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साक्षी ने लास्ट के मैसेज में उसने कल अपने घर आने को कहा था.... शाम के समय.
ये पढ़कर उसके लंड में एकदम फिर से कसावट आने लगी...
वो समझ गया की कल ज़रूर उसके घर वाले कही जा रहे होंगे,इसलिए वो उसे घर बुला रही है...
आने वाले कल की शाम के बारे में सोचता हुआ वो सो गया...
ये सब भूलकर जो अभी कुछ देर पहले उसकी बहन के साथ हुआ था..पर जो भी हुआ था उसके बाद दोनों भाई-बहन की जिंदगी में बहुत कुछ बदलने वाला था.
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अब आगे
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अगले दिन सोनू जब स्कूल गया तो उसे पता चला की साक्षी आज छुट्टी पर है....
वो ऐसा करती नही थी, पर पता नही आज वो छुट्टी क्यों मार गयी....
स्कूल में मोबाइल अलाव नही था, वरना वो उसे कॉल करके पूछ लेता..
स्कूल के बाद उसने टेलीफोन बूथ से उसे कॉल किया, फोन उसी ने उठाया
साक्षी : "हाय स्वीटहार्ट...मैं तुम्हारे कॉल का ही वेट कर रही थी....''
सोनू : "हाय ...वो तो ठीक है पर तुम आज स्कूल क्यो नही आई....सब ठीक तो है ना...''
साक्षी : "हाँ बाबा...सब ठीक है....तभी तो मैने तुम्हे शाम को घर आने को कहा था..... बट ...अभी आ सकते हो तो मैं तुम्हे रोकूंगी नही....''
ये बात उसने इतनी शरारती टोन में कही थी की सोनू के सामने वो नंगी घूमने लगी...वो तुरंत बोला : "बस....अभी आया...''
इतना कहकर उसने फोन रख दिया और ऑटो पकड़कर सीधा उसके घर की तरफ चल दिया...
हालाँकि उसे ये एहसास हुआ की वहीँ से उसे अपनी बहन सोनिया को भी फोन करके बोल देना चाहिए था की वो अभी घर नही आ रहा .... साक्षी के बारे में तो वो जानती ही थी..इसलिए उसे बता भी देता तो कोई डर नही था...
कुछ ही देर में वो साक्षी के घर पहुँच गया.
दरवाजा भी साक्षी ने ही खोला....
दोनो एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा दिए ...
सोनू तो आगे बड़कर उसे गले ही लगाने वाला था की पीछे से कोई भागता हुआ आया.
''कौन है दीदी....''
सोनू ने देखा वो एक 10 साल की बच्ची थी...
उसके हाथ में एक्स बॉक्स का रिमोट था , वो शायद कोई गेम खेल रही थी
साक्षी मुस्कुराते हुए बोली : "इनसे मिलो...ये है मेरी छोटी बहन...रिंकी..और रिंकी ही इस माय फ्रेंड सोनू, जिसके बारे में मैने तुम्हे अभी बताया था...''
रिंकी : "ओके ....हाय सोनू भैय्या , कैसे हो आप....''
"हाय , आई एम फाइन ''
सोनू तो सोच कर आया था की वो अकेली होगी....
पर ये तो अपनी छोटी बहन के साथ है..
सोनू अंदर आकर बैठ गया.रिंकी वापिस अपने रूम में खेलने चली गयी...
साक्षी : "आई नो की तुम थोड़े से डिसपायंटेड हो, पर मेरी मजबूरी समझने की कोशिश करो तुम भी...मोम डेड कल शाम को अचानक दूसरे शहर चले गये हैं, हमारे किसी रिलेटिव की डेथ हो गयी है और वो आज रात तक ही वापिस आ पाएंगे ...रिंकी का स्कूल टाइमिंग थोड़ा अलग था, इसलिए उसका ऑफ करा दिया...और मैने भी उसका ध्यान रखने के लिए छुट्टी ले ली ..''
उसने एक ही साँस में पूरी गाथा सुना दी..
पर सोनू मन ही मन सोच रहा था की जब उसकी छोटी बहन घर है तो उसे क्यों बुला लिया...
और शायद साक्षी उसके उदास चेहरे को देखकर उसके मन में चल रही बात समझ चुकी थी....
वो उसके करीब आई और एकदम से उसने सोनू के होंठों को चूम लिया..
एक पल में ही सोनू की सारी शिकायतें दूर हो गयी और उसने उसे पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और जोरों से उसके होंठों को सकक् करने लगा...
