.... उसके तो मज़े आ गये होंगे ...तेरे बूब्स फील करके''

तन्वी : "वेरी फन्नी....अब तू फिर से शुरू हो गयी ना मेरे बूब्स के बारे में ... तू अच्छी तरह जानती है की इनकी वजह से मुझे कितनी शर्म महसूस होती है....''

सोनू भी हंस दिया ये सुनकर...
वो सच ही कह रही थी...
बूब्स के नाम पर उसके पास कुछ नही था...
सिर्फ़ निप्पल्स थे..
पर चेहरा बड़ा ही सेक्सी था उसका...




शुरू-२ में तो सोनू उसकी नशीली आँखो और सैक्सी होंठों पर काफ़ी ध्यान देता था...
पर फिर धीरे-2 उसे बूब्स वाली लड़कियो में दिलचस्पी बढ़ने लगी तो उसने उसकी तरफ ज़्यादा ध्यान देना ही बंद कर दिया...
सोनिया के होस्टल जाने के बाद तो पूरी तरह से.


सोनिया : "अच्छा बाबा...सॉरी....अब नही बोलूँगी तेरे बूब्स के बारे में कुछ...पर ये तो बता की कुछ हुआ भी या नही...''

तन्वी : "कहाँ यार...उसे तो कुछ फ़र्क ही नही पड़ा...अब मेरे पास तेरी जैसी ब्रेस्ट तो है नही...जो एक बार किसी की पीठ से लगा दो तो उसे मज़ा आ जाए...''

सोनिया : "ओहो....तू आज ये एकदम से मेरी ब्रेस्ट की क्यों तारीफ करने लगी... पहले तो बोलती थी की कुछ ख़ास नही है... ये है...वो है...अब क्या हो गया...''

तन्वी : "यार... एटलीस्ट दे आर ग्रोयिंग ... मेरे तो साले निकलने ही बंद से हो गये हैं...मुझे तो डिप्रेशन सा होने लगा है इनकी वजह से...पता नही क्या होगा मेरा...''

उसकी आवाज़ रुंआसी सी हो गयी..

सोनिया : "तभी तो कहती हूँ मैं ....कोई ढूंड ले...जो इनकी मालिश करा करे रोज... तभी बढ़ेंगे ये... वरना ऐसी ही रहियो पूरी जिंदगी...अपने पति को भी निप्पल चुस्वा कर खुश करना पड़ेगा तुझे...हा हा...''

तन्वी : "यार,तेरी फ्रेंड प्राब्लम में है और तू हंस रही है....मस्ती सूझ रही है तुझे तो...और वैसे भी, मुझे नही लगता की रोहन को मुझमे कोई इंटरस्ट है... क्योंकि घर छोड़कर जाने के बाद जब मैने उसे फोन किया तो उसने उठाया ही नही...और बाद में तो स्विच ऑफ ही कर दिया...यार...पता नही क्या होगा मेरा...क्या मुझे कोई प्यार करने वाला मिलेगा या नही...

सोनू ने मन में सोचा 'अगर बात सिर्फ़ बूब्स चुसवाने की है तो वो काम तो मैं भी कर सकता हूँ ...कभी मौका देके देखना..'

भले ही वो उसे पसंद नही करता था, पर आज के बाद वो उसे दूसरी नज़रों से ही देखने वाला था...
उसे क्या पता था की इस फ़्लैट सी दिखने वाली लड़की में इतना सैक्स भरा है..


सोनिया : "यार...तेरा तो पता नही, पर मुझे तो आजकल किसी से प्यार सा हो गया है...''

सोनिया की ये बात सुनकर जितना तन्वी चोंकी उतना ही सोनू भी....
ये उसके लिए किसी सरप्राइज से कम नही था...
उसकी बहन किसी से प्यार करती है...
और उसे पता भी नही...
अभी कल ही तो वो ये बात बोल रही थी की उसका कोई बी एफ नही है, फिर ये एकदम से कहां से आ गया...
उसे लगने लगा की शायद वो उसे बताना नही चाहती थी, इसलिए उससे झूट बोला.


तन्वी चीख सी पड़ी : "साली....एक नंबर की चालू है तू तो....कल तक तो कुछ बताया नही..ये एकदम से कहां से टपक गया....कौन है ये... कहाँ रहता है.... तेरे होस्टल में है क्या.... स्टूडेंट है या टीचर....बोल ना....बता ना...''

