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Romance रंडी से प्यार (Completed)

Chutiyadr

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It was a great story Doctor. One of the greatest point i liked about this story is that you have shown the reality ...i mean most of the stories on this site don't show..or i guess don't know about the real world..how hard it is to survive out there. But in this story you have expressed it in a very good manner i would say about the poverty factors! Other than that the emotions are expressed well. Good job :nicethread:
Btw
:iamnew: I mean i was a silent reader from 2015 but then i thought why not open an account and express my reviews about the stories written!
Keep it up!
:thanks: dhanywad professor sahab :)
ab account khulwa hi liye to reviews dete raha karo , isse writers ka hosala bhi badhta rahta hai :approve:
 
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Darshu22

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Best story aaj pori read ki 7 din lage.. different plot.. but all was good muze lagta hai aap bhi kajal ke fan hai...last wala scene bahot maza aya.. kadhaiwala...waiter bolte hai wo... shadi ke bad ki bhi story dikhate to accha rehta.. .aur kajal ke kisse sunne milte.. aur apne kajal aur Avinash ji ko bhi acchi tarah se nhi milwaya.. u knw what i mean... jane do apki story hai.. app acche se likhte ho.. apne jo socha likha wo bahot accha hai..hum kajal ke kisse aur kisi story me padhenge..waiting for more suspens thriller adultry ur upcoming
 
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Guffy

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Hello Everyone :hello:

We are Happy to present to you The annual story contest of Xforum "The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat thread toh pehle se he Hind section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 700 words and maximum 7000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Xforum dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki USC Ki stories ko pure Xforum k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Xforum k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 21st February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shaktey hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.

Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..

Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.


Regards : XForum Staff.
 
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nadat_ankit

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अध्याय 22

मैं चलता हुआ बनवारी के पास चला गया

“अरे कैसे हो इंजीनियर बाबू ,तुम्हारी तो ठाठ है “

बनवारी की बात सुनकर मैं नकली हंसी में हँसने लगा..

“ये आकाश क्या कह रहा था”मैने जाते हुए आकाश की तरफ इशारा किया

“अरे कहेगा क्या वही पुराना चुद का जुगाड़ ऐसे तेरी आइटम पर इसकी नियत पूरी तरह से डोली है ,आज भी उसे पाने को कुछ भी करने को तैयार रहता है “बनवारी ने गंदी हंसी हंसी

“अरे कहे की मेरी आइटम काका,रंडीया आजतक किसी की हुई है क्या ,बस साली के साथ कुछ कर नही पाया “

मैंने बड़ी मुश्किल से ये कहा लेकिन ये कहना जरूरी था ,बनवारी जोरो से हंसा

“और कुछ कर भी नही पाओगे...हा हा जब तक की शकील की मेहरबानी ना हो जाए ,वैसे भी काजल उसकी खास माल जो है “

मैंने उसे थोड़े शक के निगाहों से देखा जैसे मुझे कुछ भी ना पता हो

“क्यो”

“अरे तुझे पता नही “

“नही तो “

“असल में शकील और काजल दोनों ही इस शहर में एक साथ आये ,शकील ही काजल को कही से उठा कर लाया था,उस समय यंहा शकील नही बल्कि उसके चाचा कयामत का जोर था ,जब शकील काजल जैसी माल को लेकर आया तो कयामत बहुत ही खुश हुआ और शकील को अपने साथ ही रख लिया,काजल बेचारी के लिए वो दिन उसके जीवन के सबसे मुश्किल दिन थे,सारे गुंडों ने उसे कई दिनों तक लगातार रौंदा,मैंने ये ये भी सुना है की जितना काजल को दर्द मिलता शकील को उतनी ही खुसी मिलती,पता नही कैसी दुश्मनी थी उस जल्लाद की शकील के साथ ,फिर काजल को रंडीखाने में ले जाकर पटक दिया,और कुछ ही दिनों में शकील ने कयामत को मारकर उसकी जगह ले ली ,तब से शकील इस जगह का राजा है,धीरे धीरे काजल का दर्द कम होने लगा और शकील का उससे ध्यान भी ,लेकिन फिर पता नही उसे क्या हो गया जो काजल का पीछा करने के लिए उसके कई गुंडे साथ ही रहते है ,शायद तेरे कारण हो “

बनवारी हँसने लगा था मैं भी साथ साथ हँसने लगा

“अरे मेरी इतनी औकात कहा जो मैं शकील भाई से पंगा लू..”