एक लंबी सी स्मूच देकर साक्षी ने किस्स तोड़ी और बोली : "आराम से मेरे शेर, मेरी छोटी बहन घर पर ही है...और मैं नही चाहती की वो मेरी शिकायत मोम से करे... खुलकर तो कुछ हो नही सकता आज के दिन, पर जितना हो सकता है वो ज़रूर करेंगे... पर उसका भी ध्यान रखना पड़ेगा...''
सोनू आराम से बैठ गया....
भागते भूत की लंगोटी ही सही..
तभी उसे सोनिया का ध्यान आया, उसने साक्षी से उसका मोबाइल माँगा ताकि वो घर पर फोन करके बोल सके की वो कहां है..
वो उसे फोन देकर रिंकी को देखने चली गयी.
सोनू ने अपना ही नंबर मिलाया, उसे पता था की उसका फोन भी सोनिया के पास ही होगा.
सोनिया ने फोन उठाया और सोनू ने उसे बताया की वो आज थोड़ा लेट घर वापिस आएगा... वो साक्षी के साथ डेट पर जा रहा है..
सोनिया को पता तो चल ही गया था की वो साक्षी के साथ है,क्योंकि फोन तो उसी के नंबर से आया था..और उसके लेट आने की बात सुनकर वो चुप सी हो गयी थी...सोनू को लगा की शायद उसे वो सुनकर अच्छा नहीं लगा..
पर तभी साक्षी भागती हुई सी आई, इसलिए सोनू ने फोन कट कर दिया.
वो पास आई और बोली : "मैने उसे नयी गेम लगा दी है, वो अभी हमें तंग नहीं करेगी.... हमारे पास करीब दस मिनट है अभी....''
उसने जैसे ही ये कहा, सोनू की तो बाँछे ही खिल गयी..
साक्षी ने उसका हाथ पकड़ा और उसे लगभग घसीटते हुए अपने मोम डेड के रूम में ले गयी...
और अंदर घुसकर दरवाजा बंद किया और उसपर कमर टीकाकार वहीं खड़ी हो गयी...
सोनू समझ गया की वो दरवाजा लॉक करके कोई रिस्क नही लेना चाहती...
उसके लिए इतना ही बहुत था, वो तुरंत उसे पकड़कर चूमना शुरू हो गया..
दोनो एक दूसरे के होंठों को बुरी तरह से चूस रहे थे..
साक्षी के हाथों को दरवाजे पर टीका कर उसने उसे उपर से नीचे तक चूमना शुरू कर दिया...
सबसे पहले तो होंठों आए उसके मुँह में, साक्षी भी प्यासी लोमड़ी की तरह उसके लिप्स को काट रही थी....चूस रही थी....
और सोनू इतने इत्मीनान से पहली बार उसे चूम रहा था....
हालाँकि एक बार पहले भी वो उसे किस्स कर चुका था....
पर इस तरहा घर पर करने का मज़ा ही कुछ और आ रहा था उसे....
उसने आँखे खोल कर देखा तो वो बंद आँखे किए उसकी किस्स का मज़ा ले रही थी....
सोने ने किस्स तोड़ दी और उसे गोर से देखने लगा...
और अचानक
उसे साक्षी में सोनिया का चेहरा दिखाई दिया..
अपनी खुद की बहन का..
साक्षी ने आँखे खोल दी और बोली : "क्या हुआ बैबी.... रुक क्यो गये.... करो ना.... कितना मज़ा आ रहा था...''
इतना कहते हुए उसने सोनू के हाथ पकड़कर अपनी ब्रेस्ट पर रख दिए..
सोनू एक बार फिर से अपनी चेतना में वापिस आया और साक्षी के बूब्स को ज़ोर-2 से दबाने लगा...
उसने आज तक किसी के बूब्स चूसे नही थे...
और आज ये पहला मौका था उसके पास
जिसे गँवाना उसने उचित नही समझा...
उसने तुरंत उसकी टी शर्ट को पकड़ा और उपर करना शुरू कर दिया..
साक्षी ने अपना निचला होंठ दांतो तले दबा लिया और शरारती हँसी हँसती हुई बोली : "नॉटी बॉय...... ये क्या कर रहे हो.... रिंकी आ गयी तो...''
सोनू : "बस.....उपर-2 से देखूँगा..... आई प्रोमिस.... टी शर्ट मत उतारना....''
वो तो वैसे भी तैयार ही थी, बस, थोड़ा नखरे कर रही ती..
"ओके ...तुम कहते हो तो दिखा देती हूँ ....बट लिमिट में रहना, समझे बच्चू ...''