सोनिया ने हंसते हुए अपना पैर नीचे किया और दूसरा उठा कर सामने रख लिया और उसपर पॉलिश लगाने लगी और बोली : "अरे....सब्र कर....सब बताउंगी ...पर प्रोमिस कर ...तू किसी को नही बोलेगी....''

तन्वी : "यार...ड्रामे ना कर...तेरे-मेरे बीच की बात मैने आज तक किसी को बोली है जो आज बोलूँगी...बता ना यार...मेरे तो पेट में दर्द सा हो रहा है.... जल्दी बोल...कौन है वो...''

सोनिया कुछ देर चुप सी हो गयी....उसके चेहरे पर वही कल रात वाली हँसी आ गयी.... और बोली :"तू उसे जानती है.... वो यहीं रहता है....''

तन्वी : "मैं जानती हू....वो वही रहता है, तेरे मोहल्ले में ....ओह माय गॉड .... कहीं वो रजत तो नही....वो तेरे पीछे काफ़ी दिनों से था....वो है क्या..... या फिर वो राहुल....जो तेरे घर के सामने रहता है...सक्सैना आंटी का लड़का , वो है ना..''

सोनिया के साथ-2 अब तो सोनू को भी काफ़ी उत्सुकतता हो रही थी....
अपनी बहन के बी ऍफ़ का नाम जानने के लिए...
अंदर से उसे अजीब सी फीलिंग हो रही थी....
जलन वाली...
कुछ जल सा रहा था उसके दिल में.


सोनिया : "वो.....वो......सोनू है.....मेरा भाई...''

जब उसने ये कहा तो तन्वी का तो मुँह ही बंद हो गया.....
और
सोनू के दिल ने तो इतनी ज़ोर से धड़कना शुरू कर दिया जैसे उसके अंदर कोई मशीन लगा दी हो....
धड़-धड़ की आवाज़ें उसके कानो तक आ रही थी....


ये क्या कह दिया सोनिया ने...

वो उसे प्यार करती है...
ये कैसे हुआ..
कब हुआ...


कोई अपने भाई से कैसे प्यार कर सकता है...हालाँकि जो कुछ उनके बीच चल रहा था वो सब इसी तरफ इशारा कर रहा था, पर सोनू ने तो उस नजरिये से अपनी बहन को कभी देखा ही नहीं था

ये तो ग़लत है.

बिल्कुल ग़लत .

और यही बात कुछ देर चुप रहकर तन्वी ने भी कही..

''ओह्ह माय गॉड ..... आर यू मेड ... तुझे सोनू से प्यार हो गया है... अपने सगे भाई से.... तू पागल है क्या... पता भी है की तू क्या बोल रही है.... ये बहुत ग़लत है...बिल्कुल ग़लत.''

सोनू ने भी मन ही मन में तन्वी की बात पर हामी भरी...
आज जिंदगी में उसे पहली बार तन्वी की बात सही लग रही थी...
वरना वो उसे एकदम झल्ली समझता था.


सोनिया : "आई नो यार.... ये ग़लत है... बट मुझे अपने आप पर कुछ कंट्रोल ही नही रह गया... जब से वापिस आई हूँ ...कुछ ना कुछ ऐसा होता चला गया जो मेरे साथ लाइफ में पहली बार हो रहा था... वो सब जिनके लिए मैने ना जाने कितने सपने देखे थे.....''

तन्वी की परेशान सी आवाज़ गूँजी फोन पर : "है भगवान...ऐसा क्या कर लिया तूने.... कुछ ग़लत काम तो नही कर बैठी भाई के साथ ...''

सोनिया : "अरे नहीं पागल.... .वैसा कुछ नही है.... बस .... जो मैने कहा वो है.... तू ज़्यादा दिमाग़ पर ज़ोर ना दे... और वैसे भी, प्यार तो किसी से भी हो सकता है.... तूने भी तो मुझे लास्ट टाइम कहा था ना की तुझे अपने पापा बहुत अच्छे लगते हैं... उनके जैसा कोई शादी के लिए मिल जाए तो तू दुनिया की सबसे खुशनसीब लड़की होगी...''