“लेना भी मत,सोचना भी मत वरना तेरे जिस्म से चमड़ी उतरवा देगा वो शकील ,महामादरचोद आदमी है साला,जल्लाद है “

मैंने हांमी भारी और बनवारी से दुवा सलाम करके उसको चलता किया,मैं फिर से उसी टपरी में आकर खड़ा हो गया था..


मेरे चहरे में आये हुए भाव से प्यारे और संजय सर बेखबर नही रह पाए,

“क्या हुआ राहुल कुछ परेशान लग रहे हो “

संजय सर ने पूछा था,मैं इसी कसमकस में था की इन्हें कुछ बताऊँ या नही लेकिन सोचा की शायद कोई मसाला निकल जाए

और मैंने काजल के बीमारी और अपनी मजबूरी वाली पूरी बात उन्हें बता दी …

“ओह यार ...ये तो बड़ा लोचा है भाई तू इन सबमे मत पड़ ..”प्यारे ने झट से कहा

“यार मुझे पैसों की फिक्र नही है लेकिन काजल को वंहा रहने नई दे सकता उसे वंहा से भागना होगा”

“तू पागल हो गया है ,अभी अभी तो तूने कहा की शकील के गुंडे काजल के पीछे है ,साले तेरी चमड़ी निकाल लेगा वो “

संजय सर के चहरे पर एक गंभीरता सी आ गई

“सर कोई तो होगा जो मेरी मदद कर सके ..”मैं जैसे फुसफुसाया लेकिन सभी खमोश थे,

“एक है “प्यारे चहका हम दोनों ने उसकी ओर देखा वो एक उंगली दिखा रहा था,बाइक पर एक हट्टा कट्टा नवजवान आ रहा था,माथे में तिलक लगाए उसका गौरा रंग और भी उभर कर सामने आ रहा था ,कंधे पर एक कपड़ा लपेटे हुए और आंखों में गॉगल लगाए वो किसी हीरो से कम नही लग रहा था…

“तू पागल हो गया है “संजय सर की आवाज अचानक से कांपने लगी थी,ये लड़का था हमारा प्रेसिडेंट अविनाश …

अविनाश भी संजय सर को देखकर रुक गया,

सभी ने उसे नमस्कार किया

“क्यो रे छोटे इधर आ …”उसने मुझे ही बुलाया था

“मादरचोद तू तो टॉप कर गया बे,तुझे देख कर लगता नही की तू इतना साना होगा,क्यो बे संजय तेरा लौंडा तो एकदम धांसू निकला ,तुझे ही प्रॉब्लम थी ना कमरे की अब कैसे चल रहा है “अविनाश ने मेरे कंधे पर हाथ रखकर कहा

“कुछ भी ठीक नही है भाई “

प्यार बोल उठा ,हम उसे ऐसे देख रहे थे की वो कुछ और ना बोल दे संजय सर की मानो फट के चार ही हो गई थी लेकिन प्यारे तो साला प्यारे ही था…

“भाई जिस बंदे ने इसे कमरा दिया था ना ,इस साले को उसकी मासूका से ही इश्क हो गया ,वो भी इसे प्यार करती है लेकिन ..”

हम सब चौक गए थे प्यारे ने हमे आंखों से ऐसे इशारा किया जैसे कह रहा हो की मैं सब सम्हाल लूंगा तुम बस हा बोलो ..