और उसने मुस्कुराते हुए अपनी टी शर्ट को खुद उपर करना शुरू कर दिया...
जैसे ही उसके मुम्मे कसी हुई ब्रा में सोनू की नज़रों के सामने आए , वो साँस लेना ही भूल गया...
उसने टी शर्ट निकाल कर हाथ में रख ली , अब वो सिर्फ एक लाल ब्रा में कड़ी थी सोनू के सामने
**** red bra
वो अपने बूब्स को हाथों में लेकर दबाने लगी और बोली : "क्या हुआ बैबी....अच्छे नही लगे क्या....''
सोनू भला क्या जवाब देता , उसकी आँखों में तो कोई और ही पिक्चर चल रही थी.....
उसे इस वक़्त सोनिया की नंगी छातियाँ याद आ गयी, जिन्हे देखकर उसके लंड का बुरा हाल हो गया था....
हालाँकि साक्षी की ब्रेस्ट भी ऑलमोस्ट उतनी ही पर्फेक्ट थी, पर पता नही क्यो वो उसे सोनिया से कंपेयर करने में लगा था....
साक्षी ने अपनी ब्रा को भी उपर कर दिया और अपने दोनो चाँद उसके सामने उजागर कर दिए.
ये शायद साक्षी के लिए पहला मौका था की उसने अपनी कीमती ब्रेस्ट को किसी के सामने नंगा किया था...
इसलिए उसे शर्म भी आ रही थी....
पर उसे मालूम था की हर लड़का ब्रेस्ट का दीवाना होता है, और उसे पक्का विश्वास था की सोनू भी उसकी ब्रेस्ट को देखकर उसका पक्का वाला दीवाना बनकर रह जाएगा..
पर ऐसा हुआ नही..
सोनू भले ही साक्षी की नंगी छातियों को इतने करीब से देख रहा था,
पर उसकी आँखो के आगे तो सोनिया की ब्रेस्ट ही नाच रही थी....
चाहकर भी वो अपना ध्यान साक्षी के उपर नही लगा पा रहा था...
ये एक ऐसा पल था जिसके लिए हर लड़का मरता है.....
उसकी गर्लफ्रेंड खुद उसे अपनी ब्रेस्ट दिखा रही थी..
और वो उल्लू सा बनकर उसे सिर्फ़ देख रहा था..
उसे तो अपनी बहन और उसकी ब्रेस्ट नज़र आ रही थी इस वक़्त...
इसलिए उसके हाथ उठे ही नही उन्हे दबोचने के लिए...
वो तो बस बुत्त सा बनकर वहां खड़ा रहा...
उन्हे देखने का नाटक करता रहा..
साक्षी : "बोलो ना बेबी, कैसे हैं ये.....''
सोनू : "हम्म्म्म हाँ .... हन..... काफ़ी अच्छे है...''
इतना कहते हुए उसने उनपर अपना हाथ रख दिया...
साक्षी का शरीर थर्रा उठा सोनू का स्पर्श पाकर.....
उसके निचले होंठ काँप से गये जब उसने कहा : "सकक् करो सोनू..... प्लीज़ सकक् माय ब्रेस्टsssssss ....''
सोनू की हालत कुछ ऐसी थी की वो खुद ही समझ नही पा रहा था....
अभी कुछ देर पहले तक तो वो उसे चोदने तक की बातें सोचता हुआ उसके घर आया था, और अब जब खेल शुरू हुआ तो वो आगे ही नही बड़ रहा था...
पता नही क्या था जो उसे रोके हुए था....
पर साक्षी को अभी तक उसका आभास नही हुआ था...
हालाँकि उसे थोड़ा आशचर्य ज़रूर हुआ था जब उसने अपनी ब्रेस्ट खुद खोल कर उसे दिखाई और उसके बाद भी वो उसे दबाने या चाटने के लिए लपका नही...
पर जब सोनू ने उन्हे अपने हाथों में पकड़ा तो वो अपनी सुध-बुध खोती चली गयी और उसे कुछ भी होश नही रह गया की वो सोनू के बारे में क्या सोच रही थी अभी....
उसके पूरे शरीर में चींटियां सी रेंग रही थी, और ख़ासकर उसके निप्पल्स पर....
वो अंदर से चाह रही थी की सोनू उसके निप्पल्स को ज़ोर से दबा डाले.....
उन्हे चुभला कर ज़ोर से काट ले...
पर जब सोनू ने अपनी तरफ से कुछ नही किया तो उसने खुद उसका सिर पकड़ कर अपनी छाती की तरफ किया और अपना नुकीला निप्पल उसके मुँह में ठूस दिया...