तन्वी : "अरे पागल.... वो तो मेरी एक फीलिंग थी.... तुझे तो पता है की मेरे पापा कितने हेंडसम है... उन्हे देखकर अक्सर मेरे दिल में ऐसे ख़याल आते हैं... और वही मैने तेरे साथ शेयर कर लिया... अब इसका मतलब ये नही है की जो मैने सोचा वो मैं कर ही डालूंगी... वो मेरे पापा है पागल... उनके बारे में सोचना एक बात है, उनसे शादी करना दूसरी बात , ऐसे मन में सोचना अलग बात है... और इस तरह से बोलना दूसरी बात...''

सोनिया : "तो मैने कौन सा बोल दिया है उसको... मेरे भी मन में ये बात आई और मैने तेरे साथ शेयर कर ली...मैं कौन सा सोनू को बोलने जा रही हूँ की आई लव यू सोनू...''

उसने आई लव यू सोनू इतने प्यार से कहा था जैसे उसे बोलने की प्रैक्टिस कर रही हो....
और बाहर खड़े सोनू का दिल नम सा हो गया अपनी बहन के मुँह से ये सुनकर...
भले ही उसने सामने नही कहा था...
पर उसके दिल की बात सोनू को पता चल ही चुकी थी.


तन्वी : "चल मान ली तेरी बात... पर ये क्या था,जो तूने अभी बोला की जब से आई है कुछ ना कुछ ऐसा हो रहा है.... मुझे बता तो ज़रा...की ऐसा क्या चल रहा है तेरे और सोनू के बीच जो बात प्यार तक पहुँच गयी...''

वो तो किसी इंस्पेक्टर की तरह सवाल कर रही थी सोनिया से...

सोनू सोचने लगा की अगर उसकी बहन ने सब बता दिया की पिछले 2 दिनों से उनके बीच क्या चल रहा है तो वो तन्वी से कैसे नज़रें मिला सकेगा...

पर ऐसा कुछ हुआ नही.

सोनिया : "अरे इडियट ... वो जो कुछ भी हो रहा है, मेरी सोच का ही फल है...वरना उसकी तरफ से कुछ नही है...वैसे एक बात बता...तुझे सोनू की बड़ी फ़िक्र हो रही है....कही तुझे वो पसंद तो नही है...''

तनवी : "वो....अकड़ू....हुंह ...वो साला तो मेरी तरफ देखता भी नही है...हाँ ये सच है की शुरू में वो मुझे अच्छा लगता था..पर औरों की तरह वो भी बड़े बूब्स वाली लड़कियों का दीवाना है...पता है मुझे...उसकी क्लास में मेरी भी एक फ्रेंड है...उसने काफ़ी कुछ बताया है उसके बारे में मुझे...''

अब चौंकने की बारी सोनिया की थी...
और साथ-2 सोनू की भी...
यानी उसके और साक्षी के बीच की बात तन्वी तक भी पहुँच चुकी है....
कितनी छोटी दुनिया है ये..


सोनिया : "बता ना यार....जल्दी से...क्या पता है तुझे...''

तन्वी अब ऐंठने लगी और बोली : "ओहो....अपनी बाते तो छुपा रही है, और मुझसे निकलवाने में लगी है...पहले तू बोल, फिर मैं बताउंगी ...''

सोनिया : "एक काम कर...तू घर आ जा ... यहीं बैठकर बातें करेंगे...''

तन्वी : "सॉरी....अभी मैं नही आ सकती...शाम को आउंगी ... ओके...''

सोनिया : "ओके ...आई विल वेट फॉर यू .... बाइ....''

इतना कहकर उसने फोन काट दिया.

उसकी नाइल पोलिश भी लग चुकी थी...
उसने अपना समान समेटना शुरू कर दिया.


सोनू भी दबे पाँव नीचे उतार आया...
बेग लेकर वो बाहर गया और लॉक लगाकर उसने बाहर की बेल बजाई...


करीब 2 मिनट बाद दरवाजा खुला....
सोनिया ने एक टी शर्ट और निक्कर पहन ली थी...
उसे देखकर वो थोड़ा शॉक सी हुई, अंदर आकर उसने सवालों की झड़ी सी लगा दी....
पर सोनू को जैसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था....
वो बड़े ही प्यार से सोनिया की आँखों को और हिलते हुए होंठों को देखता रहा...
उसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था..बस दिखाई दे रहा था.


सोनिया की बातें सुनने के बाद सोनू का नज़रिया कुछ बदल सा चुका था.

उसे अंदर ही अंदर डर सा लग रहा था की अब वो कैसे अपने आप पर कंट्रोल रख पाएगा.
 