अविनाश भी मुझे बड़ी अजीब निगाह से देखने लगा

“मैं तो साला तुझे सीधा साधा समझ रहा था तू तो एक नंबर का कमीना निकला “

“कमीनापन नही भाई इसने तो उसे अभी तक छुआ भी नही है ,लेकिन इसके मालिक को शक है की उसकी माशूका का किसी और के साथ चक्कर है और रोज बेचारी को बहुत मारता है,जंहा भी वो जाती है उसके गुंडे उसके साथ होते है,,अब ये बेचारा क्या करे वो ठहरा यंहा का डॉन और ये तो सीधा साधा आदमी है,इसकी बस इतनी गलती है की ये प्यार कर बैठा,अब गरीब का प्यार करना भी कोई गुनाह है क्या भाई..वो भी इससे मोहोब्बत करती है लेकिन बेचारी वंहा घुट घुट कर रह रही है “

अविनाश के आंखों में अचानक से मेरे लिए हमदर्दी का भाव आया,जंहा गरीब कह दो तो अविनाश भावुक हो जाता था..

“कोई नही छोटे कोन है वो मादरचोद तेरा मालिक उसके घर में घुस के उसे मारूंगा “

“नही नही भाई”मैं बुरी तरह से डर गया था क्योकि अविनाश को गरीबो से जितनी हमदर्दी थी उतना ही वो जिस्म बेचने वाली औरतो से नफरत करता था,दुनिया भी अजीब है वो रंडियों से नफरत करती है लेकिन ये कोई नही देखता की वो किस मजबूरी में इस धंधे में आ गई है ,ऐसे ही कुछ आदर्शवादियों में अविनाश की भी गिनती थी ..

“वो वो बहुत ही ताकतवर आदमी है शहर का डॉन है,और मैं उसके पास काम भी करता हु मैं नही चाहता की मेरा काम इस वजह से बंद होई जाए अभी उससे कुछ अच्छे पैसे बन जाए तो फिर मैं उसे छोड़ दूंगा “मैंने हड़बड़ाते हुए कहा

“ह्म्म्म क्या नाम है उसका “

अविनाश कुछ सोचता हुआ बोला

“किसका ??”

“अबे तेरी आइटम का और उस डॉन का “

“क क क क क क “मेरी जुबान लड़खड़ा गई थी

“किरण ??”
“नही भाई काजल ,और वो डॉन है शकील ..”

“ओह तो शकील की माल है ,वही ना जो साला रंडियों का धंधा करता है सारे शहर को गंदा करके रखा है मादरचोद की रंडियों ने ,ठीक है छोटे तू फिक्र मत कर तेरा प्यार तुझे मिलेगा और उस शकील के बच्चे को पता भी नही चलेगा ,उस साले के गुंडों के नाक के नीचे से उठाकर लाऊंगा उसे ...ओ चाचा चलो सबको चाय पिलाओ …”

अविनाश की बात सुनकर हम सब एक दूसरे को देखने लगे,ये क्योकि ये जितना आसान लग रहा था उतना ही मुश्किल भी था,अगर अविनाश को थोड़ी भी भनक लग जाती की जिसे वो मेरे लिए उठाने वाला है वो एक जिस्म का धंधा करने वाली है तो हमारी खैर नही थी ……...
just wow
 
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Chutiyadr

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Best story aaj pori read ki 7 din lage.. different plot.. but all was good muze lagta hai aap bhi kajal ke fan hai...last wala scene bahot maza aya.. kadhaiwala...waiter bolte hai wo... shadi ke bad ki bhi story dikhate to accha rehta.. .aur kajal ke kisse sunne milte.. aur apne kajal aur Avinash ji ko bhi acchi tarah se nhi milwaya.. u knw what i mean... jane do apki story hai.. app acche se likhte ho.. apne jo socha likha wo bahot accha hai..hum kajal ke kisse aur kisi story me padhenge..waiting for more suspens thriller adultry ur upcoming
Dhanywad bhai..
Kajal ki story shadi se pahle tak hi thik hai ,uske baad to bas bawal hi hota hai.. :lol:
 
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Rocky 1975

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Lovely story no doubt about it
 
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