एक बार फिर से सोनू यथार्थ के धरातल पर आ गिरा..
और जब उसे एहसास हुआ की उसके मुँह में क्या है तो उसने अपने दाँत गड़ा दिए उन नन्हे निप्पल्स पर....
और वो इतने जोर से गाड़े की साक्षी बुरी तरह से चीख उठी..
''आआआआआआआआ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ''
दोनो के लिए ये पहला मौका था...
सोनू का बूब्स चूसने का और साक्षी का चुसवाने का..
साक्षी को भला क्या पता था की वो किन सपनों में खोया हुआ है....
उसे तो बस ये पता था की पहली बार में ही उसके बी एफ ने उसके बूब्स पर निशान बना दिया है..
उसकी चीख सुनकर रिंकी दौड़ती हुई चली आई...
और उसके कदमों की आवाज़ सुनकर साक्षी ने जल्दी से अपना टॉप पहना और सोनू को चेयर पर बिठा कर दरवाजा खोल दिया.
रिंकी के आने पर उसे बोली की बिल्ली थी, इसलिए उसे देखकर चीख निकल गयी.... रिंकी भी उसे अजीब नज़रों से घूरती हुई वापिस अपने रूम में चली गयी...जैसे उसे सब पता था की वो क्यों चीखी थी.
उसके जाते ही साक्षी बोली : "ये आजकल के बच्चे भी..... मुझे लगता है अब वो बार-2 आकर चेक करेगी...इसलिए हमे ऐसे ही बैठना पड़ेगा...''
सोनू कुछ नही बोला, वो चुपचाप बैठा रहा.
साक्षी उसके करीब आई और बोली : "ओये मिस्टर...क्या हुआ था तुम्हे... क्यों काटा इतनी ज़ोर से... पता है ये कितना सेंसीटिव पार्ट होता है हमारा.... उन्नहुऊऊँ...... दर्द हो रहा है....''
वो अपनी ब्रैस्ट सहलाती हुई रोने का नाटक करने लगी
अब जाकर सोनू को एहसास हुआ की उसने कितना बड़ा मौका गँवा दिया है....
उसके दिमाग़ में अगर सोनिया की तस्वीर ना आई होती तो वो अब तक शायद साक्षी को नंगा करके उसे चूम रहा होता.... या फिर उसे अपना लंड चुसवा रहा होता...
सोनू : "आई एम सॉरी यार.... पता नही मुझे क्या हुआ था.... वो जब मुँह में आया तो कंट्रोल ही नही हुआ...''
वो आँखे तरेर कर बोली : "यू आर वाइल्ड ऐनिमल..... ऐसे लोग बेड पर बहुत ख़तरनाक होते हैं....''
उसकी बात का मतलब समझकर वो बोला : "कहो तो दिखा दूँ अभी... कितना वाइल्ड हूँ मैं बेड पर ...''
मान तो साक्षी का भी बहुत कर रहा था कुछ और करने का...पर वो कोई रिस्क लेने के मूड में नही थी.
साक्षी : "आई एम सॉरी.... वो टाइम अब निकल चुका है.... अब किसी और दिन सेट्टिंग करेंगे कुछ करने की...तब तक के लिए सिर्फ़ क़िस्सी मिलेगी...''
इतना कहकर वो उसकी गोद में आकर बैठ गयी और उसे किस्स करने लगी...
सोनू भी बड़े प्यार से उसके होंठों को चूम रहा था... ऐसा करते हुए अब दोनो की नज़रें बाहर की तरफ थी, क्योंकि रिंकी कभी भी आ सकती थी..
फिर वो बाहर आकर ही बैठ गए, कुछ देर बाद रिंकी भी आ गयी... साक्षी ने सेंडविच बना रखे थे, सबने मिलकर खाए...
ऐसे ही कुछ देर और बैठ कर वो वापिसी की तैयारी करने लगा..
क्योंकि वो जानता था की अपनी ग़लती की वजह से उसने एक सुनहरा मौका खो दिया है, जो शायद अब दोबारा ना मिले.
वो वापिस घर की तरफ चल दिया.
उसके दिमाग़ में सब कुछ घूम रहा था...
उसे अपने पर गुस्सा भी आ रहा था की क्यों वो साक्षी में सोनिया को ढूँढने में लगा था...
पर काफ़ी सोचने के बाद भी उसे अपने अंदर से कोई जवाब नही मिला..
ऐसे ही चलते -2 वो घर पहुँच गया..
जहाँ एक सरप्राइज उसका इंतजार कर रहा था.