Naik

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बहुत शानदार प्रस्तुति हे भाई आज की धन्यवाद आपका
आग धीरे-धीर।भड़क रही है देखते हैं आगे किया होता है
ऐसे ही लिखते रहें अगले अपडेट का इंतिजार रहे गा
 
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komaalrani

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इस कहानी को ,

इस कहानी को क्या आपकी किसी कहानी को , जित्ती बार पढ़िए उतना नया मज़ा मिलता है , कालजयी रचनाओं की पहचान है यह
 
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Dev1234

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दोस्तो
आज मै अपनी एक और स्टोरी ये गलत है(भाई-बहन का प्यार) को आपके लिए इस फोरम पर डाल रहा हू
जो मैने Xossip पर लिखी थी.
वैसे तो ये स्टोरी काफ़ी लोगो ने पढ़ रखी है पर जिन्होने नही पड़ी है ये उनके लिए एक नया एहसास होगा.

हेव फन.
Nice
 
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Ashokafun30

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सोनू भी दबे पाँव नीचे उतार आया...
बेग लेकर वो बाहर गया और लॉक लगाकर उसने बाहर की बेल बजाई...

करीब 2 मिनट बाद दरवाजा खुला....
सोनिया ने एक टी शर्ट और निक्कर पहन ली थी...
उसे देखकर वो थोड़ा शॉक सी हुई, अंदर आकर उसने सवालों की झड़ी सी लगा दी....
पर सोनू को जैसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था....
वो बड़े ही प्यार से सोनिया की आँखों को और हिलते हुए होंठों को देखता रहा...
उसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था..बस दिखाई दे रहा था.

सोनिया की बातें सुनने के बाद सोनू का नज़रिया कुछ बदल सा चुका था.

उसे अंदर ही अंदर डर सा लग रहा था की अब वो कैसे अपने आप पर कंट्रोल रख पाएगा.

*************
अब आगे
*************

सोनिया : "ओये हेल्लो ....कितनी देर से बोल रही हूँ .... क्या बात हो गयी....तू तो साक्षी के साथ डेट पर गया था ना.... क्या हुआ.... झगड़ा हुआ क्या... इतनी जल्दी क्यों वापिस आ गया....''

सोनू : "अर्रे....दी, ऐसा कुछ नही हुआ... हम तो जा ही रहे थे की उसकी मॉम का फोन आ गया... और वो घर चली गयी..''

सोनिया : "तो वो घर कुछ बोलकर नही जा रही थी क्या..?''

सोनू : "नही...मैं तो तुम्हे बोल सकता हूँ , पर वो अपनी मॉम से इतनी फ्रेंक नही हुई अभी...समझी...''

सोनिया : "वो तो समझ गयी....और साथ में ये भी की तुम्हारा क्या हाल हो रहा होगा इस वक़्त...''

सोनू : "मेरा !!! मतलब ? "

सोनिया : "अरे भाई, जिसकी गर्लफ्रेंड के साथ डेट हो और वो एंड टाइम पर कैंसिल हो जाए तो सारे अरमानो पर तो पानी फिर ही जाता है ना..... अब तो खुद ही करना पड़ेगा...''

उसका इशारा मास्टरबेशन की तरफ था....

ये पहली बार था जब उसकी बहन ने इतनी बेशर्मी से ऐसी गंदी बात अपने भाई से की थी..

सोनू :" वेरी फन्नी.... मेरी हालत पर इतना ही तरस आ रहा है तो... तो...''

वो कहते-2 बीच में ही रुक गया.....

हे भगवान, वो भी भावनाओ में बहकर क्या बोलने जा रहा था...

अपनी बहन को वो बोलने वाला था की वो कर दे उसका मास्टरबेशन ...

या जो भी था...

जो वो समझ रही थी...

सोनिया : "तो....तो क्या....?? बोलो.... ''

वो दबी हँसी से ये बात बोल रही थी...
जैसे वो सुनना चाहती हो अपना नाम उसके मुँह से.

पर सोनू ने बात घुमा दी...
और बोला : "तो अपनी किसी फ्रेंड को बोलो मेरी हेल्प करने को....''

सोनिया : "जब तेरी जी एफ तेरी हेल्प नही कर रही तो मेरी फ्रेंड से क्यों करवाना चाहता है.... और वैसे भी, मेरी सारी बदमाश फ्रेंड्स तो मंसूरी में है, यहाँ ऐसी कोई नही है...''

सोनू ने थोड़ा हिम्मत की और बोल दिया

"क्यो, वो तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड तन्वी को क्या हुआ...वो तो यहीं है ना... उसे बोलो...''

वो एकदम आश्चर्य से उसे देखने लगी...
सोनिया का मुँह खुल सा गया...
एक पल के लिए तो उसे लगा की कहीं सोनू ने उसकी और तन्वी की बाते तो नही सुन ली..


सोनिया : "तुझे उसमे इतना इंटेरेस्ट कब से हो गया... मुझे तो लगा था की तुझे वो पसंद नही है....''

सोनू : "किसने कहा ??''

सोनिया अपनी झेंप मिटाते हुए बोली : "कहा तो किसी ने नही.... पर ..... वो.... उसे लगा.... आई मीन मुझे लगा की वो थोड़ी दुबली है ना... शायद इसलिए ....तूने उसे अवाय्ड किया...''

सोनू (हैरान होने का नाटक करते हुए) : "अरे दी... मैने कब अवाय्ड किया.... तुम जब से होस्टल गयी हो, तब से तो उसने आना ही बंद कर दिया.... बाद में वो कहीं और शिफ्ट हो गये.... अब मिलना ही नही होता पहले जैसा तो कैसे कह सकते हो की अवाय्ड किया... इनफॅक्ट मुझे तो वो काफ़ी पसंद थी....''

सोनू की बाते सुनकर सोनिया हैरान हुए जा रही थी..

"देख रही हूँ मैं ....आजकल काफ़ी ऑप्शन्स एक्सप्लोर किए जा रहे हैं..... स्कूल में साक्षी.... और अब मेरी फ्रेंड भी....''

सोनू (मुस्कुराते हुए) : "अरे दी... यही तो उम्र है ये सब करने की... अभी मस्ती नही करेंगे तो कब करेंगे...''

सोनिया : "अच्छा ... तो आजकल बड़ी मस्ती करने की सूझ रही है...''

सोनू बस मुस्कुरा कर रह गया.

सोनिया : "वैसे एक खुशख़बरी है...वो आज शाम को आ रही है...''

सोनू चोंकने का नाटक करता हुआ बोला : "कौन....तन्वी ??''

सोनिया : "ओये होये बड़ा खुश हो रहा है उसका नाम सुनकर ...हाँ वही...आ रही है शाम को.... कहो तो बात करू उसके साथ... वैसे भी वो आजकल अपने लिए कोई बाय्फ्रेंड ढूँढ रही है...''

सोनू : "ठीक है...कर लेना..''

सोनिया : "और वो साक्षी का क्या होगा....''

सोनू : "वो तो स्कूल में है ना...ये बाहर हो जाएगी...''

सोनिया : "वाह जी वाह ... एक स्कूल वाली...एक बाहर वाली...घर पर भी रख ले कोई...''

सोनू : "घर पर तो तुम हो ना...''

सोनिया ने हंसते हुए अपनी खुशी दबाई और सोनू की ही तरह भाषण देने के अंदाज कहा : "पर ये तो ग़लत है ना.... मैं तो तुम्हारी बहन हूँ ....''

सोनू : "पर जो भी कल रात हुआ उसके बाद तो हमारे रिश्ते के मायने ही बदल चुके है....''

सोनिया की आँखे गुलाबी हो उठी ये सुनकर....
वो शायद अपने दिल की बात यानी उसे प्यार करने की बात उसे बोलना चाह रही थी...
पर हिम्मत नही कर पाई वो...

सोनिया : "चल ठीक है.... आने दे उसको... बात कर लूँगी... पर तू शरमाना मत उसके सामने... वरना सब गड़बड़ हो जाएगा....''

फिर कुछ देर रुककर वो बोली : "पर उसके साथ सेट्टिंग करवाने में मेरा क्या फायदा.... ऐसे तो वो तुझे मुझसे अलग कर देगी....''

सोनू उसके करीब आया...
और उसके दोनो हाथों को पकड़ कर बोला : "दी, हमे कोई अलग नही कर सकता.... कभी नही...''

दोनो एक दूसरे की आँखो मे देखकर एक पल के लिए कहीं गुम से हो गये...
दोनो के दिल धड़क उठे....
सोनिया के लब लरज उठे...
और वो थोड़ा आगे खिसक आई....
अपने भाई के बिल्कुल करीब...
इतने करीब की उसकी साँसे वो अपने चेहरे पर महसूस कर पा रही थी...

सोनू के हाथ सोनिया ने अपनी छाती के बिल्कुल सामने पकड़े हुए थे...
सोनू की छोटी उंगली उसकी ब्रेस्ट को टच कर रही थी...
उसका मन तो कर रहा था की अपने हाथ और अंदर दबा दे, पर ऐसा करना उसके सिद्धांतो में नही था, इसलिए उसने अपने हाथ छुड़ाए और अपनी भावनाओ को काबू करने के लिए बाथरूम में घुस गया..

अंदर जाकर उसने वाश्बेसन पर अपना चेहरा धोया ...
सोनिया उसके करीब आकर खड़ी हो गयी.

और बोली : "वैसे मुझे भी एक बात बोलनी थी तुमसे... ''

सोनू समझ गया की वो अपने प्यार का इज़हार करना चाहती है..

वो उसके चेहरे की तरफ देखने लगा....
पर वो असमंजस मे थी, की बोले या नही..

सोनिया : "वैसे कहना तो नही चाहिए, पर मेरा क्या फायदा होगा ये सब कराने में ...?''

सोनू समझ गया की वो बातें गोल कर रही है...
उसकी हिम्मत ही नही हुई अपने भाई को आई लव यू बोलने की...
इसलिए बीच में ये दूसरी बात छेड़ दी.

सोनू : "तू बोल दी, क्या चाहिए.... आइस्क्रीम.... मूवी .... मेरी पॉकेट मनी में तो यही सब आ सकता है...''

सोनिया : "अर्रे ये सब नही पागल....कुछ और... जिसमें तेरे पैसे खर्च नही होंगे...''

अब तो सोनू भी उत्सुक सा हो गया...
ये जानने के लिए की उसकी कामुक बहन के मन में क्या चल रहा है...

सोनू : "बोलो फिर, क्या चाहिए ?"

सोनिया ने शरमाते हुए कहा : "वही....कल रात जैसे...नाम लेकर....करने की परमिशन....''

सोनू हैरानी से उसे देखने लगा....
यानी उसकी बहन एक बार फिर से आज रात को मास्टरबेट करते हुए उसका नाम लेना चाहती थी...
जैसे कल रात लिया था...

सो एक्साइटिंग .... वो और उसका लण्ड फूल कर कुप्पा हो गये...

सोनू ने कुछ देर तो परेशान से होने का नाटक किया फिर दबी ज़ुबान से बोला : "ओके .... ठीक है.... कर लेना...''

वो तो ऐसे खुश हुई जैसे उसे मिस यूनिवर्स का खिताब मिल गया हो...
उछलते हुए उसने ताली बजाई और सोनू के गले से लग गयी....

उफफफफ्फ़.... क्या फीलिंग थी उसके बूब्स की......
आज तो सोनू से भी सब्र नही हुआ.....
उसने उसकी पीठ पर हाथ रखकर उसे और ज़ोर से गले लगा लिया...
और उसके नन्हे बूब्स को पीस डाला अपनी कठोर छाती से...

वो तो खुद चाहता था अब की जो खेल उन भाई बहन के बीच रात को चल रहा है, वो थोड़ा और आगे बड़े...
सोनिया ने खुद पहल करके अपनी सहमति तो दे ही डाली थी....
अब सोनू के उपर था की वो इस खेल को किस दिशा में ले जाता है..

पर

ये सब करने के पीछे सोनू की मंशा एकदम सॉफ थी...
उसे पता था की स्कूल में साक्षी के साथ वो ज़्यादा मज़े ले नही सकता...
और अपनी बहन के साथ वो सब करना नही चाहता जिसके लिए उसका दिल गवाही नही देता...
इसलिए..
इस तन्वी को उसने चुना जो साक्षी और सोनिया द्वारा उठाए गये लण्ड की अकड़ को ठीक करने का काम करेगी..

इसलिए अब उसे तन्वी का इंतजार था....

वो देखना चाहता था की उसकी बहन कैसे उसे तैयार करती है और वो तन्वी किस हद तक उसके साथ मज़े लेने के लिए तैयार हो सकती है....
 

Naik

Well-Known Member
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Bahot zaberdast update bhai
Bahot achcha likh rehe h aap
Aise hi likhte rahiye
Agle update ka intizar rehega
Thank you
 
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